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Incest मेरी माँ की गोदभराई

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किसे ज्यादा प्यार मिलना चाहिए ?

  • रश्मि (बीवी)

    Votes: 5 17.9%
  • पारुल (मां)

    Votes: 19 67.9%
  • लता (सासुमा)

    Votes: 4 14.3%

  • Total voters
    28

Lust Notebook

Love + Lust = 🔥
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Uodate 01

दोस्तो मेरा नाम राहुल है और में एक छोटे से शहर में अपनी प्यारी पत्नी रश्मि के साथ रहता हु.. रश्मि के आने से कूच ऐसा हुआ की जैसे समय का पता ही नही चला.. जब आप की खूबसूरत पत्नी साम आप का घर पे बेसबरी से इंतजार करते हुए आप को दो चार बार फोन करे और जब आप जब घर का दरवाजा खुले उसका मुस्कराता हुआ चहरा आप के सामने हो.. एक आदमी और क्या ही चाइए.. हा वैसे एक आदमी को और दो अति महत्वपूर्ण वस्तु चाइए होती है एक तो घर का स्वादिष्ट भोजन और पत्नी के साथ रात को संभोग और में खुद को बड़ा खुस किस्मत महसूस करना हु क्योंकि रस्मी के हाथो में तो जादू ही है ऐसा खाना बनाती है की पेट भरता है लेकिन दिल नही... हालाकि मेने उस से कहा हुआ है की रोज रोज खुद खाना न बनाया करे क्यों की वो भी एक स्कूल में इंग्लिश पढ़ाने जाती हे... और हा में बता दू उसके सिर्फ हाथ में ही जादू है ऐसा नही है उसके पास और दो इसे अंग है जिनका के गुलाम बन चुका हूं.. और मुझे इस बात का कोई पछतावा नहीं हा हा...


rashmika-1.jpg



रश्मि के दो सुडोल स्तन और उसकी कसी गुलाब के फूल जेसी योनि.. समझ ही नही आता कहा से सुरु किया जाय.. रसभरे स्तन को सहलाते हुए फिर मे उसकी योनि का रसपान करना ही ज्यादा सही समझता हु.. उसकी सिसकारियो की मधुर आवाज मुझे और अधिक उत्तेजित करने के आग में घी का काम किया करती है....



जब पहली रात को उसकी योनि की दीवार पे मेरा लिंग फंफाना रहा था उसकी आखों में मुझे साफ साफ एक डर दिखा था.. मुझे आज भी याद है कितनी मुस्किल मेने उसे मनाया था और आज का दिन ही हे बिना कुछ बोले ही कमरे पहले ही नंगी होकर मेरा बेसबरी से इंतजार करती हैं.. जैसे कोई छोटी बच्ची अपने पापा का इंतजार करती है की कब वो आई और उसे गोदी में उठा ले...


लेकिन अब मेरी प्यारी 5 फूट 3 इंच की रश्मि बड़ी सेतान हो गई है और मस्तीखोर मुझे पूरी तरह से थका देती हे...


हम काफी खुस थे समय अपनी तेजी से बढ़ रहा था.. और देखते ही देखते 5 साल हो गई.. रश्मि के जिस्म में इन पांच सालो में काफी बदलाव आई वो अब वो एक दुपली लड़की नही रही थी उसके जिस्म पे जैसे सावन दिल भर के बरसा था.. उसके स्तन भरावदार और कमर पे हल्की हल्की चर्बी आने लगी थी और उसका पूरा जिस्म और अधिक मात्रा में कामुक हो चुका था...


हम अब प्रोटेक्शन का इस्तमाल नही किया करते थे.. और एक बच्चे के लिए तरस रहे थे.. पिछले तीन साल से हम कड़ी मेहनत से एक बच्चे के लिए कोसिस में लगे थे लेकिन कोई फायदा नही हुआ.. अब डॉक्टर ने भी बोल दिया की रश्मि कभी मां नही सकती...IVf तक से बात नही बनी... रश्मि से दुख दरदास्त नही हुआ.. वो सहमी सहमी रहने लगी.. मेने उसे कहा की बच्चा गोद ले लेटे हे लेकिन वो नहीं मानी.. अब उस ने ज़िद ही पकड़ ली थी... अब वो और तरीको के बारे में जानकारी लेने लगी.. और सरोगसी से बच्चा करने लिए मुझे मनाने लगी मेने पहले माना किया फिर उसके आगे हार मान ली...


