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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

Napster

Well-Known Member
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बहुत ही शानदार और चुदाईदार उत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
अगले धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

Sanju@

Well-Known Member
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Update 31

दोस्तो पिछ्ले अपडेट मे आप सभी ने पढा कि राज की चांदी ही चांदी हो रही है और आज वो फुल फैमिली के साथ बाजार मे खुले नये शॉपिंग कॉमप्लेक्स के लिए निकल चूका है अब आगे ।


अब आगे

हम सभी लोग मेन मार्केट की तरफ निकले । त्योहार की वजह से काफी भीड़ थी और बाजार कमसिन लड़कीयो से लेकर गदरायी औरतो से भरी थी । मै खुद भी 3 जबरदस्त मालो के साथ बाजार मे घूम रहा था । काफी लड़को और मर्दो की नजरे मेरे बुआ दीदी और मा की तरफ थी । खासकर बुआ की तरफ ,,, उनकी कसी लेगी मे उभरी गान्ड के जब मेरे पापा ही दीवाने हो गये तो गैर लोगो की क्या बात थी । मुझे धीरे धीरे मह्सूस होने लगा कि जैसे जैसे लोग मा दीदी और बुआ को घुर रहे थे ,, वैसे ही उनके हाव भाव और चलने के अन्दाज मे बदलाव साफ नजर आने लगा था । मै खुद पीछे चल कर अपनी तीनो घरेलू हसिनाओ की चाल पर खास नजार गडाये हुए था । सबसे आगे दीदी और अनुज चल रहे थे । एकतरफ जहा अनुज लड़को द्वारा दीदी को ताडने से मुह बना रहा था वही दीदी मुह पर दुपट्टा लगा कर मुस्कुरा रही थी क्योंकि मार्किट मे कुछ लडके हमारे कोचिंग स्कूल और दूसरें मुहल्ले के भी थे । उन सबकी नजरे मेरी कमसिन बहन पर थी ।
दीदी और अनुज के पीछे मा और बुआ चल रहे थे । आहहा उन दोनो का मै खुद दीवाना था । एक तरफ जहां मा की मदमस्त साडी मे कैद जवानी वही दुसरी तरफ कुर्ती लेगी मे कसी भरी बदन वाली बुआ ।
दोनो गान्द चलते हुए बहुत मटक रहे थे जिनको देख कर कुछ लडके और मर्द एक तक बुआ की कसी जांघो और मा के ब्लाऊज के उबारो को अन्त तक देखते ही रह जाते थे ।

मै भी इनसब का मज़ा लेते हुए जा रहा था साथ ही मा और बुआ की चटपटी बाते भी सुन रहा था ।

बुआ - देख रही हो भाभी ,, मर्द तो मर्द ये कच्ची उम्र के लडके भी कम नही है ,,, एकटक नजरे हमारे माल पर टीकाए ही जा रहे हैं

मा - हा जब ऐसे ही गान्ड मटकाओगी तो लोग तो देखेंगे ही ना

बुआ - आहा मेरे गान्द की बड़ी फ़िकर है आपको अरे अपने उभरे हुए चुचो को देखो भाभी सबकी नजारे वही है

मा - अब मालदार हो गयी हू तो दिखेगा ही न माल हीहीहि
बुआ - देखो कोई लुट ना ले जाये हमारे माल को
मा - अरे आपके भईया के रहते किसकी मजाल जो आपके माल को हाथ लगाये हीहीहि

बुआ - क्या भाभी आप ,,,
मा - हहहहह

मै दोनो की चटपटी बाते सुन कर खुश हो रहा था
बातो ही बातो मे हम लोग सरोजा कॉमप्लेक्स आ गये थे ।
क्या शानदार बिल्डिंग थी तीन मंजिला ।
ग्राउंड फ्लोर पर जेन्स के लिए, फ़र्स्ट फ्लोर पर लेडीज के साथ बच्चो के लिए और सबसे उपरी फ्लोर सिनेमा रेस्तराँ के लिए था ।
हम सब लोग एक साथ एन्ट्री ली और अंदर का माहौल एकदम खुसनुमा था हर तरफ चहल पहल थी । अनुज तो अन्दर घुसते ही सबसे पहले जीन्स वाले सेक्शन मे भाग गया ,, वही मा और बुआ ऊपर वाले फ्लोर पर जाने लगी ,,,तभी दीदी ने मुझसे मेरा मोबाइल मागा और बोली उसे कुछ तस्वीरे निकालनी है फिर वो भी मोबाईल लेकर मा और बुआ के साथ ऊपर चली गयी । मै भी बहुत खुश था सोचा चलो अपने छोटे भाई के साथ टाईम पास करते हुए खरीदारि करु ।
मै भी अनुज की तरफ जीन्स वाले सेक्शन मे चला गया ,,, जहा अनुज बडे खुश होकर बस देखे जा रहा था लेकिन कोई भी ट्राई या माप नहो रहा था मै उसके पास गया

मै - क्या हुआ भाई तूझे पसंद नही आ रही है क्या इतने सब मे से

अनुज - भैया दाम देख रहे हो कोई भी जीन्स हजार रुपये से निचे की नही है कैसे लू

मै - बक्क पगलेट पैसे की चिन्ता क्यू कर रहा है जो चाहिये लेले मेरे भाई मै हू ना

अनुज खुश होते हुए - सच मे भैया
मैने उसके कंधे पर हाथ रख कर हिलते हुए बोला हा भाई सच ,, अब बता कौन सा पसन्द किया

