बहुत ही शानदार और चुदाईदार उत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
अगले धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
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बहुत ही कामुक अपडेट हैUpdate 31
दोस्तो पिछ्ले अपडेट मे आप सभी ने पढा कि राज की चांदी ही चांदी हो रही है और आज वो फुल फैमिली के साथ बाजार मे खुले नये शॉपिंग कॉमप्लेक्स के लिए निकल चूका है अब आगे ।
अब आगे
हम सभी लोग मेन मार्केट की तरफ निकले । त्योहार की वजह से काफी भीड़ थी और बाजार कमसिन लड़कीयो से लेकर गदरायी औरतो से भरी थी । मै खुद भी 3 जबरदस्त मालो के साथ बाजार मे घूम रहा था । काफी लड़को और मर्दो की नजरे मेरे बुआ दीदी और मा की तरफ थी । खासकर बुआ की तरफ ,,, उनकी कसी लेगी मे उभरी गान्ड के जब मेरे पापा ही दीवाने हो गये तो गैर लोगो की क्या बात थी । मुझे धीरे धीरे मह्सूस होने लगा कि जैसे जैसे लोग मा दीदी और बुआ को घुर रहे थे ,, वैसे ही उनके हाव भाव और चलने के अन्दाज मे बदलाव साफ नजर आने लगा था । मै खुद पीछे चल कर अपनी तीनो घरेलू हसिनाओ की चाल पर खास नजार गडाये हुए था । सबसे आगे दीदी और अनुज चल रहे थे । एकतरफ जहा अनुज लड़को द्वारा दीदी को ताडने से मुह बना रहा था वही दीदी मुह पर दुपट्टा लगा कर मुस्कुरा रही थी क्योंकि मार्किट मे कुछ लडके हमारे कोचिंग स्कूल और दूसरें मुहल्ले के भी थे । उन सबकी नजरे मेरी कमसिन बहन पर थी ।
दीदी और अनुज के पीछे मा और बुआ चल रहे थे । आहहा उन दोनो का मै खुद दीवाना था । एक तरफ जहां मा की मदमस्त साडी मे कैद जवानी वही दुसरी तरफ कुर्ती लेगी मे कसी भरी बदन वाली बुआ ।
दोनो गान्द चलते हुए बहुत मटक रहे थे जिनको देख कर कुछ लडके और मर्द एक तक बुआ की कसी जांघो और मा के ब्लाऊज के उबारो को अन्त तक देखते ही रह जाते थे ।
मै भी इनसब का मज़ा लेते हुए जा रहा था साथ ही मा और बुआ की चटपटी बाते भी सुन रहा था ।
बुआ - देख रही हो भाभी ,, मर्द तो मर्द ये कच्ची उम्र के लडके भी कम नही है ,,, एकटक नजरे हमारे माल पर टीकाए ही जा रहे हैं
मा - हा जब ऐसे ही गान्ड मटकाओगी तो लोग तो देखेंगे ही ना
बुआ - आहा मेरे गान्द की बड़ी फ़िकर है आपको अरे अपने उभरे हुए चुचो को देखो भाभी सबकी नजारे वही है
मा - अब मालदार हो गयी हू तो दिखेगा ही न माल हीहीहि
बुआ - देखो कोई लुट ना ले जाये हमारे माल को
मा - अरे आपके भईया के रहते किसकी मजाल जो आपके माल को हाथ लगाये हीहीहि
बुआ - क्या भाभी आप ,,,
मा - हहहहह
मै दोनो की चटपटी बाते सुन कर खुश हो रहा था
बातो ही बातो मे हम लोग सरोजा कॉमप्लेक्स आ गये थे ।
क्या शानदार बिल्डिंग थी तीन मंजिला ।
ग्राउंड फ्लोर पर जेन्स के लिए, फ़र्स्ट फ्लोर पर लेडीज के साथ बच्चो के लिए और सबसे उपरी फ्लोर सिनेमा रेस्तराँ के लिए था ।
