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Adultery " शाही दवाखाना "

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" शाही दवाखाना "


में सोफिया आलम नकवी "जिंदगी की रह गुजर की एक तन्हा मुसाफिर"

फिर हाजिर हू आप की बारगाह में, टूटा दिल बोझल आँखे बिख़रे सपने और उजड़े चमन के साथ .

आज में आप को एक हक़ीम साहब और उन के शागिर्द की कहानी सुनाने जा रही हू आशा करती हू आप को पसंद आएगी.

मन की बात- सब से पहले में सभी सम्मानीय लेखकों से गुरु जनो से माफ़ी चाहती हू, आप लोगो ने मेरी कहानियों पर काफी कमेंट किये, मेरा मार्गदर्सन किया, लेकिन मेने किसी को कोई कमेंट नहीं किया.
आप सब से छोटी हू आप सब को गुरु मानती हू, सो सच्चे मन से नतमस्तक होकर आप सभी से माफ़ी मांगती हू.
कमेंट ना कर पाने के कुछ कारण है में काफी डरपोक हू सो समझ नहीं पाती किस को कमेंट करू किस को नहीं में डरती हू, और फॉर्मल कमेंट करने का मेरा मन नहीं होता.

में आप सब गुरु जानो से मैसेज और चैट के माद्यम से जुड़ना चाहती हू जिस से हम एक दूसरे के अनुभब शेयर कर सकें.आशा करती हू आप सब गुरु जन मेरी भाबनाओं को समझते हुऐ अपना आशिर्बाद स्नेह हमेशा मेरे साथ बनाये रखेंगे.

पाठको से में कहना चहुँगी के जो प्यार दुलार मेरी कहानियों को आप लोगो ने दिया उस के लिए में तहे दिल से आप सभी का शुक्रिया अदा करती हू,

आप लोगो से एक गुजारिश करना चाहती हू के आप लोग जो कमेंट किया करो तो ऐसे कमेंट करो जिन का कोई सार हो [Nice story,Nice update,super hot,Waiting,update ETC.यह सब फॉर्मल कमेंट है ]
और में आप लोगो से कहना चाहती हू के दस कमेंट मत करो बेशक एक करो लेकिन ऐसा करो जिस को पढ़ कर लेखक को लगे के उस की मेहनत सार्थक हुई, जानती हू आप सभी सुलझे समझदार लोग है, वो लोग है जो बदलाओ में विश्वास करते है, वो लोग है जो सच पर विश्वास करते है, उम्मीद है आप को मेरी बात बुरा नहीं लगी होगी, क्यों के मैने बही कहा जो मुझे महसूस हूआ.सौ जूठ बोले से एक सच बोलना बेहतर होता है.

और जो लोग कहानी पड़ते है लेकिन कमेंट नहीं करते, उस से में कहना चाहुगी यह उन के गलती नहीं है या यूँ कहो यह गलती ही नहीं है, क्यों की हम इंडियन है, यहाँ तो सब फ्री है, एक रूपए किलो गेहू, दो रूपए किलो चाबल, लाइट फ्री, लोन ले लो चुकाना नहीं है, सरकार माफ़ कर देती है सो हम इंडियन है भाई स्टोरी फ्री है कमेंट करने की कोई जरुरत नहीं .

मुझे बस आप सभी का आशीर्वाद प्यार दुलार चाहिए बस और कुछ नहीं में आप सभी लोगो के दिलो में रहना चाहती हू ना के कमेंटों में.


आप लोगो को काफी पका लिए अब कहानी शुरु करती हू.


" शाही दवाखाना "



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" शाही दवाखाना "



"हकीम अरमान अली साहेब" अलीगढ़ बाले खानदानी हक़ीम.
 
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क्यों बे लुल्ले पोस्टर तो सभी जगह चिपकवा दिए थे के रद्दी में बेच आया था.

क्या बात करते हो हक़ीम साहब आज तो शहर के सारे पिशाबघरों और टट्टीखानो में केबल हक़ीम अरमान अली का ही नाम छाया हुआ है शहर की सारी चाय की दुकानों पर दारू के अडडो पर स्टेशन पर बस स्टैंड पर सभी जगह आप ही आप दिख रहे हो.

तो मिया दोपहर हो गई एक मक्खी भी दवाखाने पर नजर नहीं आई क्या सारा शहर मर्द बन गया सब की बबासीर ठीख हो गई

हुजूर मुझे तो लगता ही आज इंडिया पाकिस्तान का मैच है उस बजह से थोड़ी रौनक काम है दवाखाने की .

अबे लुल्ले क्रिकेट में तो छक्का होता है वहां मर्दो का क्या काम अरे और मर्दो की छोड़ो अमा आज तो सुबह से किसी हसीना का भी दीदार नहीं हुआ कोई अबला नारी माँ बनने की चाहत में दवाखाने न आई अब यह न कहना टीबी में से निकल कर xxx ने सब को माँ बना दिया.

यह तो न कहुगा हुजूर लेकिन आप तो ४० साल में बेगम को भी माँ नहीं बना पाए बेचारी माँ बनने का अरमान दिल में लिए है सुपुर्दे खाख हो गई आप क्या दुसरो को माँ बनाओ गे.

मादरचोद लुल्ले तेरी जवान कुछ ज्यादा नहीं चल रही साले मेरी मर्दानगी पर सबाल उठाता है मादरचोद हम सात पुस्तो से खानदानी हक़ीम है तेरी माँ का.

चुप चुप हक़ीम साहब कोई आ रहा है

वो एक ४०-४५ साल की औरत थी देखने में नार्मल घरेलु भारतीय नारी लग रही थी फिर देखने वाले की नजर हक़ीम साहब और लुल्ले को वो आसमान से उतरी हूर लग रही थी दोनों ने काफी दिनों से चुदाई नहीं की थी दो साल हो गए हक़ीम साहब की बेगम का इंतकाल हुए और लुल्ला तो रडुवा था ही बेचारे दवाखाने पर आने वाली औरतो की साथ जितना हो सकता था देख़ हाथ फेर कर अपने अपने लण्ड हिला कर काम चला रहे थे.

नमस्ते हक़ीम साहब.

नमस्ते बेटा आओ आओ बैठो बैठो तसरीफ रखो बुजुर्ग हक़ीम साहब अपनी बुजुर्गियत के तजुर्बे का पूरा जोर लगा के उस औरत की साइज का अंदाज़ा लगाने लगे बोलो बेटा क्या समस्या है.

हक़ीम साहब मेरे मर्द को कमजोरी की शिकायत है.

अच्छा अच्छा चिंता मत करो मेरे पास सभी रोगो का इलाज है हम सात पीडियो के हक़ीम है तोडा खुल कर बताओ बीमारी के बारे मै.

हक़ीम साहब मेरा पति काम ठीक से नहीं कर पाता बीच में ही बोल जाता है.

अच्छा अच्छा तो ये बात है चिंता मत करो मेरे लिए यह तो बड़ी मामूली बीमारी है लेकिन तुम्हारा पति क्यों नहीं आया

उन को शर्म लग रही थी आने में और उसका क्या उस का काम तो हो जाता है में रात भर सुलगती रहती हूँ परेशानी उस को है लेकिन झेल न मुझको पड़ता है.

अच्छा अच्छा मै हूँ न तुम बिल्कुल चिंता मत करो हम सात पीडियो के हक़ीम है चलो पीछे वाले कमरे में तुम्हारा चेकअप कर ले.

लेकिन हक़ीम साहब बीमारी तो मेरे पति को है मुझे नहीं .

पाता है बेटा पाता है लेकिन अभी तुम ने कहा न के इस समस्या को झेलना तो तुम को पड़ता है तो सीधी से बात है जब तुम झेलो गी तो चेकअप भी तुम्हारा करना होगा.

ठीक है कर लो चेकअप लेकिन दवा अच्छी देना हक़ीम साहब बड़ी उम्मीद से आप के पास आई हूँ.

बेफिक्र रहो बेटा ऐसी दवा दूंगा के तुम्हारा पति इंसान से घोडा बन जाए गा तुम चलो पीछे वाले कमरे में.

पीछे वाला कमरा ऐसे ही कामो के लिए था उस मै एक लकड़ी का तखत पड़ा था जिस पर गद्दा बिछा था एक कुर्सी थी तखत के सामने एक बंद खिड़की थी वो खिड़की बंद जरूर थी लेकिन उस मै एक छेद था जहां से लुल्ले देख कर लण्ड हिलता था.

बेटा आराम से सीधा लेट जाओ मुझे चेकअप करने दो हु हु .

वो औरत सीधा लेट गई हाकिम साहब उसका पेट दबा दबा कर चेकअप कर रहे थे वो औरत आखे बंद कर के लेती थी तभी हाकिम साहब का खड़ा लण्ड उस औरत के चूतड़ से टकराया उस औरत ने तोड़ी सी आँखे खोल कर हकीम सहाब को देखा दोनों की नजरे मिली औरत ने आँखे बंद की हकीम सहाब समझ गए की लाइन किलियर है.

साली का पति हिजड़ा है मेरा खानदानी लण्ड देख कर पनिया गई वो हाकिम साहब उस की चूचियों पर टूट पड़े छेद से देखता लुल्ला भी लण्ड निकाल कर हिलने लगा.

हकीम साहब ने बलाउज खोल कर उस औरत के दूधो को मसलना शुरू कर दिया वो औरत भी मस्ती में आ गई हलकी हलकी सिसकारी लेने लगी हाकिम साहब उसके दूध पिने लगे और एक हाथ उस के पेटीकोट में डाल कर उस की चूत सहलाने लगे उस औरत ने चड्डी और ब्रा नहीं पहनी थी साली को आग लगी थी रंडी चूत खोले खोले लण्ड की तलाश में घूम रही थी, और हाकिम साहब दूध छोड कर चूत पर टूट पड़े, औरत की टांगे फैला कर अपना मुँह चूत पर लगा दिया और जोर जोर से चूसने लगे थूक से उस औरत की चूत जाँघे और हाकिम साहब की खानदानी दाढ़ी भीग रहे थे ,लेकिन हाकिम साहब किसी कुत्ते की तरह चूत कहते जा रहे थे वो औरत भी सिसकिया लेने लगी दबाखाना रंडीखाना बन गया था.