अनुज - अभी कहा भैया मै तो दाम देख के परेसान था अभी देख ले रहा हू।
फिर मैने और अनुज ने दो दो जीन्स और एक एक शर्त और टीशर्त लिये ।
मै - चल अब तो शॉपिंग हो गयी है तू रेस्टरूम मे इन्तेजार कर मै ऊपर देखकर आता हू।
फिर मुझे याद आया कि दीदी के लिए मोबाइल भी लेना और एक गिफ्ट भी
फिर मैने मोबाईल शोरूम की तरफ गया जो ग्राउंड फ्लोर पर ही था ,, वहा से मैने एक ब्राण्ड न्यू मोबाईल लिया जो कि 12 हजार का था , फिर मैने वो मोबाईल को गिफ्ट रैप करवा कर अनुज को दे दिया और बोला कि राखी पर दीदी के लिए गिफ्ट है खोल्ना मत ,,,अनुज अपनी खरीदारी से खुश था तो कोई सवाल नही किया । फिर मै फ़र्स्ट फ्लोर के लिए ऊपर जाने वाला था कि मुझे अमन दिखा जो मोबाईल कान मे लगाये सीढ़ी से छत पर जा रहा था ,,मै एक पल को सोचा ये अकेला यहा क्यू आया है और लेडिज फ्लोर पर क्यू जा रहा है कही दीदी से तो .....

मै इतना सोचते ही जल्दी से अमन के पीछे भागा और आहिस्ता आहिस्ता उसका पिछा करने लगा ,,, इसबिच अमन लगातार किसी से फोन पर बात किये जा रहा था और फ़र्स्ट फ्लोर पर जाकर अमन लिफ्ट की तरफ रखे ट्रॉली सेट्स के पास हो गया । तभी वो एक तरफ देखते हुए मुस्कुराने लगा और ठीक उसके सामने मेरी दीदी चल आ गयी और वो दोनो बाते किये जा रहे थे । समझ गया कि दीदी मे मोबाईल क्यू मागा और अमन यहा क्यू आया था । मुझे एक बार फिर से गुस्सा आने लगा ।इसी बीच दोनो लेडिज सेक्शन मे ट्रॉली लेके साथ मे ही निकल गए और गलियारे मे घूम घूम कर छिपते छिपाते एक दुसरे की उंगलिया पकड रहे थे । मै बहुत गुस्से मे था मन तो कर रहा था कि अभी जाकर अमन को पिट दू लेकिन मै मजबुर था। इसीलिये मै सही मौके का इंतजार करने लगा और फिर वो लोग लेडिज सेक्शन मे सबसे किनारे वाले हिस्से मे गये और वहा पर कुछ राजस्थानी चनिया चोली के इटेम थे जिससे उधर कोई था नही । ये लोग भी उसी कम्पाउंड के पास बैठ कर एक दुसरे को लिप टू लिप किस्स करने लगे ,, मेरे लिए यही सही मौका था और मै भी तपाक से उनके सामने आया

मै - ये सब क्या है दिदी
अमन - देख भाई तू गलत मत समझ मै सोनल से प्य.....
मै - मैने तुझसे कुछ पुछा क्या
दीदी - देख भाई जो भी बात करनी होगी घर पर करेंगे प्लीज अभी मान जा ,,
अमन - हा भाई प्लीज
मै - अब क्या बात करोगी आप दीदी मुझे नही करनी कोई बात आपसे
और मै तैस मे निकल आया ।
फिर मै मा और बुआ को खोजने निकला तो वो लोग मुझे साड़ीयो के सेल मे खड़ी दिखी

मै - क्या मा अभी तो चाचा के यहा से साडी ली हो अब फिर से

मा - अरे बेटा यहा साड़ियो पर भारी डिसकाउंट चल रहा था तो मैने और तेरी बुआ ने एक एक लेली हीहीहि
मै मा और बुआ को खुश देख कर सुकून मे था

मै - अरे बुआ आपने वो टीशर्त और घाघरा लिया की नही
बुआ - क्या बेटा तू सच मे मुझे पहनायेगा वही
मै - अरे लेलो ना बुआ प्लीज अच्छा लगेगा आप पर ,,,
बुआ - अच्छा चल ठीक है
फिर मै मा और बुआ हम लोग टीशर्ट वाले compartment मे गये वहा से बुआ की नाप की एक XXXL साइज़ की ब्लैक रंग की एक टीशर्ट लेली । फिर हम लोग स्कर्ट वाले सेक्शन मे गये और घूतने से थोडी निचे वाली बुआ के नाप की हल्के आसमानी रंग की स्कर्ट पसंद की

बुआ - अरे लल्ल्ला ये स्कर्ट तो छोटी है घुटनो से थोडी ही निचे रहेगी

मा - क्या हुआ दीदी वैसे भी घर मे ही पहनोगी ना कोई बात नहीं,, आप पर ये रंग खुब खिलेगा और प्रिंट भी प्यारा है इसका

इधर हम लोग शॉपिंग कर रहे थे कि दीदी आ गई और मै एकदम से चुप हो गया

मै - अगर सब लोगो की खरीदी हो गई हो तो चले बिल बनवा ले
मा - हा बेटा,,लेकिन अनुज कहा है दिख नही रहा
मै- मा वो ग्राउंड फ्लोर पर है
मा - अच्छा ठीक है
बुआ - और बेटी तेरा हो गया न खरीदी
दीदी - नही बुआ मुझे कुछ पन्सद नही आया , चलो घर चलते है

