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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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सभी बड़े बुजुर्गो एवं बाल गोपापाठकों को होली की हार्दिक शुकानाएं
********
अपने लाड़ले भतिजे अमन की शादी होने की खुशी मे आपकी अपनी संगीता बुआ के तरफ से सप्रेम भेंट
👇👇👇👇👇👇


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Last edited:

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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UPDATE 127


पिछले अपडेट मे आप सभी जानते हैं कि चोदमपूर से आये मेहमान अपने वतन वापस लौट गये और अपना राज भी कुछ नये सपनो को हकीकत में बदलने की आस लिये निकल पड़ा है वापस अपने घर की ओर ।

अब आगे

शाम को करीब चार बजे तक हम लोग अपने घर चमनपुरा आ गये थे ।
रास्ते मे ही मैने पापा को फोन कर दिया था कि हम लोग आ रहे है तो उन्होंने दुकान के एक नौकर से चौराहे वाले घर की चाबी भिजवा दी थी ।

हमने सारा समान निकाला और हाल मे बैठ गये ।
इधर सोनल किचन मे पानी लेने के लिए गयी तो उसने चूल्हे पर रखे कुकर और एक दो बरतन को चेक किया और फिर बाहर आई ।

सोनल - मा , पापा को खाना बनाना आता है ?

मा - नही तो , वो कब से बनाने लगे
सोनल - अरे किचन मे सब बना हुआ रखा गया है । दाल रोटी सब्जी चावल सब

मा चौकी - सच मे
फिर मा ने किचन की तफ्तीश की और सोनल की बात सही निकली ।

मा ने फिर सब्जी टेस्ट की और मुस्कुरा कर बोली - धत्त ये तेरे पापा बना ही नही सकते , इतनी अच्छी सब्जी । शायद शकुन्तला दिदी बना के गयी हो ।


फिर मा कुछ सोचते हू हाल मे आई । हमने थोडा गला तर किया और फिर सोनल , अनुज उपर अपने कमरे मे चले गये ।
मै मेरे कमरे मे और मा अपने । मैने अपना कपड़ा बदल कर टीशर्ट लोवर मे हुआ और सीधा मा के कमरे मे घुस गया ।

मा इस समय ब्लाउज पेतिकोट मे थी और अभी अभी बाथरूम से फ्रेश होकर आई थी ।

मै मुस्कुरा कर - मा ,,आपने तो कहा था कि पापा को शकुन्तला ताई खाना देके जायेगी तो वो यहा क्यू खाना बनाने लगी । एक बार अपने घर फिर एक बार यहा

मा कुछ सोचते हुए - हा वही मै भी सोच रही हू , वो तो तेरे पापा ही बतायेंगे

मै हस कर पीछे से मा को पकडता हुआ - कही पापा ने ताई को हिहिहिहिह

मा मुस्कुरा कर - हट बदमाश , हलुवा है क्या कि सब तेरे पापा को मिल जायेगा ।

मै - क्यू ,पहले मौसी फिर बुआ हिहिही तो ये कौन सी बडी बात है

मा तुनकते हुए - हुउउह बड़ा मिल जाती इनको तेरी मौसी और बुआ । बिना मेरे कुछ किये

मै हस कर - अरे तो मेरे लिए भी कुछ करो न मा । आप तो मेरे लिए कुछ करती ही नही... हिहिहिही

मा - अच्छा मै तेरे लिए कुछ नही करती हम्म्म्म , तेरी मौसी और फिर मै खुद तेरे साथ हो गयी और तू बोल रहा है कि कुछ करती नही हम्म्म्म


मै - अरे मेरे कहने का मतलब है कि जैसे आपने पापा को बुआ से .... हिहिही तो....मेरा और सोनल दिदी का .... हिहिहिही

मा चौकी और गुस्सा होकर - तू पागल है क्या ? तू नही जानता तेरी सोनल दीदी कैसी है । तेरे पापा की बहनो की तरह रन्डी नही है कि पुरे खानदान से चुदवाते फिरे हुउउह्ह्ह

मै हसता हुआ मा को पीछे से पकड कर - अरे मा आप तो नाराज हो गयी । सॉरी ना उम्म्म्म्माआआह्ह्ह्ह अच्छा सोनल दीदी को छोडो ये बताओ क्या सच मे बुआ अपने घर मे सबसे मतलब हिहिहिही

मा मेरे चुंबन से थोडी बहल गयी और मुस्कुरा कर - धत्त नही रे , वो तो गुस्से मे निकल गया । हा लेकिन तेरे पापा को मत बताना कि तेरी दोनो बुआ ने दो दो शादिया की है । समझा


मै असमंजस मे आ गया कि ये बात मा को भी पता है और एक बार शिला बुआ ने भी कहा था कि वो अपने दोनो पतियो से चुदती है ,,आखिर ये दो शादियो का चक्कर क्या है ।

मै उलझा हुआ - मै समझा नही मा ,,,दो दो शादी मतलब ???