लुल्ले भी खिड़की पर खड़ा खड़ा बे सबर हो रहा था उस से रहा न गया वो भी अंदर पहुंच गया और औरत के दूध पीनेलगा औरत चौकी उस ने लुल्ले के तरफ देखा लुल्ले ने मरियल कुत्ते जैसी सकल बनाई तो उस को दया आ गई उस ने फिर आँखे बंद कर ली.

और फिर मस्ती में सिसकारी लेनी लगी अब हकीम साहब चूत से मुँह हटाके उठे तो लुल्ले को देख कर कुछ कहने है वाले थे के लुल्ले ने फिर से मरियल कुत्ता फेस बना लिया,

हकीम साहब भी रहम दिल आदमी थे सो लुल्ले को छोड पैजामा उतार कर चूत पर लण्ड टिका दिया और जोर का झटका मर के पूरा लण्ड पेल दिया और औरत को चोदने लगे दो मिनिट जोर जोर से चोदने के बाद हकीम साहब झाड़ गए उन के उठते है लुल्ले ने लण्ड पेल दिया झटका पे झटका दे कर वो भी दो मिनिट में झाड़ गया.

औरत ने दोनों को लम्बा किश दिया और वही पड़े कपडे से चूत साफ़ की फिर तीनो बाहरवाले कमरे में आ गए.

चलो बेटा अब तो तुम समझ गईं हो के हम खानदानी हकीम है तुम तो महसूस कर चुकी हो एह लो तीन खुराख रोज देना सात दिन तक अपने मरद को वो भी मेरी तरह मर्द बन जाएगा.

अबे चूतिये अपनी दवा अपनी गांड में घुसा और मेरे हजार रूपए निकाल साले मेरा पति एक घंटा करता है. लेकिन कालू दो घंटा इस लिए टारे पास दवा लेनी आई थी, लेकिन साला तू तो दो मिनिट में नीकल गया तू क्या दवा देगा चल 500 के हिसाब से दो लोगो के हजार निकाल और अपनी माँ चुड़ा.

बहिन जी आप रंडियो जैसी बातें क्यों कर रही हो?
क्यों की में रंडी ही हूँ 500 पर आदमी चार्ज करती हूँ, सो तुम दोनों का मिला के हुआ हजार चल दे जल्दी से.

बेचारे खानदानी हकीम साहेब लुल्ले को ढूढ़ रहे थे लेकिन लुल्ला तो कब का भाग चुका था .

बेचारा शाही दवाखाना और बेचारे"हकीम अरमान अली साहेब" अलीगढ़ बाले खानदानी हक़ीम.
बेचारे हकीम साहेब .
 
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"हम तुझ से मुहब्बत कर के सनम, हगते भी रहे,धोते भी रहे.
पु पु भी किया सु सु भी किया ,पूछो न सनम क्या क्या न किया"

मादरचोद लुल्ले यहां हजार रूपए का चूना लग गया और तू गाना गा रहा है, और हरामी यह कौन सा गाना है, सरे दवाखाने में बदबू फैल गई, मादरचोद तेरी अम्मा की बारात में तेरे बाप ने बजाया था क्या यह गाना चुप बैठ हरामी .

"हकीम अरमान अली साहेब" अलीगढ़ बाले खानदानी हक़ीम सदमे में बैठे थे गुस्से में उबाल रहे थे ,साली एक दो कोड़ी के रंडी सात पीडियो पुराने दवाखाने में हकीम साहेब की गांड मर गई, अब हकीम साहेब सोच रहे थे की बहनकीलोडी के पास लण्ड तो था ही नहीं, फिर वो कैसे उन की गांड मर सकती है, उस के पास तो चूत थी खुद अपनी अनुभबी आखो से देखी थी हकीम साहेब ने अब भला चूत तो गांड मार ही नहीं सकती माने मेरी गांड सलामत है इज्जत सलामत है, अहा अब थोड़ा रहत मिली हकीम साहेब को.

डनलब के गद्दे पे तुझ को लिटाके, टांगो में तेरी में टांगे फसा के, चोदूगा सारी रात मत हो मेरी जा उदास .

फटाक एक जूता उड़ता हुआ आया और गाना गाते लुल्ले के सर चढे सिंगर पर लगा एक पल में लुल्ले इंडियन आइडियल से सीधा दवाखाने तसरीफ ले आया.

मादरचोद फिर गाना गया तूने साले बोनी तो हुए नहीं ऊपर से हजार का चूना लग गया यहां मेरी जान सूख रही है, और तेरे को यह बहियाद गाने याद आ रहे है.

हुजूर खामखा उस रंडी का गुस्सा इस नाचीज पर उतार रहे है, छोटा मुँह बड़ी बात हुजूर मेने थोड़ी कहा था सात पीडियो की इज्जत दार खानदानी दाढ़ी से रंडी के चूत पर झाड़ू लगाने को, आप की सात पीडियो की इज्जत का पौछा बनाके चूत तो उस रंडी ने पोछी थी, मेरा क्या कुसूर मेरे साथ कियु गरीब मारी हो रही है, गांड मराओ रंडी से और जूते मारो लुल्ले को यह तो सरासर न इंसाफ़ी है.

साले हरामी के चोदे आज बड़ी बातें बना रहा है बे मादरचोद, तुझे क्या जरुरत थी मरियल कुत्ते जैसा थोबड़ा लेकर अंदर आने की, हमेशा की तरह खिड़की से देख कर हिला नहीं सकता था, तेरे भी 500 ले गई वो हरामिन.

अरे हुजूर जब आप जैसे खानदानी अनुभबी पहुंचे हुए हकीम उस मरदूद को न पहचान सके तो मेरे जैसा गुलाम भला क्या समझता मेने भी सोचा खैरात बट रही है तू भी लूट ले लुल्ले.

मादरचोद खैरात बट रही है, साले खैरात में खाना बाटता है, कपडे बाटते है, बर्तन बाटते है, और सरकार बाँट रही हो तो लोन बाटते ही, मकान बाटते है, गैस सिलेंडर बाटते है, साले रोटी कपडा मकान बाटते है, चूतिये कभी तूने खैरात में चूत बाटते देखी है, दुनिया में सब मिल सकता है खैरात में, लेकिन चूत नहीं मिल सकती खैरात में .

हुजूर इतना अच्छा भासड़ दे दिया खैरात पर, तो हुजूर आप को क्यों याद नहीं रही यह बात क्यों बन गए चूत के चक्कर में चूतिये.

तभी कोई आता है

वो एक नया शादी सुदा जोड़ा था लड़की बीस की लड़का चौबीस का.

बीस साल का ताजी माल देख कर हकीम साहेब का कलेजा हलक में आ गया, पजामा फटते फटते बचा, जवानी के दिन याद आ गए, बड़े बुजर्गो की तरह पिछली सारी कड़बी बातें भूल कर हकीम साहेब फिर से सात पीडियो के खानदानी हकीम बन गए.

बैठो बेटा बैठो बेटा लुल्ले पानी ले कर आओ.

और बेचारा लुल्ले जिंदगी में पहली वार हकीम साहेब के मुँह से इतने मीठे बोल सुनकर हैरान हो गया, लेकिन चेला तो हकीम साहेब का था, समझ गया के हकीम साहेब हजार रूपए की बसूली इन से करने वाले है, और था तो बो भी मादरचोद बीस साल का माल देख कर उसका लण्ड भी झटके मरने लगा, लेकिन लुल्ले पैदाइशी मादरचोद था, और सोने पर सुहागा हकीम साहेब की सांगत में वो मादरचोद से बड़ा बाला महा मादरचोद बन गया था.

बाहर जाके उस ने तीन गिलासों में पानी भरा और फिर अपना रंडी की चूत से निकला लण्ड तीनो गिलासों में डाल के हिला दिया. और पानी ले जाके तीनो लोगो को दे दिया तीनो पयासे पानी पी गए,
अब लुल्ले को हकीम साहेब से तो जूते का बदला लेना था सो ठीक किया, लेकिन वो बेचारे पति पत्नी से उस की क्या दुश्मनी थी अब यह तो महा मादरचोद लुल्ले ही जाने.

बोलो बेटा बोलो क्या परेशानी है.

हकीम साहेब इन को बबासीर है टट्टी के साथ खून निकलता है . डर के मारे यह दो दिन से टट्टी करने नहीं गए टट्टी तो टट्टी यह पादते भी है तो खून के छींटे उड़ते है. आप थोड़ा चेक कर लो.

मादरचोद आज किस मनहूस की सकल देखी थी साला पत्नी की चूत के सपने देख रहा था, सोच रहा था इस की चूत का चेकअप करुगा पूरी खोल खोल कर लाल लाल चूत देखुगा, मगर यह सुगरिया कहती है की इस के पति की गांड से बहता खून देखो, हकीम साहेब का मुँह लटक गया लुल्ले भी ठंडा पड़ गया दवाखाने में मनहूसियत फैल गई, हकीम साहेब की सात पुश्ते दफा हो गई, बचे हकीम साहेब लुल्ले और वो पति पत्नी जो थोड़ी ढेर पहले हकीम साहेब को हूर नजर आ रही थी अब वो पिशाचनी नजर आ रही थी.

बेटा इस में चेकअप की कोई जरुरत नहीं यह तो बड़ी आम बीमारी है, यह दवा लो दिन में तीन बार शहद में मिला के चाट लेना सात दिन में बबासीर गायब हो जाएगी.

हकीम साहेब ने दवा की पुड़िया पकड़ा के उन को दफा किया और खानदानी दवा खाने को ताला मार लुल्ले के साथ आज के मनहूस दिन को कोसते घर को चल पड़े .
 
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वो हकीम साहेब की कबर पे चले गए मूत के.
चलो इसी बहाने हकीम साहेब को दर्शन हो गए चूत के.



तेरी माँ की चूत मादरचोद लुल्ले क्या बोल रिया है बे, वो हकीम साहेब की कबर पे चले गए मूत के.
चलो इसी बहाने हकीम साहेब को दर्शन हो गए चूत के.

