Bhut shandar
Gifs se update me nikhar aa gya
Keep posting bro
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UPDATE 146
पिछले अपडेट मे आपने पढा कि एक ओर जहा राज अपने नाना के य्हा पहुच गया है। वही निशा के लिये जंगीलाल की हवसी भावनाये अब हरकतो का रूप ले रही है ।
राज की जुबानी
मै फ्रेश होकर नाना के पास आया और थोडे देर बाद हम सबने खाना खाया । मैने मामा के बारे मे पुछा तो पता चला कि वो एक काम से पिछले हफते ही दिल्ली गये हुए है ।
खाने के बाद नाना - बहू ऐसा है मै और राज थोडा गोदाम पर जा रहे है । कोई जरुरत होगी तो फोन कर देना
मामी - जी बाऊजी
बबिता - अरे लेकिन भैया को क्यू लिवा जा रहे हो आप
नाना हस कर - वो थोडा हिसाब किताब करना है ना इसिलिए । वैसे भी तुम दोनो को अभी सिलाई सिखने जाना है ।
मै - अरे वाह तुम लोग सिलाई भी सिख रही हो
गीता मुस्कुरा कर - हिहिहिही हा भैया वो मम्मी का एक ब्लाउज भी मैने सिला है ।
गीता की बात पर मामी कुछ बुदबुदाइ लेकिन मै सुन नही पाया साफ , वही नाना भी थोडे असहज दिखे ।
माजरा कुछ समझ नही आया मुझे
नाना - हा तो तुम दोनो समय से चले जाना हम लोग शाम के समय आयेगे
फिर मै और नाना निकल गये गोदाम की ओर
गोदाम गाव के मेन रोड पर स्कूल से थोडी दुरी पर एक खाली जगह पर था । वही से मेरे नाना अनाजो का व्यापार करते थे ।
हम लोग वहा गये । वहा पहले से ही कुछ मजदूर काम पर लगे हुए थे । जो ट्रक पर अनाज की बोरिया लाद रहे थे ।
नाना मुझे गोदाम मे लेके गये , सूती बोरे की गरदी और अनाज की महक से मुझे छीके आने लगी ।
नाना हस कर - लग रहा है तु पहली बार आ रहा है यहा
मै नाना के साथ अनाज की ऊँची ऊँची छल्लियो के बीच की गलियो से होकर आगे बढता हुआ - हा नानू ,,वो मुझे आदत नही है इनसब की ना
नाना - कोई बात नही चल कमरे मे चलते है
फिर हम दोनो बोरियो की ऊँची ऊँची गलियारे से बीच से घूम घूम कर एक किनारे के कमरे मे गये ।
नाना ने चाभी से उसका दरवाजा खोला और हम दोनो कमरे मे गये ।
वहा नाना ने कुलर लगा रखा था । मै वही चौकी पर कुलर चालू करके पसर गया ।
नाना हस कर - अच्छा तु आराम कर मै किसी को बोल कर ताजा पानी मगवाता हू
मै थोडा मुस्कुरा कर- और नाना वो ....।
नाना हस कर - हा भई उसे भी लिवा के आ रहा हूँ सबर तो कर
नाना कमरे से बाहर चले गये और मै मन मे बड़बड़ाते हुए - अह्ह्ह पता नही कौन सा गदराया माल लेके आने वाले है नानू ।। सीईई अह्ह्ह कब से तडप रहा है ये ।
मैने मेरे लण्ड को लोवर के उपर से मसला ।
मै थोडी देर ऐसे ही आंखे बन्द किये हुए लेते रहा क्योकि गर्मी बहुत थी तो कुलर मे आराम मिल रहा था । नाना को आने मे समय लग रहा था तो एक झपकी सी मुझे आई और जब मेरी आंखे खुली तो सामने कुलर के पास एक गदराई हुई औरत खड़ी थी ।
उसका गेहुआ रंग और साडी मे उसके गाड के उभार ने मेरा लण्ड टनं कर दिया
मैने एक नजर कमरे मे घुमाई तो नाना कही नजर नही आये ।
मैने उस औरत को फिर देखा तो वो कुछ रजिस्टर लेके बाहर चली गयी ।
मै उठ कर लोवर मे लण्ड को एडजस्ट करते हुए बाहर निकला और सामने बोरियो का पहाड़ देख कर - अबे यार कहा गये नानू
तभी मुझे बाई ओर से कुछ खुसफुसाहट की आवाज आई
मै लपक कर उस ओर गया और वहा नाना बोरियो के गलियारे मे उस औरत के साथ खडे थे और रजिस्टर उन्के हाथ मे था ।
नाना उसे समझाते हुए - देख शायद उसका पहली बार है ,, थोडा मदद कर देना , नाती है मेरा
वो औरत मुस्कुरा कर - जी मालिक ,,लेकिन बात कैसे करु
नाना - तु जा उसके पास और कहना कि मैने भेजा है , वो समझ जायेगा और जरा खिडकी दरवाजे देख लेना
नाना - अब जा
मै खुश हुआ और फौरन वहा से निकल पर रूम मे आगया ।
मै वापस से वैसे ही लेट गया और इस बार सोने के बजाय मोबाइल देखने लगा ,,,,मै नही चाहता था कि वो मुझे सोता देख कर निकल जाये ।
वो कमरे मे आई और मैने गरदन उठा कर उसे देखा और इशारे से पुछा क्या काम है?
