• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

मोक्ष : तृष्णा से तुष्टि तक

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
8,531
34,457
219
Be careful what you wish for; you may receive it

Or may be much better

be careful what you wish for, it might just come true
 
Last edited:
  • Like
Reactions: kingkhankar

Destiny

Will Change With Time
Prime
3,965
10,660
144
संसार में केवल 2 ही प्रकृतिक अवश्यकताएँ समस्त चेतन जीव-जंतुओं को पूरी करनी होती हैं
1- भोग : अपने साकार रूप की रक्षा के लिए, उसको ऊर्जा देने के लिए भोग अर्थात भोजन आवश्यक है.... अन्यथा उसका स्वरूप ही समाप्त हो जाएगा.... जिसे हम मृत्यु कहते हैं
2- संभोग : अपने गुण-कर्म की विशेषताओं-विशिष्टताओं (genetics) को आपके संसार छोड़ देने के बाद भी जीवित रखने के लिए ...... संभोग की प्रक्रिया द्वारा प्रजनन किया जाता है।

जबकि वर्तमान युग उपभोग का युग बनता जा रहा है ...........यहाँ पदार्थ से सेवा तक, भावनाओं से सम्बन्धों तक सबका उपभोग किया जा रहा है...........
उपभोग (consumption) एक नकारात्मक और अप्राकृतिक प्रवृत्ति है.... जो साधनों, संसाधनों ही नहीं सम्पूर्ण प्रकृति का ही भक्षण किए जा रही है

आज हर व्यक्ति उपभोग के मद (नशे) में इतना डूब गया है की उसके पास भोग और संभोग का भी "आनंद" लेने का समय नहीं..........बल्कि

वो अपने समय और सुविधा के अनुसार उनका "प्रयोग" कर लेता है............
वाह कामदेव जी भोग संभोग और उपभोग को इतने कम शब्दों में समझा दिया ग्रेट
 

Destiny

Will Change With Time
Prime
3,965
10,660
144
Kafi gheri baat keh di aapne kamdev99008 bhai. Is baat par ye shayari yaad aa gai.

जिंदगी का लुत्फ़ उठाना अब कहाँ आसान रह गया
और सब तो बच गया, बस चैन और सुकून बह गया
सुख चैन था एक वक्त जिन्दगीमें
फ़िर एक वयार ऐसी चली
सब उझड़ गया
बस टिमटिमाती दीए की लो
संभाले बैठे हैं​
 
Last edited:

Destiny

Will Change With Time
Prime
3,965
10,660
144
Bina sambhog ke moksh nahi.... Isiliye mandiro me yoni-ling ki sambhograt murti ko bhawani-mahadev ke roop me puja jata hai
Moksh sambhog se hi milega
संभोग से तृष्णा मिटे तन की, भोग बढ़ाए तृष्णा संभोग की।
मानव देह मालिन हैं,
मस्तिष्क उसका सूत्र धार।
चेतना जागे जब देह अग्नि में जले
प्राण वायु चिल्लाए मोक्ष देही, मोक्ष देही।

प्रवचन खत्म हुआ पसंद न आए तो अपनी भड़ास कटु या मन लुभावन शब्दों के रूप में निकले
 

Destiny

Will Change With Time
Prime
3,965
10,660
144
टेंशन बाँट दो...पर जब आप ज्ञान वाली बात बताते हो...और मुर्ख लोग उसका मजाक बनाते हैं तो बड़ा गुस्सा आता है :girlmad:
ज्ञान सबके खोपड़े में नहीं समाता। सब का खोपड़ा अलग आकर और प्रवृति का होता हैं इसलिए उन्हें मूर्ख कहना गलत हों।
 

Destiny

Will Change With Time
Prime
3,965
10,660
144
तू तो मुझसे बात ही मत कर..... मैं तुझसे नाराज हूँ ...... तूने दोस्ती तोड़ दी मेरी...दिल तोड़ दिया मेरा.... :verysad: :cry2:
तोड़ी दोस्ती तोड दिल
फिर भी जुड़ा हैं एहसास का तार
बुरा लागे तो धर दो एक

फिर चाहे हो बबल।
 

Destiny

Will Change With Time
Prime
3,965
10,660
144
मुझे मोक्ष चाहिए मोक्ष का द्वार ढूंढ रहा हूं।
मुझे तृष्टी चाहिएं तृष्टी का पथ खोज रहा हूं।
भटक गया हूं पथ से, भटके रहीं बाने फिर रहा हूं।
संभोग में लिप्त हूं,

संभोग से समाधि का पथ खोज रहा हूं।
 
  • Like
Reactions: kamdev99008

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
8,531
34,457
219
CUCKOLD
It goes back to English traditions starting maybe in the 1400s. The term 'cuckold' probably springs from the old English word for cuckoo. The female cuckoo has a habit of laying eggs in other birds' nests. Hence, the male cuckoos, or in our case our cuckold husbands, have their female cuckoo mates, us wives in our case, playing around in some stranger's nest.
 
Top