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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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UPDATE 99


शाम को मैने मा को आगे की प्लानिंग बताई और वो 5 बजे तक घर चली गई ।
थोडी देर बाद अनुज , गीता बबिता के साथ दुकान पर आया । वो तीनो काफी खुश थे और उन्होने काफी घुमा खाया पिया । फिर अनुज उनको लेके चौराहे वाले घर चला गया ।

शाम को दुकान बंद करने के समय अचानक से चंदू आया

मै - अबे साले कहा था तू इतने दिन से
चंदू - भाई वो दीदी को लेने गया था , अभी थोडी देर पहले आया हू
मै - अच्छा किया चला आया ,, भाई दीदी की सगाई को लेके काफी काम है अगले हफ्ते से
चंदू - अरे हा मम्मी ने बताया आज
चंदू एक कातिल मुस्कान के साथ- वैसे मैने तेरा इन्तेजाम कर दिया है

मै उत्सुकता से - कैसा इन्तेजाम बे
चंदू मेरे पास आकर धीमी आवाज में - साले भूल गया , वादा किया था तुझसे कि दीदी के आने के बाद सबसे तुझे ही दिलाउंगा

मै तो पुरा जोश से भर गया - सच मे , लेकिन कैसे मनाया तुने

चंदू - वो सब छोड , तू तैयार रहना कल
मै हड़बड़ी से - कल !! नही नही भाई मुझे इस समय बहुत काम है और ये मेरा पहली बार तो

मै - ऐसा करते हैं कि दिदी की सगाई के बाद का प्रोग्राम रखते हैं
चंदू - मतलब तब तक मुझे उसको चोदे बिना रहना पडेगा , भाई तेरे लिए मैने आज मौका मिलने के बाद भी नही पेला उसे

मै हस कर - अबे तेरी जैसी मर्जी ,,, मैने थोडी न कहा कि तू मत करना , तुने ही खुद से बोला था ।

चंदू राहत की सास लेते हुए - थैंक्स ब्रो , और मेरे लिए कोई काम होगा तो बताना

मै कुछ सोचकर - अभी तो नही , हा 3 4 दिन बाद पड़ेगी तब बताता हू

फिर हमने ऐसे ही कुछ बाते ही और वो अपने घर निकल गया और मै अपने चौराहे वाले घर
रास्ते मे जाते वक़्त मैने आगे के प्लान के लिए कुछ खरीदारी की और पहुच गया चौराहे पर ।

अभी पापा नही आये थे और नाना जी गेस्ट रूम ने अपनी दोपहर की थकान मिटा रहे थे ।

दीदी और मा किचन मे लगी थी ।
मैने उनसे गीता बबिता के बारे मे पुछा तो सोनल ने बताया कि वो आज दोनो दोपहर से ही अनुज के साथ है और उसी के मोबाईल पर मूवी देख रही है ।

मैने मा को आवाज दी और उन्हे धीरे से वो समान दे दिया , मा ने चुपके से सोनल से बचकर इशारे मे पुछा,,, कोई दिक्कत तो नही होगी ना इससे

मै - नही मा बहुत हल्का और धीरे धीरे असर वाला है ,
मा शर्माई और मै भी फ्रेश होकर नाना को जगाने चला गया ।

थोडी देर बाद मै और नाना हाल मे बैठे रहे ,,, इस दौरान अभी भी नाना की नजर मा के साड़ी मे उभरे हुए कूल्हो पर जमी थी ।

थोडी देर बाद मा ने नाना को उनकी शाम की दवा दी और फिये हम दोनो के लिए चाय लाई और पहले मुझे दिया फिर नाना को मुस्कुरा कर दिया ।

मा की मुस्कुराहत पर नाना झेप से गये और उन्हे सुबह हुए बाथरूम की घटना याद आ गई और तुरंत उन्के लिंग ने प्रतिक्रया स्वरूप ठुमक उठा।
हमने चाय पी और फिर हम छत पर टहलने चले गये ।

थोडी देर बाद ही शकुन्तला ताई अपने छत पर आ गयी और कल की तरह ही वो आज भी मैक्सि मे थी ,,,नाना ने कनअखियो से उन्हे ताड़ा जिसका आभास शकुन्तला ताई को था । वो भी कभी नाना पर नजर मार देती थी कि कही अभी भी तो नही घुर रहे थे वो उन्हे ,,, और जब नजर टकराती वो मुस्कुरा देती


मै मुस्कुरा कर - लग रहा है ताई भी आपको पसन्द करती है नाना जी

नाना चौके और हसे - तू बहुत नटखट है रे ,, तेरी नजर हमेशा मुझ पर ही होती है

मै - अब देखना पडेगा ना , कही इस उम्र मे आप बिगड़ ना जाओ हिहिहिही

नाना ठहाका मार के हसे और मेरे कन्धे को थपथपा कर बोले - तू सचमुच मेरे जोडी का है रे ,,,, हाहाहहा

मै - सब आपसे ही सिख रहा हू हिहिहिही

इधर हमारी बाते चल रही थी और यहा मेरे प्लान के मुताबिक नाना पर दवाई का हल्का असर शुरु हो गया था ।

दरअसल मैने शाम को आते वक़त एक मैडिकल स्टोर से कम क्षमता की व्याग्रा की गोली लेली थी और वो मा ने नाना को चाय के ठीक पहले ही उनकी शाम की दवा के तौर पर देदी थी ।

उसी का असर था कि नाना को छत पर ठण्डक माहौल मे बेचैनी होने लगी और उनके लिंग मे कसाव होने लगा ।
वो अपनी काम वासना पर काबू कर रहे थे जिसके प्रभाव स्वरुप उन्हे हल्के पसीने हो रहे थे ।
नाना ने बैचैन होकर नहाने की बात कही तो हम निचे आ गये ।

हाल मे
नाना - बेटा जरा मेरे कपडे निकाल दे ,,बहुत गर्मी हो रही है ।

मा ने एक नजर मुझे देखा और मैने एक स्माइल पास की ।

मा - आप नहायीये बाऊ जी मै कपडे लेके आती हू ।
नाना भी गर्मी से परेशान थे और वो फटाफट नहाने के लिए गेस्टरूम मे गये ।

उधर दीदी खाना बनाने मे व्यस्त थी और मा मुझे लेके कमरे मे आई
मा - बेटा उससे कोई दिक्कत नही होगा ना बाऊजी को
मै मा के गाल चूम कर - नही मा कोई दिक्कत नही होगी वैसे भी वो बहुत हल्की डोज़ वाली है । अभी धीरे धीरे उसका असर बढ़ेगा ।

फिर मा ने नाना के अंडर के कपडे और तौलिया लेके गेस्टरूम मे गयी और उन्हे देके वापस आई ।

इधर खाना बन गया और नहाने के बाद थोडी देर के लिए नाना जी को राहत मिल गयी ।
थोडी देर बाद हम सब ने खाना खाया ,,,,खाने के दौरान पापा की अनुपस्थिति पर नाना ने सवाल किया तो मा और मै एक दुसरे को देख कर मुस्कुराये ।
फिर अनुज ने भी वही सवाल दुहराया कि पापा क्यू नही आये ।

मा नाना से मुखातिब होकर - बाऊजी वो इसके पापा आज वही दुकान पर ही रुकेंगे ,,,ट्रांसपोर्ट से सामान आने वाला है आज

मा के सवाल से घर के बाकी सदस्य संतुष्ट हुए क्योकि अक्सर होता रहता था । कभी कभी जब शादियो या त्योहारो का सीजन आता था तो नये बर्तन का स्टोक देर रात तक डिलेवर होता था ।

खैर ये सब बाते तो कहानी के बाकी किरदारो के जानने के लिए थी ,,,मगर राज के पापा के गायब होने असल कारण राज की योजना ही थी ,,,आज रात किसी भी तरह राज अपनी मा और नाना का मिलन करवाना चाहता था मगर उसके पापा के रहते ये सम्भव नही था इसिलिए उसने विमला को इस प्लान मे शामिल करने का फैसला किया ।

दरअसल शाम को जब राज अपनी मा के साथ आगे की योजना बनाई और फिर उसकी मा के जाने के बाद उसने विमला के पास फोन किया ।

फोन पर
राज - नमस्ते मौसी कैसी हो
विमला - खुश हू बेटा,,,कहो कैसे याद किया आज हा
राज विमला को छेड़ते हुए - अपनी सेक्सी मौसी को आखिर क्यू याद कर सकता हू मै हा

विमला शर्मायी - इतनी याद आ रही है तो आजाओ ना
मै ह्स कर - आना तो मुझे नही आपको पडेगा

विमला उलझन से - मतलब मै समझी नही
राज ह्स कर - मौसी आपको मेरा एक काम करना है
विमला खुशी से - हा बोल ना बेटा क्या बात है
राज - अब तुमसे कुछ छिपा तो है नही कि तुमसे कुछ छिपाऊ ,,,,बस इतना जान लो मनोज वाली प्रोब्लम हो गयी है मेरी
विमला पहले उलझी फिर कुछ सोच कर हस पड़ी - ओह्ह आखिर मेरा शक सही निकला ,,,तू भी पागल है अपनी मा को पाने के लिए,,, लेकिन इसमे मै तेरी क्या मदद कर सकती हू

