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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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174
UPDATE 137

पिछले अपडेट मे आपने पढा कि एक ओर जन्गिलाल के सेक्स भूख बढ रही है , वही दुसरी ओर राज पहली बार धोखा हुआ । पहली बार वो शक्सियत पहचानने मे गच्चा खा गया और काजल ने जो उसकी हालत कि क्या वो आगे हिम्मत कर पायेगा उससे नजदीकीया बढ़ाने की ।

अब आगे

लेखक की जुबानी

राज तो अपने दुकान वापस लौट गया था लेकिन काजल की खुशी का ठिकाना नही था । आखिरकार उसकी कालेज की सहेली का मोटीवेशन काम जो आ गया ।
बीते दिन मे जब राज ने काजल को बताया कि वो उसके पार्सल के बारे मे जान चुका है और बार बार उसे इसी बात को लेके परेशान कर रहा था तो काजल ने इसी उलझन को सुलझाने के लिए अपने कालेज की दोस्त रीमा को फोन किया ।

कारण था कि काजल चाह कर भी राज से गुस्सा या नाराजगी नही दिखा सकती थी क्योकि धीरे धीरे उसके और राज के घर के बीच बहुत अच्छी तालमेल हो गयी थी । और जो अकेलापन उसकी सास शकुंतला ने अपने ससुराल ने झेला था , काजल नही चाहती थी कि वो दिन फिर से आये ।
बडी मुश्किल इस मुहल्ले मे एक परिवार उनसे जुडा था ,,नही तो बिना मर्द के इस घर को सब हेय दृष्टि से देखते थे ।
फिर उसे डर था कि कही राज उसकी बात किसी से कह दिया तो उसकी क्या इज्जत रह जायेगी ।

काजल ने इसी बात से परेशान होकर जब सारी बात अपनी कालेज की सहेली रीमा को बताई तो उसने ही समझाया कि समय आ गया है कि वो अपने फैंटसी को पुरा कर ले । क्योकि रोहन ने उसे करने से इंकार ही कर दिया था ।
उसके बाद रात मे देर तक काजल ने hardcore fetish sex की वीडियो देखी और चुत सहलाती रही ।
फिर जब आज शाम को राज आया तो उसके जहन मे बस अपने फैंटेसी को लेके ही पोजीटीवनेस भरी थी और इसिलिए तो उसका रूप आज बदल सा गया था ।

राज के जाने के बाद उसने फौरन रीमा को फोन किया और चहकपने मे सारी बाते बतायी । थोडे समय बाद उसी सास बाजार से वापस आ गई और वो घर के कामो मे लग गयी ।

उधर अनुज राहुल के घर की ओर निकल गया था ।
अनुज की तलब भी बीती रात से निशा के लिये बढ चुकी थी । जबसे वो दुकान से निकला उसका लण्ड तना हुआ था ।

बार बार वो अपने लण्ड को ऐडजस्ट करता हुआ राहुल के घर पहुचा। हर बार की तरह आज भी शाम के नास्ते की तैयारी किचन मे निशा कर रही थी और वही हाल मे बैठा हुआ राहुल निशा के मोबाइल मे अपने कहानियो के सफ़र मे आगे बढ रहा था ।

अनुज आकर धीरे से राहुल के पास बैठ जाता है और वो भी मोबाइल स्क्रीन पर नजरे मारता है । बीच बीच में वो किचन मे काम कर रही निशा के कुल्हे भी निहार रहा था ।


अनुज धीरे से - भाई दीदी ने कुछ कहा
राहुल ने उखडे मन से - नही यार वो मान ही नही रही है ।
अनुज खीझ कर - मुझे नही लगता कि तुने दीदी से कुछ किया भी है ,,अगर किया होता तो वो इतने नखरे नही करती सम्झा

राहुल फिर से अनुज की बात पर चिढ़ गया - क्या मतलब है तेरा अब तुझे प्रूफ दू
अनुज हिचक के - हा तुने ही बोला था ना मेरे सामने ......मेरे सामने दीदी को चोदेगा (धीमी आवाज मे )

राहुल के सर से गर्मी रिसने लगी ,,उसे बर्दाश्त ही नही था कि अनुज उसकी सफलता पर ऐसे उन्गली करेगा इसिलिए वो गुस्से मे तमतमाता हुआ उठा और धीमी आवाज मे दाँत पीसते हुए बोला - देख तू अब मै क्या करता हू ।


राहुल के बार आस पास नजर घुमाया कि कही उसकी मम्मी है तो नही ना । फिर वो थोडा आत्मविश्वासी होकर किचन मे गया और निशा के बगल मे खड़ा होता हुआ सीधा उसके चुतडो पर हाथ घुमाते हुए बोला -क्या बना रही हो दीदी ।

निशा को इस बात का आभास ही नही था कि अनुज आ चुका था तो उसने पहले कोई खास प्रतिक्रिया या रोकटोक नही दिखाई ।
बस उसी तरह से नासता बनाती रही । राहुल एक विजयी मुस्कान के साथ निशा के चुतडो को दबोचता हुआ अनुज की ओर देखा ।

अनुज का लण्ड ये सब देख कर फड़फडाने लगा और वो अपने पैन्ट मे लण्ड को दबाने लगा ।

इधर निशा ने राहुल से मम्मी को बुलाने को कहा लेकिन राहुल ने उसे कोई प्रतिक्रिया नही दी ।वो तो अनुज को दिखा रहा था कि कैसे वो निशा के नरम गाड़ की चर्बी को मिज रहा है ।
निशा ने जब जवाब नही पाया और नजर उठा कर राहुल को देखा और फिर गरदन घुमा कर हाल मे अनुज को बैठा देखा तो झट से राहुल से दुर हो गयी ।

निशा गुस्से मे - कमीने क्या कर रहा है ये सब ,,जा मम्मी को बुला कर ला । मै बताती हू तुझे फिर ।

यहा राहुल निश्चित था क्योकि उसे कोई डर नही था लेकिन निशा गुस्सैल के रूप को देख कर अनुज की फट गयी और वो वहा से सरक रहा था कि निशा ने उसे भी टोका - तु कहा जा रहा है ,,बैठ तु भी यही ।

अनुज की फटी पडी थी । वो बार बार खुद को कोसे जा रहा था कि वो क्यू इस लफडे मे पडा आज तो मार पड़ेगी ही ।
वो मन ही मन भगवान से दुवाए किए जा रहा था कि आज एक बार फिर से उसे बचा ले । वो स्वा किलो लड्डु का भोग लगायेगा ।
राहुल शालिनी को बुला कर लाया और अनुज के पास बैठ गया मोबाइल लेके ।
अनुज धीमी आवाज मे अपने दाँत पीसकर - अबे साले रख दे उसे ,,देख नही रहा है दीदी गुस्सा हो गयी । आज पक्का मार पड़ेगी और मेरी मम्मी को पता चला तो ।

राहुल हस्ता हुआ - अबे तु परेशान क्यू हो रहा है । वो कुछ नही कहेगी ।
इधर शालिनी किचन से चाय नास्ता लेके दुकान मे चली गयी और निशा एक ट्रे मे तिन लोगो का नासता लेके अपने रूम मे जाते हुए गुस्से मे बोलो - तुम दोनो आओ यहा अभी

राहुल जहा मुस्कुरा रहा था वही अनुज की फटी पडी थी ।
दोनो कमरे मे गये और दरवाजा बन्द ।

निशा गुस्से मे - ये क्या खिचड़ी पक रही है तुम दोनो मे हा ,,
निशा राहुल से - और तू क्या मुझे सड़क छाप रन्डी समझ रखा है क्या बोल

राहुल भी निशा के ऐसे तीखे तेवर देख कर चौका ,अनुज की हालत वैसे भी पतली थी ।

अनुज ने अब तक कोई खास हरकत की नही थी तो उसके पास बचने के साफ तरीके थे - नही दीदी मैने ऐसा कुछ नही सोचा,,इसी ने सब शुरु किया था और बोला था कि ....।

निशा तेज आवाज मे - क्या बोला था
अनुज एक बार राहुल को देख कर- यही कि वो मुझे दिखायेगा

निशा - क्या दिखायेगा ?
अनुज हकला कर - वोओ आपकी चुऊ चुऊदाआईई

निशा की आंखे फैल गयी और राहुल से - तो ये सही बात है , मतलब तु रात मे जो कहता रहता है हमम

राहुल खिखी करके ,- मै कहा झूठ बोल रहा था दीदी

निशा आंखे चढा कर अनुज को देखते हुए- तो तु भी बस मुझे देखना चाहता है

अनुज की आंखे चमकी कि शायद उसे उतना डरने की जरुरत नही है जितना को सोच रहा है ,क्योकि निशा तो मानो उसे ऑफ़र ही हो रही थी ।

अनुज मुस्कुरा देता था
निशा को उसको देख के हसी आ जाती है - देखो देखो कैसे हस रहा है कमीना

राहुल निशा के पास जाकर उसका हाथ पकडकर - दिदी मान जाओ ना प्लीज

अनुज भी उम्मीद भरी नजरो और सर उठाते लण्ड से निशा को देखा ।

निशा - तू पागल है ऐसे कैसे मै । तेरे साथ भी मै बस रात मे ही .....। तो ईसकौ कैसे


अनुज चहक कर- मै आज रात यही रुक जाऊ दीदी

राहुल भी खुश होकर - हा दीदी वो रात मे रुक जायेगा ,,प्लीज मान जाओ ना

निशा के दिल मे कुछ अपने ही अरमान जाग रहे थे जो शायद राहुल और अनुज के दिमाग से परे थे । वो बस मुस्कुराइ और बाहर चली गयी ।

अनुज उलझन भरी नजरो से राहुल को देखता है कि क्या हुआ वो रुके या नही ।

राहुल हस कर - भाई तु घर पर बात कर ले । आज रात हिहिहिहिही

अनुज खुश होकर - सच मे
राहुल हस कर - हा भाई ,,आज दोनो भाई मिल कर मजा करेंगे हिहिही

फिर वो दोनो ने नासता किया और अनुज वापस अपने दुकान पर चला गया क्योकि उसे पता था कि सिर्फ राज ही उसे चाचा के यहा जाने के लिए मम्मी से हा करवा सकता है ।


