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हेल्लो फ़्रेंड्स आप लोगो ने मेरी मकान मालिक की बीवी दिव्या और मेरी पहली कहानी तो पढ़ ही होगी ।
यह उसके आगे की दासता हैं .....
पहली चुदाई के बाद दिव्या डार्लिंग ने 2 दिनो तक अपनी चूत के दर्शन नही करवाये ।
अगली सुबह फिर वो कपड़े सुखाने आयी मैं छत पर ही वर्क आउट कर रहा था ।
सीढ़ियों से 3 कदम दूर ही मेरा दरवाजा है , मैं दरवाजे पर खड़ा हो कर दिव्या के कपड़े सूखा के आने का वेट करने लगा । जैसे ही वो मेरे दरवाजे पर पहुची मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने रूम में खींच लिया और दरवाजा झट से लगाया ।
दिव्या को दीवाल में चिपका कर एकदम नजदीक जा कर किस करने लगा
दिव्या - ये क्या है पागल हो गए हो क्या ।
मैं- क्या हुआ जानेमन 2 दिनों से नही आई हो मेरा लौडा तुम्हारी चूत में जाने को तरस रहा है ।
यह कहते हुए दिव्या को किस करने की कोशिश करने लगा।
दिव्या मुझे अपने हाथों से रोकते हुए , कल सूरज ने शराब नही पी थी इस लिए नही आई ।
अभी जाने दो वरना दोनों पे मुसीबत पड़ जाएगी समझो ।
आज आ जाऊंगी पक्का तब जी भर के कर लेना ।
मैं - ठीक है मेरी जान रात को इंतज़ार करुगा अगर नही आई न तो आज मैं तुम्हारे बेडरूम में घुस कर तुम्हारी लूंगा ।
दिव्या - आज पक्का आउंगी और ऐसे आउंगी की तू भी क्या याद रखेगा , बस अभी जाने दो ।
दिव्या भाभी दरवाजा खोल कर चली गयी ।
मैं भी नहा कर नाश्ता करके अपने ऑफिस पहुँचा ।
मगर मेरा मन काम की जगह काम वासना में लगा हुआ था । मानो 1 1 घंटा 1 दिन जैसा लगने लगा ।
जैसे तैसे मेरी शिफ्ट खत्म हुई मैं घर गया बाहर से खाना ऑर्डर किया ।
और खा कर दिव्या का वेट करने लगा
लेकिन 10 बजे मेरे दरवाजे पर फिर दस्तक हुई मेरा लण्ड सनसना गया कि इतने जल्दी दिव्या आ गयी
दरवाजा खोला तो परी खड़ी हुई थी , उसने मुझसे सिगरेट मांगी मैने कहा चल दोनों पीते हैं ।
हम दोनों छत पर पहुचे और सिगरेट पीते हुए बात करने लगे ।
मैंने उससे डबल मीनिंग बाते करनी चालू की ।
सुन तुझे चूसना पसन्द है क्या ...??
