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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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UPDATE 114

CHODAMPUR SPECIAL UPDATE

पिछ्ले अपडेट मे आप सबने पढा कि कैसे कमलनाथ और ममता दोनो भाईबहन ने एक दुसरे को तृप्त किया और वही बगल के कमरे मे रज्जो अपने नंदोई से चुदती रही लेकिन कमलनाथ को खबर तक नही पडी । इनसब से अलग अनुज और पल्लवि की नजदीकी बढ़ी तो लेकिन एक छोटी मुसीबत के नाते अनुज ने कुछ फैसले किये है देखते है आगे क्या क्या होने वाला है क्योंकि सिर्फ जानीपुर की रात रंगीन नही थी , चमनपुरा मे भी राज शाम से ही बेचैन बैठा हुआ रहा था कि कब उसे चंदू के यहा जाने का मौका मिलेगा ।
अब आगे

राज की जुबानी

मै शाम होने का इन्तजार करने लगा कि जल्द से जल्द दुकान बढा कर चंदू के यहा जाऊ ।

इधर 6 बजे तक मा चौराहे पर चली गयी और मैने उसे बोल दिया कि मै खाना वही चंदू के यहा ही खाऊंगा ।

मा के जाने के बाद मैने फिर से WhatsApp चेक किया और देखा तो काजल भाभी ने अभी कुछ मिंट पहले ही मेरी ल्गाये हुये ब्रा पैटी के status को सीन किया , मगर उनका कोई रिप्लाई नही आया था । मै जानरहा था कि उनका इतना जल्दी रिप्लाई नही आयेगा ।

फिर वो मुझे ऑनलाइन दिखी तो वापस से मैने एक जोक का फ़ोटो status पर लगा दिया ।
इधर मै ग्राहको मे व्यस्त हुआ था कि उनका उसी status पर रिएक्शन रिप्लाई आ गया ।
मैने फौरन चेक किया तो दो हसने वाली एमोजी आयी थी ।
मैने भी एक हसने वाली एमोजी भेज कर निचे गुड एवनिंग का मैसेज सेंड किया ।
अगले ही पल मैसेज सीन हुआ और उन्होने भी गुड एवनिंग विश किया ।

अब मेरे दिल की इच्छा बढ़ी

मै - kaisi ho bhabhi ji 😄
भाभी - thik hu ji , aur ap
मै - mai bhi , aur kya ho rha hai
भाभी - bs yahi khana bnane ja rahi hu
मै - ohhh , hmaare liye kya bn rha hai 😂
भाभी - 😂 jo kahiye , lekin aap aate hi nhi hai .
मै - are rohan bhaiya ko aane dijiye ,, fir aata hu
भाभी - wo to isi hafate a rahe hai
मै - thik hai , kuch jrurt hogi to msg kariyega
भाभी - ha kyu nhi
मै - hmm bye
भाभी - bye

फिर मैने फोन कट करके आगे के लिए कुछ प्लान किया और दुकान बंद करके चंदू के यहा निकल गया ।

गलियारे से होकर मै सीधा उपर निकल गया जहा चंदू हाल मे बैठा मोबाइल पर बात कर रहा था और मुझे देखते ही चुप रहने को बोला ।
मैने उससे इशारे मे पुछा की कौन है तो उसने भी बस होठो से पापा बोला ।
मै चुप हो गया और इधर उधर देखते हुए चम्पा को खोजते हुए किचन की ओर गया

जहा चम्पा एक टीशर्ट और पैंटी मे खड़ी जल्दी जल्दी पुड़िया तल रही थी ।
चम्पा की हल्की सावली और नंगी जान्घे देख कर मेरा लण्ड अंगड़ाई लेने लगा और मै दबे पाव उसके पास पहुच कर अपना लण्ड लोवर से बाहर निकालते हुए सीधा उसकी गाड़ के पाटो पर सटाते हुए उससे चिपककर - ओह्हो क्या बना रही हो हम्म्म

चम्पा पहले तो चिहुकी फिर मुझे जान कर थोडी इतरा कर - ओह्ह तुम हो , वो मै पुड़िया निकाल रही हू उम्म्ंम्ं रुको नाआह्ह्ह्ह

मै हस कर उसके टीशर्ट के अंदर उसकी नंगी कमर मे घुमते मेरे हाथो को रोकता हुआ - क्या हुआ अच्छा नही लगा हम्म्ंम

चम्पा थोडा शर्मा कर हसी और मुझे ठेलते हुए - धत्त हटो ,,मै जल जाऊंगी

मै वापस अपने हाथ उसकी कमर से सरकाते हुए उसके नंगे चुतडो पर फिराता हुआ - लग रहा है चंदू ने अपना कोटा पुरा कर लिया है हिहिहिहू

चंपा ने आंखे उठा कर मुझे देखा और हसने लगी ।
मै उसको शर्माता देख और उत्तेजना मह्सूस किया और लपक कर उसके गाल चूम लिये ।
फिर मै उसके गाड के पाटो पर एक चपट लगाई और हस्ते हुए बाहर आ गया ।

थोडी देर बाद चंपा ने हम सब के लिए खाना ल्गाया । खाने के बाद मै और चंदू उपर की मंजिल पर टहलने चले गये रात के 8 बज रहे थे और चम्पा निचे बरतन खाली कर रही थी ।

