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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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UPDATE 150

पिछले अपडेट मे आपने पढा कि एक ओर जहा राज को बबिता को लेके कुछ शक हो रहा है वही दुसरी ओर निशा के मम्मी पापा उसे सेक्स की बाते बता रहे है
अब आगे



निशा मन ही मन बहुत ही रोमांचित मह्सूस कर रही थी । उसकी दिल की तेज धडकने उसके चुचो को फुला रही थी ।
वही पल पल जंगीलाल के लण्ड मे कसावट बढ रही थी साथ ही उसके सुपाडे मे खुजली होने लगी थी ।
कमरे का महोल गरम होने लगा था ,,वही शालिनी भी अपने पति के आगे के स्टेप को लेके बहुत उत्सुक हुइ जा रही थी ।


जन्गीलाल मुसकुरा कर - अच्छा बेटा तुझे मर्दो के शरीर के बारे मे पता है कि नही

निशा अपने पापा का इशारा समझ गयी कि शरीर के किस हिस्से की बात कर रहे है इसिलिए वो शर्म से लाल होते हुए हल्का सा खिस्खी लेके मुस्कुराई

जन्गीलाल हस कर - धत्त मै भी क्या पुछ रहा हू ,,,मेरी लाडो तो पढी लिखी है उसे तो पता ही होगा ,,,क्यू बेटी ।

निशा ने शर्म से नजरे झुकाये हुए हा मे सर हिलाया ।
जंगीलाल मुस्कुरा कर - पता है बेटी सबसे पहले तुझे अपने पति से शरमाना और झिझकना कम करना पडेगा ।


"हा बेटी , मर्दो को बार बार किसी काम के लिए कहना बिलकुल भी पसन्द नही वो बहुत जल्दी नाराज हो जाते है । ऐसे मे तुझे थोडी बहुत शर्म झिझक के साथ साथ अपने पति के मूड का भी ध्यान रखना पडेगा । " , शालिनी अपने पति की बातो को आगे बढ़ाया ।


जंगीलाल अपनी बीवी की बात पर सहमती दिखाता हुआ - बिल्कुल सही कह रही है तेरी मा, बेटी !

शालिनी निशा के कन्धे दुलारती हुइ - और पति के पास जाने मे उसके अंगो को छूने मे झिझकना नही चाहिये । थोडी बहुत आतुरता तुम दिखाओगी तो वो और भी जोश से तुम्हे प्यार करेगा ।

अपनी मा बाप की बाते सुन कर निशा तो जैसे अपने सुहागरात के सपनो मे खो सी गयी । कि कैसा होगा वो पल जब एक अंजान शक्स के साथ वो हम बिस्तर होगी और उसका मोटा करारा लण्ड अपनी चुत मे लेगी ।

निशा अपनी कल्पना से गनगना गयी और उसकी चुत ने बजबजाना शुरु कर दिया ।

शालिनी - अगर वो कहे कि उसका वो पकडो,,उसे सहलाओ । वो तुम्हे करना पडेगा ।शुरु मे भले ही अजीब लगे कि वो काम मर्दो को बहुत पसंद आता है और अगर औरत खुद से ही वो सुख मर्दो को दे तो दोनो के बिच प्यार और भी गहरा जाता है ।

निशा सब समझ रही थी लेकिन उसे अपने मम्मी पापा से खुल कर मस्ती करनी थी तो वो नादान होते हुए - उसका वो मतलब ,,,और कैसा सुख ?? मै समझी नही मा ।

निशा से धीमी और जिज्ञासू अभिवक्ति दिखाई ।

तभी जंगीलाल - ओह्ह हो शालिनी तुम भी ना , अरे उसको इशारे मे समझाओगी तो कैसे जानेगी वो । उसे खुले और सटीक शब्दो मे बताओ ना

जंगीलाल - देख तेरी मा कहने का मतल्ब ये है कि .....। अच्छा ये बता तु मर्दो के लिंग के बारे मे क्या जानती है ।

निशा शर्म से लाल होकर मुह मे हाथ रख कर खिस्खी लेके हसने लगी ।
जंगीलाल - अरे शर्मा मत बेटी ,,बोल । तुझे इसका सामाजिक नाम पता है ना

निशा ने मुस्कुरा का हा मे सर हिलाया और धिरे से बोली - हा वो काफी लोगो से सुना है उस्का नाम । अक्सर लोग गाली देने मे ही यूज़ करते है ।


जंगीलाल ठहाका लेके हसा - हाहहहा बात तो सही है बेटा ! तो बता क्या कहते है उसे


निशा ने पहली बार अब नजरे उठा कर अपनी असमंजस की स्थिति दिखाई और पहले पापा को फिर मम्मी को निहारा ।

जन्गीलाल - बोल बेटा,, देख तू अगर झिझक करेगी तो सिखेगी कैसे ?? बोल ना

निशा मुस्करा कर नजरे नीची करती हुई बहुत ही धीमी आवाज मे - लल्लण्ड!!

जंगीलाल - क्या बोल रही है तु थोडा तेज बोला बेटा??
निशा थोडा हस कर समान्य आवाज मे - लण्ड!!

अपनी बेटी के मुह से लण्ड शब्द सुन कर जन्गीलाल जोश से भर गया वही शालिनी भी रोमांचित हो उठी । निशा की दिल की धड़कने भी तेज हो गयी थी अपने पापा के सामने वो ऐसे शब्द बोल पाई
जन्गिलाल निशा के पीठ को सहलाकर - शाबाश बेटा, अब ये बता तुने कभी किसी का लण्ड देखा है ।

जन्गिलाल के सवाल से निशा चौकी कि अब इस्का क्या जवाब दे , उसने तो अबतक तीन जबरदस्त लण्ड से चुदी हुई है । मगर जान्घिये मे उभरा उसके पापा का लण्ड कुछ ज्यादा ही मोटा लग रहा था उसे ।


जन्गीलाल हस कर - अरे मेरा मतलब है कि ऐसे किसी वीडियो या किसी को पेसाब करते हुए ,,,

निशा मुस्कुरा कर ना मे सर हिला दी ।
जन्गीलाल रोमांच से भर गया कि उस्की बेटी पहली बार किसी का लण्ड देखेगी तो उसका ही ।

