• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Shayari शायरी और गजल™

TheBlackBlood

αlѵíժα
Supreme
78,222
113,743
354
दिल को मिटा के दाग़-ए-तमन्ना दिया मुझे
ऐ इश्क़ तेरी ख़ैर हो ये क्या दिया मुझे

महशर में बात भी न ज़बाँ से निकल सकी
क्या झुक के उस निगाह ने समझा दिया मुझे

मैं और आरज़ू-ए-विसाल-ए-परी-रुख़ाँ
इस इश्क़-ए-सादा-लौह ने बहका दिया मुझे

हर बार यास हिज्र में दिल की हुई शरीक
हर मर्तबा उमीद ने धोका दिया मुझे

अल्लाह रे तेग़-ए-इश्क़ की बरहम-मज़ाहियाँ
मेरे ही ख़ून-ए-शौक़ में नहला दिया मुझे

ख़ुश हूँ कि हुस्न-ए-यार ने ख़ुद अपने हाथ से
इक दिल-फ़रेब दाग़-ए-तमन्ना दिया मुझे

दुनिया से खो चुका है मिरा जोश-ए-इंतिज़ार
आवाज़-ए-पाए-ए-यार ने चौंका दिया मुझे

दा'वा किया था ज़ब्त-ए-मोहब्बत का ऐ 'जिगर'
ज़ालिम ने बात बात पे तड़पा दिया मुझे

______जिगर मुरादाबादी
 

TheBlackBlood

αlѵíժα
Supreme
78,222
113,743
354
ये दिन बहार के अब के भी रास आ न सके
कि ग़ुंचे खिल तो सके खिल के मुस्कुरा न सके

मिरी तबाही-ए-दिल पर तो रहम खा न सके
जो रौशनी में रहे रौशनी को पा न सके

न जाने आह कि उन आँसुओं पे क्या गुज़री
जो दिल से आँख तक आए मिज़ा तक आ न सके

रह-ए-ख़ुलूस-ए-मोहब्बत के हादसात-ए-जहाँ
मुझे तो क्या मिरे नक़्श-ए-क़दम मिटा न सके

करेंगे मर के बक़ा-ए-दवाम क्या हासिल
जो ज़िंदा रह के मक़ाम-ए-हयात पा न सके

नया ज़माना बनाने चले थे दीवाने
नई ज़मीन नया आसमाँ बना न सके

______जिगर मुरादाबादी
 
  • Like
Reactions: Ristrcted

TheBlackBlood

αlѵíժα
Supreme
78,222
113,743
354
सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता
निकलता आ रहा है आफ़्ताब आहिस्ता आहिस्ता

जवाँ होने लगे जब वो तो हम से कर लिया पर्दा
हया यक-लख़्त आई और शबाब आहिस्ता आहिस्ता

शब-ए-फ़ुर्क़त का जागा हूँ फ़रिश्तो अब तो सोने दो
कभी फ़ुर्सत में कर लेना हिसाब आहिस्ता आहिस्ता

सवाल-ए-वस्ल पर उन को अदू का ख़ौफ़ है इतना
दबे होंटों से देते हैं जवाब आहिस्ता आहिस्ता

वो बेदर्दी से सर काटें 'अमीर' और मैं कहूँ उन से
हुज़ूर आहिस्ता आहिस्ता जनाब आहिस्ता आहिस्ता

_______अमीर मीनाई
 
  • Like
Reactions: Ristrcted

Ristrcted

Now I am become Death, the destroyer of worlds
Staff member
Moderator
38,997
34,990
304
वो मिल गया तो बिछड़ना पड़ेगा फिर ,

इसी ख़्याल से हम रास्ते बदलते रहे ..!
 
  • Like
Reactions: TheBlackBlood

Ristrcted

Now I am become Death, the destroyer of worlds
Staff member
Moderator
38,997
34,990
304
बिखरे वजूद , टूटे ख़्वाब , सुलगती तन्हाइयां ,

कितने हसीन तोहफ़े दे जाती है अधूरी मोहब्बत !
 
