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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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U r too good bro. Maine bahut si story padhi hai lekin ubr the best bro keep writing dear I also fucked my two sisters with one of my friend and I know u r writing like real u r great 👍👍👍 o
:shocked: ju ne apni sagi bahano ko pela hai

Inbox me ao apn u se chat karega :shag:
Ham log gandi gandi bate karenge
Mere pas bhi ek real life incident hai sister lo leke :drool:
 

Sanju@

Well-Known Member
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UPDATE 131

पिछले अपडेट मे आपने पढा कि कैसे एक ओर राज निशा के साथ मिल कर अनुज और राहुल की जासूसी शुरु कर दी है वही दुसरी ओर सोनल के साथ मिल निशा की चुदाई भी की । देखते है आगे क्या होता है ।



राज की जुबानी

निशा और सोनल की चुदाई के बाद मै वापस दुकान पर निकल गया और वहा थोडा उलझन मे ही रहा कि आगे क्या किया जाये ताकि कोई छिपी हुई बात सामने आये ।

काफी सोचने के बाद मैने तय किया क्यू ना इन दोनो का टेस्ट लू और इनदोनो को हिन्दी incest sex story पढवा के इनकी प्रतिकिया देखू ।
मगर कैसे?? कुछ जोरदार विचार लाना पडेगा तभी ये प्लान काम करेगा ।


कुछ सोचने के बाद मुझे एक आइडिया आया और मै मुस्कुरा कर अपने काम मे लग गया ।

शाम को अनुज रोज की तरह घूमने गया और जब वापस आने का समय हुआ तो मै उसका इन्तेजार करने लगा ।


इधर जैसे ही वो वापस आता दिखा मै दुकान के पिछले कमरे मे कान पर फोन लगाये झुटमुट की बात करने लगा ।

अनुज जैसे ही दुकान मे घुसा मुझे फोन पर बात करते हुए पीछे के कमरे मे जाते देखा और मै जानबुझ कर ऐसे बात कर रहा था कि मानो मै किसी से बहस कर रहा हू ताकि अनुज मेरे बातो पर ध्यान दे और हुआ भी वही ।

मै फोन पर - यार तु समझता क्यो नही है ,,रात मे अनुज भी मोबाइल चलाता है और कही उसने वो कहानिया पढ ली तो

मै - हा हा ठिक है ,, हा उस लिंक को मैने बुकमार्क करके रखा है । ठिक है कल तू उसे ले लेना फिर मै उसे डिलीट कर दूँगा

मै थोडा चुप होकर - हा लेकिन तु तो जानता ही है ना कैसी कैसी कहानिया है उसमे अगर कही अनुज ने देख ली तो वो यही समझेगा ना की मै ये सब पढता हू ,,, हा ठिक है रख बाय


मेरे बाय बोलने पर अनुज वापस कमरे से हटकर दुकान के गल्ले पर आगया ।
मै दुकान मे आया तो ऐसे दिखाया कि मानो मेरी कोई चोरी पकड़ी गयी हो ।

अनुज भी मेरे चेहरे के भावो को पढने की कोसिस कर रहा था ।
इधर कुछ ग्राहक आ गये तो हम दोनो दुकान मे व्यस्त हो गये


रात को खाने के बाद मैने एक हिन्दी सेक्स स्टोरी की साइट को बुकमार्क कर दिया ,,जिसमे सिर्फ शॉर्ट हिन्दी सेक्स कहानिया थी ।

शार्ट कहानिया मैने इसलिये चुनी ताकी रात मे अनुज एक से ज्यादा कहानिया पढ सके ।

फिर मैने उसको मोबाईल दे दिया और मम्मी पापा के पास चला गया ।

अगली सुबह जब अनुज ने मुझे मोबाइल वापस किया तो मै बिना चेक किये दुकान आया और फिर यहा चेक किया तो देखा कि कल रात अनुज ने एक भी सेक्स वीडियो नही देखी थी और history मे सब शॉर्ट हिन्दी सेक्स कहानियो के है ।

उसने काफी सारी पारिवारिक कहानियो को भी खोला था ।
खास कर "चचेरि बहन से चुदाई" के काफी सारे पेज खोले गये थे ।

मै समझ गया कि उसने ये कहानि अच्छे से पढी थी ।
फिर एक "जीजा साली की चुदाई" कहानी के काफी सारे पेज खुले थे । "मौसेरी बहन के साथ चुदाई" के भी कुछ पेज उसने पढे थे ।

हालाकी उसने "मा के साथ चुदाई ", "सगी मा को पेला" जैसे पेज भी खोले थे मगर उन कहानियो के सिंगल पेज ही खुले थे । मतलब साफ था कि अनुज ने इन्हे इग्नोर कर दिया था । उसे सगे रिश्तो मे कोई दिलचस्पी नही थी ।


मै सारी history पढ कर खुश हुआ और समझ गया कि आगे क्या करना है ।
मैने तूरन्त उस कहानी की साइट की सारी हिस्ट्री और बुकमार्क डिलीट कर दी ।
क्योकि असली टेस्ट अनुज अभी होना था । अगर वो आज रात को वापस से सेक्स कहानिया खोजगा तो मतलब साफ है कि उसे इनसब मे रुचि है ।

अगले दिन की सुबह मैने फिर से मोबाइल चेक किया तो मेरा अनुमान सही निकला ,,अनुज ने रात मे वही सेक्स कहानिया पढ रहा है । जिसमे चचेरि बहन की चुदाई की कहानीयो के आगे की कड़ीया थी ।

