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Incest मजबूरी या जरूरत

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नहीं संजू मुझसे नहीं होगा मुझे बहुत शर्म आ रही है,,

क्या मम्मी अभी भी शर्म आ रही है तुम्हारे कपड़े में अपने हाथ से उतार कर तुम्हें नंगी किया तुम्हारे कमरे में तुम्हारे बिस्तर पर तुम्हें चोद रहा हूं और तुम चुदवा रही हो,,,, और कह रही हो कि शर्म आ रही है जाओ अगर तुम आंखें नहीं खेलोगी तो मैं तुम्हें नहीं चोदुंगा,,,,, इसी तरह से तुम्हारी चूत में लंड डालकर बैठे रहूंगा,,,,।



(अपने बेटे की यह बात सुनकर आराधना एकदम से सकते में आ गई क्योंकि उसे भी मजा आ रहा था उसके बेटे के लिंग की मोटाई और लंबाई सीधे उसके बच्चेदानी तक पहुंच रही थी और,,, लंड मोटा होने के नाते आराधना अपनी बेटी के लंड को अपनी चूत में एकदम कसा हुआ महसूस कर रही थी और उसे अपने बेटे का लंड इतना ज्यादा कड़क लग रहा था कि उससे उसके लंड की नसें सांप अपनी चूत की अंदरूनी दीवारों पर रगडती हुई महसूस हो रही थी और अगर तेरे अंदर बाहर होने की वजह से उसका मजा अत्यधिक बढ़ता जा रहा था और लगातार उसकी चूत से काम रस टपक रहा था,,,, ऐसे में आराधना को अपने बेटे से चुदवाने में बहुत मजा आ रहा था पहले ही दोनों के बीच मां बेटी का रिश्ता था और आराधना इसे रिश्ते में जिस्मानी ताल्लुकात नहीं रखना चाहती थी लेकिन अपने बेटे की मनमानी को देखते हुए और अपनी जरूरत के आगे वह घुटने टेक चुकी थी और अब उसे इस खेल में बहुत मजा आ रहा था लेकिन एक जिद के कारण उसका बेटा उसी तरह से उसकी चूत में लंड डाले बैठा था और जैसा आराधना को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था रंग में भंग पड़ गया था इसलिए ना चाहते हुए भी आराधना अपनी आंखों को खोल दी लेकिन उसकी आंखों में शर्म भरा हुआ था वह पूरी तरह से शर्मिंदगी महसूस कर रही थी साथ ही उत्तेजना का असर उसके चेहरे पर साफ नजर आ रहा था,,, अपनी मां को आकर खोला हुआ देखकर संजू के होठों पर मुस्कान तैरने लगी और वह खुश होते हुए बोला,,,)

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वाह यह हुई ना बात मम्मी अब देखना कितना मजा देता हूं तुम एक नजर अपनी दोनों टांगों के बीच तो डालो मेरे लंड को देखकर मजा आ जाएगा,,, कि कैसे तुम्हारे छोटे से गुलाबी छेद में मेरा मोटा लंड आराम से अंदर बाहर हो रहा है,,,,
(आराधना को अपने बेटे की बातें इतनी अत्यधिक गंदी लग रही थी कि उसकी बातों को सुनकर वह पानी पानी हुए जा रही थी इस तरह से उसके पति ने भी कभी इतनी अधिक गंदी बातें उसके साथ नहीं किया था लेकिन संजू बिल्कुल बेशर्म बन चुका था लेकिन उसकी बेशर्मी आराधना को अच्छी लग रही थी उसका भी मन अपनी दोनों टांगों के बीच देखने का मन कर रहा था लेकिन वह शर्म के मारे देख नहीं पा रही थी लेकिन अपने बेटे की बात सुनकर वह हिम्मत जुटाकर अपने दोनों हाथों की कोहनी का सहारा लेकर थोड़ा सा ऊपर की तरफ उठी और अपनी दोनों टांगों के बीच अपनी नजरों को स्थिर कर दी उसके बाद जो नजारा उसकी आंखों के सामने आया उसे देखकर वह खुद हैरान हो गई,,,, उसे अपनी दोनों टांगों के बीच का नजारा एकदम साफ नजर आ रहा था उसकी चूत कचोरी की तरह एकदम खुली हुई थी जो की पूरी तरह से रस से लबालब थी,,,, आराधना यह देखकर हैरान थी कि राजू का इतना मोटा और लंबा लंड बड़े आराम से उसकी चूत के अंदर तक चला जा रहा था और चूत में कहीं खो जा रहा था यह देखकर आराधना की उत्तेजना बढ़ने लगी ,,,, संजू अपनी मां को यह नजारा दिखाने की उद्देश्य से बड़े आराम से अपनी कमर को पानी की तरह लहराता हुआ आगे पीछे कर रहा था और अपने होठों को दांत से काटकर अपनी उत्तेजना दर्शा रहा था यह देख कर,,,, आराधना पूरी तरह से मस्त हुई जा रही थी,,,,, वह कभी सोचे नहीं थे कि इतनी जल्दी अपने बेटे के सामने घुटने टेक दिल की लेकिन हालात पूरी तरह से उसे मजबूर कर चुके थे बदन की जरूरत उसका साथ देने से इंकार कर रही थी पति की बेवफाई के चलते उसका दिमाग
सही गलत के फैसले के बीच परख करना भूल गया था रिश्तों और मर्यादा के संबंध को भूल चुका था मां बेटे के बीच के पवित्र रिश्ते को भूल चुका था इसलिए तो आज आराधना अपने ही कमरे में अपने ही बिस्तर पर अपने बेटे की हाथों की कठपुतली बनकर उसके लंड को अपनी चूत में लेकर मस्त हुए जा रही थी,,,,, धीरे-धीरे संजू अपनी कमर को रफ्तार देने लगा आराधना को अपने बेटे का लंड बड़ी तेजी से अपनी चूत के अंदर बाहर होता हुआ महसूस हो रहा था उसकी और अगर से बार-बार उसका काम रस बाहर निकल जा रहा था जिससे कामरेज की चिकनाहट पाकर लंड बड़े आराम से बिना किसी रूकावट के चूत के अंदर तक पहुंच रहा था,,,,,,,।




तुम्हारी चूत इतनी कसी हुई क्यों है मम्मी,,,,, और वह भी इस उमर में,,,,

ऐसे सवाल मत पूछा कर समझो मैं जवाब दे नहीं पाऊंगी,,

मैं जानता हूं मम्मी तुम बहुत अच्छी हो रहा था लेकिन संस्कारी लेकिन वक्त की मारी हो पति की बेवफाई सहन करके जी रही हो एक औरत होने का सुख खो चुकी हो और इसीलिए तो मैं तुम्हें एक औरत की जरूरत क्या होती है कैसे पूरी की जाती है यही बताने के लिए तुम्हारे साथ हूं तुम बिल्कुल भी चिंता मत करना मैं जिंदगी भर तुम्हारे साथ रहूंगा,,,,,

चोदने के लिए,,,,(अपने बेटे की बात सुनकर एकाएक आराधना बोली)

चोदने के लिए भी और तुम्हारा साथ देने के लिए भी सच कहूं तो एक मर्द औरत का साथ किस लिए चाहता है उसकी मदद करने के लिए उसका साथ देने के लिए परछाई की तरह उसके साथ घूमने के लिए और फिर रात को उसे चोदने के लिए और मर्द को कुछ नहीं चाहिए उसकी पसंदीदा औरत की चूत उसे मिल गई समझ लो दुनिया मिल गई,,,, जैसा कि मैं इस समय दुनिया का सबसे खुशनसीब लड़का हूं जो अपनी मां की जरूरत पूरी करते हुए उसे चोद रहा हूं,,,

बातें बनाना तो कोई तुझसे सीखे,,,,ओर हा मेरी टांगे दुखने लगी है,,,,,, तू तो एकदम कसाई हो गया है,,,,

मेरा इतनी जल्दी छूटने वाला नहीं है मम्मी मुझे लगता है पापा का तो 2 मिनट में ही निकल जाता होगा तभी तो तुम्हें पता नहीं है कि औरत कितनी देर तक टांग उठा कर चुदवा सकती है,,,,

