UPDATE 006
अब तक :
पुजा दिन मे थी और मेरा घर छोटा होने से सभी रिस्तेदार अपने घर चले गये । सिवाय मेरी रज्जो मौसी के
क्योकि मेरे दोनो बुआ की सादी एक ही घर मे हुई थी जो 5km दूर एक गाव मे हुई थी ।
और मेरे मामा मामी भी पास के थे ।
लेकिन मौसी की सादी शहर मे हुई थी तो मा ने उनको जिद करके रोक लिया बोली कुछ दिन बाद जाना ।
अब आगे :
घर मे सब हसी खुशी बीत गया ।
नया परिचय
मौसी - रज्जो , मेरी का एक्लौती बहन है । उम्र 48 साल, रंग गोरा और बदन हर तरफ से भरा हुआ , उनकी बड़ी बड़ी चूचि और गहरी नाभि और बड़े बड़े पहाड़ जैसे चुतड़,,,,, 42 36 44 का साइज़ ,,,उफ्फ़
मौसा - कमलनाथ , उम्र 52 साल , नौकरी करते है पंजाब मे तो घर आना जाना कम है ।
रमन - मौसा मौसी का एकलौता बेटा , थोडा दुबला पतला है लेकिन बहुत मेहनती
उम्र 24 साल घर पर ही बेकरी का दुकान है ।
( पाठक ध्यान दे ये कहानी अभी flash back मे चल रही है लेकिन नये पात्र का विवरण वर्तमान समय का ही है । )
वापस कहानी पर
मै मौसी के आने से बहुत उत्साही था लेकिन मेरे साथ कोई और भी था जिसे रज्जो मौसी का रुकना बहुत पसंद था ।
उस दिन खुब सारी बाते हुई फिर रात मे सब खाना खा कर सोने चले गये ।
गर्मी का मौसम था तो मा और मौसी छत पर सोने वाले थे तो मै भी उन्के साथ चला गया सोने
मा आज मौसी से बहुत दिन बाद मिली थी फोन पर हाल चाल होता था लेकिन पिछ्ले 10 साल बाद मौसी हमारे घर आई थी क्योकि कुछ दिन वो मौसा के साथ पंजाब थी फिर कुछ साल पहले ही शहर मे वापस आई थी और रमन ने एक बेकरी की शॉप खोली थी ।
मैने चटाई बिछाई फिर लेट गये ।
मै मौसी के एक तरफ मे सोया और मौसी के दुसरी तरफ मा
मौसी मेरे मा से कहती है - छोटी आज गर्मी बहुत है तेरे पास कोई मैक्सि है क्या
मा हस्ते हुए बोली - क्या दीदी मेरा साइज़ आपको होगा ही नही ।
क्यौंकि मा और मौसी मे बहुत मेलजोल था और एक दुसरे से खुल के रह्ती थी । तो हसी मज़ाक होना बनता था ।
थोड़ा समय बीत गया और मुझे उन दोनो के हसी मज़ाक मे बहुत मज़ा आ रहा था तो मै सोने का नाटक करने ल्गा
मा - अरे दीदी सारी उतार दो ना अगर गर्मी ज्यादा है तो आप तो शहर मे एसी मे सोती हो यहा कहा वो सुविधा
मौसी - सारी तो निकाल दू छोटी लेकिन डर है कही राज के पापा ना आजाये और उनको मेरा माल खुले मे मिल जाये ,,,,हहह्हाहहह
मा - क्या दीदी आप भी उनको छेड़ने का मौका नहीं छोड़ती
मौसी - अरे कैसे छोड़ दू मेरे चुचो के दिवाने को ,,,,,,हहहहह्हाहह्हहा
मा - श्श्श्श्श्श्ह्श .. क्या दीदी राज सो रहा है कुछ तो सोच के बोलो
मौसी - अरे वो कबका सो गया दिनभर काम किया बेचारा
वैसे तु आज जमाई जी के साथ सोने नही गयी
मा - अरे दीदी मन तो मेरा भी है लेकिन आपको छोड़ के कैसे जाऊ
मौसी - अगर तेरा मन ना हो तो मै चली जाऊ , वैसे भी दीवाना है मेरे वो ,,,,,, हहहहहहा
मा - अच्छा ठीक है बाबा मै जा रही हू .... आपका भी मन है तो आजाओ बहुत जोरदार चोदते है राज के पापा ,,,,,हिहिहिहिही
मौसी - अच्छा ऐसा क्या , चल मै भी देखू कितना जोर है तेरे उन्के मे ,,लेकिन मै बस छिप के सुनुगी बस
मा - हिहिहिही ,,,ठीक है दीदी फिर वो दोनो नीचे जाने लगी ।
मैने अपनी आँखे खोली और सोचने लगा अबे क्या हो रहा है मेरे घर मे कही सपना तो नही देख रहा हूँ
दोस्तो आगे के अपडेट मे हम जानेंगे कि क्या होने वाला है
स्टोरी कैसी जा रही है इसका राय अवश्य दें ।
धन्यवाद