Nice update Dost... Nana ka kaam tammam karke hi chodega Raj
Fantastic update waiting for next
लगता है नाना और अनुज दोनों का कच्छा खुलने वाला है
Really fantastic update... waiting more..maa ke sath nana, raj aur papa eksath threesome waiting...
good one
Bhut sundar aur shandaar update hai
Dekho dekho... kaise apne hawas ko mitane ke liye indirectly apne bhai ko gf banane ko keh raha hai....
Wo to sukar hai ki anuj ko abhi tak pata nahi thik se us ladki ka naam aur pata, warna ye kambakht Raj bichari us ladki ko bhi hawas ka shukar bana leta... Kamina kahi ka
dekho to is hawas ke pujari Raj ka natak...
Vimla aur komal ko kya hi pata ki wo kamina Raj kyun hi yaad karne laga bhala... uska kaam to ho gaya... hawas ka khel bhi khel liya dono ma beti ke sath... ab thodi na yaad karega wo....usko to ab nayi ladki aurat ki talaash hai hawas mitane ke liye... ch aahe anuj ki gf hi sahi
dono ko pata hi nahi ye baat ki Raj ek hawas ke pujari ke sath sath behad swaarthi aur matlabi hai....
Ye Raj to abbal darze ka kamina nikla.... agar ragini aur uska nana na bhi ch aahe tab bhi wo un dono ke bich hawas ka khel rach ke hi dum lega... tharki kahi ka..
udhar us hawasi dwara chali gayi chaal ke tahat budhau fansha apni hi adher umar ki beti ke husn ke jaal mein... in fact us kamine Raj ne apne bhai ko bhi nahi baksa... ushe bhi ghasit liya uske ghar mein ho rahe insects tharakapan ke khel mein... btw ragini to hai bitch.... uski to bas pyaas bujh jaaye yahi kaafi hai uske liye :lol
Well.... Shaandar update, shaandar lekhni shaandar shabdon ka chayan aur sath hi dilkash kirdaaro ki bhumika bhi...
Let's see what happens next
Brilliant update with awesome writing skills
नाना तो दीवाना हो गया रागिनी का और हो भी क्यों ना रागिनी चीज़ ही ऐसी है लगता अगला अपडेट और भी गर्म होने वाला है
राज की मां और राज तो नाना को लगता है बिल्कुल खोल कर ही मानेंगे, वैसे रज्जो की जगह रागिनी भी ले ये ही सही है,
राज को तो हर जगह कुछ न कुछ मिल ही जाता है बेचारा अनुज खाली है, उसको भी थोड़ा प्यार मिलना चाहिए, मां है बहन है चाची है और अब तो दंगल वाली गीता बबीता भी हैं उसकी झिझक भी खोलो। नहीं तो इतनी गदराई औरतों के होने का क्या फायदा।
बहुत ही उम्दा अपडेट अगली अपडेट का इंतज़ार है
Nice Ones
Awesome Update...
Mast update
Nice
Superb ab nana ka maa ke sath chakkar chalwao jaldi se
Waise agla update kab raha hai intzar nahi ho raha hai
लगता है कि नानाजी आज तो माँ के साथ कुछ करके ही मानेगे। राज की भी आज रात ऐश होने वाली है। मस्त अपडेट।
Adultry me meri favorite story... priyaarush a love story.... sapna ya haqeeqat .... manhoos se mahan tak
DREAMBOY40
Maine is story ko padhna chahta hun
But kyunki ye adultery section me hai isliye abhi tak nhi padhi
Isliye bas janna chahta hun ki is story me Maa ka koi affair ya adultery part hai kya??
Nice update bhai
AAP SBHI READERS KE REVO KE LIYE DHANYWAADइंतज़ार है अगले मस्ती भरे अपडेट का
लगता है नानाजी और माँ के बीच बहुत कुछ हो गया है। गीता का भी नंबर लगने वाला है। देखते है DREAMBOY40 भाई ने कुछ तो कांड करवा ही दिया है।UPDATE 97
सब लोग अपने अपने कमरो मे गये और मै भी गीता बबिता के साथ अपने कमरे मे गया ।
कमरे मे जाते ही मै बिस्तर पर लेट कर - अह्ह्ह बहुत तेज नीद आ रही है ,,,,मीठी जरा लाईट बंद कर देना
गीता और बबिता का मुह उतर गया और मै अपने होठ दबाए मन ही मन हस रहा था ।
गीता ने कुछ पहल नही कि और लाईट बुझा कर मेरे बायें तरफ लेट गयी और मेरे दाई तरफ बबिता लेट गयी।
मै झूठ मूठ की उबासी लेता हुआ बोला - मीठी गुड़िया सो जाओ ,
बबिता मेरे तरफ करवट लेके मेरे कन्धे पर अपनी नाखून से मेरे टीशर्ट को स्क्रेच करते हुए - भैया आप बोले थे ना रात मे
मै जान बुझ कर खराते भरने लगा ,,,
गीता - अरे भैया तो सो गये
बबिता - हम्म्म्म तो अब
गीता - थक गये होगे भैया ,,,कितना काम करते है वो
बबिता उदास होकर - हम्म्म
इधर मुझे हसी आ रही थी और मैने धीरे से कमरे के अन्धेरे मे ही हाथ निचे ले जाकर अपना टनटनाया हुआ लण्ड लोवर से बाहर निकाला और गीता की ओर करवट लेके उसको पकड कर सोने लगा ।
गीता को जब उसकी जांघो मे मेरे खडे लण्ड का आभास हुआ तो वो अपना बाया हाथ निचे ले गयी और लण्ड को छुते ही गनगना गयी
और फिर मेरे बालो मे हाथ फेर कर मुझे थप्की देते हुए बोली - हा सो जाओ मेरे राजा भैया
और वापस से हाथ निचे ले जा कर मेरे लण्ड को मुठ्ठि मे कस ली । तो मै भी थोडा गरदन बढा कर उसके लिप्स चुस्कर वापस सोने लगा ।
वो खिलखिलाई और मेरे सर को चुमा और वापस से मुथियाना शुरु कर दिया ।
मैने भी अपना हाथ गीता के टीशर्ट मे घुसा कर उसके पेट पर घुमाने लगा
जिस्से गीता खिलखिला रही
बबिता - क्या हुआ तू हस क्यू रही है
गीता ह्स्ते हुए - भैया गुदगुदी कर रहे है ना
बबिता चहक कर - क्या भैया आप जग रहे हो
मै कुछ नही बोला और चुपचाप अपना हाथ गीता की गाड़ तरफ ले जाकर उसके कूल्हो को सहलाते हुए उसके होठ चुससे लगा
