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Incest मेरी वासना और लॉकडाउन

कहानी को सिर्फ इन्सेक्ट ही रखना है की adultry भी बनाना है?

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normal_boy

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ये कहानी आज कुछ साल पहले शुरू हुई, जी हाँ ये एक कहानी है पूरी तरह काल्पनिक जिसका किसी समुदाय विशेष भाषा जगह से कोई लेना देना नहीं है इस कहानी का एक मात्र उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ मनोरंजन है...

इस कहानी का मुख्य पात्र में हूँ और मेरा नाम अक्की है मेरी हाईट ६.२ है और में एक हट्टा कट्टा जवान हूँ लंड भी मेरी लम्बाई के अनुसार लम्बा है तक़रीबन १० इंच.. मेरी पिता जब हम बच्चे थे तभी चल बसे थे उन्होंने उनकी छोटी से जिंदगी में खुब शोहरत कमाई पर, कहते है ना जब पैसा आता है तो सारे रिश्ते नाते टूट जाते है वही हमारे साथ भी हुआ... पैसा कमाने के चक्कर में पिता जी रिश्ते नाते निभाना भूल गए और हमारे सभी रिश्तेदार हमसे दूर होते चले गए... हम तो किसी को जानते भी नहीं है... बस हमारी माँ ही जानती है पर ना कभी हमारे घर कोई आया ना हम कभी किसि के घर गए... अब जब माँ का जिक्र आ ही गया है तो बता दूँ की मेरी माँ यानि अम्मी जान बहुत मजहबी औरत है पर शरीर ऐसा की किसी भी रंडी को मात दे दे स्लिम फेस, लम्बी गर्दन, बड़े बड़े कड़क बूब्स पतली कमर और बाहर को निकली हुई कड़क गांड... उनकी गांड देख के मुझे तो पक्का यकीं है की अब्बू ने उनकी गांड बहुत मारी होगी वैसे चूत भी कम नहीं मारी तिन साल में चार बच्चे पैदा कर दिए... अरे ज्यादा दिमाग लगाने की जरुरत नहीं है मुझ से बड़ी एक बहन है जिसका नाम निदा है... उसकी भी कई अदा है... वैसे तो हमेशा पुरे शरीर उसका ढका रहता है पर कहते है लड़की के लटके झटके बता देते है की इसकी चूत में कितनी खुजली है वही हाल इसका है... पर बिचारी कुवारी है.. बाहर चुदवाने में डरती है की कंही ब्लू फिल्म बन गयी तो लंड के चक्कर में रोज गांड मरवानी पड जायेगी... इसका फिगर कैसा है ये जानने के लिए आपको ही महनत करनी पड़ेगी आप बस इतना करो की अपनी बड़ी कुंवारी बहन को याद कर लो जो रोज आपके सामने अपनी बड़ी चुचिया और गांड मटकाके घुमती है... और आपके खड़े लंड पे धोका करती है....

उसके बाद नंबर आता है मेरा याने अक्की का जिसका इंट्रो तो मेने ऊपर कर ही दिया है साथ ही मेरी जुड़वाँ बहन आस्मा का.. सही समझे हम जुड़वाँ हुवे थे ये बहुत सही है इसका फिगर बहुत कातिल लगता है मुझे ३० की चूची २८ की कमर और ३२ की गांड एक दम स्लिम और दूध में केशर डाला हो वैसी गोरी... ये मुझसे बहुत फ्रैंक है क्यूंकि हम जुड़वाँ है... मेने बहुत बार अनजान बनके इसकी चुचिया दबाई है पर इसने कभी माइंड नहीं किया... ये कभी भी मेरी गोद में बैठ जाती है और मेरा लंड खड़ा कर देती है पर इसको कभी खड़ा लंड अपनी गांड के निचे महसूस नहीं हुआ, ऐसा में सोचता था पर इतना बड़ा लंड जो पेंट क ऊपर से ही दिखाई देता है वो खड़ा हो और पता ना चले ये तो बेवकूफी ही है...