परी - छी कितने गन्दे हो आप ।
मैं तू गन्दी है मैं तो लॉलीपॉप की बात कर रहा था
परी शर्माने लगी ।
इसी तरह मैंने 2 3 डबल मीनिग चीजे पूछी ।
परी भी जवाब सुन मज़े ले कर हसने लग जाती ।
कुछ देर सिगरेट खत्म हुई और फिर परी अपने कमरे में चले गई और मैं भी अपने कमरे में ।
मैं फिर फोन में टाइमपास करने लगा । 12बजे तक मैं उम्मीद में था ।
उसके बाद मुझे लगा आज फिर मेरे लण्ड की चूत की प्यास अधूरी रह जायेगी ।
लेकिन 1 बजे दिव्या मेरे दरवाजे पर पहुच ही गयी और मैं उसे देखते ही रह गया ।
दिव्या लाल साड़ी और काले ब्लाउस और हल्का मेकअप करके आयी ।
मैं अरे वाह जानेमन लगता है आज हमारी सुहागरात है ।
दिव्या अब सुहागरात कमरे में मनाओगे की दरवाजे पे ही ।
मैंने दिव्या को गोद मे उठाया और उसे दरवाजा लगाने को कहा ।
फिर सीधे बिस्तर पर लिटा कर बगल में मैं लेट गया ।
उसके बालो से शेम्पू की महक आ रही थी । और बॉडी से किसी साबुन और परफ्यूम की ।
मैंने उसके बालो को पिछे किया और गले मे चूम कर कानो को होटो में दबाते हुए धिरे से कहा ।
जानेमन कहर लग रही हो आज बताओ कहा से शुरू करू।
हमदोनो एकदूसरे को प्यार से देखने लगे । मैंने दिव्या को अपनी बाहों में भर कर अपने ऊपर कर लिया ।
और अपने हाथ उसके कूल्हों पर जमा लिए ।मैं उसके कूल्हों को सहलाते हुए उससे बात करने लगा।
कुछ देर बाद दिव्या बस अब बाते ही करोगे या कुछ और भी करना है ।
मैं दिव्या के होटो को हल्के हल्के चूमने लगा । मै कभी अपने होटो के बीच दिव्या के ऊपर तो कभी निचे के होट को चूमता तो कभी उसकी जीभ चूसने लगता ।
साथ ही मेरे दोनों हाथ दिव्या की पूरी बॉडी पर साड़ी के ऊपर से ही टच करे जा रहे थे ।
मैंने दिव्या की साड़ी निकाली उसने अंदर क्याला ब्लाउज़ और काली ही पेटीकोट पहना था ।
उस काले ब्लाउज़ और पेटीकोट में दिव्या काफी सेक्सी दिखने लगी ।
मैंने उसके पेटीकोट का नाडा भी खोल दिया और अंदर उसने नीले कलर की पेंटी पहनी थी ।
मैंने अपने भी कपड़े उतारे । दिव्या इतनी सेक्सी लग रही थी कि मैने दुबारा उसे पकड़ा और थोड़ी देर फिर चूमा ।
दिव्या हल्की हल्की सेक्सी आवाज में अब मेरी पेंटी भी उतार दो गीली हो रही हैं ।
मैंने कहा रुक तो जानेमन आज तो पूरी रात है न ।
दिव्या को अपने ऊपर सीधा लिटा कर मैं उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत सहलाने लगा और लगातार उसके कानों के पीछे चूमते हुए उसके कान को दाँत से दबाने लगा ।
और दूसरे हाथ से उसके रसीले दूध दबाने लगा । दिव्या सातवे आसमान की सैर पर निकल चुकी थी
कुछ मिनटों में जब उसकी पैंटी हद से ज्यादा गीली हो गयी तब मैने उसकी पैंटी उतारी ।
काम रस से सनी क्लीन चूत को मैने साफ किया और दोनों जांघो को पकड़ पर चाटने लगा ।
मेरी जीभ चूत पर लगते ही दिव्या सनसना उठी ।
और जोर जोर से चाटने को कहने लगी ।
लेकिन मैं बहोत आराम से उसे और ज्यादा उकसाने लगा ।
मैं जीभ से उसकी पूरी चूत पर हलचल करने लगा ।
वो भी पागल होने लगी उसने मेरा सर पकड़ पर अपनी चूत पर जोर देने लगी ।
मैं भी उसकी चिकनी चूत को बड़े मजे से चाटने लगा ।
उसके चूत की हल्की भूरे किनारों को अपने होटो और जीभ से जैसे बन पाया वैसा किया।
दिव्या इतनी टर्न ऑन हो चुकी थी कि मेरे बालो को खिंच कर हटाते हुए बोली बस अब अंदर डाल यार जान लेगा क्या जल्दी से चोद मुझसे नही रहा जा रहा ।
मैंने उसके बचे ब्लाउज़ और ब्रा भी अलग किये । और दिव्या को कहा आ जा मेरी जान घोड़ी बन जल्दी ।
दिव्या भी उल्टी हो कर घोड़ी बन गयी उसकी उभरी हुई गांड और घुमावदार कमर देख कर मेरा लण्ड और फूल गया ।
मेरे थूक और पानी से सनी चूत पर लौडा कर कर ढकेला दिव्या भी घोड़ी की तरह ही मम्मम्मम ~, हया ~, आआआह चोद जोर से आआहहहहहह....... मममहहहहह...... उईई आह...
