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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

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सपनो का सौदागर
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अगली सुबह मै नास्ते के बाद बुआ से यहा विदा लेके घर के लिए निकल पड़ा और अरुण के साथ साथ मीना को भी हिदायत दी कि शिकायत नही मिले किसी को भी । मैने दोनो बुआ को भी समझाया कि आगे से मै अरुण के सम्पर्क मे रहूंगा और उसका ध्यान रखुन्गा । यहा के रहस्य बहुत थे और मेरे पास समय की कमी .... ना बड़ी बुआ ने मुह खोला और ना ही मीना ने कुछ और कहा । वो सही मायने मे घरके लिये वफादार थी बस जिस्म की जरुरत ने उसे बहका रखा था । मगर मेरे दिल मे कही कुछ अट का हुआ था एक चूल सी थी बुआ और फूफा की कहानि जानने की वो शायद बुआ के चमनपुरा आने के बाद अकेले मे उनसे पूछा जा सकता था ।

खैर करीब तीन बजने को थे और मै बस स्टैंड चमनपुरा पर उतर चुका था ।

सप्ताह भर की अपने चमन से दुरी भी जैसे बरसो की जान पड़ रही थी ।
मन मे कौतूहल मचा हुआ था कि अभी कोई जानने वाले मुझसे मेरे बारे मे पुछेगा कि भाई कहा थे इतना दिन , क्या किये हाहाहा मै क्या ही जवाब दूंगा ।

बीते हफ्ते मे जो मजा और अनुभव मैने किया वो मै ही जानता था ।
मन बहुत खुश था और आने वाले पल को लेके हतोत्साहित भी कि अभी घर जाते ही सब मुझे घेर लेंगे ।

मा , दीदी ! हिहिहिही , उन्हे तो मालूम ही नही कि मै घर वाप्स आ गया हू , पता नही क्या क्या तैयारिया हो गयी है क्या बाकी है उसी मे सब व्यस्त होगे ।

पहचान के लोगो से मिलता हुआ मुस्कुराता हुआ मै अपने चौराहे वाले घर की बढा जा रहा था ।


रास्ते मे काजल भाभी का घर देख कर ही बीती यादे ताजा हो गयी , इनसे भी शादी के बाद हिसाब किताब करना बाकी था ।

बस कुछ ही कदम पर मेरा घर ,
हस्ता हुआ मन मे सबको सरप्राईज करने की मन्सा लिये मै धीरे से मेन गेट खोला और गैलरी से होकर हाल मे पहुचा तो देखा कि सोफे के पास एक ट्रॉली बैग खड़ा है और सोफे पर ही एक लेडिज पर्स भी रखा है ।


घर मे नये महिला मेहमान आने की उत्सुकता ने मेरे दिल को और भी गदगद कर दिया था, लेकिन ये बैग और पर्स था किसका ?


पुरा हाल खाली पड़ा था , सारे कमरे के दरवाजे बंद पड़े थे ।
मेरे कमरे मे भी बाहर से चटखनि लगी हुई थी , गेस्ट रूम मे ताला जड़ा हुआ था ।
सिवाय मा के कमरे के जो शायद भिड्का

धडकता दिल मुझे और बेचैन किये जा रहा था । मैने अपने कन्धे से बैग सोफे पर सरका दिया और दबे पाँव मा के कमरे की ओर बढा , दरवाजे से कान लगाते ही खिलखिलाहट भरी आवाज मेरे कानो मे पड़ी

"उंह जमाई बाबू आराम से हिहिही आउच ऊहह काटो मत सीईई , देख ना छोटी समझा ना इह्ह्ह्ह अम्मीईई" ।

तभी मा की खिलखिलाहट भरि आवाज आई - अरे जीजी जब इन्ही के लिए अपना भोसडा चिकना की हो तो कर लेने दो ना इनको मनमानी हिहिहिही

दोनो अवाजे सुनकर मेरी खुशी का ठिकाना नही रहा

मै मन मे - क्या सच मे रज्जो मौसी आ गयी , तो मतलब पापा ने आते ही मौसी को हिहिहिही


ये सोच कर मेरा लण्ड अकड़ने लगा और मैने पैंट के उपर से उसको भीचते हुए सेट किया और मेरे जहन मे रीना भाभी का ख्याल आया कि कही वो छत पर सोनल के साथ तो नही ।


मैने लपक कर बैग उठाया और धीरे से अपने कमरे की चटखनि खोलते हुए बैग फेक कर वापस से बाहर से दरवाजा बन्द करके उपर छत की ओर भागा ।


सोनल के कमरे के सामने आकर मैने अपनी सासे बराबर की और
भिड़के हुए दरवाजे को हौले से खोलते अन्दर झाका तो

