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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

Destiny

Will Change With Time
Prime
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Update 35

अब तक

मै चंदू के जज्बाती बातो से बहुत हस रहा था और फिर थोडी देर बाद मैने उसको विदियो भेजने का बोल कर कॉल कट कर दिया ।
रात मे 8 बजे तक मै भी दुकान बंद करके उपर गया और मोबाइल दिदी को देके बोला चार्ज मे लगा दो ,,, फिर हम लोग खाना खाने बैठ गए ।
अब आगे

हम सब लोग एक साथ खाना खाने बैठ गये 6 चेयर वाले टेबल पर । पापा बुआ के बगल मे , बुआ के बगल मे अनुज , अनुज के बगल वाली सीट खाली थी , उसके बाद मै और फिर मेरे बाद मा बैठि थी जो पापा के दुसरे साइड बैठी थी ।
फिर दिदी ने सारा खाना पानी टेबल पर रखा फिर मेरे और अनुज के बीच बैठने के लिए चेयर खीचा दीदी ने तो मैने अपना हाथ उल्टा कर चेयर पर रख दिया ,,, और दीदी को तिरछी आँखो से इशारा करते हुए मेरे हाथ पर बैठने को कहा ,, बदले मे दीदी मुसकुराते हुए एक मुक्का मेरे कन्धे पे मारा और मेरा हाथ हटते ही तुरंत बैठ गयी ,,, और मुस्कुराते हुए खुद की प्लेट मे खाना निकालने लगी ।
दीदी ने इस समय एक काटन का पटियाला सूट सलवार पहना था। वो ज्यादतर सिम्पल ड्रेस ही पहना करती थी ।
मै भी खाना निकाला और खाना शुरू कर दिया। मैने एक नजर मा की तरफ देखा तो वो पापा से कुछ इशारे कर रही थी और खाना भी खा रही थी ।
इसी बीच मैने अपना पैर चप्पल से निकाला और चुपचाप दीदी के पैर के उपर रख दिया,,,, और तिरछी नजर से दीदी को देखा तो उनकी आंखे बड़ी हो गई थी और मुह मे निवाला रुक गया था ।
मै भी मज़े लेटे हुए

मै - अरे दीदी क्या सोच रही हो खाओ ना
दीदी हड़बड़ा जाती है और मुझे हसी आ जाती
पापा - क्या हुआ सोनल कोई दीक्कत तो नही है न बेटा
दीदी - नही पापा खा तो रही हू और मेरी जान्ध पर चींटी काटती है

मै -उह्ह्ह्ह्ह क्या कर रही हो दीदी ,,,मै उनकी तरफ झुक कर फुसफुसाया
दीदी ने अपने पैर पर रखे मेरे पैर को दिखाया
मैने वापस अपना पैर हटा लिया और दीदी मुस्कुराने लगी ।
फिर ऐसे ही मस्ती मे हमलोगो ने खाना खाया और छत पर चले गए ।
छत पर
एक बड़ी चटाई बिछायी गयी ,, जिसपे एक साइड मे पापा लेट गये ,, उनके बगल मे मा बैठी और अनुज मा क गोद मे लेट गया, बुआ मा के बगल मे थी और मै दीदी छत पर चार दिवारी से दुसरी तरफ देख रहे थे । एकदम हल्की चांदनी रात थी ,,,, आसमान मे जुगनु और तारे थे ।

पापा - तब कल के लिए पैकिंग हो गई रगिनी
मा - हा जी हो गई है
पापा - तब कब से निकलना है
मा - सुबह 9 बजे तक

मै की बात सुनते ही दीदी का हाथ पकड लिया
दिदी धिमी आवाज मे - क्या कर रहा राज सब यही है
मै - दीदी कल मै चला जाऊंगा दो दिन के लिए
दीदी - तो वापस तो आयेगा ना
मै - लेकिन आपकी याद आयेगी ना और मै तड़पुँगा आपके लिए
दीदी - अच्छा जी तो क्या करूं कि आप ना तडपो ,मै भी चलू
मै - नही उसकी जरुरत नहीं है,, एक चुम्मे से भी काम चल जायेगा ,,,
दीदी - पागल है क्या देख नही रहा यही सब है ।
मै - इधर नही वो जीने के दुसरी तरफ चलो टहलते हूए ,,बस एक किस्स और वापस आ जायेंगे
दीदी - क्या कह रहा है तू कोई देख लेगा तो आज ही शुरू हुई लव स्टोरी का the end हो जायेगा

मै - प्लीज ना प्लीज ,,,मै जा रहा हूं अगर मेरे से प्यार करते हो तो जीने की तरफ आ जाना
फिर मै धीरे धीरे जीने की तरफ पीछे चला गया ।
इधर मा पापा और बुआ आपस मे बाते किये जा रहे थे नॉर्मल ही ।

