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Shaandar jabardast super hot Mast Lajwab Kamuk Updateअध्याय: 02
UPDATE 002
" ओह येस बेबी उम्ममम कितनी सेक्सी सा चूस रही हो अह्ह्ह्ह्ह बाबू उम्ममम कितनी बड़ी गाड़ है तुम दोनों की एकदम गोरी गोरी दूधिया गाड़ अह्ह्ह्ह पागल कर दे रहे हो ओह्ह्ह्ह " , अमन बेड के किनारे अपना लंड बाहर किए खड़ा था और बिस्तर पर बेट के बल लेट कर सोनल और निशा बारी बारी उसका लंड चूस रही थी ।
" लुक हियर बेबी अह्ह्ह्ह्ह सेक्सी लग रही हो उम्ममम अह्ह्ह्ह " , अमन सोनल को कैमरे की ओर देखने को कहता है जिसमें वो दोनों की लंड चूसते हुए वीडियो बना रहा था ।
दोनो ने मैचिंग सेक्सी सी ब्रा पैंटी सेट पहनी थी और होटल के बेड पर लेती हुई अमन का लंड साझा करने लगी
निशा : उम्ममम जीजू कितना गर्म है उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह्ह लोहे जैसा लंड है तुम्हारा
सोनल अमन से मोबाइल लेकर फ्रंट कैमरे से निशा के साथ वीडियो बनाने लगी : निशा इधर देख अह्ह्ह्ह्ह सीईईई
निशा कैमरे में देखते हुए अमन का टोपा चुबला रही थी और उसकी आंखो में खुमारी उतर चुकी थी वो मदहोश नजरों से खुद को ही निहार रही थी ।
तभी अमन के मोबाइल पर रिंग हुआ
अमन : किसका है ?
सोनल : पापा जी का है !!
अमन समझ गया कि जरूर कुछ जरूरी बात होगी
अमन मोबाइल लेकर : मै बात करके आता हु
फिर वो वैसे हो कमरे निकल कर बालकनी में नंगा खड़ा होकर बात करने लगा
फोन पर
: नमस्ते पापा , कैसे हो ?
: मै ठीक हूं बेटा , तुम कैसे हो ? ( मुरारी की आवाज आई )
: मै तो एकदम मस्त हु पापा हीही ( अमन ने चहक कर जवाब दिया )
: हा हा भाई तेरी तो डबल मस्ती चल रही होगी क्यों ( मुरारी ने अंदाजा लगाया )
: उफ्फ पापा क्या बताऊं , आपकी बहु और उसकी बहन पूरा दिन मुझे कपड़े नहीं पहनने देते , अभी भी नंगा हु बालकनी में हीही
: ऐसी किस्मत सबको नहीं मिलती बेटा , मै तो 2 रोज से तड़प रहा हूं। शहर के शहर भटक रहा था अब तक आज कही पाव रुके है मेरे
: मतलब चाची मिल गई ( अमन खुश होकर )
: हा बेटा मिल गई , अभी उसके घर पर रुका हु कल सुबह हम लोग निकलेंगे घर के लिए
: वाव पापा फिर तो मै भी जल्दी आता हूं हीही मजा आएगा ( अमन एकदम से खुश हो गया )
: नहीं नहीं बेटा तुम आराम से अपनी ट्रिप इंजॉय करके आना , तबतक मै तैयारिया देख लूंगा , ठीक है (मुरारी बोला )
: पापा?
: हा बोल न बेटा ?
: पापा चाची कैसी दिखती है , मतलब sexy है या नहीं हीही ( अमन कमरे में झाक कर अंदर का माहौल देख कर अपना लंड सहलाते हुए मुरारी से सवाल किया )
: बदमाश कही का , आकर देख लेना न कैसी है ? हाहाहाहा ( मुरारी हंसा)
: पापा बताओ न प्लीज
: अब क्या बताओ बेटे , एकदम कड़क गदराया पीस है उफ्फ तेरी बुआ संगीता के जैसी कसी हुई मोटी मोटी छातियां है और कूल्हे उठे हुए है उसके जैसे ही । उम्मम अब क्या बोलूं , मेरा तो सोच कर ही मूड बन गया अह्ह्ह्ह
: वाव सच में फिर तो चाचू के भाग्य खुल गए हीही ( अमन बोला )
: किस्मत तेरी भी कम बुलंद नहीं है बेटा , बीवी के साथ साली को भी चोद रहा है उम्मम हाहाहा ( मुरारी ने अमन को छेड़ा )
: पापा एक गजब की चीज दिखाऊं, कलेजा थाम के देखना ओके ( अमन कमरे में झांकता हुआ बोला )
फिर वो मुरारी को वीडियो काल उठाने की रिक्वेस्ट भेजता है
: ऐसा क्या दिखाने वाला है तू ( मुरारी अंधेरे में वीडियो काल उठाता है
: श्शशश, चुप रहिएगा (अमन ने मुरारी को टोका और वीडियो काल पर बैक कैमरा से कमरे के अंदर का माहौल दिखाय
अंदर दोनो बहने सोनल और निशा 69 पोजिशन में एकदूसरे के बुर और गाड़ चाट रही थी और सोनल तो अपनी एक उंगली निशा की गाड़ में गुब्ब गुब्ब पेलते हुए उसकी झड़ती चूत चाट रही थी )
इधर मुरारी की आंखे फटी की फटी रह गई और लंड एकदम उफान पर था
कमरे से बाहर निकल कर
: क्या हुआ पापा होश उड़ गए न
: बेटा ये तो मैने पहली बार देखा , बहु अपनी बहन के साथ , अह्ह्ह्ह बेटा तेरे तो मजे ही मजे है । ( मुरारी पजामे में अपना लंड मसल कर बोला )
: पापा जल्द ही आपकी बहु को आपके आगे लिटाऊनंगा फिर आप भी मजे लेना , चलो मै चलता हु बाय
: हा बेटा मजे करे ( मुरारी फोन काटकर ) मेरे नसीब में तो अभी दो रात चूत का कोई ठिकाना नहीं है ।
मुरारी छत से नीचे आया और वो मोबाईल का टार्च जला कर नीचे आ रहा था कि उसके जहन में अमन के सवाल कौंधी " चाची कैसी है ? "
मुरारी कमरे में आया और उसकी नजर जमीन पर सोई हुई अपने भाई की प्रेमिका पर गई , जो इस वक्त साड़ी बदल कर नाइटी में सोई थी ।
उसके घुटने फोल्ड थे और पैर की ओर से नाइटी में पूरा गैप बना हुआ था ।
मुरारी का जी ललचा गया
वो दबे पाव दूसरी तरफ आया और मंजू के चेहरे पर टार्च जलाई , वो गहरी नीद में थी और उसने झुक कर हौले से मंजू की खुली नाइटी में टॉर्च दिखाई
आहे क्या नजारा था , हल्की फुल्की झुरमुट में झांकी एक रसीली फांक
देखते ही मुरारी का लंड एकदम फड़फड़ाने लगा मगर वो ज्यादा देर तक ऐसे नहीं रुक सकता था इसीलिए वो उठ कर बिस्तर पर आ गया ।
वही दूसरी ओर अमन कॉल काट कर वापस आया कमरे में तो सोनल निशा की जांघें फाड़े हुए उसकी बुर में अपना मुंह दिए हुए थी
सोनल : अह्ह्ह्ह कितनी गर्म है तेरी चूत रे अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह , इसको खा जाऊंगी आज उम्ममम
निशा उसके गाड़ के सुराख को गिला कर रही थी वो पागलों के जैसे सिसकने लगी जब सोनल इसके चूत में जीभ घुमाने लगी
निशा : ओह्ह्ह्ह मम्मीईईई उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई यस्स अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सोनल उम्ममम मै पागल हो जाऊंगी
अमन अपना लंड सोनल के मुंह पर लाता हुआ : हाय बेबी इसे नहीं चूसोगी उम्मम
सोनल ने नजरे उठा कर देखा और मुस्कुराते हुए अमन का लंड पकड़ कर मुंह में भर ली
अमन : ओह्ह्ह्ह गॉड उम्मम माय डर्टी बीच सेक्सी डॉल उम्ममम सक इट बेबी अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् यूयू ओह्ह्ह्ह यशस्स अह्ह्ह्ह्ह
अमन सिसकने लगा और सोनल उसका लंड गले तक ले जाने लगी उसकी उंगलियां अभी भी निशा के बुर को मसल रही थी
निशा तड़पती हुई : डालो न जीजू उम्ममम प्लीज अह्ह्ह्ह
अगले ही पल सोनल ने लंड को मुंह से निकाल कर अमन का सुपाड़ा निशा के बुर के फांके पर रगड़ने लगा
निशा : अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई अह्ह्ह्ह्ह डाल दे न कामिनी अह्ह्ह्ह बहनचोद अह्ह्ह्ह्ह जाने दे न अह्ह्ह्ह
अगले ही पल अमन ने हचक से लंड को झटका दिया और वो निशा के बुर के फाकों को चौड़ी करता हुआ अंदर घुसता चला गया
निशा : ओह्ह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई यस्स अह्ह्ह्ह्ह जीजू पेलो मुझे उम्मम कितना बड़ा है अह्ह्ह्ह रुकना नहीं उम्ममम यस्स जीजू उम्ममम अह्ह्ह्ह फक्क्क् फ़क्कक्क फक्क्क् ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह यस्स बेबी
अमन निशा की जांघें उठा कर तेजी से उसकी बुर में पेलने लगा : अह्ह्ह्ह ले मेरी जान कितनी गर्मी है तेरी बुर में अह्ह्ह्ह्ह मजा आ रहा है ओह बहिनचोद सपना था तुझे पेलने का जबसे तेरे चौड़े कूल्हे देखे थे उम्मम अह्ह्ह्ह्ह
निशा : अह्ह्ह्ह हा जीजू मै भी पागल हु आपके लिए अह्ह्ह्ह फक्क्क् मीईईई ओह्ह्ह गॉड अह्ह्ह्ह सोनल उम्ममम ममममाआ अह्ह्ह्ह्ह
वही सोनल निशा के निप्पल चूस रही थी और उन्हें मिंज रही थी कि उसकी नजर वापस से अमन के मोबाइल पर गई और लपक कर वो निशा के बगल में अपनी टांगे खोलकर भी लेट गई और सेल्फी कैमरे पर वीडियो बनाने लगी
निशा : अह्ह्ह्ह्ह कामिनी किसको दिखाएगी उम्मम अह्ह्ह्ह्ह जीजू और तेज अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् बहिनचो ताकत नहीं है क्या अह्ह्ह्ह
अमन जोश में उसकी जांघें पकड़ कर फचर फचर पेलने लगा : साली मादरचोद फाड़ दूंगा अह्ह्ह्ह लह्ह्ह ओह्ह्ह्ह कितनी गरम है चूत अह्ह्ह्ह
निशा तेजी से चीख रही थी
और सोनल हस्ते हुए सेल्फी कैमरे पर वीडियो ब्लॉग बना रही थी : हाय गाइज वी आर ऑन हनीमून , माय बिग डिक्की हब्बी फकिंग माय सिस्टर हाहा , देखो गाइज मेरी चूत अह्ह्ह्ह कितनी गर्म है मुझे भी लंड चाहिए कोई चोदेगा मुझे हाहाहा
सोनल मस्ती कर रही थी और उसकी बातें सुनकर उसका लंड और फड़कने लगा कि क्या हो अगर ये वीडियो अपने पापा को दिखाएगा
अमन निशा को छोड़ कर लपक कर सोनल को अपनी ओर खींचा और गपक से लंड उसकी चूत में उतार दिया ।
सोनल : ओह्ह्ह्ह बेबी कितना टाइट है आह्ह्ह्ह मम्मा उम्मम्म फक्क्क् मीईईई ओह्ह्ह यस्स बेबी अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह
अमन उसके हाथ से मोबाईल लेकर बैक कैमरा से वीडियो रिकार्ड करने लगा सोनल को चोदते हुए
सोनल अपनी जांघें खोलते हुए : अच्छे से बनाओ न बेबी अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह ओह गॉड फक्क्क् मीईईईई यस्स बेबी उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई अह्ह्ह्ह्हमम
निशा ने उसके लिप्स से लिप्स जोड़ लिए और चूत सहलाने लगी , सोनल ने बदन और जोश बढ़ने लगा । निशा झुक कर सोनल के बड़े बड़े रसीले मम्में मुंह में भरने लगी अपनी गाड़ फैला कर
अमन उसकी भी सारी हरकते रिकॉर्ड करता है सोनल को पूरे जोश ने पेले जा रहा : ओह्ह्ह्ह्ह बेबी कितनी मुलायम चूत है तुम्हारी ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् यूयू बाबू
सोनल : उम्ममम यस्स बेबी फक्क मीईईई अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई यस्स अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह
अगले ही पल निशा लपक कर अमन के हाथ से मोबाइल लेते हुए : जीजू मुझे दो न हिही
निशा ने सेम सेल्फी कैमरे से वीडियो चालू की और अपनी बुर सोनल के मुंह पर ले जाती हुई : देखो गाइज मेरी ये मेरी बहन है , ये मै हु और ये मेरी चूत चाट रही है , अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम और डाल ने जीभ ओह्ह्ह्ह गॉड उम्मम, अह्ह्ह्ह्ह गाइज देखो मेरी बहन को जीजू मेरे चोद रहे है अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म
सोनल ने निशा की दोनो जांघों को कस लिया और उसकी बुर के फांके चुंबलाने लगी
वही दूसरी ओर अमन सटासट उसकी बुर पेले जा रहा था , सोनल के बाद अब निशा की हरकते उसको और पागल किए जा रही थी , उसके पैर थक रहे थे ।
वो उठा और बिस्तर पर आ गया
लंड आसमान की ओर उठाए : आजाओ बेब्स
निशा : मेरी टर्न मेरी टर्न अह्ह्ह्ह उम्ममम
निशा दोनों पैर फेक कर अमन की ओर अपना गाड़ करके उसका लंड अपनी बुर में लेकर बैठ गई : अह्ह्ह्ह उम्मम अह्ह्ह्ह्ह उम्ममम
निशा कस कर अपने चूतड़ अमन के कड़क लंड पर पटक रहे थी और सोनल अमन के बाहों के लेती हुई उसके लिप्स चूसने लगी
सोनल : मजा आ रहा है मेरी जान उम्मम
अमन उसके नंगे चूतड़ नोचता हुआ : बहुत ज्यादा मेरी जान अह्ह्ह्ह
निशा : अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई अह्ह्ह्ह्हमम यशस्स जीजू पेलो मुझे अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई अह्ह्ह्ह्हमम यशस्स जीजू आयेगा अह्ह्ह्ह
अमन निशा की बातें सुनकर उसके चूतड़ पकड़ कर नीचे से झटके देने लगा : अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह ले साली रंडी अह्ह्ह्ह मेरी जान अह्ह्ह्ह्ह झड़ जा अह्ह्ह्ह
अमन कस कस कर नीचे से कमर उछाल कर पेलने लगा और निशा अपनी आँखें उलटती हुई झड़ने लगी ,
अमन : ओह्ह्ह यस्स बेबी फक्क मीईईई अह्ह्ह्ह आ रहा है मेरा भी ओह्ह्ह्ह
निशा झट से उसके लंड से उठ गई और सोनल ने लपक कर अमन का लंड मुंह में ले लिया और अमन उसक सर पकड़ कर झटके खाते हुए झड़ने लगा : अह्ह्ह्ह मेरी जान पी ले अह्ह्ह्ह्ह ममीईइई ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् यूयू बेबी अह्ह्ह्ह्ह
सोनल अमन के फड़कते लंड को पकड़े हुए आखिर से सारा पानी पीती रही और फिर उसका सुपाड़ा निशा के बहती चूत पर लगा कर वापस से चूसने लगी जिसे देखकर अमन के लंड में फिर से हरकत होने लगी
मगर सुबह से ये चौथी बार था जब वो इतने जोरदार तरीके से झड़ा था और सुस्ती उसके जिस्म पर हावी हो रही थी
फिर वो दोनों के साथ ही सो गया ।
अगली सुबह
मुरारी अंगड़ाई लेता हुआ उठा, उसको आंखों में हल्की फुल्की जलन महसूस हो रही थी और पता चला घर में धुआं उठ रहा था कही ।
मुरारी मच्छरदानी से निकल कर खड़ा हुआ और पजामे में उसके लंड एकदम कड़क उठा था सुबह सुबह । नीचे देखा तो मंजू उठ चुकी थी और पीछे हाते के पास चूल्हे से गर्मागर्म खाने की खुशबू आ रही थी। मुरारी ने घड़ी देखी तो 8 बजने वाले थे ।
अचरज नहीं हुआ मुरारी को मंजू इतनी सुबह क्यों खाना बना रही होगी ।
मुरारी अपना लंड पजामे में सेट करता हुआ हाते में चूल्हे के पास आया जहा मंजू रोटियां बेल कर सेक रही थी
मंजू मुरारी को अपने ओर आते देख मुस्कुरा उठी और झट से अपना दुपट्टा सर पर ले लिया । वो अभी भी रात वाली नाइटी में थी , जाहिर था अभी तक वो नहाई नहीं थी ।
मगर मुरारी को इससे फर्क नहीं पड़ने वाला था उसकी नजर तो मंजू को नाइटी की आधी खुली चैन पर थी जिसमें से मंजू के दो बड़े बड़े रसीले मम्में आपस में चिपके हुए थे और रोटियां बेलते समय मंजू के दोनों मम्मे खूब उछल रहे थे ।
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मुरारी का लंड एक बार फिर से सर उठाने लगा ।
मुरारी : अरे मंजू सुबह सुबह खाना
मंजू मुस्कुरा कर : हा भाईसाहब वो मुझे ऑफिस जाना है न
मुरारी : ऑफिस जाना है मतलब
मुरारी का हलक सूखने लगा कि कही उसने साथ चलने का प्लान कैंसिल तो नहीं कर दिया ।
मंजू : अरे मुझे मेरे सर को बताना पड़ेगा न कि मै अब काम पर नहीं आऊंगी और फिर हिसाब भी कराना पड़ेगा न
मुरारी की जान में जान आई : ओह ऐसा , मै सोचा कि
मंजू उसकी बात समझ कर मुस्कुराने लगी ।
मुरारी : बाथरूम में पानी आ रहा है क्या
मंजू : जी नहीं वो मैं पानी रख दी हूं आप जा सकते है
मंजू थोड़ा शर्मा कर मुस्कुराने लगी ।
फिर वो उठ कर झाड़ू लगाई और इधर मुरारी पाखाने में चला गया ।
मंजू ने सोचा कि जबतक मुरारी पाखाने में है क्यों न तबतक वो नहा ले , नहीं तो कपड़े बदलने की दिक्कत हो जाएगी ।
मंजू फटाफट से नल चला कर पानी भरने लगी और मुरारी को आवाज आने लगी नल चलने की
उसके भी जहन भी यही चल रहा था कि मंजू कैसे नहाएगी । क्या उसे देखना चाहिए ।
मुरारी खुद से बड़बड़ाया: वैसे कसे हुए रसभरे मम्मे है उसके एकदम टाइट ओह्ह्ह्ह लंड खड़ा कर दिया साली ने
तभी बाहर से पानी गिराने की आवाज आने लगी तो मुरारी की झटका लगा उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी ये सोचकर कि कही मंजू बहार नहाने तो नहीं बैठ गई । हड़बड़ी में वो बिना गाड़ धोए ही खड़ा होकर पाखाने के किवाड़ की जाली से बाहर नल की ओर झांका
तो देखा मंजू नाइटी में ही नल के पास बैठ कर अपने बदन पर पानी डाल रही थी ।
उसने नाइटी को जांघों तक उठा रखा था जिससे उसकी चिकनी नंगी सुडौल जांघें देख कर मुरारी का लंड ऐंठने लगा । उसकी नजर मंजू के भीगती नाइटी पर भी थी जिसमें से मंजू के चूचे शेप में आ रहे थे धीरे धीरे भीगकर
मुरारी : अह्ह्ह्ह बहनचोद बवाल चीज है यार मदन क्या किस्मत है साले तेरी , मस्त माल है आह्ह्ह्ह
मुरारी को फिर से प्रेशर आने लगा तो वो वापस हगने बैठ गया और उधर मंजू झटपट से नहा कर कमरे में चली गई और कड़ी लगा दिया ।
कुछ देर बाद वो कपड़े पहन कर बाहर आई और मुरारी तबतक बाहर आ चुका था । फिर वो भी नहाने बैठ गया और इधर तबतक मंजू ने पैकिंग के लिए ढेर सारे कपड़े बिस्तर पर फैला दिए थे ।
ब्लाउज पेटीकोट सारी नाइटी ब्रा पैंटी दुपट्टे जींस सूट सब कुछ ।
मुरारी नहा कर आया तो उसने बिस्तर पर बिखरे हुए कपड़े देखे , ज्यादातर पुराने थे । मुरारी को देख मंजू ने झट से दुपट्टे ब्रा पैंटी धक दिए ।
मुरारी ने भी थोड़ी नजरे फेरी मगर भीतर से तो वो पूरा जिज्ञासु हुआ जा रहा था कि मंजू की असल साइज क्या होगी ।
मुरारी : अरे इतने सारे समान लेकर कैसे जायेगे हम लोग , बस जरूरी समान और कपड़े रखो बाकी छोड़ दो
मंजू : तो ये सब सामान
मुरारी : देखो ये सब सामान आप पास जो भी तुम्हे खास लगे उसे देदो , वहां किसी चीज की कमी नहीं है ।
मंजू : जी ठीक है भाई साहब
मुरारी की बातों ने मंजू को सोच में डाल दिया था कि क्या करे वो , फिर उसे ये भी समझ नहीं आ रहा था कि उतने बड़े घराने में वो किन कपड़ो में जाएगी । ये सब पुराने कपड़े और अंडर गारमेंट किसी ने देख किया तो क्या सोचेंगे उसके बारे में । मंजू के जहन में झिझक हो रही थी । उसके जहन में कुछ योजना चल रही थी जिससे उसकी सारी झंझट ठीक हो सकती थी मगर वो मुरारी से साझा करने से कतरा रही थी
मुरारी : क्या हुआ , क्या सोच रही हो
मंजू : जी ? कुछ नहीं ! ऐसा नहीं हो सकता कि हम लोग कल चलें ?
मुरारी : क्या हुआ , बताओ न ?
मंजू : जी वो मुझे कुछ कपड़े लेने है और ऑफिस भी जाना है । पूरा दिन लग जाएगा फिर पैकिंग भी बाकी है और ये सब सामान किसी को सौंपना है ।
मुरारी कुछ सोच कर : अच्छा ठीक है हम कल ही जाएंगे । पहले तुम खाना खा कर ऑफिस जाओ और निकल कर फोन करना मै आ जाऊंगा तो साथ में शॉपिंग पर चलेंगे
मंजू खुश होकर : जी ठीक है
फिर मंजू सारे कपड़े बिस्तर पर एक किनारे बटोर दी और मुरारी के लिए खाना लेने चली गई ।
अरुण के घर
सुबह का नाश्ता कर अरुण कालेज के लिए निकल गया था और रज्जो जो शिला के साथ उसके कमरे में थी वो नहाने चली गई और नहाने के बाद वो तैयार हो गई ।
रज्जो : अरे दीदी कब आयेंगे वो लोग , 9 बज गए है
शिला : रुको यार फोन करती हुं
फिर शिला ने अपने पति को फोन घुमा दिया
फोन पर
शिला : हैलो
मानसिंह : हा शीलू कहो
शिला : कहूं क्या कहू ?आपको तो मेरी फिकर ही नहीं है , सुबह आने वाले थे 9 बज गए है
मानसिंह : बस मेरी जान आधे घंटे में आ रहा हूं
शिला मस्ती भरे लहजे में : जल्दी आओ न मेरे राजा , कबसे तड़प रही हूं अह्ह्ह्ह
मानसिंह : ओहो मेरी जान मूड में है क्या
शिला रज्जो को देख कर मुस्कुराई और अपनी हसी रोक : अह्ह्ह्ह्ह हा बहुत ज्यादा , कितने दिन से मै तड़प रही हूं उम्मम जल्दी से आओ न
मानसिंह : बस मेरी आ ही गया हू रखो मै गाड़ी चला रहा हूं
फोन कट जाता है
रज्जो और शिला खिलखिला कर हस दिए
रज्जो - ये बढ़िया तरीका है जल्दी बुलाने का हीही उम्मम
शिला - अरे जब तड़पकर आयेंगे तभी तो और मजा आएगा हीही
कुछ देर मानसिंह की गाड़ी उसके घर के दरवाजे पर खड़ी थी ।
मानसिंह झट से उतरा और उसके साथ रामसिंह और कम्मो भी ।
कम्मो हस कर : अरे भाई साहब दीदी कही भाई नहीं रही है हाहा
रामसिंह : भाभी ने हड्डी फेक दी है कम्मो , अब भैया कहा किसी की सुनने वाले है हीही
मानसिंह अपना पजामा सेट करता हुआ : तुम दोनों चुप रहो , तुम्हारे आउटडोर क्विकी के चक्कर में लेट हो गया हमें
कम्मो : कॉम डाउन मेरी जान , मजा नहीं आया क्या आपको उम्मम खुले ने मुझे पेल कर
कम्मो पार्किंग में पजामे के ऊपर से ही मानसिंह का खड़ा लंड पकड़ते हुए बोली ।
मानसिंह सिहर उठा : अह्ह्ह्ह्ह कम्मो जाने दे न मुझे अह्ह्ह्ह
और मानसिंह झटके से घर में चला गया । वही कम्मो खिलखिलाने लगी
रामसिंह : भैया को तंग करने में तुम दोनों बहने एक सी हो हीही
कम्मो : क्यों जलन हो रही है
रामसिंह हस कर अपने लंड की ओर इशारा कर : मुझे नहीं इसे जरूर हो रही है
कम्मो ने हाथ बढ़ा कर रामसिंह का लंड पकड़ लिया : चलो इसको थोड़ा दुलार देती हूं मान जायेगा
और रामसिंह ने वही पार्किंग में ही कार पास खड़े हुए कम्मो के लिप्स चूसने लगा ।
कम्मो की सांसे चढ़ने लगी : जान ऊपर चलते है न
रामसिंह साड़ी के ऊपर से उसकी गाड़ दबोचता हुआ : यही कर लेते है न मेरी जान एक और आउटडोर क्विकी
कम्मो लजाई: धत्त
और निकल गई घर में ।
वही मानसिंह बड़े तेजी से हाल में घुसा और किचन में मीरा को काम करता देख शांत हुआ
मानसिंह : मीरा , नीलू की मां कहा है ?