मै आस पास नजर दौडा रहा था रात की बिजली मे सबके छत पर गरमी महीने की चहल पहल दिख रही थी ।
तभी चंदू मुझे पीछे से ठोकता हुआ - तब आज तेरा पहला बार है कोई बात हो तो पुछ ले हाहाहा
मै हस कर - अरे तू होगा ना साथ मे हिहिहीहि
चंदू - नही नही नही ,, पहला राउंड तू अकेले मजा ले फिर मै
मुझे भी उसकी बाते सही लगी
मै हस कर - तो तू यही रुक मै आता हू हिहिहीहि

चंदू - हा ठीक है जा हाहाहा
मै हसते हुए वापस निचे आया
मै वापस किचन मे गया तो वहा चम्पा नजर नही आई और फिर मै वही बगल के बेडरूम मे हल्का सा दरवाजा खोल कर अन्दर झांका तो चम्पा अपना टीशर्ट निकाल दी थी और उसके बडे बडे मोटे चुचे लटके हुए थे ,,वो सिर्फ पैंटी मे थी
वो आल्मारि से कुछ कपडे निकाल रही थी तो मै धीमे से दरवाजे को खोल और दबे पाव उसके पीछे जाकर उसके कंधो के निचे से हाथ डाल कर उसके दोनो मोटे थन जैसे चुचो को दबोच लिया
चंपा सिस्ककर - उम्म्ंं सीईईई ओफ्फ्फ्फ राज्ज्ज उम्म्ं क्या कर रहे उम्म्ंम

मै उसके मुलायम चुचो को हाथो मे भरते हुए - क्या खोज रही हो यहा ,,उम्म्ंम्ं

चंपा कसमसा कर - वो वो उम्म्ंम सिह्ह्ह्ह उह्ह्ह उम्म्ं वो मै मै हहहह अह्ह्ह्म वो मै कपडे बदलने जा रही थीईई उम्मममं

मै उसकी चुचियो को मिज्ते हुए अपना लोवर मे खड़ा लण्ड उसके गाड के उभार मे धसान्ते हुए - जब सब उतारना ही है तो क्या करोगी पहन के उम्म्ंम

चम्पा थोडा हसी और मैने उसे अपनी ओर घुमाते हुए उसकी नशीली आंखो मे देखा और उसके फड़फडाते होठो को मुह मे भर लिया
चंपा के मुलायम होठ धीरे धीरे पिघलने लगे और अगले ही पल चम्पा मुझपर हावी होने लगी ,,,उसने मेरे होठो को निचोडना शुरु कर दिया
मेरे हाथ खुद ब खुद उसके 36 के कूल्हो पर चले गये और मै उन्हे बडी मर्ममता से भिचने लगा ।
नतिजन चम्पा और उत्तेजित होकर अपनी एडिया उच्काते हुए मेरे और करीब आने लगी ।
मैने उसके कूल्हो को छोडते हुए अलग हुआ और एक ही झटके मे अपनी टीशर्ट बनियान सहित निकाल दी और चंपा से चिपक गया ।
उसके मुलायम चुचे मेरे सीने मे दब गया ,,,मेरे बदन मे सिहरन पैदा होने लगी उस स्पर्श से और मै उसके पीठ पर अपने हाथ फेरने लगा ,,ठीक वैसे ही चंपा भी मुझे अपने सीने से चिपकाये मेरे पीठ पर अपने हाथ कड़े करते हुए मुझे ऐसे कसने लगी मानो मेरा बदन ही तोड देगी

हमारे होठ एक फिर से जुड़ गये और उसके हाथ निचे मेरे लोवर मे घुसकर मेरा लण्ड टटोलने लगे ।
अगले ही पल चंपा ने मेरे लण्ड को भिचना शुरु कर दिया और मै उसे पकड कर बिसतर के पास लाया ।

खुद बिस्तर पर बैठते हुए उसकी एक चूची मे मुह लगा दिया
चम्पा पागल सी होने लगी और तेज सिसकिया लेने लगी ,, वो काफी गरम दिख रही थी उसने अपने जांघो को खोलकर मेरे घुटने पर बैठ गयै और अपनी फुली हुई चुत को मेरे जांघो पर घिसना शुरु कर दिया ।

मै इस अह्सास से पागल होने लगा ,,,मैने उसकी कमर मे हाथ डालकर अप्नी ओर खीचा और उसकी दुसरी चूची को थामते हुए ज्यादा से ज्यादा मुह मे भरने लगा ।
मेरा दुसरा हाथ जो उसकी कमर पर वो पीछे उसके गाड की लकीरो की ओर सरक्ने लगा और मेरे जीभ लपालप चम्पा के निप्प्ल पर चलने लगे ।

चम्पा -उह्ह्ह्ह रज्ज अह्ह्ह्ह माआ बहुत मस्त कर रहे ओह्ह्ह्ब उम्म्ंम ऐसे ही और चुसो इसे उम्म्ंम्ं

मै उसकी दोनो चूचियो को बारी बारी से चूसते हुए उसकी गाड की गहरी दरारो मे एक हाथ को ले जाने लगा ,,,जैसे मेरी बीच वाली ऊँगली चम्पा के गाड़ के सुराख की ओर बढ रही थी वो अपने गाड़ को सिकोड़ते जा रही थी और उछलती रहती थी जिस्से उसके चुचे मेरे मुह मे और भर जाते