औरत हिचकते हुए नजर चुरा कर - वो मालिक ने मुझे भेजा है
मै मुस्कुरा उठा - अच्छा तो आप ही कमला मौसी हो
वो औरत मुस्कुरा कर - जी छोटे मालिक , मेरा ही नाम कमला है
मै - अरे आओ बैठो फिर मुझे आपसे कुछ बात करनी थी ।
फिलहाल मुझे तो कुछ समझ आ नही रहा था कि क्या कर कहा से शुरु करु ।
ये पहली बार थी कि किसी अंजान महिला से मै ऐसे मिल रहा था और उस्से सीधा चुदाई की बात करु भी तो कैसे ।
मेरे आग्रह पर कमला दरवाजा बंद करने लगी तो मै- अरे खुला रहने दो ना अभी
कमला मुस्कुरा कर आई और मेरे सामने चौकी पर थोडी दुरी लेके बैठ गयी और जमीन को घूरने लगी ।
मुझे तो ऐसा मह्सूस हो रहा था कि मानो मेरी शादी किसी अनगैर लड़की से हो गयी हो और आज हमारी सुहागरात हो । सारी परिस्थतिया वैसी ही लग रही थी , कमला के चेहरे पर लाज के भाव स्पष्ट थे ।
तभी मेरे दिमाग एक विचार आया और मैने मुस्कुरा कर - दरअसल कमला मौसी मुझे कुछ व्यकितगत बात करनी है
कमला - हा कहिये ना छोटे मालिक
मै - अरे ये मालिक वालिक मत कहो, आप मेरे से बडे हो अच्छा नही लगता । मेरा नाम लेले बुलाओ ना । राज
कमला मुस्कुराइ- अच्छा ठिक है तो कहो क्या बात है ?
मै थोडा उसके पास गया और अटकते हुर स्वर मे - वो मुझे सुहागरात के बारे जानना है ।
कमला खिस्स से हस दी
मै मुस्कुरा कर - वो दरअसल मेरी शादी होने वाली है ना तो मुझे इनसब का ज्ञान नही है ।
कमला - लेकिन मालिक ने तो कुछ और ही कहा था
मै - क्या कहा नाना जी ने
कमला शर्मा कर - वो कह रहे थे कि आप मेरे साथ वो सब करना चाहते है तो मै मदद करू
मै हस कर - हा मतलब तो वही है ना , बिना आपकी मदद के और बिना इस पर चर्चा किये कैसे मै सिख पाऊन्गा
कमला - हा ये भी सही है
मै उसके करीब जाकर उसका हाथ पकड कर- मौसी मेरी मदद करो ना , वैसे मुझे थोडा बहुत पता है इस बारे मे
कमला मुस्कुरा कर - क्या क्या बताओ जरा
मै अपने हाथ आगे बढा कर उसके थन जैसे चुचे साडी के उपर से हल्के हाथो से पकड कर - इन सब के नाम जानता हु लेकिन कभी टेस्ट नही किया ।
कमल मेरे हाथ का स्पर्श पाकर थोडा सिहरि और धीरे से बोली - सीईईई राज बेटा पहले दरवाजा बंद कर लें
मै मुस्कुरा कर उससे अलग हो गया और वो उठ कर दरवाजा बन्द कर दी फिर खिडकी पर जाकर खिडकी बन्द कर रही थी कि मैने उसके पीछे से पकड लिया ।
वो सिहर गयी और मैने उसके पेट सहलाते हुए बोला - तुम बहुत मुलायम हो मौसी ,,,, और तुम्हारी चुची भी बहुत बडी है
ये बोलकर मैने पीछे से उसके दोनो थन जैसी चुची को पकड लिया । मेरा लण्ड लोवर मे नुकीला हुआ जा रहा था और सुपाडा कमला की गाड़ मे चुबने लगा था ।
कमला बस गहरी सासे ले रही थी और मैने उसके चुचो को सहलाते हुए - इसको कैसे करते है बताओ ना मौसी ,,,अब क्या करु
कमला - इनको खोल कर अच्छे से हाथो मे भर कर सहलाते है बेटा उम्म्ंम्म्ं
मै उसके चुचो को सहलाता हुआ - तो खोलो ना मौसी इसे ,मै भी इसे सहलाना चाहता हुआ