मीरा : जी नमस्ते साहिब वो अपने कमरे में ही होगी
मानसिंह बिना कुछ बोले तेजी से अपने कमरे के पास चला गया ।
कमरे में कोई नहीं दिखा उसे जोरो की पेशाब लगी थी तो वो पहले फ्रेश होने लगा और जैसे ही बाहर आया और सोफे पर बैठ कर अपने जूते निकालने लगा
शिला हाथ में नाश्ते का ट्रे लेकर कमरे में दाखिल हुई , उसने आज नए तरीके से साड़ी पहनी हुई थी
शिला के चुस्त ब्लाउज के उसकी छातियां मुश्किल से बिना ब्रा के समा पाई थी । ज्यादातर तो बाहर निकल आई थी । उसने सीधा पल्ला का साड़ी पहन करअपना चेहरा पल्लू से पूरा ढक रखा था और आगे से उसका ब्लाउज से मोटी चूचियां और नंगा बड़ा पेट साफ साफ नजर आ रहा था ।
मानसिंह ने जैसे ही शिला को साड़ी में ऐसे कामुक अवतार में देखा तो उसकी हलक सूखने लगी
मानसिंह : आहा मेरी जान क्या मस्त लग रही हो , अह्ह्ह्ह्ह ये पर्दा क्यों , आओ न बैठो
शिला ने ट्रे टेबल पर रखा और पीछे होकर खड़ी हो गई
मानसिंह : आओ न मेरी जान
शिला ने बिना कुछ बोले न में सर हिलाया
मानसिंह की नजर शिला के गदराई हुई मोटी मोटी चूचियो पर थी जो उसे ललचा रही थी और उसकी गुदाज गहरी नाभि देख मानसिंह का गला सुख रहा था ।
मानसिंह : अह्ह्ह्ह जान अभी भी नाराज हो क्या
शिला ने घूंघट में ही बिना कुछ बोले हा में सर हिलाया तो मानसिंह हाथ आगे बढ़ा कर उसकी कलाई पकड़ ली तो शिला एकदम से चौक गई और कुनमुना कर अपनी कलाई छुड़ाने लगी और उससे दूर होने के लगी कि मानसिंह ने एक बार फिर से उसकी कलाई पकड़ते हुए उसको अपनी ओर खींचा और अपनी गोदी में बिठा लिया
शिला सिसकी और मानसिंह उसके बड़े चौड़े कूल्हे को मसलता हुआ अपने हाथ उसके नंगे पेट कर सहलाने लगा: अह्ह्ह्ह्ह मेरी जान क्यों नाराज है, अब तो आ गया न तेरे पास , जरा एक अपने मीठे होठों का रस तो पिला
जैसे ही मानसिंह ने शिला ने सर से पल्लू हटाया उसको जोर का झटका लगा वो उछल कर फर्श पर खड़ा हो गया और कमरे में एक तेज खिलखिलाहट गूंजने लगी
मानसिंह ने दरवाजे की ओर देखा तो वहां शिला लेगी कुर्ती में हस रही थी और अब तक जिसे मानसिंह शिला समझ रहा था वो रज्जो थी ।
रज्जो थोड़ी लजा शर्मा रही थी क्योंकि उसे ये उम्मीद नहीं थी कि मानसिंह एकदम से उसके जिस्म को मिजने लगेगा ।
मानसिंह : आ दादा , माफ कीजिएगा भाभी जी , मुझे लगा शिला है और आप कब आई तुमने बताया नहीं
मानसिंह जितना हो सकता था माहौल को बदलने की कोशिश कर रहा था मगर शिला ने रज्जो के सामने उसका मजा लेने से बाज नहीं आई और जमकर अपने पति को छेड़ा ।
शिला मजे लेते हुए : वैसे अब पता चल गया कि आप मुझसे जरा भी प्यार नहीं करते हूंह
मानसिंह कभी शिला को तो कभी मुस्कुराती लजाती रज्जो को देख कर सफाई देता हुआ : अरे मुझे कैसे पता कि घूंघट के नीचे भाभीजी होंगी , प्लीज भाभी जी मुझे माफ कीजिएगा प्लीज
रज्जो हस्ती हुई : कोई बात नहीं ये हम दोनो की ही शरारत थी
मानसिंह शिला की ओर देखकर : लो देखो ,
शिला : क्या देखो , भले ही ये हमारी शरारत थी मगर आपको तो मुझे पहचानना चाहिए था न हूह
रज्जो हसने लगी : हा ये भी .. हीही
मानसिंह शर्म से झेप कर : क्या भाभी आप भी मतलब
शिला : चलो भाभी , हम चलते है अब रहिए आप अकेले हूह
मानसिंह : अरे सॉरी न नीलू की मां , प्लीज
शिला मुंह बना कर : हा हा ठीक है , आप नहा धो कर नाश्ता कर लो हम आते है
मानसिंह : अरे कहा जा रहे हो
शिला : अरे रज्जो भाभी के कुछ कपड़े कल देने गई थी गांव में , तो वही लेने जाना है
मानसिंह : ओह ठीक है , जल्दी आना प्लीज
शिला मुंह बनाते ही अंगूठा दिखा कर : ठेंगा आऊंगी जल्दी हा नहीं तो
और दोनों कमरे से बाहर हस्ती खिलखिलाती निकल गई ।
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वही इन सब के अलग चमनपुरा में
रंगीलाल का बैग पैक हो चुका था और नाश्ता करके वो तैयार था
रंगी : राज बेटा दुकान के साथ घर का भी ध्यान रखना और तुम छोटे सेठ पढ़ाई न रुके बोर्ड है न इस बार
अनुज : जी पापा
रंगी : राज दुकान पर कुछ न समझ आए तो फोन कर लेना
राज : ठीक है पापा
रंगी : राज की मां तुम भी ख्याल रखना अपना
रागिनी कुछ बोले अनुज बीच में टपका : पापा मै हु न , मम्मी के पास हमेशा आप बेफिक्र जाओ
अनुज की बात पर सब हसने लगे
रागिनी मुस्कुरा कर : तेरा बैग रेडी हुआ , कालेज जाना है न तुझे भी
अनुज : कल से न मम्मी प्लीज
राज : कोई ड्रामा नहीं , चुप चाप कालेज जा
अनुज मन मारकर चुप हो गया और
रंगी भी मुस्कुरा कर सबसे विदा लेकर निकल गया आपने ससुराल के लिए।
वही राज आज से अपने पापा वाले दुकान पर बैठने वाला था और रागिनी कास्मेटिक वाले दुकान पर । अनुज भी अपने बैग रेडी कर निकल चुका था कालेज के लिए ।
जारी रहेगी
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गयाUPDATE 113
CHODAMPUR SPECIAL UPDATE
[ MEGA ]
अब तक
इनकी खरीदारी तो हो गयी थी मगर सबके मन में अपनी अपनी प्लानिंग थी घर जाकर
रमन और सोनल तो अपने अपने हमसफर से संपर्क बनाने मे व्यस्त थे ।
वही रज्जो और राजन की रात मे एक और धमाकेदार चुदाई की तलब हो रही थी ।
पल्लवि अनुज को छेड़ कर मजे लेने की योजना बना रही थी वही अनुज फिर से पल्लवि के होठो से जुड़ने को परेशान हुआ जा रहा था और उसके मन में काफी सारे सवाल थे ।
इधर ममता ने तय कर रखा था कि अब वो जबतक अपने भैया के साथ चुदवा न ले उसे चेन नही पडेगा तो वो भी नयी योजनाये बना रही थी कि कैसे कम्ल्नाथ से नजदीकिया बड़ाई जाये ।
फिर कमलनाथ की हालत कम खराब नही थी वो भी अपनी बहन के साथ समय बिताने को उतावला था और उसे अंडरगरमेंट्स वाले सेक्सन मे हुए वक्तव्यो पर चर्चा करनी थी जो बार बार उसे उत्तेजित किये जा रही थी ।
अब आगे
शाम 4 बजे तक सारे लोग रेस्तरां से खाना खाने के बाद घर आ गये फिर अपने अपने समानो के साथ अपने अपने कमरो मे चले गये आराम करने के लिए और थकान के कारण लगभग सभी लोग सो जाते है।
शाम को 6 बजे के करीब रज्जो उठती है तो पहले खुद फ्रेश होकर कमलनाथ को जगाती है । फिर शाम के नास्ते की तैयारी करने निचे किचन मे जाती है ,,जहा ममता पहले से चूल्हे पर चाय चढा कर , दुसरे चुल्हे पर चिप्स निकाल रही होती है ।
रज्जो - अरे ममता क्या तू भी अकेले अकेले लग गयी ,, मुझे जगा देती ना
ममता - भाभी ये मेरा भी घर है ना ,, आप सिर्फ अपना हक ना जताया करो
रज्जो हस कर ममता को छेड़ते हुए - हा हा क्यू नही यहा का सब तेरा ही तो है यहा तक कि मेरे पति भी तेरे है हिहिहिहिही
ममता तुनकते हुए - हा तो , वो मेरे भैया मेरे ही रहेंगे ना
रज्जो हस कर ममता के करीब जाकर - हा तो अपने भैया का लण्ड भी लेले फिर हिहिहिही
ममता शर्मा कर - धत्त भाभी आप भी ना , हटिये मै भैया को चाय देके आती हू
रज्जो ह्स कर - एक बार उनको अपना दुध पिला के तो देख ,,,, हिहिहिही
ममता बिना कुछ बोले ह्स्ते हुए उपर निकल गयी और कमलनाथ के कमरे मे घुसती है ।
कमलनाथ सोफे पर बैठा टीवी पर न्यूज़ देख रहा था और ममता को कमरे मे आते देख आवाज स्लो कर दिया
कमलनाथ - अरे ममता आज तू लाई है चाय ,,
ममता हस कर - क्यू भाभी को ही भेजू क्या हिहिहिही
कमलनाथ ह्स कर - अरे नही ऐसी बात नही ,,, आ बैठ बताता हू
ममता ह्स कर ट्रे टेबल पर रख सोफे पर कमलनाथ के बगल मे बैठ गयी - हा बोलो अब हिहिहिही
कमलनाथ - अरे वो मुझे याद आ गया ना शादी के पहले तो तू ही मेरा ख्याल रखती थी और आज कितने सालो बाद तेरे हाथ की चाय मिल रही है इसिलिए बोला
ममता हस कर - ओह्ह्ह ये बात ,मै समझी आपको भाभी की याद आ रही है हिहिहिहिही
कमलनाथ हस कर - हाहहह्हा तू ना बिल्कुल नही बदली ,,अब भी उतनी चंचल है
ममता बस शर्मायी
कमलनाथ थोडा रुका और ममता को निहारा , ममता अपने भैया द्वारा खुद को ऐसे निहारे जाने पर थोडा अटपटा महसूस कर रही थी ,उसकी दिल की तरंगे तेजी से अपनी साइकिल बनाये जा रही थी ।
कमलनाथ ने उसकी ओर से नजर हटा कर चाय का सिप लेते हुए थोड़ा झिझक भरे लहजे मे बोला - ममता वो कपडे तुने नापे , साइज़ सही है ना
ममता की सासे अटक गयी कि भैया ये क्या पुछ रहे है - न न नही भैया क्यू
कमलनाथ चाय की सिप लेते हुए - वो अगर साइज़ छोटा ब्डा हुआ तो बदल सकते है 2 दिन का समय रहता है उसमे
ममता थोडा नजरे नीची करके- नही भैया मैने पहना नही अब तक
कमलनाथ - ठीक है ट्राई करके बताना
ममता हस कर धीरे से फुसफुसाती है जिसे कमल्नाथ सही से सुन नही पाता - क्यू आप देखोगे क्या हिहिहिही
कमलनाथ थोडा अनुमान लगाते हुए - मतलब, मै सुना नही फिर से कहो
ममता इस बार शर्मा कर लेकिन हस्ते हुए -वो वहा दुकान पर क़ो औरत कह रही थी ना कि मै वो पहन कर आपको दिखाऊ ,,,कही आप अब भी तो वही नही सोच रहे है ना हिहिहिही
कमलनाथ ममता की बात सुन कर धक्क सा रहगया लेकिन ममता का खिलखिलाता चेहरा देख कर वो मुस्काराया - क्या तू भी ,,,, मजे ले रही है मेरे हा ,,उसने तो तेरे पति यानी राजन के लिए कहा था ना हिहिहिही
ममता शर्मा कर - हा लेकिन तब उस वक़्त मेरे पति आप थे ना हिहिहिहिही
कमलनाथ के दिल की धड़कने ममता के इस वक्तव्य से और तेज हो गयी औए उस्का लण्ड मे उठाव होने लगा । उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या बोले वही एक ओर अच्छे से ये भी जान रहा था कि ममता उसकी खिचाई कर रही है क्योकि ये उसकी बचपन की आदत थी । मगर कमलनाथ के मन मे कुछ और भी ख्याल थे जो वो ममता से खुले शब्दो मे कह नही सकता था ।
कमलनाथ कुछ विचार किया और सोचा कि अभी फिल्हाल के लिए अपनी भाव्नाओ को किनारे कर थोडा बहुत ममता से हसी मजाक ही कर लिया जाये
कमलनाथ - ह्म्म्ं बात तो सही है ,,, इसका मतलब तुम मेरे सामने
ममता कमलनाथ की बाते पूरी करने से पहले ही ह्स्ते हुए - छीईई भैया क्या आप भी ,, मै कैसे आपके सामने ,,,मतलब सम्झिये ना मुझे शर्म आयेगी ना
कमलनाथ ममता के मुह ऐसे बाते सुन कर उसे मह्सूस हुआ कि मानो एक तल पर ममता उस बात के तैयार है जो वो खुद चाहता है ,,मतलब ममता उसके सामने वो ब्रा पैंटी पहन के आना चाहती है और उसे दिखाना चाहती है मगर रिश्ते की मर्यादा और लाज वस वो ऐसा करने से कतरा रही है ।
इधर ये सब विचार आते ही कमलनाथ का लंड अंगड़ाई लेने लगा ।
कमलनाथ ह्स कर - धत्त पगली , तू ऐसे कह रही है मानो मै कोई गैर हू ,,,याद है बचपन में मा से ज्यादा तू मेरे हाथो से नहाना पसंद करती थी और तुझे मै ही कपडे पहनाता था , स्कूल के लिए तैयार करता था ।
ममता बचपन की उन यादो का अह्सास पाते ही उन्हे अब के समय के हिसाब से जोड कर कल्पना करने लगी कि अगर अभी उस्के भैया उसे नहलाते और तैयार करते तो,,,ममता उस कल्पना मात्र से ही गनगना गयी और उसके दिल की धडकनें तेज हो गयी ।
ममता नजरे नीची किये शर्मा कर - हा लेकिन भैया तब मै छोटी थी और अब मै
कमलनाथ - अब क्या ???
ममता झिझक कर - अब मै बडी हो गयी हू भैया तो कैसे ??
कमलनाथ हस कर - माना कि तू बडी हो गयी , तेरी शादी भी हो गयी और तेरे बच्चे भी है मगर इनसब के बाद भी हम दोनो का रिश्ता तो वही ही है ना जो तब था । मेरे लिए तू तो आज भी मेरी छोटी बहन है गुड़िया जैसी
ममता अपने भैया के मुह से इतनी गहरी बाते सुन के एक बार नजरे उठा कर उनको देखती है तो वो उसे ही देख रहा था ।
ममता शर्मा कर वापस नजरे निचे करते हुए - आपकी बात ठीक है भैया लेकिन
कमलनाथ हौले से ममत की ठुडी को उठाके उसकी आंखो मे देखता हुआ - लेकिन क्या ममता , माना कि आज तेरे कपड़ो के साइज़ बदल गये है , तू पहले से और सुन्दर दिखने लगी है , मगर इनसब से मेरी वो प्यारी चंचल गुड़िया बदल तो नही गयी ,,,तू तो आज भी वैसी ही है जैसे तब थी ।
ममता कमलनाथ की बातो पर शर्मायी
कमलनाथ उससे कबूलवाते हुए -बोल मै कुछ गलत कह रहा हू
ममता मुस्कुरा कर ना मे सर हिलाती है
कमलनाथ ने मौका देख के अपनी जुठी चाय का कप उसकी ओर देख कर - ले चल तू भी पि ,,याद है तेरी शादी होने तक हम दोनो एक ही ग्लास मे चाय पीते थी और एक ही थाली मे खाते थे
ममता हस कर कमलनाथ के हाथ से चाय का प्याला लेके सिप लेती है - हिहिहिही हा भैया याद है
फिर ममता थोडा सोचते हुए - पर !!!!
कमलनाथ अचरज से - पर क्या ??
ममता शर्मा कर ह्सते हुए - वो आप अपना मोबाईल दे दीजिये मै वो कपडे पहन के फ़ोटो निकाल के दे दूँगी आपको ,,मगर ऐसे आपके सामने नही
कमलनाथ की आंखे चमक गयी मगर वो अपनी भावणाए छिपात हुआ - हाहहाहा तू अब भी उसके बारे सोच रही है ,,, पागल कही की मै यहा हमारे बचपन की बाते कर रहा हु।
ममता को लगा उसने उस्ताह मे कही जल्दी तो नही कर दी ।मगर कमलनाथ के अगले वक्तव्य से उसकी गलतफहमी दुर हो गयी ।
कमलनाथ - ले ये मेरा मोबाइल,,, निकालना हो तो अच्छी तस्वीरे निकालना ,पगली कही की
ममता भी कमलनाथ के साथ हसने लगती है ।
फिर ममता वहा से मोबाईल लेके अपने कमरे मे चली जाती है जहा राजन अभी तक सो रहा होता है ।
वही इनसब के अलग निचे के हाल मे पल्लवि चाय की चुस्कियां लेते हुए बार बार अपने रसिले होठो को कभी दाँतो से चबा कर तो कभी उन्पे अपनी गुलाबी नुकीली जीभ फिरा कर अनुज को उत्तेजित कर रही थी ।
अनुज की हालत खराब हो रही थी और उसे बहुत डर लग रहा था कि कही कोई पल्लवी को ऐसे सब करते हुए देख ना ले
मगर पल्लवी इनसब साव्धानियो के लिए बहुत ही चालाक थी वो सारे पैतरे सोच समझ कर ही चलाती थी ।
थोडी देर मे सारे लोग हाल मे एकजुट हुए और फिर खाने की प्लानिंग होने लगी ।
ऐसे मे कमलनाथ थोडा मूड बनाने की फिराक मे था मगर ममता नही चाह रही थी कि आज उसके भैया कोई नशा करे क्योकि वो आज उन्हे अपनी जवानी का नशा कराणे के मूड मे थी ,,,लेकिन दिक्कत ये थी कि रज्जो और राजन के रहते वो अपने भैया के साथ रात मे कैसे रुके ।
वही रज्जो और राजन इसी फिराक मे थे कि कमलनाथ और ममता के रहते कैसे कोई काम हो ।
इनसब के अलग पल्लवि और अनुज की अपनी बेचैनी थी , वो दोनो भी इस गहरी रात का फाय्दा लेके अपने विचारो और भावानाओ का आदान प्रदान करने की फिराक मे थे लेकिन सोनल जोकि देर रात तक अपने होने वाले पति से बाते करती थी , बिना उस्के सोये उन दोनो का काम अधूरा था
कमलनाथ - चलो राजन छत पर चलते हैं, थोडा टहल लिया जाये
कमलनाथ की बात पर ममता गुस्सा कर बोली - नही भैया आप लोग यही बैठो कही जाने की जरुरत नही है
राजन - क्या बात है तू ऐसे नाराज क्यू हो रही है
राजन के वक्तव्य से ममता को समझ आया कि वो ओवररियेक्शन दे रही है ।
कमलनाथ - हा ममता क्या हुआ बता तो
ममता कुछ सोच कर - क्या भैया आपको तो कुछ पडी ही नही है मेरी ,,,ये नही इतने साल बाद आयी हू कुछ बाते मेरे साथ भी करे ,बस रोज पीकर सो जाते है आप
ये बोलते हुए ममता थोडी रुआसी हो जाती है
कमलनाथ को कुछ समझ नही आता है कि अचानक से क्या हुआ इसको ,,फिर वो ममता को भावुक होता देख उसके पास गया और बोला - ओह्ह्ह सॉरी ना ममता ,, आज से पीना बंद , जबतक तू है हम रोज बाते करेंगे ठीक है
ममता थोडा खुश होते हुए - और सिनेमा
कमलनाथ अचरज से - सिनेमा मतलब
ममता फिर से मुह बनाते हुए - भूल गये ना , जब मै गाव थी तो आप ही बोले थे हम सबको सिनेमा ले जाने के लिए , आपको तो कुछ याद भी नही रहता
पल्लवि - हा मामा , आप बोले , जबसे आये हैं हम लोग बस काम काम काम
कमलनाथ हस कर - अच्छा ठीक है भई, कल हम सब लोग सिनेमा जायेन्गे खुश ।
पल्लवि चहक कर - हिहिहिही जी मामा
कमलनाथ - और ममता तू
ममता इतरा कर - हा वो ठीक है लेकिन बाकी का अभी खाने के बाद बताउन्गी आपसे बाते करते हुए
सारे लोग ममता की मासूमियत और भोलेपन हस रहे थे ,,वही ममता मे ब्ड़ी चालाकी से आज रात अपने भैया के साथ बिताने का प्लान बना चुकी थी ।
फिर कमलनाथ वही हाल मे बैठ कर आगे की तैयारियो के बारे मे बाते करने लगे ।
थोडी देर बाद किचन मे सारी महिला मंडली जमा हुई और खाना बनाने की तैयारियो मे सब लग गये ।
पल्लवि जो कि सिनेमा जाने को काफी आतुर हुए जा रही थी वो सोनल से बोली - दीदी कल आप क्या पहनोगे
सोनल - मै सोच रही हूँ कल जीन्स डाल लू ,,काफी समय से नही पहना हिहिहिही
पल्लवि चहक कर - फिर तो मै भी आज जो नयी जीन्स ली है वही पहन के चलूंगी हिहिहिही
सोनल ममता से - तो बुआ आप लोग क्या पहन मे जाओगे
ममता हस कर - हमारी किस्मत मे जीन्स कहा बेटी हिहिहिहिही ,, कुल्हे चौडे हो गये हैं हमारे , क्यू भाभी
रज्जो हस कर - अरे ऐसी कोई बात नही है, मेरे पास मेरे नाप के जीन्स है हिहिहिही
रज्जो की बात पर पल्लवि सोनल और ममता चौके
सोनल - सच मे मौसी , लेकिन आपको देखा नही कभी ऐसे हिहिहिही
रज्जो हस कर - वो तेरे मौसा लाते रहते है मेरे लिए कभी कभी कुर्ती के साथ डाल लेती हू
सोनल चहक कर - फिर कल आप भी जीन्स ही पहनना मौसी
पल्लवि - लेकिन फिर मम्मी अकेले साड़ी मे रहेगी क्या
रज्जो - अरे ऐसे कैसे ,,,मेरे पास कुछ पुराने जीन्स है वो ममता को फिट आयेन्गे
ममता एक पल को खुश हुई फिर भी अपने दिल की भावनाओ पर नियंत्रण करते हुए - धत्त भाभी क्या आप भी ,,,इस उम्र मे जीन्स पहनूँगी हिहिहिही
रज्जो हस कर - अरे एक बार पहन के निकलो तो मेरी ननद रानी ,,,,, जवाँ लौंडे भी पागल होकर इन कसे चुतडो को घुरेन्गे हिहिहिही
रज्जो की बात पर सोनल और पल्लवि मुह दबा कर हसने लगे ।
ममता रज्जो की बातो का जवाब देते हुए - आपके सामने मेरे कुल्हे को निहारेगा भाभी हिहिहिहिही
रज्जो हस कर - कोई निहारे या ना निहारे तेरे भैया जरुर निहारेंगे हिहिहिहिही
ममता अपने भैया के सामने जीन्स मे जाने के अह्सास से ही सिहर गयी और हस कर बोली - क्या भाभी चूप करो , बच्चे है हिहिहिही
फिर सारे लोग ऐसी ही मस्तिया करते हुए खाना बनाने मे लगे रहे । वही हाल मे जेन्स लोग बैठे हुए आप्स मे बाते कर रहे थे लेकिन सब के सब मानसिक रूप से कही और ही खोये हुए थे ।
थोडी देर बाद सारे बच्चे लोग खाना खाकर अपने अपने कमरो की ओर निकल गये ,,,सोनल के साथ जाते वक़्त पल्लवी ने अनुज को आंख मारी और मुस्कुरा कर उसके साथ निकल गयी । अनुज भी कुछ सोचते हुए अपने कमरे मे गया
फिर रमन भी अपने कमरे मे चला गया ।
स्बके जाने के बाद हाल मे राजन रज्जो ममता और कमलनाथ बैठे हुए थे ।
राजन आज ममता के साथ नही बल्कि रज्जो के साथ थकने के मूड मे था तो वो सोचा कि क्यू ना नीद आने का बहाना किया जाये ताकि ममता सो जाये जल्दी फिर वो और रज्जो
राजन अंगड़ाई लेते हुए - उम्म्ंम्ं चलो ममता सोते है ,,आज ब्ड़ी थकान है
रज्जो राजन के बहाने को समझ कर मुस्कुराई
ममता ने जब ये सुना कि आज राजन जल्दी सोने वाला है तो वो और भी चहक उठी कि अब वो थोडा समय अपने भैया के साथ बिता सकती है ।
लेकिन रज्जो के रहते कैसे ?? कुछ ना कुछ करना ही पड़ेगा
कमलनाथ - हा भाई चलो आराम किया जाय
फिर सारे लोग उपर अपने कमरे मे गये ।
रज्जो औए कमलनाथ कमरे मे जाते ही अपने अपने आरामदायक कपडो मे आ गये ।
रज्जो ने अपनी साडी निकाल दी , वही कमलनाथ सिर्फ़ जांघिया और बनियान मे ।
वही बगल के कमरे मे राजन जाते ही बिस्तर पे लेट गया और सोने का नाटक करने लगा ,,वही ममता को इस्स्से कोई फर्क नहीं पडा वो तो अपने भैया के पास जाने की योजना बनाते हुए अपने गहने उतारे कर सोच रही थी कि उसे एक विचार आया । उसने तय किया कि अब वो जीन्स के बहाने कमलनाथ के पास जायेगी ।
ममता एक नजर राजन को देखी तो बोली - ए जी मै अभी भाभी के पास से आती हू थोडा कुछ काम है
राजन जोकि सोने का नाटक कर रहा था वो हम्म्म्म बोलके वैसे ही लेटा रहा ।
ममता चहकते हुए कमरे से बाहर निकली और रज्जो के कमरे मे घुस गयी ।
ममता के कमरे मे आते ही कमलनाथ स्तर्क हो गया
कमलनाथ फौरन उठ कर एक गम्छा लेके लपेट लिया और बोला - अरे ममता तू यहा ,,,कोई बात है कया
ममता थोडा अटक कर रज्जो को देखते हुए - हा वो भाभी मुझे अपनी एक जीन्स देने वाली थी ट्राई करने के लिए
कमलनाथ चौक कर ममता को देखा कि उसकी बहन इस उम्र मे जीन्स पहनेगी
रज्जो मुस्कुरा कर - अरे हा मै तो भूल ही गयी , रुक देती हू
फिर रज्जो उठ के अपनी आलमारी से कुछ जीन्स निकाल कर बिस्तर पर रखती है
रज्जो - ले इसमे से जो तुझे अच्छा लगे लेले
ममता कुछ सोच के - ये मुझे हो जायेंगे ना भाभी
कमलनाथ - क्या तू भी ममता ,,अरे यही पहन कर देख ले ना
रज्जो कमलनाथ के बात पर मुस्कुराई और ममता को छेड़ने के अंदाज मे बोली - हा क्यू नही , चल उतार साडी हिहिहिही
ममता शर्मा कर एक नजर कमलनाथ को देखा और बोली - हिहिहिही क्या भाभी आप भी
कमलनाथ - अच्छा ठीक है तुम लोग ट्राई कर लो मै उपर से फ्रेश होकर आता हू
फिर कमलनाथ कमरे से बाहर निकल कर जीने की ओर चला गया ।
कमलनाथ के जाते ही रज्जो हस कर - अरे क्या हुआ इतना अच्छा मौका था भैया के सामने नंगा होने का हिहिहिही
ममता शर्मा कर -खुद होती है ना वही काफी है हिहिहिहिही
फिर ममता ने साड़ी निकाली और फिर पेतिकोट निकाल कर सिर्फ बलाउज पैंटी मे आ गयी ।
रज्जो ने मौका देख के फौरन ममता के अधनंगे चुतडो पर चप्प से हाथ से थ्पेड़ा जिससे ममता सिहर गयी
ममता हस कर - आऔउउउच्च्च भाभी क्या कर रही है हिहिहिही लग रहा है
रज्जो - ओह्हो ये गोरे चुतड एक बार अपने भैया को दिखा तो सही पागल हो जाएंगे तुझे चोदने के लिए
ममता जीन्स मे पाव डालते हुए - क्या भाभी कितना गन्दा सोचती है आप हिहिहिही
रज्जो हस के - गन्दा कहा रही है तू ,,कभी कभी तो मै अगर चुदते वक़्त तेरा नाम ले लेती हू तो तेरे भैया दुगनी जोश से मुझे चोदते है हिहिहिही
