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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

Raj Kumar Kannada

ಸಂದರ್ಭದ ಕಾಮ
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DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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UPDATE 167 (A)

लेखक की जुबानी

CHAMANPURA

राहुल अब काफी हद तक अपनी मा से खुल चुका था लेकिन शब्दो की मर्यादा दोनो मा बेटे ने अभी तक नही लान्घी थी ।
वासना मे घिरे हुए ही सही लेकिन दोनो मे किसी ने भी खुले शब्दो ये इच्छा जाहिर नही होने दीया कि वो दोनो एक दूसरे से क्या चाहते है ।

मौके का फायदा उठाते हुए राहुल ने दो बार अपनी मा से अपना मुसल चुसवा चुका था लेकिन उसकी बेचैनी घटने का नाम नही ले रही थी ।
वही शालिनी के उपर बेटे के साथ साथ बाप की हवस का बोझ बढ़ रहा था ।
जन्गीलाल ने भी दो तीन बार मौका देखकर शालिनी के अंगो के साथ खेला और लण्ड शान्त किया ।

हालत ये थी कि शालिनी की चुत बहुत ही पानी बहा रही थी लेकिन उसकी गर्मी नही मिट पाई थी वही आज राहुल भी पूरी जिद थी कि उसे मम्मी पापा वाला खेल देखना है ।

वही शालिनी भी चाह रही थी कि राहुल के साथ ये खेल जल्द ही खतम हो जाये क्योकि सोनल की शादी को ज्यादा दिन बाकी भी नही थे और कब उसकी जेठानी के यहा से उसका बुलावा आ जाये कोई पता नही था ।
अभी रात के 9 बज रहे थे ।
घर मे सभी लोग खाना पीना कर चुके थे ।
शालिनी किचन मे बर्तन खंगाल रही थी कि पीछे से राहुल ने एक बार फिर अपने तने हुए लण्ड से शालिनी के गाड़ की दरारो मे दस्तक थी और शालिनी गनगना गयी ।


राहुल अपना लण्ड अपनी मा के गाड़ पर घुमाता हुआ घिस रहा था - मम्मी प्लीज ना सिर्फ आज के लिए

शालिनी कसमसाहत भरी आवाज मे - तुझे क्यू देखना है वो सब
राहुल - बस ऐसे ही मन कर रहा है

शालिनी चिंतित भाव मे - कही तेरे पापा ने देख लिया तो
राहुल - पक्का मै छिप कर रहूंगा , वो नही देख पायेंगे

शालिनी अपने हाथ साफ करके राहुल के लण्ड को पकड कर उससे अलग होते हुए - अच्छा ठिक है लेकिन बस कुछ मिण्ट के लिए ही देखना और फिर वापस कमरे मे ठिक है

राहुल चहक कर - ठिक है मम्मी उम्म्म्माह

शालिनी मुस्कुरा कर - धत्त शैतान कही का अब कमरे मे जा मै बाहर की सारी लाईट बुझाकर ही कमरे मे जाऊंगी

राहुल चहकता हुआ कमरे मे चला गया और शालिनी ने बाहर की सारी लाईट बुझा कर कमरे को हल्का भिड़काते हुए कमरे मे चली गयी ।
अन्दर कमरे मे जंगीलाल ने जैसे ही शालिनी की आहट पाई उसे इस बात की फ़िकर ही नही थी कि कमरे का दरवाजा किस हालत मे है ।
शालिनी जिस तरह से अपने जिस्म को कामुक अदाओ से बल्खाते हुए अपने पति की ओर बढ रही थी वैसे वैसे ही जन्गीलाल के जान्घिये मे लण्ड ने बडी तेजी से तम्बू बनाना शुरु कर दिया था ।
जंगीलाल - ओह्ह्ह जान तुम हर बार मुझे पागल कर देती हो , इतनी नशीली क्यू हो तुम

ये बोलकर जंगीलाल ने लपक कर शालिनी को का हाथ खीच कर उसे अपनी गोद मे बिठा लिया ।

अपने पति के नंगे जिस्मो का स्पर्श पाकर शालिनी सिहर गयी और उसकी धडकनें तो बस राहुल के बारे मे सोच कर ही तेजी से धडक रही थी जिससे उसके चूचे जंगीलाल के सीने पर दबाव बना रहे थे और जन्गीलल भी इसको महसूस कर पा रहा था ।

शालिनी तोड़ा इतराते हुए खुद को छुड़ाने की कोसिस करती हुई - अह्ह्ह छोडिए ना जी ,, आपको तो बस वही सब करना है

जंगीलाल अपनी बिबी के गालो को चूमता हुआ - उम्म्ंम जान तुझे देखने के बाद कुछ सूझता ही नही

शालिनी ने नजरे उठा कर अपने पति को देखा और आंखे दिखाते हुए पुछा- समझ क्या रखा है आपने मुझे उम्म्ं

जंगीलाल शरारत भरी मुस्कुराह्ट के साथ उसके कूल्हो को मसलते हुए बोला - अपनी रंडी

अपने पति के मुह से ऐसे शब्द सुन कर शलिनी का दिल ध्क्क करके रह गया और वो ये सोच रही थी कि कही राहुल ने सुन तो नही लिया ना ,,,

वही कमरे के बाहर खड़ा राहुल ने जब अपने बाप के मुह से ऐसे शब्द सुने तो उसका लण्ड फड़फडा गया ।

राहुल मन मे - अह्ह्ह पापा सही कह रहे हो मम्मी किसी रन्डी से कम नही है उह्ह्ह कुछ करो ना खोलो ना मम्मी की चुचिया उम्म्ं

शालिनी अपने पति की ओर पीठ करती हुई एक नजर दरवाजे पर देखती हुई - धत्त क्या जी आप ऐसे उलटा सीधा बोल रहे हो

जन्गीलाल ने मौका पाया और पीछे से शालिनी के चुचे टीशर्ट के उपर से मसलते हुए - सही तो कह रहा हू मेरी रन्डी है तू


शालिनी अपने चुचो पर पति के हथेली का स्पर्श पाते ही मचल उठी और सिस्कने लगी उसकी आंखे बंद हो गयी थी और वही राहुल के चेहरे के भाव बदलने लगे थे ।

उसे लगने लगा था कि खेल शुरु हो गया है और वो अपना लण्ड भी बाहर निकाल चुका था ।

कमरे मे जंगीलाल ने शालिनी की चुचिया मिजते हुए अपने हाथ उसके टीशर्ट मे घुसा दिये और नंगी नंगी चुचियो को टीशर्ट के अन्दर से मसलने लगा ।

शालिनी अपने पति के सीने पर लोटने लगी थी और उसकी एडिया ऐठने लगी थी ।
शालिनी का जोश आज राहुल की उपस्थिति मे बढ गया था वो पूरी तरह अकड़ रही थी इस कलपना मे कि राहुल के मन मे उसके लिये क्या चल रहा होगा ।

क्या वो अपना लण्ड मसल रहा होगा ये सब देख कर ।
वही जंगीलाल अपनी बिवी की गर्मी से और भी जोश मे आ गया और उसने शलिनि की सरकती जान्घो को पकडते हुए अपनी ओर खिच लिया और सीधा चुत के उपर हाथ रख कर उसकी बुर टटोलने लगा ।

राहुल की हालत भी खराब हो रही थी , वो चाह रहा था कि जल्द से जल्द उसकी मा नंगी हो जाये
लेकिन जंगीलाल के विचार तो कुछ और ही थे क्योकि वो भी सुबह से तडप रहा था और उसका लण्ड भी चुदाई के लिए बेचैन हुआ जा रहा था ।

वही शालिनी की बेताबी देख कर उसे लगा की पहले उसे शालिनी की चुदाई करनी चहिये

बस फिर क्या था
अगले ही पल मे वो और शालिनी खड़े थे ।
फिर जंगीलाल ने उसे बिस्तर पर झुका दिया और उसका लोवर पीछे खिच कर निचे कर दिया ।

इतना सब होने के बाद भी राहुल को शालीनी के गोरे जिस्म की एक भी झलक नही मिल पाई थी ।
शालिनी उसकी ओर मुह करके ही बिस्तर पर झुकी हुई थी और जन्गीलाल पीछे खड़ा अपना जांघिया निकाले लण्ड को उसको गाड की दिवारो मे ठोकरे लगा रहा था ।


राहुल को बस सामने झुकी अपनी मा के टीशर्ट से झाकती चुचियो की झलक मिल पा रही थी वही उसका बाप निचे बैठ कर अपना मुह उसकी मा के गाड मे दे चुका था ।

जंगीलाल के मोटी गीली जीभ को अपनी बुर और गाड़ के छेदो पर नाचता पाकर शालिनी के चेहरे के भाव बदल गये थे ।
जंगीलाल बडी हवस से उसके चुत के फाको को चाट कर खड़ा हुआ और अपना मुसल उसके मुहाने पर सेट करते हुए

अगले ही पल शालिनी की आंखे फैल गयी और उसके चेहरे पे आये भावो को पढ कर राहुल समझ गया कि उसके बाप ने लण्ड घुसा दिया है ।

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शालिनी दर्द भरी सिसकिया लेते हुए दरवाजे पर देखती है तो हल्की परछाई मे उसे राहुल के सलेटी लोवर की झलक मिलाती है और उसे फिर से नशा होने लगता है ।

उसकी चुत भलभला कर झड़ना शुरु कर देती है ।
जंगीलाल पीछे से उसको चोद रहा था और उसने भी अपने लण्ड पर गरम गर्म पानी मह्सूस करते ही बोला - ओह्ह जान तुम तो बहुत गरम हो आज ,,,इतना मन था क्या पेलवाने का उम्म्ं बोलो

शालिनी को राहुल के सामने अपने पति से ऐसे बाते करने मे झिझक कर हो रही थी इसिलिए वो चुप रही और आंखे भिचे हुए सिसकिया लेती रही ।

जंगीलाल अपनी बीवी से जवाब ना पाकर अपने चोदने की गति बढा दिया और कमरे मे थप थप थप थप थप की आवाजे होने लगी ।

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शालिनी की भी चिखे तेज हो गयी और राहुल भी तेजी से अपना लण्ड हिला रहा था ।

