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Non-Erotic लव - मैरिज by संजना किरोड़ीवाल

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लव - मैरिज


ये सफर शुरू हुआ था कॉलेज के पहले साल से जहां सना और अनंत दोनों ही एक दूसरे से अनजान थे , वो साइंस में था और वो आर्ट्स में और कई बार एक दूसरे के सामने से गुजर कर भी कभी एक दूसरे को नोटिस नहीं किया था !!
दोनों के बिच एक कड़ी थी सोम उसी ने एक बार सना को अनत के बारे में बताया था तब लेकिन सना को सोम पसंद था इसलिए उसे अनंत में ज्यादा कोई दिलचस्पी नहीं थी बस कभी कभार कॉलेज के बहाने फोन पर बात हो जाया करती थी .. सोम सना क रिश्तेदार था इसलिए उनकी कई बार मुलाकात हो जाया करती थी लेकिन वो सना को सिर्फ दोस्त मानता था , और अगर कुछ और भी होता तो शायद वो कभी कहता नहीं क्यूकी उसे अपने घरवालों का बहुत डर था ...
कुछ समय बाद सना और सोम के बिच किसी बात पर झगड़ा हो गया और दोनों ने एक दूसरे से बात तक करना बंद कर दिया , इसमें फायदा अनंत का हुआ उसे सना के करीब आने का मौका मिल चूका था , शुरुआत दोस्ती से हुयी थी और धीरे धीरे बाते होने लगी , एक दूसरे की अच्छाई से लेकर बुराई तक सब जानने लगे थे . घंटो मैसेज पर बाते होती रहती , कभी मजाक टी कभी किसी बात पर बहस लेकिन य बातो का सिलसिला सिर्फ फोन तक ही सिमित था अभी तक दोनों ने एक दूसरे को नहीं देखा था ,, उस वक्त में कीपेड वाला फोन हुआ करता था ,,,
एक लम्बे वक्त के बाद सना ने अनंत से मिलने का मन बनाया और उसे मेसेज करके कहा

- कल तुम्हारे लिए कुछ बना के ला रही हु, कॉलेज के बरामदे में मिलना 10 बजे

अनंत ने भी ok लिख कर सेंड कर दिया

कॉलेज में 10 बजे बरामदे में खड़ी अनंत का इन्तजार कर रही थी कुछ देर बाद वो आया .. सना ने देखा वो बहुत ही मासूम सा डरा डरा सा दिख रहां था , सना से ज्यादा शर्म तो उसे आ रही थी .. व धीरे धीरे आ रहा था सना उसके पास गयी और चलते चलते उसे टिफिन पकड़ा दिया दोनों की एक बार नजर मिली और झुक गयी
सना मजे लेने के मूड में थी इस; िये चलते चलते कह गयी
- डरो मत भगा के नहीं ले जा रही , और हां टिफिन लौटा देना एक ही है मेर पास

अनंत को उसकी इस बचकानी हरकत पर हसी आ गयी और वो वहां से चला गया .. सना जितनी बिंदास और खुले विचारो की लड़की थी अनंत उतना ही गंभीर और चुप रहने वाला लड़का था .. वो बहुत शर्मीला लड़का था और इसी वजह से सना जब देखो तब उसको तंग करती रहती थी !! कभी उसकी क्लास में जाकर उसके पास बैठ जाती , कभी उसके दोस्तों के सामने उसे छेड कर चली जाती थी .. कभी कभी तो इतनी स्टुपिड हरकते करती की अनंत अपना सर पिट लेता था उसके सामने पर क्या करता दोनों बहुत अच्छे दोस्त जो थे
ऐसे ही एक बार rose day वाले दिन सना की अपनी दोस्तों से शर्त लग गयी
और उसने घुटनो पर बैठ कर सबके सामने अनंत को गुलाब दे दिया , तब शायद वो इसका मतलब भी नहीं जानती थी ... अनंत ने तो कुछ नहीं कहा पर वहा खड़े एक लड़के ने हस दिया
बस फिर क्या था सना उसके पीछे पड़ गयी और लास्ट में उस से sorry बुलवाकर छोड़ा

अनंत जानता था की सना एक निडर और खुले विचारो वाली लड़की है और एक दिन बातो ही बातो में उसने सना से कह दिया की

- तूम में बहुत हिम्मत है न
सना - हां है
- तो इसका मतलब तुम किसी से नहीं डरती
सना - बिलकुल नहीं
- ठीक है तो मेरे साथ कॉलेज के बाहर एक घंटा सबके सामने घूमकर देखो ,
सना - बाहर ?
- डरो नहीं मैं तुम्हे हाथ भी नहीं लगाऊंगा , सिर्फ एक घंटा बाहर रहना है ,,,, (अनंत ने ये सब मजाक कहा और सोचा की सना जाने से मना कर देगी )

पर सना जिद्दी बहुत थी उसने खुद को स्ट्रांग दिखने के लिए हां बोल दी !!
क्लास ख़तम होने के बाद अनत गेट पर खड़ा था सना भी आ गयी और दोनों साथ साथ चलने लगे आज दोनों ही गंभीर थे अनंत ने सोचा नहीं था की सना इस तरह उसके साथ बाहर आ जाएगी इस लड़की को तो किसी का डर नहीं था , बेचारा अनंत ही घबरा रहा था अंदर ही अंदर
और रही सही कसर सना ने पूरी कर दी उसने चलते चलते सबके सामने अनंत का हाथ पकड़ लिया और बिना चेहरे के भाव बदले वैसे भी चलती रही .. अनंत का डर के मारे बुरा हाल था उसे पसीने आने लगे अगर उसे किसी ने इस तरह देख लिया तो आज उसकी पिटाई पक्की थी
उसने धीमी सी आवाज में हाथ छुड़ाने की कोशिश करते हुए कहा

- हाथ छोडो , कोई देख लेगा plz
सना - क्यों डर लग रहा है ?
- यार कोई देखेगा इस तरह तो क्या सोचेगा ?
सना अचानक उसके सामने आ जाती है और उसकी आँखों में आँखे डालकर कहती है

- जब तुम सही हो, मैं सही हु , दोनों का दिल, दिमाग , सोच साफ है.. फिर लोग क्या सोचते है इस से क्या फर्क पड़ता है, इसलिए अब डरना बंद करो और चलो वहा चलकर बैठते है
सना सामने रखी बेंच की तरफ इशारा करके कहती है
दोनों कुछ देर वही बैठते है और फिर कुछ देर बाते करते है ,अनत बस सना की बाते सुनता रहता है वो अब भी सना का हाथ अपने हाथ में महसूस कर रहा था ,, कुछ देर बाद दोनों घर चले जाते है ... पर अनंत वो सब भूल नहीं पाता उस बार बार वो पल याद आते है और वो महसूस करता है की उसे सना से प्यार हो गया है
और एक दिन अचनाक सना को मेसेज करता है

अनंत - i love you सना , मुझे तुमसे प्यार हो गया है
सना सोचने लगती है ये आज अचानक इसे क्या हो गया है ऐसे बात क्यों कर रह है सना उसे वापस मेसेज करती है !

सना - अनंत ! हम दोनों दोस्त है और प्यार के बारे में नहीं सोचा है अभी तक मैंने

अनंत - पर मुझे हो गया है

सना - अनंत मैं सिर्फ उसी से प्यार करुँगी जिससे मेरी शादी होगी , ऐसे प्यार का कोई मतलब नहीं है जब दोनों को अलग अलग जीना पड़े

अनंत - मैं तुमसे शादी करने के लिए तैयार हु !!

सना - अन्नत मैं other cast शादी नहीं कर सकती

अनंत - मैं तुम्हार cast से हु , अगर घरवाले मान जाये तो हमारी शादी हो सकती है ..

सना सोचने पर मजबूर हो जाती है अब तक वो सोम को भूल नहीं पायी थी , लेकिन सोम के लिए नफ़रत अभी भी उसके दिल में थी

सना - अनंत , मुझे थोड़ा वक्त चाहिए , अभी मैं कोई फैसला नहीं ले सकती !!

अनंत - ठीक है , तुम्हे जितना वक्त चाहिए उतना ले सकती हो , पर सच तो ये है की मैं तुम्स बहुत प्यार करता हु ,, और पूरी जिंदगी तुम्हारे साथ बिताना चाहता हु !! बस तुम्हारी हां चाहिए

कॉलेज का एक साल पूरा हो जाता है और फिर छुट्टिया शुरू हो जाती है , सना और अनंत का मिलना बंद हो जाता है पर इन 3 महीनो की छुटटी में सना को अहसास हो जाता है की वो भी अनंत को चाहने लगी है और एक दिन वो भी अनंत से अपने दिल की बात कह देती है
और फिर शुरू होती है एक प्रेम कहानी -
कहते है जब दो लोग प्यार में होते है तो उनके लिए कुछ सही गलत नहीं होता , उन्हें अपने अलावा कुछ दिखाई नहीं देता बस हर चीज में प्यार नजर आता है, हर बात हर चीज खुद से जुडी हुयी नजर आती है , पहले प्यार का असर ही कुछ ऐस होता है सारी दुनिया गलत और एक अपना यार सच्चा नजर आता है ! हिंदी फिल्मो के सब रोमांटिक गाने सुनकर लगता है जैसे ये सब अपने लिए ही बने हो !!
सना का भी कुछ यही हाल था , वो अनंत को खुद से भी ज्यादा चाहने लगी थी , उसके लिए सब कुछ भूल चुकी थी शायद , लेकिन दोनों ने कभी अपनी सीमाएं पार नहीं की .. कभी कभी घर से बाहर पार्क में उनकी मुलाकात हो जाया करती थी जहा बैठकर दोनों घंटो अपनी आने वाली जिंदगी के सपने बुनते थे !! दोनों इतने गुम हो चुके थे एक दूसरे की मोहब्बत में की एक दूसरे को खो देने के डर से ही तड़प उठते थे ...
एक बार बातो ही बातो में अनंत ने मजाक में सना से कहा क अगर मुझसे प्यार है तो मुझे इसका सबुत चाहिए !!
और अगले ही दिन सना ने अपने खून से अनंत को लेटर लिख के दे दिया .. उसे बहुत दुःख हुआ की उसके मजाक में कही बात क अंजाम ये होगा , पर उसे बहुत ख़ुशी थी की कोई है जो उस से इतना प्यार करता है !! वो जगह दोनों का घर थी जहा उन्होंने अपने आने वाले कल के सेकड़ो सपने बने थे और पूरा करने की कस्मे खायी थी ,,,
पर कोई प्यार में हो और को मुसीबत ना आये ऐसा भला कही हुआ है , यहाँ भी यही हुआ सना के घर पर अनंत के बारे में पता चल गया , और फिर घरवालों ने फरमान जारी कर दिया इसका कॉलेज जाना बंद!!!
और सना के लिए रिश्ता देखा जाने लगा , पर सना जिद पर अडी रही और फिर एक दिन घरवालों को भी मना लिया तब तक अनंत अपना आर्मी का एग्जाम भी क्लियर कर चूका था और सरकारी नौकरी में आ चूका था .. सना के घरवाले अनंत से मिलने को तैयार हो गए , लेकिन अनंत ने अभी तक अपने घर पर इस बारे में नहीं बताया था
सना हर बार उसे कहती लेकिन वो हर बार कोई ना कोई बहाना बनाकर बात को टाल देता था
वो सना को धोखा नहीं दे रहा था लेकिन उसने उस से एक झूठ बोला था और उस झूठ को छुपाने के लिए ही वो
सना को झूठ बोले जा रह था ,,
फिर एक दिन अनंत ने सना को उसी जगह मिलने बुलाया जहा रोज मिलते थे पर आज अनंत के चेहरे पर वो ख़ुशी नहीं थी ...अनंत को उदास देखकर सना ने पूछा

