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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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सभी बड़े बुजुर्गो एवं बाल गोपापाठकों को होली की हार्दिक शुकानाएं
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अपने लाड़ले भतिजे अमन की शादी होने की खुशी मे आपकी अपनी संगीता बुआ के तरफ से सप्रेम भेंट
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Last edited:

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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Wait kar lenge.


Waiting for next update

Ok mitr wait karte hain next update ka …

Update do

Bhai Aaj 7 th March hai.... update kab tak aayega

DREAMBOY40 sirji, update bahut dinon se nahi aaya....kahan chale gaye??

Pratiksha agle rasprad update ki

Apke pyaar aur supporting ke liye bahut bahut shukriya dosto

Update taiyar ho gaya h... filhal office me hu
Sham ko deta hu
 

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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UPDATE 117

CHODAMPUR SPECIAL UPDATE

पिछ्ले अपडेट मे आपने पढा कि एक तरफ जहा राज काजल के मामले काफी हद तक सफल हो रहा था ,,वही राजन की इज्जत बाल बाल बच गयी और इनसब से अलग पल्लवि अपने पापा चुद ना पाने के कारण अनुज के लिए फिर से बेताब होने लगी है ।
अब आगे
सारे लोग निचे हाल मे एकजूट थे सिवाय अनुज और रमन के ।
किचन मे सोनल और पल्लवि आपस मे बाते कर रही थी ।
वही हाल मे पंखे के निचे बैठे हुए चारो लोग भी सादी की आगे की तैयारियो के बारे मे चर्चाये कर रहे थे ।
वही रज्जो अब खुल कर कमलनाथ के सामने राजन से आन्ख मिचौली किये जा रही थी ।

ममता भी अपने भैया कमलनाथ के साथ इशारे बाजी कर रही थी क्योकि ढलती रात मे वो आज भी अपने भैया के साथ चुदने को उतावाली हुई जा रही थी ।

कमलनाथ - अरे रज्जो आज ममता हमारे साथ रहेगी , उसे टीवी पे फिल्म देखनी है

रज्जो मुस्कुरा कर राजन को देखते हुए - अरे तो फिर सिर्फ ममता ही क्यू , जीजा जी भी रहेंगे ।
राजन रज्जो का आमंत्रन सुन कर गदगद हो गया ।
इतने मे सोनल चाय नास्ते का ट्रे लेकर हाल मे आते हुए - ये क्या बात हुई मौसी ,, हम लोग को नही दिखाईंगी क्या

रज्जो - अरे सारे लोग रहेंगे बेटा ,,,
इधर रज्जो की बाते सुन कर पल्लवि मन ही मन कुछ सोच कर खुश हुई कि उसकी योजना शायद अब काम कर जाये ।
सारे लोग चाय का लुफ्त उठाते है , वही रज्जो धीरे से राजन को आंख मारती जिसको कमलनाथ देख लेता है और जब राजन की नजरे कमलनाथ से टकराती है तो इधर उधर नजर फेर कर अटपटा सा मह्सूस करता है ।
खैर चाय नास्ते का समय खतम होता है और फिर सोनल पल्लवि को लेके किचन मे रात के खाने के लिए तैयारी करने चली जाती है ।

रज्जो - ममता आ चल उपर चलते है कुछ काम है थोडा

रज्जो की बात पर राजन - अगर कोई जरुरी काम हो तो हम भी चले भाभी जी

रज्जो ह्स के राजन को छेड़ने के अंदाज मे - आप तो ऐसे परेशान हो रहे है जैसे आपकी बीबी को मै नही मेरे पति कही अकेले मे ले जा रहे हिहिहिहिह

राजन थोडा असहज होकर - हिहिहिहिह क्या आप भी भाभी जी मुझे लगा कोई काम होगा तो मै भी मदद कर दूँगा ,,,क्यो भाईसाहब

राजन अपनी तर्क को कमलनाथ मथ्थे चढाते हुए बोला ।
कमलनाथ भी राजन का साथ देते हुए - हा रज्जो राजन सही कर रहा है ।
रज्जो हस कर - तो आओ आप लोग भी , हमारे ब्लाउज मे हुक टाँक दो हिहिहिही

कमलनाथ अचरज से - मतलब
रज्जो हस कर - अरे भई शादी मे पहनने के लिए जो ब्लाउज सिली है सोनल, उसमे हुक टाकने है ,,,तो चलो आप लोग भी मदद कर देना

ममता रज्जो के बात पर खिलखिला दी ।

कमलनाथ हस कर - क्या तू भी रज्जो हिहिहिही

रज्जो ने अब कमलनाथ का हाथ पकड कर खिच्ते हुए - नही नही आओ आओ चलो अब

रज्जो - ये ममता खिच अपने भैया को मै जरा नंदोई जी को लेके चल्ती हू हिहिही

ममता भी थी चंच्ल और अपने भैया के साथ ऐसी हरकतो से बाज कहा आती उसने भी कमलनाथ का हाथ पकड कर लेके सीढियो की ओर जाने लगी ,,,और कमलनाथ अपनी बहन का स्पर्श पाते ही खुद को ढिला छोड दिया ।