जन्गीलाल उसके कूल्हो को पकडे हुए कस कस के चोदते हुए - बोलो ना जानू चुप क्यू हो

शालिनी - अह्ह्ह क्या बोलू उम्मममं सीईई उफ्फ्फ
जन्गीलाल - यही की मेरी जान को चुदवाने का आज बहुत मन था क्य्स अह्ह्ह

शालिनी फिर से चुप हो गयी तो जंगीलाल थोडा खीझा और कस कस कर शालिनी की चुत मे 8 10 बार लण्ड गहराई मे घुसेडा जिस्से शालिनी की हालात खराब हो गयी और जन्गीलाल गुस्से मे - बोल ना मादरचोद ,ये मेरी रन्डी बोल ना उम्म्ं आज चुदने का बहुत मन था क्या उम्म्ं

शालिनी दर्द से अक्दी हुई दरवाजे पर नजरे गडाये थी कि दरारो से एक तेज पिचकरी आधे कमरे म आ कर गिरी और शालिनी समझ गयी कि अब राहुल चला जायेगा ।

कुछ पल तक जंगीलाल कस कस के शालिनी के चुत मे बक बक करते हुए पेलता रहा और गालिया देता रहा लेकिन शालिनी ने चू तक नही बोला

फिर आखिर मे जब उसे मह्सूस हुआ कि उसका पति अब झड़ जायेगा तो - मुझे मुह मे चाहिये

जंगीलाल - पहले बोल जो मैने पुछा है

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शालिनी झटके से उठकर दरवाजे की ओर पीठ करके खड़ी हो जाती है और उसके नंगी फैली हुई गाड़ को राहुल देख कर पागल हो जाता है और उसका लण्ड फिर से सिर उठाने लगता है

शालिनी जो कि इस शक मे थी कि राहुल चला गया होगा वो बडी अदा से अपने पति के लण्ड को मसल्ते हुए धीमी आवाज मे - बेटीचोद !! शान्ति से चोद नही सकता

ये बोलकर शालिनी वही बैठ गयी और अपने पति का लण्ड मुह मे भर लिया
शलिनि की बाते सुन कर जंगीलाल की हालत खराब हो गयी और थोडी ही चुसाई मे वो अपना सारा माल अपने बीवी के मुह मे गिराने लगता है ।

शालिनी मुह मे लण्ड को भरे हुए उसे निचोड रही थी कि दरवाजे पर हल्की सी चूँ की आवाज हुई और शालिनी फौरन अलर्ट हुई । वो समझ गयी कि राहुल अभी गया नही है ।

राहुल वही कमरे मे झाकता हुआ अपना लण्ड मसल रहा था ।

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शालिनी ने अपने गालो को पिचकाते हुए लण्ड को सुरक रही थी और उसकी निगाहे अभी भी दरवाजे पर टिकी रही ।

फिर अच्छी तरह से लण्ड को निचोड़ कर वो खड़ी हूई और वापस से दरवाजे की पीठ कर लिया जिससे राहुल को फिर उसकी मा की नंगी गाड़ दिखने लगी ।

शालिनी अपनी उंगलिया चाटती हुई खड़ी हुई और मुस्कुराते- मै जरा साफ करके आती हू

ये बोलते हुए वो उसी हालत मे अपने नंगे चुतडो को हिलाती हुई दरवाजे की ओर बढ़ी कि जन्गिलाल अचरज से - अरे लोवर तो चढा लो , ऐसे ही बाहर जाओगी क्या ?


शालिनी आंख मारते हुए - हा , आपकी रंडी हू ना हिहिही

बस इतना कहने की देरी थी कि जन्गिलाल खुश हो गया और अपना अंडरवियर चढाते बिस्तर की ओर चला गया

और वही राहुल सतर्क होकर दरवाजे से हटकर दिवाल से लग गया
अगले ही पल दरवाजा खुला और शालिनी अपनी लोवर को उपर चढाते हुए बाहर निकली

राहुल उसके बगल मे खड़ा गहरी सासे ले रहा था ।
शालिनी ने फुसफुसाकर से उसको किचन की ओर चलने को कहा

राहुल खुश हुआ और लेकिन जब वो किचन मे पहुचा और बत्ती चालू हुई तो उसका चेहरा उतर गया क्योकि उसकी निगाहे अपनी मा के चुतडो पर ही टिकी हुई थी ।

शालिनी उसका उतरा हुआ चेहरा देख कर मुस्कुराई और उसको छेड़ती हुई बोली - सब ले लिया ना अब क्यू मुह लटका है तेरा

राहुल ने आंखे उठा कर अपनी मा का हस्ता हुआ चेहरा देखा तो उसकी भुनभुनाहट भरि हसी छुट गयी और वो जिद दिखाते हुए - आप इसको उपर क्यू कर ली हो ,, हा नही तो

शालिनी - क्या उपर कर ली हू
राहुल - ये लोवर

शालिनी आंखे नचा कर मुस्कुराती हुई - हा तो क्या वैसे ही खोल कर घुमू क्या

राहुल उखड़े हुए स्वर मे - लेकिन आप तो ऐसे ही खोल कर बाहर आ रही थी ना

शालिनी इतरा कर सिंक की ओर घूम गयी और अपने मुह हाथ धुलने लगी - मेरी मर्जी मै जैसे चाहू रहू , तुने ही कहा था कि मै जो चाहू कर सकती हू

राहुल - हा लेकिन

शालिनी - हा तो अगर मै जो चाहू कर सकती हू तो तु भी जो चाहे नही कर सकता क्या ?

राहुल अपनी मा की बाते सुन कर समझ गया कि ये एक खुला ऑफ़र था उसके लिए और एक ही पल मे उसका लण्ड फौलादी हो गया ।


अगले ही पल वो झट से घुटने के बल हुआ और अपनी मा के कूल्हो से लोवर खीच कर नंगी करता हुआ सीधा अपना मुह अपनी मे गाड़ के दरारो मे घुसा दिया

सब कुछ इतना तेजी से हुआ कि हड़बड़ाहट मे सिंक की टोटी तेज हो गयी और पानी के छीटे शालिनी के हाथो से टकरा कर उसके टीशर्ट पर पड़ने लगे और

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राहुल की लपलपाती जीभ अपने गाड़ के सुराख पर रेंगता हुआ पाकर शालिनी अपने चुतडो को सख्त करते हुए आगे की ओर झुकने लगी ।

जिससे पानी उसके चुचो पर को भिगोने लगा
जल्दीबाजी मे किसी तरह शालिनी ने टोटी बन्द की लेकिन तब तक देर हो गयी थी ।
उसकी चुचिया भीग चुकी थी और निप्प्ल उसके जिस्म से चिपकी हुई टीशर्ट से बाहर झाक रही थी ।

शालिनी कसमसाई और अगले ही पल उसने राहुल के सर को झटक कर अलग किया
दोनो की सासे तेजी से बढ रही थी ।
राहुल उठकर खड़ा हुआ और हस रहा था उसके नथुने लाल हो चुके थे जैसे वो पुरा जोर देके अपनी मा के सख्त दरारो मे बिना आक्सीजन के फसा हुआ हो ।
शालिनी तेजी से उसकी ओर घूमी और अपना लोवर उपर खिचती हुई और मुस्कुराते हुए- शैतान नही का , तो यही सब तु चाह रहा था

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शालिनी के घुमने पर राहुल की निगाहे उसके तने चुचो पर गयी जो भिगे हुए टीशर्ट मे चिपके हुए थे
राहुल की ललचाती निगाहे शालिनी अच्छे से देख रही थी और उसके चेहरे के कामुक भावो को भी वो पढ सकती थी ।

शालिनी - हो गया ना तेरा अब जा सो जा
राहुल थुक गटक कर मुस्कुरा रहा था और कभी अपनी मा तो कभी उसके नुकीले चुचे देख रहा था । बहुत सारी भावनाये एक साथ उसके जहन मे आ रही थी लेकिन वो क्या बोले उसे समझ नही आ रहा था और शालिनी को टेनसन था कि कही उसका पति आवाज ने दे दे उसको ।

क्योकि राहुल के साथ उसको कल क्या करना था उसने उसकी तैयारी कर ली थी इसिलिए आज की रात भर वो उसे और तड़पने के लिए छोड रही थी

शालिनी मुस्कुराती हुई घूमी और किचन से बाहर जाती हुई - चल अब बत्ती बुझा और सोने जा

राहुल ने कुछ नही किया बस मुस्कुरा वही खड़ा देखता रहा तो परेशान होकर शालिनी ने बत्ती बुझाइ और बोली - तुझे यही रहना है यही रह मै दरवाजा बन्द करके सोने जा रही हू

शालिनी अपने दरवाजे तक गयी लेकिन जब उसे राहुल के आने की आहट नही मिली तो वो किचन की ओर घूमी थी कि राहुल से टकरा गयी ।

राहुल दबे पाव उसके पीछे आकर खड़ा हो गया था
शालिनी ने कुछ बोलना चाहा उससे पहले राहुल ने अपने होठ उसके होठो से चिपका दिया और उसको अपनी बाहो मे भर लिया ।

शालिनी चौकी की राहुल दरवाजे पर ही ये क्या हरकत कर रहा है कही उस्का पति ना आ जाये

शालिनी कसमसाती हुई अपने होठ छुड़ा कर धीमी आवाज मे - क्या कर रहा है छोड मुझे ,तेरे पापा कमरे मे जाग रहे है अभी

राहुल ने बिना कुछ बोले अपनी मा के गरदन को चुमते हुए अपने हाथ पीछे ले जाकर लोवर की लास्टीक को फैलाते हुए नंगी गाड़ को मसलने ल्गा

शालिनी अपने बेटे का दोहरा प्रहार झेल ना सकी और उसकी सासे भारी होने लगी और उसके आवाज मे खुमारि सी बढने लगी । मदहोस लहजे मे धीरे से वो राहुल के पीठ पर अपने हाथ घुमाते हुए बोली - उम्म्ंम बेटा रुक जा ना , यहा नही तेरा पापा अह्ह्ह उम्म्ंम