गीता भी मेरे होठ पाते ही लण्ड पर पकड ढीली कर और पुरे जोश मे मेरे होठ चुस्ने लगी और मै भी गीता की जांघ पकड कर अपनी तरफ खिचते हुए उसके जांघो और गाड के पाटो को सहलाने लगा ।
इधर बबिता बेताब होने लगी थी जो उठ कर मेरे कन्धे पकड कर मुझे झकझोर रही थी
बबिता - भैया बोलो ना ,,जगे हो क्या आप
बबिता को एहसास हो गया की मै और गीता चिपके है तो वो मुझे पीछे से पकड ली और मेरे टीशर्ट मे हाथ डाल कर मेरे निप्प्ल को छूने लगी जिससे मेरे लण्ड को और भी झटके आने लगे ।
बबिता बहुत तडप रही थी और मेरे निप्स अपनी ऊँगलीयो से खीचते हुए बोली - भैया मै भी तो हू यहा उम्मममं प्लीज ना
मुझे बबिता की बेताबी का अन्दाजा था ही लेकिन मै उसकी आग और भडकाना चाहता था
जहा एक ओर मै गीता से लिप्स चुसते हुए उसके लोवर मे हाथ डाल कर उसके मुलायम गाड़ को फैलाने मे लगा था
वही बबिता मेरे निप्स नोचते हुए मेरे कान काटती मेरे गरदन पर अपने चेहरे को घिस्ती
जिसका सारा भड़ास मै गीता की गाड के पाटो को मसल कर मै निकाल देता
लेकिन अब बबिता की बेताबी ज्यादा हो गयी थी तो
मै फटाक से गीता को छोड कर बबित की ओर घुमा और उसे अपने से चिपका कर उसके छोटे छोटे चुतड़ को पकड कर उसकी जांघो को खोलकर उसमे अपना लण्ड उसकी चुत के निचे भिड़ा दिया
जिससे बबिता कसमसा कर रह गयी और सिस्क उठी
मैने उसके लोवर से उपर से ही उसकी चुत पर अपना लण्ड रगड़ा और उसकी टीशर्ट मे हाथ डाल कर उसकी गोल हो चुकी चुचियॉ को मसल दिया ।
बबिता - दर्द और मजे से कराह उठी
मैने फटाक से उसका टीशर्ट और टेप उपर किया और उसकी गोल मतोल हो चुची नुकीली चुची को मुह मे भर लिया
बबिता मेरे सर को सहलाते हुए -अह्ह्ह भैया अराम से उम्म्ंम्ं मम्मी अह्ह्ह
इधर गीता भी पीछे कैसे रहती वो फटाफट अपनी टीशर्ट टेप और ब्रा निकाल दी और मुझसे पीछे से लिपट गयी । वो अपनी 32c की चुचियॉ को मेरे पीठ पर दबाते हुए अपना हाथ आगे कर मेरे लण्ड को पकड ली जो इस समय बबिता की जांघो और चुत के बीच घिस रहा था ।
मैने एक एक करके बबिता के टीशर्ट और टेप निकाले ,,,हालकी उसकी चुचिया गदराई गीता से छोटी थी तो वो ब्रा नही पहनी थी ।
लेकिन गजब की कडक और नुकीली निप्पल
मैने उसके गुलाबी निप्प्ल को वापस मुह मे भरा और चूसना शुरु कर दिया ।
वही गीता निचे जाकर मेरे लण्ड को बबिता की जांघो से खिच कर अपने मुह मे भर चुकी थी ।
बबिता कसम्सा कर - आह्ह भइया अच्छे से चुसो ना उम्म्ंम
मै - ये तो सच मे पहले से बड़े हो गये हो गुड़िया
बबिता शर्मा गयी
मैने उसके चुतडो पर हाथ फेरा और उसके होठ चुसने लगा
वही गीता मेरे लण्ड को बड़े हौले से चुब्ला रही थी ।
उसके छोटे से मुह मे मेरा लण्ड बडी मुस्किल से घुसा था और उसके दाँत की गडन मह्सुस हो रही थी ।
लेकिन उसके मुलायम होथ जब मेरे सुपाड़े को छुते तो मेरे जिस्म मे खुन की गरमी तेज हो जाती थी
थोडी देर बाद
मैने हाथ देके उसका हाथ पकड़ा और अपनी ओर खीचा तो वो समझ गयी और मेरे सीने पर आ गयी
मैने बबिता को छोड के गीता को निचे पलत दिया और उसके मोटे चुचो को पकड के मसलते हुए उस्के निप्प्ल काटने लगा
गीता छ्टपटाने लगी तो मै उसके जांघो को खोल कर जगह बनाते हुए उसके उपर चढ़ कर उसकी चुचियो को चूसना शुरु कर दिया
उसके मुलायम भूरे मटर के दाने जितने निप्प्ल को जीभ से फ्लिक करने लगा ,,,वो कसमसाने लगी
गिता - ओहहह भैया और चुसो ममंंम्म्ं ,,बहुत मजा आ रहा है आज
मै उसकी दोनो चुचियॉ को जोड कर आपस मे दबा दिया जिससे उसके निप्प्ल फुल कर और भी कड़े हो गये थे । मैने लाल होते चुचियॉ के निप्प्ल के घेरे मे अपनी जीभ फिराई और अपने होठो से उसके कड़े निप्प्ल को समूच किया तो वो पागल सी होने लगी और छ्टपटा कर अपनी गाड पटकने लगी
वही बबिता बगल मे लेती गीता की आहो को सुन कर अपना सारा कपडा निकाल कर लेते हुए अपनी जान्घे खोल्कर चुत की रगड़ रही थी और मुझे आवाज दे रही थी
बबिता सिस्क्ते हुए - आह्ह भइया डाल दो ना प्लीज
मै बारी बारी से गीता की एक एज चुची को मुह मे भर कर चुसता हू कि तभी फिर से बबिता तड़प कर गुहार लगाती है
मैं गीता की एक चुची मुह मे लिये अपने बाये हाथ से बबिता के बदन को टटोलते हुए उसके चुत के हल्के झान्टो वाले हिस्से तक हाथ गया था कि बबिता और उपर सरक कर मेरा हाथ पकड के अपने चुत पर रख कर रगड़वाने लगती है ।
मैने उसकी पिचपिचाती चुत को थोडा सहला कर एक उगली बबिता की चुत मे घुसा देता हू ,,जिससे वो पागल सी होने लगती है और जल्दी जल्दी अपना कमर उचकाने लगती है
बबिता तडप कर - ओह्ह भैया वो डालो ना उम्म्ंम्ं अह्ह्ह
मै गीता की चुचियॉ से मुह हटा कर - क्या गुड़िया
बबिता सिस्क कर - आपका लण्ड भैया अह्ह्ह उह्ह्ह उम्म्ंम्
मै एक पल को सकपकाया और सोचा क्या ये सही रहेगा लेकिन बबिता की तडप देख कर पुरा मन हो रहा था कि उसकी कुवारी चुत मार लू मै
मै भी सोचा अब जो होगा देखा जायेगा और मैने गीता को छोड कर अपने कपडे उतारे और बबिता की जांघो को खोल कर उसके झान्टो के रोए से सजी चुत मे मुह लगा दिया
वो और ही तडप उठी और मेर सर को दबाने लगी
मैने भी उससे संतरे के फान्के जैसे चुत के फलको को खुब चुबलाया और जब देखा की बाबिता बार बार लण्ड के पागल हो रही है तो
मैने देर ना करे हुए अपने घुटने के बल आया और लण्ड को बाबिता की कोरी चुत के होठो को खोल कर छेद पर लगाया और एक बार बोला - गुदिया तैयार हो
मेरे बात खतम होने से पहले ही बबिता ने मेरे कमर मे हाथ डाला और अपनी गाड को ह्च्का कर उपर किया और मेरा सुपाडा एक बार मे ही गचाक से उसकी चुत मे धंस गया और वो दर्द से तडप उठी
मैने उसे थपथपाया तो