आखिर कार उसके सख्त हुए पाटो मे अपनी उन्गली घुसेड़ते हुए उसके गाड़ के सुराख पर ऊँगली की टिप छू गयी जिससे चम्पा चिहुक उठी

मैने उसको थामा और अच्छे से वहा पर उन्गली फिराया और चंपा के होठ को वाप्स से मुह मे भर लिया ।

इधर चंपा ने चुत ने पिचपिचाना शुरु कर दिया था और उसके हाथ मेरे लोवर के उपर से लण्ड को सहलाये जा रहा था ।

उसने मेरे होठ से अपने होठ छुड़ाए और मेरे आंखो मे बडी कामुक अदा से देखते हुए खड़ी हुई और मेरे कदमो मे बैठ गयी ।
चम्पा की हरकत देखते ही मुझे कल उसकी लण्ड चूसने की स्टाइल याद आ गयी और मै पूरी तरफ से सीहर उथा ,,,मेरे लण्ड मे एक नया जोश आ गया और मै एक गहरी आआहहहह भरी ।

चम्पा ने मुस्कुरा कर मेरे लोवर की लास्टीक को फैलाया तो मै भी अपनी कमर उचकाया

मौका देख कर चंपा ने लोवर और अंडरवियर एक साथ घुटनो के निचे कर दिया और मेरा लण्ड टनटना कर खड़ा हो गया ।

मैने उसे थामा कर हलके हाथ से सहलाते हुए दुसरे हाथ से चंपा के बालो मे फिराया और उसका चेहरा पकड कर खुद लण्ड के करीब लाया ।

चम्पा एक बार नजर उपर करके मेरे आंखो मे देख कर मुस्कुराइ और मुह खोल्कर अगले ही पल लण्ड को भर लिया ।

मैने एक गहरी सास ली और वही चंपा मेरे लण्ड को गले तक उतारती चली गयी ।
मेरे लण्ड के सतह पर उसके लार का गिलापन और एक ठंडक सी मह्सूस हो रही थी और मै एक आनन्द मे दुबा जा रहा था
तभी चंपा ने मेरे आड़ो को थामा और लण्ड को पुरा निगलने लगी जिससे मेरे लण्ड मे और भी कड़ापन होने लगा

मुझे एक पल को कल की लण्ड चुसाई याद आई और मै वापस से बिना चंपा को चोदे झड़ना नही चाहता था इसिलिए मैने उस्के सर को थामा और उपर की ओर किया

चम्पा ने ढेर सारा लार मेरे लण्ड पर ल्भेड़ लिया था और उसे अपने दोनो हाथो अपने दाँत भींच्ते हुए लण्ड को कस कर चिकना कर रही थी ।

मैने उसका रन्डीपना देखा और मुझे उसके चोदने की इच्छा और भी तेज होने लगी
मैने उसे खड़ा किया और खुद भी खड़ा होकर उसके बिसतर पर धकेल दिया

वो गद्देदार बिछौने पर थोडा उछली और उसके चुचे भी हिले
मैने अपना लोवर निचे निकाल दिया और उपर चढने लगा ,,,मुझे बिस्तर पर आते देख चम्पा ने फौरन अपनी गाड़ उचका कर पैंटी निकाल दी और जांघो को खोलते हुए अपनी गीली चुत को थपथपाने लगी ।

मैने आज तक ऐसे गरम लड़की नही देखी थी जो ऐसे सेक्स के लिए इतनी बेशर्म हो जाती हो
मेरा लण्ड उसके अन्दाज से और फनफना उथा और मैने उसके जांघो को फैलाते हुए अपना लण्ड उसकी चुत के उपर रखा

उसने अगले ही पल अपनी कमर को नचा कर लण्ड को अपनी चुत के मुहाने पर सेट कर लिया ।
मैने अपना एक हाथ उसकी मासल जांघो पर फिराया और अंगूठे से उसके चुत के दाने को फ्लिक किया ,,वो चिहूक कर अपनी गाड पटकते हुए - उम्म्ंम डाल दो ना उम्म्ंम सीई अह्ह्ह

मै उसकी तडपन देख कर हस्ता हुआ उस्से काबूलवाया - क्या डाल दू हा

चंपा थोडा मुस्कुरा कर लेकिन पूरी तरह से उत्तेजित होकर -येएह्ह्ह अपना मोटा लण्ड,,,घुसाओ ना इसे उम्म्ंम्ं

ये बोल कर वो अपनी चुचिया मिजने लगी
मै भी उसकी तडपन बढ़ाने के लिए लण्ड की चमडी खोलकर सुपाडे को उसके चुत के दाने पर रगड़ता हुआ - कहा घुसाऊ बोलो ना उम्म्ंम

चंपा कसमसाइ और अपनी गाड़ उच्काते हुए - यहाहहहआआआ मेरी चुत मे डालो नाआआ उह्ह्ज

मैने देर ना करते हुए एक ही धक्के आधा लण्ड उसकी चुत मे घुसेडा ,,वो थोडा दर्द से सिसकी ,,,क्योकि मेरा लण्ड उसकी तडप और उत्तेजना देख कर पहले से ज्यादा मोटा और टाइट था

मै आधा लण्ड उसकी चुत मे घुमाते हुए - क्या हुआ दर्द हो रहा है क्या उम्म्ंम

चंपा ने वापस से अपनी गाड उचकाई और एक जोर के झटके के साथ चुत को उपर ठेला जिससे लगभग पुरा लण्ड उसकी चुत मे घुसता चला गया