राहुल ने बिना कुछ बोले अपनी ऊँगली को अपनी मा के गाड़ की दरारो मे रगड़ता हुआ उसकी गाड़ के सुराख को भेदने लगा जिससे शालिनी चिहुक कर अपने गाड़ सख्त करते हुए उंगलियो को छेद से दुर करने लगी तो राहुल ने अपनी उंगली को जोर देते हुए आगे बढाया और अपनी मा के कान के पास एक चुंबन किया

चुंबन का अह्सास पाते ही शालिनी ने अपना पुरा शारिर ढीला छोड दिया वही राहुल की ऊँगली कच्च से उसके गाड़ मे चली गयी

सीईई अह्ह्ह बेटा धीरे , सुखा है वो उम्म्ंं , शालिनी ने अपने बेटे की हरकत पर प्रतिक्रिया दी और फिर उसके कलाई को पकड कर अपने गाड़ से उसके हाथो की दुरी बनाते हुए - बस कर बेटा,, यहा नही


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राहुल ने एक भी नही सुना और इस बार सीधा हाथ अपनी मा के भिगे हुए चुचो पर रखा और उन्हे मस्लते हुए अपने होठ वापस से अपनी मा से जोड लिये

शालिनी अब तक बहुत गर्म हो चुकी थी और राहुल के तपते होठो की गर्मी ने उसे भी परेशान कर दीया और वप उसके होठो को खिचते हुए चुबलाने लगी

राहुल भिगे हुए टीशर्ट के उपर से एक हाथ अपनी मा की चुचिया मसल रहा था और दुसरे हाथ से अब भी उसने अपनी मा के कूल्हो को जकड़ रखा था ।

फिर अगले ही पल बिना कोई हैरानी ने राहुल ने अपनी मम्मी से दुरी बनाई और कुल्हे को नचाते हुए उसको पीछे से जकड़ लिया ।

शालिनी को समझ नही आ रहा थ कि राहुल क्या करने की सोच रहा था उसके मन मे अपने पति को लेके डर बना हुआ था लेकिन वो राहुल की कामुक हरकतो से गर्म हुई जा रही थी ।

अभी शालिनी अपनी अवस्था जान्च रही थी कि इतने मे

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राहुल ने फिर से उसकी चुचिया पीछे से दबोच ली और उन्हे मसलने लगा । उस्का तना हुआ लण्ड गाड़ पर सास ले रहा था ।

शालिनी की कसमसाहट बढ रही थी और वो अपने जिस्म को राहुल के उपर ही ढीला छोड चुकी थी । कि तभी राहुल ने उसका टीशर्ट खिच कर उपर कर दिया और उसकी नंगी चुचिया उसके हाथो मे आ गयी ।

अपनी मा के रसिले पपीते जैसी भारी चुचिया राहुल के हाथो मे नही समा रही थी

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उसने अपनी दोनो हथेली एक साथ अपने मा के तने हुए निप्प्लो पर घुमाई की शालिनी उपर से निचे तक मचल उठी और राहुल वापस से उसकी दोनो चुचिया पकड के मस्लते हुए वापस से शालिनी को अपनी ओर घुमाया और झुक कर उसके निप्प्ल को चुबलाता हुआ दुसरे हाथ से अपना लण्ड भी बाहर निकाल दिया


शालिनी ने जैसे ही अपनी जान्घो पर राहुल के सख्त लण्ड के स्पर्श को मह्सूस किया तो वो टटोलते हुए उसके तने को जकड़ ली औए भीचने लगी ।

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अपनी मा के हाथो का स्पर्श पाते ही राहुल तन कर खड़ा हो गया और उसकी आंखे बंद हो गयी , भले ही उसके हाथो मे 36DD की दोनो भारि भारी खर्बुजे जैसी चुचिया लटक रही थी लेकिन उसकी मा के एक स्पर्श ने राहुल को मूरत कर दिया था ।


शालिनी ने जैसे ही ये मह्सुस किया वो खिल उठी और जैसे उसे इस खेल मे अब अपनी चाल चलाने का मौका मिल गया हो
उसने अपनी कामुकता पर जोर देते हुए अपने नुकीले नाखुनो से राहुल के लण्ड की निचली नसो को खरोचा तो राहुल पूरी तरह कापने लगा

उसके पैर जवाब देने लगे थे वो हिल रहा था जैसे किसी अपाहिज की बैशाखी छिन ली गयी हो

राहुल ने हाथ आगे बढा कर अपने मा के कन्धे थाम लिये और शालिनी उसके लण्ड को आगे की ओर भीचने लगी

अब सारा खेल शालिनी के काबू मे आ चुका था
राहुल तेज सासे लेता हुआ अपने एड़ियो के बल खड़ा हुआ जा रहा था और लण्ड की नसे और फुल रही थी

अपनी कपकपाती आवाज मे राहुल बस इतना ही बोल पाया - आह्ह मम्मी चुसो ना उम्म्ंम

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शालिनी समझ गयी कि आज के लिए इसको इतना ही चाहिये और अगले ही पल शालिनी वही बैठ गयी और अपना मुह खोलते ही राहुल का आधा लण्ड मुह मे भर लिया ।

राहुल के जैसे ही अपने मा के ठंडे नाजुक होठो का स्पर्श मिला वो निचे से उपर तक सिहर उठा और लड़खड़ा कर उसने अपनी मा के सर को थाम लिया


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राहुल की बेताबी ज्यादा देर तक रुक ना पाई और कुछ ही देर मे वो अपनी मा के मुह झड़ने लगा

उसने अपना पुरा लण्ड मा के गले मे उतारते हुए एड़ियो के बल खड़ा हो गया और आखिरी झटके तक लण्ड को घुसाये रखा
शालिनी ने भी अच्छे से अपने बेटे के लण्ड को निचोड़ा और फिर वो खडी हुई ।

राहुल वही दिवाल से लग कर सासे भरने लगा और शालिनी ने मुस्कुरा कर उसके गालो को चूमते हुए - अब सो जायेगा ना

राहुल हाफते हुए स्वर मे - हा थैंक यू मम्मी

शालिनी - जा अब सो जा
ये बोलकर शालिनी ने अपना टीशर्ट निचे किया और कमरे मे चली गयी ।

दरवाजे बंद होने की आहट से झप्किया लेता जन्गीलाल चौक गया और उसकी निगाहे शालिनी के भिगे हुए टीशर्ट पर गयी और उसने मुस्कुरा कर इशारे से कारण पूछा तो शालिनी ने बिना कोई जवाब दिये अपनी भीगी हुई टीशर्ट निकाल दी

अपनी बीवी के नंगी चुचिया देख कर जंगीलाल सारे सवाल भुल गया और दोनो एक बार भी चुदाई के खेल मे शामिल हो गये ।


जारी रहेगी
 
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DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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Romanchak. Pratiksha agle rasprad update ki

superb update waiting for next

Nice update bro.... waiting more Sonal

Super super super super super update Bhai so beautiful 💯🙏👍❤️🍆💧👑👏👌🍑❣️🔥💕💝 keep it up waiting for next update 💝💕👍💯

सुपर अपडेट भाई मज़ा आ गया


DREAMBOY40 bro plz mujhe personal message kro urgent kam hai plz

Fantastic update waiting for more

next update kab ayega

UPDATE 167 IS POSTED
 

Raj Kumar Kannada

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लेखक की जुबानी

CHAMANPURA

राहुल अब काफी हद तक अपनी मा से खुल चुका था लेकिन शब्दो की मर्यादा दोनो मा बेटे ने अभी तक नही लान्घी थी ।
वासना मे घिरे हुए ही सही लेकिन दोनो मे किसी ने भी खुले शब्दो ये इच्छा जाहिर नही होने दीया कि वो दोनो एक दूसरे से क्या चाहते है ।

मौके का फायदा उठाते हुए राहुल ने दो बार अपनी मा से अपना मुसल चुसवा चुका था लेकिन उसकी बेचैनी घटने का नाम नही ले रही थी ।
वही शालिनी के उपर बेटे के साथ साथ बाप की हवस का बोझ बढ़ रहा था ।
जन्गीलाल ने भी दो तीन बार मौका देखकर शालिनी के अंगो के साथ खेला और लण्ड शान्त किया ।

हालत ये थी कि शालिनी की चुत बहुत ही पानी बहा रही थी लेकिन उसकी गर्मी नही मिट पाई थी वही आज राहुल भी पूरी जिद थी कि उसे मम्मी पापा वाला खेल देखना है ।

वही शालिनी भी चाह रही थी कि राहुल के साथ ये खेल जल्द ही खतम हो जाये क्योकि सोनल की शादी को ज्यादा दिन बाकी भी नही थे और कब उसकी जेठानी के यहा से उसका बुलावा आ जाये कोई पता नही था ।
अभी रात के 9 बज रहे थे ।
घर मे सभी लोग खाना पीना कर चुके थे ।
शालिनी किचन मे बर्तन खंगाल रही थी कि पीछे से राहुल ने एक बार फिर अपने तने हुए लण्ड से शालिनी के गाड़ की दरारो मे दस्तक थी और शालिनी गनगना गयी ।


राहुल अपना लण्ड अपनी मा के गाड़ पर घुमाता हुआ घिस रहा था - मम्मी प्लीज ना सिर्फ आज के लिए

शालिनी कसमसाहत भरी आवाज मे - तुझे क्यू देखना है वो सब
राहुल - बस ऐसे ही मन कर रहा है

शालिनी चिंतित भाव मे - कही तेरे पापा ने देख लिया तो
राहुल - पक्का मै छिप कर रहूंगा , वो नही देख पायेंगे

शालिनी अपने हाथ साफ करके राहुल के लण्ड को पकड कर उससे अलग होते हुए - अच्छा ठिक है लेकिन बस कुछ मिण्ट के लिए ही देखना और फिर वापस कमरे मे ठिक है

राहुल चहक कर - ठिक है मम्मी उम्म्म्माह

शालिनी मुस्कुरा कर - धत्त शैतान कही का अब कमरे मे जा मै बाहर की सारी लाईट बुझाकर ही कमरे मे जाऊंगी