ऐसा ज्ञान मुझे नहीं लेना,,,,,

ज्ञान ना सही लंड तो लेना है ना,,,
(संजू की बात सुनकर आराधना कुछ बोल नहीं पाए संजू धीरे से अपने लंड को अपनी मां की चूत से बाहर निकाला जो की पूरी तरह से उसके काम रस में नहाया हुआ था संजू अपने लंड को हाथ में पकड़ कर उसे हिलाता हुआ उसके गरम सुपाड़े को अपनी मां की चूत पर पटकने लगा और अपनी मां की तरफ देख कर बोला,,)
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देखो मम्मी क्या पापा का इतना बड़ा और मोटा है,,,(इतना कहने के साथ ही संजु ने अपने लंड को जड़ से पकड़ कर उसके संपूर्ण वजूद को अपनी मां की चूत पर रख दिया एक तरह से हुआ गुलाबी चूत के क्षेत्र के साथ-साथ अपने लैंड की लंबाई को भी नाप रहा था जो कि सीधे-सीधे उसकी नाभि तक पहुंच रही थी यह देखकर आराधना भी एकदम दंग रह गई थी कितना मोटा और लंबा लंड बड़े आराम से चूत के अंदर कैसे ले ले रही है,,,,, आराधना गर्दन उठाकर अपनी आंखों से सब कुछ देख रही थी कुछ देर के लिए संजू ने चुदाई को रोकता था और अपने लंड को बार-बार उसकी चूत पर पटक रहा था जिससे उसकी उत्तेजना और ज्यादा बढ़ती जा रही थी अपनी मां को खामोश अपने लंड की तरफ देखता हुआ पाकर संजू बोला,,,)

कैसा लगा मम्मी तुम बता नहीं रही हो क्या पापा का ऐसा ही है या इससे छोटा या इससे बड़ा,,,,

तू जान कर क्या करेगा समझो जो तू चाहता है वह तो तुझे मिल गया है,,,

हां बात तो सही है जो मैं चाहता था उसे प्राप्त कर लिया है लेकिन यह भी जानना जरूरी है कि तुम्हारी चूत पर जिसका हक पहले ही उसका लंड कैसा है,,,,।

तेरे से आधा ही है लंबाई में भी और मोटाई में भी,,,

ओहहह मम्मी तब तो तुम्हारी गदर आई जवानी पर काबू कर पाना पापा के बस में बिल्कुल भी नहीं था तभी तो ए जिम्मेदारी मुझे उठानी पड़ रही है अब देखना मैं तुम्हारी मचलती उफान मारती जवानी पर कैसे काबू लाता हूं,,,,
(अपने बेटे का आत्मविश्वास देखकर आराधना को भी अच्छा लग रहा था उसे गर्व हो रहा था कि उसका बेटा एक पूरी तरह से मर्दाना ताकत से भरा हुआ असली मर्द है लेकिन फिर भी वह जानबूझकर अपने बेटे से बोली)

चल रहने दे संजू औरत की जवानी को मर्द कभी भी काबू में नहीं ले सकते,,,,

यह तो दूसरों के लिए होगा मेरी चुदाई तुमने असली तरीके से देखी कहां है जब मैं चोदना शुरू करूंगा ना तो तुम पानी नहीं मानोगे और तुम्हारा पानी छूटता ही रहेगा,,,,

चल रहने दे संजू अभी तेरा पानी निकल जाएगा और तू ढेर‌ होकर सो जाएगा,,,, और तुझ पर पानी डालकर जगाना पड़ेगा,,,,

तो तुम मुझ को चैलेंज कर रही हो,,,

चैलेंज नहीं बच्चों मर्दों की औकात बता रही हो औरत अपनी दोनों टांगों के बीच मर्द को पूरी तरह से कमजोर कर देती है,,,,

तो यह बात है अभी बताता हूं,,,

क्या बताता है,,,, जल्दी खत्म कर‌ और जाकर सो जा,,,

तुम्हें क्या लगता है आराधना रानी,,, मेरा पानी जल्दी निकल जाएगा जब तक तुम्हें मस्त ना कर दो दो बार तुम्हारा पानी ना निकाल दो तब तक मेरा निकलने वाला नहीं है देखना चाहती हो,,,,


बताकर दिखाएगा क्या,,,,,(आराधना इस तरह की बातें अपने बेटे से करना नहीं चाहती थी लेकिन हालात के आगे वह भी मजबूर हो चुकी थी इस तरह की बातें करने में उसे आनंद की प्राप्ति हो रही थी उसे मजा आ रहा था और वह भी अपने बेटे की मर्दाना ताकत को और भी ज्यादा उच्च शिखर पर देखना चाहती थी इसलिए उसए उक‌साते हुए वह इस तरह की बातें कर रही थी,,,,)

अभी रुको तब तो तुम्हें घोड़ी बनाकर चोदना पड़ेगा,,,,, चल अब जल्दी से उठ जा मेरी जान,,,,(संजू पूरी तरह से लय में आ चुका था अभी तक वह मम्मी मम्मी कह रहा था लेकिन अब अपनी मम्मी को जान कहकर संबोधन करना शुरू कर दिया था और उसका इस तरह से जान कहना आराधना के तन बदन में आग लगा रहा था उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे कि वह अपने बेटे के साथ नहीं बल्कि अपने प्रेमी के साथ हैं,,,,, वह भी अपने बेटे की बात मानते हुए पीठ के बल लेटी थी उठ कर बैठ गई और धीरे से अपना आसन बदलने लगे अपनी मां को अपनी आंखों के सामने घोड़ी बनता देखकर संजू की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ने लगी थी समझो अपनी आंखों से देख रहा था कि उसकी मां अपने घुटनों के बल बैठ गई थी और धीरे से आगे की तरफ झुकने लगी थी देखते ही देखते वह बिस्तर पर झुक गई थी और अपनी गोरी गोरी भारी-भरकम गांड को ऊपर की तरफ उठाकर हवा में लहराने लगी थी,,,, यह वह स्थिति थी जिस पर राजू को अपनी मर्दाना ताकत के बलबूते पर विजई पताका लहरा ना था पूरी तरह से इस स्थिति पर काबू पाना था और वैसे भी घोड़ी बनाकर चोदने में संजू को कुछ ज्यादा ही मजा आता था इसलिए अपनी मां की गदराई हुई गांड को देख कर उसके मुंह में पानी आ गया था और वह अपनी मां की गुलाबी छेद में लंड डालने से पहले एक बार दोनों हाथों से उसकी गांड की बड़ी-बड़ी आंखों को पकड़ लिया और अपने प्यासे होठों को एक बार फिर से उसकी चूत पर लगाकर उसके काम रस को चाटना शुरू कर दिया,,,,,, एक बार फिर से आराधना के बदन में सिहरन सी दौड़ गई आराधना नहीं कभी भी अपने पति को इस तरह की हरकत करते नहीं देखा था कि एक बार लंड डालने के बाद दोबारा उसकी चूत पर अपना होंठ लगाया हो लेकिन संजू कुछ अलग ही था संजू ने अपनी इस हरकत से आराधना के बदन में जोश भर दिया था आराधना पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी संजू एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर मुठिया रहा था और दूसरी तरफ अपने होंठ से उसकी चूत से निकल रहे काम रस को चाट रहा था,,,,, आराधना इस बात से भी पूरी तरह से हैरान थी कि घंटो गुजर गए थे लेकिन उसके बेटे के लंड ने पानी का एक बूंद तक नहीं फेंका था और अभी तक उसी तरह से टनटनाकर खड़ा था,,,, आराधना की चूत टप टप चू रही थी और उससे काम रस को संजू अपना जीभ लगा कर चल रहा था खूबसूरत औरत की चूत से निकला काम रस कसैला और नमकीन स्वाद होने के बावजूद भी एक आदमी के लिए अमृत कीबोर्ड के समान होता है जिसे वह नीचे जमीन पर गिरने नहीं देना चाहता और उसे जीभ लगा लगाकर चाट जाता है,,, और यही काम ही समय संजू भाई अपनी मां के साथ कर रहा था घड़ी में तकरीबन 2:00 बज चुके थे लेकिन अभी तक चुदाई का सिर्फ प्रारंभ हुआ था,,,, और इसी से तो आराधना और भी ज्यादा हैरान थे क्योंकि इतनी देर रात तक वह संभोग क्रिया को करते हुए जागी नहीं थी या यूं समझ लो कि उसे रात भर जगा कर चोदने वाला अभी तक असली मर्द मिला ही नहीं था लेकिन आज की रात कुछ और थी आराधना का साथ ही बदल चुका था अशोक की जगह संजू ने ले लिया था इसलिए बिस्तर पर का पूरा खेल बदल चुका था सारे समीकरण धरे के धरे रह गए थे एक मजे हुए खिलाड़ी की तरह संजू धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था और इस खेल को और भी ज्यादा दिलचस्प बनाता जा रहा था संजू की ही वजह से आराधना भी थोड़ी बहुत बेशर्मी का प्रदर्शन करना शुरू कर दी थी क्योंकि उसे भी इस बात का एहसास हो गया था कि बेशर्मी दिखाए बिना इस खेल में मजा नहीं आने वाला इसीलिए तो वह घोड़ी बनकर अपनी बड़ी बड़ी गांड को हवा में उठाए हुए लेटी थी और अपनी नजर को पीछे घुमा कर अपने बेटे की हरकत को देख रही थी जहां से केवल उसका कान और बाल दिख रहे थे बाकी का मुंह वाला हिस्सा उसकी भारी-भरकम गांड के बीचो बीच छिपा हुआ था,,,, यह देख कर आराधना के गाल शर्म से लाल हो गए उसे इस बात का एहसास होने लगा कि उसकी गांड कुछ ज्यादा ही बड़ी-बड़ी और एकदम खोल है तभी तो उसके बेटे का पूरा वजूद उसकी गांड के पीछे छुपा हुआ था आराधना थोड़ा सा नीचे नजर की तो उसके होश उड़ गए उसके बेटे का लंड उसके ही चूत के काम रस में डूबा हुआ ठुनकी मार रहा था,,,, अपनी बेटी की टनटनाए लंड को देखकर आराधना का मन उसे पकड़ने को कर रहा था,,,, लेकिन पीछे तक हाथ जाना इस समय नामुमकिन था वह सिर्फ अपने बेटे की खड़े लंड को देखकर ही खुश हो रही थी,,, आराधना को अपने बेटे का लंड इस‌ समय गधे के लंड की तरह लग रहा था,,,,, उसकी चूत लगातार काम रस छोड़ रही थी संजू कुछ देर तक अपनी मां की चूत को चाट कर उसे फिर से गर्म कर दिया था और फिर बिस्तर के नीचे खड़े होकर ही वह अपनी मां की गांड को दोनों हाथों से पकड़ कर उसे अपने लंड के एकदम सामने लेकर आया और फिर आलूबुखारा के सामान अपने सुपाडे को फिर से अपनी मां के गुलाबी छेद में डाल दिया इस बार संजू को ज्यादा मशक्कत उठाने नहीं पड़ी क्योंकि धीरे-धीरे आराधना की चूत में संजू के लंड का सांचा बन चुका था और आराम से गप्प करके वह अंदर ले ली,,, संजू ने फिर से अपनी मां की चूत में पूरा लंड डाल दिया था और उसकी गांड को दोनों हाथों से पकड़कर बोला,,,।