मैं बेचैनी से दीदी का इन्तजार कर रहा था और करीब 2 मिंट बाद दीदी मेरी तरफ आने लगी ,,मै खुश हो गया
दीदी - ये क्या पागलपन है राज , कब तक तू ऐसे मेरे प्यार की परीक्षा लेगा भाई ,,,आखिर कब तू ये सम.....
इससे पहले दीदी कुछ और ज्ञान देती मैने लपक कर दीदी के होटो को अपने होटों से जोड लिया और चूसने लगा और फिर दीदी ने भी मेरा साथ देने लगी,,,मैने उनकी मुलायम कमर मे हाथ डाला और अपने करीब लाकर अपने जीभ को उन्के मुह डाल दिया और दीदी मेरे जीभ को चूसने लगी । फिर मै उनके होठो से हट कर उनको खुद से चिपकाये हुए उनके मुलायम चिकनी गालो को चूमने लगा और धीरे धीरे उनके कान को जीभ से स्पर्श करने ल्गा , जिससे दीदी की सांसे नशीली होने लगी और उनके हाथ मेरे पीठ और कमर पर रेगने लगे ,,, कान से होते हुए मैने उनकी सुराहिदार गले की खुस्बू को सूंघते हुए उनके कंधे पर अपनी नाक और होठ रगड़ने लगा ,, दीदी पुरे जोर से मुझे अपने आप से चिपकाये हुए बहुत ही हल्की और बेहद नशीली आहे भरते हुए सिसक रही थी । फिर मैने उनको एक जोरदार किस्स्स करके छोड दिया और वापस टहलने लगा जबकि दीदी वही जिने की दीवाल के सहारे सांसे बराबर रही थी । मै एक नजर पापा की तरफ डाली और वापस टहलते हुए दीदी के पास गया और देखा दीदी दीवाल से टिक कर आंखे बन्द किये सांसे ले रही है तो मै वापस से झुक कर दीदी के होठो को चूसने लगा । मेरे होठ जैसे ही दीदी के नरम होठो को छुते है दीदी लपक कर मेरे उपरी होठ को दबा लेती है और चूसने लगती है । मैने दिदी के दोनो हाथों को पकड कर दीवाल पर उपर टिका के जोरदार और गहरी किस्सिंग करने ल्गा ,,,हम दोनो एक दुसरे की होठो को चुस्ते हुए एक दूसरे की जीभ को चूसना चाह रहे थे । थोडी देर बाद मै फिर अलग हुआ तो दीदी मेरे सीने से लिप्त कर मुझे गले लगा लिया
दिदी - आई लव यू सो मच भाई ,,, आई लव यू
मै - आई लव यू टू दीदी ,,,
दीदी - भाई मै भी चलू कल मामा के यहा ,,,मेरा मन नही लगेगा यहा अकेले तो
मै - नही दीदी मै दो दिन मे आ जाऊंगा ना ,,, थोडा तडपना भी चाहिये प्यार मे
दीदी - मुझे बहुत याद आयेगी तेरी
मै - मै जलदी आ जाऊंगा
फिर हम लोग अलग हुए और टहलते हुए मा पापा की तरफ चले गये ।मै दीदी को अपनी तरफ पूरी तरह से लुभा चूका था और वो धीरे धीरे मेरे जिस्मानी हरकतो के लिए पागल होने लगी ।

मा - सोनल अनुज को लिवा जा ये सो रहा है यहा
दीदी - ठीक है मा ,, चल अनुज निचे चलते हैं
मा - राज तू कहा सोयेगा बेटा
मै - जहा आप लोग सोवोगे
मा - मै तो यही सोऊंगी आज
मै - तो मै भी यही सो जाता हू
फिर मै बुआ के बगल मे लेट गया और दिदी अनुज को लिवा के निचे चली गई ।

बुआ - चलो भाभी लेट जाओ ऐसे ही बाते करनी ही है ना
मा - हा दीदी सही कह रही है
फिर बुआ मेरे बगल मे और मा बुआ और पापा के बीच मे लेट गयी ।

बुआ - अरे भाभी आपको गर्मी नही लग रही है क्या आप साडी पहनी हो
मा - गर्मी तो है दीदी
पापा - अरे तो साडी निकाल दो ना रागिनी ,,,
मा - हा ठीक है रुकिये
फिर मा खड़ी होती है और अपनी साडी निकाल लेती है साथ मे ब्लाउज भी क्योकि मा ने ब्रा पहन रखा था ।
मा अब पेतिकोट ब्रा मे आ गई थी उनकी कसी चुचियो को देखकर लण्ड अंगड़ाई लेने ल्गा । फिर मा लेट गई और मै बुआ की तरफ करवट लेके घूम गया ताकि होने वाली घटनाओ पर नजर डालें रखु ।
इधर पापा मेरे सोने का इन्तेजार कर रहे थे और मैने धीरे धीरे बुआ की चुचिया टीशर्त मे हाथ डाल के सहलाए जा रहा था जिससे हल्का हल्का बुआ नशे में जाने लगी थी ।
बिच मे पापा और बुआ अपने बचपन की बाते मा को बता रहे थे । कारिब 20 मिंट बाद पापा - राज सो गया दीदी
बुआ जानती थी कि मै जाग रहा हू और उनकी चुचे को सहला रहा हू ।
बुआ - हा भैया सो गया है ये तो
पापा - रगिनी जानती हो बचपन मे मै जंगी और क्म्मो, दीदी के उपर ही सो जाते थे
मा - अच्छा सच मे क्या दीदी
बुआ - हा भाईया और आप वो क्यू नही बताते की आप मुझे भैस बोल कर क्यू चिदाते थे ,,वो भी बताओ ना अपनी शरारते कौन ब्तायेगा

मा - क्या जी आप भी ऐसे कोई बोल्ता है अपनी दीदी को
पापा - वो मैने नही रखा था नाम ,, वो तो ह्मारे मामा का लड़का लखना ने रखा था
मा - अरे लेकिन क्यू
पापा - वो कहता था कि दीदी का पिछ्वाडा चलने पर भैस जैसा हिलता है और दूध भी भैस की थन जैसी है