राज ह्स कर - अरे मौसी , आपको बस अगले दो रातो के लिए पापा को सम्भालना है ,,,चुकी इस समय घर पर नाना आये हैं तो मम्मी पापा का कुछ हो नही पा रहा है और मैने भी कुछ सोचा है अपने लिये जो पापा के ना रहने पर ही हो पायेगा हिहिहिही

विमला ह्स कर - बदमाश कही का ,,,तू बहुत चालू है
मै हस कर - फिर अपने इस लाड़ले की मदद करोगी ना

विमला इतरा कर - लेकिन उसके अगली रात मे तुझे आना पडेगा ,,बोल मंजूर
मै हस कर - हा क्यू नही

फोन कट जाता है

तो घुमा फिरा कर बात ये थी कि राज ने विमला को झूठ बोल कर अपने प्लान मे मिला लिया और अगले दो रातो के लिए अपने पापा को व्यस्त कर दिया था ।

वापस कहानि पर

खाने के बाद सोनल उपर चली गयी ,, गीता बबिता भी अपने वादे के मुताबिक अनुज के साथ चली गयी सोने ।

मैने पहल कर नाना को अपने कमरे मे सोने को कहा और फिर मा अपने कमरे मे चली गयी ।
कमरे मे जाने के बाद नाना ने अपने कपडे निकाल दिये क्योकि उन्हे दवा के असर से गर्मी बहुत लग रही थी ।।
मै भी आज सिर्फ अंडरवियर मे रहा ताकि नाना जी कोई शक ना हो और यही जताया कि गरमी ज्यादा है।

मगर व्याग्रा का असर धीरे धीरे उनके लिंग पर वापस होने लगा था और थोडी देर मे दरवाजे पर दस्तक हुई

मा - राज बेटा दरवाजा खोल तो

मै - खुला है मा , आजाओ

मै और नाना अधनंगे बिस्तर पर लेते थे और मा पानी और नाना का दवा लेके आई ।
मा इस समय सिर्फ ब्लाउज पेतिकोट मे थी और बिना ब्रा के हल्के अंगूरी रंग के सूती ब्लाउज मे उसकी चुचियो के काले निप्प्ल साफ दिख रहे थे ,,, कूल्हो के पास एक तरह मा ने जहा पेतिकोट का नाड़ा बाँधा था वो गैप से उनकी हल्की सावली जांघ साफ दिख रही थी ।
इस कामुक नजारे का प्रभाव मुझसे ज्यादा नाना पर हो रहा था और मा की डीप गले के ब्लाउज मे उभरी चुचियॉ की घाटी देख कर नाना का लण्ड तन गया था । मानो जान्घिये को फाड देगा और इस नजारे का असर मुझ पर हुआ मै आने वाले कामुक भविश्य के बारे मे सोच कर उत्तेजित मह्सुस करने लगा था ।

मा ने नाना की दवाई दी और मुस्कुरा कर चली गयी ।
जाते वक़्त मा ने अपने कूल्हो कुछ कामुक तरीके से ऐसे बल्खाया की हम दोनो के लण्ड ने झटके मार दिये ।

मा के जाते ही नाना और मै एक दुसरे को देख कर मुस्कुराये और उनहोंने थोड़ी शर्म मह्सुस की ।

मैने उन्हे उनके खडे लन्द पर तकाया
वो हसे और उसे दबाते हुए बोले - ये तो मर्दो की निशानी है बेटा

मै ह्स कर - हा मगर ये निशानी किसकी याद मे उपर हो रही है हिहिहिही

नाना ह्स कर - अरे रात का समय है तो इसकी बेला हो चली है तो ये अपनी मनमानी करेगा ही ,,,चल बत्ती बुझा दे और सो जा

मै भी हस्ते हुए बत्ती बुझा दी ।
करीब आधे घन्टे बाद दवा ने पुरा असर दिखाना शुरु कर दिया ,,, जिसका परिणाम ये हुआ कि नाना को अपने लिंग मे बहुत सख्ती मह्सूस हुई और दर्द भी होने लगा । छ्टपटाहट मे वो करवत बदलने लगे और लण्ड को सभी दिशा मे घुमा कर दबा कर शांत करने लगे ,,मगर उनको शान्ति नही मिल रही थी ।

उनकी खड़बड़ाहत और कराह से मै मुस्कुरा कर उठा और फटाक से बत्ती जला दी

देखा नाना जी पंखे के निचे भी पसीना पसीना हुए है और अपने दोनो हाथ से अपना लंड जांघो मे दबा रहे

मै चिन्ता जताते हुए - नाना जी आप ठीक तो हो

नाना कसमसा कर - आह्ह बेटा हा ठीक हू
मै - नही मुझे आपकी तबियत ठीक नही लग रही है देखिये कितना पसीना हो रहा है,, रुकिये मै मा को बुला के लाता हू

नाना चौके - नही नही बेटा, मै ठीक हू ,,,छोटकी को परेशान न कर

मै जिद दिखा कर - नही नही आप रुको मै मा को लिवा के आता हू

फिर मै फटाक से उठा और दरवाजा खोल कर सिधा मा के कमरे मे गया जो अपने दरवाजे पर ही खड़ी सब सुन रही थी ।

मा इशारे से क्या हुआ पूछी तो मै उन्के कान के पास जाकर - दवा का असर हो गया अब हमारे ड्रामे की जरुरत है

मै और मा मुस्कुराये और फटाक से मेरे कमरे मे आ गये ।
जहा नाना उठा कर बैठ गये थे और अपनी धोती को फैला कर अपने जाघिये को धक लिया था और बाकी हिस्से से अपना पसीना पोछ रहे थे ।

मा हड़बड़ी और चिन्ता दिखा नाना के बगल मे खड़ी होकर -क्या हुआ बाऊजी , आपको इतनी गर्मी क्यू हो रही है ।

नाना - नही बेटी कोई दिक्कत नही है ,, आज गर्मी ज्यादा है बस

मा - नही बाऊजी ,, आज इत्नी भी गर्मी नही है , जितना आपको हो रहा है ।

मा बात करते हुए बहुत हिल रही थी जिससे उसकी चुची हिल्कोरे ले रही थी और नाना की नजारे मा की घाटी का दिदार कर और गरमा रहे थे ।

मा हड़बड़ा कर - राज तू रज्जो मौसी को फोन कर , उनहे पता होगा ,,बाऊजी नही बतायेंगे

मै भी चिंता दिखाते हुए जल्दी से रज्जो मौसी को फोन लगा दिया और मा को दे दिया

फ़ोन पर
रज्जो - हा राज बोलो बेटा
मा - मै बोल रही हू जीजी ,,वो बाऊजी को पता नही क्यू बहुत गरमी हो रही है
रज्जो - तुने दवा दी ना समय से उनको
मा - हा जीजी ,
रज्जो कुछ सोच कर - अच्छा तुझे कुछ अन्दाजा है कि बाऊजी ने सेक्स कितने दिन पहले किया था
मा मुस्कुराई और फिर बोली - क्या जीजी मै ये कैसे जानूंगि ,,

रज्जो - अच्छा तू बाऊजी को फोन दे
मा ने शर्माकर नाना को फोन दिया

नाना - हा बेटी बोल
रज्जो - बाऊजी आपको वो सब किये कितने दिन हुए

चुकि नाना जी जानते थे कि अभी अभी ये सवाल रज्जो मौसी ने मा को किया था और वो नही चाहते थे कि मा ऊनके बारे मे कुछ गलत सोचे इसिलिए वो झूठ बोले ।

नाना - अब यही कोई 5 6 दिन
रज्जो - तभी आपको दिक्कत हुई है शायद , आप रागिनी को फोन दीजिये

फिर नाना ने मा को फोन दिया मा ने मुस्कुरा कर लिया - हा जीजी
रज्जो - वो दरअसल बाऊजी ने 5 6 दिनो से सेक्स नही किया है इसिलिए उनको ये दिक्कत हो रही है, जब ऐसा होता है तो डॉक्टर ने बोला था कि थोडा बर्फ से उनके वहा वाले जगह की सेकाई करने को उससे उनको आराम मिल जायेगा ।

मा मुस्कुरा कर थोडी नाना के सामने शर्मा कर - जी ठीक है दिदी
फिर फोन कट जाता है

मै जो कि सारी बाते जानता था और सब कुछ मेरे प्लान के मुताबिक ही हो रहा था । मुझे और मा को पहले से डॉक्टर वाली सलाह का आइडिया था तभी मैने ये व्याग्रा वाला प्लान बनाया था । क्योकि हमे पता था कि नाना को कोई भी दिक्कत होगी उसमे सिर्फ सेक्स का ही रोल होगा और उसी से जुड़े सवाल होंगे । और मेरे अनुसार मेरा प्लान कार्यरत था ।

फिर भी नाना के सामने उत्सुकता से मा से बोला - क्या बात हुई मा ,,क्या कहा रज्जो मौसी ने

मा शर्मा कर पहले नाना को देखा और फिर बोली - कुछ नही तू सो जा , और बाऊजी आईये आप मेरे कमरे मे चलिये ,,वहा इसके पापा ने कुलर लगवाया है ।

नाना - नही बेटी मै ठीक हू
मा ने इस बार जिद दिखाई और उन्हे पकड कर उठाने लगी तो हस कर मा के साथ उन्के कमरे मे गये ।
मै अपने कमरे खुशी से और उत्तेजित होने लगा कि आगे क्या क्या होना है ।
मै उठा और एक जोर की अंगड़ाई ली और फनफनाते लण्ड के सिरे को दबा कर उसे समझाया कि अभी और मौका मिलेगा उपर उठने का ।