जन्गीलाल - कोई बात नही बेटा , रुक मै तुझे दिखाता हू

निशा की आंखे बड़ी हो गयी और वो मुस्कुराते हुए अपने पापा को अपना जांघिया खोलते तिरछी नजरो से निहारने लगी । वही शालिनी उसके बालो मे हाथ फेर कर उसे दुलार रही थी ।
इसी बीच जंगीलाल ने अपना जांघिया खोल कर निकाल दिया और अपने टाँगे खोल कर एक हाथ अपना मोटा काला फड़कता हुआ लण्ड सहलाने लगा ।


निशा ने तिरछी नजरो से अपने पापा का तना हुआ मुसल देखा। लण्ड की नसे फुली हुई थी और सुपाडे की लाली गहरा रही थी । मानो सारा खुन वही जमा हो रहा हो ।

उसकी नजरे निचे झुलाते जंगीलाल के मोटे मोटे आड़ो के झोली पर गयी । निशा मन ही मन बहुत ही उत्तेजित हुई जा रही थी । उसकी चुत रस बहाये जा रही थी । वही शालिनी की हालत भी कम खराब नही थी । आज तक उसने अपने पति के लिंग मे इतनी कसावट नही देखी । उसके भी निप्प्ल कड़े होने लगे । चुत की सिराये पनीयाने लगी थी ।
जंगीलाल मुस्कुराता हुआ अपना लण्ड की चमडी उपर निचे करता हुआ निशा को देखता है कि कैसे वो कनअखियो से उसका मोटा काला लण्ड निहार रही है ।

जंगीलाल - बेटा शर्मा मत देख अच्छे । ले पकड ना

निशा अब थोडा शर्माती हुई अपने पापा का लण्ड घुरने लगती ।

इतने मे शालिनी उसका हाथ पकड कर सीधा लण्ड पर रखते हुए - तु भी ना ,,,ऐसे डर रही है जैसे खा जायेगा ये हिहिहिही

निशा ने जैसे अपने पापा के मोटे तपते काले लण्ड को स्पर्श किया वो गनगना गयी और झिझक मे अपना हाथ खिच ली । वही जन्गीलाल अपनी लाडो के कोमल हाथो का स्पर्श पाकर उत्तेजना से भर गया और उसका लण्ड शालिनी की हथेली मे और कसने लगा ।

शालिनी की लार तो ना जाने कबसे अपने पति को मुसल को देख कर तपक रही थी ,,जैसे ही उसने अपने हाथो मे लण्ड की कसावट बढती मह्सूस की वो उसके उपर से निचे बडी ही मदहोशि मे सहलाते हुए - देख इसको ऐसे पकड कर सहलाते है ,, आ तु भी कर ले ।


निशा ने नजरे उठा कर अपने पापा को देखा जो उसे बडी लाड और उम्मीद भरे नजरे से देख रहे थे ।
शालिनी ने अपनी हथेली का कबजा अपने पति के लण्ड से हटाया और वापस से निशा के हाथ को पकड कर उसके पापा के लण्ड पर रख दी ।

निशा अपने पापा के लण्ड की तपिश मह्सूस कर सिहर उठी ,,उसका रोम रोम खड़ा हो गया । वो बहुत ही संवेदनशील मह्सूस करने लगी । उसकी पीठ पर सरकते उसके पापा के हाथो का स्पर्श उसे और भी मादक सा लगने लगा और कापने लगी थी ।


वही अपनी बेटी की ठन्डी उंगलियाँ अपने लण्ड पर पाकर जंगीलाल भी एक नयी रोमांचित ऊर्जा से भर गया । कमरे का माहौल काफी गर्म था लेकिन एक ठंडी चुप्पी सी थी ।
आंखे बंद किये जंगीलाल अपने आड़ो की सिकुडी हुई थैली पर अपनी बेटी के पंजो के निशान तक मह्सूस कर पा रहा था ।
वही जब निशा ने नजर उठा कर अपने पापा के चेहरे के भाव पढे तो उसने मुस्कुरा कर हल्का सा जोर अपने पापा के आड़ो पर बढाया और उन्हे सहलाया ।

सीईई अह्ह्ह .....। जंगीलाल ने मादक आह्ह भरी जिसे देख कर शालिनी भी मुस्कुराते हुए अपने बेटी के हाथो के उपर से अपने पति के आड़ो को सहलाने लगी ।

निशा को भी ये काफी पसंद आ रहा था जिस तरह से उसकी मा उसका साथ दे रही थी । दोनो मा बेटी मे आंखो से मुस्कुराहट भरी इशारेबाजी चल रही थी और शालिनी इशारो से ही निशा को लण्ड पर उन्गीलियो का जादू चलाने का तरीका बता रही थी ।

जो तरीके काफी ज्यादा कामुक होते उसको करने मे निशा खुद से ही झिझक दिखाती लेकिन शालिनी बडे दुलार से प्रेरीत करती रहती । वही अपने लण्ड पर अपनी बेटी के कोमल हाथो का स्पर्श पाकर जन्गीलाल आंखे बंद किये बस हल्की हल्की सिसकिया लेते हुए गहरी सासे लिये जा रहा था ।

उसे तो इस बात की भनक तक नही हुई कि कब दोनो मा बेटी लण्ड सहलाते हुए सोफे से उठ कर निचे फर्श पर आ चुकी थी । जहा शालिनी निशा को दोनो हाथो से लण्ड को भीचने का तरीका बता रहा थी ।

निशा ने भी अपने पापा का लण्ड दोनो हाथो से थामा और हल्का हल्का उसकी चमडी उपर निचे करने लगी ।

शालिनी ने मुस्कुरा कर - क्यू जी ,,कैसी कर रही है हमारी बेटी
जन्गीलाल ने नशे से गुलाबी होती आंखे खोल कर अपने सामने का नजारा देखा तो वो जोश से भर गया । निशा की हथेली मे उसका लण्ड और फुल गया , क्योकि उसकी बेटी उसके सामने बैठी हुई दोनो हाथो से बडे ही प्यार उसके लण्ड को दुलार रही थी ।


जंगीलाल ने हाथ बढा कर निशा के गालो को छूते हुए - अरे वाह मेरी लाडो तो बहुत जल्दी जल्दी सिख रही है

निशा शर्म से लाल होकर नजरे निचे करते हुए वैसे ही अपने पापा का लण्ड सहलाती रही ।

जंगीलाल शालिनी को इशारा किया कि अब थोडा आगे बढे तो उसने भी मुस्कुरा कर सहमती दिखाई ।

शालिनी - बेटी बस कर । अब ये काफी गरम हो गया है । तु खुद भी इसे मह्सूस कर पा रही होगी ...है ना !!