मा हस कर मेरे हाथो से खुद को आजाद करते हुए - तु क्या करेगा जान कर हम्म्म

मै - बस ऐसे ही आपने बोला तो
मा - नही रहने दे तुझे वो सब जानने की जरुरत नही है और खबरदार इसकी चर्चा पापा से किया तो ।

मै चुप रहा और मा दुसरी साडी पहनने लगी ।
इधर मै विचारो के खो गया
कि मा सोनल को लेके बहुत पोजेसिव है , वो मुझे क्या पापा को भी इस सन्दर्भ मे कोई बात नही करने देगी । शायद तभी पापा ने सोनल दीदी को लेके कोई कदम नही उठाया । अच्छा हुआ मैने मेरे और सोनल दीदी के रिश्ते का जिक्र मा से नही किया .... पता नही क्या काण्ड हो जाता क्योकि मा का सोनल दीदी के लिए अलग ही नजरिया है । वो तो उसे अब तक बहुत ही संस्कारित और साफ ही समझती देखती आई है तो वो उसपर कोई लान्छ्न नही देखना पसंद करेगी ।
थोडी देर बाद मै निकल गया मार्केट की ओर क्योकि मुझे चंदू से मिलना था और शाम का समय भी हो गया था ।

मै उससे मिला और थोडा बाजार के चक्कर लगाये फिर चौराहे वाले घर आ गया
रात मे पापा दुकान से आये तो घर मे काफी चहल पहल थी और हमने काफी देर तक बाते की ।
फिर रात मे सोनल और अनुज जब उपर चले गये तो मै पापा के कमरे मे गया ।

पुरे दो राउंड मैने और पापा ने मिलकर मा को चोदा और फिर हम लेटे हुए थे ।

मेरे जहन मे कुछ बाते घूम रही थी और वो मुझे काफी परेशान करने लगी थी ।
एक तो ये कि बुआ की दो शादी कैसे हुई होगी और पापा को इसकी जानकारी नही है ।
फिर पापा ने इतने दिनो तक अपना समय कैसे काटा जबकि उन्हे बिना चुदाई किये नीद नही आती है ।
आखिरि ये कि पापा से कैसे सोनल दीदी को लेके बात करू ??

मुझे चुप देख कर पापा बोले - अरे बेटा क्या सोच रहा है ?

मै मुस्कुरा कर - कुछ नही पापा ,,,बस यही कि ये चार दिन आपने कैसे काटे हिहिहिही

पापा हस कर - अरे जाने दे बेटा,, बस किसी तरह कटा है ये दिन

मा इतरा कर - अच्छा जी ,,मुझे तो नही लगता कि आप इतने भी शरीफ हो । सच सच बताओ विमला आती होगी दुकान पर ना हिहिहिही


मै मा को टोकता हुआ - अरे नही मा ,,मेरी कोमल से बात हुई थी वो लोग भी शादी मे गये है ।

पापा मेरी बात पर सहमती दिखा कर - हा वही तो ,,,सच मे कुछ नही हुआ रागिनी

मा ने आंखे ऊँची करके पापा को देखा - सही सही बताईए ,,कही शकुन्तला दीदी को तो

मै हस कर - अरे मा अभी आप ही तो कह रही थी कि पापा के बस का नही है हिहिहिही

मा मुस्कुरा कर - हम्म्म्म बोलिए जी ,,

पापा हसने लगे ।
मा - हमम्म ठरकी इन्सान ,, देखा राज तेरे पापा ने शकुन्तला दीदी को भी

मै हस कर - मुझे तो पहले से ही यकीन था,,आप ही नही मान रही थी ।

पापा कबूलते हुए - अब क्या करता रागिनी ,,मुझे चैन नही मिल रहा था और शकुन्तला भाभी के साथ बातो ही बातो मे ऐसे माहौल बन गये तो ना उन्होने कोई ऐतराज किया और ना मैने मौका गवाया हाहहहहा

हम सब पापा के व्यंग पर हसने लगे ।
मै मुह बिचकाता हुआ - हा आपने तो मजा ले लिया लेकिन अपने बेटे का ख्याल ही नही है आपको