मैं दिव्या की नंगी गांड पर हाथ घूमते हुए बेड के किनारे खड़ा हो कर दिव्या के चूत में लन्ड अंदर बाहर करने लगा ।
कुछ झटको के बाद मैने दिव्या के गांड पर थप्पड़ मारने चालू किये जैसे ही लौडा अंदर जाता मैं 1 तरफ़ थप्पड़ मरता और जैसे बाहर होता तब दूसरी तरफ ।इसी तरह 10 मिनट में दिव्या की चूत में लण्ड पेला
वायग्रा खाने के बाद भी मेरा माल निकलने को हुआ तो मैं रुक गया।
और दिव्या की सेक्सी पीठ चूमने लगा साथ उसके खरबूजों को मसलने लग गया ।
दिव्या को सीधा करके उसे फिर चूमने लगा दिव्या भी मेरी पीठ जकड़ कर मुझे चूमने लगी ।
मैंने उसके निप्पल्स पर जीभ घुमाई दिव्या मेरा सर पकड़ कर बोली पियो मेरा दूध काट लो इसे
मैंने दिव्या को थप्पड़ मार कर किस किया और फिर उसके कहने पर ही निप्पल्स को दाँतो से दबाने लगा ।
दिव्या मेरा सर पकड़े सेक्सी आवाजो में चोदने को कहने लगी ।
दिव्या को दुबारा उल्टा किया और चूत में लण्ड फसा कर दिव्या की गांड में बैठ गया ।
दिव्या ने अपने हाथों से बिस्तर जकड़ लिया और मैंने दिव्या के फैले हाथो को पकड़ कर जोर जोर दे चोदना चालू किया ।
लण्ड और चूत की आवाज तेज हो गयी साथ ही दिव्या भी जोर से आहहह उफ्फ करने लगी और अपना मुंह तकिये में दबाने लगी ।
मैं लन्ड को पूरा बाहर तक ला कर पूरी चूत की गहराई तक झटके देने लगा ।
10 मिंट तक तेज झटको और दिव्या की तेज आवाज़ ने दोनों को संतुष्ट कर दिया ।
दिव्या और मैं बड़े प्यार से बिस्तर पर चिपक कर चूमने लगे
दिव्या बोली - आज तो हालात खराब कर दी तुमने
मैं - अभी कहा मेरी जान पूरी रात बाकी है अभी ।
दिव्या - हाय काश सूरज भी ऐसे रोज कर पाते ।
पंकज के होने के बाद से तो सेक्स लाइफ ही खराब हो गयी मेरी ।
मैं - दिव्या के बूब्स दबाते हुए कोई बात नही भाभी तुम्हारी सेक्स लाइफ मैं रंगीन करूँगा ।
दिव्या - फिर भाभी बोल रहे हो लाओ अब मेरा लॉलीपॉप खाने दो ।
मैं हा मेरी जान तेरे लिए ही है चूस ले इसके बाद तुझे अब रबड़ी भी खिलाऊंगा ।
दिव्या शैतानी भरी निगाहों से भरी तरफ देखने लगी मैं खड़ा हो कर दिव्या के चेहरे पर लौड़े से मारने लगा ।
दिव्या भी मुह खोले हुए अपने चेहरे पर डिक स्लैप एन्जॉय करने लगी ।
कहानी आगे जारी रहेगी .......
