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9 baje tak a jayegaBro please give update
You too broHappy holi bhai
Aap ko aap ke pariwar ko holi ki bht bht
Shubkamna ye holi aap ke jiwan me naye naye rango ke aap ka jiwan bhar de
Excitement aur bad gayi
Now it's getting interesting didn't thought of get foursome of these four
Ragini rajjo two sisters are slut hope to see these 2 sister fucked their sons together ragini with anuj raj rajjo with Raman all together
Fantastic update Bhai... waiting more
Thanks For Update Bhai![]()
Mazedaar update Bhai![]()
Jordar zabardast,
Murari ne apane dil ke raaz khole to Mamta ne Murari ko aur khol diya,
Ragini Rajjo ne milkar Sheela ko dono or se pel diya..
Do jawan jodon ne patti bandh kar chudai ka khel kia...
Kul milakar behatareen update mitra aur humesha ki tarah aage ka intezar hai
Maza hi aa gya lajawab
Hot update
Very nice update waiting for more
hello
Yeh rahul achanak ghar kaise pahunch gaga woh toh Shalini ke pass tha
kya bat he DREAMBOY40
ek hi update me itna sara masala....
Bahut hi mazedar kammuk update
Love
Pratiksha agle rasprad update ki
बी
बहुत ही शानदार मजेदार और रोमांचकारी अपडेट है
सोनल और अमन की सुहागरात होने वाली है लेकिन उससे पहले निशा ने कॉल कर दिया राज रीना भाभी को पेल रहा है बेचारे अनुज के हाल बेहाल है शालिनी की चुदाई देखकर गरम हो गया है
Sir age se nhi kaam se bada hona chaiyavese aap mere dreamboy ban chuke ho
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2021 की होली में काफ़ी चीजें अधूरी रह गई थी उम्मीद है इस होली में पूरी भरपाई होगी.
Kyu bhai maja nhi aya kya jo esa bol raha ho
Bhai maine to thoda sa apna yogdan diya h rony bhai k liye kyu ki kyu ki unko ragini or salini k sath anuj ko dekhna tha to kar diya![]()
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उस साल होली वाला अपडेट सितम्बर के महीने आया था, जबकि इस बार होली और अपडेट एक दूसरे के साथ aligned होने वाले हैं
Compare krna band kro bhai. Sbki personal life h tym milte hi ddte h update
Sonal aur Aman ki chudai to btayi hi nhi
Kb update doge bhai
रंगो का पर्व, आपके जीवन में रंग, हर्ष उल्लास लाये होली की हार्दिक शुभकामनाएं
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Bhai
Apne Thread mein likho.
Happy Holi bhai..enjoy your day!!
Maine bhi latest update post kiya hain..hope us par nazar daaloge..comments kaa intezaar rahega. Thanks.
DREAMBOY40
Brother what have you done now because of you dreamboy bro not giving update
Last update me maza nahi aaya Dearmboy bhai aap ki lekhanime jo maza aata hai woh nadarad tha. Pratiksha agle rasprad update ki
New update is postedHappy holi to all
Jabaddasti update diya haiUPDATE 196 D
अमन के घर
"अरे तो उठाओ ना देखो क्या बात है "
" नही यार वो परेशान करेगी अभी "
" हिहिही तो क्या हुआ साली है आपकी , हक है उसका "
" और मेरा ? "
सोनल हस कर - अरे उठाओ तो
अमन के वीडियो काल उठाया और मोबाईल सोनल को थमा दिया
" हाय जीजू , अरे तु !! " , निशा वीडियो काल पर सोनल को पाकर अचरज से बोली ।
सोनल ह्स कर - जीजू की बच्ची क्यू फोन कर रही है ।
निशा खिलखिलाई - तुने फोन क्यू उठाया और जीजू कहा है ?
सोनल ने अमन की ओर देखा तो उसने बाहर होने का इशारा किया ।
सोनल हसते हुए गालो के साथ - वो बाहर गये है ? क्या काम है बता
निशा ने फोन पर सोनल के उतरे हुए गहने देखे और हस कर - अरे आधा अधूरा काम छोड कर बाहर क्यू गये , सुहागरात पर प्रेशर आ गया क्या हिहिहिही
सोनल हस कर - आधा अधुरा मतलब
निशा ने हसते हुए उसके खुले पड़े जोबन की ओर इशारा करके बोली - गहरे उतरे हुए है और चोली चढ़ी हुई है , झुमके गायब है और लिपस्टिक फैली हुई है हिहिहिही
सोनल शर्मा कर हस्ती हुई एक नजर को देखा - चुप कर शैतान कही की और बता फोन क्यू की है ।
निशा खिलखिलाकर - वो मैने जीजू से एक वादा लिया था इसके लिए फोन किया था हिहिहिही
सोनल ने अचरज से अमन की ओर देखा जिसकी हालत खराब थी कि वो किस चक्कर मे फस गया
कही निशा ने गलती से भी कुछ बक दिया तो सारी बातें खुल जायेगी और उसकी शुरु होता नवजीवन सुहागरात मे ही कलेश से शुरु होगा ।
सोनल इशारे से उस्से पुछती है क्या बात है तो अमन लपक कर उससे मोबाईल लेके फोन काट देता है
सोनल - क्या हुआ , काट क्यू दिया
अमन - अह छोड़ो ना उसे ,
सोनल - क्या बात आप कुछ परेशान लग रहे है , सच सच बताओ आपको मेरी कसम
अमन अपना सर पीट कर - फिर एक और कसम ?
सोनल - मतलब !!
अमन - अरे सारे फसाद की जड़ ये कसम ही तो है
सोनल - कैसी कसम ,साफ साफ बताओ ना क्या बात है ?
फिर अमन बताता है कि कैसे निशा ने उन दोनो की चैट्स पढ ली और सासु मा को बताने की धमकी देकर उससे सुहागरात लाइव दिखाने का वादा ले लिया था ।
अमन - यार मुझे लगा कि वो बस मजाक कर रही थी लेकिन ये तो हद है ना !!
सोनल खिलखिलाकर हसती हुई - हा तो अब वादा पूरा करो , नही खानी चाहिए थी ना मेरी कसम हिहिहिही
अमन - क्या ? नही यार मुझसे नही होगा
सोनल उदास होने का नाटक कर - लेकिन मेरी कसम का क्या ? तोड़ दोगे आप !!
अमन उसको उदास होता देख झट से उसको हग करता हुआ - नही नही मेरा बाबू , ऐसे कैसे मै मेरे सोना की कसम तोड दूँगा
सोनल उसके सीने से चिपकी हुई - तो ? करू उसको वीडियो काल मै ?
अमन हसकर उसकी ओर देखा - तुम्हे तो कोई ऐतराज नही है ना
सोनल शर्मा कर मुस्कुराती हुई ना मे सर हिलाई और अमन को कस कर हग कर लिया ।
फिर अमन ने खुद अपने मोबाइल से वीडियो काल किया
सामने से निशा - हम्म्म क्या खिचडी पक रही थी मिया बीबी मे
अमन हस कर - खिचड़ी तो तैयार है बस चटाकेदार खटाई वाली साली की कमी लग रही है बस
निशा - ओहो सच मे , वैसे आपको अपना वादा याद है ना ? हिहिहिही
अमन- अरे ऑफकोर्स , कोई पागल ही होगा जो साली से किया हुआ वादा भूल जाये
निशा - ये हु ना जीजू वाली बात हिहिहिही
अमन - तो चलो आपको एक सही जगह पर सेट कर देते हैं
निशा को ताज्जुब हुआ कि कैसे अमन और सोनल इसके लिए तैयार हो गये
वही अमन मोबाईल को बेड मे लगे हेडबोर्ड एक रैक पर मोबाइल टिकाने लगता है
राहुल के घर
टिक टिक टिक टिक...
कभी करवट बदल कर तो कभी जांघो मे उठती खून की सरसराहट से बेचैन होकर
क्भी दिल मे उठते जज्बात से
कभी लन्ड मे होती कुलबुलाहाट से
पेट मे उड़ती तितली की गुदगुदाहट से
तो कभी फिर सांसो की बदलती गर्माहट से
अनुज परेशान था कमरे की बत्ती बुझे 20 मिंट से उपर हो गये थे , नाइट बल्ब की रोशनी मे वो बगल मे लेटी अपनी चाची के ब्लाउज मे सास लेते चुचो को निहार रहा था ।
भीतर एक तुफान सा उठा हुआ था , लन्ड की बेताबी उसे लहरों सी हिम्मत देती वही रिश्तो की खड़ी दिवार उसके अरमान ऐसे बिखरा देती मानो चट्टान से टकरा कर लहरे मुह की खा कर वापस लौट गयी हो ।
मगर लहरों की भी प्रकृति थी लौट कर वापस आना और वैसे ही कामोत्तेजना के आवेग रह रह कर अनुज के जिस्म मे उठ रहे थे ।
वही बगल मे लेती शालिनी के आंखो से नीद गायब थी , जन्गीलाल ने अपने मन की करके उसे प्यासा ही छोड़ रखा था । वही चुदाई के समय हुए उसके अनुभव से उसे प्कका यकीन हो गया था कि अनुज अभी तक जाग ही रहा है ।
शालिनी को थोड़ा बहुत असहज मह्सुस हो रहा था मगर हाल ही मे हुए उसके और अनुज के बीच के हुए संजोग से वो इस बात के लिए बहुत चिंतित नही थी
वो ये भी समझ रही थी कि जंगी की वजह से अनुज परेशान हो गया है और उसे नीद नही आ रही है ।
बदलते करवट और भीतर की बेताबी अनुज की कुनमुनाहट भरी आह से साफ नजर आ रही थी ।
शालिनी - नीद नही आ रही है क्या बेटा ?
अनुज की सासे अटकी और वो आंखे बड़ी कर छ्त को निहारने लगा , उसे लगा था कि चाची अभी तक सो गयी होगी ।
वो इस बात के लिए शुकरगुजार थी कि लाख लालच के बावजूद भी वो अपनी चाची के दूध की ओर नही लपका ।
शालिनी - क्या हुआ बोल ना ?