मै दबे पाव कमरे के बाहर झानका तो मा अपने कमरे से बाहर किचन की ओर जाती दिखी

मै फटाक से किचन मे गया
मै मा को पीछे से पकड कर उनकी चुचिया मिज दी और पुरा अच्छे से मसल दिया । जिसका असर हुआ कि मा मादक हो उठी और उन्के निप्प्ल कड़े हो गये ।

मा - ओह्ह बेटा बस कर हट ना
मै मा के गाल चूम कर - मा दरवाजा खुला रखना
मा फ्रिज से बर्फ निकाल कर एक सेकाई वाली पैकेट मे रखने लगी और हा मे इशारा कर शर्मायी ।

मै भी एक बर्फ से टुकड़े को लेके मा को सामने किया और उनके कड़े निप्प्ल पे बर्फ़ के टुकड़े की स्पर्श कराया जिससे मा सिहर सी गयी । और मैने बारी बारी दोनो निप्प्ल को बर्फ से गिला कर दिया जिससे ब्लाउज गिला होकर पूरी तरह से उस हिस्से पर निप्प्ल पर चिपक गया और उस सूती ब्लाउज मे अब उनका निप्प्ल पुरा क्लियर दिख रहा था ।
फिर मैने ब्लाउज के बाकी हिस्सो पर ही बर्फ मल कर थोडा पेतिकोट पर गिरा कर उसे गिला किया ।

फिर मा शर्मा कर वो सेकायि का पैकेट बंद किया और उसे लेके इतराते हुए अपने कमरे मे गयी और हल्का सा दरवाजा भिड़का दिया ताकि मै अन्दर झाँक सकू ।

अन्दर कमरे मे नाना बिस्तर पर टेक लगाये अभी भी धोती को उसी तरह जांघिये पर ढके बैठे थे । मा को हाथ मे सेकाई का थैला लेकर आते देख बोले

नाना - अरे बेटा ये किस लिये और ये कैसे भीग गयी
उनकी नजर मा के भिगे निप्प्ल पर थी जो पूरी तरह से दिख रही थी
नाना की नजर भाप कर मा शर्मा कर बोली - वो फ्रिज से बर्फ निकालते समय भीग गयी मै


नाना ने थुक गटक कर फैली हुई आंखो से मा के निप्प्ल निहारे जा रहे थे ।
मा शर्मा कर - बाऊजी आप अपना जांघिया निकाल लिजिए ताकि मै सेकाई कर दू

नाना हडबडी मे - क क क्या ,,,मतलब
मा शर्मा कर नजरे फेरे हुए - वो जीजी ने बताया था फोन पर की सेकाई से आपको आराम मिल जायेगा तो आप

नाना थोडा झेपे और फिर मा दुसरी तरह मुह कर ली।

नाना थोडा सोचे और फिर सुबह बाथरूम मे हुए हादसे को ध्यान मे रख कर मा के पीछे खडे हो गये और अपनी जांघिया निकाल दी और उनका फन्फ्नाता काला लंड मा के ठीक पीछे पुरा अकड़ कर खड़ा था ।
फिर वापस बैठ गये और धोती को उपर से ले लिये ।
हल्की धोती मे उनके मोटे काले नाग ने अपना टेन्ट बना लिया और नाना थोडा गला खरास कर मा को चेताया कि वो अब सेकाई के लिए तैयार है ।

इधर मा के दिल की धड़कन तेज थी वो थोडी डरी हुई भी थी लेकिन काफी उत्तेजित भी ।
इस समय उन्होंने वो सेकाई वाला पैकेट अपने सामने पकड़ा हुआ था जिससे वो सामने उनकी पेतिकोट चिपका हुआ था ,,,और परिणाम स्वरूप मा के सामने वाला हिस्सा धीरे धीरे भीगने लगा था ।
नाना के संकेत पर वो पलटी और नाना की नजर सीधा मा के चुत वाले हिस्से पर गयी जहा सामने का पेतिकोट भीग गया था ।
मा ने नाना की नजर का पीछा किया तो वो शर्मा गयी ।
मा झेप कर - वो इस पैकेट से भीग गया है लगता है

फिर नाना भी मा से नजर मिलते ही मुस्कुराये और सामने देखने लगे ।

जारी रहेगी
 

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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Kyaa baat.. Nana toh bahot hi jyada tharki nikla.. Mousi, Poonam ab Ragini...

Shaandaar jaandaar update bhai

भाई ठकुराईन का हीरो से भी टांका लगवाना
आज का अपडेट मस्त है


Waah bhai ekdum gazab Nana ne to damaal Macha diya
Waiting for next very eagerly

Jaisa socha tha waisa hi hua...
Ragini ne apane bauji ka nanga hathiyar dekh kar mahsoos kar lia..
Waise is khurafati raj jaNe kya kya plan bana kar baitha hai bechare nana ko fansane ke liye...
Waise nana bhi kam nahi apani garmi Jayaraj ki biwi par nikal aaye.. waise is kaam ke liye file lekar jane ki kya jarurat thi...
Behad umda update aage ka intezar hai

Bahot behtareen
Zaberdast update bhai

बात धीरे धीरे आगे बढ़ रही है। नानाजी जल्दी ही मैदान साफ कर ही देंगे। जबरदस्त अपडेट।

Wonderful 💋 update tha dost... humme to shadishuda beti Sonal ka intezar hai..

Kya banwari laal, kya raagini aur kya hi raj... sab ke sab ek se ek abbal darze ke kamine hai...
waise readers ko ye andaja laga pana muskil hai koun sabse zyada hawasi hai...
Ek wo banwari laal ye to apne nati Kabir se bhi do kadam aage nikla... us bechaare jayraj ke sath hi Dagabazi kar raha hai... uski hi biwi ke sath hawas ka khel ,khel raha hai kamina...
aur ye Kabir to apne nana se dash kadam aage hai kaminepan mein...
khud ki baatein chupake nana se saare raaz ki baatein ugalwa raha tha ...
Budhou ke saamne to aise dikha raha jaise ye ghar ki auraton ko bahot respect ki nazar se dekhta ho jaise....
are bata kyun nahi deta ki raj aur raagini ke bich kya hai... tabhi to janne ko mile ki raj aur raagini ke bich ke tharak ko dekh nana kya reaction deta hai...
udhar wo haaraman budhiya raagini apne hi budhe baap ko uksa rahi hai.... taaki khud ke hi budhe baap ko uttejit kar uske sath sex kar sake hawasi budhiya raagini..... waise agar aisa hua to raj ka baap phir to cuckold ban jayega :lol:

Well sabhi pehlu mein sabhi arthpoorn baaton, kirdaaro bich huye kamine pan se bhare vaartalaap ko aur hawasi gatividhiyo ko ek sathik gati ke sath samete huye hai update ke jariye writer sahab ne shabdon mein khoob roopantaran kiya hai. .


Khair let's see what happens next
Brilliant update with awesome writing skills :yourock: :yourock:


Excellent update
Bhai thukrayin ka taka apne hero se bhdwa do

Awesome update

Nanaji bhi kam khiladi nahi hai. Jane se pahle Ragini ko bhi chod hi lenge jisse aage khel chalta rahe. Pratiksha agle rasprad update ki


How ju know :hinthint:

Kaamuk update mitr

Nice update

Awaiting updated



AAP SBHI READERS KE REVO KE LIYE DHANYWAAD
NEW UPDATE POST KAR DIYA HAI
PADH KAR REVIEW JARUR DE

DHANYWAAD
 

TharkiPo

Dramatic Entrance
4,355
14,008
144
तो भईया नाना को घेरने की पूरी तैयारी हो चुकी है फील्डिंग लग चुकी है नाना को क्लीन बोल्ड करने की पूरी स्ट्रेटजी बन चुकी है बस गेंद डालने की देर है और नाना क्लीन बोल्ड और नाना का बल्ला मम्मी की गांड उहम्म गेंद में।


बेहतरीन अपडेट बस थोड़ी निराशा कि ये सुपर ओवर का प्रसारण पूरा नहीं देखने को मिला।
उम्मीद है की अगली अपडेट में मैच ख़त्म कर ही देगें आप।

बहुत उम्दा प्रस्तुति।
 

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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तो भईया नाना को घेरने की पूरी तैयारी हो चुकी है फील्डिंग लग चुकी है नाना को क्लीन बोल्ड करने की पूरी स्ट्रेटजी बन चुकी है बस गेंद डालने की देर है और नाना क्लीन बोल्ड और नाना का बल्ला मम्मी की गांड उहम्म गेंद में।


बेहतरीन अपडेट बस थोड़ी निराशा कि ये सुपर ओवर का प्रसारण पूरा नहीं देखने को मिला।
उम्मीद है की अगली अपडेट में मैच ख़त्म कर ही देगें आप।

बहुत उम्दा प्रस्तुति।
Jarur jarur ....