मै समझ गया दीदी मेरी वजह से परेशान थी इसीलिये कोई चीज़ नही ली

मै - ऐसा है आप लोग दीदी के लिए कुछ खरीद लो मै ऊपर जा रहा हू फ्रेश होने
दीदी - रुक भाई मै भी चलुंगी ,,, मा और बुआ आप लोग रुको मै आती हू

फिर मै और दीदी ऊपर जाने लगे ,,इस बिच ना मै दीदी को देख रहा था ना कुछ बोल रहा था । मुझे बखुबी पता था कि वो मेरे से बात करने ही आई हैं

दीदी - सॉरी भाई ,, प्लीज गुस्सा ना हो ,,
मै - क्यू ना होऊ दीदी ,,आप हमारे साथ समय बिताने निकले थे कि उसके , अभी तो मै था देखा , गलती से मा या बुआ या मुहल्ले के कोई लोग देख लेटे तो

दीदी चुप थी और उनकी आँखो मे आंसू ,, मै उनकी नम आँखों में देख कर पसीज गया ,,
मै - देखो एक ही बात पर मेरा गुस्सा कम होगा ,,, अगर आप कपडे लोगे तो हिहिहिही

दीदी मुस्कुराकर आँखे पोछने लगी और बोली - हम्म्म ठीक है लेकिन पसंद तू ही करना ठीक

मै - ठीक ,,चलो अब फ्रेश हो लो , मै भी आता हू होकर
फिर हम दोनो अलग अलग वॉशरूम मे गये और फ्रेश होकर बाहर आये तो खुसी मन से मा और बुआ के पास आये

फिर दीदी को प्ता चला कि बुआ ने टीशर्त और स्कर्ट लिया है तो वो बोली की मै एक सेट लुंगी गर्मी मे पहन्ने के लिये ,, लेकिन दीदी ने लॉन्ग स्कर्ट लिया था । फिर मैने दीदी के लिए एक प्यारा सा प्लाजो सूट पसंद किया जो सबको पसंद आया । फिर हम लोग निचे गये बिल्लिंग करवाया और घर के लिए निकल गये ।

रास्ते मे बुआ - अरे भाभी भईया की नयी वाली दुकान कहा है

मा - वो तो यही से थोड़ी दूर आगे वाली गली मे है ,, चलिये चलते है उधर के समोसे चाट बहुत टेस्टि होते है ,,,हीहीहि

अनुज - हा मा भूख लगी है मुझे भी
सब हसने लगे और फिर हम लोग पापा की दुकान पर पहुच गये जहा पापा बैठे थे और हमे एक साथ देख कर बहुत खुश हो गये और जब उनकी नजर गदरायी बुआ की कसी हुई जांघो पर गयी तो आगे आये तो बोले
पापा - अरे जीजी आप लोग यहा
बुआ - हा भईया सोचा घर जाते हुए आपसे मिल के ही चलू हिहिहिही
पापा - ऐसी बात है तो जाना क्यू है यही रहिये शाम को हम लोग साथ मे घर चला जाएगा हाहाहाहा
मा - क्या जी आप हमे बाहर ही खड़े किये रहोगे

पापा - अरें नही नही नही ,,, आओ चलो अंदर रेस्टरूम मे चलते है ।
फिर हम सब लोग रेस्टरूम मे आ गये और बैठ कर बाते करने लगे । फिर पापा ने हम सब के लिए ठंडा मगवाया और समोसा चाट भी । जहा हम लोग समोसा चाट का मज़ा ले रहे थे वही पापा एक टक बस बुआ की गदरायी जवानी को ताडे जा रहे थे ।

दिदी - पापा नल कहा है हाथ धुलना था
अनुज - चलो दीदी पीछे की तरफ है
मै - हा चलो मै भी चलता हू फिर वो लोग गोदाम के आखिरी में लगे नलके के पास जाने ल्गे
लेकिन मुझे तो पापा मा और बुआ के बीच की बात सुननी थी ,,लेकिन देखा वो लोग भी खड़े होकर हाथ धूल्ने आ रहे हैं तो मै भी अंदर की तरफ जाने को हुआ कि

पापा - अरे जीजी आपको शर्त याद है ना , चलो अभी मौका है नाप लो
बुआ - उसकी जरुरत नही है आप जीत गये भईया ,, वो आज करीम दर्जी के यहा मैने देखा था भाभी के ब्लाऊज का माप हिहिहिही

मा - अरे वाह तो आपको वो देना पडेगा जो ये कहेंगे
बुआ - हा भाभी ,,,वैसे क्या चाहिये आपको भैया

पापा - अभी समय ठीक नही है टाईम आने पर मै माग लुन्गा बस आप मत मुकर जाना

बुआ - मै नही मुकरंगी भैया आप ब्स याद से माग लेना हिहिजी चलो मै हाथ धुल के आती हू ,,,
फिर मै भी अंदर चला गया और हाथ धुले फिर हम लोग वापस घर आ गये । घर पहुचे तो 5 बज गए और आज का क्लास भी छूट गया था । फिर मैने दुकान खोली और 2 घन्टे बाद पापा भी आ गये । फिर थोडी देर बाद हमने दुकान बन्द की और ऊपर चले गये ।

जहा किचन मे मा और बुआ लगी थी । वही दीदी और अनुज अपने कपड़े देख रहे थे । मैने दीदी का मोबाइल पहले ही निकाल कर अपने बैग मे रख लिया था ।
पापा - अरे वाह बच्चो ल्गा रहा है आज बहुत ज्यादा शॉपिंग की गई है ।
फिर मा और बुआ भी कमरे मे आ गये ।

दिदी - पता है पापा आज बुआ ने एक मॉर्डन टीशर्ट और स्कर्त लिया और मैने भी ।
पापा तो खुशी से फुले नही समाए