ममता जीन्स को अपनी कमर पर च्धाते हुए - हिहिहिही क्या भाभी आप भी ना
ममता - देखो ना कैसा लग रहा है
रज्जो - अब ये तू अपने भैया को ही दिखा के पुछ हिहिहिही
ममता - अरे नही नही भैया के सामने ऐसे कैसे मुझे शरम आयेगी और दुपट्टा भी नही है
रज्जो - तू तो ऐसे बोल रही है जैसे कभी तेरे भैया ने चुचिया देखी ही नही ,,
ममता - भक्क भाभी आप भी ना ,,,अच्छा थिक है बुला लो लेकिन पहले आप भी पहनो जिंस फिर
रज्जो ह्स कर - इसमे क्या है
ये बोल कर रज्जो ने फौरन अपना पेतिकोट खोलकर निचे गिरा दिया ।
ममता की नजर रज्जो के पुरे नन्गे खुले गाड और चुत पर गयी तो वो चौककर - भाभी आप ऐसे ही रहती है क्या हिहिहिही
रज्जो जीन्स पहनते हुए - हा तो , तेरे भैया के सिवा किसी की हिम्मत है क्या जो मेर पेतिकोट उठा दे हिहिहिही
ममता ह्स कर - आपसे कोई नही जीत सकता भाभी हिहिहिही
इधर रज्जो ने कमर पर जीन्स कर बटन बंद करते हुए - चल ठीक है अब बुलाऊ तेरे भैया को
ममता थोडा हिचक कर - हम्म्म्म ठीक है
रज्जो लपक कर बाहर दरवाजे के पास आई तो कमलनाथ गलियारे मे टहल रहा था
रज्जो हस्कर - हमम्म आईए
कमलनाथ थोडा मुस्कुरा कर कमरे में घुसता है तो उसकी नजर दरवाजे की ओर पिठ करके बिस्तर के पास खड़ी हुई ममता पर गयी।
जिसके बडे बडे चुतडो के उभार और मास्ल जान्घे जीन्स मे कसे हुए थे । कमर पर चर्बी एक्थ्था हूई थी और उपर कसा हुआ ब्लाउज था ।
कमलनाथ की नजरे ममता के गुदाज गाड से हट ही नही रही थी ।
जिससे उसके मन मे एक उत्तेजना ने जन्म ले लिया था ,, आज सुबह से ही वो अपनी बहन के लिए अगल ही अनुभव महसूस कर रहा था और उसका ऐसा रूप देख कर उसका लण्ड कड़क होने लगा जिससे गमछे के उपर उसका उभार दिखने लगा ।
वही रज्जो ने जब अपने पति को व्यस्त देख कर एक नजर उसके उभरे लण्ड पर गयी तो वो मुस्कुरा उठी ।
वो इतरा कर आगे चल के ममता के बगल के खड़ी हुई और उसे घुमा कर कमलनाथ के सामने करते हुए बोली - तो बताईये जी कैसी लग रही है ननद भौजाई की जोडी हिहिहिहो
कमलनाथ की नजर जब सामने से ममता के खुले सीने और चुचियो के उभारो पर गयी और फिर उसने ममता के गुदाज पेट के गहरी नाभि को देखकर थुक गटकते हुए जीन्स पर चुत वाले जिससे पर नजर मारी तो गनगना गया ।
फिर उसकी नजर रज्जो पर गयी दोनो आज क्यामत लग रही थी ।
कमलनाथ थोडा झिझक कर - अरे वाह बहुत खूब जंच रहा है तुम दोनो पे
रज्जो इतराई और फिर अपना मोबाईल कमलनाथ को देते हुए - फ़ोटो निकालिये ना प्लीज
ममता चौकी और रज्जो को ना मे सर हिला कर मुस्कुराइ
रज्जो - क्या नही ,निकालो जी आप
फिर कमलनाथ ने उन दोनो गदराइ हसिनाओ की तस्वीरे निकालनी शुरु की
रज्जो ने कभी आगे भी पीछे तो कभी साइड से पोज दे देके अपना और ममता की तस्वीरे निकाली ।
रज्जो कमलनाथ के हाथ से मोबाइल लेके - अरे वाह !! देख तो ममता तू कितनी अच्छी दिख रही है हिहिहिही रुक मै नंदोई जी को दिखा के आती हू
ममता - अरे नही भाभी , वो सो रहे है
रज्जो खिलखिला कर - अरे ये फ़ोटो देख के उनकी नीद गायब होने वाली है ।
चुकी रज्जो को समझ आ गया था कि कमलनाथ की हालत उसकी बहन की कसे चुतडो को देख कर खराब है तो क्यू ना इन दोनो को आपस मे फ्से रहने दिया जाये और मै एक राउंड नंदोई जी चुदवा कर फटाफट चली आऊ ।
इसिलिए रज्जो भागते हुए मोबाइल लेके राजन के कमरे मे घुस गयी ,,,ममता लपक कर उसकी ओर गयी उसके पहले रज्जो ने जानबुझ कर दरवाजा अंदर से बन्द कर दिया ।
इधर ममता हस्ते हुए वापस कमलनाथ के कमरे मे आ गयी ।
कमलनाथ हस कर - अरे छोड उसको आ बैठ
ममता - भैया ये भाभी को बाँध के रखिये हिहिहिहिहू बहुत शैतान है
कमलनाथ हस कर - तू भी तो कम नही है
ममता थोडी शर्माइ और बोली - ठीक है भैया मै ये कपडे बदल के आती हू ।
फिर ममता अपना पेतिकोट लेके बाथरुम मे घुस गई । मगर वहा उसका जीन्स उसके कूल्हो पर कस गया था जो निचे हो ही नही रहा था । निराश होकर ममता हाथ मे पेतिकोट लेके वापस कमरे मे आ गयी ।
कमलनाथ - अरे ममता क्या हुआ तुने चेंज नही किया
ममता थोडा शर्मा कर - हा भैया वो जीन्स नही निकल रही है ,,टाइट है बहुत
कमलनाथ - अरे तो इसमे क्या है ,, आ इधर मै मदद करता हू
ममता आंखे बडी करते हुए - लेकिन भैया
कमलनाथ - अच्छा ठीक है भई रुक मै दरवाजा भिड़का देता हू ,,,तू भी ना
ममता अपने सर पर हाथ मारते हुए हसने लगती है ।
कमलनाथ दरवाजा बंद करके वापस ममता के करीब आता है
कमलनाथ वही बेड पर बैठते हुए ममता को सामने किया
कमलनाथ - ला इधर आ
ममता थोडा शर्माते हुए - रहने दो ना भैया
कमलनाथ - तो क्या ऐसे ही रहेगी तू हा
ममता - वो मै निकाल लूंगी ना बाद मे
कमलनाथ थोडा झूठमुट का गुस्सा दिखाते हुए - तू चुपचाप खड़ी रह ,,, देख रहा हू कबसे निकाल ही रही है ।
ममता अपने भैया के इस प्यारे गुस्से पे बहुत दुलार आता है और वो मुस्कुरा देती है ।
इधर कमलनाथ ममता के जीन्स का बटन खोलने की कोसिस करता है लेकिन बार बार उसकी उंगलियाँ ममता के गहरी नाभि को छू रही थी ,, कमलनाथ भी सीधेपन का दिखावा तो कर रहा था मगर उसके दिल की नियत अब काफी हद तक गंदी हो चुकी थी वो अब अपनी बहन को अपने हाथो से नंगी करने के फिराक मे था ।
कमलनाथ - जरा पेट अन्दर कर तो
ममता मुस्कुरा कर पेट को पुरा जोर लगा के पिचकाया और मौका पाकर कमलनाथ ने जीन्स का बटन खोला ।
फिर कमलनाथ ने जीन्स का चैन पकड कर निचे करने लगा,,, हर सरकते खाँचे के साथ दोनो भाई बहनो के दिल की धडकन तेज हो रही थी ।
धीरे से कमलनाथ को चैन के गैप से ममता के गुलाबी पैंटी की झलक मिलने लगी ।
उसके लण्ड ने अंगड़ाई लेनी शुरु कर दी ,,,यहा ममता ने देखा कि उसके भैया की नजरे उसकी चैन के गैप मे ही खोयी हुई है ।
कमलनाथ ने एक नजर उपर किया तो ममता ने फौरन आंखे बन्द कर ली ।
कमलनाथ ने जीन्स के किनारो को पकड़ा और साइड से उतारना शुरु किया । शुरुवाति किनारो से होते हुए जीन्स आधे कूल्हो तक आते आते अटक गयी ।
कमलनाथ के जोर लगाने के बाद भी वो ममता के गाड के उभार से निचे नही उतर रही थी ।
कमलनाथ ने बिना कुछ बोले ममता को उसकी कमर को पकड कर घुमा दिया ,,,जिस्से ममता थोडी सी चहकी फिर कमलनाथ नाथ ने ममता की जीन्स को पीछे से पकड़ कर खींचा लेकिन फिर से उतना जोर नही लग पा रहा था ।
कमलनाथ मन मे - उफ्फ़ ये तो ममता के गाड पर अटक ही गयी है कैसे करु ,,,हा निचे बैठ कर निकालता हू
कमलनाथ फौरन बिस्तर से उतर कर ममता के पीछे घुटनो के बल हो गया और इस बार जोर लगा कर जीन्स को निचे किया और एक ही झटके जिंद जांघो तक आ गया और इस झटके से कमलनाथ का सन्तुलन थोडा बिगडा और उसका चेहरा सीधा ममता के गद्देदार गाड के पाटो से जा लगा ।
ममता सिसकी और कमलनाथ ने खुद को सम्भाला और उसकी नजर पैंटी मे कैद उसकी बहन की फैली हुई गाड़ पर गयी । पैंटी के किनारे से गाड़ की गोरी चमडी पर उभरे हुए खडे रोए ममत की बेचैनी बयां कर रहे थे
कमलनाथ फटी हुई आंखो से ममता के गुदाज गाड़ को निहारते हुए थुक गतकने लगा इधर ममता के बदन मे भी सिहरन सी हो रही थी ।
ममता ने जब जाना कि उसके भैया को रुके ज्यादा समय हो गया तो वो बोली - क्या हुआ भैया निकाल दो ना अब
कमलनाथ चौक के - अब ब ब हा हा तू अब बिस्तर पर बैठ जा इसको खिच कर निकालना पडेगा
ममता थोडी मुस्कुराई और घूम कर बिस्तर पे बैठ गयी ।
कमलनाथ ने अब सामने से ममता के कमर के निचे नजर दौडाई ।
उसकी मासल जांघो के बिच की पैंटी उसके चुत के चिपकी हुई थी और निचले हिस्सो पर पर कुछ गीली थी ।
ममता ने बेड पर हाथो को टिका कर अपने पैर आगे किये
क्मल्नाथ का लण्ड अबतक तन चुका था और गमछे के उपर उसका उभार साफ नजर आ रहा था जिसे ममता भी देख कामुक हुई जा रही थी ।
कमल्नाथ मुस्कुरा कर जीन्स को पकड कर जोर लगा कर खिंचता है और ममता टाँगे उठाते हुए हस्ते हुए बेड पर गिर जाती है ।
ऐसे मे कमलनाथ की नजर ममता के चुत से हटी नही और जब जीन्स निकल गया तो ममता ने एक गहरी सास लेते हुए पैरो को फ़ोल्ड करके लेट गयी ।
जिससे उसकी चुत का हिस्सा कमल्नाथ और भी फुला हुआ नजर आया साथ ही उसकी नजरे ममता के चुत के उन बालो पर गयी जो उसकी पैंटी के बाहर की ओर निकाली थी ।
ममता इनसे अलग आंखे बंद किये आने वाले पल को लेके अपने ही ख्वाब बूने जा रही थी कि इसके आगे भैया क्या करेंगे ।
तभी कमलनाथ ममता के बगल मे आके बैठा तो ममता को अह्सास हुआ और वो फौरन उठ कर बैठ गयी और उसने लपक कर अपनी पेतिकोट को उठाकर अपनी जांघो पर रख लिया जिसे देख कर कमलनाथ हसने लगा
ममता कमलनाथ को हस्ते देख - अब क्यू हस रहे हो आप हम्म्म्म्ं
कमलनाथ - देख रहा हू तू आजकल अपना ध्यान नही रख रही है
ममता अचरज से - मतलब
कमलनाथ धीरे से उसके कान के पास जाकर - वो तेरे निचे अब भी बाल है ,,,गरमी के मौसम मे इससे बिमारी फैलती है
ममता कमलनाथ की बाते सुन कर हस दी और शर्माते हुए - वो मुझे वहा के बाल बनाने नही आते ,,,डर लगता है
कमलनाथ ममता की प्रतिक्रिया पर चहक कर - डर , लेकिन कैसा
ममता - वो कही कट ना जाये इसिलिए
कमलनाथ - अरे तो क्रीम यूज़ किया कर ना
ममता - वो कैसे ,,, मुझे तो नही आता
कमलनाथ मौका देखके - अरे इसमे क्या है ये तो आसान है , चल बाथरुम मे बताता हू तुझे
ममता की आंखे बडी हो गयी और उसकी दिल की धडकनें तेज होने लगी कि अब उसके भैया उसके चुत के बाल बनाने वाले है, मतलब वो निचे से पूरी नंगी होगी और वो उसे सहलायेगे दुलारेंगे ।
इस कल्पना के सोचने से ही ममता की चुत फड़फड़ाने लगी ।
कमलनाथ उठा और ममता की कलाई पकड कर उसे उठाता है तो ममता खुद को रोकने की ताकत लगाते हुए ह्सती है ।
कमलनाथ हस्ते हुए - अब चल नही तो गोदी मे उठा के ले जाऊंगा ह्हाहहहहा
ममता थोडी शर्मा गयी और मौका देखकर कमलनाथ उसे खिच कर बाथरुम की ओर चल दिया ।
इधर जहा इनदोनो भाईबहनो के रंगमच सेट हो रहे थे , वही बगल मे कमरे मे राजन रज्जो की जिंस को जांघो तक करके उसकी कसी हुई गाड़ मे गोते लगाये जा रहा था ।
रज्जो सिसकिया लेते हुए - आह्ह जीजा जी जीन्स निकाल लेने दो ना बहुत टाइट जा रहा है अन्दर उम्म्ंम्ं
राजन - तो चुदवाओ ना भाभी जी ,,,मुझे बहुत मजा आ रहा है ऐसे ओह्ह्ह कितना कसा हुआ लग रहा है
राजन रज्जो के गाड़ पर थ्पेड़ जडते हुए तेजी से लण्ड को गचगच पेले जा रहा था ।
यहा उपर के फ्लोर पर जो चल रहा था उसके अलग निचे के हाल मे दो जवाँ दिल आपस मिलने को बेकरार थे ।
अनुज कुछ सवालो के जवाब में बार बार कमरे से बाहर होकर पल्लवि के कमरे तक जाता और फिर वापस हाल मे चक्कर लगाता ,,,उसे उम्मीद थी की पल्लवि जरुर आयेगी ।
इधर कमरे मे सोनल अमन के साथ कॉल पर धीमी आवाज मे रोमांटिक बाते किये जा रही थी जिससे पल्लवि की तलब और भी बढ रही थी ।
सोनल भी समझ रही थी पल्लवि की हालत कि उसके बात करने से पल्लवि थोडा शर्मा रही है और असहज महसूस कर रही है ,,लेकिन वो उसे चिढा देती कि उसकी शादी तय होगी तो उसको भी मौका मिलेगा ।
पल्लवि ह्स देती है और फिर बाथरूम का बहाना मारकर कमरे से बाहर निकल जाती है ।
वही पल्लवि के दरवाजे पर आहट सुनते ही अनुज अपने कमरे मे घुस जाता है और आगन्तुक का इन्तजार करता है ।
पल्लवि दबे पाव अनुज के कमरे की ओर जाती है और उसके दरवाजे पर जाकर हल्की सी आवाज देती है - अनुज
अनुज खुद दरवाजे के पास खड़ा होता है वो पल्लवि की आवाज सुनते उसकी दिल की धड़कन तेज हो जाती है ,,होठ अचानक से सुखने लग जाते है फिर भी वो हिम्मत करके फौरन दरवाजा खोलता है ।
पल्लवि मुस्कुरा कर बिना कोई आहट के फौरन कमरे मे घुस जाती है ।
अन्दर जाते ही अनुज दरवाजा बंद कर देता है और दोनो की निगाहे एक दुसरे से टकराती है तो पल्लवि मुस्कुरा देती है ।
अनुज भी मुस्कुरा देता है
पल्लवि ह्स कर - आओ ना बैठते है ।
अनुज कापती हुई आवाज हा कहता है और दोनो बिस्तर पर पैर लटका के बैठ जाते है ।
दोनो चुप थे लेकिन उन्के दिल की तेज धडकनें साफ सुनी जा सकती है ।
अनुज ने पहल करते हुए - वो वो मुझे तुमसे कुछ पूछना है
पल्लवि ने एक गहरी सास ली और सोची कि चलो इसने पहल तो की ।
पल्लवि खुद को नोर्मल रखते हुए - हा बोलो ना
अनुज तेज धड़कते दिल के साथ थुक गटकते हुए बडी ही हिम्मत से मुह खोला - वो वो वो,,, तुमने माल मे वो क्यू किया
पल्लवि हस कर - वो क्या
अनुज पल्लवि की आंखो मे देख कर अपने होठो पर एक ऊँगली रखते हुए - यहा पर वो
पल्लवि अनुज की मासूमियत पर पिघल गयी और अपनी गरदन आगे बढा कर एक बार फिर से अनुज के होठो को चुमते हुए - इसकी बात कर रहे हो तुम ना हिहिहिही
अनुज सकपका गया कि ये पल्लवि ने फिर से क्यू किया और इसको डर भी नही लग रहा है ।
अनुज अपने होठ अन्दर कर एक बार उनपर जीभ फिरा कर सीधा किया और अटकते हुए बोला - अ ब ब हा मतलब वही ,, ये गलत है ना
पल्लवि चहक कर - इसमे क्या गलत है पागल हिहिहिहिही
अनुज अपने होठ पोछता हुआ -पता नही लेकिन अगर कोई जान गया तो
पल्लवि अब थोडा अनुज के और करीब आते हुए अपने हाथ उसके जांघो पर रख कर उसकी आंखो मे बडी ही कामुक अदा से देखते हुए बोली - यहा हमारे अलावा कोन है ,,,, बस तुम और मै
पल्लवि के होठ फिर से अनुज के होठो के करीब जा रहे थे और अनुज अपने चेहरे को पीछे किये जा रहा था
अनुज एक अलग ही उत्तेजना और पल्लवि के हाथो के स्पर्श से कपकपा रहा था ,, उसके होठ फड़फ्ड़ा रहे थे ।
उसके पेट मे तितलिया उड़ने लगी और दिल की धडकनें पहले से भी तेज हो गयी ।
पल्लवि ने और आगे होकर उसके होठो पर अपने नरम तपते हुए होठ रख दिये ।
अनुज के बदन पल्लवि के होठो का स्पर्श पाते ही पिघलने लगा ,,उसका लण्ड अकडने लगा और उसने धीरे से अपने होठ को खोला
पल्लवि ने तुरंत उसके निचले लिप्स को मुह मे दबोच लिया ।
अनुज अब भी काप रहा था और ब्स वैसे ही ठहरा हुआ था । पल्लवि पुरे जोर से उसके होठो को चूसे जा रही थी लेकिन काफी समय तक उसने जब अनुज की प्रतिक्रिया नही पाई तो उसने खुद उसका हाथ पकड कर अपनी कमर पर रखा ।
अनुज फिर से सिहर उठा उसने हिम्मत करके टीशर्ट के उपर से पल्लवि के कमर को सहलाया ,,,वो स्पर्श उसे एतना कामुक कर गया कि उसने भी जोश में आकर पल्लवि के उपरी होठ पर पकड बना ली और धिरे धीरे लय बनाते हुए पल्लवि के साथ ही उसके होठ चूसने शुरु कर दिये ।
पल्लवि इस समय सोनल की ही टीशर्ट और लोवर पहने हुए थी ।
धीरे धीरे पल्लवी किस्स को और भी गहरा करने लगी और अनुज धीरे धीरे उसके और करीब आता गया ,,,उसने धीरे धीरे अपना हाथ पल्लवी के टीशर्ट के अन्दर डाल दिया ।
ये अनुज का किसी लडकी के कमर पर पहला स्पर्श था ,,,उसे इतना मुलायम अह्सास कभी नही हुआ ये स्पर्श उसे और भी जोशील किये जा रहा था ।
तभी दरवाजे पर दसटक हुई जो सोनल थी ।
सोनल की आवाज सुनते ही अनुज की फट गयी कि अब क्या होगा और दीदी ने आज उसे रंगे हाथ पकड लिया ,,कही वो पापा या मम्मी को बता ना दे ।
अनुज मन ही मन डरते हुए भगवान को याद कर रहा था कि आज उसे बचा ले फिर आगे वो इस झंझट मे पडेगा ही नही । मन ही मन उसने सुबह मंदिर जाकर पाव भर लड्डु के प्रसाद चढ़ाने की मन्न्त भी माग ली । बस किसी भी तरह से भगवान आज उसे बचा ले ।
वही पल्लवि एकदम सामन्य थी और उसने मुस्कुरा कर अनुज को देखा और एक बार फिर हल्के से उसके होठ को चूम कर खड़ी हुई और दरवाजा खोलने चली गयी ।
दरवाजा खोलते ही सोनल - तू यहा क्यू आ गयी पल्लवि
सोनल के सवाल से अनुज की हालत और खराब हो गयी कि अब तो वो गया ,,,उसके मन मे भगवान के प्रति श्रद्धा और लड्डुओं का वजन और भी बढ गया । पहले पाव भर और अब सवाकिलो । कैसे भी करके अनुज इस झमेले से बचना चाहता था ।
पल्लवी हस्ते हुए - वो क्या है दीदी आप जीजू से बात कर रही थी तो मै बाथरुम आयी थी , फिर अनुज भी जाग रहा था तो हम बाते करने लगे ।हिहिहिही
अनुज ने जैसे पल्लवि के मुह से जवाब सुना उसे बडी राहत मिली और मन ही मन उसने भगवान की धन्यवाद किया कि उसने पल्लवि को सतबुद्धि दी और उसे बचा लिया ।
सोनल थोड़ा मुस्कुरा कर - तू भी ना बडी बदमाश है ,,,चल अब हो गयी मेरी बात ,,,और तू अनुज तू भी सो जा रात हो गयी है ।
अनुज खुश होकर - हा दीदी बाय गुड नाइट
सोनल - ओहो आज गुड नाइट हा
पल्लवि - क्या दीदी आप भी परेशान कर रही है उसको चलो ,,,बाय अनुज
अनुज - हा बाय
फिर पल्लवि और सोनल अपने कमरे मे चले और अनुज ने फौरन दरवाजा बंद करके अपने तेज धडकते दिल को राहत दी और भाग कर कमरे मे लगे एक भगवान की फ़ोटो के सामने खडे होकर उन्का धन्यवाद करने लगा ।
इधर निचे दो जवाँ दिल फिर से तडप कर रह गये वही उपर कमलनाथ के कमरे मे दोनो भाई बहन बाथरुम के पहुच चुके थे ।
ममता इस वक़्त ब्लाउज और पैंटी मे नंगी खड़ी थी और कमलनाथ का लण्ड तनमनाया हुआ था ।
कमलनाथ बाथरूम मे एक दरख्त से रज्जो की रखी हुई हेयर रेमोवर क्रीम का टयूब निकालता है।
ममता बड़े अचरज से उस क्रीम के ट्यूब को देखती है - ये कैसे काम करता है भैया
कमलनाथ - इसको लगाने से पहले वहा निचे पहले पानी से भिगो कर बालो गिला कर लेते है और फिर थोडी सी क्रीम लेके हाथो से अच्छे से लगाते है और फिर थोडी देर बाद पानी डाल के धुल देते है ।
ममता बडे ध्यान से कमलनाथ को सुन रही थी ।
कमलनाथ हस कर - मै जान रहा हू तू नही कर पायेगी ,,,रुक मै ही कर देता हू
ममता की आंखे चौडी हो गयी और वो मुस्कुरा कर बोली - धत्त नही भैया प्लीज रहने दो मुझे वैसे ही शरम आ रही है
कमलनाथ हस कर - तू बड़ा शर्मा रही है ,,भूल गयी छोटी थी तब तेरी चुतड भी मै ही धुला करता था
ममता अपने भाई के मुह से सीधे लफजो मे चुतड शब्द सुन कर झेप सी गयी ।
कमलनाथ हस कर - चल अब निकाल इसको कि ये भी मै ही करू हम्म्म्म
ममता तो चाह ही रही थी कि वो पूरी तरह से अपने भैया के सामने नंगी होकर उनको अपना जिस्म दिखाये , मगर ऐसे सीधे मुह कैसे कह सकती थी कि उसे भी मजा आ रहा है । हालाकि अब तक कमलनाथ ने भले ही ममता पर बडे भाई का हक जताते अपनी मन्शाये पूरी कर रहा था लेकिन फिर भी उसने ऐसी कोई हरकत या वक्तव्य नही रखा जिससे ममता को लगे कि वो हवसी हुआ जा रहा है सिवाय उसके सर उठाते लण्ड के । जो तब से तना हुआ था जबसे ममता को उसने जिंस मे देखा था ।
ममता नुकुराते हुए कमलनाथ की ओर पीठ करके झुकी और एक ही झटके मे पैंटी को निचे करके सीधी खड़ी हो गयी । पैंटी निचे करने से पहले ममता ने एक बार पैंटी के उपर से अप्नी चिपचिपाती चुत को दबा कर साफ कर दिया था ।
ममता की नंगी गोरी चर्बीदार गाड़ को देख कर कमलनाथ का लण्ड ठुमका जिसे कमलनाथ ने हल्का सा दबा दिया ।
कमलनाथ - अब चल उस कमोड पर पैर खोल कर बैठ जा
ममता अपनी चुत के आगे हाथ रखते हुए घूमी और वैसे ही टाँगे सताये हुए कमोड पर बैठ गयी ।
कमलनाथ ममता को शर्माता देख मुस्कुरा कर उसके आगे बैठ गया और टोइलेट सीट के बगल मे लगी छोटी हैण्ड स्प्रे को हाथ मे पकड कर उसका पानी चालू कर दिया ।
ममता पानी के प्रेशर और ठन्डे छीटे अपने पैरो पर पाते ही थोडा चहकी फिर कमलनाथ ने उसके सटे हुए घुटनो को एक हाथ स्पर्श किया और हलका सा जोर लगा कर खोलने लगा ।
ममता अपने नंगे बदन पर भैया के कठोर हाथो का स्पर्श पाकर सिहर गयि और उसने आंखे बन्द करते हुए बिना कोई रोक के टांगो को खोल दिया ।
कमलनाथ को पहली बार ममता के चुत के दाने के उभार की हल्की झलक मिली लेकिन बढ़ी हुई काली झान्टो मे उसकी गोरी जान्घे बहुत खिली खिली दिख रही थी ।
कमलनाथ ने एक नजर ममता को देखा तो मधोश होते हुए आंखे बन्द किये गहरी सासे ले रही थी और उसकी चुचिया ब्लाउज मे ही उपर निचे हो रही थी ।
कमलनाथ ने वो प्रेशर स्प्रे का मुह ममता के चुत पर डाला और एक तेज ठंडी धार ममता के चुत पर जाने लगी जिस्से ममता चिहुक उठी ।
कुछ ही पलो मे ममता के चुत के बाल गीले होकर चीपक गये लेकिन कमलनाथ अभी भी चुत के मुहाने पर धार मारे जा रहा था जिससे कि सारे बाल दोनो तरफ बट गये और चुत की खुली हुई लकीर साफ दिखने लगी ।
फिर कमलनाथ ने ट्यूब से थोडा सा क्रीम लेके हाथो मे फेटते हुए बोला - ममता तू जरा ये अपने पैर मेरे कन्धे पर रख ले ताकि निचे अच्छे से क्रीम लगा दू मै
ममता अपनी हसी और हवस दोनो को दबाए मुस्कुराते हुए बडी ही बेशर्मी से अपनी दोनो टाँगे कमलनाथ के कन्धे पर टिका दी और पीछे दिवाल से टेक ले ली ।
अब कमलनाथ को ममता के की पूरी चुत के साथ साथ उसके गाड़ का भूरा छेद भी दिखा रहा था जिसके आस पास बालो के रोए थे ।
कमलनाथ से क्रीम फेटते हुए अपने हाथ को धीरे से चुत के आस पास घुमना शुरुकीया
ममता को गुदगुड़ी सी मह्सूस हो रही थी साथ चुत के उपर उसके भैया के सख्त हथेलियो के स्पर्श उसे कामुकता से भर दे रहे थे फिर भी वो खुद पर काबू करते हुए हसते हुए बोली - हिहिहिहिही आराम से भैया गुदगुदी लग रही है
ममता को हस्ता देख कमलनाथ मुस्कुरा कर थोडा हल्के हाथो से अच्छे से चुत के आस पास क्रीम लगा कर अंगूठे से गाड के सुराख के पास क्रीम लगाने लगा जिस्से ममता छटकने लगी ।
कमलनाथ उसकी जान्घे थाम कर - ओहो क्या कर रही है अभी गिर जाती तू ,,सही से बैठ
ममता ह्सते हुए - धत्त भैया मुझे गुदगुड़ी हो रही हैं जल्दी से करो ना
कमलनाथ हस कर - हा हो गया है ब्स थोडा सुख जाये 2 मिंट
ये बोल कर कमलनाथ ममता के चुत के उपर फुक मार कर उसे सुखाने लगा । ये सब हरकते ममता को बहुत ही ज्यादा उत्तेजित किये जा रही थी , मगर वो ज्यादा रियेक्शन नही दे सकती थी ना ही खुल कर आहे भर सकति थी ।
