• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest मां और मैं

Sangya

Member
360
1,329
124
मौसी ने अपने चुदाई के लिए बेकरार बेटे से कैसे अपनी तड़पती हुई चूत को मरवाया?
वैसे चूत मारना भी एक अजीब सी क्रिया है इस मजे के काम में चूत तो फुलकर भर जाती है लंड ही बेचारा प्रोटीन से भरपूर काम रस चूत के थैली में भरकर मुरझा जाता है पर हम कहते हैं चूत मार ली!!
जबकि सही शब्द होना चाहिए चूत में लंड को मार दिया पर शायद चूत मारना शब्द लंड की ताकत से झटके को चूत के ऊपर मारने का छोटा रूप है

खैर !! सानु की 🥰
जो भी हो हम मुद्दे पर आते हैं जिस समय से मौसी ने मेरे मुंह से अपने बेटे की मां को चोदने की इच्छा जानी थी तब से मौसी की चूत में सुरसरियां छूट रही थी कि कब मौसी अपने बेटे के साथ लंड चुदाई चूत मराई का जश्न मना सके और जैसे "दिल से दिल को राह होती है" !! वैसे ही शायद"चूत से लंड को राह होती है"!!
जैसे ही मौसी की चूत ने संजय के लंड के वियोग में पनियाना शुरू किया वैसे ही संजय के लंड ने खड़े होकर अपनी मां की चूत में घुसने की इच्छा जाहिर करते हुए संजय को मौका दे दिया कि वह तुरंत फुरंत अपनी मां के सामने पेश हो गया
अब प्यासी चूत और फड़कता हुआ लंड आमने सामने हो तो मैं क्यों निरोध बनकर बीच में खड़ा रहूं बल्कि मेरा तो फर्ज बनता था कि मैं मां बेटे के लंड चूत मिलन में तेल की चिकनाई बनकर उनकी पहली चुदाई को और ज्यादा मदमस्त कर दूं, और ज्यादा यादगार बना दूं । तो इसलिए ही मैं बहाना बनाकर घर से बाहर आ गया ताकि उनको अकेले में एक दूसरे को पटाने का खेल खेलने का पूरा मौका मिल जाए।

मैंने अपने घर में से 24 घंटे के लिए बाहर रहने का बहाना बनाकर निकलने से पहले मौसी और संजय को अलग अलग से समझा दिया कि कैसे इस मौके का पूरा फायदा उठाना है
मौसी को बोला कि संजय अब तुम्हारे हवाले है अपने बेटे से जितना चाहो जैसे चाहो चुदवा लेना और संजय को बोल दिया कि अगर बेटा मां की हर तरह से सेवा करे तो उससे अच्छा काम और कुछ नहीं हो सकता।

इस तरह से दोनों को समझा कर और तैयार करके मैं शाम को घर से बाहर आ गया और उनको बता दिया कि अब मैं अगले दिन शाम को ही वापस आ पाऊंगा
अब आगे की कहानी कुछ मौसी के मुंह से और कुछ उनके बेटे संजय के मुंह से::

मौसी:
आकाश के बाहर जाते हैं संजय ने मुझसे बोला मां मुझे समझ नहीं आया कि मेरे आते ही भाई को ऐसा क्या काम याद आ गया जिसे वह पहले टाल रहा था
मैंने कहा: बेटा, आकाश तो मेरे आने से घर में रुक गया था नहीं तो ऑफिस का काम और उसके दोस्त की तबीयत दोनों को उस अटेंड करना जरूरी बता रहा था!
पर मुझे अकेली देखकर वह रुक गया। अच्छा !! तुझे पता है की संजय ने पिछले हफ्ते भी छुट्टी ली हुई थी
संजय बोला: मुझे पता है, पहले एक बार बात हुई थी कि आकाश मौसी और मौसा तीनों गोवा घूमने जाएंगे
मौसी ने हंसते हुए कहा: वह तो ठीक है, प्लान तो ऐसा ही था पर बाद में तेरे मौसा जी की छुट्टी ना मिलने के कारण पहले तेरी मौसी और आकाश अकेले ही गोवा घूम आए और अब उन दोनों मां-बेटे के वापस आने के बाद तेरे मौसा और मौसी गोवा चले गए हैं
संजय ने मौका देखते हुए बोला: अब तो ठीक है कि मौसा मौसी जाकर बुढ़ापे में भी हनीमून मना लेंगे पर पहले आकाश और मौसी ने गोवा में क्या घुमा होगा ??
मौसी बोली: अब यह तो मुझे पता नहीं पर आकाश गोवा घूम कर आने से खुश तो लग रहा था, मुंह से कुछ नहीं बोल रहा था पर उसके अंदाज से लग रहा था कि गोवा में उसने अच्छा मस्त समय बिताया है। पर मेरे से नसीब कहां, मैं तो घर गृहस्थी के चक्कर में ही बुढ़ाती जा रही हूं
संजय: मां कहां से बुढ़िया बन रही हो, मेरी मां तुम तो कड़क जवान हो
फिर मौसी आगे बोली : तू एकदम कैसे आ गया
संजय ने मां को आलिंगन करते हुए कहा: कि मां तेरी याद आ रही थी इसलिए मैं पापा और संजना से बहाना बनाकर आ गया हूं! मौसी : तो संजना को भी ले आता
संजय बोला : मैं अपने दोस्त के साथ उसकी कार में आया हूं! संजना को कैसे लाता ?
मौसी बोली: चलो अच्छा हुआ, अकेला आया है !! हम मां बेटे को बहुत समय से अकेले समय बिताने का मौका नहीं मिला है, और यहां में आते ही तेरी मौसी के ना होने से उदास हो गई थी, आकाश मुझे उदास देखकर छुट्टी लेकर तो बैठ गया था पर मैं उससे कैसे मन की बातें करती, बहन यहां होती तो जी भरकर मन हल्का कर लेती, इसलिए मेरा मन फिर भी उदास था, अब तू आ गया है और हम दोनों घर में अकेले हैं आराम से गप्पे मारेंगे मन की बातें करेंगे
संजय ने मन में सोचा कि गप्पों के अलावा भी बहुत कुछ मारने की मेरी इच्छा है पता नहीं मां मेरी यह इच्छा पूरी होने देगी या नहीं
मैंने भी संजय को चुप देखकर अपने मन में सोचा कि गप्पें मारने का मतलब समझ रहा है मेरा बेटा, तेरी मां तुझ से बहुत कुछ और करवाना चाहती है
मां बेटे के मन में भड़की हुई चुदाई आग को दोनों अपनी अपनी सीमा में टटोलने का प्रयास कर रहे थे
मौसी बोली, बेटा, अभी नाश्ता किया है कुछ देर आराम कर लेते हैं फिर रात का खाना बनाएंगे कहकर मौसी सोफे पर अधलेटी हो गई
संजय ने पूछा मां तू थक गई है तो तेरे पैर दबा देता हूं
मौसी बोली अभी मैंने मन में सोचा कि अभी से शुरुआत करते हैं, पहले थोड़ा इसके लोड़े को तपने देती हूं, तो मैंने दोहरे अर्थ वाली बात शुरू कर दी
मैंने कहा : बेटा अभी सब तेरे से दबवा लूंगी पहले मुझे थक तो दे
संजय हंस पड़ा और बोला मेरे होते मां को कैसे थकने दूंगा, आप सिर्फ मेरे साथ आराम करो
मैंने बोला तेरे पापा के साथ लेटकर आराम करती हूं तो तेरे पापा मुझे बहुत ज्यादा थका देते हैं और तू तो जवान लड़का है!! संजय बोला :मैं जवान हूं पर मां का पूरा ख्याल रखता हूं मां तुम बेफिक्र रहो मैं तुम्हें थकाउंगा नहीं
मैं बोली : बेटा औरत के मन को खुशी तभी होती है जब उसका पति या बेटा उसे अच्छे से थका दे, पति और बेटे की सेवा करने में मां थकना ही चाहती है मैं भी अभी तक मन से जवान औरत हूं, मेरे मन की खुशी के सामने तेरे पापा की कुश्ती वाली थकान कुछ भी नहीं होती थी , पर कुछ समय से तेरे पापा मुझे उतना नहीं थका पाते हैं और मेरे मांसपेशियों को थकान से होने वाली कसरत और आराम नहीं मिलता है
यह सुनते-सुनते संजय कुछ ठरकी होकर मेरे सिर के बालों में हाथ फेरने लगा तब मैं थोड़ा ऊपर हुई और मैंने अपना सिर और कंधा संजय की जांघों पर रख दिया
संजय सोफे पर पैर लटका कर बैठा था और मैं सोफे पर संजय की जांघों के ऊपर सिर रखकर घुटने मोड़ कर लेट गई थी
मैंने संजय ने जब मेरे सिर पर हाथ फेरना शुरू किया तो मैंने अपना मुंह घुमा कर अपने होंठ संजय की जांघों की तरफ मोड़ लिए और मेरी गर्म सांसे संजय के पैंट के ऊपर से उसके लिंग को गर्म करने लगी संजय अभी टी शर्ट और पैंट में था और मैंने सिर्फ मैक्सी पहनी हुई थी लेटने से मेरे बिना ब्रा के स्तन ढीले से होकर मेरी बगलों की तरफ फैले हुए थे और संजय अपनी भूखी आंखों से उन्हें देख रहा था
संजय को हिम्मत देने के लिए मैं फिर से सीधी हुई और इस दौरान मैंने अपनी मैक्सी के उपर के दो बटन खोल दिए ताकि संजय मेरे उरोजों के ऊपर के हिस्से को अच्छे से देख सके
अपनी जांघों पर मेरे गालों और सिर की रगड़ से संजय को अच्छा लगने लगा था संजय नहीं बहुत हिम्मत करके अपना एक हाथ मेरी कमर की तरफ लाया लगाया और बोला ना कहीं नीचे ना गिर जाओ थोड़ा और ऊपर हो जाओ तो मैंने अपने हाथ ऊपर करते हुए संजय की कमर पर लपेटे और थोड़ा और उचक कर अपने कंधे संजय की जांघों पर रख दिए और घुटने मोड़ लिए