राज की जुबानी

शाम का समय हो चला था और मै दुकान मे व्यस्त था ।
6 बजने को थे और अनुज बहुत ही संकोची भाव मे चुपचाप बैठा हुआ था ।
मुझे लग रहा था कि कल रात मे मोबाइल नही मिला तो परेशान होगा ।

कभी कभी मन करता था कि पापा से बोल कर इसे भी एक मोबाइल दिला दू । लेकिन इस बार इसकी 10वी के परीक्षा होते तो थोडा डर भी था कि पढाई मे ध्यान नही रहेगा ।

नया नया है अभी जिस्मो के भवर मे ....हिहिहिही बहक जायेगा और कुछ काम का नही रह जायेगा ।

खैर मैने उसको खुश करने के लिए बोला - क्या हुआ भाई मुह काहे लटकाया है । किसी लड़की ने तुझे थप्पड़ तो नही ना मारा हिहिहिहू

अनुज खिस्स से हसा और ना मे सर हिला दिया
मै - अच्छा ठिक है आज रात मे मोबाइल तु ले लेना ठिक है ।

अनुज - नही भैया मोबाइल नही चाहिये

मै अचरज से - मोबाइल नही चाहिये ??? फिर

अनुज - वो आज मै चाचा के यहा सोने जाऊ , राहुल बुला रहा है ।

मै मन मे - ये चाचा के यहा जा रहा है ,,कही निशा राजी तो नही हो गयी ना या फिर इन दोनो का कोई और ही प्लान ???

अनुज - बोलो ना भैया ,,आप मम्मी से बोल दो ना प्लीज

मै - हा लेकिन वहा क्यू जायेगा , अपने घर नीद नही आती क्या ?

अनुज - नही भैया आज राहुल ने बहुत अच्छी फिल्म मोबाइल मे डलवाया है । वही देखने जाऊंगा

राज - हम्म्म , ठिक है जा लेकिन रोज रोज नही , नही तो मम्मी तुझे ही पिटेगी ।

अनुज - ओके फिर मै खाना भी वही खाऊंगा

मै मुस्कुरा - ठिक है

मै उसे जाने के लिए बोल तो दिया था लेकिन मन में चूल मची हुई थी कि आखिर मसला क्या है । राहुल को अगर रात मे निशा को चोदाने को मिल रहा है तो वो अनुज को बुला कर रिस्क क्यू लेगा ?
अरे हा कही वो अनुज को अपनी चुदाई दिखाने के बहाने तो नही बुलाया है । निशा भी उस दिन बता रही थी कि राहुल ने कयी बार उससे कहा था इस बारे । निशा को इस बारे मे पता भी है या नही ??

मै थोडा अपने काम मे लगा रहा और 7 बजे तक अनुज को दुकान बंद करके चाचा के जाने का बोल कर निकल गया चौराहे पर ।

रास्ते मे मैने निशा को फोन किया तो राहुल ने ही फोन उठाया तो मैने काट दिया बिना कोई बात किये ।
चौराहे वाले घर पहुच कर मैने मा को अनुज के लिए बोल दिया तो पहले वो थोडी ना नुकुर की लेकिन फिर मैने कहा कि एक दिन की बात है और वैसे भी किसी दुसरे के यहा थोडी गया है ।

किचन मे काम कर रही सोनल ने जब अनुज के ना होने की बात सुनी तो उसके अपने ही अरमान जाग गये ।

खाना बनाते हुए ही उसने मुझे मैसेज किया कि आज रात मे वो इन्तजार करेगी ।
मैने भी खुश होकर ओके बोल दिया । क्योकि अब कुछ ही दिनो की बात थी कि दीदी के साथ समय बीता सकता था ।

उसकी शादी को अब दो ही महीने रह गये थे ।
मै और पापा हाल मे बैठे हुए यही सब बाते कर रहे थे । कि आगे की तैयारिया कैसी की जाये ।
दो महीने ही रह गये है शादी को । कार्ड छपवाने से लेकर उसे बाटने की जिम्मेदारि पापा ने मेरे सर ही डाल दी ।

मा पापा से - ऐसा करिये आप इधर एक दो दिन मे जैसा आपको समय मिल रहा है आप एक बार समधि जी के यहा हो आईये और दामाद बाबू की भी खोज खबर ले लिजिए

मै हस कर - अरे उसके लिए दिदी से पुछ लो ना मम्मी की अमन कैसा है ।

मै सोनल को किचन मे आवाज देकर - दीदी ,,जीजा कैसे है बताना जरा हिहिहिही मम्मी पुछ रही है ।

मा मेरे बगल मे बैठी हुई थी तो मेरे कान पकड कर खीचते हुए - धत्त पागल कही का ।

पापा हस्ते हुए - उसकी चिंता ना करो रागिनी ,,मै कल शाम को ही चला जाऊंगा और मुरालीलाल भाई से मुलाकात कर लूंगा ।

फिर बात खतम हुई और सबने खाना खाया । सोनल उपर चली गयी फिर मैने आज भी मा को मना कर दिया कि मै आज थोडा थका हुआ हू और इच्छा नही हो रही है ।

मा ने मुझे आराम करने के लिए बोला और पापा के साथ कमरे मे चली गयी ।
थोडी देर बाद ही सोनल ने मुझे फोन करके उपर बुलाया और मै भी चुपचाप उपर चला गया ।

कमरे मे सोनल एक टीशर्ट और शॉर्टस मे थी और उसके कड़े निप्प्ल उसकी बिना ब्रा वाली टीशर्ट से साफ उभरे हुए दिख रहे थे । वो लेती हुई मोबाइल चला रहा थी और अमन से chatting से बाते कर रही थी ।

मैने दरवाजा बन्द किया और बिस्तर पर चढ़ते हुए पहले सोनल के नंगे वैक्स हुए पैरो को चुमना शुरु किया और उसके पिंडलियों से उसके जांघो को चूमते आगे बढने लगा


सोनल धिरे धिरे मदहोश होती हुई और अपनी जान्घे खोलने लगी ।

मैने उसकी जांघो के पास से सुन्घते हुए उसके चुत के पास अपने नथुने को उसकी शॉर्टस पर घुमाया और सोनल ने खुद को ढिला छोड दिया । उसकी सासे तेज थी। मैने उसके चुत के उपर अपने होठो और गालो को फिराया और जान्घो को सहलाने लगा ।

ऊततेज्ना बस सोनल अपनी जान्घे कसने लगी और मेरी तडप और भी बड़ने लगी ।

मैने उसके नंगी कमर की चूमना शुरु कर दिया , शुरु वो थोडा गुदगुदी से खिलखिलाई मगर जैसे जैसे मेरे होठो की मादकता बढती गयी उसकी सासे गहराती गयी ।

मैने उसके ब
नाभि को निशान बनाया और उनमे जीभ फिराने लगा ।
फिर नाभि के निचली चर्बी को मुह मे भर के उन्हे चुबलाने लगा।

मक्खन सा नरम था उसका जिस्म । मेरे चपल होठ उसके पेड़ू की ओर सरकते रहे और मै उसके शॉर्टस की लास्टीक की थोडा थोडा निचे करके की उसकी चुत की ओर बढने लगा ।

सोनल कसमसा कर कभी अपने जान्घे ढीली कर देती तो कभी तेजी से कस लेती ।

मैने धीरे धीरे उसके आधे कुल्हे तक ऐसे ही चुमते हुए उसके शॉर्टस निचे कर दिये और फिर जब वो थोडी सख्ती करने लगी तो उसके सामने आकर उसकी टांगो को उठा कर अपने कन्धे पर रखा।

सोनल हसे जा रही थी लेकिन उसकी आंखो से मादकता साफ झलक रही थी ।
उसकी हसी से मेरे होठों पर भी मुस्कुराहट थी ।
लेकिन लोवर मे तना मेरा लण्ड अभी कुछ और ही हसरत लिये एठ रहा था ।
मैने झुक कर उसके कूल्हो से उसकी शॉर्ट्स को खिचना शुरु कर दिया । वो थोडा खिलखिलाई लेकिन मैने भी थोडा जोर देके उपर खिच लिया ।

अभी शॉर्ट्स घुटने तक ही आया था कि मुझे दीदी की क्लीन सेव चुत दिखी ।
मेरे दिल की धडकनें तेज हो गयी ।

मैने आंखो के इशारे से दिदी के पुछा की ये शेव कब किया तो बस मुस्कुराये जा रही थी ।

मैने उसका शॉर्ट्स पैरो से अलग किया और जान्घे फैलाते हुए अपना मुह सिधा सोनल की चुत की ओर ले गया ।
एकदम से एक मादक सी खुस्बु ने मेरे नाको को घेर किया और मुह मे लार भरने लगा । मै खुद को रोक नही सका और धीरे से मेरे फड़फडाते होठो को दिदी को मुलायम चुत पर रखा और बहुत हल्का हल्का स्मूच करने करने लगा । मेरे लार और दिदी की चुत का रस आपस मे मिलने लगे और मोटे तार की चासनी सी बनने लगी ।

मैने बिना हाथो का प्रयोग किये अपने नाक को ही निचे से जगह बनाते हुए दिदी की चुत के फाको मे फैलाता हुआ उपर लेके गया और तुरत जीभ को उनकी गर्म चुत मे घुसेड़ दिया ।

दिदी ऐंठनेलगी । ऐसे मे मुझे उनके जांघो को पकडना पड़ा और मेरे जीभ अब उनकी चुत मे फ्लिक करने लगे । उपर से मेरे होठो से उनकी चुत होठो की घिसाई जारी थी । बीच बीच में मै उत्तेजित होकर उनके चुत की फलको को होठो मे लेके चुबलाने लगता और जीभ से उन्की चुत के दाने को कुदेरता ।

दीदी तो बस अपनी कमर झटक कर झड़ रही थी और मेरे मुह मे अपना सोमरस की फुहार दे रही थी ।
मैने अच्छे से दीदी को निचोड़ा और हथेली से मुह पोछ कर उनके उपर चढ़ गया । हम दोनो के बिच थोडा डीप किस्सिंग चली और मेरा लण्ड वापस से बागी होने लगा ।