अनुज - अह हा चाची , नही आ रही है
शालिनी - हम्म्म चल उठ उपर चलते है टहलने के लिए, मुझे भी नही आ रही है
अनुज ने अंगडाई ली और वो उठ कर खड़ा हुआ
शालिनी भी बगल से बिस्तर से उतर गयी और दोनो कमरे से बाहर आकर निकलने लगे
शालिनी आगे थी और अनुज पीछे जैसे ही दोनो जीने के पास पहुचे
शालिनी - रुक जरा मै तेरे चाचा को देख लू ये सोये कि नही
अनुज को हसी आई मगर उसने खुद को रोका और जब शालिनी कमरे मे झाक कर तसल्ली कर ली तो मुस्कुराते हुए अनुज की ओर ब्लाउज
पेतिकोट मे अपने मादक चाल मे आती हुई - चल
ये बोलकर शालिनी खुद से ऊपर जीने की ओर जाने लगती है और जीने की सीढियां चढ़ते हुए शालिनी की मोटी चर्बीदार गाड़ उसके पेटीकोट मे कसे हुए गजब के कामुक शेप बनाते हुए मटक रहे थे
अनुज के मुह के जरा सा आगे ही चाची की गाड़ को हिलता देख उस्का लन्ड फड़फड़ाने लगा
जीने का दरवाजा खोल कर शालिनी खुली छत पर आकर - आह्हह सीई कितनी ठंड हवा चल रही है ना
रात के सन्नाटे मे दूर सिवान से कही सियारों की हुकार आ रही थी और गली के आवारा कुत्ते की भोभो भी ।
रात के करीब 11 बजने को हो रहे थे और सब तरफ अन्धेरा फैला हुआ था ।
चूकि राहुल का घर एक मंजिला थी तो गली मे लगे खम्भो की स्ट्रीट लाईट की रोशनी से छत पर इतना उजाला तो जरुर था कि करीब से एक दूसरे को स्पष्ट देख पा रहे थे दोनो ।
अनुज जो कि सिर्फ लोवर मे था ठंडी हवा उसके जिस्म के रोये रोए को सिहरा चुकी थी - हिहिही चाची सच मे ठंडी यहा हवा
शालिनी - हा तुने तो कुछ पहना भी नही
अनुज - निचे थोड़ा गर्म लग रहा था तो निकाल दिया
शालिनी अनुज की बात पर होठ दबा कर मुस्कुराई क्योकि वो समझ रही थी कि निचे कमरे की गर्मी बढ़ने का कारण क्या था ।
शालिनी इसपे कोई जवाब नही दिया और बस टहलते हुए वो दोनो छत के पीछे की ओर बढ़ गये जहा साफ सिवान नजर आ रहा था
यहा जीने की दिवाल की वजह से स्ट्रीट लाईट की रोशनी छिप गयी थी ।
चारदिवारी पर आगे झुक कर शालिनी भीतर चल रहे कौतूहल को सवाल का रूप देते हुए बोली -
तो बता नीद क्यू नही आ रही थी तुझे
अनुज सकपकाया कि अचानक से ये कैसा सवाल दागा उसकी चाची ने
शालिनी - क्या हुआ बोल ना , य्हा अच्छा नही लगा क्या ? या फिर तेरा मूवी देखने का प्रोग्राम मैने बिगाड़ दिया हिहिहिही
अनुज के जान मे जान आई और वो हस कर - हा चाची ऐसा ही कुछ, कल मेरी बहने चली जायेगी और हमने सोचा था कि हम लोग आज की रात तो साथ रहेंगे
शालिनी - ओह्ह सॉरी बच्चा , अब ये तेरा चाचा और मौसा देखा ना इन्ही लोगो की वजह से
अनुज - अरे कोई बात नही चाची , अब क्या ही कर सकते है मौसा जी तो टूल्ल होकर सो ही गये हिहिहिही और चाचा तो ..
अनुज अपनी बात अधुरी छोड कर रुक गया और भीतर उठती हसी को गटक गया ।
शालिनी समझ गयी और वो थोडा बात घुमाती हुई - हा वो तेरे चाचा का ऐसा ही है, जब पी लेते है तो उन्हे सुध नही रहती है कि कौन है कहा है , वो तो बस
अनुज - हम्म्म्म
शालिनी ने देखा कि अनुज ने कोई खास प्रतिक्रिया नही दी तो वो ज्यादा सफाई देती हुई - तू तो जाग ही रहा था ना , तुने तो देखा ही होगा कि मैने कितना मना किया उन्हे फिर भी
अनुज - मैने ? मैने कहा देखा कुछ
शालिनी की हसी उसके गालो मे समा गयी - हा मतलब तुने सुना तो था ना
अनुज के गाल भी अब मुस्कुराहट से भरने लगे थे - हा , उपर से बेड भी तो हिल रहा था !! हिहिहिही
शालिनी हस कर उसके गाल पकड कर खिंचती हुई - बदमाश कही का , सच मे तुने जरा भी घूम कर नही देखा
अनुज हस कर - सोचा कयी बार मगर मेरी हिम्म्त नही हुई ,
शालिनी - अच्छा वो क्यू ?
अनुज - आप लोगो का काम बिगड़ जाता ना और चाचू के वजह से तो डर ज्यादा लग रहा था ।
शालिनी उसके करीब हुई - अच्छा किया , नही तो तेरे चाचा बेचारे नजरे चुराते फिरते तेरी तरह
अनुज अचरज से - मेरी तरह ?
शालिनी हस कर - क्यू उस रात जब तु अन्जाने मे कमरे मे आ गया था और मै हिहिहिही
अनुज समझ गया कि चाची अच्छे मूड मे है तो वो भी हस कर - हा याद आया , आप उलटे होकर सोये थे और आपका वो हिहिहिही
शालिनी हस कर - धत्त बदमाश कही का , वो मुझे गर्मी ज्यादा होती है ना , देख इसीलिए यहा ब्लाउज पेतिकोट मे सोई थी और आज तु था नही तो मै ....?
अनुज शालिनी के वाक्य पूरा करने के इन्तेजार मे उसकी ओर जिज्ञासा से देख रहा था और उसकी जिज्ञासा उसके लन्ड को उठाए जा रही थी ।
शालिनी ने पाया कि अनुज अभी भी चुप होकर उस्की ओर देख रहा है तो वो समझ गयी कि वो बात पूरी होने के इन्तजार मे है
शालिनी हस कर - मतलब मै ये ब्लाउज भी उतार कर सोती हु , पूरी नंगी नही हिहिहिही
अनुज मुस्कुरा कर - ओह्ह मै समझा
शालिनी - मै समझ रही हु तु क्या सोच रहा था
अनुज हस कर - अरे नही वो मै हिहिहिही
शालिनी - क्या नही नही , तु जैसा दिखता है वैसा है नही शैतान कही का
अनुज हसकर - सच मे आप गलत समझ रहे हो
शालिनी - क्यूँ तु ये नही सोच रहा था कि तुने भला क्या गुनाह किया होगा जो मैने तेरे सामने ब्लाउज नही खोला
अनुज चौका कि ये क्या बोल गयी चाची और वो बात सम्भालता उस्से पहले ही शालिनी ने अपने ब्लाउज के हुक खोलते हुए - वो तो मुझे पता था कि तेरे चाचा आयेंगे कमरे इसीलिए मै हिहिही
अनुज सकपका कर - अरे चाची ऐसे खुले मे
शालिनी हस कर - अरे यहा अन्धेरा है हिहिही उफ्फ्फ अब सुकून मिला
अनुज चोर नजरो से अन्धेरे मे ही शालिनी के सीने पर उभरी हुई 36D की गोलाई लिये हुए नायाब चुचो की चमक निहार रहा था ।
शालिनी ने अनुज की आन्खे देखी और मुस्कुराने लगी ।
अनुज ने एक नजर उपर शालिनी को देखा और फिर मुस्कुरा कर नजरे फेरता हुआ हस दिया - फिर तो चाचू आपको रोज ही परेशान करते होगे हिहिहिही
शालिनी - क्या कहा ?
अनुज - वही जो सुना आपने , मतलब आप ऐसे सोती हो रोज तो चाचू हिहिही
शालिनी शर्मा कर - हम्म्म उनको तो दोपहर मे भी चैन नही , बच्चे ना रहे तो दिन मे ही वो , हिहिहिही
अनुज का लन्ड पुरा बौखलाया हुआ था और वो निचे से उसको भीच रहा था ।
शालिनी की नजर उसपे बराबर थी और वो बोली - तंग हो रहा है क्या वहा
अनुज - हा
अगले ही पल अनुज चौक कर - नही वो बस उम्म्ं
शालिनी हस कर - अरे उसे थोड़ा खोल दे , हवा लगने दे कैसे रहता है तु
अनुज थोडा लजाता हुआ हस कर - चाची मै भी मेरे कमरे मे अकेले बिना कपड़ों के ही सोता हु , मगर यहा आपकी वजह से मैंने
शालिनी - अरे मेरे से क्या शर्माना निकाल दे
अनुज चौक कर - क्या , नही आराम है अभी
शालिनी आगे बढ़ कर उसकी कमर से लोवर की लास्टीक फैलाती हुई निचे करने लगी - उम्म्ंम
कितना टाइट है ये
अनुज खिलखिलाता हुआ झुक कर शालिनी के हाथ पकड कर उसे रोकने लगा , मगर शालिनी भी जिद पर अड़ी रही, इस दौरान अनुज की निगाहे झुकी हुई शालिनी के झूलते आमो पर गयी
जिसे देख कर वो एक पल को थम गया और मौका पाकर शालिनी लोवर घुटनो तक ले आई
अनुज अब सिर्फ़ अंडरवियर मे था और उसने लोवर पुरा निकाल कर हाथ मे ले लिया और जीने की टहलने के बढ़ा
जिससे स्ट्रीट लाईट की रोशनी मे उस्का त्म्बू बना हुआ अंडरवियर शालिनी को दिखा , उस्का जी मचल उठा ।
शालिनी लगातार हिन्ट दिये जा रही थी मगर अनुज की हिम्मत नही पा रही थी ।
शालिनी बड़बडाई- इससे अच्छा तो इसका बड़ा भाई है, वो होता तो अब तक मुझे रगड़ चुका होता ,
शालिनी ने एक गहरी सास ली - चल निचे चलते है
ये बोलकर शालिनी झट से जीने से होकर सीढियो की ओर बढ़ गयी और अनुज दरवाजा लगा कर वापस निचे आने लगा
जीने से उतरते हुए शालिनी मूड मूड कर पीछे निहार रही थी , घर के भीतर बल्ब की चटक रोशनी मे उसका उजला जिस्म और भी कामुक लग रहा था
चाची की नन्गी पीठ पर लहराते बाल और कुल्हे की मादक थिरकन अनुज को और कामोत्तेजित कर रही थी ।
शालिनी मुस्कुराई - तु चल मै जरा आती हूं
ये बोलकर शालिनी ईठलाती हुई अपने कमरे की ओर बढ गयी जहा जंगी सोया हुआ था और अनुज का मुसल ये सोच कर फड़फड़ाने लगा कि चाची कही फिर से चुदने नही जा रही है
अनुज खुद को कोसता गालियाँ बकता , कि बहिनचोद जरा ही हिम्मत कर लेता तो अभी ये मेरे निचे होती और वो अंडरवियर के उपर से अपना सुपाडा मुठीयाता शालिनी को उसके कमरे मे जाता देखने लगा
और राहुल के कमरे मे चला गया ,
बिस्तर की ओर बढते हुए उसके पैर उसे भीतर से कचोट रहे थे , सहसा उसकी नजर बिस्तर के बगल मे फर्श पर गिरी वीर्य की बून्दो पर जहा शालिनी और जन्गी की चुदाई हुई थी ।
मगर भीतर की कामोत्तेजना ने एक बार फिर उसमे साहस का सागर उमड़ा दिया