कमरे मे बिस्तर पर सोनल के साथ निशा भी लिपटी हुई , दोनो एक दुसरे को मिज रहे थे

निशा - अह्ह्ह सोनल मुझसे अब रहा नही जा रहा है , मेरी चुत को एक मोटा लण्ड चाहिये उह्ह्ह तेरी ये ऊँगलीआ किसी काम की नही उम्म्ंम्ं माअह्ह्ह

निशा की कामुकता से भरी गरम बाते सुनकर मेरा लण्ड तन गया और, मैने इधर उधर देख कर अपना पैंट खोल कर लण्ड निकालते हुए उसे सहलाने लगा ।

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और उसे हिलाते हुए कमरे में घुसता हुआ - मेरे हुए ऊँगली क्यू दीदी


मेरी आवाज सुनकर दोनो बहने चौकी और मेरी देख कर चिल्ल्लाई- राज हिहिही तु

फिर वो दौड़ती अधनंगी चुचियो को हिलाती हुई और अपने लोवर उपर करती हुई मेरे ओर आई

दोनो ने झपट कर मुझे कस लिया और मेरे गालो होठो पर चुम्मियो की झड़ी लगा दी ।

सोनल - कहा था तु इत्ने दिन , एक भी बार मुझसे बात नही तुने

मै - तो रात मे रोज ही ट्राई करता थ लेकिन आप ही नही बिजी रहते हो आजकल हिहिही

निशा हस्ती हुई - हा अपने दूल्हे राजा के साथ हिहुहिही

मै - तो अब क्या ऐसे ही खड़ा रहोगे उम्म्ं

निशा और सोनल ने एक दुसरे को मुस्कुराते हुए देखा और फिर सोनल ने निशा को दरवाजा बंद करने का इशारा किया

जैसे ही निशा दरवाजे की ओर बढ़ी , सोनल निचे बैठते हुए मेरा लण्ड अपने मुह मे भरते हुए उसको चुबलाने लगी ।


निशा ने जब उसे ऐसा करते देखा वो ऐसे भागती हुई आई मानो सोनल उस्से हिस्से का लण्ड अकेले ही खा जायेगी

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वो सोनल के बगल मे बैठी और ललचाई निगाहो से सोनल को लण्ड चुसते हुए निहारते हुए मेरे आड़ो को छुने लगी
मैने बडे लाड़ मे निशा के बालो को छुआ और उसने भी आगे बढते हुए मेरे आडो मे मुह मे भरके चुबलाना शुरु कर दिया


उनकी कामुक चुसाई और लपलपाती जीभ ने मेरे लण्ड की नसो मे एक अलग ही ऊर्जा भर दी ।
मेरा लण्ड पूरी तरह से तन गया सुपाडा फुल कर लाल हो गया और सोनल उसको सूंघते हुए अपने नथुनो पर लण्ड को नचा रही थी

वही निशा खड़ी होकर अपना टीशर्ट उतारती हुई हाथो मे अपनी चुचियो को मसलती हुई मेरे होठो से अपने होठ जोड लिये

मैने भी लपक कर उसको अपनी बाहो मे भरा और उसके गुदाज चर्बीदार गाड़ की नरम नरम गालो को हथेली मे भरते हुए उसके होठ चुबलाने लगा
वो भी मेरे होठ चुसते हुए मेरे शर्ट को खोले जा रही थी

वही सोनल मेरे लण्ड को कस कर अपनी हथेली मे भरती हुई मेरे सुपाडे को अपने थुक से बजबजाती होठो पर रखकर रगड़ने लगी

मैने देर ना करते हुए निशा को अलग किया और अपना पैंट एड़ियो से निकालते हुए शर्ट खोल कर फेक दिया और निशा को वापस से जकड़ कर अपनी बाहो मे भर लिया

उसका गर्म तपता जिस्म और गुदाज नरम चुचियो के तने हुए निप्प्ल मेरे सीने मे चुब रहे थे और मैने उसके चर्बीदार चुतडो को उसकी शॉर्ट्स मे हाथ घुसेड़ के मसल रहा था


वही सोनल बडी मदहोसी मे अपने जिस्म को नंगा किये जा जा रही थी


लेखक की जुबानी

JAANIPUR

रमन के दुपहर की मस्ती भरी चुदाई मे रीना को अपने ससुर का ख्याल ही नही रहा। वही रमन ने उसको दो राउंड चोद कर सुला दिया और खुद दुकान निकल गया ।


रमन के घर से जाते ही ताख मे बैठा कमलनाथ ने घड़ी पर नजर मारी तो 3 बजने को थे ।

वो चहक कर अपनी बारी के लिए अपना मुसल मसल्ता हुआ कमरे के बाहर आकर रीना के कमरे के भिडके हुए दरवाजे को खोलकर अंदर झाका तो देखा

रीना कमरे मे एक चादर मे लिपटी हुई बेसुध सोई हुई है । उसके कपडे सब यहा वहा बिखरे पड़े हुए थे , चुकी रमन को विश्वास था कि उसका बाप बिना आवाज लगाये उसके कमरे मे नाही जाता इसिलिए रमन ने रीना की नीद खराब ना हो इसके लिए उसने कपडे नही पहनाये थे , बस दरवाजा अच्छे से भिड्का कर दुकान के लिए निकल गया था


