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Vacations✈ 🏖 are Planned for this summer week
So update will comes after next week.
Enjoy your day
& very imp
हिलाते रहो
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हिलाते रहो
Last edited:
जबरदस्त उपडते अनुज और राहुल का मिशन मम्मी चल रहा है, राहुल काफी करीब पहुँच गया है मम्मी के,
अनुज भी प्रयास में
राहुल की प्यास तो उसकी बहन निशा ने भुझा दी,
उधर राज ने मौसा के साथ मिलकर मौशी की मस्त चुदायी की
Hottest update bro.... Humme to sonal ka intezar hai papa aur sasur ji ke eksath milkar..... waiting more
Super story waiting for next update
OMG SUPER SUPER SUPER SUPER
SUNDAY IS FUNDAY
Superb update
Superb update hai bhai plz next update jaldi
superb update waiting for next
Shandar
Romanchak. Pratiksha agle rasprad update ki
Bhai, update kab tak aayega??
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है
अनुज और राहुल अपनी मां को पटाने में लग गए हैं अनुज अपनी मां की नाइटी देखकर उसे पहनने के लिए बोलता है वही राहुल अपनी मां की हार काम में मदद कर रहा है दूसरी ओर मौसी अपने प्लान के अनुसार राज और अपने पति के लन्ड को तीनो छेदो में लेकर अपनी दमदार चुदाई करवा कर तृप्त हो गई है देखते हैं आगे क्या होता है अनुज और राहुल अपने प्लान में कामयाब होते हैं या नहीं
Bhai ab bilkul sahi track PE ho
Ese hi update dete raho gif ke sath
Aur thoda jaldi dedo
AMAZING AWESOME FANTASTIC MEST SEX UPADTE HA BHAI THANKS
Bhai update kab tak aayega
Bhai ek update deke gayab ho jate yrr
Plz thoda time nikala karo na
UPDATE 157 POST KAR DIYA HAIBhai kahani aage badhao ya band kar do
Awesome updateUPDATE 157
लेखक की जुबानी
एक ओर जहा अनुज और राहुल अपनी अपनी मा के करीब जाने के लिए परेशान थे तो वही राज के पापा रंगीलाल की बेचैनी उनकी बीवी रागिनी ने बढा दी थी ।
बन्द कमरे मे अपने पति के लण्ड पर सवार होकर बडी कामुकता से रागिनी अपने नरम मोटे चुतडो को हिला रही थी और रंगीलाल अपनी बीवी के इस रूप से बहुत ही उत्तेजित मह्सूस कर रहा था कि तभी रागिनी अपने पति के उपर झुकते हुए उसके सर के पास रखे तकिये के निचे से एक पैंटी निकाली और बडी ही अदा से उसे अपने पति के नथनो पर रखकर उसे उसकी गन्ध लेने का इशारा किया ।
रंगीलाल को अह्सास हुआ कि ये गन्ध कुछ नयी थी और उसने अपने बीवी के हाथो से वो पैंटी लेके वापस से उसे फैलाकर फिर से सुँघा
रन्गीलाल का लण्ड उस नयी कामुक गन्ध और अकडने लगा जिससे रागिनी सिस्क पड़ी
रंगीलाल मुस्कुरा कर - जान ये तुम्हारा तो नही है ,
रागिनी बडी ही मादकता से अपने गाड़ को घिसते हुए रन्गीलाल के मोटे लण्ड को अपनी चुत मे कसते हूये मुस्कुरा कर ना मे सर हिलायि ।