अनुज का रुझान मै समझा गया और ऐसे ही दो रात मैने उसको मोबाईल देके उसकी आदत बढाई । बीते चार दिनो मे अनुज ने सिवाय सेक्स कहानियो के कुछ नही खोला और तो और वो शाम के समय राहुल से चार दिनो से मिलने भी नही गया वो मन लगा कर दुकान मे काम करता और हर समय मेरे फरमान की राह देखता । मै समझ कि इसे जो चाहिये आसानी ने मिल जा रहा है । तो मैने योजना आगे बधाई
फिर अग्ली दो रातो के लिए मैने अनुज को मोबाइल नही दिया । उसकी बेचैनी साफ नजर आ रही थी पुरे एक हफ्ते बाद शाम को अनुज ने घूमने जाने की बात की ।

मै जान गया कि मेरा तीर निशाने पर लगा है ,,,अनुज को उन रोचक कहानियो की चस्क लग गयी है और वो अब राहुल से निशा का मोबाईल जरुर मागेगा ।


इधर अनुज जैसे ही दुकान से गया मैने फौरन निशा को फोन लगा कर सारी बात उसे समझाई और कहा कि अगर आज राहुल मोबाईल मागे दे देना ।
निशा ने मेरे भरोसे हा कर दी ।


शाम को जब अनुज वापस आया तो वो खुश नजर आ रहा था । उसने आज मोबाईल के लिये भी नही कहा मुझसे ।मतलब साफ था कि उसने वो चीजे राहुल से शेयर कर दी है और अब राहुल रात मे भी वो साइट खोल कर कहानिया जरुर पढेगा ।


अगले दिन मैने निशा को दुकान पर बुलाया कि वो कोई बहाना करके आये और मुझे मोबाइल दिखाये ।
दोपहर को जब अनुज खाना खाने के लिए चौराहे पर गया तो मैने निशा को आने को कहा और थोडे समय बाद वो मेरे दुकान पर आ गयी ।


मैने उसके मोबाइल मे ब्राऊजर खोला तो देखा कि सेम वही साइट राहुल ने रात मे खोला था लेकिन उसकी मंशाए अनुज से विपरीत थी । उसने ज्यादातर सगी मा बहन के साथ सेक्स वाली कहानिया पढी थी । अब मै सब क्लियर समझ गया ।


निशा मुझे सोच मे देख कर - क्या हुआ राज बोलो

मै मुस्कुरा कर - अब क्या बोलू मेरी जानेमन तेरे आशिको की लिस्ट लम्बी हो रही है हिहिहिही

निशा अचरज से - मतलब
मै - मतलब ये कि राहुल और अनुज दोनो ने तुम्हे अपनी कल्पनाओ ने भोगना शुरु कर दिया है । मगर ये बात उन्होंने आपस मे छिपा रखी कि वो तुमसे सेक्स करना चाहते है ।

निशा चौकी - क्या ???? त त तु तू तुम इतने यकीन से कैसे कह सकते हो ,,मेरा राहुल ऐसा नही है । वो क्यू मेरे बारे मे ऐसा कुछ सोचेगा

मैने निशा को राहुल की पढी हुई सारी कहानीयो की हिस्ट्री दिखाई और फिर अनुज की भी ।
निशा को अब भी संसय था - हा लेकिन ये कैसे होगा ,,,वो दोनो छोटे है मुझसे

मै हस कर - हिहिही वैसे छोटा तो मै भी हू तुमसे दीदी

निशा हस दी - धत्त तुम्हारी बात अलग है लेकिन खुद के सगे भाई से ,,मतलब कैसे ??


मै - देखो जो सच था वो मैने तुम्हे बता दिया है,,अब अगर तुम्हे यकीन ना हो तो आज रात भी मोबाईल देदो राहुल को और उसपे नजर रखो ।

निशा - हम्म्म ठिक है तो मै आज ये करके रहूँगी ।

फिर निशा वापस घर चली गयी और मै अपने कामो मे लग गया ।


लेखक की जुबानी

इधर जबसे निशा को राहुल और अनुज की सच्चाई पता चली थी वो काफी परेशान थी । उसे समझ नही आ रहा था कि कब राहुल ने उसे इस नजर से देखना शुरु कर दिया ।

निशा अपने कमरे मे सोफे पर बैठी हुई थी । पंखे की हवा भी उसके तन और मन की ज्वाला को शांत नही कर पा रही थी ।
उसका सर दर्द से फटा जा रहा था इसिलिए उसने तय किया कि वो पहले जाकर नहा ले कुछ खा ले फिर शायद इसका कोई उपाय खोज निकालने मे मदद हो ।

निशा ने अपने कपडे लिये और उपर चली गयी ।
आधे घंटे तक शॉवर मे नहाने के बाद उसे थोडा आराम हुआ और वो कपडे बदल कर सीढियो से निचे आ रही थी कि राहुल उसके कमरे से भागता हुआ बाहर गया ।

निशा को पता नही क्या सुझा और वो भाग कर कमरे मे गयी । उसने अपना मोबाइल चेक किया तो समझ गयी कि वो जब नहा रही थी तो राहुल ने उसके मोबाइल पर वापस से सेक्स कहानिया पढी और जैसे ही उसे मेरे आने की आहट मिली वो बन्द करके भाग गया ।


निशा मन मे - आखिर इसमे ऐसा है क्या कि वो इसे पढने के लिए उतावला है । हालकि मैने भी राज के साथ सेक्स किया है लेकिन इतनी भी दिवानगी नही हुई मुझे ।

