Hero ki Mami aur chachi ka number kab lagega ? Dono bua aur dono mousi toh chud gayi ab mami aur chachi ka number lagao
Jarur bhaiHero ki Mami aur chachi ka number kab lagega ? Dono bua aur dono mousi toh chud gayi ab mami aur chachi ka number lagao
शुक्रिया भाईBahut hi mast hot update
आग लगा कर मत छोड़ो भाईUpdate 46
अगली सुबह मेरी जब खुली तो मै चादर ओढ़े हुए था और आस पास कोई नही था । शायद मा और मौसी पहले ही उठ गयी हो और मुझे ओढा कर चली गयी हो । लेकिन चादर मे मेरा लण्ड सुबह की अंगड़ाई लिये हुए टेन्ट बनाये हुए था ,,, मै अंगलाई लेकर उठने वाला था कि तभी मामा और मौसी के कमरे का कॉमन दरवाजा खुला और एक गोरी चित्ती भरे बदन वाली औरत नीली साडी मे गुनगुनाते हुए बाहर निकल रही थी ,,,
मुझे ल्गा की कोई नौकरानी होगी झाडू पोछा करने वाली ,,और मुझे अप्नी स्थिति का ज्ञान हुआ । मुझे ल्गा अब तो सुबह सुबह इन नौकरो के सामने भी शर्मिंदा होना पडेगा । इससे पहले मै कुछ सोचू वो औरत घूम कर कमरे मे पडे कुछ सामान उठाने लगी , मै झट से चादर ओढ़ लिया और उसके कमरे के बाहर जाने का इन्तेजार करने लगा ।
तभी मेरे कानो मे एक मीठी आवाज आई - अरे अब उठ जाईये लाड साहब दोपहर होने को है
ये आवाज सुनते ही मेरे आखे खुल गयी साथ ही दिल गदगद हो गया क्योकि ये आवाज किसी और की नही बल्कि मेरी नटखट सुनीता मामी की थी ।
मामी मेरे बगल मे आई और मेरे चेहरे से चादर हटा कर बोली - अरे लाड साब हमसे भी क्या शर्माना , चलिये उथिए
फिर मै एक जोर की अंगडाई ली और आंखे खोली तो मामी का मुस्कुराता खुबसूरत चांद सा चेहरा दिखा ,,,
मै - अरे मामी आप ,, आप कब आई
मामी - मै तो सुबह ही आई लेकिन देख रही हू आजकल मेरे हीरो हीरालाल को बिना कपड़ो के सोने की आदत है हिहिहिही
मै थोडा झेप गया - बिना कपड़े,, नननही तो
मामी हस्ते हुए - अरे मेरे भोले भाले हीरो जी ,,जब मै आई तो आप फुल नंगे पैर फेके हुए सो रहे थे और आपके छोटे मिया भी थोड़े बहुत ही सोये थे ,, पहले मैने सोचा कि आपको ऐसे ही आजाद होकर ही सोने दू ,,फिर लगा नही अगर मेरे हीरो की इज्ज्त लुट गयी तो मेरा क्या होता ,,इसिलिए मैने रहम खाकर चादर डाल दी । हीहिहिही
मै थोडा शर्मिंदा था - सॉरी मामी ,,,,
मामी -- अरे कोई नहीं मेरे हीरो आपका ख्याल हम नही रखेंगे तो कौन रखेगा ,चलिये अब जल्दी से नहा धो लिजीये 10 बजने वाले है
मै चौक कर - क्या 10 बजने वाले हैं,, मै इत्ना लेट तक सोया रहा
मामी हस्ती हुई- आपके छोटे मिया को देख कर लग रहा था कि किसी हीरोइन के सपने मे खोये थे आप हिहिहिही
मुझे मामी की बातो से थोडी शर्म तो आ रही थी लेकिन ये हसी मज़ाक और मुझे सताना मामी के लिए आम बात थी ।
इसलिए मै भी मौके का फायदा उठाकर बोला - आपके होते हुए किसकी हिम्मत मामी जो मेरे सपने मे आये हीहीहि
मामी मेरे गाल खीचते हुए - बद्माश , उंगली आगे की तो सीधा हाथ ही पकड लिया हा ,, चलो उठो अब नही तो इस बार इज्ज्त लुटवा दूँगी सबको बुला कर हीहीहि