रन्गीलाल - आह्ह तो किस्काह्ह है येह्ह्ह बहुत मस्त खुस्बु है उम्म्ंम
रागिनी मुस्करा कर - आपकी होने वाली समधन का
रागिनी की बाते सुन कर रंगीलाल चहका और उसके लण्ड मे और भी जान आ गयी । वो वापस से उस पैंटी को अपने चेहरे पर मलता हुआ तेज धक्के लगाने लगा
रागिनी समझ गयी कि अब ज्यादा देर नही रुकने वाला वो तो उसने अपने पति को और भी जोश दिलाना शुरु कर दिया
रागिनी - आह्ह मेरे राजा सूंघो अपनी समधन की पैंटी ,इसी मे वो अपने नरम गुलाबी भोस्ड़े को छुपाये रखती है
रन्गीलाल की ऊततेजना रागिनी के कामुक शब्दो से बढती ही जा रही थी और वो तेजी से निचे से अपनी कमर उठाए अपनी बीवी को चोदे जा रहा था ।
रागिनी सिसकिया लेते हुए - आह्ह मेरे राजा और तेज उम्म्ंम ऐसे ही अहाह्ह्ह उम्म्ं आज इस पैंटी से काम चला लो ,,देखना एक दिन उसकी चुत भी लाउन्गी उसे भी अच्छे से सूंघ लेना
रागिनी की बाते रन्गीलाल को चरम पर ले जा रही थी ,,,उसका सारा बदन उत्तेजना से काफ रहा था ,,चेहरे लाल पडने लगे थे
और लण्ड की कसावट के साथ साथ उसकी तपन रागिनी अपने चुत मे मह्सुस कर रही थी ।
रागिनी - अह्ह्ह माह्ह बोलो ना मेरे राजाह्ह सून्घोगे ना अपनी समधन की रसिली चुत उम्म्ंम अह्ह्ह बोलो ना
रन्गीलाल अपना पुरा जोर लगाये चोद रहा था और उसका चेहरा लाल हुआ जा रहा था - आह्ह मेरी जान उस रन्डी की चुत सुन्घूगा भी और चुसकर पेलून्गा भी अह्ह्ह तुने तो आह्ह जानू ओह्ह्ह मै आ रहा हू अह्ह्ह
ये बोलते हुए रंगीलाल आखिरी कुछ धक्के के साथ रागिनी की चुत मे झटके खाते हुए झड़ने लगा और उस्का गरम माल चुत से रिसने ल्गा
दोनो इस कदर थक गये कि कोई भी अपनी हालत से कुछ पलो के लिए हिल नही पाया ।
कुछ ही पलो मे दोनो के बदन स्थिर हुए और मुस्कुराते हुए रन्गीलाल ने अपनी बीवी के होठ चुम लिये
रागिनी उसे छेड़ते हुए - क्यू मजा आया ना हिहिहिही
रन्गीलाल उसके नरम नरम गाड को मसलकर - हा मेरी जान ,,लेकिन ये तो बताओ ये पैंटी मिली कैसे
रागिनी मुस्कुरा कर - अरे आप एक बार अपनी समधन से माग के तो देखो ,,, भोसडा खोल के बैठ ना जाये तो कहना हिहिहिही
रागिनी की बात सुन कर रन्गीलाल लण्ड फिर से सर उठाने लगा ।
रन्गीलाल - तो फिर आगे क्या सोचा है उम्म्ं
रागिनी - ओहो मेरे राजा थोडा सबर करो ,,, और फिलहाल इस गिफ्ट (पैंटी ) के बदले अपनी समधन को कुछ तो दो स्पेशल
रन्गीलाल कुछ सोचता हुआ - क्या गिफ्ट दू समझ नही आ रहा है
रागिनी खिलखिला कर - अरे बुद्धू बड़े शहर जाकर अपनी समधन के नाप का अच्छा सा ब्रा पैंटी लेलो और हा पैंटी का साइज़ इससे बड़ा रहे
रंगीलाल चहक कर - क्या !! इससे भी बड़ा ,, मतलब साइज़ क्या है उनका
रागिनी - 44D की ब्रा और 48 की पैंटी
रन्गीलाल अपनी सम्धन का नाप सुन कर जोश से भर गया और उसका लण्ड पूरी तरह से फिर से तन कर रागिनी की चुत पर ठोकर मारने लगा - आह सच मे इतनी बड़ी गाड़ है मेरी समधन की
