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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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17,775
174
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
भाई बहन की चुदाई के साथ मा बेटे से चुदेगी
बहुत ही शानदार
अगले धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
धन्यवाद
 
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DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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Update 37

अब तक
मा फिर मेरे पैर के लेफ्ट की तरफ बैठ गई क्योकि राइट की तरफ पापा बुआ की चुत मे लण्ड डाले हुए चोद रहे थे ।
मै बहुत ही उत्तेजित हो गया और आने वाले रोमांच के लिए खुद को तैयार करने लगा ,,,क्योकि मेरी मा खुद पापा के कहने पर मेरे लण्ड को अपने चुत मे लेने वाली थी ।
अब आगे

मेरे अंदर एक अलग ही तुफान मचा था और मै चाह कर भी सामने नही आ सकता था ।
वही मा को मेरे बगल मे बैठा देख पापा बोले - जान जरा मेरे बेटे का लण्ड को निकालो बाहर ,, देखे तो कैसा है

मा मुस्कुराते हुए मेरे लोवर को खीच कर नीचे कर दिया और मेरा लण्ड फनफना कर खड़ा हो गया

पापा बुआ को चोदते हुए - अरे वाह्ह्ह रागिनी अभी से राज का लण्ड इतना बड़ा हो गया तो आगे भी और बड़ा होगा ।

बुआ - अरे चुसो भाभी ना उसका लण्ड शायद और बड़ा हो जाये हिहिहिही ,,, आप ना रुको भईया
पापा - दीदी अब आप मेरे उपर आ जाईये
बुआ - क्यू थक गए अभी से
पापा - अरे मेरी जान अभी कहा बस मेरे चोदने के तरीके देखो और पूरी रात चुदो

पापा - देख क्या रही हो रागिनी पकड़ो राज का लण्ड,,, लग रहा है जैसे सपने मे कोई जबरजस्ट माल को चोद रहा है मेरा बेटा

मा ने बिना कुछ बोले मेरे लण्ड को एक बार फिर से थाम लिया
मा - ये जी ये बहुत ज्यादा तप रहा है
पापा - तो चुस कर थोडा ठण्डा कर दो जान
इसी बीच पापा निचे लेट गये और बुआ भी पापा के दाई तरफ होकर मा की तरफ मुह करके पापा के लण्ड के बगल ने बैठ कर उनका लण्ड हिलाने लगी ।

बुआ मा को छेद्ते हुए - आह्हह भाभी कित्ना मस्त लण्ड है मै आऊ क्या लेने उसको ,,, चुद्ते हुए लण्ड चूसने का मज़ा मिल जायेगा

मा को लगा वुआ मेरे लण्ड को भी कब्जा लेन्गी इसलिये वो झुक कर गप्प से मेरे लण्ड के सुपाडे को मुह मे भर लिया और चूसने लगी
मा की इस हरकत से मेरी दबी हुई आह्हह भी निकली

इधर बुआ और पापा भी मज़े से मा को मेरा लण्ड चुस्ते देख रहे थे ।
पापा - दीदी आप भी चुसो ना मेरा लण्ड आह्हह हा ऐसे ही और अंदर लेलो आह्हह उम्म्ंम्ं मै भी पापा की सिस्कियो के साथ मीठी आहे भर कर खुद को नियंत्रित करने मे ल्गा था लेकिन मा जिस अदा से मेरे लण्ड को चुस रही थी वो बेहद ही रोमाचक था ,,,,उन्के नाजुक होठ मेरे लण्ड की गोलाई मे जड़ तक जाते और गले मे मेरा सुपाडा फड़क जाया करता ।
एक तो मा के मुह मे लण्ड चुसवाना उपर से बगल मे लेता हुए बाप खुद बोले की चुद लो मेरे बेटे से ,,, आह्हह ये अह्सास को शब्दों में बाँध नही सकता था ये अह्सास ती सिर्फ मेरा फडफ्ड़ाता लण्ड और मेरी दबी हुई सिसकिया ही समझ सकती थी । मे तो खुल कर एक बार आहे भरना चाहता था ,,, मा की जीभ का मेरे सुपाडे पर हर स्पर्श मेरे अंदर एक नया जोश ला देता ,,मेरी सांसे भारी हो जाती थी ,,,,लेकिन मा ने तो मुझ पर रहम ना खाने की कसम खाई थी , उसे कोई डर नही था बल्कि वो तो अपने पति के सामने अपने बेटे का लण्ड चूसने के अह्सास से गर्म थी ।
मै बेचैन हो कर गरदन घूमाता,, गान्द पटकता लेकिन एक बार भी खुल कर आह्ह्ह्ह नही कर सकता था ।
फिर मुझे थप थप थप थप थप थप थप की आवाजे आने लगी साथ मे बुआ की तेज चिखे भी

