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Incest मजबूरी या जरूरत

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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Shandar update
 

sexyswati

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नहीं संजू मुझसे नहीं होगा मुझे बहुत शर्म आ रही है,,

क्या मम्मी अभी भी शर्म आ रही है तुम्हारे कपड़े में अपने हाथ से उतार कर तुम्हें नंगी किया तुम्हारे कमरे में तुम्हारे बिस्तर पर तुम्हें चोद रहा हूं और तुम चुदवा रही हो,,,, और कह रही हो कि शर्म आ रही है जाओ अगर तुम आंखें नहीं खेलोगी तो मैं तुम्हें नहीं चोदुंगा,,,,, इसी तरह से तुम्हारी चूत में लंड डालकर बैठे रहूंगा,,,,।



(अपने बेटे की यह बात सुनकर आराधना एकदम से सकते में आ गई क्योंकि उसे भी मजा आ रहा था उसके बेटे के लिंग की मोटाई और लंबाई सीधे उसके बच्चेदानी तक पहुंच रही थी और,,, लंड मोटा होने के नाते आराधना अपनी बेटी के लंड को अपनी चूत में एकदम कसा हुआ महसूस कर रही थी और उसे अपने बेटे का लंड इतना ज्यादा कड़क लग रहा था कि उससे उसके लंड की नसें सांप अपनी चूत की अंदरूनी दीवारों पर रगडती हुई महसूस हो रही थी और अगर तेरे अंदर बाहर होने की वजह से उसका मजा अत्यधिक बढ़ता जा रहा था और लगातार उसकी चूत से काम रस टपक रहा था,,,, ऐसे में आराधना को अपने बेटे से चुदवाने में बहुत मजा आ रहा था पहले ही दोनों के बीच मां बेटी का रिश्ता था और आराधना इसे रिश्ते में जिस्मानी ताल्लुकात नहीं रखना चाहती थी लेकिन अपने बेटे की मनमानी को देखते हुए और अपनी जरूरत के आगे वह घुटने टेक चुकी थी और अब उसे इस खेल में बहुत मजा आ रहा था लेकिन एक जिद के कारण उसका बेटा उसी तरह से उसकी चूत में लंड डाले बैठा था और जैसा आराधना को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था रंग में भंग पड़ गया था इसलिए ना चाहते हुए भी आराधना अपनी आंखों को खोल दी लेकिन उसकी आंखों में शर्म भरा हुआ था वह पूरी तरह से शर्मिंदगी महसूस कर रही थी साथ ही उत्तेजना का असर उसके चेहरे पर साफ नजर आ रहा था,,, अपनी मां को आकर खोला हुआ देखकर संजू के होठों पर मुस्कान तैरने लगी और वह खुश होते हुए बोला,,,)

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वाह यह हुई ना बात मम्मी अब देखना कितना मजा देता हूं तुम एक नजर अपनी दोनों टांगों के बीच तो डालो मेरे लंड को देखकर मजा आ जाएगा,,, कि कैसे तुम्हारे छोटे से गुलाबी छेद में मेरा मोटा लंड आराम से अंदर बाहर हो रहा है,,,,
(आराधना को अपने बेटे की बातें इतनी अत्यधिक गंदी लग रही थी कि उसकी बातों को सुनकर वह पानी पानी हुए जा रही थी इस तरह से उसके पति ने भी कभी इतनी अधिक गंदी बातें उसके साथ नहीं किया था लेकिन संजू बिल्कुल बेशर्म बन चुका था लेकिन उसकी बेशर्मी आराधना को अच्छी लग रही थी उसका भी मन अपनी दोनों टांगों के बीच देखने का मन कर रहा था लेकिन वह शर्म के मारे देख नहीं पा रही थी लेकिन अपने बेटे की बात सुनकर वह हिम्मत जुटाकर अपने दोनों हाथों की कोहनी का सहारा लेकर थोड़ा सा ऊपर की तरफ उठी और अपनी दोनों टांगों के बीच अपनी नजरों को स्थिर कर दी उसके बाद जो नजारा उसकी आंखों के सामने आया उसे देखकर वह खुद हैरान हो गई,,,, उसे अपनी दोनों टांगों के बीच का नजारा एकदम साफ नजर आ रहा था उसकी चूत कचोरी की तरह एकदम खुली हुई थी जो की पूरी तरह से रस से लबालब थी,,,, आराधना यह देखकर हैरान थी कि राजू का इतना मोटा और लंबा लंड बड़े आराम से उसकी चूत के अंदर तक चला जा रहा था और चूत में कहीं खो जा रहा था यह देखकर आराधना की उत्तेजना बढ़ने लगी ,,,, संजू अपनी मां को यह नजारा दिखाने की उद्देश्य से बड़े आराम से अपनी कमर को पानी की तरह लहराता हुआ आगे पीछे कर रहा था और अपने होठों को दांत से काटकर अपनी उत्तेजना दर्शा रहा था यह देख कर,,,, आराधना पूरी तरह से मस्त हुई जा रही थी,,,,, वह कभी सोचे नहीं थे कि इतनी जल्दी अपने बेटे के सामने घुटने टेक दिल की लेकिन हालात पूरी तरह से उसे मजबूर कर चुके थे बदन की जरूरत उसका साथ देने से इंकार कर रही थी पति की बेवफाई के चलते उसका दिमाग
सही गलत के फैसले के बीच परख करना भूल गया था रिश्तों और मर्यादा के संबंध को भूल चुका था मां बेटे के बीच के पवित्र रिश्ते को भूल चुका था इसलिए तो आज आराधना अपने ही कमरे में अपने ही बिस्तर पर अपने बेटे की हाथों की कठपुतली बनकर उसके लंड को अपनी चूत में लेकर मस्त हुए जा रही थी,,,,, धीरे-धीरे संजू अपनी कमर को रफ्तार देने लगा आराधना को अपने बेटे का लंड बड़ी तेजी से अपनी चूत के अंदर बाहर होता हुआ महसूस हो रहा था उसकी और अगर से बार-बार उसका काम रस बाहर निकल जा रहा था जिससे कामरेज की चिकनाहट पाकर लंड बड़े आराम से बिना किसी रूकावट के चूत के अंदर तक पहुंच रहा था,,,,,,,।