उसने एक गहरी सास ली और खुद को आत्म विश्वास से भरा कि इस बार जो होगा देखा जायेगा , वो कमरे मे घुसते ही चाची को दबोच लेगा और लण्ड को सीधा उनकी गाड़ मे धंसाते हुए उनकी मोटी मोटी पपीते जैसी चुचियो को जोर जोर से मिज मिज कर मसल देगा और चाची इतनी मदहोश हो जायेगी कि बिना लन्ड के उन्हे चैन नही आयेगा
अपनी कल्पना से खुद मे जोश ने फुग्गे फुलात हुआ अनुज ने अपना मुसल अंडर वियर से बाहर निकाल कर रगड़ता हुआ कमरे से बाहर आया और दबे पाव शालिनी के कमरे के बाहर दरवाजे से ही झांकने लगा
कमरे मे उसका चाचा बेफिकर सोया हुआ था
मगर शालिनी कही नजर नही आ रही थी , वो अपना लन्ड की चमड़ी आगे पीछे करता हुआ कमरे के देख रहा था कि तभी जीने के निचे बने बाथरूम से शालिनी निकाली और उसकी नजर अनुज पर गयी जो कमरे मे ताक झाक करता हुआ तेजी से अपना लन्ड हिला रहा था ।
शालिनी मुस्कुराई और वो धीरे से अनुज के करीब गयी और उसके फुसफुसा कर कान मे बोली - मै इधर हु
अनुज चौक कर घूम कर पीछे देखा तो शालिनी उसके सामने बिना ब्लाउज के सिर्फ पेटीकोट मे खडी थी और एक कातिल मुस्कुराहट उसके चेहरे पर बिखरी हुई थी ।
उसके चुचे पूरे कडक थे ।
अनुज की एक बार फिर से फ़ट गयी और वो सकपकाता , हड़बडाता जल्दी जल्दी लन्ड अंडरबियर मे डालता हुआ - नही वो तो मै बा बा बाथरूम खोज रहा था
शालिनी हस कर - चल झूठा बाथरूम मे तो मै गयी थी
अनुज चौक कर - क्या ! मगर आप तो कमरे मे गये थे तो
शालिनी ने एक नजर कमरे मे बेड पर जन्गी को कुनमुनाते हुए करवट बदलते हुए देखा तो उसने अपनी एक उंगली सीधा अनुज के मुह पर रख कर उसे चुप रहने का इशारा किया और मुस्कुराने लगी
अनुज का लन्ड फड़फ्ड़ा रहा था और उसकी सासे गहरा रही थी
शालिनी ने हाथ आगे बढ़ा कर अंडरवियर के उपर से ही उसका लन्ड हथेली मे भरने लगी
चाची से स्पर्श से अनुज का शरीर कापने लगा , सासे उखड़ने लगी , आंखे उलटने लगी और जिस अकड़ने लगा
शालिनी ने मदहोशि से उसका लन्ड मसलते हुए उसके होठों से उंगली हटायी और अंडरवियर की लास्टीक मे उंगली फसाती हुई उसको खिंचती हुई राहुल के कमरे की ओर बढ़ गयी
अनुज भी लड़खड़ाता हुआ अपनी चाची के पीछे हो लिया और कमरे मे आते ही शालिनी ने उसके बेड पर धक्का देकर लिटा दिया
अनुज सम्भलता हुआ पैर लटका कर बेड पर लेट गया और शालिनी कमरे का दरवाजा हाथ से धकेल कर भिड़का दिया
अनुज थुक गटक कर गर्दन उठा कर अपने आगे शालिनी चाची को बड़ी ही कामुक अदा से बढ़ता हुआ देख रहा था
शालीनी उसके करीब बैठ कर उसके लन्ड को अंडरवियर के उपर से सहलाती हुई - कबसे परेशान है , एक बार कह नही पा रहा था अपनी चाची से
अनुज उखड़ती सासो के साथ - अह्ह्ह सीईई चाची वो मै उह्ह्ह उमम्मं
शालिनी - क्या मै मै उम्म्ंम देख क्या हालत कर दी है इसकी उफ्फ्फ
शालिनी ने लास्टीक उठा कर उसका लन्ड बाहर निकालते हुए बोली , सुर्ख लाल हुआ सुपाडा और नसे उसके मोटे लन्ड पर चढ़ी हुई फुल गयी थी
शालिनी अपनी मुलायम हथेली से अनुज के लन्ड को सराहा और अनुज के शरीर मे कपकपी सी हो लगी - अह्ह्ह चाचीईईई उह्ह्ह उम्म्ंम
शालिनी हस कर - धत्त बदमाश कितना शोर कर रहा है , मैने तो अभी छुआ भी नही
अनुज के चेहरे पर हसी के भाव आये मगर कामुकता और छटपटाहट अभी उसपे हावी थे - उह्ह्ह्हऊऊऊ हिहिहिही सीईई अह्ह्ह आराम्म्ंं से उम्म्ंम्म्ं
शालिनी ने अपनी नुकेले नाखूनो की खरोच अनुज के आड़ो पर लगाई , जैसा उसे पसंद होता था ।
अनुज अपनी गाड़ सख्त कर अकड़ गया मानो शालिनी ने उसकी आड़ो को चीर ही डाला हो - उह्ह्ह चाची फ़ाड ही डालोगी क्या
शालिनी मुस्कुराई और उसके आगे घुटनो के बल फर्श पर आ गयी और उसका लन्ड पकड कर सीधा खडा करती हुई उसके आड़ो से लेकर सुपाड़े की टिप तक निचे से जीभ फिराया और अनुज का जिस्म उस गीले स्पर्श से गिनगिना उठा ।
अगले ही पल मानो अनुज की रुह ही निकल जाये ऐसा कुछ हुआ , शालिनी ने अपनी शरारती जीभ उसके सुर्ख लाल हुए सुपाड़े पर फिराते हुए उसके सुपाड़े पर अपने फूल से मुलायम होठ सरकाती हुई उसको मुह मे भर लिया और जीभ की टिप को सीधा उसके पी-होल पॉइंट पर फ्लिक कराने लगी
अनुज हाथ पटकता , कुल्हे उचकाता और मुह भींच कर गर्दन झटकता हुआ - ओह्ह्ह चाचीईई उह्ह्ह रुक जाओ रुक जाओ प्लिज्ज उह्ह्ह्ह ऊहह मम्मीईई मुझ्से बर्दाश्त नही हो रहा है
शालिनी ने मुह से उसका सुपाडा निकाला और लन्ड की चमडी आगे पीछे करने लगी
अनुज - आह्ह चाची प्लीज कुछ लगाओ ना सुखा सुखा ऐसे लग रहा है वहा कि मानो छिला जायेग वो
शालिनी मुस्कुरा कर - क्या ?
अनुज मुस्कुरा कर अपने तने हुए लन्ड के फूले हुए लाल सुपाड़े की ओर इशारा करके - वो
शालिनी मुस्कुरा कर - अच्छा रुक ,
शालीनी ने मुह लार बटोरी और ढेर सारा लार उसके टोपे पर मुह से उगलते हुए उंगलियो से फिराते हुए उसको गिला करने लगी
अपने चाची की ये हरकत से अनुज का पागलपन दुगना हो गया , मगर चाची की थुक ने उसे बहुत ठंडक पहुचाई थी और शालिनी अच्छे से हाथो से उसका लन्ड अपने ही लार से लिपने लगी और उसका लन्ड चमकने लगा
अगले ही पल वापस शालिनी ने मुह खोल कर लन्ड को मुह मे भर लिया और चुसने लगी , चंद पलो की राहत और एक बार फिर अनुज की छ्टपटाना शुरु हो गया
अनुज - उह्ह्ह चाचीईई अह्ह् कितना मस्त चूस्ते हो आप आह्ह इसीलिए तो चाचू आपके लिए पागल है ओह्ह्ह म्म्मीई उह्ह्ह अह्ह्ह
शालिनी मजे से अनुज के लन्ड को सुरक रही थी और अनुज के नसो मे मच रही पंपिंग उसे हवा मे उठा रही थी ।
कुछ ही पल मे उसका लन्ड पूरा तनमना गया और एकदम तना के जैसे सख्त उपर की ओर मुह उठा खड़ा था
शालिनी खडी हुई और अपनी कमर से पेतिकोट की डोरी खोलती हुई उसे निचे सरका दिया
अनुज ने गरदन उच्का कर सामने देखा तो शालिनी पूरी नंगी
खडी थी , हल्की झुरमुट वाली काले तिनको से ढंकी हुई लम्बी फाकेदार बुर की लसलसाहट दूर से ही अनुज को नजर आ रही थी जिसे देख कर उसकी कमोतेजना और भी भडक रही थी
अगले ही पल शालिनी इठलाती हुई आगे बढी और अनुज के दोनो तरफ पैर रख कर लन्ड के सीध मे खडी होकर अपनी बुर की फाके फैलाते हुए उससे रगड़ने लगी
बज्बजाई चुत के ठंडे छींटे एक्का दुक्का अनुज के जिस्म पर भी गिरे और शालिनी एड़ियो के बल होकर अनुज का मुसल पकडती हुई उसे अपने बुर के फाको पर घिसने लगी
अनुज - अह्ह्ह चाची लेलो ना उह्ह्ह्ह उम्म्ं
शालिनी मुस्कुराई और लन्ड को पकड़ कर अपनी बुर के फाके खोलते हुए भीतर डाल दिया और घुटने के बल बैठती हुई आधे से ज्यादा लन्ड बुर मे भर लिया
अनुज - उह्ह्ह चाचीईई आपकी बुर बहुत गर्म है अह्ह्ह सीईई
शालिनी आगे झुक कर बड़ी मादकता से उसके फड़फडाते चेहरे को थामती हुई अपनी गाड मथती हुई उसके लन्ड को बुर मे रेंगाते हुए - अह्ह्ह अनुज बेटा ऊहह तेरा लन्ड भी बहुत गर्म है रे अह्ह्ह सीईई ऊहह
शालिनी का अनुज पर पूरी तरह से कन्ट्रोल था और वो अपनी गाड़ हिलती हुई बुर मे उसके लन्ड को तोड मरोड रही थी
अनुज - ऊहह चाची मै पागल हो जाउन्गा बहुत मजा आ रहा है उम्म्ंम्ंं ओह्ह्ह मुम्मीईई अह्ह्ह अह्ह्ह और तेज
शालिनी उसके गाल से लेकर बालों को सहलाती हुई तेजी से अपनी गाड़ हिलाती हुई - अह्ह्ह बेटा बस ऐसे ही उह्ह्हओह्ह्ह अह्ह्ह कितना गर्म लन्ड है रे तेरा उह्ह्ह , लग रहा है पहली बार कर रहा है क्यू
अनुज सिस्किया लेता हुआ - अह्ह्ह चाची आप पहली बार ही तो देह्ह रहीई हो उह्ह्ह फ्क्क्क एस्स मुझे आप बहुत पसंद हो उह्ह्ह जबसे आपकी गाड़ देखी है पागल हो गया था , कितनी सेक्सी हो आप मेरी चाची
अनुज अपने हाथ बढा कर शालिनी की गाड़ और कमर सहलाने लगा - ओह्ह चाची उह्ह्ह क्या मस्त मुलायम बुर है ओह्ह्ह येस्स्स चाची उह्ह्ह उह्ह्ह येह लोह ऊहह और लोह्ह्ह मेरी रसिली चाची उह्ह्ह
शालिनी कसमसाने लगी क्योकि अनुज उसकी कमर को पकड कर खुद भी निचे से गाड़ उठा कर पेलने लगा - ओह्ह चाची उह्ह्ह फ्क्क्क युउउऊ माय सेक्सी चाची उह्ह्ह फ्क्क्क फ्क्क उह
शालिनी - उम्म्ं बेटा चोद ले मुझे उह्ह्ह और भर भर के पेल ले मुझे लेह्ह दुधू लेले मेरे लाल और चोद अपनी चाची को उह्ह्ह कितना कड़ा है ,हाय राम्म्ं उह्ह्ह इतना कड़ा और कसा लन्ड मैने कभी नही लिया उह्ह्ह और कस के डाल बाबुउउऊ उह्ह्ह उह्ह्ज हा
अनुज - आह्ह चाची आपको देख कर ही ये तन गया है उह्ह्ह उह्ह्ह ऊहह
शालिनी के वजन और कमर की नसो की पूरी जान झोकने के बाद अनुज का शरीर हल्का पडने लगा और धक्के धीमे होने लगे , उस्की सासे फ़ूलने लगी
अनुज की ख्स्ता हालत देख शालिनी ने एक बार फिर कमान संभाली और सीधे होकर अपनी लचकदार कमर का हुनर दिखाने लगी
