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Romance मोक्ष : तृष्णा से तुष्टि तक .......

रागिनी की कहानी के बाद आप इनमें से कौन सा फ़्लैशबैक पहले पढ़ना चाहते हैं


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amita

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Koi bàat nahi, aap free ho jao
Intezaar rahega
bhai thoda busy schedule raha aj din mein...........
kal hi ya rat mein dekhta hu.......
subah se bete ke exams hain aur chhota bhai wife ke sath ghar aya hua hai.............

please bear with me........... likhne ke liye mood aur ekant dono chahiye
 

firefox420

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dada abhi adhura hai.... rat mein complete kar dunga..............

bhai dopahar ya sham tak pura karke post karta hu :)

bhai thoda busy schedule raha aj din mein...........
kal hi ya rat mein dekhta hu.......
subah se bete ke exams hain aur chhota bhai wife ke sath ghar aya hua hai.............

please bear with me........... likhne ke liye mood aur ekant dono chahiye

kyon pritam dada ko bhadka rahe ho :D

अबे यार kamdev99008 भईया आपसे बड़ा झूठा और मक्कार लेखक नही देखा अपनी जान कसम । दुनिया भर के सारे बहाने आप दे देते हो, और अब तो इतने एक्सपर्ट हो गये हो की झूठ या बहाना बनाते वक्त आपकी ऊंगलियाँ भी नही कापती । अपने आप तो अपडेट देते नही और दुसरे लेखको की नाक में दम कर देते हो , दुनिया के सबसे बडे ढ़िट ठ़रकी अधेड़ आदमी हो अाप, दुनिया भर की सारी कहानियों के मज़े आप को चाहिये मगर जब मज़े देने की बात आती है तो आप बहाना मार देते हो । पता नही आपकी धर्मपत्नी और हमारी आदरणीय भाभी जी आप के दिन भर के डरामें कैसे झेलती होगी ।

कामदेव भईया हम लोगो पर रहम खाओ और जल्दी से बिना कोई बहाना मारे अपडेट दो । हाँ नही तो ... :angry:
 
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kamdev99008

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अबे यार kamdev99008 भईया आपसे बड़ा झूठा और मक्कार लेखक नही देखा अपनी जान कसम । दुनिया भर के सारे बहाने आप दे देते हो, और अब तो इतने एक्सपर्ट हो गये हो की झूठ या बहाना बनाते वक्त आपकी ऊंगलियाँ भी नही कापती । अपने आप तो अपडेट देते नही और दुसरे लेखको की नाक में दम कर देते हो , दुनिया के सबसे बडे ढ़िट ठ़रकी अधेड़ आदमी हो अाप, दुनिया भर की सारी कहानियों के मज़े आप को चाहिये मगर जब मज़े देने की बात आती है तो आप बहाना मार देते हो । पता नही आपकी धर्मपत्नी और हमारी आदरणीय भाभी जी आप के दिन भर के डरामें कैसे झेलती होगी ।

कामदेव भईया हम लोगो पर रहम खाओ और जल्दी से बिना कोई बहाना मारे अपडेट दो । हाँ नही तो ... :angry:
Bhai sirf biwi bachche nahi pal raha.... 32 logo ke parivar ka mukhiya (head of family) hu.... 6 gaon aur shaharo me 500 km ke area me faile huye.... Un sabko aur unke relatives ko bhi dekhna hota hai... Sath me personal circle aur abhi 18 se bete ke 10th ke exams shuru huye hain... His 1st board exams.... To thoda busy schedule ho gaya.... Fir bhi abhi weekly to try kar hi raha hu....
Naraj na ho... Aj rat tak update de dunga
Abhi 2 ghante se update hi tayyar kar raha hu... Koshish hai abhi hi de du
:)
 

kamdev99008

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अध्याय 19

ऋतु और रागिनी बड़े ध्यान से ये सब सुन रह थे..... सुधा इतना बताकर जब चुप हुई तो रागिनी ने पूंछा कि इस सब कहानी का रागिनी कि ज़िंदगी से क्या संबंध है......... तब उसने आगे बताना शुरू किया

.........................................

कुछ दिन बाद ममता ने सुधा को बताया कि नाज़िया वापस आ गयी है नाम बदलकर दोबारा उसी काम को शुरू कर रही है.... ममता भी दोबारा उसके साथ जुड़ गयी है...

“लेकिन अब क्या मजबूरी है तुम्हारी.... अब तो नाज़िया तुम्हें ना तो ब्लैकमेल कर पाएगी ना उससे कोई और खतरा है.... आजकल तो वो खुद छुपी फिर रही है” सुधा ने कहा

“यार अब क्या बहुत दिन पहले भी कोई ऐसी मजबूरी नहीं थी.... बस एक नशा सा हो गया था... शुरू में मजबूरी में किया फिर मजबूरी खत्म हो गयी तो मजा आने लगा.... अब तो रहा नहीं जाता... तुझे नहीं लगता... मोटे-पतले लंबे –छोटे रोज नए नए तरह तरह के लेने में जो मजा है.... वो एक के सहारे बोरियत भरी ज़िंदगी गुजारने में कहाँ” ममता ने कहा तो सुधा चौंक कर उसे देखने लगी

