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Vacations✈ 🏖 are Planned for this summer week
So update will comes after next week.
Enjoy your day
& very imp
हिलाते रहो
So update will comes after next week.
Enjoy your day
& very imp
हिलाते रहो
Last edited:
Bas kuch der meBhai update
Bs a raha hBhai update do....... bahut din ho gaya hai......
superb update waiting for next
Garam update... Intazar hai sasur bahu ka thoda lamba update ka
Super super super super update Bhai keep it up waiting for next update u made my day
Shandar update
Mast hai
Comment frequency kam rahegi ab se march 8th tak.
Abe yaha pe padhne Wale bande v hai kya??
Bhai to hilate hilate padhta hai ya padhte padhte hilata hai
Romanchak. Pratiksha agle rasprad update ki
Nice update
Thnxxx
Shandaar bhai..bohut kamutejak update.....
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है
लगता है अब कमलनाथ और रीना का मिलन हो ही जायेगा वही दूसरी ओर शालिनी भी राहुल से चुदने के लिए तैयार है निशा ने सोनल के साथ मिलकर अमन को पूरी तरह से तंग कर रही हैं ये शादी सबके के लिए चुदाई की खुशी लेकर आने वाली है सब इस शादी में मिलने को बेताब है तो कुछ लोगो का नया रिश्ता इस शादी की वजह से बनने वाला है देखते हैं अब कोन किससे चुदने वाली है
Super update bhai
Update please
Bhai update kab tak aayega....RAngilal...
lagta hain Janaab, aaj aapka mood sahi nahi hain..bahut gusse mein lag rahe ho
Btw, Hearty congratulations on completion of 700 pages...awesome achievement..not easy to complete 700 pages..it shows the power of your story and the fan following...
Great going buddy!!
Hope update aap jaldi hi doge :P Keep going..
DREAMBOY40
congratulations for700 of bhai
Congratulations on 700 pages and more to come
700 pages ho gaye bhai..Bahut bahut mubarak ho...Aur bhai muthal bhi toh apni story se tumne hi banaya...
NEW UPDATE IS POSTEDKisi chutiye ko sach sun ke bura lag lag gaya shyad
Super super super update Bhai Sunday is Funday Bhai waiting for next updateUPDATE 169
लेखक की जुबानी
CHAMANPURA (A)
दोपहर का समय चल रहा था और जंगीलाल अन्दर खाना खाने जा चुका था ।
राहुल दुकान मे बैठा बोर होते हुए अपने बाप के मोबाईल मे गेम खेल रहा था
तभी उसे ध्यान आया कि सुबह वाली रिकार्डिंग उसने डिलीट की ही नही और फौरन वो जल्दी जल्दी फ़ोल्डर खोलने लगा ।
जैसे ही वो वीडियो रिकॉर्डिंग वाले फ़ोल्डर पे क्लिक किया वहा पर पासवर्ड मागने लगा ।
राहुल की तो फटने लगी कि अब क्या करे वो और बेन्चोद उसके बाप ने पुरे मोबाइल मे सिर्फ इस फोल्डर पर क्यू पासवर्ड लगा रखा है ।
राहुल जो अब तक अपने बाप को हवस का चोदा ही समझ रहा था उसके जहन मे अपने बाप के लिए एक अलग ही छवि उभरने लगी थी ।
एक आशंका सी उभर रही थी एक पल को तो वो ये भी सोच रहा था कि शायद गलती से उसका बाप यहा पासवर्ड ल्गा दिया होगा ।
लेकिन अगले ही पल वो इस बात के लिए शंका मे आने लगा कि कुछ तो जरुर है इसमे जो उसका बाप छिपा रहा है ।