निशा ने वही खड़े उसी कहानी को खोला जिसे अभी राहुल छोड कर गया था ।

निशा ने दरवाजा बंद किया और उसने कहानी पढनी शुरु की ।

वो एक मध्यम वर्गीय परिवार की कहानी थी । जिसमे चार लोग रहते थे ।

हीरो - अमर , बडी बहन - रेखा , मा और पापा
स्कूल कालेजो और मुहल्ले के दोस्तो से कुछ सेक्स जानकारिया पाकर हीरो का सेक्स के लिए झुकाव बढने लगा था , मगर अपने शर्मिले स्वभाव के कारण हीरो की कभी कोई लड़की दोस्त नही बन पाई । वही उसकी दीदी उसकी अच्छी दोस्त थी और हसी मजाक मे उसको उसकी होने वाली गर्लफ्रेंड को लेके बहुत तंग करती थी । जिससे अमर चिढ़ कर रेखा के साथ मस्ती भरी नोक्झोक और लड़ाईया करता रहता ।
वही रेखा भी अब बडी हो चुकी थी तो आम परिवारो की तरह अब उस पर भी ज्यादा बाहर आने जाने पर रोक होती थी । उसके भी कोई ज्यादा दोस्त नही थे तो घर मे अमर को परेशान करने मे कोई कसर नही छोडती थी ।
समय बदला और अमर के लण्ड की गर्मी ने उसे ऐसी संगत में फसा दिया जहा से उसकी लाइफ बदल गयी ।
उसने अपने दोस्त के घर पर कुछ ऐसा देख लिया था जिससे उसका झुकाव भी उसकी दीदी की ओर होने लगा । अब वो रेखा को एक हुस्न की मल्लिका के तौर पर देखता था ।

धिरे धिरे समय के साथ अमर ने रेखा के साथ मस्ती मजाक मे फलर्टींग शुरु कर दी। कभी कभी रेखा को अच्छा मह्सूस होता तो कभी कभी उसे शक होता कि अचानक से अमर मे ये बदलाव क्यू आ गये । मगर रेखा के साथ अमर का रिश्ता कुछ दोसताना जैसा था तो उसे लगता था कि ये सब नोर्मल ही है । क्योकि अक्सर वो भो अमर को परेशान करती ही रहती थी ।

धीरे धीरे रेखा उसकी भी आदी हो गयी और उसे अमर से अपनी तारिफ सुनना अच्छा लगने लगा । कभी कभी अमर रेखा के बाल बनाता तो हाथो मे मेहन्दी रखने के बहाने उसे छूना चाहता । कभी कभी मालिश के बहाने उसके कन्धे और गले को छुता ।


यहा तक कि वो रेखा के लिए कपडे पसंद करने लगा , उस्के जिस्मो को अच्छे से निहार सके इसके लिये वो उसे बार बार साड़ी पहनने के लिए कहता । जिससे उसे रेखा के नंगी कमर पेट और ब्लाऊज मे कसे चुचो के उभार दिख जाते । साड़ी मे रेखा का कुल्हा भी उभर कर सामने आता था ।
फिर वो तस्वीरो के बहाने रेखा से कुछ मॉडर्न पोज देने को कहता । ऐसे माहौल मे अमर को अक्सर मौका मिल जाता था कि वो रेखा के कपड़े सही करने के बहाने उसे छू पाये और उसे सेक्सी हॉट जैसे शब्दो से उसकी तारिफ कर पाये ।

कयी मौको पर उसने रेखा को खुले बालो मे रहने को कहता और चोरी छिपे रेखा को अपनी जीन्स पहनने को देखा । फिर उनकी भी तस्वीरे निकालता ।
हर रात अमर रेखा के नाम से मूठ मारता था और दिन भर की तडप निकाल देता था ।

वही रेखा भी समय के साथ अमर की आदी हो गयी थी हर चिज़ के लिए उसे अमर का उसपे क्या रियेक्शन होगा ये जानना जरुरी था ।

समय के साथ वो भी अमर की ओर आकर्षित होने लगी थी क्योकि जब कभी अमर घर नही होता वो बेचैन परेशान होती और उसके साथ की हुई मस्तिया याद करती और अनायास वो अपने जिस्मो को सहलाने लगती मानो अभी अमर उसे छू लेगा ।

कभी वो मुस्कुराती तो कभी वो परेशान हो जाती कि ऐसा क्यू हो रहा है । आखिरकार जब उसे समझ आया कि वो अमर से प्रेम करने लगी है ती नेट पर इस रिश्ते को लेके उचित अनुचित जानना चाहा । उसे नेट पर भाईबहन के रिश्ते को लेके काफी सारी कहानीया मिली जिसने उसके जीवन मे कुछ बदलाव लाये और उसकी जिस्मानी ऊर्जा बेकाबू होने लगी ।

वो खुद से अमर के करीब जाने लगी । उसका लण्ड देखने के लिए कभी उसके अंडरवियर गायब कर देती और पुरा दिन अमर परेशान होकर सिर्फ लोवर मे होता फिर मौका पाकर रेखा उसका लोवर खिच देती ,,,फिर उसका मोटा लण्ड देख कर हस्ती ।

अमर भी अब इस बात को समझने लगा था तो उसने अपने दीदी की ब्रा गायब करनी शुरु कर दी जिससे रेखा के चुचे पुरे दिन हिलते थे और रेखा भी समझती थी कि ये अमर का ही काम है ।

अब रेखा ने अपने कपड़ो पर ध्यान देना छोड दिया था और वो अक्सर अमर को अपना जिस्म दिखाने के लिए कुछ ना कुछ तीगड़म लगाती रह्ती थी ।
ऐसे ही एक दिन उसने खुद से साड़ी पहनने और फ़ोटो निकलवाने की योजना बनाई और उस दिन उसने बहुत ही बोल्ड फ़ोटो दिये
अमर की हालात उस दिन बहुत खराब थी बिना अंडरवियर के लोवर मे उसका लण्ड तना हुआ था औ रेखा की नजर उसपे बराबर थी ।

उस दिन रेखा जान बुझ कर फ़ोटो निकलवाते समय अमर के लण्ड पर अपने जान्घे और पिछवाडा स्पर्श करवाति रही और जब वो कपडे बदलने के लिए कमरे मे गयी तो अमर भाग कर बाथरूम मे गया ।