तुम्हारी चूत इतनी कसी हुई क्यों है मम्मी,,,,, और वह भी इस उमर में,,,,

ऐसे सवाल मत पूछा कर समझो मैं जवाब दे नहीं पाऊंगी,,

मैं जानता हूं मम्मी तुम बहुत अच्छी हो रहा था लेकिन संस्कारी लेकिन वक्त की मारी हो पति की बेवफाई सहन करके जी रही हो एक औरत होने का सुख खो चुकी हो और इसीलिए तो मैं तुम्हें एक औरत की जरूरत क्या होती है कैसे पूरी की जाती है यही बताने के लिए तुम्हारे साथ हूं तुम बिल्कुल भी चिंता मत करना मैं जिंदगी भर तुम्हारे साथ रहूंगा,,,,,

चोदने के लिए,,,,(अपने बेटे की बात सुनकर एकाएक आराधना बोली)

चोदने के लिए भी और तुम्हारा साथ देने के लिए भी सच कहूं तो एक मर्द औरत का साथ किस लिए चाहता है उसकी मदद करने के लिए उसका साथ देने के लिए परछाई की तरह उसके साथ घूमने के लिए और फिर रात को उसे चोदने के लिए और मर्द को कुछ नहीं चाहिए उसकी पसंदीदा औरत की चूत उसे मिल गई समझ लो दुनिया मिल गई,,,, जैसा कि मैं इस समय दुनिया का सबसे खुशनसीब लड़का हूं जो अपनी मां की जरूरत पूरी करते हुए उसे चोद रहा हूं,,,

बातें बनाना तो कोई तुझसे सीखे,,,,ओर हा मेरी टांगे दुखने लगी है,,,,,, तू तो एकदम कसाई हो गया है,,,,

मेरा इतनी जल्दी छूटने वाला नहीं है मम्मी मुझे लगता है पापा का तो 2 मिनट में ही निकल जाता होगा तभी तो तुम्हें पता नहीं है कि औरत कितनी देर तक टांग उठा कर चुदवा सकती है,,,,

ऐसा ज्ञान मुझे नहीं लेना,,,,,

ज्ञान ना सही लंड तो लेना है ना,,,
(संजू की बात सुनकर आराधना कुछ बोल नहीं पाए संजू धीरे से अपने लंड को अपनी मां की चूत से बाहर निकाला जो की पूरी तरह से उसके काम रस में नहाया हुआ था संजू अपने लंड को हाथ में पकड़ कर उसे हिलाता हुआ उसके गरम सुपाड़े को अपनी मां की चूत पर पटकने लगा और अपनी मां की तरफ देख कर बोला,,)
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देखो मम्मी क्या पापा का इतना बड़ा और मोटा है,,,(इतना कहने के साथ ही संजु ने अपने लंड को जड़ से पकड़ कर उसके संपूर्ण वजूद को अपनी मां की चूत पर रख दिया एक तरह से हुआ गुलाबी चूत के क्षेत्र के साथ-साथ अपने लैंड की लंबाई को भी नाप रहा था जो कि सीधे-सीधे उसकी नाभि तक पहुंच रही थी यह देखकर आराधना भी एकदम दंग रह गई थी कितना मोटा और लंबा लंड बड़े आराम से चूत के अंदर कैसे ले ले रही है,,,,, आराधना गर्दन उठाकर अपनी आंखों से सब कुछ देख रही थी कुछ देर के लिए संजू ने चुदाई को रोकता था और अपने लंड को बार-बार उसकी चूत पर पटक रहा था जिससे उसकी उत्तेजना और ज्यादा बढ़ती जा रही थी अपनी मां को खामोश अपने लंड की तरफ देखता हुआ पाकर संजू बोला,,,)

कैसा लगा मम्मी तुम बता नहीं रही हो क्या पापा का ऐसा ही है या इससे छोटा या इससे बड़ा,,,,