फिर मैंने संजय से कहा आकाश और उसकी मां गोवा में घूम कर बहुत मजे लेकर आए हैं उन दोनों मां-बेटे की जोड़ी बहुत अच्छे से जमती है पर हम दोनों को एक दूसरे से मन की बात करने का समय ही नहीं मिलता जिससे मुझे बहुत अकेलापन लगता है
संजय जी मेरी बात को समझा और बोला हां सच में मैं भी महसूस करता हूं कि हम दोनों आपस में दिल की बात नहीं करते हैं

इस बात पर मैंने संजय को के पेट पर अपने होंठों को रगड़ते हुए उसको अपना स्पर्श सुख दिया और कहां कि बेटा आज इस बात को महसूस किया है तो अभी से हम दोनों अपने मन की बात की शुरुआत कर सकते हैं , हमें बहुतअच्छा मौका मिला है,

संजय मेरे गालों के ऊपर हाथ फेरने लगा और बोला हां मैं मां हमें एक दूसरे का ख्याल रखना ही चाहिए !!

अच्छा यह बताओ अब आप के हम दोनों बच्चे बड़े हो गए हैं तो आप पापा के साथ घूमने क्यों नहीं जाती हो, पहले तो कहीं ना कहीं घूम ही जाती थी?

मैंने कहा :बेटा, तुम दोनों तो बड़े हो गए हो पर साथ ही साथ तुम्हारे पापा बूढ़े हो गए हैं तो उनका ना तो मन ही करता है और ना ही ताकत है

मां, तुम्हारा तो मन करता है ना ?

मैने गहरी सांस भरकर कहां बेटे के सामने अपनी चूत की प्यास को थोड़ा सा और खोला फिर कहा, मेरा मन तो बहुत करता है पर अब क्या करूं घूमने के लिए कोई साथ भी तो चाहिए और तुझे अपनी बहन से लड़ने से ही फुर्सत नहीं है मां का ख्याल कब रखेगा
संजय बोला ऐसा नहीं है ना मेरा मन भी बहुत करता है कि तुम्हारे साथ कुछ समय बिता हूं और तुम्हें खुश रखूं पर एक तो पढ़ाई का जवाब ऊपर से आप भी तो घर से नहीं निकलती हो जब आपका मन करे बोल दिया करें मैं पापा के स्कूटर पर आपको घुमा लाऊंगा
मैंने कहा आसपास क्या घूमना? जाना है तो जैसे आकाश फिर मौसी को गोवा ले गया था वैसे ही मुझे दूर घुमा ला !!।
संजय बोला: मां हम यहां अकेले हैं, इसे भी तो दूर ही समझो बाहर कहीं जाएंगे तो शहर घूमेंगे और आराम से सो जाएंगे यहां भी हम आराम से बाहर घूम सकते हैं और अकेले रहकर आराम से सोने, आराम से बैठ कर गप्पें मारने में कोई रुकावट नहीं है

मैंने कहा: चल मेरी बात तो है कि मैं घूमना चाहती हूं और तेरे पिताजी में घूमने की ताकत नहीं है, तू तो जवान लड़का है तेरा तो अपने आप भी घूमने का मन करता होगा? तो तू क्यों नहीं अपने कॉलेज की किसी लड़की के साथ घूमता है
संजय हंसकर बोला मेरी इतनी सुंदर मां और बहन के घर में होते हुए मैं क्यों बाहर किसी लड़की को पर समय खराब करूंगा? बाहर की लड़कियां बहुत नखरे करती हैं!!

मैंने हंसते हुए कहा इसका मतलब तू दूसरी लड़कियों पर लाइन मार चुका है और तेरे से उनके नखरे बर्दाश्त नहीं होते

संजय ने कुछ उदास होते हुए कहा : सही पकड़ी हो मां बिल्कुल ऐसा ही है

मैंने भी संजय की बात पर बोला : अभी मैंने तेरा पकड़ा ही कहां है ? तू तो भागता है की मां कहीं अपनों हाथों से तेरे से अपनी सेवा ही ना करवाती रहे!!
संजय बोला सेवा की फिक्र मत करो मां!! तुम्हारा जवान ताकतवर बेटा जैसे बोलोगी जितनी बोलोगी इतनी सेवा कर देगा!!
मैंने अगर संजय की बात का दूसरा मतलब सही समझा था तो मुझे लगा कि अब बात बढ़ रही है तो मैंने कहा चल कुछ और सेवा करने से पहले मां के कंधे तो दबा ही दे
संजय बोला कंधे? मैं तो पैर दबाने की सोच रहा था
मैंने कहा पैर भी दबवाऊंगी मालिश भी करवानी है पर अभी इस तरह लेटे रहने से मेरे कंधे और पीठ में कुछ बल पड़ रहा है इसको दबा दें
संजय ने कहा ठीक है मां! तुम पीठ के बल लेट जाओ मैं ठीक करता हूं
मैंने नोटिस किया कि उसके पैंट में थोड़ा उभार आया हुआ है
मैं पीठ के बल लेट गई और संजय मेरे साइड में घुटनों के बल खड़ा होकर मेरे कंधों में और कमर पर हाथों से अपनी बंद हथेलियों से मुक्के मारकर धीरे-धीरे मेरी पीठ और कंधे सहला रहा था
मैंने कहा तेरा हाथ दूर पड़ रहा है थोड़ा और करीब आ कर आराम से कंधे की दूसरी तरफ भी दबाव डाल
संजय ने अपनी कमर सोफे के पास लाया जिससे उसकी कमर का निचला हिस्सा मेरी बगलों से छूने लगा था