यह उसके आगे की दासता हैं .....
पहली चुदाई के बाद दिव्या डार्लिंग ने 2 दिनो तक अपनी चूत के दर्शन नही करवाये ।
अगली सुबह फिर वो कपड़े सुखाने आयी मैं छत पर ही वर्क आउट कर रहा था ।
सीढ़ियों से 3 कदम दूर ही मेरा दरवाजा है , मैं दरवाजे पर खड़ा हो कर दिव्या के कपड़े सूखा के आने का वेट करने लगा । जैसे ही वो मेरे दरवाजे पर पहुची मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने रूम में खींच लिया और दरवाजा झट से लगाया ।
दिव्या को दीवाल में चिपका कर एकदम नजदीक जा कर किस करने लगा
दिव्या - ये क्या है पागल हो गए हो क्या ।
मैं- क्या हुआ जानेमन 2 दिनों से नही आई हो मेरा लौडा तुम्हारी चूत में जाने को तरस रहा है ।
यह कहते हुए दिव्या को किस करने की कोशिश करने लगा।
दिव्या मुझे अपने हाथों से रोकते हुए , कल सूरज ने शराब नही पी थी इस लिए नही आई ।
अभी जाने दो वरना दोनों पे मुसीबत पड़ जाएगी समझो ।
आज आ जाऊंगी पक्का तब जी भर के कर लेना ।
मैं - ठीक है मेरी जान रात को इंतज़ार करुगा अगर नही आई न तो आज मैं तुम्हारे बेडरूम में घुस कर तुम्हारी लूंगा ।
दिव्या - आज पक्का आउंगी और ऐसे आउंगी की तू भी क्या याद रखेगा , बस अभी जाने दो ।
दिव्या भाभी दरवाजा खोल कर चली गयी ।
मैं भी नहा कर नाश्ता करके अपने ऑफिस पहुँचा ।
मगर मेरा मन काम की जगह काम वासना में लगा हुआ था । मानो 1 1 घंटा 1 दिन जैसा लगने लगा ।
जैसे तैसे मेरी शिफ्ट खत्म हुई मैं घर गया बाहर से खाना ऑर्डर किया ।
और खा कर दिव्या का वेट करने लगा
लेकिन 10 बजे मेरे दरवाजे पर फिर दस्तक हुई मेरा लण्ड सनसना गया कि इतने जल्दी दिव्या आ गयी
दरवाजा खोला तो परी खड़ी हुई थी , उसने मुझसे सिगरेट मांगी मैने कहा चल दोनों पीते हैं ।
हम दोनों छत पर पहुचे और सिगरेट पीते हुए बात करने लगे ।
मैंने उससे डबल मीनिंग बाते करनी चालू की ।
सुन तुझे चूसना पसन्द है क्या ...??