तेरी माँ का भोसड़ा तेरी बहिन की चूत हरामी का जना.
साले अपने बाप की कबर पर मुतवा जाके सारे शहर की रंडियो को, कमीना मेरी कबर पर मुतवाएगा,
हरामखोर सुबह सुबह से मनहूसियत फैला रिया है, मादरचोद को दिन भर चूत ही दिखती है,
सुबह सुबह लोग खुदा का नाम लेते है, और यह हरामी लुल्ले चूत चूत चूत तेरी माँ की चूत तेरी बहिन की चूत मदरचोद ख़बरदार जो अब तूने चूत का नाम लिया तो मुझ लात मारके बाहर फेक दुगा.

तोबा तोबा हुजूर कैसी बातें करते है, हकीम साहेब में तो सात पीडियो का गुलाम हूँ आप का,
वो तो जरा रात के मुशायरे का असर बाकी था सो सेर कहने की कोशिस कर रहा था थोड़ा जवान फिसल गई, और थोड़ा आप भी गलत बक्त पर आ गए.
और हुजूर आप कैसी बातें करते है आज आप को कुछ अलग महक नहीं आ रही दबाखाने में मैंने आज मनहूसियत हटाओ गिरहाक बुलाओ अगरबत्ती जलाई है.

अबे चूतिये कभी अगरबत्ती जलाने से भी मनहूसियत हटती है. कभी अगरबत्ती जलाने से भी गिरहाक आते है.
भोसड कही का साले ऐसा होता तो, अभी तक लण्ड खड़ा करो अगरबत्ती चूत पाओ अगरबत्ती बबासीर मिटाओ अगरबत्ती, माँ बन जाओ अगरबत्ती, मनचाहा प्यार पाओ अगरबत्ती, नौकरी लग जाए अगरबत्ती,

ऐसी जाने कितनी अगरबत्ती आने लगी होती अपने दबाखाने के साथ साथ पीर फकीरो बाबाओ ने जो हजारो दुकाने खोली है सब बंद हो जाती.
हूँ साले लुल्ले तू जिंदगी भर चूतिया का चूतिया है रहेगा.

वाह वाह भाषण देना तो खूब आता है आप को हुजूर इस वार आप चुनाव क्यों नहीं लड़ लेते .अगरबत्ती पर पूरा निबंध सुना दिया और हुजूर आप जो मरदाना ताकत बढ़ाने की घोड़े की लीद से बनी गोली देते हो उस को खा कर कौन मर्द बन गया? गोबर मै अपना वीर्य और कला नमक मिलाके जो बाँझ पन दूर करने की गोली बनाते हो उस को खा कर कौन सी औरत माँ बन गई? आज तक खुद जो आप अपने सात पीडियो के खानदानी नुश्खे के नाम पर लोगो के जाने क्या क्या खिला देते हो वो कुछ नहीं, मेने जरा अगरबत्ती क्या जला दी तो कयामत आ गई .

मादरचोद लुल्ले हमारे सात पीडियो पुराने खानदानी नुश्खे का मज़ाक बनता है, मरदूद हरामखोर चल भाग यहाँ से बैठ अपनी जगह जाके, मनहूस कही का सुबह से दिमाक खराब करदेता है .
लु
ल्ले अपनी जगह जाके बैठ जाता है दवाखाने में शांति छा जाती है हकीम साहेब भी बैठे बैठे ऊंघने लगते है.

हकीम साहेब इतना मत पियो मयखाने में
के माँ चुद जाये घर जाने में.

सोते सोते हकीम साहेब को लुल्ले का यह सेर सुनाई दिया तो हकीम साहेब बेकाबू हो गए जूता उठाया और लुल्ले के पीछे भागे मादरचोद लुल्ले आज तेरी माँ चोद दूगा, साले ग़ालिब की नाजायज़ औलाद तभी दरवाजे से एक जोड़ा दबाखाने में दाखिल हुआ हकीम साहेब 40 साल की भरी पूरी 38 साइज दूधो वाली लुगाई देख कर लुल्ले की माँ को भूल गए जूता जमी पर आ गया .

आदमी 45 के लगभग होगा और वो औरत 40 की गदराई हुई गठीला शरीर 38 के दूध 36 की कमर और गांड तो कम से कम 42 की होगी हकीम साहेब की सातो पीडिया जाग गई पैजामा हिलने लगा लुल्ले की लुल्ली भी मचलने लगी.

आओ आओ बैठो बैठो फारमये क्या खिदमत करू आप की हकीम साहेब फिर से हकीम बन गए.

कुछ नहीं हकीम साहेब कोई समस्या ही नहीं है बीस साल हो गए शादी को चार बच्चे भी है वो तो दस दिन पहले इस को वो बाली फिलम दिखा दी बस यही गलती कर दी.

वो बाली फिलम दिखा दी बस यही गलती कर दी भाई हम समझ नहीं पाए आप की बात मिया बाक्या थोड़ा तफ्सीस से बयां करे.

हकीम साहेब इस ने जिंदगी में मेरे उस के सिबाय करीब से कोई दूसरा वो नहीं देखा था दस दिन पहले वो बाली फिलम देख कर इस को जाने क्या हो गया कहने लगी मेरा वो टेढ़ा है, यह बीमारी है में दस दिन से समझा समझा के थक गया यह कोई बिमारी नहीं है, सामान्य बात है इस से कुछ नहीं होता,
तो कहने लगी मैने मूतखाने में लगे शाही दबाखाने के इस्तहार में पड़ा था यह बहुत बड़ी बीमारी है, आप की जान जा सकती है,
दस दिन से खाना हराम कर दिया सारे रिश्तेदरों को बता दिया. साले अम्बानी की माँ की चूत कॉल नेट मेसेज सब फ्री कर दिया मादरचोद ने, अब तो समझ नहीं आता घर में है के ससुराल में.
दिन भर कभी भी वीडियो कॉल आ जाता है, दामाद जी कैसे हो जब तक ठीक न हो जाओ कुछ करना नहीं, धयान रखना कहीं यह बीमारी मेरी बेटी को न लग जाये, बड़े नाजो से पला है मेने अपनी बेटी को, मन तो होता है कह दू साली तो घुसा ले दुवारा अपनी चूत में अपनी बेटी को भिखमंगे साले "बड़े नाजो से पला है" मेने अपनी बेटी को" साला बीस साल से तो तेरी बेटी मेरी माँ चोद रही है तुम ने तो कभी 100 रूपए तो दिया नहीं बड़ी आई बेटी की चिंता करने वाली मेने तो खूब चोदा हे तेरी बेटी को को ले उखड़ले मेंरा लोढ़ा.

थोड़ी देर बाद साली हाजिर हो जाती है, जीजा जी कैसे हो यह कैसे हो गया, क्या ऑपरेशन करना पड़ेगा,
की दवाई से ही काम चल जाएगा, ऑपरेशन करना हो तो मेरे वो एक अच्छे डॉक्टर को जानते है.
आप रात को उन से बात कर लेना, ठीक तो हो जाओगे ना, आप को कुछ हो गया तो मेरी दीदी का क्या होगा. हु हु थोड़ा थोड़ा सुजा सा तो लग रहा है लुंगी के ऊपर से. हकीम साहेब ऐसा खून जलता है की क्या कहु,
"लुंगी के ऊपर से सुजा सुजा लगता है" बोलो बहिनकीलोडी लुंगी खोल दी ना जीजा ने तो खसम को छोड कर मेरे पास आ जाईगी चूत खोल कर,

जीना हराम हो गया ५ मिनिट भी नहीं हुए साले साहब हाजिर विथ फॅमिली .
वो बात कर रहे है उन की लुगाई पीछे से यहाँ वहाँ झक रही है, कुतिया सीधा बोल ना लण्ड देखना है,
चूत खुजा रही है टेड़ा लैंड नहीं देखा कभी बोल अभी दिखा देता हु यहाँ वहाँ क्या ताक़ झाँक कर रही है.
और साला उस का क्या कहु साला तो महाभारत काल से ही जीजा की माँ चोदने पैदा होता है और जीजा जी कैसे हो सब बढ़िया तो है कोई कष्ट तो नहीं है, जरुरत हो तो आधी रात को फोन कर देना दोढा चला अउगा. बेसे भी जिस घर में मेरी देवी जैसी बहिन रहती हो उस घर के पास तो काल भी नहीं फटक सकता.
आप चिंता मत करो मेरी बहिन के होते आप को कुछ नहीं होगा, अच्छा जीजा जी थोड़ा समय निकाल के लिखा पड़ी देख लेना क्या क्य लेना देना है, सब दीदी को बता देना और मुझ को भी वाट्सप कर देना.
आदमी के जाने के बाद लोग पैसा खा जाते है, सो भगबान आप को हजार साल की उम्र दें ,लेकिन साबधानी भी जरुरी होती है, बाकी तो आप खुद समझदार हो.
मादरचोद साले तेरी माँ बहिन बीबी सब को एक है बिस्तर पर चोद दू देखो साला पूरा ख़ानदान मेरे मरने की दुआ मांग रहा है, भगबान ऐसी मादरचोद ससुराल किसी को ना दें, इस साले को तो नरक में भी जगह नहीं मिलनी चाहिए सब कुछ फ्री तेरे फ्री ने मेरी माँ चोद दी , दस दिनों से रोज यही हो रहा है मेरे साथ. आज तो घर में खाना ही नहीं बना.
वो तो अच्छा था मूत घर में मूतते मूतते आप के पोस्टर पर नजर पड़ गई सो सीधा यहाँ आ गया इस को साथ लेकर के इस कुतिया को तसल्ली हो जाए के में अभी नहीं मरने वाला.

उस आदमी की दर्द भरी दास्ताँ सुनकर हकीम साहेब का दिल भर आया, लुल्ले की लुल्ली भी ग़मगीन होकर सिकुड़ गई, उन लोगो ने बहुत परेशान लोग देखे थे लेकिन इतना परेशान आदमी उन लोगो ने पहले कभी नहीं देखा था.
वो औरत जो माल लग रही थी माँ लगने लगी उस के पैर पड़ने का मन होने लगा आखिर वो थी है इतनी महान के जिस घर में हो वह काल भी नहीं जाता.