मै शर्मा गया - क्या मामी आप भी न , चलिये मै आता हू
फिर मामी हस्ती बाहर चली गयी और मै भी उन्के बारे मे सोच्ते हुए अपने काम करने लगा ।
अभी 4 साल पहले की ही तो बात थी ।
मै 8वी की परीक्षा दे चूका था और छुट्टीयो के दिन चल रहे थे । उन दिनों मेरे नाना कुछ समय के लिए हमारे यहा आये थे क्योकि पास के गाव के कोटेदार से कुछ काम था ।जब नाना वापस जाने लगे तो मै भी उनके साथ निकल गया । पहली बार उस दिन मैने मामी को सही से देखा समझा जाना , फिर वो मेरी दोस्त भी बनी । फिर आये दिन वो मुझे छेड़ती तो मै नाना से शिकयत करता । नाना मामी को कुछ कहने के बजाय मुझे यही समझाते थे कि मामी भांजे का रिश्ता होता ही है हसी मज़ाक का । धीरे धीरे समय बीता और मै करिब एक महीना नाना के यहा रहा । उस दौरान मामी के साथ खुब मौज मस्ती की । जब भी नहा कर सृंगार के लिए बैठती तो मै बडे ही उत्सुकता से उन्हे देखता और बदले मे वो यही कहती ,,, क्यू हीरो शादी करनी है हमसे क्या ,, और मै शर्मा कर भाग जाता । कभी कभी तो नहाते समय मेरा तौलिया खिच देती थी मज़ाक मे या मेरे कपडे छिपा देती और मुझे नंगा ही खोजना पड़ता था ।
मै मुस्कुराते हुए सारी पुरानी यादे आज 4 साल बाद ताज़े कर ली थी । इस दौरान मै नहा लिया और कपडे पहने फिर चला गया नास्ता करने ।
मै एक ढिला टीशर्ट और लोवर पहने हुए किचन मे गया तो वहा कोई नही था । मै खुद देखने लगा तो एक थाली मे ढककर कुछ रखा हुआ था ।
मै उसे उठाने को हुआ ही था की तभी मेरे बाये तरफ की गाड़ पर किसी ने जोर से थप्पड़ मार कर हाथ मे पकड़ लिया ,,और हल्के लोवर के उपर से चप्प से उसका हाथ मेरी गाड़ के बाई पाट से चिपक है
मै - अह्ह्ह्ह मम्मी उह्ह्ह कौन है
तभी पीछे से मामी की हसी आई
मामी - मै हू आपकी हीरोइन हीहीहि
मै घूम कर - क्या मामी ऐसे कोई मारता है दर्द हो रहा है, अपनी गाड़ को सहलाते हुए बोला
मामी - क्यू अब पता चला होगा न कि गर्लफ्रेंड के पिछवाड़े पर कसी जीन्स के उपर से मारने पर कितना दर्द होता है हिहिहिही
मै - छीईई मामी मै नही मारता किसी को और मेरी कोई गर्लफ्रैंड भी नही है ।
और मै नास्ता लेकर टेबल पर रखते हुए बैठ गया । मामी मेरे बगल मे बैठ गई और मेरे गाल खीचते हुए बोली - फिर सुबह सुबह किसके सपनो मे खोये थे मेरे राजा बाबू
मेरे मुह मे एक तो पराठे का निवाला था जिसे मै चबा भी नही पाता तो जवाब क्या देता ।
फिर मैं जब मुह मे ही हुउउऊ हुउउऊ करने ल्गा तो वो मेरे गाल को छोडी फिर मैने निवाला चबा कर बोला - मैने तो आप्को तभी ब्ताया नही कि आपके सपने देख रहा था ।
मामी - धत्त क्या सच मे
मै - हा अब अपनी हेरोइन का सपना नही देखूँगा तो किस्का देखूँगा
मामी - वैसे क्या देख रहे थे हमे भी बताओ
मै - कुछ चीजे सीक्रेट होती है मामी
मामी - अच्छा बच्चू रुक अभी बताती हू
तभी मामी ने अपनी कमर से मोबाइल निकाला और पहली बार मेरी नजर मामी की गोरी चमड़ी वाली मखमली पेट पर गयी ,,एकदम दूध सी गोरी देख कर लण्ड टनटना गया ।