रागिनी हस कर - गाड़ ही नही भोस्डा भी बड़ा होगा ,,, खुब डुबकी लेना
रागिनी की बात पर रंगीलाल भी हस पडा और दोनो एक बार फिर से अपने सपने संजोते हुए चुदाई के नये तराने लिखने लगे ।
राज की जुबानी
देर रात तक मै और मौसा मिल कर मौसी के मस्त गुदाज जिस्म पर अपनी भड़ास निकालते रहे और मौसी ने भी भरपुर मजे किये
अगली सुबह मेरी निद खुली तो मैने उसी अवस्था मे खुद को पाया जैसा रात मे नंगे सोया हुआ था ।
अगल बगल देखा तो कोई नजर नही आया ,,हा कमरे का दरवाजा बन्द था
मै उठा और मोबाइल चेक किया तो सुबह के 9 बज रहे थे ।
मैने जल्दी से कपडे पहने और सीधा कमरे से निकल कर उपर के बाथरूम मे फ्रेश होने के लिए चला गया और फिर निचे आकर चाय नास्ते के हाल मे आया
तो पता चला कि रमन भैया दुकान के लिए जा चुके है और मौसा जी किसी काम से बाजर गये है
किचन मे मौसी और रिना भाभी काम कर रही थी ।
मै धीरे से मौसी के पीछे खड़ा होकर रीना भाभी से छिप कर उनके नरम नरम गाड के पाटो को हल्का सा छुआ कि मौसी सिसकी
मै समझ गया कि मौसा ने रात मे जितना बेरहमी से मौसी को चोदा था उनकी हालत कुछ दिनो तक ऐसी ही रहने वाली है ।
मौसी की सिसकी से मै तुरंत वहा से हट गया और अंजान बनते हुए रीना भाभी को देख कर - क्या हुआ मौसी ,, कुछ दिक्कत है क्या ?
मौसी ने एक नजर मुझे देखा और फिर भाभी को देखकर मुस्कुराने लगी
रिना भाभी जो आज साड़ी मे थी वो भी मौसी की फिकर करते हुए बोली - क्या हुआ मम्मी जी ,, कही चोट लगी है क्या ?
मौसी अब क्या ही बताती वो बस शर्म से मुस्कुरा दी और मुझे देख कर - तु चल बैठ मै नासता लाती हू
मै भाभी के सामने बिना कोई रिएक्ट किये हाल मे आ गया और वही भाभी मौसी आपस मे बात करने लगी
इतने मे पता नही क्या हुआ कि भाभी ने रमन भैया को फोन किया और वही मौसी शर्मा कर मुस्कुरा रही थी ।
मैने एक दो बार इशारे से पुछा तो मौसी ने ना मे सर हिलाया । फिर मैने चुपचाप नास्ता किया और रमन भैया के दुकान पर चला गया ।
लेखक की जुबानी
CHAMANPURA
सुबह सुबह राहुल का परिंदा का अपने घोसले से आजाद होने के लोवर के अंदर फड़फडा रहा था ।
दो चार करवट लेके राहुल उठा और उबासी लेते हुए साथ ही अपने लण्ड को लोवर मे व्यवस्थित करते हुए उपर जीने की ओर जाने लगा कि उसे अपनी मा का ख्याल आया और वो लपक कर एक नजर अपनी मा के कमरे मे झाका तो उसे निशा दिखी जो कुछ काम कर रही थी
फिर राहुल उसे नजरअन्दाज कर 5 6 सीढि उपर चढा ही था कि उसका दिमाग ठनका और साथ ही दिल की धडकने भी तेज होने लगी ।
वो वापस तेजी से निचे उतरा और अपने जोरो से धडकते हुए दिल के साथ वापस से अपनी मा के कमरे मे झाका तो देखा वहा कमरे मे निशा नही बल्कि निशा के कपडो मे उसकी मा झुक कर काम कर रही थी ।
लोवर और टीशर्ट मे कसा हुआ अपनी मा का बदन देख कर राहुल का लंड फौलादी हुआ जा रहा था और उसे अपने स्थिति का थोडा भी ज्ञान नही था वो बस अपनी मा के लोवर मे फैले हुए चुतडो और गुदाज जांघो की ओर खीचा जा रहा था