इसके बाद बारी आती है तीसरी बहन की जो अभी सिर्फ अट्ठारह की हुई है पर जवानी क़यामत बन के आई है इस्पे, ५ फूट के जिस्म पे ३४ क बूब्स अ ३६ की गांड लेके फिरती है चलती फिरती आयशा तकिया है मेरे घर की... जिसको लोग चोदेंगे बाद में पहले लंड दोनों बोबो के बिच में फसाके घिसेंगे और उसके बाद तबियत से गांड मारेंगे...

याने की इस घर का सिर्फ एक मर्द है और वो हूँ में बाकि ४ चुते है जिनपे मुझे अधिकार जमाना है और उनको अपने लंड की दीवानी मस्तानी बनाना है

तो इस तरह से हमारे अब्बू ने हमारी अम्मी को चोदा की तिन साल में चार बच्चे पैदा कर दिए...

अब आपको इस कहानी का प्लाट बता देता हूँ जिससे आप अपने शुझाव देकर मुझे बता सके की कहानी लिखू या नहीं कंही ये कहानी आप को बोर तो नहीं करेगी...



तो इस कहानी का प्लाट ये है की हम शहर के बाहर एक आलीशान घर में रहते है... बहने ज्यादा होने से घर के काम के लिए कोई नौकर नहीं है... घर में स्विमिंग पूल, गार्डन, जिम और पार्किंग है और घर चारो तरफ से ऊँची बौन्द्री वाल से घिरा हुआ है जिससे कोई इसने अन्दर झाँक भी नहीं सकता... कहानी तब शुरू होती है जब में १२थ के बाद पढाई के लिए डेल्ही चला जाता हूँ और वंहा से अपनी माँ बहनों को जासूसी करके अपनी ठरक बढाता जाता हूँ इसके बाद जब वापस आता हूँ तो लॉक डाउन लग जाता है जिसके दौरान में सबको अपना बिस्तर दिखाता हूँ...

तो ये है प्लाट अब आप कमेंट कर के बताये कहानी लिखू या नही... और एक बात और अगर आप मेसे कोई desibees का रीडर या लेखक हो तो संपर्क करे मुझे अपनी एक पुराणी कहानी का pdf चाहिए

शुक्रिया कमेंट्स के इन्तेजार में
 

Shahid kh

Rashida yasmin ansari Dil ki harsrat jo puri nah
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Bahot hi achhi Kahani hai bhai par Roman Hindi me likho taki sb padhe
 
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normal_boy

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तो कहानी तब शुरू होती है जब मेने अपना 12th कर लिया था और मेरी माँ मुझे डेल्ही भेज के आगे पढने का बोल रही थी.. पर में जाना नहीं चाहता था... आखिर कोन अपने घर की मटकती गांड.... और हिलते हुवे चुचे छोड़ के बाहर रहना चाहेगा... भले ही मेरी माँ मजहबी थी और सभी बहने घर के बाहर बिना बुर्के के कभी नही निकलती थी पर घर में तो काफी कुछ देखने को मिल जाता था... वो सब छोड़ के में कैसे जाता... क्यूंकि में ये साफ़ तौर पे जानता था की ये सब,

बस में देख ही सकता हूँ कभी इन्हें छु नहीं सकता इन्हें नंगी कर के मसल नही सकता कभी इन्हें घोड़ी बना के इनकी गांड में अपना लंड नहीं फसा सकता...


और क्या पता मेरे वापस आने तक किसी की शादी हो गयी तो मेरे हाथ से तो मेरा माल निकल जाएगा हांलाकि सबकी शादी होना तो मुश्किल थी पर सबसे बड़ी वाली बाजी निदा की तो हो ही सकती थी और वही तो सबसे ज्यादा लटके झटके मुझे दिखाती थी... भले सलवार सूट में अपना पूरा जिस्म छुपा ले पर यही तो सलवार सूट की खासियत होती है उसमे आप जितना छुपाओ उतना उभर के सबके सामने आता है... झुको तो पीछे से गांड दिल का शेप बना लेती है और आगे से चुचिया ऐसी गहरी दरार बना लेती है की देखने वाला उसी वक़्त अपना लंड निकाल के उस दरार में फसा के बूब्स को चोदने लगे... साइड से देखो तो समझ नहीं आता गांड देखे की पहाड़ की तरह उठी हुई चुचिया देखे या फिर सूट के साइड वाले कट से दिख रही कोमल भरी हुई जांघे देखे जिसे वो अपने पेट के निचे दबाके घपा घप घपा घप चूत का चबूतरा बनाने का सपना देखता है