तू जान कर क्या करेगा समझो जो तू चाहता है वह तो तुझे मिल गया है,,,

हां बात तो सही है जो मैं चाहता था उसे प्राप्त कर लिया है लेकिन यह भी जानना जरूरी है कि तुम्हारी चूत पर जिसका हक पहले ही उसका लंड कैसा है,,,,।

तेरे से आधा ही है लंबाई में भी और मोटाई में भी,,,

ओहहह मम्मी तब तो तुम्हारी गदर आई जवानी पर काबू कर पाना पापा के बस में बिल्कुल भी नहीं था तभी तो ए जिम्मेदारी मुझे उठानी पड़ रही है अब देखना मैं तुम्हारी मचलती उफान मारती जवानी पर कैसे काबू लाता हूं,,,,
(अपने बेटे का आत्मविश्वास देखकर आराधना को भी अच्छा लग रहा था उसे गर्व हो रहा था कि उसका बेटा एक पूरी तरह से मर्दाना ताकत से भरा हुआ असली मर्द है लेकिन फिर भी वह जानबूझकर अपने बेटे से बोली)

चल रहने दे संजू औरत की जवानी को मर्द कभी भी काबू में नहीं ले सकते,,,,

यह तो दूसरों के लिए होगा मेरी चुदाई तुमने असली तरीके से देखी कहां है जब मैं चोदना शुरू करूंगा ना तो तुम पानी नहीं मानोगे और तुम्हारा पानी छूटता ही रहेगा,,,,

चल रहने दे संजू अभी तेरा पानी निकल जाएगा और तू ढेर‌ होकर सो जाएगा,,,, और तुझ पर पानी डालकर जगाना पड़ेगा,,,,

तो तुम मुझ को चैलेंज कर रही हो,,,

चैलेंज नहीं बच्चों मर्दों की औकात बता रही हो औरत अपनी दोनों टांगों के बीच मर्द को पूरी तरह से कमजोर कर देती है,,,,

तो यह बात है अभी बताता हूं,,,

क्या बताता है,,,, जल्दी खत्म कर‌ और जाकर सो जा,,,

तुम्हें क्या लगता है आराधना रानी,,, मेरा पानी जल्दी निकल जाएगा जब तक तुम्हें मस्त ना कर दो दो बार तुम्हारा पानी ना निकाल दो तब तक मेरा निकलने वाला नहीं है देखना चाहती हो,,,,


बताकर दिखाएगा क्या,,,,,(आराधना इस तरह की बातें अपने बेटे से करना नहीं चाहती थी लेकिन हालात के आगे वह भी मजबूर हो चुकी थी इस तरह की बातें करने में उसे आनंद की प्राप्ति हो रही थी उसे मजा आ रहा था और वह भी अपने बेटे की मर्दाना ताकत को और भी ज्यादा उच्च शिखर पर देखना चाहती थी इसलिए उसए उक‌साते हुए वह इस तरह की बातें कर रही थी,,,,)