मुझे ध्क्क्क सा हुआ एक पल को और फिर एक हल्का सा दर्द हुआ लण्ड के चमडी मे लेकिन आनन्द बहुत ज्यादा मिला

मैने उसकी आंखो मे देखा और वापस अपने लण्ड को पीछे खिच कर एक जोर का ध्क्क्का देते हुए पुरा लण्ड उसकी चुत के जड़ मे उतारते हुए उसके उपर आ गया ।

वो थोडा सिसकी और फिर मेरी आखो मे देखते हुए मेरे होठो को चूसना शुरु कर दी
मैने भी अपनी कमर को पटकते हुए उसे पेलना शुरु कर दिया ।

मेरे लम्बे धक्के उसके मुह खोल देते और आंखे फैल जा रही थी ,,,उसकी हिलती चुचिया मुझे फिर से ललचाने लगी ।
मैने झुकते हुए एक को मुह मे भरा और तेजी से धक्का लगाते हुए उसके चुत मे पेलने लगा ।

चम्पा मेरे सर को अपनी चुची पर दबाते हुए - उम्म्ंम ओह्ह्ह राज्ज्ज्ज आह्ह ऐसे ही बहुत मजा आ रहा है उम्म्ं हम्म्म

मैने तेजी से घपाघप उसकी चुत मे लण्ड भरे जा रहा था और उसकी चुत अपनी पानी छोड़े जा रही थी ,,,
चम्पा- ओह्ह तुम सच मे माहिर हो चोदाने उम्म्ंम ,,तुमने चंदू से झुट क्यू बोला अह्ज्ज्ज

मै मुस्कुरा कर उसकी आँखो मे देखते हुए - सच बोलता तो क्या चंदू तुमको चोदने देता उम्म्ंम अह्ह्ज बोल ना

चम्पा ने मुस्कुरा कर ना मे गरदन हिलाया और मैने वापस से लण्ड उसकी चुत की गहराई मे ले जाने लगा
चम्पा - उम्म्ंम तो फिर किसे चोदा पहली बार उम्म्ंम ,,कौन है जो रोज इतने मस्त लण्ड से अपना भोसडा बनवाती है उम्म्ंम अओह्ह्ह उम्म्ं

मै ह्स कर - ऐसा कोई नही है ,,,वो सब्बो है ना साली वही कभी कभी आ जाती है उम्म्ंम्ं

चम्पा - उम्म्ंम सच मे या कुछ छिपा रहे हा
मै मुस्कुरा कर - सच यही है उम्म्ंम लेकिन तुम बहुत गरम हो ,,अब सम्झा की बचपन ने चन्दू ने इतनी जल्दी कैसे तुमको पा लिया

चम्पा अपनी कमर घुमा कर मेरे लण्ड को निचोडते हुए - उस समय पहले मेरी नजर तुम पर ही थी लेकिन तुम बडे शरीफ रहते थे तो भाई को ही ओह्ह्ह उम्म्ंम लपेटना पडा मुझे उम्म्ंम ऐसे ही मेरा फिर से आने वाला है उम्म्ंम

मै उसकी बाते सुन कर और भी उतेजीत होने लगा वही चंपा झडने वाली थी तो उसने मेरे लण्ड पर छल्ला बनाते हुए उसे निचोडना शुरु कर दिया

लेकिन फिर भी जोश की कोई कमी नही थी कुछ ही पलो मे फ्च्च्ग फच्च फच्च फच्च की आवाजे आने लगी और चम्पा झड़ रही थी उसकी पकड़ मेरे लण्ड पर अब ढीली थी मगर मै चरम पर था
मैने जलदी से लण्ड को बाहर निकाला और तेजी से हाथ चलाना शुरु किया और वही उसके पेट और चुत पर झडने लगा ।

फिर निढ़ाल होकर वही उसकी जांघो का सहारा लेके हाफता रहा
थोडी देर बाद हमारी नजरे मिली और फिर हम दोनो हस पडे
मै उसके बगल मे जाकर करवट लेते हुए लेट गया और उसकी चुची पर हाथ घुमाते हुए - मजा आया उम्म्ंम

वो शर्माई और हा मे सर हिला दी ।
मै - तो उपर चले
चंपा - ऐसे ही कपडे तो पहन लेने दो

मैने हस कर उसको पकड के खिचते हुए खड़ा हो गया और वो खिलाखिलाती हुई जोर लगाने लगी ।
मै - चलो मा देखते है क्या कर रहा है वो हिहिहिही
चम्पा - हा लेकिन ऐसे छत पर
मै - अरे देखो 9 बजने वाला है और हम लोगो का छत उपर भी है

वो थोडा कुनमनाई लेकिन मै उसे खीचते हुए गुदगुदाते हुए उपर जीने की ओर ले जाने लगा ।
उस्के बदन का स्पर्श और उसे नंगी छत पर घुमाने के अह्सास से मेरा लण्ड फिर से कड़ा होने लगा
मैने उसके नंगे चुतडो पर हाथ फिराया और एक पाट को दबाने लगा वो खिलखिलाकर मेरे हाथ झटकते हुए तेजी से उपर की ओर भागी और जीने के मुहाने पर रुक गयी क्योकि बाहर छत की बिजली जल रही थी ।
मैने वही उसको पीछे से दबोच लिया और अपना लण्ड उस्के गाड़ मे लकीरो मे फसाते हुए उसकी चुचियो को फिर से थाम लिया ।