अंडरवियर के उपर से ही अपनी नंगी चुत पर मेरा लण्ड की गरमी और घर्षण दीदी को आभास हो रहे थे। वही मेरे हाथ उनकी रसदार चुचियो को मरोड रहे थे । क्या कड़क चुचिया थी । जीभ फिर से बेकाबू होने लगी और इस बार शिकार दीदी की निप्प्ल को होना पडा। महीन रोए दार गुलाबी भूरे रंग की उनकी निप्प्ल्स । होली के बाद से मैने ना जाने कितनी बार इन्हे मन भर के चूसा था और जीभ से निप्प्ल को नचाया होगा ।

मगर ये तडप हर बार बढ जाती है । वही हाल अभी मेरा था । मै लपालप दीदी की निप्प्ल को जीभ से घुमा रहा था और दुसरे चुची की घुंडी को उंगलियो से मसल रहा था ।

दीदी तो बस कसमसा और सिस्क कर रह जा रही थी ।
निचे से लण्ड को रगड़ उपर के दोनो मोती भी गिरफ्त मे ।
खुजली स्व्भाविक थी और हुआ वही । दीदी के चुत की खुजली बढने लगी । एक बार उनकी चुत ने लूब्रिकेंट छोडना शुरु कर दिया ।

दिदि - ओह्ह्ह राजजज अब मत तडपा डाल दे ना प्लिज्ज्ज
मै - क्या दिदीईई उम्म्ंम्ं
दीदी अपनी गाड़ उचकाकर अपने चुत को मेरे लण्ड पर घिसती हुई - येह्ह्ह लण्ड भाईई अह्ह्ह प्लिज्ज देदे ना मुझे

मै - तो लेलो ना रोका किसने है दीदी ,,,

दीदी - उम्म्ंम सीईई तु डाल ने एक बार मे पुरा अह्ह्ह बहुत मन है ,,,खुब हचक के पेलवाने का

मै भी जोश मे आने लगा दीदी की नशिलि बाते सुन कर और लण्ड मे जैसे एक नयी ऊर्जा आ गयी । मेरे लण्ड की गर्मी ही बढ गयी थी ।
मैने उठा और खड़ा होकर अपना अंडरवियर निकाला और थोडा सा थुक लगा कर लण्ड को दीदी के चुत के मुहाने पर रखा ।

मै - फाड़ दू दीदी !!!!

दीदी अपनी दोनो चुचिया के निप्प्ल मरोडती हुई - अह्ह्ह हाआ प्लीज रज्ज्ज चोद दे फाड़ दे जो मन हो कर ले अह्ह्ह लेकिन इसे घुसा दे

मै उनकी तडप देख रहा था और मै भी कम परेशान नही था । इसलिये मैने देर ना करते हुए अपना लण्ड का सुपाडा खोल कर दीदी की चुत पर सेट किया और सीधा उन्की चुत मे उतार दिया ।

दीदी - अह्ह्ह्ह माआआआ उफ्फ्फ ओह्ह ओह्ह हा अब पेल मुझे भाईई उम्म्ंम्ं उफ्फ्च बहुत मस्त लण्ड है तेरा ओह्ह्ह येस्स्स्स बेबी फ़क मी येएस्स्स येस्स्स्स ओह्ह्ह भाई

मै दीदी की भावनाये सुनकर मुस्कुराया कि आजकल ये कुछ ज्यादा ही पोर्न देख रही है । आज इंग्लिश मे हिहिहिही । मैने उसकी जांघो को पकड कर सटासट पेले जा रहा था ।

मै तेज धक्के लगाते हुए अपने बातो की पिसकर - क्युउऊ दीईइदीई मजा आ रहा है ना अपने भाई का लण्ड लेके उम्म्ंम बोलो

दीदी मेरे आंखो मे देखते हुए - हा भाई बहुत ज्यादाआआ अह्ह्ह मस्त चोदता ही है तू ओह्ह्ह फ़क मीईई उम्म्ंम्ं
फ़क मी हार्ड बेबी ओह्ह्ह रराज्ज्ज्ज फ्क्क्क फ्क्क्क अह्ह्ह आह्ह येस्स्स्स

मै दीदी की बाते सुन कर और भी उत्तेजित हो रहा था और तेजी से उनकी चुत फाडे जा रहा था ।

मै - दिदीई ये अन्ग्रेजी वाला कब से उम्म्ं फ़क फ़क सिख ली । कही अमन तो नही सिखा रहा ना

दीदी मुस्कुराई और बोली -नाहीई उसके साथ कहा ये सब बाते होती है । वो निशा कामिनी ने आदत बना दी है।

मै - वो कैसे ??
दीदी - अब तु तो हमेशा नही रहता है ना मेरे लिये ना निशा के लिए तो कभी कभी विकली जब मै और निशा मिलते है तो हम लोग एक दुसरे को शांत कर देते है तो उसी मे अह्ह्ह्ह आदत हो गयी उम्मममं सीईईई

मै समझ गया कि हाल ही समय मै जबसे पापा के साथ मिल कर मा को चोदना शुरु किया तब से दीदी से थोदा दुर हो गया था । लेकिन अब नही । शादी तक दिदी की चुत का भोसडा बना दूँगा ।

मै अपनी ही कल्प्नाओ मे खोया हुआ दीदी को चोद रहा था और वो झड़ रही और मेरे लण्ड पर अपनी चुत का छल्ला कस रही थी ।

मै भी आखिरी कूछ धक्को के साथ दीदी के उपर ही झड़ गया और हम दोनो आपस मे लिपट कर सो गये ।


यहा राज ने खुद को शांत कर लिया लेकिन अनुज का क्या ? आज रात मे क्या वो निशा के साथ कुछ कर पायेगा या फिर बस देख कर हिलायेगा ही ।

मिलते है अगले अपडेट मे ।
आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा ।
धन्यवाद
 

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
6,307
17,727
174
Rat k


Superb update tha dost... JUNGILAL....... WAITING MORE

Bhabhi to badi waali nikli bhaiyyaji. Aur bechare Jangilal ko kahan fansa diya aapne.

Ye kuch naya tha guru socha nahi tha kaajal bhabhi itani jaldi khul jayengi par dekhte hain aage kya kya hota hai.

superb update waiting for next

Kajal wala matter kuch accha nhi laga. Jangilal kab nisha ko rocket ki sawari karwa payega
Waiting

बेचारा जांगीलाल कहां फस गया, हमेशा की तरह बेहतरीन अपडेट ।

Romanchak aur Rochak. Pratiksha agle rasprad update ki

Nice update


बहुत ही सुंदर लाजवाब और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
जंगीलाल धीरे धीरे निशा की और अटेक्ट हो रहा है दूसरी ओर राज काजल भाभी की फैंटेसी पूरी करेगा या नहीं

no issues DREAMBOY40 ...sad to know that aapka laptop ud gaya..koi nahin...intezaar rahega..hopefully sunday tak aapke taraf se sab theek ho jaayega.

Kash koi aanty bhabhi mom mera lund bhi apni chut me leti

Bahut mast

आप सभी की प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद
अपडेट 137 पोस्ट कर दिया है
पढ कर रेवो जरुर दे
 

Rinkp219

Well-Known Member
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UPDATE 137

पिछले अपडेट मे आपने पढा कि एक ओर जन्गिलाल के सेक्स भूख बढ रही है , वही दुसरी ओर राज पहली बार धोखा हुआ । पहली बार वो शक्सियत पहचानने मे गच्चा खा गया और काजल ने जो उसकी हालत कि क्या वो आगे हिम्मत कर पायेगा उससे नजदीकीया बढ़ाने की ।

अब आगे


लेखक की जुबानी

राज तो अपने दुकान वापस लौट गया था लेकिन काजल की खुशी का ठिकाना नही था । आखिरकार उसकी कालेज की सहेली का मोटीवेशन काम जो आ गया ।
बीते दिन मे जब राज ने काजल को बताया कि वो उसके पार्सल के बारे मे जान चुका है और बार बार उसे इसी बात को लेके परेशान कर रहा था तो काजल ने इसी उलझन को सुलझाने के लिए अपने कालेज की दोस्त रीमा को फोन किया ।

कारण था कि काजल चाह कर भी राज से गुस्सा या नाराजगी नही दिखा सकती थी क्योकि धीरे धीरे उसके और राज के घर के बीच बहुत अच्छी तालमेल हो गयी थी । और जो अकेलापन उसकी सास शकुंतला ने अपने ससुराल ने झेला था , काजल नही चाहती थी कि वो दिन फिर से आये ।

बडी मुश्किल इस मुहल्ले मे एक परिवार उनसे जुडा था ,,नही तो बिना मर्द के इस घर को सब हेय दृष्टि से देखते थे ।
फिर उसे डर था कि कही राज उसकी बात किसी से कह दिया तो उसकी क्या इज्जत रह जायेगी ।

काजल ने इसी बात से परेशान होकर जब सारी बात अपनी कालेज की सहेली रीमा को बताई तो उसने ही समझाया कि समय आ गया है कि वो अपने फैंटसी को पुरा कर ले । क्योकि रोहन ने उसे करने से इंकार ही कर दिया था ।
उसके बाद रात मे देर तक काजल ने hardcore fetish sex की वीडियो देखी और चुत सहलाती रही ।
फिर जब आज शाम को राज आया तो उसके जहन मे बस अपने फैंटेसी को लेके ही पोजीटीवनेस भरी थी और इसिलिए तो उसका रूप आज बदल सा गया था ।

राज के जाने के बाद उसने फौरन रीमा को फोन किया और चहकपने मे सारी बाते बतायी । थोडे समय बाद उसी सास बाजार से वापस आ गई और वो घर के कामो मे लग गयी ।

उधर अनुज राहुल के घर की ओर निकल गया था ।
अनुज की तलब भी बीती रात से निशा के लिये बढ चुकी थी । जबसे वो दुकान से निकला उसका लण्ड तना हुआ था ।

बार बार वो अपने लण्ड को ऐडजस्ट करता हुआ राहुल के घर पहुचा। हर बार की तरह आज भी शाम के नास्ते की तैयारी किचन मे निशा कर रही थी और वही हाल मे बैठा हुआ राहुल निशा के मोबाइल मे अपने कहानियो के सफ़र मे आगे बढ रहा था ।