वही कमरे मे आते ही कमलनाथ पेट के पल अपनी सोती बहु के मासूम चेहरे को देखकर सारि हवस , ममता मे बदल गयी ।

निचे घुटने के पास से चादर उठी हुई थी जहा से रीना की गोरी चिकनी टांग दिख रही थी ,
कमलनाथ ने आहिस्ता से उसको ढक दिया और मुस्कुरा कर बाहर चला आया ।




राज की जुबानी

इधर निशा और सोनल पूरी तरह से नंगी होकर एक दुसरे के उपर चढ़ी हुई 69 पोजीशन मे एक दुसरे के चुत के होठो पर अपनी थूथ रगड़ रही थी ।

मै उन्के टांगो के बिच मे आकर अपना लण्ड निचे लेटी निशा के बुर के मुहाने पर लगाता हुआ हचाक से लण्ड पेल देता हू

निशा की तेज सिसकी निकल जाती है और लण्ड पुरा का पुरा उसके बुर मे सरकता हुआ चला जाता है , वही उसके उपर चढ़ी हुई सोनल अपनी होठो से निश के चुत के दाने को चुबलाने लगती है


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इस दोहरे हमले से निशा अकड़ जाती है और अपनी जान्घे सिकोड़ते हुए गाड़ उचकाने लगती है ।

मुझे खुद अपने लण्ड पर निशा के चुत की कसावट मह्सूस होती है और मै धक्के तेज कर देता हू , वही निशा बदले की भावना मे सोनल की चुत मे अपनी जीभ डाल कर न्चाने लगती है और सोनल उसके उपर ही एठने लगती है ।

पुरा कमरा कामुक सिस्कियो से गूंज रहा था और मै अनवरत लगातार ध्क्क्म पेल करता रहा ,, जल्द ही निशा की चुत के छल्ले फिर से कसने शुरु हुए और वो अपनी गाड़ उठा कर मेरे लण्ड पर झडे जा रही थी ,,वही सोनल उसके चुत को उपर से मसले जा रही थी ,,, निशा की चुत बुरी तरह से लाल हो चुकी थी , मैने भी देर ना करते हुए निशा की चुत से सना हुआ लण्ड बाहर निकाला जैसे कुल्फ़ी को मलाई के बर्तन मे डुबो के बाहर निकालते है

लण्ड बाहर आते ही सोनल ने बड़ा सा मुह खोलते हुए आधे से ज्यादा लण्ड घोट कर उसको सुरकरते हुए सुपाडे तक आई और फिर सीधा अपना मुह निशा की बहती चुत मे दे दिया

वो अपने नथुने को उसके चुत के निचले हिस्सो पर लगा कर लपल्प निशा की चुत साफ करने लगा और मै जगह दुसरी ओर लण्ड हिलाता हुआ सोनल की फैली हुई गाड़ की तरफ चला गया


जैसे ही मै सोनल के जांघो के बीच आया , निचे लेटी निशा ने लपक कर मेरा तना हुआ लण्ड पकड कर मुह मे भर लिया और लेटे लेटे ही गले को चोक करने लगी

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मैने भी अपने घुटनो को उचका कर लण्ड के सतहो को दबाते हुए उस्का सुपाडा सीधा सिधा निशा के गले मे उतारने की कोसिस की और फिर निशा ने उसे अच्छे से चुबलाकर सोनल की फूली हुई चुत के मुहाने पर ल्गा कर अपने हाथो से उसके बुर मे ठूंसने लगी ।

लन्ड़ के फुले सुपाडे का अह्सास पाकर सोनल ने भी अपनी गरदन घुमाई और अपनी गाड़ उथा कर मुझे सही पोजीशन दिया ताकी मै आसानी से उसकी बुर मे लंड उतार पाऊ

और मैने देर ना करते हुए लण्ड को उसके चुत के गहराईयो मे कुछ ही धक्को मे लेके चला गया ,,वही निशा निचे से अपनी जुबान निकाल कर
सोनल के बुर के मुहानो पर चलाने लगी ,,, जिससे सोनल की सिस्किया भी तेज होने लगी और वो कस कर मेरे लण्ड को अपनी चुत मे कसने लगी

मैने उसके चर्बीदार कुल्हो को मसलते हुए जोरदार करारे झटके लगाने शुरु कर दिये और वही निशा अपनी गरदन उठा और सोनल की चुत के दाने को अपने होठ और जीभ से छेड़ने लगी ,,,जल्द ही सोनल ने भी अकड़ना शुरु कर दिया और उसकी चुत बजबजाने लगी और मै अपनी बहन की फचफचाइ बुर मे पेलते हुए कस कस के धक्के लगा रहा था