अब देखना मेरी जान कैसे मैं तुम्हें छोड़ देता हूं तुम्हारी चूत से पानी ना निकाल दिया तो बोलना अब तक तुम पापा की छोटे लंड से मजा ले रही थी लेकिन आज असली मर्द से पाला पड़ा है,,,,,(अपने बेटे की बात सुनकर आराधना मारे उत्तेजना से गदगद हुए जा रही थी और उत्सुक भी किया उसका बेटा किस तरह से उस की चुदाई करेगा अपने कहे गए शब्दों की लाज रखते हुए पल भर में ही संजू ने रफ्तार पकड़ लिया और अपनी मां की चूत को चोदना शुरू कर दिया हर धक्के के साथ आराधना के मुंह से आह निकल जा रही थी और हर धक्के के साथ आगे की तरफ लुढक जा रही थी वह तो संजू ने अपने दोनों हाथों से बड़ी मजबूती से उसकी कमर को पकड़ रखा था वरना वह पहले धक्के में ही बिस्तर पर पसर जाती,,,,।)


आहहह आहहह आहहहह बाप रे,,,ऊफफ,,,,


क्या हुआ मेरी जान अभी से चिल्लाने लगी,,,,,


थोड़ा धीरे इतनी तेज अंदर लेने का मुझे अनुभव नहीं है,,,


यह शिकायत तो तुम्हें पापा से करनी चाहिए थी कि तुम्हारी चुदाई असली मर्द की तरह की ही नहीं,,,,,


आरररह आहहहहह ,,,,,,


देखो मम्मी कैसे तुम्हारी चूत में लंड अंदर बाहर हो रहा है,,,आहहह पीछे से चोदने का मजा ही कुछ और है,,,ऊममममममम,,(इतना कहने के साथ ही थोड़ा सा नीचे झुक कर अपनी मां की बड़ी-बड़ी गांड पर अपने होंठ रख कर चुंबन करने लगा,,,, संजू की यह हरकत दर्शा रहा था कि वह अपनी मां की खूबसूरत बदन से कितना प्यार करता है,,,,, संजू रुकने का नाम नहीं ले रहा था और आराधना की सबसे बड़ी तेजी से चलने लगी देखते ही देखते उसके बदन की अकड़ बढ़ने लगी थी और अगले ही पल हल्की सी चीख के आवाज के साथ उसका काम रस की पिचकारी छूट पड़ी और संजू अपनी चुदाई जारी रखते हुए अपनी मां का पानी निकाल चुका था,,,,,)

कैसा लगा मेरी जान छुट गया ना पानी,,,,,
(संजू जोर जोर से धक्के लगाते हुए बोला,,, अपने बेटे के मुंह से अपने लिए इस तरह की बात सुनकर अगर कोई और मौका होता तो शायद वह डूब कर मर जाती लेकिन इस समय अपने बेटे की यह बात उसे और भी ज्यादा मदहोश कर रही थी,,, लेकिन वह कुछ बोल नहीं पा रही थी उसे तो अपने बेटे की मर्दानगी पर धीरे-धीरे गर्व होना शुरू हो गया था क्योंकि बिना पानी छोड़े वह लगातार उसे चोद रहा था और वह भी तेज धक्कों के साथ,,, आराधना को ऐसा लग रहा था कि उसका बेटा आज उसकी चूत मार-मार कर सुजा देगा,,,,, कमरे में ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था बिस्तर पर दोनों मां-बेटे धमाचौकड़ी मचा रहे थे दोनों संपूर्ण रूप से नग्न अवस्था में आराधना भी नंगी और उसका बेटा भी नंगा आराधना की गुलाबी छेद में उसके बेटे का मोटा लंड अंदर बाहर हो रहा था जिसका सुख बड़े मदहोशी से आराधना ले रही थी पानी झर जाने के कुछ पल में वह फिर से गर्म होने लगी लेकिन अभी तक संजू का कुछ भी बिगड़ा नहीं था वह चुदाई का आनंद ले रहा था परमसुख प्राप्त कर रहा था एसा संभोग सुख जिसके बारे में उसने आज तक कल्पना भी नहीं किया था,,,,,,, अपने बेटे से चुदवाते समय आराधना यही सोच रही थी कि उसके कमरे में जो कुछ भी हो रहा है इस बारे में दुनिया वालों को क्या पता चलेगा यह राज तो उसके और उसके बेटे के बीच का है और दोनों में से कोई भी किसी को नहीं बताएगा तो फिर हर्ज ही क्या है इस तरह के रिश्ते को आगे ले जाने मे,,, ऐसा ख्याल मन में आते ही आराधना के चेहरे की चमक बढ़ने लगी,,,,, वह फिर से उत्तेजित होने लगी लेकिन इस तरह से घोड़ी बनकर चुदवाने से उसका बदन दर्द करने लगा था आराधना के जीवन में यह पहला मौका था जब आते समय उसका बदन दर्द कर रहा था,,,, उसकी कमर की हड्डियां चटक रही थी पलंग में से भी चरण चरण की आवाज आ रही थी शायद इसी को पलंग तोड़ चुदाई करते हैं इस बारे में आज जाकर आराधना को एहसास हुआ था,,,,,, जब कमर का दर्द सहन नहीं हुआ तो मदहोशी भरे स्वर में आराधना बोली,,,)

संजू अब बसकर मेरी कमर दुख रही है,,,

ऐसे कैसे मम्मी तुम्हारा तो निकल गया है मुझे बीच मझधार में छोड़ कर जाने के लिए कर रही हो,,,,