बबिता - ओह्ह भैया रुक क्यू गये डालो ना और उम्म्ंम प्लीज
मुझे उसकी हिम्मत पर ताज्जुब हुआ कि इससे ब्ड़ी उम्र की तीन लड़कीयो को मैने पेला तो उनकी गाड फट गयी और ये खुद से माग रही है
मै भी उसके होठ से होठ जोड़े और एक और करारा धक्का मारा लण्ड जड़ तक चला गया
वो मेरे दर्द से कराह उठी और मैने धिरे धीरे धक्के जारी रखे
बबिता मुझसे अलग होकर एक गहरी सास ली और हाफते हुए ह्स्तेहुए बोली - आई लव यू भैया ,,, अब क्यू रुके हो करो ना
मै उसको हस्ता देख वापस से एक और करारा धक्का पेला और उसके चुत ने मेरे लण्ड लो जगह देदी और फिर मैने उसके कंधो को थामे उससे लिपटे हुए ताबड़तोड़ पेलना शुरु किया
मुझे बबिता की हरकतों से ताजुब हो रहा था कि उसे अभी इतना मजा आ रहा है तो आगे कितना
इधर गीता पूरी तरह से गरमा गयी थी और बेड पर बैठ कर अपनी जान्घे खोले गचागच चुत में ऊँगली पेल रही थी
मुझे गीता का ख्याल आते ही मैने बबिता के उपर से उठा और निचे लेट गया
मै - आओ गुड़िया उपर मेरे
बबिता - कहा गये भैया कुछ दिख नही रहा है
मै खड़ा हुआ और कमरे की बत्ती जला दी और देखा की मेरी दोनो बहने एकदम चुदासी ही हो गयी है
मैं वापस फटाक से लेट गया और बबिता को लण्ड पर बैथने का इशारा किया तो गीता मुह बिच्का ली
मैने उसे अपनी तरफ खीचा और अपनी जीभ बाहर निकाल दी
गिता चहक उथी और फौरन मेरे मुह मे पर अपनी गाड को टिका कर जीभ को अपन चुत पर रगड़ाने लगी
वही बबिता एक फीर से अपनी कसी चुत मे मेरा लण्ड भर चुकी थी
इधर मै गीता के भारी गुलगुले चुतड के पाटो को थामे उसकी चूत को चुब्ला रहा था और जीभ को उसकी चुत मे घुमा रहा था ।
गीता बहुत ज्यादा छ्टक रही थी वही बबिता एक बार झडने के बाद भी नही रुकी थी और लगातार अपनी चुत से मेरा लण्ड निचोड रही थी ।
गीता ने भी अपनी जांघो मे मेरे सर को दबोच लिया था और अपनी चुत मेरे नथनो और होठो पर रगड़े जा रही थी और फिर एक दर्द भरी कराह से साथ तेजी से अपनी जांघो मे मेरे सर को दबोच कर झड़ने लगी ।
उसके शांत होही मैने उसे अपन उपर से हटने का इशारा किया और गहरी सांस ली ।।।
मेरा पुरा मुह गीता के माल से चखट गया था
मैने उसकी चुत के पानी को साफ कर बबिता को अपनी ओर खीचा और निचे से खुद जोर जोर से धक्के लगाने लगा
बाबिता मेरे नाम लेके सिस्कने लगी और उसकी सिस्कियो मे भी वाईब्रेशन आ गया था क्योकि मै झडने के करीब था और काफी तेज धक्के उसकी चुत मे लगये जा रहा था ।
एक पल आया और मैने रुका और फटाक से बबिता की उतार कर निचे किया और जल्द से उसके मुह पर लण्ड हिलाने लगा और भलभला कर उसके उपर झडने लगा
सारा माल निकाल कर मै हाफने लगा वही बबिता हसते हुए मेरे माल को चाट रही थी और तभी गीता उठ कर आई और मुझे धक्का देके लिटा दिया और लण्ड को मुह मे गपुच कर लिया
मुझे थोडी हसी आई और फिर वो दोनो मुझसे लिपट गयी ।
मै ह्स्ते हुए - क्यू मीठी मजा आया
गीता मुझे कस्ते हुए- हा भैया बहुत
बबिता भी मुझसे चिपक कर - मुझे भी भैया
मै हस कर- फटाफट कपडे पहनलो और बाकी मस्ती कल
वो दोनो खिलखिला कर हसी और हा बोली ।
फिर उन्होने अपने कपडे पहने और मै भी बनियान अंडरवियर पहन लिया ।
एक बार मैने मोबाईल खोला तो देखा अभी तो 10 भी नही बजे थे , यानी मैने अभी सिर्फ 40 मिंट मे ही ये सब खतम कर दिया था ।
मैने मोबाईल चेक किया तो सरोजा ने व्हाटसअप पर कुछ अच्छी तस्वीरे भेजी थी ,,आज वो किसी पार्टी मे गयी थी ।
इधर ये दोनो थक कर थोडी ही देर मे खर्राटे लेने लगी और मुझे भी थकान होने लगी थी तो मै भी सो गया ।
सुबह करीब 6 बजे मेरी नीद खुली तो देखा की दोनो अभी तक मुझसे चिपकी हुई सो रही थी । मै उठा और उबासी लेते हुए फ्रेश होने गया ।
फ्रेश होकर बाहर आया तो देखा ,, मा एक ढीली मैकसी पहने हाल और पूरी गैलरी मे पोछा मार रही है । लेकिन बैठने के कारण उनकी गाड मैक्सि मे फैल कर कस गयी थी ।
और वही हाल मे सोफे पर नाना जी बैठे हुए मा के गाड को निहार रहे थे ।
मै बडे आराम से चल कर नाना के पास गया और मा को बोला - क्या मा आज पोछा क्यू
मा मेरी ओर देखती है तो नाना फौरन नजर फेर लेते है
मा - वो बेटा ये मेरे कमरे के बाहर कुछ चिपचिपा सा दाग था और गरमी से हाल मे भी चिपचिप सी थी तो मैने सोचा पुरा पोछा ही मार दू
मै मा के जवाब से संतुष्ट हुआ और कुछ सोच कर मुस्कुरा दिया ।
मै नाना से - और नाना जी आप आराम से सोये ना
नाना - हा बेटा बस यहा गरमी ज्यादा होती है गाव के मुकाबले
मै थोडा हस कर - फिर चले टहलने
नाना मा को पोछा लगाते देख बेमन से - नही नही बेटा आज इच्छा नही है ।
फिर मा पोछा लगाते हुए हमारे तरफ आई और अब उसकी ढीली मैक्सि से उसकी घाटिया दिखने लगी थी ।
मा - राज जरा पैर उपर कर बेटा
मै फटाक से पैर उठाए और मा ने निचे पोछा मारा और थोडा आगे नाना के सामने आ गयी और इस वक़्त मा की ढीली मैक्सि से निप्प्ल के काले घेरे तक मै और नाना देख पा रहे थे ।
मा नजारे उठा कर नाना को अपनी चूचिया घुरते देख - बाऊजी आप भी उपर करो ना पैर
नाना ब्ड़ी मुस्किल मे आ गये क्योकि मा की कसी जवानी ताड़ कर उनका लण्ड बौरा गया था और उसे एडजेस्ट करते भी कैसे
बडी मुश्किल से उनहोने अपने झुलाते आड़ो सहित लण्ड को थाम कर पैर बतोरे और मा ने निचे पोछा मारा और फिर बालटी लेके पीछे वाशिंग एरिया मे चली गयी ।
नाना ने एक गहरि सांस ली ।
मै नाना से - नाना मै मा को कुछ कपडे देके आता हू धुलने के लिए
नाना ने हा मे सर हिलाया और मै अपने कमरे मे गया और फिर कुछ कपडे लेके पीछे वाशिन्ग एरिया मे गया जहा मा पोछा वाला कपडा धुल रही थी ।