वही रज्जो राजन का हाथ पकड कर - चलिये आप भी अब हिहिही

हालांकि राजन का पुरा मन था उपर जाकर थोडे गप्पे मारने का फिर भी वो थोडा नाटक करके हाथ छुड़ाने की कोसिस करता हुआ - हिहिहिही क्या भाभी,,भाईसाहब जा रहे है ना तो मेरी क्या जरुरत

रज्जो राजन को खिचते हुए - अरे आप चलिये मेरे पेतिकोट मे नाड़ा डाल दिजियेगा हिहिही

राजन रज्जो की बात पर हस पडा और रज्जो इतने मे भी उसपे भारी हुई और उसे खिचकर सीढिओ की ओर ले गयी ।
थोडी देर बाद चारो लोग ममता के कमरे मे थे ।


रज्जो ने अपनी आल्मारि से करिब 6 ब्लाउज और 6 पेतिकोट निकाले ।

रज्जो ने एक ब्लाऊज कमलनाथ को तो एक ब्लाऊज दिया और फिर सुई धागा भी थामा दिया ।

और खुद दोनो भी एक एक ब्लाउज लेके बैठ गयी ।
इधर दोनो ननद भौजाई ब्लाउज मे हुक की टकाई शुरु भी कर दी थी । तभी ममता की नजर अपने भैया पर गयी जो अपनी आन्खो को महीन करके कबसे सुई मे धागा डालने की कोशिश कर रहा था
ममता हस्कर - अरे भैया थुक लगा के डालो ना उसमे हिहिही

रज्जो ने जैसे ही ममता के इस वक्तव्य को सुना वो हस कर - अरे तू ही एक बार थुक लगा के दिखा दे ना अपने भैया को ,,,,

रज्जो की बात सुन कर ममता समझ गयी और मुस्कुरा कर अपने भैया के हाथ से सुई धागा लेके
उसमे डाल के देदी ।

ममता - भाभी मै जरा मेरे कमरे से और ब्लाउज लाती हू उन्के भी हुक ढीले हो गये हैं ।

रज्जो मुस्कुरा कर - हा हा जा लेके आ ,,आज सारे हुक अपने भैया से टाइट करवा ले हिहिहिह

ममता हस्कर उठती हुई - हिहिही क्या भाभी आप भी

इधर ममता अपने कमरे मे गयी और मौका देख कर रज्जो राजन को हुक टाँकते देख हस कर बोली - लग रहा है ममता ने बहुत हुक लगवाये है नंदोई जी से हिहिहिही

राजन -हिहिहिही अरे नही ऐसी कोई बात नही है भाभी जी ,,,ये तो आसान ही है देखीये लग गया है एक ब्लाउज का

राजन ने वो ब्लाऊज रज्जो को देते हुए कहा ।

रज्जो ने जब वो ब्लाउज को देखा तो खिलखिला पडी क्योकि सारे हुक निचे ही लगे थे और उपर चार उंगल खाली ही छोड रखा था । जहा पर दो हुक और लगते
रज्जो हस कर - ये क्या जीजा जी बदला लेने का विचार कर रहे है क्या हिहिहिही

कमलनाथ - मतलब
रज्जो कमलनाथ को ब्लाउज दिखाते हुए - ये देखिये ,,,उपर के दो हुक जानबुझ कर छोड़ दिये इन्होने

राजन सकपका कर - अरे रे रे नही नही भाभी आप गलत समझ रहे ,,,वो मुझे लगा कि चार हुक ही लगते है ब्लाउज मे तो उतने मैने टाक दिये ।


रज्जो- अरे कम से कम साइज़ तो देख लेते एक बार

कमलनाथ - ये क्या भई अरे खुद देख लो चलेगा तूम तो हमारी बीवी को सबको दिखाने की फिराक मे हो ।

रज्जो शर्माने का नाटक करते हुए - क्या जी ये क्या बोल रहे है आप ,,, क्या मतलब नंदोई जी देख सकते है तो चलेगा हम्म्म्म


कमलनाथ पर रज्जो को बरसता देख राजन मुह दबाए हसे जा रहा था ।

रज्जो - और आप क्यू मुह मे ही हसे जा रहे हैं,,, आप भी कोई ऐसा खयाली पुलाव ना पका लिजिएगा जिजाजी, इनके कहने पर ...


राजन हस कर - अरे नही भाभी जी ,,,भला मै क्यू ऐसा कुछ ...