अरे सच में मेरी कमर बहुत तेज दुख रही है तेरा हर एक धक्का बहुत तेज लग रहा है,,,

इसे ही तो जबरदस्त चुदाई कहते हैं,,,

कुछ भी कहते हो लेकिन पोजीशन तो बदल दे मुझे लेट जाने दे फिर कर लेना,,,।
(आराधना अपने बेटे के साथ सहज हो रही थी वह अब आराम से अपने बेटे से इस बारे में बात कर रही थी इस बात की खुशी संजू को भी थी इसलिए अपनी मां की बात मानते हुए वह अपने लंड को अपनी मां की चूत से बाहर निकाल लिया,,,, और गांड पर थपथपाते हुए उसे लेट जाने का इशारा करने लगा,,,, आराधना गरम आह भरते हुए वापस पीठ के बल लेट गई लेकिन इस बार अपने पैर को बिस्तर के पीछे लटका दी और संजू भी तुरंत दोनों टांगों के बीच आ गया और कमर पकड़कर उसे थोड़ा और आगे की तरफ खींच लिया,,,, संजू एक बार फिर से अपने लंड को हिलाते हुए अपनी मां की चूत के छेद में अपना लंड डाल दिया और चोदना शुरू कर दिया इस बार वह बड़ी तेजी से अपनी मां को चोद रहा था क्योंकि वह भी चरम सुख के करीब पहुंच रहा था लेकिन बार-बार वह अपने को बाहर निकाल कर अपने हाथ से पकड़ कर लंड को वापस चूत में डाल रहा था ऐसा करने से आराधना की तरफ बढ़ जा रही थी उसे बड़े जोरों की पेशाब लगने का आभास होने लगा वह अपने बेटे से कुछ कह पाती इससे पहले ही अपने बेटे के तेज धक्के के साथ ही उसकी चूत के छोटे छेद से पेशाब का फव्वारा फूट पड़ा और यह देख कर संजू की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ गई वह अपनी मां को चोदते चोदते उसे पेशाब करा दिया था इसलिए वह बोला,,,,

Sanju ki chudai se pesaab ka fawwara foot pada


tum hamare ho
हाय मेरी रानी देखो मैंने बोला था ना मैंने तुम्हारा पै‍शाब निकाल दिया तुम चुदवाते चुदवाते मुत दी हो,,,।
(यह पल आराधना के लिए बेहद शर्मनाक था क्योंकि वाकई में वह मुत रही थी संजू के हर धक्के के साथ उसके चुत से पेशाब की धार फूट पड़ रही थी आराधना को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें वह इस समय शर्म से गाड़ी जा रही थी ऐसा उसके साथ पहले कभी नहीं हुआ था शायद इस तरह की चुदाई भी उसकी पहले कभी नहीं हुई थी इसीलिए लेकिन यह नया अनुभव बेहद मदहोश कर रहा था आराधना शर्मसार होने के बावजूद भी आनंद के सागर में गोते लगा रही थी और अपने बेटे के हर धक्के के साथ पेशाब की धार छोड़ रही थी चुदवाते चुदवाते मुतने का यह पहला अनुभव था,,,, संजू तुम्हारी खुशी और उत्तेजना से फूला नहीं समा रहा था वह अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा चुका था वह अपनी मां की कंधों को पकड़कर जोर-जोर से अपनी कमर हिला रहा था अपनी मां की मोटी मोटी जांघो के साथ उसकी खुद की जांघ टकराने से ठाप ठापकी आवाज आ रही थी,,,, जिसे सुनकर आराधना को इस बात का डर लग रहा था कि कहीं बगल वाले कमरे में सो रहे हैं मोहिनी जागना जाए लेकिन वह किसी भी तरह से अपने बेटे को रोकना नहीं चाहती थी क्योंकि उसको बहुत मजा आ रहा था,,,,,
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संजू जानता था कि किसी भी वक्त उसका पानी निकल जाएगा इसलिए वह अपनी मां के ऊपर चुप कर दोनों हाथों को उसकी पीठ के नीचे ले जाकर उसे कस के अपनी बाहों में जकड़ लिया और अपनी कमर जोर-जोर से हिलाना शुरू कर दिया देखते ही देखते आराधना के साथ-साथ संजू की भी सांसे तेज चलने लगी और कुछ ही धक्कों के बाद दोनों के बदन की अकड़न बड़ी और संजू ने अपना गर्म लावा अपनी मां की चूत में डालना शुरू कर दिया,,,,, दोनों का पानी निकल गया था दोनों पूरी तरह से तृप्त हो चुके थे आराधना इस खेल के दौरान तीन बार अपना पानी निकाल चुकी थी और संजू एक ही बार में अपनी मां को तीन बार झाड़ कर उसे ढेर कर चुका था,,,,, संजू अपनी मां के ऊपर ढेर हो चुका था थोड़ी देर बाद जब शांत होगा तो संजू अपनी मां के होठों पर अपने होंठ रख कर चुंबन करने लगा और बोला,,,।

आज तुमने मुझे मस्त कर दि हो कसम से ऐसा मजाक कभी नहीं आया था मैं कभी सोचा नहीं था कि तुम्हें चोदने में इतना ज्यादा मजा आएगा,,,।(संजू अपनी मां के ऊपर लेटे हुए हैं उससे गंदी गंदी बातें कर रहा था अभी भी उसका लंड उसकी मां की चूत में समाया हुआ था और उसकी अकड़ अभी भी बरकरार थी,,,, आराधना को अपने बेटे के साथ चुदवाने में एक अद्भुत सुख की प्राप्ति हुई थी जिसकी कभी उसने कल्पना भी नहीं की थी इसलिए उसे अपने बेटे पर बहुत प्यार आ रहा था और वह उसी तरह से उसकी पीठ पर अपनी हथेली रखकर सहला रही थी मानो कि जैसे उसे शाबाशी दे रही हो,,,,,

Sanju apani ms ko humach humach k chod raha tha

वासना का तूफान थम जाने के बाद संजू अपनी मां की चूत में से अपने लंड को बाहर निकाला और उसके बगल में पीठ के बल ढेर हो गया,,,,, आराधना भी पीठ के बल लेटी हुई थी अपने बेटे की तरफ करवट लेकर सोने में उसे शर्मिंदगी महसूस हो रही थी,,,,,,, दोनों के बीच खामोशी छाई हुई थी आराधना घड़ी में टंकी दीवार की तरफ देखी तो उसके होश उड़ गए घड़ी में 3:30 का समय हो रहा था इतनी देर तक भला कोई कैसे चोद सकता है और वह भी बिना पानी निकाले वह हैरान थी अपने बेटे की मर्दाना ताकत पर उसे अपने बेटे के लंड पर गर्व होने लगा था,,,,, सुबह होने में
कुछ घंटों का समय रह गया था इतनी देर तक तो वह सुहागरात के रात को भी नहीं जागी थी जैसा कि आज उसके बेटे ने जगाया था वह बात की शुरुआत करते हुए बोली,,,।

बाप रे 3:30 बज गया है,,,,,

तो क्या हुआ,,,, मैं तो रात भर तुम्हारी चूत में लंड डालकर पड़ा रहुं,,,,
(अपने बेटे की बात सुनकर आराधना मुस्कुराते हुए तिरछी नजर से अपने बेटे के लंड की तरफ देखते हुए बोली जो कि अभी भी हल्का सा सिर्फ ढीला पड़ा था बाकी अपनी अकड़ दिखा रहा था,,)

वह तो मैं देख ही रही हूं,,,,

क्या देख रही हो मम्मी,,,(संजू जानता था लेकिन फिर भी जानबूझकर बोला वह अपनी मां के मुंह से सुनना चाहता था,,,)

ये,,,(अपना हाथ आगे बढ़ाकर उंगली से लंड का स्पर्श करते हुए बोली,,, संजू को अपनी मां की यह हरकत बहुत ही अच्छी लगी इसलिए वह मुस्कुराते हुए बोला,,)

कमजोर नहीं हुआ है यह अभी फिर से तुम्हारी चूत में जाकर धमाल मचा सकता है,,,,


चल अब रहने दे इस से कुछ होने वाला नहीं है,,,,(आराधना का मन फिर से चुदवाने को करने लगा था आखिरकार महीने बाद जुदाई का असली सुख जो प्राप्त की थी महीने बाद तो वह लंड को चूत में ली थी लेकिन चुदाई का असली सुख तो उसे जिंदगी में पहली बार ही मिल रहा था इसलिए उससे रहा नहीं जा रहा था,,, संजू जानता था कि उसकी मां का भी मन फिर से कर रहा है इसलिए वह बोला,,,)


आ जाओ चढ जाओ मेरे लंड पर फिर दिखाता हूं कि अभी इसमें कितना दम है,,,,,(अपने लंड को हाथ में पकड़ कर हीलाते हुए बोला,,,)

नहीं अब सुबह होने वाली है तुझे अपने कमरे में कहीं मोहिनी की नींद खुल गई और तुझे कमरे में नहीं देखेगी तो इधर तक आ जाएगी,,,

पहले आओ मेरे ऊपर फिर मैं चला जाऊंगा,,,

देखा फिर तू जिद कर रहा है आखिर कर तो लिया अपनी मनमानी,,,

एक बार फिर से करने दो,,,


तू मानेगा नहीं ना,,,

एक बार में तो मैं बिल्कुल भी मानने वाला नहीं हूं,,,,(अपने लंड को हिलाते हुए जोकि फिर से धीरे-धीरे अपनी औकात में आ चुका था अपने बेटे के खड़े लंड को देखकर आराधना की चूत फिर से फुदकने लगी अपने बेटे की बात को मारने के सिवा उसके पास और कोई चारा नहीं था क्योंकि इसमें उसकी भी खुशी दे इसलिए वह अपने बेटे को आंख दिखाते हुए बोली,,,)