फिर मामी ने मोबाइल खोलकर मुझे एक फ़ोटो दिखाई जो मेरी ही थी और उसमे मै नंगा पैर फैलाये सोया था और मेरा लण्ड छत की तरफ उठा था ,,,
मै शर्माते - छीईई मामी डिलीट करो इसको
मामी हस्ती हुई - अब बता रहे हो कि डाल दू ये फ़ोटो फैमिली ग्रुप मे हिहिहिहिहिह
मै क्या बताता जब मै कुछ देखा ही नही फिर मै सोचा क्यू ना अपनी मामी पर ट्राई करू ,,, ज्यादा ना सही पर क्या पता दूध से गोरे गोरे ये मोटे चुचे ही देखने को मिल जाये
मै - नही मामी आपको पसंद नही आयेगा ,,
मामी - बिना बताये कैसे तय कर लिये तुम ,,, वैसे ऐसा क्या देखा कि मुझे बता नही सकते
मै - वो मै आपको चुम्मी कर रहा था ,,ये बोल कर मै शर्माने की ऐक्टिंग करने लगा
मामी मेरे चहरे को घुमाते हुए - बस इतना ही,,
मै - हा
मामी हस्ते हुए - इतने मे ही तुम्हारा बाबूराव खड़ा हो गया हिहिहिहिहिही
मै शर्माते हुए - मामी प्लीज मै नही बता सकता समझो आप ,, कही आप नाराज हो गये तो ।
अपना चेहरा निचे कर लिया
मामी मेरे कन्धे पर हाथ रख कर बोली - मै क्यू होने लगी अपने राजा बाबू से नाराज ,,, बता ना क्या देखा
मै - पक्का
मामी - हा पक्का ,, और तू अगर मुझे बतायेगा तो मै तुझे चुम्मी भी दूँगी हिहिहिही
मै खुश हुआ लेकिन मन गिरा कर - वो आप मेरा बाबूराव ..
मामी - क्या बाबूराव
मै तेज़ी से मुह मे ही एक सैकेण्ड मे बोला - आप उसे चुस रही थी
मामी जैसे सुन नही पायी की क्या बोला मै
मामी - साफ साफ बोलो ना
मै - आप उसे चुस रही थी
मामी हस्ते हुए - हिहिहिहिहिही धत्त पागल ,, यही सब सोचता है मेरे बारे मे
मै - सॉरी मै ऐसे सपने नही देखता कभी भी, लेकिन कल से आपको नही देखा तो बहुत याद आ रही थी तो शायद इसिलिए आया हो
मामी - हम्म्म्म ठीक है बाबा मै नाराज नही हू , सपना ही तो था हीहीहि
मै खुश होकर - फिर मेरी चुम्मी
मामी - अभी नही पहले ये नास्ता खत्म करो और मेरे कमरे मे आओ काफी सारा काम है और फिर मै इनाम मे तुम्हे गाल पर एक चुम्मी दूँगी हिहिहिहिही
मै सडू सा मुह बना कर - बस गाल पर
मामी हस्ते हुए - तब क्या बाबूराव पर हिहिहिही
मै - मै सोचा लिप पर करोगी , आज तक किसी ने किया नही ना
मामी मेरे उदास चेहरे को देख कर बोली - हममं देख्ते है तुम मेरी कित्नी मदद करते हो , फिर उसी हिसाब से इनाम दूँगी तुम्हे। अब खुश
मै चहक कर - थैंक यू मामी
मामी - चलो जल्दी से नास्ता खतम करके मेरे कमरे मे आओ ।
फिर मामी किचन से बाहर जाने लगी ,,,साड़ी मे उनकी बलखाती कमर देख कर मुझे और नशा होने ल्गा और मै नास्ता करते हुए मामी को भोगने की प्लानिंग करने ल्गा ।
मै नास्ता करके निकला तो सोचा थोडा नाना से हाल चाल लेलू फिर मै उनके रूम मे गया तो वहा वो सो रहे थे और मा भी बगल के सोफे पर बैठे बैठे सो गयी थी । अब रात की थकान जो थी । फिर मै भी मा के बगल मे बैठ गया तो उनकी निद खुल गयी
मा - अरे बेटा तू यहा
मै - हा सोचा नाना से थोडा हाल चाल लू
