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Incest यह क्या हुआ

ashik awara

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rajesh bhagat
Incest यह क्या हुआ

Thread starter rajesh bhagat Start date Thursday at 9:10 PM

Hindi

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Masoom the devil 👿
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#11

Bhai hero ko thoda strong Karo aur thriller add karna

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rajesh bhagat
rajesh bhagat
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#12

दोस्तों पिछले अपडेट में आपने पढ़ा था कि राजेश को जोरों से पेशाब लगी है उसकी मम्मी सुनीता उसे बाथरूम में जाने के लिए कहती है और साथ ही राजेश के पीछे पीछे सुनीता भी बाथरूम की ओर जाने लगती है

शेखर जब ड्यूटी पर जा रहा था उस समय वह सुनीता को इसके बारे में बताया था तुम्हें राजेश की मदद करनी होगी तब सुनीता ने कहादेखो जी यह मुझसे कैसे हो पाएगा अब राजेश छोटा नहीं है वह बड़ा हो गया है

राजेश ने कहा अब तुम्हें ही मदद करनी होगी तुम उसे छोटा बच्चा ही समझो क्योंकि मुझे ड्यूटी में जाना है घर में रहता तो मैं राजेश का मदद करता अब तुम ही उसकी मदद करनी होगी
सुनीता कहती है जी कोशिश करूंगी

साथ ही शेखर ने ने सुनीता को यह भी बताया था कि जब राजेश को पेशाब लगे तब तुम उसके लोअर और अंडरवियर थोड़ा नीचे कर देना फिर राजेश पेशाब कर लेगा

राजेश बाथरूम के अंदर चला पहुच गया पेशाब करने के लिए यूरिनल पाट के सामने खड़ा हो गया सुनीता उसके पीछे खड़ी थी राजेश कुछ बोल नहीं रहा था सुनीता को कुछ अजीब सी लग रही थी पर उसे राजेश की मदद करनी थी तब सुनीता ने शेखर के बताए अनुसार राजेश के लोअर और अंडरवियर को पकड़ के कमर से थोड़ा नीचे किया

सुनीता इस समय राजेश के पीछे खड़ी थी और वह दोनों हाथों से कमर के आजू-बाजू लोअर को पकड़कर थोड़ा नीचे की उसे आभास हो गया कि राजेश कॉलिंग लोअर के बाहर आ गया है तब उसने राजेश से कहा बेटा तुम पेशाब कर लो पर राजेश ऐसे ही खड़ा था क्योंकि उसका लिंग लटका हुआ था अगर वह पेशाब करता तो पेशाब पॉट में न जाकर उसके लोअर में ही गिरता इसलिए वह वैसे ही खड़ा था सुनीता ने जब देखा कि राजेश पेशाब नहीं कर रहा है तो सुनीता राजेश से कहती है
बेटा खड़े क्यों हो पेशाब करो जल्दी
इधर राजेश कुछ कह नहीं पा रहा था राजेश को जोरों से पेशाब लगी थी उसे पेशाब रोक पाना अब संभव नहीं लग रहा था इसलिए वह पेशाब करना शुरू कर दिया जैसे ही राजेश पेशाब शुरू किया पेशाब यूरिनल पाट में ना जाकर उसके लोवर मे में ही गिरने लगा

राजेश पेशाब करना बंद कर दिया

इधर सुनीता को पेशाब गिरने की आवाज सुनाई नहीं दे रही थी तो वह राजेश को फिर बोला बेटा पेशाब क्यों नहीं कर रहे हो

राजेश ने कहा मां मेरा लो वर गंदा हो गया पेशाब मेरे लोवर में गिर गया
सुनीता राजेश की बात सुनती है उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें

सुनीता राजेश से कहती है बेटा पहले कैसे पेशाब करते थे
राजेश चुप था राजेश को भी यह सब अच्छा नहीं लग रहा था
सुनीता फिर राजेश से पूछती है बेटा कुछ बताते क्यों नहीं

सुनीता के बार बार पूछने पर राजेश अपनी मम्मी से हकलाते हुए कहती है
मम्मी नन्नू को पकड़ना पड़ता है तब पेशाब यूरिनल पाट मे जाएगा