बहुत अच्छा लग रहा है!! ऐसे ही करता रहे मेरी बात सुनकर संजय कुछ आशा वान हो गया और मुझसे चिपक कर मेरे कंधे दबाने लगा
मैंने बात जारी रखते हुए कहा की मुझे स्कूटर पर बिठाकर कहां घूमाएगा ?
संजय : जहां आप कहोगी वही घुमा दूंगा! मैंने पूछा : तेरा मन मेरे साथ कहां घूमने का है ?
संजय ने बोला मेरा मन तो आपको अपनी गर्लफ्रेंड की तरह पिक्चर ले जाने और साथ में रेस्टोरेंट के केबिन में बैठकर खाना खाने का है
मैं हंसी और बोली बेटा बस गर्लफ्रेंड से इतना ही चाहता है !! वह तो तुम मां को भी पिक्चर दिखा सकता है और खाना खिलाने ले जा सकता है
संजय ने जवाब दिया अभी तो मैं इतना ही सोचा था नई नई गर्लफ्रेंड है कहीं नाराज ना हो जाए पहले उसके मन की बात भी तो समझ लूं
मैंने जवाब दिया गर्लफ्रेंड की बात क्यों पूछ रहा है, तू अपना मन भी तो बता, गर्लफ्रेंड तो तब ज्यादा खुश होती है जब उसका फ्रेंड बिना पूछे ही अपने आप से उसके मन की कर दे
संजय ने पूछा : मां, अगर कुछ ज्यादा कर दूं और वह लड़की को पसंद ना हो तो नाराज नहीं हो जाएगी
मैंने जवाब दिया गर्लफ्रेंड अगर दिल से प्यार करती हो तो अपने आशिक की किसी बात का बुरा नहीं मानती, अगर तुम्हें लगे कि उसके नखरे कुछ ज्यादा हो रहे हैं तो समझ लो कि वह संकोच कर रही है उस स्थिति में तुम आगे बढ़ने से रुक कर उसकी मनुहार करो, उसके मन को समझो अगर वह वास्तव में आशंकित है तो कुछ पीछे हटकर उसकी उसको जो समझ आ रहा हो वहीं तक रुक जाओ, एक बार कोशिश करना तुम्हारा फर्ज है
ज्यादातर लड़कियां अपनी इच्छा से कुछ ज्यादा होता देख डरकर चुप रह कर उसको रोकने की कोशिश करती हैं पर लड़की के मन को समझने के लिए तुम प्यार जताने के साथ साथ कुछ सावधानी भी जरूर बरतो और कहीं भी लड़की को यह ना लगे कि उसके साथ बलात्कार हो रहा है, पर साथ ही यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि लड़की यह ना सोचे कि लड़का नल्ला है और उसमें लड़की को पटाने की मर्दानगी ही नहीं है!!
संजय बोला; यह तो बहुत मुश्किल काम है, थोड़ा सा ज्यादा हो जाए तो लड़की नाराज हो जाएगी और थोड़ा कम करो तो रूठ जाएगी
मैंने बोला सही कह रहा है नाराज ही नहीं होगी बल्की अपने मन को की प्यास को बुझाने के लिए कोई दूसरा डंडा ढूंढ लेगी
मैंने जानबूझकर लड़के के बजाय डंडा शब्द इस्तेमाल किया था ताकि मेरा प्रेमी बेटा समझ लें कि मैं उसके साथ बहुत ज्यादा खुलकर बातें करना चाहती हूं
इस पर संजय ने मुझसे पूछा तो मां तुम्हें तो बहुत अच्छा अनुभव है तुम्हें, तुम्हारे बॉयफ्रेंड ने तो बहुत अच्छे से घुमाया होगा?
मैंने जवाब दिया कि तेरे पापा से पहले मुझे किसी लड़के से बात करने का मौका नहीं मिला पर तेरे पापा ने शादी के बाद और अभी तक मेरे को अपने खूंटे से बांध कर मुझे हर तरह की खुशी दी है मुझे भी तेरे पापा का प्यार काफी संतुष्ट रखता था ...
यह कहते-कहते मेरी आवाज कुछ उदास हो गई थी, संजय ने मेरी उदासी को पकड़ा और बोला ; मां फिक्र मत कर तुझे तेरा बेटा उदास नहीं होने देगा, मैं तेरा पूरा ख्याल रखुंगा तेरी सब तरह से सेवा करुंगा
यह कहकर संजय ने मेरे गालों पर एक गहरी पप्पी दे दी

अभी इतना ही
अगले अपडेट में मां बेटे का एक दूसरे को पटाना जारी रहेगा
चुदाई का कार्यक्रम उसके बाद .....
 

maakaloda

Active Member
1,442
1,368
143
मौसी ने अपने चुदाई के लिए बेकरार बेटे से कैसे अपनी तड़पती हुई चूत को मरवाया?
वैसे चूत मारना भी एक अजीब सी क्रिया है इस मजे के काम में चूत तो फुलकर भर जाती है लंड ही बेचारा प्रोटीन से भरपूर काम रस चूत के थैली में भरकर मुरझा जाता है पर हम कहते हैं चूत मार ली!!
जबकि सही शब्द होना चाहिए चूत में लंड को मार दिया पर शायद चूत मारना शब्द लंड की ताकत से झटके को चूत के ऊपर मारने का छोटा रूप है

खैर !! सानु की 🥰
जो भी हो हम मुद्दे पर आते हैं जिस समय से मौसी ने मेरे मुंह से अपने बेटे की मां को चोदने की इच्छा जानी थी तब से मौसी की चूत में सुरसरियां छूट रही थी कि कब मौसी अपने बेटे के साथ लंड चुदाई चूत मराई का जश्न मना सके और जैसे "दिल से दिल को राह होती है" !! वैसे ही शायद"चूत से लंड को राह होती है"!!
जैसे ही मौसी की चूत ने संजय के लंड के वियोग में पनियाना शुरू किया वैसे ही संजय के लंड ने खड़े होकर अपनी मां की चूत में घुसने की इच्छा जाहिर करते हुए संजय को मौका दे दिया कि वह तुरंत फुरंत अपनी मां के सामने पेश हो गया
अब प्यासी चूत और फड़कता हुआ लंड आमने सामने हो तो मैं क्यों निरोध बनकर बीच में खड़ा रहूं बल्कि मेरा तो फर्ज बनता था कि मैं मां बेटे के लंड चूत मिलन में तेल की चिकनाई बनकर उनकी पहली चुदाई को और ज्यादा मदमस्त कर दूं, और ज्यादा यादगार बना दूं । तो इसलिए ही मैं बहाना बनाकर घर से बाहर आ गया ताकि उनको अकेले में एक दूसरे को पटाने का खेल खेलने का पूरा मौका मिल जाए।

मैंने अपने घर में से 24 घंटे के लिए बाहर रहने का बहाना बनाकर निकलने से पहले मौसी और संजय को अलग अलग से समझा दिया कि कैसे इस मौके का पूरा फायदा उठाना है
मौसी को बोला कि संजय अब तुम्हारे हवाले है अपने बेटे से जितना चाहो जैसे चाहो चुदवा लेना और संजय को बोल दिया कि अगर बेटा मां की हर तरह से सेवा करे तो उससे अच्छा काम और कुछ नहीं हो सकता।

इस तरह से दोनों को समझा कर और तैयार करके मैं शाम को घर से बाहर आ गया और उनको बता दिया कि अब मैं अगले दिन शाम को ही वापस आ पाऊंगा
अब आगे की कहानी कुछ मौसी के मुंह से और कुछ उनके बेटे संजय के मुंह से::