सो हकीम साहेब दुखी मन से भरी पलकों को समाहले उस परेशान आदमी को चेकअप रूम में ले गए थोड़ा हिला डुला कर उस के वो को चेक किया हकीम साहेब को परेशान आदमी को यह तक के लुल्ले को भी सब को पता था, परेशान आदमी का वो नहीं बल्कि उस की लुगाई का दिमाक टेड़ा था.
सब को पता था बीमारी कहाँ है सो बाहिर आके हकीम साहेब ने उस परेशान आदमी की महान पत्नी को बताया के उस का पति बिल्कुल ठीक है.

अबे लुल्ले दुनिया में तो हम से भी बड़े बड़े परेशान लोग पड़े है साला हम चूत ना मिलने की वजह से परेशान है. लेकिन जिन के पास चूत है उन की तो माँ चुदी पड़ी है, साले वो लोग तो ना जी पा रहे है ना मर पा रहे है.

चल बे लुल्ले खाना लगा दिल खुस हो गया अपने से भी बड़ा परेशान आदमी देख कर.

क्या बनाया है आज

हुजूर आज तो बड़ी जोरदार चीज बनाई है

जोरदार ऐसा क्या बना लिया बे

हुजूर खरगोस बनाया है खरगोस

अरे वह कहाँ से हाथ लग गया खरगोस

हुजूर आज सुबह खेतो में हगने गया था लौटते समय झाड़ियों में दिख गया, हाथ में पकड़ा लोटा मारा साले को बही डाला रह गया. थोड़ी जान बची थी सो बही जमीन पर पटक पटक कर कीमा बना दिया मरदूद का.
और फिर छोटे छोटे टुकड़े करके गरम मसाला और सरसो के तेल में पका लिया.

वह वह लाओ लाओ लुल्ले आज तो तूने दिल खुश कर दिया .
 
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अबे लुल्ले आज बडा चुप चुप बैठा है न गाना गा रिया है, न सेर बक रिया है, तबियत ठीक तो है तेरी मादरचोद.

हुजूर ऐसा कुछ नहीं है थोड़ी बदहजमी हो गई बस कल खरगोस ज्यादा खा लिया था सुबह से तीन बार टट्टी जा चूका हू इस लिए थोड़ी कमजोरी महसूस हो रही है .

हू तो यह बात है खरगोस मुँह से घुस कर गांड में फस गया, चल बेटा लुल्ले आज में सुनाता हू तुझे सेर .

बेटा लुल्ले मुलेजा फार्मा,

अर्ज किया है ,

सईकल चली ठुल्ले की, और माँ चुद गई लुल्ले की ,

हा हा हा हा क्यों बेटा लुल्ले कैसा लगा दाद तो दे चल एक और सुन.

बेटा लुल्ले मुलेजा फार्मा,

दीवाल पोत दो मुहल्ले की और माँ चोद दो लुल्ले की.

हा हा हा हा क्यों बेटा लुल्ले मज़ा आया मादरचोद बड़े सेर सुनाता था चल पानी लेकर आ.

आप हाकिम हो मालिक हो आप कुछ भी कह सकते हो हुजूर हम तो गुलाम है आप के.

मन है मन जलता भुजता लुल्ले गिलास में पानी भरने लगा, मादरचोद हकीम तेरी माँ चोदू, हजार कमीने मरे होंगे जब तू पैदा हुआ, साले मेरी माँ पर सायरी सुनाये गा, साले अभी बताता हू पानी पीना है मादरचोद आज ऐसा पानी पिलाता हू के तेरी सात पुस्तो ने कभी ना पिया होगा.

लुल्ले बन गया महा मादरचोद लुल्ले फिर क्या था ,

आधा गिलास पानी और आधा लुल्ले का मूत जाके पकड़ा दिया हकीम साहेब को.हकीम साहेब भी प्यासे थे सो एक साँस में गिलास खाली कर दिया.

अबे साले लुल्ले यह कैसा पानी था बडा अजीब सा खारा खारा और थोड़ा गरम सा साले कहाँ से लाया था आज पानी बिलकुल मूत जैसा लग रहा है .

हुजूर अपने बाले कुए की मोटर बंद थी इसलिए आज दूसरे कुए से लाया था .मन ही मन और सुना मेरी माँ पर सेर मादरचोद बडा हकीम बनता है पिला दिया साले को मूत उखाड ले मेरी झाट का बाल.

तभी एक 50 साल का आदमी और एक 20 साल का नौजवान जो उस आदमी का बेटा था दवाखाने में दाखिल होते है.

मनहूसियत हटाओ गिरहाक बुलाओ अगरबत्ती ने अपना कमाल दिखाना चालू कर दिया था गिरहाक हाजिर था.

हकीम साहेब शायर से फिर हकीम बन गए लुल्ले भी अपनी जगह बैठ गया,

और लुल्ले उस बीस साल के लड़के की गांड का बारीकी से जायजा लेने लगा लुल्ले नौकर था गरीब आदमी था सो बेचारे को जो भी रुखा सूखा मिलता था वो उसे से काम चला लेता था.

सो अब औरत की चूत नहीं तो लड़के की गांड ही सही,सब में सम भाव रखने वाला गरीब आदमी.

आओ आओ बैठो बैठो.

बताये जनाब क्या खिदमत करू आप की.

हकीम साहेब मेरे परेशानी ऐसी है के समझ नहीं आ रहा किस मुँह से बतायें मेरे साथ क्या गुजरी,

आप बेफिक्र होकर बताओ हम सात पीडियो के खानदानी हकीम है इंसान की हर समस्या का इलाज है हमारे पास .

हकीम साहेब मेरी गांड फट गई है .

मिया थोड़ा तो सराफत का लिहाज करो मेरी उम्र देखो आप भी 50 के लगते हो और और साथ में साहबजादे भी है बात को सही तरह से कहो गांड जैसे घटिया शब्दो का प्रयोग ना करो.

ठीक है हकीम साहेब जैसा आप कहो, तो हकीम साहेब समस्या यह है के मेरी गुदा फट गई .

अरे भाई फिर बही बात गांड और गुदा तो एक है बात है.

तो मेने कब कहा दो बात है.

मिया आप को जैसे ठीक लगे आप बेसे बताओ, लेकिन ऐसे बताओ के में कुछ समझ सकू.

हकीम साहेब समस्या यही है के मेरी गांड फट गई आप खुद देख लो देखो कितना खून निकल रहा है.

उस आदमी ने पीछे मुड़ कर अपना पिछबाड़ा हकीम साहेब के सामने किया और पैजामा सरका दिया
और गांड पर लगा कपडा हठा दिया उस आदमी की गांड सच में फ़टी थी खून बाह रहा था .

सकल से आदमी शरीफ लग रहा था लेकिन सकल से तो हकीम साहेब भी शरीफ लगते है.
दुनिया के ज़्यदातर लोग भी सकल से शरीफ है लगते है, लेकिन सराफत सकल से नहीं पता चलती आदमी की सराफत उस के कर्मो से पता चलती है, शरीफ चहरो के पीछे क्या छिपा होता है यब बात हकीम साहेब खूब जानते थे सभी की तरह वो भी तो शरीफ थे.

लुल्ले इन बातो से बेखबर लड़के की गांड की गोलाई नाप रहे थे जिस का असर उस की लुंगी में साफ़ देखा जा सकता था .

मिया गांड तो आप की पक्का फटी है और भई क्या खूब फटी है लगता है आप की गांड फाड़ने वाले ने हमारा लिंग बर्धक सीरप पिया होगा .

लेकिन यह हुआ कैसे आप थोड़ा बिस्तर से बताओ .

आप को में पूरी बात बताता हू के मेरे साथ क्या हुआ फिर आप को सब समझ आ जायेगा.

यह जो मेरे साथ बैठा है ना यह मेरा बेटा है लेकिन इस जैसा मादरचोद बेटा दुनिया में दूसरा नहीं होगा .

यह बात सुन कर हकीम साहेब और लुल्ले दोनों चौक गए और सोचने लगे यह आदमी पागल है साला अपने खुद के मासूम से बच्चे को मादरचोद बोल रहा है बेचारा कितना सीधा सदा पड़ा लिखा शरीफ बच्चा है खुद तो इस उम्र में जाने कहा से गांड मराके आया है और अब हमारा दिमाक कहा रहा है बडा ही मादरचोद बाप है .

इसी मादरचोद ने मेरी गांड फड़ी है.

ह बात सुन कर तो हकीम साहेब के तोते उड़ गए और लुल्ले लुल्ले की लुंगी में हलचल रिटर्न हो गई माने अभी लुंगी आगे से उठ रही थी अब पीछे से गांड में घुसने लगी उस लड़के की गांड की गोलाई छोड़ लुल्ले को अपनी गांड की फ़िक्र होने लगी.

लेकिन यह हुआ कैसे आप थोड़ा बिस्तर से बताओ .

हकीम साहेब कल संडे था और में हर संडे को दारू पीकर अपनी पत्नी की चुदाई करता हु कल भी मैने दारू पी और चुदाई करके 9 बजे सो गया रात को 12 बजे लगभग किसी की चीख सुनकर मेरी नींद खुली.
में उठा मेरी पत्नी भी कमरे में नहीं थी तभी हलकी सी चीख फिर सुनाई दी में बहार निकला तभी मुझे अपनी पत्नी के हॅसने की आवाज आई वो आवाज़ इस मादरचोद के कमरे से आ रही थी मेरी समझ नहीं आया इतनी सुबह यह माँ बेटे किस बात पर हस रहे है देखने के लिए जब में इस के कमरे के पास पंहुचा तो देखा आधा दरवाजा खुला था और सामने जो हो रहा था उसे देख कर मेरे होश उड़ गए
यह दोनों माँ बेटे नंगे थे और दारू पी रहे थे सामने कंप्यूटर चल रहा था मेरी सति साबित्री पत्नी 45 साल की उम्र में अपने बीस साल के बेटे के साथ नंगी होकर दरू पी रही थी यह देख कर मुझे भी गर्मी चढ़ने लगी मने जिंदगी में बहुत चुदाई की बहुत रंडी चोदे बहुत नंगी फिल्मे देखी लेकिन इतनी गर्मी कभी नहीं चढ़ी में जल्दी से अपने कमरे में गया और दारू की बोतल उठा लाया और दारू पीते पीते इन दोनों को देखने लगा इन की बातें सुनने लगा.