मा हस कर - तो तू भी जुगाड कर ले ,,कब तक हमारे भरोसे रहेगा हिहिहिही

मै हस्ता हुआ - पापा मुझे सिखाते ही नही है कि लड़कीयो पर लाईन कैसे मारे ।

मैने जानबुझ कर ये शब्द जोड़े ताकी लड़कीयो पर उन्के विचार जान सकू ।

पापा हस कर - अरे बेटा तु ट्राई ही गलत जगह कर रहा है

मै अचरज से - मतलब
पापा - अरे बेटा ये इस नये दौर की लड़कीया बहुत आगे है और ये जबसे सब्के हाथ मे मोबाइल हो गया है तो वो लोग भी काफी समझदार हो गयी है । आसानी से हाथ नही आती है और जो आती है वो इतना घुमा नचा कर पैसे खर्च करवाती है कि पुछ मत

पापा की बात पर मै और मा हस रहे थे ।

मा हस कर - अच्छा जी इसका मतलब आपने भी जवाँ लडकियो के लिए खुब अय्यासी की है हम्म्म

पापा - नही जान, मुझे तो शुरु से ही भरे जिस्मो वाली और अनुभवी औरते पसंद है जो लंड मुह मे लेने मे झिझके नही ,,,ये आज कल की लड़किया कहा ये सब मे रुचि लेती है ,,बस दिखावे के जीवन जीती है ।


पापा की बाते सुन कर मै समझ गया कि पहली बात पापा ने जवान मालो का रस चखा नही है और उन्हे जवाँ लड़कीयो के मॉडर्न सेक्स फैंटेसी के बारे मे जानकारी नही है । अगर होती तो पापा वहा कोसिस जरुर करते ।

हालकी उन्की बात भी सही थी ,,अब के समय मे लड़कीया इतनी मोर्डन और समझदार हो चुकी है कि उन्हे लपेट पापा आसान नही है । वही शादी शुदा और मेच्योर औरतो को मैनिपुलेट करना आसान है क्योकि वो बाते करने मे हिचक नही रखती ।

खैर हमारी बाते चलती रही और हमलोग सो गये ।


अगली सुबह मै उठा और नाश्ते के बाद अनुज को लेके अपने दुकान पर चला गया ।
पापा भी अपने दुकान गये ।
काफी दिनो से दुकान बन्द था तो बहूत सारा काम बिखरा पड़ा था ।

ग्राहको की डील के साथ दुकान की साफ सफाई भी चालू थी ।
मगर मेरी नजर बराबर अनुज पर थ क्योकि अब वो पहले वाला अनुज नही था । पल्लवि ने उसका झिझक और डर को काफी कम करदिया था ।

अपने हमउम्र की लडकियो के साथ अपने से बडी लडकियो से भी खुल कर रहता और उनके चुचे निहारकर अपना लोवर खुजा लेता ।

मै कयी बार उसे अपने लोवर मे हाथ डाल कर हाथो से क्रियाए करता देखा ।
थोडी देर बाद जब दुकान खाली हुआ तो मैने उस्से बाते शुरु की ।


मै मुस्कुरा कर - और छोटे , कुछ परेशान लग रहा है आज तु

अनुज हस कर - नही तो भैया ,,,

मैने उसके लोवर मे उभरे हुए लण्ड की ओर इशारा किया - अरे मै इसकी बात कर रहा हू ।


अनुज शर्मा गया और हस्ने लगा ।
मै - क्या हुआ बोल ना ?
अनुज मासूम बनता हुआ - पता नही भैया लेकिन वो जब से आपने बोला था ना तेल लगाने के लिए,,तबसे मेरा नुनी बड़ा होने लगा है और हमेशा तना रहता है ।


मै उसके जवाब सुन कर मुस्कराया और मन ही मन बड़बड़ाया - अच्छा बेटा इतनी होशियारी कि मुझ को ही चुना लगा रहा है । जैसे मुझे नही पता कि ये कड़ापन मालिश की है या हवस की ।


मैने कुछ सोचा और फिर बोला - हा इस समय गरमी है ना बहुत,,,अच्छा तेरी चमडी अब सही हो गयी ना

अनुज मुस्कुरा कर - हा भैया

मै - ठिक है तो अब तु रोज वाली मालिश बंद कर दे और हफते मे एक बार ही कर

अनुज - हा भैया वैसे भी मौसी के यहा इतने दिन तक कर नही पाया तो आदत नही रही अब

मै - हम्म्म ठिक है फिर
थोडी देर बाद अनुज खाना खाने के लिए चौराहे वाले घर चला गया। फिर मेरा और पापा का टिफ़िन लेके आया ।