Kosis puri rahegi ki match pahale super over me hi nipat jaaye 😁😁😁

Apki es manmohakr pratikriya ke liye dhanywaad dost
 

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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Shandar update tha dost... waiting..kash isme papa ka bhi kuch ho pata
भाई साहब बाप बेटी का ही सीन चल रहा है
आपकी मनपसंद शादीशुदा बेटी और बाप का


आपकी प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद भाई
 

allen barry

Member
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तो भईया नाना को घेरने की पूरी तैयारी हो चुकी है फील्डिंग लग चुकी है नाना को क्लीन बोल्ड करने की पूरी स्ट्रेटजी बन चुकी है बस गेंद डालने की देर है और नाना क्लीन बोल्ड और नाना का बल्ला मम्मी की गांड उहम्म गेंद में।


बेहतरीन अपडेट बस थोड़ी निराशा कि ये सुपर ओवर का प्रसारण पूरा नहीं देखने को मिला।
उम्मीद है की अगली अपडेट में मैच ख़त्म कर ही देगें आप।

बहुत उम्दा प्रस्तुति।
😃😅😀
 

Sanju@

Well-Known Member
4,212
17,292
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UPDATE 99


शाम को मैने मा को आगे की प्लानिंग बताई और वो 5 बजे तक घर चली गई ।
थोडी देर बाद अनुज , गीता बबिता के साथ दुकान पर आया । वो तीनो काफी खुश थे और उन्होने काफी घुमा खाया पिया । फिर अनुज उनको लेके चौराहे वाले घर चला गया ।

शाम को दुकान बंद करने के समय अचानक से चंदू आया

मै - अबे साले कहा था तू इतने दिन से
चंदू - भाई वो दीदी को लेने गया था , अभी थोडी देर पहले आया हू
मै - अच्छा किया चला आया ,, भाई दीदी की सगाई को लेके काफी काम है अगले हफ्ते से
चंदू - अरे हा मम्मी ने बताया आज
चंदू एक कातिल मुस्कान के साथ- वैसे मैने तेरा इन्तेजाम कर दिया है

मै उत्सुकता से - कैसा इन्तेजाम बे
चंदू मेरे पास आकर धीमी आवाज में - साले भूल गया , वादा किया था तुझसे कि दीदी के आने के बाद सबसे तुझे ही दिलाउंगा

मै तो पुरा जोश से भर गया - सच मे , लेकिन कैसे मनाया तुने

चंदू - वो सब छोड , तू तैयार रहना कल
मै हड़बड़ी से - कल !! नही नही भाई मुझे इस समय बहुत काम है और ये मेरा पहली बार तो

मै - ऐसा करते हैं कि दिदी की सगाई के बाद का प्रोग्राम रखते हैं
चंदू - मतलब तब तक मुझे उसको चोदे बिना रहना पडेगा , भाई तेरे लिए मैने आज मौका मिलने के बाद भी नही पेला उसे

मै हस कर - अबे तेरी जैसी मर्जी ,,, मैने थोडी न कहा कि तू मत करना , तुने ही खुद से बोला था ।

चंदू राहत की सास लेते हुए - थैंक्स ब्रो , और मेरे लिए कोई काम होगा तो बताना

मै कुछ सोचकर - अभी तो नही , हा 3 4 दिन बाद पड़ेगी तब बताता हू

फिर हमने ऐसे ही कुछ बाते ही और वो अपने घर निकल गया और मै अपने चौराहे वाले घर
रास्ते मे जाते वक़्त मैने आगे के प्लान के लिए कुछ खरीदारी की और पहुच गया चौराहे पर ।

अभी पापा नही आये थे और नाना जी गेस्ट रूम ने अपनी दोपहर की थकान मिटा रहे थे ।

दीदी और मा किचन मे लगी थी ।
मैने उनसे गीता बबिता के बारे मे पुछा तो सोनल ने बताया कि वो आज दोनो दोपहर से ही अनुज के साथ है और उसी के मोबाईल पर मूवी देख रही है ।

मैने मा को आवाज दी और उन्हे धीरे से वो समान दे दिया , मा ने चुपके से सोनल से बचकर इशारे मे पुछा,,, कोई दिक्कत तो नही होगी ना इससे

मै - नही मा बहुत हल्का और धीरे धीरे असर वाला है ,
मा शर्माई और मै भी फ्रेश होकर नाना को जगाने चला गया ।

थोडी देर बाद मै और नाना हाल मे बैठे रहे ,,, इस दौरान अभी भी नाना की नजर मा के साड़ी मे उभरे हुए कूल्हो पर जमी थी ।

थोडी देर बाद मा ने नाना को उनकी शाम की दवा दी और फिये हम दोनो के लिए चाय लाई और पहले मुझे दिया फिर नाना को मुस्कुरा कर दिया ।

मा की मुस्कुराहत पर नाना झेप से गये और उन्हे सुबह हुए बाथरूम की घटना याद आ गई और तुरंत उन्के लिंग ने प्रतिक्रया स्वरूप ठुमक उठा।
हमने चाय पी और फिर हम छत पर टहलने चले गये ।

थोडी देर बाद ही शकुन्तला ताई अपने छत पर आ गयी और कल की तरह ही वो आज भी मैक्सि मे थी ,,,नाना ने कनअखियो से उन्हे ताड़ा जिसका आभास शकुन्तला ताई को था । वो भी कभी नाना पर नजर मार देती थी कि कही अभी भी तो नही घुर रहे थे वो उन्हे ,,, और जब नजर टकराती वो मुस्कुरा देती


मै मुस्कुरा कर - लग रहा है ताई भी आपको पसन्द करती है नाना जी

नाना चौके और हसे - तू बहुत नटखट है रे ,, तेरी नजर हमेशा मुझ पर ही होती है

मै - अब देखना पडेगा ना , कही इस उम्र मे आप बिगड़ ना जाओ हिहिहिही

नाना ठहाका मार के हसे और मेरे कन्धे को थपथपा कर बोले - तू सचमुच मेरे जोडी का है रे ,,,, हाहाहहा

मै - सब आपसे ही सिख रहा हू हिहिहिही

इधर हमारी बाते चल रही थी और यहा मेरे प्लान के मुताबिक नाना पर दवाई का हल्का असर शुरु हो गया था ।

दरअसल मैने शाम को आते वक़त एक मैडिकल स्टोर से कम क्षमता की व्याग्रा की गोली लेली थी और वो मा ने नाना को चाय के ठीक पहले ही उनकी शाम की दवा के तौर पर देदी थी ।

उसी का असर था कि नाना को छत पर ठण्डक माहौल मे बेचैनी होने लगी और उनके लिंग मे कसाव होने लगा ।
वो अपनी काम वासना पर काबू कर रहे थे जिसके प्रभाव स्वरुप उन्हे हल्के पसीने हो रहे थे ।
नाना ने बैचैन होकर नहाने की बात कही तो हम निचे आ गये ।

हाल मे
नाना - बेटा जरा मेरे कपडे निकाल दे ,,बहुत गर्मी हो रही है ।

मा ने एक नजर मुझे देखा और मैने एक स्माइल पास की ।

मा - आप नहायीये बाऊ जी मै कपडे लेके आती हू ।
नाना भी गर्मी से परेशान थे और वो फटाफट नहाने के लिए गेस्टरूम मे गये ।

उधर दीदी खाना बनाने मे व्यस्त थी और मा मुझे लेके कमरे मे आई
मा - बेटा उससे कोई दिक्कत नही होगा ना बाऊजी को
मै मा के गाल चूम कर - नही मा कोई दिक्कत नही होगी वैसे भी वो बहुत हल्की डोज़ वाली है । अभी धीरे धीरे उसका असर बढ़ेगा ।

फिर मा ने नाना के अंडर के कपडे और तौलिया लेके गेस्टरूम मे गयी और उन्हे देके वापस आई ।

इधर खाना बन गया और नहाने के बाद थोडी देर के लिए नाना जी को राहत मिल गयी ।
थोडी देर बाद हम सब ने खाना खाया ,,,,खाने के दौरान पापा की अनुपस्थिति पर नाना ने सवाल किया तो मा और मै एक दुसरे को देख कर मुस्कुराये ।
फिर अनुज ने भी वही सवाल दुहराया कि पापा क्यू नही आये ।

मा नाना से मुखातिब होकर - बाऊजी वो इसके पापा आज वही दुकान पर ही रुकेंगे ,,,ट्रांसपोर्ट से सामान आने वाला है आज

मा के सवाल से घर के बाकी सदस्य संतुष्ट हुए क्योकि अक्सर होता रहता था । कभी कभी जब शादियो या त्योहारो का सीजन आता था तो नये बर्तन का स्टोक देर रात तक डिलेवर होता था ।


खैर ये सब बाते तो कहानी के बाकी किरदारो के जानने के लिए थी ,,,मगर राज के पापा के गायब होने असल कारण राज की योजना ही थी ,,,आज रात किसी भी तरह राज अपनी मा और नाना का मिलन करवाना चाहता था मगर उसके पापा के रहते ये सम्भव नही था इसिलिए उसने विमला को इस प्लान मे शामिल करने का फैसला किया ।

दरअसल शाम को जब राज अपनी मा के साथ आगे की योजना बनाई और फिर उसकी मा के जाने के बाद उसने विमला के पास फोन किया ।

फोन पर
राज - नमस्ते मौसी कैसी हो
विमला - खुश हू बेटा,,,कहो कैसे याद किया आज हा
राज विमला को छेड़ते हुए - अपनी सेक्सी मौसी को आखिर क्यू याद कर सकता हू मै हा

विमला शर्मायी - इतनी याद आ रही है तो आजाओ ना
मै ह्स कर - आना तो मुझे नही आपको पडेगा