सना - क्या हुआ , सब ठीक तो है

अनंत - सना , मैंने तुम्हे यहाँ कुछ जरुरी बात बताने के लिए बुलाया है

सना - हां कहो न

अनंत - अगले महीने मैं आर्मी की ट्रेनिंग के लिए बैंगलोर जा रहा हु , 6 महीनो के लिए ना तुमसे बात कर पाउँगा ना मिल पाउँगा ,

सना की आँख में आंसू आ जाते है उन्हें अन्नत से छुपाते हुए कहती है - अरे !! ये तो ख़ुशी की बात है , और तुम अपनी जिंदगी में आगे बढ़ रहे हो इस से ज्यादा ख़ुशी की बात और क्या हो सख्त है भला

अनंत - 6 महीने रह पाओगी मुझसे दूर

सना - तुम्हारी कामयाबी के लिए ये 6 महीने भी रह लुंगी मैं ..

अनंत - अच्छा !! तो फिर ये आँखों में आंसू क्यों है

सना - ये तो ख़ुशी के आंसू है पागल , और कुछ तुमसे दूर होने के !! वहां जाने के बाद तुम्हे कोई और पसंद आ गयी तो फिर मेरा क्या होगा !!

अनंत - कोई और पसंद आ भी जाये तो वो मुझे तुम्हारे जीतना प्यार नहीं कर सकती , और भरोसा रखो मुझपे मेरी जिनदगी में ab और कोई नहीं आएगा . ट्रेनिंग से वापस आते ही मैं अपने घर पर तुम्हारी और मेरी शादी की बात कर लूंगा , बस तब तक मुझपे भरोसा रखो

सना - मुझे तुम पर खुद से भी ज्यादा भरोसा है , और मैं तुम्हारा इन्तजार करूंगी बस तुम अपना ख्याल रखना , टाइम पर खाना और ज्यादा ठंडा पानी भी मत पीना जुखाम हो जाता है तुम्हे और इस बेग में मैंने कुछ दवाईया और तुम्हारी जरुरत का सामान रखा है , जब भी जरुरत हो तो ले लेना !! महीने में एक बार टाइम मिले और बात कर पाओ तो कर लेना वरना परेशान मत होना !!

इस बार आंसू अनंत की आँखों में थे

सना - अब तुम्हे क्या हुआ ?
अनंत - कोई किसी से इतना प्यार कैसे कर सकता है ?
सना - मैं करती हु न , और हमेशा करुँगी ऐसे ही उम्रभर ,

अनंत सना के आता है और उसके हाथो को अपने हाथो में ले लेता है !! और कहता है

अनंत - तुमसे एक बात पुछु ?

सना - हम्म

अनंत - अगर कोई तुम्हे मेरे बारे में आकर कुछ कहे तो क्या तुम मान लोगी ?

सना - अगर भगवान भी आकर कहे तो नहीं मानूंगी , तुम कहोगे तो मान लुंगी

अनंत - इतना प्यार करती हो मुझसे ..

सना - हां , शायद खुद से भी ज्यादा ..

अनंत सना को गले लगा लेता है , चाहत है की ये पल कुछ देर यही थम जाये क्युकी कुछ देर बाद वो ये सब छोड़कर बहुत दूर चल जायेगा !! दोनों ही खुश थे और दुखी भी ..

अनंत - कल सुबह 7 बजे मेरी ट्रैन है , स्टेशन आओगी ना मुझे छोड़ने ?

सना - नहीं !!

अनंत - क्यों ?

सना - क्युकी मैं तुम्हे खुद से दूर जाते हुए नहीं देखना चाहती

और फिर फूटफूट कर रोने लगती है 1 साल के रिश्ते में सना ने कभी अनंत से दूर जाने का नहीं सोचा ,, झगडे बहुत बार होते थे लेकिन दोनों के प्यार की डोर उन झगड़ो से कई ज्यादा मजबूत थी ...

सना ने सामने की दिवार पर अनंत लव सना लिख दिया !!
अनंत - ये किसलिए
सना - जब भी तुम्हारी याद आएगी यहाँ आकर इसे देख लिया करुँगी

दोनों भारी मन से घर के लिए निकल जाते है अगले दिन अनंत बैंगलोर के लिए निकल जाता है पर पुरे रस्ते सिर्फ एक ही बात दिमाग में घूमती रहती है
अनंत सोचता है - इस बार मैं आते ही उसे सब सच बता दूंगा , पहले ही बता देता लेकिन मैं उसे खोना नहीं चाहता था , सच जानने के बाद भले वो मुझे माफ़ ना करे लेकिन मैं उसे और धोखे में नहीं रख सकता !! मर जाएगी ऐसी है वो जिस दिन उसे सब पता चलेगा मुझसे बहुत बडी गलती हो गयी , पर ये सब मैंने उसे पाने के लिए किया क्युकी जीतन प्यार वो मुझसे करती है उतनी ही मोहब्बत मैं उस से करता हु !!
यह सब सोचते सोचते अन्नत बैंगलोर पहुंच जाता है , और आर्मी ज्वाइन कर लेता है ... घर को माँ पापा को और सबसे ज्यादा सना को याद करता रहता है ... वो चाहता है की जल्दी से जल्दी ट्रेनिंग ख़तम हो और वो घर पहुंच जाये ...

इधर अनंत के जाते ही सना उदास रहने लग जाती है , कॉलेज जाना भी लगभग कम कर देती है , वो दिन रात उसे याद करती रहती है और उसके साथ बिताये वक्त को याद करती रहती है जो की उसकी जिंदगी के सबसे खूबसूरत पलो में से था !! हफ्ते में एक बार सना उस पार्क में जाती है और घंटो वहा वक्त बिताकर आ जाती है सना वहां लिखे अपने और अनंत के नाम को देखकर सोचती है की कब यहाँ लव से वेड्स होगा ... 1 महीना निकल जाता है अनंत का कोई फ़ोन नहीं आता है पर सना को उस पर पूरा भरोसा था ,, एक दिन अनंत का फोन आता है और सना खुश हो जाती है कुछ ही दिन बाद सना के रिलेशन में कोई शादी होती है इत्तेफाक से सोम भी उसी शादी में आता है दोनों एक दूसरे को देखते है लेकिन बात नहीं करते शायद दोनों की नाराजगी अभी भी थी ...
चूँकि अनंत सोम का अच्छा दोस्त था इसलिए सना की मम्मी ने सोम से पूछा

- बेटा, वो कौन दोस्त है तुम्हारा जो आर्मी में है

सोम - जी अंनत !

- कैसा लड़का है वो ?

सोम - जी अच्छा लड़का है मेरे साथ ही पढ़ा हुआ है और बचपन से दोस्त है हम दोनों !!
पर आप क्यों पूछ रही हो ?

- सना उस से प्यार करती है और शादी करना चाहती है ,

सोम के पेरो तले जमीं खिसक गयी उसे कुछ समझ नही आया की क्या करे उसने कहा - पर सना ु दोनों की शादी कैसे हो सकती है ??

- हां हम लोगो ने बहूत समझाया सना को पर वो मानने को तैयार ही नहीं है उसपे तो बस लव मैरिज का भूत सवार है , और जब जब उसने बताया की अनंत भी अपनी ही कास्ट से है तो फिर हम लोग भी मान गए , उसकी ख़ुशी से बढकर कुछ नहीं है
अब तुमसे मिलकर तसल्ली हो गयी की उसने अपने लिए सही लड़का चुना है !!!


सोम का सर फटने लगा एक साल में इतना कुछ हो गया और उसे कुछ पता नहीं चला न सना ने बताया ना अनंत ने कुछ कहा , उसे अनंत पर बहुत गुस्सा आया , सना की मम्मी ने जो बताया वो सच्चाई से बिलकुल अलग था सोम ने सना की मम्मी से कुछ नहीं कहा और वह से चला गया
सोम सना से बात करने क मौका ढूंढ़ने लगा वो सना को सच बता देना चाहता था जो अब तक अनंत उस से छुपा रहा था लेकिन सना ने सोम से कोई बात नहीं की , फिर सोम ने सारा सच सना की बहन को बता दिया और कहा की वो जाकर सना को ये सब बताये क्युकी सोम की हिम्मत नहीं थी उसे टूटता हुआ देखने की !!

सना की बहन ने जाकर सना को सब बाते बता दी एक बार तो सना को भरोसा ही नहीं हुआ लेकिन जब बहन ने बताया की ये सब सोम ने कहा है टी उसे मानना पड़ा , सना ने अनंत को फोन किया

सना - हेलो अनंत !
अनंत - हां बोलो
सना - तुम्हारी कास्ट क्या है ? (सना ने सीधा सवाल किया )
अनंत कुछ देर चुप रहा वही हुआ जिसका डर था , सना को शायद सच का पता चल चूका था फिर भी अनंत ने हिम्मत करके कहा
- सना मैं तुम्हे ये सब बहुत पहले बता देना चाहत था, पर तुम्हे खो देनेके डर से कुछ नहीं बोल पाया
सना - मैंने जो पूछा है उसका जवाब दो ?
अनंत - हां !! तुमने जो सुना वो सब सही है मैं other कास्ट से हु , पर मैं तुमसे बहुत प्यार करता हु !!