मा - हा वैसे बात तो ठीक बोला था वो
बुआ - क्या भाभी आप भी
मा - क्यू कौन सा गलत बोला था वो एकदम सही बोला हिहिहिही
पापा - अरे दीदी मै तो भूल ही गया
बुआ - क्या भैया
पापा - वो शर्त जो जीत था मै
बुआ - अरे हा ,,मागो भैया क्या चाहिये आपको
पापा - वो मुझे आज फिर से बचपन की तरह आपके उपर सोना है
मा - क्या जी आप भी ,,राज यही है कुछ तो लिहाज करो

बुआ - कोई बात नहीं भाभी वो सो गया ,, वैसे भी भईया शर्त जीते है तो
इस समय मै बुआ के नंगे पेट को सहला रहा था
पापा - तो क्या मै आ जाऊ दीदी
बुआ - हा भैया आ जाओ ना ,,बचपन की यादे ताज़ा हो जायेगी ,,,
अब पापा मा और बुआ के बिच आ गये ।

मै अब और ज्यादा उत्तेजीत होने ल्गा कि अब जल्द ही पापा बुआ की गर्म चुत में लण्ड डालेंगे ।
बुआ ने मेरा हाथ अपने पेट से हटा दिया क्योकि वो नही चाहती थी कि किसी को पता चले मै जाग रहा हूँ ।

मा - तो जी कैसे सोते थे आप दीदी के उपर
पापा - दीदी को पहले पेट के बल सोने की आदत पड़ गई थी और मै जब दीदी को सोते देखता तो इनके पीठ पर सोकर हाथ आगे ले जाकर कस कर पकड लेता था ।

मा - क्या सच मे दीदी
बुआ - हा भाभी और कभी कभी तो सिर्फ अंडरवियर मे ही उपर चढ़ जाता था
मा - सच मे आप आज भी वैसे ही हो शरारती
बुआ - वो कैसे भाभी
मा - अरे आपके जाने के बाद अब मेरे ऊपर पीछे से चढ़ कर सोते हुए हाथ आगे ले जाकर मुझे परेशान करते है ।
बुआ - हीहीहि सच मे क्या भाभी
मा - अरे उतना करते तो ठीक था
बुआ - अच्छा ऐसा क्या करते है
फिर मा उठ कर बैठ गई
मा - रुकिये मै इन्ही से करवा के बताती हू आप जरा पेट के बल एक पैर फ़ोल्ड करके सोईए और दोनो हाथो को सर के निचे कर लिजीये ।
मा के बताये अनुसार बुआ ने करवट लेकर गान्ड उथाये वैसे ही लेट गयी और मा की तरफ चेहरा कर जिससे उनकी एक चुची भी उसी तरफ चटाई पर फैल गये जिस तरफ बुआ का चेहरा था ।
मा - चलिये जी अब आप दिदी के उपर आ जाईये ।
फिर पापा उठे इस समय वो एक जांघिये बनियान मे थे और दोनो पैर बुआ की कमर के दोनो तरफ रखा और धीरे-धीरे बुआ की उठी गाड़ पर लण्ड को रख के बुआ के उपर आ गये और बुआ के चेहरे पर अपना चेहरा रखा

मा - हा ठीक है अब अपना हाथ से दीदी का एक दूध पकड़ीये

पापा - ये क्या कह रही हो रागिनी
बुआ - अरे कोई बात नहीं भैया आप पकड लो मै कह रही हू ,,,वैसे भी आप कोई गैर थोडी हो
मा - अब चलो पकड़ो
फिर पापा ने बुआ की चूचि को थामा
मा - हा अब अपनी कमर को हिलाते हुए दीदी के दूध को दबाओ
पापा का लण्ड तो कबसे ही बुआ की गान्द पे रेग रहा था और पापा ने मा के कहे अनुसार बुआ की चुची को दबाना शुरू किया ।


To be continue in next update from Monday.

बहुत ही गजब कहानी हैं एक अलग ही रूप रेखा हैं। अब तक की कहानी से से ये तो साफ हों गया की हीरो अकेले किसी भी के साथ मजे नहीं करेगा। बल्कि परिवार के एक एक सदस्य की अलग ही कहानी चल रहा हैं ओर सभी एक दुसरी के साथ मजे कर रहा हैं। Xf में मेरे रीड किया हुआ कहानी में ये सब अलग हैं।

राज जिज्ञासू बालक जिसे सेक्स की ABCD जाना था जसका शुरुवात दोस्त के घर से हुआ। और घर तक पहुंच गया।

बाप की अलग कहानी हैं बाप पत्नी के अलावा दूसरे महिला के साथ मजे करता है। मां के सामने मौसी के साथ चमत्कारी लीला रचाया अब बुआ के साथ बचपन वाला खेल खेल रहा हैं।

मां की कहानी भी अलग नहीं था। मां भी घर से सारी जानकारी पहले से लेकर आई थीं। बस सील नहीं टूटा था जैसे की बताया गया। पति का खिंचाव दुसरी महिलाओं की और देख कर अब मां भी अपना मन बदलने लगीं हैं।

बहन इसकी भी अलग कहानी हैं। भाई का मोबाइल लेकर नीचे नीचे गुल खिला रही थीं जो राज ने पकड़ लिया अब सोनल राज की और धीरे धीरे आकर्षित हों रही हैं अब देखते हैं आगे किया किया होता हैं।