हम डॉक्टर के पास गई...


डॉक्टर – जी आप दोनो की रिपोर्ट आ गई है.. देखिए राहुल जी आप की वाइफ के एग (अंडा) से बच्चा नहीं हो सकता इस लिए हमे ट्रेडिशनल मेथड का इस्तमाल ही करना पड़ेगा.. जिस में हम आप का स्पर्म इंजेक्शन से आप की सरोगेट मदर की (वजाइना) योनि में प्रवेश करेंगे..


रश्मि – ठीक है डॉक्टर जैसा आप को सही लगे..


डॉक्टर – जी तो फिर आप सरोगेट कोख लीजिए उसके बाद हम आगे बड़ते हे...


में – डॉक्टर मेम आप ही बताइए ना हम कहा से...


रश्मि – जी आप क्या बोल रहे हो.. (रश्मि ने मेरी और हल्के गुस्से में देख कहा)


डॉक्टर – देखिए सरोगेट कोई रिश्तेदार होता है तो अच्छा रहेगा आप के लिए.. और कानूनन भी उसकी ही अनुमति है...


रश्मि – जी डॉक्टर...


में गहरी नींद में चला गया और बाहर निकल के ही रस्मी की और देख बड़ी ही मुश्किल से पूछा.. "अब क्या करे.. देखो मुझे वे सब सही नही लग रहा" मेने झिजकते हुए कहा.. मुझे पता था रश्मि के दिमाग में कोई तो है जिस वजह से वो अंदर डॉक्टर से बड़ी ही आसानी से कह दी थी "ठीक है"..नही तो में तो हल्का बक्का रह गई था सुन के जब डॉक्टर ने रिश्तेदार की बात की...


रस्मी मुस्करा के बोली "आप उसकी चिंता मत कीजिए जी.. में संभाल लूंगी.."


हम चलते हुए कार तक आ गई.. मेने गाड़ी चालू की और अपने दिल की उत्सुकता को छिपाते हुए फिर से पूछा

"देखो रश्मि अब बोल भी दो.. और में क्या कहता हु कोई अनजान लड़की होगी तो अच्छा रहेगा ना.. इसे अपनी पहचान में केसे"


रश्मि ने हस्ते हुए कहा "आप तो इसे बोल रहे हो जैसे आप को दीदी के साथ सोना पड़ेगा हा हा" रश्मि के मुंह से दीदी दिन के में एक दम से सहम सा गया.. "क्या" मेने कहा... में मन ही मन उत्तेजित हो उठा की मेरी प्यारी रश्मि की बड़ी बहन यानी कुसुम दीदी मेरे बच्चे को अपनी कोख में.. हा क्या करू मर्द हु ये तो लाजमी था.. फिर भी में अपनी खुशी जाहिर नही की और कहा "तुम ने बात की इस बारे में.. मुझे लगता है की कोई अनजान लड़की ही ठीक रहेगी"


"आप चुप रहिए.. कोई ऐरी गेरी लड़की हमारे बच्चे को 9 महीने अपने पेट में पालेगी.. कुसुम दीदी को हम जानते है..और ये भी तो सोचिए हम दोनो बहने है तो हमारा DNA भी आयेगा बच्चे में..." मेरा लिंग एकदम से तन उठा ये सुन के....


कुछ दिन बीत गई एक रात रश्मि मेरी बाहों में लेट गई और रोते हुए बोली "दीदी बोल रही है की वो तो तैयार है लेकिन जीजू नही मामंगे ये के सब लिए"


मेने रश्मि को कस के सीने से चिपका दिया और उसे सहलाते हुए कहा.... "ठीक है ना तुम रोना बंद करो.. में इस लिए ही कहा रहा था की कोई अजनबी हो तो अच्छा है"

"नही हमे क्या पता वो किसी औरत है.."