कमला मेरी ओर घूमी और मैने उसके साडी का पल्लू सरका दिया । थन जैसी भरी हुई चुची ब्लाउज मे साफ साफ दिख रही थी । चुचे इत्ने मोटे थे की ब्लाउज मे समा नही रहे थे ।
मै आंखे फाडे उन्हे निहार रहा था और वो मुस्कुराते हुए एक एक बटन खोल रही थी।
उसने अन्दर ब्रा भी पहनी हुई थी जो उसकी भारी चुचियो को थामे हुए थे ।
मैने उसकी गुलाबी ब्रा के उपर से उसकी चुचो को सहलाया और बोला- वॉव मौसी आपके दूध तो काफी बड़े है
मेरी हथेली उसके निप्प्ल पर ब्रा के उपर से घूम रही थी और वो मदहोश हो रही थी - सीईई अह्ह्ज हा बेटा तभी तो ये वाली बंडी पहननी पडती है मुझे ,,उम्म्ंम्म्ं
मैने कमला के दोनो भारी थनो को हाथो मे ब्रा के उपर से थामा और अपना फेस उसके आधे नंगे चुचो पर घिसने लगा - ओह्ह मौसी कितना मुलायम है ये उम्म्ंम्ं
कमला - ह्म्म्ं बेटा मर्दो को औरतो के बड़े और मुलायम दुध बहुत पसंद आते है ,,तभी तो वो इन्हे खुब जोर जोर से मिजते है
मै आंखे उथा कर - क्या जोर जोर से ,,,आपको दर्द नही होता मौसी
कमला मस्कुरा कर - हम्म्म होता है लेकिन मजा भी आता है हमे ,,, तु दबायेगा बेटा उम्म्ंम
मै मुस्कुरा कर हा मे सर हिलाया और हल्का सा जोर लगा कर उसके चुचो को दोनो हाथो से दबाने लगा ।
चुचे दबाने के साथ साथ मै उसके मुलायम पेट पर हाथ घुमाने लगा और उसके नाभि मे ऊगली करते हुए - इसमे भी वो करते है क्या मौसी
वो खिलखिलाई - धत्त नही रे ,,उसके निचे है वो छेद
मै मुस्कुरा कर- मुझे दिखाओ ना मौसी
कमला मुस्कुरा अपनी साडी और पेतिकोट एक साथ उठाने लगी तो मै उस्के सामने निचे घुटने के बल आकर उसकी चुत की ओर झाकने लगा
वो मेरी मासूमियत पर मुस्कुरा कर अपना साडी कमर तक उठा ली और उसके हल्के बालो वाली फुली हुई चुत का चीरा मुझे दिखने लगा
मै नजरे उठा कर - आप यहा का बाल नही काटते हो क्या मौसी
कमला मुस्कुरा कर - काटा था बेटा वो पिछले महीने
मै थोडा उसके चुत के करीब गया और वहा से आती मादक सी खुस्बु ने मेरे लण्ड मे जान डाल दी ।
मै - वॉव मौसी कितनी बढिया खुस्बु आ रहि है जैसे कोई नशा सा हो रहा है मुझे
मैने अपनी एक उन्गी से उसके चुत का चीरा छुआ और दाने को हल्का सा दबाया । कमल सिस्क पडी
मै वापस से नजरे उठा कर - मौसी वो छेद नही दिख रहा है ,,कहा है वो
मेरे छेड़ छाड़ से कमला की उत्तेजना बढ रही और वही मेरे बेवकूफ़ी भरे सवालो से वो चिढ़ भी रही थी। उसे तलब लगी थी लण्ड की ।
कमला उखड़ कर - आओ ऐसे नही दिखेगा
वो चौकी पर लेट गयी और साड़ी पेतिकोट एक साथ कमर तक चढाते हुए अप्नी जान्घे खोल ली
कमला अपनी चुत को फैलाकर उसका गुलाबी छेद दिखाती हुई - ये देखो यही है ,,इसे चुत कहते है । इसी मे लण्ड को डाल कर चोदते है
मै उसकी चुत को निहार रहा था और उससे बहते हुए रसीले सोमरस को भी ।
मै - ये क्या निकल रहा है मौसी
कमला - वो औरतो का पानी है ,,
मै - इसे पिते भी है क्या
कमला अपनी चुत सहलाते हुए - उम्म्ंम्ं हा पीते है बेटा ,पियोगे तुम
मै मुस्कुरा कर - हा मौसी मै भी टेस्ट करना चाहता हू