मा मुस्कुरा कर मेरे गाल को सहलाते हुए - अभी थोडी देर हुआ वो दवा खा कर सोये है बाद मे कर लेना बात न बेटा
मै मुस्करा कर - जी मा , वैसे गीता बबिता कहा है
मा - वो दोनो तो स्कूल गये हैं
मै - अच्छा और मौसी
मा मुस्कुरा कर - गीता बबिता के कमरे मे मै तू मत जाना
मै अचरज से - क्यू
मा धीरे से मेरे कान मे - वो राजेश भी गया है ना इसिलिए हिहिहिही
मै मा के कन्धे पर लेट गया - मा मौसी मे कित्नी जान है अभी रात मे 3 बार हुआ फिर भी
मा मुस्कुरा कर मेरे सर को सहलाते हुए - उनको लण्ड दिखना चाहिए बस बाकी वो जी जान लगा कर भी ले लेंगी वो हीहीहि
मै - हीहीहि वैसे आप नही गयी
मा - नही मुझे अभी आराम चहिये , कल सुबह से रात तक 5 बार हुआ मेरा तो बहुत थकी हू
मै - ठीक है मा चलो आप कमरे मे मै आपके जांघो कमर और सर की मालिश कर दूँगा आराम हो जाएगा
मा मुस्कुराते हूए - नही बेटा उसकी जरुरत नही है अभी निद पूरी हो जाये तो फिर कोई दिक्कत नही है । चल तू भी कमरे मे सो जा काफी देर तक जगा है ।
मै - नही मा मै 10 ब्जे सो के उथा हू मेरी निद पूरी हो गयी है । आप चलो कमरे मे मै वही से मामी के पास चला जाऊंगा वो मुझे आने को बोली है कुछ काम है शायद
मा - हा वो काफी सामान आया है घर के लिए तो जा मदद कर देना बेटा , चल
फिर मै मा को सहारा देके उठाया और चल दिये हम अपने कमरे की तरफ ।
फिर मैने मा को कमरे मे सुला कर पंखा चला दिया और जैसे ही कमरे के बाहर आया तो मेरे सामने गीता बबिता के कमरे से मामा निकल रहे थे और वो सिधा बाहर चले गये ,,, मै बरामदे के पिलर के पीछे लग कर देखने ल्गा , करीब दो मिनत बाद मौसी ब्लाउज पेतिकोट मे हाथ मे सारी लिये पीछे बाथरूम की तरफ चली गयी ।
मै मन मे सोचने लगा मेरी मौसी कितनी चुद्क्क्ड है रात मे 3 बार चुदी फिर सुबह सुबह ही
फिर मैने खुद को ठीक किया और निकल गया मामी के कमरे की तरफ ।
मै मामी के कमरे के तरफ गया ये सोचते हू की क्या काम होगा और क्या सामान होगा । जो भी है अब करना था और सबसे बढ़ कर मामी से मज़े लेने थे तो उन्के साथ जितने भी समय बिताये कम है ।
फिर मैने सोचा क्यू ना थोडा हट कर मज़ा लिया जाये
और मै मामी के कमरे के दरवाजे को धीरे से खोला तो अन्दर का नजारा बहुत की कामुक था ,,मामी अपनी साडी को कमर मे लपेटे जमीन पर बैठ कर एक बैग के छोटे से ताले को खोल्ने की कोसिस मे लगी थी जीससे बार बार उनकी मुलायम दुधिया चूचिया हिल रही थी । कमरे मे 3 4 बडे बैग , बेड पर कपडे और काफी डब्बे के सामान थे ।
लेकिन मै मामी को ऐसे रूप मे देख कर मज़े मे था तो मै भी कमरे के दरवाजे पर खडे हो कर एक टपोरी वाली सिटी मारी
मामी मुझे देखा और मुस्कुरा कर बोली - ओहो क्या मूड है जनाब ,,,यहा किसे छेड़ रहे
मै - आपके अलावा कोई है यहा
मामी - अच्छा तो मुझ पर लाईन मारा जा रहा है
मै - क्यू नही मार सकता क्या अपनी हीरोइन को लाईन भी
मामी - सिरफ लाईन मारने से काम नही चलेगा राजा बाबू। यहा आईए और ये बैग खोलिये ,,बडे हीरो बने फिर रहे है ।
