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Romance मोक्ष : तृष्णा से तुष्टि तक .......

रागिनी की कहानी के बाद आप इनमें से कौन सा फ़्लैशबैक पहले पढ़ना चाहते हैं


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kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
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अध्याय 15

“कहाँ जा रही हो?” ऋतु को अपने बैग लेकर बाहर आते देखकर बलराज सिंह ने गुस्से से कहा

“आप चिंता मत करो.... में किसी के साथ भागकर नहीं जा रही हूँ...और न ही कुछ ऐसा करने...जिससे आपकी ही नहीं मेरी भी इज्ज़त पर दाग लगे” ऋतु ने भी उनकी आँखों में आँखें डालकर गुस्से से जवाब दिया “में आप लोगों के साथ नहीं रह सकती... यहाँ मेरा दम घुट रहा है.... में अब से रागिनी दीदी के साथ रहूँगी....”

“ऋतु बेटा सुनो तो...” मोहिनी देवी ने ऋतु को रोकते हुये कहा

“अब फिर कोई नई कहानी है सुनने के लिए?” लेकिन मेरे पास न तो सुनने के लिए वक़्त है और न ही दिमाग...” ऋतु ने फिर गुस्से से कहा

“बेटा हमने जो भी जरूरी था...तुम्हें बता दिया...कुछ बातें समय आने पर बताते... लेकिन न तो रागिनी ने ही हमें मोहलत दी और न ही तुम...वहाँ से आने के बाद तुमने हमसे कुछ भी जानने की कोशिश की? कुछ भी पूंछा? आते ही अपने कमरे में गईं और समान लेकर घर छोडकर चल दी” मोहिनी ने भी गुस्से में कहा

“हाँ! यहाँ आकर फिर आपसे पूंछती और फिर एक नई कहानी सुनती....जब मेंने आपको विक्रम भैया के साथ वहाँ उस घर में जाते देखा था तो उसका अपने बताया कि वहाँ अप उनके साथ उस मकान कि देखरेख के लिए जाती थी... लेकिन ऐसी कौन सी देखरेख है जो आपको उस घर में घंटो विक्रम भैया के साथ रहना पड़ता था....? और जब आप लोग रागिनी दीदी के बारे में सबकुछ जानते थे तो उनके साथ अंजान क्यों बने रहे...जब तक कि वो यहाँ उस मकान में नहीं आ गईं और मेंने उनको वहाँ देखकर सवाल नहीं किया? आप लोगो ने मुझे पहले तो कभी बताया ही नहीं परिवार के बारे में... विमला बुआ के बारे में, रागिनी दीदी के बारे में........... और अभी पिछले 2-3 दिन में जो आपने बताया वो बिलकुल झूठ... जिसे आपके मुंह पर ही रागिनी दीदी ने गलत साबित कर दिया.......... वो बिना किसी याद, बिना पहचान, अंजान शहर में भी सिर्फ 3 दिन में इतना जान गईं... और में इतनी काबिल, एक वकील होते हुये, परिवार के बीच में रहकर भी कभी कुछ जान ही नहीं पायी और जब जानना चाहा तो आपसे सिर्फ झूठ सुनने को मिला.... अब मुझसे कभी मिलने या बात करने कि कोशिश भी मत करना......... मुझे तो आज जो रागिनी दीदी कि हालत है और जो विक्रम भैया के साथ हुआ... उसमें भी आपका ही हाथ लगता है... इसीलिए आप इन बातों को दबाये रखना चाहते हैं.........और एक आखिरी बात...अगर रागिनी दीदी, अनुराधा या प्रबल के साथ कुछ भी बुरा हुआ तो.... उसके जिम्मेदार केवल आप ही होंगे...मेरी नज़र में” कहते हुये ऋतु ने अपने बैग लिए और बाहर खड़ी कैब में जाकर बैठ गयी.... उसके बैठते ही ड्राईवर ने गाड़ी आगे बढ़ा दी

......................................

उन लोगों के जाने के कुछ देर बाद रागिनी ने दोनों बच्चों को अपने से अलग किया और खाना खाने के लिए कहा तो सब अपनी अपनी सोच में डूबे खाना खाने बैठ गए.... खाना खाकर अनुराधा और रागिनी ने रसोई का काम निबटाया और तीनों ड्राविंग रूम में आकार बैठ गए

“माँ तुम्हें ये सब जानकारी कहाँ से मिली और आपको अपने माता-पिता का तो हॉस्पिटल के रेकॉर्ड से पता चला होगा... लेकिन वो भी आपने कैसे पक्का किया? और दूसरे चाचा का?” अनुराधा ने बात शुरू करते हुये कहा

“मुझे अभय ने विक्रम के गाँव का एड्रैस मैसेज किया था... और में गाँव भी गयी थी तो गाँव का नाम और तहसील, जिला सहित पूरा एड्रैस मुझे पता था.... जब हम यहाँ से कोटा गए थे तो रास्ते में मुझे हॉस्पिटल का डाटा व्हाट्सएप्प पर जो मिला उसे चेक करते समय मुझे एक बच्ची के जन्म के रेकॉर्ड में उसी गाँव का पता दिखाई दिया तो मेंने वो जानकारी नोट कर ली बाद में जब हम कल वापस लौटते हुये कोटा गए थे तब सुरेश ने बताया था की बलराज सिंह 5 भाई थे... रात मेंने सुरेश को बोला था की गाँव से इन सभी भाई बहनों के नाम पता करके बताए तो सुरेश के पिताजी ने बताया था के 2 बड़े भाइयों के नाम जय और विजय हैं... और तीसरे भाई गजराज जिन्हें गाँव में गज्जू कहते थे से छोटी 2 बहनें हैं जुड़वां, विमला और कमला उनसे छोटे 2 भाई बल्लू उर्फ बलराज और देवू उर्फ देवराज हैं।

जय की शादी के समय में वो लोग अपनी ननिहाल में रहते थे....और वहीं से की थी, विजय की शादी के समय वो गाँव में रहते थे लेकिन शादी ननिहाल के रिशतेदारों ने ही करवाई थी.... उसके बाद उनके पिताजी बीमार रहने लगे थे तो दोनों बहनों की शादी जयराज ने ही खुद रिश्ता देखकर की और लगभग 1 साल बाद पिता की मृत्यु हो जाने पर अपनी माँ और छोटे-छोटे तीनों भाइयों को अपने साथ लेकर दिल्ली चले गए फिर बहुत सालों के बाद उनकी माँ और भाइयों ने तो बड़े होकर गाँव आना जाना शुरू कर दिया था लेकिन जयराज कभी गाँव नहीं आए और उनकी वहीं मृत्यु हो गयी ऐसी सूचना मिली थी” रागिनी ने बताया

“लगता है आपको लगभग सारी जानकारी मिल गयी है.... और विजयराज के बारे में भी कुछ पता चला? जयराज के भी क्या आप अकेली ही बेटी थीं या कोई और भी? ...............लेकिन अब क्या करना है... जितनी जानकारियां मिलती जा रही हैं उनसे हम तीनों एक दूसरे से अलग दिखते जा रहे हैं.......... पहले हम आपके बच्चे थे, मेरे पास एक माँ और एक भाई थे... और विक्रम भैया को चाहे सौतेला ही समझती थी लेकिन लेकिन वो भी भाई थे..... फिर उनके बाद जो पता चला तो आप मेरी बुआ थीं अब आप मेरी दादी के बड़े भाई की बेटी हैं.... प्रबल के परिवार के बारे में तो पता चला ही नहीं.... और दूसरे देश का मामला होने की वजह से इतना आसान भी नहीं.... अब क्या हम सब ऐसे भी जिएंगे... खुद को न पहचानने का डर और पता नहीं कब कौन आ जाए और हम मे से किसी पर अपना हक जताने लगे.....” अनुराधा अभी बोल ही रही थी की बाहर कोई गाड़ी रुकने की आवाज आयी तो प्रबल उठकर बाहर की ओर चल दिया...रागिनी और अनुराधा भी उसके पीछे दरवाजे तक आए तो देखा की बाहर एक कैब से ऋतु अपना समान निकाल रही है ...प्रबल ने आगे बढ़कर गाड़ी से बैग निकले और ऋतु के साथ घर में आ गया