“तुमने जानबूझकर मुझे फंसाया था ना? पहले कुछ दिखने के नाम पर घर में बुलाया फिर बेहोश करके फोटो ले लिए” सुधा ने गुस्से से कहा

“हाँ जब उस दिन तूने मुझे पहाड़गंज में देख लिया तो घर आकर मेंने विजय मामा को बताया... उन्होने नाज़िया से बात करके तुम्हें फँसाने के लिए ये प्लान बनाया.... और मेंने उस प्लान पर काम करके थोड़े ही दिन में तुम्हें भी अपने धंधे में उतार लिया... फिर मुझे तुमसे कोई खतरा नहीं रहा” ममता ने कहा

“लेकिन अब में ये काम नहीं करूंगी...और अब न तो तुम और न तुम्हारा विजय मामा और ना वो नाज़िया... कोई मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता... क्योंकि तुमने ही मुझे बताया था की नाज़िया के फरार होने के बाद उसके पास या विजय के पास जो भी फोटो या विडियो थे लड़कियों के ........सब खत्म कर दिये तुमने... सबूत मिटाने को” सुधा ने ममता को बोला

“वो तो सब ठीक है... तुम्हारी मर्ज़ी करो या मत करो... वैसे अब मुझे तुम्हारी जरूरत भी नहीं रह गयी... मेंने एक नए माल का इंतजाम कर लिया है....” कहते हुये ममता ने नीचे की ओर इशारा किया तो सुधा को कुछ समझ नहीं आया

“ठीक है.... अब आगे से” कहते कहते सुधा अचानक ममता की काही बात को समझकर चौंक कर उसकी ओर देखने लगी और फिर बोली “अगर तुम रागिनी की कह रही हो तो तुमसे बड़ी कमीनी मेंने नहीं देखी.... भले ही सगी न सही... है तो तुम्हारी ननद ही”

“उसके बाप ने मुझे रंडी बनाया अब में उसे बनाऊँगी.... और में क्या उसे तो उसका बाप ही रंडी बनाएगा...पहले अपनी हवस मिटाएगा फिर नाज़िया के लिए काम करेगी...”

“रागिनी ने क्या कहा?” सुधा ने बेबसी भरे स्वर में पूंछा

“वो क्या कहेगी...उसे तो अभी पता भी नहीं की क्या होनेवाला है... और तुझे भी बता रही हूँ.... अगर तूने उसे कुछ बताया तो तेरे कुछ फोटो अभी भी मेरे पास हैं.... में तुझे चाहूँ तो मजबूर कर सकती हूँ...लेकिन तुझे मेंने कहा की तू धंधा कर?” ममता ने कमीनी मुस्कान के साथ कहा

“लेकिन में रागिनी के साथ भी ऐसा नहीं होने दूँगी.... और नाज़िया के लिए तुम इतना क्यों कर रही हो... रागिनी तो तुम्हारी अपनी है...नाज़िया से तो तुम्हारा कोई रिश्ता भी नहीं...” सुधा ने आँखों में आँसू भरे हुये कहा

“पूरी बात तो बहुत लंबी है... अब बात सुन जो में बता रही हूँ... मेरे ख्याल से इतना ही तुझे समझने के लिए काफी होगा...जिससे तू हमारे रास्ते से हट जाए और चुपचाप अपनी ज़िंदगी जिये” ममता ने गंभीरता से कहना शुरू किया “अब ये धंधा नाज़िया का नहीं विजय का है.... वो हुमेशा से इन्हीं उल्टे सीधे कामों से पैसा कमकर रईस बनना चाहता था...किसी जमाने में उसने मेरी माँ के साथ मिलकर नकली पासपोर्ट का धंधा किया था... ये नाज़िया पाकिस्तान की रहने वाली है... रंडीबाजी के चक्कर में विजय को मिली और विजय ने इसका नकली पासपोर्ट बनाकर इसे यहाँ का नागरिक साबित कर दिया... इसका असली नाम मुझे भी नहीं मालूम... ये सारा धंधा भी इससे विजय ही चलवा रहा था... मेरी माँ भी इसमें शामिल थी...और मेरा छोटा भाई भी...इसीलिए में भी इससे बाहर नहीं निकालना चाहती.... उन सबका कहना है की अब से ये धंधा में और नीलोफर मिलकर सम्हालेंगे.... लेकिन नेहा के मामले को लेकर जो बवाल हुआ उसमें सब तो साफ बच गए पर नेहा फंस गयी और जेल पहुँच गयी।

जेल से जमानत होकर वो बाहर आ ही जाती लेकिन ऐसा नहीं हुआ... उसकी जमानत किसी और ने हमारे कुछ करने से पहले ही करा ली और जेल से निकालकर वो गायब हो गयी... अब हम रागिनी को भी इस धंधे में लाना चाहते हैं....वो इतनी आसानी से नहीं आएगी.... पहले उसे इस काम में जबर्दस्ती घुसाना होगा.... रंडी बनाकर... इससे मेरी माँ मुन्नी, विजय और नाज़िया तीनों हिस्सेदारों की बेटियाँ... नए धंधे में मालिक हो जाएंगी।“

