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हा हा हा। दोनो पूरी हो जाएगी। पढ़ो तुम भी। लेखक पर भरोसा रखो यार शाहिद साहब
वादा रहा अंजुम जी। दोनो कहानी पूरी होंगी। वैसे नाम याद रखना मेरा, कहीं बाद में भूल ना जाओ।
कहानी बीच में छोड़ना मेरी आदत नहीं है लेकिन परिवार से बड़ी कोई जरूरत नहीं है।
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