तभी शालिनी को कमरे मे आहट आई तो वो उसने नजरे उठा कर देखा कि ये तो राहुल है और वो बस उसकी ओर चलता आ रहा है और लोवर मे उसका मुसल अपना आकार ले रहा था तो उसने राहुल की नजरो का पीछा किया तो वो थोडी लजा गयी और फौरन वो सीधी खड़ी हो गयी बिना ये सोचे कि उसने उपर से कोई दुपट्टा नही ले रखा और उसका निप्प्ल पूरी तरह से उभरा हुआ है ।
राहुल ने जैसे ही मा को हरकत करते हुए देखा वो थोडा ध्यान भंग हुआ लेकीन अगले ही पल वो अपनी मा के स्तनो के उन मोटे अंगूर के दाने जैसे नुकीले निप्प्ल्स पर फोकसड हो गया ।
उस्के दिल की गति फिर से बढ गयी और साथ ही उसका लण्ड लोवर मे और भी उछलने लगा ।
शालिनी अब पूरी तरह से समझ चुकी थी कि उसका बेटा उसकी ओर मोहित हो चुका था और उसके मन मे भोगने की भरपुर लालसा है ।
वो राहुल के लोवर मे सास लेते हुए उस मोटे कीडे की लम्बाई का जायजा ले रही थी कि राहुल बोल पडा - अरे वाह मा आप कितनी प्यारी लग रही हो।
शालिनी अपने बेटे के बात सुन कर शर्म से हस दी
राहुल - देखा मै नही कहता था कि निशा दीदी के कपडे आपको एकदम फिट होगे
शालिनी ने शर्म से मुस्कुराते हुए सहमती दी और उसने राहुल की ओर देखा कि वो अब भी उसके नुकीले चुचो पर नजरे गड़ाये हुए है तो ऐसे मे उसने राहुल को परेशान करने के इरादे - अब क्या देख रहा है उम्म्ं
राहुल पहले थोडा चौक लेकिन फिर मुस्करा कर - अरे वो तो मै इस टीशर्ट पर जो लिखा है वही पढ रहा था । बिल्कुल सही लिखा है और आप पर शूट भी करता है । "I DO WHAT I WANT "
शालिनी भी अचरज से अपने जिस्मो पर देखने लगती है और फिर राहुल से उसका मतलब पुछती है ।
राहुल हस कर - इस्का मतलब मा की आप जो चाहो वो कर सकते हो और देखो आपने वही किया जो आपको पसंद है ।
शालिनी राहुल की बात पर थोडा खिलखिलाई और बोली - हमम ये बात तो है हिहिहिही ,,चल अब जा तु भी नहा धो कर आ मै नास्ता बना लू
ये बोलकर शालिनी कमरे से बाहर निकल गयी
राहुल वही खडे खड़े अपनी मा के भारी चर्बीदार चुतडो को थिरकता हुआ देखता रहा ।
सुबह की शुरुवात तो अनुज के यहा भी हो चुकी थी ।
सुहाने सपनो में खोया हुआ अनुज अंगड़ाई लेके उठता है और लोवर मे बने तम्बू को देखकर वापस से अपनी मा को याद करने लग जाता है
फिर वो उठ कर रोज की तरह फ्रेश होकर ब्रश करते हुए अपनी मा के छत पर आने का इन्तजार करने लग्ता है और आज फिर उसकी मा मैक्सि मे अपने मदमस्त चुतडो को मटका कर अनुज की हालात खराब कर देती है ।
अनुज अपने लण्ड के साथ साथ अपनी भावनाये दबाता हुआ नहाने चला जाता है और फिर नासता करके दुकान के लिए निकल जाता है ।
एक ओर जहा वो अपनी माँ के लिए बेचैन हुआ जा रहा था वही वो राहुल से मिलकर उसकी योजना भी जानना चाह रहा था कि राहुल कैसे अपनी मा को पटा रहा होगा ।
JANIPUR
राज तो अपने रमन भैया के दुकान पर जा चुका था ।