राहुल ने सोचा - बात अगर गुप्त है तो इसका मतलब है कि ये फोल्डर रोज रोज नही खुलता होगा और अगर उसे एक दो दिन का समय मिल जाये तो वो इसको अनुज के लैपटाप मे खोल लेगा बडी आसानी से ।
राहुल अपने विचार से चहका और वापस से गेम खेलने मे मस्त हो गया ।
CHAMANPURA (B)
सरोजा कॉम्प्लेक्स के पार्किंग एरिया मे एक आइसक्रीम वाले ठेले के पास खड़ी हुई निशा अपने आस पास के माहौल से थोडा परेशान होकर अमन का इन्तजार कर रही थी ।
अमन को तंग करने के जिस इरादे से उसने आज तंग कपडे पहन हुए थी । वही चुस्त कपडे बाकियों के हवस को जगाने के लिए काफी थी ।
चोर नजरो से जवाँ लड़के क्या लड़किया भी निशा के कूल्हे पर कसी हुई चुस्त लेगी को निहारे जा रही थी ।
पार्किग के चौडे गलियारो मे आती सरसराती हवा निशा के शार्ट कुर्ती को उसकी लेगी की लास्टीक तक उठा दे रही थी जिसे निशा बार बार पकड के अपने उभरे गए गुदाज चुतडो को ढक रही थी ।
उसने उपर से एक नेट वाला दुपट्टा ले रखा था जो उसके गले से चिपकी हुई पीछे उसके चुतडो पर अटकी हुई थी।
और सामने सिने पर कसे हुए उसके चुचे की दरारे उसके गहरे गले वाली कुर्ती से झाक रही थी ।
बेचैन परेशान निशा बार बार मोबाइल का टाईम देखे जा रही थी और मेन गेट पर उसकी निगाहे जमी हुई थी ।
एक दो लड़के उसके अगल बगल उसके पीछे लगभग सटे हुए खडे थे और कोसिस मे थे कि बस एक बार उसके गुदाज गाड़ की चर्बी पर अपने उंगलियाँ घुमा सके ।
निशा अपने पीछे खड़े एक लड़के से थोडी दुरी बना रही थी जो उसकी ओर भी पीठ करके खड़ा था लेकिन दोनो के चुतड आपस मे स्पर्श हो रहे थे ।
निशा ने जैसे ही अपने नरम चुतडो पर उस लड़के की बेल्ट की चुबन मह्सूस की वो चिहुक कर आगे बढ गयी ।
इससे पहले वो उस लडके को कुछ जवाब देती सामने से बुलेट को तड़तड़ाता हुआ अमन पार्किंग मे आ चुका था ।
निशा अमन को देख के बहुत खुश हुई और तेज कदमो से चलती हुई उसके पास गयी ।
अमन ने जैसे ही निशा का कातिलाना रूप देखा वो और भी पागल सा हो गया । पहले से ही वो सोनल से गरमागर्म बाते करके परेशान था और अब निशा की झाकती मोटी चुचियो ने उसके गले मे लार बनाना शुरु कर दिया था ।
निचे से उपर तक अमन से निशा को ताड़ा और उसके शार्ट कुर्ती मे उभरी हुई चुस्त जाघे देख कर अमन मदहोश हो गया ।
निशा - हाय जीजू , कितनी देर लगा दी , मै कबसे अकेली हू यहा
अमन उसके उदास चेहरे पर मुस्कुराया और बाइक पार्क लगाते हुए - अच्छा तुम्हे डर लग रहा था हिहिहिही शैतान कही की । मुझे धमका कर यहा बुलाई हो
निशा चहक कर - हिहिहिही साली हू हक बनता है
अमन उसके थिरकते हुए चर्बीदार गाड़ को देखके अपने मन मे - आह्ह साली हो तो थोडा हक मेरा भी बनता है ना उम्म्ं क्या मस्त गाड़ है इसकी ।
निशा माल की सीढिया चढ़ती हुई पलट कर निचे अमन को देख कर उसके हालत पर हस्ती हुई - आओ ना जीजू , नही तो पसंद वाली सीट नही मिलेगी
अमन - अच्छा ठिक है बाबा चल रहा हू
फिर दोनो सीनेमा वाले साइड की ओर निकल गये और 12 बजे के शो के दो टिकट निकलवाये । निशा ने जिद करके कॉर्नर वाली सीट ली
अमन - कॉर्नर वाली क्यू ली निशा
निशा धीमी आवाज मे हस्ती हुई - स्स्स्स हम दोनो bfgf है ना हिहिहिही
अमन हस्ता हुआ - क्या तुम भी निशा
फिर दोनो अपने सीट पर बैठ गये और वही अमन को सोनल का मैसेज बिप हूआ..