निशा ने अपने पापा के लण्ड की तपिश को एक बार फिर से मह्सुस कर सिहरते हुए हा मे सर हिलाई ।

शालिनी मुसकुरा कर - इसे थोडा ठंडा करने की जरुरत है ।

निशा ने आतुरता दिखाते हुए - वो क्यू मा ??
शालिनी और जन्गीलाल उसके सवाल पर एक दुसरे को देख कर मुस्कुराये ।

शालिनी - देख बेटा मान ले तु ससुराल मे दिन के कामो के कारण थकी हुई है और तेरी कमर और बदन मे तेज दर्द है । ऐसे मे तेरा पति तुझसे फरमायिश कर दे कि उसे शांत करना है और तु खराब तबियत की वजह से सेक्स के लिए तैयार नही होगी । ऐसे मे वो नाराज ना हो उसके लिए उसे शांत करने का आसान तरीका होता है ।


निशा सम्झ तो सब रही थी मगर फिर भी उसने आतुरता दिखाई - क्या मा ??

शालिनी - इसे चुस कर !!

निशा चौक कर - क्या !!!
शालिनी - हा बेटी ,,यही वो सुख है जो हर मर्द अपनी बीवी से कामना करता है । तुझे विश्वास नही तो अपने पापा से पुछ ले ।

निशा अपनी की बाते सुन कर लाजभरी नजरो से पापा को देखा ।
" हा बेटी , तेरी मा सही कह रही है । लण्ड चुसवाना हम मर्दो को बहुत पसंद आता है । इससे पति का प्यार उसकी पत्नी के लिए और बढ जाता है । यहा तक कि प्रेग्नेंसी या महावारी के समय में जब उसकी बीवी सेक्स के लिए तैयार नही होती है तो ऐसे मे बिविया अपने मरदो को शांत कर देती है और फिर मर्द कही बाहर नही भटकते ।

निशा अपने पापा की बात समझ गयी और मुस्कुराने लगी।
निशा थोडा मुह बिचका कर - लेकिन फिर भी मुझे अजीब लग रहा है ।

" अरे इसमे अजीब कैसा ? रुक मै दिखाती हू " , ये बोलकर शालिनी ने तत्परता दिखाते हुए गरदन आगे करके पहले लण्ड के सुपाड़े पर निकले हुए प्री-कम को चाटा और फिर आधा लण्ड मुह मे भर लिया और उसे मुह मे अंदर बाहर करने लेने लगी
फिर उसने बडी अदा से लण्ड के निचले हिस्सो पे जीभ फिराते हुए आड़ो को मुह मे भरके चुबलाया

वही जन्गीलाल के गर्म होते सुपाडे को भी पल भर के लिए ठंडक भरी राहत मिली ।

शालिनी लन्ड़ का मुह निशा की ओर करते हुए - ले !! तु भी कर

निशा का मुह तो पानी से भर हुआ था वो तो कबसे ललचाई जा रही थी ।
वही शालिनी और जन्गीलाल की निगाहे निशा पर जमी हुई थी कि कैसे वो धिरे धिरे अपने होठ खोलते हुए लण्ड की ओर बढ रही है ।
निशा ने हौले अप्नी मा के हाथ से लण्ड को थामा और लण्ड के बेहद करीब गयी ।

सुपाडे से आती गर्म और मादक खुस्बु से निशा को उत्तेजित कर दिया और उसने हौले मुह खोलते हुए अपनी जीभ निकाल कर अपने पापा का सुपाडा चाट लिया ।

जंगीलाल अपने बेटी की गीली और ठंडी जीभ का स्पर्श पाते ही जोश मे आ गया और उसका लण्ड अकड गया ।

देखते ही देखते निशा ने दुबारा से मुह खोला और इस बार सुपाड़े को पुरा मुह मे भरते हुए उसे लॉलीपॉप के जैसे चुस्ते हुए उसका रस अपने ठन्डे मुलायम होठो से सुरकते हुए बाहर निकाला ।

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जन्गीलाल की सासे अटक सी गयी जिस तरह से निशा ने उसका सुपाडा चुबलाया । वही शालिनी भी मुस्कुरा उठी कि उसकी बेटी ने बडी जल्दी समझ गयी ।

फिर निशा ठिक अपनी मा के जैसे ब्डा मुह खोला और लण्ड को आधा मुह मे भर उसके जड़ को पकड के अपने मुह मे लेने लगी ।


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जब निशा के होठ उसके पापा के लण्ड के सतहो पर घिसने लगे थे जंगीलाल की ऊर्जा पूरे तन से रिस कर उसके लण्ड मे जमा हो रही थी ।

उसके कांपते हाथ आनायास निशा के बालो के घूमने लगे और वो अपनी कमर उचका लण्ड को और भी अंदर ले जाना चाहता था । मगर बगल मे बैठी शालिनी की नजर बराबर अपने पति की हरकतो पर थी जैसे वो अपनी गाड उचकाता शालिनी उसके जांघो को दबा कर उसे शांत रहने का इशारा करती ताकि निशा को लण्ड लेने मे परेशानी ना हो । उसके दिमाग मे ये था कि एक बार निशा की झिझक दुर हो जाये और वो लण्ड चूसने का मजा ले ले तो उसके बाद वो उसे और नये तरीके और शरारते जरुर सिखायेगी ।

जन्गीलाल - सीई ओह्ह्ह बेटी,,,सच मे तु बहुत अच्छा कर रही है उम्म्ंम्ं

तभी निशा ने अपने मुह से लण्ड निकाला और उसे सहलाते हुए अपने पापा के आड़ो को मुह मे भर के चुबलाया । जिससे जन्गीलाल उछल पडा ।
शालिनी ने जैसे जैसे बताया था निशा वो सारे स्टेप कर चुकी थी और उसके हाथ अभी भी लण्ड की चमडी को उपर निचे किये जा रहे थे । वही जंगीलाल का सुपाडा वीर्य से भर कर तन चुका था ।

जंगीलाल कसमसाया और तेजी से लण्ड हिलाते हुए खड़ा हो गया - अह्ह्ह मेरी बेटी मुह खोल,,,मेरा आ रहा है ।