  • Like
Reactions: TheBlackBlood

TheBlackBlood

αlѵíժα
Supreme
78,222
113,743
354
चलने का हौसला नहीं रुकना मुहाल कर दिया
इश्क़ के इस सफ़र ने तो मुझ को निढाल कर दिया
ऐ मिरी गुल-ज़मीं तुझे चाह थी इक किताब की
अहल-ए-किताब ने मगर क्या तिरा हाल कर दिया

मिलते हुए दिलों के बीच और था फ़ैसला कोई
उस ने मगर बिछड़ते वक़्त और सवाल कर दिया

अब के हवा के साथ है दामन-ए-यार मुंतज़िर
बानू-ए-शब के हाथ में रखना सँभाल कर दिया

मुमकिना फ़ैसलों में एक हिज्र का फ़ैसला भी था
हम ने तो एक बात की उस ने कमाल कर दिया

मेरे लबों पे मोहर थी पर मेरे शीशा-रू ने तो
शहर के शहर को मिरा वाक़िफ़-ए-हाल कर दिया

चेहरा ओ नाम एक साथ आज न याद आ सके
वक़्त ने किस शबीह को ख़्वाब ओ ख़याल कर दिया

मुद्दतों बा'द उस ने आज मुझ से कोई गिला किया
मंसब-ए-दिलबरी पे क्या मुझ को बहाल कर दिया

______परवीन शाक़िर
 

TheBlackBlood

αlѵíժα
Supreme
78,222
113,743
354
चेहरे पे ख़ुशी छा जाती है आँखों में सुरूर आ जाता है
जब तुम मुझे अपना कहते हो अपने पे ग़ुरूर आ जाता है

तुम हुस्न की ख़ुद इक दुनिया हो शायद ये तुम्हें मालूम नहीं
महफ़िल में तुम्हारे आने से हर चीज़ पे नूर आ जाता है

हम पास से तुम को क्या देखें तुम जब भी मुक़ाबिल होते हो
बेताब निगाहों के आगे पर्दा सा ज़रूर आ जाता है

जब तुम से मोहब्बत की हम ने तब जा के कहीं ये राज़ खुला
मरने का सलीक़ा आते ही जीने का शुऊ'र आ जाता है


______साहिर लुधियानवी
 
Last edited:
  • Love
Reactions: Batman

Batman

Its not who i am underneath
Staff member
Moderator
19,483
14,242
214
चेहरे पे ख़ुशी छा जाती है आँखों में सुरूर आ जाता है
जब तुम मुझे अपना कहते हो अपने पे ग़ुरूर आ जाता है

तुम हुस्न की ख़ुद इक दुनिया हो शायद ये तुम्हें मालूम नहीं
महफ़िल में तुम्हारे आने से हर चीज़ पे नूर आ जाता है

हम पास से तुम को क्या देखें तुम जब भी मुक़ाबिल होते हो
बेताब निगाहों के आगे पर्दा सा ज़रूर आ जाता है

जब तुम से मोहब्बत की हम ने तब जा के कहीं ये राज़ खुला
मरने का सलीक़ा आते ही जीने का शुऊ'र आ जाता है


______साहिर लुधियानवी
तुम आज ह्ज़ारों मील यहाँ से दूर कहीं तनहाई में
या बज़्मे-तरब आराई में
मेरे सपने बुनती होगी बैठी आग़ोश पराई में।

और मैं सीने में ग़म लेकर दिन-रात मशक्कत करता हूँ,
जीने की खातिर मरता हूँ,
अपने फ़न को रुसवा करके अग़ियार का दामन भरता हूँ।

मजबूर हूँ मैं, मजबूर हो तुम, मजबूर यह दुनिया सारी है,
तन का दुख मन पर भारी है,
इस दौरे में जीने की कीमत या दारो-रसन या ख्वारी है।
---------साहिर लुधियानवी
 
  • Like
Reactions: TheBlackBlood

TheBlackBlood

αlѵíժα
Supreme
78,222
113,743
354
तुम आज ह्ज़ारों मील यहाँ से दूर कहीं तनहाई में
या बज़्मे-तरब आराई में
मेरे सपने बुनती होगी बैठी आग़ोश पराई में।

और मैं सीने में ग़म लेकर दिन-रात मशक्कत करता हूँ,
जीने की खातिर मरता हूँ,
अपने फ़न को रुसवा करके अग़ियार का दामन भरता हूँ।

मजबूर हूँ मैं, मजबूर हो तुम, मजबूर यह दुनिया सारी है,
तन का दुख मन पर भारी है,
इस दौरे में जीने की कीमत या दारो-रसन या ख्वारी है।
---------साहिर लुधियानवी
ये ज़ुल्फ़ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा।
इस रात की तक़दीर सँवर जाए तो अच्छा।।

जिस तरह से थोड़ी सी तिरे साथ कटी है,
बाक़ी भी उसी तरह गुज़र जाए तो अच्छा।।

दुनिया की निगाहों में भला क्या है बुरा क्या,
ये बोझ अगर दिल से उतर जाए तो अच्छा।।

वैसे तो तुम्हीं ने मुझे बरबाद किया है,
इल्ज़ाम किसी और के सर जाए तो
अच्छा।।

________साहिर लुधियानवी
 
  • Like
Reactions: Batman
Top