अभी रुको तब तो तुम्हें घोड़ी बनाकर चोदना पड़ेगा,,,,, चल अब जल्दी से उठ जा मेरी जान,,,,(संजू पूरी तरह से लय में आ चुका था अभी तक वह मम्मी मम्मी कह रहा था लेकिन अब अपनी मम्मी को जान कहकर संबोधन करना शुरू कर दिया था और उसका इस तरह से जान कहना आराधना के तन बदन में आग लगा रहा था उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे कि वह अपने बेटे के साथ नहीं बल्कि अपने प्रेमी के साथ हैं,,,,, वह भी अपने बेटे की बात मानते हुए पीठ के बल लेटी थी उठ कर बैठ गई और धीरे से अपना आसन बदलने लगे अपनी मां को अपनी आंखों के सामने घोड़ी बनता देखकर संजू की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ने लगी थी समझो अपनी आंखों से देख रहा था कि उसकी मां अपने घुटनों के बल बैठ गई थी और धीरे से आगे की तरफ झुकने लगी थी देखते ही देखते वह बिस्तर पर झुक गई थी और अपनी गोरी गोरी भारी-भरकम गांड को ऊपर की तरफ उठाकर हवा में लहराने लगी थी,,,, यह वह स्थिति थी जिस पर राजू को अपनी मर्दाना ताकत के बलबूते पर विजई पताका लहरा ना था पूरी तरह से इस स्थिति पर काबू पाना था और वैसे भी घोड़ी बनाकर चोदने में संजू को कुछ ज्यादा ही मजा आता था इसलिए अपनी मां की गदराई हुई गांड को देख कर उसके मुंह में पानी आ गया था और वह अपनी मां की गुलाबी छेद में लंड डालने से पहले एक बार दोनों हाथों से उसकी गांड की बड़ी-बड़ी आंखों को पकड़ लिया और अपने प्यासे होठों को एक बार फिर से उसकी चूत पर लगाकर उसके काम रस को चाटना शुरू कर दिया,,,,,, एक बार फिर से आराधना के बदन में सिहरन सी दौड़ गई आराधना नहीं कभी भी अपने पति को इस तरह की हरकत करते नहीं देखा था कि एक बार लंड डालने के बाद दोबारा उसकी चूत पर अपना होंठ लगाया हो लेकिन संजू कुछ अलग ही था संजू ने अपनी इस हरकत से आराधना के बदन में जोश भर दिया था आराधना पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी संजू एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर मुठिया रहा था और दूसरी तरफ अपने होंठ से उसकी चूत से निकल रहे काम रस को चाट रहा था,,,,, आराधना इस बात से भी पूरी तरह से हैरान थी कि घंटो गुजर गए थे लेकिन उसके बेटे के लंड ने पानी का एक बूंद तक नहीं फेंका था और अभी तक उसी तरह से टनटनाकर खड़ा था,,,, आराधना की चूत टप टप चू रही थी और उससे काम रस को संजू अपना जीभ लगा कर चल रहा था खूबसूरत औरत की चूत से निकला काम रस कसैला और नमकीन स्वाद होने के बावजूद भी एक आदमी के लिए अमृत कीबोर्ड के समान होता है जिसे वह नीचे जमीन पर गिरने नहीं देना चाहता और उसे जीभ लगा लगाकर चाट जाता है,,, और यही काम ही समय संजू भाई अपनी मां के साथ कर रहा था घड़ी में तकरीबन 2:00 बज चुके थे लेकिन अभी तक चुदाई का सिर्फ प्रारंभ हुआ था,,,, और इसी से तो आराधना और भी ज्यादा हैरान थे क्योंकि इतनी देर रात तक वह संभोग क्रिया को करते हुए जागी नहीं थी या यूं समझ लो कि उसे रात भर जगा कर चोदने वाला अभी तक असली मर्द मिला ही नहीं था लेकिन आज की रात कुछ और थी आराधना का साथ ही बदल चुका था अशोक की जगह संजू ने ले लिया था इसलिए बिस्तर पर का पूरा खेल बदल चुका था सारे समीकरण धरे के धरे रह गए थे एक मजे हुए खिलाड़ी की तरह संजू धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था और इस खेल को और भी ज्यादा दिलचस्प बनाता जा रहा था संजू की ही वजह से आराधना भी थोड़ी बहुत बेशर्मी का प्रदर्शन करना शुरू कर दी थी क्योंकि उसे भी इस बात का एहसास हो गया था कि बेशर्मी दिखाए बिना इस खेल में मजा नहीं आने वाला इसीलिए तो वह घोड़ी बनकर अपनी बड़ी बड़ी गांड को हवा में उठाए हुए लेटी थी और अपनी नजर को पीछे घुमा कर अपने बेटे की हरकत को देख रही थी जहां से केवल उसका कान और बाल दिख रहे थे बाकी का मुंह वाला हिस्सा उसकी भारी-भरकम गांड के बीचो बीच छिपा हुआ था,,,, यह देख कर आराधना के गाल शर्म से लाल हो गए उसे इस बात का एहसास होने लगा कि उसकी गांड कुछ ज्यादा ही बड़ी-बड़ी और एकदम खोल है तभी तो उसके बेटे का पूरा वजूद उसकी गांड के पीछे छुपा हुआ था आराधना थोड़ा सा नीचे नजर की तो उसके होश उड़ गए उसके बेटे का लंड उसके ही चूत के काम रस में डूबा हुआ ठुनकी मार रहा था,,,, अपनी बेटी की टनटनाए लंड को देखकर आराधना का मन उसे पकड़ने को कर रहा था,,,, लेकिन पीछे तक हाथ जाना इस समय नामुमकिन था वह सिर्फ अपने बेटे की खड़े लंड को देखकर ही खुश हो रही थी,,, आराधना को अपने बेटे का लंड इस‌ समय गधे के लंड की तरह लग रहा था,,,,, उसकी चूत लगातार काम रस छोड़ रही थी संजू कुछ देर तक अपनी मां की चूत को चाट कर उसे फिर से गर्म कर दिया था और फिर बिस्तर के नीचे खड़े होकर ही वह अपनी मां की गांड को दोनों हाथों से पकड़ कर उसे अपने लंड के एकदम सामने लेकर आया और फिर आलूबुखारा के सामान अपने सुपाडे को फिर से अपनी मां के गुलाबी छेद में डाल दिया इस बार संजू को ज्यादा मशक्कत उठाने नहीं पड़ी क्योंकि धीरे-धीरे आराधना की चूत में संजू के लंड का सांचा बन चुका था और आराम से गप्प करके वह अंदर ले ली,,, संजू ने फिर से अपनी मां की चूत में पूरा लंड डाल दिया था और उसकी गांड को दोनों हाथों से पकड़कर बोला,,,।