यहा चंदू ने कानो मे जैसे ही चम्पा के सिस्कियो की आवाज आई वो लपक कर जिने की ओर आया
और अपनी बहन की नंगी चुचिया मेरे हाथो मसल्ता देख उसकी आंखे चमक उठी और वो तभी उसकी नजर अपनी बहन के खुली हुई चुत पर गयी जो हाल की चुदाई से लाल हुई थी
चम्दू फौरान घुटनो के बल होकर अपना मुह चम्पा की चुत मे दे देता है ।

चम्पा अपनी चुत मे कुलबुलाहत से चौक जाती है और उसकी नजर जब निचे बैठे अपने भाई पर जाती है तो उसकी उत्त्जना और बढ जाती है वो उसका सर पकड कर अपनी चुत मे दबाते हुए सिसकने लग जाती है ।

मुझे भी चंदू के इस पैतरे से जोश आता है और मै हाथो मे भर भर के चंपा की चुचिया मसलते हुए उसके गाड़ के सुराख तक लण्ड को उसकी दरार मे घुसेड़ने लगता हू ।

चम्पा को जैसे ही मेरा सुपाडा अपनी गाड के सुराख के पास मह्सूस होता है उसकी सासे अटक जाती है वो तेजी अपने चुतड को सख्त कर लेती है
चम्पा - उम्म्ंम ऐसे नही राज तेल लगा के प्लीज उम्म्ंम दर्द होगा उम्म्ंम सीईई आह्ह

वही चंदू बिना रुके लपालप कुत्ते के जैसे अपनी जीभ को अपनी बहन के चुत पर फिराये जा रहा था और कभी कभी उपर की निकली हुई चम्दी को मुह मे लेके चुबलाने लगता ।
चम्पा से अब रहा नही जा रहा था तो उसने चंदू का सर अलग किया और वो खड़ा हो गया ।
मै और चंदू मे एक दुसरे को देखा और हम मुस्कुराने लगे
चम्पा अब हमारे बिच मे थी
मैने उसे जीने की दिवाल से लगाया और झुक के उसकी एक चूची मुह मे भर ली ,,मुझे देखते ही चंदू कैसे रुकता वो भी फौरान झुक कर अपना मुह अपनी बहन की दुसरी चुची पर लगा दिया ।

हम दोनो मिल के चम्पा की दोनो चुचीया चूसने लगे और वो हमारे सर पर हाथ फिराते हुए आह्ह्ह भरे जा रही थी ।
हमारे हाथ उसकी दोनो जांघो और चुत के किनारे किनारे दोनो तरफ घूम रहे थे जिससे च्मपा को और भी मदहोशि हो रही थी ।
वही चुची चुस्ते हुए मैने चंदू को आंखो मे ही इशारा किया कि इसे निचे हाल मे लेके चलते है ।
वो मुस्कुराया और हमने चंपा को दोनो तरफ से उठा लिया
वो थोडा खिलखिलाई मगर हम दोनो उसे वैसे ही उठाए निचे हाल मे लाकर सोफे पर उतार दिये ।

इधर मै और चम्पा एक गहरे चूम्बन मे खो गये और वही चंदू ने फटाफट अपने सारे कपडे निकाल कर अपना लण्ड सहलात हुआ खड़ा हो गया ।

मै और चम्पा अलग हुए और चम्पा ने बिना कुछ कहे चन्दू मे लण्ड को हाथो से दुलारना शुरु कर दिया
अब ऐसे सुनहरे मौके पर मै पीछे कैसे रह जाता ,,मै भी वही चम्पा की दुसरी ओर खड़ा हुआ
उसने मुस्कुरा कर मुझे देखा और दुसरे हाथ से मेरे लण्ड को थाम लिया ।
अब उसके दोनो हाथो मे खडे लण्ड थे जिन्हे वो आगे पीछे करके और कड़ा किये जा रही थी ।
तभी चम्पा ने मुह खोला और अपने भाई का लण्ड आधा मुह मे भर कर सूरकते हुए बाहर निकाली जिस्से चंदू सिहर गया
उसने वापस चंदू की आखो मे देखा और उसका लण्ड मुह मे भरते हुए इस बार मुह मे ही आगे पिचे करते हुए उसके सुपाड़े पर जीभ घुमाने लगी ।
चंदू फिर से गनगना गया
चंदू - ओह्ह्ह दिदीईई उम्म्ंम्ं सीईई

चंदू की सिसकियाँ सुन कर मेरे लण्ड मे और जोश आने लगा जिससे मेरा लण्ड चम्पा के हाथ मे भरने लगा ,,,इसका आभास होते ही चम्पा ने अपने भाई के लण्ड को अपने मुह से निकाला और मेरा लण्ड ग्पुच लिया ,,,अह्ह्ह फिर से वही मुलाअयं अह्सास उम्म्ंम

चम्पा मेरे लण्ड की जड़ को पकड हुए गुउउऊ गुउउऊ करके मेरे लण्ड को चूसे जा रही थी और दुसरे हाथ से चंदू के आड़ो से खेल रही थी
थोडी देर तक चंपा ऐसे ही हम दोनो के लण्ड चुसती रही ,,कभी एक लण्ड को तो कभी दोनो लण्ड एक साथ सामने लेके अपने जीभ को हमारे सुपाडो पर लपल्पाती जिससे हमे और भी उत्तेजन हो रही थी ।