राहुल चहकता हुआ कमरे मे चला गया और शालिनी ने बाहर की सारी लाईट बुझा कर कमरे को हल्का भिड़काते हुए कमरे मे चली गयी ।
अन्दर कमरे मे जंगीलाल ने जैसे ही शालिनी की आहट पाई उसे इस बात की फ़िकर ही नही थी कि कमरे का दरवाजा किस हालत मे है ।
शालिनी जिस तरह से अपने जिस्म को कामुक अदाओ से बल्खाते हुए अपने पति की ओर बढ रही थी वैसे वैसे ही जन्गीलाल के जान्घिये मे लण्ड ने बडी तेजी से तम्बू बनाना शुरु कर दिया था ।
जंगीलाल - ओह्ह्ह जान तुम हर बार मुझे पागल कर देती हो , इतनी नशीली क्यू हो तुम

ये बोलकर जंगीलाल ने लपक कर शालिनी को का हाथ खीच कर उसे अपनी गोद मे बिठा लिया ।

अपने पति के नंगे जिस्मो का स्पर्श पाकर शालिनी सिहर गयी और उसकी धडकनें तो बस राहुल के बारे मे सोच कर ही तेजी से धडक रही थी जिससे उसके चूचे जंगीलाल के सीने पर दबाव बना रहे थे और जन्गीलल भी इसको महसूस कर पा रहा था ।

शालिनी तोड़ा इतराते हुए खुद को छुड़ाने की कोसिस करती हुई - अह्ह्ह छोडिए ना जी ,, आपको तो बस वही सब करना है

जंगीलाल अपनी बिबी के गालो को चूमता हुआ - उम्म्ंम जान तुझे देखने के बाद कुछ सूझता ही नही

शालिनी ने नजरे उठा कर अपने पति को देखा और आंखे दिखाते हुए पुछा- समझ क्या रखा है आपने मुझे उम्म्ं

जंगीलाल शरारत भरी मुस्कुराह्ट के साथ उसके कूल्हो को मसलते हुए बोला - अपनी रंडी

अपने पति के मुह से ऐसे शब्द सुन कर शलिनी का दिल ध्क्क करके रह गया और वो ये सोच रही थी कि कही राहुल ने सुन तो नही लिया ना ,,,

वही कमरे के बाहर खड़ा राहुल ने जब अपने बाप के मुह से ऐसे शब्द सुने तो उसका लण्ड फड़फडा गया ।

राहुल मन मे - अह्ह्ह पापा सही कह रहे हो मम्मी किसी रन्डी से कम नही है उह्ह्ह कुछ करो ना खोलो ना मम्मी की चुचिया उम्म्ं

शालिनी अपने पति की ओर पीठ करती हुई एक नजर दरवाजे पर देखती हुई - धत्त क्या जी आप ऐसे उलटा सीधा बोल रहे हो

जन्गीलाल ने मौका पाया और पीछे से शालिनी के चुचे टीशर्ट के उपर से मसलते हुए - सही तो कह रहा हू मेरी रन्डी है तू


शालिनी अपने चुचो पर पति के हथेली का स्पर्श पाते ही मचल उठी और सिस्कने लगी उसकी आंखे बंद हो गयी थी और वही राहुल के चेहरे के भाव बदलने लगे थे ।

उसे लगने लगा था कि खेल शुरु हो गया है और वो अपना लण्ड भी बाहर निकाल चुका था ।

कमरे मे जंगीलाल ने शालिनी की चुचिया मिजते हुए अपने हाथ उसके टीशर्ट मे घुसा दिये और नंगी नंगी चुचियो को टीशर्ट के अन्दर से मसलने लगा ।

शालिनी अपने पति के सीने पर लोटने लगी थी और उसकी एडिया ऐठने लगी थी ।
शालिनी का जोश आज राहुल की उपस्थिति मे बढ गया था वो पूरी तरह अकड़ रही थी इस कलपना मे कि राहुल के मन मे उसके लिये क्या चल रहा होगा ।

क्या वो अपना लण्ड मसल रहा होगा ये सब देख कर ।
वही जंगीलाल अपनी बिवी की गर्मी से और भी जोश मे आ गया और उसने शलिनि की सरकती जान्घो को पकडते हुए अपनी ओर खिच लिया और सीधा चुत के उपर हाथ रख कर उसकी बुर टटोलने लगा ।

राहुल की हालत भी खराब हो रही थी , वो चाह रहा था कि जल्द से जल्द उसकी मा नंगी हो जाये
लेकिन जंगीलाल के विचार तो कुछ और ही थे क्योकि वो भी सुबह से तडप रहा था और उसका लण्ड भी चुदाई के लिए बेचैन हुआ जा रहा था ।

वही शालिनी की बेताबी देख कर उसे लगा की पहले उसे शालिनी की चुदाई करनी चहिये

बस फिर क्या था
अगले ही पल मे वो और शालिनी खड़े थे ।
फिर जंगीलाल ने उसे बिस्तर पर झुका दिया और उसका लोवर पीछे खिच कर निचे कर दिया ।

इतना सब होने के बाद भी राहुल को शालीनी के गोरे जिस्म की एक भी झलक नही मिल पाई थी ।
शालिनी उसकी ओर मुह करके ही बिस्तर पर झुकी हुई थी और जन्गीलाल पीछे खड़ा अपना जांघिया निकाले लण्ड को उसको गाड की दिवारो मे ठोकरे लगा रहा था ।


राहुल को बस सामने झुकी अपनी मा के टीशर्ट से झाकती चुचियो की झलक मिल पा रही थी वही उसका बाप निचे बैठ कर अपना मुह उसकी मा के गाड मे दे चुका था ।

जंगीलाल के मोटी गीली जीभ को अपनी बुर और गाड़ के छेदो पर नाचता पाकर शालिनी के चेहरे के भाव बदल गये थे ।
जंगीलाल बडी हवस से उसके चुत के फाको को चाट कर खड़ा हुआ और अपना मुसल उसके मुहाने पर सेट करते हुए

अगले ही पल शालिनी की आंखे फैल गयी और उसके चेहरे पे आये भावो को पढ कर राहुल समझ गया कि उसके बाप ने लण्ड घुसा दिया है ।

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शालिनी दर्द भरी सिसकिया लेते हुए दरवाजे पर देखती है तो हल्की परछाई मे उसे राहुल के सलेटी लोवर की झलक मिलाती है और उसे फिर से नशा होने लगता है ।

उसकी चुत भलभला कर झड़ना शुरु कर देती है ।
जंगीलाल पीछे से उसको चोद रहा था और उसने भी अपने लण्ड पर गरम गर्म पानी मह्सूस करते ही बोला - ओह्ह जान तुम तो बहुत गरम हो आज ,,,इतना मन था क्या पेलवाने का उम्म्ं बोलो

शालिनी को राहुल के सामने अपने पति से ऐसे बाते करने मे झिझक कर हो रही थी इसिलिए वो चुप रही और आंखे भिचे हुए सिसकिया लेती रही ।

जंगीलाल अपनी बीवी से जवाब ना पाकर अपने चोदने की गति बढा दिया और कमरे मे थप थप थप थप थप की आवाजे होने लगी ।

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शालिनी की भी चिखे तेज हो गयी और राहुल भी तेजी से अपना लण्ड हिला रहा था ।

जन्गीलाल उसके कूल्हो को पकडे हुए कस कस के चोदते हुए - बोलो ना जानू चुप क्यू हो

शालिनी - अह्ह्ह क्या बोलू उम्मममं सीईई उफ्फ्फ
जन्गीलाल - यही की मेरी जान को चुदवाने का आज बहुत मन था क्य्स अह्ह्ह

शालिनी फिर से चुप हो गयी तो जंगीलाल थोडा खीझा और कस कस कर शालिनी की चुत मे 8 10 बार लण्ड गहराई मे घुसेडा जिस्से शालिनी की हालात खराब हो गयी और जन्गीलाल गुस्से मे - बोल ना मादरचोद ,ये मेरी रन्डी बोल ना उम्म्ं आज चुदने का बहुत मन था क्या उम्म्ं

शालिनी दर्द से अक्दी हुई दरवाजे पर नजरे गडाये थी कि दरारो से एक तेज पिचकरी आधे कमरे म आ कर गिरी और शालिनी समझ गयी कि अब राहुल चला जायेगा ।

कुछ पल तक जंगीलाल कस कस के शालिनी के चुत मे बक बक करते हुए पेलता रहा और गालिया देता रहा लेकिन शालिनी ने चू तक नही बोला

फिर आखिर मे जब उसे मह्सूस हुआ कि उसका पति अब झड़ जायेगा तो - मुझे मुह मे चाहिये

जंगीलाल - पहले बोल जो मैने पुछा है

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शालिनी झटके से उठकर दरवाजे की ओर पीठ करके खड़ी हो जाती है और उसके नंगी फैली हुई गाड़ को राहुल देख कर पागल हो जाता है और उसका लण्ड फिर से सिर उठाने लगता है

शालिनी जो कि इस शक मे थी कि राहुल चला गया होगा वो बडी अदा से अपने पति के लण्ड को मसल्ते हुए धीमी आवाज मे - बेटीचोद !! शान्ति से चोद नही सकता

ये बोलकर शालिनी वही बैठ गयी और अपने पति का लण्ड मुह मे भर लिया
शलिनि की बाते सुन कर जंगीलाल की हालत खराब हो गयी और थोडी ही चुसाई मे वो अपना सारा माल अपने बीवी के मुह मे गिराने लगता है ।

शालिनी मुह मे लण्ड को भरे हुए उसे निचोड रही थी कि दरवाजे पर हल्की सी चूँ की आवाज हुई और शालिनी फौरन अलर्ट हुई । वो समझ गयी कि राहुल अभी गया नही है ।

राहुल वही कमरे मे झाकता हुआ अपना लण्ड मसल रहा था ।

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शालिनी ने अपने गालो को पिचकाते हुए लण्ड को सुरक रही थी और उसकी निगाहे अभी भी दरवाजे पर टिकी रही ।

फिर अच्छी तरह से लण्ड को निचोड़ कर वो खड़ी हूई और वापस से दरवाजे की पीठ कर लिया जिससे राहुल को फिर उसकी मा की नंगी गाड़ दिखने लगी ।

शालिनी अपनी उंगलिया चाटती हुई खड़ी हुई और मुस्कुराते- मै जरा साफ करके आती हू

ये बोलते हुए वो उसी हालत मे अपने नंगे चुतडो को हिलाती हुई दरवाजे की ओर बढ़ी कि जन्गिलाल अचरज से - अरे लोवर तो चढा लो , ऐसे ही बाहर जाओगी क्या ?