मै - बस इत्नी बात
मामी - जी हा फिलहाल तो इतना ही
मै - जरा किनारे होगी आप , कही मर्द का धक्का ना लग जाये आपको मामी
मामी - आ हा हा ,, मुझे नही अपनी बीवी को मर्दानगी दिखायियेगा राजा बाबू ,
मै - क्यू आपने भी तो देखा है
मामी - कब
मै - सुबह सुबह मौसी के कमरे मे हाहाहाहा
मामी - हा देखा था सोया हुआ मर्द हिहिहिहिहिही। अब चलो खोलो
मै हस्ते हुए बैग खोला - लो जी खुल गया लॉक
मामी - अरे वाह बड़ी जल्दी खोल दिये
मै - ताले खोलने मे बहुत माहिर है हम मामी
मामी - शकल ही चोरो वाली लगती है हिहिहिही
मै खीझ कर - मामी क्या आप भी ,, सारे इज्ज्त का चोखा बना देते हो आप , हा नही तो
मामी मेरे गालों को खिच कर - अरे मेरे राजाबाबु मै तो मज़ाक कर रही थी, आप तो नाराज हो गये
मै - आह्ह मामी दर्द होता है क्यू खीचाटे हो मेरे गाल
मामी - अब इतने मुलायम गालो को कौन ना खिचे ,,, देख कर ही काटने का मन होता है और आप कह रहे है कि खिचो मत
मै - हा तो काट लो लेकीन खिचो मत
मामी - हम्म्म्म काटने के बहाने अपने गाल चूमवाना चाह्ते हो ना हमसे खुब समझ रही हू ।
मै शर्मा कर - क्या मामी ,,छोडो चलो कुछ काम कर ले
मामी - हा देखो तुमसे बात करने के चक्कर मे मै तो भूल ही गयी ।
फिर मामी ने तीन बैग से सामान निकाले उसमे कुछ सर्दियो के कम्बल , नये तकिये , शाल , बेडशिट और कमरे के सजावत के सामान थे ।
फिर हमने सामान कम्बल और शाल को अलग अलग गठठर मे बान्ध लिया
मामी - ये कम्बल और शाल उठा लोगे ना
मै - कहा लेके जाना है
मामी - यही स्टोररूम मे
मै - लेकिन अभी से सर्दियो के सामान
मामी मुस्कुरा कर - अरे मैने मेरे भाई को जो शिमला रहता है उसे बहुत पहले ही कहा था वहा से कम्बल और शाल तकिये बेडशिट के लिए , तो सामान आ गया तो मै लेके चली आई , अब पता नही फिर कब मायके जाना हो ।
मै - ओह्ह्ज चलिये फिर ये कम्बल मेर सर पर रखिये फिर ये साल मै उथा लूंगा
फिर मामी ने कमबल का गठरी मेरे सर पर रखा जिसे मैने बाये हाथ से थामा और शाल की गठरी मैने दाये हाथ से उठा कर कमर पर टेक लगा कर पकड लिया
मै - हा अब आप चलिये
मामी ने मुझे एक नजर उपर से नीचे देखा और मुह पर रख कर मुस्कुराते हुए बोली - हाय हाय मेरी गाव की छमिया,,
मै - क्या कह रहे हो आप
मामी - और क्या तुम्हारे सर एक गठरी और कमर पर एक गठरी ,, लग रहा है गाव की कोई छोरि पनघट से पानी लेने जा रही है हिहिहिही
मै - क्या मामी अब चलो हमेशा परेशान करते हो आप
फिर मामी और मै कमरे से निकल गये । मामी मेरे आगे कमर मटकाते हुए चल रही थी और मै सामान लिये हुए उनकी मदमस्त चाल के मज़े ले रहा था
देख्ते है दोस्तो आने वाले अपडेट मे क्या होगा
क्या राज अपनी मामी से कुछ मज़े ले पायेगा ??
क्या उसकी चंचल नटखट मामी राज को इतनी आसानी सब कुछ करने देगी ??
जुड़े रहिये और कहानि कैसी चल रही है जरुर बताये ।
आपके सुझावों और विचारों का स्वागत है ।
धन्यवाद
अभी लगी कहा है अभी तो चिन्गारी थी येआग लगा कर मत छोड़ो भाई