घर मे अब दोनो सास बहू थी ।
रीना ने अपनी सास रज्जो को उनके कमरे मे आराम करने का बोल दिया था ।
थोडी ही देर मे रीना ने जो रमन से कहके सामान मग्वाया था वो दुकान का ही एक नौकर देने आया ।
उसके बाद रीना ने वो समान निकाला जो कि एक कूलिंग पैड था जिसमे बर्फ भर कर सेकाई की जाती थी ।
रीना ने सारी तैयारिया की और अपने कमरे से एक तेल की शीशी भी ली
फिर अपनी सास के कमरे मे चली गयी जो अपनी चुतडो को उठाए पेट के बल सोयी हुई थी ।
अपनी बहू को कमरे मे आता देख रज्जो मुस्करा कर - अरे बहू तु परेशान ना हो मैने दवाइयां ली है सही हो जायेगा
रीना जिद दिखाते हुए - नही मा जी ,, आपको जितनी तकलिफ हो रही है मै सब जान रही हू
रीना अपनी सास के पास आकर - चलिये ये मैकसी उपर करिये
रज्जो अपनी स्थिति पर हस्ती हुई - आह्ह बहू वो दरवाजा तो बन्द कर दे ना
रीना हस कर अपने माथे पर हाथ मारते हुए दरवाजे की ओर घूम कर उसे भिड्काते हुए वापस घूमी तो सामने का नजारा देख कर उसकी आंखे फैल गयी
रीना अपनी फटी हुई आंखो से अपने सास के उभरे हुए मोटे मोटे बडे भड़कीले चुतडो को निहार रही थी और उनके पाटो पर लाल पड़े हुए पंजो के थपेडों से उसका पुरा बदन गनगना गया ।
वो थुक गटक कर धीरे धीरे अपनी सास के करीब आई और रज्जो के चुतडो के बिच उसकी गाड़ के मोटे सुराख को निहारते हुए मन मे बड़बड़ाई- हाय दईया ससुर जी ने क्या हालत कर दी है मा जी ,,, ना जाने क्या सोच कर उन्हे इतना जोश आया होगा ।
रीना मन मे - कही मा जी की जगह मै होती तो मर ही जाती ....
रीना अपने ख्यालो से ही नकारते हुए - नही नही छीई ये मै क्या सोच रही हू ,,,मै मेरे ससुर के नीचे
रीना अभी अपने ख्यालो ने गुम थी कि उसके सास ने आवाज दी - क्या हुआ बहू ,, जल्दी से जो करना है कर ले ,,मुझे शर्म आ रही है हिहिहिही
अपनी सास को हस्ता देख कर रीना भी मुस्कुरा दी - क्या मा जी ,,आप भी ना मुझ्से क्या शरमाना ।
रज्जो - हा लेकिन तु जिस तरह से मेरे नितम्बो को निहार रही है ,,, उस्से मुझे थोडा अटपटा लग रहा है
रीना हस कर अपनी सास का मजा लेते हुए - वो तो मै पापा जी की मेहनत देख रही थी ,,पता नही क्या खाकर उन्होने इतनी बेरहमी से ....हिहिहिहिही
रज्जो हस कर - धत्त बदमाश कही की , अब जल्दी से कर जो करना है
रीना हस कर वो कूलिंग पैड को अपनी सास के नरम नरम चुतडो पर रखा और सेकाई करने लगी
रज्जो सिसकी - सीईई अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह
रीना अपनी सास की सिस्किया सुन कर धीरे धीरे हस रही थी
रज्जो उसकी हसी सुन कर - तु बड़ा हस रही है
रिना अपनी हसी को अपने होठो मे दबाते हुए - उह्ंम्ं हिहिही नही मा जी
रज्जो - अह्ह्ह जब तेरा भी किसी दिन ऐसा हाल होगा ना तब पता चलेगा
रीना अपनी सास की बात पर शर्म से लाल हो गयी और धीरे से फुसफुसाकर मन मे - आपके बेटे का मुसल इतना बड़ा नही कि मेरे गाड़ की सुराख को इतना फैला सके हिहिहिही