मैने एक नजर गैलरी मे मारा और मा को पीछे से हग करते हुए - ओहो मा आज क्या बात है पोछे के बहाने नाना को अपनी इन घाटियो का दिदार करा दिया
मैने उनकी चुचियॉ को उपर से ही मसला
मा हस कर - धत्त पोछा कोई बहाना थोडी था , वो सच मे मेरे दरवाजे के बाहर चिपचिपा सा दाग था ।
मै मा को सामने लाकर - मतलब आपने सच मे रात मे दरवाजा खुला रखा था
मा शर्मा कर मुस्कुराते हुए हा मे सर हिलाई
मै हस कर - मतलब मेरा प्लान काम कर गया
मा हस कर - रात मे जिस तरह से घुर रहे थे मुझे ,, मुझे तभी समझ आ गया था कि बाऊजी एक बार रात मे मेरे कमरे का चक्कर जरुर लगाएंगे और तुने कहा था कि दरवाजा थोडा भिडका कर रखना तो मैने वैसे ही किया
मै हसते हुए मा के होठ चूम कर -- तो आपको पता चला था, नाना जब आये थे झाँकने
मा शर्मा कर हा मे इशारा की और बोली - उस समय मै तेरे पापा के उपर थी और तेरे कहने के हिसाब से ही मैने अपना चेहरा दरवाजा की ओर रखा था हर पोजिसन मे वो करते हुए
मै मा को खुशी से हग करते हुए उन्के गाल चूम लेता हू - अरे वाह मा ,, आई लव यू उम्म्म्म्म्म्माआआआह्ह
मा इतरा कर - अब छोड मुझे ,, पता नही क्या क्या करवाएगा मुझसे ,,
मै भी तुनक कर - सब आपके लिए ही तो कर रहा हू फिर भी हुउउह
मा थोडी शर्म और मुस्करा कर मेरे गाल सहलाए और बोली - क्यू तुझे मजा नही आ रहा है क्या जैसे
मै खुशी से हा मे सर हिलाकर - बहुत ज्यादा हिहिह्हिह
मै मा से - पापा को तो नही ना बतायी
मा हस कर मुझसे अलग हुई और वाशिंग मशीन मे कपड़े डालते हुए बोली - हिहिही नही पागल हू क्या ,,, वो तो परेसान हो गये थे रात मे की मै हर बार दरवाजे की ओर मुह क्यू की हू
मै ह्स कर - फिर
मा - फिर क्या ,,,उन्हे तो दो गंदी बाते बोल दो वो सब भूल जाते है हिहिही
मै मुस्कुरा कर - वैसे आप भी कम शातिर नही हो
मा हस कर - मा हू तेरी ,,तेरे कम कैसे रहूँगी हिहिही
मै वापस मा को हग कर लिया और फिर उनको अगला प्लान समझा कर बाहर आ गया ।
थोडी देर मे मा भी बाहर आई और सोनल के साथ किचन के काम मे लग गयी ।
इधर पापा और अनुज तैयार हो लिये लेकिन मैने अपनी योजना के अनुसार नही नहाया और नाना भी लेट नहाते थे ।
थोडी देर मे सबका नासता लगा
पापा - अरे राज तू अभी तैयार नही हुआ,,दुकान नही जाना है क्या
मै - नही पापा ,,आज मै नाना जी के साथ जाने वाला हू बाहर
नाना - हा बाबू ,,अगर तुमको कोई तकलीफ ना हो तो
पापा हस कर - अरे बाऊजी ,,ये आपका ही नाती है ,,इसमे पूछने जैसा क्या है
फिर हम सब ने नासता किया और फिर पापा और अनुज दुकान गये ।
सोनल भी गीता बबिता को अपने साथ सिलाई सेंटर लिवा के गयी ।
अब बचे मै नाना और मा
मै किचन मे गया और मा को बोल दिया की प्लान शुरु किया जाय ।
मा मुस्कुरा कर हा मे सर हिलाई और मै वापस हाल मे आ गया ।
थोडी देर बाद
मा ने खाना तैयार कर 9 बजे तक ढेर सारे कपडे लेके सबसे उपर की छत पर गयी और मै उन्के साथ गया ।
मैने उपर की टंकी से निचे का जाने वाली पाइप का पानी बंद कर दिया और मा सारे कपडे लेके बैठ गयी उपर धुलने ।
और फिर मै प्लान के मुताबिक निचे आया तो देखा नाना सोफे पर बैठे हुए झपकी ले रहे थे ।
मै - नाना जी आप मेरे कमरे मे आराम करिये और आपको फ्रेश होना होगा तो उपर छत पर चले जायियेगा
नाना अचरज से - क्या हुआ बेटा
मै उखड़ कर - वो निचे आने वाली पानी का पाइप मे कुछ दिक्कत है इसिलिए
नाना दीवाल की खड़ी मे समय देख कर - अरे अभी एक घन्टे बाद तो हमे निकलना है काम के लिए ,, तो ऐसा करता हू मै उपर जाकर नहा लेता हू
मै - हा ठीक है नाना जी आप उपर जाईये , मुझे कुछ समान लाना है ,,फिर मै भी नहा लूंगा
नाना - हा ठीक है बेटा
फिर मै किचन मे जाता हू एक झोला लेता हू और कुछ पैसे लेके किराने की दुकान पर चला जाता हू ।
थोडी देर बाद मै घर मे आता हू तो निचे पुरा सन्नाटा होता है ।
मेरे चेहरे पे एक मुस्कान आ जाती है और मै किचन मे झोला रख कर उसमे से सरफ की एक बडी पैकेट और अपना तैलीया लेके उपर चल देता हू
उपर की मजिल की सीढी चढ़ते हुए मुझे बहुत जोर की धकधक हो रही थी कि उपर क्या हो रहा होगा ,,क्या सीन चल रहा होगा ।
क्योकि मुझे घर से निकले करीब 30 मिंट से ज्यादा हो गये थे ।
मै उपर गया और जैसे ही छत पर देखा तो नाना नहा चुके थे और अपनी धोती बान्ध रहे थे ।
मै बाथरूम की ओर जाकर - अरे नहा लिये क्या नाना जी,,,और मा कहा है
तभी मा बाथरूम से बाहर आई जो इस समय एक पेतिकोट मे थी ।उसने पेतिकोट को अपनी छातियो पर कस कर बान्धा हुआ था और उसकी घुटनो से थोडी उपर की नंगी जान्घे तक दिख रही थी
मा - कहा रह गया था ,,बोली थी ना जल्दी आना
मै मा को सरफ का पाकिट थमाते हुए आंख मारा और इशारे से पुछा क्या हुआ अभी
मा हसी और शर्मा कर गरदन हिला कर बाथरूम मे चली गयी
नाना अब तक अपने कपडे पहन चुके थे - राज बेटा चल निचे चलते है
मै थोडा मुह बना कर - आप चलो नाना मै जरा फ्रेश हो लू ,,पेट कुछ सही नही है
नाना ह्स के - अच्छा ठीक है जल्दी आ ,, और तू भी नहा ले चलना है मेरे साथ
मै हस कर - हा नाना जी अभी नहा कर आता हू आप चलिये निचे ।
नाना जी फिर निचे चले गये और मै उनके जाते ही बाथरूम के सामने मा के पास चला गया ।
जारी रहेगी
Bahut bahut dhanywaad bhaiBabita ka udghatan ho gaya... ab Geeta ki chut chulbulayegi... Waise Babita ka reaction se pata nh kyun pr lagta nh ki wo virgin h.. kahi NANA ne Gaand na maari ho usski
Ragini bhi taiyar h NANA K niche aane ko lag raha h...