शालिनी आंख मारते हुए - हा , आपकी रंडी हू ना हिहिही

बस इतना कहने की देरी थी कि जन्गिलाल खुश हो गया और अपना अंडरवियर चढाते बिस्तर की ओर चला गया

और वही राहुल सतर्क होकर दरवाजे से हटकर दिवाल से लग गया
अगले ही पल दरवाजा खुला और शालिनी अपनी लोवर को उपर चढाते हुए बाहर निकली

राहुल उसके बगल मे खड़ा गहरी सासे ले रहा था ।
शालिनी ने फुसफुसाकर से उसको किचन की ओर चलने को कहा

राहुल खुश हुआ और लेकिन जब वो किचन मे पहुचा और बत्ती चालू हुई तो उसका चेहरा उतर गया क्योकि उसकी निगाहे अपनी मा के चुतडो पर ही टिकी हुई थी ।

शालिनी उसका उतरा हुआ चेहरा देख कर मुस्कुराई और उसको छेड़ती हुई बोली - सब ले लिया ना अब क्यू मुह लटका है तेरा

राहुल ने आंखे उठा कर अपनी मा का हस्ता हुआ चेहरा देखा तो उसकी भुनभुनाहट भरि हसी छुट गयी और वो जिद दिखाते हुए - आप इसको उपर क्यू कर ली हो ,, हा नही तो

शालिनी - क्या उपर कर ली हू
राहुल - ये लोवर

शालिनी आंखे नचा कर मुस्कुराती हुई - हा तो क्या वैसे ही खोल कर घुमू क्या

राहुल उखड़े हुए स्वर मे - लेकिन आप तो ऐसे ही खोल कर बाहर आ रही थी ना

शालिनी इतरा कर सिंक की ओर घूम गयी और अपने मुह हाथ धुलने लगी - मेरी मर्जी मै जैसे चाहू रहू , तुने ही कहा था कि मै जो चाहू कर सकती हू

राहुल - हा लेकिन

शालिनी - हा तो अगर मै जो चाहू कर सकती हू तो तु भी जो चाहे नही कर सकता क्या ?

राहुल अपनी मा की बाते सुन कर समझ गया कि ये एक खुला ऑफ़र था उसके लिए और एक ही पल मे उसका लण्ड फौलादी हो गया ।


अगले ही पल वो झट से घुटने के बल हुआ और अपनी मा के कूल्हो से लोवर खीच कर नंगी करता हुआ सीधा अपना मुह अपनी मे गाड़ के दरारो मे घुसा दिया

सब कुछ इतना तेजी से हुआ कि हड़बड़ाहट मे सिंक की टोटी तेज हो गयी और पानी के छीटे शालिनी के हाथो से टकरा कर उसके टीशर्ट पर पड़ने लगे और

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राहुल की लपलपाती जीभ अपने गाड़ के सुराख पर रेंगता हुआ पाकर शालिनी अपने चुतडो को सख्त करते हुए आगे की ओर झुकने लगी ।

जिससे पानी उसके चुचो पर को भिगोने लगा
जल्दीबाजी मे किसी तरह शालिनी ने टोटी बन्द की लेकिन तब तक देर हो गयी थी ।
उसकी चुचिया भीग चुकी थी और निप्प्ल उसके जिस्म से चिपकी हुई टीशर्ट से बाहर झाक रही थी ।

शालिनी कसमसाई और अगले ही पल उसने राहुल के सर को झटक कर अलग किया
दोनो की सासे तेजी से बढ रही थी ।
राहुल उठकर खड़ा हुआ और हस रहा था उसके नथुने लाल हो चुके थे जैसे वो पुरा जोर देके अपनी मा के सख्त दरारो मे बिना आक्सीजन के फसा हुआ हो ।
शालिनी तेजी से उसकी ओर घूमी और अपना लोवर उपर खिचती हुई और मुस्कुराते हुए- शैतान नही का , तो यही सब तु चाह रहा था

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शालिनी के घुमने पर राहुल की निगाहे उसके तने चुचो पर गयी जो भिगे हुए टीशर्ट मे चिपके हुए थे
राहुल की ललचाती निगाहे शालिनी अच्छे से देख रही थी और उसके चेहरे के कामुक भावो को भी वो पढ सकती थी ।

शालिनी - हो गया ना तेरा अब जा सो जा
राहुल थुक गटक कर मुस्कुरा रहा था और कभी अपनी मा तो कभी उसके नुकीले चुचे देख रहा था । बहुत सारी भावनाये एक साथ उसके जहन मे आ रही थी लेकिन वो क्या बोले उसे समझ नही आ रहा था और शालिनी को टेनसन था कि कही उसका पति आवाज ने दे दे उसको ।

क्योकि राहुल के साथ उसको कल क्या करना था उसने उसकी तैयारी कर ली थी इसिलिए आज की रात भर वो उसे और तड़पने के लिए छोड रही थी

शालिनी मुस्कुराती हुई घूमी और किचन से बाहर जाती हुई - चल अब बत्ती बुझा और सोने जा

राहुल ने कुछ नही किया बस मुस्कुरा वही खड़ा देखता रहा तो परेशान होकर शालिनी ने बत्ती बुझाइ और बोली - तुझे यही रहना है यही रह मै दरवाजा बन्द करके सोने जा रही हू

शालिनी अपने दरवाजे तक गयी लेकिन जब उसे राहुल के आने की आहट नही मिली तो वो किचन की ओर घूमी थी कि राहुल से टकरा गयी ।

राहुल दबे पाव उसके पीछे आकर खड़ा हो गया था
शालिनी ने कुछ बोलना चाहा उससे पहले राहुल ने अपने होठ उसके होठो से चिपका दिया और उसको अपनी बाहो मे भर लिया ।

शालिनी चौकी की राहुल दरवाजे पर ही ये क्या हरकत कर रहा है कही उस्का पति ना आ जाये

शालिनी कसमसाती हुई अपने होठ छुड़ा कर धीमी आवाज मे - क्या कर रहा है छोड मुझे ,तेरे पापा कमरे मे जाग रहे है अभी

राहुल ने बिना कुछ बोले अपनी मा के गरदन को चुमते हुए अपने हाथ पीछे ले जाकर लोवर की लास्टीक को फैलाते हुए नंगी गाड़ को मसलने ल्गा

शालिनी अपने बेटे का दोहरा प्रहार झेल ना सकी और उसकी सासे भारी होने लगी और उसके आवाज मे खुमारि सी बढने लगी । मदहोस लहजे मे धीरे से वो राहुल के पीठ पर अपने हाथ घुमाते हुए बोली - उम्म्ंम बेटा रुक जा ना , यहा नही तेरा पापा अह्ह्ह उम्म्ंम

राहुल ने बिना कुछ बोले अपनी ऊँगली को अपनी मा के गाड़ की दरारो मे रगड़ता हुआ उसकी गाड़ के सुराख को भेदने लगा जिससे शालिनी चिहुक कर अपने गाड़ सख्त करते हुए उंगलियो को छेद से दुर करने लगी तो राहुल ने अपनी उंगली को जोर देते हुए आगे बढाया और अपनी मा के कान के पास एक चुंबन किया

चुंबन का अह्सास पाते ही शालिनी ने अपना पुरा शारिर ढीला छोड दिया वही राहुल की ऊँगली कच्च से उसके गाड़ मे चली गयी

सीईई अह्ह्ह बेटा धीरे , सुखा है वो उम्म्ंं , शालिनी ने अपने बेटे की हरकत पर प्रतिक्रिया दी और फिर उसके कलाई को पकड कर अपने गाड़ से उसके हाथो की दुरी बनाते हुए - बस कर बेटा,, यहा नही


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राहुल ने एक भी नही सुना और इस बार सीधा हाथ अपनी मा के भिगे हुए चुचो पर रखा और उन्हे मस्लते हुए अपने होठ वापस से अपनी मा से जोड लिये

शालिनी अब तक बहुत गर्म हो चुकी थी और राहुल के तपते होठो की गर्मी ने उसे भी परेशान कर दीया और वप उसके होठो को खिचते हुए चुबलाने लगी

राहुल भिगे हुए टीशर्ट के उपर से एक हाथ अपनी मा की चुचिया मसल रहा था और दुसरे हाथ से अब भी उसने अपनी मा के कूल्हो को जकड़ रखा था ।

फिर अगले ही पल बिना कोई हैरानी ने राहुल ने अपनी मम्मी से दुरी बनाई और कुल्हे को नचाते हुए उसको पीछे से जकड़ लिया ।

शालिनी को समझ नही आ रहा थ कि राहुल क्या करने की सोच रहा था उसके मन मे अपने पति को लेके डर बना हुआ था लेकिन वो राहुल की कामुक हरकतो से गर्म हुई जा रही थी ।

अभी शालिनी अपनी अवस्था जान्च रही थी कि इतने मे

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राहुल ने फिर से उसकी चुचिया पीछे से दबोच ली और उन्हे मसलने लगा । उस्का तना हुआ लण्ड गाड़ पर सास ले रहा था ।

शालिनी की कसमसाहट बढ रही थी और वो अपने जिस्म को राहुल के उपर ही ढीला छोड चुकी थी । कि तभी राहुल ने उसका टीशर्ट खिच कर उपर कर दिया और उसकी नंगी चुचिया उसके हाथो मे आ गयी ।

अपनी मा के रसिले पपीते जैसी भारी चुचिया राहुल के हाथो मे नही समा रही थी

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उसने अपनी दोनो हथेली एक साथ अपने मा के तने हुए निप्प्लो पर घुमाई की शालिनी उपर से निचे तक मचल उठी और राहुल वापस से उसकी दोनो चुचिया पकड के मस्लते हुए वापस से शालिनी को अपनी ओर घुमाया और झुक कर उसके निप्प्ल को चुबलाता हुआ दुसरे हाथ से अपना लण्ड भी बाहर निकाल दिया