अनुज आकर धीरे से राहुल के पास बैठ जाता है और वो भी मोबाइल स्क्रीन पर नजरे मारता है । बीच बीच में वो किचन मे काम कर रही निशा के कुल्हे भी निहार रहा था ।


अनुज धीरे से - भाई दीदी ने कुछ कहा
राहुल ने उखडे मन से - नही यार वो मान ही नही रही है ।
अनुज खीझ कर - मुझे नही लगता कि तुने दीदी से कुछ किया भी है ,,अगर किया होता तो वो इतने नखरे नही करती सम्झा

राहुल फिर से अनुज की बात पर चिढ़ गया - क्या मतलब है तेरा अब तुझे प्रूफ दू
अनुज हिचक के - हा तुने ही बोला था ना मेरे सामने ......मेरे सामने दीदी को चोदेगा (धीमी आवाज मे )

राहुल के सर से गर्मी रिसने लगी ,,उसे बर्दाश्त ही नही था कि अनुज उसकी सफलता पर ऐसे उन्गली करेगा इसिलिए वो गुस्से मे तमतमाता हुआ उठा और धीमी आवाज मे दाँत पीसते हुए बोला - देख तू अब मै क्या करता हू ।


राहुल के बार आस पास नजर घुमाया कि कही उसकी मम्मी है तो नही ना । फिर वो थोडा आत्मविश्वासी होकर किचन मे गया और निशा के बगल मे खड़ा होता हुआ सीधा उसके चुतडो पर हाथ घुमाते हुए बोला -क्या बना रही हो दीदी ।

निशा को इस बात का आभास ही नही था कि अनुज आ चुका था तो उसने पहले कोई खास प्रतिक्रिया या रोकटोक नही दिखाई ।
बस उसी तरह से नासता बनाती रही । राहुल एक विजयी मुस्कान के साथ निशा के चुतडो को दबोचता हुआ अनुज की ओर देखा ।

अनुज का लण्ड ये सब देख कर फड़फडाने लगा और वो अपने पैन्ट मे लण्ड को दबाने लगा ।

इधर निशा ने राहुल से मम्मी को बुलाने को कहा लेकिन राहुल ने उसे कोई प्रतिक्रिया नही दी ।वो तो अनुज को दिखा रहा था कि कैसे वो निशा के नरम गाड़ की चर्बी को मिज रहा है ।
निशा ने जब जवाब नही पाया और नजर उठा कर राहुल को देखा और फिर गरदन घुमा कर हाल मे अनुज को बैठा देखा तो झट से राहुल से दुर हो गयी ।

निशा गुस्से मे - कमीने क्या कर रहा है ये सब ,,जा मम्मी को बुला कर ला । मै बताती हू तुझे फिर ।

यहा राहुल निश्चित था क्योकि उसे कोई डर नही था लेकिन निशा गुस्सैल के रूप को देख कर अनुज की फट गयी और वो वहा से सरक रहा था कि निशा ने उसे भी टोका - तु कहा जा रहा है ,,बैठ तु भी यही ।

अनुज की फटी पडी थी । वो बार बार खुद को कोसे जा रहा था कि वो क्यू इस लफडे मे पडा आज तो मार पड़ेगी ही ।
वो मन ही मन भगवान से दुवाए किए जा रहा था कि आज एक बार फिर से उसे बचा ले । वो स्वा किलो लड्डु का भोग लगायेगा ।
राहुल शालिनी को बुला कर लाया और अनुज के पास बैठ गया मोबाइल लेके ।
अनुज धीमी आवाज मे अपने दाँत पीसकर - अबे साले रख दे उसे ,,देख नही रहा है दीदी गुस्सा हो गयी । आज पक्का मार पड़ेगी और मेरी मम्मी को पता चला तो ।

राहुल हस्ता हुआ - अबे तु परेशान क्यू हो रहा है । वो कुछ नही कहेगी ।
इधर शालिनी किचन से चाय नास्ता लेके दुकान मे चली गयी और निशा एक ट्रे मे तिन लोगो का नासता लेके अपने रूम मे जाते हुए गुस्से मे बोलो - तुम दोनो आओ यहा अभी

राहुल जहा मुस्कुरा रहा था वही अनुज की फटी पडी थी ।
दोनो कमरे मे गये और दरवाजा बन्द ।

निशा गुस्से मे - ये क्या खिचड़ी पक रही है तुम दोनो मे हा ,,
निशा राहुल से - और तू क्या मुझे सड़क छाप रन्डी समझ रखा है क्या बोल

राहुल भी निशा के ऐसे तीखे तेवर देख कर चौका ,अनुज की हालत वैसे भी पतली थी ।

अनुज ने अब तक कोई खास हरकत की नही थी तो उसके पास बचने के साफ तरीके थे - नही दीदी मैने ऐसा कुछ नही सोचा,,इसी ने सब शुरु किया था और बोला था कि ....।

निशा तेज आवाज मे - क्या बोला था
अनुज एक बार राहुल को देख कर- यही कि वो मुझे दिखायेगा

निशा - क्या दिखायेगा ?
अनुज हकला कर - वोओ आपकी चुऊ चुऊदाआईई

निशा की आंखे फैल गयी और राहुल से - तो ये सही बात है , मतलब तु रात मे जो कहता रहता है हमम

राहुल खिखी करके ,- मै कहा झूठ बोल रहा था दीदी

निशा आंखे चढा कर अनुज को देखते हुए- तो तु भी बस मुझे देखना चाहता है

अनुज की आंखे चमकी कि शायद उसे उतना डरने की जरुरत नही है जितना को सोच रहा है ,क्योकि निशा तो मानो उसे ऑफ़र ही हो रही थी ।

अनुज मुस्कुरा देता था
निशा को उसको देख के हसी आ जाती है - देखो देखो कैसे हस रहा है कमीना

राहुल निशा के पास जाकर उसका हाथ पकडकर - दिदी मान जाओ ना प्लीज

अनुज भी उम्मीद भरी नजरो और सर उठाते लण्ड से निशा को देखा ।

निशा - तू पागल है ऐसे कैसे मै । तेरे साथ भी मै बस रात मे ही .....। तो ईसकौ कैसे


अनुज चहक कर- मै आज रात यही रुक जाऊ दीदी

राहुल भी खुश होकर - हा दीदी वो रात मे रुक जायेगा ,,प्लीज मान जाओ ना

निशा के दिल मे कुछ अपने ही अरमान जाग रहे थे जो शायद राहुल और अनुज के दिमाग से परे थे । वो बस मुस्कुराइ और बाहर चली गयी ।

अनुज उलझन भरी नजरो से राहुल को देखता है कि क्या हुआ वो रुके या नही ।

राहुल हस कर - भाई तु घर पर बात कर ले । आज रात हिहिहिहिही

अनुज खुश होकर - सच मे
राहुल हस कर - हा भाई ,,आज दोनो भाई मिल कर मजा करेंगे हिहिही

फिर वो दोनो ने नासता किया और अनुज वापस अपने दुकान पर चला गया क्योकि उसे पता था कि सिर्फ राज ही उसे चाचा के यहा जाने के लिए मम्मी से हा करवा सकता है ।



राज की जुबानी

शाम का समय हो चला था और मै दुकान मे व्यस्त था ।
6 बजने को थे और अनुज बहुत ही संकोची भाव मे चुपचाप बैठा हुआ था ।
मुझे लग रहा था कि कल रात मे मोबाइल नही मिला तो परेशान होगा ।

कभी कभी मन करता था कि पापा से बोल कर इसे भी एक मोबाइल दिला दू । लेकिन इस बार इसकी 10वी के परीक्षा होते तो थोडा डर भी था कि पढाई मे ध्यान नही रहेगा ।

नया नया है अभी जिस्मो के भवर मे ....हिहिहिही बहक जायेगा और कुछ काम का नही रह जायेगा ।

खैर मैने उसको खुश करने के लिए बोला - क्या हुआ भाई मुह काहे लटकाया है । किसी लड़की ने तुझे थप्पड़ तो नही ना मारा हिहिहिहू

अनुज खिस्स से हसा और ना मे सर हिला दिया
मै - अच्छा ठिक है आज रात मे मोबाइल तु ले लेना ठिक है ।

अनुज - नही भैया मोबाइल नही चाहिये

मै अचरज से - मोबाइल नही चाहिये ??? फिर

अनुज - वो आज मै चाचा के यहा सोने जाऊ , राहुल बुला रहा है ।

मै मन मे - ये चाचा के यहा जा रहा है ,,कही निशा राजी तो नही हो गयी ना या फिर इन दोनो का कोई और ही प्लान ???

अनुज - बोलो ना भैया ,,आप मम्मी से बोल दो ना प्लीज

मै - हा लेकिन वहा क्यू जायेगा , अपने घर नीद नही आती क्या ?

अनुज - नही भैया आज राहुल ने बहुत अच्छी फिल्म मोबाइल मे डलवाया है । वही देखने जाऊंगा

राज - हम्म्म , ठिक है जा लेकिन रोज रोज नही , नही तो मम्मी तुझे ही पिटेगी ।

अनुज - ओके फिर मै खाना भी वही खाऊंगा

मै मुस्कुरा - ठिक है

मै उसे जाने के लिए बोल तो दिया था लेकिन मन में चूल मची हुई थी कि आखिर मसला क्या है । राहुल को अगर रात मे निशा को चोदाने को मिल रहा है तो वो अनुज को बुला कर रिस्क क्यू लेगा ?
अरे हा कही वो अनुज को अपनी चुदाई दिखाने के बहाने तो नही बुलाया है । निशा भी उस दिन बता रही थी कि राहुल ने कयी बार उससे कहा था इस बारे । निशा को इस बारे मे पता भी है या नही ??