रेखा के पास यही एकलौता मौका था अमर को रंगे हाथ पकड कर उस्से अपनी मनमानी करवाने का ।
वो भी उसके पीछे बाथरूम मे गयी और उसने जो आवाजे सुनी वो बहुत ही सुख्द थी ।
अमर रेखा का नाम लेके झड़ रहा था और रेखा बाथरूम के बाहर से सब सुन कर बिना ब्रा वाली ब्लाऊज के उपर से अपनी 32 साइज़ की चुचिया मसल रही थी ।

मगर रेखा ने खुद को सम्भाला क्योकि वो अभी जल्दीबाजी नही चाहती थी और वो अमर के साथ मस्तीया करना चाहती थी । इसिलिए उसने अमर को बाहर से आवाज दी - कमीने अपनी होने वाली गर्लफ्रेंड को भी याद कर ले ,,कब तक मेरे भरोसे रहेगा हिहिहिही

वो संवाद उन दोनो भाइयो के जीवन को बदलने वाले थे ।

क्योकि अमर और रेखा आमने सामने होने वाले थे ।



निशा ने एक एक करके अब तक की लिखी हुई कहानी के सारे अध्याय पढ लिये और कहानी पूरी ना पाकर उसकी बेचैनी बढने लगी । कि आखिर उस बाथरूम वाली घटना के बाद अमर और रेखा के जीवन मे क्या बदलाव आयेगा होगा । अमर अब कैसे रेखा का सामना करेगा ? क्या इसके बाद रेखा अमर से वो सब करेगी लेकिन कैसे ?? इस कहानी का आगे का भाग कब आयेगा ?

निशा - ओह्ह ये कहानी सच मे बहुत दिलचस्प है किसी को भी ललचा सकती है और बेताब कर सकती है । वैसे इसका लेखक DREAMBOY40 बहुत ही अच्छा लिखता है । कब आएगा अगला अपडेट


निशा परेशान होकर बिस्तर पर लेट गयी ,,उसकी चुत तो कहानी पढने से ही कबसे पनियायी जा रही थी कि तभी उसके दिमाग मे एक विचार कौंधा - क्यू ना इस कहानी मे रेखा ने जो अपने भाई अमर के साथ किया वो मै राहुल के साथ करके देखू । क्या सच मे वो मुझे उस नजर से देखता भी है या बस उसकी रुचि कहानीयो तक ही सिमित है ।

कहानी पढते हुए निशा को पता ही नही चला कि कब चार घन्टे बीत गये
इधर अनुज शाम को टहलने के लिए राहुल को लिवाने आ गया था ।
हाल मे चहल पहल सुन कर वो दुपट्टा लेके बाहर आई और उसके हाथ मे मोबाइल भी था ।

जैसे ही वो बाहर आई राहुल और अनुज दोनो ने एक साथ आहट की ओर ध्यान दिया तो सामने निशा खड़ी थी ।

राहुल खिखी करता हुआ - दीदी वो मोबाइल देदो हिहिही

निशा मन मे - जैसी इसकी बन्दरो वाली हरकते है लगता नहीं हैं कि ये मेरे बारे मे कुछ ऐसा वैसा सोचता होगा ।

निशा अनुज को देखकर( मन मे) - हा ये अनुज बहुत शांत रहता है पता नही इसके मन मे क्या चल रहा होगा ? देखो देखो कैसे निहार रहा है कमीना ।

निशा राहुल को मोबाईल देते हुए - हा लो ,,,लेकिन मेरा डाटा खतम मत करना

राहुल खिखी करके हस्ता हुआ मोबाइल ले लिया - हीहीह्ही ठिक है

निशा को उसकी हरकतो पर हसी आई - बन्दर कही का

फिर वो दोनो घर से निकल कर उसी पुलिया पर गये ।
दोनो भले ही निशा को पाने के लिए परेशान थे मगर दोनो ने अपनी भावनाये छिपाए रखी थी ।यहा तक कि शाम मे जब वो मिलते तो भी वो ऐडल्टरी/रोमांस कहानिया ही पढते जहा ज्यादा से ज्यादा जीजा साली , वाइफ और प्रेमिका के साथ , प्रेमिका की सहेली के साथ वाले सेक्स होते थे ।

जी तो दोनो का करता था कि अपनी अपनी कहानियो के बारे मे एक दुसरे को बता दे और फिर साथ मिलकर मजे से पढे । मगर दोनो के मन मे डर था ।

लेकिन इनसब से अलग राहुल का आत्मविश्वास अनुज के मुकाबले ज्यादा था तो वो बातो ही बातो मे अप्रत्यक्ष रूप से अनुज के साथ incest कहानियो को लेके चर्चा कर ही देता था ।

दरअसल वो भी अनुज का इन कहानीयो को लेके उसकी दिलचस्पी जानना चाहता था ।

राहुल - यार पता है कल रात मे दिदी ने मुझे मोबाइल दिया था तो क्या मस्त कहानी पढी मैने

अनुज की आंखे चमकी - कौन सी भाई बोल ना

राहुल अनुज को टटोलने के अंदाज से - वो कहानी तो मुझे कुछ पसन्द नही आई लेकिन उसमे हीरो कैसे हीरोइन को फसाता है वो बहुत दिलचस्प था ।


अनुज की उत्सुकता बढ़ी - अरे भाई बता ना कौन सी थी ।
राहुल - नही नही तु वो पढ़ेगा ही नही
अनुज - अरे बताओ तब ना

राहुल ने फिर वो कहानी खोली जिसे वो कल रात मे पढ रहा था "बडी बहन के साथ चुदाई का सफ़र "