कमलनाथ रज्जो के साथ मिलकर राजन को घेरता हुआ - हा भाई ,,, अरे पहले ही दो बार खुले खजाने पर नजर मार चुके हो ,,,,एक ही दिन मे कितनी बाजी मारना चाहते हो

रज्जो - दो कहा जी , पुरे 3 बार ,,वो अभी थोडी देर पहले जब मै कपडे बदल रही थी तब

राजन सफाई देता हुआ - अरे नही नही भाभी जी तब तो मै कुछ देख ही नही पाया था

रज्जो - देख नही पाया था मतलब,,,हम्म्म
राजन अपनी बात पर उलझ कर रह गया और उसके पास रज्जो की हाजिर जवाब का कोई तर्क ही नही रह गया तो वो हस कर - अ ब ब मतलब हिहिहिही अब मै मै क्या बोलू ,,, माना कि मैने देखा था थोडा लेकिन पुरा नही ,

राजन की बात पर रज्जो आंखे उठा कर देखती है तो राजन सकपका जाता है और वो पहले कमलनाथ को अपनी ओर घुरता हुआ पाता है फिर रज्जो को देखकर हडबड़ा कर - म मे मे मेरा मतलब, मेरी कोई व्यक्तिगत इच्छा नही थी इसमे ,,,ये तो बस इत्तेफाकन हो गया और तो और भाई साहब थे ही ना साथ मे

राजन की गाज कमलनाथ अपने सर आते देख सकपकाया मगर ऐन मौके पर ममता अपनी कुछ ब्लाउज लेके कमरे मे आती हुई - अरे क्या हो गया जी इत्तिफाकन हमे भी बताओ

अचानक ममता के आने से कमरे से सबसे ज्यादा राजन की हालत खराब होने लगी वही रज्जो हसते हुए कुछ बोलने वाली थी तो राजन ने ना मे सर हिलाया तो रज्जो ने इशारे मे हामी भरते हुए एक नजर कमलनाथ को देखा और मुस्कुराने लगी ।


ममता अपने भैया के बगल मे बैठते हुए- अरे क्या हुआ ,,आप ही बताओ न भैया
कमलनाथ हस कर - यही कि आज ये इत्तिफाकन ही है कि हमे ब्लाउज मे हुक लगाने पड रहे है ।

कमलनाथ की बात पर सब हसने लगे
रज्जो भी माहौल का मजा लेते हुए - हा लेकिन इस इत्तेफ़ाक़ मे आपकी चान्दी हो गयी ,,, बहन के ब्लाउज मे हुक लगाने का मौका जो मिल गया हिहिहिही

रज्जो की बात पर कमलनाथ थोडा राजन के सामने झिझका तो वही ममता ने मौका देख कर बोला - और आप जो अपने नंदोई से अपनी पेतिकोट मे नाड़ा डलवा रही है उस्का क्या हिहिहिह्हिही

ममता की बात पर सब के सब मुह मे अपनी हसी दबा और एक दोहरे अर्थ वाले संवाद से जोड कर मजे लेने लगे ।
मगर इनसब के बिच के सबको एक दुसरे के प्रति औपचारिक रूप से नैतिकता भी दिखानी थी तो कोई खास बात आगे नही बढ़ी और थोडी देर बाद सारे काम खतम होने तक ऐसे ही तंज कसने और हसी ठीठौली का मौहोल बना रहा ।

फिर थोडी देर बाद रज्जो ममता को लेके निचे चली जाती है और जाने से रज्जो कमलनाथ को DVD set लगाने के बाद निचे खाना खाने के लिए आने का फरमान सुना के चली जाती है ।

हालाकि रज्जो के कमरे मे पहले से ही केबल वाली टीवी का बन्दोबस्त था लेकिन कभी कभी रज्जो और कमलनाथ का मूड कुछ खास फिल्मो को देखने का होता तो वो उसके लिए बाकायदा पंजाब से एक DVD सेट और कुछ कैसेट रिकॉर्डिंग लाये थे । जिन्हे वो कुछ खास अवसरो पर ही चलाते जब रमन कही बाहर गया होता था। हालाकी उन कैसेटस मे कुछ बेहतरिन और अच्छी फिल्मे भी थी ।
मगर रज्जो जान्बुझ कर रमन के रहते कभी भी उन कैसेट को नही चलने देती क्योकि उसका कारण ये था कि उन कैसेट के बारे मे रमन को पहले से ही पता था और ना जाने कितनी बार रज्जो ने खुद रमन के साथ उन खास कैसेट को प्ले करके कुछ खास पल बिताये थे ।


इधर रज्जो के जाते ही कमलनाथ राजन को लेके स्टोर रूम मे चला जाता है और वहा DVD सेट का बॉक्स लेके अपने कमरे मे आता है ।
इधर कमलनाथ अपने dishTv का कनेक्सन निकाल कर उसकी जगह DvD player सेट करता है ।
इधर राजन की नजर उस dvd बॉक्स मे रखे कैसेटस पर जाती है जिनमे हिन्दी फिल्मो से ज्यादा कूछ ऐडल्ट फिल्मो के कैसेट थे ।

राजन बडे गौर से उन DVD कैसेट के नाम और उस छ्पी नंगी तस्वीरो को निहारता है और उसका लण्ड अन्गडाई लेने लगता है और वही जब कमलनाथ की नजर राजन पर जाती है तो वो मुस्कुराने लगता है ।

कमलनाथ हस्कर -क्यू भाई आज यही देखने का मन है क्या

राजन चौक कर - नही नही भाईसाहब वो तो मै बस देख रहा था ,,,

इतना बोल कर राजन दूसरी अलग अलग फिल्मो की कैसेट निकालने लगा ,,,जिनमे ज्यादातर सेक्स वाली ही भरी पडी थी ।