सना ने फोन काट दिया , उसकी आँखों से आंसू बहने लगे चेहरे पर कोई भाव नहीं था पर आंसुओ ने बहना जारी रखा , बाकि लोग जहा शादी का जश्न मना रहे थे सना का दिल मातम मना रहा था , दिल टूट ता है तो दर्द होता है पर जब पहली बार होता है तो असहनीय दर्द होता है वही सना के साथ हो रहा था , लो कहते है सिर्फ दिल टूट ता है गलत कहते है बॉडी का हर एक पार्ट मातम मनाता है ... सच जानने के बाद सना के चेहरे से हसी जैसे गायब हो गयी बस सबके सामने मुस्कुराने की कोशिश कर रही थी .. सोम से सना का दर्द देखा नहीं जा रहा था
उसने अन्नत को फोन करके बुरा भला कहा और उसे अहसास दिलाया की उसने बहुत बड़ी गलती की है .. इधर अनंत भी उसी दर्द से गुजर रहा था उसे बहुत बुरा लग रहा था की उसने सना को धोखे में रखा , पर उसने ये सब सिर्फ सना को पाने के लिए किया था ...
कुछ वक्त गुजरा और सना और अनंत के बिच बातचीत का सिलसिला बंद हो चूका था , ना ही उसकी सोम से बात होती थी उसने खुद को जॉब में बिजी कर लिया लेकिन शादी की बात को हमेशा टालती रही
एक साल गुजर गया अनंत ट्रेनिंग से वापस आ चूका था लेकिन उसकी सना से बात करने की हिम्मत नहीं हुयी .. और फिर एक दिन उसने सना से बात की और माफ़ी मांगने लगा , उसने सना से एक मौका और मांगा खुद के प्यार को सही साबित करने का , सना का दिल पिघल चूका था उसने उसे माफ़ कर दिया
पर अब तक दोनों काफी मेच्योर हो चुके थे , अनंत भी पहले से काफी बदल चूका था लेकिन अगर कुछ नहीं बदल तो वो तह सना का अनंत के लिए प्यार !! वो अब भी उसे पागलो की तरह प्यार करती थी ...जॉब के कारन अनंत बहुत कम सना से मिल पता था सना ने उस से कई बार कहा की वो अपने घरवालों से बात ककरे पर अन्नत हमेशा टालता रहा
इधर सना के घरवाले उसे शादी के लिए दबाव बनाने लगे लड़के देखने लगे ा दिन हारकर उसने अनंत से कहा

सना - तूम अपने घरवालों से बात क्यों नहीं करते !!
अनंत - घरवाले नहीं मांनेंगे
सना - अगर तुम नहीं बोल सकते तो मैं बोल देती हु उनको उसके बाद जो होगा देखा जायेगा
अनंत - ये इतना आसान नहीं है
सना - तो फिर प्यार क्यों किया जब मुझे अपनाना ही नहीं था (सना उदास हो जाती है )
अनंत - मैं लव मैरिज नहीं कर सकता , पापा कभी नहीं मानेगे
सना - ओह्ह !! तो जब ये बात थी तो फिर मेरी जिंदगी में वापस क्यों आये , मुझे फिर से क्यों वही उम्मीद दी जो मैं कबका छोड़ चुकी थी

अनंत चुप रहता है कुछ नहीं कहता !!
सना - 2 दिन बाद मुझे देखने लड़के वाले आ रहे है , फैसला तुम पर छोड़ती हु आ तुम्हारी मर्जी , तुम्हारे लिए अब मैं अपने माँ बाप का दिल और नहीं दुखा सकती !!

इतना कहकर सना वहां से चली जाती है सना अनंत के जवाब का इंतजार करती है लेकिन अनंत बीना जवाब दिए वापस बेंगलोर चला जाता है , सना घरवालों की पसंद के लड़के से सगाई कर लेती है !! शादी तय हो जाती है और शादी के 1 महीने पहले अनंत बैंग्लोर से आता है और सना से मिलने के लिए कहता है

दोनों अपनी उसी पुराणी जगह पहुंच जाते है जहा अकसर मिलते थे !! सना चुप थी और अनंत भी फिर अनंत ने ही चुप्पी तोड़ते हुए कहा

अनंत - शादी मुबारक हो ,

सना - थैंक्यू

अनंत - तूम खुश हो !!

सना - उस से क्या फर्क पड़ता है अनंत , मेर ख़ुशी अब मेरे घरवालों की ख़ुशी में है .. मैं नहीं जानती तुम्हारी क्या मज़बूरी रही होगी लेकिन मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं है

अनंत - मुझे माफ़ कर दो ,

सना - तुम्हारी कोई गलती नहीं है , मैंने ही तुम पर कुछ ज्यादा भरोसा कर लीया था , टूट ना तो था ही , खैर तुम भी कोई अच्छी सी लड़की देख कर शादी कर लेना

अनंत - नहीं मुझे अब शादी नहीं करनी ,, अब मैं किसी और से प्यार नहीं कर सकता, न ही लव मैरिज कर सकता !!

सना - क्यों नहीं करनी , जिंदगी क्या ऐसे ही काटोगे अकेले .. और अगर शादी नहीं करो तो बच्चो का ना नाम कैसे रखोगे जो हमने रखा था .

इतना कहकर सना ,मुस्कुरा पड़ी उसके होठो पर हसी भले हो लेकिन आँखे नम हो चुकी थी

अनंत - पापा लव मैरिज के लिए कभी नहीं मानते ////

सना - अगर तुमने एक बार कोशिश की होती तो शायद जरूर मानते ,, चलती हु शायद अब कभी न मिल पाउ

/ इतना कहकर सना वहां से निकल जाती है वो जानती थी ये अनंत से उसकी आखरी मुलाकात है , आँखों में आयी नमी कोई देख ना पाए इसलिए आँखों पर काला लगा लेती है
कुछ दिन बाद सना की शादी हो जाती है लेकिन यहाँ भी क़िस्मत उसका साथ नहीं देती है शादी के एक साल बाद ही सना का तलाक हो जाता है और वो वापस अपने घर आ जाती है ..
शादी के सना ने अनंत को हमेशा क लिए खुद से दूर कर दिया था ,,

शादी के बाद अनंत ने कई बार सना से बात करने और मिलने की कोशिश की लेकिन हर बार असफल रहा .. वक्त गुजरता रहा सना नहीं चाहती थी की उसकी ऎसी हालत के बारे में अनंत को कभी पता ना चले
एक दिन सना की एक दोस्त प्रिया घर आयी और इधर उधर की बाते करने के बाद उसने कहा की

प्रिया - सना , तुम्हे पता है अनंत शादी कर रहा है

सना - हां तो ये तो अच्छी बात है , इसमें गलत क्या है --- सना ने बिना उसकी तरफ देखे कहा

प्रिया - गलत ये है की वो लव मैरिज कर रहा है , वो भी घरवालों के खिलाफ जाकर other कास्ट लड़की से !!

सना चुपचाप उसका मुँह देखती रही और उसने कहना जार रखा

प्रिया - आज उसमे बड़ी हिम्मत आ गयी , तब क्या हो गया था उसे जब तुमसे प्यार था तब तो उसने खुद अपने कदम पीछे ले लिए थे, तुम्हारे बारे में एक बार भी नहीं सोचा ,, और आज लव मैरिज कर रहा है वो !

सना चुप थी पर उसके अंदर कुछ टूट सा रहा था और उसकी चुभन उसके चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी , वो खुद को ठगा हुआ सा महसूस कर रही थी बेशक अनंत गलत नहीं होगा पर आज उसे अपनी दोस्त की बाते भी सच लग रही थी ak बार फिर सना की आँखे नम हो उठी ,,

प्रिया - उस इंसान के लिए आँसू बहाने की जरूरत नहीं है तुझे , आज तेरी इस हालत क पीछे कही ना कही वो भी जिम्मेदार है , प्यार के नाम पर बस हमेशा धोखा देता रहा तुम्हे और तुम उसे प्यार समझती रही ,, तुम्हारे लिए wo घरवालों को कह भी न सका और आज किसी और के लिए वो सबके खिलाफ जाने को तैयार है, अपने माँ बाप के भी
की तुम्हारा प्यार , प्यार नहीं था !!

सना जानती थी की उसका गुस्सा जायज था , पर उसने चुप रहना सही समझा

सना - सुन !! शांत हो जा वो मेरा बिता हुआ कल है और अपने बीते हुए कल की वजह से मैं अनंत का आने वाला कल बिगाड़ना नहीं चाहती , उसे उसका प्यार मिल गया है और उसे पूरा हक़ है अपनी जिंदगी अपने ढंग से जीने का !!
मैं उसका अतीत हु और अतीत का काम है बित जाना बस वो खुश रहे मुझे और कुछ नहीं चाहिए

प्रिया - तो क्या तुम उसे ऐसे ही जाने दोगी , उसने तुम्हारे साथ जो किया उसका जरा भी दुख नहीं तुम्हे .. तुम्हारी जिंदगी को इस हाल में लाकर वो अपना घर बसा रहा है और तुम्हे कोई फर्क नहीं पड़ रहा और अभी भी उसकी परवाह ho रही है

सना - उसने जो भी किया हो मैंने तो उस से प्यार किया था ना , तो फिर उसे गलत बोलना मतलब अपने प्यार को गाली देना .. उसकी जो भी मज़बूरी रही हो मुझे अब उस से कोई शिकायत नहीं है , उसकी दुनिया अब कुछ और है और मेरी दुनिया कुछ और !!

प्रिया - पर वो.....

सना - शशशशशश plz , अब कुछ मत बोलो ... मैं और नहीं सुन सकती

प्रिया - ठीक है !! तुम ठीक हो (सना की भीगी पलके देखकर पूछती है)

सना - हम्म्म , मुझसे एक वादा करोगी ?

प्रिया - हां बोलो ,,

सना - अनंत को मेरे बारे में कभी कुछ पता नहीं चलना चाहिए ..

प्रिया - लेकिन क्यों ?

सना - मैं नहीं चाहती की वो खुद को मेरा गुनहगार समझे !! मैं चाहती हु की वो अब हमेशा खुश रहे मेरी परछाई भी उसके आस पास ना हो ...

इस बार पलके भीगने की बारी प्रिया की थी ,,

प्रिया - कोई किसी से इतना प्यार कैसे कर सकता है ..

सना - मैं करती हु ना !! कहकर सना प्रिया को गले लगा लेती है

सना - मेरे साथ बाहर चलोगी

प्रिया - चलो


दोनों पार्क में उसी दिवार के सामने जाकर रुक जाती है जहा "अनंत लव सना" लिखा था !! कुछ देर उसे अपलक देखने के बाद सना लव और सना नाम को मिटा देती है पर अनंत का नाम छोड़ देती है !! प्रिया को कुछ समझ नहीं आता तो पूछ लेती है

प्रिया - ये लव क्यों मिटाया ,

सना - अब मेरा इसपे हक़ नहीं रहा

प्रिया - तो फिर अनंत का नाम क्यों नहीं मिटाया !!

सना - उसका नाम मिटाया तो मोहब्बत बुरा मान जाएगी ,

प्रिया - उस से इश्क़ था ?

सना न अपनी बड़ी बड़ी भीगी पलकों को उठाकर कहा - आज भी है !!


और दोनों पार्क से बाहर निकल जाती है
कुछ दिनों बाद अखबार में एक खबर आती है
"आर्मी अफसर ने किया प्रेम - विवाह"
 

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लव मैरिज भाग -2


"लव मैरिज पर कुछ लोगो की समीक्षाएं पढ़कर लगा की इस कहानी को अब मुझे एक नया मोड़ देना चाहिए !! हकीकत और कल्पना की मिली जुली इस कहानी का आगे का भाग काल्पनिक होगा , पर उसे पढ़कर आपके विचार इस कहानी के

प्रति सकारात्मक होंगे !!