मौसी:
आकाश के बाहर जाते हैं संजय ने मुझसे बोला मां मुझे समझ नहीं आया कि मेरे आते ही भाई को ऐसा क्या काम याद आ गया जिसे वह पहले टाल रहा था
मैंने कहा: बेटा, आकाश तो मेरे आने से घर में रुक गया था नहीं तो ऑफिस का काम और उसके दोस्त की तबीयत दोनों को उस अटेंड करना जरूरी बता रहा था!
पर मुझे अकेली देखकर वह रुक गया। अच्छा !! तुझे पता है की संजय ने पिछले हफ्ते भी छुट्टी ली हुई थी
संजय बोला: मुझे पता है, पहले एक बार बात हुई थी कि आकाश मौसी और मौसा तीनों गोवा घूमने जाएंगे
मौसी ने हंसते हुए कहा: वह तो ठीक है, प्लान तो ऐसा ही था पर बाद में तेरे मौसा जी की छुट्टी ना मिलने के कारण पहले तेरी मौसी और आकाश अकेले ही गोवा घूम आए और अब उन दोनों मां-बेटे के वापस आने के बाद तेरे मौसा और मौसी गोवा चले गए हैं
संजय ने मौका देखते हुए बोला: अब तो ठीक है कि मौसा मौसी जाकर बुढ़ापे में भी हनीमून मना लेंगे पर पहले आकाश और मौसी ने गोवा में क्या घुमा होगा ??
मौसी बोली: अब यह तो मुझे पता नहीं पर आकाश गोवा घूम कर आने से खुश तो लग रहा था, मुंह से कुछ नहीं बोल रहा था पर उसके अंदाज से लग रहा था कि गोवा में उसने अच्छा मस्त समय बिताया है। पर मेरे से नसीब कहां, मैं तो घर गृहस्थी के चक्कर में ही बुढ़ाती जा रही हूं
संजय: मां कहां से बुढ़िया बन रही हो, मेरी मां तुम तो कड़क जवान हो
फिर मौसी आगे बोली : तू एकदम कैसे आ गया
संजय ने मां को आलिंगन करते हुए कहा: कि मां तेरी याद आ रही थी इसलिए मैं पापा और संजना से बहाना बनाकर आ गया हूं! मौसी : तो संजना को भी ले आता
संजय बोला : मैं अपने दोस्त के साथ उसकी कार में आया हूं! संजना को कैसे लाता ?
मौसी बोली: चलो अच्छा हुआ, अकेला आया है !! हम मां बेटे को बहुत समय से अकेले समय बिताने का मौका नहीं मिला है, और यहां में आते ही तेरी मौसी के ना होने से उदास हो गई थी, आकाश मुझे उदास देखकर छुट्टी लेकर तो बैठ गया था पर मैं उससे कैसे मन की बातें करती, बहन यहां होती तो जी भरकर मन हल्का कर लेती, इसलिए मेरा मन फिर भी उदास था, अब तू आ गया है और हम दोनों घर में अकेले हैं आराम से गप्पे मारेंगे मन की बातें करेंगे
संजय ने मन में सोचा कि गप्पों के अलावा भी बहुत कुछ मारने की मेरी इच्छा है पता नहीं मां मेरी यह इच्छा पूरी होने देगी या नहीं
मैंने भी संजय को चुप देखकर अपने मन में सोचा कि गप्पें मारने का मतलब समझ रहा है मेरा बेटा, तेरी मां तुझ से बहुत कुछ और करवाना चाहती है
मां बेटे के मन में भड़की हुई चुदाई आग को दोनों अपनी अपनी सीमा में टटोलने का प्रयास कर रहे थे
मौसी बोली, बेटा, अभी नाश्ता किया है कुछ देर आराम कर लेते हैं फिर रात का खाना बनाएंगे कहकर मौसी सोफे पर अधलेटी हो गई
संजय ने पूछा मां तू थक गई है तो तेरे पैर दबा देता हूं
मौसी बोली अभी मैंने मन में सोचा कि अभी से शुरुआत करते हैं, पहले थोड़ा इसके लोड़े को तपने देती हूं, तो मैंने दोहरे अर्थ वाली बात शुरू कर दी
मैंने कहा : बेटा अभी सब तेरे से दबवा लूंगी पहले मुझे थक तो दे
संजय हंस पड़ा और बोला मेरे होते मां को कैसे थकने दूंगा, आप सिर्फ मेरे साथ आराम करो
मैंने बोला तेरे पापा के साथ लेटकर आराम करती हूं तो तेरे पापा मुझे बहुत ज्यादा थका देते हैं और तू तो जवान लड़का है!! संजय बोला :मैं जवान हूं पर मां का पूरा ख्याल रखता हूं मां तुम बेफिक्र रहो मैं तुम्हें थकाउंगा नहीं
मैं बोली : बेटा औरत के मन को खुशी तभी होती है जब उसका पति या बेटा उसे अच्छे से थका दे, पति और बेटे की सेवा करने में मां थकना ही चाहती है मैं भी अभी तक मन से जवान औरत हूं, मेरे मन की खुशी के सामने तेरे पापा की कुश्ती वाली थकान कुछ भी नहीं होती थी , पर कुछ समय से तेरे पापा मुझे उतना नहीं थका पाते हैं और मेरे मांसपेशियों को थकान से होने वाली कसरत और आराम नहीं मिलता है
यह सुनते-सुनते संजय कुछ ठरकी होकर मेरे सिर के बालों में हाथ फेरने लगा तब मैं थोड़ा ऊपर हुई और मैंने अपना सिर और कंधा संजय की जांघों पर रख दिया
संजय सोफे पर पैर लटका कर बैठा था और मैं सोफे पर संजय की जांघों के ऊपर सिर रखकर घुटने मोड़ कर लेट गई थी
मैंने संजय ने जब मेरे सिर पर हाथ फेरना शुरू किया तो मैंने अपना मुंह घुमा कर अपने होंठ संजय की जांघों की तरफ मोड़ लिए और मेरी गर्म सांसे संजय के पैंट के ऊपर से उसके लिंग को गर्म करने लगी संजय अभी टी शर्ट और पैंट में था और मैंने सिर्फ मैक्सी पहनी हुई थी लेटने से मेरे बिना ब्रा के स्तन ढीले से होकर मेरी बगलों की तरफ फैले हुए थे और संजय अपनी भूखी आंखों से उन्हें देख रहा था
संजय को हिम्मत देने के लिए मैं फिर से सीधी हुई और इस दौरान मैंने अपनी मैक्सी के उपर के दो बटन खोल दिए ताकि संजय मेरे उरोजों के ऊपर के हिस्से को अच्छे से देख सके
अपनी जांघों पर मेरे गालों और सिर की रगड़ से संजय को अच्छा लगने लगा था संजय नहीं बहुत हिम्मत करके अपना एक हाथ मेरी कमर की तरफ लाया लगाया और बोला ना कहीं नीचे ना गिर जाओ थोड़ा और ऊपर हो जाओ तो मैंने अपने हाथ ऊपर करते हुए संजय की कमर पर लपेटे और थोड़ा और उचक कर अपने कंधे संजय की जांघों पर रख दिए और घुटने मोड़ लिए

फिर मैंने संजय से कहा आकाश और उसकी मां गोवा में घूम कर बहुत मजे लेकर आए हैं उन दोनों मां-बेटे की जोड़ी बहुत अच्छे से जमती है पर हम दोनों को एक दूसरे से मन की बात करने का समय ही नहीं मिलता जिससे मुझे बहुत अकेलापन लगता है
संजय जी मेरी बात को समझा और बोला हां सच में मैं भी महसूस करता हूं कि हम दोनों आपस में दिल की बात नहीं करते हैं

इस बात पर मैंने संजय को के पेट पर अपने होंठों को रगड़ते हुए उसको अपना स्पर्श सुख दिया और कहां कि बेटा आज इस बात को महसूस किया है तो अभी से हम दोनों अपने मन की बात की शुरुआत कर सकते हैं , हमें बहुतअच्छा मौका मिला है,

संजय मेरे गालों के ऊपर हाथ फेरने लगा और बोला हां मैं मां हमें एक दूसरे का ख्याल रखना ही चाहिए !!

अच्छा यह बताओ अब आप के हम दोनों बच्चे बड़े हो गए हैं तो आप पापा के साथ घूमने क्यों नहीं जाती हो, पहले तो कहीं ना कहीं घूम ही जाती थी?

मैंने कहा :बेटा, तुम दोनों तो बड़े हो गए हो पर साथ ही साथ तुम्हारे पापा बूढ़े हो गए हैं तो उनका ना तो मन ही करता है और ना ही ताकत है

मां, तुम्हारा तो मन करता है ना ?

मैने गहरी सांस भरकर कहां बेटे के सामने अपनी चूत की प्यास को थोड़ा सा और खोला फिर कहा, मेरा मन तो बहुत करता है पर अब क्या करूं घूमने के लिए कोई साथ भी तो चाहिए और तुझे अपनी बहन से लड़ने से ही फुर्सत नहीं है मां का ख्याल कब रखेगा
संजय बोला ऐसा नहीं है ना मेरा मन भी बहुत करता है कि तुम्हारे साथ कुछ समय बिता हूं और तुम्हें खुश रखूं पर एक तो पढ़ाई का जवाब ऊपर से आप भी तो घर से नहीं निकलती हो जब आपका मन करे बोल दिया करें मैं पापा के स्कूटर पर आपको घुमा लाऊंगा
मैंने कहा आसपास क्या घूमना? जाना है तो जैसे आकाश फिर मौसी को गोवा ले गया था वैसे ही मुझे दूर घुमा ला !!।
संजय बोला: मां हम यहां अकेले हैं, इसे भी तो दूर ही समझो बाहर कहीं जाएंगे तो शहर घूमेंगे और आराम से सो जाएंगे यहां भी हम आराम से बाहर घूम सकते हैं और अकेले रहकर आराम से सोने, आराम से बैठ कर गप्पें मारने में कोई रुकावट नहीं है

मैंने कहा: चल मेरी बात तो है कि मैं घूमना चाहती हूं और तेरे पिताजी में घूमने की ताकत नहीं है, तू तो जवान लड़का है तेरा तो अपने आप भी घूमने का मन करता होगा? तो तू क्यों नहीं अपने कॉलेज की किसी लड़की के साथ घूमता है
संजय हंसकर बोला मेरी इतनी सुंदर मां और बहन के घर में होते हुए मैं क्यों बाहर किसी लड़की को पर समय खराब करूंगा? बाहर की लड़कियां बहुत नखरे करती हैं!!