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वही सोनल को सुस्त पाकर निशा ने मुझ पर धावा बोल दिया और मेरी जांघो के निचे की ओर सकते हुए मेरे झूलते आड़ो को छेड़ने लगी ,

जिससे मेरे लण्ड की नसे और भी फड़क उठी और मैने पहले से ज्यादा तेज गति से सोनल की बुर फाड़नी शुरु कर दी
वो चिखे जा रही थी और मैने उसकी चर्बीदार गाड़ फैलाये सटास्ट चोदे जा रहा था और आखिर के कुछ झटको के साथ मै भी आहे भरता हुआ अप्ना लण्ड निकाला कर उसे नऐसे ही सोनल की चुत के रस से सना हुआ निशा के मुह हिलाने लगा और झटके खाने लगा

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मेरे लण्ड और सोनल की चुत दोनो से कामरस निशा के मुह मे गिरने लगा जिसे निशा से बहुत अच्छे से साफ किया फिर निशा ने गदरन तान कर मेरा लण्ड गले मे उतार लिया और अच्छे से नीचौड़ने लगी ।


फिर मैने अगले दो राउंड जमकर दोनो को चोदा और लिपट कर सो गया ।



लेखक की जुबानी


JAANIPUR

शाम के करीब 5 बजने को थे , अपनी बहु के कमरे से आने के बाद कमलनाथ ने रज्जो की खोज खबर ली और खुद भी सो गया ।

शाम को जब उसकी आंख खुली तो वो उठा और फ्रेश होकर कमरे से बाहर आते ही पहली नजर अपनी बहु के कमरे पर डाली ।

कमरे के दरवाजे पे बाहर से चटखनी लगी हुई थी , जिसका मतलब था कि रीना कमरे से बाहर

कमलनाथ ने जान्चने के लिए एक नजर उपर जाने वाले जीने पर मारी और समझ गया कि बहु निचे गयी है ।

वो मुस्कुराता हुआ निचे उतरा और हाल मे नजर डाली तो वहा भी वो नही दिखी ,,लेकिन किचन से उसकी किसी से फोन पर बात करने की आवाजे आ रही थी ।

जल्द ही कमलनाथ को आभास हो गया कि रीना अपनी सासु मा से बात कर रही है ,, वही रास्ते का हाल चाल और वहा चमनपुरा मे कैसा है क्या है ।


रीना किचन मे मोबाइल हैण्डफ्री करके सब्जिया काट रही थी ,

कमलनाथ किचन के दरवाजे पर खडे होकर उसकी उभरी हुई गाड़ पर कसी हुई साडी देख कर पागल होने लगा ।


साडी के पल्लू के निचे से एक कोने से उसके सूती ब्लाउज मे कसी हुई रीना की चुचिया दिख रही थी, जिनको मसलने के लिए कमलनाथ बेताब हुआ जा रहा था ।


वो हौले से बिना कोई आहट के रीना के बगल मे खड़ा होकर अपना एक हाथ सीधा रीना के साडी मे उभरे हुए चर्बीदार कूल्हो पर धीरे से रखता है

अनजाने स्पर्श से रीना चौक जाती है लेकिन जैसे ही वो अपने बगल मे अपने ससुर को खड़ा पाती है , उसकी दिल की धडकनें और तेज हो जाती है


रीना - अरे पापा जी आप , बैथिये मै पानी देती हू

तभी मोबाइल से रज्जो की आवाज आती है - क्या रमन के पापा है क्या वहा

अपनी सास की आवाज सुनकर रिना मुस्कुराते हुए अपने ससुर की ओर देखती है और हा बोलने को होती है कि कमलनाथ उसको इशारे से ना बोलने को कहता है ।

तो रीना भी मुस्कुराती हुई - हा वो अभी निचे आये है ,, हाल मे है बोलिए आप

रज्जो फोन से - बोलना क्या है , उनका तु जान ही रही है । मै यही कहूँगी तु दुर रहना उनसे ,


अपनी सास की बात सुन्कर रीना की हसी छुट जाती है और वो अपने ससुर को देखती है जो मुस्कुराते हुए उसके नरम कूल्हो को हौले हौले सहलाना शुरु क चुका होता है ।

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रीना का जिस्म के रोए अब खडे होने लगते है और उसके दिल की धड़कने तेज होने लगती है और उन्ही तेज धडकनो के साथ रीना अपनी भारी होती सासो को थामती हुई - दूर क्यू मा जी
रज्जो दबी हुई आवाज मे फोन से - देख नही रही हमेशा तम्बू टाने खड़े रहते है

रीना अपनी सास की बाते सुन्कर कर अपनी हसी दबाती हुई अपने ससुर के पजामे मे बने तम्बू को देखती है और फिर नजरे उठा कर अपने ससुर को देखती है ।