पापा - अरे वाह जीजी आपने बताया नही की आपने ये ड्रेस भी लिया है
मा - अरे वो तो आपको कल पहन कर दिखाने वाली थी
पापा - ये तो बहुत अच्छी बात है , और तुमने अपने लिये नही लिया रागिनी टीशर्ट स्कर्ट

मा - धत्त ,,क्या जी आप भी मैने कभी पहना थोडी है
पापा - मै तो हमेशा कहता हू तुम भी जीजी की तरह थोडा फैशन वाले कपडे पहने करो

मै - मैने तो बोला कितनी बार लेकिन मा ने मना कर दिया
मा - तू चुप कर ,,, चलो बाते बहुत हो गयी अब खाना खा लो बहुत थक गई हू मै

फिर सब लोगो ने खाना खाया और छत पर चले गए टहलने । आज मै बहुत ज्यादा थक गया था तो सबको बोलकर निचे चला गया सोने क्योकि मुझे ल्गा आज मा भी थकी है तो कुछ होगा नहीं तो क्या फाय्दा जाग कर ,,, और बिस्तर पर आते ही मुझे निद लग गयी और मै एक गहरी नींद मे चला गया ।
रात के किसी पहर मे मुझे कोई आवाज सुनाई दी जो चुदाई की सिस्कियो और बेड के हिलने की थी । मेरी आंखे नींद मे जकड़ी थी तो मैने सर घुमा कर दाई तरफ देखा तो दो लोगो के बीच चुदाई चलने की एक धूमिल तस्वीर सामने आ रही थी। फिर मैने आँखो की पलको मे थोडा खिचाव किया लेकिन कोई फायदा नही था , मेरी आंखे जलने लगी थी भरसक । मेरी बहुत ही थोडी खुली आँखो से दो नंगे लोगो के बिस्तर पर ऊपर निचे होने की धुध्ली छवियां दिख रही थी । मै सोचने लगा लगता है कि पापा और मा दोनों चुदाई कर रहे हैं ,,, मेरे मन में ये विचार आया कि मा चुद रही है तो मेरा लण्ड अकडने लगा । मगर मै बेबस था चाह कर भी वो नजारा नही देख पा रहा था । एक तरफ मेरी आँखो को निद की जरुरत थी वही मेरे लण्ड को चुत की जरुरत मह्सूस होने लगी । ऐसे ही कसमकस के बीच मुझे पापा की आवाज सुनाई दी जिससे मै पूरी तरह से हिल गया और मेरी धद्कने भी तेज होने लगी ,,,मुझ उस चीज़ की मेरे सामने होने की उम्मीद नही की
और वो बात थी
पापा - अह्ह्ह्ह दीदी क्या गरम चुत है तुम्हारी



दोस्तो ये क्या हो रहा है , राज जब छत पर से सोने निचे आया तो इस बीच ऐसा क्या हुआ की उसके पापा बुआ को चोद पा रहे थे । देखते है अगले अपडेट मे ,, आप सभी अपने विचार रखे ।
बहुत ही कामुक अपडेट है
 

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
6,344
17,778
174
बहुत ही शानदार और चुदाईदार उत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
अगले धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा

धन्यवाद
 

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
6,344
17,778
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Update 32

अब तक

एक तरफ मेरी आँखो को निद की जरुरत थी वही मेरे लण्ड को चुत की जरुरत मह्सूस होने लगी । ऐसे ही कसमकस के बीच मुझे पापा की आवाज सुनाई दी जिससे मै पूरी तरह से हिल गया और मेरी धद्कने भी तेज होने लगी ,,,मुझ उस चीज़ की मेरे सामने होने की उम्मीद नही की
और वो बात थी
पापा - अह्ह्ह्ह दीदी क्या गरम चुत है तुम्हारी

अब आगे

जैसे ही मेरे कानो मे पापा की ये आवाज आई ,,, मै सन्न रह गया कि ये कब हुआ कैसे हुआ । आखिर बुआ कैसे मान गई कही शर्त के बदले तो राजी नही ना हुई है ,, और मैने सारी रसभरी पलो को खो दिया जो बुआ और पापा के चुदाई से पहले हुई होगी । मै अपने आप को कोसने लगा कि साला क्यू मै सो गया और एक नये मज़े को किरकिरा कर दिया खुद ही । एक तरफ जहां मै बंद आँखो से मन ये सब सोच रहा था वही मेरे बगल मे पापा बुआ को घपाघप चोदे जा रहे थे और बुआ सिस्के जा रही थी । पापा लगातर बुआ के जिस्मो के बारे मे तारिफ करते हुए उन्हे चोदे जा रहे थे । धिरे धीरे मेरा मन थोडा शांत हुआ और इस बात के उत्तेजित होने लगा की पापा मेरे बगल मे ही बुआ को चोद रहे हैं । इसी बीच मुझे मा की आवाज सुनाई दी

मा - हा राज के पापा चोदिये अपनी जीजी को ,,,और तेज हा
पापा - हा जान आज तो सच मे बहुत मज़ा आ रहा है अह्ह्ह्ह मेरी शिला जीजी आह्हह आपके चुचे अह्ह्ह्ह

मै मा आवाज सुन कर और शौक मे था कि मा भी शामिल है इस चुदाई मे ,,, लेकिन अगर ऐसी बात थी तो ये लोग छत पर भी तो कर सकते थे फिर यहा क्यू रिस्क ले रहे है ,,, अब तक मेरी सबर का बान्ध टुट चूका था ,,, मेरे मन मे था कि अगर ये लोग बेशर्म होकर बिना मेरी फिक्र किये मज़े ले रहे हैं ।