शालिनी ने जैसे ही अपनी जान्घो पर राहुल के सख्त लण्ड के स्पर्श को मह्सूस किया तो वो टटोलते हुए उसके तने को जकड़ ली औए भीचने लगी ।

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अपनी मा के हाथो का स्पर्श पाते ही राहुल तन कर खड़ा हो गया और उसकी आंखे बंद हो गयी , भले ही उसके हाथो मे 36DD की दोनो भारि भारी खर्बुजे जैसी चुचिया लटक रही थी लेकिन उसकी मा के एक स्पर्श ने राहुल को मूरत कर दिया था ।


शालिनी ने जैसे ही ये मह्सुस किया वो खिल उठी और जैसे उसे इस खेल मे अब अपनी चाल चलाने का मौका मिल गया हो
उसने अपनी कामुकता पर जोर देते हुए अपने नुकीले नाखुनो से राहुल के लण्ड की निचली नसो को खरोचा तो राहुल पूरी तरह कापने लगा

उसके पैर जवाब देने लगे थे वो हिल रहा था जैसे किसी अपाहिज की बैशाखी छिन ली गयी हो

राहुल ने हाथ आगे बढा कर अपने मा के कन्धे थाम लिये और शालिनी उसके लण्ड को आगे की ओर भीचने लगी

अब सारा खेल शालिनी के काबू मे आ चुका था
राहुल तेज सासे लेता हुआ अपने एड़ियो के बल खड़ा हुआ जा रहा था और लण्ड की नसे और फुल रही थी

अपनी कपकपाती आवाज मे राहुल बस इतना ही बोल पाया - आह्ह मम्मी चुसो ना उम्म्ंम

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शालिनी समझ गयी कि आज के लिए इसको इतना ही चाहिये और अगले ही पल शालिनी वही बैठ गयी और अपना मुह खोलते ही राहुल का आधा लण्ड मुह मे भर लिया ।

राहुल के जैसे ही अपने मा के ठंडे नाजुक होठो का स्पर्श मिला वो निचे से उपर तक सिहर उठा और लड़खड़ा कर उसने अपनी मा के सर को थाम लिया


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राहुल की बेताबी ज्यादा देर तक रुक ना पाई और कुछ ही देर मे वो अपनी मा के मुह झड़ने लगा

उसने अपना पुरा लण्ड मा के गले मे उतारते हुए एड़ियो के बल खड़ा हो गया और आखिरी झटके तक लण्ड को घुसाये रखा
शालिनी ने भी अच्छे से अपने बेटे के लण्ड को निचोड़ा और फिर वो खडी हुई ।

राहुल वही दिवाल से लग कर सासे भरने लगा और शालिनी ने मुस्कुरा कर उसके गालो को चूमते हुए - अब सो जायेगा ना

राहुल हाफते हुए स्वर मे - हा थैंक यू मम्मी

शालिनी - जा अब सो जा
ये बोलकर शालिनी ने अपना टीशर्ट निचे किया और कमरे मे चली गयी ।

दरवाजे बंद होने की आहट से झप्किया लेता जन्गीलाल चौक गया और उसकी निगाहे शालिनी के भिगे हुए टीशर्ट पर गयी और उसने मुस्कुरा कर इशारे से कारण पूछा तो शालिनी ने बिना कोई जवाब दिये अपनी भीगी हुई टीशर्ट निकाल दी

अपनी बीवी के नंगी चुचिया देख कर जंगीलाल सारे सवाल भुल गया और दोनो एक बार भी चुदाई के खेल मे शामिल हो गये ।


जारी रहेगी
Super super super update Bhai ❤️💯🙏👏👍💕💝🍑👌👑💧🍆💓🥳💖 Sunday is Funday u made my day keep it up 💖💓💯❤️💕 waiting for next update
 

Raj Kumar Kannada

ಸಂದರ್ಭದ ಕಾಮ
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UPDATE 167

लेखक की जुबानी

CHAMANPURA

राहुल अब काफी हद तक अपनी मा से खुल चुका था लेकिन शब्दो की मर्यादा दोनो मा बेटे ने अभी तक नही लान्घी थी ।
वासना मे घिरे हुए ही सही लेकिन दोनो मे किसी ने भी खुले शब्दो ये इच्छा जाहिर नही होने दीया कि वो दोनो एक दूसरे से क्या चाहते है ।

मौके का फायदा उठाते हुए राहुल ने दो बार अपनी मा से अपना मुसल चुसवा चुका था लेकिन उसकी बेचैनी घटने का नाम नही ले रही थी ।
वही शालिनी के उपर बेटे के साथ साथ बाप की हवस का बोझ बढ़ रहा था ।
जन्गीलाल ने भी दो तीन बार मौका देखकर शालिनी के अंगो के साथ खेला और लण्ड शान्त किया ।

हालत ये थी कि शालिनी की चुत बहुत ही पानी बहा रही थी लेकिन उसकी गर्मी नही मिट पाई थी वही आज राहुल भी पूरी जिद थी कि उसे मम्मी पापा वाला खेल देखना है ।

वही शालिनी भी चाह रही थी कि राहुल के साथ ये खेल जल्द ही खतम हो जाये क्योकि सोनल की शादी को ज्यादा दिन बाकी भी नही थे और कब उसकी जेठानी के यहा से उसका बुलावा आ जाये कोई पता नही था ।
अभी रात के 9 बज रहे थे ।
घर मे सभी लोग खाना पीना कर चुके थे ।
शालिनी किचन मे बर्तन खंगाल रही थी कि पीछे से राहुल ने एक बार फिर अपने तने हुए लण्ड से शालिनी के गाड़ की दरारो मे दस्तक थी और शालिनी गनगना गयी ।


राहुल अपना लण्ड अपनी मा के गाड़ पर घुमाता हुआ घिस रहा था - मम्मी प्लीज ना सिर्फ आज के लिए

शालिनी कसमसाहत भरी आवाज मे - तुझे क्यू देखना है वो सब
राहुल - बस ऐसे ही मन कर रहा है

शालिनी चिंतित भाव मे - कही तेरे पापा ने देख लिया तो
राहुल - पक्का मै छिप कर रहूंगा , वो नही देख पायेंगे

शालिनी अपने हाथ साफ करके राहुल के लण्ड को पकड कर उससे अलग होते हुए - अच्छा ठिक है लेकिन बस कुछ मिण्ट के लिए ही देखना और फिर वापस कमरे मे ठिक है

राहुल चहक कर - ठिक है मम्मी उम्म्म्माह

शालिनी मुस्कुरा कर - धत्त शैतान कही का अब कमरे मे जा मै बाहर की सारी लाईट बुझाकर ही कमरे मे जाऊंगी

राहुल चहकता हुआ कमरे मे चला गया और शालिनी ने बाहर की सारी लाईट बुझा कर कमरे को हल्का भिड़काते हुए कमरे मे चली गयी ।
अन्दर कमरे मे जंगीलाल ने जैसे ही शालिनी की आहट पाई उसे इस बात की फ़िकर ही नही थी कि कमरे का दरवाजा किस हालत मे है ।
शालिनी जिस तरह से अपने जिस्म को कामुक अदाओ से बल्खाते हुए अपने पति की ओर बढ रही थी वैसे वैसे ही जन्गीलाल के जान्घिये मे लण्ड ने बडी तेजी से तम्बू बनाना शुरु कर दिया था ।
जंगीलाल - ओह्ह्ह जान तुम हर बार मुझे पागल कर देती हो , इतनी नशीली क्यू हो तुम

ये बोलकर जंगीलाल ने लपक कर शालिनी को का हाथ खीच कर उसे अपनी गोद मे बिठा लिया ।

अपने पति के नंगे जिस्मो का स्पर्श पाकर शालिनी सिहर गयी और उसकी धडकनें तो बस राहुल के बारे मे सोच कर ही तेजी से धडक रही थी जिससे उसके चूचे जंगीलाल के सीने पर दबाव बना रहे थे और जन्गीलल भी इसको महसूस कर पा रहा था ।

शालिनी तोड़ा इतराते हुए खुद को छुड़ाने की कोसिस करती हुई - अह्ह्ह छोडिए ना जी ,, आपको तो बस वही सब करना है

जंगीलाल अपनी बिबी के गालो को चूमता हुआ - उम्म्ंम जान तुझे देखने के बाद कुछ सूझता ही नही

शालिनी ने नजरे उठा कर अपने पति को देखा और आंखे दिखाते हुए पुछा- समझ क्या रखा है आपने मुझे उम्म्ं

जंगीलाल शरारत भरी मुस्कुराह्ट के साथ उसके कूल्हो को मसलते हुए बोला - अपनी रंडी

अपने पति के मुह से ऐसे शब्द सुन कर शलिनी का दिल ध्क्क करके रह गया और वो ये सोच रही थी कि कही राहुल ने सुन तो नही लिया ना ,,,

वही कमरे के बाहर खड़ा राहुल ने जब अपने बाप के मुह से ऐसे शब्द सुने तो उसका लण्ड फड़फडा गया ।

राहुल मन मे - अह्ह्ह पापा सही कह रहे हो मम्मी किसी रन्डी से कम नही है उह्ह्ह कुछ करो ना खोलो ना मम्मी की चुचिया उम्म्ं

शालिनी अपने पति की ओर पीठ करती हुई एक नजर दरवाजे पर देखती हुई - धत्त क्या जी आप ऐसे उलटा सीधा बोल रहे हो

जन्गीलाल ने मौका पाया और पीछे से शालिनी के चुचे टीशर्ट के उपर से मसलते हुए - सही तो कह रहा हू मेरी रन्डी है तू


शालिनी अपने चुचो पर पति के हथेली का स्पर्श पाते ही मचल उठी और सिस्कने लगी उसकी आंखे बंद हो गयी थी और वही राहुल के चेहरे के भाव बदलने लगे थे ।

उसे लगने लगा था कि खेल शुरु हो गया है और वो अपना लण्ड भी बाहर निकाल चुका था ।

कमरे मे जंगीलाल ने शालिनी की चुचिया मिजते हुए अपने हाथ उसके टीशर्ट मे घुसा दिये और नंगी नंगी चुचियो को टीशर्ट के अन्दर से मसलने लगा ।