बेटा वो कहानी लगाओ जिस में बेटा अपने दोस्तों से माँ को चुदबाता है.

ओहो तो अब मम्मी की नजर मेरे दोस्तों पर है

नहीं रे तू तो जनता है है मुझ को चुदाई की कहानी पड़ने का कितना शौक है जब तक 15-20 कहानी ना पढ़ लू टट्टी नहीं उतरती.

सही कहा मम्मी चुदाई से तो जयादा मज़ा चुदाई की कहानिया पड़ने में आता है और हम दोनों भी तो
" रिस्तो में चुदाई की कहानिया" पढ़कर एक दूसरे पर गन्दी नज़र रखने लगे थे और हम दोनों ही क्यों हमारे जैसे लाखो माँ बेटा भाई बहिन कहानिया पढ़ कर ही तो हिम्मत करते है आगे बढ़ने की अपनी माँ बहनो को चोदने की हम को इन महान लेखकों का आभारी होना चाहिए .

हां बेटे बिल्कुल सही कहा चलो अब कहानी पड़ो
दोनों नंगे होकर चिपक कर चुदाई की कहानिया पड़ते रहो दारू पीते पीते.

एक घण्टे तक कहानिया पड़ते दारू पीते एक दूसरे के नंगे जिस्मो से खेलते वो लोग चुदाई करने लगे.
इस ने 30 मिनिट तक अपनी माँ को जोर जोर से चोदा इस की माँ ने भी टांगे उछाल उछाल कर खूब मज़े लिए फिर इस का हो गया यह बाथरूम चला गया.
इन की चुदाई देख कर मेरा भी बुरा हाल था मेरी पत्नी चूत खोले सामने पड़ी थी में चुप चाप गया और लाइट बंद कर के पत्नी पर चढ़ गया और उसे चोदने लगा में काफी जोस में था इसलिए जल्दी छूट गया और हाफने लगा तभी तभी मुझे अपनी गांड पर कुछ महसूस हुआ और तभी लगा किसी ने मेरी गांड में तलवार गुसा दी हो ,और तभी किसी ने मेरा मुँह बंद कर दिया में बेहोस हो गया और आधे घंटे तक मेरी गांड मरती रही खून बहता रहा सुबह १० बजे जब नींद खुली तो देखा मेरी पत्नी और यह दोनों खड़े थे और मुझ को देख कर हास् रहे थे.

तब पहली बार वो मासूम बच्चा बोला .

तो पापा गलती आप की है आप ने लाइट बंद क्यों की मैंने तो समझा मम्मी है.
में गे थोड़ी हू जो आप जैसे बूढ़ो की गांड मरता फिरू अब आप चुप हो जाओ और हकीम साहेब से अपनी गांड सिलवाओ .

हकीम साहेब और लुल्ले दोनों की गांड फट गई उन की कहानी सुन कर खुद को मादरचोद समझने वालो को समझ आ गया दुनिया में महा महा मादरचोद भी है .

जिस लड़के को हकीम साहेब पड़ा लिखा शरीफ मासूम बच्चा समझ रहे थे वो असली मादरचोद था.
समाज में शरीफ चहरो के पीछे कितने खौफनाक दरिंदे होते है जो दिखते तो मासूम है लेकिन होते मादरचोद है.

जैसे तैसे फटी गांड सिल कर हकीम साहेब ने उन को दफा किया

क्यों बे लुल्ले दुनिया में ऐसा भी होता है

अब हकीम साहेब मानना तो पड़ेगा ही जो हुआ सब अपने सामने ही हुआ
 
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मनहूसियत भगाओ गिरहाक बुलाओ अगरबत्ती से दबाखाना महक रहा था हकीम साहेब अखवार पर रहे थे लुल्ले अपने स्टूल पर बैठा था

लुल्ले बैठा पेड़ पर अपना लण्ड लटकाये
जोन को जितना चाहिए काट काट ले जाये .

अबे मादरचोद यह क्या था बे, लुल्ले बैठा पेड़ पर अपना लण्ड लटकाये, जोन को जितना चाहिए काट काट ले जाये .
साले हिजड़ो के ख़ानदान की पैदाइस तेरी सात पीडयो के बच्चे दवा और दुआ से पैदा हुए है.
तेरे खानदान में तेरी सात पुस्तो के लण्ड नहीं हुआ तेरे पास कहा से आ गया और बो भी इतना बड़ा.

हुजूर मेने तो बस सेर कहा था आप तो ऐसे भड़क गए जैसे मैने आप की गांड में हाथी का लण्ड घुसा दिया हो,
मेरी सात पीडियो की माँ बहिन कर दी .

मादरचोद यह सेर था भोसड़ीवाले तेरी माँ का सेर मारु कितनी वार कहा है, सुबह सुबह लण्ड चूत की बात मत किया कर.
अगरबत्ती जल रही है रूहानी माहौल हो रिया है दवाखाने में फ़रिश्ते टहल रहे है.
और तूने लण्ड लटका दिया बेटा लुल्ले हर बात का वख्त होता है कायदा होता है बेटा हम खानदानी लोग है तमीजो तहजीब मत भुला कर.

बेटा हम से नहीं तो हमारे पडोसी मुल्क वालो से कुछ सीखो, देख आज क्या मस्त खबर आई है अखवार में.

हमारा पडोसी मुल्क तमीजो तहजीब के मामले में हमलोगो से बहुत आगे है, उन लोगो की दाढ़ी भी हम लोगो से चार गुना ज्यादा बड़ी होती है, और उन के पास एक अनोखी चीज और है बेटा लुल्ले, वो है उनका नाम " पाक "
इस का सीधा सा मतलब होता है, हम पाक है बाकि सब "ना पाक" और हम हिंदुस्तानी तो निहायती "ना पाक",
अमरीका वालो के मामले में उन का मानना है, अमरीकन "पाक" है जिस में "ना" सायलेंट है, भाई जूते पहना आदमी है डरना चाहिए क्या पता कब घालने लगे.और मेने सुना है अमरीकन जूतों की मार से दर्द भी थोड़ा ज्यादा होता है और सूजन भी लम्बे समय तक रहती है

उन की वो जाने लेकिन सच तो सच होता है, क्रिकेट हो या जंग हो या नाम नाम का खेल,
बखुदा परचमे हिन्द सब से ऊंचा था सब से ऊंचा है और रहती दुनिया तक सब से ऊंचा रहेगा.

सो इस नाम नाम के खेल में हमने भी अपने मोहरे सजा दिए

हमारे गली वाले भंगी का क्या नाम है बे लुल्ले.
हुजूर शाहजहां

हर शनिबार को जो भिकारी भीख मांगने आता है उस का क्या नाम है .
हुजूर शहंशाह

बेटा लुल्ले वो जो गोबर के कंडे बनता है उस का क्या नाम है.
हुजूर किलेदार

तो साहब नाम मै क्या रखा है चर्चे तो काम के होते है,

हकीम साहेब आप की माँ चुद गई हो तो जरा खबर ही सुना दो , कितनी वार कहा हाकिम गिरी छोड़ कर नेता गिरी करने लगो, हर बात में भाषण देना जरुरी होता है,

चुप बे मादरचोद चल खबर सुन,

पडोसी मुल्क के सहरे लाहौर में जानना चौक के पास बाली हिजड़ा गली में तमीजो तहजीब से बाबस्ता एक अजब बकया हुआ.
उस गली में एक घर जिस में मियां सुल्ले खान चंगेजी अपनी बेगम और बेटे तरबेज खान चंगेजी उर्फ़ गिज्जू और बहु के साथ रहते थे.

काफी बड़ा घर था काफी फैला हुआ कारोबार था तमीजो तहजीब बाले मजहबी लोग थे .

आह बेगम चूत तो आज बड़ी टाइट लग रही है लण्ड फसा फसा जा रहा है, थोड़ा टांगे तो और फैलाओ आ आ अब ठीक है है पूरा घुस गया औ आ जान पुरे दो महीने बाद मिली है तेरी चूत सुल्ले जोर जोर से चोदने लगा बेगम भी मस्ती में आ गई थी वो भी सिसकिया भरती गांड उछालती जा रही थी बेगम की चूत पनिया गई थी सुल्ले का कला कला लण्ड बेगम की लाल लाल चूत को चीरे जा रहा था.

दूसरे कमरे में उन का बेटा गिज्जू अपनी बेगम को चोद रहा था ले मेरी जान पूरा ले लो आ आ क्या मस्त चूत है तेरी गिज्जू का लण्ड बेगम की चूत के पानी से भीग गया था लण्ड चूत के मिलान से उन लोगो के सरीरों में वासना का करंट दौड़ रहा था कमरा सिसकियों और आहों से गूंज रहा था चुदाई का नशा दुनिया का सब से जल्दी चढ़ने वाला नशा वो उन दोनों पर चढ़ा हुआ था, गिज्जू बेरहमी से दूध दबा दबा कर लण्ड पेले जा रहा था,
बेगम मेरी जान में फारिख होने वाला हू आ आआ जानू समालो मुझे अपने जिस्म में आ जानू निकला मेरा लो लो आ आ जोरका जतका मारके गिज्जू ने पूरा लण्ड बेगम की चूत में पेल दिया और बेगम की बच्चेदानी को अपने लण्ड के माल से भर दिया लण्ड के पानी की पिचकारी पड़ते ही बेगम की चूत भी छूट पड़ी उस से भी पानी छोड दिया दोनों एक दूसरे को दबोचे निढाल होकर एक दूसरे से चिपक गए.

वह सुल्लू भी अपने आखरी मुकाम पर था ले मेरी जान ले अपनी चूत में मेरे लण्ड का माल आ आआ वो भी बेगम की चूत में झड़ने लगा और बेगम भी उस को भींच कर अपनी चूत का पानी उस के लण्ड के पानी से मिलाने लगी दोनों एक दूसरे को जकड़े मदहोशी में डूब कर काम अग्नि के आखरी मुकाम का आनंद लेने लगे.