फिर मैने धीरे से गरदन को बाई तरफ किया और अपने बाए हाथ से दोनो आँखो मे जमे कीचड़ की रगड़ कर साफ किया ,, लेकिन ऐसा करने से मेरी आँखों मे और जलन होने लगा लेकिन मेरे लण्ड की जलन के आगे ये कुछ भी नही था फिर थोडी कोसिस करके मैने धीरे धीरे आंखे खोली तो अब कुछ कुछ दिखने लगा इस दौरान मुझे एक धुआंधार चुदाई की रसिली आवाजे सुनाई दे रही थी और फिर मैने जैसे ही मुंडी दाई तरफ घुमायी मेरी आखों मे चमक वापस आ गई और मेरे चेहरे खिल गये ,,

दरअसल बात ये थी पापा मा को बुआ बना कर उन्हे चोद रहे थे और मा पापा के लण्ड को उत्तेजित करने के लिये बार बार बुआ का नामसे उनको चढा रही थी ,,, जैसे ही मैने देखा पापा बुआ को नही बल्कि मा को चोद रहे है खुश हो गया था ,,, तभी मेरी नजरे पापा और मा पर गयी जहा मा मेरे पैर के साइड सर करके लेती थी वही पापा मा की जन्घे उठाए हुए घपाघप मा की चुत मे लण्ड डुबोये जा रहे थे। मै अब खुश था क्योकि मै चाहता था जब पापा बुआ को पहली बार चोदे तो उस समय मै भी वो नजारा देख सकु ।

फिर ऐसे ही विचारो मे खोया खोया वापस से आंखे बंद कर लिया ,,,क्योकि मा और पापा की चुदाई की आवाजे मुझे लोरी सी लगने लगी ,,अखिर बचपन से सुनता देखता आया जो था । रात मे ऐसे ही कब मै सो गया पता नही चला । सुबह मेरी आंख खुली तो 7 बज रहे थे । मा और पापा ऊपर चले गए थे , मै भी उठा और छत पर चला गया । जहा पापा और अनुज बैठ कर नास्ता कर रहे थे वही दीदी और बुआ किचन मे थी । लेकिन मा कही दिख नही रही थी । मैने किचन मे देखा तो दीदी नहा चुकी थी क्योकि उनके कपड़े बदले हुए थे वही बुआ ने कल वाले ही कपडे पहने थे मतबल वो नहाई नही थी ।
फिर मै ऊपर जाने लगा तो पापा- अरे बेटा कहा जा रहा है
मै - नहाने और फ्रेश होने पापा
पापा- अरे लेकिन अभी तो तेरी मा गई है ऊपर नहाने
मै- तो क्या हुआ मुझे पहले टॉयलेट जाना है न

अनुज हस्ता हुआ - क्यो भईया रात मे ज्यादा खा लिये थे क्या
और उसकी बात सुन कर सब हसने लगे
मै - आप लोग करो बहस मुझे बहुत तेज लगी है
इस पर भी सब हसने लगे ।

मै भी जल्दी से ऊपर गया और खाली करने ल्गा फिर मै निकला तो मुझे हाथ धुलना था लेकिन बाथरूम अन्दर से बंद था और अंदर मा नहा रही थी क्योकि अंदर से पानी की आवाज सुनाई दे रही थी ।
मै सोचने लगा मा अंदर क्या सारे कपडे खोल कर नहा रही होगी और कैसे अपने चुचो मे साबुन मल रही होगी , कैसे चुत को हथेली से भर कर रगड़ रगड़ कर साबुन लगा रही होगी । ये सोचते ही मेरा लण्ड हाफ चढ़ढे मे खड़ा होने ल्गा मैने उसको ऐडजस्ट करते हुए सोचा क्यू ना मा से दरवाजा खुलवा कर सुबह सुबह उनके अनमोल रत्नो के दर्शन किये जाये और साथ मा के साथ थोड़े मज़े भी कर लूं । यही सोच कर अपने टीशर्ट और हाफ चढ़ढे को बाहर ही निकाल दिया और एक बनियान अंडरवियर मे मैने दरवाजा खटखटाया

मा - कौन है बाहर अभी मै नहा रही हू ,,,
मै - मै हू मा राज ,,, मुझे हाथ धुल्ना था दरवाजा खोलिये
मा - अरे रुक जा बेटा बस 5 मिंट
मै - क्या मा तब तक मै ऐसे गंदे हाथो क साथ रहूँगा क्या

मा को मेरी फ़िकर हुई और बोली - अच्छा और कौन है बाहर
मै - कोई नही है मा सब निचे है
मा - अच्छा ठीक है रुक एक मिंट मै खोल रही हू
मै काफी खुश हो गया और जानबुझ कर लण्ड को उठा कर अपने अंडरवियर मे एक नुकिला टेन्ट बना लिया हालाँकि ऐसा करने से मुझे थोडा दर्द हो रहा था लेकिन मा को थोडा रिझाने के लिए इतना जरुरी लग रहा था ।