मै झुक कर सीधा उसकी चुत से बहते माल को चाटा और अपना मुह लगा कर उसके चुत को सुकरने लगा ।
कमला कसमसा कर अपनी गाड़ पटकने लगी -ओह्ह्ह बेटा आराआम्म्ंं से उम्म्ंम्ं माआ अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह
मै गरदन उठा कर - क्या हुआ मौसी दर्द हो रहा है क्या ???
कमला - नही बेटा तु चुस ,,, चुदाई मे कभी भी औरत के दर्द और सिस्कियो पर ध्यान नही देते ,, वो हमेशा मजे करती है
मै मुस्कुरा कर वापस से उसका चुत चाटने लगा ।
इधर कमला के पागल होने लगी । वो अपने चुचो ब्रा के बाहर निकाल कर उन्हे नोचने लगी
कमला- अह्ह्ह बेटा तु तो बड़ा मस्त चुस रहा है रे अह्ह्ह्ह उम्म्ंम्ं कौन कहेगा कि तु पहली बार कर रहा है अह्ह्ह्ह ऐसे ही मेरी चुदाई कर दे तो मजा ही आ जाये उउम्ंंंं
मन तो मेरा भी बहुत था और वहा से उठ कर खड़ा हुआ और सामने देखा तो कमला ने ब्रा मे से अपनी दोनो चुचिया बाहर निकाल रखी है । क्या मस्त थन जैसी चुचिय थी ।
मै देख कर ही पागल हो गया और उसके उपर जाकर - वाव मौसी क्या मस्त चुचि है उम्म्ंम्ं टेस्टि भी है उम्म्ंम्ं
मै उसके दोनो चुचो को हाथो मे भर कर बारी बारी से चूसने लगा और वो मेरे सर मे हाथ फिराने लगी ,,,वही लोवर मे तना मेरा लंड उसकी जांघो मे चुब रहा था
कमला - अह्ह्ब बस कर बेटा अब थोडा चुदाई भी कर ले ,,औरतो को चुदते हुए अपने चुचे मसलवाना बहुत पसंद है
मै मुस्कुरा कर - सच मे मौसी ,,,फिर रुको मै कपडे निकाल दू
मै फटाफट से अपना लोवर और अंडरवियर निकाल कर खड़ा हो गया और वही जब कमला ने मेरे तने हुए फौलादी लण्ड को देखा तो उस्से रहा ना गया और वो फटाक से मेरे निचे आ गयी
मै - क्या हुआ मौसी क्या देख रही हो
कमला - बेटा तेरा लण्ड बहुत मस्त है ,,तेरी बीवी बहुत खुश रहेगी
मै - आपको कैसे पता ,,मैने तो कुछ किया भी नही अभी
कमला अपनी चुत मसलते हुए मेरा लण्ड पकड के - ये तेरे लण्ड पर नसो की जो उभरी हुई गाथे है ना जब ये तेरी बीवी की चुत फ़ाड कर रख देगी
मै - सच मे मौसी इतना मोटा है कया
कमला - हा बेटा ,,रुक तुझे एक मजा और देती हू
मै - वो क्या
तभी कमला ने मुह खोल कर मेरा लण्ड मुह्ह मे भर लिया और उसके मुलायम होठो का स्पर्श मुझे पिघलाने लगा ।
मै तो मानो हवा मे उड़ने लगा और कमला गपागप मुह मे लण्ड लेने लगी ।
लण्ड चुस्ते वक़्त कमला की मोटी थन जैसी चुचिय हिल रही थी और मै पागल हुआ जा रहा था ।
मेरी तो इच्छा थी अभी साली को घोडी बना कर हचक के पेल दू ,,,लेकिन मन में हिचक भी था थोडा बहुत कही इसे भनक लगी तो नाना के सामने मेरा भेद ना खुल जाये और वो सवाल पर सवाल करने लगे कि किसके साथ किया था पहली बार
मगर जितना बेसबर मै था उतनी ही कमला भी थी वो लण्ड को गीला करके उसे मुठियाते हुए उठी और बोली - बेटा आजा अब असली मजा करते है
मै - वो क्या मौसी ,,,ऐसे भी मजा आ रहा था ।
कमला मुस्कुराई और वापस से वैसे ही जान्घे खोल कर लेट गयी - आ मेरे उपर