इधर चंदू को चुत की तलब होने लगी ।
उसने चम्पा को इशारा किया जो मुझे समझ नही आया अगले ही पल चंपा हम दोनो के लण्ड छोड कर खड़ी हो गयी ,,जबकी चंदू फौरान सोफे पर बैठ कर लण्ड को सीधा उपर की ओर करते हुए सहलाने लगा ।

चम्पा मुस्कुरा कर पीछे हुइ और जान्घे खोलकर चंदू की ओर पीठ किये लण्ड पर बैठती चली गयी ।
अगले ही पल मे चंदू का लण्ड उसकी बहन की चुत मे था और मेरा लण्ड उसकी हाथो मे ।

चम्पा अब हल्का हल्का उछलते हुए मेरा लण्ड सहलाए जा रही थी ।
मगर चंदू बहुत जोशीला हुआ जा रहा था वो बार बार निचे निचे से झटके दिये जा रहा था
लेकिन चम्पा के मुह मे अब मेरा लण्ड भरा हुआ था वो झुक कर मेरा लण्ड चुस्ते हुए निचे से झटके खाये जा रही थी ।

तभी मैने चंदू को इशारा किया की वो तेज झटके लगाये ,,,वो मुस्कुराया और अपनी जांघो को एड़ियो के बल उचकाते हुए तेजी से चम्पा की कमर थामते हुए पेलना शुरु कर दिया ।

चंपा गुउउऊ गुउऊ गुऊ करते हुए तेज झटके खाने लगी ,,,मेरा लण्ड उसके गले तक जाने लगा ,,,चम्पा का अब खुद पर नियन्त्रण नही था चंदू के तेज झटके से उसके दाँत भी मेरे लन्ड़ को चुबने लगे थे ,,,ऐसे मे मैने अपना लण्ड बाहर कर लिया

वही चंपा को भी थोडी राहत हुई वो अप्नी चुत सहलाते हुए खुद अपने भाई के लण्ड पर कूदने लगी ।

चम्पा - ओह्ह्ह हा भाई ऐसे ही उम्म्ंम अह्ह्ह्ह भैईई उम्म्ंम और तेज्ज़्ज़ अओह्ह्ह
चंदू भी तेज धक्के लगाते हुए - उम्म्ं मजा आ रहा है ना दीदी तुम्को और लो अह्ह्ह बहत्त चुदकककद हो तुमम उम्म्ं अह्ह्ह

जल्द ही चंदू की रफतार धीमी होने लगी तो मैने चम्पा को इशारा किया,,,वो फौरान उठ कर सोफे का किनारा पकड कर झुक गयी ,,,मै उसकी एक टांग उठा कर सोफे पे टिका दिया और लण्ड को उसकी रसाती चुत के मुहाने पर ल्गाते हुए एक जोर का धक्का दिया

चंपा की गीली और ढीली चुत मे मेरा लण्ड सटसटा कर एक ही बार मे जड़ तक घुस गया
चंपा- अह्ह्ह्ह्माआ माआ मर ज्ञीईई उह्ह्ह

मैने बिना रोके उसके कुल्हे थामते हुए तेज तरार धक्के उसकी चुत मे लगाने शुरु किये

चम्पा की चर्बीदार गाड मेरे हर धक्के को दुगनी गति से वापस भेज देती है और इससे मुझे चोदने का मजा और भी आ जाता है ,,,
चंपा का बदन टुट रहा होता है और मै लगातार तेजी से उसकी चुत मे धकाककमं पेल चोदे जा रहा था ।

वही चंदू फटी आन्खो से तेजी से अपना लण्ड हिलाते हुए चम्पा के साम्ने गया और लण्ड को उसके मुह पर फिराने लगा

चम्पा ने बस मुह खोला और चंदू ने उसके बाल थामते हुए लण्ड को उसके मुह मे डाल दिया ,, इधर मेरे तेज धक्को से चंपा आगे पीछे हिले जा रही थी और चंदू का लण्ड उसके मुह मे अंडर बाहर हुआ जा रहा था ।
मगर चंदू को मानो कोई नशा सा हो गया था इधर मैने अपनी गति धीमी की और वो तेजी चंपा के सर पकडते हुए मुह मे पेलना शुरु कर दिया
चम्पा की हालत खराब होने लगी ,,,लेकिन चंपा जैसी गरम चुद्वासी के लिए ये भी कम ही था
इधर मेरी नजर जब चंदू के हरकत पर गयी तो मै वाप्स दुगनी जोश से उसके कूल्हो को थामते हुए धक्के लगाने शुरु कर दिये
इधर चंदू जोश मे आकर कुछ आखिरी धक्को के साथ लण्ड को अपनी बहन के मुह मे भर कर सर को अपने लण्ड पर दबाते हुए तेजी से झडने लगा
उसका सारा माल च्मपा के लार के साथ निचे फर्श पर टपक रहा था
इधर चंदू को इतनी बुरी तरह से झड़ता देख मै भी आखिरी धक्को के साथ आहह भरता हुआ ,- अह्ह्ह मेरा आने वाला हौ उम्म्ंम्ं

मेरी आवाज सुनते ही चंदू के चम्पा के सर पर ढील दी और मैने भी अपना लण्ड उसकी चुत से बाहर निकाला
मगर वो इतना थक चुकी थी कि सरक कर सोफे का टेक लेते हुए निचे फरश पर बैठ गयी ।

