अनुभव झलक रहा है......
पर
मौका आज भी कहाँ मिलता है... छोटे शहर में...
सारा बवाल शहर का ही होता है............ गाँव में पहले भी मजे थे, अब भी मजे हैं......... पहले भी मौके थे, अब भी मौके हैं
ना मानो तो फौजी भाई
HalfbludPrince से पूंछ लो.......
मेंने तो 1989 से खाता खोला था अपनी ननिहाल में..... ठेठ जमींदारी गाँव.........
Budhaape me hasrate aur bhi zyada ubaal maarti hain, bhale hi kuch kiya na ja sake
बुढापे का ईश्क पाक ईश्क होता है जनाब..
क्योकि उस उम्र में सिर्फ ईश्क के सिवाय और कुछ नही होता......
हा हा हा ..........
1989 में जिसने पहली बार खाता खोला था वो 2017 में दोबारा डिपॉज़िट लेकर गयी है........... 28 साल बाद भी वही प्यार जो 14 साल की उम्र में था
xossip पर फौजी भाई से डिस्कस करके ही मेंने ये हिमाकत की थी........ 14 साल की शादीशुदा लाइफ में पहली और एकमात्र दूसरी औरत, पत्नी के अलावा ..... जिसकी चुदाई की
और वो भी खुश हो गयी....... अब बीवी तो किसी की भी शादी के 19 साल बाद खुश हो नहीं सकती, जो दिखती हैं वो दिखावा है ............. (घर की मुर्गी
हो जाता है पति)
मेरी कहानी मोक्ष के अपडेट-48 में उनका जिक्र है.......... मामी जी जो मेरे नोएडा वाले फ्लॅट पर मिली थी विक्रम को 'विनीता'