राजन को बहानेबाजी करता देख कमलनाथ हस कर- अरे भाई इतना परेशान क्यू हो रहे हो , इसमे एक दो को छोड कर सारी कैसेट वही वाली है ।

राजन आंखे चौडी करके कमलनाथ को देखता है ।

कमलनाथ हस कर - अरे इसमे चौक क्यू रहे भाई ,,,, कभी देखी नही क्या

राजन पहले से ही गाव मे रहता था तो कभी कभी त्योहारो या कोई मेले पर ही गाव में कभी कभी पर्दा पर कुछ फिल्मो को देखा था ।
हालाकी उसने काफी बार अपने मित्रो और जानने
वालो से सुना था कि शहर मे कयी सिनेमा घरो मे गन्दी फिल्मे चलती है
मगर उसकी कभी किस्मत नही हुई की वो ऐसी फिल्मे देख पाये। तो उसने कमलनाथ के स्वाल पर बडी सादगी से ना मे सर हिला देता है ।

कमलनाथ राजन की भावना समझ गया तो उसने मुस्कुरा कर एक नजर बाहर देखा और फिर राजन से बोला - देखनी है क्या

राजन कमलनाथ के प्रस्ताव से गदगद हो गया लेकिन फिर भी उसमे हिचक थी कि कैसे वो अपनी भावना अपने ही साले के सामने रखे ।

कमलनाथ राजन को हिचकता देख हस कर - मुझे पता है तुम्हारा मन है ,,रुको मै लगाता हू ,बस दरवाजे पर नजर रखना

राजन बिना कुछ बोले शांत रहा और वो दरवाजे पर नजर रखने लगा । उसका दिल बहुत जोरो से धडक रहा था । एक रोमांच भी कपकपी सी राजन के दिल मे उठ रही थी और उसका लण्ड पाजामे मे टाइट हो रहा था ।

इधर कमलनाथ ने प्यारी भाभी
नाम से एक DVD निकाली और उसे लगा दिया,,, शुरुवाती म्यूज़िक आते ही कमलनाथ और राजन तेज आवाज से चौके ,,,मगर कमलनाथ ने फौरान रेमोट से mute का बटन दबा दिया ।

राजन की सास मे सास आई और वो कमलनाथ को देख कर मुस्कुराने लगा ।
इधर दोनो वही टीवी के सामने खडे खडे ही उस फिल्म को देखने लगे ,,,इधर कमलनाथ ने रेमोट से शुरुवात के क्रेडिट सीन को भगाके एक सिन पर रोक दिया जहा एक मोटी गदराई औरत लाल पेतिकोट ब्लाउज मे खड़ी कमरे मे साडी सहेज रही थी और वही कमरे के बाहर दरवाजे के पास एक आदमी कमरे मे झाकता हुआ जान्घिये के उपर से अपना लण्ड मसल रहा था ।

इस सीन को देख कर कमलनाथ और राजन को सुबह का दृश्य याद आ गया जहा राजन कमरे मे रज्जो को कपडे पहनते देख्कर अपना लण्ड मसला था । वही कमलनाथ ने उसे ये सब करते जीने पर से देख लिया था ।

दोनो आपस एक बार नजरे उठा कर देखते है और मुस्कुरा कर वापस टीवी मे लग जाते है । इधर कमलनाथ फिर से फिल्म को रेमोट के माध्यम से आगे बढाता है जहा वो औरत अपने पति से नंगी होकर चुदवा रही थी और उन दोनो की चुदाई वो
दुसरा आदमी खिडकी के रास्ते देखकर अपना लण्ड हिला रहा होता है ।
आगे की स्टोरी मे पता चलता है कि वो दुसरा आदमी उस औरत के पती का दोस्त है ।
कमलनाथ हर 2 या 3 मिंट के बाद फिम्ल को आगे बढा देता था और जहा सेक्स सीन आते वहा टीवी mute कर देता ।
राजन और कमलनाथ दोनो के दिलो की धडकनें तब और तेज हो जाती है जब वो औरत अपने पति के दोस्त के साथ चुदवाने के लिए राजी हो जाती है और फिर कमलनाथ कहानि को आगे भगा देता है जहा उस औरत का पति उसे अपने दोस्त के साथ चुदते हुए पकड लेता है और फिर भाव्नात्मक दृश्य चल रहे होते है जिनहे देख कर राजन और कमलनाथ दोनो के लण्ड वापस सिकुड़ने लगते है ।

तो राजन मुस्कुरा कर कमलनाथ से आंखो से इशारा करके कहानी आगे बढ़ाने को कहता तो कमलनाथ मुस्कुरा कर फिर से mute बटन दबा कर कहानी को आगे बढाता है और एक सेक्स सीन पर रोक देता है जहा वो औरत अपने पति और उसके दोस्त दोनो के साथ होती है ।

इधर दोनो फिल्म की गतिविधियों मे इतने खो गये थे कि उन्हे दरवाजे का ध्यान ही नही और ऐन मौके पर रज्जो की आवाज सीढियो से आती हुई सुनाई देती है । दोनो की हवा टाइट हो जाती है और उन्हे समझ नही आता है कि क्या करे