निशा चौक कर अपनी मा को देखा ।
"हा बेटी मुह खोल उसे मुह मे ले ,,, उसका स्वाद बहुत ही अच्छा होता है । एक बार ट्राई तो कर " शालिनी ने उसे दुलारते कहा ।

निशा ने भी मुह खोला और आंखे बन्द कर ली ।

इधर जंगीलाला ने अपना लण्ड निशा के मुह के ठीक उपर रखकर तेजी से आह्ह भरते हुए उसके मुह मे झड़ने लगा - ओह्ह्ह बेटी अह्ह्ब लेह्ह पी जह्ह्ह ओह्ह्ह उह्ह्ह्ह अह्ह्ह

निशा आंख बंद कर मुह खोले रही और अपने पापा सुपाडे से अपना माल उसके मुह ने गिराते रहे फिर अच्छे से दो बार झाड कर अपना लण्ड उसके होठो पर पटका और हाफते हुए सोफे पर बैठ गया ।

वही निशा ने वीर्य को मुह मे भरे हुए ही अपनी मा को देखा तो उसने इशारे से गटकने को कहा तो वो बडी ही मासूमियत से अपनी मा की आंखो मे देखते हुए गटक गयी । जैसे कोई बच्चा अपनी मा के सामने दूध की घूंट गटकता हो।

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शालिनी ललचा कर रह गयी कि उसे उसके हिस्से का माल नही मिल पाया । लेकीन वो अपने बेटी के लिए खुश थी।

निशा ने जीभ नचा नचा कर मुह से बीर्य को साफ करके गटक गयी और वापस वही फर्श पर बैठते हुए अपने मा की ओर सवालिया नजरो से देखा कि अब इस्से आगे क्या ??

शालिनी मन ही मन समझ रही थी कि निशा की दिलचस्पी भी इसमे अब बढ रही है । लेकिन वो कोई जल्दीबाजी नही चाहती थी ।

इधर जन्गीलाल थोड़े ही पल मे आंख खोल के बैठा और निशा को उठा कर अपने बगल मे बिठा कर उसकी तारिफ करने लगा ।

निशा अब सच मे शर्म आ रही थी कि उसके पापा इनसब के लिए उसकी तारिफ कर रहे है ।
जंगीलाल - तो मेरी लाडो को और सिखना है ।

"मेरे ख्याल से आज इतना ही रहने दिजिये " , शालिनी ने अपने पति को टोका तो उसका चेहरा उतर गया ।

जंगीलाल - अरे शालिनी अभी तो उसने कुछ भी नही सिखा ।

शालिनी ने घड़ी की ओर इशारा करके कहा- समय देख रहे है । सवा 11 बजने वाले है । सिर्फ़ यही सिखाने मे एक घन्टे से ज्यादा समय लग गया । ऐसे तो काफी रात हो जायेगी जी ।


शालिनी की बात सुन कर जन्गिलाल थोडा उखड़ा लेकिन उसकी बात भी सही थी तभी वो चहका - आइडिया !!

अपने पापा को चहकता देख निशा की थोडी हसी छुट गयी ।
शालिनी भी अपने पति का उतावलापन देख कर मुस्कराई- क्या बोलिए !!

जंगीलाल- क्यू ना हम दोनो लाडो को सेक्स करके दिखाये जिससे वो जल्दी सिख जायेगी और उसे सारी बाते अच्छे से समझ आ जायेगी ।

निशा की आंखे बड़ी हो गयी वही उसके दिल की धडकनें तेज हो गयी कि उसके मम्मी पापा उसके सामने ही चुदाई करने की योजना बना रहे है ।

शालिनी अपने पति की मंशा समझ गयी थी कि वो निशा को कामोत्तेजीत करना चाह रहा था जिससे मुझे मजा करता देख उसकी भी रुचि चुदने मे बढ जाये ।
लेकिन इनसब के पहले शालिनी ने अपनी बेटी की रजामंदी लेनी बेहतर समझी ।

शालिनी निशा के सर को दुलार कर - तुझे कोई दिक्कत तो नही है ना बेटी ।

निशा बस अपने पापा के वजह से झिझक रही थी नही तो वो ऐसे मौके पर अपनी को छेड़ने से बाज नही आती । इसिलिए वो बस शर्म से नजरे निचे करके मुस्कुराने लगी ।

जंगीलाल - ओह्हो जान,,लाडो को कोई दिक्कत नही है । आखिर ये सब हम उसी के लिए कर रहे है ना

शालिनी मुस्कुराकर - ठिक है फिर । बेटा तु भी ध्यान से देखना ना मै कैसे और क्या कर रही हू ।


निशा ने मुस्कुराकर अपनी मा को देखते हुए हा मे सर हिलाया ।फिर शालिनी उठी और खड़ी हुई ।

शालिनी - अरे अब वही बैठे रहेन्गे क्या ?? उठिए

शालिनी की बात पर निशा अपने पापा का आलस देख कर खिस्स से हस दी और वही जंगीलाल अंगड़ाई लेके उठने लगा , उस्का लण्ड भी अब थोडा थोडा सर उठाने लगा था ।


फिर दोनो निशा के सामने बिस्तर की ओर बढ गये ।

जारी रहेगी
 

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
6,307
17,725
174
Nice update bro.....lekin NANA TO BULLET TRAIN KI TARAH GADI CHALA RAHA HAI

Lage raho

Romanchak. Pratiksha agle rasprad update ki

Nice update


Behatareen update dost, jo bhi ho raha hai kafi manmohak hai,
Rangilal kya kya karta hai nisha ke sath,
Doosri taraf kya Raj hai babita ka dono ji jaanne ki ichha hai.. intezar agali Update ka.

Bahot behtareen zaberdast
Shaandaar update bhai

OP level ka seduction tha Nisha aur jangilal ke beech aise dheere dheere aage badhana koi jaldbaazi nahi hai.

Nice one.