सुनीता क्या करें कुछ समझ नहीं आ रहा था सुनीता का दिल धड़कने लगा था उसे बहुत गंदा फीलिंग हो रहा था वह सोचती है अब क्या करूं मुझे राजेश की मदद करनी पड़ेगी उसने जोरों की पेशाब लगी है पर मुझे उसके नन्नू को पकड़ना होगा हे भगवान अब मैं क्या करूं कुछ देर सोचती रहती है फिर वह अपने मन मे कहती है यहां पर और कोई है भी नहीं जो राजेश की मदद करें मुझे ही करना पड़ेगा और ना चाहते हुए वह अपने दाहिने हाथ को धीरे धीरे राजेश के लिंग की ओर आगे बढ़ाई

सुनीता राजेश के पीछे खड़ी थी वह लिंग को नहीं देख रही थी वह अपने ने हाथ धीरे धीरे लिंग की ओर बढ़ाने लगी उसका उसका हाथ कापने ने लगा दिल धक धक करने लगा उसका हाथ लिंग से टच हुआ

राजेश कॉलिंग जो लटका हुआ था उसे वह हाथों से हल्का पकड़ ली और उसे उठाकर सीधा कर ली

इधर राजेश को बहुत शर्म महसूस हो रहा था उसका दिल भी धड़क रहा था सुनीता राजेश से कहती है लो बेटा अब जल्दी पेशाब करो

राजेश अपने लिंग पर दबाव डालता है राजेश के लिंग से पेशाब निकल करें यूरिनल पाटमें जाने लगता है पेशाब करने की आवाज आने लगती है साथ ही पेशाब की गंध उड़ने लगती है आवाज सुनीता सुनती है उसे बहुत ही शर्म महसूस हो रही थी

पेशाब की गंध सुनीता के नाक तक पहुंचती है सुनीता को अजीब सा लगने लगता है सुनीता का दिल जोरों से धड़क रहा था

इधर राजेश को भी अजीब लग रहा था उसे भी बहुत शर्म महसूस हो रहा था उसका भी दिल धड़क रहा था राजेश ने पेशाब करना बंद कर दिया

सुनीता राजेश से कहती है बेटा हो गयाक्या

तब राजेश अपने मां से कहती है हां मां हो गया

सुनीता राजेश के लिंग को थोड़ा हिलाती है ताकि पेशाब के बुंदे लोअर में ना गिरे बची हुई बुंदे भी यूरिनल पाट में चली जाए

राजेश को बहुत ही शर्म महसूस हो रहा था और उसका दिल भी जोरों से धड़क रहा था

सुनीता राजेश के लिंग को छोड़ देती है और उसके लोवर को ऊपर उठा देती है
राजेश अपने मां से कहता है मालोवर गंदा हो गया है इस पर पेशाब लगी है इसको बदलना पड़ेगा

सुनीता कहती है ठीक है बेटा तुम्हारे पास और भी अंडरवियर और लोअर होगा इसे तुम बदल लो कहां रखते हो तुम अपने लोअर और अंडरवियर

राजेश ने कहा मां अलमारी में होगा

दोनों मां-बेटे बाथरूम से बाहर आ जाते हैं

राजेश पलंग किनारे बैठ जाता है सुनीता लोअर और अंडरवियर ढूंढने लगती हैं उसे अलमारी में लोअर और अंडरवियर मिल जाता है

सुनीता लोअर और अंडरवियर लेकर राजेश के पास आती है वह राजेश से कहती है बेटा यह रहा तुम्हारा लोअर और अंडरवियर और वह राजेश को खड़ा होने के लिए कहती है

राजेश का दिल फिर धड़कने लगता है सुनीता दोनों हाथों से राजेश के लोअर को पकड़कर नीचे खींचती है और लोअर को निकाल देती है

अब राजेश केवल अंडरवियर में था उसे बहुत ही शर्म महसूस हो रहा था
सुनीता को भी बहुत शर्म महसूस हो रही थी दोनों मां-बेटे अजीब से सिचुएशन में फंस गए थे

सुनीता ना चाहते हुए भी अपने बेटे के अंडर वियर को दोनों हाथों से पकड़ कर नीचे करने लगी अंडर वियर नीचे होने पर राजेश कॉलिंग सुनीता के आंखों के सामने आ गया सुनीता उससे नजरें चुराने लगी फिर भी वाह उसे तिरछी नजरों से देखने लगी राजेश का लिंग इस समय लटका हुआ था