तो कमलनाथ तुरंत लपक कर मेन स्विच ऑफ कर देता है जिससे राजन को थोडी तस्ल्ली तो होती है लेकिन फिर उस्का दिल तेजी से धडक रहा होता है ।
रज्जो कमरे मे आते हुए - क्या जी कितना समय लगेगा आपको सेट करने मे ,,,खाना तैयार हो गया है ।

रज्जो की बात पर कमलनाथ हडबडी दिखाते हुए - हा हा बस हो ही गया है ,,, तुम चलो मै आता हू

रज्जो को कमलनाथ की हडबडी और उन्दोनो के पसीने से भिगे चेहरे देख कर कुछ शक होता है और तभी उसकी नजर उस कैसेट के कवर पर जाती है , जिसे कमलनाथ ने DVD मे लगा रखा था ।

रज्जो समझ जाती है कि यहा क्या चल रहा था तो उसे इससे अच्छा मौका नहीं मिलने वाला अपने प्लान के लिए ।

तो वो हस कर - अरे तो चालू किजीए मै भी देखू कौन सी फिल्म लगेगी आज

रज्जो की इस वक्तव्य से सबसे ज्यादा परेशानी राजन को होने लगी
वही कमलनाथ बार बार सफाई देने लगा तो रज्जो का शक यकीन मे बदलने लगा ।

रज्जो ने फौरन लपक कर मेन स्विच ऑन कर दिया और सामने सीधा वही सीन चालू मिला जिस पर कमलनाथ ने स्विच ऑफ़ किया था ।

रज्जो की आंखे चौडी हो गयी और क्योकि टीवी मे वो औरत को उसके पति का दोस्त पीछे चोदे जा रहा था और उसका पति उसके मुह मे पेले जा रहा था ।
रज्जो वो सीन देखा और फौरन वापस से मेन स्विच गिरा दिया ।

राजन शर्मिदा होने के भाव मे - माफ कीजिएगा भाभी जी ,,,वो इसिलिए हम लोग मना कर रहे थे ।

कमलनाथ भी मन गिरा कर - अब हा रज्जो सॉरी ,

रज्जो सब समझ रही थी की क्यू ये फिल्म ही कमलनाथ ने चलाई क्योकि ये फिल्म वो और कमलनाथ कयी बार देख चुके थे ।

रज्जो तुनक कर कमलनाथ झूठ कर गुस्सा दिखा कर - हम्म्म तो आज यही सबको दिखाएँगे आप हा

राजन को यहा थोडा बुरा लगने लगा कि रज्जो बेवजह कमलनाथ को डाट लगा रही थी क्योकि फिल्म देखने की इच्छा उसकी ही थी ।

राजन रज्जो को रोकते हुए - अरे नही भाभी जी आप भाईसाहब पर क्यू नाराज हो रही है ,,,वो तो मेरी इच्छा थी कि बस एक बार इसे चला कर देखू ,,क्योकि ...

ये बोल कर राजन चुप हो गया और एक अपराधी के भाव मे सर निचे झुका लिया

रज्जो थोडा आवेश दिखाकर- क्या ,,,,आगे भी बोलिए

राजन सच्चाई बताते हुए - वो मैने कभी ऐसी कोई फिल्म नही देखी तो बस एक बार के लिए मेरा मन हुआ ,,,यकीन मानिये इसमे भाईसाहब की कोई गलती नही है ।

रज्जो राजन की हालत पर मुस्कुराई और फिर खुद को सामन्य करते हुए - अरे तो कम से कम आप लोगो को दरवाज बंद कर लेना चाहिए ना ,,, मान लो मेरी जगह कोई बच्चे आ गये होते या ममता ही आ गयी होती तो

रज्जो की बात पर कमलनाथ और राजन दोनो स्कते मे आ गये ।
रज्जो उन दोनो के उडे हुए चेहरे के भावो को देख कर अपनी हसी रोक ना पाई - और उपर से ये सीन ,,, किसके साथ आजमाने वाले थे ये सब आप लोग हम्म्म्म

रज्जो के रवैये मे अचानक हुए परिवर्तन से दोनो को थोडी राहत हुई और वो दोनो पहले एक दुसरे को देखते है फिर रज्जो पर नजर डालते है और वापस एक दुसरे को देख कर मन ही मन मुस्कुरा कर नजरे चुराने लगते है ,,,जैसे दोनो ने रज्जो के सवाल का जवाब पा लिया हो ।

रज्जो भी उनकी भावनाए भाप लेती है और आन्खे बडी करती हुई हसकर पीछे होने लगती है - नही नही ये नही हो सकता ,,,आप लोगो का दिमाग ठिकाने तो है ना

रज्जो के इस हरकत पर
कमलनाथ थोडी नैतिकता दिखाते हुए आगे बढता है कि वो रज्जो को समझाए कि जो वो सोच रही है वैसा कुछ नही है,,,मगर उसके पहले ही रज्जो हसकर कमरे से बाहर निकल गयी ।