तू सच में कमरे से बाहर नहीं जाएगा,,,

एक बार फिर से दे दो फिर चला जाऊंगा,,,

बाप रे कितना शैतान है तू,,,(इतना कहने के साथ ही वह उठने लगी और अपने बेटे की तरफ देख कर उसकी कमर के इर्द-गिर्द अपने पैर के घुटने रखकर अपनी जगह बनाने लगी एक बार फिर से संजू के बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ में लगी थी उसकी मां उसके लंड पर चढ़ने वाली थी धीरे-धीरे आराधना की भी शर्म खत्म हो रही थी जो कि संजू को साफ दिखाई दे रही थी और यही तो संजू देखना चाहता था कि उसकी मां अभी भी शर्म आती है या मजा लेने के लिए उत्सुक हैं देखते ही देखते आराधना अपना हाथ नीचे की तरफ लाकर अपने बेटे के खडे लंड को पकड़ ली और उसे अपनी गुलाबी चूत के छेद पर रखने लगी देखते ही देखते आराधना अपना अनुभव दिखाते हुए अपनी भारी-भरकम कांड को अपने बेटे के लंड पर रखना शुरू कर दी और देखते ही देखते उसकी चूत की गहराई में संजू का लंड खो गया और सीधा जाकर आराधना के बच्चेदानी से टकरा गया आराधना पूरी तरह से मस्त हो गई और धीरे-धीरे अपनी गांड को अपने बेटे के लंड पर पटकना शुरू कर दी,,, संजू अपने दोनों हाथों को अपनी मां की गांड पर रखकर उसे थाम लिया और बोला,,,।

क्या मम्मी पापा के साथ ऐसा की हो क्या,,,



तेरे पापा जबरदस्ती मुझसे ऐसा करवाए थे लेकिन उनके छोटे से लंड में इतना मजा नहीं आया था जिसकी तेरे साथ आ रहा है,,,,,आहहहहह,,,,,(तब तक वह खुद ही जोर से अपनी गांड को अपने बेटे के लंड पर पटक दिया और लंड सीधे जाकर उसके बच्चेदानी से टकराया और उसके मुंह से आह निकल गई आराधना बड़े आराम से अपने बेटे के लंड पर गांड पटक रही थी उसे बहुत मजा आ रहा था,,,,, लेकिन संजू नीचे से धक्का लगाना चाहता था इसलिए अपनी मां की चूची पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींचा उसकी मां उसकी तरफ झुकने लगी और वह तुरंत अपनी बाहों का घेरा उसके गले में डाल कर उसे अपने बदन से सटा लिया जिससे उसकी गांड हवा में ऊपर की तरफ उठ गई और संजू नीचे से अपनी कमर उछाल उछाल कर अपनी मां को चोदना शुरु कर दिया,,,, यह चुदाई भी लगभग 25 से 30 मिनट तक चली और दोनों फिर से झड़ गए,,,, एक ही रात में संजू ने अपनी मां को चोद चोद कर एकदम थका डाला था इसलिए पानी निकलने के बाद तुरंत वह अपने ब्यूटी के लंड पर से उठी और तुरंत बगल में धमम से पीठ के बल पसर गई,,,, संजू भी वही सो गया सुबह जब 5:30 का अलार्म बजा तो संजू की नींद खुली,,,, तो अपने बगल में अपनी मां को एकदम नंगी देखकर उसका लंड फिर से खड़ा होने लगा अपनी मां की नंगी गांड पर हाथ घुमा ने लगा जिससे आराधना की भी नींद खुल गई लेकिन घड़ी की तरफ देखकर उसके होश उड़ गए हो तुरंत बिस्तर पर से उठी और अपने कपड़े पहने लगी संजू उसे रोकने की कोशिश करने लगा लेकिन आराधना बिल्कुल भी नहीं मानी
वह तुरंत कमरे के बाहर आ गई और संजू भी बाहर आ गया वह संजू को कमरे में चले जाने के लिए बोली क्योंकि अभी मोहिनी सो रही थी एक ही रात में आराधना ने अपने बेटे को अद्भुत सुख दी थी इसलिए उसकी बात मानते हुए संजू कमरे में जाकर कुछ देर के लिए सो गया,,,।

अद्भुत अविस्मरणीय उत्तेजना के परमोच्च शिखर प्राप्त कर दिया हैं ये अपडेट
निशब्द कर दिया संजु और असकी माँ आराधना के प्रथम संभोग अध्याय ने
इस संभोग अध्याय के बारे में कहने के लिये शब्द ही नहीं मिल रहे
अप्रतिम लिखान अद्भुत लेखनी
निशब्द निशब्द
 

Raj_sharma

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सुबह उठने पर मोहिनी के लिए दिन सामान्य था लेकिन आराधना और संजू के लिए असामान्य हो चुका था,,,, रात भर की जबरदस्त चुदाई के बाद लाजमी था कि एक छुईमुई सी खूबसूरत आराधना के खूबसूरत बदन में थोड़ा बहुत दर्द हो और वह थोड़ा लड़खड़ा कर भी चल रही थी क्योंकि रात भर संजू ने अपने मोटे तगड़े लंबे लंड से अपनी मां की जबरदस्त चुदाई किया था पहली बार आराधना के खूबसूरती गुलाबी सुराग में मुसल जैसा लंड गदर मचाया था जिसके चलते वाकई में चलते समय उसकी कमर बलखा जा रही थी,,,,,,,, वह तो गनीमत था कि आराधना अपने बदहवास और मदहोश बेटे को जबरदस्ती उसके कमरे में भेज दी वरना एक बार फिर से वह अपनी मां की चूत में लंड डालने के लिए तैयार हो गया था,,,, आराधना अपने बेटे की काम शक्ति को देखकर पूरी तरह से हैरान थी वह कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि कोई इस तरह से भी चुदाई करता होगा अलग-अलग आसन के साथ-साथ घंटो तक अपनी कमर हिलाने पर भी वह बिल्कुल नहीं थका था रात भर जागा और जगाया ना खुद सोया और ना सोने दिया,,, ऐसी अद्भुत ताकत को देखकर अभी भी आराधना की चूत से काम रस टपक रहा था,,, जिंदगी में पहली बार ऐसा हुआ था कि आराधना सुबह तक संभोग सुख लेते लेते जाग रही थी,,,, अपने पति के साथ आराधना इस तरह के अनुभव से कभी नहीं गुजरी थी ज्यादा से ज्यादा 12:30 या 1:00 बजे तक ही अशोक और आराधना की काम क्रीड़ा चलती थी और वह भी कुछ मिनटों के लिए ही यह तो पहली बार हुआ था कि वह सुबह 5:00 बजे तक जाग रही थी और अब सोने का कोई सवाल नहीं था वह जानती थी कि अगर अपने बेटे को फिर से मनमानी करने देती तो 6:00 भी बज जाता क्योंकि एक ही रात में आराधना अपने बेटे की काम तर्ष्णा और उसकी मर्दाना ताकत को भाप गई थी,,,,,,