इस अधूरी कहानी को अगर कल्पना के जरिये मैं पूरा न कर पाउ तो फिर मेरा लिखना फिजूल है , आशा है इस कहानी का दूसरा भाग आपको पसंद आएगा !!"


अगले दिन अख़बार में खबर छपी "आर्मी अफसर ने किया प्रेम विवाह"

सना ने सिर्फ हैडलाइन पढ़कर अख़बार निचे रख दिया ,, एक गहरी साँस ली और सोचने लगी

"अच्छा हुआ अनंत ने शादी कर ली , कम से कम उसे तो उसका प्यार मिल गया"

और उसने आँखे मुंद ली अतीत के पलो ने उसे आ घेरा , अहसास तब हुआ जब पलकों के किनारे नमी से भीग गए , सना उठी और नहाने चली गयी ,, आज बिना कुछ खाये ही वो ऑफिस चली गयी ..

सना से मिलने और बात करने की सेकड़ो कोशिशों के बाद भी जब वो उस से नहीं मिल पाया तो शादी के अगले ही दिन अनंत उस पार्क में गया ,, उसी दिवार के सामने जाकर खड़ा हो गया और उदास नजरो से चारो तरफ देखने लगा, कितना खूबसूरत वक्त था वो जो उसने सना के साथ गुजारा था

हर वक्त उसकी परवाह करने वाली , उसे समझने वाली सना जो कभी एक पल उस से दूर नहीं होती थी , आज न जाने कहाँ है ,, कभी शिकायत ना करने वाली आज इतनी खफा है की बात तक नही करना चाहती , अनंत वही बैठ जाता है
ओर सामने खेल रहे बच्चों को देखता रहता है , तभी उनकी बॉल अन्नत के पास आकर गिरती है
एक छोटी सी बच्ची आकर अनंत से कहती है

अंकल बॉल प्लीज़ !

अनंत बॉल देकर उस से पूछता है - बेटा आपका नाम क्या है ??

अदिति - कहकर वो चली जाती है

अदिति यही तो नाम रखना चाहती थी वो हमारी बच्ची का जब भी उस से पूछता अदिति क्यों तो उसका जवाब होता - मेरी हर चीज तुमसे जुड़ी होना जरूरी है
a for anant ओर a for aditi
कितनी पागल थी वो ओर सच्ची भी

अनंत अतीत में खोया हुआ था कि अचानक उसकी नजर सामने उसी दीवार पर गयी जिसपर अनंत लव सना लिखा था ।। अनंत उठकर उसके पास गया पर दोनों नमो के बीच का लव किसी ने मिटा दिया था
उसे देखकर अनंत बड़बड़ाने लगा

"इसका मतलब सना यहा आयी थी , वो यही है इसी शहर में ओर फिर भी मैं उस से मिल नही पा रहा हु । आखिर कैसे पता करु कहकर अंनत अपना हाथ दीवार पर जोर से मारता है
दीवार पर लगा पत्थर उसके हाथ मे चुभ जाता है और खून बहने लगता है , पर उसे सना का ख्याल था जेब से रुमाल निकालकर हाथ पर लपेट लेता है
ओर पार्क से बाहर आजाता है
गाड़ी घर की तरफ दौड़ाता है , रास्ते मे बस सना के बारे में सोचता रहता है

"क्या करूँ । आखिर कैसे पता करु की वो कहा है
प्रिया ,,, प्रिया ही है जो उसके बहुत करीब है और वो ही मुझे उस तक पहुचा सकती है
अनंत गाड़ी को U टर्न घूमाता है , ये शायद उसकी जिंदगी का भी U टर्न था
वो प्रिया के घर पहुचता है
अंनत को अपने घर देख प्रिया चौक जाती है

अनंत - अंदर चलो मुझे तुमसे कुछ बात करनी है

प्रिया अंदर आती है और अनंत को बैठकर खुद उसके लिए चाय बनाने चली जाती है ।। थोड़ी देर में प्रिया चाय लेकर आती है और अनंत को देती है
चाय पीकर अनंत प्रिया से पूछता है

अनंत - प्रिया सना कहा है ?

प्रिया - मुझे क्या पता भाई। प्रिया नजर बचाकर कहती है

अनंत - प्रिया तुम ही हो जो जानती हो सना कहा है प्लीज़ मुझे बताओ सना कहा है

प्रिया - तुम्हे क्यों जानना है वो कहा है , जब उसे बीच रास्ते मे छोड़कर गए थे तब तो तुम्हे उसकी फिक्र नही थी फिर आज क्यों पूछ रहे हो

अनंत - मैं मजबूर था प्रिया , प्लीज़ बताओ सना कहा है
4 साल से उस से मिलने की कोशिश कर रहा है ,, प्लीज़ मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ता हु बताओ सना कहा है

प्रिया - भाई भूल जाओ उसे ओर वो भी यही चाहती है ,, तुम्हारी शादी हो चुकी है , तुम खुश रहो अपनी जिंदगी में अब तुम्हे उस से क्या चाहिए

अनंत शादी का नाम सुनकर चौक जाता है

शादी किसकी शादी , ? तुमसे किसने कहा मेरी शादी हो चुकी है ?

प्रिया - सुना मैने ओर कल पढ़ा भी , पेपर में कई आपकी शादी हो चुकी है

अनंत ने पास पड़ा पेपर उठाया और प्रिया को दिखाते हुए कहा - इसमे जिस आर्मी अफसर अनंत का नाम है वो मेरे सीनियर मिस्टर अनंत जोशी है , मेरा नाम अनंत पारीक है
शादी इनकी हुई है मेरी नही

अनंत की बात सुनकर प्रिया को अपनी गलती का अहसास होता है वो माफी मांगते हुए कहती है
- सॉरी भाई , वो नाम के कारण कंफ्यूजन हो गया और मैने सोचा आपकी शादी हो गयी , ओर मैंने सना से भी यही कहा ।।।

अनंत - प्लीज़ अब तो बता दो सना कहा है , कैसी है किस हाल में है ,, 4 साल से उसे देखा तक नही है , उसकी आवाज सुनने के लिए तरस गया हूं

अनंत की हालत देखकर प्रिया सना को फोन लगाती है और अनंत को चुप रहने का इशारा करते हुए फोन को स्पीकर पर डाल दिया

प्रिया - हेलो सना

हेलो - दूसरी तरफ सना की धीमी आवाज आती है

4 साल बाद अनंत उसकी आवाज सुन रहा था , उसने अपने होठों को दातो तले दबाकर अपने आसुओ को रोकने की नाकाम कोशिश की

प्रिया - सना कैसी हो ।। ठीक हो ना तुम
मुझे तुम्हे कुछ बताना था वो अनंत की शादी ,,,,,,,,,,,

प्रिया की बात पूरी होने से पहले ही सना बोल पड़ी

- प्रिया मुझे उसके बारे में कुछ नही सुन्ना ,, उसे उसका प्यार मिल गया वो खुश है तो मैं भी खुश हूं - एक गहरी सांस लेकर बोलती है
शायद रो रही थी सना

प्रिया - तुम रो रही हो ?? तुम ठीक हो

सना - नही ! वो आंख में कुछ चला गया बस उसी वजह से , मैं ठीक हु

सिसकती रहती है अनंत की आंखों में आंसू आ जाते है
"इसे तो ढंग से झूठ बोलना भी नही आता " अनंत दिल ही दिल मे खुद से कहता है

प्रिया - अच्छा सुनो आज शाम को 4 बजे पार्क में मिलना , तुमसे जरूरी काम है ओर बिना कोई बहाना बनाये चुपचाप आ जाना

थोड़ी देर ना नुकर के बाद सना मान जाती है और फोन रख देती है !!

अनंत प्रिया को thankyou बोलता है तभी प्रिया कहती है
- भाई मुझे आपको कुछ बताना है ??

अनंत - हा बोलो

ओर उसके बाद प्रिया अनंत को सना के बारे में सब कुछ बता देती है ।। उसकी शादी , उसके तलाक ओर उसकी बुरी हालत के बारे मैं
उसकी बातें सुनकर अनंत को बहूत गुस्सा आता है
वो गुस्से में प्रिया से कहता है

- इतना सब हो गया और तुम मुझे अब बता रही हो , क्यों छुपाया मुझसे ये सब आखिर क्यों ,, क्या मुझे जानने का हक़ नही था वो किस हाल में है
इतने दर्द में थी वो फिर मुझसे क्यों छुपाया ,,,, क्यों ?

प्रिया - भाई मैं तुम्हे बताना चाहती थी , लेकिन सना ने मना कर दिया वो नही चाहती थी तुम्हे ये सब पता चले , ओर तुम खुद को उसकी इस हालत का जिम्मेदार समझो

अनंत - जिम्मेदार तो मैं हु प्रिया ,, उसकी इस हालत का जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ मैं हु ।। मेरी वजह से आज वो इस दर्द में जी रही है ,, मुझे उस से मिलना है प्रिया


प्रिया चुपचाप सुने जा रही थी ओर फिर कहा

भाई तुम्हारे पास एक मौका है उसकी जिंदगी में वापस खुशिया लाने का ,, ओर अपनी गलती सुधारने का
तुम्हे क्या करना है ये तुम अच्छी तरह जानते हो

अंनत - उसे इस दर्द से निकलने के लिए मैं दुनिया की हर खुशी उसे लेकर दूंगा ।।।


अनंत की आंखे भीग जाती है वो सिर्फ और सिर्फ सना के बारे में सोचता है ,, तभी प्रिया कहती है

- भाई चले ।

अनंत - कहा ?

प्रिया - भाभी से मिलने

इतना कहकर प्रिया मुस्कुराने लगती है ,, अनंत भी मुस्कुरा उठता है
दोनो गाड़ी लेकर पार्क पहुचते है प्रिया के साथ अनंत को देखते ही सना चौक जाती है

सना - प्रिया , चलो यहा से ।।

अनंत - कब तक भागोजी ऐसे , ओर किस से भाग रही हो तुम मुझसे या खुद से ।।

सना कुछ नही कहती प्रिया दोनो को अकेला छोड़ घर चली जाती है ।।


अनंत सना की तरफ देखकर सोचता है

"कुछ भी तो नही बदला इस पागल में वैसी ही है बस बाल थोड़े बढ़ गए इसके ,, आंखे वैसी ही है बस पहले प्यार था अब उदासी है इनमे ,, चेहरा वैसे का वैसा बस छोटी सी बिंदी लगाने लगी है ललाट पर ,, सलवार सूट में कितनी प्यारी लगती है और पहले मेरी खातिर जीन्स पहनती थी

उधर सना अनंत को देखकर सोचती है

क्या हाल बना लिया है इसने अपना ,, खाता पिता नही होगा टाइम पर ,, ओर बाल देखो कितने छोटे करा लिए आर्मी में जो है ,, पहले मुझे मोटू कहकर चिढ़ाता था अब खुद को देखो ।। मुझसे भी दो कदम आगे
पर आज ये यहा क्यों आया है



दोनो के बीच पसरी ख़ामोशी को अनंत तोड़ता है

हाय - अपना हाथ आगे कर देता है वही हाथ जिसपर चोट लगी थी !!