सोचा था पूरा रीड करने के बाद एक छोटा सा टिप्पड़ी चिपका दुंगा लेकिन बहुत ज्यादा अपडेट हैं इसलिए बीच में थोड़ा मोटा थोड़ा छोटा चिपका दे रहा हूं।

अदभुत अतुलनीय लेखन कौशल
 

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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बहुत ही गजब कहानी हैं एक अलग ही रूप रेखा हैं। अब तक की कहानी से से ये तो साफ हों गया की हीरो अकेले किसी भी के साथ मजे नहीं करेगा। बल्कि परिवार के एक एक सदस्य की अलग ही कहानी चल रहा हैं ओर सभी एक दुसरी के साथ मजे कर रहा हैं। Xf में मेरे रीड किया हुआ कहानी में ये सब अलग हैं।

राज जिज्ञासू बालक जिसे सेक्स की ABCD जाना था जसका शुरुवात दोस्त के घर से हुआ। और घर तक पहुंच गया।

बाप की अलग कहानी हैं बाप पत्नी के अलावा दूसरे महिला के साथ मजे करता है। मां के सामने मौसी के साथ चमत्कारी लीला रचाया अब बुआ के साथ बचपन वाला खेल खेल रहा हैं।

मां की कहानी भी अलग नहीं था। मां भी घर से सारी जानकारी पहले से लेकर आई थीं। बस सील नहीं टूटा था जैसे की बताया गया। पति का खिंचाव दुसरी महिलाओं की और देख कर अब मां भी अपना मन बदलने लगीं हैं।

बहन इसकी भी अलग कहानी हैं। भाई का मोबाइल लेकर नीचे नीचे गुल खिला रही थीं जो राज ने पकड़ लिया अब सोनल राज की और धीरे धीरे आकर्षित हों रही हैं अब देखते हैं आगे किया किया होता हैं।

सोचा था पूरा रीड करने के बाद एक छोटा सा टिप्पड़ी चिपका दुंगा लेकिन बहुत ज्यादा अपडेट हैं इसलिए बीच में थोड़ा मोटा थोड़ा छोटा चिपका दे रहा हूं।

अदभुत अतुलनीय लेखन कौशल
:thank_you: इस जर्रानवाजी का आपका बहुत बहुत धन्यवाद भाई साहब
पढते रहिये और बीच बीच लोकेशन भी साझा करते रहिए
 

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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UPDATE 104



अभी मुश्किल से रात के 8बजे थे और हम सब खाना खा कर हाल मे बैठे हुए दिन भर की विषयो पर चर्चा और आगे के कामो के लिये तैयारियो के बारे मे बाते कर रहे थे ।

सोनल और निशा उपर जा चुकी थी सोने और मै बहुत ही ज्यादा थक गया था तो मै मा को बोल कर अपने कमरे मे आ गया सोने ।

मैने मेरे कपडे निकाले और गर्मी के वजह से सिर्फ़ अंडरवियर मे सो गया ।

रात मे करीब साढ़े नौ बजे के करीब मेरा मोबाइल बजने की वजह से मेरी नीद खुली और मैने फोन चेक किया तो सरोजा जी का फोन था ।

मै पहले तो फोन देख कर उठाया ही नही ,,क्योकि मेरी नाराजगी जो थी उनसे लेकिन मन मे भड़ास भी निकालनी थी तो आखिरी रिंग तक मैने फोन पिक की ।

सरोजा - हाय हीरो कैसे हो

मै तुनक कर - हुउह आपसे मतलब ,,मै जैसा हू अच्छा हू
सरोजा - अरे सॉरी बाबा ,,,मै नही आ पाई ,मुझे एक डील के लिए बनारस आना पड गया था और भैया भी नही थे नही तो मै उनको ही भेज दी होती ।
सरोजा - तो सॉरी ना मेरे राजा ,,,माफ कर दो ना प्लीज

मै - हम्म्म ठीक है , जाओ माफ किया , लेकिन आप वापस कब आ रहे हो ।

सरोजा - बस यही कुछ एक हफते मे ,,,और बताओ सब कुछ कैसा रहा
मै - सब ठीक रहा , बस मा को बडी इच्छा थी आपसे मिलने की हुउउह आप आये नही

सरोजा - अच्छा बाबा नेक्स्ट टाईम पक्का हम्म्म
मै - हम्म्म
सरोजा - लग रहा है कि आज बात करने का मूड नही है,,,मूड बनाऊ क्या मेरे राजा का

मै मुस्कुरा कर - नही ,वो मै थक गया हू ना तो निद आ रही है

सरोजा - ओह्ह सॉरी , ठीक है तुम आराम करो ,हम बाद मे बात करते है । बाय गुड नाइट मेरे हीरो उउउउमम्मम्ंआआआह्ह

मै - ह्म्म्ं गुड नाइट

फिर मै फोन रख कर लेट जाता हू ।
तभी मेरा ध्यान मेरे खाली पड़े बिस्तर पर जाता और कुछ सोच कर मेरी निद पूरी तरह से गायब हो जाती है ।

मै मन मे - अरे मेरे साथ कोई सोया नही है ,,मौसी कही पापा के साथ तो
मै मुस्कुरा कर - ओह्ह तो आज जम कर थ्रीसोम हो रहा होगा ।

मै इसपे ज्यादा ध्यान नही दिया ,,लेकिन थ्रीसोम से मुझे ध्यान आया कि आज क्यू ना सोनल और निशा के साथ एक थ्रीसोम कर लिया जाये ।