विमला उलझन से - मतलब मै समझी नही
राज ह्स कर - मौसी आपको मेरा एक काम करना है
विमला खुशी से - हा बोल ना बेटा क्या बात है
राज - अब तुमसे कुछ छिपा तो है नही कि तुमसे कुछ छिपाऊ ,,,,बस इतना जान लो मनोज वाली प्रोब्लम हो गयी है मेरी
विमला पहले उलझी फिर कुछ सोच कर हस पड़ी - ओह्ह आखिर मेरा शक सही निकला ,,,तू भी पागल है अपनी मा को पाने के लिए,,, लेकिन इसमे मै तेरी क्या मदद कर सकती हू

राज ह्स कर - अरे मौसी , आपको बस अगले दो रातो के लिए पापा को सम्भालना है ,,,चुकी इस समय घर पर नाना आये हैं तो मम्मी पापा का कुछ हो नही पा रहा है और मैने भी कुछ सोचा है अपने लिये जो पापा के ना रहने पर ही हो पायेगा हिहिहिही

विमला ह्स कर - बदमाश कही का ,,,तू बहुत चालू है
मै हस कर - फिर अपने इस लाड़ले की मदद करोगी ना

विमला इतरा कर - लेकिन उसके अगली रात मे तुझे आना पडेगा ,,बोल मंजूर
मै हस कर - हा क्यू नही

फोन कट जाता है


तो घुमा फिरा कर बात ये थी कि राज ने विमला को झूठ बोल कर अपने प्लान मे मिला लिया और अगले दो रातो के लिए अपने पापा को व्यस्त कर दिया था ।

वापस कहानि पर

खाने के बाद सोनल उपर चली गयी ,, गीता बबिता भी अपने वादे के मुताबिक अनुज के साथ चली गयी सोने ।

मैने पहल कर नाना को अपने कमरे मे सोने को कहा और फिर मा अपने कमरे मे चली गयी ।
कमरे मे जाने के बाद नाना ने अपने कपडे निकाल दिये क्योकि उन्हे दवा के असर से गर्मी बहुत लग रही थी ।।
मै भी आज सिर्फ अंडरवियर मे रहा ताकि नाना जी कोई शक ना हो और यही जताया कि गरमी ज्यादा है।

मगर व्याग्रा का असर धीरे धीरे उनके लिंग पर वापस होने लगा था और थोडी देर मे दरवाजे पर दस्तक हुई

मा - राज बेटा दरवाजा खोल तो

मै - खुला है मा , आजाओ

मै और नाना अधनंगे बिस्तर पर लेते थे और मा पानी और नाना का दवा लेके आई ।
मा इस समय सिर्फ ब्लाउज पेतिकोट मे थी और बिना ब्रा के हल्के अंगूरी रंग के सूती ब्लाउज मे उसकी चुचियो के काले निप्प्ल साफ दिख रहे थे ,,, कूल्हो के पास एक तरह मा ने जहा पेतिकोट का नाड़ा बाँधा था वो गैप से उनकी हल्की सावली जांघ साफ दिख रही थी ।
इस कामुक नजारे का प्रभाव मुझसे ज्यादा नाना पर हो रहा था और मा की डीप गले के ब्लाउज मे उभरी चुचियॉ की घाटी देख कर नाना का लण्ड तन गया था । मानो जान्घिये को फाड देगा और इस नजारे का असर मुझ पर हुआ मै आने वाले कामुक भविश्य के बारे मे सोच कर उत्तेजित मह्सुस करने लगा था ।

मा ने नाना की दवाई दी और मुस्कुरा कर चली गयी ।
जाते वक़्त मा ने अपने कूल्हो कुछ कामुक तरीके से ऐसे बल्खाया की हम दोनो के लण्ड ने झटके मार दिये ।

मा के जाते ही नाना और मै एक दुसरे को देख कर मुस्कुराये और उनहोंने थोड़ी शर्म मह्सुस की ।

मैने उन्हे उनके खडे लन्द पर तकाया
वो हसे और उसे दबाते हुए बोले - ये तो मर्दो की निशानी है बेटा

मै ह्स कर - हा मगर ये निशानी किसकी याद मे उपर हो रही है हिहिहिही

नाना ह्स कर - अरे रात का समय है तो इसकी बेला हो चली है तो ये अपनी मनमानी करेगा ही ,,,चल बत्ती बुझा दे और सो जा

मै भी हस्ते हुए बत्ती बुझा दी ।
करीब आधे घन्टे बाद दवा ने पुरा असर दिखाना शुरु कर दिया ,,, जिसका परिणाम ये हुआ कि नाना को अपने लिंग मे बहुत सख्ती मह्सूस हुई और दर्द भी होने लगा । छ्टपटाहट मे वो करवत बदलने लगे और लण्ड को सभी दिशा मे घुमा कर दबा कर शांत करने लगे ,,मगर उनको शान्ति नही मिल रही थी ।

उनकी खड़बड़ाहत और कराह से मै मुस्कुरा कर उठा और फटाक से बत्ती जला दी

देखा नाना जी पंखे के निचे भी पसीना पसीना हुए है और अपने दोनो हाथ से अपना लंड जांघो मे दबा रहे

मै चिन्ता जताते हुए - नाना जी आप ठीक तो हो

नाना कसमसा कर - आह्ह बेटा हा ठीक हू
मै - नही मुझे आपकी तबियत ठीक नही लग रही है देखिये कितना पसीना हो रहा है,, रुकिये मै मा को बुला के लाता हू

नाना चौके - नही नही बेटा, मै ठीक हू ,,,छोटकी को परेशान न कर

मै जिद दिखा कर - नही नही आप रुको मै मा को लिवा के आता हू

फिर मै फटाक से उठा और दरवाजा खोल कर सिधा मा के कमरे मे गया जो अपने दरवाजे पर ही खड़ी सब सुन रही थी ।

मा इशारे से क्या हुआ पूछी तो मै उन्के कान के पास जाकर - दवा का असर हो गया अब हमारे ड्रामे की जरुरत है

मै और मा मुस्कुराये और फटाक से मेरे कमरे मे आ गये ।
जहा नाना उठा कर बैठ गये थे और अपनी धोती को फैला कर अपने जाघिये को धक लिया था और बाकी हिस्से से अपना पसीना पोछ रहे थे ।

मा हड़बड़ी और चिन्ता दिखा नाना के बगल मे खड़ी होकर -क्या हुआ बाऊजी , आपको इतनी गर्मी क्यू हो रही है ।

नाना - नही बेटी कोई दिक्कत नही है ,, आज गर्मी ज्यादा है बस

मा - नही बाऊजी ,, आज इत्नी भी गर्मी नही है , जितना आपको हो रहा है ।

मा बात करते हुए बहुत हिल रही थी जिससे उसकी चुची हिल्कोरे ले रही थी और नाना की नजारे मा की घाटी का दिदार कर और गरमा रहे थे ।

मा हड़बड़ा कर - राज तू रज्जो मौसी को फोन कर , उनहे पता होगा ,,बाऊजी नही बतायेंगे

मै भी चिंता दिखाते हुए जल्दी से रज्जो मौसी को फोन लगा दिया और मा को दे दिया

फ़ोन पर
रज्जो - हा राज बोलो बेटा
मा - मै बोल रही हू जीजी ,,वो बाऊजी को पता नही क्यू बहुत गरमी हो रही है
रज्जो - तुने दवा दी ना समय से उनको
मा - हा जीजी ,
रज्जो कुछ सोच कर - अच्छा तुझे कुछ अन्दाजा है कि बाऊजी ने सेक्स कितने दिन पहले किया था
मा मुस्कुराई और फिर बोली - क्या जीजी मै ये कैसे जानूंगि ,,

रज्जो - अच्छा तू बाऊजी को फोन दे
मा ने शर्माकर नाना को फोन दिया

नाना - हा बेटी बोल
रज्जो - बाऊजी आपको वो सब किये कितने दिन हुए

चुकि नाना जी जानते थे कि अभी अभी ये सवाल रज्जो मौसी ने मा को किया था और वो नही चाहते थे कि मा ऊनके बारे मे कुछ गलत सोचे इसिलिए वो झूठ बोले ।

नाना - अब यही कोई 5 6 दिन
रज्जो - तभी आपको दिक्कत हुई है शायद , आप रागिनी को फोन दीजिये

फिर नाना ने मा को फोन दिया मा ने मुस्कुरा कर लिया - हा जीजी
रज्जो - वो दरअसल बाऊजी ने 5 6 दिनो से सेक्स नही किया है इसिलिए उनको ये दिक्कत हो रही है, जब ऐसा होता है तो डॉक्टर ने बोला था कि थोडा बर्फ से उनके वहा वाले जगह की सेकाई करने को उससे उनको आराम मिल जायेगा ।

मा मुस्कुरा कर थोडी नाना के सामने शर्मा कर - जी ठीक है दिदी
फिर फोन कट जाता है

मै जो कि सारी बाते जानता था और सब कुछ मेरे प्लान के मुताबिक ही हो रहा था । मुझे और मा को पहले से डॉक्टर वाली सलाह का आइडिया था तभी मैने ये व्याग्रा वाला प्लान बनाया था । क्योकि हमे पता था कि नाना को कोई भी दिक्कत होगी उसमे सिर्फ सेक्स का ही रोल होगा और उसी से जुड़े सवाल होंगे । और मेरे अनुसार मेरा प्लान कार्यरत था ।

फिर भी नाना के सामने उत्सुकता से मा से बोला - क्या बात हुई मा ,,क्या कहा रज्जो मौसी ने