अनुराधा और रागिनी वापस आकर सोफ़े पर बैठ गए ऋतु ने भी अपने हाथ में पकड़े बैग को सोफ़े से टिकाकार रखा और बैठ गयी....प्रबल भी आकार उसके पास ही बैठ गया। कुछ देर तक सभी चुपचाप बैठे रहे फिर ऋतु ने बताया कि वो अपना घर छोडकर यहाँ उनके पास रहने आ गयी है

“दीदी आज सुबह की बातों से मुझे लगा की मुझसे भी बहुत कुछ छुपाया जा रहा है या झूठी कहानियाँ सुनाई जा रही हैं....लेकिन एक बात साफ हो चुकी है मेरे सामने, कि विक्रम भैया के बाद, उन दोनों लोगों के अलावा अगर इस परिवार में कोई बचा है तो आप हैं.... वो भी आपने पता लगा लिया इसलिए.... वरना तो उन्होने तो अपने आप तक ही परिवार को समेट दिया था ..... अब मुझे उनका विश्वास नहीं रहा.... अब तो में सोचती हूँ कि कहीं आपकी तरह में भी किसी और कि बेटी तो नहीं.... अब मुझे आपके अलावा किसी पर भरोसा नहीं रहा... इसलिए अब में आपके साथ ही रहने आ गयी हूँ......हमेशा के लिए.......अगर आपको कोई ऐतराज न हो तो?” ऋतु ने आखिरी वाक्य को रागिनी कि आँखों में सवालिया नज़रों से देखते हुये कहा

“देखो ऋतु मुझे तुम्हें साथ रखने में कोई ऐतराज नहीं है... बल्कि खुशी ही होगी कि अगर हम परिवार के बचे हुये सब लोग एक साथ रहें.... लेकिन कुछ बातों का तुम्हें भी ध्यान रखना होगा” रागिनी ने जवाब दिया

“किन बातों का? आपकी जो भी शर्तें होंगी... मुझे मंजूर हैं” ऋतु ने भी कहा

“मेरी कोई शर्त नहीं है... सिर्फ इतना कहना है कि अब से हम सब एक परिवार कि तरह साथ रहेंगे.... किसी के बारे में कुछ भी पता चले उससे हमारे आपस के संबंध न तो बदलेंगे और ना ही हम में से कोई एक दूसरे को छोडकर कहीं जाएगा... अगर किसी के बारे में कुछ भी पता नहीं चलता तो भी अभी हम जो रिश्ते मानते आ रहे हैं....वही मानकर नए सिरे से अपने परिवार कि शुरुआत करेंगे... मुझे फिर से कोई उलझन या मुश्किल नहीं चाहिए अपने इस घर में... इसलिए हमें और किसी से कोई मतलब नहीं रखना….. अब से तुम मेरी बहन हो और इन बच्चों की मौसी-बुआ जो भी बनना चाहो.... ये बच्चे जितने मेरे हैं उतने ही तुम्हारे” रागिनी ने साफ शब्दों में कहा जिस पर ना केवल ऋतु बल्कि अनुराधा और प्रबल ने भी सहमति जताई

और फिर सबने मिलकर प्लान किया की आगे किस तरह से किसको क्या करना है... ऋतु ने बताया की वो अभी फिलहाल अभय के साथ ही काम करती रहेगी। अनुराधा और प्रबल को आगे पढ़ने के लिए उसी कॉलेज में एड्मिशन करा दिया जाएगा जिसमें न केवल विक्रम और रागिनी पढे थे बल्कि ऋतु का भी एड्मिशन विक्रम ने उसी कॉलेज में कराया था।

साथ ही ऋतु ने बताया की विक्रम की वसीयत जो अभय के ऑफिस में आगे की कार्यवाही के लिए थी उसकी फोटोकोपी उसने निकाल ली थी.... उस फोटोकोपी में विक्रम की जो वसीयत अभय ने पढ़कर सुनाई थी उसके अलावा भी बहुत से दस्तावेज़ थे ..... जो कि न केवल विक्रम और बलराज सिंह के परिवार के बारे में पूरी जानकारी देते थे बल्कि उन लोगो कि संपत्ति का भी पूरे विस्तार से ब्योरा दिया हुआ था।

ऋतु ने वो कागजात निकाल कर रागिनी को दिये और उन चारों ने उन्हें पढ्ना शुरू किया... उसमें कुछ विवरण देवराज सिंह, रुद्र प्रताप सिंह और भानु प्रताप सिंह की जायदाद के थे और कुछ कागजात में वारिसान प्रमाण पत्र भी लगे हुये थे जिनमें परिवार के सदस्यों का ब्योरा था। उन सभी वारिसान प्रमाण पत्रों को रागिनी ने अलग किया और चारों ने उन्हें पढ़ना शुरू किया

1- रुद्र प्रताप सिंह के परिवार का विवरण उनसे संबंध और जन्म वर्ष के साथ

1- निर्मला देवी -पत्नी -1928

2- जयराज सिंह -पुत्र -1947

3- विजयराज सिंह -पुत्र -1949

4- गजराज सिंह -पुत्र -1954

5- विमला देवी -पुत्री -1960

6- कमला देवी -पुत्री -1960

7- बलराज सिंह -पुत्र -1965

8- देवराज सिंह -पुत्र -1968

2- शम्भूनाथ सिंह के परिवार का विवरण संबंध और जन्म वर्ष सहित

1- जयदेवी -पत्नी 1911

2- निर्मला देवी -पुत्री 1928

3- सुमित्रा देवी -पुत्री 1932

4- माया देवी -पुत्री 1940

इसके अलावा इसमें 2 लोगों के नाम शम्भूनाथ सिंह की समस्त चल अचल संपत्ति के वारिस के तौर पर भी दिये हुये थे

1- जयराज सिंह -1947 व 2- विजयराज सिंह -1949

पुत्रगण श्रीमती निर्मला देवी एवं श्री रूद्र प्रताप सिंह

3- भानु प्रताप सिंह के परिवार का विवरण संबंध और जन्म वर्ष सहित

1- श्यामा देवी -पत्नी -1937

2- कामिनी देवी -पुत्री -1955

3- मोहिनी देवी -पुत्री -1965



ये सारा विवरण पढ़ते ही रागिनी और ऋतु आश्चर्यचकित होकर एक दूसरे की ओर देखने लगे.........दोनों की ही समझ में नहीं आया कि अब क्या कहें। फिर ऋतु ने ही कहा

“दीदी ये तो बहुत अजीब बात है.... विक्रम भैया की माँ और मेरी माँ सगी बहनें हैं और आजतक मेरी माँ ने मुझे ये बताया ही नहीं”

“ऐसा भी तो हो सकता है कि ये विक्रम कि मौसी कोई और ही मोहिनी देवी हो” रागिनी ने कहा

“नहीं मुझे मम्मी के कुछ कागजात मे उनके मटा पिता का नाम देखने को मिला है... और वैसे भी उन्होने बताया भी था कई बार उनके पिता का नाम भानु प्रताप सिंह और माँ का नाम श्यामा देवी ही है.... और उनकी जन्म तिथि भी यही है...” इस पर ऋतु ने बताया

“हो सकता है.... शायद ये सारे कागजात इस वसीयत के साथ थे...इसीलिए इन सब बातों को विक्रम ने अपनी वसीयत मे जाहिर नहीं किया.........अब ये भी साफ हो गया कि ये 5 भाई और 2 बहनें थे.... और उनमें से 2 भाइयों की शादी तुम्हारी माँ और मौसी से हुई थी” रागिनी ने गहरी सांस छोडते हुये कहा “अगर हमने पहले ही ये सारे कागजात पढ़ लिए होते तो हमें इतना परेशान न होना पड़ता”

“दीदी इनके अलावा कुछ और भी है....इस कागज में....” ऋतु ने अपने हाथ में पकड़े हुये एक कागज को दिखते हुये कहा

“क्या है?” कहते हुये रागिनी ने वो कागज अपने हाथ में लिया और पढ़ने लगी... उस कागज में एक कोर्ट का आदेश था... जयराज सिंह और बेलादेवी के तलाक का 1974 का उसे पढ़ते ही रागिनी को और बड़ा झटका लगा....