“तो नीलोफर क्यों किसी और के साथ गायब हो गयी... आखिर वो भी एक रंडी की बेटी है और खुद भी रंडी होगी तुम्हारी तरह.... उसे भी अपना खुद का जमा जमाया धंधा मिल रहा है?” सुधा ने चिढ़ते हुये कहा “रही बात रागिनी की ...जब उसका बाप ही उसे धकेल रहा है तो में उसे कैसे रोक सकती हूँ... अब मुझे इस धंधे या तुम सब से कोई मतलब नहीं...मुझे मेरे हाल पर छोड़ दो”

“पहली बात तुम्हें मेंने इसलिए ये सब बताया की अगर तुम हमारे साथ शामिल होना चाहो तो तुम्हें भी हम बराबर का हिस्सेदार बना लेंगे... अगर तुम नहीं चाहती तो कोई बात नही...ये कोई कोठा नहीं है...जहां जबर्दस्ती की जाएगी... अब इस धंधे की फिलहाल में इकलौती मालकिन हूँ और में तुमसे कोई जबर्दस्ती नहीं करूंगी..... दूसरी बात...... रागिनी के मामले में तुम अगर हमारी कोई सहता नहीं करोगी तो ऐसा भी कुछ नहीं करोगी कि रागिनी हमारे हाथ से निकाल जाए... वर्ण तुम्हारे खिलाफ मुझे कुछ नहीं सबकुछ करना होगा...... और तीसरी बात.......... क्योंकि रागिनी अभी हमारे हाथ में नहीं है... और पता नहीं कब तक पूरी तरह हमारे साथ मिलकर ये काम सम्हालेगी... उसके द्वारा हम नेहा से संपर्क करके नीलोफर का पता लगाना चाहते हैं...नीलोफर मेरी या तुम्हारी तरह रंडी नहीं है... उसने बेशक अपनी माँ का रंडियों का धंधा चलाया है... लेकिन उसने खुद आज तक एक बार भी चुदाई नहीं कि है.... हमें जो पता चला है कि उसकी जमानत विक्रम ने कराई है और शायद वो विक्रम के साथ ही है...अब पता नहीं विक्रम ने उसे क्या घुट्टी पिला दी जो वो अपनी माँ और जिस धंधे के पैसे पर ऐश काट रही थी...उसे छोडकर विक्रम के साथ भाग गयी।“ ममता ने कहा

“तो सीधे विक्रम से ही पता कर लो... कॉलेज में मिलेगा” सुधा ने कहा

“जब से नेहा वाला कांड हुआ है तुमने कॉलेज में नेहा या विक्रम को देखा है तब से?... नेहा तो चलो इस मामले के खुलने कि वजह से शायद ही कॉलेज आए... लेकिन विक्रम भी गायब है.... हमने पता लगाया है... विक्रम और नेहा को नीलोफर के गायब होने के बाद कहीं साथ में भी देखा गया था... इसलिए में चाहती हूँ कि तुम रागिनी से नेहा के बारे में पता करो... या सुरेश और पूनम से विक्रम के बारे में....और हमें बताओ.... जिससे विक्रम तक पहुँचकर हम नीलोफर का पता लगा सकें” ममता ने ज़ोर देते हुये कहा

..........................................................

सुधा इतना कहकर रुकी तो उसकी नज़र दरवाजे को थोड़ा सा खोलकर अंदर देखते अनुराधा और प्रबल पर पड़ी तो उसने दरवाजे कि ओर पीठ करके बैठी रागिनी और ऋतु को दरवाजे कि ओर देखने का इशारा किया....

“मेरे बच्चो... वहाँ क्यों खड़े हो यहाँ आओ मेरे पास” रागिनी ने उन दोनों को पास आने का इशारा करते हुये कहा तो दोनों आकर रागिनी के कि गोदी में लेटकर उससे चिपक गए

“माँ! प्रबल कि मम्मी वही नीलोफर हैं ना.... लेकिन जब वो विक्रम भैया के साथ थीं तो वे पाकिस्तान कैसे पहुँच गईं... और प्रबल विक्रम भैया के पास कैसे आ गया” अनुराधा ने रुँधे गले से पूंछा ..... प्रबल तो रोता हुआ कुछ कह ही नहीं पाया... शायद अनुराधा को अब प्रबल के माँ-बाप का पता चलने से प्रबल के चले जाने का डर सताने लगा था

“तुम अभी भी नहीं समझी? याद है हमें पूनम ने क्या बताया था?.... उन्हीं दिनों पूनम को नेहा ने बताया था कि विक्रम ने किसी मुस्लिम लड़की से शादी कर ली है... वो नीलोफर ही रही होगी.... नीलोफर का नाम और उसके बारे में नेहा सबकुछ जानती थी लेकिन उसने शायद पूनम को उसके बारे में इसलिए नहीं बताया होगा कि पूनम पता नहीं विक्रम के बारे में क्या सोचती... एक कॉल गर्ल रैकेट चलानेवाली लड़की से शादी की..... और दूसरी बात हम राजस्थान में रहे हैं ...तुमने देखा होगा कि मुस्लिमों में भी राजपूत होते हैं... उन्होने मजहब जरूर बदल लिया लेकिन जाति अपने पूर्वजों कि ही लिखते और बताते है.... राणा, चौहान आदि... तो ये राणा शमशेर अली कोई और नहीं विक्रम ही है.... मुझे पूरा यकीन है.... अब रही पाकिस्तान में रहने कि बात... तो नाज़िया और नीलोफर के बारे में तब न सही बाद में सरकार को जब भी पता चला होगा कि उनका पासपोर्ट नकली है तो उन्हें लौटकर पाकिस्तान ही भागना पड़ा होगा.... क्योंकि वो कानूनी तौर पर पाकिस्तानी नागरिक थीं....तो आसानी से वहाँ रह सकती थीं...अब मुझे समझ आया कि विक्रम इतने इतने दिन के लिए कहाँ गायब हो जाता था”