आराधना जबरदस्ती अपने बेटे को उसके कमरे पर भेजने के बाद वही बाहर है कुर्सी पर बैठ गई थी और रात भर की घटनाक्रम के बारे में सोचने लगी थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि जो कुछ भी उसने कि वह सही है या गलत अच्छी तरह से जानती थी कि समाज की नजरों में नैतिकता के रूप में जो कुछ भी दोनों के बीच हुआ वह गलत था लेकिन अगर जरूरत के मुताबिक देखा जाए तो कुछ भी गलत नहीं हुआ था,,,, आराधना अपने मन में ही सोच रही थी कि चारदीवारी के अंदर क्या हो रहा है दूसरों को क्या मालूम अगर दुनिया की नजरों से छुपकर घर की चारदीवारी के अंदर वह और उसका बेटा संभोग करके एक अद्भुत सुख को प्राप्त कर रहे हैं तो इसमें गलत ही क्या है जरूरत तो उसकी भी है मजबूरी भी है आखिरकार एक औरत होने के नाते उसे भी अपने सुख पर अपनी जरूरत के बारे में सोचना चाहिए जैसा कि उसकी बड़ी दीदी ने कही थी और खुद अपनी ही बात पर अमल भी कर रही थी,,,,, कुर्सी पर बैठे-बैठे आराधना इस बारे में सोच कर हैरान हो जा रही थी कि अगर इस बारे में किसी को पता चल गया तो वह दुनिया को क्या मुझे दीखाएगी फिर इस बात से उसे तसल्ली होती थी कि दूसरों को पता ही कैसे चलेगा उसका बेटा तो कभी अपने मुंह से बताने वाला नहीं है कि वह अपनी मां को चोदता है और वह खुद बदनामी वाली बात अपने होठों पर किसी भी सूरत में लाने वाली नहीं है तो दोनों पहिया राज राजा ही रहेगा और इसी तरह से दोनों एक दूसरे को मजा देते रहेंगे और लेते रहेंगे,,,,, इस बारे में सोच कर आराधना के खूबसूरत चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आने लगे क्योंकि यह बात वह भी अच्छी तरह से जानती थी कि रात को जो कुछ भी हुआ था वह बेहद अद्भुत अविस्मरणीय और लाजवाब था जिसे वह कभी नहीं भूल पाएगी वह कभी सोची भी नहीं थी कि चुदवाने में इतना आनंद भी आता होगा वरना अपने पति के छोटे से लंड से वह कभी भी उत्तेजना के चरम शिखर पर पहुंचकर चरम सुख को प्राप्त नहीं की थी लेकिन उसके बेटे ने अपनी कामकला और अपनी हरकत से जो आनंद और चर्मसुख दिया है वह बेहद अद्भुत था,,,,, आराधना अपने बेटे की हरकत के बारे में भी सोच रही थी कि कैसे वह अपने ही हाथों से उसके कपड़ों को उतारता गया उसके बदन पर से उसका एक-एक लिबास उतारकर उसे नग्न करता रहा और तब तक उतारता रहा जब तक कि वह बिस्तर पर संपूर्ण रूप से नंगी ना हो गई,,,, अपने बेटे के सामने संपूर्ण रूप से नग्न अवस्था मैं उसे बेहद शर्म का अनुभव हो रहा था और इस बात से उसे इनकार भी नहीं था कि शर्म के साथ-साथ उत्तेजना का भी अनुभव उसे बराबर हो रहा था,,,। आराधना दिल में जो कुछ भी उसके बेटे ने हरकत किया था उसे वह पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी दिन में ही वह अपने बेटे के लंड को अपनी चूत में ले लेती और एक अद्भुत सुख को प्राप्त करके एक नया जीवन की शुरुआत करती लेकिन ऐन मौके पर महीने के आ जाने से रंग में भंग पड़ गया था लेकिन दिन की कसर को वह रात को पूरी कर लेना चाहती थी इसीलिए तो मोहिनी के सामने दरवाजा बंद करने के बाद वह थोड़ी देर बाद खुद अपने दरवाजे को खोल दी थी ताकि उसका बेटा आराम से उसके कमरे में दाखिल हो सके,,,,,, लेकिन एक बार दरवाजा बंद कर लेने के बाद दोबारा जब उसे आराधना को लेने गई थी तो उसका दिल जोरों से धड़क रहा था ऐसा लग रहा था कि जैसे वह अपने प्रेमी के लिए दरवाजे को खोल रहे हो ताकि वह रात को आराम से उसके कमरे में आ सके एक अद्भुत अनुभव उसके तन बदन को अपने आगोश में ले रहा था,,,,,, सच में अद्भुत अनुभव से आराधना गुजर रही थी जब वह अपने बेटे के लिए दरवाजा खोल रही थी,,, ऐसा लग रहा था कि जैसे बड़े किसी और के लिए अपने कपड़े खुद उतार रही हो,,,,
दरवाजा खुला छोड़ कर बिस्तर पर आने के बाद आराधना को नींद नहीं आ रही थी वह बिस्तर पर करवटें बदल रही थी उसका बदन कसमसा रहा था एक अजीब और मीठा सा दर्द उसके बदन में हो रहा था जिसका एहसास हुआ दिन नहीं अपने बेटे की हरकत से महसूस कर ली थी जब उसके बेटे ने कुर्सी पर अद्भुत तरीके से उसकी टांगों को खोलकर बिठाया था और उसके गुलाबी क्षेत्र पर अपनी जीभ रखकर उसके कसैले स्वाद को अपने अंदर उतारा था,,,,, इसीलिए तो मान मर्यादा से संस्कारों से पली हुई आराधना अपने बेटे की मदहोश कर देने वाली हरकत और उसकी जीद के आगे रिश्ते और मर्यादा की दीवार को गिराने में बिल्कुल भी विचार नहीं की और अपने बेटे का एक नई दुल्हन की तरह इंतजार करने लगी जैसे जैसे घड़ी की सुई आगे बढ़ रही थी वैसे वैसे आराधना बेचैन हुए जा रही थी,,, 11:45 का समय होते ही उसे अपनी गलती का अफसोस होने लगा वह अफसोस करने लगे कि उसे अपने बेटे के सामने दरवाजा बंद करके कड़ी नहीं लगाना चाहिए था शायद इसीलिए वह उसके कमरे में नहीं आया और सो गया उसे इस बात का जरा भी आवाज तक नहीं था कि उसका बेटा उसकी ही खूबसूरत बेटी की चूत में अपने लंड डालकर गर्मी शांत कर रहा है जो कि खुद उसकी ही बदौलत वह गरमा गया था,,,
काफी देर तक अपने बेटे के ना आने की वजह से उसके मन में निराशा फैल गई थी और वह भी सोने की कोशिश कर रही थी लेकिन तभी उसके कानों में बगल वाले कमरे का दरवाजा खोलने की आवाज आई तो उसका दिल जोरो से धड़कने लगा और तभी बाथरूम का दरवाजा खुला वह अपने मन में यही सोच रही थी कि काश उसका बेटा उसके कमरे की तरफ नजर भर कर देख ले तो उसे भी एहसास हो जाएगा कि उसकी मां ने उसके लिए दरवाजा खुला छोड़ दिए और ऐसा ही हुआ बाथरूम से निकलने के बाद संजू की नजर अपनी मां के कमरे पर गई और दरवाजा खोला देखकर वह खुशी से झूम उठा था अपने बेटे की आहट अपने कमरे में पाकर उसका दिल जोरो से धड़कने लगा था और वही हुआ जिसका उसे डर था वह अपने बेटे के साथ मां बेटे के पवित्र संबंधों को तार-तार करते हुए एक औरत और मर्द का रिश्ता कायम कर ली थी जिसमें उसे बेहद संतुष्टि और खुशी प्राप्त हो रही थी,,,,