शालिनी अपने पति के सीने पर लोटने लगी थी और उसकी एडिया ऐठने लगी थी ।
शालिनी का जोश आज राहुल की उपस्थिति मे बढ गया था वो पूरी तरह अकड़ रही थी इस कलपना मे कि राहुल के मन मे उसके लिये क्या चल रहा होगा ।

क्या वो अपना लण्ड मसल रहा होगा ये सब देख कर ।
वही जंगीलाल अपनी बिवी की गर्मी से और भी जोश मे आ गया और उसने शलिनि की सरकती जान्घो को पकडते हुए अपनी ओर खिच लिया और सीधा चुत के उपर हाथ रख कर उसकी बुर टटोलने लगा ।

राहुल की हालत भी खराब हो रही थी , वो चाह रहा था कि जल्द से जल्द उसकी मा नंगी हो जाये
लेकिन जंगीलाल के विचार तो कुछ और ही थे क्योकि वो भी सुबह से तडप रहा था और उसका लण्ड भी चुदाई के लिए बेचैन हुआ जा रहा था ।

वही शालिनी की बेताबी देख कर उसे लगा की पहले उसे शालिनी की चुदाई करनी चहिये

बस फिर क्या था
अगले ही पल मे वो और शालिनी खड़े थे ।
फिर जंगीलाल ने उसे बिस्तर पर झुका दिया और उसका लोवर पीछे खिच कर निचे कर दिया ।

इतना सब होने के बाद भी राहुल को शालीनी के गोरे जिस्म की एक भी झलक नही मिल पाई थी ।
शालिनी उसकी ओर मुह करके ही बिस्तर पर झुकी हुई थी और जन्गीलाल पीछे खड़ा अपना जांघिया निकाले लण्ड को उसको गाड की दिवारो मे ठोकरे लगा रहा था ।


राहुल को बस सामने झुकी अपनी मा के टीशर्ट से झाकती चुचियो की झलक मिल पा रही थी वही उसका बाप निचे बैठ कर अपना मुह उसकी मा के गाड मे दे चुका था ।

जंगीलाल के मोटी गीली जीभ को अपनी बुर और गाड़ के छेदो पर नाचता पाकर शालिनी के चेहरे के भाव बदल गये थे ।
जंगीलाल बडी हवस से उसके चुत के फाको को चाट कर खड़ा हुआ और अपना मुसल उसके मुहाने पर सेट करते हुए

अगले ही पल शालिनी की आंखे फैल गयी और उसके चेहरे पे आये भावो को पढ कर राहुल समझ गया कि उसके बाप ने लण्ड घुसा दिया है ।

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शालिनी दर्द भरी सिसकिया लेते हुए दरवाजे पर देखती है तो हल्की परछाई मे उसे राहुल के सलेटी लोवर की झलक मिलाती है और उसे फिर से नशा होने लगता है ।

उसकी चुत भलभला कर झड़ना शुरु कर देती है ।
जंगीलाल पीछे से उसको चोद रहा था और उसने भी अपने लण्ड पर गरम गर्म पानी मह्सूस करते ही बोला - ओह्ह जान तुम तो बहुत गरम हो आज ,,,इतना मन था क्या पेलवाने का उम्म्ं बोलो

शालिनी को राहुल के सामने अपने पति से ऐसे बाते करने मे झिझक कर हो रही थी इसिलिए वो चुप रही और आंखे भिचे हुए सिसकिया लेती रही ।

जंगीलाल अपनी बीवी से जवाब ना पाकर अपने चोदने की गति बढा दिया और कमरे मे थप थप थप थप थप की आवाजे होने लगी ।

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शालिनी की भी चिखे तेज हो गयी और राहुल भी तेजी से अपना लण्ड हिला रहा था ।

जन्गीलाल उसके कूल्हो को पकडे हुए कस कस के चोदते हुए - बोलो ना जानू चुप क्यू हो

शालिनी - अह्ह्ह क्या बोलू उम्मममं सीईई उफ्फ्फ
जन्गीलाल - यही की मेरी जान को चुदवाने का आज बहुत मन था क्य्स अह्ह्ह

शालिनी फिर से चुप हो गयी तो जंगीलाल थोडा खीझा और कस कस कर शालिनी की चुत मे 8 10 बार लण्ड गहराई मे घुसेडा जिस्से शालिनी की हालात खराब हो गयी और जन्गीलाल गुस्से मे - बोल ना मादरचोद ,ये मेरी रन्डी बोल ना उम्म्ं आज चुदने का बहुत मन था क्या उम्म्ं

शालिनी दर्द से अक्दी हुई दरवाजे पर नजरे गडाये थी कि दरारो से एक तेज पिचकरी आधे कमरे म आ कर गिरी और शालिनी समझ गयी कि अब राहुल चला जायेगा ।

कुछ पल तक जंगीलाल कस कस के शालिनी के चुत मे बक बक करते हुए पेलता रहा और गालिया देता रहा लेकिन शालिनी ने चू तक नही बोला

फिर आखिर मे जब उसे मह्सूस हुआ कि उसका पति अब झड़ जायेगा तो - मुझे मुह मे चाहिये

जंगीलाल - पहले बोल जो मैने पुछा है

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शालिनी झटके से उठकर दरवाजे की ओर पीठ करके खड़ी हो जाती है और उसके नंगी फैली हुई गाड़ को राहुल देख कर पागल हो जाता है और उसका लण्ड फिर से सिर उठाने लगता है

शालिनी जो कि इस शक मे थी कि राहुल चला गया होगा वो बडी अदा से अपने पति के लण्ड को मसल्ते हुए धीमी आवाज मे - बेटीचोद !! शान्ति से चोद नही सकता

ये बोलकर शालिनी वही बैठ गयी और अपने पति का लण्ड मुह मे भर लिया
शलिनि की बाते सुन कर जंगीलाल की हालत खराब हो गयी और थोडी ही चुसाई मे वो अपना सारा माल अपने बीवी के मुह मे गिराने लगता है ।

शालिनी मुह मे लण्ड को भरे हुए उसे निचोड रही थी कि दरवाजे पर हल्की सी चूँ की आवाज हुई और शालिनी फौरन अलर्ट हुई । वो समझ गयी कि राहुल अभी गया नही है ।

राहुल वही कमरे मे झाकता हुआ अपना लण्ड मसल रहा था ।

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शालिनी ने अपने गालो को पिचकाते हुए लण्ड को सुरक रही थी और उसकी निगाहे अभी भी दरवाजे पर टिकी रही ।

फिर अच्छी तरह से लण्ड को निचोड़ कर वो खड़ी हूई और वापस से दरवाजे की पीठ कर लिया जिससे राहुल को फिर उसकी मा की नंगी गाड़ दिखने लगी ।

शालिनी अपनी उंगलिया चाटती हुई खड़ी हुई और मुस्कुराते- मै जरा साफ करके आती हू

ये बोलते हुए वो उसी हालत मे अपने नंगे चुतडो को हिलाती हुई दरवाजे की ओर बढ़ी कि जन्गिलाल अचरज से - अरे लोवर तो चढा लो , ऐसे ही बाहर जाओगी क्या ?


शालिनी आंख मारते हुए - हा , आपकी रंडी हू ना हिहिही

बस इतना कहने की देरी थी कि जन्गिलाल खुश हो गया और अपना अंडरवियर चढाते बिस्तर की ओर चला गया

और वही राहुल सतर्क होकर दरवाजे से हटकर दिवाल से लग गया
अगले ही पल दरवाजा खुला और शालिनी अपनी लोवर को उपर चढाते हुए बाहर निकली

राहुल उसके बगल मे खड़ा गहरी सासे ले रहा था ।
शालिनी ने फुसफुसाकर से उसको किचन की ओर चलने को कहा

राहुल खुश हुआ और लेकिन जब वो किचन मे पहुचा और बत्ती चालू हुई तो उसका चेहरा उतर गया क्योकि उसकी निगाहे अपनी मा के चुतडो पर ही टिकी हुई थी ।

शालिनी उसका उतरा हुआ चेहरा देख कर मुस्कुराई और उसको छेड़ती हुई बोली - सब ले लिया ना अब क्यू मुह लटका है तेरा

राहुल ने आंखे उठा कर अपनी मा का हस्ता हुआ चेहरा देखा तो उसकी भुनभुनाहट भरि हसी छुट गयी और वो जिद दिखाते हुए - आप इसको उपर क्यू कर ली हो ,, हा नही तो

शालिनी - क्या उपर कर ली हू
राहुल - ये लोवर

शालिनी आंखे नचा कर मुस्कुराती हुई - हा तो क्या वैसे ही खोल कर घुमू क्या

राहुल उखड़े हुए स्वर मे - लेकिन आप तो ऐसे ही खोल कर बाहर आ रही थी ना

शालिनी इतरा कर सिंक की ओर घूम गयी और अपने मुह हाथ धुलने लगी - मेरी मर्जी मै जैसे चाहू रहू , तुने ही कहा था कि मै जो चाहू कर सकती हू

राहुल - हा लेकिन

शालिनी - हा तो अगर मै जो चाहू कर सकती हू तो तु भी जो चाहे नही कर सकता क्या ?