अब देखना मेरी जान कैसे मैं तुम्हें छोड़ देता हूं तुम्हारी चूत से पानी ना निकाल दिया तो बोलना अब तक तुम पापा की छोटे लंड से मजा ले रही थी लेकिन आज असली मर्द से पाला पड़ा है,,,,,(अपने बेटे की बात सुनकर आराधना मारे उत्तेजना से गदगद हुए जा रही थी और उत्सुक भी किया उसका बेटा किस तरह से उस की चुदाई करेगा अपने कहे गए शब्दों की लाज रखते हुए पल भर में ही संजू ने रफ्तार पकड़ लिया और अपनी मां की चूत को चोदना शुरू कर दिया हर धक्के के साथ आराधना के मुंह से आह निकल जा रही थी और हर धक्के के साथ आगे की तरफ लुढक जा रही थी वह तो संजू ने अपने दोनों हाथों से बड़ी मजबूती से उसकी कमर को पकड़ रखा था वरना वह पहले धक्के में ही बिस्तर पर पसर जाती,,,,।)


आहहह आहहह आहहहह बाप रे,,,ऊफफ,,,,


क्या हुआ मेरी जान अभी से चिल्लाने लगी,,,,,


थोड़ा धीरे इतनी तेज अंदर लेने का मुझे अनुभव नहीं है,,,


यह शिकायत तो तुम्हें पापा से करनी चाहिए थी कि तुम्हारी चुदाई असली मर्द की तरह की ही नहीं,,,,,


आरररह आहहहहह ,,,,,,


देखो मम्मी कैसे तुम्हारी चूत में लंड अंदर बाहर हो रहा है,,,आहहह पीछे से चोदने का मजा ही कुछ और है,,,ऊममममममम,,(इतना कहने के साथ ही थोड़ा सा नीचे झुक कर अपनी मां की बड़ी-बड़ी गांड पर अपने होंठ रख कर चुंबन करने लगा,,,, संजू की यह हरकत दर्शा रहा था कि वह अपनी मां की खूबसूरत बदन से कितना प्यार करता है,,,,, संजू रुकने का नाम नहीं ले रहा था और आराधना की सबसे बड़ी तेजी से चलने लगी देखते ही देखते उसके बदन की अकड़ बढ़ने लगी थी और अगले ही पल हल्की सी चीख के आवाज के साथ उसका काम रस की पिचकारी छूट पड़ी और संजू अपनी चुदाई जारी रखते हुए अपनी मां का पानी निकाल चुका था,,,,,)

कैसा लगा मेरी जान छुट गया ना पानी,,,,,
(संजू जोर जोर से धक्के लगाते हुए बोला,,, अपने बेटे के मुंह से अपने लिए इस तरह की बात सुनकर अगर कोई और मौका होता तो शायद वह डूब कर मर जाती लेकिन इस समय अपने बेटे की यह बात उसे और भी ज्यादा मदहोश कर रही थी,,, लेकिन वह कुछ बोल नहीं पा रही थी उसे तो अपने बेटे की मर्दानगी पर धीरे-धीरे गर्व होना शुरू हो गया था क्योंकि बिना पानी छोड़े वह लगातार उसे चोद रहा था और वह भी तेज धक्कों के साथ,,, आराधना को ऐसा लग रहा था कि उसका बेटा आज उसकी चूत मार-मार कर सुजा देगा,,,,, कमरे में ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था बिस्तर पर दोनों मां-बेटे धमाचौकड़ी मचा रहे थे दोनों संपूर्ण रूप से नग्न अवस्था में आराधना भी नंगी और उसका बेटा भी नंगा आराधना की गुलाबी छेद में उसके बेटे का मोटा लंड अंदर बाहर हो रहा था जिसका सुख बड़े मदहोशी से आराधना ले रही थी पानी झर जाने के कुछ पल में वह फिर से गर्म होने लगी लेकिन अभी तक संजू का कुछ भी बिगड़ा नहीं था वह चुदाई का आनंद ले रहा था परमसुख प्राप्त कर रहा था एसा संभोग सुख जिसके बारे में उसने आज तक कल्पना भी नहीं किया था,,,,,,, अपने बेटे से चुदवाते समय आराधना यही सोच रही थी कि उसके कमरे में जो कुछ भी हो रहा है इस बारे में दुनिया वालों को क्या पता चलेगा यह राज तो उसके और उसके बेटे के बीच का है और दोनों में से कोई भी किसी को नहीं बताएगा तो फिर हर्ज ही क्या है इस तरह के रिश्ते को आगे ले जाने मे,,, ऐसा ख्याल मन में आते ही आराधना के चेहरे की चमक बढ़ने लगी,,,,, वह फिर से उत्तेजित होने लगी लेकिन इस तरह से घोड़ी बनकर चुदवाने से उसका बदन दर्द करने लगा था आराधना के जीवन में यह पहला मौका था जब आते समय उसका बदन दर्द कर रहा था,,,, उसकी कमर की हड्डियां चटक रही थी पलंग में से भी चरण चरण की आवाज आ रही थी शायद इसी को पलंग तोड़ चुदाई करते हैं इस बारे में आज जाकर आराधना को एहसास हुआ था,,,,,, जब कमर का दर्द सहन नहीं हुआ तो मदहोशी भरे स्वर में आराधना बोली,,,)

संजू अब बसकर मेरी कमर दुख रही है,,,

ऐसे कैसे मम्मी तुम्हारा तो निकल गया है मुझे बीच मझधार में छोड़ कर जाने के लिए कर रही हो,,,,