शाम हुई और अनुज ने राहुल के पास जाने के लिए मुझसे कहा तो मैने भी उसे जाने दिया । क्योकि ले दे उसका एक ही दोस्त था चाचा का लड़का राहुल ।
उम्र मे बड़ा था लेकिन होशियारी मे अनुज उस्से बीस था ।
इधर वो गया और मै अपने काम मे लगा गया ।



सूचना - दोस्तो जैसा कि आप सभी को पता है कि अपना अनुज अब बड़ा हो गया और उसने अपना पहला सेक्स भी कर लिया है । जैसा कि मैने शुरु के अपडेट मे जिक्र किया था कि समय आने पर अनुज के किरदार को भी वैल्यू दी जायेगी ।
तो बस उसी सीलसीले को जोडते हुए अब से कुछ अपडेट तक लेखक के जुबानी मे अनुज की कहानी भी साथ ही साथ आगे बढेगी । जो आगे जाकर मूल कहानी यानी कि राज की जुबानी से जुड़ जायेगी ।
चिंता ना करे और ना ही दिमाग की कोशिकाओ पर जोर दे । धीरे धीरे आप लोग स्वयं समझ जायेगे ।


लेखक की जुबानी

शाम को राज से पुछ कर अनुज अपने चाचा के यहा निकल गया ।
वहा जाकर वो घर मे सबसे मिला सबका हाल चाल लिया । फिर वो राहुल को लेके मंदिर की ओर सैर पर निकल गया क्योकि उसके पास ढ़ेरो बाते थी जो वो राहुल से ब्ताने वाला था ।

राहुल - अबे इतने दिनों में एक बार भी फोन नही किया , लग रहा है बारात मे कोई माल मिल ही गयी तुझे ।


अनुज की आंखे चमकी और वो थोडा शर्माया ।
राहुल - मतलब सही बात है ,,वैसे नम्बर लिया की नही

अनुज - नही यार वो मोबाईल नही चलाती है और मेरे भी पास कहा फोन है ।

राहुल - धत तेरी की । अरे कुछ चुम्मा चाटी किया या फिर वो भी नही हिहिहिही

अनुज अपनी कालर ठिक करता हुआ हस्ता है ।
राहुल की दिलचस्पी बढ जाती है और वो उतावला होकर अनुज से आग्रह करता है कि पूरी बात बताये ।

अनुज - वो दरअसल वहा मौसी के यहा एक लड़की आई थी ,,उसी के साथ

राहुल की अचरज से आंखे फैल गयी और वो उसी अवस्था मे - मतलब तुने पेल दिया उसको

अनुज ने हस कर कुछ शर्म से हा मे सर हिलाया
राहुल चहक उठा- भाई भाई भाई बता ना कैसे किया प्लीज ना
अनुज - अबे यार कर तो लिया लेकिन अब भुगत रहा हू

राहुल - मतलब
अनुज अपनी परेशानी बताता हुआ - यार ये पेलने के बाद से मेरा नुनी बहुत खड़ा रह रहा है । आज दुकान मे हर लड़की औरत के दूध देख कर ही खड़ा हो जा रहा था ।

राहुल - हा मैने सुना है कि पहली चुदाई के बाद चाहे लड़का हो या लड़की तडप बढ जाती है ।

अनुज परेशान होकर - यार इसका कोई उपाय तो होगा ही ना

राहुल - पता नही ,, लेकिन मेरा एक दोस्त है वो अकसर अपने मोबाइल से सेक्स वाली चीज़ो के बारे मे जानकारी ले लेता है ।

अनुज उदास होकर - यार लेकिन हमारे पास तो मोबाइल नही है ,,,

राहुल चहक कर - अरे मेरी दीदी का मोबाइल है ना ,

अनुज भी खुश हुआ - अच्छा ठिक है फिर हम कल मोबाइल लेके आयेन्गे फिर इसका कुछ जुगाड़ खोजेंगे ।

राहुल ने भी सहमती दिखाई और वो दोनो अपने अपने घर वापस लौट गये ।


जारी रहेगी
 
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DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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Lajawab update tha dost... waiting more...SONAL KA papa,sasur,. Bhai....etc.... waiting

Mast update bhai.

Waise agar Pallavi chud jati to tumhara kya bigad jata. Bechare Rak ke saath KLPD kar di.