मै थोडा अपने काम मे लगा रहा और 7 बजे तक अनुज को दुकान बंद करके चाचा के जाने का बोल कर निकल गया चौराहे पर ।

रास्ते मे मैने निशा को फोन किया तो राहुल ने ही फोन उठाया तो मैने काट दिया बिना कोई बात किये ।
चौराहे वाले घर पहुच कर मैने मा को अनुज के लिए बोल दिया तो पहले वो थोडी ना नुकुर की लेकिन फिर मैने कहा कि एक दिन की बात है और वैसे भी किसी दुसरे के यहा थोडी गया है ।

किचन मे काम कर रही सोनल ने जब अनुज के ना होने की बात सुनी तो उसके अपने ही अरमान जाग गये ।

खाना बनाते हुए ही उसने मुझे मैसेज किया कि आज रात मे वो इन्तजार करेगी ।
मैने भी खुश होकर ओके बोल दिया । क्योकि अब कुछ ही दिनो की बात थी कि दीदी के साथ समय बीता सकता था ।

उसकी शादी को अब दो ही महीने रह गये थे ।
मै और पापा हाल मे बैठे हुए यही सब बाते कर रहे थे । कि आगे की तैयारिया कैसी की जाये ।
दो महीने ही रह गये है शादी को । कार्ड छपवाने से लेकर उसे बाटने की जिम्मेदारि पापा ने मेरे सर ही डाल दी ।

मा पापा से - ऐसा करिये आप इधर एक दो दिन मे जैसा आपको समय मिल रहा है आप एक बार समधि जी के यहा हो आईये और दामाद बाबू की भी खोज खबर ले लिजिए

मै हस कर - अरे उसके लिए दिदी से पुछ लो ना मम्मी की अमन कैसा है ।

मै सोनल को किचन मे आवाज देकर - दीदी ,,जीजा कैसे है बताना जरा हिहिहिही मम्मी पुछ रही है ।

मा मेरे बगल मे बैठी हुई थी तो मेरे कान पकड कर खीचते हुए - धत्त पागल कही का ।

पापा हस्ते हुए - उसकी चिंता ना करो रागिनी ,,मै कल शाम को ही चला जाऊंगा और मुरालीलाल भाई से मुलाकात कर लूंगा ।

फिर बात खतम हुई और सबने खाना खाया । सोनल उपर चली गयी फिर मैने आज भी मा को मना कर दिया कि मै आज थोडा थका हुआ हू और इच्छा नही हो रही है ।

मा ने मुझे आराम करने के लिए बोला और पापा के साथ कमरे मे चली गयी ।
थोडी देर बाद ही सोनल ने मुझे फोन करके उपर बुलाया और मै भी चुपचाप उपर चला गया ।

कमरे मे सोनल एक टीशर्ट और शॉर्टस मे थी और उसके कड़े निप्प्ल उसकी बिना ब्रा वाली टीशर्ट से साफ उभरे हुए दिख रहे थे । वो लेती हुई मोबाइल चला रहा थी और अमन से chatting से बाते कर रही थी ।

मैने दरवाजा बन्द किया और बिस्तर पर चढ़ते हुए पहले सोनल के नंगे वैक्स हुए पैरो को चुमना शुरु किया और उसके पिंडलियों से उसके जांघो को चूमते आगे बढने लगा


सोनल धिरे धिरे मदहोश होती हुई और अपनी जान्घे खोलने लगी ।

मैने उसकी जांघो के पास से सुन्घते हुए उसके चुत के पास अपने नथुने को उसकी शॉर्टस पर घुमाया और सोनल ने खुद को ढिला छोड दिया । उसकी सासे तेज थी। मैने उसके चुत के उपर अपने होठो और गालो को फिराया और जान्घो को सहलाने लगा ।

ऊततेज्ना बस सोनल अपनी जान्घे कसने लगी और मेरी तडप और भी बड़ने लगी ।

मैने उसके नंगी कमर की चूमना शुरु कर दिया , शुरु वो थोडा गुदगुदी से खिलखिलाई मगर जैसे जैसे मेरे होठो की मादकता बढती गयी उसकी सासे गहराती गयी ।

मैने उसके ब
नाभि को निशान बनाया और उनमे जीभ फिराने लगा ।
फिर नाभि के निचली चर्बी को मुह मे भर के उन्हे चुबलाने लगा।

मक्खन सा नरम था उसका जिस्म । मेरे चपल होठ उसके पेड़ू की ओर सरकते रहे और मै उसके शॉर्टस की लास्टीक की थोडा थोडा निचे करके की उसकी चुत की ओर बढने लगा ।

सोनल कसमसा कर कभी अपने जान्घे ढीली कर देती तो कभी तेजी से कस लेती ।

मैने धीरे धीरे उसके आधे कुल्हे तक ऐसे ही चुमते हुए उसके शॉर्टस निचे कर दिये और फिर जब वो थोडी सख्ती करने लगी तो उसके सामने आकर उसकी टांगो को उठा कर अपने कन्धे पर रखा।

सोनल हसे जा रही थी लेकिन उसकी आंखो से मादकता साफ झलक रही थी ।
उसकी हसी से मेरे होठों पर भी मुस्कुराहट थी ।
लेकिन लोवर मे तना मेरा लण्ड अभी कुछ और ही हसरत लिये एठ रहा था ।
मैने झुक कर उसके कूल्हो से उसकी शॉर्ट्स को खिचना शुरु कर दिया । वो थोडा खिलखिलाई लेकिन मैने भी थोडा जोर देके उपर खिच लिया ।

अभी शॉर्ट्स घुटने तक ही आया था कि मुझे दीदी की क्लीन सेव चुत दिखी ।
मेरे दिल की धडकनें तेज हो गयी ।

मैने आंखो के इशारे से दिदी के पुछा की ये शेव कब किया तो बस मुस्कुराये जा रही थी ।

मैने उसका शॉर्ट्स पैरो से अलग किया और जान्घे फैलाते हुए अपना मुह सिधा सोनल की चुत की ओर ले गया ।
एकदम से एक मादक सी खुस्बु ने मेरे नाको को घेर किया और मुह मे लार भरने लगा । मै खुद को रोक नही सका और धीरे से मेरे फड़फडाते होठो को दिदी को मुलायम चुत पर रखा और बहुत हल्का हल्का स्मूच करने करने लगा । मेरे लार और दिदी की चुत का रस आपस मे मिलने लगे और मोटे तार की चासनी सी बनने लगी ।

मैने बिना हाथो का प्रयोग किये अपने नाक को ही निचे से जगह बनाते हुए दिदी की चुत के फाको मे फैलाता हुआ उपर लेके गया और तुरत जीभ को उनकी गर्म चुत मे घुसेड़ दिया ।

दिदी ऐंठनेलगी । ऐसे मे मुझे उनके जांघो को पकडना पड़ा और मेरे जीभ अब उनकी चुत मे फ्लिक करने लगे । उपर से मेरे होठो से उनकी चुत होठो की घिसाई जारी थी । बीच बीच में मै उत्तेजित होकर उनके चुत की फलको को होठो मे लेके चुबलाने लगता और जीभ से उन्की चुत के दाने को कुदेरता ।

दीदी तो बस अपनी कमर झटक कर झड़ रही थी और मेरे मुह मे अपना सोमरस की फुहार दे रही थी ।
मैने अच्छे से दीदी को निचोड़ा और हथेली से मुह पोछ कर उनके उपर चढ़ गया । हम दोनो के बिच थोडा डीप किस्सिंग चली और मेरा लण्ड वापस से बागी होने लगा ।


अंडरवियर के उपर से ही अपनी नंगी चुत पर मेरा लण्ड की गरमी और घर्षण दीदी को आभास हो रहे थे। वही मेरे हाथ उनकी रसदार चुचियो को मरोड रहे थे । क्या कड़क चुचिया थी । जीभ फिर से बेकाबू होने लगी और इस बार शिकार दीदी की निप्प्ल को होना पडा। महीन रोए दार गुलाबी भूरे रंग की उनकी निप्प्ल्स । होली के बाद से मैने ना जाने कितनी बार इन्हे मन भर के चूसा था और जीभ से निप्प्ल को नचाया होगा ।

मगर ये तडप हर बार बढ जाती है । वही हाल अभी मेरा था । मै लपालप दीदी की निप्प्ल को जीभ से घुमा रहा था और दुसरे चुची की घुंडी को उंगलियो से मसल रहा था ।

दीदी तो बस कसमसा और सिस्क कर रह जा रही थी ।
निचे से लण्ड को रगड़ उपर के दोनो मोती भी गिरफ्त मे ।
खुजली स्व्भाविक थी और हुआ वही । दीदी के चुत की खुजली बढने लगी । एक बार उनकी चुत ने लूब्रिकेंट छोडना शुरु कर दिया ।

दिदि - ओह्ह्ह राजजज अब मत तडपा डाल दे ना प्लिज्ज्ज
मै - क्या दिदीईई उम्म्ंम्ं
दीदी अपनी गाड़ उचकाकर अपने चुत को मेरे लण्ड पर घिसती हुई - येह्ह्ह लण्ड भाईई अह्ह्ह प्लिज्ज देदे ना मुझे

मै - तो लेलो ना रोका किसने है दीदी ,,,

दीदी - उम्म्ंम सीईई तु डाल ने एक बार मे पुरा अह्ह्ह बहुत मन है ,,,खुब हचक के पेलवाने का

मै भी जोश मे आने लगा दीदी की नशिलि बाते सुन कर और लण्ड मे जैसे एक नयी ऊर्जा आ गयी । मेरे लण्ड की गर्मी ही बढ गयी थी ।
मैने उठा और खड़ा होकर अपना अंडरवियर निकाला और थोडा सा थुक लगा कर लण्ड को दीदी के चुत के मुहाने पर रखा ।

मै - फाड़ दू दीदी !!!!