दोनो मे एक शरारती मुस्कान साझा हो रही होती है ।

रज्जो फोन से - और सुन तु जरा इधर कुछ दिन वो लेगी सूट मत पहनना

रीना - क्यू !!
रज्जो (फोन से) - अरे क्यू कया , उसमे तेरे कुल्हे मोटे दिखते है और कही उसे देख कर इनको मेरी याद ना आने लगे

अपनी सास की बाते सुन्कर रीना शर्मा जाती है और वही कमलनाथ मौके का फायदा लेता हुआ रीना की गाड़ को हाथो मे भर के उसका जायजा लेता है ।

जिससे रीना की सासे और भी भारी होने लगती है , वो कसमसाती हुई अपनी ही जगह पर एठने लगती है ।

रीना - ऊहह ठिक है मा मै ध्यान रखुंगी , और कुछ

रज्जो (फोन से ) - हा और ये जो साडी आज पहनी है उसे मत पहनना इधर

रीना अचरज से - क्यू
रज्जो - ओहो तुझे तो सब समझाना पडता है ,,अरे बेटी उसमे तेरा जोबन सब झलक रहा था आज सुबह

रीना ने अपनी सास की बात सुनकर अपनी सिफान की साडी को देखा और उसमे से झाकते ब्लाउज को देखकर अपने ससुर को छेड़ने के लिये बोली - तो क्या इसको निकाल दू मा जी !

रज्जो झिझक कर - हा बेटी , जब मै आ जाऊ तो जो चाहे पहन लेना ।

रीना ने लपक कर फौरन हाथ धुला और अपने साडी को कन्धे से उतारते हुए कमर से खिंचने लगी ,,जिसे देख कर कमलनाथ की सासे अटकने लगी ।

अब रीना सिर्फ ब्लाउज और पेतिकोट मे थी ,, सूती ब्लाउज मे बिना ब्रा के उसकी कसी हुई चुचिया तनी हुई थी ।

रीना तेज सासो से अपनी ससुर की आंखो मे देखते हुए फोन पर अपनी सास से - जी मा और कुछ

रज्जो - हा , वो तुने आज सुबह ब्रा क्यू नही पहनी थी बेटा उपर से सूती वाला ब्लाउज डाला था ,,देखा नही तेरे पापा कैसे निहार रहे थे


रीना दो कदम पीछे होती हुई हस के - तो क्या अब ये ब्लाउज भी निकाल दू

रज्जो - हा बेटी , मै तेरे भले के लिए ही कह रही थी समझ तु,

रीना खिलखिलाती हुई अपने हाथ पीछे ले जा कर अपने ब्लाउज की लटकती डोरी को खींचा और ब्लाऊज उसके कम्धो से ढीली पड गयी
कमलनाथ की आंखो की चमक बढ गयी और उसके मुह मे लार भरने लगा वो थुक गटकते हुए आगे बढने लगा और उसकी निगाहे सीधा रीना के 34DD वाले चुचो पे जमी थी वो उसकी ब्लाउज का बोझ बढा रहे थे ।

रीना ने बटन चटकाते हुए एक एक करके सारे खोल दिये लेकिन ब्लाउज नही निकाला

अभी उसकी चुचिया ब्लाउज के निचे छिपी हुई थी , उनकी ज्यादा से ज्यादा झलक कमलनाथ को मिल पा रही थी ।


रीना को इनसब बहुत मजा आ रहा था , उसके लिए अपनी सास से बाते करते हुए पहली बार अपने ससुर के सामने नंगी होने मे बहुत ही रोमांच महसूस हो रहा था , उसके जिस्म के रोए फिर से खडे होने लगे , उसके बदन की सिहरन फिर से बढने लगी और वो खुद पहल करते हुए दो कदम आगे बढ के अपनी ससुर के बाहो मे समाते हुए उसके सीने से लिपट गयी ।


अपनी बहु की इस हरकत से कमलनाथ हिल सा गया और उसके रीना को कस कर अपने बाहो मे भर लिया ।

कमलनाथ रीना को अपने सीने से लगाये उसके पीठ पर अटकी ढीली ब्लाउज पर हाथ घुमा रहा था
रज्जो - और सुन बहु

रीना ने दबी हुई आवाज ने अपने ससुर के कैद से सर बाह निकालते हुए - जी मा जी कहिये

रज्जो हस कर - वो इधर जब तक तु है थोडा रमन का ख्याल रख लेना , क्योकि यहा हम लोग एक हफ्ते से ज्यादा रुकेन्गे ,समझ रही है ना तू


अपनी सास की बाते सुन्कर रीना शर्मा कर हस्ती हुई - जी मा जी , अभी कुछ दोपहर मे ही

रज्जो हस कर - धत्त तु भी ना , चल मै रख रही हू और सबका ख्याल रखना बाय

रीना ने अपने हाथ निचे ले जाते हुए कमलनाथ के मोटे तने को हाथ मे भरते हुए मुस्कुराती हुई - जी मा सबका ख्याल रखुंगी