ab to ye to baap beti hi jaane kya hua hogaलगता है नानाजी और माँ के बीच बहुत कुछ हो गया है। गीता का भी नंबर लगने वाला है। देखते है DREAMBOY40 भाई ने कुछ तो कांड करवा ही दिया है।
ab to ye to baap beti hi jaane kya hua hoga
Apki pratikriya k liye dhanywaad bhai
Ghazab suspense hai...UPDATE 97
सब लोग अपने अपने कमरो मे गये और मै भी गीता बबिता के साथ अपने कमरे मे गया ।
कमरे मे जाते ही मै बिस्तर पर लेट कर - अह्ह्ह बहुत तेज नीद आ रही है ,,,,मीठी जरा लाईट बंद कर देना
गीता और बबिता का मुह उतर गया और मै अपने होठ दबाए मन ही मन हस रहा था ।
गीता ने कुछ पहल नही कि और लाईट बुझा कर मेरे बायें तरफ लेट गयी और मेरे दाई तरफ बबिता लेट गयी।
मै झूठ मूठ की उबासी लेता हुआ बोला - मीठी गुड़िया सो जाओ ,
बबिता मेरे तरफ करवट लेके मेरे कन्धे पर अपनी नाखून से मेरे टीशर्ट को स्क्रेच करते हुए - भैया आप बोले थे ना रात मे
मै जान बुझ कर खराते भरने लगा ,,,
गीता - अरे भैया तो सो गये
बबिता - हम्म्म्म तो अब
गीता - थक गये होगे भैया ,,,कितना काम करते है वो
बबिता उदास होकर - हम्म्म
इधर मुझे हसी आ रही थी और मैने धीरे से कमरे के अन्धेरे मे ही हाथ निचे ले जाकर अपना टनटनाया हुआ लण्ड लोवर से बाहर निकाला और गीता की ओर करवट लेके उसको पकड कर सोने लगा ।
गीता को जब उसकी जांघो मे मेरे खडे लण्ड का आभास हुआ तो वो अपना बाया हाथ निचे ले गयी और लण्ड को छुते ही गनगना गयी
और फिर मेरे बालो मे हाथ फेर कर मुझे थप्की देते हुए बोली - हा सो जाओ मेरे राजा भैया
और वापस से हाथ निचे ले जा कर मेरे लण्ड को मुठ्ठि मे कस ली । तो मै भी थोडा गरदन बढा कर उसके लिप्स चुस्कर वापस सोने लगा ।
वो खिलखिलाई और मेरे सर को चुमा और वापस से मुथियाना शुरु कर दिया ।
मैने भी अपना हाथ गीता के टीशर्ट मे घुसा कर उसके पेट पर घुमाने लगा
जिस्से गीता खिलखिला रही
बबिता - क्या हुआ तू हस क्यू रही है
गीता ह्स्ते हुए - भैया गुदगुदी कर रहे है ना
बबिता चहक कर - क्या भैया आप जग रहे हो
मै कुछ नही बोला और चुपचाप अपना हाथ गीता की गाड़ तरफ ले जाकर उसके कूल्हो को सहलाते हुए उसके होठ चुससे लगा
गीता भी मेरे होठ पाते ही लण्ड पर पकड ढीली कर और पुरे जोश मे मेरे होठ चुस्ने लगी और मै भी गीता की जांघ पकड कर अपनी तरफ खिचते हुए उसके जांघो और गाड के पाटो को सहलाने लगा ।
इधर बबिता बेताब होने लगी थी जो उठ कर मेरे कन्धे पकड कर मुझे झकझोर रही थी
बबिता - भैया बोलो ना ,,जगे हो क्या आप
बबिता को एहसास हो गया की मै और गीता चिपके है तो वो मुझे पीछे से पकड ली और मेरे टीशर्ट मे हाथ डाल कर मेरे निप्प्ल को छूने लगी जिससे मेरे लण्ड को और भी झटके आने लगे ।
बबिता बहुत तडप रही थी और मेरे निप्स अपनी ऊँगलीयो से खीचते हुए बोली - भैया मै भी तो हू यहा उम्मममं प्लीज ना
मुझे बबिता की बेताबी का अन्दाजा था ही लेकिन मै उसकी आग और भडकाना चाहता था
जहा एक ओर मै गीता से लिप्स चुसते हुए उसके लोवर मे हाथ डाल कर उसके मुलायम गाड़ को फैलाने मे लगा था
वही बबिता मेरे निप्स नोचते हुए मेरे कान काटती मेरे गरदन पर अपने चेहरे को घिस्ती
जिसका सारा भड़ास मै गीता की गाड के पाटो को मसल कर मै निकाल देता
लेकिन अब बबिता की बेताबी ज्यादा हो गयी थी तो
मै फटाक से गीता को छोड कर बबित की ओर घुमा और उसे अपने से चिपका कर उसके छोटे छोटे चुतड़ को पकड कर उसकी जांघो को खोलकर उसमे अपना लण्ड उसकी चुत के निचे भिड़ा दिया
जिससे बबिता कसमसा कर रह गयी और सिस्क उठी
मैने उसके लोवर से उपर से ही उसकी चुत पर अपना लण्ड रगड़ा और उसकी टीशर्ट मे हाथ डाल कर उसकी गोल हो चुकी चुचियॉ को मसल दिया ।
बबिता - दर्द और मजे से कराह उठी
मैने फटाक से उसका टीशर्ट और टेप उपर किया और उसकी गोल मतोल हो चुची नुकीली चुची को मुह मे भर लिया
बबिता मेरे सर को सहलाते हुए -अह्ह्ह भैया अराम से उम्म्ंम्ं मम्मी अह्ह्ह
इधर गीता भी पीछे कैसे रहती वो फटाफट अपनी टीशर्ट टेप और ब्रा निकाल दी और मुझसे पीछे से लिपट गयी । वो अपनी 32c की चुचियॉ को मेरे पीठ पर दबाते हुए अपना हाथ आगे कर मेरे लण्ड को पकड ली जो इस समय बबिता की जांघो और चुत के बीच घिस रहा था ।
मैने एक एक करके बबिता के टीशर्ट और टेप निकाले ,,,हालकी उसकी चुचिया गदराई गीता से छोटी थी तो वो ब्रा नही पहनी थी ।
लेकिन गजब की कडक और नुकीली निप्पल
मैने उसके गुलाबी निप्प्ल को वापस मुह मे भरा और चूसना शुरु कर दिया ।
वही गीता निचे जाकर मेरे लण्ड को बबिता की जांघो से खिच कर अपने मुह मे भर चुकी थी ।
बबिता कसम्सा कर - आह्ह भइया अच्छे से चुसो ना उम्म्ंम