मैंने हंसते हुए कहा इसका मतलब तू दूसरी लड़कियों पर लाइन मार चुका है और तेरे से उनके नखरे बर्दाश्त नहीं होते

संजय ने कुछ उदास होते हुए कहा : सही पकड़ी हो मां बिल्कुल ऐसा ही है

मैंने भी संजय की बात पर बोला : अभी मैंने तेरा पकड़ा ही कहां है ? तू तो भागता है की मां कहीं अपनों हाथों से तेरे से अपनी सेवा ही ना करवाती रहे!!
संजय बोला सेवा की फिक्र मत करो मां!! तुम्हारा जवान ताकतवर बेटा जैसे बोलोगी जितनी बोलोगी इतनी सेवा कर देगा!!
मैंने अगर संजय की बात का दूसरा मतलब सही समझा था तो मुझे लगा कि अब बात बढ़ रही है तो मैंने कहा चल कुछ और सेवा करने से पहले मां के कंधे तो दबा ही दे
संजय बोला कंधे? मैं तो पैर दबाने की सोच रहा था
मैंने कहा पैर भी दबवाऊंगी मालिश भी करवानी है पर अभी इस तरह लेटे रहने से मेरे कंधे और पीठ में कुछ बल पड़ रहा है इसको दबा दें
संजय ने कहा ठीक है मां! तुम पीठ के बल लेट जाओ मैं ठीक करता हूं
मैंने नोटिस किया कि उसके पैंट में थोड़ा उभार आया हुआ है
मैं पीठ के बल लेट गई और संजय मेरे साइड में घुटनों के बल खड़ा होकर मेरे कंधों में और कमर पर हाथों से अपनी बंद हथेलियों से मुक्के मारकर धीरे-धीरे मेरी पीठ और कंधे सहला रहा था
मैंने कहा तेरा हाथ दूर पड़ रहा है थोड़ा और करीब आ कर आराम से कंधे की दूसरी तरफ भी दबाव डाल
संजय ने अपनी कमर सोफे के पास लाया जिससे उसकी कमर का निचला हिस्सा मेरी बगलों से छूने लगा था

बहुत अच्छा लग रहा है!! ऐसे ही करता रहे मेरी बात सुनकर संजय कुछ आशा वान हो गया और मुझसे चिपक कर मेरे कंधे दबाने लगा
मैंने बात जारी रखते हुए कहा की मुझे स्कूटर पर बिठाकर कहां घूमाएगा ?
संजय : जहां आप कहोगी वही घुमा दूंगा! मैंने पूछा : तेरा मन मेरे साथ कहां घूमने का है ?
संजय ने बोला मेरा मन तो आपको अपनी गर्लफ्रेंड की तरह पिक्चर ले जाने और साथ में रेस्टोरेंट के केबिन में बैठकर खाना खाने का है
मैं हंसी और बोली बेटा बस गर्लफ्रेंड से इतना ही चाहता है !! वह तो तुम मां को भी पिक्चर दिखा सकता है और खाना खिलाने ले जा सकता है
संजय ने जवाब दिया अभी तो मैं इतना ही सोचा था नई नई गर्लफ्रेंड है कहीं नाराज ना हो जाए पहले उसके मन की बात भी तो समझ लूं
मैंने जवाब दिया गर्लफ्रेंड की बात क्यों पूछ रहा है, तू अपना मन भी तो बता, गर्लफ्रेंड तो तब ज्यादा खुश होती है जब उसका फ्रेंड बिना पूछे ही अपने आप से उसके मन की कर दे
संजय ने पूछा : मां, अगर कुछ ज्यादा कर दूं और वह लड़की को पसंद ना हो तो नाराज नहीं हो जाएगी
मैंने जवाब दिया गर्लफ्रेंड अगर दिल से प्यार करती हो तो अपने आशिक की किसी बात का बुरा नहीं मानती, अगर तुम्हें लगे कि उसके नखरे कुछ ज्यादा हो रहे हैं तो समझ लो कि वह संकोच कर रही है उस स्थिति में तुम आगे बढ़ने से रुक कर उसकी मनुहार करो, उसके मन को समझो अगर वह वास्तव में आशंकित है तो कुछ पीछे हटकर उसकी उसको जो समझ आ रहा हो वहीं तक रुक जाओ, एक बार कोशिश करना तुम्हारा फर्ज है
ज्यादातर लड़कियां अपनी इच्छा से कुछ ज्यादा होता देख डरकर चुप रह कर उसको रोकने की कोशिश करती हैं पर लड़की के मन को समझने के लिए तुम प्यार जताने के साथ साथ कुछ सावधानी भी जरूर बरतो और कहीं भी लड़की को यह ना लगे कि उसके साथ बलात्कार हो रहा है, पर साथ ही यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि लड़की यह ना सोचे कि लड़का नल्ला है और उसमें लड़की को पटाने की मर्दानगी ही नहीं है!!
संजय बोला; यह तो बहुत मुश्किल काम है, थोड़ा सा ज्यादा हो जाए तो लड़की नाराज हो जाएगी और थोड़ा कम करो तो रूठ जाएगी
मैंने बोला सही कह रहा है नाराज ही नहीं होगी बल्की अपने मन को की प्यास को बुझाने के लिए कोई दूसरा डंडा ढूंढ लेगी
मैंने जानबूझकर लड़के के बजाय डंडा शब्द इस्तेमाल किया था ताकि मेरा प्रेमी बेटा समझ लें कि मैं उसके साथ बहुत ज्यादा खुलकर बातें करना चाहती हूं
इस पर संजय ने मुझसे पूछा तो मां तुम्हें तो बहुत अच्छा अनुभव है तुम्हें, तुम्हारे बॉयफ्रेंड ने तो बहुत अच्छे से घुमाया होगा?
मैंने जवाब दिया कि तेरे पापा से पहले मुझे किसी लड़के से बात करने का मौका नहीं मिला पर तेरे पापा ने शादी के बाद और अभी तक मेरे को अपने खूंटे से बांध कर मुझे हर तरह की खुशी दी है मुझे भी तेरे पापा का प्यार काफी संतुष्ट रखता था ...
यह कहते-कहते मेरी आवाज कुछ उदास हो गई थी, संजय ने मेरी उदासी को पकड़ा और बोला ; मां फिक्र मत कर तुझे तेरा बेटा उदास नहीं होने देगा, मैं तेरा पूरा ख्याल रखुंगा तेरी सब तरह से सेवा करुंगा
यह कहकर संजय ने मेरे गालों पर एक गहरी पप्पी दे दी

अभी इतना ही
अगले अपडेट में मां बेटे का एक दूसरे को पटाना जारी रहेगा
चुदाई का कार्यक्रम उसके बाद .....
ye bilkul sahi kiya,ye nahi ki bus aa kar ekdum se chudaai shuru kar di,thoda manana-rijhana bhi jaruri hai
 
  • Like
Reactions: Rajizexy and Sangya

rajeev13

Member
452
721
108
बहुत अद्भुत अपडेट है मित्र।

आगे चलकर कहानी में आकाश और संजय और दोनों की मां को जोड़ी को बाहर भेजा जा सकता है, जहां वो बेधड़क आपस में एक दूसरे की चुदाई का आनंद ले सके।
 