रज्जो - क्या हुआ उम्म्ं
रीना हस कर - धत्त मा जी आप कैसी बाते कर रही है । मुझे शर्म आ रही है
रज्जो - जब किसी दिन रमन तेरे पिछवाड़े में 3 4 बार ऐसे दसत्क दे देगा ना तो सारि शर्म हवा हो जायेगी
रीना की आंखे फैल गयी उसकी सास ने बीती रात मे 4 बार अपनी गाड़ मरवाई
रीना हस कर - तो क्या सच मे रात मे पापा जी ने 4 बार ....हिहिहिहिह
रज्जो शर्म से लाल होकर हसने लगी
रीना ने बर्फ की सेकाई के बाद तौलिये से अच्छे से अपनी सास के चुतडो को साफ किया और फिर तेल से उसके चुतडो की भरकर मालिश करने लगी
रज्जो अभी भी हल्की हल्की मादक सिसकिया ले रही थी और उसके गाड़ की सुराख पर घूमती उसके बहू की ऊँगलीया उसे और भी उत्तेजित किये जा रही थी।
रज्जो कसमसा कर - अह्ह्ह बहू रुक जा नही तो अह्ह्ह
रीना समझ गयी कि उसकी सास थोडी गरम होने लगी इसिलिए वो हस कर मजे लेते हुए - ह्म्म्ं ठिक है हो गया अब आप आराम कर लो ,,,और पापा जी से कहियेगा की थोडा हिहिहिही
रज्जो अपने कपडे ठीक करते हुए- उन्हे कहा चैन मिलने वाला है ,,, एक रात ना मिले तो निद ना आये उन्हे
रीना हस कर - हा लेकिन फिर भी कम से कम इधर 3 4 दिन तक कुछ मत करने दिजियेगा
रज्जो हस कर हा मे सर हिला दी और फिर रीना भी निचे चली गयी ।
जारी रहेगी
Jabardast story he. Abdaro andar kai raz khulenge. Kai nae banengeUPDATE 003
अब तक :
मा - उससे काम नही चलेगा मुझे जल्दी से ये लण्ड मेरी गरम चुत मे चाहिये
मेरे पापा और मम्मी के बिच हुए ऐसे बातचित से मै बहुत शौक हो गया मेरे मन में बहुत सारे विचार आने लगे और मै उनकी बाते सुनने लगा
अब आगे :
मुझे अपने मा और पापा के बिच हुए इस सेक्सुअल बात चित से बहुत गरम मह्सूस हो रहा था
मै कल्पना करने लगा पापा की सिस्कियो मे कि लंड चुस्वाने का आभास कैसा होगा
फिर मुझे थपथप की आवाजे आने लगी
मा - ओह हा राजा ऐसे ही चोदो मुझे आह अह हम्म्म्म्ं अह्ह्ह्ह हम्म्म्म अऊओह्ह्ह
पुरा दिन चुत कुलबुलाने से तडप जाती हू राज के पापा
पापा - हाफ्ते हुए , हाअय्य्य्य्य हा मेरी रान्ड मै जानता हू तु बहुत गरम माल है
कहो तो कल दोपहर मे भी चोद दू
मा - नही नही कल रविवार है और बच्चे भी घर पर रहेंगे
मै रात का इन्तेजार कर लुंगी अह्ह्ह हाआआ ओह्ह्ह्ह हम्म्म्म और तेज़ राजा और तेज़जजज़्ज़ उह्ह्ह्ह हा ऐसे ही
ओह्ह्फ्फ्फ्फ हुउउउय उम्म्ंम अह्ह्ह
फिर मुझे लगा ये सब देर तक चलेगा और मुझे नीद भी आ रही थी
तो मै वापस चुपचाप ऊपर आया और थोड़ा देर मम्मी पापा की बात को सोचते हुए सो गया
अगले दिन रविवार था
मै इस दिन के हमेशा तैयार होता था
क्योकि इस दिन मै अपने चाचा के घर जाता था हर रविवार को
मेरे चचा और पापा के बीच अच्छी मेल जोड़ थी
मेरे मुहल्ले मे ही मेरे चचा रहते थे उनकी कपड़े की दुकान थी
नया परिच्य
चाचा - जंगीलाल , उम्र 46 , सादा जीवन उच्च विचार का स्वभाव लेकिन हमसे आमिर थे तब उन्के घर मै हर रविवार टीवी देखने जाया करता था और खाना पीना सब वही होता था ।