दीदी अपनी दोनो चुचिया के निप्प्ल मरोडती हुई - अह्ह्ह हाआ प्लीज रज्ज्ज चोद दे फाड़ दे जो मन हो कर ले अह्ह्ह लेकिन इसे घुसा दे

मै उनकी तडप देख रहा था और मै भी कम परेशान नही था । इसलिये मैने देर ना करते हुए अपना लण्ड का सुपाडा खोल कर दीदी की चुत पर सेट किया और सीधा उन्की चुत मे उतार दिया ।

दीदी - अह्ह्ह्ह माआआआ उफ्फ्फ ओह्ह ओह्ह हा अब पेल मुझे भाईई उम्म्ंम्ं उफ्फ्च बहुत मस्त लण्ड है तेरा ओह्ह्ह येस्स्स्स बेबी फ़क मी येएस्स्स येस्स्स्स ओह्ह्ह भाई

मै दीदी की भावनाये सुनकर मुस्कुराया कि आजकल ये कुछ ज्यादा ही पोर्न देख रही है । आज इंग्लिश मे हिहिहिही । मैने उसकी जांघो को पकड कर सटासट पेले जा रहा था ।

मै तेज धक्के लगाते हुए अपने बातो की पिसकर - क्युउऊ दीईइदीई मजा आ रहा है ना अपने भाई का लण्ड लेके उम्म्ंम बोलो

दीदी मेरे आंखो मे देखते हुए - हा भाई बहुत ज्यादाआआ अह्ह्ह मस्त चोदता ही है तू ओह्ह्ह फ़क मीईई उम्म्ंम्ं
फ़क मी हार्ड बेबी ओह्ह्ह रराज्ज्ज्ज फ्क्क्क फ्क्क्क अह्ह्ह आह्ह येस्स्स्स

मै दीदी की बाते सुन कर और भी उत्तेजित हो रहा था और तेजी से उनकी चुत फाडे जा रहा था ।

मै - दिदीई ये अन्ग्रेजी वाला कब से उम्म्ं फ़क फ़क सिख ली । कही अमन तो नही सिखा रहा ना

दीदी मुस्कुराई और बोली -नाहीई उसके साथ कहा ये सब बाते होती है । वो निशा कामिनी ने आदत बना दी है।

मै - वो कैसे ??
दीदी - अब तु तो हमेशा नही रहता है ना मेरे लिये ना निशा के लिए तो कभी कभी विकली जब मै और निशा मिलते है तो हम लोग एक दुसरे को शांत कर देते है तो उसी मे अह्ह्ह्ह आदत हो गयी उम्मममं सीईईई

मै समझ गया कि हाल ही समय मै जबसे पापा के साथ मिल कर मा को चोदना शुरु किया तब से दीदी से थोदा दुर हो गया था । लेकिन अब नही । शादी तक दिदी की चुत का भोसडा बना दूँगा ।

मै अपनी ही कल्प्नाओ मे खोया हुआ दीदी को चोद रहा था और वो झड़ रही और मेरे लण्ड पर अपनी चुत का छल्ला कस रही थी ।

मै भी आखिरी कूछ धक्को के साथ दीदी के उपर ही झड़ गया और हम दोनो आपस मे लिपट कर सो गये ।


यहा राज ने खुद को शांत कर लिया लेकिन अनुज का क्या ? आज रात मे क्या वो निशा के साथ कुछ कर पायेगा या फिर बस देख कर हिलायेगा ही ।

मिलते है अगले अपडेट मे ।
आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा ।
धन्यवाद
Superb update tha dost...papa ka character ka aap missing karte ja rahe ho... waiting more
 

Mastmalang

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नमस्कार दोस्तो
एक जरुरी सूचना :
बीते हफते मेरा लैपटॉप खराब होने के कारण अपडेट मे जो देरी हुई उसके लिए क्षमा प्रार्थी हूँ ।
हालकि लैपटॉप अभी सही नही हुआ है लेकिन मैने मेरे काम का डाटा निकाल लिया है डुअल ड्राइव मे ।
आज से ड्यूटी शुरु थी तो रोजी-रोटी के लिए वापस आना पडा ।
फिलहाल जो 2 अपडेट है उनको मै आज और कल यानी 17/5/22 और 18/5/22 को पोस्ट कर दूँगा ।
लेकिन आगे 19/05/2022 से मुझे मोबाईल से अपडेट लिखना पडेगा

फिल्हाल लैपटॉप वापस अगले महीने ही आयेगा जब मै वापस घर जाऊंगा , तब तक डेली अपडेट नहीं मिल पायेगा ।
तो संयम के साथ इस जानकारी को पढ ले और याद कर ले । बार बार अपडेट के बारे मे पुछ कर मुझे निराश ना करियेगा । क्योकि मै मेरा 100 देता हू इस कहानी पर । बाकी समय और स्थिति के अनुकूलन पर ही निर्भर रहता है।



धन्यवाद
Kya aap daily update de paate ho???? 😁😁
 

Ladies man

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UPDATE 137

पिछले अपडेट मे आपने पढा कि एक ओर जन्गिलाल के सेक्स भूख बढ रही है , वही दुसरी ओर राज पहली बार धोखा हुआ । पहली बार वो शक्सियत पहचानने मे गच्चा खा गया और काजल ने जो उसकी हालत कि क्या वो आगे हिम्मत कर पायेगा उससे नजदीकीया बढ़ाने की ।

अब आगे


लेखक की जुबानी

राज तो अपने दुकान वापस लौट गया था लेकिन काजल की खुशी का ठिकाना नही था । आखिरकार उसकी कालेज की सहेली का मोटीवेशन काम जो आ गया ।
बीते दिन मे जब राज ने काजल को बताया कि वो उसके पार्सल के बारे मे जान चुका है और बार बार उसे इसी बात को लेके परेशान कर रहा था तो काजल ने इसी उलझन को सुलझाने के लिए अपने कालेज की दोस्त रीमा को फोन किया ।

कारण था कि काजल चाह कर भी राज से गुस्सा या नाराजगी नही दिखा सकती थी क्योकि धीरे धीरे उसके और राज के घर के बीच बहुत अच्छी तालमेल हो गयी थी । और जो अकेलापन उसकी सास शकुंतला ने अपने ससुराल ने झेला था , काजल नही चाहती थी कि वो दिन फिर से आये ।

बडी मुश्किल इस मुहल्ले मे एक परिवार उनसे जुडा था ,,नही तो बिना मर्द के इस घर को सब हेय दृष्टि से देखते थे ।
फिर उसे डर था कि कही राज उसकी बात किसी से कह दिया तो उसकी क्या इज्जत रह जायेगी ।

काजल ने इसी बात से परेशान होकर जब सारी बात अपनी कालेज की सहेली रीमा को बताई तो उसने ही समझाया कि समय आ गया है कि वो अपने फैंटसी को पुरा कर ले । क्योकि रोहन ने उसे करने से इंकार ही कर दिया था ।
उसके बाद रात मे देर तक काजल ने hardcore fetish sex की वीडियो देखी और चुत सहलाती रही ।
फिर जब आज शाम को राज आया तो उसके जहन मे बस अपने फैंटेसी को लेके ही पोजीटीवनेस भरी थी और इसिलिए तो उसका रूप आज बदल सा गया था ।

राज के जाने के बाद उसने फौरन रीमा को फोन किया और चहकपने मे सारी बाते बतायी । थोडे समय बाद उसी सास बाजार से वापस आ गई और वो घर के कामो मे लग गयी ।

उधर अनुज राहुल के घर की ओर निकल गया था ।
अनुज की तलब भी बीती रात से निशा के लिये बढ चुकी थी । जबसे वो दुकान से निकला उसका लण्ड तना हुआ था ।

बार बार वो अपने लण्ड को ऐडजस्ट करता हुआ राहुल के घर पहुचा। हर बार की तरह आज भी शाम के नास्ते की तैयारी किचन मे निशा कर रही थी और वही हाल मे बैठा हुआ राहुल निशा के मोबाइल मे अपने कहानियो के सफ़र मे आगे बढ रहा था ।

अनुज आकर धीरे से राहुल के पास बैठ जाता है और वो भी मोबाइल स्क्रीन पर नजरे मारता है । बीच बीच में वो किचन मे काम कर रही निशा के कुल्हे भी निहार रहा था ।


अनुज धीरे से - भाई दीदी ने कुछ कहा
राहुल ने उखडे मन से - नही यार वो मान ही नही रही है ।
अनुज खीझ कर - मुझे नही लगता कि तुने दीदी से कुछ किया भी है ,,अगर किया होता तो वो इतने नखरे नही करती सम्झा

राहुल फिर से अनुज की बात पर चिढ़ गया - क्या मतलब है तेरा अब तुझे प्रूफ दू
अनुज हिचक के - हा तुने ही बोला था ना मेरे सामने ......मेरे सामने दीदी को चोदेगा (धीमी आवाज मे )

राहुल के सर से गर्मी रिसने लगी ,,उसे बर्दाश्त ही नही था कि अनुज उसकी सफलता पर ऐसे उन्गली करेगा इसिलिए वो गुस्से मे तमतमाता हुआ उठा और धीमी आवाज मे दाँत पीसते हुए बोला - देख तू अब मै क्या करता हू ।


राहुल के बार आस पास नजर घुमाया कि कही उसकी मम्मी है तो नही ना । फिर वो थोडा आत्मविश्वासी होकर किचन मे गया और निशा के बगल मे खड़ा होता हुआ सीधा उसके चुतडो पर हाथ घुमाते हुए बोला -क्या बना रही हो दीदी ।

निशा को इस बात का आभास ही नही था कि अनुज आ चुका था तो उसने पहले कोई खास प्रतिक्रिया या रोकटोक नही दिखाई ।
बस उसी तरह से नासता बनाती रही । राहुल एक विजयी मुस्कान के साथ निशा के चुतडो को दबोचता हुआ अनुज की ओर देखा ।

अनुज का लण्ड ये सब देख कर फड़फडाने लगा और वो अपने पैन्ट मे लण्ड को दबाने लगा ।

इधर निशा ने राहुल से मम्मी को बुलाने को कहा लेकिन राहुल ने उसे कोई प्रतिक्रिया नही दी ।वो तो अनुज को दिखा रहा था कि कैसे वो निशा के नरम गाड़ की चर्बी को मिज रहा है ।
निशा ने जब जवाब नही पाया और नजर उठा कर राहुल को देखा और फिर गरदन घुमा कर हाल मे अनुज को बैठा देखा तो झट से राहुल से दुर हो गयी ।

निशा गुस्से मे - कमीने क्या कर रहा है ये सब ,,जा मम्मी को बुला कर ला । मै बताती हू तुझे फिर ।