रागिनी कि बात सुनते ही प्रबल ने सिर उठाकर रागिनी की ओर देखा साथ ही ऋतु, अनुराधा और सुधा भी उसकी ओर देखने लगे .....

“तो ये विक्रम और नीलोफर का बेटा है... पता है... में तुम्हारी माँ को बहुत अच्छी तरह जानती थी.... चाहे उस गंदगी में घुसे होने की वजह से ही... बहुत सुंदर और नाजुक सी लगती थी.... लेकिन बहुत तेज थी.... हम सबसे क्या नाज़िया से भी...लेकिन बहुत भावुक भी थी.... वो कभी किसी भी लड़की को उसकी मर्जी के बिना या जबर्दस्ती कम नहीं कराने देती थी.... इस बात पर बहुत बार माँ-बेटी में झगड़ा भी हो जाता था हालांकि नाज़िया ज़्यादातर बातों से उसे दूर ही रखती थी... उसकी इसी आदत कि वजह से”

“अब आगे बताओ? फिर क्या हुआ?” रागिनी ने कहा तो सुधा ने आगे बताना शुरू किया

............................................................

फिर सुधा ने रागिनी से नेहा का पता करने कि कोशिश कि तो रागिनी ने कुछ खास नहीं बताया... सिर्फ इतना कहा कि नेहा को उसके घरवालों ने कहीं बाहर भेज दिया है.... कॉलेज में भी पूनम से कोई खास जानकारी नहीं मिल सकी सुधा ने नीलोफर का पता लगाने कि कोशिश यही सोचकर की...कि नीलोफर के बदले आगे चलकर वो रागिनी को इस सब से बाहर निकालने कि शर्त रख सकती है....और रागिनी को भी सबकुछ बता देगी.... लेकिन नीलोफर या विक्रम के बारे में ही पता नहीं चल सका.... कुछ दिन बाद एक दिन रागिनी और विमला कहीं गए और लौटकर नहीं आए ममता ने आकार सुधा को बताया कि विमला और रागिनी दोनों गायब हो गए हैं..... सुनकर सुधा ने ममता से कहा कि इसमें उसका और विजय या नाज़िया का ही तो हाथ नहीं है.... इस पर ममता ने अनभिज्ञता जाहिर की। फिर एक दिन उसे कॉलेज में सुरेश ने बात की और कहा कि विक्रम उससे मिलना चाहता है....कॉलेज से सुरेश सुधा को साथ लेकर कश्मीरी गेट अंतर्राज़्जीय बस अड्डे पर लेकर गया जहां विक्रम ने उससे रागिनी के बारे में पूंछा तो सुधा ने उसे वो सब बता दिया जो ममता ने उसे बताया था.... सुनकर विक्रम ने कुछ देर सोचा और कहा कि वो ममता पर नज़र रखे और जब ममता अकेली हो घर पे तो उसे फोन कर दे.... लेकिन इतना समय होना चाहिए कि एक दो घंटे जबतक वो ममता से अपनी बात न कर ले तब तक कोई और न आए....

सुधा ने घर जाकर कपड़े बदले और सीधी ममता के पास पहुंची... वहाँ जाकर पूंछा तो ममता से उसे पता चला कि विजय सिंह ने रागिनी के अपहरण कि रिपोर्ट दर्ज करा दी है विमला के खिलाफ और अभी पुलिस के साथ उनके संभावित ठिकानों पर छापामारी कर तलाश करा रहा है... वो 1-2 दिन में वापस आयेगा... सुधा ने वहाँ से निकलकर विक्रम को सारी बात बताई तो विक्रम ने उससे कहा कि वो आ रहा है सुधा किशनगंज मार्केट पर उसे मिल जाए और ममता के घर तक छोड़ दे...सुधा ने वही किया... विक्रम ने फिर उससे कह दिया कि अब वो इस सब मामले और इन लोगो से अपने सारे संपर्क तोड़ दे... इनमें से कोई उसके लिए कभी कैसी भी परेशानी नहीं कर पाएगा....और वो ममता के घर में चला गया...