वही कमलनाथ की हालात कम खराब नही थी वो भी अपने खडे हुए लण्ड को आजाद करना चाहता था मगर वो भी मजबुर था ।
एक तो क्रीम मे मिण्ट का फ़लेवर था जो पहले से ही ममता के चुत और गाड की सुराख के पास एक ठंडक भरी झुनझुनी दे रहा था उसपे कमलनाथ की ठंडी फुक से वो और भी पागल होने लगी थी ।
दो मिनट के बाद कमलनाथ ने वापस से पानी के स्प्रे ममता के चुत की ओर किया और धीरे धीरे ढेर सारे झाग के साथ सारे बाल निचे गिरने लगे । ममता को काफी ताज्जुब हो रहा था कि इतनी आसानी से बिना कोई दर्द के ये साफ हो गया ।
कमलनाथ फिर प्रेशर स्प्रे का मुह ममता के गाड के सुराख पर किया और फिर से चिहुक उठी लेकिन इस बार वो सामान्य ही रही ,,,धीरे ममता की चुत से सारे बाल हट गये और उसकी चुत चमकने लगी ।
कमलनाथ का मुह और लण्ड दोनो लार से भर गये । ममता की चुत अब बहुत ही मुलायम थी उसके चुत के किनारे वो हल्के भूरे घेरे उसे और भी कामुक बनाये जा रहे थे ।
ममता - हो गया ना भैया
कमलनाथ चौक कर हा हो गया , रुक मै इसे पोछ दू
ममता हस कर खडे होते हुए - अरे मै कर लूंगी
कमलनथ भी उठ कर अपना गम्छा निकाल के उसे देते हुए - हा ये ले इससे पोछना , तू चल मै हाथ धुल के आता हू
ममता ने एक नजर कमलनाथ के लण्ड के उभार को जान्घिये मे उठा देखा फिर उसके हाथ से वो गमछा लिया और कमरे मे आ गयी ।
इधर कमलनाथ ने जलदी से हाथ धुल कर नारियल के तेल की शिशि लेके कमरे आता है तो ममता अपना पेतिकोट बान्ध रही होती है ।
कमलनाथ - अरे ये क्या कर रही है तू
ममता हस के - अब क्या ऐसे ही रहू हिहिहिहिह
कमलनाथ हस कर - अरे मेरा मतलब था कि अभी ये तेल लगाना पडेगा ना ,,नही तो खुजली होगी वहा
ममता - ओह्हो अब क्या फिर से निकलू इसे
कमलनाथ हस कर - अरे नही ,,तू यही बिस्तर पर लेट जा और ये पेतिकोट उपर ले मै लगा देता हू
ममता मुस्कुराई और वही बिसतर पर एक साइड लेट गयी और खुद पेतिकोट को कमर तक चढाते हुए बडी बेशरमी से अपनी जांघो को फ़ोल्ड करते हुए खोल दिया ।
कमलनाथ की नजरे अब ममता की चुत पर जम सी गयी ,,पोछने के बाद से उसकी चुत और भी खिल गयी थी ।
कमलनाथ ने अपनी भावनाओ पर काबू मे रखते हुए तेल की शीशी से कुछ बुन्दे ममाता चुत के बालो वाले हिस्से पर टिपकाई
ममता ने एक बार फिर से आंखे बन्द कर लि और गहरी सासे भरने लगी ,, तेल की बुन्दे टिप टिप टिप गिरते हुए रिसते हुए उसके चुत के किनारो से होते हुए गाड़ के सुराखो तक चली जा रही थी ।
कमलनाथ ने फिर सीसी को किनारे रख कर अपने दाये हाथ से हल्का हल्का चुत के उपरी बालो वाले हिस्से पर तेल को फैलाना शुरु कर दिया और जैसे ही उसके हाथ का खुरदरा स्पर्श ममता के चुत के उभरे हुए दाने को मिलता है वो हलकी सी सिस्क उठती है ।
कमलनाथ ममता की सिसकी सुन कर उसकी ओर देखता है तो ममता उसे आंखे बंद किये बहुत ही तडपती और कामुकता से मदहोश नजर जाती है और फिर वैसे उसने ममता के चेहरे के भावो को पढते हुए उसकी चुत के हिस्सो को सहलाते हुए तेल को हर तरफ पहचाने लगता है और धीरे से एक ऊँगली को उसकी गाड के सुराख के पास ले जाकर छुटा है
जिस्से ममता की आंखे खुल जाती है और उसकी नजरे कमलनाथ से टकराती है ।
ममता शर्मा कर मुस्कुराते हुए मुह फेर लेती है - हो गया भैया
कमलनाथ चौक कर - हा अ ब ब हा हो गया , देख तो कितनी साफ लग रहि है अब
ये बोलते हुए कमलनाथ झुक कर ममता के चुत के उपरी बालो वाले हिस्से पर किस्स कर लेता है ।
ममता खिलखिला कर - हिहिहिही क्या भैया वो कोई जगह है चुम्मी करने की
कमलनाथ वापस से ममता के चुत के पास उंगलिया रेंगाते हुए - हा तो इसमे क्या बुराई है ,, तू मेरे लिए हर जगह से अच्छी लगती है ,, और ये जगह भी प्यारी लग रही है अब ,, मेरा तो मन हो रहा है इसे और भी चुम्मीया दू
ये बोल कर कमलनाथ फौरन निचे बैठ गया और उसकी एक जांघो को खिच के अपने कन्धे पर रखते हुए चुत को थोड़ा अपने सामने किया और बार बार ममता के चुत के उपर चुम्मिया देने लगा
ममता खिलखिला कर - अब ब्स भी करो भैया हिहिहिही गुदगुदी लग रही है ।
कमलनाथ - वैसे ये जगह बहुत ही मुलायम है अह्ह्ह
ये बोलकर कमलनाथ अपना गाल ममता के चुत के पास घुमाता है
ममता मौका देख कर ह्स्ते हुए - उससे भी ज्यादा मुलायम जगह है भैया ,आपने शायद देखा नही हिहिहिहिही
कमलनाथ समझ रहा था फिर भी अंजान बन्ते हुए - कहा है मुझे तो नही लगता कि इससे भी मुलायम जगह कही और है
ममता हस कर - लगा लो शर्त हार जाओगे हिहिहिही
कमलनाथ चहककर - ठीक है लगी शर्त ,,,तू जीती तो जो तू कहेगी मै करने की तैयार हू
ममता ह्स के - सोच लो भैया हार जाओगे हिहिहिही
कमलनाथ उठ कर खड़ा हुआ और ममता भी उठ कर बैठ गयी ।
कमलनाथ - मुझे मंजूर है
ममता ह्स कर - हिहिहिही ठीक है फिर आप आंखे बन्द कर लो
कमलनाथ आंखे बंद करके खड़ा हो गया
ममता हस्ते हुए उसे बिस्तर पर बिठाती है
कमलनाथ - क्या हुआ
ममता ह्स कर - हिहिहिही बस रुको ना भैया थोड़ा सा
ममता ने फिर एक एक करके अपने ब्लाउज और ब्रा निकाल कर उपर से नंगी हो गयी और आगे बढ के कमलनाथ हाथ पकडते हुए बोली - हिहिहिही अभी आंख नही खोलना भैया ठीक है
कमलनाथ हस कर - हा ठीक है लेकिन तू कर क्या रही है
ममता हस कर - बस अभी पता चल जायेगा
इतना बोल कर ममता ने कमलनाथ के हाथ को पकड कर सीधा अपनी नुकीली चुचियो के उपर रख दिया - अब बताओ भैया है ना वहा से भी मुलायम हिहिहिहू
कमलनाथ ने अच्छे से उस जगह को हथेलियों से टटोलता और जब उसे समझ आया कि ये तो ममता की चुची है तो इस्का लण्ड टनटना गया और उसने हौले से उसकी चुची को दबाया और बोला - अह्ह्ह ममता सच मे क्या है ये बहुत ही मुलायम है ये तो
ममता खिलखिलाते हुए - खुद ही देख लिजिए हिहिहिही
कमलनाथ ने जैसे ही आंखे खोली उसकी आंखे फटी की फटी रह गईं और एक कामुक मुस्कान उसके होटो पर छा गयी ।
कमलनाथ एक नजर ममता को हस्ते देखा और वापस से उसकी चूची को निहारते हुए उसके कड़े निप्पल को सहलाया ,,,ममता मचल गयी और उसकी सासे तेज हो गयी ।
कमलनाथ दोनो हाथो से ममता की चुचिया पकडते हुए सहलाने लगा - अह्ह्ह ममता सच मे ये तो उससे भी मुलायम है
ये बोल कर कमलनाथ ने दोनो हाथो से ममता की चुचियो को हल्का जोर देके दबाया ।
ममता सिस्ककर - उम्म्ंम्ं हा भैया इस्स्स्स्स अह्ह्ह
कमलनाथ - मै एक बार इसकी भी चुम्मी लेके देखता हू कैसा लगता है
ममता कमलनाथ की बाते सुन कर सिहर उठी और उस्का बदन कापने लगा ।
कमलनाथ ने अगले ही पल ममता की नंगी कमर को थामा और गरदन आगे बढा कर ममता के निप्प्ल के बगल मे हल्का सा चुम्बन किया ।
ममता गनगना कर रह गई उसकी चुत फिर से रसाने लगी।
कमलनाथ ने एक नजर ममता को देखा जो आंखे बन्द किये सिसकियाँ ले रही थी ।
कमलनाथ ने वापस से अपना खोलते हुए इस बार सीधा ममता के निप्प्ल को मुह भर कर एक बार चुबलाया ।
ममता सिस्क कर - सीईईई अह्ह्ह भैयाआआ उम्म्ंम्ं
कमलनाथ मुह हटा कर ममता को देखते हुए - क्या हुआ ममता
ममता हस कर - कुछ नही ,
कमलनाथ बडे दुलार से उसकी कमर मे हाथ डाल कर उसे अपनी जान्घ पर बिठाते हुए -बोल ना
ममता शर्मा के ह्स्ते हुए - वो मै शर्त जीत गयी ना हिहिहिहो
कमलनाथ हस कर बगल से साथ निकाल कर उसकी एक चूची को थामते हूए - अरे हा ,, तो बता क्या चाहिये तुझे
ममता कमलनाथ के हाथो को अपने जिस्म पर रेंगता पाकर कसमसा कर बोली - उह्ह्ह्ह भैया मुझे भी भाभी के जैसे प्यार करो ना
कमलनाथ ममता के मुह से ये बाते सुन कर उत्तेजना से भर गया और उस्का दिल तेजी से धडकनें लगा ।
वही ममता ये बोल कर बहुत काप रही थी लेकिन उसके चुचियो पर घुमते उसके भैया के हाथ उसे उम्मीद दिए हुए थे
कमलनाथ जो चाह रहा था वो अब उसके सामने थे अब तक उसने अपने दिल के उठे हवस के तरंगो को रोक रखा था ।
उसने हौले से ममता की चुची को दुलारते हुए उसके गालो को चुम कर बोला - तू चाहती है कि मै तुझे रज्जो के जैसे प्यार करू
ममता सिहर कर नजरे नीची किये हा मे सर हिला कर वही कमलनाथ के गोद मे बैठी रही ।
कमलनाथ ने सामने से अपने हाथ को ममता की चुचिया पर रख कर उसके निप्प्ल पर दरते हुए बोला - तू चाह रही है कि मै तेरे बदन को वैसे स्पर्श करू जैसे तेरी भाभी को करता हू
ममता सिस्ककर - हम्म्म्म्ं भैया अह्ह्ज सीईई उम्म्ंम्ं
कमलनाथ ममता से वापस कबूलवाते हुए - तुझे मेरा स्पर्श अच्छा लगता है क्या ममता ,,,बोल ना
ममता सिस्ककर - उम्म्ंम्ं हा भईयाआआ बहुत अच्चाआआ
कमलनाथ ने अब ममता को आगे कर पीछे से उसकी दोनो चुचिया मिजते हुए - ओह्ह्ह्ह ममता सच मे तेरे दूध बहुत मुलायम है उम्म्ंम्ं अह्ह्ह
ममता सिस्कर अपने हाथ कमलनाथ के हाथो के उपर रख कर उन्हे रगड़ते हुए - ओह्ह आपको पसंद आया ना मेरे दूध उम्म्ंम्ं सीईई अह्ह्ह भैया ऐसे ही उम्म्ंम्ं रगडो ना भैया जैसे रज्जो भाभी का रगड़ते हो ,,,देखो ना कितना ब्डा कर दिये हो उनका
कमलनाथ और जोर से ममता के चुचियो के मिजता हुआ - उम्म्ंम्ं तुझे भी अपने दूध उसके जैसे करवाने है क्या उम्म्ंम्ं
ममता सिस्कते हुए - उम्म्ंम्ं हा भैया कर दो ना उम्म्ंम्म्ं भाभी के जैसे ओह्ह्ह्ह
कमलनाथ - आह्ह ममता तेरी बात कभी मैने टाली है उम्म्ं तेरे दूध भी मै रज्जो के जैसे मोटे कर दूँगा उफ्फ्फ वैसे ये कम मोटे नही है उम्म्ंम्ं बहुत ही मुलायम दूध है तेरे
ममता सिस्क कर - उम्म्ं भैया सूनो ना उम्म्ंम्म्ं
सीई
कमलनाथ अपने हाथ रोकते हुए - हमम क्या हुआ बोल
ममता थोडा मुस्कुरा कर शर्माते हुए - इनको दूध नही बोलते ,,,सही नाम लो ना उम्म्ंम्म्ं अह्ज्ज्ज
कमलनाथ ममता के वक्तव्य से और भी जोशील होकर एक बार फिर ममता की चुचिया हथेली मे भरते हुए - ओह्ह्ह तू चाह रही है मै इनके वो वाले नाम लू गन्दे वाले
ममता हा मे सर हिलाते हुए सिसकी
कमलनाथ - ओह्ह्ह ममता तेरी चुचिया बहुत ही मुलायम है अह्ह्ज इनको मिजने मे बहुत ही मजा आ रहा है उफ्फ़फ्फ
ममता अपने भैया के मुह से खुले शब्दो को सुन के मचल उथी
वही कमलनाथ धीरे से निचे से ममता के पेतिकोट को उपर करके एक हाथ को उसकी चुत पर लगा दिया और उसे सहलाने लगा
ममता की हालत खराब होने लगी वो अपने भैया की बाहो मे पिघलने लगी ।
कमलनाथ - उम्म्ं तू ऐसे ही चाहती है ना मै इसे सहलाऊ बोल ना
ममता सिस्ककर - उम्म्ंम हाआआ भैयाआआ उफ्फफ़फ़ ऐसे ही मसलो उसे
कमलनाथ - बोल ना क्या मसलवा रही है अपने भैया से उम्म्ंम
ममता सिहर के - उम्म्ंम्ं सीईईई अह्ह्ह्ह च च च चुउउऊऊ त्त्त्त्त्त अह्ह्ह
कमलनाथ अपनी हथेली मे ममता की चुत को दबोचते हुए - मजा आ रहा है अपने भैया से अपनी चुत मसलवा के ,उम्म्ंम्ं बोल ना
ममता सिस्ककर - उह्ह्ह्ह्ह हाआआ भैयाआआ बहुतहहह उम्म्ंम्ं
कमलनाथ - उम्म्ंम तो फिर अपने भैया को मजा नही देगी क्या उम्म्ंम बोल ना
ममता - सीईई ओह्ह्ह हाआआ क्यू नही उम्म्ंम्ं
कमलनाथ ने फौरन ममता को खड़ा करके खुद अपना जांघिया खोल कर निचे कर दिया और उसका मोटा लण्ड तनमना कर खड़ा हो गया ।
ममता अपने भैया का लण्ड देखकर एक गहरी आह्ह्ह भरी और तुरंत घुटने के बल होकर बिना कोई देरी के सीधा मुह मे लण्ड लेके चूसना शुरु कर दिया
कमलनाथ ममता की आतुरता देखकर थोडा मुस्कुराया और अगले ही पल जब ममता ने उसकी चमडी खिच कर सुपाडे ले जीभ फिराया तो कमलनाथ पूरी तरह से हिल गया ।
कमलनाथ - ओह्ह्ह ममता उम्म्ं ऐसे ही अह्ह्ह सच मे तू तो कमाल की है रे अह्ह्ब उम्म्ंम्म्ं
ममता बिना कुछ बोले तेजी से गपगपा लण्ड निचोद्ते हुए चुसे जा रही थी ।
कमलनाथ ज्यादा देर तक रोक नही सकता था खुद को और उसने ममता का सर रोका ।
ममता ने हौले से मुह खोल्कर लण्ड छोड दिया और नजरे उपर कर कमलनाथ को ऐसे देखने लगी कि मानो पुछ रही थी कि मुझे रोका क्यू ।
कमलनाथ - सारा रस यही निचोड लेगी क्या उम्म्ं
ममता शर्माते हुए मुस्कुराई तो कमलनाथ मे उसको पकड कर उठाया और बिस्तर पे लिटा दिया ।
ममता ने शर्माते हुए मुह फेर ली और वही कमलनाथ उसकी जान्घे फ़ोल्ड करता हुआ उस्के पेतिकोट को कमर तक चढा दिया ।
फिर कमलनाथ अपना जान्घिया पैर से निकाल कर एक पैर का घुटना मोड कर बिस्तर पर रखा और ममता की टांगो को पकड के अपनी ओर खिचते हुए लण्ड को उसकी पनियायी चुत पर फिराया और अगले ही पल हचाक से अन्दर पेल दिया
ममता सिसक उठी - उह्ह्ह्ह भैयाआआ अह्ह्ह उम्म्ंम्ं आह्ह्ह्ह अराअमाआम्ंंं से उह्ह्ह
कमलनाथ ममता की आंखो मे देखते हुए - दर्द हुआ क्या तुझे
ममता ह्स के ना मे सर हिलायि
कमलनाथ ने एक और जोर का धक्का देकर पुरा लण्ड जड़ तक पेलते हुए - देख ऐसे ही रज्जो पेलता हू पुरा अन्दर तक
ममता अपनी चुत के जड़ मे अपने भैया का लण्ड पाकर चिहुक उठी और सिस्कते हुए - ओह्ह्ह भैया तो पेलो ना मुझे वैसे ही ,,जैसे रज्जो भाभी को पेलते हो हचक हचक के
कमलनाथ ममता की बातो से और भी जोश मे आ गया और लम्बे लम्बे धक्के ममता की चुत लगाते हुए - तुझे भी ह्चक ह्च्क के पेलवाना है ना तो ले और ले अह्ह्ह आह्ह
ममता सिस्कते हुए अपनी गाड उचका के - ओह्ह्ह हा भैया और तेज्ज अह्ज्ज उम्म्ंम्ं ऐसे ही और हचक के पेलो मुझे अओह्ह्ह भैयाआअह्ह्ह
कमलनाथ जोश मे आते हुए - ओह्ह्ह ममता तू बहुत गरम है अह्ह्ह ऐसे ही उम्म्ंम्ं
ममता - ओह्ह भैया आपका वो भी बहुत मोटा है उम्म्ंम्ं सीईई अह्ह्ह
कमलनाथ तेजी से ममता की चुत मे लण्ड पेलते हुए - अह्ह्ह उम्मममं तेरी चुत बहुत कसी हुई है रे अह्ह्ह इसको भी तेरे भाभी के जैसे कर दूँगा उम्म्ंम
ममता कमलनाथ से कबुलवाते हुए - ओह्ह सच मे भैया मेरी भी चुत भाभी जैसे खोल दोगे उम्म्ंम
कमलनथ तेजी से चुत की गहराइयो मे जाते हुए - हा ममता ,,,तेरी भी चुत का भोसडा बना दूँगा चोद चोद के ओह्ह्ह
ममता - ओह्ह भैया फिर बना दो ना मेरी चुत का भोस्डा उम्म्ं और तेज पेलो अपनी बहन को ओह्ह्ह अह्ह्ह ऐसे ही
ममता के मुह से बहन शब्द सुन कर कमलनाथ के लण्ड मे नयी ऊर्जा आ गयी और वो तेजी से हचाक ह्चाक उसकी चुत मे लण्ड पेलने लगा
कमलनाथ - उम्म्ंम ममता एक नम्बर की अह्ह्ह सीईई
ममता अपनी गाड उचका के कमलनाथ की आंखो मे देख कर - अह्ह्ह भैयाआआ बोलो ना ,, मै एक नम्बर की क्या अह्ह्ह उम्म्ं
कमलनाथ ममता की आंखो मे देखते हुए - सच मे बोल दू उम्म्ंम्ं
ममता - अह्ह्ह हा भैया बोलो ना मै क्या एक नम्बर की उह्ह्ह्ह सीईई अह्ह्ह
कमलनाथ अपने लन्ड़ को ममता की चुत के गहराईयो मे ले जाकर - तू एक न्म्बर की चुद्क्क्ड लगती है रे अह्ह्ह उम्म्ंम्म्ं
ममता अपने भैया के मुह से अपने लिये ऐसे लब्ज सुन के और भी पागल होने लगी - अह्ह्ह सच मे भैया उम्म्ंम और क्या लगती हू मै आपको अह्ह्ह्ह सीईई उम्म्म्ं
कमलनाथ बिना कुछ बोले ममता को तडपते हुए देखकर मुस्कुराते हुए लगाताए एक ही लय बनाते हुए उसकी चुत मे गचागच पेले जा रहा था
ममता कमलनाथ को चूप देख कर थोडी परेशान होने लगी - उम्म्ंम भैया क्या हुआआ सीई अह्ह्ह बोलो ना क्या सोच रहे उम्म्ंम्म्ं बोलो ना मुझे गंदे गंदे शब्द उम्म्ंम्ं
कमलनाथ मुस्कुरा के - उम्म्ं तुझे गंदे गन्दे शब्द सुनने है हा
ममता - उम्म्ंम हा ,,भाभी कह रही थी कि जब वो आपको एक गाली देती है तो आप उनको बहुत तेज चोदते हो उम्म्ंम्ं
कमलनाथ मुस्कुरा के - कौन सी बता ना
ममता मुस्कुरा ना मे सर हिलाती है
कमलनथ ममता की टाँगे उठा कर एक जोर का झटका लगाते हुए एक लम्बा शॉट उसकी चुत मे लगाते हुए- बोल ना उम्म्ं
ममता दर्द और मस्ती से सिस्ककर - ओह्ह्ह बहनचोद चोद ना मुझे कस के उम्म्ंम्ं
कमलनाथ ममता के मुह से अपने लिये गाली सुन के उत्तेजना से भर गया और तेजी से धक्के लगाते हुए उसके उपर चढ़ गया और एकदम करिब से उसकी आंखो मे देखते हुए - आह्ह अब तो मै पक्का बहनचोद हो गया हू रे उम्म्ंम
ममता अपने चरम पर थी इसिलिए वो अपने गाड़ को उच्काते हुए अपने चुत के छल्ले को कमलनाथ के लण्ड पर कसटे हुए - तो चोद ना बहनचोद अपनी बहन को खुब हचक हचक के पेल ना उम्म्ंम ऐसे हो अह्ह्ज्ज
कमलनाथ भी अब अपने रंग मे आते हुए - आह्ह्ह्ह साली तू बडी चुद्क्क्ड है उम्म्ंम्ं आज तो तेरी चुत का भोस्दा बना ही दूँगा उम्म्ंम्ं साली रन्डी है तू उम्म्ंम्ं
ममता तो इसी सब के इन्तजार मे थी उसे ऐसे ही बेरहम और गाली गलौज भरी धमाकेदार चुदाई चाहिये थी अपने भैया से
कमलनाथ अब उसे गाली देते हुए तेजी से अपना लण्ड ह्च्च्च ह्च्च उसकी चुत मे उतार रहा था ,,
ममता अब झडने के करीब थी और वो अपनी कमर उच्काते हुए - आह्ह भैया चोदो ना अपनी रंडी बहन को आह्ह्ह ऐसे ही ओह्ह्ह मै आ रही हुई अओह्ज्ज अह्ह्ह पेलो भैयाबन जाओ ना बहिनचोद उम्म्ंम अह्ह्ह
इधर ममता तेजी से झडने लगी और तेजी से अपने भैया के लंड को निचोडते हुए चुत के अंदर ही कसने लगी
कमलनाथ तेजी से लण्ड को उसकी चुत मे पेल्ते हुए -अह्ह्ह ममता मेरा भी होने वाला है उह्ह्ह्
ये बोलकर कमलनाथ ने तेजी से लण्ड को बाहर निकाला और ममता के मुह के पास जाकर हिलाने लगा
ममता के तुरंत एक करवट होकर लंड को मुह मे भर लिया
अगले ही पल ममता का मुह कमलनाथ मे गरम माल से भरने लगा और कमलनाथ निढ़ाल होने लगा
ममता ने अच्छे से कमलनाथ का लण्ड निचोड के छोड दी
थोडी देर बाद जब दोनो के तन और मन स्थिर हुए तो उनको रज्जो का ख्याल आया ।
ममता हस कर - भैया भाभी को गये काफी समय हो गया हिहिहिही
ममता के सवाल से कमलनाथ का मन भी खटका कि ममता के साथ समय बिताने के चक्कर मे मै रज्जो को भूल ही गया
वो भी तो सिर्फ ब्लाउज और जीन्स मे राजन के पास गयी है ,, आखिर इतना समय तो लगाना नही चाहिये
ममता अपने भैया को सोचते देख कर हस्ते हुए - अरे भैया इतना क्या सोच रहे हैं चलिये कपडे पहन लेते है क्योकि दरवाजा बंद कर दिया था आपने और हम लोगो का कितना समय बाथरूम मे बीत गया था तो
कमलनाथ ने जब ममता के पहलू पर विचार किया तो उसकी फट गयी कि कही रज्जो वापस आई हो और उसने बंद दरवाजा देख कर हमारे बारे मे कोई बात ना बना ली हो ।
इसिलिए फौरान वो भी उठ कर अपने कपडे पहनने लगता है और ममता को बोलत है कि वो बाथरूम मे जाकर अपनी पैंटी लेले ।
यहा इस कमरे मे ये हड़बड़ी मची ही थी कि बगल के कमरे मे रज्जो ने देखा कि कमलनाथ और ममता ने उसकी खोज खबर नही ली तो उसने दुसरी राउंड की चुदाई के आखिरी क्षणो का मजा ले रही थी ।
राजन तेजी से उसकी चुत फाडे जा रहा था और कुछ ही पलो मे वो रज्जो मे मुह मे झड़ भी जाता है ।
रज्जो फटाफट अपना मुह साफ कर जीन्स चढा लेती है और कमरे से निकल रही होती है कि सामने ममता और कमलनाथ नजर आते है ।
ममता अब तक साडी पहन चुकी थी और कमलनाथ बनियान जान्घिये मे गम्छा लपेटे खड़ा था ।
रज्जो जब दोनो को सामने देखा तो पहले थोडी सहमी फिर खुद को सम्भालते हुए हस कर - हम्म्म हो गयी बात आप दोनो की
कमलनाथ रज्जो के बात से थोडा परेशान हुआ लेकिन उसे शाम की वो बात याद आई जब ममता ने उससे बाते करने की जिद की थी - हा हा ,,,हमने तो खुब सारी बाते की और बचपन की यादे भी ताजा की
ममता भी अपने भैया का पक्ष लेते हुए हस कर - हिहिहीहि हा भाभी आप होती ना आपको भी मजा आता
रज्जो हस कर - चल तू खुश है ना ,,,मै तो नंदोई जी को तेरे फ़ोटो दिखाने आई थी और यही बातो मे लग गयी ।
कमलनाथ - चलो कोई बात नही ,, जा ममता तू भी आराम कर
रज्जो - हा जी चलिये
फिर सारे लोग अपने अपने कमरे मे चले जाते है ।
जारी रहेगी
आप सभी की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा
जितनी अच्छी प्रतिक्रियाए मिलेगी , अगला अपडेट उतना जल्द ही
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गयाUPDATE 114
CHODAMPUR SPECIAL UPDATE
पिछ्ले अपडेट मे आप सबने पढा कि कैसे कमलनाथ और ममता दोनो भाईबहन ने एक दुसरे को तृप्त किया और वही बगल के कमरे मे रज्जो अपने नंदोई से चुदती रही लेकिन कमलनाथ को खबर तक नही पडी । इनसब से अलग अनुज और पल्लवि की नजदीकी बढ़ी तो लेकिन एक छोटी मुसीबत के नाते अनुज ने कुछ फैसले किये है देखते है आगे क्या क्या होने वाला है क्योंकि सिर्फ जानीपुर की रात रंगीन नही थी , चमनपुरा मे भी राज शाम से ही बेचैन बैठा हुआ रहा था कि कब उसे चंदू के यहा जाने का मौका मिलेगा ।
अब आगे
राज की जुबानी
मै शाम होने का इन्तजार करने लगा कि जल्द से जल्द दुकान बढा कर चंदू के यहा जाऊ ।
इधर 6 बजे तक मा चौराहे पर चली गयी और मैने उसे बोल दिया कि मै खाना वही चंदू के यहा ही खाऊंगा ।
मा के जाने के बाद मैने फिर से WhatsApp चेक किया और देखा तो काजल भाभी ने अभी कुछ मिंट पहले ही मेरी ल्गाये हुये ब्रा पैटी के status को सीन किया , मगर उनका कोई रिप्लाई नही आया था । मै जानरहा था कि उनका इतना जल्दी रिप्लाई नही आयेगा ।
फिर वो मुझे ऑनलाइन दिखी तो वापस से मैने एक जोक का फ़ोटो status पर लगा दिया ।
इधर मै ग्राहको मे व्यस्त हुआ था कि उनका उसी status पर रिएक्शन रिप्लाई आ गया ।
मैने फौरन चेक किया तो दो हसने वाली एमोजी आयी थी ।
मैने भी एक हसने वाली एमोजी भेज कर निचे गुड एवनिंग का मैसेज सेंड किया ।
अगले ही पल मैसेज सीन हुआ और उन्होने भी गुड एवनिंग विश किया ।
अब मेरे दिल की इच्छा बढ़ी
मै - kaisi ho bhabhi ji
भाभी - thik hu ji , aur ap
मै - mai bhi , aur kya ho rha hai
भाभी - bs yahi khana bnane ja rahi hu
मै - ohhh , hmaare liye kya bn rha hai
भाभी -jo kahiye , lekin aap aate hi nhi hai .