राजेश कालिंग काफी लंबा था उसका अंडकोष भी काफी बड़ा था उसके लिंग और अंडकोष पर काले काले बाल थे

सुनीता तुरंत अपनी नजरें हटा ली राजेश के अंडरवियर को हुआ पैरों से अलग कर बोली लो बेटा अब अंडरवियर को पहन लो

राजेश अंडरवियर पहनने के लिए अपने पैर को उठाया और अंडरवियर में पैर डाला
सुनीता अंडरवियर को राजेश के पैरों के ऊपर खींचने लगी

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rajesh bhagat said:
दोस्तों पिछले अपडेट में आपने पढ़ा था कि राजेश को जोरों से पेशाब लगी है उसकी मम्मी सुनीता उसे बाथरूम में जाने के लिए कहती है और साथ ही राजेश के पीछे पीछे सुनीता भी बाथरूम की ओर जाने लगती है

शेखर जब ड्यूटी पर जा रहा था उस समय वह सुनीता को इसके बारे में बताया था तुम्हें राजेश की मदद करनी होगी तब सुनीता ने कहादेखो जी यह मुझसे कैसे हो पाएगा अब राजेश छोटा नहीं है वह बड़ा हो गया है

राजेश ने कहा अब तुम्हें ही मदद करनी होगी तुम उसे छोटा बच्चा ही समझो क्योंकि मुझे ड्यूटी में जाना है घर में रहता तो मैं राजेश का मदद करता अब तुम ही उसकी मदद करनी होगी
सुनीता कहती है जी कोशिश करूंगी

साथ ही शेखर ने ने सुनीता को यह भी बताया था कि जब राजेश को पेशाब लगे तब तुम उसके लोअर और अंडरवियर थोड़ा नीचे कर देना फिर राजेश पेशाब कर लेगा

राजेश बाथरूम के अंदर चला पहुच गया पेशाब करने के लिए यूरिनल पाट के सामने खड़ा हो गया सुनीता उसके पीछे खड़ी थी राजेश कुछ बोल नहीं रहा था सुनीता को कुछ अजीब सी लग रही थी पर उसे राजेश की मदद करनी थी तब सुनीता ने शेखर के बताए अनुसार राजेश के लोअर और अंडरवियर को पकड़ के कमर से थोड़ा नीचे किया

सुनीता इस समय राजेश के पीछे खड़ी थी और वह दोनों हाथों से कमर के आजू-बाजू लोअर को पकड़कर थोड़ा नीचे की उसे आभास हो गया कि राजेश कॉलिंग लोअर के बाहर आ गया है तब उसने राजेश से कहा बेटा तुम पेशाब कर लो पर राजेश ऐसे ही खड़ा था क्योंकि उसका लिंग लटका हुआ था अगर वह पेशाब करता तो पेशाब पॉट में न जाकर उसके लोअर में ही गिरता इसलिए वह वैसे ही खड़ा था सुनीता ने जब देखा कि राजेश पेशाब नहीं कर रहा है तो सुनीता राजेश से कहती है
बेटा खड़े क्यों हो पेशाब करो जल्दी
इधर राजेश कुछ कह नहीं पा रहा था राजेश को जोरों से पेशाब लगी थी उसे पेशाब रोक पाना अब संभव नहीं लग रहा था इसलिए वह पेशाब करना शुरू कर दिया जैसे ही राजेश पेशाब शुरू किया पेशाब यूरिनल पाट में ना जाकर उसके लोवर मे में ही गिरने लगा

राजेश पेशाब करना बंद कर दिया

इधर सुनीता को पेशाब गिरने की आवाज सुनाई नहीं दे रही थी तो वह राजेश को फिर बोला बेटा पेशाब क्यों नहीं कर रहे हो

राजेश ने कहा मां मेरा लो वर गंदा हो गया पेशाब मेरे लोवर में गिर गया
सुनीता राजेश की बात सुनती है उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें

सुनीता राजेश से कहती है बेटा पहले कैसे पेशाब करते थे
राजेश चुप था राजेश को भी यह सब अच्छा नहीं लग रहा था
सुनीता फिर राजेश से पूछती है बेटा कुछ बताते क्यों नहीं