बुआ - आह्हह आह्हह हह उम्म्ंम आह्हह आह्ह आह्ह और तेआजजजजज आह्ह आउर तेअह्ह्ज्ज्ज आह्हह हा भईया
पापा लगातर निचे से बुआ की गाड़ को थामे सर ससर पेले जा रहे थे ।
बुआ की तेज आवाज की सिस्कियो मे मैने सोचा क्यू ना मै भी थोदा खुद की संसो को आराम देदू ,,, पर जैसे ही मैने अह्ह्ह्ह्ह माआह्ह्ह किया ,,,मा ने तुरंत मेरे कन्धे पर हाथ मार कर चुप रहने का इशारा किया ,,,,मै समझ गया कि अगर मै कुछ बोला तो मा के साथ मुझे भी ऐसे ही बिना चुदाई के सोना पड़ सकता है ।

पापा - जान अब तुम भी बैठ जाओ ना ,,,
मा बिना कुछ बोले उठी और पेतिकोट को कमर तक उठा कर दोनो हाथों से पकड लिया और दोनो पैर मेरे कमर के दोनो तरफ रख कर झुक कर एक हाथ से मेरे लण्ड को थामा और चुत पर सेट करते हुए बैठती चली गयी ,,, धीरे धीरे मेरा लण्ड पूरी तरह से मा की चुत मे समा गया ।
मै मा की चुत मे अपना लण्ड पाते ही जैसे पिघलने लगा और मा की चुत की दीवारे इतनी ज्यादा गर्म थी मानो मेरा लण्ड जल जायेगा और बेसब्र से तडप रहा था ,,, मै खुल कर अपने जज्बात नही बाहर रख सकता था ,,, मै अब पहले से ज्यादा अपने सासो को कन्ट्रोल करने लगा ,,,
वही मा मेरे खड़े लण्ड को पुरा निगल लेने के बाद हल्का हल्का उपर निचे उकूडु होकर बैठी बैठी ही चुद्ने लगी
मा - अह्ह्ह्ह राज के पापा देखो ना मैने मेरे चुत मे आखिर अपने बेटे का लण्ड ले ही लिया

पापा बुआ को चोद्ते हुए - वाह्ह्ह मेरी जान थप थप थप थप थप थप थप मै तो ऐसे ही तुझे अपने सामने चुद्ते हुए देखना चाहता था येह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह
बुआ - आह्हह भईया तेज़ी से और तेज़ी से अह्ज्ज्ज आह्हह रुको मत मै झडने वाली हू अह्ह्ह्ह
पापा - अब मज़े लो मेरी जान तुम अपने बेटे के लण्ड का मै जरा दिदी की खिदमत कर दू
मा - हा राज के पापा नये लण्ड लेने मे का मज़ा ही अलग है ,,,आह्हह इसका तपता लण्ड का सुपाडा मेरी बच्चेदानी को छू रहा है आह्हह मा उफ्फ़फ्फ राज के पापा बहुत मज़ा आ रहा आह्हह मेरे राजा

एक तो मा मेरे लण्ड पर उछल रही थी साथ मे बार बार पापा को जता रही थी कि कैसे मेरा लण्ड उनकी चुत मे फसा हुआ है ,,,कस्म मैने खुद को कैसे रोका हुआ था मै ही जानता था ,, वही पापा बुआ की चुत मे निचे से कमर उठा कर ये लम्बे लम्बे शॉट लगा रहे थे और बुआ उनके लण्ड पर झडे जा रही थी ,,
बुआ - आह्हह भईया आह्हह मै झड़ रही हू आह्हह आह्हह उफ्फ्फ्फ उम्म्ंम्ं अह्ह्ज्झ
पापा - ये लो दीदी येएहेह्ह एह्ह्ह आह्हह और लो मेरी चुद्क्क्ड दीदी और लो ,,,,मेरा भी निकलेगा दीदी ।