“ये जयराज सिंह को ही तो मेरा पिता बताया था मोहिनी चाची ने.... लेकिन मेरी माँ का नाम तो उन्होने वसुंधरा बताया था.... तो ये बेला देवी कौन हैं?”

“दीदी इनका तो तलाक ही 1974 में हो गया और आपकी जन्म तिथि 1979 की है.... इसका मतलब जयराज ताऊजी की दो शादियाँ हुईं थी.... आपकी माँ वसुंधरा ताईजी उनकी दूसरी पत्नी थी। लेकिन इन कागजातों में अभी बहुत कुछ नहीं है........ हमारे पिता सब भाई-बहनों कहाँ और किससे शादियाँ हुई, उनके बच्चे ....” ऋतु अभी आगे कुछ कहती उससे पहले ही ड्राइंग रूम के दरवाजे से किसी औरत ने रागिनी को आवाज दी तो प्रबल ने जाकर दरवाजा खोला एक 40-42 साल की रागिनी कि हमउम्र औरत दरवाजे पर खड़ी थी प्रबल के बराबर से अंदर घुसकर वो सीधे रागिनी के पास आयी और उसका हाथ पकड़कर खींचा... रागिनी भी उठकर खड़ी हुई तो उसने रागिनी को अपने सीने से लगाकर रोना शुरू कर दिया.... रागिनी इस अजीब से हालात में चुपचाप खड़ी अनुराधा, ऋतु और प्रबल की ओर देखने लगी

रागिनी ने उसे अपने साथ ही पकड़कर सोफ़े पर बिताया और बोली “मेंने पहचाना नहीं आपको? अप रोईए मत.... बताइये... क्या बात हो गयी”

“तूने मुझे भी नहीं पहचाना... सही बताया था प्रवीण और माँ ने .... तेरी याददास्त सचमुच ही चली गयी है.... तू तो मुझे मेरी खुशबू से पहचान लेती थी” उसने रोते हुये ही कहा

“सुधा! तो तुम हो सुधा” रागिनी को सुबह की बात ध्यान आ गयी “अब रो मत .... देखले तेरे सामने सही सलामत बैठी हूँ.... मुझे कुछ याद नहीं तो क्या हुआ.... तुझे तो सबकुछ याद होगा.... तू बता देना”

“हाँ! में तुझे सबकुछ बताऊँगी....... वो भी जो तुझे पहले भी नहीं पता था.... तब कितनी बार तूने मुझसे पूंछा लेकिन में हमेशा टाल देती थी कि कहीं तू भी इस झमेले मे न फंस जाए.... लेकिन अब में सबकुछ बताऊँगी.... में आज यहाँ तुझसे मिलकर सबकुछ बताने ही आयी हूँ और और में तेरी गुनहगार हूँ... माफी न सही लेकिन दोस्ती को जोड़े रखना” सुधा ने रागिनी से कहा

“दीदी! आज सुधा दीदी को भी अपने साथ रोक लेते हैं.... रात में ये सब बातें होंगी.... अभी कुछ नाश्ता वगैरह कर लेते हैं... फिर रात के खाने कि तयारी करते हैं” ऋतु ने वहाँ फैले सभी कागजात समेटते हुये कहा और अनुराधा को साथ आने का इशारा करते हुये किचन कि ओर चल दी
 
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kamdev99008

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what the fuck !!

ye miss print hai ya fir ... really Shamsher aur Vikram ek hi vyakti hai ...

aur suddenly Ragini ko itni details kaise pata lagi .. kya apni pados mein rehne wali Reshma bhabi aur Praveen ki maa se .. ya koi aur source se .. ye wala to bahut hi amazing update diya hai .. Judge saab aapne .. aur thoda sa atpata bhi hai ...

magar ye dono Miya-biwi abhi bhi kyon jhoot bol rahe hai .. kuch to maha-locha abhi bhi fasa hua hai .. magar iss update ko padhne ke baad kaafi kuch baate khul kar saamne aa gayi hai .. aur ye bhi kamaal ki baat hai .. ki Prabal aur Sameer do judwa bacche hai .. magar dono ko alag - alag kyu kiya .. aisi kya complications khadi ho gayi thi ki dono bacche apne maa - baap ke saath nahi reh sakte the ...

abhi kuch aur bhi questions hai .. jinko main apne dimaag mein process kar raha hu .. kyon ki update to aapka theek - thaak sa aata hai .. magar information usme bahut chupi hoti hai .. to ek baar mein saari baat pal-le nahi padti .. aur iss baar Raagini ka janmdin pakistan ke independence day ke din manayenge ...

abb Raagini, Anuradha, Prabal aur Ritu, Poonam, Mohini Chachi (maami), Balraj (Shakuni) Mama ke saath - saath Shamsher aur Nilofer bhi story ke main Characters bante najar aa rahe hai ...

by the way .. muzhe ye update bahut hi pasand aaya .. just ek do jagah spelling mistakes hai .. actually do jagah तैयार mein double ( ै) ki maatra missing hai ... :applause::applause::applause:

Pratikriya me kya kahu BHAI,
Mujhe Lagta hai ant me jaa ke hi Sab kuchh samajh me aayega. Ragini anuradha prabal ke jaise hame bhi kuchh samajh me nahi aaya per kahani hai bahut hi behtareen.

Woooooowww.......
Very good and thrilling update.....
Mostly second phase.....

Shamsher and nilofar are alive.......good....
But how do they know about prabal.....

Kya ghar ka koi aadmi ya balraj unse mila hua hai.....ya unhe jaanta hai.....

OR jis jaal ke baare mai shamsher baat kar raha tha....wo apne aap ko or apni family ko IB se chupaya chahta tha.....

Ho sakta hai uske link kisi galat Sans tha se so....ya phir wo me kisi galat iraade se aaye ho.....OR isiliye hee prabal ko inn sab se dur rakhne ke liye.....yanha chhod kar bhag gaye Ho......


Ab baat kare......second phase ki to.....


Balraj ke bar bar jhuth bolne se......ragini ke saath......ritu.....ko bhi us par vishwas nahi raha ab.....
OR ritu kya kare....jab uski maa ne hee use jhuth bola......

Prabal ke liye maine sahi kaha tha.....uska relation us family or raj se hai.......jiski wajah se puri family alag hui.....

OR jaise bataya gaya hai....KI ak family member scientist tha.....ab wo kon tha....balraj ke jhuth bolne se ye at phir ak raaj ho gayi hai....

Most possibility to ye hai ki.....raviraaj hee scientist ho or us se koi kaam niklwaane......ya koi baat haan ne ke liye.....ragini ka kidnap hua ho......
OR us saajish me prabal ki family involved ho......

Anyways....
Dekhte hai aage kya Hota hai.....

Very well written
Thanks

Awesome update

साल भर स्मार्ट फ़ोन चलाकर झुकी हुई गर्दन को सीधा करने का अवसर देने वाले अद्भुत त्यौहार मकर सक्रांति की आप सभी को शुभकामनाएं!

Bahuy hi mast or jabarzast hai bhai.... Mujhe to bhai duble game lagta hai... Shamshera hi vikram hai... Apne ko maar kar usne apne bibi bache ko le kar pak chala gaya... Mara isliye ki koi dhundhe n... Kii agent ki kahani lagti hai.... Dekhte hai.... Waiting bhai g

Awesome update bhai,
behad hi shandaar, lajawab aur amazing update hai bhai,
atit mein na jane kitne rahasya chhupe hain,
shayad shudha ragini ko uske kuchh sawalon ke jawad de sake,
ab dekhte hain ki aage kya hota hai,
Waiting for next update

Awesome update bhai,
behad hi shandaar, lajawab aur amazing update hai bhai,
ye to suspence aur badhta hi ja raha hai,
ragini vimla ki beti nhi hai,
aakhir balraj ka iss parivar ki barbadi se kya sambandh hai ?
waiting for next update

Awesome update bhai,
behad hi shandaar, lajawab aur amazing update hai bhai,
ye to suspence aur badhta hi ja raha hai,
ragini vimla ki beti nhi hai,
aakhir balraj ka iss parivar ki barbadi se kya sambandh hai ?
waiting for next update

Awesome shandaar update.