2-3 दिन बाद ही विक्रम पुलिस को लेकर आया और ममता को गिरफ्तार कर लिया गया.... ममता का पति दीपक और विजय तो पहले से ही लौटकर नहीं आए थे जबसे पुलिस के साथ रागिनी को ढूँढने गए थे.... कुलदीप और सिमरन... जिसका नाम शादी के सरोज कर दिया था.... भी इस सारे मामले से हाथ झाड़कर दूर हट गए ....यहाँ तक कि उन्होने ममता की बेटी अनुराधा को भी अपने साथ रखने से मना कर दिया और कहा कि वो ये घर छोडकर कहीं और रहने जा रहे हैं.... तो विक्रम ने ही अनुराधा को अपने साथ ले जाने का कहा

बस इसके बाद उस मकान को पुलिस ने सील कर दिया... कुछ समय बाद विक्रम ने आकार उस मकान को खुलवाया और बताया कि ये मकान उसने ले लिया है... सुधा ने कई बार विक्रम से बात करके अनुराधा और रागिनी के बारे में जानने कि कोशिश कि लेकिन विक्रम ने सिर्फ इतना बताया कि दोनों ठीक हैं और साथ-साथ ही हैं कहीं पर.... लेकिन न तो उनका पता बताया और ना ही कभी मिलवाया और उसने कभी विक्रम के मुंह से नीलोफर का भी नाम नहीं सुना...साथ होना तो दूर की बात है

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TheBlackBlood

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अबे यार kamdev99008 भईया आपसे बड़ा झूठा और मक्कार लेखक नही देखा अपनी जान कसम । दुनिया भर के सारे बहाने आप दे देते हो, और अब तो इतने एक्सपर्ट हो गये हो की झूठ या बहाना बनाते वक्त आपकी ऊंगलियाँ भी नही कापती । अपने आप तो अपडेट देते नही और दुसरे लेखको की नाक में दम कर देते हो , दुनिया के सबसे बडे ढ़िट ठ़रकी अधेड़ आदमी हो अाप, दुनिया भर की सारी कहानियों के मज़े आप को चाहिये मगर जब मज़े देने की बात आती है तो आप बहाना मार देते हो । पता नही आपकी धर्मपत्नी और हमारी आदरणीय भाभी जी आप के दिन भर के डरामें कैसे झेलती होगी ।

कामदेव भईया हम लोगो पर रहम खाओ और जल्दी से बिना कोई बहाना मारे अपडेट दो । हाँ नही तो ... :angry:
firefox420 bhai, is sab me hamari bhabhi ji ko kyo kheech rahe hain. Unke liye to bas dua kijiye,,,,,, :lol1:
 

TheBlackBlood

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113,718
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अध्याय 19

ऋतु और रागिनी बड़े ध्यान से ये सब सुन रह थे..... सुधा इतना बताकर जब चुप हुई तो रागिनी ने पूंछा कि इस सब कहानी का रागिनी कि ज़िंदगी से क्या संबंध है......... तब उसने आगे बताना शुरू किया

.........................................

कुछ दिन बाद ममता ने सुधा को बताया कि नाज़िया वापस आ गयी है नाम बदलकर दोबारा उसी काम को शुरू कर रही है.... ममता भी दोबारा उसके साथ जुड़ गयी है...

“लेकिन अब क्या मजबूरी है तुम्हारी.... अब तो नाज़िया तुम्हें ना तो ब्लैकमेल कर पाएगी ना उससे कोई और खतरा है.... आजकल तो वो खुद छुपी फिर रही है” सुधा ने कहा

“यार अब क्या बहुत दिन पहले भी कोई ऐसी मजबूरी नहीं थी.... बस एक नशा सा हो गया था... शुरू में मजबूरी में किया फिर मजबूरी खत्म हो गयी तो मजा आने लगा.... अब तो रहा नहीं जाता... तुझे नहीं लगता... मोटे-पतले लंबे –छोटे रोज नए नए तरह तरह के लेने में जो मजा है.... वो एक के सहारे बोरियत भरी ज़िंदगी गुजारने में कहाँ” ममता ने कहा तो सुधा चौंक कर उसे देखने लगी

“तुमने जानबूझकर मुझे फंसाया था ना? पहले कुछ दिखने के नाम पर घर में बुलाया फिर बेहोश करके फोटो ले लिए” सुधा ने गुस्से से कहा

“हाँ जब उस दिन तूने मुझे पहाड़गंज में देख लिया तो घर आकर मेंने विजय मामा को बताया... उन्होने नाज़िया से बात करके तुम्हें फँसाने के लिए ये प्लान बनाया.... और मेंने उस प्लान पर काम करके थोड़े ही दिन में तुम्हें भी अपने धंधे में उतार लिया... फिर मुझे तुमसे कोई खतरा नहीं रहा” ममता ने कहा

“लेकिन अब में ये काम नहीं करूंगी...और अब न तो तुम और न तुम्हारा विजय मामा और ना वो नाज़िया... कोई मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता... क्योंकि तुमने ही मुझे बताया था की नाज़िया के फरार होने के बाद उसके पास या विजय के पास जो भी फोटो या विडियो थे लड़कियों के ........सब खत्म कर दिये तुमने... सबूत मिटाने को” सुधा ने ममता को बोला

“वो तो सब ठीक है... तुम्हारी मर्ज़ी करो या मत करो... वैसे अब मुझे तुम्हारी जरूरत भी नहीं रह गयी... मेंने एक नए माल का इंतजाम कर लिया है....” कहते हुये ममता ने नीचे की ओर इशारा किया तो सुधा को कुछ समझ नहीं आया

“ठीक है.... अब आगे से” कहते कहते सुधा अचानक ममता की काही बात को समझकर चौंक कर उसकी ओर देखने लगी और फिर बोली “अगर तुम रागिनी की कह रही हो तो तुमसे बड़ी कमीनी मेंने नहीं देखी.... भले ही सगी न सही... है तो तुम्हारी ननद ही”

“उसके बाप ने मुझे रंडी बनाया अब में उसे बनाऊँगी.... और में क्या उसे तो उसका बाप ही रंडी बनाएगा...पहले अपनी हवस मिटाएगा फिर नाज़िया के लिए काम करेगी...”