परी - छी कितने गन्दे हो आप ।
मैं तू गन्दी है मैं तो लॉलीपॉप की बात कर रहा था
परी शर्माने लगी ।
इसी तरह मैंने 2 3 डबल मीनिग चीजे पूछी ।
परी भी जवाब सुन मज़े ले कर हसने लग जाती ।
कुछ देर सिगरेट खत्म हुई और फिर परी अपने कमरे में चले गई और मैं भी अपने कमरे में ।
मैं फिर फोन में टाइमपास करने लगा । 12बजे तक मैं उम्मीद में था ।
उसके बाद मुझे लगा आज फिर मेरे लण्ड की चूत की प्यास अधूरी रह जायेगी ।
लेकिन 1 बजे दिव्या मेरे दरवाजे पर पहुच ही गयी और मैं उसे देखते ही रह गया ।
दिव्या लाल साड़ी और काले ब्लाउस और हल्का मेकअप करके आयी ।
मैं अरे वाह जानेमन लगता है आज हमारी सुहागरात है ।
दिव्या अब सुहागरात कमरे में मनाओगे की दरवाजे पे ही ।
मैंने दिव्या को गोद मे उठाया और उसे दरवाजा लगाने को कहा ।
फिर सीधे बिस्तर पर लिटा कर बगल में मैं लेट गया ।
उसके बालो से शेम्पू की महक आ रही थी । और बॉडी से किसी साबुन और परफ्यूम की ।
मैंने उसके बालो को पिछे किया और गले मे चूम कर कानो को होटो में दबाते हुए धिरे से कहा ।
जानेमन कहर लग रही हो आज बताओ कहा से शुरू करू।
हमदोनो एकदूसरे को प्यार से देखने लगे । मैंने दिव्या को अपनी बाहों में भर कर अपने ऊपर कर लिया ।
और अपने हाथ उसके कूल्हों पर जमा लिए ।मैं उसके कूल्हों को सहलाते हुए उससे बात करने लगा।
कुछ देर बाद दिव्या बस अब बाते ही करोगे या कुछ और भी करना है ।
मैं दिव्या के होटो को हल्के हल्के चूमने लगा । मै कभी अपने होटो के बीच दिव्या के ऊपर तो कभी निचे के होट को चूमता तो कभी उसकी जीभ चूसने लगता ।
साथ ही मेरे दोनों हाथ दिव्या की पूरी बॉडी पर साड़ी के ऊपर से ही टच करे जा रहे थे ।
मैंने दिव्या की साड़ी निकाली उसने अंदर क्याला ब्लाउज़ और काली ही पेटीकोट पहना था ।
उस काले ब्लाउज़ और पेटीकोट में दिव्या काफी सेक्सी दिखने लगी ।
मैंने उसके पेटीकोट का नाडा भी खोल दिया और अंदर उसने नीले कलर की पेंटी पहनी थी ।
मैंने अपने भी कपड़े उतारे । दिव्या इतनी सेक्सी लग रही थी कि मैने दुबारा उसे पकड़ा और थोड़ी देर फिर चूमा ।
दिव्या हल्की हल्की सेक्सी आवाज में अब मेरी पेंटी भी उतार दो गीली हो रही हैं ।
मैंने कहा रुक तो जानेमन आज तो पूरी रात है न ।
दिव्या को अपने ऊपर सीधा लिटा कर मैं उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत सहलाने लगा और लगातार उसके कानों के पीछे चूमते हुए उसके कान को दाँत से दबाने लगा ।
और दूसरे हाथ से उसके रसीले दूध दबाने लगा । दिव्या सातवे आसमान की सैर पर निकल चुकी थी
कुछ मिनटों में जब उसकी पैंटी हद से ज्यादा गीली हो गयी तब मैने उसकी पैंटी उतारी ।
काम रस से सनी क्लीन चूत को मैने साफ किया और दोनों जांघो को पकड़ पर चाटने लगा ।
मेरी जीभ चूत पर लगते ही दिव्या सनसना उठी ।
और जोर जोर से चाटने को कहने लगी ।
लेकिन मैं बहोत आराम से उसे और ज्यादा उकसाने लगा ।
मैं जीभ से उसकी पूरी चूत पर हलचल करने लगा ।
वो भी पागल होने लगी उसने मेरा सर पकड़ पर अपनी चूत पर जोर देने लगी ।
मैं भी उसकी चिकनी चूत को बड़े मजे से चाटने लगा ।
उसके चूत की हल्की भूरे किनारों को अपने होटो और जीभ से जैसे बन पाया वैसा किया।
दिव्या इतनी टर्न ऑन हो चुकी थी कि मेरे बालो को खिंच कर हटाते हुए बोली बस अब अंदर डाल यार जान लेगा क्या जल्दी से चोद मुझसे नही रहा जा रहा ।
मैंने उसके बचे ब्लाउज़ और ब्रा भी अलग किये । और दिव्या को कहा आ जा मेरी जान घोड़ी बन जल्दी ।
दिव्या भी उल्टी हो कर घोड़ी बन गयी उसकी उभरी हुई गांड और घुमावदार कमर देख कर मेरा लण्ड और फूल गया ।
मेरे थूक और पानी से सनी चूत पर लौडा कर कर ढकेला दिव्या भी घोड़ी की तरह ही मम्मम्मम ~, हया ~, आआआह चोद जोर से आआहहहहहह....... मममहहहहह...... उईई आह...