सुनीता के बार बार पूछने पर राजेश अपनी मम्मी से हकलाते हुए कहती है
मम्मी नन्नू को पकड़ना पड़ता है तब पेशाब यूरिनल पाट मे जाएगा

सुनीता क्या करें कुछ समझ नहीं आ रहा था सुनीता का दिल धड़कने लगा था उसे बहुत गंदा फीलिंग हो रहा था वह सोचती है अब क्या करूं मुझे राजेश की मदद करनी पड़ेगी उसने जोरों की पेशाब लगी है पर मुझे उसके नन्नू को पकड़ना होगा हे भगवान अब मैं क्या करूं कुछ देर सोचती रहती है फिर वह अपने मन मे कहती है यहां पर और कोई है भी नहीं जो राजेश की मदद करें मुझे ही करना पड़ेगा और ना चाहते हुए वह अपने दाहिने हाथ को धीरे धीरे राजेश के लिंग की ओर आगे बढ़ाई

सुनीता राजेश के पीछे खड़ी थी वह लिंग को नहीं देख रही थी वह अपने ने हाथ धीरे धीरे लिंग की ओर बढ़ाने लगी उसका उसका हाथ कापने ने लगा दिल धक धक करने लगा उसका हाथ लिंग से टच हुआ

राजेश कॉलिंग जो लटका हुआ था उसे वह हाथों से हल्का पकड़ ली और उसे उठाकर सीधा कर ली

इधर राजेश को बहुत शर्म महसूस हो रहा था उसका दिल भी धड़क रहा था सुनीता राजेश से कहती है लो बेटा अब जल्दी पेशाब करो

राजेश अपने लिंग पर दबाव डालता है राजेश के लिंग से पेशाब निकल करें यूरिनल पाटमें जाने लगता है पेशाब करने की आवाज आने लगती है साथ ही पेशाब की गंध उड़ने लगती है आवाज सुनीता सुनती है उसे बहुत ही शर्म महसूस हो रही थी

पेशाब की गंध सुनीता के नाक तक पहुंचती है सुनीता को अजीब सा लगने लगता है सुनीता का दिल जोरों से धड़क रहा था

इधर राजेश को भी अजीब लग रहा था उसे भी बहुत शर्म महसूस हो रहा था उसका भी दिल धड़क रहा था राजेश ने पेशाब करना बंद कर दिया

सुनीता राजेश से कहती है बेटा हो गयाक्या

तब राजेश अपने मां से कहती है हां मां हो गया

सुनीता राजेश के लिंग को थोड़ा हिलाती है ताकि पेशाब के बुंदे लोअर में ना गिरे बची हुई बुंदे भी यूरिनल पाट में चली जाए

राजेश को बहुत ही शर्म महसूस हो रहा था और उसका दिल भी जोरों से धड़क रहा था

सुनीता राजेश के लिंग को छोड़ देती है और उसके लोवर को ऊपर उठा देती है
राजेश अपने मां से कहता है मालोवर गंदा हो गया है इस पर पेशाब लगी है इसको बदलना पड़ेगा

सुनीता कहती है ठीक है बेटा तुम्हारे पास और भी अंडरवियर और लोअर होगा इसे तुम बदल लो कहां रखते हो तुम अपने लोअर और अंडरवियर

राजेश ने कहा मां अलमारी में होगा

दोनों मां-बेटे बाथरूम से बाहर आ जाते हैं

राजेश पलंग किनारे बैठ जाता है सुनीता लोअर और अंडरवियर ढूंढने लगती हैं उसे अलमारी में लोअर और अंडरवियर मिल जाता है

सुनीता लोअर और अंडरवियर लेकर राजेश के पास आती है वह राजेश से कहती है बेटा यह रहा तुम्हारा लोअर और अंडरवियर और वह राजेश को खड़ा होने के लिए कहती है

राजेश का दिल फिर धड़कने लगता है सुनीता दोनों हाथों से राजेश के लोअर को पकड़कर नीचे खींचती है और लोअर को निकाल देती है

अब राजेश केवल अंडरवियर में था उसे बहुत ही शर्म महसूस हो रहा था
सुनीता को भी बहुत शर्म महसूस हो रही थी दोनों मां-बेटे अजीब से सिचुएशन में फंस गए थे