बुआ - मुझे आपका माल चखना है भईया रुको और बुआ जल्दी से उठी और लपक कर मुह मे लण्ड लेते हुए चूसने लगी कुछ ही पलो मे बुआ का मुह पापा के माल से भरने ल्गा

पापा - आह्हह दीदी पुरा चाट जा मेरी रान्ड अच्छे से साफ कर दे मेरे लण्ड को सालि रन्डी
इधर मा ने मेरे सीने पर हाथ रख कर झुक कर लागातार मेरे लण्ड पर अपनी गाड़ ऐसे पटक रही थी जैसे मानो कपडे पीट रही हो जिससे मै भी धीरे धीरे चरम सीमा तक पहूच गया और सांसे बेकाबू होने लगी थी और मै छटपटाने लगा,,मेरा चेहरा तपने लगा

पापा - लग रहा है मेरा बेटा झडने वाला है रागिनी जल्दी करो और झड़ जाओ
मा - मै तो क्ब्से झडी हू इसके लण्ड पर लेकिन इसका लण्ड बैठ ही नही रहा
पापा - तो अपने मुह का जादू चलाओ ना मेरी जान चुस लो अपने बेटे का माल
मा जल्दी से उठी और झुक कर मेरे लण्ड को वापस लेके चूसने लगी मै पहले ही चरम सीमा के करीब था और मा ने तो जैसे मेरे सुपाडे के छेद को सुरकना सुरु कर दिया ,,,,अन्त मे मेरा भी सबर टुट गया और मै निद मे बड़बड़ाने का नाटक करते हुए मुह मे दबी हुए आहे भरते हुए मा के मुह मे झडने लगा । मा ने अच्छे से मेरे लण्ड को साफ किया फिर पापा और मेरे बिच लेट गयी वही बुआ पापा के दुसरी तरफ लेट गयी ।
मेरी आँखो मे एक गजब सा नशा हो रहा था और चेहरे पर मा के मुह मे झडने की खुसी ।

हम सब अपनी अपनी सासे बराबर कररहे थे ।
पापा - आह्हह दीदी मज़ा आ गया आज तो ,,सच मे आप एक नम्बर की चुद्क्क्ड हो

बुआ - रिस्तो मे चुदाई का अपना ही मज़ा है भईया
मा - सच कह रही हो दीदी ,,,मै आज जितना कभी भी खुद को इतना उतेजित नही मह्सूस किया था और ना ही आज जितना कभी झडी थी

पापा - हा जान देखा मैने कैसे तुम्हे अपने ही बेटे का नशा हो रहा था ।

मा - हा लेकिन अभी उसको इस बारे मे पता नही है तो हम सब के राज भी बचे है ।

बुआ - अरे राज की बात से याद आया भईया ,,, आपने नही बताया कि आपने अपनी पहली चुदाई कब की थी और किस्से और भाभी आप भी बताओ ना

