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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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सभी बड़े बुजुर्गो एवं बाल गोपापाठकों को होली की हार्दिक शुकानाएं
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अपने लाड़ले भतिजे अमन की शादी होने की खुशी मे आपकी अपनी संगीता बुआ के तरफ से सप्रेम भेंट
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DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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बहुत ही सुंदर और लाजवाब चुदाईदार अपडेट हैं भाई मजा आ गया
अगले धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा


आज दोपहर में आयेगा अगला अपडेट
 

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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UPDATE 15

अगली सुबह मै और रोज की तरह नहा धो कर नीचे आया तो दीदी मे नाशता दिया और मै नास्ता करने लगा ,,,,
मैने किचन मे देखा , फिर बेडरूम में देखा ,,, ना मा थी ना मौसी

तो मैने दीदी से बोला - अरे दीदी , ये मा और मौसी कहा है
दीदी - भाई वो आज दोपहर को मौसी अपने घर जा रही है ना तो पापा उनको और मा को बाजार से सामान दिलाने ले गये है ।

मै सोचने लगा अबे यार मौसी आज क्यो जा रही है मैने तो अभी उनको अच्छे से चोद भी नही पाया ,,,, और ये पापा भी ना उनको बाजार लेके चले गये ।
तभी मेरा दिमाग ठनका कही वो गोदाम पर चोदने तो नही ले गये ना ,,,,

मै जल्दी से उठा और बिना नाश्ता किये ही बर्तन वाले दुकान की तरफ भागा

करीब 3 मिनत दौड़ने के बाद दुकान से एक गली पहले ही रुक गया और खुद को शांत किया फिर आराम से इधर उधर देखते हुए दुकान की तरफ गया तो देखा की दुकान पर तो ताला बंद है तो मुझे लगा की शायद वो मार्केट ही गये हो

मै वापस घर आया और दुकान खोला थोडी देर बाद मौसी और मा आई

मै - मौसी आप आज क्यू जा रही है
मौसी - लल्ला वो रमन को वहा बहुत दिक्कत हो रही है अकेला है वो वहा
मै मन मे - हा परेशान तो होगा ही 3 दिनो से चुत जो नही मिली होगी

फिर मा और मौसी ऊपर चले गये और मै लंच टाइम का इंतजार करने लगा क्योकि उस समय मा को नीचे दुकान मे आना ही पडता है तभी मै ऊपर खाना खाने जा पाऊन्गा

दोपहर में मा निचे आई और मै ऊपर गया तो bedroom मे मौसी पैकिंग कर रही थी
मैने चुपचाप दरवाजा बंद किया और पीछे से मौसी को जकड़ लिया

मौसी - अरे अरे लल्ला छोड मुझे क्या कर रहा है
मै - मौसी क्यो जा रही हो कुछ दिन रुक जाओ ना ,,, आप चली गई तो मेरा क्या होगा अभी तो मैने आपको सही से चोद भी नही पाया

मौसी मुस्कुराते हुए- क्या करू लल्ला वहा रमन अकेला है ,,,, और मै तो आती जाती रहूँगी ना

मै - लेकिन इसका क्या होगा ,,मैने पैंट से अपना खड़ा लण्ड बाहर निकालते हुए कहा

मौसी मेरे खड़े लण्ड को देखते ही खो गई और मेरे लण्ड को हाथ मे लेके सहलाते हुए बोली - आजा ,,जाने से पहले इसको शांत कर दू

फिर वो निचे बैठ के मेरा चूसना शुरू कर दी
मै - अह्ह्ज ओह्ह्ह मौसी कितना अच्छा चुस्ती हो लण्ड,,,, आप बहुत याद आओगे

मौसी मुह से लण्ड निकाल कर - हा ल्ल्ला याद तो मुझे भी आयेगी तेरी और तेरे पापा की ,, इन तीन दिनो मे तेरे पापा मे मुझे 8 10 बार चोदा और तो और अभी तेरी मा और मै गोदाम से चुद के ही आ रहे है
इतना बोल मौसी वापस से लण्ड चूसने लगी

मै - आअहह मौसी कितनी बड़ी चुद्क्क्ड हो तुम
और उनका सर पकड के तेज़ी से उन्के मुह मे पेलने लगा