मै उसके जांघो के बिच गया और वो अपनी चुत फैलाकर मुझे दिखाते हुए - वो छेद दिख रहा है ना बेटा उसमे तेरा ये मुसल घुसा दे
मै अपना लण्ड पकड कर चुत पर रखते हुए - मौसी ये जगह काफी छोटा है ,,कैसे जायेगा
कमला खीझ कर - ओहो तु डाल भइ उम्मममं घुसा दे किसी तरह
मै जानबुझ कर अपना लण्ड उसकी चुत पर नचाता हुआ -आपको दर्द होगा तो
कमला - तु डाल रहा है कि मै जाऊ ,,अह्ह्ह्ह माआ
कमला की बात खतम होती उससे पहले ही मैने ह्चाक के एक झटके मे आधा लण्ड उसकी चुत मे घुसेड़ दिया
मै - ओह्ह मौसी ये बहुत गरम है अह्ह्ह्ज जल रहा है मेरा
कमला - उम्म्ंम हा बेटा तेरा लण्ड भी बहुत तप रहा है ,,अब हल्का हल्का ध्क्का लगा के चोद मुझे आह्ह उम्म्ंम ऐसी ही हा और अन्दर डाल
मै -ये पुरा चला जायेगा क्या
कमला - हा बेटा उम्मममं तु डाल नाअह्ह् उम्म्ं माअह्ह उफ्फ़फ्फ थोडा तेज तेज डाल ओह्ह्झ सीईई उफ्फ़फ्फ
मै थोडा गति बढा कर उसकी चुत मे पेलना शुरु कर दिया। मगर मेरे मुह मे उसकी हिलती चुचिया देख कर पानी आ रहा था ।
मै - मौसी मुझे वो भी पिना है ,,मै आ जाऊ
कमला मुस्कुरा कर - एक शर्त पर ,,,बोल करेगा
मै खुश होकर -हा बोलो ना
कमला - मुझे कस कस के चोदना पडेगा
"इससे भी तेज क्या ? " , मै धक्के लगाते हुए ।
मै - कही आपको दर्द हुआ तो
कमला - मैने अभी बताया ना कि औरतों को चोदते हुए रहम नही दिखाते ,,,और तुझमे जितना जोर है मुझे कस के पेल ,,,,तभी तुझे ये चूसने दुन्गी
मै तो जैसे जोश मे आगया ,,मैने सोचा चलो इसको थोडा झलक दिखला ही दू ।
मैने उसके जांघो को पकड कर अपनी ओर खिचते हुए गाड को और उपर किया ताकी मेरा लण्ड और गहराई मे जा सके ,,फिर जोर जोर से लम्बे धक्के लगाने शुरु किये
जैसे जैसे मेरा सुपाडा कमला की बच्चेदानी को छूता ,वो एक नये अनुभव से रोमांचित हुई जा रही थी ,,उसकी आंखे फैलने लगी और चेहरे पर मुस्काना छाने लगी । मानो यही तो वो पल था जिसकी उसे तालाश थी
कमला -अह्ह्ह बेटा और तेज्ज्ज ओह्ह्ह माआआ ऐसे हीईई उह्ह्ह्ह्ह हाआह्ह उम्म्ंमममं और पेल्ल्ल ओहहहह माआआ ,,,मस्त पेल रहा है रे तू ओह्ह आजा पी के मेरे दूध उम्मममंम्ं
मै खुश हुआ और उसके उपर चढ़ कर एक चुची को मुह भर लिया और अपनी कमर को उसी गति से पटकने लगा
कमला -अह्ह्ह बेटा बहुततत्त ऊम्ंम्म्ंं। सीईह्ह्ह्ह बस ऐसे ही पेल उम्म्ंम मेरा निकल रहा है अओह्ह्ह्ह अह्ह्ह हा और चोद और हाअह अह्ह्ह अह्ह्ह पेल पेल रुक मत ओह्ह्ह्ह
कमला तेजी से सिस्किया लेती हुई अपनी गाड़ उचकाने लगी और झड़ने लगी ,,उसने भी मेरा लण्ड निचोडना शुरु कर दिया ।
मै भी कोहनी के बल झुका हुआ कस कस के धक्के उस्की चुत मे पेले जा रहा था ।
आखिरी कुछ झटको मे मै उसकी चुत मे झड़ने लगा - अहहह मौसी मेरा निकल रहा है अह्ह्ह्ह
मै भलभला कर उसकी चुत मे झड़ रहा था और वैसे ही थक कर लेता रहा ।
थोडा सास बराबर होने पे - सॉरी मौसी वो मेरा अन्दर ही गिर गया ,,कुछ होगा तो नही
कमला प्यार से मुझे चिपका कर - नही रे ,, कुछ नही होगा । मेरा महीना नही आता है अब
मै - वो क्या होता है ??