अरे सच में मेरी कमर बहुत तेज दुख रही है तेरा हर एक धक्का बहुत तेज लग रहा है,,,

इसे ही तो जबरदस्त चुदाई कहते हैं,,,

कुछ भी कहते हो लेकिन पोजीशन तो बदल दे मुझे लेट जाने दे फिर कर लेना,,,।
(आराधना अपने बेटे के साथ सहज हो रही थी वह अब आराम से अपने बेटे से इस बारे में बात कर रही थी इस बात की खुशी संजू को भी थी इसलिए अपनी मां की बात मानते हुए वह अपने लंड को अपनी मां की चूत से बाहर निकाल लिया,,,, और गांड पर थपथपाते हुए उसे लेट जाने का इशारा करने लगा,,,, आराधना गरम आह भरते हुए वापस पीठ के बल लेट गई लेकिन इस बार अपने पैर को बिस्तर के पीछे लटका दी और संजू भी तुरंत दोनों टांगों के बीच आ गया और कमर पकड़कर उसे थोड़ा और आगे की तरफ खींच लिया,,,, संजू एक बार फिर से अपने लंड को हिलाते हुए अपनी मां की चूत के छेद में अपना लंड डाल दिया और चोदना शुरू कर दिया इस बार वह बड़ी तेजी से अपनी मां को चोद रहा था क्योंकि वह भी चरम सुख के करीब पहुंच रहा था लेकिन बार-बार वह अपने को बाहर निकाल कर अपने हाथ से पकड़ कर लंड को वापस चूत में डाल रहा था ऐसा करने से आराधना की तरफ बढ़ जा रही थी उसे बड़े जोरों की पेशाब लगने का आभास होने लगा वह अपने बेटे से कुछ कह पाती इससे पहले ही अपने बेटे के तेज धक्के के साथ ही उसकी चूत के छोटे छेद से पेशाब का फव्वारा फूट पड़ा और यह देख कर संजू की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ गई वह अपनी मां को चोदते चोदते उसे पेशाब करा दिया था इसलिए वह बोला,,,,

Sanju ki chudai se pesaab ka fawwara foot pada


tum hamare ho
हाय मेरी रानी देखो मैंने बोला था ना मैंने तुम्हारा पै‍शाब निकाल दिया तुम चुदवाते चुदवाते मुत दी हो,,,।
(यह पल आराधना के लिए बेहद शर्मनाक था क्योंकि वाकई में वह मुत रही थी संजू के हर धक्के के साथ उसके चुत से पेशाब की धार फूट पड़ रही थी आराधना को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें वह इस समय शर्म से गाड़ी जा रही थी ऐसा उसके साथ पहले कभी नहीं हुआ था शायद इस तरह की चुदाई भी उसकी पहले कभी नहीं हुई थी इसीलिए लेकिन यह नया अनुभव बेहद मदहोश कर रहा था आराधना शर्मसार होने के बावजूद भी आनंद के सागर में गोते लगा रही थी और अपने बेटे के हर धक्के के साथ पेशाब की धार छोड़ रही थी चुदवाते चुदवाते मुतने का यह पहला अनुभव था,,,, संजू तुम्हारी खुशी और उत्तेजना से फूला नहीं समा रहा था वह अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा चुका था वह अपनी मां की कंधों को पकड़कर जोर-जोर से अपनी कमर हिला रहा था अपनी मां की मोटी मोटी जांघो के साथ उसकी खुद की जांघ टकराने से ठाप ठापकी आवाज आ रही थी,,,, जिसे सुनकर आराधना को इस बात का डर लग रहा था कि कहीं बगल वाले कमरे में सो रहे हैं मोहिनी जागना जाए लेकिन वह किसी भी तरह से अपने बेटे को रोकना नहीं चाहती थी क्योंकि उसको बहुत मजा आ रहा था,,,,,
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संजू जानता था कि किसी भी वक्त उसका पानी निकल जाएगा इसलिए वह अपनी मां के ऊपर चुप कर दोनों हाथों को उसकी पीठ के नीचे ले जाकर उसे कस के अपनी बाहों में जकड़ लिया और अपनी कमर जोर-जोर से हिलाना शुरू कर दिया देखते ही देखते आराधना के साथ-साथ संजू की भी सांसे तेज चलने लगी और कुछ ही धक्कों के बाद दोनों के बदन की अकड़न बड़ी और संजू ने अपना गर्म लावा अपनी मां की चूत में डालना शुरू कर दिया,,,,, दोनों का पानी निकल गया था दोनों पूरी तरह से तृप्त हो चुके थे आराधना इस खेल के दौरान तीन बार अपना पानी निकाल चुकी थी और संजू एक ही बार में अपनी मां को तीन बार झाड़ कर उसे ढेर कर चुका था,,,,, संजू अपनी मां के ऊपर ढेर हो चुका था थोड़ी देर बाद जब शांत होगा तो संजू अपनी मां के होठों पर अपने होंठ रख कर चुंबन करने लगा और बोला,,,।