हम सब लोग एक साथ एन्ट्री ली और अंदर का माहौल एकदम खुसनुमा था हर तरफ चहल पहल थी । अनुज तो अन्दर घुसते ही सबसे पहले जीन्स वाले सेक्शन मे भाग गया ,, वही मा और बुआ ऊपर वाले फ्लोर पर जाने लगी ,,,तभी दीदी ने मुझसे मेरा मोबाइल मागा और बोली उसे कुछ तस्वीरे निकालनी है फिर वो भी मोबाईल लेकर मा और बुआ के साथ ऊपर चली गयी । मै भी बहुत खुश था सोचा चलो अपने छोटे भाई के साथ टाईम पास करते हुए खरीदारि करु ।
मै भी अनुज की तरफ जीन्स वाले सेक्शन मे चला गया ,,, जहा अनुज बडे खुश होकर बस देखे जा रहा था लेकिन कोई भी ट्राई या माप नहो रहा था मै उसके पास गया
मै - क्या हुआ भाई तूझे पसंद नही आ रही है क्या इतने सब मे से
अनुज - भैया दाम देख रहे हो कोई भी जीन्स हजार रुपये से निचे की नही है कैसे लू
मै - बक्क पगलेट पैसे की चिन्ता क्यू कर रहा है जो चाहिये लेले मेरे भाई मै हू ना
अनुज खुश होते हुए - सच मे भैया
मैने उसके कंधे पर हाथ रख कर हिलते हुए बोला हा भाई सच ,, अब बता कौन सा पसन्द किया
अनुज - अभी कहा भैया मै तो दाम देख के परेसान था अभी देख ले रहा हू।
फिर मैने और अनुज ने दो दो जीन्स और एक एक शर्त और टीशर्त लिये ।
मै - चल अब तो शॉपिंग हो गयी है तू रेस्टरूम मे इन्तेजार कर मै ऊपर देखकर आता हू।
फिर मुझे याद आया कि दीदी के लिए मोबाइल भी लेना और एक गिफ्ट भी
फिर मैने मोबाईल शोरूम की तरफ गया जो ग्राउंड फ्लोर पर ही था ,, वहा से मैने एक ब्राण्ड न्यू मोबाईल लिया जो कि 12 हजार का था , फिर मैने वो मोबाईल को गिफ्ट रैप करवा कर अनुज को दे दिया और बोला कि राखी पर दीदी के लिए गिफ्ट है खोल्ना मत ,,,अनुज अपनी खरीदारी से खुश था तो कोई सवाल नही किया । फिर मै फ़र्स्ट फ्लोर के लिए ऊपर जाने वाला था कि मुझे अमन दिखा जो मोबाईल कान मे लगाये सीढ़ी से छत पर जा रहा था ,,मै एक पल को सोचा ये अकेला यहा क्यू आया है और लेडिज फ्लोर पर क्यू जा रहा है कही दीदी से तो .....
मै इतना सोचते ही जल्दी से अमन के पीछे भागा और आहिस्ता आहिस्ता उसका पिछा करने लगा ,,, इसबिच अमन लगातार किसी से फोन पर बात किये जा रहा था और फ़र्स्ट फ्लोर पर जाकर अमन लिफ्ट की तरफ रखे ट्रॉली सेट्स के पास हो गया । तभी वो एक तरफ देखते हुए मुस्कुराने लगा और ठीक उसके सामने मेरी दीदी चल आ गयी और वो दोनो बाते किये जा रहे थे । समझ गया कि दीदी मे मोबाईल क्यू मागा और अमन यहा क्यू आया था । मुझे एक बार फिर से गुस्सा आने लगा ।इसी बीच दोनो लेडिज सेक्शन मे ट्रॉली लेके साथ मे ही निकल गए और गलियारे मे घूम घूम कर छिपते छिपाते एक दुसरे की उंगलिया पकड रहे थे । मै बहुत गुस्से मे था मन तो कर रहा था कि अभी जाकर अमन को पिट दू लेकिन मै मजबुर था। इसीलिये मै सही मौके का इंतजार करने लगा और फिर वो लोग लेडिज सेक्शन मे सबसे किनारे वाले हिस्से मे गये और वहा पर कुछ राजस्थानी चनिया चोली के इटेम थे जिससे उधर कोई था नही । ये लोग भी उसी कम्पाउंड के पास बैठ कर एक दुसरे को लिप टू लिप किस्स करने लगे ,, मेरे लिए यही सही मौका था और मै भी तपाक से उनके सामने आया
मै - ये सब क्या है दिदी
अमन - देख भाई तू गलत मत समझ मै सोनल से प्य.....