Mind blowing story yaar maza aa gaya
Waiting for next update

Nice update


वाह भाई वाह मजा आ गया क्या मदमस्त मादक और उन्मादक अपडेट है बहुत ही जबरदस्त
जंगीलाल और शालिनी निशा को शादी के बाद अपने पति को प्यार देने के बारे में बताते है शालिनी भी चाहती है की जंगीलाल निशा को चोदे निशा शर्मा तो ऐसे रही हैं की उसका पहली बार हो वह बहुत ही रोमांचित हैं की अब वो अपने पापा से चुदेगी
दूसरी और राज गीता और बबीता की हरकतों से उसे शक है की कुछ तो बात है दोनो के बीच ।क्या गीता बबीता पहले भी चूद चुकी हैं किसी और से लेकिन किससे???????
UPDATE 150 IS POSTED
PADH KAR REPLY JARUR KARE
AAPKI PRATIKRIYAO KA INTEZAAR RAHRGA
 

Sanju@

Well-Known Member
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UPDATE 150

पिछले अपडेट मे आपने पढा कि एक ओर जहा राज को बबिता को लेके कुछ शक हो रहा है वही दुसरी ओर निशा के मम्मी पापा उसे सेक्स की बाते बता रहे है
अब आगे



निशा मन ही मन बहुत ही रोमांचित मह्सूस कर रही थी । उसकी दिल की तेज धडकने उसके चुचो को फुला रही थी ।
वही पल पल जंगीलाल के लण्ड मे कसावट बढ रही थी साथ ही उसके सुपाडे मे खुजली होने लगी थी ।
कमरे का महोल गरम होने लगा था ,,वही शालिनी भी अपने पति के आगे के स्टेप को लेके बहुत उत्सुक हुइ जा रही थी ।


जन्गीलाल मुसकुरा कर - अच्छा बेटा तुझे मर्दो के शरीर के बारे मे पता है कि नही

निशा अपने पापा का इशारा समझ गयी कि शरीर के किस हिस्से की बात कर रहे है इसिलिए वो शर्म से लाल होते हुए हल्का सा खिस्खी लेके मुस्कुराई

जन्गीलाल हस कर - धत्त मै भी क्या पुछ रहा हू ,,,मेरी लाडो तो पढी लिखी है उसे तो पता ही होगा ,,,क्यू बेटी ।

निशा ने शर्म से नजरे झुकाये हुए हा मे सर हिलाया ।
जंगीलाल मुस्कुरा कर - पता है बेटी सबसे पहले तुझे अपने पति से शरमाना और झिझकना कम करना पडेगा ।


"हा बेटी , मर्दो को बार बार किसी काम के लिए कहना बिलकुल भी पसन्द नही वो बहुत जल्दी नाराज हो जाते है । ऐसे मे तुझे थोडी बहुत शर्म झिझक के साथ साथ अपने पति के मूड का भी ध्यान रखना पडेगा । " , शालिनी अपने पति की बातो को आगे बढ़ाया ।


जंगीलाल अपनी बीवी की बात पर सहमती दिखाता हुआ - बिल्कुल सही कह रही है तेरी मा, बेटी !

शालिनी निशा के कन्धे दुलारती हुइ - और पति के पास जाने मे उसके अंगो को छूने मे झिझकना नही चाहिये । थोडी बहुत आतुरता तुम दिखाओगी तो वो और भी जोश से तुम्हे प्यार करेगा ।

अपनी मा बाप की बाते सुन कर निशा तो जैसे अपने सुहागरात के सपनो मे खो सी गयी । कि कैसा होगा वो पल जब एक अंजान शक्स के साथ वो हम बिस्तर होगी और उसका मोटा करारा लण्ड अपनी चुत मे लेगी ।

निशा अपनी कल्पना से गनगना गयी और उसकी चुत ने बजबजाना शुरु कर दिया ।

शालिनी - अगर वो कहे कि उसका वो पकडो,,उसे सहलाओ । वो तुम्हे करना पडेगा ।शुरु मे भले ही अजीब लगे कि वो काम मर्दो को बहुत पसंद आता है और अगर औरत खुद से ही वो सुख मर्दो को दे तो दोनो के बिच प्यार और भी गहरा जाता है ।

निशा सब समझ रही थी लेकिन उसे अपने मम्मी पापा से खुल कर मस्ती करनी थी तो वो नादान होते हुए - उसका वो मतलब ,,,और कैसा सुख ?? मै समझी नही मा ।

निशा से धीमी और जिज्ञासू अभिवक्ति दिखाई ।

तभी जंगीलाल - ओह्ह हो शालिनी तुम भी ना , अरे उसको इशारे मे समझाओगी तो कैसे जानेगी वो । उसे खुले और सटीक शब्दो मे बताओ ना

जंगीलाल - देख तेरी मा कहने का मतल्ब ये है कि .....। अच्छा ये बता तु मर्दो के लिंग के बारे मे क्या जानती है ।

निशा शर्म से लाल होकर मुह मे हाथ रख कर खिस्खी लेके हसने लगी ।
जंगीलाल - अरे शर्मा मत बेटी ,,बोल । तुझे इसका सामाजिक नाम पता है ना

निशा ने मुस्कुरा का हा मे सर हिलाया और धिरे से बोली - हा वो काफी लोगो से सुना है उस्का नाम । अक्सर लोग गाली देने मे ही यूज़ करते है ।


जंगीलाल ठहाका लेके हसा - हाहहहा बात तो सही है बेटा ! तो बता क्या कहते है उसे


निशा ने पहली बार अब नजरे उठा कर अपनी असमंजस की स्थिति दिखाई और पहले पापा को फिर मम्मी को निहारा ।

जन्गीलाल - बोल बेटा,, देख तू अगर झिझक करेगी तो सिखेगी कैसे ?? बोल ना

निशा मुस्करा कर नजरे नीची करती हुई बहुत ही धीमी आवाज मे - लल्लण्ड!!

जंगीलाल - क्या बोल रही है तु थोडा तेज बोला बेटा??
निशा थोडा हस कर समान्य आवाज मे - लण्ड!!