आज तुमने मुझे मस्त कर दि हो कसम से ऐसा मजाक कभी नहीं आया था मैं कभी सोचा नहीं था कि तुम्हें चोदने में इतना ज्यादा मजा आएगा,,,।(संजू अपनी मां के ऊपर लेटे हुए हैं उससे गंदी गंदी बातें कर रहा था अभी भी उसका लंड उसकी मां की चूत में समाया हुआ था और उसकी अकड़ अभी भी बरकरार थी,,,, आराधना को अपने बेटे के साथ चुदवाने में एक अद्भुत सुख की प्राप्ति हुई थी जिसकी कभी उसने कल्पना भी नहीं की थी इसलिए उसे अपने बेटे पर बहुत प्यार आ रहा था और वह उसी तरह से उसकी पीठ पर अपनी हथेली रखकर सहला रही थी मानो कि जैसे उसे शाबाशी दे रही हो,,,,,

Sanju apani ms ko humach humach k chod raha tha

वासना का तूफान थम जाने के बाद संजू अपनी मां की चूत में से अपने लंड को बाहर निकाला और उसके बगल में पीठ के बल ढेर हो गया,,,,, आराधना भी पीठ के बल लेटी हुई थी अपने बेटे की तरफ करवट लेकर सोने में उसे शर्मिंदगी महसूस हो रही थी,,,,,,, दोनों के बीच खामोशी छाई हुई थी आराधना घड़ी में टंकी दीवार की तरफ देखी तो उसके होश उड़ गए घड़ी में 3:30 का समय हो रहा था इतनी देर तक भला कोई कैसे चोद सकता है और वह भी बिना पानी निकाले वह हैरान थी अपने बेटे की मर्दाना ताकत पर उसे अपने बेटे के लंड पर गर्व होने लगा था,,,,, सुबह होने में
कुछ घंटों का समय रह गया था इतनी देर तक तो वह सुहागरात के रात को भी नहीं जागी थी जैसा कि आज उसके बेटे ने जगाया था वह बात की शुरुआत करते हुए बोली,,,।

बाप रे 3:30 बज गया है,,,,,

तो क्या हुआ,,,, मैं तो रात भर तुम्हारी चूत में लंड डालकर पड़ा रहुं,,,,
(अपने बेटे की बात सुनकर आराधना मुस्कुराते हुए तिरछी नजर से अपने बेटे के लंड की तरफ देखते हुए बोली जो कि अभी भी हल्का सा सिर्फ ढीला पड़ा था बाकी अपनी अकड़ दिखा रहा था,,)

वह तो मैं देख ही रही हूं,,,,

क्या देख रही हो मम्मी,,,(संजू जानता था लेकिन फिर भी जानबूझकर बोला वह अपनी मां के मुंह से सुनना चाहता था,,,)

ये,,,(अपना हाथ आगे बढ़ाकर उंगली से लंड का स्पर्श करते हुए बोली,,, संजू को अपनी मां की यह हरकत बहुत ही अच्छी लगी इसलिए वह मुस्कुराते हुए बोला,,)

कमजोर नहीं हुआ है यह अभी फिर से तुम्हारी चूत में जाकर धमाल मचा सकता है,,,,


चल अब रहने दे इस से कुछ होने वाला नहीं है,,,,(आराधना का मन फिर से चुदवाने को करने लगा था आखिरकार महीने बाद जुदाई का असली सुख जो प्राप्त की थी महीने बाद तो वह लंड को चूत में ली थी लेकिन चुदाई का असली सुख तो उसे जिंदगी में पहली बार ही मिल रहा था इसलिए उससे रहा नहीं जा रहा था,,, संजू जानता था कि उसकी मां का भी मन फिर से कर रहा है इसलिए वह बोला,,,)

आ जाओ चढ जाओ मेरे लंड पर फिर दिखाता हूं कि अभी इसमें कितना दम है,,,,,(अपने लंड को हाथ में पकड़ कर हीलाते हुए बोला,,,)

नहीं अब सुबह होने वाली है तुझे अपने कमरे में कहीं मोहिनी की नींद खुल गई और तुझे कमरे में नहीं देखेगी तो इधर तक आ जाएगी,,,

पहले आओ मेरे ऊपर फिर मैं चला जाऊंगा,,,

देखा फिर तू जिद कर रहा है आखिर कर तो लिया अपनी मनमानी,,,

एक बार फिर से करने दो,,,


तू मानेगा नहीं ना,,,

एक बार में तो मैं बिल्कुल भी मानने वाला नहीं हूं,,,,(अपने लंड को हिलाते हुए जोकि फिर से धीरे-धीरे अपनी औकात में आ चुका था अपने बेटे के खड़े लंड को देखकर आराधना की चूत फिर से फुदकने लगी अपने बेटे की बात को मारने के सिवा उसके पास और कोई चारा नहीं था क्योंकि इसमें उसकी भी खुशी दे इसलिए वह अपने बेटे को आंख दिखाते हुए बोली,,,)