मै - ये तो सच मे पहले से बड़े हो गये हो गुड़िया
बबिता शर्मा गयी
मैने उसके चुतडो पर हाथ फेरा और उसके होठ चुसने लगा
वही गीता मेरे लण्ड को बड़े हौले से चुब्ला रही थी ।
उसके छोटे से मुह मे मेरा लण्ड बडी मुस्किल से घुसा था और उसके दाँत की गडन मह्सुस हो रही थी ।
लेकिन उसके मुलायम होथ जब मेरे सुपाड़े को छुते तो मेरे जिस्म मे खुन की गरमी तेज हो जाती थी
थोडी देर बाद
मैने हाथ देके उसका हाथ पकड़ा और अपनी ओर खीचा तो वो समझ गयी और मेरे सीने पर आ गयी
मैने बबिता को छोड के गीता को निचे पलत दिया और उसके मोटे चुचो को पकड के मसलते हुए उस्के निप्प्ल काटने लगा
गीता छ्टपटाने लगी तो मै उसके जांघो को खोल कर जगह बनाते हुए उसके उपर चढ़ कर उसकी चुचियो को चूसना शुरु कर दिया
उसके मुलायम भूरे मटर के दाने जितने निप्प्ल को जीभ से फ्लिक करने लगा ,,,वो कसमसाने लगी
गिता - ओहहह भैया और चुसो ममंंम्म्ं ,,बहुत मजा आ रहा है आज
मै उसकी दोनो चुचियॉ को जोड कर आपस मे दबा दिया जिससे उसके निप्प्ल फुल कर और भी कड़े हो गये थे । मैने लाल होते चुचियॉ के निप्प्ल के घेरे मे अपनी जीभ फिराई और अपने होठो से उसके कड़े निप्प्ल को समूच किया तो वो पागल सी होने लगी और छ्टपटा कर अपनी गाड पटकने लगी
वही बबिता बगल मे लेती गीता की आहो को सुन कर अपना सारा कपडा निकाल कर लेते हुए अपनी जान्घे खोल्कर चुत की रगड़ रही थी और मुझे आवाज दे रही थी
बबिता सिस्क्ते हुए - आह्ह भइया डाल दो ना प्लीज
मै बारी बारी से गीता की एक एज चुची को मुह मे भर कर चुसता हू कि तभी फिर से बबिता तड़प कर गुहार लगाती है
मैं गीता की एक चुची मुह मे लिये अपने बाये हाथ से बबिता के बदन को टटोलते हुए उसके चुत के हल्के झान्टो वाले हिस्से तक हाथ गया था कि बबिता और उपर सरक कर मेरा हाथ पकड के अपने चुत पर रख कर रगड़वाने लगती है ।
मैने उसकी पिचपिचाती चुत को थोडा सहला कर एक उगली बबिता की चुत मे घुसा देता हू ,,जिससे वो पागल सी होने लगती है और जल्दी जल्दी अपना कमर उचकाने लगती है
बबिता तडप कर - ओह्ह भैया वो डालो ना उम्म्ंम्ं अह्ह्ह
मै गीता की चुचियॉ से मुह हटा कर - क्या गुड़िया
बबिता सिस्क कर - आपका लण्ड भैया अह्ह्ह उह्ह्ह उम्म्ंम्
मै एक पल को सकपकाया और सोचा क्या ये सही रहेगा लेकिन बबिता की तडप देख कर पुरा मन हो रहा था कि उसकी कुवारी चुत मार लू मै
मै भी सोचा अब जो होगा देखा जायेगा और मैने गीता को छोड कर अपने कपडे उतारे और बबिता की जांघो को खोल कर उसके झान्टो के रोए से सजी चुत मे मुह लगा दिया
वो और ही तडप उठी और मेर सर को दबाने लगी
मैने भी उससे संतरे के फान्के जैसे चुत के फलको को खुब चुबलाया और जब देखा की बाबिता बार बार लण्ड के पागल हो रही है तो
मैने देर ना करे हुए अपने घुटने के बल आया और लण्ड को बाबिता की कोरी चुत के होठो को खोल कर छेद पर लगाया और एक बार बोला - गुदिया तैयार हो
मेरे बात खतम होने से पहले ही बबिता ने मेरे कमर मे हाथ डाला और अपनी गाड को ह्च्का कर उपर किया और मेरा सुपाडा एक बार मे ही गचाक से उसकी चुत मे धंस गया और वो दर्द से तडप उठी
मैने उसे थपथपाया तो
बबिता - ओह्ह भैया रुक क्यू गये डालो ना और उम्म्ंम प्लीज
मुझे उसकी हिम्मत पर ताज्जुब हुआ कि इससे ब्ड़ी उम्र की तीन लड़कीयो को मैने पेला तो उनकी गाड फट गयी और ये खुद से माग रही है
मै भी उसके होठ से होठ जोड़े और एक और करारा धक्का मारा लण्ड जड़ तक चला गया
वो मेरे दर्द से कराह उठी और मैने धिरे धीरे धक्के जारी रखे
बबिता मुझसे अलग होकर एक गहरी सास ली और हाफते हुए ह्स्तेहुए बोली - आई लव यू भैया ,,, अब क्यू रुके हो करो ना
मै उसको हस्ता देख वापस से एक और करारा धक्का पेला और उसके चुत ने मेरे लण्ड लो जगह देदी और फिर मैने उसके कंधो को थामे उससे लिपटे हुए ताबड़तोड़ पेलना शुरु किया
मुझे बबिता की हरकतों से ताजुब हो रहा था कि उसे अभी इतना मजा आ रहा है तो आगे कितना
इधर गीता पूरी तरह से गरमा गयी थी और बेड पर बैठ कर अपनी जान्घे खोले गचागच चुत में ऊँगली पेल रही थी
मुझे गीता का ख्याल आते ही मैने बबिता के उपर से उठा और निचे लेट गया
मै - आओ गुड़िया उपर मेरे
बबिता - कहा गये भैया कुछ दिख नही रहा है
मै खड़ा हुआ और कमरे की बत्ती जला दी और देखा की मेरी दोनो बहने एकदम चुदासी ही हो गयी है
मैं वापस फटाक से लेट गया और बबिता को लण्ड पर बैथने का इशारा किया तो गीता मुह बिच्का ली
मैने उसे अपनी तरफ खीचा और अपनी जीभ बाहर निकाल दी
गिता चहक उथी और फौरन मेरे मुह मे पर अपनी गाड को टिका कर जीभ को अपन चुत पर रगड़ाने लगी
वही बबिता एक फीर से अपनी कसी चुत मे मेरा लण्ड भर चुकी थी