मै - मैने तुझसे कुछ पुछा क्या
दीदी - देख भाई जो भी बात करनी होगी घर पर करेंगे प्लीज अभी मान जा ,,
अमन - हा भाई प्लीज
मै - अब क्या बात करोगी आप दीदी मुझे नही करनी कोई बात आपसे
और मै तैस मे निकल आया ।
फिर मै मा और बुआ को खोजने निकला तो वो लोग मुझे साड़ीयो के सेल मे खड़ी दिखी
मै - क्या मा अभी तो चाचा के यहा से साडी ली हो अब फिर से
मा - अरे बेटा यहा साड़ियो पर भारी डिसकाउंट चल रहा था तो मैने और तेरी बुआ ने एक एक लेली हीहीहि
मै मा और बुआ को खुश देख कर सुकून मे था
मै - अरे बुआ आपने वो टीशर्त और घाघरा लिया की नही
बुआ - क्या बेटा तू सच मे मुझे पहनायेगा वही
मै - अरे लेलो ना बुआ प्लीज अच्छा लगेगा आप पर ,,,
बुआ - अच्छा चल ठीक है
फिर मै मा और बुआ हम लोग टीशर्ट वाले compartment मे गये वहा से बुआ की नाप की एक XXXL साइज़ की ब्लैक रंग की एक टीशर्ट लेली । फिर हम लोग स्कर्ट वाले सेक्शन मे गये और घूतने से थोडी निचे वाली बुआ के नाप की हल्के आसमानी रंग की स्कर्ट पसंद की
बुआ - अरे लल्ल्ला ये स्कर्ट तो छोटी है घुटनो से थोडी ही निचे रहेगी
मा - क्या हुआ दीदी वैसे भी घर मे ही पहनोगी ना कोई बात नहीं,, आप पर ये रंग खुब खिलेगा और प्रिंट भी प्यारा है इसका
इधर हम लोग शॉपिंग कर रहे थे कि दीदी आ गई और मै एकदम से चुप हो गया
मै - अगर सब लोगो की खरीदी हो गई हो तो चले बिल बनवा ले
मा - हा बेटा,,लेकिन अनुज कहा है दिख नही रहा
मै- मा वो ग्राउंड फ्लोर पर है
मा - अच्छा ठीक है
बुआ - और बेटी तेरा हो गया न खरीदी
दीदी - नही बुआ मुझे कुछ पन्सद नही आया , चलो घर चलते है
मै समझ गया दीदी मेरी वजह से परेशान थी इसीलिये कोई चीज़ नही ली
मै - ऐसा है आप लोग दीदी के लिए कुछ खरीद लो मै ऊपर जा रहा हू फ्रेश होने
दीदी - रुक भाई मै भी चलुंगी ,,, मा और बुआ आप लोग रुको मै आती हू
फिर मै और दीदी ऊपर जाने लगे ,,इस बिच ना मै दीदी को देख रहा था ना कुछ बोल रहा था । मुझे बखुबी पता था कि वो मेरे से बात करने ही आई हैं
दीदी - सॉरी भाई ,, प्लीज गुस्सा ना हो ,,
मै - क्यू ना होऊ दीदी ,,आप हमारे साथ समय बिताने निकले थे कि उसके , अभी तो मै था देखा , गलती से मा या बुआ या मुहल्ले के कोई लोग देख लेटे तो
दीदी चुप थी और उनकी आँखो मे आंसू ,, मै उनकी नम आँखों में देख कर पसीज गया ,,
मै - देखो एक ही बात पर मेरा गुस्सा कम होगा ,,, अगर आप कपडे लोगे तो हिहिहिही
दीदी मुस्कुराकर आँखे पोछने लगी और बोली - हम्म्म ठीक है लेकिन पसंद तू ही करना ठीक
मै - ठीक ,,चलो अब फ्रेश हो लो , मै भी आता हू होकर
फिर हम दोनो अलग अलग वॉशरूम मे गये और फ्रेश होकर बाहर आये तो खुसी मन से मा और बुआ के पास आये