मै - are rohan bhaiya ko aane dijiye ,, fir aata hu
भाभी - wo to isi hafate a rahe hai
मै - thik hai , kuch jrurt hogi to msg kariyega
भाभी - ha kyu nhi
मै - hmm bye
भाभी - bye
फिर मैने फोन कट करके आगे के लिए कुछ प्लान किया और दुकान बंद करके चंदू के यहा निकल गया ।
गलियारे से होकर मै सीधा उपर निकल गया जहा चंदू हाल मे बैठा मोबाइल पर बात कर रहा था और मुझे देखते ही चुप रहने को बोला ।
मैने उससे इशारे मे पुछा की कौन है तो उसने भी बस होठो से पापा बोला ।
मै चुप हो गया और इधर उधर देखते हुए चम्पा को खोजते हुए किचन की ओर गया
जहा चम्पा एक टीशर्ट और पैंटी मे खड़ी जल्दी जल्दी पुड़िया तल रही थी ।
चम्पा की हल्की सावली और नंगी जान्घे देख कर मेरा लण्ड अंगड़ाई लेने लगा और मै दबे पाव उसके पास पहुच कर अपना लण्ड लोवर से बाहर निकालते हुए सीधा उसकी गाड़ के पाटो पर सटाते हुए उससे चिपककर - ओह्हो क्या बना रही हो हम्म्म
चम्पा पहले तो चिहुकी फिर मुझे जान कर थोडी इतरा कर - ओह्ह तुम हो , वो मै पुड़िया निकाल रही हू उम्म्ंम्ं रुको नाआह्ह्ह्ह
मै हस कर उसके टीशर्ट के अंदर उसकी नंगी कमर मे घुमते मेरे हाथो को रोकता हुआ - क्या हुआ अच्छा नही लगा हम्म्ंम
चम्पा थोडा शर्मा कर हसी और मुझे ठेलते हुए - धत्त हटो ,,मै जल जाऊंगी
मै वापस अपने हाथ उसकी कमर से सरकाते हुए उसके नंगे चुतडो पर फिराता हुआ - लग रहा है चंदू ने अपना कोटा पुरा कर लिया है हिहिहिहू
चंपा ने आंखे उठा कर मुझे देखा और हसने लगी ।
मै उसको शर्माता देख और उत्तेजना मह्सूस किया और लपक कर उसके गाल चूम लिये ।
फिर मै उसके गाड के पाटो पर एक चपट लगाई और हस्ते हुए बाहर आ गया ।
थोडी देर बाद चंपा ने हम सब के लिए खाना ल्गाया । खाने के बाद मै और चंदू उपर की मंजिल पर टहलने चले गये रात के 8 बज रहे थे और चम्पा निचे बरतन खाली कर रही थी ।
मै आस पास नजर दौडा रहा था रात की बिजली मे सबके छत पर गरमी महीने की चहल पहल दिख रही थी ।
तभी चंदू मुझे पीछे से ठोकता हुआ - तब आज तेरा पहला बार है कोई बात हो तो पुछ ले हाहाहा
मै हस कर - अरे तू होगा ना साथ मे हिहिहीहि
चंदू - नही नही नही ,, पहला राउंड तू अकेले मजा ले फिर मै
मुझे भी उसकी बाते सही लगी
मै हस कर - तो तू यही रुक मै आता हू हिहिहीहि
चंदू - हा ठीक है जा हाहाहा
मै हसते हुए वापस निचे आया
मै वापस किचन मे गया तो वहा चम्पा नजर नही आई और फिर मै वही बगल के बेडरूम मे हल्का सा दरवाजा खोल कर अन्दर झांका तो चम्पा अपना टीशर्ट निकाल दी थी और उसके बडे बडे मोटे चुचे लटके हुए थे ,,वो सिर्फ पैंटी मे थी
वो आल्मारि से कुछ कपडे निकाल रही थी तो मै धीमे से दरवाजे को खोल और दबे पाव उसके पीछे जाकर उसके कंधो के निचे से हाथ डाल कर उसके दोनो मोटे थन जैसे चुचो को दबोच लिया
चंपा सिस्ककर - उम्म्ंं सीईईई ओफ्फ्फ्फ राज्ज्ज उम्म्ं क्या कर रहे उम्म्ंम
मै उसके मुलायम चुचो को हाथो मे भरते हुए - क्या खोज रही हो यहा ,,उम्म्ंम्ं
चंपा कसमसा कर - वो वो उम्म्ंम सिह्ह्ह्ह उह्ह्ह उम्म्ं वो मै मै हहहह अह्ह्ह्म वो मै कपडे बदलने जा रही थीईई उम्मममं
मै उसकी चुचियो को मिज्ते हुए अपना लोवर मे खड़ा लण्ड उसके गाड के उभार मे धसान्ते हुए - जब सब उतारना ही है तो क्या करोगी पहन के उम्म्ंम
चम्पा थोडा हसी और मैने उसे अपनी ओर घुमाते हुए उसकी नशीली आंखो मे देखा और उसके फड़फडाते होठो को मुह मे भर लिया
चंपा के मुलायम होठ धीरे धीरे पिघलने लगे और अगले ही पल चम्पा मुझपर हावी होने लगी ,,,उसने मेरे होठो को निचोडना शुरु कर दिया
मेरे हाथ खुद ब खुद उसके 36 के कूल्हो पर चले गये और मै उन्हे बडी मर्ममता से भिचने लगा ।
नतिजन चम्पा और उत्तेजित होकर अपनी एडिया उच्काते हुए मेरे और करीब आने लगी ।
मैने उसके कूल्हो को छोडते हुए अलग हुआ और एक ही झटके मे अपनी टीशर्ट बनियान सहित निकाल दी और चंपा से चिपक गया ।
उसके मुलायम चुचे मेरे सीने मे दब गया ,,,मेरे बदन मे सिहरन पैदा होने लगी उस स्पर्श से और मै उसके पीठ पर अपने हाथ फेरने लगा ,,ठीक वैसे ही चंपा भी मुझे अपने सीने से चिपकाये मेरे पीठ पर अपने हाथ कड़े करते हुए मुझे ऐसे कसने लगी मानो मेरा बदन ही तोड देगी
हमारे होठ एक फिर से जुड़ गये और उसके हाथ निचे मेरे लोवर मे घुसकर मेरा लण्ड टटोलने लगे ।
अगले ही पल चंपा ने मेरे लण्ड को भिचना शुरु कर दिया और मै उसे पकड कर बिसतर के पास लाया ।
खुद बिस्तर पर बैठते हुए उसकी एक चूची मे मुह लगा दिया
चम्पा पागल सी होने लगी और तेज सिसकिया लेने लगी ,, वो काफी गरम दिख रही थी उसने अपने जांघो को खोलकर मेरे घुटने पर बैठ गयै और अपनी फुली हुई चुत को मेरे जांघो पर घिसना शुरु कर दिया ।
मै इस अह्सास से पागल होने लगा ,,,मैने उसकी कमर मे हाथ डालकर अप्नी ओर खीचा और उसकी दुसरी चूची को थामते हुए ज्यादा से ज्यादा मुह मे भरने लगा ।
मेरा दुसरा हाथ जो उसकी कमर पर वो पीछे उसके गाड की लकीरो की ओर सरक्ने लगा और मेरे जीभ लपालप चम्पा के निप्प्ल पर चलने लगे ।
चम्पा -उह्ह्ह्ह रज्ज अह्ह्ह्ह माआ बहुत मस्त कर रहे ओह्ह्ह्ब उम्म्ंम ऐसे ही और चुसो इसे उम्म्ंम्ं
मै उसकी दोनो चूचियो को बारी बारी से चूसते हुए उसकी गाड की गहरी दरारो मे एक हाथ को ले जाने लगा ,,,जैसे मेरी बीच वाली ऊँगली चम्पा के गाड़ के सुराख की ओर बढ रही थी वो अपने गाड़ को सिकोड़ते जा रही थी और उछलती रहती थी जिस्से उसके चुचे मेरे मुह मे और भर जाते
आखिर कार उसके सख्त हुए पाटो मे अपनी उन्गली घुसेड़ते हुए उसके गाड़ के सुराख पर ऊँगली की टिप छू गयी जिससे चम्पा चिहुक उठी
मैने उसको थामा और अच्छे से वहा पर उन्गली फिराया और चंपा के होठ को वाप्स से मुह मे भर लिया ।
इधर चंपा ने चुत ने पिचपिचाना शुरु कर दिया था और उसके हाथ मेरे लोवर के उपर से लण्ड को सहलाये जा रहा था ।
उसने मेरे होठ से अपने होठ छुड़ाए और मेरे आंखो मे बडी कामुक अदा से देखते हुए खड़ी हुई और मेरे कदमो मे बैठ गयी ।
चम्पा की हरकत देखते ही मुझे कल उसकी लण्ड चूसने की स्टाइल याद आ गयी और मै पूरी तरफ से सीहर उथा ,,,मेरे लण्ड मे एक नया जोश आ गया और मै एक गहरी आआहहहह भरी ।
चम्पा ने मुस्कुरा कर मेरे लोवर की लास्टीक को फैलाया तो मै भी अपनी कमर उचकाया
मौका देख कर चंपा ने लोवर और अंडरवियर एक साथ घुटनो के निचे कर दिया और मेरा लण्ड टनटना कर खड़ा हो गया ।
मैने उसे थामा कर हलके हाथ से सहलाते हुए दुसरे हाथ से चंपा के बालो मे फिराया और उसका चेहरा पकड कर खुद लण्ड के करीब लाया ।
चम्पा एक बार नजर उपर करके मेरे आंखो मे देख कर मुस्कुराइ और मुह खोल्कर अगले ही पल लण्ड को भर लिया ।
मैने एक गहरी सास ली और वही चंपा मेरे लण्ड को गले तक उतारती चली गयी ।
मेरे लण्ड के सतह पर उसके लार का गिलापन और एक ठंडक सी मह्सूस हो रही थी और मै एक आनन्द मे दुबा जा रहा था
तभी चंपा ने मेरे आड़ो को थामा और लण्ड को पुरा निगलने लगी जिससे मेरे लण्ड मे और भी कड़ापन होने लगा
मुझे एक पल को कल की लण्ड चुसाई याद आई और मै वापस से बिना चंपा को चोदे झड़ना नही चाहता था इसिलिए मैने उस्के सर को थामा और उपर की ओर किया
चम्पा ने ढेर सारा लार मेरे लण्ड पर ल्भेड़ लिया था और उसे अपने दोनो हाथो अपने दाँत भींच्ते हुए लण्ड को कस कर चिकना कर रही थी ।
मैने उसका रन्डीपना देखा और मुझे उसके चोदने की इच्छा और भी तेज होने लगी
मैने उसे खड़ा किया और खुद भी खड़ा होकर उसके बिसतर पर धकेल दिया
वो गद्देदार बिछौने पर थोडा उछली और उसके चुचे भी हिले
मैने अपना लोवर निचे निकाल दिया और उपर चढने लगा ,,,मुझे बिस्तर पर आते देख चम्पा ने फौरन अपनी गाड़ उचका कर पैंटी निकाल दी और जांघो को खोलते हुए अपनी गीली चुत को थपथपाने लगी ।
मैने आज तक ऐसे गरम लड़की नही देखी थी जो ऐसे सेक्स के लिए इतनी बेशर्म हो जाती हो
मेरा लण्ड उसके अन्दाज से और फनफना उथा और मैने उसके जांघो को फैलाते हुए अपना लण्ड उसकी चुत के उपर रखा
उसने अगले ही पल अपनी कमर को नचा कर लण्ड को अपनी चुत के मुहाने पर सेट कर लिया ।
मैने अपना एक हाथ उसकी मासल जांघो पर फिराया और अंगूठे से उसके चुत के दाने को फ्लिक किया ,,वो चिहूक कर अपनी गाड पटकते हुए - उम्म्ंम डाल दो ना उम्म्ंम सीई अह्ह्ह
मै उसकी तडपन देख कर हस्ता हुआ उस्से काबूलवाया - क्या डाल दू हा
चंपा थोडा मुस्कुरा कर लेकिन पूरी तरह से उत्तेजित होकर -येएह्ह्ह अपना मोटा लण्ड,,,घुसाओ ना इसे उम्म्ंम्ं
ये बोल कर वो अपनी चुचिया मिजने लगी
मै भी उसकी तडपन बढ़ाने के लिए लण्ड की चमडी खोलकर सुपाडे को उसके चुत के दाने पर रगड़ता हुआ - कहा घुसाऊ बोलो ना उम्म्ंम
चंपा कसमसाइ और अपनी गाड़ उच्काते हुए - यहाहहहआआआ मेरी चुत मे डालो नाआआ उह्ह्ज
मैने देर ना करते हुए एक ही धक्के आधा लण्ड उसकी चुत मे घुसेडा ,,वो थोडा दर्द से सिसकी ,,,क्योकि मेरा लण्ड उसकी तडप और उत्तेजना देख कर पहले से ज्यादा मोटा और टाइट था
मै आधा लण्ड उसकी चुत मे घुमाते हुए - क्या हुआ दर्द हो रहा है क्या उम्म्ंम
चंपा ने वापस से अपनी गाड उचकाई और एक जोर के झटके के साथ चुत को उपर ठेला जिससे लगभग पुरा लण्ड उसकी चुत मे घुसता चला गया
मुझे ध्क्क्क सा हुआ एक पल को और फिर एक हल्का सा दर्द हुआ लण्ड के चमडी मे लेकिन आनन्द बहुत ज्यादा मिला
मैने उसकी आंखो मे देखा और वापस अपने लण्ड को पीछे खिच कर एक जोर का ध्क्क्का देते हुए पुरा लण्ड उसकी चुत के जड़ मे उतारते हुए उसके उपर आ गया ।
वो थोडा सिसकी और फिर मेरी आखो मे देखते हुए मेरे होठो को चूसना शुरु कर दी
मैने भी अपनी कमर को पटकते हुए उसे पेलना शुरु कर दिया ।
मेरे लम्बे धक्के उसके मुह खोल देते और आंखे फैल जा रही थी ,,,उसकी हिलती चुचिया मुझे फिर से ललचाने लगी ।
मैने झुकते हुए एक को मुह मे भरा और तेजी से धक्का लगाते हुए उसके चुत मे पेलने लगा ।
चम्पा मेरे सर को अपनी चुची पर दबाते हुए - उम्म्ंम ओह्ह्ह राज्ज्ज्ज आह्ह ऐसे ही बहुत मजा आ रहा है उम्म्ं हम्म्म
मैने तेजी से घपाघप उसकी चुत मे लण्ड भरे जा रहा था और उसकी चुत अपनी पानी छोड़े जा रही थी ,,,
चम्पा- ओह्ह तुम सच मे माहिर हो चोदाने उम्म्ंम ,,तुमने चंदू से झुट क्यू बोला अह्ज्ज्ज
मै मुस्कुरा कर उसकी आँखो मे देखते हुए - सच बोलता तो क्या चंदू तुमको चोदने देता उम्म्ंम अह्ह्ज बोल ना
चम्पा ने मुस्कुरा कर ना मे गरदन हिलाया और मैने वापस से लण्ड उसकी चुत की गहराई मे ले जाने लगा
चम्पा - उम्म्ंम तो फिर किसे चोदा पहली बार उम्म्ंम ,,कौन है जो रोज इतने मस्त लण्ड से अपना भोसडा बनवाती है उम्म्ंम अओह्ह्ह उम्म्ं
मै ह्स कर - ऐसा कोई नही है ,,,वो सब्बो है ना साली वही कभी कभी आ जाती है उम्म्ंम्ं
चम्पा - उम्म्ंम सच मे या कुछ छिपा रहे हा
मै मुस्कुरा कर - सच यही है उम्म्ंम लेकिन तुम बहुत गरम हो ,,अब सम्झा की बचपन ने चन्दू ने इतनी जल्दी कैसे तुमको पा लिया
चम्पा अपनी कमर घुमा कर मेरे लण्ड को निचोडते हुए - उस समय पहले मेरी नजर तुम पर ही थी लेकिन तुम बडे शरीफ रहते थे तो भाई को ही ओह्ह्ह उम्म्ंम लपेटना पडा मुझे उम्म्ंम ऐसे ही मेरा फिर से आने वाला है उम्म्ंम
मै उसकी बाते सुन कर और भी उतेजीत होने लगा वही चंपा झडने वाली थी तो उसने मेरे लण्ड पर छल्ला बनाते हुए उसे निचोडना शुरु कर दिया
लेकिन फिर भी जोश की कोई कमी नही थी कुछ ही पलो मे फ्च्च्ग फच्च फच्च फच्च की आवाजे आने लगी और चम्पा झड़ रही थी उसकी पकड़ मेरे लण्ड पर अब ढीली थी मगर मै चरम पर था
मैने जलदी से लण्ड को बाहर निकाला और तेजी से हाथ चलाना शुरु किया और वही उसके पेट और चुत पर झडने लगा ।
फिर निढ़ाल होकर वही उसकी जांघो का सहारा लेके हाफता रहा
थोडी देर बाद हमारी नजरे मिली और फिर हम दोनो हस पडे
मै उसके बगल मे जाकर करवट लेते हुए लेट गया और उसकी चुची पर हाथ घुमाते हुए - मजा आया उम्म्ंम
वो शर्माई और हा मे सर हिला दी ।
मै - तो उपर चले
चंपा - ऐसे ही कपडे तो पहन लेने दो
मैने हस कर उसको पकड के खिचते हुए खड़ा हो गया और वो खिलाखिलाती हुई जोर लगाने लगी ।
मै - चलो मा देखते है क्या कर रहा है वो हिहिहिही
चम्पा - हा लेकिन ऐसे छत पर
मै - अरे देखो 9 बजने वाला है और हम लोगो का छत उपर भी है
वो थोडा कुनमनाई लेकिन मै उसे खीचते हुए गुदगुदाते हुए उपर जीने की ओर ले जाने लगा ।
उस्के बदन का स्पर्श और उसे नंगी छत पर घुमाने के अह्सास से मेरा लण्ड फिर से कड़ा होने लगा
मैने उसके नंगे चुतडो पर हाथ फिराया और एक पाट को दबाने लगा वो खिलखिलाकर मेरे हाथ झटकते हुए तेजी से उपर की ओर भागी और जीने के मुहाने पर रुक गयी क्योकि बाहर छत की बिजली जल रही थी ।
मैने वही उसको पीछे से दबोच लिया और अपना लण्ड उस्के गाड़ मे लकीरो मे फसाते हुए उसकी चुचियो को फिर से थाम लिया ।
यहा चंदू ने कानो मे जैसे ही चम्पा के सिस्कियो की आवाज आई वो लपक कर जिने की ओर आया
और अपनी बहन की नंगी चुचिया मेरे हाथो मसल्ता देख उसकी आंखे चमक उठी और वो तभी उसकी नजर अपनी बहन के खुली हुई चुत पर गयी जो हाल की चुदाई से लाल हुई थी
चम्दू फौरान घुटनो के बल होकर अपना मुह चम्पा की चुत मे दे देता है ।
चम्पा अपनी चुत मे कुलबुलाहत से चौक जाती है और उसकी नजर जब निचे बैठे अपने भाई पर जाती है तो उसकी उत्त्जना और बढ जाती है वो उसका सर पकड कर अपनी चुत मे दबाते हुए सिसकने लग जाती है ।
मुझे भी चंदू के इस पैतरे से जोश आता है और मै हाथो मे भर भर के चंपा की चुचिया मसलते हुए उसके गाड़ के सुराख तक लण्ड को उसकी दरार मे घुसेड़ने लगता हू ।
चम्पा को जैसे ही मेरा सुपाडा अपनी गाड के सुराख के पास मह्सूस होता है उसकी सासे अटक जाती है वो तेजी अपने चुतड को सख्त कर लेती है
चम्पा - उम्म्ंम ऐसे नही राज तेल लगा के प्लीज उम्म्ंम दर्द होगा उम्म्ंम सीईई आह्ह
वही चंदू बिना रुके लपालप कुत्ते के जैसे अपनी जीभ को अपनी बहन के चुत पर फिराये जा रहा था और कभी कभी उपर की निकली हुई चम्दी को मुह मे लेके चुबलाने लगता ।
चम्पा से अब रहा नही जा रहा था तो उसने चंदू का सर अलग किया और वो खड़ा हो गया ।
मै और चंदू मे एक दुसरे को देखा और हम मुस्कुराने लगे
चम्पा अब हमारे बिच मे थी
मैने उसे जीने की दिवाल से लगाया और झुक के उसकी एक चूची मुह मे भर ली ,,मुझे देखते ही चंदू कैसे रुकता वो भी फौरान झुक कर अपना मुह अपनी बहन की दुसरी चुची पर लगा दिया ।
हम दोनो मिल के चम्पा की दोनो चुचीया चूसने लगे और वो हमारे सर पर हाथ फिराते हुए आह्ह्ह भरे जा रही थी ।
हमारे हाथ उसकी दोनो जांघो और चुत के किनारे किनारे दोनो तरफ घूम रहे थे जिससे च्मपा को और भी मदहोशि हो रही थी ।
वही चुची चुस्ते हुए मैने चंदू को आंखो मे ही इशारा किया कि इसे निचे हाल मे लेके चलते है ।
वो मुस्कुराया और हमने चंपा को दोनो तरफ से उठा लिया
वो थोडा खिलखिलाई मगर हम दोनो उसे वैसे ही उठाए निचे हाल मे लाकर सोफे पर उतार दिये ।
इधर मै और चम्पा एक गहरे चूम्बन मे खो गये और वही चंदू ने फटाफट अपने सारे कपडे निकाल कर अपना लण्ड सहलात हुआ खड़ा हो गया ।
मै और चम्पा अलग हुए और चम्पा ने बिना कुछ कहे चन्दू मे लण्ड को हाथो से दुलारना शुरु कर दिया
अब ऐसे सुनहरे मौके पर मै पीछे कैसे रह जाता ,,मै भी वही चम्पा की दुसरी ओर खड़ा हुआ
उसने मुस्कुरा कर मुझे देखा और दुसरे हाथ से मेरे लण्ड को थाम लिया ।
अब उसके दोनो हाथो मे खडे लण्ड थे जिन्हे वो आगे पीछे करके और कड़ा किये जा रही थी ।
तभी चम्पा ने मुह खोला और अपने भाई का लण्ड आधा मुह मे भर कर सूरकते हुए बाहर निकाली जिस्से चंदू सिहर गया
उसने वापस चंदू की आखो मे देखा और उसका लण्ड मुह मे भरते हुए इस बार मुह मे ही आगे पिचे करते हुए उसके सुपाड़े पर जीभ घुमाने लगी ।
चंदू फिर से गनगना गया
चंदू - ओह्ह्ह दिदीईई उम्म्ंम्ं सीईई
चंदू की सिसकियाँ सुन कर मेरे लण्ड मे और जोश आने लगा जिससे मेरा लण्ड चम्पा के हाथ मे भरने लगा ,,,इसका आभास होते ही चम्पा ने अपने भाई के लण्ड को अपने मुह से निकाला और मेरा लण्ड ग्पुच लिया ,,,अह्ह्ह फिर से वही मुलाअयं अह्सास उम्म्ंम
चम्पा मेरे लण्ड की जड़ को पकड हुए गुउउऊ गुउउऊ करके मेरे लण्ड को चूसे जा रही थी और दुसरे हाथ से चंदू के आड़ो से खेल रही थी
थोडी देर तक चंपा ऐसे ही हम दोनो के लण्ड चुसती रही ,,कभी एक लण्ड को तो कभी दोनो लण्ड एक साथ सामने लेके अपने जीभ को हमारे सुपाडो पर लपल्पाती जिससे हमे और भी उत्तेजन हो रही थी ।
इधर चंदू को चुत की तलब होने लगी ।
उसने चम्पा को इशारा किया जो मुझे समझ नही आया अगले ही पल चंपा हम दोनो के लण्ड छोड कर खड़ी हो गयी ,,जबकी चंदू फौरान सोफे पर बैठ कर लण्ड को सीधा उपर की ओर करते हुए सहलाने लगा ।
चम्पा मुस्कुरा कर पीछे हुइ और जान्घे खोलकर चंदू की ओर पीठ किये लण्ड पर बैठती चली गयी ।
अगले ही पल मे चंदू का लण्ड उसकी बहन की चुत मे था और मेरा लण्ड उसकी हाथो मे ।
चम्पा अब हल्का हल्का उछलते हुए मेरा लण्ड सहलाए जा रही थी ।
मगर चंदू बहुत जोशीला हुआ जा रहा था वो बार बार निचे निचे से झटके दिये जा रहा था
लेकिन चम्पा के मुह मे अब मेरा लण्ड भरा हुआ था वो झुक कर मेरा लण्ड चुस्ते हुए निचे से झटके खाये जा रही थी ।
तभी मैने चंदू को इशारा किया की वो तेज झटके लगाये ,,,वो मुस्कुराया और अपनी जांघो को एड़ियो के बल उचकाते हुए तेजी से चम्पा की कमर थामते हुए पेलना शुरु कर दिया ।
चंपा गुउउऊ गुउऊ गुऊ करते हुए तेज झटके खाने लगी ,,,मेरा लण्ड उसके गले तक जाने लगा ,,,चम्पा का अब खुद पर नियन्त्रण नही था चंदू के तेज झटके से उसके दाँत भी मेरे लन्ड़ को चुबने लगे थे ,,,ऐसे मे मैने अपना लण्ड बाहर कर लिया
वही चंपा को भी थोडी राहत हुई वो अप्नी चुत सहलाते हुए खुद अपने भाई के लण्ड पर कूदने लगी ।
चम्पा - ओह्ह्ह हा भाई ऐसे ही उम्म्ंम अह्ह्ह्ह भैईई उम्म्ंम और तेज्ज़्ज़ अओह्ह्ह
चंदू भी तेज धक्के लगाते हुए - उम्म्ं मजा आ रहा है ना दीदी तुम्को और लो अह्ह्ह बहत्त चुदकककद हो तुमम उम्म्ं अह्ह्ह
जल्द ही चंदू की रफतार धीमी होने लगी तो मैने चम्पा को इशारा किया,,,वो फौरान उठ कर सोफे का किनारा पकड कर झुक गयी ,,,मै उसकी एक टांग उठा कर सोफे पे टिका दिया और लण्ड को उसकी रसाती चुत के मुहाने पर ल्गाते हुए एक जोर का धक्का दिया
चंपा की गीली और ढीली चुत मे मेरा लण्ड सटसटा कर एक ही बार मे जड़ तक घुस गया
चंपा- अह्ह्ह्ह्माआ माआ मर ज्ञीईई उह्ह्ह
मैने बिना रोके उसके कुल्हे थामते हुए तेज तरार धक्के उसकी चुत मे लगाने शुरु किये
चम्पा की चर्बीदार गाड मेरे हर धक्के को दुगनी गति से वापस भेज देती है और इससे मुझे चोदने का मजा और भी आ जाता है ,,,
चंपा का बदन टुट रहा होता है और मै लगातार तेजी से उसकी चुत मे धकाककमं पेल चोदे जा रहा था ।
वही चंदू फटी आन्खो से तेजी से अपना लण्ड हिलाते हुए चम्पा के साम्ने गया और लण्ड को उसके मुह पर फिराने लगा
चम्पा ने बस मुह खोला और चंदू ने उसके बाल थामते हुए लण्ड को उसके मुह मे डाल दिया ,, इधर मेरे तेज धक्को से चंपा आगे पीछे हिले जा रही थी और चंदू का लण्ड उसके मुह मे अंडर बाहर हुआ जा रहा था ।
मगर चंदू को मानो कोई नशा सा हो गया था इधर मैने अपनी गति धीमी की और वो तेजी चंपा के सर पकडते हुए मुह मे पेलना शुरु कर दिया
चम्पा की हालत खराब होने लगी ,,,लेकिन चंपा जैसी गरम चुद्वासी के लिए ये भी कम ही था
इधर मेरी नजर जब चंदू के हरकत पर गयी तो मै वाप्स दुगनी जोश से उसके कूल्हो को थामते हुए धक्के लगाने शुरु कर दिये
इधर चंदू जोश मे आकर कुछ आखिरी धक्को के साथ लण्ड को अपनी बहन के मुह मे भर कर सर को अपने लण्ड पर दबाते हुए तेजी से झडने लगा
उसका सारा माल च्मपा के लार के साथ निचे फर्श पर टपक रहा था
इधर चंदू को इतनी बुरी तरह से झड़ता देख मै भी आखिरी धक्को के साथ आहह भरता हुआ ,- अह्ह्ह मेरा आने वाला हौ उम्म्ंम्ं
मेरी आवाज सुनते ही चंदू के चम्पा के सर पर ढील दी और मैने भी अपना लण्ड उसकी चुत से बाहर निकाला
मगर वो इतना थक चुकी थी कि सरक कर सोफे का टेक लेते हुए निचे फरश पर बैठ गयी ।
उसके बाल आंखे मुह बुरी तरफ चंदू के माल से लभेदे हुए थे फिर भी ना जाने क्यू मुझे और जोश आ रहा था और मै अपनी एडिया उचकाते हुए तेजी से अपने लण्ड को हिलाना शुरु किया और फिर लगातर मेरा माल चम्पा के मुह और सीने पर जाने लगा
आखीरि बूंद निचोड लेने के बाद मैने अपना लण्ड वीर्य से सने च्मपा के गालो पर पटका और फिर हाफते हुए सोफे पर ढह गया ।
रात मे 2 बार और बुरी तरह से मै चंदू के साथ मिलकर चंपा को चोदा ।
अगली सुबह बहुत सामान्य रही ,,,मैने चंदू के घर ही फ्रेश होकर नासता किया और दुकान पर चला गया ।
इधर चमनपुरा मे ये सब चल रहा था तो वही जानीपुर मे रज्जो के घर मे भी कम चहल पहल नही थी ।
लेखक की जुबानी
रात मे धक्कमपेल चुदाई के बाद सुबह करीब साढ़े 6 बजे सबसे पहले नीद ममता की खुली ।
उसने एक नजर बगल मे सोते अपने पति पर मारी और फिर अंगड़ाई लेते हुए उठ कर बाहर निकल गयी ।
एक नजर उसने अपने भैया के बंद कमरे पर डाली तो रात मे बिताये कुछ हसिन पलो को याद करते हुए उपर छत की ओर जाने लगी ।
वही निचे सोनल के कमरे मे पल्लवि और सोनल उठ चुके थे ,, सोनल जैसे ही बाथरूम के लिए कमरे से बाहर निकाली ,,, पल्लवि मौका देख कर कमरे से बाहर अनुज के कमरे की ओर निकल दी ।
मगर उसे अनुज का कमरा बाहर से बंद मिला और वो तुनक कर वापस अपने कमरे मे चली थी ।
इधर उपर के कमरे मे रज्जो भी थोडी देर बाद उठी और कमलनाथ को आवाज देकर उपर फ्रेश होने के लिए चली गयी ।
उपर ममता पहले से ही बाथरूम मे कब्जा जमाए हुए थी और यहा रज्जो को जोर की पेसाब लगी थी । वो वही खड़ी छटपटा रही थी ,,, उसने बाथरूम का दरवाज भी खटखटाया लेकिन ममता बस दो मिंट दो मिंट बोल के रुकी रही ।
वही निचे कमरे कमलनाथ उठ चुका था और वो अपने कमरे से बाहर आते ही राजन को देखता है जो उपर की ओर जा रहा होता है ।
कमलनाथ - अरे राजन रुको भई हम भी चल रहे है
राजन खुश होते हुए - अरे भाईसाहब आईये ,चलिये
कमलनाथ राजन के साथ सीढ़ीओ से उपर जाता हुआ - आज लग रहा है तुम भी लेट उठे हो हाहहहा
राजन हस कर - हा वो यहा रह के थोडा बहुत बदलाव आ जा रहा है भाईसाहब
कमलनाथ और राजन उपर दरवाजे से बाहर निकलता हुआ छत पर आते हुए - और तब फिर यहा का माहौल कैसा लग रहा है
राजन - ब ब बहुउउउऊतटटत हीईई अअअ अच्चाआआआ
कमलनाथ ने गौर किया कि राजन बोलने मे अटक रहा है तो वो हसते हुए राजन की ओर पलटा, और उसने राजन को देखा जो अपनी फैली हुई आंखो से बाथरूम के दिवाल के बगल मे रज्जो पेतिकोट उठाए मुतता देख रहा था और उसकी नजरे रज्जो के फैली हुई गाड़ से हट ही नही रही थी ।
हुआ दरअसल यू कि रज्जो के बार बार कहने पर जब ममता ने दरवाजा नही खोला तो रज्जो से पेसाब का प्रेसर रोका नही गया और वो वही बाथरूम के बगल मे छत मे बनी एक पानी वाली पाइप के पास अपनी पेतिकोट को कमर तक उठाए गाड फैला कर मूतने लगी और ऐन मौके राजन और कमलनाथ छत पर आ गये थे ।
कमलनाथ ने देखा कि राजन ने अब भी नजर उसकी बीवी के भारी चुतडो से नही हटाई तो वो थोडा गला मे खरास किया जिससे राजन और रज्जो दोनो चौक पड़े ।
रज्जो फौरन उठ गयी और राजन ने मुह फेर लिया ।
रज्जो और राजन दोनो अब कमलनाथ के सामने थोडी झिझक हो रही थी ।
कमलनाथ इस बात को आगे नही ले जाना चाहता था क्योकि राजन उसका जीजा था और ये सब अनजाने मे ही हुआ था ।
मगर फिर एहतियात के तौर पर राजन कमलनाथ से मुखातिब होते हुए - माफ किजीएगा भाईसाहब वो अचानक से
कमलनाथ ने जब राजन के मुह से माफी की बात सुनी तो उसे समझ आया कि शायद राजन भी इसके लिए शर्मीन्दा है तो वो इसे मजाक का रूप देते हुए उसके कन्धे पर हाथ रख कर छत की दुसरी ओर ले जाने लगा ।
कमलनाथ - क्या यार राजन तुम भी , वो बस अचानक से हुआ
राजन - हा लेकिन फिर भी मुझे लगता है कि मुझे भाभी जी से माफी मांगनी चाहिये
कमलनाथ थोडा सामान्य होकर - हा उस लिहाज से मुझे भी रज्जो से माफी मांगनी चाहिये
राजन हस कर - क्या आप भी भाईसाहब मजाक करते है ,, आप तो उनके पति है , आप तो रोज उनकी.....
