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Shayari शायरी और गजल™

TheBlackBlood

αlѵíժα
Supreme
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शायरी और गजल™
आप सभी दोस्तों का इस थ्रीड में तहे दिल से स्वागत है। इस थ्रीड में आप सभी अपनी मन पसंद गजलें अथवा शायरी पोस्ट करके हम सभी के दिलों को मंत्र मुग्ध कर देने वाले एहसास से रूबरू कराइये।

!! धन्यवाद !!
 

TheBlackBlood

αlѵíժα
Supreme
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होश वालों को खबर क्या बेखुदी क्या चीज है,
इश्क कीजे फिर समझिये, जिन्दगी क्या चीज है।

उनसे नजरें क्या मिली, रोशन फिजायें हो गयी,
आज जाना प्यार की जादूगरी क्या चीज है।

खुलती जुल्फों ने सिखाई, मौसमो को शायरी,
झुकती आँखों ने बताया, मयकशी क्या चीज है।

हम लबों से कह ना पाए, उन से हाल-ए-दिल कभी,
और वो समझे नहीं, ये खामोशी क्या चीज है।
 

TheBlackBlood

αlѵíժα
Supreme
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देखा हुआ सा कुछ है तो सोचा हुआ सा कुछ,
हर वक़्त मेरे साथ है उलझा हुआ सा कुछ।

होता है यूँ भी रास्ता खुलता नहीं कहीं,
जंगल-सा फैल जाता है खोया हुआ सा कुछ।

साहिल की गिली रेत पर बच्चों के खेल-सा,
हर लम्हा मुझ में बनता बिखरता हुआ सा कुछ।

फ़ुर्सत ने आज घर को सजाया कुछ इस तरह,
हर शय से मुस्कुराता है रोता हुआ सा कुछ।

धुँधली सी एक याद किसी क़ब्र का दिया,
और मेरे आस-पास चमकता हुआ सा कुछ।
 

Aakash.

ᴇᴍʙʀᴀᴄᴇ ᴛʜᴇ ꜰᴇᴀʀ
Staff member
Divine
Moderator
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ज़ख्म कुछ भरे नहीं,आंखें फिर नम हो गई,
खुली पलके राह में,तुझे बिन निहारे सो गई।

मेरे आंसू की वर्षा में,कब बदन गीला हुआ,
तुझे पाने की आरजू़ में, कब सुबह हो गई।

इबा़दत करते हम उनसे,गश़ में स्याई ठहरी,
जाने कब कलम,शायरी के शिकार हो गई।

साहिल दरिया का तू,कीमत न तूने समझी,
आंसू उलझते हैं,क्या मुझसे ख़फा हो गई।

इख्लास से धूत ,फिर पुतली आंसुओं से भरी,
महोब्ब़त खेल मे, हर पीड़ा बदनाम हो गई।

पल-पल यू बहे मोती,खुशी आज गम में हैं,
चांदी आज सोने से ज्यादा मशहूर हो गई।

बैठे इराशद में उनके, आंचल लिए हुए,

खंजर सीने में,कब्र में सोने की उम्र हो गई...

 

TheBlackBlood

αlѵíժα
Supreme
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ज़ख्म कुछ भरे नहीं,आंखें फिर नम हो गई,
खुली पलके राह में,तुझे बिन निहारे सो गई।

मेरे आंसू की वर्षा में,कब बदन गीला हुआ,
तुझे पाने की आरजू़ में, कब सुबह हो गई।

इबा़दत करते हम उनसे,गश़ में स्याई ठहरी,
जाने कब कलम,शायरी के शिकार हो गई।

साहिल दरिया का तू,कीमत न तूने समझी,
आंसू उलझते हैं,क्या मुझसे ख़फा हो गई।

इख्लास से धूत ,फिर पुतली आंसुओं से भरी,
महोब्ब़त खेल मे, हर पीड़ा बदनाम हो गई।

पल-पल यू बहे मोती,खुशी आज गम में हैं,
चांदी आज सोने से ज्यादा मशहूर हो गई।

बैठे इराशद में उनके, आंचल लिए हुए,

खंजर सीने में,कब्र में सोने की उम्र हो गई...

Waaah kya baat, bahut hi umda bhai,,,,,, :claps:
 
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TheBlackBlood

αlѵíժα
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अबके बरस भी वो नहीं आये बहार में,
गुज़रेगा और एक बरस इंतज़ार में!

ये आग इश्क़ की है बुझाने से क्या बुझे,
दिल तेरे बस में है ना मेरे इख़्तियार में!

है टूटे दिल में तेरी मुहब्बत, तेरा ख़याल,
कुछ रंग है बहार के उजड़ी बहार में!

आँसू नहीं हैं आँख में लेकिन तेरे बग़ैर,
तूफ़ान छुपे हुए हैं दिल-ए-बेक़रार में!
 

Mr. Perfect

"Perfect Man"
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Waahh TheBlackBlood bhai what a shayri_______

होश वालों को खबर क्या बेखुदी क्या चीज है,
इश्क कीजे फिर समझिये, जिन्दगी क्या चीज है।

उनसे नजरें क्या मिली, रोशन फिजायें हो गयी,
आज जाना प्यार की जादूगरी क्या चीज है।

खुलती जुल्फों ने सिखाई, मौसमो को शायरी,
झुकती आँखों ने बताया, मयकशी क्या चीज है।

हम लबों से कह ना पाए, उन से हाल-ए-दिल कभी,
और वो समझे नहीं, ये खामोशी क्या चीज है।
 

Mr. Perfect

"Perfect Man"
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ज़ख्म कुछ भरे नहीं,आंखें फिर नम हो गई,
खुली पलके राह में,तुझे बिन निहारे सो गई।

मेरे आंसू की वर्षा में,कब बदन गीला हुआ,
तुझे पाने की आरजू़ में, कब सुबह हो गई।

इबा़दत करते हम उनसे,गश़ में स्याई ठहरी,
जाने कब कलम,शायरी के शिकार हो गई।

साहिल दरिया का तू,कीमत न तूने समझी,
आंसू उलझते हैं,क्या मुझसे ख़फा हो गई।

इख्लास से धूत ,फिर पुतली आंसुओं से भरी,
महोब्ब़त खेल मे, हर पीड़ा बदनाम हो गई।

पल-पल यू बहे मोती,खुशी आज गम में हैं,
चांदी आज सोने से ज्यादा मशहूर हो गई।

बैठे इराशद में उनके, आंचल लिए हुए,

खंजर सीने में,कब्र में सोने की उम्र हो गई...

Waahh Aakash. bhai what a shayri________
 
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