UPDATE 003
अब तक :
मा - उससे काम नही चलेगा मुझे जल्दी से ये लण्ड मेरी गरम चुत मे चाहिये
मेरे पापा और मम्मी के बिच हुए ऐसे बातचित से मै बहुत शौक हो गया मेरे मन में बहुत सारे विचार आने लगे और मै उनकी बाते सुनने लगा
अब आगे :
मुझे अपने मा और पापा के बिच हुए इस सेक्सुअल बात चित से बहुत गरम मह्सूस हो रहा था
मै कल्पना करने लगा पापा की सिस्कियो मे कि लंड चुस्वाने का आभास कैसा होगा
फिर मुझे थपथप की आवाजे आने लगी
मा - ओह हा राजा ऐसे ही चोदो मुझे आह अह हम्म्म्म्ं अह्ह्ह्ह हम्म्म्म अऊओह्ह्ह
पुरा दिन चुत कुलबुलाने से तडप जाती हू राज के पापा
पापा - हाफ्ते हुए , हाअय्य्य्य्य हा मेरी रान्ड मै जानता हू तु बहुत गरम माल है
कहो तो कल दोपहर मे भी चोद दू
मा - नही नही कल रविवार है और बच्चे भी घर पर रहेंगे
मै रात का इन्तेजार कर लुंगी अह्ह्ह हाआआ ओह्ह्ह्ह हम्म्म्म और तेज़ राजा और तेज़जजज़्ज़ उह्ह्ह्ह हा ऐसे ही
ओह्ह्फ्फ्फ्फ हुउउउय उम्म्ंम अह्ह्ह
फिर मुझे लगा ये सब देर तक चलेगा और मुझे नीद भी आ रही थी
तो मै वापस चुपचाप ऊपर आया और थोड़ा देर मम्मी पापा की बात को सोचते हुए सो गया
अगले दिन रविवार था
मै इस दिन के हमेशा तैयार होता था
क्योकि इस दिन मै अपने चाचा के घर जाता था हर रविवार को
मेरे चचा और पापा के बीच अच्छी मेल जोड़ थी
मेरे मुहल्ले मे ही मेरे चचा रहते थे उनकी कपड़े की दुकान थी
नया परिच्य
चाचा - जंगीलाल , उम्र 46 , सादा जीवन उच्च विचार का स्वभाव लेकिन हमसे आमिर थे तब उन्के घर मै हर रविवार टीवी देखने जाया करता था और खाना पीना सब वही होता था ।
चाची - शलिनी , उम्र 42 , सुन्दर और कामुक महिला थी
उनका साइज़ 36 34 36 है लेकिन और चाचा चाची मे प्रेम बहुत था ।
मेरी मा बताती थी की पहले जब चचा और चाची की सादी तय हुए तो उसी समय मेरी दादी की मौत हो गयी जिससे मेरे दादा जी वो रिस्ता तोड़ने वाले थे लेकिन मेरे चाचा ने जिद की अगर उससे सादी नही हुई तो वो अपनी जान दे देने और फिर बाद मे उन दोनो की सादी हुई
निसा - चचा की बेटी , वर्तमान मे 22 साल की है थोडी हलकी भारी बदन वाली है 34 32 36 का साइज़ है और इसी साल सादी हुई है । मेरा इन्से बहुत लगाव था और वो भी मुझे बहुत मानती थी
राहुल - उनका बेटा , अभी वर्त्मान मे इसकी उम्र 19 साल है और 12वी कर रहा है हमेशा घर पर ही रहता था और इसिलिए सब इसे मन्द बुद्धि कह्ते थे लेकिन चाची का दुलारा था ।
मै हर रविवार की तरह उठा और डब्बा मे पानी लेकर चंदू को आवाज देने उसके घर पहुच गया
क्योकि मै रोज सुबह उसी के साथ शौच के लिए खेतो मे जाता था , भले ही मेरे यहा टॉयलेट की वयवस्था थी लेकिन जैसा गाव मे बड़े बुजुर्ग कह्ते ही सुबह का हवा पानी लेना चाहिए
फिर मैने चंदू को आवाज दी तो उसकी मा ने दरवाजा खोला
उनको देख्ते ही मुझे कल दोपहर की घटना याद आने लगी और मै थोड़ा हिचकते हुए रजनी से पुछा
मै - दीदी चंदू कहा है उठा नही क्या अभी
रजनी - रुक बाबू मै अभी जगा के भेजती हू
रजनी उस समय एक ढीली मैक्सि मे थी फिर भी उसकी चुचिया पुरा उबार लिये हुए थी
ज्यो ही वाह घूमी अंडर जाने को उसकी गांड हिलोरे खाते हुए जा रही थी
फिर थोडी देर बाद चंदू आँख मल्ते हुए डब्बे मे पानी लेके आया
फिर हम दोनो खेत की तरफ चले गये ।
मै और चंदू काफी गहरे दोस्त थे वो अक्सर अपने घर की बात बताया करता था और मै भी ।
मै रास्ते भर रजनी की चुचियो का उभार को अपनी कल्पना मे सोचते हुए चल रहा था
मुझे चुप देख चंदू बोला
चंदू - अबे का हुआ काहे चुप हो नानी ने गाड़ पर रख तो नही न दिये सुबह सुबह
( क्योकि मै चंदू की मा को दीदी कहता था इसिलिए वो मेरी मा को नानी और पापा को नाना बोलता था लेकिन मुझे नाम से और मेरी बहन को दीदी कहता था )
मै - रजनी के ख्यालो से बाहर आते हुए ,,,,,नही बे रात मे देर से सोया था तो नीद आ रही है
चंदू - कही नाना नानी की चुदाई तो नही ना देख रहा था ,,, ठहाका लगाते हुए बोला
मै - अबे साले नही बे ,,, मेरे साथ ऐसा कभी कुछ नही हुआ मैने झूठ बोला ताकि उससे कुछ बात निकलवा सकू
मै - तु बता जैसे कि बड़ा देखा हो अपने मम्मी पापा की चुदाई ,,, जो ऐसे बोल रहा है
चंदू - हा देखी ना कल दोपहर मे ,,, जब तु कान लगा के सुन रहा था मेरी मा के रुम के बाहर
मै चौक गया की इसको कैसे पता ये सब
आगे के अपडेट मे हम देखते है कि दोपहर की बात खुलने चंदू और राज मे क्या बाते होगी ।
आपके प्यार और स्नेह भरी प्रतिक्रया की प्रतीक्षा रहेगी ।
धन्यवाद