अनुज ने जैसे ही वो शीर्षक पढा उस्की आंखे फैल गयी और वो सोचने लगा कि राहुल अगर ये कहानी पढ रहा है तो वो पक्का निशा दीदी को चोदना चाहता है ।

राहुल अनुज को सोच मे डुबा देख कर - क्या हुआ बोल ना
अनुज - भाई , कही तु निशा दीदी को ...।


राहुल की आंखे फैल गयी मानो उसकी चोरी पकड़ी गयी ।
राहुल हिचकता हुआ - अररे नही यारर ये ये ये तो बस कहानी है बे । तु ये कैसे सोच सकता है कि मै निशा दीदी को ....।


अनुज राहुल को अटकता देख समझ गया कि उसका अंदेशा सही है - चल चल अब मुझसे ना छिपा । तेरे चेहरे से साफ पता चल रहा है कि तेरे मन मे क्या है ।


राहुल अब जजबाती होने लगा - द द देख अनुज अब ये ज्यादा हो रहा है । तु ये कैसे बोल सकता है ।

अनुज जैसा भी था उसने अपने भाई राज के साथ अच्छा खासा समई बिताया था ,,उसे थोडा बहुत ज्ञान हो ही गया था कि कब किस्से कुछ उगलवाना है ।

अनुज ने राहुल का मजा लेना शुरु कर दिया ताकी वो भड़ास मे सच्चाई उगल दे -हिहिही चल चल रहने दे । जो तेरे बस का नही है तो मेरे पर रोब दिखा रहा है । तू चाहेगा भी तो निशा दीदी तुझे भाव क्यू देगी । हहाहाहाहाआ


राहुल पहले से ही डरा हुआ और जजबातो से घिरा था ऐसे मे अनुज का उससे मजा लेना उसके ईगो को सहा नही गया और हुआ वही जो अनुज चाहता था । राहुल ने कबूल कर ही लिया ।

राहुल आवेश मे - तु क्या मुझे अनाडी समझता है ,, मै तो अब तक इस बात को टाल रहा था लेकिन अब देख मै कैसे निशा दीदी को चोद के दिखाऊँगा

अनुज हस कर - चल रहने दे तेरे बस का नही है तु बस निशा दीदी को देख कर हिला सकता है हिहिहिहिही

राहुल - ठिक है अब तु देखना मै कया करता हू

अनुज - अरे मुझे क्या पता तु सही बतायेगा या झूठ

राहुल - सच झूठ का फैसला तु खुद करेगा ,,जब मै खुद चोद कर दिदी को तुझे भी दिलवा दूँगा

अनुज का दिल गदगद तो हुआ मगर वो अपनी भावनाये छिपाता हुआ - अरे तु कर ले पहले हिहिहिही

दोनो की बहस जारी रही और वो अपने घर वापस आ गये ।
इधर अनुज अपनी दुकान पर आ गया ।

वही राहुल अपने घर जाकर काफी सोच विचार करने लगा क्योकि अब उसका दिमाग थोडा शांत था । उसे समझ नही आ रहा था कि उसने अनुज को बता कर सही किया की नही और उपर से दीदी को उससे चुदवाने के लिए भी कह दिया ।

राहुल मन मे - क्यू ना मै भी उस कहानी के जैसे ही दीदी के साथ विहेव करू क्या पता बात बन ही जाये क्योकि उस कहानी मे और मेरी कहानी मे काफी ज्यादा समानताए भी है ।


राहुल ने कुछ तय किया और निशा के पास जो किचन मे खाने की तैयारी कर रही थी ।

जारी रहेगी
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया राहुल और अनुज का निशा और राज को पता चल गया ही की राहुल निशा को चोदने के लिए बेताब है अनुज अभी इन रिश्तों से दूर है देखते हैं राहुल आगे क्या करता है वह निशा को चोद पाता है या नहीं
 

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया राहुल और अनुज का निशा और राज को पता चल गया ही की राहुल निशा को चोदने के लिए बेताब है अनुज अभी इन रिश्तों से दूर है देखते हैं राहुल आगे क्या करता है वह निशा को चोद पाता है या नहीं
Shukriya bhai ji

Anuj ka rol aage ke update me aur khulega tbhi to maja dugna hoga
Aapki PRATIKRIYA ke liye DHANYWAAD
 

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
6,294
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UPDATE 132

पिछले अपडेट मे आपने पढा कि एक ओर जहा राज ने निशा को अनुज और राहुल की चाहतो के बारे मे बताया । वही दुसरी ओर अनुज ने राहुल को चैलेंज कर दिया कि निशा को चोद के दिखाये ।
राहुल ने अनुज की चुनौती को स्वीकार तो लिया है लेकिन क्या वो इसमे कामयाब हो पायेगा ।

अब आगे

लेखक की जुबानी

काफी सोच विचार के बाद राहुल ने तय किया कि वो उसी कहानी के हिसाब से निशा दीदी से नजदीकिया बढाएगा ।

फिर वो अपने कमरे मे गया जहा उसने अपने अंडरवियर निकाले और सिर्फ लोवर पहन कर किचने की ओर चल दिया जहा निशा और उसकी मा शालिनी खाना बना रही थी ।

राहुल किचन के दरवाजे पर आकर अन्दर निशा को काम करते देखा । उसकी नजरे प्लाजो मे कसी हुई निशा के उभरी हुई चुतड के पाटो पर थी ।

राहुल ने आंख बंद की और एक गहरी सास लेते हुए अपना लण्ड से लोवर को नुकीला करता हुआ निशा के बगल मे आकर अपना लण्ड का सिरा बडी हिम्मत के साथ निशा के जांघ पर टच करवाता है ।