सना का ध्यान उसके हाथ पर जाता है घाव अब भी था ,, सना अपने दुप्पटे से कपड़ा फाड़कर अनंत के हाथ पर बांधते हुए बेचैनी से पूछती है

- ये चोट कैसे लगी ?

अनंत उसकी बात का जवाब नही देकर कुछ और ही कहता है
- तुम बिल्कुल नहीं बदली , वैसी ही हो केयरिंग

ओर तुम लापरवाह , ध्यान कहा रहता है तुम्हारा - सना ने पट्टी बांधते हुए कहा , उसका ध्यान अभी भी हाथ पर था

4 साल बाद मिल रहा हु तुमसे , कैसी हो ? - अनंत ने सना की तरफ देखते हुए कहा

ठीक हु , तुम कैसे हो ?

मैं भी ठीक हु , आओ बेठो कुछ बात करनी है तुमसे , - अनंत ने तालाब के सामने बैठते हुए कहा
जहा वो दोनों अक्सर बैठा करते थे

सना कुछ दूरी बनाकर बैठ जाती है

अनंत - कैसी चल रही है तुम्हारी शादीशुदा जिंदगी ??

सना - अच्छी चल रही है ,, वो बहूत अच्छे है मेरा बहुत खयाल रखते है ।। बहुत खुश रहते है मेरे साथ ,, घुमाना बाहर ले जाना ,, मेरी हर विश पूरी करते है । हमेसा मेरे साथ रहते है मुझे अकेला छोड़ते ही नही
नए नए तोहफे , साड़ी गहने लेकर देते रहते है। ।। मैं बहुत खुश हूं उनके साथ

सना की आवाज में एक अजीब ही दर्द और घबराहट थी
उसकी बाते सुन अनंत की आंखों में आंसू आ जाते है वो जानता था की सना झूठ बोल रही है
सच क्या है वो जानता था उसने अपने आंसू पोछते हुए कहा

- सना , मुझसे तो सच बोल सकती हो तुम , तुम जानती हो ना तुम्हे झूठ बोलना नही आता फिर भी ।।प्रिया ने मुझे तुम्हारे बारे में सब सच बता दिया है

सना की आंखों में आंसू आ जाते है

अनंत - मुझसे क्यों छुपाया ये सब , सब अकेले बर्दास्त करती रही ।। क्यों मुझसे दूर हो गयी तुम मुझे बताया क्यों नही !!

सना - क्या बताती अनु , मैंने बहुत इंतजार किया तुम्हारा पर तुमने मुझे बीच रास्ते मे छोड़ दिया । शादी के बाद मैंने पूरे दिल से उन्हें अपना पति माना उन्हें हर सुख दिया तन मन सब , लेकिन उन्होंने मुझे अपने लायक नही समझा ,, वो लोग जितना मुझे दर्द दे सकेते थे दिया और फिर छोड़ दिया
ओर देखो ना तुम्हारे छोड़ने के बाद मुझे कोई नही अपना पाया ।।।


जब वो बोल रही थी तो उसकी सांसे उखड़ रही थी और सिसकियों में बदल गयी .. आँखो में आये आसुओ को उसने रोके रखा !!

अनंत ने उसके हाथ को अपने हाथ मे लेकर कहा - बह जाने दो इन्हें , मत रोको ।।
बह जाने दो उस दर्द को जो अब तक तुमने इस दिल दबा के रखा है ।। बहने दो इन आंसुओ को ,, अपने दर्द को नासूर बनने मत दो सना


रोने लगती है वो
ओर अनंत उसे देखता रहता है , वो उसे कभी रोते हुए नही
देख सकता पर आज देख रहा था ।। जो दर्द जो तकलीफ उसकी वजह से सना ने सही थी वो महसूस करना चाहता था ।। उसका मन कर रहा था उसे गले लगा ले और खुद भी जी भर के रो ले पर वो नही कर पाया ।।


सना ने सुबकते हुए कहा - तुम्हारी शादी हो चुकी अनु , अब तुम्हे अपनी पत्नी पर ध्यान देना चाहिए

अनंत ने जेब से निकालकर पेपर सना को थमा दिया जिसमें आर्मी अफसर के प्रेम विवाह की खबर थी सना ने पेपर साइड में रखा और अनन्त से पूछा

- फिर तुमने अब तक शादी क्यों नही की ?

अनंत - क्योंकि मैं तुम्हारी जगह कभी किसी को नही दे पाया , ओर ना दे पाऊंगा ,, शादी तो दूर की बात है तुम्हारे जाने के बाद मैं किसी को उस नजर से देख भी नही पाया
आज तुम्हारी इस हालत का जिम्मेदार सिर्फ मैं हु

सना - ये सब मेरी किस्मत में लिखा था ।। सो हो गया तुम्हारा इसमे कोई दोष नही है

अनंत - किस मिट्टी की बनी हो तुम हा , सच तुम भी जानती हो फिर भी ये सब कह रही हो
काश मैंने एक बार हिम्मत करके पापा को बोला होता , काश मैं तुम्हे एक बार अपने लिए रोक पाता ।।
अनंत रोने लगता है ।

सना उसके आंसू पोछते हुए कहती है - आर्मी का जवान रोता हुआ अच्छा नही लगता ।।

अनंत - हम्म्म्म ,, मैंने तुम्हें बहूत दुख दिए है , बहुत तकलीफ पहुचाई है ,, मैं भूल गया था कि तुम मुझसे कितना प्यार करती थी

सना - करती थी ?? नही ।। आज भी करती हूं
सच्चे प्यार का कभी अंत नही होता अनु ।। वो हमेशा जिंदा रहता है दिलो में ,, शादी के बाद भी वो प्यार जिंदा था और आज भी है ।।।

अनंत - तुम्हारे लिए प्यार के क्या मायने है ?

सना - तुम्हारा खुश रहना , ओर अगर तुम खुश हो तो मैं समझूँगी मेरा प्यार मुक्कमल हो गया !!

अनंत - कोई किसी से इतना प्यार कैसे कर सकता है ?

सना - मैं करती हूं ना ...


खामोशी चारो तरफ छा जाती है ,,
कुछ देर बाद सना कहती है घर चले

अंनत - ह्म्म्म मैं तुम्हे घर तक छोड़ दूंगा

सना - नही मैं चली जाउंगी

अनंत - इतना हक तो दे ही सकती हो मुझे

ओर दोनो गाड़ी की तरफ बढ़ते है ।। चलते चलते सना रुक जाती है

सना - अनु , क्या मैं एक बार तुम्हारे गले लग सकती हूं प्लीज़

अनंत खुद आगे बढ़कर उसे गले लगा लेता है ,, वो फिर रोने लगती है

अनंत प्यार से उसके सर पर हाथ फेरते हुए कहता है -

शाश्शसहशस प्लीज़ रोना नही ,, सब ठीक हो जाएगा

ओर दोनो गाड़ी में जा बैठते है ,, अनंत गाड़ी घर की तरफ दौड़ा देता है अनंत सना से माफी मांगना चाहता था पर कैसे कुछ समझ नही आ रहा था
जाने अनजाने उसने भी सना का बहुत दिल दुखाया था गाड़ी में ख़ामोशी पसरी हुई थी अनंत ने उसे दूर करने के लिए गाना चला दिया
आज अनंत की किस्मत वाकई अच्छी थी गाना भी उसका पूरा साथ दे रहा था

जैसे ही अनंत ने म्यूजिक सिस्टम न किया गाना बजने लगा

"मैने तुमको चाहा भी है , तुम्ही को मैंने गम भी दिए ,
शर्मिंदा हु । शर्मिंदा हु । शर्मिंदा हु
सच कहता हूं दिल ही दिल मे शर्मिंदा हु ।। "

अनंत भीगी आँखो से सना की तरफ देखने लगा ,, उसकी आंखें खामोशी से सना से माफी मांगने लगी

ओर सना ने पलके झपका कर उस माफी पर सहमति भी दे दी ।। अनंत बहुत खुश था ,, सना जैसे ही गाड़ी से उतरने लगी

अनंत - सना

सना - हम्म्म्म

अनंत - अगर मैं तुम्हे बुलाऊ तो एक बार मेरे लिए आओगी

सना - हा

कहकर सना चली जाती है
2 दिन बाद अनंत सना को लेकर अपने घर जाता है और अपने पापा से कहता है

अनंत - पापा मैं सना से प्यार करता हु ओर इस से शादी कर रहा हु !!

- तुम्हारा दिमाग तो ठीक है , ये क्या बक रहे हो तुम , एक दूसरी जात की लड़की से शादी करना चाहते हो
अरे कुछ तो लिहाज करो हमारी इज्जत का ।।

अनंत - दूसरी जात से पहले वो एक इंसान है पापा ।। ओर इस से शादी करने पर आपकी इज्जत खराब नही होगी

- तड़ाक एक तमाचा सीधा अनंत के गाल पर पड़ता है और उसके पापा गुस्से में कहते है - अब तू मुझे सिखाएगा क्या सही है ओर क्या गलत ,, बेशर्म जरा भी शर्म नही आई तुझे

अनंत - मैंने इस से प्यार किया है पापा कोई पाप नही किया है ,,

- तो फिर निकल जा इस घर से इसे लेकर ,, इस घर मे अब तुम्हारा कोई काम नही , ओर आज के बाद अपनी शक्ल मत दिखाना - पापा ने चिल्लाते हुए कहा

अनंत - चला जाऊंगा पापा ,, आप मा बाप है एक दिन आप लोग मुझे माफ़ कर दोगे ,, पर अगर आज मैंने इसका साथ छोड़ दिया तो शायद खुद को कभी माफ नही कर पाऊंगा !!

कहकर अंनत सना का हाथ पकड़ बाहर आ जाता है ,, वो सना को लेकर रेलवे स्टेशन लेकर जाता है ,, सना को कुछ समझ नही आता वो अपना हाथ छुड़ाकर कहती
है

- तुम ये सब क्यों कर रहे हो ??

अनंत - मैने जो गलतिया की है , उन्हें सुधारने की एक आखरी कोशिश, जो दर्द अब तक तुमने सहा है जितना दुख तुमने देखा है उसे दूर करने की कोशिश
जिन खुशियो को अब तक तरसी हो वो सारी खुशियां देना चाहता हु तुमहे !!