मा शर्मा कर पहले नाना को देखा और फिर बोली - कुछ नही तू सो जा , और बाऊजी आईये आप मेरे कमरे मे चलिये ,,वहा इसके पापा ने कुलर लगवाया है ।

नाना - नही बेटी मै ठीक हू
मा ने इस बार जिद दिखाई और उन्हे पकड कर उठाने लगी तो हस कर मा के साथ उन्के कमरे मे गये ।
मै अपने कमरे खुशी से और उत्तेजित होने लगा कि आगे क्या क्या होना है ।
मै उठा और एक जोर की अंगड़ाई ली और फनफनाते लण्ड के सिरे को दबा कर उसे समझाया कि अभी और मौका मिलेगा उपर उठने का ।

मै दबे पाव कमरे के बाहर झानका तो मा अपने कमरे से बाहर किचन की ओर जाती दिखी

मै फटाक से किचन मे गया
मै मा को पीछे से पकड कर उनकी चुचिया मिज दी और पुरा अच्छे से मसल दिया । जिसका असर हुआ कि मा मादक हो उठी और उन्के निप्प्ल कड़े हो गये ।

मा - ओह्ह बेटा बस कर हट ना
मै मा के गाल चूम कर - मा दरवाजा खुला रखना
मा फ्रिज से बर्फ निकाल कर एक सेकाई वाली पैकेट मे रखने लगी और हा मे इशारा कर शर्मायी ।

मै भी एक बर्फ से टुकड़े को लेके मा को सामने किया और उनके कड़े निप्प्ल पे बर्फ़ के टुकड़े की स्पर्श कराया जिससे मा सिहर सी गयी । और मैने बारी बारी दोनो निप्प्ल को बर्फ से गिला कर दिया जिससे ब्लाउज गिला होकर पूरी तरह से उस हिस्से पर निप्प्ल पर चिपक गया और उस सूती ब्लाउज मे अब उनका निप्प्ल पुरा क्लियर दिख रहा था ।
फिर मैने ब्लाउज के बाकी हिस्सो पर ही बर्फ मल कर थोडा पेतिकोट पर गिरा कर उसे गिला किया ।

फिर मा शर्मा कर वो सेकायि का पैकेट बंद किया और उसे लेके इतराते हुए अपने कमरे मे गयी और हल्का सा दरवाजा भिड़का दिया ताकि मै अन्दर झाँक सकू ।

अन्दर कमरे मे नाना बिस्तर पर टेक लगाये अभी भी धोती को उसी तरह जांघिये पर ढके बैठे थे । मा को हाथ मे सेकाई का थैला लेकर आते देख बोले

नाना - अरे बेटा ये किस लिये और ये कैसे भीग गयी

उनकी नजर मा के भिगे निप्प्ल पर थी जो पूरी तरह से दिख रही थी
नाना की नजर भाप कर मा शर्मा कर बोली - वो फ्रिज से बर्फ निकालते समय भीग गयी मै


नाना ने थुक गटक कर फैली हुई आंखो से मा के निप्प्ल निहारे जा रहे थे ।
मा शर्मा कर - बाऊजी आप अपना जांघिया निकाल लिजिए ताकि मै सेकाई कर दू

नाना हडबडी मे - क क क्या ,,,मतलब
मा शर्मा कर नजरे फेरे हुए - वो जीजी ने बताया था फोन पर की सेकाई से आपको आराम मिल जायेगा तो आप

नाना थोडा झेपे और फिर मा दुसरी तरह मुह कर ली।

नाना थोडा सोचे और फिर सुबह बाथरूम मे हुए हादसे को ध्यान मे रख कर मा के पीछे खडे हो गये और अपनी जांघिया निकाल दी और उनका फन्फ्नाता काला लंड मा के ठीक पीछे पुरा अकड़ कर खड़ा था ।
फिर वापस बैठ गये और धोती को उपर से ले लिये ।
हल्की धोती मे उनके मोटे काले नाग ने अपना टेन्ट बना लिया और नाना थोडा गला खरास कर मा को चेताया कि वो अब सेकाई के लिए तैयार है ।

इधर मा के दिल की धड़कन तेज थी वो थोडी डरी हुई भी थी लेकिन काफी उत्तेजित भी ।
इस समय उन्होंने वो सेकाई वाला पैकेट अपने सामने पकड़ा हुआ था जिससे वो सामने उनकी पेतिकोट चिपका हुआ था ,,,और परिणाम स्वरूप मा के सामने वाला हिस्सा धीरे धीरे भीगने लगा था ।
नाना के संकेत पर वो पलटी और नाना की नजर सीधा मा के चुत वाले हिस्से पर गयी जहा सामने का पेतिकोट भीग गया था ।
मा ने नाना की नजर का पीछा किया तो वो शर्मा गयी ।
मा झेप कर - वो इस पैकेट से भीग गया है लगता है

फिर नाना भी मा से नजर मिलते ही मुस्कुराये और सामने देखने लगे ।

जारी रहेगी
बहुत ही शानदार और कामुक अपडेट है लगता नाना भी अपनी बेटी को पेलने वाले हैं देखते राज क्या करता है
 

Lib am

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UPDATE 99


शाम को मैने मा को आगे की प्लानिंग बताई और वो 5 बजे तक घर चली गई ।
थोडी देर बाद अनुज , गीता बबिता के साथ दुकान पर आया । वो तीनो काफी खुश थे और उन्होने काफी घुमा खाया पिया । फिर अनुज उनको लेके चौराहे वाले घर चला गया ।

शाम को दुकान बंद करने के समय अचानक से चंदू आया

मै - अबे साले कहा था तू इतने दिन से
चंदू - भाई वो दीदी को लेने गया था , अभी थोडी देर पहले आया हू
मै - अच्छा किया चला आया ,, भाई दीदी की सगाई को लेके काफी काम है अगले हफ्ते से
चंदू - अरे हा मम्मी ने बताया आज
चंदू एक कातिल मुस्कान के साथ- वैसे मैने तेरा इन्तेजाम कर दिया है

मै उत्सुकता से - कैसा इन्तेजाम बे
चंदू मेरे पास आकर धीमी आवाज में - साले भूल गया , वादा किया था तुझसे कि दीदी के आने के बाद सबसे तुझे ही दिलाउंगा

मै तो पुरा जोश से भर गया - सच मे , लेकिन कैसे मनाया तुने

चंदू - वो सब छोड , तू तैयार रहना कल
मै हड़बड़ी से - कल !! नही नही भाई मुझे इस समय बहुत काम है और ये मेरा पहली बार तो

मै - ऐसा करते हैं कि दिदी की सगाई के बाद का प्रोग्राम रखते हैं
चंदू - मतलब तब तक मुझे उसको चोदे बिना रहना पडेगा , भाई तेरे लिए मैने आज मौका मिलने के बाद भी नही पेला उसे

मै हस कर - अबे तेरी जैसी मर्जी ,,, मैने थोडी न कहा कि तू मत करना , तुने ही खुद से बोला था ।

चंदू राहत की सास लेते हुए - थैंक्स ब्रो , और मेरे लिए कोई काम होगा तो बताना

मै कुछ सोचकर - अभी तो नही , हा 3 4 दिन बाद पड़ेगी तब बताता हू

फिर हमने ऐसे ही कुछ बाते ही और वो अपने घर निकल गया और मै अपने चौराहे वाले घर
रास्ते मे जाते वक़्त मैने आगे के प्लान के लिए कुछ खरीदारी की और पहुच गया चौराहे पर ।

अभी पापा नही आये थे और नाना जी गेस्ट रूम ने अपनी दोपहर की थकान मिटा रहे थे ।

दीदी और मा किचन मे लगी थी ।
मैने उनसे गीता बबिता के बारे मे पुछा तो सोनल ने बताया कि वो आज दोनो दोपहर से ही अनुज के साथ है और उसी के मोबाईल पर मूवी देख रही है ।

मैने मा को आवाज दी और उन्हे धीरे से वो समान दे दिया , मा ने चुपके से सोनल से बचकर इशारे मे पुछा,,, कोई दिक्कत तो नही होगी ना इससे

मै - नही मा बहुत हल्का और धीरे धीरे असर वाला है ,
मा शर्माई और मै भी फ्रेश होकर नाना को जगाने चला गया ।

थोडी देर बाद मै और नाना हाल मे बैठे रहे ,,, इस दौरान अभी भी नाना की नजर मा के साड़ी मे उभरे हुए कूल्हो पर जमी थी ।

थोडी देर बाद मा ने नाना को उनकी शाम की दवा दी और फिये हम दोनो के लिए चाय लाई और पहले मुझे दिया फिर नाना को मुस्कुरा कर दिया ।

मा की मुस्कुराहत पर नाना झेप से गये और उन्हे सुबह हुए बाथरूम की घटना याद आ गई और तुरंत उन्के लिंग ने प्रतिक्रया स्वरूप ठुमक उठा।
हमने चाय पी और फिर हम छत पर टहलने चले गये ।

थोडी देर बाद ही शकुन्तला ताई अपने छत पर आ गयी और कल की तरह ही वो आज भी मैक्सि मे थी ,,,नाना ने कनअखियो से उन्हे ताड़ा जिसका आभास शकुन्तला ताई को था । वो भी कभी नाना पर नजर मार देती थी कि कही अभी भी तो नही घुर रहे थे वो उन्हे ,,, और जब नजर टकराती वो मुस्कुरा देती