एक बार फिर कामुक तेज सिसकियाँ उठने लगी और शालिनी अनुज के लन्ड पर हुमचते हुए जोर जोर से लन्ड को मथने लगी
अनुज की हालत खराब होने लगी - ऊहह चाचीईई उह्ह्ह फ्क्कक्क कमाल हो आप ऊहह येस्स्स फ्क्क्क य्म्म्ंं आह्ह आह्ह चाचीईई उह्ह्ह और और
शालिनी मुह भींचे हुए पूरी कमर की ताकत झोंकती हुई कस कस के लन्ड की बुर मे दरने लगी
अनुज - अह्ह्ह चाचीई उह्ह्ह आ रहा है अह्ह्ह आह्ह
अनुज का सुपाडा फ़ूलने लगा और शालिनी झटके से लन्ड से उठ कर पीछे हुई ।
वही अनुज जोर से लन्ड भींचता हुआ हिलाने लगा और तेज गाढी पिचकारी शालिनी की छातियों और पेट पर गिरने लगी
और अनुज हाफता हुआ वापस फैल कर लेट गया
वही शालिनी अपने जिस्म पर फैले रायते को उंगलियों से बटोरती हुई उसके नमकीन स्वाद के चटकारे लेने लगी ।
अमन के घर
"उफ्फ़ हाउ रोमैंटिक यार हिहिहिही "
" तु चुप रहेगी , नही तो मै काल कट कर दूँगी " , सोनल ने थोडा ह्सते हुए गुलाबी गालो के साथ निशा को डाटा
अमन मुस्कुरा कर उसे अपने करीब करता हुआ - उम्म्ं ध्यान मत दो ,
सोनल अमन के उपर चढ़ी हुई उसके गाल सहलाती हुई उसके होठ चुसने लगती है और अमन के हाथ सोनल की चिकनी नंगी कमर को सहला रहे होते है ।
वही वीडियो काल पर निशा की हालत खराब होने लगती है , उसकी मस्ती अब धीरे धीरे उसी को ही अपने घेरे मे ले रही थी , बदन मे एक सनसनाहट सी उठने लगी थी उसके , एडिया रगड़ती हुइ वो सामने मोबाईल मे अमन के कमरे का कामुक मौहौल देख रही थी
सोनल की कमर अब बड़ी ही मादक तरीके से अमन के पैंट मे बने हुए उभार पर घिस रही थी और वो आगे की ओर झुकी हुई उसे चूमती हुई उसके शरत खोलने लगी और गले से चूमते हुए उसके नंगे जिस्म पर अपने हाथ फिराते हुए उसकी कसे हुए सीने पर चुम्मियां करती हुई उसके ओर आंख उठा कर देखती है
अमन बौखलाया गहराती सास लेता हुआ उसकी नशीली आंखो मे देखता है और सोनल भी उसे निहारती हुई अमन के तने हुए निप्स पर जीभ फिराती हुई होठों से घेरती हुई एक गहरा चुम्बन करती है
" उम्म्ंम्ं ", निशा अपनी एडिया रगड़ती हुई अपने कड़े होते निप्प्ल को टीशर्ट के उपर से मसलती है ।
निशा की मादक सिसकी सुन कर सोनल अमन के सीने पर जीभ घुमाती हुई नजरे तिरछी कर निशा की ओर मुस्कुरा कर देखती है तो निशा भी मुस्कुराते लजाते कसमसाते हुए अपने जोबन हाथ मे लेके मरोड देती है
वही अमन तो आंखे मूँदे अपने कुल्हे आसमा मे उठाता हुआ नशे मे झूम रहा था
उसके तंदुरुस्त मुसल की रगड़ लहगे के उपर से सोनल को अपने चुतडो पर मह्सूस हो रही थी
वो नजरे उपर कर अमन के बालों मे हाथ फेरती हुई वापस से उसके गुलाबी लबों को अमन के होठों से चिप्का लिये और उसके होठ खिंचने लगी
सोनल की मदहोशि और जोश से अमन के शरीर मे खलबली सी होने लगी , उसकी कलाइया एक बार फिर सोनल की पीठ पर कसने लगी और वो भी सोनल के होठ चुसने लगा
उसने अपने फैले हुए पैर फ़ोल्ड कर घुटने को उचका कर सोनल की गाड़ पर धक्का देके उसको अपने और करीब किया
उसके सरकते हाथ सोनल के कूल्हो को मसलते हुए उसकी लहगे को उपर खिंच कर उसमे हाथ घुसा कर उसकी मुलायम जांघो को स्पर्श कर रहे थे
अमन के पंजो की रगड़ अपने जांघो पर पाकर सोनल का जिस्म अकड़ने लगा वो अपने गुदाज चुचे उसके सीने पर घिसते हुए अपने निप्प्ल मे मच रही खुजली को शान्त करने लगी
मादक सिसकियाँ और चुम्मियो की आवाज से निशा की हालत और खराब होने लगी उसकी मस्ती अब उसपे ही भारी पडने लगी थी ।
वो टीशर्ट मे हाथ घुसा कर अपने जोबनो को मलती हुई उनकी सिहरन को दूर कर रही थी ।
वही अमन के हाथ सोनल की पीठ से उसकी ब्लाउज के हुक खोल रहे थे और सोनल के जिस्म मे गनगनाहट बढ रही थी , अमन के हाथ उसके नंगे कन्धो को छूते हुए उसकी बाहें खोल रहे थे
हर बीतता पल सोनल की आबरू बेर्दा हो रही थी और वो उसकी कसी हुई 34C वाली गुदाज मोटी चुचियां ब्रा मे अपने दाने उभारे हुए साफ साफ झलकने लगी ।
अमन अपने मुह पास झूलते उस नायाब आमों को निहार रहा था जिन्हे बस उसने फोन पर देखा करता और उसके चुचो से एक मादक सी गन्ध उठ रही थी और अमन की बेताबी और बढ रही थी ।
थुक गटक ललचाई आंखे फैला कर वो मरून ब्लाउज मे कसे हुए सोनल के बडे पपीते जैसे चुचो को झुल्ता हुए पाकर उसने एकदम से दोनो हाथ बढा कर दोनो तरफ से ब्रा के उपर से उसकी चुचिया दबोच ली और गरदन उठा उसके नरम नरम छातियों मे अपना मुह दे दिया
सोनल - उह्ह्ह अह्ह्ह अमन माय बेबी उह्ह्ह सीईई उफ्फ्फ हिहिहिही आराम से बाबू उह्ह्ह अह्ह्ह
सोनल की मादक सिसकिया और उसके चुचो के लिए अमन की भूख को देख कर निशा अपने चुचे पकड कर मरोडने लगी और सिसकिया लेने लगी ।
अमन मुह खोलकर ब्रा के बाहर निकले हिस्सो को चुस्ता हुआ उसक दूध गारने लगा और सोनल उसके सर को अपने सीने से रगड़ने लगी - उह्ह्ह सीई अह्ह्ह बेबी उम्म्ंम उह्ह्ह आऊचछच उह्ंम धत्त काटों मत बदमाश कही के हिहिहिही
ये बोलकर सोनल झट से उठ गयी और अपनी चुचिया मसलती हुई अपनी मादक कमर की हिला रही थी , अमन के लह्गे को खिंचने की वजह से अब अमन का त्ना हुआ मुसल सीधे सोनल को अपनी जांघो मे मह्सुस हो रहा था और अमन अपने गीले होठ पोछता हुआ अपनी गाड़ बड़ी मादकता से हौले से उठाने लगा
सोनल उसके मुसल पर कसम्साती , अपनी जांघो को दरेरती घिसती - उम्म्ंम जानू उह्ह्ह
अमन - अह आओ ना बाबू प्लीज ऊहह
सोनल मुस्कुरा कर - क्या चाहिये मेरे बाबू को उम्म्ंम
अमन भीतर उठ रहे उतेजना के तुफान ने उसके चेहरे पर गिडगिडाहट के भाव ला दिये थे - आह्ह बेबी वो दो ना उह्ह्ह प्लीज
सोनल शरारत भरी अदा से अपने मुलायम नरम चुचो की पहाडियों पर उंगलिया फिराती हुई -क्या येहहह
अमन हा से हिलाता हुआ - हमम्म प्लीज
सोनल शरारती मुस्कुराहट के साथ ना नुकुर करती है तो अमन एक बार फिर अपने घुटने से ठेल कर उसको अपने उपर करता है सोनल इस बार लपक कर उसके दोनो पकड कर उपर कर देती है
अमन महज कुछ इंच भर दुर झुलते आमो को दबोचने के लिए गरदन उचकाता है तो सोनल अपनी पीठ पीछे कर दूर कर लेती है तो अमन जीभ निकाल कर ब्रा के उपर से उसमे उबरे हुए निप्प्प्ल के दाने को छूने की कोसिस मे तडप कर रह जाता है
सोनल मुस्कुरा कर हाथ पीछे ले जाकर ब्रा के हुक खोलती हुई - दुधू चाहिये मेरे बेबी को उम्म्ं
अमन थुक गटक कर आने वाले पल के लिए कामोत्तेजित होकर हा मे सर हिलाता है
सोनल एक हाथ से उसके दोनो हाथ उपर पकड़े हुए दुसरे हाथ से अपनी ब्रा के हुक चटकाती है और तीनो हुक खुलते ही ब्रा मे कैद चुचिया और झूल जाती है मगर वो अब भी अमन की पहुच से दूर थी
सोनल - दुधू पिएगा मेरा सोना उम्म्ं बोलो बाबू
अमन भरी उत्तेजना और सोनल के भूरे सेक्सी चुचो के निप्प्ल चुसने की चाह मे तडप कर - आह्ह हा बाबू दो ना ऊहह प्लीज
सोनल मुस्कुराई और निचे से ब्रा को पकड कर उठाती हुई चुचो को आजाद करती हुई अमन के हाथ छोड देती है - रेडी स्टेडि उम्म्ंम
अगले ही पल सोनल ने अपनी ब्रा उतार दी और उसकी गुलाबी निप्प्ल वाली गोरी 34c वाली चुचिया उसके आगे झूल गयी
अमन की लार छोडती जुबां मुह से निकली तो मगर जैसे ही उसकी नजर सोनल के गुलाबी निप्प्ल पर गयी वो शौक्ड हो गया कि ये कैसे हुआ और उसकी जीभ वापस मुह मे आ गयी
सोनल को भी अचरज हुआ कि क्या हुआ तो उसने इशारे से पूछा- क्या हुआ
अमन अचरज से हाथ आगे बढ़ा कर उसके गुदाज चुचे हाथ मे भरता हुआ अपना अंगूठा उसके दाये गुलाबी निप्प्ल पर घुमाता हुआ - तुम्हारे निप्स तो ब्राउन थे ना
सोनल मचल कर - अह्ह्ह नाआआ हीई तोह्ह्ह
अमन - फिर तुमने जो फोटो भेजा था वो
तभी फोन से आ रही थी खिलखिलाहट से दोनो का ध्यान निशा की ओर गया
" हिहिहिही जीजू जो आप खोज रहे हो वो इधर है "
अमन और सोनल शौक्ड थे क्योकि वीडियो काल पर
निशा अपनी टीशर्ट निकाल कर अपने ब्राऊन निप्प्ल वाली गुदाज मोटे पपीते जैसी चुचिया मसलती हुई दिखा रही थी और खिलखिला रही थी ।
जारि रहेगी
What an update bro but you should add more conversation during sex but overall it's goodUPDATE 196 D
अमन के घर
"अरे तो उठाओ ना देखो क्या बात है "
" नही यार वो परेशान करेगी अभी "
" हिहिही तो क्या हुआ साली है आपकी , हक है उसका "
" और मेरा ? "
सोनल हस कर - अरे उठाओ तो
अमन के वीडियो काल उठाया और मोबाईल सोनल को थमा दिया
" हाय जीजू , अरे तु !! " , निशा वीडियो काल पर सोनल को पाकर अचरज से बोली ।
सोनल ह्स कर - जीजू की बच्ची क्यू फोन कर रही है ।
निशा खिलखिलाई - तुने फोन क्यू उठाया और जीजू कहा है ?