सना - मैं तुम्हारे लायक नही हु अनु ,, उसने छुआ है मुझे , मेरे इस शरीर को

अनंत सना का चेहरा अपने हाथों में लेकर कहता है

उसने सिर्फ तुम्हारा जिस्म छुआ है तुम्हारी आत्मा को नही , ओर मेरा प्यार इन सब चीजों का मोहताज नही है
मैं तुमसे बहुत प्यार करता हु सना , एक बार तुम्हे खो चुका हूं दोबारा नही खोना चाहता !!

I love you सना I realy love you

सना दौड़कर अनंत के गले लग जाती है ओर कहती है
" इस बार अगर छोड़कर गए तो सच मे मर जाउंगी !!

दोनो एक दूसरे को कसकर गले लग्गा लेते है ,, ट्रेन की आवाज से दोनों की तंद्रा टूट ती है ,, अनंत सना का हाथ पकड़ कर ट्रेन में चढ़ जाता है ,,

सना - हम कहा जा रहे है ?

अनंत - अपनी दुनिया मे ,, जहा हमारे प्यार के खिलाफ कोई नही होगा ।।


सना अपना सर अनन्त के कंधे पर झुका देती है कुछ ही देर में उसे नींद आ जाती है ।। अनंत बस उसे सुकून से सोते हुये देखता रहता है !!
अगले ही दिन दोनो बैंगलोर पहुच जॉते है , अनंत सना के साथ अपने आर्मी हैडक़वाटर पहुचता है ।।
सब अनत ओर सना को घेर कर खड़े हो जाते है
अनंत अपनी मजबूरी कैप्टन को बताता है और कैप्टन ऐलान करता है कि दो दिन बाद सना ओर अनंत की शादी यही हेड कवाटर में होगी

शाम को सब अनंत ओर सना को घेरकर बैठ जाते है अनंत सबको अपनी ओर सना की कहानी सुनाता है । हर कोई उन दोनों का दीवाना हो जाता है
अगले दिन सब शादी के कामो में लग जाते है
हल्दी से लेकर मेहंदी संगीत के सभी कामो को अनंत के दोस्त करते है !!
सना ओर अनंत बहुत खुश थे
आर्मी के अफसर ने सना ओर अनंत को एक बहूत खूबसूरत घर शादी के तोहफे के रूप में दिया
जिसकी नेम प्लेट पर लिखा था "Love Birds"

ओर फिर दो दिन बाद धुमधाम से अनंत ओर सना की शादी हो गयी ।।
ऐसा पहली बार हुआ था कि बॉर्डर पर किसी की शादी हो रही थी पर वो कहते है ना
प्यार और जंग में सब जायज है !!

ओर फिर 1 साल बाद सना ने खुबसुरत जुड़वा बच्चों को जन्म दिया , एक लड़का और एक लड़की
अनंत ने वार्ड में जाकर देखा
लड़की बिलकुल सना जैसी थी और लड़का अनंत जैसा अनंत ने प्यार से सना के सर पर किस किया और कहा

- इनका नाम क्या रखे !!

तभी बाहर खड़े अनंत के आर्मी दोस्तो ने अंदर आते हुए एक साथ कहा

" आर्यन ओर अदिति "



ओर सभी हसने लगे ।।




समाप्त !!
Sanjana Kirodiwal !!?
 

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लव मैरिज भाग -2


"लव मैरिज पर कुछ लोगो की समीक्षाएं पढ़कर लगा की इस कहानी को अब मुझे एक नया मोड़ देना चाहिए !! हकीकत और कल्पना की मिली जुली इस कहानी का आगे का भाग काल्पनिक होगा , पर उसे पढ़कर आपके विचार इस कहानी के

प्रति सकारात्मक होंगे !!

इस अधूरी कहानी को अगर कल्पना के जरिये मैं पूरा न कर पाउ तो फिर मेरा लिखना फिजूल है , आशा है इस कहानी का दूसरा भाग आपको पसंद आएगा !!"


अगले दिन अख़बार में खबर छपी "आर्मी अफसर ने किया प्रेम विवाह"

सना ने सिर्फ हैडलाइन पढ़कर अख़बार निचे रख दिया ,, एक गहरी साँस ली और सोचने लगी

"अच्छा हुआ अनंत ने शादी कर ली , कम से कम उसे तो उसका प्यार मिल गया"

और उसने आँखे मुंद ली अतीत के पलो ने उसे आ घेरा , अहसास तब हुआ जब पलकों के किनारे नमी से भीग गए , सना उठी और नहाने चली गयी ,, आज बिना कुछ खाये ही वो ऑफिस चली गयी ..

सना से मिलने और बात करने की सेकड़ो कोशिशों के बाद भी जब वो उस से नहीं मिल पाया तो शादी के अगले ही दिन अनंत उस पार्क में गया ,, उसी दिवार के सामने जाकर खड़ा हो गया और उदास नजरो से चारो तरफ देखने लगा, कितना खूबसूरत वक्त था वो जो उसने सना के साथ गुजारा था

हर वक्त उसकी परवाह करने वाली , उसे समझने वाली सना जो कभी एक पल उस से दूर नहीं होती थी , आज न जाने कहाँ है ,, कभी शिकायत ना करने वाली आज इतनी खफा है की बात तक नही करना चाहती , अनंत वही बैठ जाता है
ओर सामने खेल रहे बच्चों को देखता रहता है , तभी उनकी बॉल अन्नत के पास आकर गिरती है
एक छोटी सी बच्ची आकर अनंत से कहती है

अंकल बॉल प्लीज़ !

अनंत बॉल देकर उस से पूछता है - बेटा आपका नाम क्या है ??

अदिति - कहकर वो चली जाती है

अदिति यही तो नाम रखना चाहती थी वो हमारी बच्ची का जब भी उस से पूछता अदिति क्यों तो उसका जवाब होता - मेरी हर चीज तुमसे जुड़ी होना जरूरी है
a for anant ओर a for aditi
कितनी पागल थी वो ओर सच्ची भी

अनंत अतीत में खोया हुआ था कि अचानक उसकी नजर सामने उसी दीवार पर गयी जिसपर अनंत लव सना लिखा था ।। अनंत उठकर उसके पास गया पर दोनों नमो के बीच का लव किसी ने मिटा दिया था
उसे देखकर अनंत बड़बड़ाने लगा

"इसका मतलब सना यहा आयी थी , वो यही है इसी शहर में ओर फिर भी मैं उस से मिल नही पा रहा हु । आखिर कैसे पता करु कहकर अंनत अपना हाथ दीवार पर जोर से मारता है
दीवार पर लगा पत्थर उसके हाथ मे चुभ जाता है और खून बहने लगता है , पर उसे सना का ख्याल था जेब से रुमाल निकालकर हाथ पर लपेट लेता है
ओर पार्क से बाहर आजाता है
गाड़ी घर की तरफ दौड़ाता है , रास्ते मे बस सना के बारे में सोचता रहता है

"क्या करूँ । आखिर कैसे पता करु की वो कहा है
प्रिया ,,, प्रिया ही है जो उसके बहुत करीब है और वो ही मुझे उस तक पहुचा सकती है
अनंत गाड़ी को U टर्न घूमाता है , ये शायद उसकी जिंदगी का भी U टर्न था
वो प्रिया के घर पहुचता है
अंनत को अपने घर देख प्रिया चौक जाती है

अनंत - अंदर चलो मुझे तुमसे कुछ बात करनी है

प्रिया अंदर आती है और अनंत को बैठकर खुद उसके लिए चाय बनाने चली जाती है ।। थोड़ी देर में प्रिया चाय लेकर आती है और अनंत को देती है
चाय पीकर अनंत प्रिया से पूछता है

अनंत - प्रिया सना कहा है ?

प्रिया - मुझे क्या पता भाई। प्रिया नजर बचाकर कहती है

अनंत - प्रिया तुम ही हो जो जानती हो सना कहा है प्लीज़ मुझे बताओ सना कहा है

प्रिया - तुम्हे क्यों जानना है वो कहा है , जब उसे बीच रास्ते मे छोड़कर गए थे तब तो तुम्हे उसकी फिक्र नही थी फिर आज क्यों पूछ रहे हो

अनंत - मैं मजबूर था प्रिया , प्लीज़ बताओ सना कहा है
4 साल से उस से मिलने की कोशिश कर रहा है ,, प्लीज़ मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ता हु बताओ सना कहा है

प्रिया - भाई भूल जाओ उसे ओर वो भी यही चाहती है ,, तुम्हारी शादी हो चुकी है , तुम खुश रहो अपनी जिंदगी में अब तुम्हे उस से क्या चाहिए

अनंत शादी का नाम सुनकर चौक जाता है

शादी किसकी शादी , ? तुमसे किसने कहा मेरी शादी हो चुकी है ?

प्रिया - सुना मैने ओर कल पढ़ा भी , पेपर में कई आपकी शादी हो चुकी है

अनंत ने पास पड़ा पेपर उठाया और प्रिया को दिखाते हुए कहा - इसमे जिस आर्मी अफसर अनंत का नाम है वो मेरे सीनियर मिस्टर अनंत जोशी है , मेरा नाम अनंत पारीक है
शादी इनकी हुई है मेरी नही

अनंत की बात सुनकर प्रिया को अपनी गलती का अहसास होता है वो माफी मांगते हुए कहती है
- सॉरी भाई , वो नाम के कारण कंफ्यूजन हो गया और मैने सोचा आपकी शादी हो गयी , ओर मैंने सना से भी यही कहा ।।।

अनंत - प्लीज़ अब तो बता दो सना कहा है , कैसी है किस हाल में है ,, 4 साल से उसे देखा तक नही है , उसकी आवाज सुनने के लिए तरस गया हूं

अनंत की हालत देखकर प्रिया सना को फोन लगाती है और अनंत को चुप रहने का इशारा करते हुए फोन को स्पीकर पर डाल दिया

प्रिया - हेलो सना

हेलो - दूसरी तरफ सना की धीमी आवाज आती है

4 साल बाद अनंत उसकी आवाज सुन रहा था , उसने अपने होठों को दातो तले दबाकर अपने आसुओ को रोकने की नाकाम कोशिश की

प्रिया - सना कैसी हो ।। ठीक हो ना तुम
मुझे तुम्हे कुछ बताना था वो अनंत की शादी ,,,,,,,,,,,

प्रिया की बात पूरी होने से पहले ही सना बोल पड़ी

- प्रिया मुझे उसके बारे में कुछ नही सुन्ना ,, उसे उसका प्यार मिल गया वो खुश है तो मैं भी खुश हूं - एक गहरी सांस लेकर बोलती है
शायद रो रही थी सना

प्रिया - तुम रो रही हो ?? तुम ठीक हो

सना - नही ! वो आंख में कुछ चला गया बस उसी वजह से , मैं ठीक हु

सिसकती रहती है अनंत की आंखों में आंसू आ जाते है
"इसे तो ढंग से झूठ बोलना भी नही आता " अनंत दिल ही दिल मे खुद से कहता है

प्रिया - अच्छा सुनो आज शाम को 4 बजे पार्क में मिलना , तुमसे जरूरी काम है ओर बिना कोई बहाना बनाये चुपचाप आ जाना

थोड़ी देर ना नुकर के बाद सना मान जाती है और फोन रख देती है !!