इधर फोन कटा नही कि कमलनाथ ने झटके से रीना को घुमाया और पीछे से हाथ आगे ले जाकर ब्लाउज को किनारे करता हुआ दोनो हाथो से रीना की रस भरी चुचिया हाथो मे भर लिया

रीना - उह्ह्ह पापा जीईई सीई अह्ह्ह धीरेहहहह मै कही जा थोडी ना अह्ह्ह उह्ह्ह्ह माआअह्ह


कमलनाथ उसके रसभरे चुचो को गारते हुए - आह्ह बहु कबसे इनको निचोडना था इसको उम्म्ंम क्या मस्त कसे दूध है तेरे उह्ह्ह्ह

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रीना सिस्क्ती हुई - उह्ह्ह पापा जी कसे है तो क्या आज ही ढीले कर दोगे औह्ह्ह दर्द हो रहा है उम्म्ंम्ं

कमलनाथ - आह्ह बहु कितने नरम है ये ऊहह मन ही नही मानता उह्ह्ह

ये बोलते हुए कमलनाथ ने उसे वाप्स अपनी ओर घुमाया और झुक कर उसके गहरे भूरे निप्प्ल को मुह मे भर कर चुभलाना शुरु कर दिया
रीना अपने ससुर के मोटे होठो मे अपनी चुचियो की नसो को खीचता पाकर पागल सी होने लगी , कमलनाथ रीना की कमर मे हाथ डाले उसके चुचे पकड कर अपनी मोटी जीभ से रीना के नाजुक नाजुक चुचियो के दानो को फ्लिक करने लगा , उसपे अपनी लार से घेरा बनाते हुए बार बार मुह मे भरने ल्गा

अपनी ससुर की इस कला से रीना की चुत बेहिसाब बहे जा रही यही उसकी बिना पैंटी की जान्घे कामरस से भीगी जा रही थी ।
रीना की बढती बेताबी उसकी सासे अटका रखी थी , बहुत कसमसा कर उसने अपने ससुर के होठ अपने चुचियो से छुड़ाए और थोडा पीछे होकर अपनी लाल हुई चुचियो को हौले हौले सहलाते हुए थोडा गुस्से से अपने ससुर को निहारा तो कमलनाथ बेशर्मो की तरह दाँत दिखा दिया

जिससे रीना का चेहरा भी खिल गया और वो अपने बालो की चोटी का जुड़ा बनाती हुई आगे आई और निचे बैठते हुए अपने ससुर के पजामे का नाड़ा खोलने लगी , अपनी बहु की इस हरकत से कमलनाथ का लण्ड और भी सर उठाने लगा ।
पजामे मे बने तम्बू को देख कर रीना ने अपने दिल की बढती आग को हवा दी और अपने होठ भीचते हुए अपने हाथ आगे बढा कर कमलबाथ के लण्ड को पजामे के उपर से हाथो मे भर आड़ो सहित मसलने लगी


कमलनाथ - ऊहह बहु अह्ह्ह उम्म्ंम

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रीना नाड़ा खोलते हुए जान्घिये मे कसे हुए अपने ससुर के फौलादी लण्ड को पकड़ा और अपने नथुने उसके करीब ले जाकर उस्के तने को सुँघा और होठ खोलते हुए जान्घिये के उपर से लण्ड के तने को मुह मे भरने लगी ।


कमलनाथ को यकीन ही नही हो रहा था कि उसकी बहु इस कदर हवस मे पागल हो जायेगी और पूरी बेशर्म रंडी के जैसे ही हरकते करने लगेगी

रिना की हर हरकत से कमलनाथ का लण्ड फौलादी हुआ जा रहा था
रीना ने जान्घिये को पकड कर निचे खीचा और लण्ड उछल कर बाहर आ गया ।

रीना थुक गटकते हुए आंखे फ़ाड कर उस काले फ़नकार मारते नाग को निहार रही थी ,,जिस्का काला तना और कथई सुपाडा पुरा फुला हुआ था , लण्ड की नसे पूरी कसी हुई थी , आड़ो की थैली सिकुड कर कस गयी थी ।

रीना ने कापते हुए अपने दोनो हाथो से उस फौलादी तपते लण्ड के सतहो को थामा और वो पूरी तरह से गनगना गयी ।

उसके जिस्म मे सिहरन सी फैल गयी , उसकी बदन के रोए उठ खडे हुए


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बस नजर भर उसने अपने ससुर को देखा और फिर आन्खे मुन्दते हुए बड़ा सा मुह खोलकर लण्ड को घोट गयी ।

बड़ी मुश्किल से रीना के मुह आधा लण्ड जा पाया था

रिना उसको मुह मे लेके उसपे अपने होठ सरकाने लगी ।
मुह मे अन्दर ही उसकी जीभ ने सुपाड़े को छेड़ना शुरु कर दिया