अपनी बेटी के मुह से लण्ड शब्द सुन कर जन्गीलाल जोश से भर गया वही शालिनी भी रोमांचित हो उठी । निशा की दिल की धड़कने भी तेज हो गयी थी अपने पापा के सामने वो ऐसे शब्द बोल पाई
जन्गिलाल निशा के पीठ को सहलाकर - शाबाश बेटा, अब ये बता तुने कभी किसी का लण्ड देखा है ।

जन्गिलाल के सवाल से निशा चौकी कि अब इस्का क्या जवाब दे , उसने तो अबतक तीन जबरदस्त लण्ड से चुदी हुई है । मगर जान्घिये मे उभरा उसके पापा का लण्ड कुछ ज्यादा ही मोटा लग रहा था उसे ।


जन्गीलाल हस कर - अरे मेरा मतलब है कि ऐसे किसी वीडियो या किसी को पेसाब करते हुए ,,,

निशा मुस्कुरा कर ना मे सर हिला दी ।
जन्गीलाल रोमांच से भर गया कि उस्की बेटी पहली बार किसी का लण्ड देखेगी तो उसका ही ।

जन्गीलाल - कोई बात नही बेटा , रुक मै तुझे दिखाता हू

निशा की आंखे बड़ी हो गयी और वो मुस्कुराते हुए अपने पापा को अपना जांघिया खोलते तिरछी नजरो से निहारने लगी । वही शालिनी उसके बालो मे हाथ फेर कर उसे दुलार रही थी ।
इसी बीच जंगीलाल ने अपना जांघिया खोल कर निकाल दिया और अपने टाँगे खोल कर एक हाथ अपना मोटा काला फड़कता हुआ लण्ड सहलाने लगा ।


निशा ने तिरछी नजरो से अपने पापा का तना हुआ मुसल देखा। लण्ड की नसे फुली हुई थी और सुपाडे की लाली गहरा रही थी । मानो सारा खुन वही जमा हो रहा हो ।

उसकी नजरे निचे झुलाते जंगीलाल के मोटे मोटे आड़ो के झोली पर गयी । निशा मन ही मन बहुत ही उत्तेजित हुई जा रही थी । उसकी चुत रस बहाये जा रही थी । वही शालिनी की हालत भी कम खराब नही थी । आज तक उसने अपने पति के लिंग मे इतनी कसावट नही देखी । उसके भी निप्प्ल कड़े होने लगे । चुत की सिराये पनीयाने लगी थी ।
जंगीलाल मुस्कुराता हुआ अपना लण्ड की चमडी उपर निचे करता हुआ निशा को देखता है कि कैसे वो कनअखियो से उसका मोटा काला लण्ड निहार रही है ।

जंगीलाल - बेटा शर्मा मत देख अच्छे । ले पकड ना

निशा अब थोडा शर्माती हुई अपने पापा का लण्ड घुरने लगती ।

इतने मे शालिनी उसका हाथ पकड कर सीधा लण्ड पर रखते हुए - तु भी ना ,,,ऐसे डर रही है जैसे खा जायेगा ये हिहिहिही

निशा ने जैसे अपने पापा के मोटे तपते काले लण्ड को स्पर्श किया वो गनगना गयी और झिझक मे अपना हाथ खिच ली । वही जन्गीलाल अपनी लाडो के कोमल हाथो का स्पर्श पाकर उत्तेजना से भर गया और उसका लण्ड शालिनी की हथेली मे और कसने लगा ।

शालिनी की लार तो ना जाने कबसे अपने पति को मुसल को देख कर तपक रही थी ,,जैसे ही उसने अपने हाथो मे लण्ड की कसावट बढती मह्सूस की वो उसके उपर से निचे बडी ही मदहोशि मे सहलाते हुए - देख इसको ऐसे पकड कर सहलाते है ,, आ तु भी कर ले ।


निशा ने नजरे उठा कर अपने पापा को देखा जो उसे बडी लाड और उम्मीद भरे नजरे से देख रहे थे ।
शालिनी ने अपनी हथेली का कबजा अपने पति के लण्ड से हटाया और वापस से निशा के हाथ को पकड कर उसके पापा के लण्ड पर रख दी ।

निशा अपने पापा के लण्ड की तपिश मह्सूस कर सिहर उठी ,,उसका रोम रोम खड़ा हो गया । वो बहुत ही संवेदनशील मह्सूस करने लगी । उसकी पीठ पर सरकते उसके पापा के हाथो का स्पर्श उसे और भी मादक सा लगने लगा और कापने लगी थी ।


वही अपनी बेटी की ठन्डी उंगलियाँ अपने लण्ड पर पाकर जंगीलाल भी एक नयी रोमांचित ऊर्जा से भर गया । कमरे का माहौल काफी गर्म था लेकिन एक ठंडी चुप्पी सी थी ।
आंखे बंद किये जंगीलाल अपने आड़ो की सिकुडी हुई थैली पर अपनी बेटी के पंजो के निशान तक मह्सूस कर पा रहा था ।
वही जब निशा ने नजर उठा कर अपने पापा के चेहरे के भाव पढे तो उसने मुस्कुरा कर हल्का सा जोर अपने पापा के आड़ो पर बढाया और उन्हे सहलाया ।

सीईई अह्ह्ह .....। जंगीलाल ने मादक आह्ह भरी जिसे देख कर शालिनी भी मुस्कुराते हुए अपने बेटी के हाथो के उपर से अपने पति के आड़ो को सहलाने लगी ।

निशा को भी ये काफी पसंद आ रहा था जिस तरह से उसकी मा उसका साथ दे रही थी । दोनो मा बेटी मे आंखो से मुस्कुराहट भरी इशारेबाजी चल रही थी और शालिनी इशारो से ही निशा को लण्ड पर उन्गीलियो का जादू चलाने का तरीका बता रही थी ।

जो तरीके काफी ज्यादा कामुक होते उसको करने मे निशा खुद से ही झिझक दिखाती लेकिन शालिनी बडे दुलार से प्रेरीत करती रहती । वही अपने लण्ड पर अपनी बेटी के कोमल हाथो का स्पर्श पाकर जन्गीलाल आंखे बंद किये बस हल्की हल्की सिसकिया लेते हुए गहरी सासे लिये जा रहा था ।

उसे तो इस बात की भनक तक नही हुई कि कब दोनो मा बेटी लण्ड सहलाते हुए सोफे से उठ कर निचे फर्श पर आ चुकी थी । जहा शालिनी निशा को दोनो हाथो से लण्ड को भीचने का तरीका बता रहा थी ।

निशा ने भी अपने पापा का लण्ड दोनो हाथो से थामा और हल्का हल्का उसकी चमडी उपर निचे करने लगी ।

शालिनी ने मुस्कुरा कर - क्यू जी ,,कैसी कर रही है हमारी बेटी
जन्गीलाल ने नशे से गुलाबी होती आंखे खोल कर अपने सामने का नजारा देखा तो वो जोश से भर गया । निशा की हथेली मे उसका लण्ड और फुल गया , क्योकि उसकी बेटी उसके सामने बैठी हुई दोनो हाथो से बडे ही प्यार उसके लण्ड को दुलार रही थी ।


जंगीलाल ने हाथ बढा कर निशा के गालो को छूते हुए - अरे वाह मेरी लाडो तो बहुत जल्दी जल्दी सिख रही है

निशा शर्म से लाल होकर नजरे निचे करते हुए वैसे ही अपने पापा का लण्ड सहलाती रही ।

जंगीलाल शालिनी को इशारा किया कि अब थोडा आगे बढे तो उसने भी मुस्कुरा कर सहमती दिखाई ।

शालिनी - बेटी बस कर । अब ये काफी गरम हो गया है । तु खुद भी इसे मह्सूस कर पा रही होगी ...है ना !!