मै बडी ताजगी के साथ उथा और एक टीशर्त और लोवर पहन लिया । जेब मे अपना मोबाइल रख लिया ताकि उपर जाकर बाहर से फोन करके दीदी को जगा सकू और अनुज को भी पता ना चले ।
मै बाहर हाल मे आया तो पापा के कमरे से कुलर के चलने की आवाज आ रही थी और मै सीधा निकल गया उपर एक बार अनुज का कमरा चेक किया तो सब कुछ शांत मिला ,,,क्योकि अनुज और राहुल भी बहुत थक गये थे तो आराम कर रहे थे ।

मै दिदी के कमरे के पास गया और दरवाजे पर खटखट किया । मगर कोई रेस्पोंस नही मिला ।

मैने फौरन दिदी के मोबाइल पर कॉल किया तो मोबाइल बिजी बताने लगा ,,, जाहिर सी बात थी कि वो अमन से ही बात कर रही होगी ।

मेरे फोन की रिंग पाते ही अमन को होल्ड पर रख के वो फोन पिक की
दीदी - हा भाई क्या हुआ ???
मै खुसफुसा कर - दिदी दरवाजा खोलो
दीदी अचरज से - दरवाजा खोलू ? मतलब ???
मैने बिना कोई रिप्लाई के थोडा जोर से खटखट किया
दीदी - तू बाहर है क्या भाई ?
मै खीझ कर - हा मेरी मा अब खोलो
दीदी ओके बोल कर दरवाजा खोली लेकिन तब तक वो मेरा फोन काट कर अमन से बात करने लगी ।

दिदी फोन पे - हा वो राज फोन किया था ,, नही बस ऐसे ही , हा

मै मुस्कुरा कर कमरे मे घुसा और दरवाजा बंद कर दिया ।
दिदी इस वक़्त एक इनर टेप और शोट्स पहने हुए थी ,,,वही बिस्तर पर लेती निशा भी वही पहने हुए थी ।जो कि सोनल की ही थी ।

दीदी अमन से बात करते हुए मुझे इशारे बोली क्या बात है ।

मै एक शैतानी मुस्कान दी और वो समझ गयी तो अमन का कॉल म्यूट पर डाल कर बोली - भाई मै बात कर रही हू

मै हस कर निशा की ओर इशारा किया तो बोली - ठीक है लेके जाओ फिर

मैने मुस्कुरा कर ना मे गरदन हिलायि ,,वही बिस्तर पर लेती निशा मे मेरे आने से ही खुमारि चढ़ने लगी थी ।
सोनल मेरे ना मे गरदन हिलाने पर निशा को देखती है जो इतरा रही होती है ।

मै हस कर - आप बात करो ना दिदी ,,हम आपको डिस्टर्ब नहीं करेंगे , बिना कोई आवाज के

सोनल मेरी बातो पर कोई प्रतिक्रिया देती उससे पहले ही अमन की आवाज सुनाई देने लगी जो काफी समय से सोनल की प्रतिक्रिया का इंतजार मे था ।

सोनल ने उसको अनम्यूट कर उससे बाते करने लगी और मै निशा की ओर बढ गया ।
सोनल वापस मोबाइल मे लग गयी ।
इधर मै निशा के पास गया तो वो उठ कर बैठ गई और हम दोनो एक गहरे लिपलॉक मे खो गये ।

धीरे धीरे उसके होठो को चुसते हुए मै उसे बिस्तर के किनारे तक ले आया और वो समझ गयी ।
उसने अपने पैर बिस्तर से लटकाये और मेरे लोवर को पकड कर खिच कर निचे किया ।

मेरा लण्ड जो पहले से ही खड़ा था वो निशा के हाथो का स्पर्श पाकर और टनटना गया ।

निशा बड़ी उत्सुकता से मेरे लण्ड को थाम कर उसकी चमडी को आगे पीछे करते हुए मेरी आंखो मे देखा और मुस्कुराने लगी ।

मैने भी उसके बालो मे हाथ फेरा और उसने झुक कर सुपादा खोलते हुए लण्ड को मुह मे ले लिया ।

इधर सोनल अमन से फोन पर बाते कर रही थी और उसकी नजरे मेरे और निशा पर ही जमी थी ।

यहा निशा धीरे धीरे पुरा लण्ड मुह मे लेने लगी वही सोनल की हालत खराब होने लगी और वो अमन की बातों का कोई खास जवाब नही दे रही थी ।

निशा बडे आराम से हौले हौले अपनी अदा से मेरे लण्ड को गिला करना शुरु कर दिया था और मेरे भी हाथ उसकी चुचियॉ पर थे जो टेप के उपर से ही उन्हे सहला रहे थे ।

मेरी नजर जब भी सोनल से टकराती तो वो बस एक मुस्कान देती और मै उसे पास आने का इशारा करता तो वो मुझे फोन दिखा देती ।

इधर थोडी देर तक निशा से अपना लण्ड चुसवाने के बाद मैने उसे खड़ा किया और उसके होठ चूसने शुरु कर दिया और होठ चुस्ते हुए शॉटस के उपर से उसकी कसी हुई गाड को मसलना शुरु कर दिया ।

हाथो मे भर भर के उस्के गाड़ के पाटो को फैलाने लगा ।
फिर मैने निशा को पीठ की ओर घुमाया और सामने लाकर निचे से हाथ ले गया और उसकी चुचियॉ को पकड कर मसल दिया जिस्से निशा की तेज सिसकी निकल गयी ।

