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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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UPDATE 007


अब तक :
मौसी - अच्छा ऐसा क्या , चल मै भी देखू कितना जोर है तेरे उन्के मे ,,लेकिन मै बस छिप के सुनुगी बस

मा - हिहिहिही ,,,ठीक है दीदी फिर वो दोनो नीचे जाने लगी ।

मैने अपनी आँखे खोली और सोचने लगा अबे क्या हो रहा है मेरे घर मे कही सपना तो नही देख रहा हूँ

अब आगे :

मा और मौसी दोनो नीचे जाने लगे , मुझे भी नीचे जाने का मन करने लगा क्योकि मुझे बचपन का वो वाक्य याद आने ल्गा था जब पहली बार पापा ने मम्मी से खुल कर मौसी की चुचियो की बात की थी । ये सब सोचकर मेरा लंड खड़ा हो गया था और आगे क्या होने वाला है इसके लिए उत्तेजना होने लगी थी

करीब 5 मिनट बाद मै उठा और नंगे पैर नीचे जाने ल्गा जब सबसे निचली मंजिल की सीढ़ी की तरफ नीचे देखा तो भाग्य से सीढ़ी खाली मिली
मुझे डर था कि कहीं मौसी सीढ़ी पर ना बैठी हो और मुझे मम्मी पापा की चुदाई वाली बात ना सुनने को मिले ।

जब मै दुकान के आखिरी सीढ़ी तक गया तो मैने देखा मम्मी और पापा पिछ्ले कमरे मे है और मौसी कमरे के खिड़की के पास खडी है

जब मैने देखा तो मौसी सिर्फ ब्लाऊज पेतिकोट मे थी और उन्होने अपने चूड़ी कंगन पायल सब निकाले हुए थे ।

ब्लाऊज मे कैद उनकी बड़ी बड़ी रसीली चूचियो और भारी भरकम पेतिकोट मे कसाव लिये 44 साइज़ के चुतड़ देख कर मेरा लंड और कसने लगा ,,,, मै सोचने लगा मौसी काश मैं भी आपको भोग पाता

मौसी बड़े ध्यान से बंद कमरे मे खिड़की से देख रही थी और अन्दर मम्मी पापा मे बात चित हो रही थी साथ मे मा की सिसकी भी आ रही थी ।

पापा - सुनो जान अब तो लंड चुस लो मेरा , कबसे चुत चटवा रही हो
मा - कहो तो दीदी को बुला दू आकर चुस ले आपका लंड ,,, आज तो वो यही है ना ,,,,,हिहिहिहिह
पापा - वाह्ह मेरी रान्ड क्या बात कही है तुने ,,,, काश रज्जो दीदी मेरा लण्ड चुस्ती और मैं उनके भारी चुचो मे लंड मसल पाता

ये सुन कर मौसी शर्मा रही थी और मुस्कुरा के अन्दर देख रही थी

मा - ह्य्य्य देखो कितना तडप रहे हो मेरी दीदी के लिए
लाओ मेरे राजा मै लंड चुस्ती हू
फिर गुगुगुगगहू की आवाज आने लगती है

पापा - ओह्ह्ह मेरी रान्ड ,,, कितनी अच्छी तरह से चुस्ती है लंड ओह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह उम्म्ंम ऐसे ही चुस

पापा - रागिनी एक बात बता
मा - स्स्स्स्र्रृऊउऊप्प्प करके ,,हो बोलिये जान
पापा - ये कमल भाई ( मौसा) इतने दिन तक इतनी गदाराई माल (मौसी) से दूर कैसे रहते है
मा - पता नही जी गुगुगुगगगग
पापा - अगर तुम इतनी बड़ी रान्ड हो गयी है कि बिना एक दिन लंड किये सोती नही है तो तेरी दीदी कैसे रह लेती है

ये बात कह कर मानो पापा ने मौसी की दुख्ती रग पर हाथ रख दिया हो , उनका जोश बढने लगा और अपना जीभ होटों पर फिराते हुए ब्लाऊज के ऊपर से ही चुचिया म्स्ल्ने लगी ,,,

मौसी का ये रूप देख कर मेरा लौंडा फटने को आ गया , मन तो कर रहा था कि मै जाऊ और मौसी को भी उनके हक का प्यार दू
लेकिन मेरा लंड अब लोवर मे पुरा टनटना गया तो मैने उसे लोवर से बाहर निकला तो कुछ राहत हुई

मा - हा जी मुझे भी दीदी का ये दर्द देखा नही जाता क्या करू आप ही बताओ
पापा - अगर तुम कहो तो मै उन्की चुत की आग बुझा दू
मा - ओहो बड़े उतावले हो रहे हो दीदी को चोदने के लिए ,,, चलो पहले मेरी चुत मे लंड डालो
थोडी देर बाद थपथप की आवाज आने लगी और मौसी भी पेतिकोट के ऊपर से चुत रगड़ने लगी ये देख मै भी अपना लंड मस्ल्ने लगा ।

फिर पापा की आवाज आई - मेरी जान कोसिस करो ना तुम रज्जो दीदी को मनाओ मेरे लिये
आज सुबह जब से उसको देखा है नजर उसके थन जैसी लटकती चुचियो पर है ना जाने कितना कामरस भरा होगा उन रसीले चुचो मे