अनंत प्रिया को thankyou बोलता है तभी प्रिया कहती है
- भाई मुझे आपको कुछ बताना है ??

अनंत - हा बोलो

ओर उसके बाद प्रिया अनंत को सना के बारे में सब कुछ बता देती है ।। उसकी शादी , उसके तलाक ओर उसकी बुरी हालत के बारे मैं
उसकी बातें सुनकर अनंत को बहूत गुस्सा आता है
वो गुस्से में प्रिया से कहता है

- इतना सब हो गया और तुम मुझे अब बता रही हो , क्यों छुपाया मुझसे ये सब आखिर क्यों ,, क्या मुझे जानने का हक़ नही था वो किस हाल में है
इतने दर्द में थी वो फिर मुझसे क्यों छुपाया ,,,, क्यों ?

प्रिया - भाई मैं तुम्हे बताना चाहती थी , लेकिन सना ने मना कर दिया वो नही चाहती थी तुम्हे ये सब पता चले , ओर तुम खुद को उसकी इस हालत का जिम्मेदार समझो

अनंत - जिम्मेदार तो मैं हु प्रिया ,, उसकी इस हालत का जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ मैं हु ।। मेरी वजह से आज वो इस दर्द में जी रही है ,, मुझे उस से मिलना है प्रिया


प्रिया चुपचाप सुने जा रही थी ओर फिर कहा

भाई तुम्हारे पास एक मौका है उसकी जिंदगी में वापस खुशिया लाने का ,, ओर अपनी गलती सुधारने का
तुम्हे क्या करना है ये तुम अच्छी तरह जानते हो

अंनत - उसे इस दर्द से निकलने के लिए मैं दुनिया की हर खुशी उसे लेकर दूंगा ।।।


अनंत की आंखे भीग जाती है वो सिर्फ और सिर्फ सना के बारे में सोचता है ,, तभी प्रिया कहती है

- भाई चले ।

अनंत - कहा ?

प्रिया - भाभी से मिलने

इतना कहकर प्रिया मुस्कुराने लगती है ,, अनंत भी मुस्कुरा उठता है
दोनो गाड़ी लेकर पार्क पहुचते है प्रिया के साथ अनंत को देखते ही सना चौक जाती है

सना - प्रिया , चलो यहा से ।।

अनंत - कब तक भागोजी ऐसे , ओर किस से भाग रही हो तुम मुझसे या खुद से ।।

सना कुछ नही कहती प्रिया दोनो को अकेला छोड़ घर चली जाती है ।।


अनंत सना की तरफ देखकर सोचता है

"कुछ भी तो नही बदला इस पागल में वैसी ही है बस बाल थोड़े बढ़ गए इसके ,, आंखे वैसी ही है बस पहले प्यार था अब उदासी है इनमे ,, चेहरा वैसे का वैसा बस छोटी सी बिंदी लगाने लगी है ललाट पर ,, सलवार सूट में कितनी प्यारी लगती है और पहले मेरी खातिर जीन्स पहनती थी

उधर सना अनंत को देखकर सोचती है

क्या हाल बना लिया है इसने अपना ,, खाता पिता नही होगा टाइम पर ,, ओर बाल देखो कितने छोटे करा लिए आर्मी में जो है ,, पहले मुझे मोटू कहकर चिढ़ाता था अब खुद को देखो ।। मुझसे भी दो कदम आगे
पर आज ये यहा क्यों आया है



दोनो के बीच पसरी ख़ामोशी को अनंत तोड़ता है

हाय - अपना हाथ आगे कर देता है वही हाथ जिसपर चोट लगी थी !!

सना का ध्यान उसके हाथ पर जाता है घाव अब भी था ,, सना अपने दुप्पटे से कपड़ा फाड़कर अनंत के हाथ पर बांधते हुए बेचैनी से पूछती है

- ये चोट कैसे लगी ?

अनंत उसकी बात का जवाब नही देकर कुछ और ही कहता है
- तुम बिल्कुल नहीं बदली , वैसी ही हो केयरिंग

ओर तुम लापरवाह , ध्यान कहा रहता है तुम्हारा - सना ने पट्टी बांधते हुए कहा , उसका ध्यान अभी भी हाथ पर था

4 साल बाद मिल रहा हु तुमसे , कैसी हो ? - अनंत ने सना की तरफ देखते हुए कहा

ठीक हु , तुम कैसे हो ?

मैं भी ठीक हु , आओ बेठो कुछ बात करनी है तुमसे , - अनंत ने तालाब के सामने बैठते हुए कहा
जहा वो दोनों अक्सर बैठा करते थे

सना कुछ दूरी बनाकर बैठ जाती है

अनंत - कैसी चल रही है तुम्हारी शादीशुदा जिंदगी ??

सना - अच्छी चल रही है ,, वो बहूत अच्छे है मेरा बहुत खयाल रखते है ।। बहुत खुश रहते है मेरे साथ ,, घुमाना बाहर ले जाना ,, मेरी हर विश पूरी करते है । हमेसा मेरे साथ रहते है मुझे अकेला छोड़ते ही नही
नए नए तोहफे , साड़ी गहने लेकर देते रहते है। ।। मैं बहुत खुश हूं उनके साथ

सना की आवाज में एक अजीब ही दर्द और घबराहट थी
उसकी बाते सुन अनंत की आंखों में आंसू आ जाते है वो जानता था की सना झूठ बोल रही है
सच क्या है वो जानता था उसने अपने आंसू पोछते हुए कहा

- सना , मुझसे तो सच बोल सकती हो तुम , तुम जानती हो ना तुम्हे झूठ बोलना नही आता फिर भी ।।प्रिया ने मुझे तुम्हारे बारे में सब सच बता दिया है

सना की आंखों में आंसू आ जाते है

अनंत - मुझसे क्यों छुपाया ये सब , सब अकेले बर्दास्त करती रही ।। क्यों मुझसे दूर हो गयी तुम मुझे बताया क्यों नही !!

सना - क्या बताती अनु , मैंने बहुत इंतजार किया तुम्हारा पर तुमने मुझे बीच रास्ते मे छोड़ दिया । शादी के बाद मैंने पूरे दिल से उन्हें अपना पति माना उन्हें हर सुख दिया तन मन सब , लेकिन उन्होंने मुझे अपने लायक नही समझा ,, वो लोग जितना मुझे दर्द दे सकेते थे दिया और फिर छोड़ दिया
ओर देखो ना तुम्हारे छोड़ने के बाद मुझे कोई नही अपना पाया ।।।


जब वो बोल रही थी तो उसकी सांसे उखड़ रही थी और सिसकियों में बदल गयी .. आँखो में आये आसुओ को उसने रोके रखा !!

अनंत ने उसके हाथ को अपने हाथ मे लेकर कहा - बह जाने दो इन्हें , मत रोको ।।
बह जाने दो उस दर्द को जो अब तक तुमने इस दिल दबा के रखा है ।। बहने दो इन आंसुओ को ,, अपने दर्द को नासूर बनने मत दो सना


रोने लगती है वो
ओर अनंत उसे देखता रहता है , वो उसे कभी रोते हुए नही
देख सकता पर आज देख रहा था ।। जो दर्द जो तकलीफ उसकी वजह से सना ने सही थी वो महसूस करना चाहता था ।। उसका मन कर रहा था उसे गले लगा ले और खुद भी जी भर के रो ले पर वो नही कर पाया ।।


सना ने सुबकते हुए कहा - तुम्हारी शादी हो चुकी अनु , अब तुम्हे अपनी पत्नी पर ध्यान देना चाहिए

अनंत ने जेब से निकालकर पेपर सना को थमा दिया जिसमें आर्मी अफसर के प्रेम विवाह की खबर थी सना ने पेपर साइड में रखा और अनन्त से पूछा

- फिर तुमने अब तक शादी क्यों नही की ?

अनंत - क्योंकि मैं तुम्हारी जगह कभी किसी को नही दे पाया , ओर ना दे पाऊंगा ,, शादी तो दूर की बात है तुम्हारे जाने के बाद मैं किसी को उस नजर से देख भी नही पाया
आज तुम्हारी इस हालत का जिम्मेदार सिर्फ मैं हु

सना - ये सब मेरी किस्मत में लिखा था ।। सो हो गया तुम्हारा इसमे कोई दोष नही है

अनंत - किस मिट्टी की बनी हो तुम हा , सच तुम भी जानती हो फिर भी ये सब कह रही हो
काश मैंने एक बार हिम्मत करके पापा को बोला होता , काश मैं तुम्हे एक बार अपने लिए रोक पाता ।।
अनंत रोने लगता है ।

सना उसके आंसू पोछते हुए कहती है - आर्मी का जवान रोता हुआ अच्छा नही लगता ।।

अनंत - हम्म्म्म ,, मैंने तुम्हें बहूत दुख दिए है , बहुत तकलीफ पहुचाई है ,, मैं भूल गया था कि तुम मुझसे कितना प्यार करती थी

सना - करती थी ?? नही ।। आज भी करती हूं
सच्चे प्यार का कभी अंत नही होता अनु ।। वो हमेशा जिंदा रहता है दिलो में ,, शादी के बाद भी वो प्यार जिंदा था और आज भी है ।।।

अनंत - तुम्हारे लिए प्यार के क्या मायने है ?

सना - तुम्हारा खुश रहना , ओर अगर तुम खुश हो तो मैं समझूँगी मेरा प्यार मुक्कमल हो गया !!

अनंत - कोई किसी से इतना प्यार कैसे कर सकता है ?

सना - मैं करती हूं ना ...


खामोशी चारो तरफ छा जाती है ,,
कुछ देर बाद सना कहती है घर चले

अंनत - ह्म्म्म मैं तुम्हे घर तक छोड़ दूंगा

सना - नही मैं चली जाउंगी

अनंत - इतना हक तो दे ही सकती हो मुझे

ओर दोनो गाड़ी की तरफ बढ़ते है ।। चलते चलते सना रुक जाती है

सना - अनु , क्या मैं एक बार तुम्हारे गले लग सकती हूं प्लीज़

अनंत खुद आगे बढ़कर उसे गले लगा लेता है ,, वो फिर रोने लगती है

अनंत प्यार से उसके सर पर हाथ फेरते हुए कहता है -

शाश्शसहशस प्लीज़ रोना नही ,, सब ठीक हो जाएगा

ओर दोनो गाड़ी में जा बैठते है ,, अनंत गाड़ी घर की तरफ दौड़ा देता है अनंत सना से माफी मांगना चाहता था पर कैसे कुछ समझ नही आ रहा था
जाने अनजाने उसने भी सना का बहुत दिल दुखाया था गाड़ी में ख़ामोशी पसरी हुई थी अनंत ने उसे दूर करने के लिए गाना चला दिया
आज अनंत की किस्मत वाकई अच्छी थी गाना भी उसका पूरा साथ दे रहा था

जैसे ही अनंत ने म्यूजिक सिस्टम न किया गाना बजने लगा

"मैने तुमको चाहा भी है , तुम्ही को मैंने गम भी दिए ,
शर्मिंदा हु । शर्मिंदा हु । शर्मिंदा हु
सच कहता हूं दिल ही दिल मे शर्मिंदा हु ।। "

अनंत भीगी आँखो से सना की तरफ देखने लगा ,, उसकी आंखें खामोशी से सना से माफी मांगने लगी

ओर सना ने पलके झपका कर उस माफी पर सहमति भी दे दी ।। अनंत बहुत खुश था ,, सना जैसे ही गाड़ी से उतरने लगी

अनंत - सना

सना - हम्म्म्म

अनंत - अगर मैं तुम्हे बुलाऊ तो एक बार मेरे लिए आओगी

सना - हा

कहकर सना चली जाती है
2 दिन बाद अनंत सना को लेकर अपने घर जाता है और अपने पापा से कहता है

अनंत - पापा मैं सना से प्यार करता हु ओर इस से शादी कर रहा हु !!