"तुम भी ना बच्चा तो हमारा ही होगा ना"

"अरे तो उसका भी खून होगा ना... में कुछ नही जानती आप बस मेरा साथ दो मेंने सोच लिया हे वो कोन होगी"

"कोन है वो"

"मां" रश्मि ने धीमे से कहा....

मेने जोर से कहा "क्या बोल रही हो तुम"

"देखिए आप को भी पता है सब से बेहतर यही रहेगा मेरी मां से बेहतर कोई औरत नही है जो हमे ये खुशी दे पाई" रश्मि ने मेरी आंखों में आंखें डालकर कहा....

"यार वो मेरी मां जेसी है उनके साथ बच्चा केसे.. तुम पागल हो गई हो" मेने उसकी और गुस्से देख कहा... लेकिन में कही न कही अपनी सासू मां को अपने दिमाग में मेरे बच्चे को अपनी कोख में लिए खड़ी हुए सोच के ही उत्तेजित हो रहा था वही बड़ा ही अजीब भी लगा की मेरी खुद की सास के साथ बच्चा

"राहुल तुम ही गलत सोच रहे हो तुम्हे मेने ये नही कहा की उनके साथ कुछ करो.. तुम्हे सिर्फ अपना स्पर्म देना ही बाकी काम अपने आप हो जायेगा.. और इतना मत सोचो कही कपल यही तरीके से बच्चा किए है बाहर"

"रश्मि मेरा वो मतलब नहीं था लेकिन तुम भी सोचो ना ये मेरे लिए कितना अजीब होगा.. वो मेरी भी मां है"

"इस लिए तो वो तैयार होगी की हो भी तुम्हे अपना नेट मानती है और एक मां अपने बेटे के लिए कुछ भी करने को तैयार होती है और यहां तो उनकी बेटी और दामाद को वो खुशी दे रही है जिस के लिए हम कब से तड़प रहे है"

"देखो में अपनी खुशी के लिए उन्हे ऐसी स्थिति में नहीं डाल सकता"

"ठीक है में कल मां को बुला लेती हू हम बैठ के ही बात करते है देख लेना वो खुशी खुशी हमारी मदद करने को तैयार होगी.." में रस्मी की बात से हैरान हो गया लेकिन मेंने आगे और बहस करना सही नहीं समझा...

एक दो दिन बाद सासू मां (लता) हमारे घर आई और जब में स्टेशन पर पहुंचा मेरी दिल की धड़कन तेज हो रही थी.. में ने देखा की सासू मां के साथ मेरी मां (पारुल) भी थी.. में सासु मां से नजरे तक नही मिला पा रहा था.. अब में उन्हे एक औरत के रूप में देख रहा था.. मेने पहली बार उनका जिस्म को ठीक से निहारा और मेरा लिंग तन गया ये सोच के की वो हा बोली तो मेरा गर्म वीर्य उनकी योनि में जायेगा और वो मेरे बच्चे की मां बनेगी...

में – मां आप ने बताया नही आप आ रहे हो...

मां – वो बेटा कब से याद आ रही थी तेरी तो आ गई और पता चला लता जी भी मिल गई...

सासुमा – बेटा यही बाते करोगे या घर भी ले जाओगे..

मां पारुल
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सासुमा लता
images
 
Last edited:

rajeev13

Active Member
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बहुत खूब शुरुवात की है आपने, वैसे कुछ जगहों पर शब्दों में कुछ त्रुटियां है लेकिन उन्हें नजरंदाज किया जा सकता है, वैसे आपकी लेखन शैली अच्छी लगी मुझे, क्या इससे पहले भी आपने कोई कहानी लिखी थी ?
 

Lust Notebook

Love + Lust = 🔥
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बहुत खूब शुरुवात की है आपने, वैसे कुछ जगहों पर शब्दों में कुछ त्रुटियां है लेकिन उन्हें नजरंदाज किया जा सकता है, वैसे आपकी लेखन शैली अच्छी लगी मुझे, क्या इससे पहले भी आपने कोई कहानी लिखी थी ?

Achhi suruat

Lovely update ❤️ waiting for next amazing update

Nice update


Thanks you dosto..
 
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