चाची - शलिनी , उम्र 42 , सुन्दर और कामुक महिला थी
उनका साइज़ 36 34 36 है लेकिन और चाचा चाची मे प्रेम बहुत था ।
मेरी मा बताती थी की पहले जब चचा और चाची की सादी तय हुए तो उसी समय मेरी दादी की मौत हो गयी जिससे मेरे दादा जी वो रिस्ता तोड़ने वाले थे लेकिन मेरे चाचा ने जिद की अगर उससे सादी नही हुई तो वो अपनी जान दे देने और फिर बाद मे उन दोनो की सादी हुई
निसा - चचा की बेटी , वर्तमान मे 22 साल की है थोडी हलकी भारी बदन वाली है 34 32 36 का साइज़ है और इसी साल सादी हुई है । मेरा इन्से बहुत लगाव था और वो भी मुझे बहुत मानती थी
राहुल - उनका बेटा , अभी वर्त्मान मे इसकी उम्र 19 साल है और 12वी कर रहा है हमेशा घर पर ही रहता था और इसिलिए सब इसे मन्द बुद्धि कह्ते थे लेकिन चाची का दुलारा था ।
मै हर रविवार की तरह उठा और डब्बा मे पानी लेकर चंदू को आवाज देने उसके घर पहुच गया
क्योकि मै रोज सुबह उसी के साथ शौच के लिए खेतो मे जाता था , भले ही मेरे यहा टॉयलेट की वयवस्था थी लेकिन जैसा गाव मे बड़े बुजुर्ग कह्ते ही सुबह का हवा पानी लेना चाहिए
फिर मैने चंदू को आवाज दी तो उसकी मा ने दरवाजा खोला
उनको देख्ते ही मुझे कल दोपहर की घटना याद आने लगी और मै थोड़ा हिचकते हुए रजनी से पुछा
मै - दीदी चंदू कहा है उठा नही क्या अभी
रजनी - रुक बाबू मै अभी जगा के भेजती हू
रजनी उस समय एक ढीली मैक्सि मे थी फिर भी उसकी चुचिया पुरा उबार लिये हुए थी
ज्यो ही वाह घूमी अंडर जाने को उसकी गांड हिलोरे खाते हुए जा रही थी
फिर थोडी देर बाद चंदू आँख मल्ते हुए डब्बे मे पानी लेके आया
फिर हम दोनो खेत की तरफ चले गये ।
मै और चंदू काफी गहरे दोस्त थे वो अक्सर अपने घर की बात बताया करता था और मै भी ।
मै रास्ते भर रजनी की चुचियो का उभार को अपनी कल्पना मे सोचते हुए चल रहा था
मुझे चुप देख चंदू बोला
चंदू - अबे का हुआ काहे चुप हो नानी ने गाड़ पर रख तो नही न दिये सुबह सुबह
( क्योकि मै चंदू की मा को दीदी कहता था इसिलिए वो मेरी मा को नानी और पापा को नाना बोलता था लेकिन मुझे नाम से और मेरी बहन को दीदी कहता था )
मै - रजनी के ख्यालो से बाहर आते हुए ,,,,,नही बे रात मे देर से सोया था तो नीद आ रही है
चंदू - कही नाना नानी की चुदाई तो नही ना देख रहा था ,,, ठहाका लगाते हुए बोला
मै - अबे साले नही बे ,,, मेरे साथ ऐसा कभी कुछ नही हुआ मैने झूठ बोला ताकि उससे कुछ बात निकलवा सकू
मै - तु बता जैसे कि बड़ा देखा हो अपने मम्मी पापा की चुदाई ,,, जो ऐसे बोल रहा है
चंदू - हा देखी ना कल दोपहर मे ,,, जब तु कान लगा के सुन रहा था मेरी मा के रुम के बाहर
मै चौक गया की इसको कैसे पता ये सब
आगे के अपडेट मे हम देखते है कि दोपहर की बात खुलने चंदू और राज मे क्या बाते होगी ।
आपके प्यार और स्नेह भरी प्रतिक्रया की प्रतीक्षा रहेगी ।
धन्यवाद