सोनल ने अमन की ओर देखा तो उसने बाहर होने का इशारा किया ।
सोनल हसते हुए गालो के साथ - वो बाहर गये है ? क्या काम है बता
निशा ने फोन पर सोनल के उतरे हुए गहने देखे और हस कर - अरे आधा अधूरा काम छोड कर बाहर क्यू गये , सुहागरात पर प्रेशर आ गया क्या हिहिहिही
सोनल हस कर - आधा अधुरा मतलब
निशा ने हसते हुए उसके खुले पड़े जोबन की ओर इशारा करके बोली - गहरे उतरे हुए है और चोली चढ़ी हुई है , झुमके गायब है और लिपस्टिक फैली हुई है हिहिहिही
सोनल शर्मा कर हस्ती हुई एक नजर को देखा - चुप कर शैतान कही की और बता फोन क्यू की है ।
निशा खिलखिलाकर - वो मैने जीजू से एक वादा लिया था इसके लिए फोन किया था हिहिहिही
सोनल ने अचरज से अमन की ओर देखा जिसकी हालत खराब थी कि वो किस चक्कर मे फस गया
कही निशा ने गलती से भी कुछ बक दिया तो सारी बातें खुल जायेगी और उसकी शुरु होता नवजीवन सुहागरात मे ही कलेश से शुरु होगा ।
सोनल इशारे से उस्से पुछती है क्या बात है तो अमन लपक कर उससे मोबाईल लेके फोन काट देता है
सोनल - क्या हुआ , काट क्यू दिया
अमन - अह छोड़ो ना उसे ,
सोनल - क्या बात आप कुछ परेशान लग रहे है , सच सच बताओ आपको मेरी कसम
अमन अपना सर पीट कर - फिर एक और कसम ?
सोनल - मतलब !!
अमन - अरे सारे फसाद की जड़ ये कसम ही तो है
सोनल - कैसी कसम ,साफ साफ बताओ ना क्या बात है ?
फिर अमन बताता है कि कैसे निशा ने उन दोनो की चैट्स पढ ली और सासु मा को बताने की धमकी देकर उससे सुहागरात लाइव दिखाने का वादा ले लिया था ।
अमन - यार मुझे लगा कि वो बस मजाक कर रही थी लेकिन ये तो हद है ना !!
सोनल खिलखिलाकर हसती हुई - हा तो अब वादा पूरा करो , नही खानी चाहिए थी ना मेरी कसम हिहिहिही
अमन - क्या ? नही यार मुझसे नही होगा
सोनल उदास होने का नाटक कर - लेकिन मेरी कसम का क्या ? तोड़ दोगे आप !!
अमन उसको उदास होता देख झट से उसको हग करता हुआ - नही नही मेरा बाबू , ऐसे कैसे मै मेरे सोना की कसम तोड दूँगा
सोनल उसके सीने से चिपकी हुई - तो ? करू उसको वीडियो काल मै ?
अमन हसकर उसकी ओर देखा - तुम्हे तो कोई ऐतराज नही है ना
सोनल शर्मा कर मुस्कुराती हुई ना मे सर हिलाई और अमन को कस कर हग कर लिया ।
फिर अमन ने खुद अपने मोबाइल से वीडियो काल किया
सामने से निशा - हम्म्म क्या खिचडी पक रही थी मिया बीबी मे
अमन हस कर - खिचड़ी तो तैयार है बस चटाकेदार खटाई वाली साली की कमी लग रही है बस
निशा - ओहो सच मे , वैसे आपको अपना वादा याद है ना ? हिहिहिही
अमन- अरे ऑफकोर्स , कोई पागल ही होगा जो साली से किया हुआ वादा भूल जाये
निशा - ये हु ना जीजू वाली बात हिहिहिही
अमन - तो चलो आपको एक सही जगह पर सेट कर देते हैं
निशा को ताज्जुब हुआ कि कैसे अमन और सोनल इसके लिए तैयार हो गये
वही अमन मोबाईल को बेड मे लगे हेडबोर्ड एक रैक पर मोबाइल टिकाने लगता है
राहुल के घर
टिक टिक टिक टिक...
कभी करवट बदल कर तो कभी जांघो मे उठती खून की सरसराहट से बेचैन होकर
क्भी दिल मे उठते जज्बात से
कभी लन्ड मे होती कुलबुलाहाट से
पेट मे उड़ती तितली की गुदगुदाहट से
तो कभी फिर सांसो की बदलती गर्माहट से
अनुज परेशान था कमरे की बत्ती बुझे 20 मिंट से उपर हो गये थे , नाइट बल्ब की रोशनी मे वो बगल मे लेटी अपनी चाची के ब्लाउज मे सास लेते चुचो को निहार रहा था ।
भीतर एक तुफान सा उठा हुआ था , लन्ड की बेताबी उसे लहरों सी हिम्मत देती वही रिश्तो की खड़ी दिवार उसके अरमान ऐसे बिखरा देती मानो चट्टान से टकरा कर लहरे मुह की खा कर वापस लौट गयी हो ।
मगर लहरों की भी प्रकृति थी लौट कर वापस आना और वैसे ही कामोत्तेजना के आवेग रह रह कर अनुज के जिस्म मे उठ रहे थे ।
वही बगल मे लेती शालिनी के आंखो से नीद गायब थी , जन्गीलाल ने अपने मन की करके उसे प्यासा ही छोड़ रखा था । वही चुदाई के समय हुए उसके अनुभव से उसे प्कका यकीन हो गया था कि अनुज अभी तक जाग ही रहा है ।
शालिनी को थोड़ा बहुत असहज मह्सुस हो रहा था मगर हाल ही मे हुए उसके और अनुज के बीच के हुए संजोग से वो इस बात के लिए बहुत चिंतित नही थी
वो ये भी समझ रही थी कि जंगी की वजह से अनुज परेशान हो गया है और उसे नीद नही आ रही है ।
बदलते करवट और भीतर की बेताबी अनुज की कुनमुनाहट भरी आह से साफ नजर आ रही थी ।
शालिनी - नीद नही आ रही है क्या बेटा ?
अनुज की सासे अटकी और वो आंखे बड़ी कर छ्त को निहारने लगा , उसे लगा था कि चाची अभी तक सो गयी होगी ।
वो इस बात के लिए शुकरगुजार थी कि लाख लालच के बावजूद भी वो अपनी चाची के दूध की ओर नही लपका ।
शालिनी - क्या हुआ बोल ना ?
अनुज - अह हा चाची , नही आ रही है
शालिनी - हम्म्म चल उठ उपर चलते है टहलने के लिए, मुझे भी नही आ रही है
अनुज ने अंगडाई ली और वो उठ कर खड़ा हुआ
शालिनी भी बगल से बिस्तर से उतर गयी और दोनो कमरे से बाहर आकर निकलने लगे
शालिनी आगे थी और अनुज पीछे जैसे ही दोनो जीने के पास पहुचे
शालिनी - रुक जरा मै तेरे चाचा को देख लू ये सोये कि नही
अनुज को हसी आई मगर उसने खुद को रोका और जब शालिनी कमरे मे झाक कर तसल्ली कर ली तो मुस्कुराते हुए अनुज की ओर ब्लाउज
पेतिकोट मे अपने मादक चाल मे आती हुई - चल
ये बोलकर शालिनी खुद से ऊपर जीने की ओर जाने लगती है और जीने की सीढियां चढ़ते हुए शालिनी की मोटी चर्बीदार गाड़ उसके पेटीकोट मे कसे हुए गजब के कामुक शेप बनाते हुए मटक रहे थे
अनुज के मुह के जरा सा आगे ही चाची की गाड़ को हिलता देख उस्का लन्ड फड़फड़ाने लगा
जीने का दरवाजा खोल कर शालिनी खुली छत पर आकर - आह्हह सीई कितनी ठंड हवा चल रही है ना
रात के सन्नाटे मे दूर सिवान से कही सियारों की हुकार आ रही थी और गली के आवारा कुत्ते की भोभो भी ।
रात के करीब 11 बजने को हो रहे थे और सब तरफ अन्धेरा फैला हुआ था ।
चूकि राहुल का घर एक मंजिला थी तो गली मे लगे खम्भो की स्ट्रीट लाईट की रोशनी से छत पर इतना उजाला तो जरुर था कि करीब से एक दूसरे को स्पष्ट देख पा रहे थे दोनो ।
अनुज जो कि सिर्फ लोवर मे था ठंडी हवा उसके जिस्म के रोये रोए को सिहरा चुकी थी - हिहिही चाची सच मे ठंडी यहा हवा
शालिनी - हा तुने तो कुछ पहना भी नही
अनुज - निचे थोड़ा गर्म लग रहा था तो निकाल दिया
शालिनी अनुज की बात पर होठ दबा कर मुस्कुराई क्योकि वो समझ रही थी कि निचे कमरे की गर्मी बढ़ने का कारण क्या था ।
शालिनी इसपे कोई जवाब नही दिया और बस टहलते हुए वो दोनो छत के पीछे की ओर बढ़ गये जहा साफ सिवान नजर आ रहा था
यहा जीने की दिवाल की वजह से स्ट्रीट लाईट की रोशनी छिप गयी थी ।
चारदिवारी पर आगे झुक कर शालिनी भीतर चल रहे कौतूहल को सवाल का रूप देते हुए बोली -
तो बता नीद क्यू नही आ रही थी तुझे
अनुज सकपकाया कि अचानक से ये कैसा सवाल दागा उसकी चाची ने
शालिनी - क्या हुआ बोल ना , य्हा अच्छा नही लगा क्या ? या फिर तेरा मूवी देखने का प्रोग्राम मैने बिगाड़ दिया हिहिहिही
अनुज के जान मे जान आई और वो हस कर - हा चाची ऐसा ही कुछ, कल मेरी बहने चली जायेगी और हमने सोचा था कि हम लोग आज की रात तो साथ रहेंगे
शालिनी - ओह्ह सॉरी बच्चा , अब ये तेरा चाचा और मौसा देखा ना इन्ही लोगो की वजह से
अनुज - अरे कोई बात नही चाची , अब क्या ही कर सकते है मौसा जी तो टूल्ल होकर सो ही गये हिहिहिही और चाचा तो ..