“रागिनी ने क्या कहा?” सुधा ने बेबसी भरे स्वर में पूंछा

“वो क्या कहेगी...उसे तो अभी पता भी नहीं की क्या होनेवाला है... और तुझे भी बता रही हूँ.... अगर तूने उसे कुछ बताया तो तेरे कुछ फोटो अभी भी मेरे पास हैं.... में तुझे चाहूँ तो मजबूर कर सकती हूँ...लेकिन तुझे मेंने कहा की तू धंधा कर?” ममता ने कमीनी मुस्कान के साथ कहा

“लेकिन में रागिनी के साथ भी ऐसा नहीं होने दूँगी.... और नाज़िया के लिए तुम इतना क्यों कर रही हो... रागिनी तो तुम्हारी अपनी है...नाज़िया से तो तुम्हारा कोई रिश्ता भी नहीं...” सुधा ने आँखों में आँसू भरे हुये कहा

“पूरी बात तो बहुत लंबी है... अब बात सुन जो में बता रही हूँ... मेरे ख्याल से इतना ही तुझे समझने के लिए काफी होगा...जिससे तू हमारे रास्ते से हट जाए और चुपचाप अपनी ज़िंदगी जिये” ममता ने गंभीरता से कहना शुरू किया “अब ये धंधा नाज़िया का नहीं विजय का है.... वो हुमेशा से इन्हीं उल्टे सीधे कामों से पैसा कमकर रईस बनना चाहता था...किसी जमाने में उसने मेरी माँ के साथ मिलकर नकली पासपोर्ट का धंधा किया था... ये नाज़िया पाकिस्तान की रहने वाली है... रंडीबाजी के चक्कर में विजय को मिली और विजय ने इसका नकली पासपोर्ट बनाकर इसे यहाँ का नागरिक साबित कर दिया... इसका असली नाम मुझे भी नहीं मालूम... ये सारा धंधा भी इससे विजय ही चलवा रहा था... मेरी माँ भी इसमें शामिल थी...और मेरा छोटा भाई भी...इसीलिए में भी इससे बाहर नहीं निकालना चाहती.... उन सबका कहना है की अब से ये धंधा में और नीलोफर मिलकर सम्हालेंगे.... लेकिन नेहा के मामले को लेकर जो बवाल हुआ उसमें सब तो साफ बच गए पर नेहा फंस गयी और जेल पहुँच गयी।

जेल से जमानत होकर वो बाहर आ ही जाती लेकिन ऐसा नहीं हुआ... उसकी जमानत किसी और ने हमारे कुछ करने से पहले ही करा ली और जेल से निकालकर वो गायब हो गयी... अब हम रागिनी को भी इस धंधे में लाना चाहते हैं....वो इतनी आसानी से नहीं आएगी.... पहले उसे इस काम में जबर्दस्ती घुसाना होगा.... रंडी बनाकर... इससे मेरी माँ मुन्नी, विजय और नाज़िया तीनों हिस्सेदारों की बेटियाँ... नए धंधे में मालिक हो जाएंगी।“

“तो नीलोफर क्यों किसी और के साथ गायब हो गयी... आखिर वो भी एक रंडी की बेटी है और खुद भी रंडी होगी तुम्हारी तरह.... उसे भी अपना खुद का जमा जमाया धंधा मिल रहा है?” सुधा ने चिढ़ते हुये कहा “रही बात रागिनी की ...जब उसका बाप ही उसे धकेल रहा है तो में उसे कैसे रोक सकती हूँ... अब मुझे इस धंधे या तुम सब से कोई मतलब नहीं...मुझे मेरे हाल पर छोड़ दो”

“पहली बात तुम्हें मेंने इसलिए ये सब बताया की अगर तुम हमारे साथ शामिल होना चाहो तो तुम्हें भी हम बराबर का हिस्सेदार बना लेंगे... अगर तुम नहीं चाहती तो कोई बात नही...ये कोई कोठा नहीं है...जहां जबर्दस्ती की जाएगी... अब इस धंधे की फिलहाल में इकलौती मालकिन हूँ और में तुमसे कोई जबर्दस्ती नहीं करूंगी..... दूसरी बात...... रागिनी के मामले में तुम अगर हमारी कोई सहता नहीं करोगी तो ऐसा भी कुछ नहीं करोगी कि रागिनी हमारे हाथ से निकाल जाए... वर्ण तुम्हारे खिलाफ मुझे कुछ नहीं सबकुछ करना होगा...... और तीसरी बात.......... क्योंकि रागिनी अभी हमारे हाथ में नहीं है... और पता नहीं कब तक पूरी तरह हमारे साथ मिलकर ये काम सम्हालेगी... उसके द्वारा हम नेहा से संपर्क करके नीलोफर का पता लगाना चाहते हैं...नीलोफर मेरी या तुम्हारी तरह रंडी नहीं है... उसने बेशक अपनी माँ का रंडियों का धंधा चलाया है... लेकिन उसने खुद आज तक एक बार भी चुदाई नहीं कि है.... हमें जो पता चला है कि उसकी जमानत विक्रम ने कराई है और शायद वो विक्रम के साथ ही है...अब पता नहीं विक्रम ने उसे क्या घुट्टी पिला दी जो वो अपनी माँ और जिस धंधे के पैसे पर ऐश काट रही थी...उसे छोडकर विक्रम के साथ भाग गयी।“ ममता ने कहा