उसके बाल आंखे मुह बुरी तरफ चंदू के माल से लभेदे हुए थे फिर भी ना जाने क्यू मुझे और जोश आ रहा था और मै अपनी एडिया उचकाते हुए तेजी से अपने लण्ड को हिलाना शुरु किया और फिर लगातर मेरा माल चम्पा के मुह और सीने पर जाने लगा

आखीरि बूंद निचोड लेने के बाद मैने अपना लण्ड वीर्य से सने च्मपा के गालो पर पटका और फिर हाफते हुए सोफे पर ढह गया ।
रात मे 2 बार और बुरी तरह से मै चंदू के साथ मिलकर चंपा को चोदा ।
अगली सुबह बहुत सामान्य रही ,,,मैने चंदू के घर ही फ्रेश होकर नासता किया और दुकान पर चला गया ।

इधर चमनपुरा मे ये सब चल रहा था तो वही जानीपुर मे रज्जो के घर मे भी कम चहल पहल नही थी ।

लेखक की जुबानी

रात मे धक्कमपेल चुदाई के बाद सुबह करीब साढ़े 6 बजे सबसे पहले नीद ममता की खुली ।
उसने एक नजर बगल मे सोते अपने पति पर मारी और फिर अंगड़ाई लेते हुए उठ कर बाहर निकल गयी ।

एक नजर उसने अपने भैया के बंद कमरे पर डाली तो रात मे बिताये कुछ हसिन पलो को याद करते हुए उपर छत की ओर जाने लगी ।
वही निचे सोनल के कमरे मे पल्लवि और सोनल उठ चुके थे ,, सोनल जैसे ही बाथरूम के लिए कमरे से बाहर निकाली ,,, पल्लवि मौका देख कर कमरे से बाहर अनुज के कमरे की ओर निकल दी ।
मगर उसे अनुज का कमरा बाहर से बंद मिला और वो तुनक कर वापस अपने कमरे मे चली थी ।

इधर उपर के कमरे मे रज्जो भी थोडी देर बाद उठी और कमलनाथ को आवाज देकर उपर फ्रेश होने के लिए चली गयी ।
उपर ममता पहले से ही बाथरूम मे कब्जा जमाए हुए थी और यहा रज्जो को जोर की पेसाब लगी थी । वो वही खड़ी छटपटा रही थी ,,, उसने बाथरूम का दरवाज भी खटखटाया लेकिन ममता बस दो मिंट दो मिंट बोल के रुकी रही ।

वही निचे कमरे कमलनाथ उठ चुका था और वो अपने कमरे से बाहर आते ही राजन को देखता है जो उपर की ओर जा रहा होता है ।

कमलनाथ - अरे राजन रुको भई हम भी चल रहे है
राजन खुश होते हुए - अरे भाईसाहब आईये ,चलिये
कमलनाथ राजन के साथ सीढ़ीओ से उपर जाता हुआ - आज लग रहा है तुम भी लेट उठे हो हाहहहा
राजन हस कर - हा वो यहा रह के थोडा बहुत बदलाव आ जा रहा है भाईसाहब

कमलनाथ और राजन उपर दरवाजे से बाहर निकलता हुआ छत पर आते हुए - और तब फिर यहा का माहौल कैसा लग रहा है

राजन - ब ब बहुउउउऊतटटत हीईई अअअ अच्चाआआआ

कमलनाथ ने गौर किया कि राजन बोलने मे अटक रहा है तो वो हसते हुए राजन की ओर पलटा, और उसने राजन को देखा जो अपनी फैली हुई आंखो से बाथरूम के दिवाल के बगल मे रज्जो पेतिकोट उठाए मुतता देख रहा था और उसकी नजरे रज्जो के फैली हुई गाड़ से हट ही नही रही थी ।

हुआ दरअसल यू कि रज्जो के बार बार कहने पर जब ममता ने दरवाजा नही खोला तो रज्जो से पेसाब का प्रेसर रोका नही गया और वो वही बाथरूम के बगल मे छत मे बनी एक पानी वाली पाइप के पास अपनी पेतिकोट को कमर तक उठाए गाड फैला कर मूतने लगी और ऐन मौके राजन और कमलनाथ छत पर आ गये थे ।

कमलनाथ ने देखा कि राजन ने अब भी नजर उसकी बीवी के भारी चुतडो से नही हटाई तो वो थोडा गला मे खरास किया जिससे राजन और रज्जो दोनो चौक पड़े ।

रज्जो फौरन उठ गयी और राजन ने मुह फेर लिया ।
रज्जो और राजन दोनो अब कमलनाथ के सामने थोडी झिझक हो रही थी ।

कमलनाथ इस बात को आगे नही ले जाना चाहता था क्योकि राजन उसका जीजा था और ये सब अनजाने मे ही हुआ था ।
मगर फिर एहतियात के तौर पर राजन कमलनाथ से मुखातिब होते हुए - माफ किजीएगा भाईसाहब वो अचानक से

कमलनाथ ने जब राजन के मुह से माफी की बात सुनी तो उसे समझ आया कि शायद राजन भी इसके लिए शर्मीन्दा है तो वो इसे मजाक का रूप देते हुए उसके कन्धे पर हाथ रख कर छत की दुसरी ओर ले जाने लगा ।
कमलनाथ - क्या यार राजन तुम भी , वो बस अचानक से हुआ

राजन - हा लेकिन फिर भी मुझे लगता है कि मुझे भाभी जी से माफी मांगनी चाहिये

कमलनाथ थोडा सामान्य होकर - हा उस लिहाज से मुझे भी रज्जो से माफी मांगनी चाहिये

राजन हस कर - क्या आप भी भाईसाहब मजाक करते है ,, आप तो उनके पति है , आप तो रोज उनकी.....