फिर दीदी को प्ता चला कि बुआ ने टीशर्त और स्कर्ट लिया है तो वो बोली की मै एक सेट लुंगी गर्मी मे पहन्ने के लिये ,, लेकिन दीदी ने लॉन्ग स्कर्ट लिया था । फिर मैने दीदी के लिए एक प्यारा सा प्लाजो सूट पसंद किया जो सबको पसंद आया । फिर हम लोग निचे गये बिल्लिंग करवाया और घर के लिए निकल गये ।
रास्ते मे बुआ - अरे भाभी भईया की नयी वाली दुकान कहा है
मा - वो तो यही से थोड़ी दूर आगे वाली गली मे है ,, चलिये चलते है उधर के समोसे चाट बहुत टेस्टि होते है ,,,हीहीहि
अनुज - हा मा भूख लगी है मुझे भी
सब हसने लगे और फिर हम लोग पापा की दुकान पर पहुच गये जहा पापा बैठे थे और हमे एक साथ देख कर बहुत खुश हो गये और जब उनकी नजर गदरायी बुआ की कसी हुई जांघो पर गयी तो आगे आये तो बोले
पापा - अरे जीजी आप लोग यहा
बुआ - हा भईया सोचा घर जाते हुए आपसे मिल के ही चलू हिहिहिही
पापा - ऐसी बात है तो जाना क्यू है यही रहिये शाम को हम लोग साथ मे घर चला जाएगा हाहाहाहा
मा - क्या जी आप हमे बाहर ही खड़े किये रहोगे
पापा - अरें नही नही नही ,,, आओ चलो अंदर रेस्टरूम मे चलते है ।
फिर हम सब लोग रेस्टरूम मे आ गये और बैठ कर बाते करने लगे । फिर पापा ने हम सब के लिए ठंडा मगवाया और समोसा चाट भी । जहा हम लोग समोसा चाट का मज़ा ले रहे थे वही पापा एक टक बस बुआ की गदरायी जवानी को ताडे जा रहे थे ।
दिदी - पापा नल कहा है हाथ धुलना था
अनुज - चलो दीदी पीछे की तरफ है
मै - हा चलो मै भी चलता हू फिर वो लोग गोदाम के आखिरी में लगे नलके के पास जाने ल्गे
लेकिन मुझे तो पापा मा और बुआ के बीच की बात सुननी थी ,,लेकिन देखा वो लोग भी खड़े होकर हाथ धूल्ने आ रहे हैं तो मै भी अंदर की तरफ जाने को हुआ कि
पापा - अरे जीजी आपको शर्त याद है ना , चलो अभी मौका है नाप लो
बुआ - उसकी जरुरत नही है आप जीत गये भईया ,, वो आज करीम दर्जी के यहा मैने देखा था भाभी के ब्लाऊज का माप हिहिहिही
मा - अरे वाह तो आपको वो देना पडेगा जो ये कहेंगे
बुआ - हा भाभी ,,,वैसे क्या चाहिये आपको भैया
पापा - अभी समय ठीक नही है टाईम आने पर मै माग लुन्गा बस आप मत मुकर जाना
बुआ - मै नही मुकरंगी भैया आप ब्स याद से माग लेना हिहिजी चलो मै हाथ धुल के आती हू ,,,
फिर मै भी अंदर चला गया और हाथ धुले फिर हम लोग वापस घर आ गये । घर पहुचे तो 5 बज गए और आज का क्लास भी छूट गया था । फिर मैने दुकान खोली और 2 घन्टे बाद पापा भी आ गये । फिर थोडी देर बाद हमने दुकान बन्द की और ऊपर चले गये ।
जहा किचन मे मा और बुआ लगी थी । वही दीदी और अनुज अपने कपड़े देख रहे थे । मैने दीदी का मोबाइल पहले ही निकाल कर अपने बैग मे रख लिया था ।