निशा ने अपने पापा के लण्ड की तपिश को एक बार फिर से मह्सुस कर सिहरते हुए हा मे सर हिलाई ।

शालिनी मुसकुरा कर - इसे थोडा ठंडा करने की जरुरत है ।

निशा ने आतुरता दिखाते हुए - वो क्यू मा ??
शालिनी और जन्गीलाल उसके सवाल पर एक दुसरे को देख कर मुस्कुराये ।

शालिनी - देख बेटा मान ले तु ससुराल मे दिन के कामो के कारण थकी हुई है और तेरी कमर और बदन मे तेज दर्द है । ऐसे मे तेरा पति तुझसे फरमायिश कर दे कि उसे शांत करना है और तु खराब तबियत की वजह से सेक्स के लिए तैयार नही होगी । ऐसे मे वो नाराज ना हो उसके लिए उसे शांत करने का आसान तरीका होता है ।


निशा सम्झ तो सब रही थी मगर फिर भी उसने आतुरता दिखाई - क्या मा ??

शालिनी - इसे चुस कर !!

निशा चौक कर - क्या !!!
शालिनी - हा बेटी ,,यही वो सुख है जो हर मर्द अपनी बीवी से कामना करता है । तुझे विश्वास नही तो अपने पापा से पुछ ले ।

निशा अपनी की बाते सुन कर लाजभरी नजरो से पापा को देखा ।
" हा बेटी , तेरी मा सही कह रही है । लण्ड चुसवाना हम मर्दो को बहुत पसंद आता है । इससे पति का प्यार उसकी पत्नी के लिए और बढ जाता है । यहा तक कि प्रेग्नेंसी या महावारी के समय में जब उसकी बीवी सेक्स के लिए तैयार नही होती है तो ऐसे मे बिविया अपने मरदो को शांत कर देती है और फिर मर्द कही बाहर नही भटकते ।

निशा अपने पापा की बात समझ गयी और मुस्कुराने लगी।
निशा थोडा मुह बिचका कर - लेकिन फिर भी मुझे अजीब लग रहा है ।

" अरे इसमे अजीब कैसा ? रुक मै दिखाती हू " , ये बोलकर शालिनी ने तत्परता दिखाते हुए गरदन आगे करके पहले लण्ड के सुपाड़े पर निकले हुए प्री-कम को चाटा और फिर आधा लण्ड मुह मे भर लिया और उसे मुह मे अंदर बाहर करने लेने लगी
फिर उसने बडी अदा से लण्ड के निचले हिस्सो पे जीभ फिराते हुए आड़ो को मुह मे भरके चुबलाया

वही जन्गीलाल के गर्म होते सुपाडे को भी पल भर के लिए ठंडक भरी राहत मिली ।

शालिनी लन्ड़ का मुह निशा की ओर करते हुए - ले !! तु भी कर

निशा का मुह तो पानी से भर हुआ था वो तो कबसे ललचाई जा रही थी ।
वही शालिनी और जन्गीलाल की निगाहे निशा पर जमी हुई थी कि कैसे वो धिरे धिरे अपने होठ खोलते हुए लण्ड की ओर बढ रही है ।
निशा ने हौले अप्नी मा के हाथ से लण्ड को थामा और लण्ड के बेहद करीब गयी ।

सुपाडे से आती गर्म और मादक खुस्बु से निशा को उत्तेजित कर दिया और उसने हौले मुह खोलते हुए अपनी जीभ निकाल कर अपने पापा का सुपाडा चाट लिया ।

जंगीलाल अपने बेटी की गीली और ठंडी जीभ का स्पर्श पाते ही जोश मे आ गया और उसका लण्ड अकड गया ।

देखते ही देखते निशा ने दुबारा से मुह खोला और इस बार सुपाड़े को पुरा मुह मे भरते हुए उसे लॉलीपॉप के जैसे चुस्ते हुए उसका रस अपने ठन्डे मुलायम होठो से सुरकते हुए बाहर निकाला ।

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जन्गीलाल की सासे अटक सी गयी जिस तरह से निशा ने उसका सुपाडा चुबलाया । वही शालिनी भी मुस्कुरा उठी कि उसकी बेटी ने बडी जल्दी समझ गयी ।

फिर निशा ठिक अपनी मा के जैसे ब्डा मुह खोला और लण्ड को आधा मुह मे भर उसके जड़ को पकड के अपने मुह मे लेने लगी ।


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जब निशा के होठ उसके पापा के लण्ड के सतहो पर घिसने लगे थे जंगीलाल की ऊर्जा पूरे तन से रिस कर उसके लण्ड मे जमा हो रही थी ।

उसके कांपते हाथ आनायास निशा के बालो के घूमने लगे और वो अपनी कमर उचका लण्ड को और भी अंदर ले जाना चाहता था । मगर बगल मे बैठी शालिनी की नजर बराबर अपने पति की हरकतो पर थी जैसे वो अपनी गाड उचकाता शालिनी उसके जांघो को दबा कर उसे शांत रहने का इशारा करती ताकि निशा को लण्ड लेने मे परेशानी ना हो । उसके दिमाग मे ये था कि एक बार निशा की झिझक दुर हो जाये और वो लण्ड चूसने का मजा ले ले तो उसके बाद वो उसे और नये तरीके और शरारते जरुर सिखायेगी ।