  • Like
Reactions: Rajizexy and Sangya
133
544
93
जब हमारे मैं घर काम मुहूर्त हुआ था तब घर में अच्छी खासी चहल-पहल हो गई थी मेरी मौसी मामी ताई बुआ और उनके परिवार आए हुए थे तब मैंने ध्यान दिया कि हमारे परिवार की सभी औरतें शरीर दिखाने में परहेज नहीं करती सभी ने अपने मोटे-मोटे मम्मी को लो कट ब्लाउज से दिखा रही थी सभी की साड़ियां नाभि के नीचे बनी हुई थी जिनसे उनका सेक्सी पेट किसी भी देखने वाले की पैंट में तंबू बनाने के लिए पर्याप्त होता घर के काम के दौरान जब आंटु झुकती थी तो उनके 40 साइज के उरोज ब्लाउज से बाहर पूरी तरह से झलक जाते थे घर में मेहमानों की भीड़ होने के कारण मुझे तो मां का शरीर क्या मिलना था पिता जी ने मां को चोद नहीं पा रहे थे

1 हफ्ते में एक-एक करके सारे मेहमान विदा हो गए और उसके अगले दिन पापा को भी वापिस जाना था तो मुझे और भाई को पूरी उम्मीद थी कि आज नए घर में मम्मी पापा अपनी सुहागरात मनाएंगे इस घर में भी एक मम्मी पापा का अलग कमरा था और हम दोनों भाई दूसरे कमरे में जाकर सोने का दिखावा करने लगे ।
कुछ ही देर में मम्मी पापा के कमरे की लाइट बंद हो गई और मां की चूड़ियां खनखनाने लगी हम दोनों भाई आहिस्ता से उनके कमरे की खिड़की के पास जाकर बैठ गए और आने लगे कमरे में अंधेरा था मम्मी पापा के बिस्तर पर हमें तो छाया ही दिखाई दे रही थी पुराने ख्यालों के होने के कारण माता पिता ने लाइट नहीं जलाई हुई थी हमें सिर्फ कपड़ों की सरसराहट चूड़ियों की खनखनाहट या उनके मुंह से निकले आवाजों को ही सुन कर लगातार पुच्ची की आवाज आई चूमने चूसने की आवाज आ रही थी पापा मम्मी की कसमाहट की आवाज आई।
पापा यह इतने कपड़े क्यों पहन रखे हैं मां घर में सब मेहमान थे
पापा पर अभी तो तैयार होकर आती, कम से कम कच्छी ब्रा तो उतार देती
मां तो तुम उतार दो ना मेरे राजा तुम मालिक हो मेरे
पापा: जैसे कहो, तेरे कपड़े उतारता हूं और अपने भी
मां: तुम्हें तो कपड़े उतारने में मजा आता है और कल तो तुम मेरी बहन को कपड़ों के ऊपर से ही ऐसे देख रहे थे जैसे वहीं खड़े खड़े चोद दोगे
पापा: तेरी बहन इतने गहरे गले की कमीज पहनी हुई थी और और तेरी बहन की बहुत कसी हुई पजामी से उसके नितंब ऐसे दिख रहे थे जैसे शरीर पर कुछ हो ही ना और जब वह मुझे चाय देने आई तो झुक कर उसने अपनी चूचियां मुझे दिखाई थी तुम सोचो मेरी हालत क्या होगी
मां : वह तो छिनाल है एक नंबर की, मुझे लगता है अपने पति के साथ साथ अपने देवर को भी निहाल कर देती होगी पापा हां उसके देवर की हरकतों से लगता है कि वह अपनी भाभी से बहुत खुला हुआ है मां : इस चक्कर में कहीं तुम अपना नंबर मत लगाने लग जाना एक बार भी तुमने उसको छूने की कोशिश की तो मैं तुम्हें अपनी चूत क्या झांट भी नहीं दूंगी
पापा तेरी बहन कितनी भी बड़ी चुदक्क्ड क्यों ना हो ना हो तेरे सामने तो कुछ भी नहीं है तू तो मेरी प्यारी सी मधुबाला है तेरे बड़े बड़े मम्मे मुझे तो बहुत ही अच्छे लगते हैं तेरे मम्मे दबाने में मुझे स्वर्ग की अनुभूति हो रही है
मां तभी तुम इनके बीच में अपना लिंग रगड़ कर पानी निकालने का मजा लेते रहते हो। वैसे मेरी बहन तुम्हारे लौड़े के सामने टिक नहीं पाएगी उसका मन तो बहुत करता हुआ तुम्हारे से चुदवाने का
फिर एक पप्पी की आवाज आई जवाब में मां ने भी दो पप्पीयां दी
पिता: मेरी हेमा मालिनी अपने पैर तो खोल
मां : नहीं पहले दूध पी लो
पिताजी: ऊपर से दूध पी लूंगा और नीचे से उंगली करके तेरी फुद्दी को गिला करता रहूंगा
मां: तुम्हारी उंगली से मैं बहुत गर्म हो जाती हूं तो मैं तुमसे चुदाई से पहले की हरकतों का मजा नहीं ले पाती हूं पहले मुझे अच्छे से गर्म करो पापा ने कुछ किया जिससे मां की सिसकारी निकली
मां : बड़े बहनचोद हो बहन के बारे में सुनते ही लोड़ा खड़ा करके खेलने को तैयार हो गए
पापा :बहन चोद कहां साली चोद अपनी बहन नहीं तेरी बहन की बात कर रहा हूं
मां: मुझे पता है तुम अपनी बहन को भी तो ऐसे खुलकर देखते हो कि उसके मम्मों को निचोड़ दोगे, दूध पी लोगे
पापा: बहन को देखकर तो मां की याद आती है और मां की सेक्सी छवि दिखती है मां: फिर तो तुम तुम्हें मादरचोद कहूं
पापा : जो मर्जी के है पर अभी तो बीवी को चोदना चाहता हूं खुलकर खुदवा ले
पापा :अब थोड़ा सा अपने प्यारे डंडे को तो प्यार कर यह तेरी चूत की सेवा करने के लिए बिल्कुल तैयार हो रहा है
मां : ऐसे करुं , पापा: हां
मां ने फिर कुछ किया तो पिता को उत्तेजना भरी आवाज आई शाबाश मेरी रानी इसको मुंह में ले ले
मां बोली हट यह सिर्फ मेरी चूत में ही जाएगा तुम्हारा यह औजार मेरी चूत को खोलने के लिए ही बना है इसको इधर-उधर मत डालो
पापा : मेरी रानी मुंह में ले ले
मां: नहीं पापा से इसकी पप्पी ले ले
मां :मां द्वारा लंड की पप्पी लेने की आवाज आई
बाहर हम दोनों भाई बहुत गरम हो रहे थे अब भाई ने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया और उसका लंड मेरी गांड पर रगड़ खा रहा था अंदर
पापा: सीधी हो
मां: मेरे छोटू राजा को तूम और आगे बढ़ाओ अपना झंडा अपनी जन्मभूमि में डाल दो
पापा: ले , मेरी रानी मां
मां :एकदम चिल्लाई
पापा : अभी तो आधा ही गया है
मां बोली पेल दो ना, जड़ तक घुसा दो, इस दर्द का भी अच्छा मजा है
पापा : ले मेरी रानी मां
और दोनों की जाघें टकराने की आवाज बाहर तक आ रही थी
भाई ने मुझे वहीं घोड़ी बनने का इशारा किया और मेरी गांड पर अपना लंड* रगड़ने लगा मेरे मुंह से आवाज निकलने का डर था इसलिए मैंने आगे होकर भाई को इशारा किया कमरे में चलकर कर ले भाई चुपचाप मेरी गांड पर लंड* रगड़ता रहा पर अंदर नहीं घुसाया इधर अंदर मां-बाप के जुदाई का जबरदस्त आवाजें आ रही थी जिसके कारण हमारे ल** में तनाव बढ़ता जा रहा था कुछ देर बाद पापा के अंदर के कपड़ों की सरसराहट की आवाज आई हम समझ गए पापा बोले मैं झड़ने वाला हूं
मां: हां , मैं भी तैयार हूं छोड़ दो
और दोनों ने दोनों के संभोग की बहुत कामुक सिसकारियां बाहर आने लगी दोनों की सांस इतनी तेज चल रही थी कि हमें बाहर तक सुनाई दे रही थी
ढ़ेर: मां ने कहा मैं बस और खिलखिलाई पापा: जब तुम हंसती है तो मेरा ल** फिर से बाहर निकल जाता है
मां बोली एक बार होने के बाद झड़ने के बाद तुम्हारा ल** अंदर गुलगुली करता है कहकर मां ने पापा की 2-3 पप्पी दी
जवाब में पापा ने भी मम्मी की चुम्मीयां ले ली पुच्ची ले ली
पापा बोले : अब दूध पिलाओ
मां बोली नहीं अभी गुलगुली होगी इतने में हमारे लंड का बहुत तनाव बढ़ चुका था भाई ने इशारा किया और हम दोनों अपने कमरे में गए और जाकर मैं घोड़ी बन गया और पीछे से भाई ने अपना ल** मेरी गांड के छेद के पास सटा दिया साथ ही में भाई ने अपना हाथ बढ़ा कर आगे से मेरा ल** पकड़ लिया था भाई के हर एक धक्के से उसका सुपाड़ा मेरी गांड में घुस जाता और उसके हाथ मेरे ल** को एक जबरदस्त झटका देते हैं कुछ ही दिनों में मेरा पानी छूट गया और भाई अभी लगा हुआ था 10-15 और धक्के लगाने के बाद भाई ने मुझे कस कर पकड़ा और मेरी गांड पर वीर्य की धार छोड़ दी अब हम दोनों भाइयों ने एक अच्छे से कसकर आलिंगन में ही सो गए।
अगले दिन मां ने जब कपड़े धोए तो हमारे कपड़ों पर वीर्य लगा देखकर मुस्कुराई फिर मां मुझे अकेले में देख कर बोला क्यों रे! रात को मां बाप की जासूसी कर रहे थे तुम दोनों भाई
मैं बोला तुम्हारी बातें सुनने का तो मजा ही कुछ और है इतना खुलापन होता है तुम्हारी और पापा की बातों में
मां : पति की सेवा तो मेरा धर्म है तेरी सेवा तो प्यार वश करती हूं
पर तुम दोनों भाई इकट्ठे वीर्य निकालते हो
मैंने मां को आधा सच बताना ठीक समझा और कहा जब तुम्हारी आवाज सुन रहे थे तो हम दोनों भाई साथ में ही बैठकर अपना अपना हिला रहे थे जिसके कारण हम से रहा नहीं गया और वीर्य पात हो गया मां बोली संभल कर किसी दिन तुम्हारे पापा ने पकड़ लिया तो धुलाई कर देंगे
मैं: पिताजी धुलाई करेंगे ?
वह तो तुम्हें हमारे से चुदवाने आज्ञा देने को तैयार बैठे हैं
मां : कहने की बातें और हैं और जब उनको पता चलेगा कि मैं वास्तव में तुम्हारे को अपनी चूत तैयार हूं तो उनकी शक्ल बदल जाएगी
मैं : मैं नहीं मानता जी , पापा जो बोल रहे थे मन से ही बोल रहे थे
मां : ऐसा नहीं होता है चुपचाप पर्दे में मेरा प्यार मिल है उसके मजे लेते रहो , कहीं ज्यादा के चक्कर में जो मिल रहा है वह भी ना चला जाए, लालची कुत्ते वाली कहानी तो सुनी होगी
मैंने कहा :मां, मेरे पास आधी रोटी नहीं है तुम पूरी की पूरी मुझे मिली हो तो मैं लालच क्यों करूंगा?
मां ने सुनकर मुझे अपने गले से लगा लिया और कान में बोली सबर रख, कल पापा वापस ड्यूटी चले जाएंगे तब तुझे अच्छे से प्यार दूंगी मुझे पता है तू बहुत दिनों से भूखा है।