फिर कमला मुझे पीरियड के बारे जानकारी देने लगी ।
थोडे समय हम ऐसे ही बाते करते रहे लेकिन तभी बिजली चली गयी और अचानक गर्मी बढ गयी ।
बन्द कमरे मे हमारी हालत खराब होने लगी और हम लोग अपने कपडे सही करके बाहर निकल गये ।
कमला अपने काम पर चली गयी और मै नाना के पास
मै - नाना मै घर जाऊ ,,यहा बिजली नही है । नीद आ रही है मुझे ।
मैने जान बुझ कर कहा कि मुझे नीद आ रही है ताकि उन्हे आभास हो जाये कि मै काम निपटा लिया है
नाना मुस्कुरा कर - बस रुक बेटा 2 मिंट मै भी चल ही रहा हू
फिर मै और नाना घर निकल गये ।
अभी दोपहर के 12 बज रहे थे । मै नाना के कमरे मे ही जाकर लेट गया ।
नाना - अच्छा रुक बहू से कह कर तेरे लिये कमरा सही करवा दे रहा हू
मै- नही रहने दो ना नाना ,,मुझे यही आराम करना है ।रात मे वैसे भी गुड़िया और मीठी के साथ ही रहूंगा
नाना - अच्छा ठिक है तु आराम कर ले । मै जरा फ्रेश होकर आता हू ।
फिर नाना फ्रेश होकर आये और अपनी बनियान निकाल कर सिर्फ धोती मे चौकी पर मेरे पैरो के पास बैठ गये । मै सोने की कोसिस कर रहा था और कनअखियो से उन्हे निहार भी रहा था ।
तभी कमरे मे मामी पानी लेके आई - हा बाऊजी ये लिजिए
तभी उनकी नजर नाना के खुले सीने पर गयी और वो शर्म से मुह फेर कर पानी वही चौकी पर रख कर बाहर जाने को हुई कि नाना के लपक कर उनकी कलाई पकड ली ।
मामी - बाऊजी छोडिए , वो राज बाबू यही पर है ।
नाना उन्हे अपने पास बिठा कर उनके हाथो को सहलाते हुए- बहू वो सो गया है और तुमने कहा था कि आज दोपहर मे .....।
मामी नजरे झुकाये अपनी कलाई छुड़ाना चाह रही थी और उनकी चूडिया खनखना रही थी ।
मेरे दिमाग मे बहुत खुराफात चल रही थी कि आखिर ये क्या सीन है ?
नाना और मामी की चुदाई हो गयी है या आज पहली बार होने को थी ?
कही मेरे आने से रंग मे भंग तो नही ना हुआ ?
ढ़ेरो सवाल मन मे उठ रहे थे और वही नाना की पकड अब मामी को अपनी ओर खिच रही थी ।
जारी रहेगी
सूचना : दोस्तो अगले कुछ दिनो के लिए मुझे थोडा एक दो फैमिली और रिलेटिव प्रोग्राम मे जाना है और घर से मेरा लैपटॉप भी लाना है । तो इस आने वाले हफते मे कोई अपडेट नही दे पाऊन्गा । नये अपडेट शायद 12 जुन के बाद ही मिल पाएंगे ।
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