मैं दिव्या की नंगी गांड पर हाथ घूमते हुए बेड के किनारे खड़ा हो कर दिव्या के चूत में लन्ड अंदर बाहर करने लगा ।
कुछ झटको के बाद मैने दिव्या के गांड पर थप्पड़ मारने चालू किये जैसे ही लौडा अंदर जाता मैं 1 तरफ़ थप्पड़ मरता और जैसे बाहर होता तब दूसरी तरफ ।इसी तरह 10 मिनट में दिव्या की चूत में लण्ड पेला
वायग्रा खाने के बाद भी मेरा माल निकलने को हुआ तो मैं रुक गया।
और दिव्या की सेक्सी पीठ चूमने लगा साथ उसके खरबूजों को मसलने लग गया ।
दिव्या को सीधा करके उसे फिर चूमने लगा दिव्या भी मेरी पीठ जकड़ कर मुझे चूमने लगी ।
मैंने उसके निप्पल्स पर जीभ घुमाई दिव्या मेरा सर पकड़ कर बोली पियो मेरा दूध काट लो इसे
मैंने दिव्या को थप्पड़ मार कर किस किया और फिर उसके कहने पर ही निप्पल्स को दाँतो से दबाने लगा ।
दिव्या मेरा सर पकड़े सेक्सी आवाजो में चोदने को कहने लगी ।
दिव्या को दुबारा उल्टा किया और चूत में लण्ड फसा कर दिव्या की गांड में बैठ गया ।
दिव्या ने अपने हाथों से बिस्तर जकड़ लिया और मैंने दिव्या के फैले हाथो को पकड़ कर जोर जोर दे चोदना चालू किया ।
लण्ड और चूत की आवाज तेज हो गयी साथ ही दिव्या भी जोर से आहहह उफ्फ करने लगी और अपना मुंह तकिये में दबाने लगी ।
मैं लन्ड को पूरा बाहर तक ला कर पूरी चूत की गहराई तक झटके देने लगा ।
10 मिंट तक तेज झटको और दिव्या की तेज आवाज़ ने दोनों को संतुष्ट कर दिया ।
दिव्या और मैं बड़े प्यार से बिस्तर पर चिपक कर चूमने लगे
दिव्या बोली - आज तो हालात खराब कर दी तुमने
मैं - अभी कहा मेरी जान पूरी रात बाकी है अभी ।
दिव्या - हाय काश सूरज भी ऐसे रोज कर पाते ।
पंकज के होने के बाद से तो सेक्स लाइफ ही खराब हो गयी मेरी ।
मैं - दिव्या के बूब्स दबाते हुए कोई बात नही भाभी तुम्हारी सेक्स लाइफ मैं रंगीन करूँगा ।
दिव्या - फिर भाभी बोल रहे हो लाओ अब मेरा लॉलीपॉप खाने दो ।
मैं हा मेरी जान तेरे लिए ही है चूस ले इसके बाद तुझे अब रबड़ी भी खिलाऊंगा ।
दिव्या शैतानी भरी निगाहों से भरी तरफ देखने लगी मैं खड़ा हो कर दिव्या के चेहरे पर लौड़े से मारने लगा ।
दिव्या भी मुह खोले हुए अपने चेहरे पर डिक स्लैप एन्जॉय करने लगी ।
कहानी आगे जारी रहेगी .......