अगले दिन सुबह सुबह पिताजी और भाई स्टेशन के लिए निकल गए उनके जाते ही मां ने मेन गेट बंद किया मुख्य दरवाजा बंद किया और मेरे साथ कमरे में आ गई आते ही मां ने मेरे कच्छे को खींचा तो मैं निपट नंगा हो गया मां ने मेरे लिंग को अपने हाथ में पकड़ा और सहलाने लगी , कमरे के अंदर आते आते ही मेरा लिंग खड़ा हो गया था
मां बोली यह तो हमेशा ही तैयार दिखता है
मैं बोला मां तुम्हारी खुशबू आ जाती है
मां बोली तो देर किस बात की
मैं बोला ना रात में तुम दो-तीन बार चुकी हो इतनी जल्दी तुम अपना प्रसाद मुझे देने के लिए तैयार हो जाती हो, सच्ची में मां तुम बहुत प्यार करती हो मुझसे
मां ने मेरा लौड़ा मसलते हुए कहा तेरी खुशी के सामने मेरी थकावट कुछ भी नहीं है रे बेटा !!! ले! ले!! जैसे ही तुझे मेरी चूत चाहिए वैसे ही ले ले !!!!
मैं बोला: मां रात को पापा मुंह में लेने के लिए कह रहे थे
मां मुझे अच्छा नहीं लगता, मुंह में बदबू आती है मैं बोला ना मैं अभी अच्छे से साफ कर लेता हूं बिल्कुल साफ हो जाएगा तो बदबू नहीं आएगी और पानी निकलने से पहले मुंह से बाहर निकाल दूंगा
मां बोली नहीं सिर्फ सहमति में सिर हिला दिया
मैंने मां का हाथ पकड़ा और मां को बाथरूम की तरफ ले गया
मां: मुझे क्यों खींच रहा है
मैंने कहा : मां, तू भी थोड़ा साफ हो जा तेरे को चाटने का भी मजा आएगा आएगा!!!
मां : वैसे पापा की कोई बात नहीं मानता है और यह चुदाई की बातें सुनकर बिल्कुल पापा से भी आगे बढ़ता जा रहा है
मैं: कुछ तो नया करना चाहिए
मां : तू मुझे भी बेशर्म बना देगा
मैं : बेशर्मी नहीं, यह जीवन का आनंद है
मां: अपनी मां के साथ?
मां : जो आनंद तुम ले रही हो और ममता से भरकर तुम मुझे चोदने दे रही हो वह अनुठा है
मां : यह आनंद अपनी बीवी के साथ ही लिओ
मैं बोला: मां जो आनंद तुम दे रही हो उसके बदले मेरा भी तो कुछ फर्ज है और ऐसा करने में मुझे भी तो अच्छा लगेगा
मां बोली तू अपनी खुशी के लिए कुछ भी कर मैं सब मान लेती हूं
मैं: मां, मेरे से कुछ ट्रेनिंग ले ले तो पिताजी को भी ज्यादा अपना पति धर्म भी अच्छे से निभा पाओगी, पति धर्म में पति की सेवा करने का भी तुझे आनंद आएगा मां : तू यह कहां से सीख रहा है
मैं: मां से क्लास में मेरी कक्षा में एक लड़का एक किताब लाया था उसमें कुछ फोटो बनी थी और लिखा था स्त्री और पुरुष एक दूसरे के योनांग चाटते हैं तो बहुत मजा आता है
मां : यह फिरंगियों वाली बातें मत कर
मैं : फिरंगी नहीं उसमें लिखा था कि हमारी कोकशास्त्र में भी बहुत तरह के आसन बताए गए हैं
मां : मुझे लगता है तू शादी से पहले सारे आसन मां के ऊपर प्रयोग करके देखेगा
मैं : मां तुम इतनी सुंदर हो मुझे शादी की क्या जरूरत है
मां : कुछ साल में मैं बिल्कुल बूढ़ी हो जाऊंगी तब तेरा क्या होगा और अभी तो तेरे चुदाई करने के दिन शुरू भी नहीं हुए, यह चूउ तो तुझे बोनस में मिल रही है जब बड़ा होगा तो बहुत सुंदर ही सी लड़की ढूंढ कर तेरे से शादी कर दूंगी
मैं : मां इतनी भी सुंदर मत ढूंढना कि पिताजी उस पर लाइन मारने लगे
मां : चल हट पगले वह भी तो तब तक बूढ़े हो जाएंगे और सुना नहीं था तूने वह अपना माल तो तुझे देने को तैयार हैं पर तेरे माल में हाथ नहीं डालेंगे
मैं : हां मां पर मैं हमेशा तेरी सेवा करूंगा और बीवी आने के बाद भी और अपने और जब तुम बिल्कुल बूढ़ी हो जाएगी तब भी अपनी जन्मदात्री की चूत चाट कर और पूरे प्यार से तेरे सब अंगों की मालिश कर सेवा किया करूंगा, जब भी तू कहेगी तेरी चूत की पूरी तरह से सेवा करूंगा
मां : रहने दे अभी बातें कर रहा है बीवी की जवान चूत मिलेगी तो सब भूल जाएगा मैं: नहीं मां कसम से बीवी की चूत बीवी की जगह होगी और मां की सेवा मेरा फर्ज रहेगा, देखा नहीं पिताजी अभी भी अपनी मां को याद करके रात में तेरे पर जबरदस्त धक्के लगा रहे थे।
हम दोनों पहली बार इतना खुलकर लंड* चूत* और इस तरह की बातें कर रहे थे बाथरूम में मैंने मां का पेटीकोट बिल्कुल उतार दिया मां ने अपना ब्लाउज भी खोल दिया और अब हम दोनों बिल्कुल नंगे खड़े थे मैंने पानी से मां की गर्दन चूचियां तथा चूतड़ साफ कर दिए । मां पटरे पर बैठ गई तो मैंने मां की चूत को भी अच्छे से साफ किया मां के झांटों में कुछ पसीने की महक थी मैंने साबुन से अच्छे से साफ कर दी
मां की चूत साफ करने के दौरान ही मां गहरी सांसे लेने लगी थी और मैंने और ज्यादा खतरा ना उठाते हुए मां को खड़ा होने का इशारा किया और मां के नितंबों पर साबुन से सफाई की अब मैंने भी अपने हाथों से मेरे ल** और मेरी जांघों की सफाई की
बाथरूम से बाहर आकर मां ने मेरे शरीर को बड़े इतिहास से चूमा और मुस्कुराते हुए बोली जब तू छोटा बच्चा था तो मैं तुझे रोज इसी तरह नहलाती थी
मैंने कहा मां आज एक फर्क और है आज मैं तुम्हें नहलाने का प्रयास कर रहा हूं मां : ऐसी किस्मत वाली मां बहुत कम होती है जिनका बेटा उसे नहलाएं