मा - मेरी पहली चुदाई मेरे सुहागरात पर ही हुई थी लेकिन इनकी तो हिहिहिही

बुआ - अरे बताओ ना भईया कब की थी आपने
पापा - एक हो तो ना दीदी ,,, ना जाने कितने चुत मे मैने अपने लण्ड को डुबोया है ।
बुआ - क्या सच मे भईया
मा - हा दीदी ,,,लेकिन शुरूवात बहुत ही मज़ेदार थी ।
बुआ - बताओ ना भईया किसके साथ किया था
पापा - बात तब की है उस समय मै 9वी मे था और मै उस समय आपके बदन पर बहुत ही ज्यादा आकर्षित था ,, मै हमेशा से एक ऐसी लड्की की तालाश मे था जिसका बदन आपके जैसे भरा हुआ हो , जिसकी चुचिया आपकी तरह मोटी हो और गान्ड बड़े बड़े हो । लेकिन मेरी तालाश में और पहुच मे ऐसी लड़की नही मिल रही थी और मै आपके लिहाज मे आपसे कभी कूछ कह नही पाया । फिर मै काफी लोगो से सुना की आप शादीशुदा औरतो सी लगती हो ,,, कूछ दिन बाहरी शादीशुदा औरत की तलाश की लेकिन कोई भी हाथ नही आती थी । उसी साल गर्मी मे मेरी लुधियाना वाली चाची आई और उनके गदरायी जवानी पर मै फीदा हो गया । वो मॉर्डन कपडे पहना करती थी और शहर मे रहने की वजह से बहुत खुले विचारो वाली थी ।मै लागातार चाची के साथ समय बिताने लगा और वो पढी लिखी और काफी खेली खाई औरत थी तो जल्द ही मेरे जज्बातो को समझ भी गयी और मुझसे दोहरी मतलब से बात करती थी एक दिन घर पर कोई नही था , मा बाऊजी खेत गये थे दीदी और कम्मो कोचींग गये थे,,, जंगी बाहर खेल रहा था और मै हमेशा की तरह चाची के करीब आना चाह रहा था ,,, उस दिन चाची नहाने गयी और मुझे अपनी पीठ पर साबुन लगाने को बोला ,,, फिर कब साबुन पीठ से सरक कर चाची की पेतिकोट मे चला गया और उसे खोजने मेने उनकी गाड़ की दारारो मे हाथ डाल दिया,,,, मेरा हाथ का स्पर्श उनके गुपतांगो मे होते ही चाची की मीठी सिसकी आई और काफी समय समय तक मैने उनकी पेतिकोट मे हाथ डाले रहा ,,, लेकिन जब हाथ बाहर निकाला तो ओ आंखे बंद किये आहे भर रही थी तो मैने भी मौका देखा और खड़ा लन्ड़ उनके मुह मे डाल दिया , और उस दिन आंगन में ही चाची को जम कर चोदा । फिर मुझे बड़ी चूची और गाड़ वाली महिलाओं की लत लग गई और कभी रिस्ते मे तो कभी बाहर कयी रन्दीयो को चोदा मैने ।

बुआ - बाप रे आप खुद एक नो. चोदू हो और मुझे चुदक्क्ड बुला रहे हीहीहि
पापा - मै तो हू ही बड़ी गाड़ और चुचियो का दिवाना ,,, लेकिन मुझे अब भी शक है कि आप ससुराल मे सिर्फ जिजा का ही लण्ड लेती हो ।

बुआ - नही भैया शादी के बाद से मैने कभी भी बाहर का लण्ड नही लिया
मा बुआ की छेडते हुए - मतलब घर मे ही कोई भेदी है जो इस भोसदे को और गहरा किये जा रहा है क्यू दीदी ,,,

बुआ - नही भाभी आपकी कसम और भईया आपकी कसम खाकर कह रही हू मैने शादी के बाद ससुराल मे सिर्फ अपने पति का ही लण्ड लिया है ।
बुआ की बाते सुन कर मै शौक था यहा बुआ कसम खाकर कह रही थी कि वो फूफा के अलावा किसी से नही चुदती जबकि उस रात मुझ्से साफ बोला था कि मै दो लोगो से चुद्ती हू साथ मे । अब मेरे मन की व्यथा और बढ़ गयी ।

पापा - अरे नही दिदी मुझे आप पर भरोसा है । बस कोई भी आपकी गदरायी गाड़ देख कर यही कहेगा कि ना जाने कितने लांडो से रोज चुदती होगी ।
ऐसे ही रात मे और भी जोरदार चुदाई हुई पापा और बुआ के बीच में,,, और मा मे एक बार फिर से मेरे लण्ड को अपने चुत मे डाल कर चुदवाया । पता नही रात के किस पहर मे मै सो गया ।