फिर ने दरवाजा खोला और खुद दरवाजे के पीछे थी

मा - चल जल्दी अन्दर आ जा और धुल के हाथ ,,

सबसे पहले मेरी नजर मा के दरवाजे से झाकते हुए चेहरे और एक नंगी बाह पर गई तो मेरी आंखे चमक गई और मुझे लगा की मा अन्दर पूरी नंगी होगी ,,, मुझे एक शानदार मौका दिखने लगा , मै खुश होकर अंदर गया तो झट से मा ने दरवाजा बंद कर दिया ,, जब मेरी नजर मा पर गयी तो मा सिर्फ पेतिकोट मे थी और उसके रसिले चुचे पुरे तरह से नंगे थे । जो नहाने के बाद और भी ज्यादा मुलायम लग रहे थे और उनकी गहरे भूरे रंग के मुनक्के वाली निप्प्ल पर कुछ पानी के अंश ऐसे चमक रहे थे जैसे मानो मा की चुची को सजाया गया हो ।

मा की नजर जब मेरे पर गयी तो पाया की मै उनकी नंगी चुचियो को घुरे जा रहा हू और उसी से मेरा लण्ड तन कर खड़ा है
मा मुस्कुराते हुए - अब नही जल्दी हो रही है तुझे हा
मै हड़बड़ा गया और टोटी खोल कर अच्छे से हाथ धुला और वापस घुमा तो मा ने ब्लाऊज डाल लिया था बस बटन बंद कर रही थी

मै - अरे मा ये क्या कर रही हो
मा - क्यू अब नहा ली हू तो कपडे भी ना पहनू
मै - अरे मा लेकिन बिना ब्रा के
मा ह्स्ते हुए - हीहीहि तेरे चक्कर मे मै तो भूल ही गई,, जरा वो ब्रा उतार के दे
मा मे वापस ब्लाउज निकाल दिया। मैने भी ब्रा उतारा और उस पर लगी स्टीकर को पढने लगा
मा - क्या कर रहा है बेटा ला जल्दी
मै - मा इसपे तो 40 का साइज़ लिखा है लेकिन आप तो 38 का पहनते हो ना
मा - हा वो इस महीने मेरे साइज़ बढ़ गये है बेटा
मै - वो कैसे
मा मुस्कुराते हुए - क्या बताऊ अब तुझे कैसे ,,,
मै - बताओ ना मा
मा - धत्त पागल,, कैसे बढ़ता तुझे नही पता क्या
मै - कहा पता है आप तो मुझे सिखाने वाली थी ना ,,,बताओ ना कैसे
मा - बेटा वो तेरे पापा ने पिछ्ले कुछ दिनो ने तेरी मौसी और बुआ के चक्कर मे इतना मसला है इसिलिए,,,,अब समझ गया ना सब कुछ मेरे मुह से निकलवाना चाहता है ये लड़का
मै - अरे तो आप मा हो ना आप नही ब्तओगे तो कौन बतायेगा ये सब
मा हस्ते हुए - हमम ये भी है
मै मा के चुचो को घुरते हुए एक छोटे बच्चे की तरह -- मा मुझे दूध पिला दो मन कर रहा है

मा ने एक बार अपने नंगे चुचो को देखा फिर मेरे तरफ नजर मेरे ऊपर नजर मारी फिर मेरे खड़े लण्ड को देखा ,,,

मा - नही बेटा निचे जाना है सब राह देख रहे होते है ना ,,, और कल रात मे तेरे पापा ने मुझे तेरी बुआ बना कर कुछ ज्यादा तेज मसल दिया है मेरे दूध को इस टाईम दर्द है ,,,,
मेरा चेहरा उतर गया ,,,इतना हसिन खजाना मेरे सामने था लेकिन मै बेबस था कुछ न कर पाने को जिससे मेरा लण्ड भी बैठने लगा कि अब कुछ नही होने वाला है

मा ने मेरा लटका चेहरा देख कर बोली - तू चिन्ता ना कर दोपहर मे दुकान मे आऊंगी तब कर लेना

मै खुश हो गया और मा के गाल पर पप्पी दी और बोला - थैंक्स मा ,,,

फिर मा ने ब्रा पहनी और ब्लाऊज पहना फिर बाकी कपडे छत पर डाल कर ब्लाउज पेतिकोट मे ही निचे चली गई । मै भी जल्दी से नहा लिया और नीचे चला गया तब तक पापा भी चले गये थे दुकान मै भी नास्ता किया और चला गया दुकान पर अपने ।

कारिब 10 बजे मै दुकान मे मोबाइल चला रहा था तो उसी समय बुआ निचे आई ,,, ओहोहो कसम से कयामत लग रही थी बुआ उस ब्लैक टीशर्ट और हल्के आसमानी स्कर्ट मे ,,,, बुआ के चुचे पुरे टीशर्ट मे कस कर फैले थे और उनके मोटे दाने वाले निप्प्ल मानो छेद कर बाहर आ जायेगे ,,, और बुआ की मस्त गदरायी गाड़ इतनी उभरी हुई थी कि उनका स्कर्ट पीछे से घुटनो के एक बीते तक ऊपर हवा मे लहरा रहा था ,,, सच मे आज बुआ एकदम भोजपुरी फिल्मों की रानी चटर्जी लग रही थी ,,, उनके चुचो का उभार उन्के सीने से 5 से 6 इन्च तक का लग रहा था ।
मै बुआ को देखते ही मस्त हो गया और मेरा तुरंत लोवर मे खड़ा हो कर बुआ की रसदार गदरायी जिस्म को अपनी सलामी देने लगा ।
मै बुआ मे खोया हुआ था तभी
बुआ - बेटा जरा अपनी कम्मो बुआ के पास फोन लगाना ,, कल रक्षा बंधन है तो वो कब तक आ रही है यहा

मै खुश होते हुए - अच्छा हा ,,, वैसे बुआ आप सच मे हेरोइन लग रही हो एक दम भोजपुरी फिल्मों वाली ,,, वैसे ही मोटे मोटे उभार और पीछे