यह कब हुआ कैसे हुआ बेगम जब तुम को पता था तो तुम ने मुझे बताया क्यों नहीं.

कैसे बतात्ती हम तमीजो तहजीब बाले खानदानी लोग है बचपन से यही सीखा है हम ने आप से ऐसी बातें कहना तमीजो तहजीब के खिलाफ है.

तमीजो तहजीब अपनी गांड में घुसा के तुम पूरी बात बताओ सुरु कब से हुआ यह सब.

पांच महीने पहले उस दिन जब लाइट नहीं थी हम सब लोग छत पर सो रहे थे रात को आप और गुज्जु गुसल को उठे और लौटकर आके आप गुज्जु के बिस्तर में गुज्जु की बेगम के साथ सो गए और गुज्जु मेरे पास आ गया,फिर आप दोनों ने हम दोनों के साथ कर लिया, हम दोनों एक दूसरे की आखो में देखते चुप चाप लेटे थे क्यों की मर्दो को रोकना टोकना तमीजो तहजीब के खिलाफ है, बस उस दिन के बाद जब भी हम दोनों का मन होता हम दोनों पार्टनर बदल लिया करते,
वो तो आज जाने कैसे बहु का हिजाब सरक गया और आप ने उस का चेहरा देख लिया और नंगे दौड़ कर गुज्जु के कमरे में आके मेरा हिजाब उतार दिया.
लेकिन आप ने गलत किया औरत का हिजाब उतरना उस को बे हिजाब करना तमीजो तहजीब के खिलाफ है आप लोगो ने ही तो बनाया है यह तमीजो तहजीब के सेक्स भी हिजाब पहन कर करो औरत को कभी भी मर्दो के सामने बे हिजाब नहीं होना चाहिए.

हकीम साहेब लेकिन कुछ गलती तो हमारी भी है.

बता बेटा लुल्ले तू भी अपनी कहले यह तो हिंदुस्तान है यह कोई भी कुछ भी कह सकता है तू भी निकले अपने अरमा बता भाई हम हिन्दुस्तानियो ने क्या गलती कर दी.

हुजूर वो "सनी पाजी" वहां से "सकीना बजी" को नहीं उठा लाये थे सोलह साल पहले, और तो और जानते थे वहाँ पानी की कितनी कमी है फिर भी उनका का हेडपम्प उखड लाये थे. गुस्ताखी माफ़ हो हुजूर नया जमाना है कोई कानून नाम की चिड़िया भी होती होती है यहाँ .कोई महाभारत का जमाना तो है नहीं शूरवीर घोड़े पर बैठे और हरण कर लाये .

अबे लुल्ले तू तो बड़ा ज्ञानी है सेरो सायरी के साथ इतिहास का भी ज्ञान रखता है.वह वह क्या बात कही क्या खूब याद दिलाया.

तो बेटा लुल्ले" सकीना "बाजी के बदले आठ साल पहले हम लोगो ने अपनी गलती मानते हुए " सानिया बाजी" दे दी थी. अब रही बात हेडपम्प की तो भाई एक के बदले चार ले लो

अब इतना छोटा दिल भी मत रखो के
एक हेडपम्प की खातिर दुश्मन बने बैठे हो .
 
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हकीम साहेब अपनी खानदानी कुर्सी पर बैठे अख़बार पड़ रहे है हालाते हिन्द से रुबरु हो रहे है.


शाही दवाखाना मनहूसियत भगाओ गिरहाक बुलाओ अगरबत्ती से महक रहा है चारो तरफ फ़रिश्तो की रूहे टहल रही है वहाँ लुल्ले अपने खानदानी स्टूल पर बैठा आसमान देख रहा है सायद कोई हूर दिख जाये उम्मीद पर दुनिया कायम है और लुल्ले भी उम्मीद का दामन थामे आस लगाए बैठा है.

ऊपर बाले ने सायद लुल्ले की सदा सुन ली एक शादी सुदा जोड़ा दवाखाने में दाखिल होता है.
आदमी २८ साल का था और औरत २६ साल की ना ना वो औरत नहीं थी हूर थी लाल साड़ी पहने मानो कोई दुल्हन सुहाग सेज से उठ कर सीधा दवाखाने आ गई हो और उस आदमी को देख कर बच्चा भी बतादेता की कोई अनुकम्पा से भर्ती हुआ सरकारी नौकर है बाप की असमय मौत ने सरकारी नौकरी और हूर की चूत दोनों दिला दी नहीं तो हिंदुस्तान में हूर की चूत तो धोके धड़ाके मिल भी सकती है लेकिन सरकारी नौकरी तो मिया अच्छे अच्छो को नसीब नहीं होती ऊपर वाला ऐसा बाप सब को दे

आओ आओ बैठो बैठो तसरीफ रखो.
दोनों मिया बीबी बैठ गए और एक दूसरे को देखने लगे मानो कह रहे हो क़े कौन बात सुरु करेगा.

बोलो बोलो शरमाओ मत जो भी परेशानी हो खुल कर वताओ आप लोग बिलकुल सही जगह आये हो हम सात पीडियो क़े खानदानी हकीम है दुनिया की सारी परेशानियो का हल हमारे पास है.

हकीम साहेब हम लोग बहुत परेशान है हमारी शादी को पांच साल हो गए लेकिन हमारे बच्चा नहीं हो रहा बहुत इलाज करवाया सारे पीर फकीरो से मिल्लीये सब जतन कर लिया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ सभी नाते रिस्तेदार पीठ पीछे मुझे नामर्द कहते है मुँह लगे दोस्त तो यह तक कहने लगे भाई एक मौका हम को भी देकर देखो आखिर दोस्त ही तो दोस्तों क़े काम आता है हकीम साहेब जाने क्या क्या ताने सुनने पड़ते है अब तो बस आप से ही उम्मीद है.

उस आदमी की यह बात सुनकर लुल्ले की लुल्ली भागड़ा करने लगी वो समझ गया क़े बच्चा हो ना हो लेकिन आज इस की लुगाई जरूर चुद जायेगी, क्या भोसड आदमी है हकीम साहेब तो खुद बे औलाद है चालीस साल में चूहा पैदा ना कर सके बच्चा क्या पैदा करेगे.

वहाँ हकीम साहेब भी अपना पेजमा सम्हल ने लगे उन्होंने जिंदगी में खूब चुदाया की थी लेकिन इतना बढ़िया माल आज तक नहीं चोदा था उन का लण्ड बेकाबू होने लगा बड़ी मुश्किल से खुदपर काबू किया और बोले.

अरे बस इतनी सी बात क़े लिए परेशान हो आप अरे मिया समझो बच्चा हो गया खुशियाँ मनाओ, पटाखे फोड़ो ,
मिठाइयां बाटो, खामोखा तुम लोगो ने यहां आने की जहमत उठाई अरे एक फोन कर दिया होता, मिया हम सात पीडियो क़े खानदानी हकीम है बच्चा तो हम फोन पर भी पैदा कर देते है ,अमरीका लन्दन तक से फोन आते है ,लन्दन के अग्रेजो बच्चों को गौर से देखोगे तो समझ जाओगे क़े हमारा ज़हूर तो सात समंदर पार तक फैला है हजारो बच्चे पैदा कर दिए हमने.

यह बात सुन कर लुल्ले मन भी मन कहता है कितना बड़ा मादरचोद है यह हकीम बोलो फोन पर बच्चा पैदा कर देता है, अमरीका लन्दन तक क़े लोग इससे बच्चे पैदा कराते है, हजार सूअर मरे होंगे जब यह हरामी पैदा हुआ होगा यह साला चूत से नहीं गांड से पैदा हुआ होगा.बेटा अपना भला चाहता है तो अपनी लुगाई उठा क़े भाग ले नहीं तो आज यह नहीं बचने वाली.

बो बेचारे सीधे सादे लोग महा मादरचोद हक़ीम की बात सुनकर उन को बड़ी खुसी हुई लगा जैसे बस अभी हक़ीम साहेब लुगाई की चड्डी में हाथ डालेगे और बच्चा निकाल कर पकड़ा देंगे दोनों बहुत खुश हो गए खुश होना भी चाहिए बाप बनने से बड़ी खुशी भला क्या होगी उस को लगा क़े वो ना मर्द से मर्द बन गया.

हक़ीम साहेब आप महान हो जैसा सुना था आप तो उस से भी ज्यादा बड़े हकीम हो बस अब जल्दी से बताओ बच्चा कैसे होगा कौन सी दवा खानी होगी किस दिन उपबास रखना होगा कहाँ घंटा चढ़ाना होगा कहाँ चादर चढ़ानी होगी ताबीज मुझे पहनना होगा क़े मरी पत्नी को जल्दी बताओ हकीम साहेब मुझ से सबर नहीं हो रहा.

अरे अरे बरखुरदार ज्यादा उताबले मत हो जब से दुनिया बनी है बच्चा पैदा करने का केबल और केबल एक ही तरीका है, "चुदाई "
भला उपवास रखने ताबीज पहनने से बच्चा पैदा होने का क्या ताल्लुक, मिया पड़े लिखे लगते हो दिमाक चलाया करो जब यही सब बातों को मानना था तो पढ़ाई क्यों की पढ़े लिखे लोग अंधबिस्वास की बात करते है तो बड़ा दुःख होता है सुनकर .
जरा चलो अंदर वाले कमरे में चेकअप करते है देखते है समस्या कहाँ है .

अंदरवाला कमरा चेकअप रूम जिस में एक बड़ा तखत बिछा है दो कुर्सी पड़ी है एक खिड़की है जो लुल्ले खिड़की क़े नाम से जानी जाती है उस खिड़की से लुल्ले चेकअप रूम में होने वाली गतिबिधियाँ देखता रहता है.

हूँ तो तुम दोनों मुझे खुल क़े बताओ क़े तुम लोग चुदाई कैसे करते हो देखो शर्माना नहीं तुम लोग जितना खुल क़े बताओगे उतना है अच्छा इलाज होगा हक़ीम और बकील से सब साफ़ साफ़ कह्देना चाहिए .

हकीम साहेब हम चूत में लण्ड डाल कर अंदर बहार करते है.