मै मुस्कुरा कर - लग रहा है ताई भी आपको पसन्द करती है नाना जी

नाना चौके और हसे - तू बहुत नटखट है रे ,, तेरी नजर हमेशा मुझ पर ही होती है

मै - अब देखना पडेगा ना , कही इस उम्र मे आप बिगड़ ना जाओ हिहिहिही

नाना ठहाका मार के हसे और मेरे कन्धे को थपथपा कर बोले - तू सचमुच मेरे जोडी का है रे ,,,, हाहाहहा

मै - सब आपसे ही सिख रहा हू हिहिहिही

इधर हमारी बाते चल रही थी और यहा मेरे प्लान के मुताबिक नाना पर दवाई का हल्का असर शुरु हो गया था ।

दरअसल मैने शाम को आते वक़त एक मैडिकल स्टोर से कम क्षमता की व्याग्रा की गोली लेली थी और वो मा ने नाना को चाय के ठीक पहले ही उनकी शाम की दवा के तौर पर देदी थी ।

उसी का असर था कि नाना को छत पर ठण्डक माहौल मे बेचैनी होने लगी और उनके लिंग मे कसाव होने लगा ।
वो अपनी काम वासना पर काबू कर रहे थे जिसके प्रभाव स्वरुप उन्हे हल्के पसीने हो रहे थे ।
नाना ने बैचैन होकर नहाने की बात कही तो हम निचे आ गये ।

हाल मे
नाना - बेटा जरा मेरे कपडे निकाल दे ,,बहुत गर्मी हो रही है ।

मा ने एक नजर मुझे देखा और मैने एक स्माइल पास की ।

मा - आप नहायीये बाऊ जी मै कपडे लेके आती हू ।
नाना भी गर्मी से परेशान थे और वो फटाफट नहाने के लिए गेस्टरूम मे गये ।

उधर दीदी खाना बनाने मे व्यस्त थी और मा मुझे लेके कमरे मे आई
मा - बेटा उससे कोई दिक्कत नही होगा ना बाऊजी को
मै मा के गाल चूम कर - नही मा कोई दिक्कत नही होगी वैसे भी वो बहुत हल्की डोज़ वाली है । अभी धीरे धीरे उसका असर बढ़ेगा ।

फिर मा ने नाना के अंडर के कपडे और तौलिया लेके गेस्टरूम मे गयी और उन्हे देके वापस आई ।

इधर खाना बन गया और नहाने के बाद थोडी देर के लिए नाना जी को राहत मिल गयी ।
थोडी देर बाद हम सब ने खाना खाया ,,,,खाने के दौरान पापा की अनुपस्थिति पर नाना ने सवाल किया तो मा और मै एक दुसरे को देख कर मुस्कुराये ।
फिर अनुज ने भी वही सवाल दुहराया कि पापा क्यू नही आये ।

मा नाना से मुखातिब होकर - बाऊजी वो इसके पापा आज वही दुकान पर ही रुकेंगे ,,,ट्रांसपोर्ट से सामान आने वाला है आज

मा के सवाल से घर के बाकी सदस्य संतुष्ट हुए क्योकि अक्सर होता रहता था । कभी कभी जब शादियो या त्योहारो का सीजन आता था तो नये बर्तन का स्टोक देर रात तक डिलेवर होता था ।


खैर ये सब बाते तो कहानी के बाकी किरदारो के जानने के लिए थी ,,,मगर राज के पापा के गायब होने असल कारण राज की योजना ही थी ,,,आज रात किसी भी तरह राज अपनी मा और नाना का मिलन करवाना चाहता था मगर उसके पापा के रहते ये सम्भव नही था इसिलिए उसने विमला को इस प्लान मे शामिल करने का फैसला किया ।

दरअसल शाम को जब राज अपनी मा के साथ आगे की योजना बनाई और फिर उसकी मा के जाने के बाद उसने विमला के पास फोन किया ।

फोन पर
राज - नमस्ते मौसी कैसी हो
विमला - खुश हू बेटा,,,कहो कैसे याद किया आज हा
राज विमला को छेड़ते हुए - अपनी सेक्सी मौसी को आखिर क्यू याद कर सकता हू मै हा

विमला शर्मायी - इतनी याद आ रही है तो आजाओ ना
मै ह्स कर - आना तो मुझे नही आपको पडेगा

विमला उलझन से - मतलब मै समझी नही
राज ह्स कर - मौसी आपको मेरा एक काम करना है
विमला खुशी से - हा बोल ना बेटा क्या बात है
राज - अब तुमसे कुछ छिपा तो है नही कि तुमसे कुछ छिपाऊ ,,,,बस इतना जान लो मनोज वाली प्रोब्लम हो गयी है मेरी
विमला पहले उलझी फिर कुछ सोच कर हस पड़ी - ओह्ह आखिर मेरा शक सही निकला ,,,तू भी पागल है अपनी मा को पाने के लिए,,, लेकिन इसमे मै तेरी क्या मदद कर सकती हू

राज ह्स कर - अरे मौसी , आपको बस अगले दो रातो के लिए पापा को सम्भालना है ,,,चुकी इस समय घर पर नाना आये हैं तो मम्मी पापा का कुछ हो नही पा रहा है और मैने भी कुछ सोचा है अपने लिये जो पापा के ना रहने पर ही हो पायेगा हिहिहिही

विमला ह्स कर - बदमाश कही का ,,,तू बहुत चालू है
मै हस कर - फिर अपने इस लाड़ले की मदद करोगी ना

विमला इतरा कर - लेकिन उसके अगली रात मे तुझे आना पडेगा ,,बोल मंजूर
मै हस कर - हा क्यू नही

फोन कट जाता है


तो घुमा फिरा कर बात ये थी कि राज ने विमला को झूठ बोल कर अपने प्लान मे मिला लिया और अगले दो रातो के लिए अपने पापा को व्यस्त कर दिया था ।

वापस कहानि पर

खाने के बाद सोनल उपर चली गयी ,, गीता बबिता भी अपने वादे के मुताबिक अनुज के साथ चली गयी सोने ।

मैने पहल कर नाना को अपने कमरे मे सोने को कहा और फिर मा अपने कमरे मे चली गयी ।
कमरे मे जाने के बाद नाना ने अपने कपडे निकाल दिये क्योकि उन्हे दवा के असर से गर्मी बहुत लग रही थी ।।
मै भी आज सिर्फ अंडरवियर मे रहा ताकि नाना जी कोई शक ना हो और यही जताया कि गरमी ज्यादा है।

मगर व्याग्रा का असर धीरे धीरे उनके लिंग पर वापस होने लगा था और थोडी देर मे दरवाजे पर दस्तक हुई

मा - राज बेटा दरवाजा खोल तो

मै - खुला है मा , आजाओ

मै और नाना अधनंगे बिस्तर पर लेते थे और मा पानी और नाना का दवा लेके आई ।
मा इस समय सिर्फ ब्लाउज पेतिकोट मे थी और बिना ब्रा के हल्के अंगूरी रंग के सूती ब्लाउज मे उसकी चुचियो के काले निप्प्ल साफ दिख रहे थे ,,, कूल्हो के पास एक तरह मा ने जहा पेतिकोट का नाड़ा बाँधा था वो गैप से उनकी हल्की सावली जांघ साफ दिख रही थी ।
इस कामुक नजारे का प्रभाव मुझसे ज्यादा नाना पर हो रहा था और मा की डीप गले के ब्लाउज मे उभरी चुचियॉ की घाटी देख कर नाना का लण्ड तन गया था । मानो जान्घिये को फाड देगा और इस नजारे का असर मुझ पर हुआ मै आने वाले कामुक भविश्य के बारे मे सोच कर उत्तेजित मह्सुस करने लगा था ।

मा ने नाना की दवाई दी और मुस्कुरा कर चली गयी ।
जाते वक़्त मा ने अपने कूल्हो कुछ कामुक तरीके से ऐसे बल्खाया की हम दोनो के लण्ड ने झटके मार दिये ।

मा के जाते ही नाना और मै एक दुसरे को देख कर मुस्कुराये और उनहोंने थोड़ी शर्म मह्सुस की ।

मैने उन्हे उनके खडे लन्द पर तकाया
वो हसे और उसे दबाते हुए बोले - ये तो मर्दो की निशानी है बेटा

मै ह्स कर - हा मगर ये निशानी किसकी याद मे उपर हो रही है हिहिहिही

नाना ह्स कर - अरे रात का समय है तो इसकी बेला हो चली है तो ये अपनी मनमानी करेगा ही ,,,चल बत्ती बुझा दे और सो जा

मै भी हस्ते हुए बत्ती बुझा दी ।
करीब आधे घन्टे बाद दवा ने पुरा असर दिखाना शुरु कर दिया ,,, जिसका परिणाम ये हुआ कि नाना को अपने लिंग मे बहुत सख्ती मह्सूस हुई और दर्द भी होने लगा । छ्टपटाहट मे वो करवत बदलने लगे और लण्ड को सभी दिशा मे घुमा कर दबा कर शांत करने लगे ,,मगर उनको शान्ति नही मिल रही थी ।

उनकी खड़बड़ाहत और कराह से मै मुस्कुरा कर उठा और फटाक से बत्ती जला दी

देखा नाना जी पंखे के निचे भी पसीना पसीना हुए है और अपने दोनो हाथ से अपना लंड जांघो मे दबा रहे