बुआ मुस्कुराते हुए - चुप बदमाश पहले कम्मो को फोन ल्गा ।
मै भी ह्स्ते हुए कम्मो बुआ को फोन लगा कर बुआ को दे दिया और फिर 2 मिंट बाद बुआ ने मेरे फोन वापस कर दिये ।

मै - क्या हुआ बुआ क्या बोली कम्मो बुआ
बुआ - अरे बेटा घर पर भी रिस्तेदार बहुत ज्यादा आये है न तो वो कल दिन मे आयेगी और कल ही चली जायेगी राखी बाँध कर
मै - क्या ,,, हम लोगो से बिना मिले ही
बुआ - हा बेटा वो मेरी दोनो नंद और मेरे ससुर की छोटी बहन आई है तो वो कैसे उन लोगो को छोड कर आयेगी
मै - हा ये भी सही बात है चलो कोई नही आप हो ना मेरे लिए

बुआ - अच्छा क्यू क्म्मो बुआ आती तो क्या उनके साथ भी वही सब करता क्या
मै - इतनी अच्छी किस्मत कहा बुआ ,,,जो आपके साथ कम्मो बुआ भी
बुआ - किस्मत का क्या भरोसा बेटा , कल को तेरा ये भी सपना पूरा हो जाये हीहीहि

मै खुश होते हुए - अरे वाह बुआ आपने तो मुझे खुश कर दिया
बुआ - हमम तब मेरे लिए कोई तोहफा लाओ
मै - रात मे लोगी या अभी हिहुहिही
बुआ - चल बदमाश बहुत शरारती हो गया है । चल मै अब उपर जा रही हू अभी छोटे को खाना देने जाना है

मै - यही पहन के जाओगे क्या बुआ
बुआ - हा अब यही पहना है आज तो यही पहन के जाउंगी ना
मै - ध्यान देना बुआ कही चाचा भी ना पापा की तरह ,,,हाहाहाहाहाहा
बुआ - तू ना ,,,वैसे भी छोटे को उसकी बीवी के अलावा कोई नहीं दिखता ,,, वो तो मेरे तरफ देखता ही नही ।
मै - हा लेकिन आज बात कुछ अलग है ना
बुआ शर्माने लगी - धत्त ऐसा कुछ नही है तू भी ना ,,,अब जाने दे मुझे
मै ह्स्ते हुए - मैने कब पकड़ा आपको ,,कहो तो तो पकड़ लू चलो कमरे मे हिहिहिहिह
बुआ - अरे वैसे नही अपनी बातो से छोड मुझे पागल हीहीहि
फिर बुआ ह्स्ते हुए ऊपर जाने लगी ।
फिर थोड़े समय बाद बुआ के साथ मा भी निचे है दो बैग लेकर ।
मा - बेटा ये ले जा पापा को टिफ़िन देते आ और तेरी बुआ चाचा को दे देंगी

मै टिफ़िन लेकर निकल गया और पापा को देकर 25 मिंट मे वापस आया ।
तो देखा मा मेरी ही राह देख रही थी

मा - बेटा ये ले खीर वाली टिफ़िन और चाचा के यहा दे आ ,,, जलदी जल्दी मे मै भूल गयी
मै - अरे मा इतना टाईम हो गया अब तो चाचा खा भी लिये होगे

मा - अरे तो क्या हुआ तू लेके जा खा लेंगे वो ना
मै - अच्छा ठीक है मा लाओ
फिर मैने वो टिफ़िन लिया और चाचा के यहा चला गया तो देखा की शटर आधा गिरा है ,,,मुझे ल्गा शायद खाना खाने बैठे होगे अन्दर इसिलिए आधा शटर निचे है । मै भी झुक कर अंदर गया तो दुकान मे कोई नही था ,,,, मुझे लगा कि अंन्दर हॉल मे बैठ कर खा रहे होगे क्योकि चाचा का घर बड़ा था ना ।
तो मै गलियारे से होते हुए जैसे जी हॉल वाले कमरे के पास पहुचने वाला था की मुझे अंदर से टीवी की आवाजे आने लगी थी ,,,तो मै भी नोर्मली बुआ को आवाज लगाते हुए हाल मे घुसने वाला था कि

मै - बु...... मेरे शब्द मुह मे रह गये और आँखे बड़ी हो गयी क्योकि अंदर का नजारा ही ऐसा था ।
हाल मे चाचा एक सोफे पर बैथे थे और उनका च्ढ़्ढा निचे पैरो मे था और बुआ अपनी स्कर्ट को उठाए घपाघप चाचा के लण्ड पर अपनी गान्ड पटके जा रही थी ,,, लेकिन हॉल मे टीवी के आवाज मे इनकी आवाज खो गयी थी । और खाना वैसे का वैसे बैग मे सोफे के सामने टेबल पर रखा था
मेरा माथा ठनका सोचने ल्गा कि साली ये बुआ कितनी बड़ी रन्डी है अभी बोल रही थी कि चाचा उसको देखते नही और यहां कूद कूद लण्ड लिये जा रही है । मैने तुरंत जेब से मोबाईल निकाला और रिकॉर्ड करना शुरू कर दिया और अभी एक मिंट की रिकॉर्डिंग हुई ही थी की चाचा झड़ गये थे । मुझे हसी आई साला ताकत है नही और इतनी रन्डी माल चोदने चला था ,,, चुदाई खत्म हो गयी थी लेकिन मेरे काम लायक की क्लिप मैने मोबाइल मे रिकॉर्ड कर ली थी ।