राहुल अपनी मा की बाते सुन कर समझ गया कि ये एक खुला ऑफ़र था उसके लिए और एक ही पल मे उसका लण्ड फौलादी हो गया ।


अगले ही पल वो झट से घुटने के बल हुआ और अपनी मा के कूल्हो से लोवर खीच कर नंगी करता हुआ सीधा अपना मुह अपनी मे गाड़ के दरारो मे घुसा दिया

सब कुछ इतना तेजी से हुआ कि हड़बड़ाहट मे सिंक की टोटी तेज हो गयी और पानी के छीटे शालिनी के हाथो से टकरा कर उसके टीशर्ट पर पड़ने लगे और

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राहुल की लपलपाती जीभ अपने गाड़ के सुराख पर रेंगता हुआ पाकर शालिनी अपने चुतडो को सख्त करते हुए आगे की ओर झुकने लगी ।

जिससे पानी उसके चुचो पर को भिगोने लगा
जल्दीबाजी मे किसी तरह शालिनी ने टोटी बन्द की लेकिन तब तक देर हो गयी थी ।
उसकी चुचिया भीग चुकी थी और निप्प्ल उसके जिस्म से चिपकी हुई टीशर्ट से बाहर झाक रही थी ।

शालिनी कसमसाई और अगले ही पल उसने राहुल के सर को झटक कर अलग किया
दोनो की सासे तेजी से बढ रही थी ।
राहुल उठकर खड़ा हुआ और हस रहा था उसके नथुने लाल हो चुके थे जैसे वो पुरा जोर देके अपनी मा के सख्त दरारो मे बिना आक्सीजन के फसा हुआ हो ।
शालिनी तेजी से उसकी ओर घूमी और अपना लोवर उपर खिचती हुई और मुस्कुराते हुए- शैतान नही का , तो यही सब तु चाह रहा था

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शालिनी के घुमने पर राहुल की निगाहे उसके तने चुचो पर गयी जो भिगे हुए टीशर्ट मे चिपके हुए थे
राहुल की ललचाती निगाहे शालिनी अच्छे से देख रही थी और उसके चेहरे के कामुक भावो को भी वो पढ सकती थी ।

शालिनी - हो गया ना तेरा अब जा सो जा
राहुल थुक गटक कर मुस्कुरा रहा था और कभी अपनी मा तो कभी उसके नुकीले चुचे देख रहा था । बहुत सारी भावनाये एक साथ उसके जहन मे आ रही थी लेकिन वो क्या बोले उसे समझ नही आ रहा था और शालिनी को टेनसन था कि कही उसका पति आवाज ने दे दे उसको ।

क्योकि राहुल के साथ उसको कल क्या करना था उसने उसकी तैयारी कर ली थी इसिलिए आज की रात भर वो उसे और तड़पने के लिए छोड रही थी

शालिनी मुस्कुराती हुई घूमी और किचन से बाहर जाती हुई - चल अब बत्ती बुझा और सोने जा

राहुल ने कुछ नही किया बस मुस्कुरा वही खड़ा देखता रहा तो परेशान होकर शालिनी ने बत्ती बुझाइ और बोली - तुझे यही रहना है यही रह मै दरवाजा बन्द करके सोने जा रही हू

शालिनी अपने दरवाजे तक गयी लेकिन जब उसे राहुल के आने की आहट नही मिली तो वो किचन की ओर घूमी थी कि राहुल से टकरा गयी ।

राहुल दबे पाव उसके पीछे आकर खड़ा हो गया था
शालिनी ने कुछ बोलना चाहा उससे पहले राहुल ने अपने होठ उसके होठो से चिपका दिया और उसको अपनी बाहो मे भर लिया ।

शालिनी चौकी की राहुल दरवाजे पर ही ये क्या हरकत कर रहा है कही उस्का पति ना आ जाये

शालिनी कसमसाती हुई अपने होठ छुड़ा कर धीमी आवाज मे - क्या कर रहा है छोड मुझे ,तेरे पापा कमरे मे जाग रहे है अभी

राहुल ने बिना कुछ बोले अपनी मा के गरदन को चुमते हुए अपने हाथ पीछे ले जाकर लोवर की लास्टीक को फैलाते हुए नंगी गाड़ को मसलने ल्गा

शालिनी अपने बेटे का दोहरा प्रहार झेल ना सकी और उसकी सासे भारी होने लगी और उसके आवाज मे खुमारि सी बढने लगी । मदहोस लहजे मे धीरे से वो राहुल के पीठ पर अपने हाथ घुमाते हुए बोली - उम्म्ंम बेटा रुक जा ना , यहा नही तेरा पापा अह्ह्ह उम्म्ंम

राहुल ने बिना कुछ बोले अपनी ऊँगली को अपनी मा के गाड़ की दरारो मे रगड़ता हुआ उसकी गाड़ के सुराख को भेदने लगा जिससे शालिनी चिहुक कर अपने गाड़ सख्त करते हुए उंगलियो को छेद से दुर करने लगी तो राहुल ने अपनी उंगली को जोर देते हुए आगे बढाया और अपनी मा के कान के पास एक चुंबन किया

चुंबन का अह्सास पाते ही शालिनी ने अपना पुरा शारिर ढीला छोड दिया वही राहुल की ऊँगली कच्च से उसके गाड़ मे चली गयी

सीईई अह्ह्ह बेटा धीरे , सुखा है वो उम्म्ंं , शालिनी ने अपने बेटे की हरकत पर प्रतिक्रिया दी और फिर उसके कलाई को पकड कर अपने गाड़ से उसके हाथो की दुरी बनाते हुए - बस कर बेटा,, यहा नही


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राहुल ने एक भी नही सुना और इस बार सीधा हाथ अपनी मा के भिगे हुए चुचो पर रखा और उन्हे मस्लते हुए अपने होठ वापस से अपनी मा से जोड लिये

शालिनी अब तक बहुत गर्म हो चुकी थी और राहुल के तपते होठो की गर्मी ने उसे भी परेशान कर दीया और वप उसके होठो को खिचते हुए चुबलाने लगी

राहुल भिगे हुए टीशर्ट के उपर से एक हाथ अपनी मा की चुचिया मसल रहा था और दुसरे हाथ से अब भी उसने अपनी मा के कूल्हो को जकड़ रखा था ।

फिर अगले ही पल बिना कोई हैरानी ने राहुल ने अपनी मम्मी से दुरी बनाई और कुल्हे को नचाते हुए उसको पीछे से जकड़ लिया ।

शालिनी को समझ नही आ रहा थ कि राहुल क्या करने की सोच रहा था उसके मन मे अपने पति को लेके डर बना हुआ था लेकिन वो राहुल की कामुक हरकतो से गर्म हुई जा रही थी ।

अभी शालिनी अपनी अवस्था जान्च रही थी कि इतने मे

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राहुल ने फिर से उसकी चुचिया पीछे से दबोच ली और उन्हे मसलने लगा । उस्का तना हुआ लण्ड गाड़ पर सास ले रहा था ।

शालिनी की कसमसाहट बढ रही थी और वो अपने जिस्म को राहुल के उपर ही ढीला छोड चुकी थी । कि तभी राहुल ने उसका टीशर्ट खिच कर उपर कर दिया और उसकी नंगी चुचिया उसके हाथो मे आ गयी ।

अपनी मा के रसिले पपीते जैसी भारी चुचिया राहुल के हाथो मे नही समा रही थी

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उसने अपनी दोनो हथेली एक साथ अपने मा के तने हुए निप्प्लो पर घुमाई की शालिनी उपर से निचे तक मचल उठी और राहुल वापस से उसकी दोनो चुचिया पकड के मस्लते हुए वापस से शालिनी को अपनी ओर घुमाया और झुक कर उसके निप्प्ल को चुबलाता हुआ दुसरे हाथ से अपना लण्ड भी बाहर निकाल दिया


शालिनी ने जैसे ही अपनी जान्घो पर राहुल के सख्त लण्ड के स्पर्श को मह्सूस किया तो वो टटोलते हुए उसके तने को जकड़ ली औए भीचने लगी ।

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अपनी मा के हाथो का स्पर्श पाते ही राहुल तन कर खड़ा हो गया और उसकी आंखे बंद हो गयी , भले ही उसके हाथो मे 36DD की दोनो भारि भारी खर्बुजे जैसी चुचिया लटक रही थी लेकिन उसकी मा के एक स्पर्श ने राहुल को मूरत कर दिया था ।


शालिनी ने जैसे ही ये मह्सुस किया वो खिल उठी और जैसे उसे इस खेल मे अब अपनी चाल चलाने का मौका मिल गया हो
उसने अपनी कामुकता पर जोर देते हुए अपने नुकीले नाखुनो से राहुल के लण्ड की निचली नसो को खरोचा तो राहुल पूरी तरह कापने लगा

उसके पैर जवाब देने लगे थे वो हिल रहा था जैसे किसी अपाहिज की बैशाखी छिन ली गयी हो

राहुल ने हाथ आगे बढा कर अपने मा के कन्धे थाम लिये और शालिनी उसके लण्ड को आगे की ओर भीचने लगी

अब सारा खेल शालिनी के काबू मे आ चुका था
राहुल तेज सासे लेता हुआ अपने एड़ियो के बल खड़ा हुआ जा रहा था और लण्ड की नसे और फुल रही थी

अपनी कपकपाती आवाज मे राहुल बस इतना ही बोल पाया - आह्ह मम्मी चुसो ना उम्म्ंम

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शालिनी समझ गयी कि आज के लिए इसको इतना ही चाहिये और अगले ही पल शालिनी वही बैठ गयी और अपना मुह खोलते ही राहुल का आधा लण्ड मुह मे भर लिया ।

राहुल के जैसे ही अपने मा के ठंडे नाजुक होठो का स्पर्श मिला वो निचे से उपर तक सिहर उठा और लड़खड़ा कर उसने अपनी मा के सर को थाम लिया


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राहुल की बेताबी ज्यादा देर तक रुक ना पाई और कुछ ही देर मे वो अपनी मा के मुह झड़ने लगा

उसने अपना पुरा लण्ड मा के गले मे उतारते हुए एड़ियो के बल खड़ा हो गया और आखिरी झटके तक लण्ड को घुसाये रखा
शालिनी ने भी अच्छे से अपने बेटे के लण्ड को निचोड़ा और फिर वो खडी हुई ।

राहुल वही दिवाल से लग कर सासे भरने लगा और शालिनी ने मुस्कुरा कर उसके गालो को चूमते हुए - अब सो जायेगा ना

राहुल हाफते हुए स्वर मे - हा थैंक यू मम्मी

शालिनी - जा अब सो जा
ये बोलकर शालिनी ने अपना टीशर्ट निचे किया और कमरे मे चली गयी ।

दरवाजे बंद होने की आहट से झप्किया लेता जन्गीलाल चौक गया और उसकी निगाहे शालिनी के भिगे हुए टीशर्ट पर गयी और उसने मुस्कुरा कर इशारे से कारण पूछा तो शालिनी ने बिना कोई जवाब दिये अपनी भीगी हुई टीशर्ट निकाल दी

अपनी बीवी के नंगी चुचिया देख कर जंगीलाल सारे सवाल भुल गया और दोनो एक बार भी चुदाई के खेल मे शामिल हो गये ।


जारी रहेगी
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