निशा ऐसे अचानक से राहुल को अपने पास आकर खड़ा देखी तो चौकी फिर उसे राहुल मुस्कुराता और हल्का हल्का हिल्ता नजर आया ।

निशा ने जैसे ही नजर निचे की उसकी आंखे बडी हो गयी क्योकि राहुल अपने लण्ड को लोवर के अन्दर से उसकी जांघ के पास घिस रहा था ।
निशा तुरंत उस्से दुर हुई और बोली - ला दे मेरा मोबाइल

राहुल खिखी हसा - हिहिही लो दीदी ऐण्ड थैंक यू

ये बोलते हुए राहुल निशा के गालो चूम कर भाग गया

निशा को ये बिल्कुल भी पसन्द न्ही आया और चीखी -चीईई बन्दर कही का ,,,मम्मी देखो ना राहुल ने क्या किया ।

राहुल किचन के बाहर हस रहा था
शलिनी - अरे क्या हुआ ? अब तुम दोनो का झगड़ा फिर से शुरु हो गया । क्या किया उसने ?

निशा अपने गाल पोछते हुए - देखो ना ये मेरे गाल पर चुम्मी करके गया ,,,बन्दर कही का

राहुल हस्ता हुआ - अरे मैने तो मोबाइल देने के लिए थैंकयू बोला मम्मी बस
फिर राहुल बाहर भाग गया कि कही उसकी मा उसे डांट ना लगा दे ।

शलिनी हस कर - अरे तो इसमे क्या हुआ । भाई है तेरा और वैसे भी तुने कम चुम्मिया ली है क्या उसकी छोटे पर हिहिहिही

निशा खीझ कर - मम्मी वो बचपन की बात थी , अब वो गैन्डे के जैसे बड़ा हो गया है ।

शालिनी - ओह्हो तु क्या इस बहस मे लगी हुई है भई,,,जल्दी से सब्जी काट मुझे खाना ब्नाना है । तू और तेरा भाई बाद मे समझ लेना


निशा अपनी मा से कोई बहस नही करना चाहती थी और वो बस मन मे बुदबुदाइ - इसको तो मै अच्छे से सबक सिखाऊन्गी ।


निशा मन मे- राज सही कह रहा था । मुझे चोदना चाहता है ना ,,,ऐसा परेशान करूंगी कि लन्ड अकड कर रह जायेगा उसका

फिर निशा ये सोच कर खिस्स से हस पडी कि क्या होगा जब राहुल का लण्ड की गर्मी से खुब परेशान हो जायेगा और उसे शान्ति नही मिलेगी । दिनभर खड़ा लण्ड लेके घूमेगा हिहिहिही



राज की जुबानी

शाम को अनुज वापस आया और वो काफी खुश लग रहा था तो

मै - क्या हुआ छोटे बहुत खुश लग रहा है ,,,कोई लड़की लाईन दी क्या तुझे हिहिहिही

अनुज शर्मा कर हस्ता हुआ - हिहिहिही नही भैया ,,वो बस ऐसे ही

मै उसे टटोलता हुआ - नही नही देख रहा हुआ आजकल बड़ा मुस्कुराता रहता है तू । हम्म्म्म किसकी याद आ रही है हा , पल्लवि की

अनुज पल्लवि का नाम सुन कर चौका - न न नही तो ,,उसको क्यू याद करुंगा मै

मै हस कर - क्यू वो अच्छी नही लगती क्या तुझे ,,भई मुझे तो बडी मस्त लगी हिहिहिही

अनुज थोडा रुक कर -हा मतलब ठिक ठाक है लेकिन ऐसी भी नही कि याद की जाये हिहिहिही

मै समझ गया कि अनुज कितना चालाक हो गया है कि किस बात को कैसे टाला जाये । बडी सफाई से उसने खुद को बचा लिया और पल्लवि के बारे मे कोई बात ही आगे नही बढने दी ।

मै - ओह्ह लग रहा है कोई और मिल गयी है क्यो छोटे उस्ताद

अनुज हस कर - नही भैया कोई और कैसे .....।

अनुज की आवाज अटक गयी क्योकि दुकान पर एक मस्त जवाँ भरे जिस्मो वाली लडकी सूट सलवार मे आई थी।

मै अनुज की प्रतिक्रिया देख कर मुस्कुरा दिया और सम्झ गया कि लौंडे को बडी चुचिया कितनी पसन्द है ।

मैने उसे चेताया और ग्राहक को समान देने को कहा ।
पहले के मुकाबले अनुज का आत्मविश्वास बदल चुका था ।
मौसी के यहा से आने के बाद इधर हाल ही के दिनो मे अनुज मे जबरदस्त बदलाव मह्सूस किये मैने ।


अब वो हसिन लड़कीयो को देख कर नजरे नही चुराता था बल्कि उनसे नजरे मिला उनके सामानो को घुर कर उन्हे ही शर्मीन्दा कर देता था ।

उस लड़की के जाने के बाद अनुज ने मेरी ओर देखा तो मुझे खुद को घुरता पाया और जैसे ही वो मुझे देखा तो मैने उस लड़की को लेके आंखो से इशारे किया और हस दिया ।

अनुज शर्म से लाल हो गया और हस्ता हुआ - क्या भैया ,मेरे से बहुत बडी है वो

मै हस कर - हा लेकिन तेरा ध्यान तो बडी चीज़ो पर ही रह रहा है हिहिहिही

अनुज शर्म से लाल हो गया और बात बदलते हुए - अच्छा भैया आज भी मोबाईल दोगे ना

मै - अच्छा ठिक है ले लेना । लेकिन तु देखता क्या है , मेरा डाटा खतम ही नही होता ।

अनुज थोडा सकपकाया और कुछ सोच कर - वो भैया मै यूट्यूब से फिल्म देखता हुआ तो वहा नेट कम खर्च होता है ।