जिस्से कमलनाथा का जोश और भी उफान मारने लगा ।

वो रीना के बालो मे हाथ घुमाता हुआ आहे भरने लगा , उसे रीना जे नाजुक होठो की ठंडी मिठास अपने लण्ड पर मह्सूस हो रही थी और वही रीना उसके आड़ो को अपने हाथो मे घुमाते हुए लण्ड को चुबला रही थी ।


कमलनाथ - उह्ह्ह बेटी उह्ह्ह्ह आह्ह क्या मस्त चुस्ती है रे तु ओह्ह्ह उम्म्ंम

रीना अपनी तारिफ सुन्कर कर थोडा शर्माती है और वापस से अपने काम मे लग जाती है ।

कुछ ही देर मे कमलनाथ की हालत खराब होने लगती , रीना की पूरी कोसीस थी कि वो एक बार अपने ससुर का रस निकाल दे , लेकिन कमलनाथ इसी जोश मे उसकी चुदाई चाहता था


कमलनाथ उसके सर को पकड कर उसे रोकते हुए - आह्ह नही बहु रुक जा रुक जाह्ह्ह ऊहह तु तो सब कुछ अभी ही निचोड लेगी उह्ह्ह मुझे भी तो कुछ करने दे

रीना अपने होठ पोछती हुई खड़ी होकर मुस्कुराने लगी ।
कमलनाथ उसके करीब जाकर उसको किचन की रैक से लगाता हुआ उसके कमर मे हाथ डाल कर हल्का सा उठाया

तो रीना खुद ही उछल कर रैक कर बैठ गयी और कमलनाथ ने उसकी आंखो मे देखते हुए उसका पेतिकोट उठाना शुरु कर दिया


जैसे ही कमलनाथ ने पेतिकोट उपर किया तो सामने रीना की चिनकी बिना बालो वाली रस से बजबजाई चुत की लकीरे दिखने लगी ।


उससे आती मादक गन्ध ने कमलनाथ के मुह मे पानी भरने लगा और वो थुक गटकता हुआ झुका कर थोडा सा रीना को आगे खिच कर उसकी जांघो को फैलाया

रीना अपने तेज चलती सासो से उपर निचे होती चुचियो को हाथ से पकडे हुए आंखे भिन्च लेती है और जैसे ही कमलनाथ की मोटी जीभ उसके चुत के फलको को छूटी है वो अपनी जान्घे कसते हुए सिस्क पकड़ी है

कमलनाथ वापस से उसकी जांघो को फैलात हुआ अपने होठ खोल्कर उसके बुर के होठो को मुह मे भरकर एक समूच करता है और निचे से अपनी जीभ को उसके बुर के फाको से रिस्ते रस को चाटते हुए उप दाने पर ले जाता है

जिससे रीना की सिसकिया और बढ जाती है । वो अपने हाथ चुचियो से हटा कर कमलनाथ के बालो को पकड लेती है

कमलनाथ तेजी से उस्के बुर के दाने पर अपनी जीभ घुमाता हुआ लगातार उसके चुत के फाको चुबलाये जा रहा था


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रीना - उह्ह्ह पाअपाह्ह्ह्ह ऊहह और चुसो उह्ह्ह अह्ह्ह सीईई उम्म्ंम मम्मीईई उह्ह्ह अह्ह्ह ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह येस्स्स पापाजीईई उह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह


कमलनाथ की क्रियाये अब रिना के सिस्कियो के आधीन हो गयी थी हर बढती सिसकी के साथ कमलनाथ उसके चुत को मुह मे भरता तो कभी उसपे अपनी थूथ रगड़ता और कभी जीभ को बुर के गुलाबी दिवारो पर रगड़ता था ।


जिससे रिना की रस भरी चुत और माल फेकने लगी , कमलनाथ समझ गया कि अब देर नही होनी चाहिये

इसिलिए वो खड़ा हुआ और पाव के पास रखे एक प्लास्टिक स्तूल को अपनी ओर खिचा , जो महज फुट भर ही ऊचा था । जो किचन मे उपर की रैक से समान उतरने के लिए उपयोग मे आता था

कमलनाथ किसी तरह उसपे अपना बैलेंस बना कर खड़ा हुआ और अपनी थुक से सुपाडा चिकना करता हुआ चुत के मुहाने पर लगा दिया


दोनो की दिल की धडकनें तेज हो गयी थी और दोनो एक दुसरे को देख कर आतुर हुए जा रहे थे

कमलनाथ ने लण्ड के सुपाड़े का दबाब रीना की बुर पर बनाते हुए आंखो से इशारा किया तो रीना ने भी नशे मे ही हा मे सर हिलाया

और अगले ही पल उसके ससुर के एक करारा ध्क्का उसकी बुर मे पेल दिया ,,,उसका मोटा खीरे जैसा लण्ड रीना के बुर के दिवारो को चौड़ा करता हुआ आधे से ज्यादा घुस गया ।