सुनीता ना चाहते हुए भी अपने बेटे के अंडर वियर को दोनों हाथों से पकड़ कर नीचे करने लगी अंडर वियर नीचे होने पर राजेश कॉलिंग सुनीता के आंखों के सामने आ गया सुनीता उससे नजरें चुराने लगी फिर भी वाह उसे तिरछी नजरों से देखने लगी राजेश का लिंग इस समय लटका हुआ था

राजेश कालिंग काफी लंबा था उसका अंडकोष भी काफी बड़ा था उसके लिंग और अंडकोष पर काले काले बाल थे

सुनीता तुरंत अपनी नजरें हटा ली राजेश के अंडरवियर को हुआ पैरों से अलग कर बोली लो बेटा अब अंडरवियर को पहन लो

राजेश अंडरवियर पहनने के लिए अपने पैर को उठाया और अंडरवियर में पैर डाला
सुनीता अंडरवियर को राजेश के पैरों के ऊपर खींचने लगी

nice update..!!
rajesh aur sunita dono ko bahot embarrass feel ho raha hai lekin situation hi aisi hai ki kya kar sakte hai..!!

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12 minutes ago

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सुनीता जैसे ही अंडरवियर को पैरों क् ऊपर की ओर खींची एक बार फिर राजेश का लिंग सुनीता के नजरों के सामने आ गया

सुनीता फिर से ना चाहते हुए भी उसे देखने लगी

राजेश कॉ लिंग काफी लंबा था एकदम गोरा था काले काले घने बालों से घिरा हुआ था वह इस समय लटका हुआ था

राजेश अपनी मां को अपने लिंग को देखते हुए पाया

उसे बहुत शर्म महसूस होने लगा

सुनीता राजेश की ओर देखा राजेश अपनी मां की और ही देख रहा था दोनों की नजरें मिली

सुनीता ने अपनी नजरें झुका ली और शर्म महसूस करने लगी सुनीता जल्दी से राजेश को लोअर पहना दी और निकाले हुए अंडर वियर और लोवर को उठाकर उसे धोने के लिए अपने साथ ले गई

जाते हुए वह राजेश से बोली ठीक है बेटा अब तुम आराम करो किसी चीज की कोई जरूरत हो तो मुझे आवाज देना

उसके मां के जाने के बाद राजेश सोचने लगा यह क्या हो गया उसे अभी भी शर्म महसूस हो रहा था

राजेश अभी तक अपने मां के बारे में कभी गलत नहीं सोचा था और अभी जो हादसा हुआ उसे भी एक मजबूरी ही समझ रहा था

इधर सुनीता अपने रूम में जाकर थोड़ा आराम करने लगी और वह सोचने लगी हे भगवान यह क्या हो गया मुझे राजेश का लिंग को हाथ लगाना पड़ा और राजेश अभी मुझे उसके लिंग की ओर देखते हुए देख लिया वह बहुत ही गिल्टी फील कर रही थी

फिर वह सोचती है मैं उसकी मां हूं मैं मदद भी करूंगी तो और कौन करेगी औरयह सब सोंचते उसकी आंख लग गई कुछ समय के बाद उसकी आंख खुली फिर वह किचन में चले गई और खाना बनाने लगी

खाना बनाने के बाद वह खाना लेकर राजेश के कमरे की ओर चल दी
राजेश इस समय सो रहा था

सुनीता ने राजेश को आवाज देकर उठाई बेटा उठो खाना खा लो फिर तुम्हें दवाई भी खानी है

राजेश अपनी मां की आवाज सुनकर उठ जाता है सुनीता राजेश को खाना खिलाती हैं उसे पानी पिलाती है और उसे आराम करने के लिए कहती है

सुनीता कमरे से जाते समय राजेश से कहती है बेटा मै10 मिनट के बाद दवाई लेकर आऊंगी

सुनीता किचन में जाकर स्वयं खाना खाती हैउसके बाद फिर दवाई लेकर वहां राजेश के कमरे में आती है