मै चिन्ता जताते हुए - नाना जी आप ठीक तो हो

नाना कसमसा कर - आह्ह बेटा हा ठीक हू
मै - नही मुझे आपकी तबियत ठीक नही लग रही है देखिये कितना पसीना हो रहा है,, रुकिये मै मा को बुला के लाता हू

नाना चौके - नही नही बेटा, मै ठीक हू ,,,छोटकी को परेशान न कर

मै जिद दिखा कर - नही नही आप रुको मै मा को लिवा के आता हू

फिर मै फटाक से उठा और दरवाजा खोल कर सिधा मा के कमरे मे गया जो अपने दरवाजे पर ही खड़ी सब सुन रही थी ।

मा इशारे से क्या हुआ पूछी तो मै उन्के कान के पास जाकर - दवा का असर हो गया अब हमारे ड्रामे की जरुरत है

मै और मा मुस्कुराये और फटाक से मेरे कमरे मे आ गये ।
जहा नाना उठा कर बैठ गये थे और अपनी धोती को फैला कर अपने जाघिये को धक लिया था और बाकी हिस्से से अपना पसीना पोछ रहे थे ।

मा हड़बड़ी और चिन्ता दिखा नाना के बगल मे खड़ी होकर -क्या हुआ बाऊजी , आपको इतनी गर्मी क्यू हो रही है ।

नाना - नही बेटी कोई दिक्कत नही है ,, आज गर्मी ज्यादा है बस

मा - नही बाऊजी ,, आज इत्नी भी गर्मी नही है , जितना आपको हो रहा है ।

मा बात करते हुए बहुत हिल रही थी जिससे उसकी चुची हिल्कोरे ले रही थी और नाना की नजारे मा की घाटी का दिदार कर और गरमा रहे थे ।

मा हड़बड़ा कर - राज तू रज्जो मौसी को फोन कर , उनहे पता होगा ,,बाऊजी नही बतायेंगे

मै भी चिंता दिखाते हुए जल्दी से रज्जो मौसी को फोन लगा दिया और मा को दे दिया

फ़ोन पर
रज्जो - हा राज बोलो बेटा
मा - मै बोल रही हू जीजी ,,वो बाऊजी को पता नही क्यू बहुत गरमी हो रही है
रज्जो - तुने दवा दी ना समय से उनको
मा - हा जीजी ,
रज्जो कुछ सोच कर - अच्छा तुझे कुछ अन्दाजा है कि बाऊजी ने सेक्स कितने दिन पहले किया था
मा मुस्कुराई और फिर बोली - क्या जीजी मै ये कैसे जानूंगि ,,

रज्जो - अच्छा तू बाऊजी को फोन दे
मा ने शर्माकर नाना को फोन दिया

नाना - हा बेटी बोल
रज्जो - बाऊजी आपको वो सब किये कितने दिन हुए

चुकि नाना जी जानते थे कि अभी अभी ये सवाल रज्जो मौसी ने मा को किया था और वो नही चाहते थे कि मा ऊनके बारे मे कुछ गलत सोचे इसिलिए वो झूठ बोले ।

नाना - अब यही कोई 5 6 दिन
रज्जो - तभी आपको दिक्कत हुई है शायद , आप रागिनी को फोन दीजिये

फिर नाना ने मा को फोन दिया मा ने मुस्कुरा कर लिया - हा जीजी
रज्जो - वो दरअसल बाऊजी ने 5 6 दिनो से सेक्स नही किया है इसिलिए उनको ये दिक्कत हो रही है, जब ऐसा होता है तो डॉक्टर ने बोला था कि थोडा बर्फ से उनके वहा वाले जगह की सेकाई करने को उससे उनको आराम मिल जायेगा ।

मा मुस्कुरा कर थोडी नाना के सामने शर्मा कर - जी ठीक है दिदी
फिर फोन कट जाता है

मै जो कि सारी बाते जानता था और सब कुछ मेरे प्लान के मुताबिक ही हो रहा था । मुझे और मा को पहले से डॉक्टर वाली सलाह का आइडिया था तभी मैने ये व्याग्रा वाला प्लान बनाया था । क्योकि हमे पता था कि नाना को कोई भी दिक्कत होगी उसमे सिर्फ सेक्स का ही रोल होगा और उसी से जुड़े सवाल होंगे । और मेरे अनुसार मेरा प्लान कार्यरत था ।

फिर भी नाना के सामने उत्सुकता से मा से बोला - क्या बात हुई मा ,,क्या कहा रज्जो मौसी ने

मा शर्मा कर पहले नाना को देखा और फिर बोली - कुछ नही तू सो जा , और बाऊजी आईये आप मेरे कमरे मे चलिये ,,वहा इसके पापा ने कुलर लगवाया है ।

नाना - नही बेटी मै ठीक हू
मा ने इस बार जिद दिखाई और उन्हे पकड कर उठाने लगी तो हस कर मा के साथ उन्के कमरे मे गये ।
मै अपने कमरे खुशी से और उत्तेजित होने लगा कि आगे क्या क्या होना है ।
मै उठा और एक जोर की अंगड़ाई ली और फनफनाते लण्ड के सिरे को दबा कर उसे समझाया कि अभी और मौका मिलेगा उपर उठने का ।

मै दबे पाव कमरे के बाहर झानका तो मा अपने कमरे से बाहर किचन की ओर जाती दिखी

मै फटाक से किचन मे गया
मै मा को पीछे से पकड कर उनकी चुचिया मिज दी और पुरा अच्छे से मसल दिया । जिसका असर हुआ कि मा मादक हो उठी और उन्के निप्प्ल कड़े हो गये ।

मा - ओह्ह बेटा बस कर हट ना
मै मा के गाल चूम कर - मा दरवाजा खुला रखना
मा फ्रिज से बर्फ निकाल कर एक सेकाई वाली पैकेट मे रखने लगी और हा मे इशारा कर शर्मायी ।

मै भी एक बर्फ से टुकड़े को लेके मा को सामने किया और उनके कड़े निप्प्ल पे बर्फ़ के टुकड़े की स्पर्श कराया जिससे मा सिहर सी गयी । और मैने बारी बारी दोनो निप्प्ल को बर्फ से गिला कर दिया जिससे ब्लाउज गिला होकर पूरी तरह से उस हिस्से पर निप्प्ल पर चिपक गया और उस सूती ब्लाउज मे अब उनका निप्प्ल पुरा क्लियर दिख रहा था ।
फिर मैने ब्लाउज के बाकी हिस्सो पर ही बर्फ मल कर थोडा पेतिकोट पर गिरा कर उसे गिला किया ।

फिर मा शर्मा कर वो सेकायि का पैकेट बंद किया और उसे लेके इतराते हुए अपने कमरे मे गयी और हल्का सा दरवाजा भिड़का दिया ताकि मै अन्दर झाँक सकू ।

अन्दर कमरे मे नाना बिस्तर पर टेक लगाये अभी भी धोती को उसी तरह जांघिये पर ढके बैठे थे । मा को हाथ मे सेकाई का थैला लेकर आते देख बोले

नाना - अरे बेटा ये किस लिये और ये कैसे भीग गयी

उनकी नजर मा के भिगे निप्प्ल पर थी जो पूरी तरह से दिख रही थी
नाना की नजर भाप कर मा शर्मा कर बोली - वो फ्रिज से बर्फ निकालते समय भीग गयी मै


नाना ने थुक गटक कर फैली हुई आंखो से मा के निप्प्ल निहारे जा रहे थे ।
मा शर्मा कर - बाऊजी आप अपना जांघिया निकाल लिजिए ताकि मै सेकाई कर दू

नाना हडबडी मे - क क क्या ,,,मतलब
मा शर्मा कर नजरे फेरे हुए - वो जीजी ने बताया था फोन पर की सेकाई से आपको आराम मिल जायेगा तो आप

नाना थोडा झेपे और फिर मा दुसरी तरह मुह कर ली।

नाना थोडा सोचे और फिर सुबह बाथरूम मे हुए हादसे को ध्यान मे रख कर मा के पीछे खडे हो गये और अपनी जांघिया निकाल दी और उनका फन्फ्नाता काला लंड मा के ठीक पीछे पुरा अकड़ कर खड़ा था ।
फिर वापस बैठ गये और धोती को उपर से ले लिये ।
हल्की धोती मे उनके मोटे काले नाग ने अपना टेन्ट बना लिया और नाना थोडा गला खरास कर मा को चेताया कि वो अब सेकाई के लिए तैयार है ।

इधर मा के दिल की धड़कन तेज थी वो थोडी डरी हुई भी थी लेकिन काफी उत्तेजित भी ।
इस समय उन्होंने वो सेकाई वाला पैकेट अपने सामने पकड़ा हुआ था जिससे वो सामने उनकी पेतिकोट चिपका हुआ था ,,,और परिणाम स्वरूप मा के सामने वाला हिस्सा धीरे धीरे भीगने लगा था ।
नाना के संकेत पर वो पलटी और नाना की नजर सीधा मा के चुत वाले हिस्से पर गयी जहा सामने का पेतिकोट भीग गया था ।
मा ने नाना की नजर का पीछा किया तो वो शर्मा गयी ।
मा झेप कर - वो इस पैकेट से भीग गया है लगता है

फिर नाना भी मा से नजर मिलते ही मुस्कुराये और सामने देखने लगे ।

जारी रहेगी
कितने दिन और माँ और नाना की लुका छिपी चलती रहेगी। क्या अनुज भी गीता बबीता के साथ कुछ करेगा। मस्त अपडेट।
 
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