इतना बोल कर राजन चुप हो गया मगर कमलनाथ उसका वक्तव्य पुरा समझ गया
कमलनाथ हस्ते हुए - अरे भाई रोज देखता हू इसका मतलब ये नही किसी को दिखाने भी ले जाऊ ,,,कही उसने ये सोच लिया कि मै तुम्हे दिखाने लाया था तो हाहहहहा
राजन हसता हुआ - क्या भाई साहब आप भी हिहिहीहि ऐसा कोई करता है भला
कमलनाथ - नही करता भाई इसिलिए तो माफी मागनी पड़ेगी हिहिहीहि
इधर इन दोनो की बाते चल रही थी उधर रज्जो बाथरूम मे जा चुकी थी और ममता नहा कर निकल चुकी थी । जो इस समय एक ब्लाऊज पेतिकोट मे थी ।
कमलनाथ की नजर जैसे ही अपनी छोटी बहन पर गयी उसको रात की घटनाये याद आने लगी और उसका लण्ड पाजामे में अंगड़ाई लेने लगा ।
राजन ने भी गौर किया कमलनाथ का ध्यान उसकी बीवी के कसे कूल्हो पे ही जमी है । मगर उसने मुस्कुरा कर बात को टाल दिया ।
थोडी देर बाद सभी लोग नहा धोकर निचे हाल मे नासते के लिए एकजुट हुए ।
रज्जो और ममता ने सबको चाय पकोड़े दिये। इस दौरान रज्जो जानबुझ कर कमलनाथ और राजन से शर्माने का दिखावा करती रही ।
रज्जो को ऐसे सामने देख कर कमलनाथ एक बार राजन की ओर देखता और वो दोनो सुबह की घटना को याद करते हुए मुस्कुरा देते है ।
खैर चाय नास्ते का काम चालू था मगर अनुज कही नजर नही आ रहा था ।
पल्लवि बार बार नजर घुमा कर बेचैन हुई जा रही थी ।
इतने मे रमन बोला - अरे मा ये अनुज अभी तक उठा नही
रज्जो का ध्यान भी अनुज के बारे मे गया तो उसने हाल मे नजर घुमाई - पता नही रुक मै उसके कमरे मे देखती हू ।
तभी ममता दरवाजे पर देखती है जहा अनुज अपनी चप्पल निकालते हुए घर मे घुस रहा था - अरे लो ये तो बाहर से आ रहा है ।
रज्जो अनुज को देख कर - कहा गया था तू अनुज सुबह सुबह
अनुज जो कि कल रात मे किये भगवान से वादे को पुरा करने और सवा किलो लड्डु का भोग लगाने मंदिर गया था तो वो ये सब बाते सबको कैसे बताता कि किन कारणो से उसे सुबह सुबह गायब होना पडा ।
अनुज हस कर - अरे मौसी वो आज सवेरे नीद खुल गयी थी बाहर टहलने चला गया था
ममता चौक कर - अकेले ही , देखा भी यहा कुछ कही खो जाता तो
रज्जो ह्स कर - अरे नही रे ,,,अनुज यहा तो आता जाता रहता है उसे घूमने के बस यही बगल का पार्क चाहिये ,,,क्यू अनुज
अनुज हस कर - हिहिहीहि हा आप तो जानती ही हो मौसी
इधर सब वापस नास्ते मे भिड़ गये वही अनुज की नजरे पल्लवि के मुस्कुराते चेहरे पर गयी और उसने वापस से तौबा करते हुए मुह फेर लिया ।
नासता खतम होने के बाद कलनाथ ने एक घन्टे बाद सबको तैयार होने के लिए बोल दिया ,,,उसके बाद सब लोग घूमने लिए जाने वाले थे ।
जारी रहेगी
देखते है आगे क्या होने वाला है
अनुज और पल्लवि की कहानी क्या मोड लेगी ।
आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा ।
धन्यवाद
बडा ही मस्त और लाजवाब अपडेट है भाई मजा आ गयाUPDATE 115
CHODAMPUR SPECIAL UPDATE
पिछले अपडेट मे आप सभी ने पढ़ा कि एक ओर जहा चमनपुरा मे राज ने चंदू के साथ मिल कर चंपा को पूरी रात बुरी तरह से चोदा और वही जानीपुर शहर मे रज्जो के यहा से सभी लोग घुमने जाने को तैयार हो रहे है ।
अब आगे
नासता करके सोनल और पल्लवि अपने कमरे मे चले , वही अनुज रमन के साथ उसके कमरे मे चला गया क्योकि उसके कपडे वही थे ।
इधर ममता और रज्जो किचन मे काम खतम करने चली थी और वही हाल मे कमलनाथ राजन के साथ बैठा हुआ था ।
उसकी नजर राजन पर थी जो बार बार किचन मे रज्जो को घूमते देख रहा था ।
कमलनाथ को लगा कि राजन अभी भी सुबह की बात को लेके विचलित है
कमलनाथ - क्या राजन ,अरे छोडो ना उस बात को , जो हुआ सो हुआ
राजन की तन्द्रा टूटी और उसे ध्यान आया कि वो कहा खो गया तो वो कमलनाथ की बातो का जवाब देते हुए - नही भाईसाहब मेरा जी नही मान रहा है ,,,और अभी नाश्ते के समय देखा ही ना आपने कि कैसे भाभी जी को हमारे सामने आने मे शर्मींगी हो रही थी । कब तक ये चलेगा आखिर शादी ब्याह का दिन का है
कमलनाथ - हम्म्म बात तो सही है तुम्हारी , रुको मै बुलाता हू उसे
राजन - अरे नही भाईसाहब यहा नही ,, ममता भी है यही और उसकी आतुरता जानते ही है
कमलनाथ हस कर - अच्छा ठीक है तुम उपर चलो मै रज्जो को लिवा के हमारे कमरे मे आता हू।
राजन मुस्कुरा कर उपर चल दिया और वही कमलनाथ रज्जो को अपने लिये कपडे निकलवाने के बहाने उपर कमरे मे लिवा लाया ,, जहा राजन सोफे पर बैठा बेचैन हुआ जा रहा था और उन दोनो के कमरे मे प्रवेश करते ही वो खड़ा हो जाता है ।
राजन को ऐसे अचानक अपने कमरे मे पाकर रज्जो को थोडा अटपटा लगा ,, वही कमलनाथ ने जब रज्जो को उलझते देखा तो मुस्कुरा कर बोला।
कमलनाथ - अरे रज्जो परेशान ना हो ,,,राजन को मैने ही बुलाया है
रज्जो कमलनाथ को देखते हुए - आपने बुलाया लेकिन क्यू
कमलनाथ कुछ बोलता उससे पहले राजन अटकते हुए शब्दो मे - वो वो भाभी जी मै सुबह के लिये माफी चाहता हू वो अचानक से मै और भाईसाहब बाते करते हुए आ गये और वो सब .....
रज्जो पहले तो शर्माते हुए मुस्कुराई पर वो भी इस बात को लेकर अपने पति के सामने थोडी उलझन मह्सूस कर रही थी ।
कमलनाथ - हा रज्जो तुम मुझे भी माफ कर दो ।
रज्जो हस कर - अरे नही जीजाजी ,,,क्या आप भी , इसमे माफी मागने वाली क्या बात है । वो सब बस एक संयोग था ।
कमलनाथ - हम्म्म सही कह रही हो रज्जो ,,
रज्जो ह्स कर - और आप क्यू माफी माग रहे है आप तो रोज ही ....
तभी रज्जो की नजरे राजन से टकराई और वो शर्माते हुए चुप हो गयी ।
राजन - हा भाभी जी मैने भी बोला सुबह मे इनको ,कि आपको क्या जरुरत है माफी मांगने की
कमलनाथ हसता हुआ - अच्छा ठीक है बाबा नही मागता ,,,लेकिन ये तो बताओ तुम बाथरूम के बाहर क्यू ये सब ...
रज्जो ह्स कर - वही आपकी लाडली बहन की वजह से
कमलनाथ चौक कर - ममता ने क्या किया
रज्जो - उसी ने दरवाजा नही खोला समय से और मुझे जोर की पेसाब लगी थी तो वही ...
रज्जों की बात पर राजन अपने होठ दबाते हुए हसे जा रहा था और उसपे कमलनाथ की नजर पडी तो वो रज्जो को राजन की ओर इशारा करके ।
कमलनाथ - हम्म्म चलो कोई बात नही
मगर रज्जो कहा ऐसे मौके पर शांत होने वाली थी - हा हा अब अपने बहन पर बात आई तो चुप कर ,, अरे आप मर्दो का ठिक है बस चैन खोलो और हो गया , लेकिन हमे पुरा खोल कर बैठना पड़ता है ।
कमलनाथ ह्सते हुए - अरे हो गया भाई ,,,माफ कर दे , मै ममता की ओर भी माफी मांगता हू ।
राजन ह्सते हुए - हा भाभी जी मै भी ,,,अच्छा मै अपने कमरे मे जा रहा हू
ये बोलकर राजन अपने कमरे मे निकल गया ।
राजन के जाते ही कमलनाथ - क्या रज्जो ये सब क्या था ,,, क्या सोचेगा वो और तुझे प्रेसर था तो यही कमरे के बाथरूम मे चली जाती , चालू तो करवा दिया है इसे भी ना अब
रज्जो ह्स कर - अरे आप भी ना , वो मेरे नंदोई है हसी मजाक चलता है हिहिहिहिही
कमलनाथ रज्जो की मोटी गाड के उभारो पर हाथ फिराते हुए - हा लेकिन आज तेरे नंदोई की नजर तेरी इस मखमली गाड पर चली गयी है ,,अब थोडा हिसाब से हसी मजाक करना ,,मेरे सामने भले ही वो नही कुछ बोला लेकिन अकेले मे परेशान कर देगा ।
रज्जो इतरा कर -
कमलनाथ से चिपकते हुए उसकी आंखो मे देखते हुए - आप तो ऐसे डर रहे है जैसे नंदोई जी आपको हटा के खुद चढ जायेंगे ।
कमलनाथ रज्जो की नशीली आंखो और उसके कामुक्ता भरे लहजो को सुन कर वो थोडा उत्तेजित मह्सूस करने लगा और रज्जो की आंखो मे देखते हुए उसकी गाड के पाटो को सहलाते हुए बोला - अगर वो मेरी बीवी चोदेगा तो मै उसकी बीवी नही चोद दूँगा ।
रज्जो थोडी मुस्कुराई और एक हाथ निचे ले जाकर अपने पति का खड़ा होता लण्ड कूरते के उपर से जकड़ते हुए - आप भूल रहे हो ,,, उनकी बीवी आपकी बहन है उम्म्ंम्ं ,,, फिर भी चोदोगे क्या हा बोलो ना
कमलनाथ अपने लण्ड पर रज्जो के हाथो का स्पर्श पाकर और ममता को चोदने के अह्सास से एकदम से सिहर उठा और उसका लण्ड सख्त होने लगा । जिस्का आभास रज्जो मे अपनी हथेली मे होने लगा ।
रज्जो वापस से कुरते के उपर से कमलनाथ का लण्ड सहलाते हुए - बोलो ना ,चोदोगे क्या अपनी बहन को उम्म्ंम्ं ,
कमलनाथ कसमसा कर सिहरते हुए - बहन है तो क्या हुआ ,,अगर मेरी बीवी को वो चोदेगा तो मै भी उसकी बीवी को अह्ह्ह उम्म्ंम्ं अराआआम से उम्म्ंम्म्ं
इधर रज्जो कमलनाथ के पजामे मे हाथ घुसा कर लण्ड थाम चुकी थी ।
रज्जो कमलनाथ का लण्ड पकडकर उसकी चमडी खिचते हुए - तो सीधा बोलो ना कि अपनी बहन को चोदने के लिए मुझे नंदोई जी से चुदवाना चाहते हो ।
कमलनाथ रज्जो की बातो को अपनी कल्पनाओ मे जोडने लगा कि काश ऐसा हो जाये और वो खुल कर ममता को चोद पाये ।
रज्जो कमलनाथ पर अपनी बातो का असर होता देख - उम्म्ंम्ं सोचो ना इधर नंदोई जी लण्ड मेरी चुत मे गया नही उधर आपको आपकी बहन मिल जायेगी चोदने के लिए उम्म्ंम्म्ं
कमलनाथ के दिल की धडकनें तेज हुई जा रही थी और वो बस रज्जो की बाते अपनी कल्पनाओ मे जोडते जा रहा था और उसका लण्ड कड़ा हुआ जा रहा था ।
रज्जो ने इस बार अपनी हथेली को कमलनाथ के आड़ो तक सह्लाया और बोली - आप हर रात मेरे साथ बहन को चोदने के ख्वाब देखते हो ,,, फिर हम दोनो आपके लण्ड के निचे होगे और मै खुद आपकी बहन की चुत आपके लिये तैयार करूंगी ।
इधर कमलनाथ की हालत पूरी तरह से खराब हो गयी और रज्जो के साथ अपनी बहन को चोदने का ख्याल उसे चरम पर ले आया। और रज्जो की बाते खतम होते ही कमलनाथ के लण्ड ने खडे खडे ही पिचकारी देनी शुरु कर दी ।
कमलनाथ को झड़ता देख रज्जो ने आखिरी दाव खेला और वो उसके झड़ते लण्ड के आड़ो को सहलाने जिस्से कमलनाथ को और आनन्द आने लगा झडने मे ।
मौका देखकर रज्जो ने कमलनाथ को कबुलवाना शुरु किया - तो बोलो ना चोदोगे ना अपनी बहन को मेरे हाथ बोलो ना उम्म्ंम बोलो
कमलनाथ आंखे बंद किये हुए झड़ते हुए - अह्ह्ह हा रज्जो मै चोदूंगा अपनी बहन को उन्म्म्ं अह्ह्ह ममता उह्ह्ह्ह रज्जो मुझे तुम दोनो को एक साथ चोदन है उम्म्ंम अह्ह्ह
रज्जो कमलनाथ के मुह से अपने काम लायक बाते कबूलवा ली और उसका लण्ड निचोड कर मुस्कुराने लगी ।
कमलनाथ झड़ कर हाफते हुए सोफे पर बैठ गया और रज्जो उसे एक ग्लास पानी देती है और एक खराब कपडे से उसका वीर्य साफ करके कमलनाथ के बगल मे बैठ जाती है ।
कमलनाथ का मन शांत हुआ और उसे अब थोडी शर्म आने लगी थी तो रज्जो मुस्कुरा कर - क्या हुआ जी
कमलनाथ हस कर - तुम ना एक नम्बर की चालू हो क्या क्या कबूलवा ली हमसे
रज्जो कमलनाथ चिपक कर - इसमे कबूलवाना क्या था ,, हमको बहुत पहले से ही आपकी ममता को लेके क्या राय है ये पता था ,,,बीवी हू अपने पति के दिल का हाल नही जानुन्गी हिहिहिही
कमलनाथ रज्जो के कंधे पर हाथ रखकर- तुमको अजीब नही लगा कि मै अपनी बहन को लेके ये सब ... मतलब समझ रही हो ना
रज्जो हस कर - अरे घर के माल पर किसकी नजर नही रहती जी फिर तो ममता है ही इतनी मालदार हिहिहिहिही
कमलनाथ हस कर - फिर तो तुम्हारे राजेश ने भी ट्राई किया होगा तुम पे ,,,
रज्जो हस कर - उससे क्या फायदा ,,उसकी किस्मत आपके जैसे थोडी है हिहिहिही
कमलनाथ रज्जो का व्यंग समझ गया था- लेकिन रज्जो ये सब होगा कैसे ।
रज्जो थोडा इतराइ- पहले तो मुझे मेरी नंदरानी के इरादे जानने है कि वो क्या सोचती हैं अपने भैया को सईया बनाने के बारे मे हिहिहिही
कमलनाथ - और फिर
रज्जो हस कर- फिर नंदोई जी निबटना पड़ेगा हिहिहिही
कमलनाथ के दिल की धडकनें रज्जो की बातो सुन कर तेज होने लगी ।
कमलनाथ हिचक कर - मतलब तुम मेरे लिए राजन के साथ ....
रज्जो - क्यू अपने पति लिए इतना भी नही कर सकती मै ,,हा
कमलनाथ धड़कते दिल के साथ - लेकिन मेरा दिल इसके लिए राजी नही है रज्जो ,,, मै इत्ना स्वार्थी नही बन सकता
रज्जो ने बात को भावनात्मक होते देख थोडा शर्मा कर कमलनाथ के सीने में सर रख कर - धत्त आप तो समझते ही नही
कमलनाथ रज्जो के इस वक्तव्य से उत्तेजना से भर गया और उस्का लण्ड फिर से ठुमक उठा और वो अपने धडकते दिल के साथ रज्जो को अपने आंखो के सामने करता हुआ हिचक कर बोला - तो इसका मतलब तुम भी राजन से ???