रज्जो के जाते ही कमलनाथ हस कर - ये रज्जो भी ना कितनी पागल है हिहिही

राजन अभी भी हिचक रहा था और वो थुक गटक कर अप्र्त्क्ष्य रुप से अपनी बात कमलनाथ के साम्ने रखा - वो तो ठिक है भाईसाहब लेकिन भाभी जी का ये सोचना उचित नही है कि हम दोनो उनके साथ उस फिल्म जैसा कुछ करने का सोच रहे ।
राजन की बात पर कमलनाथ गदगद हो गया कि चलो कम मे कम राजन के मन मे उस मनमोहक पल का दृश्य को बैठ गया है बस उसकी भावनाओ पर काम करने की जरुरत है ।

कमलनाथ - हा भाई ये बात तो तुम्हारी ठिक है लेकिन अब क्या करे ,,,तुम ही बताओ । मुझे कुछ समझ ही नही आ रहा है ।

राजन थोडा गम्भीर होकर - ऐसा करते है पहले ये कैसेट निकाल कर इसको सुरक्षित रख देते है और फिर एकानत मे हम दोनो भाभी जी से बात करते है ।

राजन - क्योकि मै नही चाहता कि किसी गलतफहमी से हमारे सम्ब्न्धो मे दरार आये ।

कमलनाथ राजन की बातो से सहमत हुआ और उसे भी थोडा डर सा लगा कि कही वो और रज्जो सच मे जल्दीबाजी मे काम ना बिगाड़ दे ,,,पता नही राजन मन से किस मिजाज का आदमी है ।

खैर कमलनाथ ने उस कैसेट को निकाला और 2 3 हिन्दी फिल्मो की DVD निकाल कर वही टेबल पर रख दिया और बाकी का सामान वापस स्टोर रूम मे रख कर निचे खाना खाने के लिए चला गया ।
अब तक निचे अनुज और रमन भी दुकान से वापस आ गये थे ।
सारे लोग साथ मे बैठ कर खाना खा रहे थे । रज्जो और ममता ही खाना परोस रही थी ।

वही राजन थोडा हिचक मह्सूस करके कमलनाथ के सामने रज्जो से नजरे चुरा रहा था तो रज्जो ने मौका देख कर कमलनाथ को एक स्माइल पास की ।

हालांकि कमलनाथ भीतर से गदगद था लेकिन उसने अपनी मनोभावना को भीतर ही रहने दिया ।
वही डायनिंग टेबल पर अनुज के बगल मे बैथी पल्लवि एक हाथ से खाना खाते हुए दुसरे हाथ को निचे ले जाकर अनुज के जांघो पर घूमा रही थी मगर अनुज को बहुत डर सा लग रहा था क्योकि उसके बगल मे ही राजन बैठा हुआ था ।

तभी पल्लवि ने अपनी योजना के हिसाब से अनुज को बताने के बहाने रज्जो से पुछती है ।

पल्लवि - मामी !!!! वैसे कौन सी फिल्म दिखा रही हो हिहिहिही

पल्लवि की बात पर रज्जो कमलनाथ और राजन तीनो चौके और आपस मे एक दुसरे को देखा तो मौका देख कर रज्जो ने तंज कस्ते हुए बोला - अपने मामा से पुछ ले वही सब वयवस्था कर रहे है ।


रज्जो ने तंज से राजन और कमलनाथ आपस मे देखते है और मन ही मन सवाल जवाब देने लगते है कि रज्जो को मनाना ही पडेगा नही तो ना जाने कितने बम फोडेगी ये ।

पल्लवि - हा मामा सच मे ,,,तो बताओ ना कौन सी मूवी है

कमलनाथ खाना खाते हुए - वो अच्छी मूवी है हमारे समय की है , पसंद आयेगी

इधर पल्लवि के सम्वाद से अनुज समझ गया कि रात आज फिल्म वाला प्रोग्राम है लेकिन वो इस झमेले से बचना चाह रहा था मगर कैसे ???

थोडी देर बाद खाने का काम खतम हुआ और सारे लोग हाल मे एक्थ्था हुए

अनुज ने मौका देख कर - मै सोने जा रहा हू बहुत थकान सी लग रही है ।

अनुज के इस हरकत पर पल्लवि का पारा चढ़ गए और अगले ही पल वो मायुश हो गयी मगर वही सोनल ने ऐसा कुछ बोला कि पल्लवि का चेहरा फिर से खिल गया ।

सोनल अनुज को डाटते हुए - क्या करेगा सोके इतना तु,,,ना कोई काम धाम बस अकेले कमरो मे पडा रहता है । ये नही कि यहा आये है तो लोगो से बात करे , चार लोगो मे रहे

सोनल की डांट पर रज्जो उसे रोकती हुई - अरे क्यू डाट रही है इसे ,, चल अनुज तू भी देख लेना फिल्म और निद आये तो सोने आ जाना