तू सच में कमरे से बाहर नहीं जाएगा,,,

एक बार फिर से दे दो फिर चला जाऊंगा,,,

बाप रे कितना शैतान है तू,,,(इतना कहने के साथ ही वह उठने लगी और अपने बेटे की तरफ देख कर उसकी कमर के इर्द-गिर्द अपने पैर के घुटने रखकर अपनी जगह बनाने लगी एक बार फिर से संजू के बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ में लगी थी उसकी मां उसके लंड पर चढ़ने वाली थी धीरे-धीरे आराधना की भी शर्म खत्म हो रही थी जो कि संजू को साफ दिखाई दे रही थी और यही तो संजू देखना चाहता था कि उसकी मां अभी भी शर्म आती है या मजा लेने के लिए उत्सुक हैं देखते ही देखते आराधना अपना हाथ नीचे की तरफ लाकर अपने बेटे के खडे लंड को पकड़ ली और उसे अपनी गुलाबी चूत के छेद पर रखने लगी देखते ही देखते आराधना अपना अनुभव दिखाते हुए अपनी भारी-भरकम कांड को अपने बेटे के लंड पर रखना शुरू कर दी और देखते ही देखते उसकी चूत की गहराई में संजू का लंड खो गया और सीधा जाकर आराधना के बच्चेदानी से टकरा गया आराधना पूरी तरह से मस्त हो गई और धीरे-धीरे अपनी गांड को अपने बेटे के लंड पर पटकना शुरू कर दी,,, संजू अपने दोनों हाथों को अपनी मां की गांड पर रखकर उसे थाम लिया और बोला,,,।

क्या मम्मी पापा के साथ ऐसा की हो क्या,,,



तेरे पापा जबरदस्ती मुझसे ऐसा करवाए थे लेकिन उनके छोटे से लंड में इतना मजा नहीं आया था जिसकी तेरे साथ आ रहा है,,,,,आहहहहह,,,,,(तब तक वह खुद ही जोर से अपनी गांड को अपने बेटे के लंड पर पटक दिया और लंड सीधे जाकर उसके बच्चेदानी से टकराया और उसके मुंह से आह निकल गई आराधना बड़े आराम से अपने बेटे के लंड पर गांड पटक रही थी उसे बहुत मजा आ रहा था,,,,, लेकिन संजू नीचे से धक्का लगाना चाहता था इसलिए अपनी मां की चूची पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींचा उसकी मां उसकी तरफ झुकने लगी और वह तुरंत अपनी बाहों का घेरा उसके गले में डाल कर उसे अपने बदन से सटा लिया जिससे उसकी गांड हवा में ऊपर की तरफ उठ गई और संजू नीचे से अपनी कमर उछाल उछाल कर अपनी मां को चोदना शुरु कर दिया,,,, यह चुदाई भी लगभग 25 से 30 मिनट तक चली और दोनों फिर से झड़ गए,,,, एक ही रात में संजू ने अपनी मां को चोद चोद कर एकदम थका डाला था इसलिए पानी निकलने के बाद तुरंत वह अपने ब्यूटी के लंड पर से उठी और तुरंत बगल में धमम से पीठ के बल पसर गई,,,, संजू भी वही सो गया सुबह जब 5:30 का अलार्म बजा तो संजू की नींद खुली,,,, तो अपने बगल में अपनी मां को एकदम नंगी देखकर उसका लंड फिर से खड़ा होने लगा अपनी मां की नंगी गांड पर हाथ घुमा ने लगा जिससे आराधना की भी नींद खुल गई लेकिन घड़ी की तरफ देखकर उसके होश उड़ गए हो तुरंत बिस्तर पर से उठी और अपने कपड़े पहने लगी संजू उसे रोकने की कोशिश करने लगा लेकिन आराधना बिल्कुल भी नहीं मानी
वह तुरंत कमरे के बाहर आ गई और संजू भी बाहर आ गया वह संजू को कमरे में चले जाने के लिए बोली क्योंकि अभी मोहिनी सो रही थी एक ही रात में आराधना ने अपने बेटे को अद्भुत सुख दी थी इसलिए उसकी बात मानते हुए संजू कमरे में जाकर कुछ देर के लिए सो गया,,,।

क्ष
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उफ्फफ्फ्फ़ और कितना झड़वाएंगे लेखक महाशय ........ उम्मम्मम्मम्म .......

संजू और आराधना के प्रथम मिलन का बेहद कामुक, अत्यंत रमणीय वर्णन........

ये धमाकेदार अपडेट के बाद लगता है की ..... आराधना इतने अपडेट्स तक नहीं चुदी .. अच्छा ही हुआ.......

संजू ने की हुयी बाकि सारी .. चुदाई एकतरफ और आराधना की पहली चुदाई एकतरफ ......

आराधना के साथ संजू के और भी प्रणय/सम्भोग प्रसंग पढ़ने में और ज्यादा ख़ुशी होगी
 

rohnny4545

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संजू और आराधना के प्रथम मिलन का बेहद कामुक, अत्यंत रमणीय वर्णन........

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संजू ने की हुयी बाकि सारी .. चुदाई एकतरफ और आराधना की पहली चुदाई एकतरफ ......

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Apne hath se accha he ki iska Sahara le lo
 
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