अपडेट लाजवाब था। अब देखना ही की रंगीलाल कैसे सोनल को पटाता है या शायद दोनो के पहले ही खिचड़ी पक रही है l

Romanchak aur Rochak. Pratiksha ag;e rasprad update ki

सोनल की शादी से पहले रंगिलाल के पूरे फैमिली में एक धुआधार chudai का महोल बनाओ। एक ही कमरे में सब नंगे। चोदम पुर की तरह। सोनल को अपने भाई और बाप से एक साथ संभोग दिखाओ ।
शायद अब समय है सोनल को और ठरकी बनाने का।

Nice update

Bahut he behatarin kahani hai ... Rangilal or RaJ dono full masti kaat rahe hai..........

:congrats: for 500 pages.

Congratulations for 500 pages bro.

Kabhi Safar pe bhi aa jana bhai, chote hi update hain abhi tak kyunki time kam hai aur sochna bahut padta hai ek baar pad loge to kuch salah bhi mang sakta hun, vaise aaj ek sawal chhoda hai jo poll mein nahi hai
New update is posted ...sorry for short update .
Read and review plzz
 

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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Kabhi Safar pe bhi aa jana bhai, chote hi update hain abhi tak kyunki time kam hai aur sochna bahut padta hai ek baar pad loge to kuch salah bhi mang sakta hun, vaise aaj ek sawal chhoda hai jo poll mein nahi hai

अरे गुरु काहे शर्मिंदा कर रहे हो ।
आदेश करो बस ,,, अब अगला अपडेट आपकी कहानी पढ कर ही दूँगा ।
काफो समय से सोच रहा था जाने के लिए लेकिन समय नही मिल पा रहा था ।
आज मौका भी है और दस्तूर भी ।
 

Rajesh Sarhadi

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अरे गुरु काहे शर्मिंदा कर रहे हो ।
आदेश करो बस ,,, अब अगला अपडेट आपकी कहानी पढ कर ही दूँगा ।
काफो समय से सोच रहा था जाने के लिए लेकिन समय नही मिल पा रहा था ।
आज मौका भी है और दस्तूर भी ।
Last ke kuch update abhi index main nahi hain, aur main kahan se guru ban gaya, itni bhi khichayi mat kiya karo, vaise tumne kahani mein jaan daal rakhi hai ye jo Tharkipo ki story ke saath milan kiya ye mere sar se chala gaya, ek baar fir padunga kyunki gap aa gaya tha.
 

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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Last ke kuch update abhi index main nahi hain, aur main kahan se guru ban gaya, itni bhi khichayi mat kiya karo, vaise tumne kahani mein jaan daal rakhi hai ye jo Tharkipo ki story ke saath milan kiya ye mere sar se chala gaya, ek baar fir padunga kyunki gap aa gaya tha.
Marvel aur sony walo ka collab samjh lo bhaiya :D
Multiverse khula aur pallavi aayi ... anuj ko jina sikha ke waaps chali gayi . :lol:
 

Rajesh Sarhadi

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Marvel aur sony walo ka collab samjh lo bhaiya :D
Multiverse khula aur pallavi aayi ... anuj ko jina sikha ke waaps chali gayi . :lol:
locha pasand nahi kuch gap to aaya hai jo khatak raha hai, ab fir se padunga lekin apni poori karne ke baad, gap ke bavjood saath nahi chhodunga
 

Rajesh Sarhadi

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Koi baat nhi samay leke pdho dost
Sadabahar kahani hai ye ... koi end nhi socha h iska to lambi chalegi
koi end nahi socha main to xossip mein kitni likhte likhte tang aa kar band kar diya tha lekin decently abruptly nahi, lekin voh sham kuch ajeeb thi ke baad sab adhura reh gaya, lekin safar poori jarur hogi kyunki incomplete ka tamga lag chuka hai mujh pe aur is baar vo likhunga jo kisine kabhi nahi pada hoga, aur baad mein copy to rok nahi sakta main.
 

DREAMBOY40

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koi end nahi socha main to xossip mein kitni likhte likhte tang aa kar band kar diya tha lekin decently abruptly nahi, lekin voh sham kuch ajeeb thi ke baad sab adhura reh gaya, lekin safar poori jarur hogi kyunki incomplete ka tamga lag chuka hai mujh pe aur is baar vo likhunga jo kisine kabhi nahi pada hoga, aur baad mein copy to rok nahi sakta main.
Saal 2016 me pahali baar pdha tha ek dusare site par aapki story WO SHAAM KUCJ AJEEB SI .... kahani ke update khatam karane se pahale hi wo site bnd ho gayi .
Fir xp pe aaya tb us kahani ke writter yaani apke bare me jaankari mili

Baaki revo ajj late night me de dunga
Thanks for your valuable support and reaction
 
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