अनुज ने हा मे सर हिलाया मगर उसे अपनी दीदी की डांट का असर हो गया था , आज तक ऐसे लहजे मे घर के किसी ने भी उस्से बात नही की थी कि क्यो वो अकेले रहता है और गुमसुम रहता है । हालकि अनुज ने खुद कभी अपनी इस स्थिति पर ध्यान नही दिया और उसकी दीदी के डांटने पर वो एक गम्भीर मसले को लेके सोच मे खोने लगा ।

इधर सारे लोग उपर के कमरे मे गये और बेड के सामने टीवी रखी हुई थी ।

चारो बच्चे बेड के निचे बैठ गये और पल्लवी ने मौका देख कर अनुज के बगल मे जगह बना की हालकी उसके दुसरी ओर सोनल थी ।
वही बेड पर दिवाल के कोने मे सिरहाने से टेक लगाये राजन पाव खोल कर एक फुल बनियान और पाजामे बैठा था और बेड के बिच मे रज्जो साडी पहने पैर पर पैर रख कर बैथी थी ।

वही ममता और कमलनाथ टीवी के पास फिल्म सेलेक्ट कर रहे थे और काफी सोच विचार के बाद ,,, ममता ने सदी के मशहूर महानायक अमिताभ बच्चन जी की फिल्म मर्द को चुना और उसे प्ले कर दिया ।

फिर कमलनाथ रेमोट लेके बेड की ओर आया और मौका देख कर रज्जो से राजन की ओर खिसकने को बोला

रज्जो पहले राजन को देखती है और फिर बिना कुछ बोले उसकी ओर खसक जाती है तो रज्जो के बगल मे कमलनाथ और फिर उसके बगल मे ममता बैठ जाती है ।

फिल्म शुरु हो चुकी ,,कमरे की बत्ती बंद थी बस टीवी की ही रौशनी से हल्का हल्का देखा जा सकता था ।

एक तरफ जहा उपर बेड पर चारो के मन मे हवस अब धीरे धीरे गुप्त रूप से घुसना शुरु कर दिया था ,,,वही बेड के निचे पल्लवि भी अनुज के चिपकने का मौका नही छोड रही थी ।

उसने तो पीछे से हाथ ले जाकर अनुज के कमर मे डाल दिया था ,,जिससे अनुज की हालत खराब थी । हालकी उसके बगल मे कोई नही था क्योकि वो दिवाल से सट कर बैठा था जिसका फायदा पल्लवि बखूबी उठा रही थी ।
वही सोनल और रमन आजू बाजू बैठ कर फिल्म देखते हुए कभी कभी अपने होने वाले पति पत्नीयो को मैसेज किये जा रहे थे ।

धीरे धीरे करीब आधा घंटा बिता और उपर बेड पर लगभग सभी की हाथे हरकत कर रही थी सिवाय राजन के क्योकि वो बस कमल्नाथ के सामने खुद की छवि धूमिल नही करना चाहता था मगर पाजामे के उपर से उसकी जांघो को सहलाते रज्जो के हाथ उसकी बेताबी बढा रहे थे ।
वही कमलनाथ अपना एक हाथ अपनी बहन ममता के कमर मे डाल कर उस्से चिपका हुआ था और वही ममता के हाथ कमलनाथ के लण्ड के उपरी सिरो को छू रहे थे ।
बेड के निचे पल्लवि के हाथो की हरकते काफी आगे बढ़ गयी थी ,,,वो अब तक अनुज के लण्ड पर नाजाने कितनी मरतबा हाथ घुमा चुकी थी और अनुज के हाथो को पकड कर अपनी जांघ पर रखवा दिया था मगर अनुज सोनल के डर से हाथ वापस खिच लेता था ।

इधर रात गहरी होने लगी , लगभग आधी से ज्यादा फिल्म खतम हो चुकी थी और सबसे पहले रमन और फिर सोनल सोने के लिए निकल गये । मगर जो सोने की जिद किये था वो अभी तक वही बैठा फिल्म के बहाने पल्लवि के मुलायम स्पर्श के मजे किये जा रहा था ।

इधर सोनल के जाते ही पल्लवि को मौका मिल गया और उसने तुरंत अप्ना हाथ अनुज के लोवर मे घुसा कर उसका खड़ा लण्ड थाम लिया

अनुज की हवा टाइट हो गयी कि पल्लवि ये सब कैसे कर सकती है ।
वही जब पल्लवि ने अपने हाथो का जादू जब अनुज के लण्ड पर चलने लगा तो वो मदहोश होने लगा और उसकी आंखे बंद होने लगी साथ ही एक मीठी सी सिस्क भरी आह्ह आने लगी जो टीवी के फुल आवाज पर दब गई थी ,,,मगर पल्लवि को अनुज के एक एक सास की खबर थी ।

मौका देख कर पल्लवि ने एक बार फिर अनुज का हाथ अपनी जांघ पर रखा और इस बार अनुज ने वापस नही हटाया बल्कि उसकी अंगुलिया लोवर के उपर से पल्लवि की जांघ पर भरसक ही हिलाने लगी थी ।

पल्लवि भी अनुज के स्पर्श से सिहर उठी और वो उसके आड़ो तक को छुने लगी ,,ये सब अनुज के लिए पहली बार था और वो गुदगुदी भी मह्सूस कर रहा था ,,,मगर उस्से कही ज्यादा वो उत्त्जीत हुआ जा रहा था ।