पापा - अरे वाह बच्चो ल्गा रहा है आज बहुत ज्यादा शॉपिंग की गई है ।
फिर मा और बुआ भी कमरे मे आ गये ।
दिदी - पता है पापा आज बुआ ने एक मॉर्डन टीशर्ट और स्कर्त लिया और मैने भी ।
पापा तो खुशी से फुले नही समाए
पापा - अरे वाह जीजी आपने बताया नही की आपने ये ड्रेस भी लिया है
मा - अरे वो तो आपको कल पहन कर दिखाने वाली थी
पापा - ये तो बहुत अच्छी बात है , और तुमने अपने लिये नही लिया रागिनी टीशर्ट स्कर्ट
मा - धत्त ,,क्या जी आप भी मैने कभी पहना थोडी है
पापा - मै तो हमेशा कहता हू तुम भी जीजी की तरह थोडा फैशन वाले कपडे पहने करो
मै - मैने तो बोला कितनी बार लेकिन मा ने मना कर दिया
मा - तू चुप कर ,,, चलो बाते बहुत हो गयी अब खाना खा लो बहुत थक गई हू मै
फिर सब लोगो ने खाना खाया और छत पर चले गए टहलने । आज मै बहुत ज्यादा थक गया था तो सबको बोलकर निचे चला गया सोने क्योकि मुझे ल्गा आज मा भी थकी है तो कुछ होगा नहीं तो क्या फाय्दा जाग कर ,,, और बिस्तर पर आते ही मुझे निद लग गयी और मै एक गहरी नींद मे चला गया ।
रात के किसी पहर मे मुझे कोई आवाज सुनाई दी जो चुदाई की सिस्कियो और बेड के हिलने की थी । मेरी आंखे नींद मे जकड़ी थी तो मैने सर घुमा कर दाई तरफ देखा तो दो लोगो के बीच चुदाई चलने की एक धूमिल तस्वीर सामने आ रही थी। फिर मैने आँखो की पलको मे थोडा खिचाव किया लेकिन कोई फायदा नही था , मेरी आंखे जलने लगी थी भरसक । मेरी बहुत ही थोडी खुली आँखो से दो नंगे लोगो के बिस्तर पर ऊपर निचे होने की धुध्ली छवियां दिख रही थी । मै सोचने लगा लगता है कि पापा और मा दोनों चुदाई कर रहे हैं ,,, मेरे मन में ये विचार आया कि मा चुद रही है तो मेरा लण्ड अकडने लगा । मगर मै बेबस था चाह कर भी वो नजारा नही देख पा रहा था । एक तरफ मेरी आँखो को निद की जरुरत थी वही मेरे लण्ड को चुत की जरुरत मह्सूस होने लगी । ऐसे ही कसमकस के बीच मुझे पापा की आवाज सुनाई दी जिससे मै पूरी तरह से हिल गया और मेरी धद्कने भी तेज होने लगी ,,,मुझ उस चीज़ की मेरे सामने होने की उम्मीद नही की
और वो बात थी
पापा - अह्ह्ह्ह दीदी क्या गरम चुत है तुम्हारी
दोस्तो ये क्या हो रहा है , राज जब छत पर से सोने निचे आया तो इस बीच ऐसा क्या हुआ की उसके पापा बुआ को चोद पा रहे थे । देखते है अगले अपडेट मे ,, आप सभी अपने विचार रखे ।
बहुत ही शानदार और चुदाईदार उत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
अगले धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
mast update hai
bua mast hai. sabko maza deti hai