यहा राहुल निश्चित था क्योकि उसे कोई डर नही था लेकिन निशा गुस्सैल के रूप को देख कर अनुज की फट गयी और वो वहा से सरक रहा था कि निशा ने उसे भी टोका - तु कहा जा रहा है ,,बैठ तु भी यही ।

अनुज की फटी पडी थी । वो बार बार खुद को कोसे जा रहा था कि वो क्यू इस लफडे मे पडा आज तो मार पड़ेगी ही ।
वो मन ही मन भगवान से दुवाए किए जा रहा था कि आज एक बार फिर से उसे बचा ले । वो स्वा किलो लड्डु का भोग लगायेगा ।
राहुल शालिनी को बुला कर लाया और अनुज के पास बैठ गया मोबाइल लेके ।
अनुज धीमी आवाज मे अपने दाँत पीसकर - अबे साले रख दे उसे ,,देख नही रहा है दीदी गुस्सा हो गयी । आज पक्का मार पड़ेगी और मेरी मम्मी को पता चला तो ।

राहुल हस्ता हुआ - अबे तु परेशान क्यू हो रहा है । वो कुछ नही कहेगी ।
इधर शालिनी किचन से चाय नास्ता लेके दुकान मे चली गयी और निशा एक ट्रे मे तिन लोगो का नासता लेके अपने रूम मे जाते हुए गुस्से मे बोलो - तुम दोनो आओ यहा अभी

राहुल जहा मुस्कुरा रहा था वही अनुज की फटी पडी थी ।
दोनो कमरे मे गये और दरवाजा बन्द ।

निशा गुस्से मे - ये क्या खिचड़ी पक रही है तुम दोनो मे हा ,,
निशा राहुल से - और तू क्या मुझे सड़क छाप रन्डी समझ रखा है क्या बोल

राहुल भी निशा के ऐसे तीखे तेवर देख कर चौका ,अनुज की हालत वैसे भी पतली थी ।

अनुज ने अब तक कोई खास हरकत की नही थी तो उसके पास बचने के साफ तरीके थे - नही दीदी मैने ऐसा कुछ नही सोचा,,इसी ने सब शुरु किया था और बोला था कि ....।

निशा तेज आवाज मे - क्या बोला था
अनुज एक बार राहुल को देख कर- यही कि वो मुझे दिखायेगा

निशा - क्या दिखायेगा ?
अनुज हकला कर - वोओ आपकी चुऊ चुऊदाआईई

निशा की आंखे फैल गयी और राहुल से - तो ये सही बात है , मतलब तु रात मे जो कहता रहता है हमम

राहुल खिखी करके ,- मै कहा झूठ बोल रहा था दीदी

निशा आंखे चढा कर अनुज को देखते हुए- तो तु भी बस मुझे देखना चाहता है

अनुज की आंखे चमकी कि शायद उसे उतना डरने की जरुरत नही है जितना को सोच रहा है ,क्योकि निशा तो मानो उसे ऑफ़र ही हो रही थी ।

अनुज मुस्कुरा देता था
निशा को उसको देख के हसी आ जाती है - देखो देखो कैसे हस रहा है कमीना

राहुल निशा के पास जाकर उसका हाथ पकडकर - दिदी मान जाओ ना प्लीज

अनुज भी उम्मीद भरी नजरो और सर उठाते लण्ड से निशा को देखा ।

निशा - तू पागल है ऐसे कैसे मै । तेरे साथ भी मै बस रात मे ही .....। तो ईसकौ कैसे


अनुज चहक कर- मै आज रात यही रुक जाऊ दीदी

राहुल भी खुश होकर - हा दीदी वो रात मे रुक जायेगा ,,प्लीज मान जाओ ना

निशा के दिल मे कुछ अपने ही अरमान जाग रहे थे जो शायद राहुल और अनुज के दिमाग से परे थे । वो बस मुस्कुराइ और बाहर चली गयी ।

अनुज उलझन भरी नजरो से राहुल को देखता है कि क्या हुआ वो रुके या नही ।

राहुल हस कर - भाई तु घर पर बात कर ले । आज रात हिहिहिहिही

अनुज खुश होकर - सच मे
राहुल हस कर - हा भाई ,,आज दोनो भाई मिल कर मजा करेंगे हिहिही

फिर वो दोनो ने नासता किया और अनुज वापस अपने दुकान पर चला गया क्योकि उसे पता था कि सिर्फ राज ही उसे चाचा के यहा जाने के लिए मम्मी से हा करवा सकता है ।



राज की जुबानी

शाम का समय हो चला था और मै दुकान मे व्यस्त था ।
6 बजने को थे और अनुज बहुत ही संकोची भाव मे चुपचाप बैठा हुआ था ।
मुझे लग रहा था कि कल रात मे मोबाइल नही मिला तो परेशान होगा ।

कभी कभी मन करता था कि पापा से बोल कर इसे भी एक मोबाइल दिला दू । लेकिन इस बार इसकी 10वी के परीक्षा होते तो थोडा डर भी था कि पढाई मे ध्यान नही रहेगा ।

नया नया है अभी जिस्मो के भवर मे ....हिहिहिही बहक जायेगा और कुछ काम का नही रह जायेगा ।

खैर मैने उसको खुश करने के लिए बोला - क्या हुआ भाई मुह काहे लटकाया है । किसी लड़की ने तुझे थप्पड़ तो नही ना मारा हिहिहिहू

अनुज खिस्स से हसा और ना मे सर हिला दिया
मै - अच्छा ठिक है आज रात मे मोबाइल तु ले लेना ठिक है ।

अनुज - नही भैया मोबाइल नही चाहिये

मै अचरज से - मोबाइल नही चाहिये ??? फिर

अनुज - वो आज मै चाचा के यहा सोने जाऊ , राहुल बुला रहा है ।

मै मन मे - ये चाचा के यहा जा रहा है ,,कही निशा राजी तो नही हो गयी ना या फिर इन दोनो का कोई और ही प्लान ???

अनुज - बोलो ना भैया ,,आप मम्मी से बोल दो ना प्लीज

मै - हा लेकिन वहा क्यू जायेगा , अपने घर नीद नही आती क्या ?

अनुज - नही भैया आज राहुल ने बहुत अच्छी फिल्म मोबाइल मे डलवाया है । वही देखने जाऊंगा

राज - हम्म्म , ठिक है जा लेकिन रोज रोज नही , नही तो मम्मी तुझे ही पिटेगी ।

अनुज - ओके फिर मै खाना भी वही खाऊंगा

मै मुस्कुरा - ठिक है

मै उसे जाने के लिए बोल तो दिया था लेकिन मन में चूल मची हुई थी कि आखिर मसला क्या है । राहुल को अगर रात मे निशा को चोदाने को मिल रहा है तो वो अनुज को बुला कर रिस्क क्यू लेगा ?
अरे हा कही वो अनुज को अपनी चुदाई दिखाने के बहाने तो नही बुलाया है । निशा भी उस दिन बता रही थी कि राहुल ने कयी बार उससे कहा था इस बारे । निशा को इस बारे मे पता भी है या नही ??

मै थोडा अपने काम मे लगा रहा और 7 बजे तक अनुज को दुकान बंद करके चाचा के जाने का बोल कर निकल गया चौराहे पर ।

रास्ते मे मैने निशा को फोन किया तो राहुल ने ही फोन उठाया तो मैने काट दिया बिना कोई बात किये ।
चौराहे वाले घर पहुच कर मैने मा को अनुज के लिए बोल दिया तो पहले वो थोडी ना नुकुर की लेकिन फिर मैने कहा कि एक दिन की बात है और वैसे भी किसी दुसरे के यहा थोडी गया है ।

किचन मे काम कर रही सोनल ने जब अनुज के ना होने की बात सुनी तो उसके अपने ही अरमान जाग गये ।

खाना बनाते हुए ही उसने मुझे मैसेज किया कि आज रात मे वो इन्तजार करेगी ।
मैने भी खुश होकर ओके बोल दिया । क्योकि अब कुछ ही दिनो की बात थी कि दीदी के साथ समय बीता सकता था ।

उसकी शादी को अब दो ही महीने रह गये थे ।
मै और पापा हाल मे बैठे हुए यही सब बाते कर रहे थे । कि आगे की तैयारिया कैसी की जाये ।
दो महीने ही रह गये है शादी को । कार्ड छपवाने से लेकर उसे बाटने की जिम्मेदारि पापा ने मेरे सर ही डाल दी ।

मा पापा से - ऐसा करिये आप इधर एक दो दिन मे जैसा आपको समय मिल रहा है आप एक बार समधि जी के यहा हो आईये और दामाद बाबू की भी खोज खबर ले लिजिए

मै हस कर - अरे उसके लिए दिदी से पुछ लो ना मम्मी की अमन कैसा है ।

मै सोनल को किचन मे आवाज देकर - दीदी ,,जीजा कैसे है बताना जरा हिहिहिही मम्मी पुछ रही है ।

मा मेरे बगल मे बैठी हुई थी तो मेरे कान पकड कर खीचते हुए - धत्त पागल कही का ।

पापा हस्ते हुए - उसकी चिंता ना करो रागिनी ,,मै कल शाम को ही चला जाऊंगा और मुरालीलाल भाई से मुलाकात कर लूंगा ।

फिर बात खतम हुई और सबने खाना खाया । सोनल उपर चली गयी फिर मैने आज भी मा को मना कर दिया कि मै आज थोडा थका हुआ हू और इच्छा नही हो रही है ।

मा ने मुझे आराम करने के लिए बोला और पापा के साथ कमरे मे चली गयी ।
थोडी देर बाद ही सोनल ने मुझे फोन करके उपर बुलाया और मै भी चुपचाप उपर चला गया ।

कमरे मे सोनल एक टीशर्ट और शॉर्टस मे थी और उसके कड़े निप्प्ल उसकी बिना ब्रा वाली टीशर्ट से साफ उभरे हुए दिख रहे थे । वो लेती हुई मोबाइल चला रहा थी और अमन से chatting से बाते कर रही थी ।

मैने दरवाजा बन्द किया और बिस्तर पर चढ़ते हुए पहले सोनल के नंगे वैक्स हुए पैरो को चुमना शुरु किया और उसके पिंडलियों से उसके जांघो को चूमते आगे बढने लगा