इधर इन दोनो का रोमांच चरम पर जाने को था कि फिल्म ही खतम हो गयी और वो लोग फौरन अलग हो गये ।

अनुज ने जैसे ही होश सम्भाला उसे समझ आया कि वो बेहोशी मे फिर से वही गलती दुहरा रहा था इसिलिए वो उठा और सोने का बोल कर निचे जाने लगा तो पल्लवि भी उसके पीछे चली गयी ।

वही उपर बेड पर बैठे चारो ने अपनी कमर तोड़ कर अन्गडाई ली और तब तक टीवी पर दुसरी फिलम चल पडी ।

ममता उबासी ली और बिस्तर से उतरते हुए - आह्ह मै जरा पानी लेके आती हू

फिर ममता निचे किचन की ओर चली गयी
ममता के कमरे से बाहर जाते ही रज्जो बोल पडी - मुझे आप लोगो से कुछ बाते करनी है

रज्जो की इस आग्रह पर कमलनाथ और राजन धक्क रहे गये और उन्हे पता था कि क्या बात करने वाली थी रज्जो ।
मगर फिर भी औपचारिकता के तौर पर कमलनाथ बोला - हा हा बोलो क्या बात है ।

रज्जो टीवी देखते हुए - देखीये आप लोग भी जान रहे है मै किस बारे मे बात कर रही हू ,,मगर आप लोग जो चाह रहे वो मै नही कर सकती ।

रज्जो की इस बात पर राजन और कमलनाथ आपस मे आंखे फैलाये देखते है और इस पर राजन जोकि सफाई देने की कोशिस करत है ।

राजन - लेकिन भाभी मेरी बात तो सुनिये ...
रज्जो राजन को टोकते हुए - मै समझ रही हू जीजाजी आप दोनो की बाते ,,मगर आप लोग भी समझिये ये सब मेरे लिए आसान नही है ।

कमलनाथ रज्जो के करीब होकर - ओह्ह तूम तो अपनी ही जिद की हो,,,एक बार हमारी बात भी तो समझने की कोसिस करो ।

रज्जो उदास होने के भाव मे - मै सब समझ रही हू रमन के पापा ,,,लेकिन एक आम औरत के लिए ये आसान नही है ।

रज्जो के वक्तव्य पर कमलनाथ और राजन एक दुसरे के सामने ऐसे दिखा रहे थे , मानो वो बहुत ही अजीब दुविधा मे थे कि रज्जो कितनी बडी गलतफहमी मे है ।
मगर अन्दर ही अन्दर दोनो जान रहे थे कि ये रज्जो की ही चाल है आपस मे मजे लेने के लिये ।
कमलनाथ फिर से दिखावे के तौर पर रज्जो की नासम्झी पर थोडा हस कर उसके कन्धे पर हाथ रखता हुआ - अरे मेरी जान ,,पहले

रज्जो कमलनाथ की बात काटते हुए - देखीये आप मेरे पति है और मै आपके लिए सब कुछ कर सकती हू और अगर आपकी इच्छा है कि मै जीजा जी के साथ वो सब ...... तो मेरी भी एक शर्त है


रज्जो के नये पैतरे से दोनो चौक गये और कमलनाथ हिचक कर - क क क्याआ

रज्जो अटकते हुए सर निचे करके - मेरी शर्त ये है कि वो मै इनके साथ एकान्त मे कर लुन्गी लेकिन आपके सामने नही ।

रज्जो की इस प्रतिक्रिया से दोनो जीजा साले की आन्खे चमक गयी मगर वो दोनो अपनी भावनाये मन मे दबाए खुद को बेबस दिखाते रहे ।

इतने मे ममता कमरे मे पानी लेके आ गयी और वो बातचित वही अटक गयी ।

जारी रहेगी
 

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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Superb update waiting for next

Shaandaar update bhai zaberdast

Nice update bro...lekin bro jio ka network se website khul nahi Raha page error keh raha hai...VPN use karna padta hai....iska solution koi bata sakta hai kya...

Rochak. Pratiksha agle rasprad update ki

Update bahut badhiya hai lekin mitr yeh do dimensions ki story ko jaldi khatam karo .. kyunki isme kahani thodi niras ho rahi hai …

Yeh sirf ek sujhav hai anaytha na lena isko please 🙏🏻!

अदभुत लेखनी है भाई,
आपकी कहानी को पढ़कर ऐसा लगता है जैसे सब कुछ आंखों के सामने गठित हुआ हो,,

Update do yaar zabardast story Hai

Pratiksha agle rasprad update ki



बहुत ही रमणीय कामुक और गरमागरम अपडेट है

Pratiksha agle rasprad update ki

Hot story. Waiting for next update.


Ok mitr wait karte hain next update ka …

aaj evening "exit polls" ke baad ;)

Waiting bhai plz update

DREAMBOY40 sirji, update bahut dinon se nahi aaya....kahan chale gaye??
Aap sabhi ki PRATIKRIYA ke liye DHANYWAAD

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