भाई, आगे मत लिखना, गूगी और बेहरी कि कहानीदोस्तो मैं ये कहानी एक पाठक के बहुत ज्यादा आग्रह करने पर लिख रहा हूं जो कि एक गूंगी और बहरी औरत की कहानी है।
शहनाज़ नाम का मतलब होता है परियों की राजकुमारी यानी कि बहुत ज्यादा सुंदर। इस कहानी की नायिका शहनाज़ बिल्कुल परियों की तरह ही खूबसूरत हैं।
पात्र परिचय:
शहनाज़:" एक करीब 39 साल, दूध सी गोरी और सुंदर, बदन में मानो सांचे में ढला हुआ और शरीर के कटाव बेहद जानलेवा।
शाहिद:" उम्र 18 साल, शहनाज़ का बेटा। बेहद ताकतवर और खूंखार नौजवान। छोटी सी उम्र में ही चट्टानों की तरह मजबूत जिस्म का मालिक।
फिजा:" शहनाज़ की नौकरानी और उसकी सबसे अच्छी सहेली।
राशिद:" शहनाज़ के बाप का सबसे खास और विश्वसनीय मंत्री।
शहनाज़ एक बहुत बड़े राज घराने में पैदा हुई और उसके जन्म पर बहुत ज्यादा खुशियां मनाई गई क्योंकि नवाब बहादुर खान के कोई औलाद नहीं थी। लड़की के रूप में ही सही आखिरकार उन्हें राज्य का वारिस तो मिला। शहनाज़ धीरे धीरे बड़ी होने लगी और जैसे जैसे उसकी उम्र बढ़ती जा रही थी वैसे वैसे नवाब और उसकी बीवी की चिंता भी बढ़ रही थी क्योंकि शहनाज़ के मुंह से ना कोई आवाज निकल रही थी और ना ही वो किसी कि आवाज या पुकारने पर कोई प्रतिक्रिया देती थी। जैसे ही उसकी उम्र दो साल हुई तो ये बात जंगल में आग की तरह फ़ैल गई कि राजकुमारी गूंगी और बहरी हैं।
Position | Benifits |
---|---|
Winner | 1500 Rupees + Award + 30 days sticky Thread (Stories) |
1st Runner-Up | 500 Rupees + Award + 2500 Likes + 15 day Sticky thread (Stories) |
2nd Runner-UP | 5000 Likes + 7 Days Sticky Thread (Stories) + 2 Months Prime Membership |
Best Supporting Reader | Award + 1000 Likes+ 2 Months Prime Membership |
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शहनाज़ नाम का मतलब होता है परियों की राजकुमारी यानी कि बहुत ज्यादा सुंदर। इस कहानी की नायिका शहनाज़ बिल्कुल परियों की तरह ही खूबसूरत हैं।
पात्र परिचय:
शहनाज़:" एक करीब 39 साल, दूध सी गोरी और सुंदर, बदन में मानो सांचे में ढला हुआ और शरीर के कटाव बेहद जानलेवा।
शाहिद:" उम्र 18 साल, शहनाज़ का बेटा। बेहद ताकतवर और खूंखार नौजवान। छोटी सी उम्र में ही चट्टानों की तरह मजबूत जिस्म का मालिक।
फिजा:" शहनाज़ की नौकरानी और उसकी सबसे अच्छी सहेली।
राशिद:" शहनाज़ के बाप का सबसे खास और विश्वसनीय मंत्री।
शहनाज़ एक बहुत बड़े राज घराने में पैदा हुई और उसके जन्म पर बहुत ज्यादा खुशियां मनाई गई क्योंकि नवाब बहादुर खान के कोई औलाद नहीं थी। लड़की के रूप में ही सही आखिरकार उन्हें राज्य का वारिस तो मिला। शहनाज़ धीरे धीरे बड़ी होने लगी और जैसे जैसे उसकी उम्र बढ़ती जा रही थी वैसे वैसे नवाब और उसकी बीवी की चिंता भी बढ़ रही थी क्योंकि शहनाज़ के मुंह से ना कोई आवाज निकल रही थी और ना ही वो किसी कि
Raman bhai apni kahani bhi age bdao plzPlz dear is kahani ko age bdao . Concept maa bete par ho .to bhut asha
Yaar time hee nahi milta. Abhi soch raha hu age bdhane ke liye. Phone nyaa liya ha. Story ke hisab se jo pics save kee thee . Wo sab chali gayiRaman bhai apni kahani bhi age bdao plz