अभी मुझे चाचा की आवाज सुनाई दी
चाचा - थैंक यू दीदी आज आपने मेरे लिए जो किया वो जिन्दगी भर नही भूलूंगा

मै सोच मे पड़ गया कि चुत ही तो दी है ऐसा और क्या किया बुआ ने

बुआ - अरे छोटे तू मेरा भाई है और अपने ही अपनो के काम आते है ना ,,, अब तु इतने दिन से अकेला था तो तेरी तकलीफ समझ सकती हू मै ।

चाचा - लेकिन फिर भी कोई बहन अपने भाई के लिए ये त्याग नही करेगी
बुआ - एक तो बहन बोलता है और ऊपर से कहता है कौन करेगा त्याग ,,, देख छोटे तु कितना भी बड़ा हो जाये लेकिन मेरे लिए वही छोटे ही रहेगा ,,,, मेरे लिए अपने बहन भाईयो के लिए प्यार कभी कम नही होगा ,,

बुआ - आज तू 4 दिन से शालिनी ( चाची) के बिना परेसान था और अभी दुकान मे थोडी देर पहले उस औरत ने तुझे भला बुरा कहा जब तू उसके दूध को घुर रहा था वो तेरी परेशानी नहीं समझ सकती ना इसीलिये तुझे उल्टा सीधा कह कर चली गई,,

चाचा - हा दिदी ,,, सही कह रही है आप लेकिन आपको कैसे पता चला कि मै शालिनी ( चाची) के बिना परेसान हू ।
बुआ मुस्कुराते हुए - अरे छोटे मै एक औरत हू और मर्दो के हाव भाव बखुबी समझती हू ,,, और मेरा अपना भाई तकलीफ मे हो तो मै कैसे देख सकती हू इसिलिए मैने तेरे साथ साथ किया ।

चाचा - लेकिन अभी तो शलिनी एक हफ्ते बाद आयेगी ना
बुआ मुस्कुरा कर - हा जब वो आयेगी तभी मै जाउंगी ना घर हीहीहि इस बिच जब भी तुझे शालिनी की जरुरत मह्सूस हो मुझे बुला लेना

चाचा ने बुआ का हाथ पकड़ा और उनके होटों को चूम लिया और बोले - दीदी मुझे तो रोज दिन रात शलिनी की जरुरत मह्सूस होती है तो क्या

बुआ - रात मे तो भईया के यहा ही रुकूंगी और अब ऐसे अचानक से तेरे यहा कैसे रुक सकती हू ,,हा रोज दोपहर मे खाना लेके मै आती हू ना

चाचा खुश होते हुए - ठीक है दीदी मै मैनेज कर लूंगा
बुआ - ठीक है चल अब खाना खा ले देख कबसे पडी है
चाचा - नही दीदी अभी नही खाना है मुझे
बुआ - फिर कब
चाचा - वो मुझे शलिनी की थोडी कमी और मह्सूस हो रही हैं ऐसा बोल के चाचा ने बुआ के सामने अपना लण्ड मुस्कुराते हुए सह्लाया
बुआ - धत्त पगलू ,,,, इतना होने के बाद भी शर्मा रहा है ,,, सीधा बोल ना कि दीदी को एक बार और चोद्ना है हिहिहिही

चाचा - हा दिदी ,, और आज आप बहुत मस्त लग रही हो ,,, मै कितना पागल था जो इतनी मस्त माल के रहते हुए भी लण्ड हिला रहा था ,,, चलो ना दीदी एक बार और करते है ।

मै ये सब देख सुन कर सारा माजरा समझ गया कि कैसे 30 मिंट मे बुआ जैसी रन्डी औरत ने नये लण्ड के लिए चाचा का फायदा उठा लिया और साथ मे उत्तेजित भी होने लगा लेकिन मुझे आये 20 मिंट हो चुके थे और मै ज्यादा देर नही रुक सकता था नही तो मा सवाल करती
इसिलिए मै वापस दुकान मे आया और चाचा को आवाज दी । फिर चाचा भी अंदर से आवाज देते दुकान मे आये

चाचा - अरे राज बेटा तू कब आया ,,
मै - अरे चाचा मै तो कबसे आया हू और आवाज दे रहा हू ,,, क्या कर रहे थे आप अंदर और बुआ कहा है

मेरी तीखी सवाल जवाब से चचा झेप गये और उनके चेहरे पर डर साफ दिख रहा था

मै हस्ते हुए - हाहहाहाहाहा क्या चाचा आप भी ,,,ये लिजीये खीर वाली टिफ़िन ,, बुआ घर पर ही भूल गयी थी
चचा - ओ ये टिफ़िन
मै - ठीक है चाचा आप ये शटर पुरा निचे कर लो मै आया तो एक कुत्ता यहा घुसा हुआ था ,,

चाचा- हा हा बेटा मै बंद कर लेता हू तू जा
मै भी वापस घर की तरफ हस्ते हुए निकल गया हहहहहहा

घर आया तो मा की डांट भी मिली
मा - कहा रह गया था तू इतनी देर खाना नही खाना क्या
मै - हा मा खाऊंगा वो रास्ते मे एक दोस्त मिल गया था तो वही बात करने लगा
मा - ठीक है जल्दी जा ऊपर तेरी दीदी से बोल कर खाना खा ले
मै ऊपर चला गया ।


अब देखते है दोस्तो आगे क्या होने वाला है ।
चुकि राखी को एक दिन ही रह गये है तो क्या राज की मा उसके पापा के लिए बुआ को फसा पायेगी या कोई नया धमाल होगा ।

आप सभी की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा
 
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