रीना - आअह्ह्ह मम्मीईईईईउह्ह्ह उह्ह्ह पाअपाजीईई उह्ह्ह्ह अह्ह्ह सीई

कमलनाथ ने देर ना की और दुबारा से अपना लण्ड एक तेज धक्के के साथ उसकी बुर मे पेल दिया और इस बार पुरा 8 इच का लण्ड रीना की चुत मे समा गया ।


रीना इस उत्तेजना भरे अनुभव से काप रही थी और गाड़ उचका कर अपने ससुर के लण्ड पर ही झडे जा रही थी ।

रीना की आंखे उलट रही थी और वो एक गहरे नशे मे झुम रही थी , कमलनाथ भी उसको मजे देते हुए हलके मादक धक्के लगाता रहा और कुछ पल मे जब उसको लगा कि अब वो भी ज्यादा देर रुक नही पायेवा

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तो उसने वापस से करारे धक्के लगाने शुरु कर दिये , रीना की सिसकिया और चिखे शुरु हो गयी - ओह्ह्ह मुम्मीईई उह्ह्ह्ह माअह्ह्ह आह्ह पापाजीईई और पेलो उह्ह्ह कस कस के ऐसे ही अह्ह्ह

कमलनाथ उसकी सिसकिया सुन कर औ ताबड़तोड़ धक्के लगाने लगा और जल्द ही उसकी नसो वीर्य से भरने लगी और सुपाडा जलाने लगा

वो झटके से स्टूल से उतरा , जिससे रिना भी समझ गयी और वो फौरन रैक से कूदती हुई आगे आती है जिससे उसकी चुचिय हवा मे उछल पडती है ।

कमलनाथ इनसब को इग्नोर कर अपना लण्ड मुठियाते हुए रीना के चेहरे पे लाता है - आह्ह बहुउऊउऊ उह्ह्ह लेह्ह्ह आह्ह उम्म्ंम सीई लेह्ह्ह्ह


रीना अपना मुह खोले कमलनाथ के वीर्य को गले मे घोटती रही और आखिर मे लण्ड को थाम कर अच्छे से सूरक लिया ।


जिसे देख कर कमलनाथ को रज्जो की याद आई वो ऐसे ही आखिर मे उसके सुपाड़े को सुरकती थी ।

और कमलनाथ के दिमाग मे कुछ सवाल कौंध गये ।

वो थक कर हाफ्ता हुआ रिना के पास वही किचन के फर्श पर बैठ गया ।

दोनो हस रहे थे और रीना ने अपने ससुर के बाजू को पकड कर उसके कन्धे पर अपने आप को छोड दिया ।


जारी रहेगी
 
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DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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Wah kya baat hai bahi...Rahul aur Shalini ke prasang ne bahut maja diya...Gajab hai bhai...Itni sundar lekhni ...lajawab

Waiting for Raj Rajjo Rangilal Ragini foursome 💓🍆🥵💯🙏🙏🙏 request ❣️❤️💯🔥🍆💧💧💧🥳

Awesome super duper hot update
👌👌👌✅✅✅🔥🔥🔥

Mast update bro.... waiting more Sonal......

Lajawab update Bhai waiting for more

Rahul ki to nikal padi ab wo bhi apane bhai Raj ki tarah madarchod ban gaya hai dekhte hain Anuj ka kya hota hai idhar Kamalnath bechara abbi bhi atka hua hai.
Jabardast update aage ka intezar


Superb hot update 😍😍😍😍😍😍

Ahha...maza aagya itna kamukh scene.

Mere kahne ka matlab violence nahi tha bus Holi special banane ke liye tha bus main character ke Holi me Josh ko dikhana chahta tha aur female character ke taraf se dikhana chahta tha ki holi me me wo kitna khul ke chudwa sakti hai

Nice story

गाली क्यों दे रहा है बे।

कहानी लिख रहा है या अपनी ...........?

Wait for update bhai kitne din ho gaye

जबरदस्त भाई

Good story


Waiting for next update

Romanchak. Pratiksha agle rasprad update ki

बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है
आखिर राहुल ने शालिनी की चुदाई कर ही दी शालिनी भी अपने बेटे से चूदकर बहुत खुश हैं वही दूसरी ओर कमलनाथ का सपना अधूरा रह गया अब आगे देखते हैं क्या कमलनाथ और रीना का मिलन होगा या नहीं



Kya hua bhai update do na Kafi din ho gaye

Next update pleas

Kidar ho Bhai waiting for update

Waiting for update bhai...bahut din ho gaye update aa kar...waiting for it..
DREAMBOY40
UPDATED 170 IS POSTED ...
 
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Raj Kumar Kannada

ಸಂದರ್ಭದ ಕಾಮ
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Super super update bhai ❤️🥰😍😘🥵🥶👅❤️❤️❤️❤️❤️❤️ keep it up please upload next update soon don't be late⏳⏳⏳⏳❤️😍👍😍😍 reading again and again awesome 😍❤️😍👍🥵🙏
 
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