जन्गीलाल - सीई ओह्ह्ह बेटी,,,सच मे तु बहुत अच्छा कर रही है उम्म्ंम्ं

तभी निशा ने अपने मुह से लण्ड निकाला और उसे सहलाते हुए अपने पापा के आड़ो को मुह मे भर के चुबलाया । जिससे जन्गीलाल उछल पडा ।
शालिनी ने जैसे जैसे बताया था निशा वो सारे स्टेप कर चुकी थी और उसके हाथ अभी भी लण्ड की चमडी को उपर निचे किये जा रहे थे । वही जंगीलाल का सुपाडा वीर्य से भर कर तन चुका था ।

जंगीलाल कसमसाया और तेजी से लण्ड हिलाते हुए खड़ा हो गया - अह्ह्ह मेरी बेटी मुह खोल,,,मेरा आ रहा है ।

निशा चौक कर अपनी मा को देखा ।
"हा बेटी मुह खोल उसे मुह मे ले ,,, उसका स्वाद बहुत ही अच्छा होता है । एक बार ट्राई तो कर " शालिनी ने उसे दुलारते कहा ।

निशा ने भी मुह खोला और आंखे बन्द कर ली ।

इधर जंगीलाला ने अपना लण्ड निशा के मुह के ठीक उपर रखकर तेजी से आह्ह भरते हुए उसके मुह मे झड़ने लगा - ओह्ह्ह बेटी अह्ह्ब लेह्ह पी जह्ह्ह ओह्ह्ह उह्ह्ह्ह अह्ह्ह

निशा आंख बंद कर मुह खोले रही और अपने पापा सुपाडे से अपना माल उसके मुह ने गिराते रहे फिर अच्छे से दो बार झाड कर अपना लण्ड उसके होठो पर पटका और हाफते हुए सोफे पर बैठ गया ।

वही निशा ने वीर्य को मुह मे भरे हुए ही अपनी मा को देखा तो उसने इशारे से गटकने को कहा तो वो बडी ही मासूमियत से अपनी मा की आंखो मे देखते हुए गटक गयी । जैसे कोई बच्चा अपनी मा के सामने दूध की घूंट गटकता हो।

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शालिनी ललचा कर रह गयी कि उसे उसके हिस्से का माल नही मिल पाया । लेकीन वो अपने बेटी के लिए खुश थी।

निशा ने जीभ नचा नचा कर मुह से बीर्य को साफ करके गटक गयी और वापस वही फर्श पर बैठते हुए अपने मा की ओर सवालिया नजरो से देखा कि अब इस्से आगे क्या ??

शालिनी मन ही मन समझ रही थी कि निशा की दिलचस्पी भी इसमे अब बढ रही है । लेकिन वो कोई जल्दीबाजी नही चाहती थी ।

इधर जन्गीलाल थोड़े ही पल मे आंख खोल के बैठा और निशा को उठा कर अपने बगल मे बिठा कर उसकी तारिफ करने लगा ।

निशा अब सच मे शर्म आ रही थी कि उसके पापा इनसब के लिए उसकी तारिफ कर रहे है ।
जंगीलाल - तो मेरी लाडो को और सिखना है ।

"मेरे ख्याल से आज इतना ही रहने दिजिये " , शालिनी ने अपने पति को टोका तो उसका चेहरा उतर गया ।

जंगीलाल - अरे शालिनी अभी तो उसने कुछ भी नही सिखा ।

शालिनी ने घड़ी की ओर इशारा करके कहा- समय देख रहे है । सवा 11 बजने वाले है । सिर्फ़ यही सिखाने मे एक घन्टे से ज्यादा समय लग गया । ऐसे तो काफी रात हो जायेगी जी ।


शालिनी की बात सुन कर जन्गिलाल थोडा उखड़ा लेकिन उसकी बात भी सही थी तभी वो चहका - आइडिया !!

अपने पापा को चहकता देख निशा की थोडी हसी छुट गयी ।
शालिनी भी अपने पति का उतावलापन देख कर मुस्कराई- क्या बोलिए !!

जंगीलाल- क्यू ना हम दोनो लाडो को सेक्स करके दिखाये जिससे वो जल्दी सिख जायेगी और उसे सारी बाते अच्छे से समझ आ जायेगी ।

निशा की आंखे बड़ी हो गयी वही उसके दिल की धडकनें तेज हो गयी कि उसके मम्मी पापा उसके सामने ही चुदाई करने की योजना बना रहे है ।

शालिनी अपने पति की मंशा समझ गयी थी कि वो निशा को कामोत्तेजीत करना चाह रहा था जिससे मुझे मजा करता देख उसकी भी रुचि चुदने मे बढ जाये ।
लेकिन इनसब के पहले शालिनी ने अपनी बेटी की रजामंदी लेनी बेहतर समझी ।

शालिनी निशा के सर को दुलार कर - तुझे कोई दिक्कत तो नही है ना बेटी ।

निशा बस अपने पापा के वजह से झिझक रही थी नही तो वो ऐसे मौके पर अपनी को छेड़ने से बाज नही आती । इसिलिए वो बस शर्म से नजरे निचे करके मुस्कुराने लगी ।

जंगीलाल - ओह्हो जान,,लाडो को कोई दिक्कत नही है । आखिर ये सब हम उसी के लिए कर रहे है ना

शालिनी मुस्कुराकर - ठिक है फिर । बेटा तु भी ध्यान से देखना ना मै कैसे और क्या कर रही हू ।


निशा ने मुस्कुराकर अपनी मा को देखते हुए हा मे सर हिलाया ।फिर शालिनी उठी और खड़ी हुई ।

शालिनी - अरे अब वही बैठे रहेन्गे क्या ?? उठिए

शालिनी की बात पर निशा अपने पापा का आलस देख कर खिस्स से हस दी और वही जंगीलाल अंगड़ाई लेके उठने लगा , उस्का लण्ड भी अब थोडा थोडा सर उठाने लगा था ।


फिर दोनो निशा के सामने बिस्तर की ओर बढ गये ।

जारी रहेगी
बहुत ही कामुक गरमागरम और उतेजनक अपडेट है
जंगीलाल और शालिनी ने अपनी बेटी को चूदाई के लिए तैयार कर लिया है जंगीलाल और शालिनी सोचते हैं की उनकी बेटी अभी पहली बार कर रही है लेकिन उनको नही पता की उनकी बेटी पहले ही तीन लन्ड ले चुकी हैं जब पता चलेगा तो क्या होगा ???????
 
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