निशा की सिसकी सुन कर सोनल ने चौक कर हमे देखा तो मै धीरे धीरे सोनल को दिखाते हुए निशा का टेप उपर कर देता हू और खुली कडक चुचियॉ को हाथो मे भर कर मसलने लगता हू ।

सोनल इस सीन को देख कर कामुकता से भर जाती है और उसके हाथ खुद ब खुद उसकी चुचियॉ पर चले जाते है । उसे हमारा रोमांस देख कर नशा सा होने लगता है और वो अमन से उसकी बाते सुन कर बस हू हा मे जवाब देते हुए हमे देखकर अपनी चुचियॉ को सहलाने लग जाती है ।

यहा निशा की हालात खराब थी क्योकि मेरी सख्त खुरदरी हथेलिया उसकी कडक निप्प्ल पर घूम रही थी और वो सिसक जा रही थी । निशा मादकता बस अपनी गाड़ को मेरे लण्ड पर घिसने लगी । अपने लण्ड पर उसके मुलायम गाड़ का स्पर्श पाकर मै और उत्तेजित होने लगा और एक हाथ निशा की चुत को शोट्स के उपर से ही सहलाने लगा ।
यहा निशा और भी अठखेलियां खाने लगी मेरे बाहो मे और वही सोनल ने धीरे धीरे अपने जिस्मो के हर हिस्से को छूना शुरु कर दिया और हल्की सिसकिया भी ले रही थी ।

मेरे हाथ निशा की चुचियॉ को मसल रहे थे और वो लाल होने लगे थे और दुसरे हाथ ने उसकी चुत को रगड़ रखा था ,,,,निशा की सिसकियाँ काफी कामुक थी ,,,उसका एक हाथ मेरे लण्ड को अपनी मुथ्ठी मे कस कर उसे भींच रहा था । ये सब देख के सोनल को रहा ना गया और उसने अपनी चुचिय बाहर निकाल दी टेप से और उन्हे मसलने लगी ,,,मगर अब भी उसने फोन नही काटा था , ना जाने क्या बाते हो रही थी ।

यहा मेरे हाथ निशा के शोट्स मे घुस कर उसकी पैंटी मे भी घुस गये थे और उसके चुत के दाने को सहला रहे थे ,,,उस्की चुत पानी बहा रही थी।
मैने बिस्तर की ओर झुकाया और उसकी शॉटस को पैंटी सहित जांघो तक सरका दिया ।
फिर मै घुटने के बल बैठ कर उसके गोरे मुलायम गाड़ के पाटो को सहलाते हुए उन्हे फैलाया और अपनी जीभ पर खुब सारा लार एक्थ्था कर निशा की गाड़ के गुलाबी सुराख को गिला करने लगा ।

अपनी गाड़ के सुराख पर मेरी गीली जीभ का स्पर्श पाते ही निशा तिलमिला उठी और काँपने लगी ।
मैने उसके कूल्हो को थामा और अच्छे से जीभ चलाना शुरु कर दिया ।
निशा की हालत खराब हो रही थी और वो अपने चुतड के पाटो को सखत करते हुए एठने लगी ,,,मगर मेरी मजबूत पकड से मै उसके चुतड के मुलायम गोरे पाटो को फैलाये चुत से निचले सिरे से गाड की सुराख तक मुह धन्साये जीभ फेर रहा था ,,वही सोनल की हालत भी कुछ खास ठीक नही थी ,,,वो तो अमन की बातो को पूरी तरह से नकार चुकी थी , वो क्या बके जा रहा था उससे सोनल को कोई मतलब नही था ,,,वो ब्स हमारी कामलीला देख कर बहुत ही गरम होने लगी थी ,,,उस्के हाथ उसकी खुली चुचियॉ से सरक कर उसकी चुत तक आ गये ।

सोनल बिसतर का टेक लेके अपनी जान्घे खोल कर बैठी हुई थी और एक हाथ से शॉटस के उपर से ही अपनी चुत को सहलाते हुए ,,,बहुत ही कामुक भरी सिसकिया ले रही थी ।

इधर निशा के पैर अकडने शुरु हो गये ,,,उसका सन्तुलन बिगड़ने लगा था । मुझे अहसास हुआ कि अब वो झड़ रही है यो मैने अपनी गर्दन निचे कर उसके चुत के निचले सिरो पे लगा दिया और चपड चपड़ जीभ चलाने लगा ।

निशा अपनी सासे बन्धे झडने लगी और यही मौका मुझे सही लगा और मैने खड़ा हुआ ।
फिर मैने निशा कर एक पैर फ़ोल्ड करके बेड पर रखा और लण्ड को उसकी चुत के टिका कर एक झटके मे आधा लण्ड उतार दिया ।

निशा की आंखे बाहर हो आने लगी और उसकी सिसकी इत्नी तेज थी कि उसने मुह पर हाथ रख लिया ,,,,मै एक पल को लण्ड को ऐसे ही रोके रखा और सोनल को देखा तो वो समझ गयी कि उसे अब फोन रख देना चाहिए

सोनल - सुनो मै बाथरूम जा रही हू अभी बात करते है ,,
ये बोल कर सोनल ने फोन काट दिया और मुस्कराकर मेरी ओर इशारा किया की मै आगे बढ जाऊ ।

मैने एक बार फिर निशा से कुल्हो को सहलाते हुए थामा और एक ताकत भरा धक्का निशा की चुत मे पेल दिया ,,,मेरा लण्ड निशा की चुत को चिरता हुआ उसकी जड़ तक चला गया ।