- तुम्हारा दिमाग तो ठीक है , ये क्या बक रहे हो तुम , एक दूसरी जात की लड़की से शादी करना चाहते हो
अरे कुछ तो लिहाज करो हमारी इज्जत का ।।

अनंत - दूसरी जात से पहले वो एक इंसान है पापा ।। ओर इस से शादी करने पर आपकी इज्जत खराब नही होगी

- तड़ाक एक तमाचा सीधा अनंत के गाल पर पड़ता है और उसके पापा गुस्से में कहते है - अब तू मुझे सिखाएगा क्या सही है ओर क्या गलत ,, बेशर्म जरा भी शर्म नही आई तुझे

अनंत - मैंने इस से प्यार किया है पापा कोई पाप नही किया है ,,

- तो फिर निकल जा इस घर से इसे लेकर ,, इस घर मे अब तुम्हारा कोई काम नही , ओर आज के बाद अपनी शक्ल मत दिखाना - पापा ने चिल्लाते हुए कहा

अनंत - चला जाऊंगा पापा ,, आप मा बाप है एक दिन आप लोग मुझे माफ़ कर दोगे ,, पर अगर आज मैंने इसका साथ छोड़ दिया तो शायद खुद को कभी माफ नही कर पाऊंगा !!

कहकर अंनत सना का हाथ पकड़ बाहर आ जाता है ,, वो सना को लेकर रेलवे स्टेशन लेकर जाता है ,, सना को कुछ समझ नही आता वो अपना हाथ छुड़ाकर कहती
है

- तुम ये सब क्यों कर रहे हो ??

अनंत - मैने जो गलतिया की है , उन्हें सुधारने की एक आखरी कोशिश, जो दर्द अब तक तुमने सहा है जितना दुख तुमने देखा है उसे दूर करने की कोशिश
जिन खुशियो को अब तक तरसी हो वो सारी खुशियां देना चाहता हु तुमहे !!

सना - मैं तुम्हारे लायक नही हु अनु ,, उसने छुआ है मुझे , मेरे इस शरीर को

अनंत सना का चेहरा अपने हाथों में लेकर कहता है

उसने सिर्फ तुम्हारा जिस्म छुआ है तुम्हारी आत्मा को नही , ओर मेरा प्यार इन सब चीजों का मोहताज नही है
मैं तुमसे बहुत प्यार करता हु सना , एक बार तुम्हे खो चुका हूं दोबारा नही खोना चाहता !!

I love you सना I realy love you

सना दौड़कर अनंत के गले लग जाती है ओर कहती है
" इस बार अगर छोड़कर गए तो सच मे मर जाउंगी !!

दोनो एक दूसरे को कसकर गले लग्गा लेते है ,, ट्रेन की आवाज से दोनों की तंद्रा टूट ती है ,, अनंत सना का हाथ पकड़ कर ट्रेन में चढ़ जाता है ,,

सना - हम कहा जा रहे है ?

अनंत - अपनी दुनिया मे ,, जहा हमारे प्यार के खिलाफ कोई नही होगा ।।


सना अपना सर अनन्त के कंधे पर झुका देती है कुछ ही देर में उसे नींद आ जाती है ।। अनंत बस उसे सुकून से सोते हुये देखता रहता है !!
अगले ही दिन दोनो बैंगलोर पहुच जॉते है , अनंत सना के साथ अपने आर्मी हैडक़वाटर पहुचता है ।।
सब अनत ओर सना को घेर कर खड़े हो जाते है
अनंत अपनी मजबूरी कैप्टन को बताता है और कैप्टन ऐलान करता है कि दो दिन बाद सना ओर अनंत की शादी यही हेड कवाटर में होगी

शाम को सब अनंत ओर सना को घेरकर बैठ जाते है अनंत सबको अपनी ओर सना की कहानी सुनाता है । हर कोई उन दोनों का दीवाना हो जाता है
अगले दिन सब शादी के कामो में लग जाते है
हल्दी से लेकर मेहंदी संगीत के सभी कामो को अनंत के दोस्त करते है !!
सना ओर अनंत बहुत खुश थे
आर्मी के अफसर ने सना ओर अनंत को एक बहूत खूबसूरत घर शादी के तोहफे के रूप में दिया
जिसकी नेम प्लेट पर लिखा था "Love Birds"

ओर फिर दो दिन बाद धुमधाम से अनंत ओर सना की शादी हो गयी ।।
ऐसा पहली बार हुआ था कि बॉर्डर पर किसी की शादी हो रही थी पर वो कहते है ना
प्यार और जंग में सब जायज है !!

ओर फिर 1 साल बाद सना ने खुबसुरत जुड़वा बच्चों को जन्म दिया , एक लड़का और एक लड़की
अनंत ने वार्ड में जाकर देखा
लड़की बिलकुल सना जैसी थी और लड़का अनंत जैसा अनंत ने प्यार से सना के सर पर किस किया और कहा

- इनका नाम क्या रखे !!

तभी बाहर खड़े अनंत के आर्मी दोस्तो ने अंदर आते हुए एक साथ कहा

" आर्यन ओर अदिति "



ओर सभी हसने लगे ।।




समाप्त !!
Sanjana Kirodiwal !!?
Bohot he khubsurat story thi :suoerb:
 
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Aakash.

ᴇᴍʙʀᴀᴄᴇ ᴛʜᴇ ꜰᴇᴀʀ
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Hello Everyone :hello:
We are Happy to present to you The annual story contest of Xforum "The Ultimate Story Contest" (USC)..

Jaisa ki aap sabko maalum hai abhi pichle hafte he humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time Pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit chat thread toh pehle se he Hind section mein khulla hai.

Iske baare Mein thoda aapko btaadun ye ek short story contest hai jisme aap kissi bhi prefix ki short story post kar shaktey ho jo minimum 700 words and maximum 7000 words takk ho shakti hai. Isliye main aapko invitation deta hun ki aap Iss contest Mein apne khayaalon ko shabdon kaa Rupp dekar isme apni stories daalein jisko pura Xforum dekhega ye ek bahot acha kadam hoga aapke or aapki stories k liye kyunki USC Ki stories ko pure Xforum k readers read kartey hain.. Or jo readers likhna nahi caahtey woh bhi Iss contest Mein participate kar shaktey hain "Best Readers Award" k liye aapko bus karna ye hoga ki contest Mein posted stories ko read karke unke Uppar apne views dene honge.

Winning Writer's ko well deserved Awards milenge, uske aalwa aapko apna thread apne section mein sticky karne kaa mouka bhi milega Taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab k liye ye ek behtareen mouka hai Xforum k sabhi readers k Uppar apni chaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.

Entry thread 7th February ko open hoga matlab aap 7 February se story daalna suru kar shaktey hain or woh thread 21st February takk open rahega Iss dauraan aap apni story daal shaktey hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna suru kardein toh aapke liye better rahega.

Koi bhi issue ho toh aap kissi bhi staff member ko Message kar shaktey hain..

Rules Check karne k liye Iss thread kaa use karein :- Rules And Queries Thread.

Contest k regarding Chit chat karne k liye Iss thread kaa use karein :- Chit Chat Thread.

Regards :Xforum Staff.

 

Aagasthya

A Loner.
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Hello everyone.

We are Happy to present to you The annual story contest of XForum


"The Ultimate Story Contest" (USC).


"Chance to win cash prize up to Rs 8000"
Jaisa ki aap sabko maloom hai abhi pichhle hafte hi humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit Chat thread toh pehle se hi Hindi section mein khula hai.

Well iske baare mein thoda aapko bata dun ye ek short story contest hai jisme aap kisi bhi prefix ki short story post kar sakte ho, jo minimum 700 words and maximum 7000 words ke bich honi chahiye (Story ke words count karne ke liye is tool ka use kare — Characters Tool) . Isliye main aapko invitation deta hun ki aap is contest mein apne khayaalon ko shabdon kaa roop dekar isme apni stories daalein jisko poora XForum dekhega, Ye ek bahot accha kadam hoga aapke or aapki stories ke liye kyunki USC ki stories ko poore XForum ke readers read karte hain.. Aap XForum ke sarvashreshth lekhakon mein se ek hain. aur aapki kahani bhi bahut acchi chal rahi hai. Isliye hum aapse USC ke liye ek chhoti kahani likhne ka anurodh karte hain. hum jaante hain ki aapke paas samay ki kami hai lekin iske bawajood hum ye bhi jaante hain ki aapke liye kuch bhi asambhav nahi hai.

Aur jo readers likhna nahi chahte woh bhi is contest mein participate kar sakte hain "Best Readers Award" ke liye. Aapko bas karna ye hoga ki contest mein posted stories ko read karke unke upar apne views dene honge.

Winning Writer's ko well deserved Cash Awards milenge, uske alawa aapko apna thread apne section mein sticky karne ka mouka bhi milega taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab ke liye ye ek behtareen mouka hai XForum ke sabhi readers ke upar apni chhaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.. Ye aap sabhi ke liye ek bahut hi sunehra avsar hai apni kalpanao ko shabdon ka raasta dikha ke yahan pesh karne ka. Isliye aage badhe aur apni kalpanao ko shabdon mein likhkar duniya ko dikha de.

Entry thread 15th February ko open ho chuka matlab aap apni story daalna shuru kar sakte hain or woh thread 5th March 2024 tak open rahega is dauraan aap apni story post kar sakte hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna shuru kardein toh aapke liye better rahega.

Aur haan! Kahani ko sirf ek hi post mein post kiya jaana chahiye. Kyunki ye ek short story contest hai jiska matlab hai ki hum kewal chhoti kahaniyon ki ummeed kar rahe hain. Isliye apni kahani ko kayi post / bhaagon mein post karne ki anumati nahi hai. Agar koi bhi issue ho toh aap kisi bhi staff member ko Message kar sakte hain.



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