अगली सुबह
आज रक्षा बंधन का दिन था और सुबह सुबह 6 बजे ही मेरी निद भीगने से शुरू हुई क्योकि मेरी नटखट दीदी ने मुझ पर पानी डाल कर बाथरूम मे घुस गई थी ।
लेकिन छत पर अनुज भी था और मा भी तो मै कोई खास रियक्ट नही किया। बस बड़बडाते हुए उठ कर टॉयलेट चला वही अनुज और मा हस रहेथे ।
मा - सोनल बहुत शरारती हो गयी है तू चलो सब लोग जल्दी जल्दी आज तैयार हो लो 8 बजे तक । फिर मुझे भी मायके जाना है ना ।

करीब 8 बजे तक सब लोग नहा धोकर तैयार थे । सबने आज अपने नये कपडे पहने थे ।
मा और बुआ ने अपनी नयी साडी पहनी थी । बुआ के पहल करने पर मा ने भी बुआ के जैसे ही डिप कट का गला और पीछे डोरी वाली बलाऊज सिल्वायि थी और उपर से एक सिफान की हल्की साडी जो मरून रंग की थी जबकि बुआ ने अंगूरी रंग की सेम पैटर्न की साडी पहनी थी ।
वही दीदी ने एक खुबसुरत सा बिना दुप्प्ते का क्रॉप टॉप जो नाभि से उपर था और लहगा पहना था । पापा ने कर्ता पजामा , मै और अनुज अपने नये जीन्स शर्त मे थे ।
आज घर मे सब लोग एक दुसरे को देखकर अलग ही मुस्कराहट पास कर रहे थे सिवाय अनुज के । दीदी मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी , पापा मा और बुआ एक दुसरे मे इशारे पास कर रहे थे ।

तभी मा ने सबको बेडरूम मे चलने को बोला
फिर हम सब लोग कमरे मे गये । एक सोफे पर पापा और अनुज बैठ गये और बगल वाली सिंगल सोफे पर मै ।
मा मेरे बगल मे खड़ी थी जो आज बहुत ही ज्यादा खुबसुरत लग रही थी । तभी कमरे मे बुआ और मेरी दीदी आरती की थाली लिये आई मेरी दीदी तो मानो चांद से उतरी हो अप्सरा लग रही थी मै तो उसी मे खोया हुआ उसको आँखो से इशारे किये जा रहा था । वही पापा भी बुआ को छेड़ने मे कोई कसर नही छोड रहे थे । लग तो ऐसे रहा था मानो दोनो बहाने राखी लेके नही बल्कि शादी के लिए वरमाला लेकर आ रही हो हमे अपना बनाने ।
फिर बुआ पापा के पास गयी और उन्के सामने बैठ गई
पापा बस एक नजर डालें बुआ को ताड़ रहे थे और उस हल्के पारदर्शक सिफान साडी से बुआ के गहरे गले वाली ब्लाउज के झाकति चुचियो लो घुर रहे थे और इधर दिदी भी इतराते हमारी तरफ आ रही थी क्रॉप टॉप मे दीदी की खुली कमर और आधे नंगे पेट पर एक लम्बी और गहरी नाभि साफ दिखाते हुए आई और अनुज के बगल मे स्टूल रख कर बैठ गयी और फिर उसने अनुज को राखी बांधती है और आरती लेती है बदले मे अनुज दीदी के पैर छुता है ,,,,
उधर बुआ भी पापा को राखी बाँध कर मुस्कुराये जा रही थी । फिर बुआ - चालिये भईया अब जेब ढीली करिये और मेरा तोहफा लाईये ।

पापा - अरे हा वो तो मै नीचे कमरे मे रखा है चलिये मै दिये देता हू ।

बुआ - हा भाभी चलिये आप भी फिर मेरे साथ छोटे के यहा चलना है ना
मा - अरे मुझे भी तो जाना है मायके लेट हो जायेगा
बुआ - अरे भाभी ज्यादा टाईम नही लगेगा आओ

फिर मा पापा और बुआ निचे चले गये मै जानता था नीचे पापा बुआ को क्या तोहफा देते ,,, उनके मुह मे अपना लण्ड और पापा भी रात का वादा निभाने वाले थे मा को चोद कर तो ये सब उन लोगो का हम बच्चो के सामने ड्रामा था बस । लेकिन मै इनसब से बिलकुल भी अंजान नही था ।