JAANIPUR
अपनी बीवी को बस मे हिफाजत से बिठा कर विदा करने के बाद कमलनाथ घर की ओर निकल पड़ा ।
रास्ते भर उसके जहन मे अपनी बहु के ख्याल आ रहे थे ।
वो आखिरी क्षण जब उसने रीना के साडी से झांकती हुई उसकी गुदाज नाभि देखी ।
वो सोच कर कमलनाथ मे मुह मे लार अभी से भरने लगा था और उसका लण्ड तो आज शान्त होना जान ही नही रहा था ।
तंग जान्घिये मे उसका लण्ड ऐंठ रहा था और उसकी बेचैनी बढ रही थी और बार बार अपना लण्ड भीचने से उसका थोडा सा प्रीकम निकल गया था । लेकिन उसको अभी तक इसका भान ना था । जैसे ही वो अपने मुहल्ले की गली के सामने उरता बाई जांघ के तरफ उसका लण्ड उभर गया ।
कमलनाथ ने आस पास देखा और शर्ट को पैंट से निकाल कर भरसक उसको छिपाना चाहा । मगर पैसे देते समय ई-रिक्से वाले की नजर भी कमलनाथ ने के पैंट पर गयी और वो उस छिपे हुए आलू और उसके छोड़े हुए रस को देख कर मुस्कुरा दिया ।
कमलनाथ ने हड़बड़ी मे पैसे दिये और तेज कदमो से घर की ओर बढ रहा था ।
मेन रोड से 40- 50 मीटर अन्दर था घर उस्का और सड़क पर पुरा आवाजाही लगी हुई थी ।
इतने तनाव पुर्ण माहौल मे भी कमलनाथ के लण्ड के तनाव मे कोई कमी नही आई ।
वो हाफ्ता हुआ तेज कदमो से आगे बढ रहा था और घर के दरवाजे पर बस पहुचने वाला था , अभी तक तो खुद किस्मती थी कि किसी ने उसे टोका नही और ना ही उसके पैंट पर नजर मारी थी ।
लेकिन जैसे ही वो दरवाजे पर खड़ा होकर बेल बजाता है कि रीना आके दरवाजा खोले कि तभी पीछे से एक औरत की आवाज सुन्कर कमलनाथ के पसीने छुट जाते है
महिला - अरे भाईसाहब सुनिएगा
कमलनाथ वो आवाज बखूबी जान रहा था , वो आवाज उसी मुहल्ले की एक खातुन की थी , जो रज्जो की सहेली के साथ साथ उसके कपडे भी सीला करती थी ।
कमलनाथ बिना उसकी ओर घुमे बस गरदन टेढी करके - हा भाभी बोलिए
फातिमा हस कर - अरे सुनिये तो , ये रीना बहु का एक ब्लाउज है उसे दे देंगे क्या आप
रीना की बात सुनते ही कमलनाथ का दिमाग और लण्ड दोनो एक साथ ठुमका ।
वो फौरन उसकी ओर घुमा और अनहोनी हो गयी ।
उस खातुन की निगाहे सीधा कमलनाथ के पैंट मे उभरे हुए उसके सुपाड़े से बहे हुए दाग पर गयी ।
कमलनाथ ने उसकी निगाहो का पीछा किया और उसका लण्ड पैंट मे और तन गया ।
इस्से पहले दोनो के बीच कुछ असहजता भरा संवाद हो पाता कि रीना ने दरवाजा खोला और कमलनाथ को यही सही मौका दिखा
वो लपक कर दरवाजे की ओर घुमा और रीना से उसकी नजरे टकराई
अपने ससुर की हड़बड़ाहट से रीना की नजरे भी अनायास उसके पैंट पर गयी ।
लण्ड का उभार और पैंट पर लगे दाग से रीना को हसी तो आई लेकिन उसने अपने होठ भीच लिये ।
कमलनाथ भी समझ गया कि उसकी बहू ने भी देखा , अगर वो बंद कमरे मे होता तो बेशर्मी दिखा सकता था लेकिन अभी वो घर के मेन दरवाजे पर खड़ा था और उसके पिछे एक महीला भी थी ।
कमलनाथ बिना कुछ बोले तेज कदमो से छत पर चला गया और वो खातुन हस्ते हुए - लग रहा है भाईसाहब को जोरो की आई है हिहिहिजिही
रीना मुस्कुरा कर - क्या काकी आप भी
खातुन रज्जो के साथ काफी समय से रह कर उसके ही जैसे बाचाल हो गयी थी ।