अनुज अपनी बात अधुरी छोड कर रुक गया और भीतर उठती हसी को गटक गया ।
शालिनी समझ गयी और वो थोडा बात घुमाती हुई - हा वो तेरे चाचा का ऐसा ही है, जब पी लेते है तो उन्हे सुध नही रहती है कि कौन है कहा है , वो तो बस
अनुज - हम्म्म्म
शालिनी ने देखा कि अनुज ने कोई खास प्रतिक्रिया नही दी तो वो ज्यादा सफाई देती हुई - तू तो जाग ही रहा था ना , तुने तो देखा ही होगा कि मैने कितना मना किया उन्हे फिर भी
अनुज - मैने ? मैने कहा देखा कुछ
शालिनी की हसी उसके गालो मे समा गयी - हा मतलब तुने सुना तो था ना
अनुज के गाल भी अब मुस्कुराहट से भरने लगे थे - हा , उपर से बेड भी तो हिल रहा था !! हिहिहिही
शालिनी हस कर उसके गाल पकड कर खिंचती हुई - बदमाश कही का , सच मे तुने जरा भी घूम कर नही देखा
अनुज हस कर - सोचा कयी बार मगर मेरी हिम्म्त नही हुई ,
शालिनी - अच्छा वो क्यू ?
अनुज - आप लोगो का काम बिगड़ जाता ना और चाचू के वजह से तो डर ज्यादा लग रहा था ।
शालिनी उसके करीब हुई - अच्छा किया , नही तो तेरे चाचा बेचारे नजरे चुराते फिरते तेरी तरह
अनुज अचरज से - मेरी तरह ?
शालिनी हस कर - क्यू उस रात जब तु अन्जाने मे कमरे मे आ गया था और मै हिहिहिही
अनुज समझ गया कि चाची अच्छे मूड मे है तो वो भी हस कर - हा याद आया , आप उलटे होकर सोये थे और आपका वो हिहिहिही
शालिनी हस कर - धत्त बदमाश कही का , वो मुझे गर्मी ज्यादा होती है ना , देख इसीलिए यहा ब्लाउज पेतिकोट मे सोई थी और आज तु था नही तो मै ....?
अनुज शालिनी के वाक्य पूरा करने के इन्तेजार मे उसकी ओर जिज्ञासा से देख रहा था और उसकी जिज्ञासा उसके लन्ड को उठाए जा रही थी ।
शालिनी ने पाया कि अनुज अभी भी चुप होकर उस्की ओर देख रहा है तो वो समझ गयी कि वो बात पूरी होने के इन्तजार मे है
शालिनी हस कर - मतलब मै ये ब्लाउज भी उतार कर सोती हु , पूरी नंगी नही हिहिहिही
अनुज मुस्कुरा कर - ओह्ह मै समझा
शालिनी - मै समझ रही हु तु क्या सोच रहा था
अनुज हस कर - अरे नही वो मै हिहिहिही
शालिनी - क्या नही नही , तु जैसा दिखता है वैसा है नही शैतान कही का
अनुज हसकर - सच मे आप गलत समझ रहे हो
शालिनी - क्यूँ तु ये नही सोच रहा था कि तुने भला क्या गुनाह किया होगा जो मैने तेरे सामने ब्लाउज नही खोला
अनुज चौका कि ये क्या बोल गयी चाची और वो बात सम्भालता उस्से पहले ही शालिनी ने अपने ब्लाउज के हुक खोलते हुए - वो तो मुझे पता था कि तेरे चाचा आयेंगे कमरे इसीलिए मै हिहिही
अनुज सकपका कर - अरे चाची ऐसे खुले मे
शालिनी हस कर - अरे यहा अन्धेरा है हिहिही उफ्फ्फ अब सुकून मिला
अनुज चोर नजरो से अन्धेरे मे ही शालिनी के सीने पर उभरी हुई 36D की गोलाई लिये हुए नायाब चुचो की चमक निहार रहा था ।
शालिनी ने अनुज की आन्खे देखी और मुस्कुराने लगी ।
अनुज ने एक नजर उपर शालिनी को देखा और फिर मुस्कुरा कर नजरे फेरता हुआ हस दिया - फिर तो चाचू आपको रोज ही परेशान करते होगे हिहिहिही
शालिनी - क्या कहा ?
अनुज - वही जो सुना आपने , मतलब आप ऐसे सोती हो रोज तो चाचू हिहिही
शालिनी शर्मा कर - हम्म्म उनको तो दोपहर मे भी चैन नही , बच्चे ना रहे तो दिन मे ही वो , हिहिहिही
अनुज का लन्ड पुरा बौखलाया हुआ था और वो निचे से उसको भीच रहा था ।
शालिनी की नजर उसपे बराबर थी और वो बोली - तंग हो रहा है क्या वहा
अनुज - हा
अगले ही पल अनुज चौक कर - नही वो बस उम्म्ं
शालिनी हस कर - अरे उसे थोड़ा खोल दे , हवा लगने दे कैसे रहता है तु
अनुज थोडा लजाता हुआ हस कर - चाची मै भी मेरे कमरे मे अकेले बिना कपड़ों के ही सोता हु , मगर यहा आपकी वजह से मैंने
शालिनी - अरे मेरे से क्या शर्माना निकाल दे
अनुज चौक कर - क्या , नही आराम है अभी
शालिनी आगे बढ़ कर उसकी कमर से लोवर की लास्टीक फैलाती हुई निचे करने लगी - उम्म्ंम
कितना टाइट है ये
अनुज खिलखिलाता हुआ झुक कर शालिनी के हाथ पकड कर उसे रोकने लगा , मगर शालिनी भी जिद पर अड़ी रही, इस दौरान अनुज की निगाहे झुकी हुई शालिनी के झूलते आमो पर गयी
जिसे देख कर वो एक पल को थम गया और मौका पाकर शालिनी लोवर घुटनो तक ले आई
अनुज अब सिर्फ़ अंडरवियर मे था और उसने लोवर पुरा निकाल कर हाथ मे ले लिया और जीने की टहलने के बढ़ा
जिससे स्ट्रीट लाईट की रोशनी मे उस्का त्म्बू बना हुआ अंडरवियर शालिनी को दिखा , उस्का जी मचल उठा ।
शालिनी लगातार हिन्ट दिये जा रही थी मगर अनुज की हिम्मत नही पा रही थी ।
शालिनी बड़बडाई- इससे अच्छा तो इसका बड़ा भाई है, वो होता तो अब तक मुझे रगड़ चुका होता ,
शालिनी ने एक गहरी सास ली - चल निचे चलते है
ये बोलकर शालिनी झट से जीने से होकर सीढियो की ओर बढ़ गयी और अनुज दरवाजा लगा कर वापस निचे आने लगा
जीने से उतरते हुए शालिनी मूड मूड कर पीछे निहार रही थी , घर के भीतर बल्ब की चटक रोशनी मे उसका उजला जिस्म और भी कामुक लग रहा था
चाची की नन्गी पीठ पर लहराते बाल और कुल्हे की मादक थिरकन अनुज को और कामोत्तेजित कर रही थी ।
शालिनी मुस्कुराई - तु चल मै जरा आती हूं
ये बोलकर शालिनी ईठलाती हुई अपने कमरे की ओर बढ गयी जहा जंगी सोया हुआ था और अनुज का मुसल ये सोच कर फड़फड़ाने लगा कि चाची कही फिर से चुदने नही जा रही है
अनुज खुद को कोसता गालियाँ बकता , कि बहिनचोद जरा ही हिम्मत कर लेता तो अभी ये मेरे निचे होती और वो अंडरवियर के उपर से अपना सुपाडा मुठीयाता शालिनी को उसके कमरे मे जाता देखने लगा
और राहुल के कमरे मे चला गया ,
बिस्तर की ओर बढते हुए उसके पैर उसे भीतर से कचोट रहे थे , सहसा उसकी नजर बिस्तर के बगल मे फर्श पर गिरी वीर्य की बून्दो पर जहा शालिनी और जन्गी की चुदाई हुई थी ।
मगर भीतर की कामोत्तेजना ने एक बार फिर उसमे साहस का सागर उमड़ा दिया
उसने एक गहरी सास ली और खुद को आत्म विश्वास से भरा कि इस बार जो होगा देखा जायेगा , वो कमरे मे घुसते ही चाची को दबोच लेगा और लण्ड को सीधा उनकी गाड़ मे धंसाते हुए उनकी मोटी मोटी पपीते जैसी चुचियो को जोर जोर से मिज मिज कर मसल देगा और चाची इतनी मदहोश हो जायेगी कि बिना लन्ड के उन्हे चैन नही आयेगा
अपनी कल्पना से खुद मे जोश ने फुग्गे फुलात हुआ अनुज ने अपना मुसल अंडर वियर से बाहर निकाल कर रगड़ता हुआ कमरे से बाहर आया और दबे पाव शालिनी के कमरे के बाहर दरवाजे से ही झांकने लगा
कमरे मे उसका चाचा बेफिकर सोया हुआ था
मगर शालिनी कही नजर नही आ रही थी , वो अपना लन्ड की चमड़ी आगे पीछे करता हुआ कमरे के देख रहा था कि तभी जीने के निचे बने बाथरूम से शालिनी निकाली और उसकी नजर अनुज पर गयी जो कमरे मे ताक झाक करता हुआ तेजी से अपना लन्ड हिला रहा था ।
शालिनी मुस्कुराई और वो धीरे से अनुज के करीब गयी और उसके फुसफुसा कर कान मे बोली - मै इधर हु
अनुज चौक कर घूम कर पीछे देखा तो शालिनी उसके सामने बिना ब्लाउज के सिर्फ पेटीकोट मे खडी थी और एक कातिल मुस्कुराहट उसके चेहरे पर बिखरी हुई थी ।
उसके चुचे पूरे कडक थे ।
अनुज की एक बार फिर से फ़ट गयी और वो सकपकाता , हड़बडाता जल्दी जल्दी लन्ड अंडरबियर मे डालता हुआ - नही वो तो मै बा बा बाथरूम खोज रहा था
शालिनी हस कर - चल झूठा बाथरूम मे तो मै गयी थी
अनुज चौक कर - क्या ! मगर आप तो कमरे मे गये थे तो
शालिनी ने एक नजर कमरे मे बेड पर जन्गी को कुनमुनाते हुए करवट बदलते हुए देखा तो उसने अपनी एक उंगली सीधा अनुज के मुह पर रख कर उसे चुप रहने का इशारा किया और मुस्कुराने लगी