निशा दर्द से तडप उथी ,,,उसकी सिस्कियो मे दर्द की अह्ह्ह भरी थी ।

धीरे धीरे मैने ध्कके देने शुरु किये और पेलना जारी रखा

वही सोनल ने अपने सारे कपडे निकाले और नंगी होकर अपनी चुत को निशा के सामने ले गयी ।

निशा ने भी देरी किये बिना तुरंत अपना मुह उसकी चुत मे भिड़ा दिया ।

ये सब देख कर मुझमे और भी उत्तेजना आ गयी और मै निशा के दुसरे पैर को भी उठा कर बेड पर कर दिया

अब मेरा लण्ड सीधा निचे की तरफ निशा की चुत मे उतरने लगा ,,,,जिससे और भी पागल होने लगी ।

सोनल भी जो कि हमारी चुदाई से मदहोश हुई जा रही थी वो मुझे जोरदार धक्के लगाते देख कर और भी गरम होने लगी ।
उसने निशा के बाल को पकड कर उसके चेहरे को अपनी चुत पर बडी बेरहमी से दरने लगी ,,वही मेरे लम्बे लम्बे धक्के खाने से निशा बुरी तरह से तडप जा रही थी ।

इधर सोनल भी निशा के चेहरे को अपनी चुत पर दरते हुए झड़ रही थी और मै भी लगभग चरम पर ही था ।

एक झटके मे मैने अपना लण्ड निकाल कर निशा को झटका ।
वो दोनो समझ गयी कि क्या होने वाला है और वो फटाफत अपनी मेहनत का इनाम लेने घुटनो के बल फर्श पर बैठ गयी और अपना मुह खोल कर जीभ बाहर निकाल दिया ।

निशा का चेहरा बुरा तरह से बिखरा हुआ पडा था क्योकि मैने और सोनल ने मिल कर जो बेरहमी से मजे दिये थे ,,,
इधर मेरा माल निकलने को था और मैने अपनी एडिया उच्काई और लण्ड को मुठियाते हुए पिचकारी को दोनो के मुह पर छोडा और आखिर मे लण्ड को झाड़ कर खड़ा हो गया ।

दोनो ने बारी बारी से मेरे लण्ड को निचोड़ा और किसी पेशेवर लेस्ब्न पोर्नस्टार की तरह आपस मे मेरे माल को साझा कर एक दुसरे के होठ चूसे ।

फिर हम सब उठे और बेड पर बैठ गये ।
थोडा आराम करने के बाद वो दोनो अपने कपडे पहनने लगी ।तभी मेरी नजर एक पैक हुए बैग पर गयी जो दीदी की थी ।

मै - दीदी ये बैग क्यू निकाला है ।
सोनल - अरे हा ,,वो मुझे परसो मौसी के साथ उनके घर जाना है ना ,,तो कल उसी के लिए पैकिंग करनी है ।

मै - अरे लेकिन अभी से क्यू ,,,रमन भैया की शादी मे अभी तिन हफते है ना ।

सोनल - भाई मन तो मेरा भी नही है जाने का ,,,मगर मौसी मा से बोल दी है और मा ने भी हा कर दी है । तो कल मुझे उन्ही के साथ जाना पड़ रहा है ।

मै खुश होकर - अरे कोई बात नही मौसी के यहा जाओ ,,,वैसे भी वो अकेली पड जाती है ना काम करने के लिए ।

सोनल - हा इसिलिए मा ने अनुज को भी लेके जाने को कहा है ।
मै - लेकिन अनुज को क्यू
सोनल - पता नही , और कल हम सब लोग शॉपिंग के लिए भी जायेंगे ,,,फिर परसो यही से गाडी बुक करके मौसी के यहा सारा सामान लेके निकल जायेंगे ।

मै उलझन में - लेकिन ये सब प्लानिंग कब हुई
सोनल - अरे वो तो कल शाम को ही जब मौसी आई तो तभी । उस वक़्त तू था नही ना और इतने काम पड़े थे तो किसी को ध्यान मे ही नही आया ।

मै - हा ये भी है ,,,,कोई बात नही कल मै बात कर लूंगा मम्मी से ,,,
फिर मै उन दोनो को सोने का बोल कर नीचे चला आया ।
वैसे भी थक ही चुका था और कल फिर से भागा दौडी होनी थी । इसिलिए मै भी सो गया ।


सुबह 6 बजे मोबाईल का अलार्म बजा और मेरी निद खुली तो मै उठकर बाथरूम मे की ओर गया तो दरवाज बंद था ।

बाथरुम के दरवाजे पर खटपट सुन कर अन्दर से रज्जो मौसी की आवाज आई और मै इत्मीनान हो गया ।
फिर मै कमरे से निकल कर बाहर आया तो देखा कि चाचा चाची निशा राहुल सब लोग अपने घर निकल रहे है और मा भी एक मैकसी पहने बाहर गयी थी ।
मै - क्या हुआ सब लोग इतनी सुबह क्यू जा रहे हो
मा - पुछ वही अपनी चाची से पता नही कौन सी जल्दी है
चाची सफाई देते हुए - अरे बेटा बहुत काम पड़ा है ,,,इतने दिन से यही थी तो घर मे सारा समान बिखरा है ,,सारा कुछ साफ सफाई भी करना पडेगा ना