सोनल धिरे धिरे मदहोश होती हुई और अपनी जान्घे खोलने लगी ।

मैने उसकी जांघो के पास से सुन्घते हुए उसके चुत के पास अपने नथुने को उसकी शॉर्टस पर घुमाया और सोनल ने खुद को ढिला छोड दिया । उसकी सासे तेज थी। मैने उसके चुत के उपर अपने होठो और गालो को फिराया और जान्घो को सहलाने लगा ।

ऊततेज्ना बस सोनल अपनी जान्घे कसने लगी और मेरी तडप और भी बड़ने लगी ।

मैने उसके नंगी कमर की चूमना शुरु कर दिया , शुरु वो थोडा गुदगुदी से खिलखिलाई मगर जैसे जैसे मेरे होठो की मादकता बढती गयी उसकी सासे गहराती गयी ।

मैने उसके ब
नाभि को निशान बनाया और उनमे जीभ फिराने लगा ।
फिर नाभि के निचली चर्बी को मुह मे भर के उन्हे चुबलाने लगा।

मक्खन सा नरम था उसका जिस्म । मेरे चपल होठ उसके पेड़ू की ओर सरकते रहे और मै उसके शॉर्टस की लास्टीक की थोडा थोडा निचे करके की उसकी चुत की ओर बढने लगा ।

सोनल कसमसा कर कभी अपने जान्घे ढीली कर देती तो कभी तेजी से कस लेती ।

मैने धीरे धीरे उसके आधे कुल्हे तक ऐसे ही चुमते हुए उसके शॉर्टस निचे कर दिये और फिर जब वो थोडी सख्ती करने लगी तो उसके सामने आकर उसकी टांगो को उठा कर अपने कन्धे पर रखा।

सोनल हसे जा रही थी लेकिन उसकी आंखो से मादकता साफ झलक रही थी ।
उसकी हसी से मेरे होठों पर भी मुस्कुराहट थी ।
लेकिन लोवर मे तना मेरा लण्ड अभी कुछ और ही हसरत लिये एठ रहा था ।
मैने झुक कर उसके कूल्हो से उसकी शॉर्ट्स को खिचना शुरु कर दिया । वो थोडा खिलखिलाई लेकिन मैने भी थोडा जोर देके उपर खिच लिया ।

अभी शॉर्ट्स घुटने तक ही आया था कि मुझे दीदी की क्लीन सेव चुत दिखी ।
मेरे दिल की धडकनें तेज हो गयी ।

मैने आंखो के इशारे से दिदी के पुछा की ये शेव कब किया तो बस मुस्कुराये जा रही थी ।

मैने उसका शॉर्ट्स पैरो से अलग किया और जान्घे फैलाते हुए अपना मुह सिधा सोनल की चुत की ओर ले गया ।
एकदम से एक मादक सी खुस्बु ने मेरे नाको को घेर किया और मुह मे लार भरने लगा । मै खुद को रोक नही सका और धीरे से मेरे फड़फडाते होठो को दिदी को मुलायम चुत पर रखा और बहुत हल्का हल्का स्मूच करने करने लगा । मेरे लार और दिदी की चुत का रस आपस मे मिलने लगे और मोटे तार की चासनी सी बनने लगी ।

मैने बिना हाथो का प्रयोग किये अपने नाक को ही निचे से जगह बनाते हुए दिदी की चुत के फाको मे फैलाता हुआ उपर लेके गया और तुरत जीभ को उनकी गर्म चुत मे घुसेड़ दिया ।

दिदी ऐंठनेलगी । ऐसे मे मुझे उनके जांघो को पकडना पड़ा और मेरे जीभ अब उनकी चुत मे फ्लिक करने लगे । उपर से मेरे होठो से उनकी चुत होठो की घिसाई जारी थी । बीच बीच में मै उत्तेजित होकर उनके चुत की फलको को होठो मे लेके चुबलाने लगता और जीभ से उन्की चुत के दाने को कुदेरता ।

दीदी तो बस अपनी कमर झटक कर झड़ रही थी और मेरे मुह मे अपना सोमरस की फुहार दे रही थी ।
मैने अच्छे से दीदी को निचोड़ा और हथेली से मुह पोछ कर उनके उपर चढ़ गया । हम दोनो के बिच थोडा डीप किस्सिंग चली और मेरा लण्ड वापस से बागी होने लगा ।


अंडरवियर के उपर से ही अपनी नंगी चुत पर मेरा लण्ड की गरमी और घर्षण दीदी को आभास हो रहे थे। वही मेरे हाथ उनकी रसदार चुचियो को मरोड रहे थे । क्या कड़क चुचिया थी । जीभ फिर से बेकाबू होने लगी और इस बार शिकार दीदी की निप्प्ल को होना पडा। महीन रोए दार गुलाबी भूरे रंग की उनकी निप्प्ल्स । होली के बाद से मैने ना जाने कितनी बार इन्हे मन भर के चूसा था और जीभ से निप्प्ल को नचाया होगा ।

मगर ये तडप हर बार बढ जाती है । वही हाल अभी मेरा था । मै लपालप दीदी की निप्प्ल को जीभ से घुमा रहा था और दुसरे चुची की घुंडी को उंगलियो से मसल रहा था ।

दीदी तो बस कसमसा और सिस्क कर रह जा रही थी ।
निचे से लण्ड को रगड़ उपर के दोनो मोती भी गिरफ्त मे ।
खुजली स्व्भाविक थी और हुआ वही । दीदी के चुत की खुजली बढने लगी । एक बार उनकी चुत ने लूब्रिकेंट छोडना शुरु कर दिया ।

दिदि - ओह्ह्ह राजजज अब मत तडपा डाल दे ना प्लिज्ज्ज
मै - क्या दिदीईई उम्म्ंम्ं
दीदी अपनी गाड़ उचकाकर अपने चुत को मेरे लण्ड पर घिसती हुई - येह्ह्ह लण्ड भाईई अह्ह्ह प्लिज्ज देदे ना मुझे

मै - तो लेलो ना रोका किसने है दीदी ,,,

दीदी - उम्म्ंम सीईई तु डाल ने एक बार मे पुरा अह्ह्ह बहुत मन है ,,,खुब हचक के पेलवाने का

मै भी जोश मे आने लगा दीदी की नशिलि बाते सुन कर और लण्ड मे जैसे एक नयी ऊर्जा आ गयी । मेरे लण्ड की गर्मी ही बढ गयी थी ।
मैने उठा और खड़ा होकर अपना अंडरवियर निकाला और थोडा सा थुक लगा कर लण्ड को दीदी के चुत के मुहाने पर रखा ।

मै - फाड़ दू दीदी !!!!

दीदी अपनी दोनो चुचिया के निप्प्ल मरोडती हुई - अह्ह्ह हाआ प्लीज रज्ज्ज चोद दे फाड़ दे जो मन हो कर ले अह्ह्ह लेकिन इसे घुसा दे

मै उनकी तडप देख रहा था और मै भी कम परेशान नही था । इसलिये मैने देर ना करते हुए अपना लण्ड का सुपाडा खोल कर दीदी की चुत पर सेट किया और सीधा उन्की चुत मे उतार दिया ।

दीदी - अह्ह्ह्ह माआआआ उफ्फ्फ ओह्ह ओह्ह हा अब पेल मुझे भाईई उम्म्ंम्ं उफ्फ्च बहुत मस्त लण्ड है तेरा ओह्ह्ह येस्स्स्स बेबी फ़क मी येएस्स्स येस्स्स्स ओह्ह्ह भाई

मै दीदी की भावनाये सुनकर मुस्कुराया कि आजकल ये कुछ ज्यादा ही पोर्न देख रही है । आज इंग्लिश मे हिहिहिही । मैने उसकी जांघो को पकड कर सटासट पेले जा रहा था ।

मै तेज धक्के लगाते हुए अपने बातो की पिसकर - क्युउऊ दीईइदीई मजा आ रहा है ना अपने भाई का लण्ड लेके उम्म्ंम बोलो

दीदी मेरे आंखो मे देखते हुए - हा भाई बहुत ज्यादाआआ अह्ह्ह मस्त चोदता ही है तू ओह्ह्ह फ़क मीईई उम्म्ंम्ं
फ़क मी हार्ड बेबी ओह्ह्ह रराज्ज्ज्ज फ्क्क्क फ्क्क्क अह्ह्ह आह्ह येस्स्स्स

मै दीदी की बाते सुन कर और भी उत्तेजित हो रहा था और तेजी से उनकी चुत फाडे जा रहा था ।

मै - दिदीई ये अन्ग्रेजी वाला कब से उम्म्ं फ़क फ़क सिख ली । कही अमन तो नही सिखा रहा ना

दीदी मुस्कुराई और बोली -नाहीई उसके साथ कहा ये सब बाते होती है । वो निशा कामिनी ने आदत बना दी है।

मै - वो कैसे ??
दीदी - अब तु तो हमेशा नही रहता है ना मेरे लिये ना निशा के लिए तो कभी कभी विकली जब मै और निशा मिलते है तो हम लोग एक दुसरे को शांत कर देते है तो उसी मे अह्ह्ह्ह आदत हो गयी उम्मममं सीईईई

मै समझ गया कि हाल ही समय मै जबसे पापा के साथ मिल कर मा को चोदना शुरु किया तब से दीदी से थोदा दुर हो गया था । लेकिन अब नही । शादी तक दिदी की चुत का भोसडा बना दूँगा ।

मै अपनी ही कल्प्नाओ मे खोया हुआ दीदी को चोद रहा था और वो झड़ रही और मेरे लण्ड पर अपनी चुत का छल्ला कस रही थी ।

मै भी आखिरी कूछ धक्को के साथ दीदी के उपर ही झड़ गया और हम दोनो आपस मे लिपट कर सो गये ।


यहा राज ने खुद को शांत कर लिया लेकिन अनुज का क्या ? आज रात मे क्या वो निशा के साथ कुछ कर पायेगा या फिर बस देख कर हिलायेगा ही ।

मिलते है अगले अपडेट मे ।
आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा ।
धन्यवाद
TEeno bhai milkar Nisha ki bajate maja aa ja ta try Karo ye sin
 
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