रज्जो मुस्कुराते हुए शर्मा कर - हाआआ , नहीईई मतलब वो मै बस देखूँगी समझूँगी कि वो आज सुबह के बात पर क्या सोचते है मेरे बारे मे
कमलनाथ रज्जो के दिल की बात समझ गया और हस कर - मै समझ गया , तू भले ही ना बोल मेरे सामने ।
रज्जो शर्माने लगी ।
कमलनाथ - वैसे मेरे से बड़ा है या मोटा
रज्जो का दिल धक्क कर गया कमलनाथ की बात सून कर और वो आंखे बड़ी कमलनाथ को देखते हुए - क्या मतलब
कमलनाथ हस कर - वही उसका हथियार ,, तुने देख रखा है ना ,, बोल हिहिहिही
रज्जो शर्मा कर - क्या आप बस करिये ना ,,,चलिये अब तैयार हो लिजिए
फिर कमलनाथ हस्ता हुआ कपड़े बदलने के लिए खड़ा होता है ।
इतने मे ममता कमरे के दरवाजे पर खटखट होती है ।
रज्जो दरवाजा खोलती है - अरे ममता तू , आ अन्दर आ
ममता हस कर अन्दर आते हुर - हा भाभी वो कल जी जीन्स ट्राई की थी ना वो दे दीजिये ।
रज्जो एक नजर कमलनाथ को देखती है और हस कर - क्यू सिर्फ जीन्स ही पहन के जायेगी क्या हिहिहिह
ममता अपने भैया को देख कर थोडा शर्मा गयी और हस्ते हुए - हा और उसके उपर का भी चाहिये था हिहिहिही
रज्जो फिर आलमारी से कल वाली जीन्स और एक लॉन्ग टॉप दी मुश्किल से उसके आधे चुतडो तक जाती।
ममता उस टॉप को खोलकर देखते हुए - भाभी और कोई बड़ा नही है इससे
रज्जो - नही रे मै ऐसे ही शॉर्ट वाले ही पहनती हू
कमलनाथ - अरे तो क्या हुआ इसमे क्या बुराई है ,,,तुम भी ना ममता जा पहन कर तैयार हो जा जल्दी कर, दस बजने वाले है भाई
ममता कमलनाथ की बात पर चुप हो गयी और उसे ध्यान आया कि रज्जो ने उसे कोई दुप्प्ता दिया ही नही ।
ममता - हा भाभी इसका दुपट्टा
रज्जो हस कर - क्या ममता तु भी ,, जीन्स पर कोई दुपट्टा लेता है ,,, क्या जी आप ही समझाओ आपनी लाडोरानी को हिहिही
कमलनाथ हस कर - हा ममता ,, ये मॉडर्न कपडे है ना और तुम क्या जब शादी से पहले जीन्स पहनति थी तो दुपट्टा लेती थी हिहिह
ममता हस कर - हा लेकिन ,,, अच्छा ठिक है मै आती हू तैयार होकर ।
फिर ममता वो कपडे लेके अपने कमरे मे चली जाती है ।
रज्जो कमलनाथ को छेड़ते हुए -ओह्हो मतलब शादी के पहले से अपनी माल पर नजर रखे हुए थे ।
कमलनाथ रज्जो की बात पर हस देता है ।
थोडी देर बाद उपर चारो लोग तैयार होकर अपने क्मरे से बाहर निकलते है
इधर जहा कमलनाथ की आंखे ममता को देखकर चमक उठती है वही राजन की आंखे रज्जो को ।
रज्जो ममता की तारिफ करती है तो वो शर्माजाती है ।फिर वो दोनो आगे चलते हुए निचे जाने लगति है वही राजन और कमलनाथ की नजर जीन्स मे कसे हुए उनके भारी मटकते कूल्हो पर जाती है दोनो के मुह से आह्ह्ह निकल जाती है और वो दोनो एक दूसरे को देख कर हस पड़ते है ।
फिर सारे लोग निचे हाल मे आते है जहा सोनल और पल्लवि भी जीन्स और टॉप मे थी , वही अनुज और रमन जीन्स टीशर्ट मे थे ।
कमलनाथ खुद को और फिर राजन को देखता हुआ - भाई आप सब तो एक ग्रुप लग रहे है हमे छोड कर
पल्लवि चहक कर - नही मामा जी ,,आप और पापा दोनो बहुत अच्छे लग रहे है शर्त पैंट मे हिहिहिही
सोनल - हा मौसा ,
रमन - तो चला जाये , ई रिक्सा आ गया है ।
कमलनाथ - हा हा भाई अब काहे की देरी , चलिये सब लोग
फिर सारे लोग निकल पड़े शहर के pvr मे ।
8 टिकिट कराई गयी और एक ही लाईन मे लगभग सबको सीट मिल गयी ।
वही अन्दर घूसने पर अब जो आगे था वो वैसे ही लाईन मे घुसते हुए बैठता चला गया ।
सबसे पहले अनुज फिर पल्लवि फिर सोनल फिर रमन फिर राजन फिर रज्जो फिर ममत और फिर कमलनाथ ।
अनुज सबसे कॉर्नर पर था तो पल्लवी को काफी खुशी थी कि अनुज उसके साथ है । इधर जैसे ही लाईट ऑफ़ हुई वही पल्लवी ने अनुज के हाथ मे हाथ डाल दिया ।
अनुज की हालात खराब होने लगी वो एक नजर आगे झुक कर अपने बाई ओर झाका तो देखा कि सबकी नजरे पर्दे पर है फिर उसे भगवान से किये तौबा को याद किया और पल्लवी को मना करते हुए हाथ खिच लिया अप्ना ।
पल्लवि अनुज के इस व्यवहार से तुनक कर वापस पर्दे की ओर मुह कर ली ।
अनुज ने एक राहत की सास ली ,वही पल्लवि फिर से नोर्मल होते हुए सोचने लगी की आखिर अनुज सुबह से ही क्यू ऐसा व्यवहार कर रहा है ।
तो वो वापस अनुज की ओर लपक कर - मुझसे कोई गलती हुई क्या अनुज
अनुज पल्लवि का चेहरा अपने करीब पाकर परेशान होने लगा उसे डर लग रहा था कि कही सोनल दीदी ना देख ले उसे ।
अनुज - न न नही तो कुछ भी नही
पल्लवि - तो तुम मुझसे दुर क्यू जा रहे हो
ये बोलकर पल्लवी वापस अनुज के कलाई मे हाथ डाल दी ।
अनुज ने सोचा की अगर ये सिर्फ इतने मे ही खुश है तो ऐसे रहने देते है ,,नही तो कही इससे बात करते हुए दीदी ने सुन लिया तो गड़बड़ हो जायेगी ।
वही पल्लवी ने देखा कि अनुज ने इस बार उसे नही रोका तो वो मुस्कुरा कर पर्दे पर देखते हूए अपनी उंगलियाँ अनुज के उंगलियो मे फसा ली और जकड़ ली ।
पल्लवि की इस हरकत से अनुज गनगना गया और उसकी आंखे बन्द हो गयी । वो लम्बी सासे लेनें लगा वही पल्लवि मुह में अपनी हसी दबाने लगी ।
इधर जहा ये दो लैला मजनुओ का शो चालू था वही इसी लाईन मे दो और मजनू अपनी लैला को ताडे जा रहे थे ।
राजन और कमलनाथ ।
दोनो की नजरे रज्जो और ममता की टॉप से झाकती चुचियो की दरारो पर जमी थी ।
सही मायने मे मूवी पर ध्यान किसी का भी नही था ।
सोनल और रमन अपने अपने होने वाले जीवनसाथी से texting मे बिजी थे , बाकी 3 लैला मजनू आप से व्यस्त थे ही ।
इधर पल्लवि सोनल पर बखुबी नजर बनाये हुए थी और उसने मौका देखकर हाथ को निचे अनुज की जांघो तक लेके चली गयी ।
अनुज की हालत अब और पतली हो गयी और डर से कापने लगा , लेकिन पल्लवि का स्पर्श उसे उत्तेजित भी कर रहा था ।
उसे समझ ही नही आ रहा था कि वो क्या करे ,, वही पल्लवि अनुज को परेशान देख कर बहुत चहक रही थी और उसने अपने हाथ उसकी जांघो पर घिसने शुरु कर दिये ,,,नतिजन अनुज का लण्ड अंगदायी लेना शुरु कर दिया ।
वो आंखे बंद करके गहरी सासे लेता रहा और इस नये उत्तेजक अनुभव को मह्सूस करता रहा ।
ये सब काफी समय तक चलता जबतक इंटरवल नही आ गया । बंद लाईट का मजा सिरफ पल्लवि ने लिया ।
हाल की लाईट जल उथी और सब के सब अलर्ट हो गये ।
सब बाहर निकल कर आये और अंगड़ाई लेते हुए एक दुसरे के चेहरे को देखा कोई मूवी के बारे में लेके उत्सुक नही था ,,,यहा तक पल्ल्वी और सोनल भी ।
कमलनाथ - क्या हुआ भाई लग रहा है यहा किसी का मन नही लग रहा है ,,, क्यू पल्लवि बेटा फिल्म अच्छी नही थी
पल्लवि चौकी मगर उसके पहले रज्जो - अरे फिल्म ही अच्छी नही है इससे अच्छा हम लोग घर पर बैठ के देख लेते
ममता - हा भाभी सही कह रही है ,,वहा थोडे पैर फैलाने की जगह तो होती ,,यहा तो बैठे बैठे कमर अकड जा रही है
ममता कमर तोड़ते हुए अंगड़ाई लेते हुए बोली ।
राजन - भाईसाहब चलिये यहा से ,,,कही और कोई जगह चलते है यहा तो मुझे भी नही जम रहा है ,,,ये पर्दे की रोशनी भी आंखो मे चुभ रही थी ।
कमलनाथ - चलो ऐसी बात है फिर चल्ते है ।
फिर सारे लोग हाल से बाहर निकल आये ।
कमलनाथ- भाई अब कहा जाना है ,,,बोल ममता तू ही
ममता की नजर सामने एक कुल्फी वाली स्टाल पर गयी तो वो खिखीयाते हुए रज्जो से धीमी आवाज मे बोली - भाभी चलो ना कुल्फ़ी खाई जाये
रज्जो हस कर - अरे तुझे कुल्फ़ी खानी है तो अपने भैया से बोल ना ,,,वो खिला देंगे तुझे हिहिहिही
रज्जो की दोहरी बाते कमलनाथ और ममता दोनो समझ गये थे ।
कमलनाथ - अरे तू इतना शर्मा क्या रही है ,,हम यहा घुमने खाने हि आये है ,चलो सब लोग कुल्फ़ी खाते है ।
फिर सब ने कुल्फ़ी खाई , इसी दौरान सोनल ने मोबाईल मे सर्च करके पास मे ही एक पार्क को खोज लिया ।
सोनल - मौसा यही बगल मे एक नेशनल पार्क , वहा चला जाये काफी ब्डा दिख रहा है, यहा झूला भी है
इतने मे पल्लवि चहकी - सच मे दिदी , दिखाओ
पल्लवि सोनल के मोबाईल मे देखते हुए - अरे वाअह्ह्ज सच मे ,, चलो ना मामाजी वही चलते हैं मजा आयेगा ।
कमलनाथ - अच्छा ठिक है भाई चलो चलते है पहले ये कुल्फी तो खतम कर लो ।
फिर सबने कुल्फी खतम कर औटो से निकल गये नेशनल पार्क की ओर
गर्मियो का दिन था तो पार्क मे सभी को बहुत आनन्द मिल रहा था, सारे लोग घास पर ही एक बडे पेड़ के नीचे बैठ गये और बाते करने लगे ।
इधर महिलाओ मे सबको बडी दिक्कत हो रही थी कारण था उनकी जीन्स और ऐसे में ममता को जोर की पेसाब लग रही थी ,,क्योकि कुल्फ़ी असर था ।
उसमे धीरे से रज्जो के कान मे बोला तो वो मुस्कुराइ
फिर उसने इधर उधर नजर दौडाई और फिर ममता को लेके तरफ जाने लगी ।
रज्जो - आप लोग बैठो हम अभी आते है ।
सारे लोग समझ गये कि वो सब बाथरूम के लिए ही जा रही है ।
फिर वो रज्जो ममता को लिवा कर बाथरूम खोजते हुए एक ओर निकल गयी ।
इधर बाकी के लोग सब आपस मे बाते करने लगे तो सोनल अपने मोबाईल मे सबकी तस्वीरे निकालने लगी ।
धीरे धीरे 15 मिंट का समय बिता तो राजन को फ़िकर हुइ ।
राजन कमलनाथ के पास होते हुए - भाईसाहब ये ममता और भाभी जी को आ जाना चाहिए था,
कमलनाथ ने भी घड़ी देखी और उसे भी ताज्जुब हुआ ।
कमलनाथ - कही वो लोग आगे तो नही निकल गयी
राजन - चल के देखे भाईसाहब,,मुझे ना जाने क्यू फ़िकर हो रही थी ।
राजन को विचलित होता देख कमलनाथ ने हामी भरी और उठ कर खड़ा हुआ - बच्चो तुम लोग यही रहना हम अभी जरा देख कर आते हैं।
अनुज - क्या हुआ मौसा
कमलनाथ- अरे कुछ नही बेटा, बस हम लोग जरा फ्रेश होकर आते है ,,यही रहो तुम लोग
फिर कमलनाथ राजन को लेके उसी दिशा मे आगे बढ गया जिधर रज्जो और ममता गयी थी ।
धीरे धीरे आगे बढने पर जगह सुनसान होती चली जा रही थी और इधर कोई बाथरूम भी नजर नही आ रहा था ।
आगे की ओर चलने पर रास्ता सकरा था और झाडिया घानी थी ,,लग रहा था जैसे पार्क के उस हिस्से पर कोई रख रखाव नही किया गया हो काफी समय से ।
राजन - भाईसाहब कहा गयी होगी सब आखिर ,,यहा तो कोई नजर ही नही आ रहा है
कमलनाथ उम्मीद भरे लहजे मे - शायद बाथरूम ना मिल्ने की वजह से आगे गयी हो सब,,चलो थोडा बढ के देख लेते है
फिर वो दोनो आगे चल रहे होते हैं कि सामने से दो कालेज के बच्चे हस्ते हुए आप्स मे बात करते हुए जा रहे थे ।
जैसे ही उनहोने राजन और कमलनाथ को क्रॉस किया उनमे से एक ने हस के बोला - याररर उस सावली वाली गाड देखी हिहिहिहो कितना फैला कर बैठी हुई थी यारर
दुसरा लड़का भी उसकी बातो मे सहमती देखे हसता और वो आगे निकलजाते ।
इधर राजन और कमलनाथ के कान खड़े हो जाते हैं उन लड़को की बाते सुनकर,,,वो दोनो एक दूसरे को फैली हुई आन्खो से देखते हैं ।
राजन हिचक कर - मुझे लग रहा है भाईसाहब वो लड़के शायद भाभी जी के बारे मे ही बोल रहे थे ।
कमलनाथ राजन से नजर फेरते हुए - हम्म्म्म सही कह रहे हो राजन ,,चलो आगे चलकर देखते हैं , मुझे बहुत चिंता हो रही है ।
ये बोलकर कमलनाथ तेज कदमो से उसी तरफ आगे बढता है जहा एक तरफ झाडियो के पास उसे कुछ हलचल सुनाई देती है ।
वो अपनी चाल धीमी कर रास्ते से झाडियो के बिच बने मिट्टी के सकरे रास्ते पर चलने लगता है ।
तभी वो अचानक से रुक जाता है और इतने मे राजन उसके पीछे आकर खड़ा होता है ।
राजन - क्याआ हुआआ भाईसाहब मीईइलीईई की नही
राजन के शब्द पुरे होने से पहले उसकी नजर सामने के दृश्य पर गयी । जहा ममता रज्जो की गाड़ पर उसका जीन्स चढवाने मे मदद कर रही थी ,,,मगर वो बहूत टाइट थी और जांघो मे ही कसी थी ।
ममता हाफते हुए - उह्ह्ह भाभीईई ये न्हीई हो रहा है
रज्जो थोडा उछल कर अपनी जीन्स मे गाड़ को घुसाना चाह रही थी मगर उसके फुटबाल जैसी गाड के निचले हिस्से में जीन्स अटक गई थी और उछलने से उसकी गाड़ के पाट बहुत ही कामुकता से हिल रहे थे
कमलनाथ और राजन बडे ही आवाक होकर रज्जो की उछलती गाड़ को निहारे जा रहे थे ।
राजन थोडा गले को खराशा - अह्हूउम्हुहुह्ंमम्म ,
फिर मुह दुसरी ओर करके बोला - मेरे ख्याल से भाईसाहब आपको जाना चाहिए और मदद करनी चाहिए ।
राजन की बात सुन कर कमलनाथ चौका और राजन की ओर घुमा तो राजन उसकी ओर पीठ करके खड़ा था ।
कमलनाथ - अ ब ब हा सही कह रहे हो रुको मै आता हू
ये बोलकर कमलनाथ रज्जो के पास चला गया और कमलनाथ को देख कर रज्जो चौकी - अरे आप उम्म्ंम अच्छा किये आ गये । चलिये थोडी मदद किजीए
कमलनाथ - अरे तुम लोग काफी समय से अये नही तो मुझे चिन्ता हुई मै और राजन खोजते हुए इधर तक आ गये ।
रज्जो राजन का नाम सुन कर चिहुकी - क्याआआ नंदोई जी आये है ,,कही उन्होने देखा तो
कमलनाथ - वो सब छोडो वो बाहर है ,,,ये तुम कैसे अटका ली ।
रज्जो परेशान होते हुए - वो क्या है जी हम लोग पेसाब कर रहे थे कि कुछ आवारा लडके हमे देख लिये और आवाज करने लगे तो जल्दी जल्दी इसको उपर करने के चक्कर मे ये जांघो मे फस गयी ।
कमलनाथ रज्जो के निचे बैठ कर उसकी गाड़ के चर्बीदार पाटो से जीन्स की उल्टी हुई पेति को सीधा करने लगता है जिसे ममता बडे ध्यान से देखती है ।
वही राजन भी झाडियों के पास से अन्दर झाक रहा होता है और रज्जो की मोती गाड़ उसे उत्तेजित किये जा रही थी । तभी ममता की नजर राजन पर गयी और उसने रज्जो का मजा लेने के लिए राजन को आवाज दी ।
ममता - क्या जी छिप छिप कर देख रहे है ,,,यहा आ जाईये
रज्जो - क्याआ नहीईईईई,,,, ममता तू पागल है क्या
रज्जो को परेशान देख ममता हसने लगी
कमलनाथ हस कर - ममता तू भी ना ,,, सुधरेगी नही हाहह्हहा
इधर कमलनाथ ने जीन्स को सही करके वापस से उपर चढा दिया और फिर अपनी उंगलियाँ चटकाई ।
रज्जो ने अपनी कमर बन्द करके कप्डे सही किये और बोली -सच मे नंदोई जी ने देखा क्या
ममता हस कर - हा पुरा खजाना देख लिया भाभी आपका हिहिहिहिही
कमलनाथ ममता के सर पर हल्की चपट लगाते हुए - तू बडी मजे ले रही है हमम्म
ममता तुनक कर - क्या भैया आप क्यू बिच मे आ रहे ,,,ये हम ननद भौजाई की आपस की बात है हिहिहिही
फिर सब लोग वाप्स झाडियो से बाहर आये जहा राजन बाहर खड़ा था और रज्जो उसको देख कर मुस्कुराते हुए ममता के साथ आगे चली गई ।
राजन - माफ कीजिएगा भाईसाहब ये ममता बडी चंचल है हाहह्हा ,,, लग रहा है अब फिर से भाभी जी माफी मांगनी पड़ेगी
कमलनाथ हस कर - तुम भी राजन खुददार आदमी हो भाई हाहह्हह ,,, माग लेना भाई माफी घर चलकर
फिर थोडी देर बाद सारे लोग इक्कठा हुए और सबको भूख लगी थी तो सब पार्क से निकल कर एक रेस्तरां मे गये और खाना खाने के बाद घर के लिए निकल गये ।
एक तरफ जहा जानिपुर मे ये सब घटित हो रहा था ,वही चमनपुरा मे राज भी अपना तिगडम सेट करने की फिराक मे था ।
राज की जुबानी
सुबह उठ कर वही राज नहा धोकर दुकान पर चला गया और काम मे लग गया ।
थोडी देर बाद चंदू नासता लेके दुकान पर आता है ।
मै - अबे साले इनसब की क्या जरुरत थी बे ,,,मम्मी अभी नासता लाती ही होगी
चंदू - साले नाटक मत कर ,,दीदी ने खुश होकर तेरे लिए प्याज़ के पकोड़े बनाये है
मै ह्स कर - लग रहा है तेरी दीदी को मेरा अंदाज पसंद आ गया क्यू ह्हिहिहिहिही
चंदू - अबे जब मुझे तेरे चोदने का तरीका पसंद आया तो उसे क्यू नही आयेगा ,,,क्या हिला हिला के पेल रहा था भाई ,,मजा आ गया तेरे साथ हिहिहिही
मै - तो आज रात भो रेडी रहना
चंदू उखड़े मन से - नही यार शाम को ही मेरा बाप आने वाला है ।
चंदू की बाते सुन कर मेरा भी मन थोडा डाउन हुआ
मै - लेकिन वो लोग तो कल आने वाले थे न
चंदू खीझ कर - हा यार लेकिन मेरे बाप को मै बहुत खटकता हू ,,,हर बात के लिये टोकता है और सूनाता रहता है
मै कुछ सोच कर - देख भाई जहा तक मै समझता हू इस समय तेरी कोई पढाई नही चल रही है और धीरे धीरे तू ब्डा ही हो रहा है उनकी नजर मे ,,,एक तो वो अपने काम से खुद परेशान होते है उपर से तुझे खाली देख के उनका गुस्सा फाल्तू मे तुझ पर ही निकल पडता है ।
चंदू मेरि बात को समझने की कोशिस करता हुआ -हा तो तू ही बता क्या करू मै
मै हस कर - तू अपने पापा के साथ काम पर ही चला जाया कर ,,घर बैठने से अच्छा होगा और फिर तेरी मालती भी तो वही रहती है ना हिहिहिही
चंदू मेरा सुझाव सुन कर चहक उठा - अरे हा भाई ,,,इसके बारे मे तो मैने सोचा ही नही ।
चंदू - लेकिन पापा से ऐसे कैसे कहू काम पर जाने के लिए,,, मुझे तो अजीब सी घबडाहट हो रही है । ये साला अच्छा काम करने मे इतनी दिक्कत क्यू होनी शुरु होती है ।
मै हस कर - तु चिन्ता ना कर मै रजनी दीदी से बात करता हू कल
चंदू खुश हुआ , फिर हमने आगे कैसे चम्पा के साथ मस्ती करनी है उसकी प्लानिंग की और फिर वो घर चला गया ।
मै वापस दुकान के कामो मे लग गया और थोडा ग्राहको से डील करने के बाद करीब 11 बजे तक जब मै फ्री हुआ तो मोबाईल खोलते ही मुझे काजल भाभी का ख्याल आया ।
मै एक से नयी ऊर्जा से भर गया ,,फौरन मैने whatsaap ओपेन किया और काजल भाभी का last seen चेक किया जो अभी कुछ मिंट पहले का ही था ।
फिर मैने वापस से अपनी status setting को only for पर सेट करते हुए काजल भाभी का नम्बर सेलेक्ट किया और वापस से कुछ नये मॉडल के ब्रा और पैंटी की तस्वीरे पोस्ट कर दी ।
फिर मैने उन्ही चारो फ़ोटो को काजल भाभी पर सेंड कर दिया और तुरंत delete for everyone पर क्लिक करके सारी फ़ोटो डिलीट कर दी ।
फिर मैने अपना फोन वापस रख दिया और दुकान के कामो मे लग गया ।
अभी मुस्किल से 10 मिंट ही बीते थे कि मोबाईल पर notification बिप हुआ और मैने चेक किया तो मेरी प्लानिंग तहत काजल भाभी का मैसेज था । मै जानता था कि मेरे मैसेज डिलीट करने पर उन्की जिज्ञासा बढेगी और वो इस बारे मे जरुर पूछेगी ।
हुआ भी वही ।
काजल - hiii suno
मै - hii bhabhi ...good morningkahiye
काजल - wo kya delete kiye ho bhej ke
मै - kuch nhi bhabhi wo galati se gaya tha...sorry
काजल - are aisa kya tha ki sorry bol rhe
मै -nhi btaunga mai
काजल - ye kya baat hue ...Jaldi btaao kya bheje the
मै - wo kuch photos the
काजल - dikhaao mujhe
मै - rahane do bhaabhi plzz
काजल - ab to bina photo liye mai nhi manungi , jaldi bhejo
मै -ok deta hu
फिर मैने वापस से वही तस्वीरे भेज दी जो अपने status पर लगाई थी ।
काजल - are to wahi hai na , jo tum status par lgaaye ho
मै - haWo mai status lga raha tha to galti se apke nmbr par bhi click ho gaya tha
काजल -Koi baat nhi ho jata hai....Lekin tum ye sab status par kyu lgaate ho , sharam nhi ati
मै -Dukandar hu bhabhi , jab inhi chizo ka business hai to sharam kahe ki
काजल - to kya koi puchhta bhi hai insb ke baare me jo status par lgaaye ho
मै - are bhabhi mere kafi sare order phone se hi ho jate h ,
kaafi sari ladies hai jo apna saman WhatsApp par order kar deti hai jo market me chaar logo ke samne aise chize kharidne me jhijhak mahsus karti hai
काजल - fir to achcha hai ji ,
मै - aap bhi chaaho to order kar skate ho
काजल - badmaash kahi ke , mujhe chahiye hoga to mummy ji se bol nho dungi
मै - ha lekin aise model ke liye thodi na kah payegi badi mummy se
काजल - chup pagal kahi ke ... bado se aise baat karte hai
मै - dekhiye mujhe apna dewar nhi dukandar samjhiye ... mere paas aur bhi model hai mai unko bhejta hu . Apko chahiye hoga to bata dijiyega
काजल - hey bhagwan tum bhi na .. thik hai bhej dena .. ok abhi mujhe kam hai .. bye
मै - ok bye
मै काफी खुश हुआ कि चलो योजना कामयाब रही बस एक बार इन टॉपिकस पर बात शुरु होने की देरी है ,,,फिर काजल भाभी को कैसे लपेटना है ये मै अच्छे से जानता हू ।
मै वापस खुशी खुशी काम पर लग गया ।
थोडी देर बाद मा खाना लेके आई ।
मा - ले जल्दी से खाना खा ले और पापा को खाना देने चला जा
दुकान मे कोई ग्राहक थे नही और मा खाना रखने पीछे कमरे गयी थी तो मै भी उन्के पीछे जाकर उनको पीछे से पकडते हुए - ओह्ह मा आई मिस्स यू
मा - ऊहह हुउउऊ छोड भाई ,,, बड़ा आया मुझे याद करने वाला
मै मा के गालो को चुमता हुआ - क्या हुआ गुस्सा हो गयी क्या आप
मा - मै क्यू गुस्सा राहु भला ,,तू अकेले ही खुश है अपने दोस्तो मे , मेरी क्या फिक्र है तुझे
मै हस कर पीछे से उसको पकडकर - ओह्ह लग रहा है कल अकेले पापा के साथ मजा नही आया क्या हिहिहिही
मा मुस्कुरा कर - हट बदमश कही का ,,तुझे क्या उससे जब तू था नही हुउउह्ह
मै - आज तो रहूंगा ना तो कल की कमी भी पूरी कर दूँगा ,,,आप नही जानती कितना तडपा हू मै
मा इतरा कर - ओह्हो बड़ा आया तडपने वाला ,, इतनी फिक्र होती तो सुबह ही आ जाता मेरे पास
मै - अब तो आ गया हू ना ,,तो हो जाये एक राउंड हिहिही
मा के चुचो पर हाथ रखते हुए बोला
मा चौकी - नही नही पागल ,, दुकान का समय है ,,जल्दी से खा और पापा भी भूखे है जल्दी उनको भी देके आ ।
फिर मा मुझसे अलग होकर दुकान मे चली गयी और मै खाना खाके पापा के टिफ़िन लेके चल गया दुकान की ओर ।
जारी रहेगी
Thanks For Update Bhaiकहानी की अगली कड़ी पोस्ट कर दी गई है
पढ़ कर रेवो जरूर करें
ताकि जल्द से जल्द अगला अपडेट पोस्ट किया जा सके
धन्यवाद
Super Updateअध्याय: 02
UPDATE 002
" ओह येस बेबी उम्ममम कितनी सेक्सी सा चूस रही हो अह्ह्ह्ह्ह बाबू उम्ममम कितनी बड़ी गाड़ है तुम दोनों की एकदम गोरी गोरी दूधिया गाड़ अह्ह्ह्ह पागल कर दे रहे हो ओह्ह्ह्ह " , अमन बेड के किनारे अपना लंड बाहर किए खड़ा था और बिस्तर पर बेट के बल लेट कर सोनल और निशा बारी बारी उसका लंड चूस रही थी ।
" लुक हियर बेबी अह्ह्ह्ह्ह सेक्सी लग रही हो उम्ममम अह्ह्ह्ह " , अमन सोनल को कैमरे की ओर देखने को कहता है जिसमें वो दोनों की लंड चूसते हुए वीडियो बना रहा था ।
दोनो ने मैचिंग सेक्सी सी ब्रा पैंटी सेट पहनी थी और होटल के बेड पर लेती हुई अमन का लंड साझा करने लगी
निशा : उम्ममम जीजू कितना गर्म है उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह्ह लोहे जैसा लंड है तुम्हारा
सोनल अमन से मोबाइल लेकर फ्रंट कैमरे से निशा के साथ वीडियो बनाने लगी : निशा इधर देख अह्ह्ह्ह्ह सीईईई
निशा कैमरे में देखते हुए अमन का टोपा चुबला रही थी और उसकी आंखो में खुमारी उतर चुकी थी वो मदहोश नजरों से खुद को ही निहार रही थी ।
तभी अमन के मोबाइल पर रिंग हुआ
अमन : किसका है ?
सोनल : पापा जी का है !!
अमन समझ गया कि जरूर कुछ जरूरी बात होगी
अमन मोबाइल लेकर : मै बात करके आता हु
फिर वो वैसे हो कमरे निकल कर बालकनी में नंगा खड़ा होकर बात करने लगा
फोन पर
: नमस्ते पापा , कैसे हो ?
: मै ठीक हूं बेटा , तुम कैसे हो ? ( मुरारी की आवाज आई )
: मै तो एकदम मस्त हु पापा हीही ( अमन ने चहक कर जवाब दिया )
: हा हा भाई तेरी तो डबल मस्ती चल रही होगी क्यों ( मुरारी ने अंदाजा लगाया )
: उफ्फ पापा क्या बताऊं , आपकी बहु और उसकी बहन पूरा दिन मुझे कपड़े नहीं पहनने देते , अभी भी नंगा हु बालकनी में हीही
: ऐसी किस्मत सबको नहीं मिलती बेटा , मै तो 2 रोज से तड़प रहा हूं। शहर के शहर भटक रहा था अब तक आज कही पाव रुके है मेरे
: मतलब चाची मिल गई ( अमन खुश होकर )
: हा बेटा मिल गई , अभी उसके घर पर रुका हु कल सुबह हम लोग निकलेंगे घर के लिए
: वाव पापा फिर तो मै भी जल्दी आता हूं हीही मजा आएगा ( अमन एकदम से खुश हो गया )
: नहीं नहीं बेटा तुम आराम से अपनी ट्रिप इंजॉय करके आना , तबतक मै तैयारिया देख लूंगा , ठीक है (मुरारी बोला )
: पापा?
: हा बोल न बेटा ?