फिर इधर अनुज ने दीदी को एक गिफ्ट दिया और बोला मै मेरे दोस्त के यहा जा रहा हू उसकी दिदी ने मुझे बुलाया है राखी बाँधने के लिए ।
दीदी - हा भाई आराम से जाना और टाईम से खाना खाने आ जाना ठीक है
अनुज - ठीक है दीदी

अनुज चला गया साथ ही पापा मा और बुआ भी निचे चले गये थे बचे तो मै और दीदी । मै दीदी को अकेला पाकर खड़ा हुआ तो दीदी पीछे होते हुए मुसकुराते हुए सतर्क होने लगी ।

दीदी - देख राज अभी नही पहले राखी बंधवा ले फिर कुछ,,,
मै वापस मुस्कुरा कर बडे सोफे पर बैठ गया और दीदी भी मेरे सामने बैठ गयी । फिर उसने मेरी कलाई पर राखी बांधी और मेरी आरती ली । मै भी उसके पैर छूने को जानबुझ कर झुका तो दीदी ने मुझे रोका

दीदी - तेरी जगह वहा नही भाई मेरी बाहो मे है ।
मै उथा और दीदी को हग कर लिया ,, आह्हह उनके नाजुक बदन की खुस्बू आह्हह और कितना मुलायम बदन ,,,
मै - आई लव यू दीदी ,, ये लो आपका गिफ्ट फिर मैने दीदी को मोबाईल वाला पैकेट दिया ।
दीदी - अरे वाह तू सच मे मेरे लिए मोबाईल लाया ,,थैंक्स भाई आई लव यू सो मच ।
दीदी - लेकिन मुझे एक गिफ्ट और चाहिये क्या वो तू मुझे देगा

मै - माग लो ना दीदी जो चाहे ,, ना नही कहूंगा
दीदी - भाई मै अमन से शादी करना चाहती हू क्या तू मा से बात करेगा मेरे लिए ।

मै - आप सच मे अमन को चाहती हो दीदी , मै खुश हू आपके लिये और मेरा वादा है आपकी शादी अमन से ही होगी ।

दीदी ने वापस खुश होते हुए गले लगा लिया ,,
मै - दीदी लेकिन फिर मेरा क्या होगा क्या आप मुझे छोड दोगे ।
दीदी - धत्त पागल,,,नही रे ,,, तेरे लिए मेरा प्यार अलग है और अमन के लिए अलग

मै थोडा कन्फुज होते हुए बोला - मै समझा नही दीदी आपका मतलब

दीदी - मै बताती हू ,, मै अमन को अपने पति के रूप मे चाहती हूँ और उसके पास जाने पर एक सुकून सा महसूस करती हू । वही तू मेरा भाई जब मै तेरे करीब होती हू तो मेरी तडप और बढ़ जाती है । तेरा टच मुझे एक अलग ही रोमांच देता है। और

मै - और क्या दीदी बोलो ना
दीदी - और मै जानती हू तू मुझसे क्या चाहता है
मै चौकते हुए - क्या
दीदी मुस्कुराते हुए - मैने भी तेरे मोबाईल पर वो कहानिया पढी है जो तू खोल कर रखा था और चंदू की भेजी वीडियो भी देखी है
मै थोडा सा निराश मन से दीदी के सामने अफसोस का नाटक बना कर - सॉरी दीदी ,,,
दिदी - कोई बात नही मुझे बुरा नहीं लगा क्योकि मुझे वो कहानिया पसंद आई और मै तेरे प्यार मे खीच गयी ।
मै - तो क्या आपने ही पहले मेरे मोबाईल से चंदू की वीडियो डिलीट की थी ।
दीदी मुस्कुराते हुए - हा लेकिन उस दिन मुझे बहुत गुस्सा आया इसिलिए उस दिन छत पर तुझे डाटा लेकिन जब मैने वो परिवारिक सम्बन्ध की कहानिया पढने लगी और मुझे भी उसमे रुचि होने लगी तब मुझे लगा कि मैने गलत किया था ।

