UPDATE 020
मै वापिस घर आया तो 8 बज गए थे और पापा भी घर आ गये थे फिर हम खाना खाये और सो गए
ऐसे ही दिन गुजरे और रक्षा बंधन को अब 4 दिन बाकी थे ।
और एक सुबह मै जल्दी उठा समय देखा तो 6 बज रहे थे तो तुरंत दीदी का ख्याल आया
मै जल्दी से उठा बेडरूम चेक किया फिर जल्दी से छत पर गया तो बाथरूम से पानी की आवाज आ रही थी मै बाहर ही इंतज़ार करने लगा ।
5 मिंट बाद दरवाजा खुला और दीदी ने सर पर तौलिया लपेटे हुए थी और एक काटन दुप्पते से बॉडी को लपेट कर ढका हुआ था
इस बार मुझे देख कर दीदी चौकी नही बल्कि थोड़ा मुस्कराई और कपड़े लेकर अरगन की तरफ गई
मैने पीछे से उनके भिगे बदन पर लिपटा काटन का दुपट्टा देखा जो उनकी गदरायी गांड से चिपका था और चलते हुए 8 का शेप बना रहा था ।
वो कपड़े डालते हुए बोली - भाई मैने उस दिन मना किया था न सवेरे न आना
मै उसके भिगे चुतडो मे खोया था
जब मैने उनकी बात का जवाब नही दिया तो वो मुंडी घुमा के मेरी तरफ देखी कि मै उनकी गांड को देख कर लोवर के ऊपर से अपने खड़े लण्ड को सहला रहा हू
वो गुस्से मे घूमी इससे पहले मै कुछ बोलता वो मेरे उसी हाथ के ऊपर एक चपत लगा देती है जिससे मै अपना लण्ड सहला रहा था और कहती है - राज ये क्या कर रहा है, मै तेरी बड़ी बहन हू
मै सकपका गया - अब्ब्ब मै मै मै ,,,,
दीदी गुस्से मे - तू निचे जा अभी नही तो मै मम्मी को बुला दूँगी
मेरी फट गयी और मै जल्दी से भाग गया और मै दीदी से नजरे चुराने लगा साथ मे डर भी था कही सच मे मम्मी ने ना कह दे ।
फिर मैने नहा धोकर नास्ता किया तब पापा ने बताया की आज शिला बुआ आ रही है ।
मै खुश हो गया कि चलो इसी बहाने दीदी से बच सकूँगा और घर पर कोई बवाल नही होगा ।
फिर मै दुकान खोलने चला गया फिर शाम को समय से कोचिंग गया और जब घर वापस आया तो शिला वुआ आ गयी थी ।
नया परिचय
शीला- राज की बड़ी बुआ , गदरायी चुतडो की माल्किन, 40 38 44 का फिगर ,,,थोडी मॉर्डन ड्रेस भी पहनती है ।
कम्मो - मेरी छोटी बुआ , जैसा नाम वैसे ही कामुक और गठिले बदन की है, 36 34 38 का सेक्सी फिगर है ।
( बाकी के परिवार का परिचय समय आने पर दिया जायेगा )
वापस कहानी पर
मै घर पहुचा देखा मौसी एक लाल रंग की लेगी के साथ हरे रंग की कुर्ती पहने हुए कीचेन मे मा के साथ थी ।
मैने एक नजर उनकी गदरायी जांघो पर डाला
आह्ह क्या चुस्त लेगी पहनी थी बुआ ने ,, उनके 44 साइज़ की भारी भरकम चुतड ने उनकी कुर्ती को कमर से उठा रखा था ।
बुआ को देखते ही मेरा लण्ड फन्फ्ना उठा और मैने भी लण्ड को राहत देने के लिए जाकर बुआ को पीछे से पकड कर हग कर लिया और लण्ड को उनके नरम गुदाज गदरायी गांड मे धसाते हुए
मै - नमस्ते बुआआआ... आप कब आई
मेरे अचानक हग करने और मेरी आवाज सुन कर खुश हो गयी
शिला - अरे राज बेटा ,,, मै तो अभी एक घन्टा हुआ
मा - राज छोड बुआ को क्यू तंग कर रहा है
शिला - अरे काहे का तंग भाभी जी बेटा है मेरा , क्यू राज
मै भी मौके का फायदे लेते हुए - हा बुआ मै तो आपका ही बेटा हू
मा मेरी बात सुन कर बुआ को छेडते हुए बोली - हा हा तू दीदी का ही बेटा है , मैने कहा तुझे पैदा किया है
बुआ मा की बात समझ गयी और मै भी
बुआ - क्या भाभी आप भी