खातुन - अरे देखी नही तुमने कैसे मूतने के लिए उनका वो फड़फडा रहा था
रीना शर्मा कर - धत्त काकी तुम भी ना ,
रीना ब्लाउज खोलाती हुई - अच्छा ये बताओ नाप बराबर है ना इसका , ज्यादा तंग तो नही ना आयेगा । क्योकि हम लोग भो दो दिन बाद चले जायेंगे
खातुन - अरे नाप लेले और मुझे बता देना , कुछ कमी बेसि हुआ तो ठिक कर दूँगी
रीना - ठिक है काकी , मै जरा पापा जी को खाना लगा दू ।
फिर वो खातुन हस्ती हुई अपने घर चली गयी और रीना भी दरवाजा भीड़का कर हाल मे आती है ।
उसने ब्लाउज को हाल के टेबल पर रख कर किचन मे अपने ससुर के लिए खाना परोसना शुरु कर दिया ।
कमलनाथ भी अपने कपडे बदल कर एक बाहदार सैंडो और पाजामा पहने निचे आ गया ।
उसकी नजर टेबल पर रखे ब्लाउज पर गयी और ब्लाउज के बने हुए कप को देख कर उसको दुकान पर रीना के साथ की हुई शॉपिंग याद आने लगी ,
तभी उसने रीना को खोजते हुए आस पास नजरे दौडाई और किचन पर वो खाना परोसती हुई नजर आई
अपनी बहु का तंदुरुस्त पिछवाडा देख कर कमलनाथ का लण्ड फिर से उछल पडा कि तभी रीना खाने की थाली लेके घूमी
रीना ने एक नजर अपने ससुर को देखा और मुस्कुराते हुए - आईये पापा जी खाना लग गया है ।
खाने के बाद कमलनाथ हाथ पोछता हुआ हाल मे आया - वो भाभी जी किस लिये आई थी बहु
रीना - वो पापा मैने ब्लाउज सिलने के लिए दिया था तो वही देने के लिए आई थी
कमलनाथ - तो नाप लिया ना तुमने , साइज़ ठीक है ना
रिना थोडा शर्मा कर - अभी कहा , मै तो निचे ही थी ना
कमलनाथ सोफे पर बैठता हुआ - अरे तो नाप लो ना , कुछ कम ज्यादा हो तो ब्ताना मुझे मै दे आऊंगा फिर से
रीना शर्माती हुई - हममं ठीक है पापा जी , अच्छा आप वो अपना पैंट मुझे दे दीजिये मै धुल देती हू
कमलनाथ असहज होकर - अर रे नही मै धुल दूँगा, उसमे जरा सा दाग लगा है ।
रीना - तो क्या हुआ उसमे , मै धुल दूँगी ना पेसाब का ही दाग है ना ,
कमलनाथ अटक कर नजरे फिराते हुए - अ नही बहु वो पेसाब का नही वो ....
रीना थोडा चुप्पी लेकर - ओह मुझे लगा आपको जोर की लगी थी इसिलिए आप ....
कमलनाथ चुप रहा
रिना - तो क्या आपको अभी भी दिक्कत महसूस हो रही है , रात मे तो मा जी ने ..??
कमलनाथ - अब मै तुमसे क्या कहू बहु इस बारे मे । जब भी रमन की मा कही दुर होती है या हम दोनो का मिलन नही हो पाता , मेरी तलब पता नही कैसे बढ जाती है । मेरा संयम कही खो सा जाता है ।
रीना नजरे झुका - ओह्ह तो फिर क्या आप ऐसे ही परेशान रहेंगे
कमलनाथ खड़ा होकर अपना तना हुआ मुसल पजामे मे सेट करता हुआ - अरे तु परेशान ना हो बहु , ये तो मेरा ह्मेशा का रहा है हाहहहहा , तु भी जा खा ले
ये बोलकर कमलनाथ मुस्कुरा हुआ रीना को क्रॉस करके आगे बढा , उसका दिल जोरो से धडक रहा था और चेहरा पुरा लाल हुआ जा रहा था । जिससे उसकी मुस्कान फीकी सी पड़ गई थी ।
रीना ने जब अपने ससुर को देखा तो उसे लगा कि उस्का ससुर बस दिखावे का मुस्कुरा रहा लेकिन उसको कही न कही सासु माँ के जाने का दुख है ।
बस यही वो पल था जहा कमलनाथ की नियती ने उसका हाथ फिर से थाम लिया और रीना ने झिझक भरे लहजे मे कहा - पापा जी मै कुछ मदद करू !!!
जारी रहेगी