इतना बोल कर राजन चुप हो गया मगर कमलनाथ उसका वक्तव्य पुरा समझ गया
कमलनाथ हस्ते हुए - अरे भाई रोज देखता हू इसका मतलब ये नही किसी को दिखाने भी ले जाऊ ,,,कही उसने ये सोच लिया कि मै तुम्हे दिखाने लाया था तो हाहहहहा

राजन हसता हुआ - क्या भाई साहब आप भी हिहिहीहि ऐसा कोई करता है भला

कमलनाथ - नही करता भाई इसिलिए तो माफी मागनी पड़ेगी हिहिहीहि

इधर इन दोनो की बाते चल रही थी उधर रज्जो बाथरूम मे जा चुकी थी और ममता नहा कर निकल चुकी थी । जो इस समय एक ब्लाऊज पेतिकोट मे थी ।

कमलनाथ की नजर जैसे ही अपनी छोटी बहन पर गयी उसको रात की घटनाये याद आने लगी और उसका लण्ड पाजामे में अंगड़ाई लेने लगा ।

राजन ने भी गौर किया कमलनाथ का ध्यान उसकी बीवी के कसे कूल्हो पे ही जमी है । मगर उसने मुस्कुरा कर बात को टाल दिया ।

थोडी देर बाद सभी लोग नहा धोकर निचे हाल मे नासते के लिए एकजुट हुए ।
रज्जो और ममता ने सबको चाय पकोड़े दिये। इस दौरान रज्जो जानबुझ कर कमलनाथ और राजन से शर्माने का दिखावा करती रही ।
रज्जो को ऐसे सामने देख कर कमलनाथ एक बार राजन की ओर देखता और वो दोनो सुबह की घटना को याद करते हुए मुस्कुरा देते है ।
खैर चाय नास्ते का काम चालू था मगर अनुज कही नजर नही आ रहा था ।

पल्लवि बार बार नजर घुमा कर बेचैन हुई जा रही थी ।
इतने मे रमन बोला - अरे मा ये अनुज अभी तक उठा नही

रज्जो का ध्यान भी अनुज के बारे मे गया तो उसने हाल मे नजर घुमाई - पता नही रुक मै उसके कमरे मे देखती हू ।

तभी ममता दरवाजे पर देखती है जहा अनुज अपनी चप्पल निकालते हुए घर मे घुस रहा था - अरे लो ये तो बाहर से आ रहा है ।

रज्जो अनुज को देख कर - कहा गया था तू अनुज सुबह सुबह
अनुज जो कि कल रात मे किये भगवान से वादे को पुरा करने और सवा किलो लड्डु का भोग लगाने मंदिर गया था तो वो ये सब बाते सबको कैसे बताता कि किन कारणो से उसे सुबह सुबह गायब होना पडा ।

अनुज हस कर - अरे मौसी वो आज सवेरे नीद खुल गयी थी बाहर टहलने चला गया था

ममता चौक कर - अकेले ही , देखा भी यहा कुछ कही खो जाता तो

रज्जो ह्स कर - अरे नही रे ,,,अनुज यहा तो आता जाता रहता है उसे घूमने के बस यही बगल का पार्क चाहिये ,,,क्यू अनुज

अनुज हस कर - हिहिहीहि हा आप तो जानती ही हो मौसी

इधर सब वापस नास्ते मे भिड़ गये वही अनुज की नजरे पल्लवि के मुस्कुराते चेहरे पर गयी और उसने वापस से तौबा करते हुए मुह फेर लिया ।

नासता खतम होने के बाद कलनाथ ने एक घन्टे बाद सबको तैयार होने के लिए बोल दिया ,,,उसके बाद सब लोग घूमने लिए जाने वाले थे ।



जारी रहेगी
देखते है आगे क्या होने वाला है
अनुज और पल्लवि की कहानी क्या मोड लेगी ।
आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा ।
धन्यवाद
 

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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Bahot behtareen
Shaandaar update bhai

Superb update waiting for next

Bahut hii mast update tha dost.. waiting more SONAL

Dhamakedaar hhoooootttttttt update💥💥💥💥💥💥💥

Nice update. Waiting for next update

Bro Anuj aur Pallavi ki story ko thoda aage badho

Bahut hi kamuk aur garmagram update h akhir Mamta apne. Bhaiya se chud hi gayi udar rajoo ne Rajan se dubara chudai karwa Li aurEk premi joda apna pyar aage bada Raha h

Mast update hai mja aagya

Bahut barhiya likh rahe ho mitr… 👏🏻👏🏻👏🏻

Pratiksha romanchak kahani ke agle rasprad update ki

बहनचोद नाना का तो वो ही हाल है कि जान जाए पर चूत ना जाए।

next update please

Waiting for next update

Waiting for next update

Nice update
Aap sabhi ki PRATIKRIYA ke liye DHANYWAAD
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