Fentastik bro kya dhamake kiye he samne valo ki bend bajadi bhot hi untrasting hoti jarahi he or sabse jyada mistry to vikram lagta he waiting for next update


Feeling sad..... :(
:superb: update kamdev ji.... Extraordinary writer skill :rose:


Bechari raginee kitni dard hain hain inki kahani mein... :cry2:

Update 4

Abhi sawaal to bahut hai Vikram ki laash ko le kar...Aur usse bhi jyada Vikram ke baare mein...Kisi ko bhi abhi tak uske baare mein acche se kuch pata nahi hai. :hmm2:

Update 6 padh tak padh chuka hun...Story is going good...Baaki baad mein padhunga bhai.

Sabhi updates read kiye.... Kahani full thriller me hai... Lajawab Kahani hai... Kahani ke sabhi drashyo ko bahut bareeke se explain Kiya hai phir bhi doubts hain..... Kyunki kahani me bahut charcters hain...... Starting me bahut thriller the lekin kuch thriller khul gye jaise anuradha mamta ki beti hai , ragini ki maa vimla ka pta chala jo khud uske pati devraj ki behan nikli.... Ragini abhi tak virgin hai... Vikram ne kuch nhi kiye uske sath... Wahi suresh aur Vikram dono bhai hain.... Vikram ka bhi murder he hua ho kya pta..... Koi villan nhi dikha.... aur jo sabse zaruuri baat hai vo ye hai ki Prabal agar shamsher aur nilofar ke beta hai toh uska naam Prabal kyun rakha.... Koi aur naam hona chahiye tha... Ye phir prabal unka beta hai he nhi..... mahima aur uska pati.... Bahut kuch baaton ko chupa rahe hain..... Vikram prabal ke liye etna zyada insecure sa dikha usne wasiyat ka kaafi hissa usse diya, kya pata prabal Vikram ka beta hai...... Poonam jitni sidhi dikhti hai utni lag nhi rahi..... Reshma ka bhi chakkar kuch samajh nhi aaya.... Anupama bhi koi bada bomb fodegi...... 5 bhai hai 2 behan.... Enka chakkar bhi samajh nhi aaya kuch 14 update acche se read krna padega.... Abhay jo wakeel hai vo last ke kuch updates me dikha nhi.... neha kakkar bhi aa gyi... Jo ragini ki friend hai usse kuch baatein toh pata chalengi.....

Kahani ka flashback ab mujhe sabse zaruuri lag raha hai... Flashback se baatein clear hongi... Sabhi characters sahi lage kisi pe shak bhi nhi kiya ja sakta... Vikram ka murder toh hua hai... Romance title hai toh romance dekhne ko kab milega.... Kiske sath kya rishta hai ye mujhe thoda bahut he samajh aa raha hai.. bahut confuse hoon aur shayad aur readers bhi honge..... Ab kahani ke es waqt ek characters intro hona chahiye.... Kyunki character ka kis character ke sath kya rishta hai vo samajh aa jayega.... Ye meri suggestion hai please bhai eske liye kuch sochiye....

wonderfull update bhaiya ji

Bhai sach batau to mujhe ab story bor karne lagi hai,kyoki shuru se abhi tak sirf suspense hi suspense mil raha hai...Aise isme koi buri bat nahi hai lekin uske sath kuchh aur bhi mile to thik rahega...
Drama , action aur romance puri tarh se gayab hai...
Kya hai na bro koi bhi dish roj roj khao to bor kar jati hai , aur sabji kitani. Bhi achhi rahe use chawal ya. Roti ke. Sath khao to hi achha lagta hai...
Aur jo theam apne rakha hai romance ka uski to jhalak hi nahi dikhai de rahi hai..
To suspense ke sath kam se kam thoda romance ya drama hi parosh do ya fir action. To intrest bana rahega...
Aaj ke update ki bat kare to aaj story me fir se 4 naye character introduce ho gaye lekin story tanik na hili,
Update to aapka achcha hi hota hai par overall story boring hote ja rahi hai...

Completely agreed.. bas maine aaj he sabhi updates read kiye esliye mujhe zyada bor nhi laga.. but shuru se kar raha hota toh zaroor bor hota... Example accha diya hai Chutiyadr bhai ne.... Khair bhai aap likhiye.... Suspense ke sath aur cheezo pr bhi dhyan dijiye

thik hai bro dekhte hai , story me thahraw to mere khyal se vikram ke marne ke bad se hi aa gaya tha , wo sahi samy tha masale halke halke dalne ka , kyoki aag sabse jyda tabhi lagi hui thi readers ke dimag me ...
ab dekhte hai aap koun kon se masale dalte ho ....

readers ko to kabhi bhi aag lagayi jaa sakti hai ...
readers ke ander aag lagane ke tareke --

tareeka no. 1 ... ladki ke boyfriend ko ghar ke back side ki building mein 8 floor par ek flat de do .. fir usko ek tissue box, ek digital telescope, ek 5 tb ki portable hd .. and saamne wale ghar ki khidi ke parde khol kar .. us girlfriend ko uske bhai se se chudwao ...

tareeka no. 2 ... ghar ki do jawaan ladkiyon ko unke bhaai se chudwao, if that is not enough teesri beti ko baap se chudwao ...

tareeka no. 3 ... ghar mein saaf safai karne wali kaamdar randi aurto ko beech jungle mein uske bete se chudwao .. aur chodte hue jo maal nikle usko story ke hero ko pilwa do .. if that is not enough kutte ki gaand maarene ki baat socho ...

tareeka no. 4 ... kahani mein ek tharki doctor ho .. jiski assistant ko duniya ke saare cuckold brother aur husbands chode ...

tareeka no. 5 ... ghar ki saari females ko hotel ke business mein prostitution karao .. aur unki booking unke bhai / husbands se karao ...

tareeka no. 6 ... behan ko college ke sabse harami ladke se chudte hue computer par dekho .. phir baad mein khud bhi chodo ...

tareeka no. 7 ... ek ameer khandan ki college going ladki ko undercover agent banao ausko ek nashe ka injection dilwakar gang ke boss se chudwao ...

tareeka no. 8 ... phir wo hi ameer khandan ki college going ladki baad mein apne husband se do baap wali ladki ko chudwao ...

tareeka no. 9 ... ek full fleged randi ka pehle ek duniya ke maha shareef (chutiya) ladke se pyaar karao .. phir usko story ke har possible chutiya se cuckold karao ...

tareeka no. 10 ... ek bahut hi kahatarnak female daaku ko uske baap ki umar ke chele se chudwao jo usko chodte hue maa bole ...

tareeka no. 11 ... if it all fails .. story mein Yarvada wale dr. chutiya ko consultant / therapist / detective / a well renowned personality ko supporting (lead - hero) character compulsory daal do ... voila!!

these are the top to-do ingredient list for a successful story ...

bhai writer abhi khud thode confuse hai .. jab unka confusion dur ho jaayega to wo confused readers ka confusion apne confusion bhare 'practical' updates se confusion ko aur confuse karte hue confused readers ko aur jyaada confuse kar denge taaki .. itna jyaada confusion ko dekh kar confused readers apna confusion ko confusion na rakhne ke liye confused writer se confused confusion wale comments ko karna band kar de ... how's that for your confused mind .. if it's still confused then don't bother to ask for more confused comments .. becoz to answer your confused comment all the confused readers will get more confused .. weather the confusingly reply for a confused comment or review .. so i request my fellow confused readers to do not put more confused comments and irrelevant confused likes .. so the confused writer don't get excited to answer all the confused comments with his witty confused non-thoughful mind .. to make confused readers more confused .. so it's my humble request to all my confused fellow readers to not to disturb the confused mind of our super-confused writer ... comprendo!! PEACE :hmm:

koi bhi aisi galti karne ki naa soche .. "ye jaankari janhit mein jaari" ... bhiya update de do ... waiting

arre kamdev bhiya ye chu**ya word aapke naam mein nahi Dr. saab Chutiyadr ke naam mein aata hai .. to ye kaam aap mat shuru karo .. is site par ek hi aafat bahut hai .. aap sirf apne naam ke aadhar par bina fal ki iccha rakhte hue Kaam:sex: ko failao aur hamare krodh se bachte hue kahani ko likhe hamare lobh ko dhyaan mein rakhte hue aur Moksh ko prapt karne ki chesta kare .. hariOM ... :D