मौसी अपनी आँखे ऊपर करके लगातार मेरी आंखो मे देखे जा रही थी और मै भी उनकी आँखो मे देखते हुए उनकी मुह चुदाई करते हुए मुह मे ही झड़ गया

लेकिन मेरा लण्ड अभी कहा शांत था
झदने के बाद मै मौसी के मुह से लंड निकाला जो की पुरा मेरे रस और मौसी के लार से भिगा हुआ था जिसे वापस मौसी ने मुह मे लेके चुस्ते साफ किया
फिर मैने बिना कुछ बोले मौसी को खड़ा किया और ब्लाऊज खोलने लगा

मौसी - अरे बेटा अब तो शांत हो गया ना तेरा लण्ड फिर क्यू मेरे कपडे निकाल रहा

मै मुस्कुराते हुए मौसी को निचे देखने का इशारा किया तो मौसी ने मेरा फनफनाता लण्ड देखा जो अभी भी माल निकलने के बाद भी एकदम टाइट खड़ा था

फिर मैने मौसी का ब्लाऊज खोला और उनको बेड पर धकेल दिया और उन्के ऊपर चढ़ कर उनकी चुचीयो को चूसने लगा

और फिर उनकी साडी उठाई और उनकी पाव जैसी नरम फुली हुई चुत देख कर मुझ्से रहा नही गया और मै निचे झुक कर उनकी चुत को चातते हुए उनके चुचो को म्सल्ने लगा

मौसी - आह्ह ल्ल्ला तू मुझे पागल कर देगा ,,और मेरा सर पकड़ के चुत मे दबाने लगी ,,,,,हा लल्ला और चुस ऐसे ही ,,,खा जा मेरी चुत ,,,,उह्ह्ह्ह उफ्फ़फ्फ्फुह्ह्ज्ज अझ्ज्झ्ह्ह्ह्ह ,,,, और मौसी तेज़ी से अपनी गांड पटक कर झडने लगी और उनका कामरस मेरे मुह मे भरने के बाद भी उनकी गांड तक रीसने लगा

चुत को अच्छी तरह से साफ करने के बाद उनकी जांघो को उठा कर उनकी गद्देदार गांड की छेद पर रिसकर एकठ्ठा हुए कामरस को अपनी जीभ से चाटने लगा जिससे मौसी की आहे और दब सी गयी लेकिन सासे लम्बी होने लगी

मौसी - उफ्फ़फ्फ ललला क्या कर रहा है वहा पर किसी ने आज तक जीभ नही लगाया
आह्ह्ह्ह्ह मा उफ्फ्फ रुक जा ल्ल्ला मै अब सम्भाल नही पाऊंगी

मैने 2 4 बार जीभ और घुमाया और गांड से चुत के दाने तक एक सीध मे जीभ को घिसता हुआ मौसी को छोड दिया
फिर खड़ा हुआ तो देखा मौसी चरम सीमा पर उस सुख को पाने के लिए तैयार थी जो मेरा लण्ड उन्हे देने वाला था

फिर मैने अपना लण्ड उनकी पाव जैसी फुली, कामरस से गीली और महकती चुत पर रगड़ना शुरू किया ,,,, जब भी मेरा सुपाड़ा उन्के चुत के दाने को रगडता तो मौसी की एक शांत और नसे मे लिप्त दबी हुई सिसकी निकल जाती

फिर मैने अपना लण्ड उनकी चुत मे डाला और एक जोरदार धक्का देकर पेल दिया
मौसी - आह्हह ल्ल्ला कितना तप रहा है तेरा लण्ड,,, अब रहम मत कर और चोद दे मुझे

मै बिना कुछ बोले तेज़ी से मौसी की चुत को फाडने लगा
पुरा कमरा थप थप और मौसी की सिसिकियो की आवाज से गुज रहा था

कारिब 15 मिनत की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मै उन्के चुत मे ही झड़ गया और इस दौरान मौसी भी 2 बार झड़ गयी

और फिर मै उनके ऊपर गिर पड़ा

अब देखते हैं कि आगे के अपडेट मे क्या होता है
 
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