फिर ऐसे ही हसी मज़ाक हुआ और मै निकल चाचा के घर क्योकि अगले दिन चाची , निशा और राहुल भोपाल जाने वाले थे
मै चचा के यहा पहुचा और अन्दर चला गया
देखा चाची खाना बना रही है जबकि राहुल और निशा पैकिंग कर रहे हैं ।
मै - चाची सारी तैयारियाँ लग रहा है कि हो गयी है
चाची - हा बेटा ,, बस निशा और राहुल अंदर पैकिंग कर रहे हैं
चाची - देख बेटा हम लोग जा रहे हैं तो तेरे चाचा अकेले रहने वाले है ,,, वैसे तेरी शीला बुआ तो आ गयी है लेकिन तु भी कभी कभी आ कर घर देख लिया करना
मै - जी चाची ,, फिर मै कमरे मे चला गया
अन्दर निशा को देखा तो वो बेड पर झुकी टीशर्त लोवर मे पैकिंग कर रही हैं और राहुल बैठा गेम खेल रहा है
मेरी नजर निशा की गदरयी जांघो और उसके 36 का उभार लिये चुतडो पर गयी
मै कमरे के दरवाजे पर खड़ा था किसी को पता नही था मै कमरे से राहुल को भगाने के लिए कुछ सोचा और बाहर चाची को आवाज दी
मै - चाची आपने तो कहा था कि अन्दर दोनो पैकिंग कर रहे हैं,, लेकिन यहा राहुल गेम खेल रहा है
मेरी आवाज से दोनो चौके की मै कब आया और राहुल उठ कर निशा के पास गया तो निशा ने बोला - रहन दे मै कर लुंगी जा अपना काम कर
मै हस रहा था और राहुल मुझे देख कर जल कर रह गया मै उससे बड़ा था तो वो मुझे कुछ कह भी नही सकता था
राहुल मुह बना कर कमरे से बाहर आ गया
मै भी मौका देख कर दरवाजे को ओटन दे कर निशा के पास गया और हल्के से उसके चुतडो पर चपट लगा दिया और उसके सामने बिस्तर पर लेट गया
वो चौक कर पहले रुम मे फिर दरवाजे पर देखती हैं फिर थोड़ा गुस्सा मे मेरी ओर देखती है
निशा - राज क्या कर रहा है कही राहुल देख लेता तो
राज - अच्छा उसकी बड़ी फ़िकर है और मुझे बिना ब्ताये जा रही थी भोपाल ,, इक बार भी नही सोचा इस नये नवेले आशिक के बारे मे
निशा मुस्कुराती हुई- भाई मामा की लडकी की सादी है तो वहा जाना जरुरी है न
और हमेशा के लिए थोडी जा रही हू 15 दिन मे आ जाऊंगी
मै खड़ा हुआ और उसको पीछे से हग करते हुए - फिर 15 दिन का ऐडवांस मे प्यार भी देके जाओ
और वो मुझे धकेल कर अलग हुई - बुलाऊ मम्मी को ,,,,हिहिही ,, ऐडवांस मे प्यार चाहिये
मै वापस लपक कर उनको पीछे से पकड लिया और अपना हाथ उनके टीशर्त के अंदर ले जा कर पेट पर घुमाने लगा
निशा थोडी सहम गयी और डर से थोड़ा काप उठी
मैने अपनी उगली उसके लोवर के लास्टीक में फसा के पेट से थोड़ा दूरी बनाते हुए उसे निशा की नाभि के निचे किया , जिससे निशा की हल्की सी सिसकी सुनाई दी- उम्म्ंम क्या कर रहा है राज ,,छोड दें मा बाहर ही है ।
मैने धीरे से उसके कान को काटते हुए साथ ही उसके नाभि को अपने हथेली मे भर कर मस्ल्ते हुए कहा- कोई नहीं। आयेगा दीदी करने दो न
निशा - आह्हह , नही अभी नही
निशा भले ही मुझे ना कर रही थी लेकिन मदहोसी मे वो मेरा साथ देने को मजबुर भी थी
और इसी का फायदा लेकर मैने उसके गर्दन को चूमना शुरू कर दिया और नरम पेट को सहलाने ल्गा
निशा भी मेरा सर पकड कर और ज्यादा आहे भरते हुए कहा- राज बस कर ,,,
मै कहा मानने वाला था मैने एक कदम और बढा ,,और एक हाथ उसके नरम दुधिया 36 साइज़ की चुचियो पर ले गया और टीशर्त के ऊपर से ही मस्ल्ने ल्गा