Dr. saab aapko ye kahani na bor kar rahi hai .. balke aapne wo aghori wala jo chandu aur shaitaan ke rakt aur veery se mil kar jo tonic taiyaar hua tha .. us ko pee kar jo aapne tufaan machaya tha na uske baad ab aapke shukranu khatam ho gaye hai .. isi liye abb aapko boriyat mehsus ho rahi hai .. warna aap 'Bhabi maa' ko beech mein adhura na chodte .. ab wo bechari abhagin bhabi tadap rahi hogi .. aur aapko badd dua de rahi hogi .. ki muzhe beech majhdaar mein chod diya .. kameene ... >:(

naina ji aap na Kamdev bhiya mein jyaada hava na bhara karo .. aap itni jyaada pyaari - pyaari si comment kar deti ho .. phir kamdev bhiya jyaada khush ho kar hum readers ko latka dete hai ...

ye nilofer kya ek bhartiya nagrik hai kya .. ya fir ye Pakistan se aayi hai magar apni pehchaan chupane ke liye dusre bacche ko kisi aur ko gaud mein de diya tha ...

aur Judge saab aapne kaha tha 15 january se regular updates milenge .. magar yaha to 15 aa kar bhi chali gayi .. ab to apni daya drishti is kahani par bhi lagao .. prabhu .. hum readers par taras kaho .. wo kehte hai ki upar wale ke yaha der hai ander nahi .. magar abb to ye der us niche khade baal se bhi jyaada chubne lagi hai ...

Bahut kamine readers dekhe lekin tumse bada kamina nahi dekha :bow:
Ab meri story par marte to thik hai dusaro ki story me to chhod do bhai:argh::argh::angrywife::angry:

ख़तरनाक ट्विस्ट

Hahaha lagta h kafi sari kahaniyo ka postmortem kr dala

नेक्स्ट कब तक भाई?

bhai asli khiladi to aap hi hai .. main to sirf aapki prerna shrotrr kahaniyon ka ek adna sa kadrrdaan hu ...

intezaar.... :waiting:

intezaar.... :waiting:

Ye khash page hai randomly aaya thread par dekha ki page no. 69
Wah
:lol:

alle melleko copy kalte ho... ula dugi :hunter:

Tharkiyon ka sardar ... is there anything .. out there .. which is not about :sex: sex .. in your perception .. Dr. Saab ...

bhai Rahul bach ke rehna .. ab aap hit list mein aa gaye ho .. so don't copy ... :wink:


intezaar.... :waiting: ............. :evillaugh:

:nope: sex is best medicine :approve:


mast .....lajwaab................excellent .............................:adore:

CONGRATES ........................dear ....................:party:

Dr sahab ss mein chit chat mat kariye ..

Next time meri reviews pe reply nahi karne ka :D

kamdev bhiya update de do .. sirf like hee karte rahoge ...

oh koi gal ni paaji .. tussi ful enjoy karo .. apni ta purani aadat ha writer nu pareshan karan di .. he he .. burrah!


koi rok lo to mujhe bhi complete karna hai jaldi, lekin abhi tak 31 update hi pad paya hu ...
chalo likho aaram se ham bhi padte hai koi to rok lo

koi ni .. abhi to umar hai Dr. saab ki uchal kud karne ki .. abhi nahi to phir kab .. iske baad to retirement aa jaani hai ... :evillaugh:

hi bhaiaya kise ho


apne mooh khud miya-mitthu ban-na .. koi aap se seekhe kamdev99008 bhiya .. Dr. saab (Chutiyadr) aur mera to chalta rehta hai kabhi main unki taang kheechta hu to kabhe ve meri .. magar aap to begaani shaadi mein abdulla deewana .. ban rahe ho .. he he ...

ab aap mein pehle wali baat na rahi .. Bade bhiya .. ab aap ka Kam- (dev, eena) sirf naam ka reh gaya hai ... :D

... aur waise bhi aapka 15 ka vaayda tha .. aaj 19 ho gayi hai .. chalo update ke liye to main aap par dabaav nahi banaunga .. Xf par to aapke wisdom full comments dekh kar hi mazaa aata hai ...

firefox420 ji ne jawab mange the...... jawab chahiye.... :waiting:

Usne koi jawab nahi manga hai achhe se pado :slap:

Lagta hai bhoute saari stories ki theam ek sath hi bata de

What a cofusemment:lol1::bow:

waiting ... >:(

bhabhi ma ko start kar diya hai kripya thread me padhare
https://xforum.live/threads/bhabhi-maa.8606/

Hum padharenge nahi balki apki ... :kiss:

मित्रो !
अध्याय 15 आपके सामने प्रस्तुत है.....
पढ़कर अपनी प्रतिक्रिया दें....
अनुक्रमणिका को भी अद्यतन कर दिया गया है
 

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
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Awesome update kaamdev bhai,
behad hi shandaar aur lajawab update hai bhai,
ritu apna ghar chhod kar ragini ke paas aa gayi hai,
aur ye parivar ke rishte to aur ulajhate hi ja rahein hain,
ab dekhte hain ki shudha kya batane waali hai,
Waiting for next update
ulajh nahi rahe........sulajh rahe hain............
agle kuchh updates mein sab clear ho jayega ki kitne log pariwar me hain aur unka apas me kya rishta hai
lekin kaun kahan hain.................wo kahani ke sath..........aage chalkar pata chalta jayega

sudha ............ ragini ke ghar (basically vimla aur anuradha ka pariwar) aur college life se judi kahani samne layegi.........

sath bane rahiye
 

aman rathore

Enigma ke pankhe
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ulajh nahi rahe........sulajh rahe hain............
agle kuchh updates mein sab clear ho jayega ki kitne log pariwar me hain aur unka apas me kya rishta hai
lekin kaun kahan hain.................wo kahani ke sath..........aage chalkar pata chalta jayega

sudha ............ ragini ke ghar (basically vimla aur anuradha ka pariwar) aur college life se judi kahani samne layegi.........

sath bane rahiye
Bilkul bhai,
agle update ka besabri se intazar rahega
 

Chutiyadr

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अध्याय 15

“कहाँ जा रही हो?” ऋतु को अपने बैग लेकर बाहर आते देखकर बलराज सिंह ने गुस्से से कहा

“आप चिंता मत करो.... में किसी के साथ भागकर नहीं जा रही हूँ...और न ही कुछ ऐसा करने...जिससे आपकी ही नहीं मेरी भी इज्ज़त पर दाग लगे” ऋतु ने भी उनकी आँखों में आँखें डालकर गुस्से से जवाब दिया “में आप लोगों के साथ नहीं रह सकती... यहाँ मेरा दम घुट रहा है.... में अब से रागिनी दीदी के साथ रहूँगी....”

“ऋतु बेटा सुनो तो...” मोहिनी देवी ने ऋतु को रोकते हुये कहा

“अब फिर कोई नई कहानी है सुनने के लिए?” लेकिन मेरे पास न तो सुनने के लिए वक़्त है और न ही दिमाग...” ऋतु ने फिर गुस्से से कहा

“बेटा हमने जो भी जरूरी था...तुम्हें बता दिया...कुछ बातें समय आने पर बताते... लेकिन न तो रागिनी ने ही हमें मोहलत दी और न ही तुम...वहाँ से आने के बाद तुमने हमसे कुछ भी जानने की कोशिश की? कुछ भी पूंछा? आते ही अपने कमरे में गईं और समान लेकर घर छोडकर चल दी” मोहिनी ने भी गुस्से में कहा