इधर मै गीता के भारी गुलगुले चुतड के पाटो को थामे उसकी चूत को चुब्ला रहा था और जीभ को उसकी चुत मे घुमा रहा था ।
गीता बहुत ज्यादा छ्टक रही थी वही बबिता एक बार झडने के बाद भी नही रुकी थी और लगातार अपनी चुत से मेरा लण्ड निचोड रही थी ।
गीता ने भी अपनी जांघो मे मेरे सर को दबोच लिया था और अपनी चुत मेरे नथनो और होठो पर रगड़े जा रही थी और फिर एक दर्द भरी कराह से साथ तेजी से अपनी जांघो मे मेरे सर को दबोच कर झड़ने लगी ।
उसके शांत होही मैने उसे अपन उपर से हटने का इशारा किया और गहरी सांस ली ।।।
मेरा पुरा मुह गीता के माल से चखट गया था
मैने उसकी चुत के पानी को साफ कर बबिता को अपनी ओर खीचा और निचे से खुद जोर जोर से धक्के लगाने लगा
बाबिता मेरे नाम लेके सिस्कने लगी और उसकी सिस्कियो मे भी वाईब्रेशन आ गया था क्योकि मै झडने के करीब था और काफी तेज धक्के उसकी चुत मे लगये जा रहा था ।
एक पल आया और मैने रुका और फटाक से बबिता की उतार कर निचे किया और जल्द से उसके मुह पर लण्ड हिलाने लगा और भलभला कर उसके उपर झडने लगा
सारा माल निकाल कर मै हाफने लगा वही बबिता हसते हुए मेरे माल को चाट रही थी और तभी गीता उठ कर आई और मुझे धक्का देके लिटा दिया और लण्ड को मुह मे गपुच कर लिया
मुझे थोडी हसी आई और फिर वो दोनो मुझसे लिपट गयी ।
मै ह्स्ते हुए - क्यू मीठी मजा आया
गीता मुझे कस्ते हुए- हा भैया बहुत
बबिता भी मुझसे चिपक कर - मुझे भी भैया
मै हस कर- फटाफट कपडे पहनलो और बाकी मस्ती कल
वो दोनो खिलखिला कर हसी और हा बोली ।
फिर उन्होने अपने कपडे पहने और मै भी बनियान अंडरवियर पहन लिया ।
एक बार मैने मोबाईल खोला तो देखा अभी तो 10 भी नही बजे थे , यानी मैने अभी सिर्फ 40 मिंट मे ही ये सब खतम कर दिया था ।
मैने मोबाईल चेक किया तो सरोजा ने व्हाटसअप पर कुछ अच्छी तस्वीरे भेजी थी ,,आज वो किसी पार्टी मे गयी थी ।
इधर ये दोनो थक कर थोडी ही देर मे खर्राटे लेने लगी और मुझे भी थकान होने लगी थी तो मै भी सो गया ।
सुबह करीब 6 बजे मेरी नीद खुली तो देखा की दोनो अभी तक मुझसे चिपकी हुई सो रही थी । मै उठा और उबासी लेते हुए फ्रेश होने गया ।
फ्रेश होकर बाहर आया तो देखा ,, मा एक ढीली मैकसी पहने हाल और पूरी गैलरी मे पोछा मार रही है । लेकिन बैठने के कारण उनकी गाड मैक्सि मे फैल कर कस गयी थी ।
और वही हाल मे सोफे पर नाना जी बैठे हुए मा के गाड को निहार रहे थे ।
मै बडे आराम से चल कर नाना के पास गया और मा को बोला - क्या मा आज पोछा क्यू
मा मेरी ओर देखती है तो नाना फौरन नजर फेर लेते है
मा - वो बेटा ये मेरे कमरे के बाहर कुछ चिपचिपा सा दाग था और गरमी से हाल मे भी चिपचिप सी थी तो मैने सोचा पुरा पोछा ही मार दू
मै मा के जवाब से संतुष्ट हुआ और कुछ सोच कर मुस्कुरा दिया ।
मै नाना से - और नाना जी आप आराम से सोये ना
नाना - हा बेटा बस यहा गरमी ज्यादा होती है गाव के मुकाबले
मै थोडा हस कर - फिर चले टहलने
नाना मा को पोछा लगाते देख बेमन से - नही नही बेटा आज इच्छा नही है ।
फिर मा पोछा लगाते हुए हमारे तरफ आई और अब उसकी ढीली मैक्सि से उसकी घाटिया दिखने लगी थी ।
मा - राज जरा पैर उपर कर बेटा
मै फटाक से पैर उठाए और मा ने निचे पोछा मारा और थोडा आगे नाना के सामने आ गयी और इस वक़्त मा की ढीली मैक्सि से निप्प्ल के काले घेरे तक मै और नाना देख पा रहे थे ।
मा नजारे उठा कर नाना को अपनी चूचिया घुरते देख - बाऊजी आप भी उपर करो ना पैर
नाना ब्ड़ी मुस्किल मे आ गये क्योकि मा की कसी जवानी ताड़ कर उनका लण्ड बौरा गया था और उसे एडजेस्ट करते भी कैसे
बडी मुश्किल से उनहोने अपने झुलाते आड़ो सहित लण्ड को थाम कर पैर बतोरे और मा ने निचे पोछा मारा और फिर बालटी लेके पीछे वाशिंग एरिया मे चली गयी ।
नाना ने एक गहरि सांस ली ।
मै नाना से - नाना मै मा को कुछ कपडे देके आता हू धुलने के लिए
नाना ने हा मे सर हिलाया और मै अपने कमरे मे गया और फिर कुछ कपडे लेके पीछे वाशिन्ग एरिया मे गया जहा मा पोछा वाला कपडा धुल रही थी ।
मैने एक नजर गैलरी मे मारा और मा को पीछे से हग करते हुए - ओहो मा आज क्या बात है पोछे के बहाने नाना को अपनी इन घाटियो का दिदार करा दिया
मैने उनकी चुचियॉ को उपर से ही मसला
मा हस कर - धत्त पोछा कोई बहाना थोडी था , वो सच मे मेरे दरवाजे के बाहर चिपचिपा सा दाग था ।
मै मा को सामने लाकर - मतलब आपने सच मे रात मे दरवाजा खुला रखा था
मा शर्मा कर मुस्कुराते हुए हा मे सर हिलाई
मै हस कर - मतलब मेरा प्लान काम कर गया
मा हस कर - रात मे जिस तरह से घुर रहे थे मुझे ,, मुझे तभी समझ आ गया था कि बाऊजी एक बार रात मे मेरे कमरे का चक्कर जरुर लगाएंगे और तुने कहा था कि दरवाजा थोडा भिडका कर रखना तो मैने वैसे ही किया