कुर्सी पर बैठे बैठे ही आराधना की चूत से काम रस फिर से टपकने लगा था यह उसके बेटे की ही देन थी कि रात भर जमकर चुदवाने के बाद भी उसकी चूत से काम रस टपक रहा था वरना अशोक में इतना दम ही नहीं था कि वह उसकी चूत से बार-बार पानी निकाल सके,,, गहरी सांस लेते हुए आराधना कुर्सी पर से उठी और झाड़ू लेकर सारे कमरों में झाड़ू लगाकर सफाई करना शुरू कर दे धीरे धीरे सुबह हो गई थी आराधना सबसे पहले नहाती थी और इसीलिए बाथरूम में जाकर वह अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो गए अपनी चूत की तरफ देखी तो अभी भी वह कचोरी की तरह फूली हुई थी मानो कि जैसे रात भर की चुदाई की वजह से सुज गई हो,,,,,,, आराधना अपने बदन पर पानी डालने के बाद साबुन लेकर अपनी चूत पर सबसे पहले साबुन लगाकर साफ की क्योंकि रात भर उसके बेटे का गरम लावा इसी पर गिरा था आराधना अपने संपूर्ण बदन पर साबुन लगा लगाकर साफ कर रहे थे और मंद मंद मुस्कुरा भी रही थी ऐसा लग रहा था कि जैसे गुजरी हुई रात उसकी सुहागरात थी और एक बेहद सुखमय सुहागरात मनाने के बाद जो खुशी एक दुल्हन के चेहरे पर होती है वही खुशी आराधना के भी खूबसूरत चेहरे पर साफ झलक रही थी,,,, आराधना नहा चुकी थी और अपने बदन पर केवल टावर लपेटकर बाथरूम का दरवाजा खोल कर देखने लगी की मोहिनी के कमरे का दरवाजा खुला है या नहीं दरवाजा बंद होने पर वह उसी तरह से बदन पर टावल लपेटे हुए ही अपने कमरे में चली गई और कमरे का दरवाजा बंद करके टावल को उतारकर बिस्तर पर फेंक दी और एक बार फिर से,,,, आदम कद आईने के सामने नंगी खड़ी हो गई,,,, आईने में अपनी नंगे बदन को एक बार फिर से देखने लगी,,, महीनों गुजर गए थे वह अपने खूबसूरत बदन को आईने में देखना बंद कर देते लेकिन अपने बेटे का अपने प्रति आकर्षण को देखकर वह अपने आपको आईने में देखने से रोक नहीं पाई थी और अब जाकर उसे इस बात का एहसास हो रहा था कि इस उम्र में भी उसने अपने बदन की बनावट को एक जवान लड़की की तरह बरकरार रखी हुई थी बस थोड़ा सा मांसल बदन हो गया था और सही मायने में गुदाज और गदराया बदन ही मर्दों के आकर्षण का केंद्र होता है औरतें अपने गदराए बदन की ताकत से ही मर्दों को अपनी तरफ रीझाने में कामयाब हो जाती है,,, लेकिन आराधना को इस बात का गर्व हुआ था कि उसने अपने बेटे को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए ऐसा कुछ भी नहीं की थी जैसा कि एक औरत मर्दों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए करती हैं एक नौजवान लड़का जो अभी-अभी जवान हुआ हो इस उम्र की औरतों में इतना रुचि नहीं लेता जैसा कि उसका बेटा उसके प्रति ले रहा था और आलम यह था कि रात में दो बदन एक जान हो गए थे,,, आईने में आराधना गोल-गोल घूम कर अपने संपूर्ण बदन के भुगोल को देख रही थी गोल गोल खरबूजे जैसी चूचियां अभी भी पपाया की तरह तनी हुई थी मांसल चिकना पेट एकदम चर्बी रहीत था,,, गहरी नाभि की गहराई में अपनी उंगली डालकर गोल-गोल घुमाते हुए आराधना अपने मन में सोचने लगी कि उसकी नाभि भी उसकी चूत से कम नहीं थी बेहद खूबसूरत लग रही थी दोनों टांगों के बीच की पतली दरार पर नजर गई तो अपनी चूत को देखकर आराधना खुद शर्म से पानी-पानी हो गई उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि इसी चूत से जिस चूत से उसका बेटा जन्म लिया था वही रात भर इसी चूत में अपना लंड डालकर उसकी चुदाई किया है और इस बात से भी हैरान थी कि छोटे से गुलाबी छेद में उसके बेटे का बम पिलाट लंड कैसे खो जा रहा था,,,,, अनजाने में ही आराधना अपनी चूत पर अपनी हथेली ना कभी तो अपनी सोच की वजह से उसके बदन में उत्तेजना खिलाया रोड रही थी जिसकी वजह से उसकी चूत से काम रस टपक रहा था और वह उसकी हथेली में लग गया था और वह तुरंत अपनी हथेली अपनी चूत पर से हटा कर उसे ठीक अपनी नजरों के सामने कर दी थी और हथेली में लगे अपने काम रस को देख रही थी उसे खुद ही अपनी नाक के नजदीक लाकर उसकी खुशबू को महसूस कर रही थी और सोच रही थी की चूत से निकले काम रस में ऐसा क्या है जो कि उसका बेटा पागलों की तरह चाट रहा था और उसका एक बूंद भी जमीन पर गिरने नहीं दे रहा था,,,, आराधना को अपने ही चूत से निकले काम बरस की खुशबू थोड़ी अजीब लग रही थी और यह सोचकर और हैरान हो रही थी कि जब इसकी खुशबू ऐसी है तो उसका बेटा कितनी हिम्मत करके उसे चाटा है शायद आराधना एक औरत होने के नाते भी यह बात बोल गई थी कि मदहोशी में मर्द औरत की चूत से निकला काम रस तो क्या उसकी गांड का छेद भी जीभ से चाट जाता है,,,

अपने चेहरे पर मुस्कुराहट लेकर वह,,, अलमारी की तरफ गई और अलमारी में से अपने बेटे के द्वारा खरीदी गई ब्रा और पेंटी निकाल ले और उसे पहन ली जो कि बेहद आरामदायक लग रहा था अब ब्रा और पैंटी पहनने में उसे बिल्कुल भी झिझक नहीं हो रही थी अब तो उसे इस बात की खुशी थी कि उसने उसके बेटे के द्वारा खरीदी गई ब्रा और पेंटी पहनी है वरना उसे पहनने के बारे में सोचकर ही वह शर्म से पानी-पानी हो जाती थी लेकिन एक ही रात में संजू ने अपनी जबरदस्त चुदाई का प्रदर्शन करते हो अपनी मां की सोच को पूरी तरह से बदल दिया था,,,, अब वो भी अपनी बड़ी दीदी की तरह सोचने लगी थी,,,, ब्रा और पैंटी पहन ने के बाद वह फिर से आदम कद आईने के सामने आकर खड़ी हो गई,,, और अपने आप को देख कर उसके चेहरे पर प्रसन्नता और खुशी के भाव नजर आने लगे वाकई में वह स्वर्ग से उतरी हुई अप्सरा लग रही थी परी लग रही थी जैसा कि उसका बेटा कहता रहता है अपने बेटे की बात उसे आज बिल्कुल भी अतिशयोक्ति नहीं लग रही थी वह पूरी तरह से अपने बेटे की बात से सहमत थी,,, और मन ही मन अपने खूबसूरत बदन की बनाई ले रही थी कि यह बदन ऐसा ही बरकरार रहे ताकि उसका बेटा जिंदगी भर उसकी तरफ आकर्षित रहे और उससे ढेर सारा प्यार करें,,,,

थोड़ी ही देर में आराधना कपड़े पहन कर रसोई में खाना बनाने लगी थी नाश्ता तैयार करने लगी थी और संजू भी उठ गया था मोहिनी अभी सो रही थी संजू बाथरूम में जाकर नित्य कर्म से निपटकर ब्रश कर रहा था और नहाने जा रहा था,,, संजू भी अपनी मां की तरह ही बाथरूम में जाते अपने सारे कपड़े उतार कर नंगा हो गया था और रात की मदहोशी अभी भी उसके बदन पर छाई हुई थी लंड अभी भी पूरी तरह से हरकत में था उस पर अभी भी उसकी मां की चूत का काम रस लगा हुआ था अपनी मां की खूबसूरत पिघलती भी जवानी को अपने लंड पर महसूस करके संजू एक बार अपने लड़के को अपनी मुट्ठी में कस के दबाते हुए बोला,,,।

ओहहह मम्मी,,,,,
(पूरी तरह से गर्म होने के बावजूद भी संजू ने आज मुठिया नहीं मारा क्योंकि अब उसे इसकी जरूरत बिल्कुल भी नहीं थी जिसके बारे में सोच सोच कर वह अपने हाथ से हीलाता था अब वो खूबसूरत औरत औरत की चूत उसके मुट्ठी में आ चुकी थी इसके लिए जल्दी से नहा कर कपड़े पहन कर तैयार हो गया और थोड़ी देर में मोहिनी भी उठ गई और वह भी ब्रश करने लगी, और वह जैसे ही बाथरूम में नहाने के लिए गए संजू तुरंत रसोई घर में आ गया और अपनी मां को देखकर मुस्कुराने लगा आराधना अपने बेटे से नजर नहीं मिला पा रही थी लेकिन उसके होठों पर भी मुस्कान थी वह नजरों को नीचे करके सब्जी काट रहे थे अपनी मां की उभरी हुई गांड देखकर संजू से रहा नहीं गया और वह भी अपनी मां के पीछे जाकर खड़ा हो गया और उसे अपनी बाहों में लेकर अपने लंड के खड़े होने का निर्देश उसे उसकी गांड पर साड़ी के ऊपर लंड रगड़ करदेने लगा,, रात का नशा अभी भी आराधना की आंखों में साफ नजर आ रहा था लेकिन फिर भी वह ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहती थी कि मोहिनी की नजर में आ जाए इसलिए वह संजू से बोली,,,।)

पागल हो गया है क्या मोहिनी आ जाएगी सब गड़बड़ हो जाएगा अब तो मैं तेरी हो गई हूं फिर भी तुझसे सब्र क्यों नहीं होता,,,

ओहहहह मम्मी तुम्हें क्या लगता है कहीं रात में सब कुछ हो गया यह तो अभी शुरुआत है,,,,(अपनी मां की गर्दन पर चुंबन करते हुए वह बोला और अपनी हरकत से आराधना को भी बता रहा था कि यह इतनी जल्दी खत्म होने वाला नहीं है तो आप शुरुआत है आगे या खेल जारी रहेगा और उसकी प्यास ऐसे ही बढ़ती जाएगी लेकिन आराधना डर रही थी खबर आ रही थी किसी भी वक्त मोहिनी आ सकती थी,,,, उसके डर को खत्म करते हुए संजू बोला,,,)