सुनीता राजेश को दवाई खिलाकर कमरे से चली जाती है जाते हुए राजीव से कहती है कि बेटा किसी चीज की जरूरत हो तो मुझे आवाज देना
सुनीता कमरे चली जाती है और वह अपने कमरे में जाकर आराम करने लगती है दोपहर 3:30 बजे उसकी नींद खुलती है नींद खुलने के बाद उसे राजेश की याद आती है उसे किसी चीज की जरूरत नहीं है

वह राजेश के कमरे की ओर चली जाती है इधर राजेश अपनी पलंग पर बैठा हुआ था सुनीता कमरे के अंदर आती है

राजेश से कहती है कैसे हो बेटे

राजेश कहता है ठीक हूं मम्मी

राजेश के शरीर में अभी भी दर्द था क्योंकि लड़कों ने उसे बुरी तरह से पीटा था वह दर्द अभी पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ था

सुनीता राजेश से पूछती है शरीर का दर्द कम हुआ

राजेश कहता है पहले से थोड़ा कम हुआ मम्मी

राजेश को इस समय भी पेशाब लग लग रहा था उसे पेशाबकरने जाना था पर वह मां को कह नहीं पा रहा था
सुनीता राजेश से कहती है ठीक है बेटा कुछ काम हो तो मुझे बताना अब मैं जा रही हूं घर के काम करने हैं

सुनीता कमरे से जाने लगी ठीक उसी समय राजेश ने अपने मां को आवाज दी मां

सुनीता अपने को पुकारते हुए सुनकर रुक गई और बोली क्या है बेटा कुछ काम था क्या

राजेश ने हक लाते हुए कहा मम्मी वह पेशाब आ रही

सुनीता सुनकर उसके पास आती है और कहती है बेटा इसमें शर्माते क्याे हो पहले बताना था चलो बाथरूम में

राजेश बाथरूम में चला गया उसके साथ सुनीता भी उसके पीछे-पीछे चली गई

राजेश युरीनल पोटके सामने खड़ा हो गया

सुनीता अब जानती थी कि उसे क्या करना है वाह राजेश के पीछे खड़ी हो गई और दोनों हाथों से उसके लोवर और अंडरवियर को नीचे किसका दी

इस समय राजेश का दिल जोरों से धड़क रहा था इधर सुनीता का भी यही हाल था 0शर्म कुछ कम हो गया था

सुनीता अपने दाएं हाथ राजू के लिंग की ओर ले गई और वह राजू के लिंग को अपने दाएं हाथ से अच्छे से पकड़ ली

लिंग अभी भी लटका हुआ था सुनीता उसे अपने हाथों से पकड़ कर सीधा कर ली और और राजेश से बोली लो बेटा अब पेशाब करो

सुनीता राजीव के लिंग को अच्छे से पकड़ी थी और सावधानी भी रख रही थे कहीं पेशाब लो वर पर ना गिर जाए और वह लिंग को पीछे से देखने लगी

राजू अपने लिंग पर दबाव डाला पेशाब की तेज धार यूरिनल पोट फॉर जाने लगा

पेशाब के गिरने की आवाज आने लगी

इधर सुनीता राजू के लिंग को ही देख रही थी और पेशाब कहीं इधर-उधर ना गिरने लगे अच्छे से पकड़े हुई थी

इस समय सुनीता को बहुत ही शर्म महसूस कर रही थी

राजेश की पेशाब की गन सुनीता के नाक तक पहुंची उसे अजीब सा महसूस होने लगा

राजेश ने पेशाब करना बंद कर दिया राजेश ने मां से कहा हो गया
नीता ने राजू के लिंग पर थोड़ा दबाव बनाया और लिंक को दबाकर थोड़ा आगे पीछे किया ताकि पेशाब के बुंदे लिंग के अंदर रुकाहो तो वह भी बाहर आ जाए

उसके बाद लोवर अंडर वियर को ऊपर खींच दी और दोनों मां-बेटे बाथरूम से से बाहर आ गए

इस बार दोनों को इतना ज्यादा शर्म महसूस नहीं हुआ

सुनीता राजेश से बोली ठीक है बेटा अब मैं चलती हूं और कुछ काम हो तो बताना

राजेश ने कहा ठीक है मां

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दोस्त राजेश कहानी शुरू करने के लिए बधाई , दूसरी बधाई हिंदी में कहानी लिखने की
 
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