मैं: मां मेरी किस्मत इतनी अच्छी है कि मुझे तू मां तेरे जैसी मां मिली जो अपने बेटे का सब तरह से ध्यान रखती है चूत का प्रसाद देखकर भी ध्यान रखती है
मां: बेटे तेरा अंदाज भी इतना प्यारा है कि मैं तुझे अपनी चूत* देने का लोभ नहीं रोक पाती हूं यह बातें करते करते हम कमरे में आ गए इतने में मां को ख्याल आया कि नाश्ता नहीं किया है
मां बोली : बेटा पहले नाश्ता कर ले तुझे भूख लगी होगी
मैं : नहीं मां , जो काम शुरू किया है पहले वह खत्म करें और आज नाश्ते में मैं तेरा दूदू पी लूंगा और तेरा अमृत चाट लूंगा और मां तू भी आज मेरे मेरी लस्सी पीकर देख
मां बोली : उंह
यह कहते-कहते मैंने मां को अपने आलिंगन में ले लिया और ममां की चूचियां मेरे सीने में और मेरे हाथ मां के नितंबों तथा मां के हाथ मेरी पीठ पर चल रहे थे आगे मेरा लंड मां की चूत के कब्जे में था और मेरे हाथ मा के नितंबों को अपनी और दबा रहे थे फिर मैंने नीचे सरककर मां की चूचियां पीनी शुरू की , सूचियों की पप्पी लेते लेते मैं नीचे बैठ रहा था फिर मां की नाभि में जीभ डालकर मैंने मां को उत्तेजित किया इस बीच में मेरे हाथ मां के नितंबों को मसल रहे थे फिर मैंने मां की झांटे अपने होठों पर महसूस की
मैं थोड़ा और नीचे झुका, खड़ी हुई मां से कहा कुछ अमृत पिला दे और मेरा मुंह मां की चूत के ऊपर बिछ गया मैंने गहरी सांस लेकर मां की चूत को सूंघा एक अच्छी सी खुशबू आ रही थी फिर मैंने मां की चूत के दोनों लबों को अपने लबों में दबाया और जितनी भी चूत मेरे मुंह में आ सकी उतनी ही अपने मुंह में दबाकर जीभ से मां के भगनसे को खाने लगा मां जोर-जोर से सिसकारियां लेने लगी
फिर मैंने अपनी जीभ को मां की चूत में सरका दिया मां एकदम सनसना उठी
मैंने मां की जांघों के नीचे हाथ डालकर मां को उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया मां ने घुटने मोड़कर तलवे बिस्तर पर रख दिए तो मां की चूत पूरी तरह से मुझे दिखने लगी थी मैं मां की टांगों के बीच में सिर डालकर मां की चूत को चाटने लगा और फिर मैंने अपनी जीभ पूरी तरह से मां की चूत के अंदर डाल दी
मां ने अपने हाथों से मेरे बाल पकड़ लिए और मेरे मुंह को चूत पर दबाने लगी और जांघों के जोड़ से मेरे को मेरे मुंह को अपनी योनि के अंदर द खेलने का जोर लगाने लगी मां की गर्मी तथा उत्तेजना स्पष्ट दिख रही थी मैंने भी अपने हाथों से मां के नितंबों को दबाना शुरू किया जिससे मां की च** का जवाब मेरे मुंह पर बढ़ गया फिर मैंने हाथ लंबे करके अपने पंजों से मां के कंधों को नीचे दवाब देना शुरू किया जिससे मेरी जीभ मां की योनि में बहुत गहरे तक समा गई फिर मैंने अपने हाथों से मां के मम्मों को नीचोड़ने लगा अब मां की उत्तेजना का आरपार ही नहीं था
मां जल बिन मछली की तरह मचल रही थी और फिर एकदम से झड़ने लगी
मां की उत्तेजना शांत होने में बहुत समय लग गया और जब तक मां ने ठंडी होकर अपनी जांघों का जोर मेरे सिर से हटाया तब तक मेरा लिंग पूरी तरह से टनटनाता हुआ हो गया था
जैसे ही मैं थोड़ा ऊपर हुआ मां ने मेरी उत्तेजना को भापकर अपने हाथ बढ़ाएं और मेरे लिंग को अपनी मुट्ठी में भर लिया और मेरे नीचे अपने शरीर को सेट करके मेरे सुपाड़े को अपनी चूत* के मुहाने पर रख दिया
मेरे लिंग में बहुत उत्तेजना थी और एक धक्के में मैंने अपना लिंग पूरी तरह से मां की योनि में उतार दिया
हम दोनों ने एक दूसरे के नितंबों को अपने पंजों में जकड़ा हुआ था और दोनों एक दूसरे में समाने की कोशिश कर रहे थे मां एक बार झड़ चुकी थी तो उसको समय लग रहा था पर उसकी योनि उसके अपने स्त्राव से बहुत गीली हो चुकी थी अतः मेरा लिंग फचफचाकर अंदर बाहर हो रहा था
मां आहा उस उस ओहो ओहो करके मेरी उत्तेजना को बढ़ा रही थी
कुछ देर में मेरे से रहा नहीं गया और मैंने सझनझनाते हुए अपना सारा वीर्य मां की योनि में खाली कर दिया और एकदम से मिश्रण जैसा होकर मां के ऊपर सीधा लेट गया मां ने अपने हाथों से मुझे जकड़ में ले रखा था और मेरे सुस्त शरीर में छाती पर मम्मी के नरम नरम मम्मों का एहसास बहुत सुखद लग रहा था
हम ऐसे ही एक दूसरे के शरीर की नरम और गरम अहसास को महसूस करते करते सो गए और लगभग आधे घंटे बाद उठकर हमने जल्दी से कपड़े पहने तथा अपने अपने काम में जुट गए
.
Very nice updates..Meri ashirvaad Lena..aur ache ache stories likhte rahna
 
Last edited:
  • Like
Reactions: Rajizexy

Sangya

Member
360
1,329
124
Very nice updates..Meri ashirvaad Lena..aur ache ache stories likhte rahna
Thanks Shefali maa(I hope I read ur name right, correct me if my elementary Bangla reading is wrong )
With ur Ashirwad I will be able to write better n touching contents.
I love to get my reader's comments
 
Top