“हाँ! यहाँ आकर फिर आपसे पूंछती और फिर एक नई कहानी सुनती....जब मेंने आपको विक्रम भैया के साथ वहाँ उस घर में जाते देखा था तो उसका अपने बताया कि वहाँ अप उनके साथ उस मकान कि देखरेख के लिए जाती थी... लेकिन ऐसी कौन सी देखरेख है जो आपको उस घर में घंटो विक्रम भैया के साथ रहना पड़ता था....? और जब आप लोग रागिनी दीदी के बारे में सबकुछ जानते थे तो उनके साथ अंजान क्यों बने रहे...जब तक कि वो यहाँ उस मकान में नहीं आ गईं और मेंने उनको वहाँ देखकर सवाल नहीं किया? आप लोगो ने मुझे पहले तो कभी बताया ही नहीं परिवार के बारे में... विमला बुआ के बारे में, रागिनी दीदी के बारे में........... और अभी पिछले 2-3 दिन में जो आपने बताया वो बिलकुल झूठ... जिसे आपके मुंह पर ही रागिनी दीदी ने गलत साबित कर दिया.......... वो बिना किसी याद, बिना पहचान, अंजान शहर में भी सिर्फ 3 दिन में इतना जान गईं... और में इतनी काबिल, एक वकील होते हुये, परिवार के बीच में रहकर भी कभी कुछ जान ही नहीं पायी और जब जानना चाहा तो आपसे सिर्फ झूठ सुनने को मिला.... अब मुझसे कभी मिलने या बात करने कि कोशिश भी मत करना......... मुझे तो आज जो रागिनी दीदी कि हालत है और जो विक्रम भैया के साथ हुआ... उसमें भी आपका ही हाथ लगता है... इसीलिए आप इन बातों को दबाये रखना चाहते हैं.........और एक आखिरी बात...अगर रागिनी दीदी, अनुराधा या प्रबल के साथ कुछ भी बुरा हुआ तो.... उसके जिम्मेदार केवल आप ही होंगे...मेरी नज़र में” कहते हुये ऋतु ने अपने बैग लिए और बाहर खड़ी कैब में जाकर बैठ गयी.... उसके बैठते ही ड्राईवर ने गाड़ी आगे बढ़ा दी

......................................

उन लोगों के जाने के कुछ देर बाद रागिनी ने दोनों बच्चों को अपने से अलग किया और खाना खाने के लिए कहा तो सब अपनी अपनी सोच में डूबे खाना खाने बैठ गए.... खाना खाकर अनुराधा और रागिनी ने रसोई का काम निबटाया और तीनों ड्राविंग रूम में आकार बैठ गए

“माँ तुम्हें ये सब जानकारी कहाँ से मिली और आपको अपने माता-पिता का तो हॉस्पिटल के रेकॉर्ड से पता चला होगा... लेकिन वो भी आपने कैसे पक्का किया? और दूसरे चाचा का?” अनुराधा ने बात शुरू करते हुये कहा

“मुझे अभय ने विक्रम के गाँव का एड्रैस मैसेज किया था... और में गाँव भी गयी थी तो गाँव का नाम और तहसील, जिला सहित पूरा एड्रैस मुझे पता था.... जब हम यहाँ से कोटा गए थे तो रास्ते में मुझे हॉस्पिटल का डाटा व्हाट्सएप्प पर जो मिला उसे चेक करते समय मुझे एक बच्ची के जन्म के रेकॉर्ड में उसी गाँव का पता दिखाई दिया तो मेंने वो जानकारी नोट कर ली बाद में जब हम कल वापस लौटते हुये कोटा गए थे तब सुरेश ने बताया था की बलराज सिंह 5 भाई थे... रात मेंने सुरेश को बोला था की गाँव से इन सभी भाई बहनों के नाम पता करके बताए तो सुरेश के पिताजी ने बताया था के 2 बड़े भाइयों के नाम जय और विजय हैं... और तीसरे भाई गजराज जिन्हें गाँव में गज्जू कहते थे से छोटी 2 बहनें हैं जुड़वां, विमला और कमला उनसे छोटे 2 भाई बल्लू उर्फ बलराज और देवू उर्फ देवराज हैं।

जय की शादी के समय में वो लोग अपनी ननिहाल में रहते थे....और वहीं से की थी, विजय की शादी के समय वो गाँव में रहते थे लेकिन शादी ननिहाल के रिशतेदारों ने ही करवाई थी.... उसके बाद उनके पिताजी बीमार रहने लगे थे तो दोनों बहनों की शादी जयराज ने ही खुद रिश्ता देखकर की और लगभग 1 साल बाद पिता की मृत्यु हो जाने पर अपनी माँ और छोटे-छोटे तीनों भाइयों को अपने साथ लेकर दिल्ली चले गए फिर बहुत सालों के बाद उनकी माँ और भाइयों ने तो बड़े होकर गाँव आना जाना शुरू कर दिया था लेकिन जयराज कभी गाँव नहीं आए और उनकी वहीं मृत्यु हो गयी ऐसी सूचना मिली थी” रागिनी ने बताया

“लगता है आपको लगभग सारी जानकारी मिल गयी है.... और विजयराज के बारे में भी कुछ पता चला? जयराज के भी क्या आप अकेली ही बेटी थीं या कोई और भी? ...............लेकिन अब क्या करना है... जितनी जानकारियां मिलती जा रही हैं उनसे हम तीनों एक दूसरे से अलग दिखते जा रहे हैं.......... पहले हम आपके बच्चे थे, मेरे पास एक माँ और एक भाई थे... और विक्रम भैया को चाहे सौतेला ही समझती थी लेकिन लेकिन वो भी भाई थे..... फिर उनके बाद जो पता चला तो आप मेरी बुआ थीं अब आप मेरी दादी के बड़े भाई की बेटी हैं.... प्रबल के परिवार के बारे में तो पता चला ही नहीं.... और दूसरे देश का मामला होने की वजह से इतना आसान भी नहीं.... अब क्या हम सब ऐसे भी जिएंगे... खुद को न पहचानने का डर और पता नहीं कब कौन आ जाए और हम मे से किसी पर अपना हक जताने लगे.....” अनुराधा अभी बोल ही रही थी की बाहर कोई गाड़ी रुकने की आवाज आयी तो प्रबल उठकर बाहर की ओर चल दिया...रागिनी और अनुराधा भी उसके पीछे दरवाजे तक आए तो देखा की बाहर एक कैब से ऋतु अपना समान निकाल रही है ...प्रबल ने आगे बढ़कर गाड़ी से बैग निकले और ऋतु के साथ घर में आ गया

अनुराधा और रागिनी वापस आकर सोफ़े पर बैठ गए ऋतु ने भी अपने हाथ में पकड़े बैग को सोफ़े से टिकाकार रखा और बैठ गयी....प्रबल भी आकार उसके पास ही बैठ गया। कुछ देर तक सभी चुपचाप बैठे रहे फिर ऋतु ने बताया कि वो अपना घर छोडकर यहाँ उनके पास रहने आ गयी है

“दीदी आज सुबह की बातों से मुझे लगा की मुझसे भी बहुत कुछ छुपाया जा रहा है या झूठी कहानियाँ सुनाई जा रही हैं....लेकिन एक बात साफ हो चुकी है मेरे सामने, कि विक्रम भैया के बाद, उन दोनों लोगों के अलावा अगर इस परिवार में कोई बचा है तो आप हैं.... वो भी आपने पता लगा लिया इसलिए.... वरना तो उन्होने तो अपने आप तक ही परिवार को समेट दिया था ..... अब मुझे उनका विश्वास नहीं रहा.... अब तो में सोचती हूँ कि कहीं आपकी तरह में भी किसी और कि बेटी तो नहीं.... अब मुझे आपके अलावा किसी पर भरोसा नहीं रहा... इसलिए अब में आपके साथ ही रहने आ गयी हूँ......हमेशा के लिए.......अगर आपको कोई ऐतराज न हो तो?” ऋतु ने आखिरी वाक्य को रागिनी कि आँखों में सवालिया नज़रों से देखते हुये कहा

“देखो ऋतु मुझे तुम्हें साथ रखने में कोई ऐतराज नहीं है... बल्कि खुशी ही होगी कि अगर हम परिवार के बचे हुये सब लोग एक साथ रहें.... लेकिन कुछ बातों का तुम्हें भी ध्यान रखना होगा” रागिनी ने जवाब दिया