अनुज का लन्ड फड़फ्ड़ा रहा था और उसकी सासे गहरा रही थी
शालिनी ने हाथ आगे बढ़ा कर अंडरवियर के उपर से ही उसका लन्ड हथेली मे भरने लगी
चाची से स्पर्श से अनुज का शरीर कापने लगा , सासे उखड़ने लगी , आंखे उलटने लगी और जिस अकड़ने लगा
शालिनी ने मदहोशि से उसका लन्ड मसलते हुए उसके होठों से उंगली हटायी और अंडरवियर की लास्टीक मे उंगली फसाती हुई उसको खिंचती हुई राहुल के कमरे की ओर बढ़ गयी
अनुज भी लड़खड़ाता हुआ अपनी चाची के पीछे हो लिया और कमरे मे आते ही शालिनी ने उसके बेड पर धक्का देकर लिटा दिया
अनुज सम्भलता हुआ पैर लटका कर बेड पर लेट गया और शालिनी कमरे का दरवाजा हाथ से धकेल कर भिड़का दिया
अनुज थुक गटक कर गर्दन उठा कर अपने आगे शालिनी चाची को बड़ी ही कामुक अदा से बढ़ता हुआ देख रहा था
शालीनी उसके करीब बैठ कर उसके लन्ड को अंडरवियर के उपर से सहलाती हुई - कबसे परेशान है , एक बार कह नही पा रहा था अपनी चाची से
अनुज उखड़ती सासो के साथ - अह्ह्ह सीईई चाची वो मै उह्ह्ह उमम्मं
शालिनी - क्या मै मै उम्म्ंम देख क्या हालत कर दी है इसकी उफ्फ्फ
शालिनी ने लास्टीक उठा कर उसका लन्ड बाहर निकालते हुए बोली , सुर्ख लाल हुआ सुपाडा और नसे उसके मोटे लन्ड पर चढ़ी हुई फुल गयी थी
शालिनी अपनी मुलायम हथेली से अनुज के लन्ड को सराहा और अनुज के शरीर मे कपकपी सी हो लगी - अह्ह्ह चाचीईईई उह्ह्ह उम्म्ंम
शालिनी हस कर - धत्त बदमाश कितना शोर कर रहा है , मैने तो अभी छुआ भी नही
अनुज के चेहरे पर हसी के भाव आये मगर कामुकता और छटपटाहट अभी उसपे हावी थे - उह्ह्ह्हऊऊऊ हिहिहिही सीईई अह्ह्ह आराम्म्ंं से उम्म्ंम्म्ं
शालिनी ने अपनी नुकेले नाखूनो की खरोच अनुज के आड़ो पर लगाई , जैसा उसे पसंद होता था ।
अनुज अपनी गाड़ सख्त कर अकड़ गया मानो शालिनी ने उसकी आड़ो को चीर ही डाला हो - उह्ह्ह चाची फ़ाड ही डालोगी क्या
शालिनी मुस्कुराई और उसके आगे घुटनो के बल फर्श पर आ गयी और उसका लन्ड पकड कर सीधा खडा करती हुई उसके आड़ो से लेकर सुपाड़े की टिप तक निचे से जीभ फिराया और अनुज का जिस्म उस गीले स्पर्श से गिनगिना उठा ।
अगले ही पल मानो अनुज की रुह ही निकल जाये ऐसा कुछ हुआ , शालिनी ने अपनी शरारती जीभ उसके सुर्ख लाल हुए सुपाड़े पर फिराते हुए उसके सुपाड़े पर अपने फूल से मुलायम होठ सरकाती हुई उसको मुह मे भर लिया और जीभ की टिप को सीधा उसके पी-होल पॉइंट पर फ्लिक कराने लगी
अनुज हाथ पटकता , कुल्हे उचकाता और मुह भींच कर गर्दन झटकता हुआ - ओह्ह्ह चाचीईई उह्ह्ह रुक जाओ रुक जाओ प्लिज्ज उह्ह्ह्ह ऊहह मम्मीईई मुझ्से बर्दाश्त नही हो रहा है
शालिनी ने मुह से उसका सुपाडा निकाला और लन्ड की चमडी आगे पीछे करने लगी
अनुज - आह्ह चाची प्लीज कुछ लगाओ ना सुखा सुखा ऐसे लग रहा है वहा कि मानो छिला जायेग वो
शालिनी मुस्कुरा कर - क्या ?
अनुज मुस्कुरा कर अपने तने हुए लन्ड के फूले हुए लाल सुपाड़े की ओर इशारा करके - वो
शालिनी मुस्कुरा कर - अच्छा रुक ,
शालीनी ने मुह लार बटोरी और ढेर सारा लार उसके टोपे पर मुह से उगलते हुए उंगलियो से फिराते हुए उसको गिला करने लगी
अपने चाची की ये हरकत से अनुज का पागलपन दुगना हो गया , मगर चाची की थुक ने उसे बहुत ठंडक पहुचाई थी और शालिनी अच्छे से हाथो से उसका लन्ड अपने ही लार से लिपने लगी और उसका लन्ड चमकने लगा
अगले ही पल वापस शालिनी ने मुह खोल कर लन्ड को मुह मे भर लिया और चुसने लगी , चंद पलो की राहत और एक बार फिर अनुज की छ्टपटाना शुरु हो गया
अनुज - उह्ह्ह चाचीईई अह्ह् कितना मस्त चूस्ते हो आप आह्ह इसीलिए तो चाचू आपके लिए पागल है ओह्ह्ह म्म्मीई उह्ह्ह अह्ह्ह
शालिनी मजे से अनुज के लन्ड को सुरक रही थी और अनुज के नसो मे मच रही पंपिंग उसे हवा मे उठा रही थी ।
कुछ ही पल मे उसका लन्ड पूरा तनमना गया और एकदम तना के जैसे सख्त उपर की ओर मुह उठा खड़ा था
शालिनी खडी हुई और अपनी कमर से पेतिकोट की डोरी खोलती हुई उसे निचे सरका दिया
अनुज ने गरदन उच्का कर सामने देखा तो शालिनी पूरी नंगी
खडी थी , हल्की झुरमुट वाली काले तिनको से ढंकी हुई लम्बी फाकेदार बुर की लसलसाहट दूर से ही अनुज को नजर आ रही थी जिसे देख कर उसकी कमोतेजना और भी भडक रही थी
अगले ही पल शालिनी इठलाती हुई आगे बढी और अनुज के दोनो तरफ पैर रख कर लन्ड के सीध मे खडी होकर अपनी बुर की फाके फैलाते हुए उससे रगड़ने लगी
बज्बजाई चुत के ठंडे छींटे एक्का दुक्का अनुज के जिस्म पर भी गिरे और शालिनी एड़ियो के बल होकर अनुज का मुसल पकडती हुई उसे अपने बुर के फाको पर घिसने लगी
अनुज - अह्ह्ह चाची लेलो ना उह्ह्ह्ह उम्म्ं
शालिनी मुस्कुराई और लन्ड को पकड़ कर अपनी बुर के फाके खोलते हुए भीतर डाल दिया और घुटने के बल बैठती हुई आधे से ज्यादा लन्ड बुर मे भर लिया
अनुज - उह्ह्ह चाचीईई आपकी बुर बहुत गर्म है अह्ह्ह सीईई
शालिनी आगे झुक कर बड़ी मादकता से उसके फड़फडाते चेहरे को थामती हुई अपनी गाड मथती हुई उसके लन्ड को बुर मे रेंगाते हुए - अह्ह्ह अनुज बेटा ऊहह तेरा लन्ड भी बहुत गर्म है रे अह्ह्ह सीईई ऊहह
शालिनी का अनुज पर पूरी तरह से कन्ट्रोल था और वो अपनी गाड़ हिलती हुई बुर मे उसके लन्ड को तोड मरोड रही थी
अनुज - ऊहह चाची मै पागल हो जाउन्गा बहुत मजा आ रहा है उम्म्ंम्ंं ओह्ह्ह मुम्मीईई अह्ह्ह अह्ह्ह और तेज
शालिनी उसके गाल से लेकर बालों को सहलाती हुई तेजी से अपनी गाड़ हिलाती हुई - अह्ह्ह बेटा बस ऐसे ही उह्ह्हओह्ह्ह अह्ह्ह कितना गर्म लन्ड है रे तेरा उह्ह्ह , लग रहा है पहली बार कर रहा है क्यू
अनुज सिस्किया लेता हुआ - अह्ह्ह चाची आप पहली बार ही तो देह्ह रहीई हो उह्ह्ह फ्क्क्क एस्स मुझे आप बहुत पसंद हो उह्ह्ह जबसे आपकी गाड़ देखी है पागल हो गया था , कितनी सेक्सी हो आप मेरी चाची
अनुज अपने हाथ बढा कर शालिनी की गाड़ और कमर सहलाने लगा - ओह्ह चाची उह्ह्ह क्या मस्त मुलायम बुर है ओह्ह्ह येस्स्स चाची उह्ह्ह उह्ह्ह येह लोह ऊहह और लोह्ह्ह मेरी रसिली चाची उह्ह्ह
शालिनी कसमसाने लगी क्योकि अनुज उसकी कमर को पकड कर खुद भी निचे से गाड़ उठा कर पेलने लगा - ओह्ह चाची उह्ह्ह फ्क्क्क युउउऊ माय सेक्सी चाची उह्ह्ह फ्क्क्क फ्क्क उह
शालिनी - उम्म्ं बेटा चोद ले मुझे उह्ह्ह और भर भर के पेल ले मुझे लेह्ह दुधू लेले मेरे लाल और चोद अपनी चाची को उह्ह्ह कितना कड़ा है ,हाय राम्म्ं उह्ह्ह इतना कड़ा और कसा लन्ड मैने कभी नही लिया उह्ह्ह और कस के डाल बाबुउउऊ उह्ह्ह उह्ह्ज हा
अनुज - आह्ह चाची आपको देख कर ही ये तन गया है उह्ह्ह उह्ह्ह ऊहह
शालिनी के वजन और कमर की नसो की पूरी जान झोकने के बाद अनुज का शरीर हल्का पडने लगा और धक्के धीमे होने लगे , उस्की सासे फ़ूलने लगी
अनुज की ख्स्ता हालत देख शालिनी ने एक बार फिर कमान संभाली और सीधे होकर अपनी लचकदार कमर का हुनर दिखाने लगी
एक बार फिर कामुक तेज सिसकियाँ उठने लगी और शालिनी अनुज के लन्ड पर हुमचते हुए जोर जोर से लन्ड को मथने लगी
अनुज की हालत खराब होने लगी - ऊहह चाचीईई उह्ह्ह फ्क्कक्क कमाल हो आप ऊहह येस्स्स फ्क्क्क य्म्म्ंं आह्ह आह्ह चाचीईई उह्ह्ह और और
शालिनी मुह भींचे हुए पूरी कमर की ताकत झोंकती हुई कस कस के लन्ड की बुर मे दरने लगी
अनुज - अह्ह्ह चाचीई उह्ह्ह आ रहा है अह्ह्ह आह्ह
अनुज का सुपाडा फ़ूलने लगा और शालिनी झटके से लन्ड से उठ कर पीछे हुई ।