नहीं जी आप भूल रहे हो पहले आप मरी चूत चाटते हो फिर में आप का लण्ड चूसती हु फिर हम दोनों 69 करते है उस क़े बाद आप लण्ड मेरी चूत में डालते हो .

अरे बही बात है लण्ड चूत चूसने बाली बात बच्चा पैदा करने में नहीं आती
क्यों नहीं आती आप में यही खराबी है आप बात को समझते नहीं हो जब हकीम साहेब ने कहाँ सब कुछ साफ़ साफ़ खुल कर बताओ तो फिर सब खुल कर ही बताओ ना.
ठीक है ठीक है बताता हु तो हकीम साहेब सब से पहले में इस को किश करता हु फिर दूध दवाता हु फिर हमदोनो पुरे नंगे हो जाते है फिर में इस की चूत चाटता हु फिर में अपना लण्ड इस क़े मुँह में डाल कर इस का मुँह चोदता हु,
फिर हम ६९ होकर एक दूसरे का लण्ड चूत चाटते है फिर में लण्ड इस की चूत में डाल कर चुदाई करते है .

उस की यह बात सुनकर हकीम साहेब का लण्ड पजामा फाड़ने लगता है वहाँ खिड़की पर खड़ा लुल्ले लुंगी से अपना लण्ड निकल कर सहलाने लगता है .

हु हु बरखुरदार तुम ऐसा करो जैसे कह रहे हो बेसा कर क़े दिखाओ क्या है बेटा कहने मै और करने में फर्क होता है तुम जब मेरे सामने करोगे तो मुझे ठीक से समझ आएगा क़े समस्या की जड़ कहाँ है.

लेकिन हकीम साहेब आप क़े सामने कैसे होगा में तो सायद कर ही लू लेकिन यह आप क़े सामने कैसे नंगी होगी नहीं हकीम साहेब यह नहीं हो पाएगा.

क्यों नहीं हो पाएगा हकीम साहेब क़े सामने में क्यों नंगी नहीं हो सकती, जब हम घर पर चुदाई करते है तो तुम्हारी माँ चूत में ऊगली करते करते नहीं देखती, छुप छुप कर ,तब तो तुम कहते हो देखने दो ,माँ को देखने में क्या जाता है, बेचारी कुछ कर तो सकती नहीं, देख कर ही ऊगली करती है, करने दो हमारा क्या जा रहा है, जब में माँ क़े सामने चुदवा सकती हु ,फिर हकीम साहेब क़े सामने क्यों नहीं, हा तुम्हारा खड़ा ना हो वो अलग बात है.
मेरा क्यों नहीं खड़ा होगा में क्या नामर्द हु साली में तो तेरे लिए ही बोल रहा था चल हो जा नंगी अभी चोदता हु तुझे.

वो दोनों पति पत्नी कपडे निकल कर नंगे हो गए उस खूबरूरत 26 साल की गदराई औरत को नंगा देख हक़ीम साहेब और लुल्ले की हालत ख़राब हो गई अब तो हक़ीम साहेब भी अपना लण्ड मसलने लगे.

वो दोनों एक दूसरे को चूमे चाटने लगे पति अपनी पत्नी के ऊपर चढ़ गया और उस क़े दूध पीने लगा, पत्नी भी गरम होने लगी किसी दूसरे मर्द क़े सामने चुदने क़े ख्याल से वो बहुत गरम हो गई, उस की आखे वासना से लाल हो गई उस का पति अब उस क़े टाँगों को खोल कर उस की रानो को चाट रहा था, पति को भी नशा चढ़ रहा था रानो पर लगा पसीना चाट कर वो मदहोस होता जा रहा था, तभी उस ने अपनी जीव अपनी पत्नी की चूत में डाल दी, पत्नी मानो आसमान में उड़ने लगी उस की नजर हीम साहेब पर पड़ी तो देखा क़े हकीम साहेब वासना से तपते हुए अपना लण्ड हिला रहे है, उन का खड़ा लण्ड देख कर पत्नी और कामुक हो गई अधखुली आखो से हकीम साहेब का खड़ा लण्ड देखती वो गरम होकर अपने दूध दवाने लगी वो सिसकने लगी, पति भी पत्नी की चूत से बहता चूत रास पीकर कामुकता की आग में जलने लगा वो जोर जोर से अपनी पत्नी की चूत पीने लगा तभी उस ने पत्नी की टांगो को और फैला कर अपना मुँह उस की गांड की छेद पर रख दिया, और अपनी जीव से गांड का छेद कुरेदने लगा हकीम साहेब लण्ड पकडे पास आके खड़े हो गए और चूत का थूक से भिड़ा लाल लाल छेद गोर से देखने लगे, और अपना लण्ड हिलने लगे ,गांड चाट ते चाट ते पति का सबर टूटने लगा और वो उठ कर पत्नी की मुँह की पास पंहुचा और अपना लण्ड उस की मुँह में डाल दिया, पत्नी ने मुँह खोल कर लण्ड का सूपड़ा मुँह में लिया और एक हाथ से उस की अंडो को सहलाने लगी पति ने उस का सर पकड़ा और लण्ड से मुँह चोदने लगा, सामने चल रही चुदाई देख कर लुल्ले से रहा नहीं गया और उस ने दीवाल पर माल की पिचकारी उड़ाना सुरु कर दी 26 साल की औरत का नशीला जिस्म और लाल लाल चूत देख कर वो जल्दी छूट गया हकीम साहेब भी बा मुश्किल खुद पर काबू रखे दीवानो की तरह उस की चूत और गांड देख रहे थे.
अब उस का पति मुँह से लण्ड निकल कर उस की चूत पर लण्ड रगड़ने लगा, वो औरत जल बिन मछली जैसे तडपने लगी अपना सर इधर उधर पटकने लगी आ आ आआ उ उ उ की आवाजों से पूरा कमरा गूज रहा था, पति ने झटका मारा और आधा लण्ड चूत में पेल दिया दूसरे झटके में पूरा लण्ड पेल कर वो पत्नी की ऊपर चढ़ गया और अपनी जीव उस की मुँह में डाल कर पूरा मुँह चाटने लगा, धीरे धीरे उस की झटको की रफ़्तार तेज़ होने लगी और साथ साथ सिसकिया भी बढ़ने लगी दोनों पति पत्नी भूल गए थे की कमरे में और कोई भी है, वो दोनों तो आसमान में उड़ रहे थे दोनों का चेहरा थूक और पसीने से भिड़ा हुआ था, सिसकिया अब चीखो में बदल गई थी जोर जोर की झटको से पूरा तखत हिल रहा था, आखिर पति ने आखरी झटका मारा और लण्ड क़े माल से पत्नी की बच्चादानी भर दी, पत्नी की चूत भी लण्ड क़े माल की गर्मी से पिछलने लगी और चूत ने बही अपना पानी लण्ड क़े पानी में मिला दिया दोनों ने एक दूसरे को कस कर जकड़ लिया और हाफने लगे चुदाई का तूफान थम चूका था, दोनों सन्तुत हो चुके थे,
लेकिन इस दुनिया का क्या करे यहां कोई अपने दुख से दुखी नहीं, सब लोग दूसरों क़े सुख से दुखी है ,
सो उन की यह सुख यह संतुस्टी हकीम साहेब और लुल्ले क़े जलन का कारण थी उन दोनों क़े लण्ड फाटे जा रहे थे दोनों अपने अपने लड़ पकडे यह सोच रहे थे क़े कैसे उस औरत को चोदा जाये.

दोनों पति पत्नी अब सम्हल चुके थे पत्नी अपनी चूत पूच रही थी और पति हकीम साहेब से बोला.
हकीम साहेब अब बताइये कहाँ कमी है हम लोगो में क्यों हमारे बच्चा नहीं हो रहा.
हकीम साहेब जैसे सपनो से जागे.
हु हु बरखुर दार कोई बड़ी बात नहीं है मामूली बात है क्या है ना तुम्हारा लण्ड थोड़ा तिरछा जा रहा था चूत में वाये तरफ ज्यादा जुख रहा था उस की बजह से तुम्हारा माल बच्चेदानी तक नहीं पहुंच पा रहा है.

में आप की बात समझा नहीं हकीम साहेब कैसे तिरछा जा रहा है?
बेचारा पति अनुकम्पा नियुक्ति ना हुई होती बाप समय पर ना मारा होता तो साला मुठ मार रहा होता रिक्सा चला रहा होता आम हिंदुस्तानी नोजवानो जैसे कोई चुदाई की कहानी पड़ कर किसी नाली किनारे किसी बाथरूम में लण्ड हिला रहा होता,
लेकिन भाग्य तो भाग्य है गधो को भी हूर मिल जाती है चूत तो भाग्य से मिल सकती है,
लेकिन बुद्धि भाग्य से नहीं मिलती वो तो ज्ञान और अनुभब से ही मिलती है, और बुद्धि थी उस औरत क़े पास वो समझ गई क़े हकीम साहेब उस को चोदना चाहते है ,और आज कल की औरते गोलगपे तो छोड़ती नहीं लण्ड क्या छोड़ेगी,
उस क़े मन में लड्डू फूटने लगे चूत फिर अंगड़ाई लेने लगी आज पहली वार उसे अपने पति क़े चूतिया होने की खुशी हुई ऊपर बाला ऐसा चूतिया पति सब को दे,
अब में समझा तो सकता हु लेकिन उस क़े लिए मुझे अपना लण्ड तुम्हारी पत्नी की चूत में डालना होगा तभी तो तुम को समझ आएगा तुम खुद का लण्ड डालोगे तो कैसे देख पाओगे क़े लण्ड तिरछा जा रहा है,
बात तो आप की सही है हकीम साहेब ठीक है बच्चे क़े लिए में यह भी कर लूगा आप डालो मेरी पत्नी की चूत में लण्ड में दखता हु क़े बच्चा पैदा करने क़े लिए चूत में कैसे लण्ड डाला जाता है ,

यह बात सुन कर हकीम साहेब की बाहें खिल गई लण्ड फौलाद बन गया लेकिन तभी उस को लुल्ले का ख्याल आया बेचारा सात पीडियो से खिदमत कर रहा है आखिर क्यों ना उस का भी भला कर दिया जाये कौन सी अपनी लुगाई है, चुदवा दो साली को लुल्ले से भी दो लोगो से चुद लेगी तो पक्की रंडी बन जायेगी अपना क्या जाता है कौन सी अपनी लुगाई है, बेचारा लुल्लेकितनी खिदमत करता है दुआ ही देगा
लेकिन तुम ने इस की चूत में जो माल छोडा है उस की वजह से चूत गीली हो गई है, लण्ड फिसलने का खतरा है तो पहले चूत में से माल निकलना होगा और वो माल मेरा नौकर निकलता है इस लिए उस को भी बुलाना होगा आप को कोई एतराज तो नहीं बरखुरदार
आप को जिस को भी बुलाना है बुलालो हकीम साहेब मुझे कोई एतराज नहीं लेकिन बच्चा होना चाहिए.