“तो सीधे विक्रम से ही पता कर लो... कॉलेज में मिलेगा” सुधा ने कहा

“जब से नेहा वाला कांड हुआ है तुमने कॉलेज में नेहा या विक्रम को देखा है तब से?... नेहा तो चलो इस मामले के खुलने कि वजह से शायद ही कॉलेज आए... लेकिन विक्रम भी गायब है.... हमने पता लगाया है... विक्रम और नेहा को नीलोफर के गायब होने के बाद कहीं साथ में भी देखा गया था... इसलिए में चाहती हूँ कि तुम रागिनी से नेहा के बारे में पता करो... या सुरेश और पूनम से विक्रम के बारे में....और हमें बताओ.... जिससे विक्रम तक पहुँचकर हम नीलोफर का पता लगा सकें” ममता ने ज़ोर देते हुये कहा

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सुधा इतना कहकर रुकी तो उसकी नज़र दरवाजे को थोड़ा सा खोलकर अंदर देखते अनुराधा और प्रबल पर पड़ी तो उसने दरवाजे कि ओर पीठ करके बैठी रागिनी और ऋतु को दरवाजे कि ओर देखने का इशारा किया....

“मेरे बच्चो... वहाँ क्यों खड़े हो यहाँ आओ मेरे पास” रागिनी ने उन दोनों को पास आने का इशारा करते हुये कहा तो दोनों आकर रागिनी के कि गोदी में लेटकर उससे चिपक गए

“माँ! प्रबल कि मम्मी वही नीलोफर हैं ना.... लेकिन जब वो विक्रम भैया के साथ थीं तो वे पाकिस्तान कैसे पहुँच गईं... और प्रबल विक्रम भैया के पास कैसे आ गया” अनुराधा ने रुँधे गले से पूंछा ..... प्रबल तो रोता हुआ कुछ कह ही नहीं पाया... शायद अनुराधा को अब प्रबल के माँ-बाप का पता चलने से प्रबल के चले जाने का डर सताने लगा था

“तुम अभी भी नहीं समझी? याद है हमें पूनम ने क्या बताया था?.... उन्हीं दिनों पूनम को नेहा ने बताया था कि विक्रम ने किसी मुस्लिम लड़की से शादी कर ली है... वो नीलोफर ही रही होगी.... नीलोफर का नाम और उसके बारे में नेहा सबकुछ जानती थी लेकिन उसने शायद पूनम को उसके बारे में इसलिए नहीं बताया होगा कि पूनम पता नहीं विक्रम के बारे में क्या सोचती... एक कॉल गर्ल रैकेट चलानेवाली लड़की से शादी की..... और दूसरी बात हम राजस्थान में रहे हैं ...तुमने देखा होगा कि मुस्लिमों में भी राजपूत होते हैं... उन्होने मजहब जरूर बदल लिया लेकिन जाति अपने पूर्वजों कि ही लिखते और बताते है.... राणा, चौहान आदि... तो ये राणा शमशेर अली कोई और नहीं विक्रम ही है.... मुझे पूरा यकीन है.... अब रही पाकिस्तान में रहने कि बात... तो नाज़िया और नीलोफर के बारे में तब न सही बाद में सरकार को जब भी पता चला होगा कि उनका पासपोर्ट नकली है तो उन्हें लौटकर पाकिस्तान ही भागना पड़ा होगा.... क्योंकि वो कानूनी तौर पर पाकिस्तानी नागरिक थीं....तो आसानी से वहाँ रह सकती थीं...अब मुझे समझ आया कि विक्रम इतने इतने दिन के लिए कहाँ गायब हो जाता था”

रागिनी कि बात सुनते ही प्रबल ने सिर उठाकर रागिनी की ओर देखा साथ ही ऋतु, अनुराधा और सुधा भी उसकी ओर देखने लगे .....

“तो ये विक्रम और नीलोफर का बेटा है... पता है... में तुम्हारी माँ को बहुत अच्छी तरह जानती थी.... चाहे उस गंदगी में घुसे होने की वजह से ही... बहुत सुंदर और नाजुक सी लगती थी.... लेकिन बहुत तेज थी.... हम सबसे क्या नाज़िया से भी...लेकिन बहुत भावुक भी थी.... वो कभी किसी भी लड़की को उसकी मर्जी के बिना या जबर्दस्ती कम नहीं कराने देती थी.... इस बात पर बहुत बार माँ-बेटी में झगड़ा भी हो जाता था हालांकि नाज़िया ज़्यादातर बातों से उसे दूर ही रखती थी... उसकी इसी आदत कि वजह से”