मै हसते हुए मा के होठ चूम कर -- तो आपको पता चला था, नाना जब आये थे झाँकने
मा शर्मा कर हा मे इशारा की और बोली - उस समय मै तेरे पापा के उपर थी और तेरे कहने के हिसाब से ही मैने अपना चेहरा दरवाजा की ओर रखा था हर पोजिसन मे वो करते हुए
मै मा को खुशी से हग करते हुए उन्के गाल चूम लेता हू - अरे वाह मा ,, आई लव यू उम्म्म्म्म्म्माआआआह्ह
मा इतरा कर - अब छोड मुझे ,, पता नही क्या क्या करवाएगा मुझसे ,,
मै भी तुनक कर - सब आपके लिए ही तो कर रहा हू फिर भी हुउउह
मा थोडी शर्म और मुस्करा कर मेरे गाल सहलाए और बोली - क्यू तुझे मजा नही आ रहा है क्या जैसे
मै खुशी से हा मे सर हिलाकर - बहुत ज्यादा हिहिह्हिह
मै मा से - पापा को तो नही ना बतायी
मा हस कर मुझसे अलग हुई और वाशिंग मशीन मे कपड़े डालते हुए बोली - हिहिही नही पागल हू क्या ,,, वो तो परेसान हो गये थे रात मे की मै हर बार दरवाजे की ओर मुह क्यू की हू
मै ह्स कर - फिर
मा - फिर क्या ,,,उन्हे तो दो गंदी बाते बोल दो वो सब भूल जाते है हिहिही
मै मुस्कुरा कर - वैसे आप भी कम शातिर नही हो
मा हस कर - मा हू तेरी ,,तेरे कम कैसे रहूँगी हिहिही
मै वापस मा को हग कर लिया और फिर उनको अगला प्लान समझा कर बाहर आ गया ।
थोडी देर मे मा भी बाहर आई और सोनल के साथ किचन के काम मे लग गयी ।
इधर पापा और अनुज तैयार हो लिये लेकिन मैने अपनी योजना के अनुसार नही नहाया और नाना भी लेट नहाते थे ।
थोडी देर मे सबका नासता लगा
पापा - अरे राज तू अभी तैयार नही हुआ,,दुकान नही जाना है क्या
मै - नही पापा ,,आज मै नाना जी के साथ जाने वाला हू बाहर
नाना - हा बाबू ,,अगर तुमको कोई तकलीफ ना हो तो
पापा हस कर - अरे बाऊजी ,,ये आपका ही नाती है ,,इसमे पूछने जैसा क्या है
फिर हम सब ने नासता किया और फिर पापा और अनुज दुकान गये ।
सोनल भी गीता बबिता को अपने साथ सिलाई सेंटर लिवा के गयी ।
अब बचे मै नाना और मा
मै किचन मे गया और मा को बोल दिया की प्लान शुरु किया जाय ।
मा मुस्कुरा कर हा मे सर हिलाई और मै वापस हाल मे आ गया ।
थोडी देर बाद
मा ने खाना तैयार कर 9 बजे तक ढेर सारे कपडे लेके सबसे उपर की छत पर गयी और मै उन्के साथ गया ।
मैने उपर की टंकी से निचे का जाने वाली पाइप का पानी बंद कर दिया और मा सारे कपडे लेके बैठ गयी उपर धुलने ।
और फिर मै प्लान के मुताबिक निचे आया तो देखा नाना सोफे पर बैठे हुए झपकी ले रहे थे ।
मै - नाना जी आप मेरे कमरे मे आराम करिये और आपको फ्रेश होना होगा तो उपर छत पर चले जायियेगा
नाना अचरज से - क्या हुआ बेटा
मै उखड़ कर - वो निचे आने वाली पानी का पाइप मे कुछ दिक्कत है इसिलिए
नाना दीवाल की खड़ी मे समय देख कर - अरे अभी एक घन्टे बाद तो हमे निकलना है काम के लिए ,, तो ऐसा करता हू मै उपर जाकर नहा लेता हू
मै - हा ठीक है नाना जी आप उपर जाईये , मुझे कुछ समान लाना है ,,फिर मै भी नहा लूंगा
नाना - हा ठीक है बेटा
फिर मै किचन मे जाता हू एक झोला लेता हू और कुछ पैसे लेके किराने की दुकान पर चला जाता हू ।
थोडी देर बाद मै घर मे आता हू तो निचे पुरा सन्नाटा होता है ।
मेरे चेहरे पे एक मुस्कान आ जाती है और मै किचन मे झोला रख कर उसमे से सरफ की एक बडी पैकेट और अपना तैलीया लेके उपर चल देता हू
उपर की मजिल की सीढी चढ़ते हुए मुझे बहुत जोर की धकधक हो रही थी कि उपर क्या हो रहा होगा ,,क्या सीन चल रहा होगा ।
क्योकि मुझे घर से निकले करीब 30 मिंट से ज्यादा हो गये थे ।
मै उपर गया और जैसे ही छत पर देखा तो नाना नहा चुके थे और अपनी धोती बान्ध रहे थे ।
मै बाथरूम की ओर जाकर - अरे नहा लिये क्या नाना जी,,,और मा कहा है
तभी मा बाथरूम से बाहर आई जो इस समय एक पेतिकोट मे थी ।उसने पेतिकोट को अपनी छातियो पर कस कर बान्धा हुआ था और उसकी घुटनो से थोडी उपर की नंगी जान्घे तक दिख रही थी
मा - कहा रह गया था ,,बोली थी ना जल्दी आना
मै मा को सरफ का पाकिट थमाते हुए आंख मारा और इशारे से पुछा क्या हुआ अभी
मा हसी और शर्मा कर गरदन हिला कर बाथरूम मे चली गयी
नाना अब तक अपने कपडे पहन चुके थे - राज बेटा चल निचे चलते है
मै थोडा मुह बना कर - आप चलो नाना मै जरा फ्रेश हो लू ,,पेट कुछ सही नही है
नाना ह्स के - अच्छा ठीक है जल्दी आ ,, और तू भी नहा ले चलना है मेरे साथ
मै हस कर - हा नाना जी अभी नहा कर आता हू आप चलिये निचे ।
नाना जी फिर निचे चले गये और मै उनके जाते ही बाथरूम के सामने मा के पास चला गया ।
जारी रहेगी
Bahut bahut dhanywaad bhaielement of surprise banaye rakhna or kahani apni tarikese hi likhna kuki aap bahuthi badhiya likte ho