अभी-अभी मोहिनी बाथरूम में गई है और इतनी जल्दी बाहर निकलने वाले हैं और वैसे भी बाथरूम के दरवाजे के खुलने और बंद होने की आवाज कुछ ज्यादा ही तेज होती है तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो मम्मी,,,(ब्लाउज के ऊपर सही अपनी मां की चूची को दबाते हुए बोला,, आराधना भले उसे रोक रहे थे लेकिन अपने बेटे के खड़े लंड को अपनी गांड पर महसूस करके वह भी गर्म होने लगी थी लेकिन उसे डर भी था और उसके डर के भी चाहिए संजू फिर से मनमानी करते हुए उसकी साड़ी को ऊपर की तरफ उठाने लगा था आराधना उसे रोकने की कोशिश कर भी रही थी और उसे आगे बढ़ने भी दे रही थी क्योंकि वह उस तरह से बचाव नहीं कर रही थी जिस तरह से करना चाहिए था संजू मौके की नजाकत को अच्छी तरह से समझता था वह जानता था कि मोहिनी कुछ समय बाथरूम में ही गुजारती है ,,, इसलिए अपनी मां के रोकने के बावजूद भी वहां अपनी मां की साड़ी को कमर तक उठा दिया था आराधना एक बार फिर से अपने बेटे की हरकत की वजह से गरम हो चुकी थी कमर तक साड़ी के उठते हैं संजू को अपने द्वारा खरीदी गई पेंटिं नजर आई और वह खुश होता हुआ बोला,,,।

वह मम्मी मुझे बहुत खुशी हुई कि तुम पैंटी पहनी हो और वह भी उस दिन खरीदी हुई देखो तुम्हारी गांड पर कितनी खूबसूरत लग रही है,,,।
(अपने बेटे के मुंह से गांड शब्द सुनते ही एकदम से शर्म आ गई और बोली)
धीरे बोल मोहिनी सुन लेगी,,,

नहीं सुनेगी मम्मी,,,(पर इतना कहने के साथ ही संजू अपनी हथेली को पीछे से आगे की तरफ ले जाते हुए उसकी पैंटी के ऊपर से हाथ रखकर चूत की स्थिति को परखने लगा जो की पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और अपनी मां की चूत को गीली होता हुआ देखकर संजू बोला,,)

वह मम्मी यह हुई ना बात मेरी तरह तुम भी तड़प रही हो,,,

चल रहने दे मैं नहीं तड़प रही हूं साड़ी नीचे कर दे मोहिनी आ जाएगी,,,

मुझसे झूठ मत बोलो मम्मी मैं भी जानता हूं कि तुम भी मेरे लंड के लिए तड़प रही हो तभी तो चूत पानी फेंक रही है और कह रही हो साड़ी नीचे कर दु,,, मैं साड़ी तो नहीं लेकिन तुम्हारी पेंटी जरूर नीचे कर दूंगा,,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू अपनी मां की नई-नई मुलायम पेंटिं को अपने हाथ से पकड़ कर ही झटके से नीचे कर दिया,,, उसका उतावलापन देखकर अनायास ही आराधना के मुंह से निकल गया,,,)

अरे अरे संभाल कर फट ना जाए,,,,

चिंता मत करो मम्मी पहनती नहीं फटेगी लेकिन तुम्हारी चूत जरूर फाड़ दूंगा और वैसे भी अगर पेंट फट दी गई तो नया खरीद दूंगा,,,

बहुत पैसे हो गए हैं ना तेरे पास,,,(आराधना अपने बेटे से बात भी कर रही थी और बार-बार दरवाजे की तरफ देख भी ले रही थी और पीछे नजर करके अपने बेटे की हरकत को भी देख रही थी संजू ने आराधना की पेंटी को उसके घुटनों तक ला दिया था उसकी बड़ी बड़ी नंगी गांड देखकर एक बार फिर से संजू के मुंह में पानी आने लगा था और आराधना भी अपने बेटे की अगली हरकत के लिए अपने आप को पूरी तरह से तैयार कर ली थी संजू तुरंत,,, थोड़ा सा नीचे झुकते हुए बोला)

बहुत पैसे हैं मम्मी तुम्हारे लिए तुम जो कहोगी वह तुमको लाकर दूंगा,,,,,,(और इतना सुनकर आराधना कुछ बोल पाती इससे पहले ही संजू अपने हाथों से उसकी बड़ी-बड़ी गांड को दोनों हाथों से पकड़कर फैलाते हुए अपनी प्यासी होठों को उसकी चूत पर रख दिया और आराधना के शब्द उसके गले में ही घुट कर रह गए और वह गर्म सिसकारी लेने लगी संजू एक बार फिर से अपनी मां के काम रस को चाट रहा था और आराधना भी अब अपने बेटे से खुल चुकी थी इसलिए अपनी बड़ी बड़ी गांड को अपने बेटे के मुंह पर रगड़ रही थी गोल-गोल घुमा रही थी ऐसा करने में उसे अद्भुत सुख मिल रहा था और अपनी मां की हरकत को देखते हुए संजू की पूरी तरह से मस्त हो गया था वह तुरंत खड़ा हुआ क्योंकि वह जानता था कि उन दोनों के पास समय ज्यादा नहीं है और वहां अपने पेंट की चैन खोलकर उसमें से अपने लंड को बाहर निकाल कर सीधा अपनी मां के गुलाबी छेद में डाल दिया और उसके कमर पकड़कर रसोई घर में चोदना शुरू कर दिया आराधना के लिए अभी पहला मौका था जब वह रसोई घर,,, में चुदवा‌ रही थी,,,
आराधना एक बार फिर से अपने बेटे के मोटे लंड को अपनी चूत में महसूस करके पूरी तरह से मस्त हो गई,,,,,, अपनी आंखों को बंद करके गरमा गरम आहें भरने लगी संजू ने अपनी हरकत से पूरी तरह से उसे अपनी आगोश में ले लिया मदहोश कर दिया उसकी गांड को दोनों हाथों से पकड़कर वह अपने लंड को अंदर बाहर कर रहा था आराधना कभी सोचे नहीं थे कि इस तरह से उसका बेटा रसोई घर में उसे दबोच लेगा,,, अपनी बेटी की हरकत और उसकी हिम्मत की मन ही मन वह दाद दे रही थी,,,, आराधना के काम रस के रिसाव के कारण लंड और चूत के मिलन से चप्प चप्प की आवाज आ रही थी,,,, राजू जानता था कि उसके पास समय कम है इसलिए वह अपनी कमर को जोर जोर से हिला रहा था बड़ी तेजी से संजू का उसकी मां की चूत के अंदर बाहर हो रहा था,,, आराधना भी यह बात अच्छी तरह से जानती थी कि मोहिनी किसी भी समय बाथरूम से बाहर आ जाएगी इसलिए वह अपने बेटे से बोली,,,।

संजू जल्दी कर मोहिनी किसी भी समय आ जाएगी,,,

(संजू अपनी मां के चिंता करने के कारण को अच्छी तरह से समझता था वैसे तो अगर मोहिनी इस हालात में उन दोनों को देख ले तो मोहिनी मन ही मन खुश हो जाएगी लेकिन आराधना को इस बात का कहां पता था कि संजू और मोहिनी में बहुत कुछ हो चुका है और वह दोनों यही चाहते थे जो इस समय संजू कर रहा है संजू फिर भी अपनी मां की बात मानते हुए तुरंत अपने हाथ को ऊपर की तरफ ले गया और ब्लाउज के ऊपर से अपनी मां के दोनों घर पर चोर को पकड़ कर धड़ाधड़ अपनी मां की चूत में लंड पहनने लगा और देखते ही देखते दोनों की सांसें उखडने लगी और अगले ही पल संजू अपनी मां की चूत में अपना गरम लावा उड़ेल दिया,,,

सब कुछ शांत हो गया था संजू जल्दी से अपने लंड को अपने पेंट के अंदर डाला चैन बंद कर लिया और आराधना भी,, जैसे अपनी पेंटी को घुटनों से ऊपर की तरफ उठाकर पड़ने लगी वैसे ही बाथरूम का दरवाजा खुला और आराधना भी फुर्ती दिखाते हुए तुरंत अपनी चड्डी को पहली और साड़ी को नीचे गिरा दी और नाश्ता तैयार करने लगी,,,, संजू की तब तक एक पराठा लेकर खाने लगा था,,,,,। आराधना की सांसे अभी भी बड़ी तेजी से चल रही थी उसे इस बात की खुशी थी कि उसके बेटे ने जल्दी से काम खत्म भी कर दिया मोहिनी के आने से पहले वह अपने कपड़ों को दुरुस्त भी कर ले मम्मी को बिल्कुल भी शक नहीं हुआ और वह दोनों नाश्ता करके कॉलेज के लिए निकल गए और थोड़ी देर बाद आराधना भी टिफिन लेकर ऑफिस के लिए निकल गई,,,।
Great Update With awesome, and sexy Writing rony bhai👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻
 
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