मै समझ गया कि ये अब वो पहले वाला भोला अनुज नही रह गया है ये इत्नी आसानी से पाले मे नही आयेगा कुछ और करना ही पडेगा ।

फिर मै दुकान के कामो मे लग गया

रात मे वही रूटीन ।

लेखक की जुबानी

इधर राज तो अपने रोज के काम मे लग गया लेकिन वही निशा परेशान थी ।

क्योकि राहुल अब उसे परेशान करने लगा था । हालाकि निशा सब समझ रही थी कि राहुल क्यू कर रहा है । दिल के एक कोने से वो राहुल की बेवकूफी पर खुश भी होती लेकिन इस बात से परेशान भी होती कि कैसे वो राहुल के साथ इन सब के लिये खुद को राजी करेगी । उसे राहुल की फिकर भी थी ।

रात मे खाने के दौरान भी राहुल का चहकपना जारी रहा । हालाकि पहले भी राहुल निशा को परेशान करता था लेकिन इतना नही कि कोई उसे डाट दे ।
आज खाने के समय राहुल निशा को चिढा रहा था तो उसकी मा ने उसे डाट लगा दी । इस पर निशा के कलेजे को राहत हुई और वो बदले मे राहुल के उपर हसी ।

खाने के बाद निशा अपने कमरे मे गयी अपना प्लाजो निकाल कर एक शोट्स पहन ली जो घुटनो के उपर तक ही थी ।

निशा इस व्क्त मोबाईल खोल कर बैठी हुई थी उसी कहानी को पढने के लिए कि शायद आज रात कोई लेखक ने कोई अपडेट दिया होगा ।

निशा की आंखे चमक उठी क्योकि लेखक ने अपडेट दिये हुए थे ।

निशा चहक कर बिस्तर पर लेट गयी और वो अपडेट पढनी शुरु की ।

" उस बाथरूम वाले व्याख्यान के बाद से अमर खुद को शर्मीन्दा मह्सूस करने लगा था और रेखा से नजरे चुराने लगा था । मगर रेखा ने ताने दे दे कर अमर से मजे लेने लगी थी । हमेशा उसे चिढाती ,,,धीरे धीरे अमर को आभास होने लगा कि उसकी दीदी को उसे छेड़ कर मजा आता है और तो ऐसे ही एक दुपहर दोनो फिल्म दे रहे होते है और उनके मा बाप कही बाहर गये होते है ।

फिल्म का सीन अच्छा था तो अमर ने रेमोट से उसे रोक दिया और बोला - मै बाथरूम से आता हू दिदी फिर देखते है

रेखा ने ऐन मौके पर अमर को टोका - हा हा जा लेकिन मेरा नाम मत लेना हिहिहिही

अमर खीझ कर रहा गया और गुस्से मे - मै तो लूंगा और आपके बारे मे ही सोचूंगा । देखोगे कैसे करूंगा

फिर अमर वही रेखा के सामने से अपना मोटा लण्ड निकाल कर हिलाने लगता है - आह्ह दीदीईई दीईई उह्ह्ह्ह मस्त चुचे है तुम्हारे अह्ह्ह दीदी

रेखा को उम्मिद नही थी कि अमर ऐसी कोई हरकत कर देगा और पहली बार जब उसने अमर का लण्ड देखा उसके चुत ने उससे बेईमानी करनी शुरु कर दी ।"


आखिर की लाईन पढ कर निशा मुस्कुराई और शॉर्ट के उपर से अपनी चुत टटोलते हुए मन मे बोली - चुत तो मेरी भी बेईमानी करने लगी है हिहिहिही इसे पढ कर
निशा अपनी चुत को शॉर्ट्स के उपर से दबा के वापस से कहानी पढना शुरु कर देती है ।

" रेखा हसते हुए - छीईईई गन्दा कही का , सब मेरे साथ कर लेगा तो अपनी बीवी के साथ क्या करेगा

अमर अपना लण्ड हिलाता हुआ रेखा के पास जाकर एकदम मदहोसी मे - अह्ह्ह दीदी वो जब आयेगी तब देखूँगा ,,आप इसे चुस दो ना उम्म्ंम प्लिज्ज्ज्ज

रेखा हस्ते हुए पीछे हटने लगी - ईईई नहीईई धत्त मै नही करने वाली और तु इसे धुलता भी नही


अमर समझ गया कि ये सब रेखा के बहाने है वो बस दिखा रही है

इसीलिये अमर ने जबरदस्ती रेखा के गालो को पकडकर दबाया और उसके होठो पर अपने होठ रगड़ने लगा । वही रेखा ना नुकुर करते हुए मुह मे लण्ड भर ली ।

अमर अपना लण्ड अपनी दीदी के मुह मे भर कर बहुत शांत महसुस करने लगा ,,वही रेखा ने अपने चाव से अपने भाई का लण्ड मुह मे लेने लगी
रेखा - कर ही की आखिर तुने अपने मन की

अमर मुस्कुरा कर - अभी कहा दीदी ,,हिहिही अभी तो ...।
रेखा हस्ते हुए उठ कर भागी - हिहिहिही नही मै अब और कुछ नही करने वाली हिहिहिही

अमर रेखा के पीछे भागते हुए उसके बेडरूम मे घुस गया "



निशा आगे स्क्रीन स्क्रोल करती है मगर अपडेट खतम था
निशा - अरे ये क्या ,,बस इत्ना ही और आगे की कहानी । धत्त यार ये अपडेट भी खतम हो गया ।

इधर निशा ने मोबाइल बगल मे रख दिया और लेटे लेटे ही अपनी चुत को मसल कर अमर और रेखा की आगे की मस्तियो को सोचते हुए कसमसाने लगी ।