दूसरी थी आस्मा जो जींस और टी शर्ट ही ज्यादा कर के पहनती थी पर इसकी एक आदत थी ये ब्रा नहीं पहनती थी वैसे भी इसे जरुरत ही क्या थी 30 के बूब्स ही थे जो ढीली टी शर्ट में दिखाई भी नहीं देते थे हाँ पर कभी अगर टाइट टी शर्ट पहनले तो क़यामत... बूब्स के शेप के साथ साथ अंगूर के दाने जैसे निप्पल भी साफ़ साफ़ उभर के दिखाई देते थे.....

साथ ही, मेरे साथ फ्रैंक थी तो गाहे बगाहे कभी हाथ साफ़ करने का मोका मिल जाता था... कभी गोद में बैठ के अपनी चूत से लंड रगड़ दिया करती थी... अब जिसकी चूत कभी मिलना ही नहीं है उससे इतना भी मिल जाए यही बहुत है... पर साथ ही साथ ये मुझे ऐसे समझती थी की कभी कभी मुझे डर लगता था की कंही ये मेरा माइंड तो रीड नहीं कर सकती है... माने जब मुझे प्यास लगी हो तो अपने आप पानी लेके मेरे कमरे में आ जाती... जब मुझे मुठ मारने का मन कर रहा हो तो अपना मोबाइल मेरे रूम में छोड़ के चली जाती जिसमे मेरे घर की सभी औरतो के फोटो रहते...
या कभी में परेशान रहू तो बस बिना कुछ बोले बिना कुछ पूछे मुझे गले लगा लेती थी और मेरे सर पे हाथ फेरते हुवे कहती थी की सब ठीक हो जाएगा में परेशान ना रहू... सच कहू तो सबसे ज्यादा में इसी को मिस करने वाला था...



फिर तीसरी आयशा तकिया जैसे बूब्स और गांड वाली... इसका नाम भी आयशा है और इसका रहन सहन हमेशा मेरे लंड को खड़ा रखता है...

ये भी टी शर्ट पहनती है पर हमेशा टाइट या यूँ कहो की ये कुछ भी पहन ले इसके बूब्स का साइज़ उस टी शर्ट को टाइट कर ही देता है... साथ इसका टी शर्ट इतना छोटा होता है की इसका नेवेल {नाभि} हमेशा दिखाई देती है... निचे तो बस समझ लो कुछ पहनती ही नहीं है... ऐसा नही है की नंगी रहती है... पर स्कर्ट हमेशा घुटनों के ऊपर रहता है और कभी कभी तो इतना छोटा होता है की जब बैठती है तो इसकी चड्डी के दर्शन भी हो जाते है.....
हाँ पर चड्डी हमेशा पहनती है... जिसकी वजह से कभी इसकी चूत के दर्शन नहीं हुवे और चड्डी भी पूरी पहनती है जिसमे इसकी गांड पूरी तरह से ढक जाए... वैसे भी अगर इतनी बड़ी चड्डी नहीं पहनेगी तो गांड थिरक थिरक के पुरे मोहल्ले में कोहराम मचा देगी...

और फिर उसके बाद मेरी मस्त रंडी जैसी दिखने वाली माँ जिसको कभी भी प्यार दिखाने के बहाने मैं बाहों में ले सकता था पीछे से हग कर के उसके बड़े से चुतड में अपना लंड रगड़ सकता था...
रात को उसके साथ सोने के बहाने उसका पेटीकोट ऊपर कर के उसकी चड्डी की साइड से बाहर निकलती झांटो को देख लेता था

कुल मिला के यंहा का ऐसा पारिवारिक रंडी खाने जैसा माहोल छोड़ के जाने का मन नहीं था मेरा...

कमेंट कर के आप ही बता दो क्या मेरी जगह आप होते तो आप जाते क्या...
 

normal_boy

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ठीक से रीड कर पा रहे हो रीडर्स.. कंही कोइ प्रॉब्लम तो नही है पोस्ट में.. प्लीज रिप्लाई
 
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