हा हा बिल्कुल बिल्कुल यह हमारी गारंटी है आप को बच्चा जरूर होगा हकीम साहेब क़े बात सुनकर जिंदगी में पहली बार लुल्ले को हकीम साहेब फरिस्ते लगने लगे ,

वह उस औरत की मदहोशी और बड़ गई उसे मोबाईल पर देखी सनी लियोनी की ग्रुप चुदाई की मूवी याद आगई दो लोगो से एक साथ चुदने की बात सोच कर उस की चूत पानी छोड़ने लगी वो खुद को सनी लियोनी समझने लगी आखिर सनी का पति ही तो उस की मूवी का डारेक्टर होता है यह भी उस औरत का पति ही तो उस को चुद्वा रहा था,

अब यह आलम था लुल्ली किसी भूखे कुत्ते की तरह उस औरत की चूत कहते जा रहा था और हकीम साहेब उस औरत को अपना खानदानी लण्ड पिला रहे थे और पति खड़ा खड़ा देख रहा था,

वो औरत फुल मस्ती में आ चुकी थी और बड़े प्यार से हकीम साहेब का लण्ड चूसे जा रही थी, लुल्ले भी उस की पूरी टांगे फैला कर अपनी जीव से चूत की गहराइयाँ नाप रहा था चूत से निकलता पति पत्नी का माल का कसेला स्वाद और खुसबू से लुल्ले का लण्ड फूल गया था, इतनी हसीं औरत की लाल लाल चूत लुल्ले पहलीवार चाट रहा था, हकीम साहेब भी बेदर्दी से उस औरत का मुँह चोदे जा रहे थे उस का पति अपनी पत्नी को दो लोगो के साथ सेक्स करते देख उतेजित होने लगा, बो भी अपना लण्ड मसलने लगा सभी लोग वासना की खुमारी में डूब गए थे अब हकीम साहेब लुल्ले को हटा के उस औरत पर चढ़ गए, और उस की चूत में लण्ड पेल दिया लुल्ले जाके उस का मुँह चोदने लगा हकीम साहेब तो पुराने पापी थे एक बेहद हसीन और जवान और की चूत में लण्ड डालकर ही समझ गए की औरत भी मज़े लेना चाहती है, सो वो भी जोर जोर से झटके पर झटका मरने लगे औरत भी दोनों पैर फैला के हकीम साहेब का लण्ड खा रही थी ,और उस का पति भी वासना की आज में जलने लगा अपनी पत्नी को किसी और से चुदते देखने का एक अलग ही नशा होता है, वो नशा उस पर चढ़ने लगा जिंदगी में पहली वार उस का लण्ड इतना फूल गया था उस की सांसे तेज़ चलने लगी चारो लोग सिसकारियां भर रहे थे तभी लुल्ले के लण्ड से माल निकल पड़ा लुल्ले ने पूरा लण्ड उस औरत के मुँह में पेल दिया, और उस के गले में लण्ड के माल की पिचकारी छोड़ दी उस औरत की आँखे बंद हो गई उन ने जिंदगी में पहली वार लण्ड का माल खाया है, वो पागलो की तरह लुल्ले का लण्ड पिने लगी लुल्ले की गोटिया उस के मुँह पर थी और लण्ड गले में कुछ माल उस के मुँह से बहार निकल कर उस के थूक से भीगे गलो पर बह रहा था थूक और लण्ड के माल से सना चेहरा बहुत ही कामुक लग रहा था, लुल्ले झड ने के बाद लण्ड निकल के हाफने लगा तभी उस औरत का पति उसके मुँह के पास पंहुचा और उस के बाल पकड़ कर अपना लण्ड उस के चेहरे पर रगड़ने लगा, और लुल्ले का बहता माल अपने लण्ड से अपनी पत्नी के मुँह में डालने लगा अपने पति के आज्ञा समझ उस औरत ने पूरा मुँह खोल दिया और अपने पति के लण्ड से लुल्ले का माल चाटने लगी, फिर पति ने भी अपना लण्ड उस के मुँह में ड़ाल कर मुँह चोदना सुरु कर दिया वह हकीम साहेब जोर जोर से लण्ड पेले जा रहे थे झटको पर झटके मरे जा रहे थे उस औरत की कसी चूत चोद कर उन को बहुत मज़ा आ रहा है, आखिर वो भी चूत की गर्मी से बच न पाए और ओर का झटका मारके उस औरत की बच्चेदानी में झड गए, उन के उठते ही लुल्ले उस औरत पर चढ़ गया और चूत में लण्ड पेल कर उसे चोदने लगा लुल्ले के झटको से साथ हकीम साहेब का माल भी उड़ रहा था, पूरा बिस्तर लण्ड और चूत के पानी से भीग गया था अपनी पत्नी की चुदाई देखता पति भी आखरी मुकाम पर आ गया था वो जोर जोर से अपनी पत्नी का मुँह चोदे जा रहा था उस की पत्नी का पूरा चेहरा थूक पसीना और लण्ड क पानी से भीगा हुआ था अपनी अपनी पत्नी का इतना कामुक रूप देख कर वो पागल हो गया और जोर जोर से मुँह चोदता हुआ उस के मुँह में झड़ने लगा, अपने लण्ड के गरम गरम माल को अपनी पत्नी के मुँह में छोड़ने लगा पत्नी भी पति के माल को निगलने लगी, वहाँ लुल्ले भी औरत के दोनों दूध दवा दवा के जोर के झटके मरते हुए उस की चूत में माल छोड़ने लगा डबल मज़े से वो औरत भी अपने पति का लण्ड मुँह में दवाये अपनी चूत का माल चोदने लगी सब लोग निढाल होकर एक दूसरे पर गिर पड़े, कुछ समय बाद सब साफ़ सफाई कर के दबाखाने में आ गए.

हु हु बरखुर दार तुम बिल्कुल चिंता मत करो यह गोलिया लो और दिन में तीन बार दूध के साथ 7 दिन तक खाओ फिर सात दिन बाद दुवारा मेरे पास आना में तुम को जल्दी से जल्दी बाप बना दुगा.

हकीम साहेब अपनी गोलिया अपने पास रखो में चूतिया जरूर हु, लेकिन इतना भी नहीं के जो सामने हो रहा है उस को देख कर समझ न पाऊ के क्या हो रहा है, तुम लोगो ने हम को चूतिया बनाके मेरे सामने ही मेरी लुगाई चोद दी, मुझे समझ आ गया के बच्चे हकीमो के पास जाने से नहीं होते हमारे भाग्य में होगा तो अपने आप बच्चा हो जायेगा, पीर फ़क़ीर और हकीमो के पास बच्चे की उम्मीद में जाना माने अपनी लुगाई चुदबाना ,मुझे मेरे बच्चे का बाप बनना है तुम्हारे बच्चे का बाप नहीं बनना जो मै यहाँ दुवारा आउ.

बेटा लुल्ले यह तो जाते जाते हमारे पर जूता मार गया बे हमारे मुँह पर थूक गया.

बात तो आप सही कह रहे हो हुजूर आखिर लोग हमारे पास बड़ी उम्मीद से आते है और हम उन के बिस्वास का गलत फायदा उठाते है यह बात तो गलत है.

लेकिन बेटा लुल्ले आज कल तो सभी लोग यही कर रहे है तो हम ने कर दिया तो क्या गलत किया, हम तो मामूली लोग है बड़े बड़े संत महात्मा मुल्ला मोलबी सभी लोग मासूम लोगो की भाबनाओ से खेलते है, अपने छोटे से लाभ के लिए लोगो का भरोसा तोड़ते है, जब इतने बड़े लोग बात बात पर झूठ बोलते है, तो हम क्या करे और हम भी तो यह सब इन्ही लोगो से सीखे जब तक बड़े लोग नहीं बदले गे तब तक हम जैसे छोटे लोग नहीं बदल सकते आखिर दुनिया बड़े लोगो का अनुसरण ही तो करती है.

बात तो आप की भी सही है हकीम साहेब हम तो छोटी मछली है दुनिया तो बड़े बड़े मगरमच्छो से भरी पड़ी है, हम तो कीड़े मकोड़े है हुजूर दुनिया तो बड़े बड़े महा महा मादरचोदो से भरी पड़ी है सो जो हुआ उसे भूल जा और आगे के मरीजों की चिंता करो.

सही कहा बेटा लुल्ले हमारे बदलने से दुनिया नहीं बदल सकती सो सब की हा में हा मिलाओ और जहाँ चूत देखो पहले बजा देना कैसी है किस की यह बाद में देखना.
 
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Hilariously entertaining story
आप की आभारी हु जो आप ने यहां का पता बताया यहां आके ऐसा लगा मनो शादी के बाद पहली बार मायके मै आ गई
लेकिन अब मेरी परेशानिया भी बढ़ गई, दोनों जगह इतने कमेंट आ रहे हे के में चाह कर भी सब के जबाब नहीं दे पा रही हु,

लेकिन में आप को बता दू आप मेरे दुःख के साथी हो ,आप को में कभी नहीं भूलूगी ,आप हमेसा मेरे दिल में रहोगे, हमेसा मेरे साथ रहोगे , में जानती हु यदि में आप के कमेंटों का जबाब नहीं दे पाउगी तो आप बुरा नहीं मनोगे और मेरा साथ कभी नहीं छोड़ोगे,
 
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