ना जाने उसको क्या चाहत हुई, वो उठी और उसने ब्रा निकालकर टीशर्ट डाल लिये और वैसे ही राहुल के कमरे की ओर चल दी ।

निशा राहुल के कमरे मे जाती है दरवाजा बन्द था
निशा ने दरवाजा खटखटाया तो अन्दर हड़बड़ाहट हुई और फिर राहुल ने दरवाजा खोला ।

राहुल ने सामने जैसे निशा को देखा उसकी धडकनें रुक सी गयी ,, उसकी नजरे पहले निशा के नंगी जांघो से उपर उठी और फिर टीशर्ट मे उभरे निप्प्ल के कोनो को देख कर आंखे फैल गयी ।

निशा इतराइ और एक नजर राहुल के लोवर मे तने हुई लण्ड को देख कर हसी और बोली - आज तुझे मोबाईल नही चाहिये क्या ,हम्म्म्म वैसे मेरा आज का सिरियल खतम हो गया है ।


राहुल चौका और हड़ब्डा कर नजरे चुराते हुए - हा दीदी देदो ना ,,,वो मै मागने ही आने वाला था

निशा उसके गाल पकड कर खिचे - लेकिन मै तो तुझे शाम के लिए पिटने आई हू ,,मोबाइल देने थोडी हिहिहिही

राहुल थोडा सिस्का - सीईई अह्ह्ह्ह दिदीईई वो तो मैने थैंकयू बोला था ना हिहिहिही

निशा - हा देखा मैने क्या किया तुने । ये सब अपनी गर्लफ्रेंड के साथ करना समझा

निशा ने जानबुझ कर उस कहानी मे रेखा के संवाद को दूहाराया ताकि अप्रत्यक्ष रूप से वो राहुल को छेड़ सके ।

राहुल ने जैसे ही वो वक्तव्य अपनी दीदी के मुह से सुने उसे भी कहानी मे अमर और रेखा के बीच के मस्ती भरे संवाद याद आ गये ।

वो भी सोचा क्यू ना इस बात चित को आगे ले जाया जाये - हिहिहीही लेकिन आप किसी गर्लफ्रेंड से कम हो गया ,,कहा मिलेगी इतनी अच्छी और खुबसूरत दोस्त


निशा समझ गयी कि राहुल ने उस कहानी मे अमर वाले डायलाग मारने शुरु कर दिये है ।

निशा - चल हट बड़ा आया मुझे अपनी गर्लफ्रेंड बनाने वाला ,,, हाईट तो छोड तेरा तो वो भी ...। हिहिहिहीही

राहुल की आंखे चमकी और वो चहक कर - वो भी कम नही है दीदी हिहिहिही


निशा एक तो पहले ही अपनी बेकाबू जुबान के लिए पछता रही थी उपर से उसे उम्मीद नही थी राहुल सच मे इस बात पर इतना खुल कर बोलेगा ।


निशा वापस से उसके गाल खिचते हुए - क्या बोला तू ,,हम्म्म क्या बोला

राहुल हस कर - अह्ह्ह दिदीईईई वही जो आप सोच रही थी हिहिही

निशा - और क्या सोच रही थी मै ,,हम्म्म बोल
राहुल हस कर बार बार आंखे नीची करके अपने लोवर मे तने लण्ड की ओर इशारा कर रहा था ।

निशा की कुलबुलाती चुत की चल्ती तो अब तक वो निशा को लण्ड पकडवा देती मगर निशा की चेतना अब भी होश मे थी ।

निशा - रुक कर कल मै मम्मी को बोलती हू कि तु मुझे क्या दिखा रहा था
ये बोल कर वो जाने को हुई तो राहुल बोला - हा जाओ कह देना तो मै भी बोल दूँगा जो आपने मेरे बारे मे बोला हिहिहिहिही

निशा हस कर अपने चुतड मटका कर अपने कमरे मे जाने लगी और वही राहुल लोवर के उपर से अपने सुपाडे मे हो रही खुजली को दुर करता हुआ - दीदी मोबाईल तो देदो ना

निशा पलटी और ठेंगा दिखा कर अपने कमरे मे चली गयी

राहुल मन मे - आज तो मजा ही आ गया ,,,यार ये DREAMBOY40 गजब के किरदार लिखता है ,,, अमर वाली ट्रिक सच मे काम कर रही है ।
राहुल मन मे - क्यू ना दीदी को अपना लण्ड दिखा दू ,,लेकिन कैसे ??
राहुल फिर कुछ विचार करते हुए अपने कमरे मे आकर सो गया और वही निशा भी हस्ते हुए अपने कमरे मे आई

निशा मन मे - देखो तो कैसी हिम्मत बढ गयी है उसकी । सीधा दिखा रहा था हिहिहिही मै भी ऐसे थोडी ना हाथ आऊंगी बिना तड़पाए हुउउउह्ह


फिर निशा भी सोने चली गयी

जारी रहेगी
 

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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174
W

Wow 😣😣😣😣....

Bhai sonal ke sath uske baap ka bhi karwao aur mazaa aayega

Nisha ko chodne ko donon hi tadap rahe hain. Nice one.

jab update doge to ek ehsan kar dena link mere thread pe daal dena :)

वेटिंग

Chhoto ko bhadka kar dono bade maze le rahe hai. Romanchak aur Rochak. Pratiksha agle rasprad update ki

बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया राहुल और अनुज का निशा और राज को पता चल गया ही की राहुल निशा को चोदने के लिए बेताब है अनुज अभी इन रिश्तों से दूर है देखते हैं राहुल आगे क्या करता है वह निशा को चोद पाता है या नहीं
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sunoanuj

Well-Known Member
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Gajab mitr kahani main kahani yeh badhiya prayog kiya hai aapne behtarin… 👏🏻👏🏻👏🏻
 
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