मै भी उनकी सम्स्या को समझा आखिर वो लोग हमारे लिए ही तो अपना काम सब कुछ छोड कर हमारे साथ लगे थे ।

तो मैने भी उनको जाने की इजाजत दी ।
फिर मै भी 8 बजे तक नहा धो कर फ्रेश हुआ और नास्ते के लिए आया ।

सभी लोग नासता कर रहे थे तो मैने मौसी से नाराजगी जताते हुए बोला कि कयू आखिर उन्होने मुझे नही बताया कि वो सोनल और अनुज को लिवा के जा रही है ।फिर मा ने मुझे प्यार से दुलारा और समझाया कि वहा ज्यादा लोग नही है ना तो ये लोग रहेंगे तो काम मे हाथ बट जायेगा ।
नासता करने के बाद मै और पापा अपने दुकान के लिए निकल गये थे और मैने बोल दिया कि वो लोग अनुज को ही लिवा जाये शॉपिंग के लिए ।

मा ने भी मेरी हालत समझी क्योकि मै बहुत थक गया था और मुझे दुकान भी देखना था । चुकी इस समय शादियो का समय चल रहा है तो अकेले अनुज के बस था नही कि वो सम्भाल ले ।

फिर मै दुकान पर निकल गया और देखते ही देखते आज का दिन बीत गया ।

रात को 8 बजे तक मै घर गया तो हाल मे काफी सारे समान की पैकिंग चल रही थी ।

मै - मौसी यहा से क्यू इत्ना सब ढो रही हो आप ,,, वहा शहर मे तो सब बडी आसानी से मिल जाता आपको

मौसी - अरे लल्ला ,,वहा मै अकेले घूम कर कितना और क्या क्या लेती ,,यहा तेरी मा ने मेरी मदद कर दी है अब कल हम लोग निकल जायेंगे गाडी बुक करके

मै - हा ये भी सही है ।
इधर मा और दीदी किचन मे खाना बना रही थी और अनुज मौसी के साथ समान की पैकिंग कर रहा था ।
इतने मे पापा भी आ गये और वो भी इतनी सारी शॉपिंग के लिए वही सब पुछताछ किये जो मैने की थी और मैने उन्हे जवाब देके संतुष्ट किया ।

रात मे 9 बजे तक खाना के बाद हम सब अपने अपने कमरो मे सोने चले गये ।
रात मे मौसी मेरे साथ ही सोयी और एक राउंड की जोरदार चुदाई के बाद मैने उन्हे पापा के पास भेज दिया और खुद उपर दीदी के पास चला गया ।


जारी रहेगी ।
 

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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Nice update bhai

Superb very nice update brother

Fantastic update waiting for next

Sirf humko invitation card nahi diya bhai shadi ka dil se bura laga,,,..... AWESOME UPDATE...

SONAL ka shadi ho gayi ab aayega maza....DONO SAMDHI MILKAR SONAL KO EKSATH...
পরবর্তী পর্বের অপেক্ষায় আছি বন্ধু.... waiting
6aa387801

बहुत प्यार देंगे

To shagai ka karyakram poora hua par usme bhi Raj ne bua ko Aur Rangilaal ne Mausi ko ragad hi lia.... Wo to samay nahi mila nahi to nana bhi Ragini ko kahan chhodne wale the...
Par jo aap ne ant mein kaha ki ab bari thi sone ki to Rangilaal ka parivar itana shareef to nahi ki seedha so hi jaye... To kuch to zaroor hoga uska intezar hai.
Mazedaar update

Great update...

Rochak aur Romanchak. Pratiksha agle rasprad update ki

Lagbhag sab kuch ho hi gaya hai...iske bad to shadi bullet 🚅 train ki tarah ho jayegi.... waiting... bhai jaldi update diya karo

Shadi se pahele bachelor party dhamake dar hini chahiye

Kamal ki story hai bhai

Nice update

Shandaar update

Update thora jaldi diya karo.let home par maza nhi ata.

Pratiksha agle rasprad update ki

Nice update dost

Excellent update


:congrats:
For completing 400 pages on your thread.

:celebconf:
:celebconf:

बहुत-बहुत बधाईयाँ, भाई :congrats:

400 पेज पूरे होने पर बहुत बधाई हो आशा है ये कहानी नए कीर्तिमान स्थापित करेगी

Update me thora raining lao. Bhai.

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शानदार जबरदस्त ज़िंदाबाद।
कमाल कर दिया भाई ऐसा गरमा गरम कार्यक्रम बनाया है कि बदन का सब कुछ खड़ा हो गया।
इस ख़ास प्रोग्राम का बेसब्री से इंतज़ार है।
बहुत उम्दा

Congrats for completing 400 pages :applause: :applause: :applause:

पढ लिया
शुरु करो

भाई पढ़ के बहुत ही उत्सुक हूँ बस अपडेट थोड़े जल्दी देना वरना कहानी का मज़ा खराब हो जाता है ।

Waiting For Next
Aap sabhi ki pratikriya k liye dhanywaad dosto....
New update posted Read and review
 

TharkiPo

Dramatic Entrance
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Bahut hi zabardast update bhai..
Sonal nisha aur raj ka threesome zabardast tha udhar bechara doolha is sabse bekhabar tha ghar mein poore maze hain raj kr kabhi maa to kabhi mausi to kabhi bahan to kabhi chachi...

Khair ab to Anuj aur Sonal bhi nahi rahenge aise mein raaj kya dhoom machayega uska intezar hai
 
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