“किन बातों का? आपकी जो भी शर्तें होंगी... मुझे मंजूर हैं” ऋतु ने भी कहा

“मेरी कोई शर्त नहीं है... सिर्फ इतना कहना है कि अब से हम सब एक परिवार कि तरह साथ रहेंगे.... किसी के बारे में कुछ भी पता चले उससे हमारे आपस के संबंध न तो बदलेंगे और ना ही हम में से कोई एक दूसरे को छोडकर कहीं जाएगा... अगर किसी के बारे में कुछ भी पता नहीं चलता तो भी अभी हम जो रिश्ते मानते आ रहे हैं....वही मानकर नए सिरे से अपने परिवार कि शुरुआत करेंगे... मुझे फिर से कोई उलझन या मुश्किल नहीं चाहिए अपने इस घर में... इसलिए हमें और किसी से कोई मतलब नहीं रखना….. अब से तुम मेरी बहन हो और इन बच्चों की मौसी-बुआ जो भी बनना चाहो.... ये बच्चे जितने मेरे हैं उतने ही तुम्हारे” रागिनी ने साफ शब्दों में कहा जिस पर ना केवल ऋतु बल्कि अनुराधा और प्रबल ने भी सहमति जताई

और फिर सबने मिलकर प्लान किया की आगे किस तरह से किसको क्या करना है... ऋतु ने बताया की वो अभी फिलहाल अभय के साथ ही काम करती रहेगी। अनुराधा और प्रबल को आगे पढ़ने के लिए उसी कॉलेज में एड्मिशन करा दिया जाएगा जिसमें न केवल विक्रम और रागिनी पढे थे बल्कि ऋतु का भी एड्मिशन विक्रम ने उसी कॉलेज में कराया था।

साथ ही ऋतु ने बताया की विक्रम की वसीयत जो अभय के ऑफिस में आगे की कार्यवाही के लिए थी उसकी फोटोकोपी उसने निकाल ली थी.... उस फोटोकोपी में विक्रम की जो वसीयत अभय ने पढ़कर सुनाई थी उसके अलावा भी बहुत से दस्तावेज़ थे ..... जो कि न केवल विक्रम और बलराज सिंह के परिवार के बारे में पूरी जानकारी देते थे बल्कि उन लोगो कि संपत्ति का भी पूरे विस्तार से ब्योरा दिया हुआ था।

ऋतु ने वो कागजात निकाल कर रागिनी को दिये और उन चारों ने उन्हें पढ्ना शुरू किया... उसमें कुछ विवरण देवराज सिंह, रुद्र प्रताप सिंह और भानु प्रताप सिंह की जायदाद के थे और कुछ कागजात में वारिसान प्रमाण पत्र भी लगे हुये थे जिनमें परिवार के सदस्यों का ब्योरा था। उन सभी वारिसान प्रमाण पत्रों को रागिनी ने अलग किया और चारों ने उन्हें पढ़ना शुरू किया

1- रुद्र प्रताप सिंह के परिवार का विवरण उनसे संबंध और जन्म वर्ष के साथ

1- निर्मला देवी -पत्नी -1928

2- जयराज सिंह -पुत्र -1947

3- विजयराज सिंह -पुत्र -1949

4- गजराज सिंह -पुत्र -1954

5- विमला देवी -पुत्री -1960

6- कमला देवी -पुत्री -1960

7- बलराज सिंह -पुत्र -1965

8- देवराज सिंह -पुत्र -1968

2- शम्भूनाथ सिंह के परिवार का विवरण संबंध और जन्म वर्ष सहित

1- जयदेवी -पत्नी 1911

2- निर्मला देवी -पुत्री 1928

3- सुमित्रा देवी -पुत्री 1932

4- माया देवी -पुत्री 1940

इसके अलावा इसमें 2 लोगों के नाम शम्भूनाथ सिंह की समस्त चल अचल संपत्ति के वारिस के तौर पर भी दिये हुये थे

1- जयराज सिंह -1947 व 2- विजयराज सिंह -1949

पुत्रगण श्रीमती निर्मला देवी एवं श्री रूद्र प्रताप सिंह

3- भानु प्रताप सिंह के परिवार का विवरण संबंध और जन्म वर्ष सहित

1- श्यामा देवी -पत्नी -1937

2- कामिनी देवी -पुत्री -1955

3- मोहिनी देवी -पुत्री -1965



ये सारा विवरण पढ़ते ही रागिनी और ऋतु आश्चर्यचकित होकर एक दूसरे की ओर देखने लगे.........दोनों की ही समझ में नहीं आया कि अब क्या कहें। फिर ऋतु ने ही कहा

“दीदी ये तो बहुत अजीब बात है.... विक्रम भैया की माँ और मेरी माँ सगी बहनें हैं और आजतक मेरी माँ ने मुझे ये बताया ही नहीं”

“ऐसा भी तो हो सकता है कि ये विक्रम कि मौसी कोई और ही मोहिनी देवी हो” रागिनी ने कहा

“नहीं मुझे मम्मी के कुछ कागजात मे उनके मटा पिता का नाम देखने को मिला है... और वैसे भी उन्होने बताया भी था कई बार उनके पिता का नाम भानु प्रताप सिंह और माँ का नाम श्यामा देवी ही है.... और उनकी जन्म तिथि भी यही है...” इस पर ऋतु ने बताया

“हो सकता है.... शायद ये सारे कागजात इस वसीयत के साथ थे...इसीलिए इन सब बातों को विक्रम ने अपनी वसीयत मे जाहिर नहीं किया.........अब ये भी साफ हो गया कि ये 5 भाई और 2 बहनें थे.... और उनमें से 2 भाइयों की शादी तुम्हारी माँ और मौसी से हुई थी” रागिनी ने गहरी सांस छोडते हुये कहा “अगर हमने पहले ही ये सारे कागजात पढ़ लिए होते तो हमें इतना परेशान न होना पड़ता”

“दीदी इनके अलावा कुछ और भी है....इस कागज में....” ऋतु ने अपने हाथ में पकड़े हुये एक कागज को दिखते हुये कहा

“क्या है?” कहते हुये रागिनी ने वो कागज अपने हाथ में लिया और पढ़ने लगी... उस कागज में एक कोर्ट का आदेश था... जयराज सिंह और बेलादेवी के तलाक का 1974 का उसे पढ़ते ही रागिनी को और बड़ा झटका लगा....

“ये जयराज सिंह को ही तो मेरा पिता बताया था मोहिनी चाची ने.... लेकिन मेरी माँ का नाम तो उन्होने वसुंधरा बताया था.... तो ये बेला देवी कौन हैं?”

“दीदी इनका तो तलाक ही 1974 में हो गया और आपकी जन्म तिथि 1979 की है.... इसका मतलब जयराज ताऊजी की दो शादियाँ हुईं थी.... आपकी माँ वसुंधरा ताईजी उनकी दूसरी पत्नी थी। लेकिन इन कागजातों में अभी बहुत कुछ नहीं है........ हमारे पिता सब भाई-बहनों कहाँ और किससे शादियाँ हुई, उनके बच्चे ....” ऋतु अभी आगे कुछ कहती उससे पहले ही ड्राइंग रूम के दरवाजे से किसी औरत ने रागिनी को आवाज दी तो प्रबल ने जाकर दरवाजा खोला एक 40-42 साल की रागिनी कि हमउम्र औरत दरवाजे पर खड़ी थी प्रबल के बराबर से अंदर घुसकर वो सीधे रागिनी के पास आयी और उसका हाथ पकड़कर खींचा... रागिनी भी उठकर खड़ी हुई तो उसने रागिनी को अपने सीने से लगाकर रोना शुरू कर दिया.... रागिनी इस अजीब से हालात में चुपचाप खड़ी अनुराधा, ऋतु और प्रबल की ओर देखने लगी

रागिनी ने उसे अपने साथ ही पकड़कर सोफ़े पर बिताया और बोली “मेंने पहचाना नहीं आपको? अप रोईए मत.... बताइये... क्या बात हो गयी”

“तूने मुझे भी नहीं पहचाना... सही बताया था प्रवीण और माँ ने .... तेरी याददास्त सचमुच ही चली गयी है.... तू तो मुझे मेरी खुशबू से पहचान लेती थी” उसने रोते हुये ही कहा

“सुधा! तो तुम हो सुधा” रागिनी को सुबह की बात ध्यान आ गयी “अब रो मत .... देखले तेरे सामने सही सलामत बैठी हूँ.... मुझे कुछ याद नहीं तो क्या हुआ.... तुझे तो सबकुछ याद होगा.... तू बता देना”