निशा - ओह्ह्ह राज बस कर मै पागल हो जाऊंगी ,,,मै वापस आकर जो तू कहेगा दूँगी तुझे ,,अह्ह्ह्ह प्लीज छोड दे मुझे अभी
मै - एक शर्त पर
निशा - बोल भाई क्या चाहिये तुझे ,,अह्ह्ह्ह उम्म्ंम्ं
मैने तुरंत निशा का एक हाथ पकड कर अपने खड़े लण्डपर लोवर के ऊपर से रख दिया और बोला - बस इसे चुस कर शांत कर दो दीदी
निशा मुझसे अलग हुई - नही राज तु पागल है क्या ,,बाहर राहुल और मा है कैसे होगा सब
मैने निशा को पकड़ा और कमरे की खिडकी के पास ले आया और दरवाजा भिड्का दिया अच्छे से और तुरंत अपना लोवर क्छ्छे के साथ नीचे उतर दिया जिससे मेरा लण्ड टनटना गया और दीदी को सलामी देने लगा
फिर मैने अपना खड़ा लण्ड सहलाते हुए दीदी को बोला जो एक टक मेरे खड़े लण्ड को देखे जा रही थी
मै - दीदी मै खिडकी से बाहर देख रहा हू आप निचे बैठ कर ... प्लीज
दीदी मुस्कुराइ और मुझे लिप किस्स किया, फिर निचे बैठ गयी ।
और मुझे देखते हुए अपनी जुबान बाहर निकाली और धीरे से मेरे लण्ड के सुपाडे को चाटा
आह्हह दीदी ,,,, फिर निशा ने मुह खोल कर पुरा लण्ड भर कर चूसना सुरु कर दिया
मैने निशा के सर पर हाथ रखकर उसके मुह में हल्के धक्के लगाने लगा
और पर्दे के पीछे से ही कीचेन मे देख रहा था जहा चाची खाना बना रही थी
मैने निचे देखा निशा लगातर तेज़ी से मेरा लण्ड चूसे जा रही थी और मेरी आहे निकल रही थी
मेरी नजर किचन मे खडी चाची पर गयी वो अपनी साडी को कमर को खोसे हुए खडी होकर खाना बना रही थी
मै चाची के गदराये बदन को देख कर और उत्तेजित हो गया। उनकी गांड का उभार मेरे लण्ड मे उत्तेजना ला रहा था और मै कब उनकी मदमस्त ज्वानी को अपनी कलपनाओ मे नंगा करते हुये तेज़ी से अपना हाथ निशा के सर को पकड कर आगे पीछे करने लगा मुझे पता ही नही चला
मेरा ध्यान तब टूटा जब निशा मेरे जांघो पर मुक्का मारने लगी
मैने निचे देखा तो मै उसके मुह मे झड़ चूका था मेरा सारा माल उसके चेहरे पर फैल रहा है ,, निशा की आँखे लाल हो गयी है और आंसू निकल रहे है और फिर भी मेरा लण्ड तेजी से उसके मुह मे अन्दर बाहर हो रहा है
मै उसकी स्थिति देखी तो तुरंत लण्ड बाहर निकाल लिया
निशा लगातार खासे जा रही थी और फिर बिना कुछ बोले बाथरुम चली गई ।
मुझे मह्सूस हुआ कि निशा को ये पसन्द नही आया तो मै बाथरूम के पास गया और बोला - सॉरी दीदी पता नहीं मुझे क्या हो गया था,,,प्लीज माफ करना
निशा मेरी आवाज सुनते ही गुस्से मे बाहर आई बोली - क्या सॉरी राज ,, तुम तो जानवरो की तरह कर रहे थे मेरे साथ मुझे कुछ हो जाता तो
मै - उसके मुह पर हाथ रखकर बोला - सोचना भी मत,,, प्लीज माफ कर दो
और मेरे आँखो मे आंसू आ गए
पता नहीं मुझे क्या हुआ लेकिन उस चिज के लिए मुझे बुरा मह्सूस हो रहा था ।
मेरी हालत देख कर निशा ने मुझे गले ल्गा लिया
निशा - ये आखिरी बार था आगे से ऐसा कुछ मत करना ,,,,, और तु बाहर क्या देख रहा था तबसे की तेरी नजर ही नही हट रही थी
मैने झूठ बोला - वो तो मै नजर रख रहा था कि कहीं कोई आ न जाये ,,सॉरी दीदी
निशा - चल ठीक है तू जा मै थोड़ा काम कर लू कल सुबह ही निकलना है
मैने निशा को गाल पर एक किस्स किया और चाची से मिला और कल सुबह आने को बोल कर घर आ गया
अब देखते है आगे क्या होने वाला है