मै - कोई बात नही दीदी आई लव यू ना
दीदी मेरे सीने से लगते हुए - आई लव यू मेरे भाई
मै - तो क्या आपको कोई आपति नही है मै आगे बढू तो ,,,जैसे अभी लहगा के उपर से आपके ये गोल गोल उभारो को दबा दू और
दीदी हस्ते हुए मुझसे अलग हुई - छीईई गन्दा ,,,, इतना जल्दी भी नही ,,, मुझे थोडा समय चाहिये भाई उसके लिए,,मै कोई जल्दीबाजी नही चाहती हू ,, मै चाहती तू मेरे अंग अंग को इत्मीनान से भोगे और मै भी उस वक्त का भरपूर मज़ा लू जैसा उन कहानियों मे पढा था ।

मै दीदी के करीब आ गया और उनको वापस से अपनी बाहो मे भर कर - सच दीदी ,,,मुझे भी उस दिन का बेसबरी से इन्तेजार रहेगा ,,,थैंक्स मेरी जानू आई लव यू और दीदी के लिपस को चूसने लगा ,, दीदी तो इसी ताक मे थी और वो भी मेरे साथ मेरे होठो को चूमने लगी । करीब तीन मिंट बाद दिदी मुझ्से अलग हुई

दीदी - भाई प्लीज जल्दी आना ,, यहा अकेले मन नही लगेगा
मै - अरे दिदी अब तो मोबाइल दिला दिया है और सिम भी चालू है तो जब मन करे कॉल कर लेना ।
दीदी - थैंक्स भाई
मै - दीदी वो पूछना था कि क्या आपने चंदू का वो कल वाला वीडियो भी डिलीट कर दिये
दीदी मुस्कुराते हुए नही भाई वो तो मोबाइल मे है ,,, वैसे मुझे नही लगा था कि चम्पा भी अपने भाई से

मै - वो तो बचपन से ही उन दोनो का चल रहा था और अब तो रजनी दीदी भी शामिल हो गयी है
दीदी चौकते हुए - क्या ,,, चंदू अपनी खुद की मा को भी
मै - हा दीदी ,,
दीदी - तो क्या तू भी मा के लिए वही सोचता है
मै - क्या दीदी आप भी ,,,मै तो ब्स आपका दिवाना हू हिहिहिही
दीदी - मै खुब समझती हू तुझे भाई ,,,, अगर मौका मिला तो तू मा को भी नही छोदेगा हिहिहि क्यू सही है न
मै - धत्त दीदी ,,, चलो थोडा सा मुझे प्यार देदो कोई है नही अभी और
तभी बुआ आवाज देते हुए उपर आने लगी

बुआ - राज बेटा कहा है तू
बुआ की आवाज सुनते ही दीदी चहक उठी और कमरे से बाहर आ गई ।

मै - हा बुआ बोलो ना
बुआ - वो बेटा ये कहना था कि तू जल्दी से कुछ खा ले निचे तेरी मा इन्तेजार कर रही है ,, तुम लोगो को जाना भी तो है ।

मै - हा लेकिन मा को तो बुलाओ
बुआ - अरे वो बिना राखी बान्धे कुछ नही खायेगी तू खा ले फिर जल्दी से निचे आ हम वही इन्तज़ार कर रहे है ।

फिर मै भी जलदी से खाना खाया और निचे चला गया ।
निचे मा पापा और बुआ बैठे हुए थे कमरे मे मेरा इंतजार करते हुए कुछ बात कर रहे थे ।

मा - बेटा चल अब चल्ते है और अभी बस पकडना बाकी है ।
पापा - राज रुको बेटा ,, ये तो 10 हजार रुपये रखो
मै - पापा इतने रुपये का मै क्या करूगा
पापा - अरे बेटा वहा तेरी दो छोटी छोटी बहने भी वो भी तेरे आने का इन्तेजार कर रही है तो उनको 2 2 हजार दे देना ,, बाकी अपनी जरुरत से खर्च कर लेना ।

फिर मै और मा निकल गये बस स्टैंड की तरफ मामा के घर के लिए ।


अब देखते है कि आने वाला सफ़र कौन से नये रोमांच राज की दुनिया मे लाने वाला है ।
 
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