“हाँ! में तुझे सबकुछ बताऊँगी....... वो भी जो तुझे पहले भी नहीं पता था.... तब कितनी बार तूने मुझसे पूंछा लेकिन में हमेशा टाल देती थी कि कहीं तू भी इस झमेले मे न फंस जाए.... लेकिन अब में सबकुछ बताऊँगी.... में आज यहाँ तुझसे मिलकर सबकुछ बताने ही आयी हूँ और और में तेरी गुनहगार हूँ... माफी न सही लेकिन दोस्ती को जोड़े रखना” सुधा ने रागिनी से कहा

“दीदी! आज सुधा दीदी को भी अपने साथ रोक लेते हैं.... रात में ये सब बातें होंगी.... अभी कुछ नाश्ता वगैरह कर लेते हैं... फिर रात के खाने कि तयारी करते हैं” ऋतु ने वहाँ फैले सभी कागजात समेटते हुये कहा और अनुराधा को साथ आने का इशारा करते हुये किचन कि ओर चल दी
लेकिन ऐसी कौन सी देखरेख है जो आपको उस घर में घंटो विक्रम भैया के साथ रहना पड़ता था....?
:wink:ab log hame tharki bolte hai to ham kya kar sakte hai story me jab aise clue milenge to adami kuch to sochega hi
पहले हम आपके बच्चे थे, मेरे पास एक माँ और एक भाई थे... और विक्रम भैया को चाहे सौतेला ही समझती थी लेकिन लेकिन वो भी भाई थे..... फिर उनके बाद जो पता चला तो आप मेरी बुआ थीं अब आप मेरी दादी के बड़े भाई की बेटी हैं..
:hmm:

isiliye to log confuse hue ghum rahe hai
अब तो में सोचती हूँ कि कहीं आपकी तरह में भी किसी और कि बेटी तो नहीं.... अब मुझे आपके अलावा किसी पर भरोसा नहीं रहा
sochna bhi chahiye :approve: aur mujhe ab kamdev99008 ji par bahrosha nahi raha hai pata nahi kise kab koun bana de ,
1- रुद्र प्रताप सिंह के परिवार का विवरण उनसे संबंध और जन्म वर्ष के साथ

1- निर्मला देवी -पत्नी -1928

2- जयराज सिंह -पुत्र -1947

3- विजयराज सिंह -पुत्र -1949

4- गजराज सिंह -पुत्र -1954

5- विमला देवी -पुत्री -1960

6- कमला देवी -पुत्री -1960

7- बलराज सिंह -पुत्र -1965

8- देवराज सिंह -पुत्र -1968

2- शम्भूनाथ सिंह के परिवार का विवरण संबंध और जन्म वर्ष सहित

1- जयदेवी -पत्नी 1911

2- निर्मला देवी -पुत्री 1928

3- सुमित्रा देवी -पुत्री 1932

4- माया देवी -पुत्री 1940

इसके अलावा इसमें 2 लोगों के नाम शम्भूनाथ सिंह की समस्त चल अचल संपत्ति के वारिस के तौर पर भी दिये हुये थे

1- जयराज सिंह -1947 व 2- विजयराज सिंह -1949

पुत्रगण श्रीमती निर्मला देवी एवं श्री रूद्र प्रताप सिंह

3- भानु प्रताप सिंह के परिवार का विवरण संबंध और जन्म वर्ष सहित

1- श्यामा देवी -पत्नी -1937

2- कामिनी देवी -पुत्री -1955

3- मोहिनी देवी -पुत्री -1965
kya ye family tree hai :?: mujhe to nahi lag raha hai kyoki nirmala devi is hisab se sambhu aur rudra dono ki beti ho gayi aur aisa kaise ho sakta hai ,aur sabhi ka birth year bhi dala hai itana mehnat kiye ho to thoda asan bana dete taki hame bhi samjh aata :noo:

main pure faimily ka mind map banane ki soch raha tha lekin abhi bhi mujhe clear nhi ho raha hai ki inki family akhir kaisi hai , kon kiska kya hai ..
हाँ! में तुझे सबकुछ बताऊँगी....... वो भी जो तुझे पहले भी नहीं पता था...
chalo kam se kam sab sudha kuch raj kholegi ..
अभी कुछ नाश्ता वगैरह कर लेते हैं.
ab aisa update padhkar kise bhukh nahi lagegaa...mujhe bhi lagna shuru ho gaya :lol1:
aapne abhi tak family tree ki jankari nahi di ab mujhe matlab samjh aa raha hai asal me ye story full family drama hai aur ager abhi sab kuch bata doge to suspense hi khatm ho jayega isliye abhi tak puri family ki jankari nahi di gayi hai ,ab dekhna hai sudha kya naya raaj kholti hai ...
 

firefox420

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isiliye to log confuse hue ghum rahe hai

itna bhi confuse hone ki jarurat nahi hai .. abhi bhi Ragini Anuradha ki bua hee lagegi .. beshak sagi na ho .. par ek hee kutumb se hai ...

Vikram ka ek cousin bhai aur bhi to hai .. kota wala .. Suresh jiski shaadi Vikram ne apni college wali chamak challo Poonam se karayi thi ...

ab log hame tharki bolte hai to ham kya kar sakte hai story me jab aise clue milenge to adami kuch to sochega hi

aur aapko itni safaai dene ki jarurat nahi hai .. hume pata hai ki tum kitne bade shareef ho :rolleyes: .. aur agar story mein kuch clue na bhi ho to tab bhi aap ulta hee sochoge .. aadat se majboor :D

kya ye family tree hai :?: mujhe to nahi lag raha hai kyoki nirmala devi is hisab se sambhu aur rudra dono ki beti ho gayi aur aisa kaise ho sakta hai ,aur sabhi ka birth year bhi dala hai itana mehnat kiye ho to thoda asan bana dete taki hame bhi samjh aata :noo:
main pure faimily ka mind map banane ki soch raha tha lekin abhi bhi mujhe clear nhi ho raha hai ki inki family akhir kaisi hai , kon kiska kya hai ..

Nirmila devi Rudra Pratap ki biwi hai na ki uski beti .. Nirmila devi shambhu Nath ki beti hai .. Shambu Nath Rudra Pratap ke sasur hai ...

ab main baat ye aati hai ... ki Shambu Nath ke koi beta nahi tha .. sirf 3 betiya thi .. to unki sampati unke do jamai (Jairaj aur VijayRaj) ko de di .. Tisri beti ke baare mein abhi clear nahi hai (aur shayad yehi aafat ki jad ho) ...

Ragini aur Vikram aapas mein Tau-Chacha ke bacche hai .. Ragini sabse bade bhai ke beti hai .. aur Vikram 3 no. ke bhai ka beta ...

But Vikram ko uske sabse chote chacha ne gaud le liya tha .. to Vikram apne pariwaar se alag pala-badha hai .. isi liye shayad pehle Vikram Ragini ko pyaar kar betha .. shayad use us time nahi pata hoga ki Ragini uske tau ki beti hai ...

ek baat aur gaur karne wali hai .. Vikram ki maa Kamini devi aur Mohini devi sagi behne hai .. yani ki Mohini Devi Vikram ki chachi bhi hai aur mausi bhi ..

Vikram ke pita apne bhiyon mein 3 no. ke the aur Vikram ki maa apni behno mein 2 no. pe aur unka age difference sirf ek saal ka hai ...

yaha par lakdi ye fas rahi hai .. Anuradha Mamta bhabi ki beti hai .. jo ki Ragini aur Vikram ki bua Vimla devi ki bahu thi .. yaani ki Anuradha Vikram aur Ragini do ki hee bhatiji hui rishte se ...
 
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Black horse

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भाई, देर से देते हो, पर सटीक व्याख्या के साथ देते हो।
पर हमें कहानी के तार जोड़ने में, समय लगता है।
अपडेट जल्दी देने का प्रयास करें।
 
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Rekha rani

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शानदार अपडेट , जितना अगले अपडेट का ििइंतजआर रहता है कि अब रहस्य से कुछ पर्दा उठेगा। अपडेट पढ़ते ही अगले अपडेट की चूल उठती है ये आपकी लेखनी की जादूगरी है।
 
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