“अब आगे बताओ? फिर क्या हुआ?” रागिनी ने कहा तो सुधा ने आगे बताना शुरू किया

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फिर सुधा ने रागिनी से नेहा का पता करने कि कोशिश कि तो रागिनी ने कुछ खास नहीं बताया... सिर्फ इतना कहा कि नेहा को उसके घरवालों ने कहीं बाहर भेज दिया है.... कॉलेज में भी पूनम से कोई खास जानकारी नहीं मिल सकी सुधा ने नीलोफर का पता लगाने कि कोशिश यही सोचकर की...कि नीलोफर के बदले आगे चलकर वो रागिनी को इस सब से बाहर निकालने कि शर्त रख सकती है....और रागिनी को भी सबकुछ बता देगी.... लेकिन नीलोफर या विक्रम के बारे में ही पता नहीं चल सका.... कुछ दिन बाद एक दिन रागिनी और विमला कहीं गए और लौटकर नहीं आए ममता ने आकार सुधा को बताया कि विमला और रागिनी दोनों गायब हो गए हैं..... सुनकर सुधा ने ममता से कहा कि इसमें उसका और विजय या नाज़िया का ही तो हाथ नहीं है.... इस पर ममता ने अनभिज्ञता जाहिर की। फिर एक दिन उसे कॉलेज में सुरेश ने बात की और कहा कि विक्रम उससे मिलना चाहता है....कॉलेज से सुरेश सुधा को साथ लेकर कश्मीरी गेट अंतर्राज़्जीय बस अड्डे पर लेकर गया जहां विक्रम ने उससे रागिनी के बारे में पूंछा तो सुधा ने उसे वो सब बता दिया जो ममता ने उसे बताया था.... सुनकर विक्रम ने कुछ देर सोचा और कहा कि वो ममता पर नज़र रखे और जब ममता अकेली हो घर पे तो उसे फोन कर दे.... लेकिन इतना समय होना चाहिए कि एक दो घंटे जबतक वो ममता से अपनी बात न कर ले तब तक कोई और न आए....

सुधा ने घर जाकर कपड़े बदले और सीधी ममता के पास पहुंची... वहाँ जाकर पूंछा तो ममता से उसे पता चला कि विजय सिंह ने रागिनी के अपहरण कि रिपोर्ट दर्ज करा दी है विमला के खिलाफ और अभी पुलिस के साथ उनके संभावित ठिकानों पर छापामारी कर तलाश करा रहा है... वो 1-2 दिन में वापस आयेगा... सुधा ने वहाँ से निकलकर विक्रम को सारी बात बताई तो विक्रम ने उससे कहा कि वो आ रहा है सुधा किशनगंज मार्केट पर उसे मिल जाए और ममता के घर तक छोड़ दे...सुधा ने वही किया... विक्रम ने फिर उससे कह दिया कि अब वो इस सब मामले और इन लोगो से अपने सारे संपर्क तोड़ दे... इनमें से कोई उसके लिए कभी कैसी भी परेशानी नहीं कर पाएगा....और वो ममता के घर में चला गया...

2-3 दिन बाद ही विक्रम पुलिस को लेकर आया और ममता को गिरफ्तार कर लिया गया.... ममता का पति दीपक और विजय तो पहले से ही लौटकर नहीं आए थे जबसे पुलिस के साथ रागिनी को ढूँढने गए थे.... कुलदीप और सिमरन... जिसका नाम शादी के सरोज कर दिया था.... भी इस सारे मामले से हाथ झाड़कर दूर हट गए ....यहाँ तक कि उन्होने ममता की बेटी अनुराधा को भी अपने साथ रखने से मना कर दिया और कहा कि वो ये घर छोडकर कहीं और रहने जा रहे हैं.... तो विक्रम ने ही अनुराधा को अपने साथ ले जाने का कहा

बस इसके बाद उस मकान को पुलिस ने सील कर दिया... कुछ समय बाद विक्रम ने आकार उस मकान को खुलवाया और बताया कि ये मकान उसने ले लिया है... सुधा ने कई बार विक्रम से बात करके अनुराधा और रागिनी के बारे में जानने कि कोशिश कि लेकिन विक्रम ने सिर्फ इतना बताया कि दोनों ठीक हैं और साथ-साथ ही हैं कहीं पर.... लेकिन न तो उनका पता बताया और ना ही कभी मिलवाया और उसने कभी विक्रम के मुंह से नीलोफर का भी नाम नहीं सुना...साथ होना तो दूर की बात है

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Kamdev bhai, mujhe aisa kyo lagta hai ki is baar ka update aapne dil se nahi likha.?? Main ye nahi kahta ki update me koi kharaabi hai kyo isme bhi aapki mehnat to lagi hi hai kintu kahi na kahi mujhe kuch kami nazar aayi. Dusri baat ye bhi hai ki is baar ka update thoda uljha hua samajh me aaya. Ho sakta hai ki aisa sirf mujge laga ho. Mujhe lagta hai ki in kirdaaro ke bare me thodi si detail me jaankari de dete aap. :approve:

Uljhi huyi daastaan ki parte dhire dhire khul rahi hain aur ye jaan kar badi hairaani bhi huyi ki ragni ka baap aisa ganda kaam karta tha. Anuradha aur prabal ka bhi sach pata chala. Khair dekhte hain aage aur kya kya dekhne ko milta hai,,,,,, :dazed:
 
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