: पापा चाची कैसी दिखती है , मतलब sexy है या नहीं हीही ( अमन कमरे में झाक कर अंदर का माहौल देख कर अपना लंड सहलाते हुए मुरारी से सवाल किया )
: बदमाश कही का , आकर देख लेना न कैसी है ? हाहाहाहा ( मुरारी हंसा)
: पापा बताओ न प्लीज
: अब क्या बताओ बेटे , एकदम कड़क गदराया पीस है उफ्फ तेरी बुआ संगीता के जैसी कसी हुई मोटी मोटी छातियां है और कूल्हे उठे हुए है उसके जैसे ही । उम्मम अब क्या बोलूं , मेरा तो सोच कर ही मूड बन गया अह्ह्ह्ह
: वाव सच में फिर तो चाचू के भाग्य खुल गए हीही ( अमन बोला )
: किस्मत तेरी भी कम बुलंद नहीं है बेटा , बीवी के साथ साली को भी चोद रहा है उम्मम हाहाहा ( मुरारी ने अमन को छेड़ा )
: पापा एक गजब की चीज दिखाऊं, कलेजा थाम के देखना ओके ( अमन कमरे में झांकता हुआ बोला )
फिर वो मुरारी को वीडियो काल उठाने की रिक्वेस्ट भेजता है
: ऐसा क्या दिखाने वाला है तू ( मुरारी अंधेरे में वीडियो काल उठाता है
: श्शशश, चुप रहिएगा (अमन ने मुरारी को टोका और वीडियो काल पर बैक कैमरा से कमरे के अंदर का माहौल दिखाय
अंदर दोनो बहने सोनल और निशा 69 पोजिशन में एकदूसरे के बुर और गाड़ चाट रही थी और सोनल तो अपनी एक उंगली निशा की गाड़ में गुब्ब गुब्ब पेलते हुए उसकी झड़ती चूत चाट रही थी )
इधर मुरारी की आंखे फटी की फटी रह गई और लंड एकदम उफान पर था
कमरे से बाहर निकल कर
: क्या हुआ पापा होश उड़ गए न
: बेटा ये तो मैने पहली बार देखा , बहु अपनी बहन के साथ , अह्ह्ह्ह बेटा तेरे तो मजे ही मजे है । ( मुरारी पजामे में अपना लंड मसल कर बोला )
: पापा जल्द ही आपकी बहु को आपके आगे लिटाऊनंगा फिर आप भी मजे लेना , चलो मै चलता हु बाय
: हा बेटा मजे करे ( मुरारी फोन काटकर ) मेरे नसीब में तो अभी दो रात चूत का कोई ठिकाना नहीं है ।
मुरारी छत से नीचे आया और वो मोबाईल का टार्च जला कर नीचे आ रहा था कि उसके जहन में अमन के सवाल कौंधी " चाची कैसी है ? "
मुरारी कमरे में आया और उसकी नजर जमीन पर सोई हुई अपने भाई की प्रेमिका पर गई , जो इस वक्त साड़ी बदल कर नाइटी में सोई थी ।
उसके घुटने फोल्ड थे और पैर की ओर से नाइटी में पूरा गैप बना हुआ था ।
मुरारी का जी ललचा गया
वो दबे पाव दूसरी तरफ आया और मंजू के चेहरे पर टार्च जलाई , वो गहरी नीद में थी और उसने झुक कर हौले से मंजू की खुली नाइटी में टॉर्च दिखाई
आहे क्या नजारा था , हल्की फुल्की झुरमुट में झांकी एक रसीली फांक
देखते ही मुरारी का लंड एकदम फड़फड़ाने लगा मगर वो ज्यादा देर तक ऐसे नहीं रुक सकता था इसीलिए वो उठ कर बिस्तर पर आ गया ।
वही दूसरी ओर अमन कॉल काट कर वापस आया कमरे में तो सोनल निशा की जांघें फाड़े हुए उसकी बुर में अपना मुंह दिए हुए थी
सोनल : अह्ह्ह्ह कितनी गर्म है तेरी चूत रे अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह , इसको खा जाऊंगी आज उम्ममम
निशा उसके गाड़ के सुराख को गिला कर रही थी वो पागलों के जैसे सिसकने लगी जब सोनल इसके चूत में जीभ घुमाने लगी
निशा : ओह्ह्ह्ह मम्मीईईई उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई यस्स अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सोनल उम्ममम मै पागल हो जाऊंगी
अमन अपना लंड सोनल के मुंह पर लाता हुआ : हाय बेबी इसे नहीं चूसोगी उम्मम
सोनल ने नजरे उठा कर देखा और मुस्कुराते हुए अमन का लंड पकड़ कर मुंह में भर ली
अमन : ओह्ह्ह्ह गॉड उम्मम माय डर्टी बीच सेक्सी डॉल उम्ममम सक इट बेबी अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् यूयू ओह्ह्ह्ह यशस्स अह्ह्ह्ह्ह
अमन सिसकने लगा और सोनल उसका लंड गले तक ले जाने लगी उसकी उंगलियां अभी भी निशा के बुर को मसल रही थी
निशा तड़पती हुई : डालो न जीजू उम्ममम प्लीज अह्ह्ह्ह
अगले ही पल सोनल ने लंड को मुंह से निकाल कर अमन का सुपाड़ा निशा के बुर के फांके पर रगड़ने लगा
निशा : अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई अह्ह्ह्ह्ह डाल दे न कामिनी अह्ह्ह्ह बहनचोद अह्ह्ह्ह्ह जाने दे न अह्ह्ह्ह
अगले ही पल अमन ने हचक से लंड को झटका दिया और वो निशा के बुर के फाकों को चौड़ी करता हुआ अंदर घुसता चला गया
निशा : ओह्ह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई यस्स अह्ह्ह्ह्ह जीजू पेलो मुझे उम्मम कितना बड़ा है अह्ह्ह्ह रुकना नहीं उम्ममम यस्स जीजू उम्ममम अह्ह्ह्ह फक्क्क् फ़क्कक्क फक्क्क् ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह यस्स बेबी
अमन निशा की जांघें उठा कर तेजी से उसकी बुर में पेलने लगा : अह्ह्ह्ह ले मेरी जान कितनी गर्मी है तेरी बुर में अह्ह्ह्ह्ह मजा आ रहा है ओह बहिनचोद सपना था तुझे पेलने का जबसे तेरे चौड़े कूल्हे देखे थे उम्मम अह्ह्ह्ह्ह
निशा : अह्ह्ह्ह हा जीजू मै भी पागल हु आपके लिए अह्ह्ह्ह फक्क्क् मीईईई ओह्ह्ह गॉड अह्ह्ह्ह सोनल उम्ममम ममममाआ अह्ह्ह्ह्ह
वही सोनल निशा के निप्पल चूस रही थी और उन्हें मिंज रही थी कि उसकी नजर वापस से अमन के मोबाइल पर गई और लपक कर वो निशा के बगल में अपनी टांगे खोलकर भी लेट गई और सेल्फी कैमरे पर वीडियो बनाने लगी
निशा : अह्ह्ह्ह्ह कामिनी किसको दिखाएगी उम्मम अह्ह्ह्ह्ह जीजू और तेज अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् बहिनचो ताकत नहीं है क्या अह्ह्ह्ह
अमन जोश में उसकी जांघें पकड़ कर फचर फचर पेलने लगा : साली मादरचोद फाड़ दूंगा अह्ह्ह्ह लह्ह्ह ओह्ह्ह्ह कितनी गरम है चूत अह्ह्ह्ह
निशा तेजी से चीख रही थी
और सोनल हस्ते हुए सेल्फी कैमरे पर वीडियो ब्लॉग बना रही थी : हाय गाइज वी आर ऑन हनीमून , माय बिग डिक्की हब्बी फकिंग माय सिस्टर हाहा , देखो गाइज मेरी चूत अह्ह्ह्ह कितनी गर्म है मुझे भी लंड चाहिए कोई चोदेगा मुझे हाहाहा
सोनल मस्ती कर रही थी और उसकी बातें सुनकर उसका लंड और फड़कने लगा कि क्या हो अगर ये वीडियो अपने पापा को दिखाएगा
अमन निशा को छोड़ कर लपक कर सोनल को अपनी ओर खींचा और गपक से लंड उसकी चूत में उतार दिया ।
सोनल : ओह्ह्ह्ह बेबी कितना टाइट है आह्ह्ह्ह मम्मा उम्मम्म फक्क्क् मीईईई ओह्ह्ह यस्स बेबी अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह
अमन उसके हाथ से मोबाईल लेकर बैक कैमरा से वीडियो रिकार्ड करने लगा सोनल को चोदते हुए
सोनल अपनी जांघें खोलते हुए : अच्छे से बनाओ न बेबी अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह ओह गॉड फक्क्क् मीईईईई यस्स बेबी उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई अह्ह्ह्ह्हमम
निशा ने उसके लिप्स से लिप्स जोड़ लिए और चूत सहलाने लगी , सोनल ने बदन और जोश बढ़ने लगा । निशा झुक कर सोनल के बड़े बड़े रसीले मम्में मुंह में भरने लगी अपनी गाड़ फैला कर
अमन उसकी भी सारी हरकते रिकॉर्ड करता है सोनल को पूरे जोश ने पेले जा रहा : ओह्ह्ह्ह्ह बेबी कितनी मुलायम चूत है तुम्हारी ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् यूयू बाबू
सोनल : उम्ममम यस्स बेबी फक्क मीईईई अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई यस्स अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह
अगले ही पल निशा लपक कर अमन के हाथ से मोबाइल लेते हुए : जीजू मुझे दो न हिही
निशा ने सेम सेल्फी कैमरे से वीडियो चालू की और अपनी बुर सोनल के मुंह पर ले जाती हुई : देखो गाइज मेरी ये मेरी बहन है , ये मै हु और ये मेरी चूत चाट रही है , अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम और डाल ने जीभ ओह्ह्ह्ह गॉड उम्मम, अह्ह्ह्ह्ह गाइज देखो मेरी बहन को जीजू मेरे चोद रहे है अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म
सोनल ने निशा की दोनो जांघों को कस लिया और उसकी बुर के फांके चुंबलाने लगी
वही दूसरी ओर अमन सटासट उसकी बुर पेले जा रहा था , सोनल के बाद अब निशा की हरकते उसको और पागल किए जा रही थी , उसके पैर थक रहे थे ।
वो उठा और बिस्तर पर आ गया
लंड आसमान की ओर उठाए : आजाओ बेब्स
निशा : मेरी टर्न मेरी टर्न अह्ह्ह्ह उम्ममम
निशा दोनों पैर फेक कर अमन की ओर अपना गाड़ करके उसका लंड अपनी बुर में लेकर बैठ गई : अह्ह्ह्ह उम्मम अह्ह्ह्ह्ह उम्ममम
निशा कस कर अपने चूतड़ अमन के कड़क लंड पर पटक रहे थी और सोनल अमन के बाहों के लेती हुई उसके लिप्स चूसने लगी
सोनल : मजा आ रहा है मेरी जान उम्मम
अमन उसके नंगे चूतड़ नोचता हुआ : बहुत ज्यादा मेरी जान अह्ह्ह्ह
निशा : अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई अह्ह्ह्ह्हमम यशस्स जीजू पेलो मुझे अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई अह्ह्ह्ह्हमम यशस्स जीजू आयेगा अह्ह्ह्ह
अमन निशा की बातें सुनकर उसके चूतड़ पकड़ कर नीचे से झटके देने लगा : अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह ले साली रंडी अह्ह्ह्ह मेरी जान अह्ह्ह्ह्ह झड़ जा अह्ह्ह्ह
अमन कस कस कर नीचे से कमर उछाल कर पेलने लगा और निशा अपनी आँखें उलटती हुई झड़ने लगी ,
अमन : ओह्ह्ह यस्स बेबी फक्क मीईईई अह्ह्ह्ह आ रहा है मेरा भी ओह्ह्ह्ह
निशा झट से उसके लंड से उठ गई और सोनल ने लपक कर अमन का लंड मुंह में ले लिया और अमन उसक सर पकड़ कर झटके खाते हुए झड़ने लगा : अह्ह्ह्ह मेरी जान पी ले अह्ह्ह्ह्ह ममीईइई ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् यूयू बेबी अह्ह्ह्ह्ह
सोनल अमन के फड़कते लंड को पकड़े हुए आखिर से सारा पानी पीती रही और फिर उसका सुपाड़ा निशा के बहती चूत पर लगा कर वापस से चूसने लगी जिसे देखकर अमन के लंड में फिर से हरकत होने लगी
मगर सुबह से ये चौथी बार था जब वो इतने जोरदार तरीके से झड़ा था और सुस्ती उसके जिस्म पर हावी हो रही थी
फिर वो दोनों के साथ ही सो गया ।
अगली सुबह
मुरारी अंगड़ाई लेता हुआ उठा, उसको आंखों में हल्की फुल्की जलन महसूस हो रही थी और पता चला घर में धुआं उठ रहा था कही ।
मुरारी मच्छरदानी से निकल कर खड़ा हुआ और पजामे में उसके लंड एकदम कड़क उठा था सुबह सुबह । नीचे देखा तो मंजू उठ चुकी थी और पीछे हाते के पास चूल्हे से गर्मागर्म खाने की खुशबू आ रही थी। मुरारी ने घड़ी देखी तो 8 बजने वाले थे ।
अचरज नहीं हुआ मुरारी को मंजू इतनी सुबह क्यों खाना बना रही होगी ।
मुरारी अपना लंड पजामे में सेट करता हुआ हाते में चूल्हे के पास आया जहा मंजू रोटियां बेल कर सेक रही थी
मंजू मुरारी को अपने ओर आते देख मुस्कुरा उठी और झट से अपना दुपट्टा सर पर ले लिया । वो अभी भी रात वाली नाइटी में थी , जाहिर था अभी तक वो नहाई नहीं थी ।
मगर मुरारी को इससे फर्क नहीं पड़ने वाला था उसकी नजर तो मंजू को नाइटी की आधी खुली चैन पर थी जिसमें से मंजू के दो बड़े बड़े रसीले मम्में आपस में चिपके हुए थे और रोटियां बेलते समय मंजू के दोनों मम्मे खूब उछल रहे थे ।
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मुरारी का लंड एक बार फिर से सर उठाने लगा ।
मुरारी : अरे मंजू सुबह सुबह खाना
मंजू मुस्कुरा कर : हा भाईसाहब वो मुझे ऑफिस जाना है न
मुरारी : ऑफिस जाना है मतलब
मुरारी का हलक सूखने लगा कि कही उसने साथ चलने का प्लान कैंसिल तो नहीं कर दिया ।
मंजू : अरे मुझे मेरे सर को बताना पड़ेगा न कि मै अब काम पर नहीं आऊंगी और फिर हिसाब भी कराना पड़ेगा न
मुरारी की जान में जान आई : ओह ऐसा , मै सोचा कि
मंजू उसकी बात समझ कर मुस्कुराने लगी ।
मुरारी : बाथरूम में पानी आ रहा है क्या
मंजू : जी नहीं वो मैं पानी रख दी हूं आप जा सकते है
मंजू थोड़ा शर्मा कर मुस्कुराने लगी ।
फिर वो उठ कर झाड़ू लगाई और इधर मुरारी पाखाने में चला गया ।
मंजू ने सोचा कि जबतक मुरारी पाखाने में है क्यों न तबतक वो नहा ले , नहीं तो कपड़े बदलने की दिक्कत हो जाएगी ।
मंजू फटाफट से नल चला कर पानी भरने लगी और मुरारी को आवाज आने लगी नल चलने की
उसके भी जहन भी यही चल रहा था कि मंजू कैसे नहाएगी । क्या उसे देखना चाहिए ।
मुरारी खुद से बड़बड़ाया: वैसे कसे हुए रसभरे मम्मे है उसके एकदम टाइट ओह्ह्ह्ह लंड खड़ा कर दिया साली ने
तभी बाहर से पानी गिराने की आवाज आने लगी तो मुरारी की झटका लगा उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी ये सोचकर कि कही मंजू बहार नहाने तो नहीं बैठ गई । हड़बड़ी में वो बिना गाड़ धोए ही खड़ा होकर पाखाने के किवाड़ की जाली से बाहर नल की ओर झांका
तो देखा मंजू नाइटी में ही नल के पास बैठ कर अपने बदन पर पानी डाल रही थी ।
उसने नाइटी को जांघों तक उठा रखा था जिससे उसकी चिकनी नंगी सुडौल जांघें देख कर मुरारी का लंड ऐंठने लगा । उसकी नजर मंजू के भीगती नाइटी पर भी थी जिसमें से मंजू के चूचे शेप में आ रहे थे धीरे धीरे भीगकर
मुरारी : अह्ह्ह्ह बहनचोद बवाल चीज है यार मदन क्या किस्मत है साले तेरी , मस्त माल है आह्ह्ह्ह
मुरारी को फिर से प्रेशर आने लगा तो वो वापस हगने बैठ गया और उधर मंजू झटपट से नहा कर कमरे में चली गई और कड़ी लगा दिया ।
कुछ देर बाद वो कपड़े पहन कर बाहर आई और मुरारी तबतक बाहर आ चुका था । फिर वो भी नहाने बैठ गया और इधर तबतक मंजू ने पैकिंग के लिए ढेर सारे कपड़े बिस्तर पर फैला दिए थे ।
ब्लाउज पेटीकोट सारी नाइटी ब्रा पैंटी दुपट्टे जींस सूट सब कुछ ।
मुरारी नहा कर आया तो उसने बिस्तर पर बिखरे हुए कपड़े देखे , ज्यादातर पुराने थे । मुरारी को देख मंजू ने झट से दुपट्टे ब्रा पैंटी धक दिए ।
मुरारी ने भी थोड़ी नजरे फेरी मगर भीतर से तो वो पूरा जिज्ञासु हुआ जा रहा था कि मंजू की असल साइज क्या होगी ।
मुरारी : अरे इतने सारे समान लेकर कैसे जायेगे हम लोग , बस जरूरी समान और कपड़े रखो बाकी छोड़ दो
मंजू : तो ये सब सामान
मुरारी : देखो ये सब सामान आप पास जो भी तुम्हे खास लगे उसे देदो , वहां किसी चीज की कमी नहीं है ।
मंजू : जी ठीक है भाई साहब
मुरारी की बातों ने मंजू को सोच में डाल दिया था कि क्या करे वो , फिर उसे ये भी समझ नहीं आ रहा था कि उतने बड़े घराने में वो किन कपड़ो में जाएगी । ये सब पुराने कपड़े और अंडर गारमेंट किसी ने देख किया तो क्या सोचेंगे उसके बारे में । मंजू के जहन में झिझक हो रही थी । उसके जहन में कुछ योजना चल रही थी जिससे उसकी सारी झंझट ठीक हो सकती थी मगर वो मुरारी से साझा करने से कतरा रही थी
मुरारी : क्या हुआ , क्या सोच रही हो
मंजू : जी ? कुछ नहीं ! ऐसा नहीं हो सकता कि हम लोग कल चलें ?
मुरारी : क्या हुआ , बताओ न ?
मंजू : जी वो मुझे कुछ कपड़े लेने है और ऑफिस भी जाना है । पूरा दिन लग जाएगा फिर पैकिंग भी बाकी है और ये सब सामान किसी को सौंपना है ।
मुरारी कुछ सोच कर : अच्छा ठीक है हम कल ही जाएंगे । पहले तुम खाना खा कर ऑफिस जाओ और निकल कर फोन करना मै आ जाऊंगा तो साथ में शॉपिंग पर चलेंगे
मंजू खुश होकर : जी ठीक है
फिर मंजू सारे कपड़े बिस्तर पर एक किनारे बटोर दी और मुरारी के लिए खाना लेने चली गई ।
अरुण के घर
सुबह का नाश्ता कर अरुण कालेज के लिए निकल गया था और रज्जो जो शिला के साथ उसके कमरे में थी वो नहाने चली गई और नहाने के बाद वो तैयार हो गई ।
रज्जो : अरे दीदी कब आयेंगे वो लोग , 9 बज गए है
शिला : रुको यार फोन करती हुं
फिर शिला ने अपने पति को फोन घुमा दिया
फोन पर
शिला : हैलो
मानसिंह : हा शीलू कहो
शिला : कहूं क्या कहू ?आपको तो मेरी फिकर ही नहीं है , सुबह आने वाले थे 9 बज गए है
मानसिंह : बस मेरी जान आधे घंटे में आ रहा हूं
शिला मस्ती भरे लहजे में : जल्दी आओ न मेरे राजा , कबसे तड़प रही हूं अह्ह्ह्ह
मानसिंह : ओहो मेरी जान मूड में है क्या
शिला रज्जो को देख कर मुस्कुराई और अपनी हसी रोक : अह्ह्ह्ह्ह हा बहुत ज्यादा , कितने दिन से मै तड़प रही हूं उम्मम जल्दी से आओ न
मानसिंह : बस मेरी आ ही गया हू रखो मै गाड़ी चला रहा हूं
फोन कट जाता है
रज्जो और शिला खिलखिला कर हस दिए
रज्जो - ये बढ़िया तरीका है जल्दी बुलाने का हीही उम्मम
शिला - अरे जब तड़पकर आयेंगे तभी तो और मजा आएगा हीही
कुछ देर मानसिंह की गाड़ी उसके घर के दरवाजे पर खड़ी थी ।
मानसिंह झट से उतरा और उसके साथ रामसिंह और कम्मो भी ।
कम्मो हस कर : अरे भाई साहब दीदी कही भाई नहीं रही है हाहा
रामसिंह : भाभी ने हड्डी फेक दी है कम्मो , अब भैया कहा किसी की सुनने वाले है हीही
मानसिंह अपना पजामा सेट करता हुआ : तुम दोनों चुप रहो , तुम्हारे आउटडोर क्विकी के चक्कर में लेट हो गया हमें
कम्मो : कॉम डाउन मेरी जान , मजा नहीं आया क्या आपको उम्मम खुले ने मुझे पेल कर
कम्मो पार्किंग में पजामे के ऊपर से ही मानसिंह का खड़ा लंड पकड़ते हुए बोली ।
मानसिंह सिहर उठा : अह्ह्ह्ह्ह कम्मो जाने दे न मुझे अह्ह्ह्ह
और मानसिंह झटके से घर में चला गया । वही कम्मो खिलखिलाने लगी
रामसिंह : भैया को तंग करने में तुम दोनों बहने एक सी हो हीही
कम्मो : क्यों जलन हो रही है
रामसिंह हस कर अपने लंड की ओर इशारा कर : मुझे नहीं इसे जरूर हो रही है
कम्मो ने हाथ बढ़ा कर रामसिंह का लंड पकड़ लिया : चलो इसको थोड़ा दुलार देती हूं मान जायेगा
और रामसिंह ने वही पार्किंग में ही कार पास खड़े हुए कम्मो के लिप्स चूसने लगा ।
कम्मो की सांसे चढ़ने लगी : जान ऊपर चलते है न
रामसिंह साड़ी के ऊपर से उसकी गाड़ दबोचता हुआ : यही कर लेते है न मेरी जान एक और आउटडोर क्विकी
कम्मो लजाई: धत्त
और निकल गई घर में ।
वही मानसिंह बड़े तेजी से हाल में घुसा और किचन में मीरा को काम करता देख शांत हुआ
मानसिंह : मीरा , नीलू की मां कहा है ?
मीरा : जी नमस्ते साहिब वो अपने कमरे में ही होगी
मानसिंह बिना कुछ बोले तेजी से अपने कमरे के पास चला गया ।
कमरे में कोई नहीं दिखा उसे जोरो की पेशाब लगी थी तो वो पहले फ्रेश होने लगा और जैसे ही बाहर आया और सोफे पर बैठ कर अपने जूते निकालने लगा
शिला हाथ में नाश्ते का ट्रे लेकर कमरे में दाखिल हुई , उसने आज नए तरीके से साड़ी पहनी हुई थी
शिला के चुस्त ब्लाउज के उसकी छातियां मुश्किल से बिना ब्रा के समा पाई थी । ज्यादातर तो बाहर निकल आई थी । उसने सीधा पल्ला का साड़ी पहन करअपना चेहरा पल्लू से पूरा ढक रखा था और आगे से उसका ब्लाउज से मोटी चूचियां और नंगा बड़ा पेट साफ साफ नजर आ रहा था ।
मानसिंह ने जैसे ही शिला को साड़ी में ऐसे कामुक अवतार में देखा तो उसकी हलक सूखने लगी
मानसिंह : आहा मेरी जान क्या मस्त लग रही हो , अह्ह्ह्ह्ह ये पर्दा क्यों , आओ न बैठो
शिला ने ट्रे टेबल पर रखा और पीछे होकर खड़ी हो गई
मानसिंह : आओ न मेरी जान
शिला ने बिना कुछ बोले न में सर हिलाया
मानसिंह की नजर शिला के गदराई हुई मोटी मोटी चूचियो पर थी जो उसे ललचा रही थी और उसकी गुदाज गहरी नाभि देख मानसिंह का गला सुख रहा था ।
मानसिंह : अह्ह्ह्ह जान अभी भी नाराज हो क्या
शिला ने घूंघट में ही बिना कुछ बोले हा में सर हिलाया तो मानसिंह हाथ आगे बढ़ा कर उसकी कलाई पकड़ ली तो शिला एकदम से चौक गई और कुनमुना कर अपनी कलाई छुड़ाने लगी और उससे दूर होने के लगी कि मानसिंह ने एक बार फिर से उसकी कलाई पकड़ते हुए उसको अपनी ओर खींचा और अपनी गोदी में बिठा लिया
शिला सिसकी और मानसिंह उसके बड़े चौड़े कूल्हे को मसलता हुआ अपने हाथ उसके नंगे पेट कर सहलाने लगा: अह्ह्ह्ह्ह मेरी जान क्यों नाराज है, अब तो आ गया न तेरे पास , जरा एक अपने मीठे होठों का रस तो पिला
जैसे ही मानसिंह ने शिला ने सर से पल्लू हटाया उसको जोर का झटका लगा वो उछल कर फर्श पर खड़ा हो गया और कमरे में एक तेज खिलखिलाहट गूंजने लगी
मानसिंह ने दरवाजे की ओर देखा तो वहां शिला लेगी कुर्ती में हस रही थी और अब तक जिसे मानसिंह शिला समझ रहा था वो रज्जो थी ।
रज्जो थोड़ी लजा शर्मा रही थी क्योंकि उसे ये उम्मीद नहीं थी कि मानसिंह एकदम से उसके जिस्म को मिजने लगेगा ।
मानसिंह : आ दादा , माफ कीजिएगा भाभी जी , मुझे लगा शिला है और आप कब आई तुमने बताया नहीं
मानसिंह जितना हो सकता था माहौल को बदलने की कोशिश कर रहा था मगर शिला ने रज्जो के सामने उसका मजा लेने से बाज नहीं आई और जमकर अपने पति को छेड़ा ।
शिला मजे लेते हुए : वैसे अब पता चल गया कि आप मुझसे जरा भी प्यार नहीं करते हूंह
मानसिंह कभी शिला को तो कभी मुस्कुराती लजाती रज्जो को देख कर सफाई देता हुआ : अरे मुझे कैसे पता कि घूंघट के नीचे भाभीजी होंगी , प्लीज भाभी जी मुझे माफ कीजिएगा प्लीज
रज्जो हस्ती हुई : कोई बात नहीं ये हम दोनो की ही शरारत थी
मानसिंह शिला की ओर देखकर : लो देखो ,
शिला : क्या देखो , भले ही ये हमारी शरारत थी मगर आपको तो मुझे पहचानना चाहिए था न हूह
रज्जो हसने लगी : हा ये भी .. हीही
मानसिंह शर्म से झेप कर : क्या भाभी आप भी मतलब
शिला : चलो भाभी , हम चलते है अब रहिए आप अकेले हूह
मानसिंह : अरे सॉरी न नीलू की मां , प्लीज
शिला मुंह बना कर : हा हा ठीक है , आप नहा धो कर नाश्ता कर लो हम आते है
मानसिंह : अरे कहा जा रहे हो
शिला : अरे रज्जो भाभी के कुछ कपड़े कल देने गई थी गांव में , तो वही लेने जाना है
मानसिंह : ओह ठीक है , जल्दी आना प्लीज
शिला मुंह बनाते ही अंगूठा दिखा कर : ठेंगा आऊंगी जल्दी हा नहीं तो
और दोनों कमरे से बाहर हस्ती खिलखिलाती निकल गई ।
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वही इन सब के अलग चमनपुरा में
रंगीलाल का बैग पैक हो चुका था और नाश्ता करके वो तैयार था
रंगी : राज बेटा दुकान के साथ घर का भी ध्यान रखना और तुम छोटे सेठ पढ़ाई न रुके बोर्ड है न इस बार
अनुज : जी पापा
रंगी : राज दुकान पर कुछ न समझ आए तो फोन कर लेना
राज : ठीक है पापा
रंगी : राज की मां तुम भी ख्याल रखना अपना
रागिनी कुछ बोले अनुज बीच में टपका : पापा मै हु न , मम्मी के पास हमेशा आप बेफिक्र जाओ
अनुज की बात पर सब हसने लगे
रागिनी मुस्कुरा कर : तेरा बैग रेडी हुआ , कालेज जाना है न तुझे भी
अनुज : कल से न मम्मी प्लीज
राज : कोई ड्रामा नहीं , चुप चाप कालेज जा
अनुज मन मारकर चुप हो गया और
रंगी भी मुस्कुरा कर सबसे विदा लेकर निकल गया आपने ससुराल के लिए।
वही राज आज से अपने पापा वाले दुकान पर बैठने वाला था और रागिनी कास्मेटिक वाले दुकान पर । अनुज भी अपने बैग रेडी कर निकल चुका था कालेज के लिए ।
जारी रहेगी