मा - ओह्ह्ह आह्ह्ह्ह ह्म्मोह्ह्ह उफ्फ्फ लेकिन दीदी मनेगी इसके लिए मुझे तो नही लगता

पापा - ह्ह्य्य्ह्ह्ह वो तुम्हारी बात मानती है और तुम्हे नही लगता रज्जो दिदी को भी सुख भोगने का हक है

मा - ओह्ह्ह अह्ह्ह्ह हम्म्म ठीक है मेरे राजा मै आपके लिए दीदी को मनाऊंगी
लेकिन अभी के लिए मुझे ही रज्जो दिदी समझ के चोद लो मेरी जान

ओह्ह्ह्हू य्ह्ह्ह्ह्ब उफ्फ्फ्फ आह्ह्ह्ह्बब। थपथप थप थप थप थप थप थप थप उफ्फ्फ उअह्ह्ज उह्ह्फ्फ्फ

उधर मौसी अंदर देखते हुए अपने चुत को पेतिकोट के ऊपर से रगड़ते हुए झड़ गयी
उनका पेतिकोट आगे से भीग गया और वो दीवाल से लग कर हाफ रही थी

हाफते वक़्त उनकी तेज़ सांसो से चुचिया ऊपर नीचेहो रही थी,,,
और मै अपनी गदाराई मौसी का ये काम से भरा रूप देखकर जल्दी से ऊपर आ गया और जल्दी से बाथरूम मे घुस कर तेज़ी से मौसी की हवस भरी हरकतो को सोचते हुए झड़ने लगा

आज पहली बार मेरे लंड से माल निकला था लेकिन मन में अभी भी मौसी को चोदने का ख्याल भरा था
मै जल्दी से बाथरूम से निकल कर चटाई पर आ गया
क्योकि मुझे पता था कि मौसी अब ज्यादा देर रुकेगि नही और हुआ भी ऐसा ही मेरे छत पर पहुचने के 5 मिनत बाद मौसी आई ,,,,और बाथरूम चली गयी
फिर मै आँखे बंद करके मौसी को अपनी कल्पनाओ मे भोगते हुए कब सो गया पता नही च्ला ।


दोस्तो आगे के अपडेट मे देख्ते है की क्या राज के पापा को मौसी मिलेगी या नही

आपके सुझावों का स्वागत है और निःशुल्क प्रेम भरे टिप्पणियों का भी

धन्यवाद
 
Last edited:

DREAMBOY40

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Mast update but short

मै मोबाइल से ही अपडेट देता हू क्योंकि,,,, कंप्यूटर पर हिन्दी टाइपिंग नही आती

आपकी प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद
कोशिस करुगा कल सुबह एक बडे अपडेट की ।
 

Kapil Bajaj

Active Member
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दोस्त आप की कहानी बहुत बढ़िया है हीरो को मजा लेने दो यार दूसरे के रेक्टरों में मजा नहीं आ रहा उसका बूढ़ा बाप पूरा चाचा बूढ़ा फूफा मजा नहीं आ रहा हीरो के साथ सेक्स करवाओ बड़े भाई अपडेट थोड़े बड़े दो आपका दोस्त KAPIL
 

DREAMBOY40

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दोस्त आप की कहानी बहुत बढ़िया है हीरो को मजा लेने दो यार दूसरे के रेक्टरों में मजा नहीं आ रहा उसका बूढ़ा बाप पूरा चाचा बूढ़ा फूफा मजा नहीं आ रहा हीरो के साथ सेक्स करवाओ बड़े भाई अपडेट थोड़े बड़े दो आपका दोस्त KAPIL


मै इसी सवाल के इन्तज़ार मे था मित्र
चूंकि कहानी अभी flash back मे चल रही है जिसमे कहानी के मुख्य पात्र "राज" के बचपन से 21 साल तक के सफ़र मे जो घटनाए हुई है उनका विवरन है और अतीत की सारी बाते राज की ही जुबानी होगी ।

जैसे ही कहानी वर्तमान में वापसी करेगी सारी घटना राज के हिसाब से होने लगेगी ।
 

aalu

Well-Known Member
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Raaj 19 saal ka ho chuka hain... aur aise mahaul mein rah raha hain jahan pe agal bagal mein shab sex mein sanlipt hain aur khul ke pariwarik rishto mein bhi sambandh bana rahe hain... toh kya raaj ne kabhi kosis na kee... jab uske dost chandu ke kisse isne sune toh kya kabhi isne apni behen ke baare mein uss tarah ke khayal man mein na soche.. kya kabhi usse chherkhani bhi na kari isne utne saalo mein.... aur abhi jab apni mausee ko iss halat mein dekha toh wo aasani se yehan pe kuchh bhi kar shakta tha... aur iski mausi shayad rok na paati.... kyunki wo koi atrang palo mein ekant mein na lipt thee.. wo iske maa-baap ke sambhog kriya ko chhupe hue dekh rahi thee... lekin usne kuchh na kiya... khair aise halato ko dekhte hue toh sareef launde bhi tharkee ho jaate hain...

you are writing well.. specially reading any erotica in devnagri gives extra feel...
:applause: :applause: :applause:
 
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