वही अनुज जोर से लन्ड भींचता हुआ हिलाने लगा और तेज गाढी पिचकारी शालिनी की छातियों और पेट पर गिरने लगी
और अनुज हाफता हुआ वापस फैल कर लेट गया
वही शालिनी अपने जिस्म पर फैले रायते को उंगलियों से बटोरती हुई उसके नमकीन स्वाद के चटकारे लेने लगी ।
अमन के घर
"उफ्फ़ हाउ रोमैंटिक यार हिहिहिही "
" तु चुप रहेगी , नही तो मै काल कट कर दूँगी " , सोनल ने थोडा ह्सते हुए गुलाबी गालो के साथ निशा को डाटा
अमन मुस्कुरा कर उसे अपने करीब करता हुआ - उम्म्ं ध्यान मत दो ,
सोनल अमन के उपर चढ़ी हुई उसके गाल सहलाती हुई उसके होठ चुसने लगती है और अमन के हाथ सोनल की चिकनी नंगी कमर को सहला रहे होते है ।
वही वीडियो काल पर निशा की हालत खराब होने लगती है , उसकी मस्ती अब धीरे धीरे उसी को ही अपने घेरे मे ले रही थी , बदन मे एक सनसनाहट सी उठने लगी थी उसके , एडिया रगड़ती हुइ वो सामने मोबाईल मे अमन के कमरे का कामुक मौहौल देख रही थी
सोनल की कमर अब बड़ी ही मादक तरीके से अमन के पैंट मे बने हुए उभार पर घिस रही थी और वो आगे की ओर झुकी हुई उसे चूमती हुई उसके शरत खोलने लगी और गले से चूमते हुए उसके नंगे जिस्म पर अपने हाथ फिराते हुए उसकी कसे हुए सीने पर चुम्मियां करती हुई उसके ओर आंख उठा कर देखती है
अमन बौखलाया गहराती सास लेता हुआ उसकी नशीली आंखो मे देखता है और सोनल भी उसे निहारती हुई अमन के तने हुए निप्स पर जीभ फिराती हुई होठों से घेरती हुई एक गहरा चुम्बन करती है
" उम्म्ंम्ं ", निशा अपनी एडिया रगड़ती हुई अपने कड़े होते निप्प्ल को टीशर्ट के उपर से मसलती है ।
निशा की मादक सिसकी सुन कर सोनल अमन के सीने पर जीभ घुमाती हुई नजरे तिरछी कर निशा की ओर मुस्कुरा कर देखती है तो निशा भी मुस्कुराते लजाते कसमसाते हुए अपने जोबन हाथ मे लेके मरोड देती है
वही अमन तो आंखे मूँदे अपने कुल्हे आसमा मे उठाता हुआ नशे मे झूम रहा था
उसके तंदुरुस्त मुसल की रगड़ लहगे के उपर से सोनल को अपने चुतडो पर मह्सूस हो रही थी
वो नजरे उपर कर अमन के बालों मे हाथ फेरती हुई वापस से उसके गुलाबी लबों को अमन के होठों से चिप्का लिये और उसके होठ खिंचने लगी
सोनल की मदहोशि और जोश से अमन के शरीर मे खलबली सी होने लगी , उसकी कलाइया एक बार फिर सोनल की पीठ पर कसने लगी और वो भी सोनल के होठ चुसने लगा
उसने अपने फैले हुए पैर फ़ोल्ड कर घुटने को उचका कर सोनल की गाड़ पर धक्का देके उसको अपने और करीब किया
उसके सरकते हाथ सोनल के कूल्हो को मसलते हुए उसकी लहगे को उपर खिंच कर उसमे हाथ घुसा कर उसकी मुलायम जांघो को स्पर्श कर रहे थे
अमन के पंजो की रगड़ अपने जांघो पर पाकर सोनल का जिस्म अकड़ने लगा वो अपने गुदाज चुचे उसके सीने पर घिसते हुए अपने निप्प्ल मे मच रही खुजली को शान्त करने लगी
मादक सिसकियाँ और चुम्मियो की आवाज से निशा की हालत और खराब होने लगी उसकी मस्ती अब उसपे ही भारी पडने लगी थी ।
वो टीशर्ट मे हाथ घुसा कर अपने जोबनो को मलती हुई उनकी सिहरन को दूर कर रही थी ।
वही अमन के हाथ सोनल की पीठ से उसकी ब्लाउज के हुक खोल रहे थे और सोनल के जिस्म मे गनगनाहट बढ रही थी , अमन के हाथ उसके नंगे कन्धो को छूते हुए उसकी बाहें खोल रहे थे
हर बीतता पल सोनल की आबरू बेर्दा हो रही थी और वो उसकी कसी हुई 34C वाली गुदाज मोटी चुचियां ब्रा मे अपने दाने उभारे हुए साफ साफ झलकने लगी ।
अमन अपने मुह पास झूलते उस नायाब आमों को निहार रहा था जिन्हे बस उसने फोन पर देखा करता और उसके चुचो से एक मादक सी गन्ध उठ रही थी और अमन की बेताबी और बढ रही थी ।
थुक गटक ललचाई आंखे फैला कर वो मरून ब्लाउज मे कसे हुए सोनल के बडे पपीते जैसे चुचो को झुल्ता हुए पाकर उसने एकदम से दोनो हाथ बढा कर दोनो तरफ से ब्रा के उपर से उसकी चुचिया दबोच ली और गरदन उठा उसके नरम नरम छातियों मे अपना मुह दे दिया
सोनल - उह्ह्ह अह्ह्ह अमन माय बेबी उह्ह्ह सीईई उफ्फ्फ हिहिहिही आराम से बाबू उह्ह्ह अह्ह्ह
सोनल की मादक सिसकिया और उसके चुचो के लिए अमन की भूख को देख कर निशा अपने चुचे पकड कर मरोडने लगी और सिसकिया लेने लगी ।
अमन मुह खोलकर ब्रा के बाहर निकले हिस्सो को चुस्ता हुआ उसक दूध गारने लगा और सोनल उसके सर को अपने सीने से रगड़ने लगी - उह्ह्ह सीई अह्ह्ह बेबी उम्म्ंम उह्ह्ह आऊचछच उह्ंम धत्त काटों मत बदमाश कही के हिहिहिही
ये बोलकर सोनल झट से उठ गयी और अपनी चुचिया मसलती हुई अपनी मादक कमर की हिला रही थी , अमन के लह्गे को खिंचने की वजह से अब अमन का त्ना हुआ मुसल सीधे सोनल को अपनी जांघो मे मह्सुस हो रहा था और अमन अपने गीले होठ पोछता हुआ अपनी गाड़ बड़ी मादकता से हौले से उठाने लगा
सोनल उसके मुसल पर कसम्साती , अपनी जांघो को दरेरती घिसती - उम्म्ंम जानू उह्ह्ह
अमन - अह आओ ना बाबू प्लीज ऊहह
सोनल मुस्कुरा कर - क्या चाहिये मेरे बाबू को उम्म्ंम
अमन भीतर उठ रहे उतेजना के तुफान ने उसके चेहरे पर गिडगिडाहट के भाव ला दिये थे - आह्ह बेबी वो दो ना उह्ह्ह प्लीज
सोनल शरारत भरी अदा से अपने मुलायम नरम चुचो की पहाडियों पर उंगलिया फिराती हुई -क्या येहहह
अमन हा से हिलाता हुआ - हमम्म प्लीज
सोनल शरारती मुस्कुराहट के साथ ना नुकुर करती है तो अमन एक बार फिर अपने घुटने से ठेल कर उसको अपने उपर करता है सोनल इस बार लपक कर उसके दोनो पकड कर उपर कर देती है
अमन महज कुछ इंच भर दुर झुलते आमो को दबोचने के लिए गरदन उचकाता है तो सोनल अपनी पीठ पीछे कर दूर कर लेती है तो अमन जीभ निकाल कर ब्रा के उपर से उसमे उबरे हुए निप्प्प्ल के दाने को छूने की कोसिस मे तडप कर रह जाता है
सोनल मुस्कुरा कर हाथ पीछे ले जाकर ब्रा के हुक खोलती हुई - दुधू चाहिये मेरे बेबी को उम्म्ं
अमन थुक गटक कर आने वाले पल के लिए कामोत्तेजित होकर हा मे सर हिलाता है
सोनल एक हाथ से उसके दोनो हाथ उपर पकड़े हुए दुसरे हाथ से अपनी ब्रा के हुक चटकाती है और तीनो हुक खुलते ही ब्रा मे कैद चुचिया और झूल जाती है मगर वो अब भी अमन की पहुच से दूर थी
सोनल - दुधू पिएगा मेरा सोना उम्म्ं बोलो बाबू
अमन भरी उत्तेजना और सोनल के भूरे सेक्सी चुचो के निप्प्ल चुसने की चाह मे तडप कर - आह्ह हा बाबू दो ना ऊहह प्लीज
सोनल मुस्कुराई और निचे से ब्रा को पकड कर उठाती हुई चुचो को आजाद करती हुई अमन के हाथ छोड देती है - रेडी स्टेडि उम्म्ंम
अगले ही पल सोनल ने अपनी ब्रा उतार दी और उसकी गुलाबी निप्प्ल वाली गोरी 34c वाली चुचिया उसके आगे झूल गयी
अमन की लार छोडती जुबां मुह से निकली तो मगर जैसे ही उसकी नजर सोनल के गुलाबी निप्प्ल पर गयी वो शौक्ड हो गया कि ये कैसे हुआ और उसकी जीभ वापस मुह मे आ गयी
सोनल को भी अचरज हुआ कि क्या हुआ तो उसने इशारे से पूछा- क्या हुआ
अमन अचरज से हाथ आगे बढ़ा कर उसके गुदाज चुचे हाथ मे भरता हुआ अपना अंगूठा उसके दाये गुलाबी निप्प्ल पर घुमाता हुआ - तुम्हारे निप्स तो ब्राउन थे ना
सोनल मचल कर - अह्ह्ह नाआआ हीई तोह्ह्ह
अमन - फिर तुमने जो फोटो भेजा था वो
तभी फोन से आ रही थी खिलखिलाहट से दोनो का ध्यान निशा की ओर गया
" हिहिहिही जीजू जो आप खोज रहे हो वो इधर है "
अमन और सोनल शौक्ड थे क्योकि वीडियो काल पर
निशा अपनी टीशर्ट निकाल कर अपने ब्राऊन निप्प्ल वाली गुदाज मोटे पपीते जैसी चुचिया मसलती हुई दिखा रही थी और खिलखिला रही थी ।
जारि रहेगी