• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest भाभी का बकरा

odin chacha

Banned
1,415
3,417
143
UPDATE 1
मेरा नाम राजेश है, 22 साल का हूँ, मैं अभी कुंवारा हूँ।
कुछ समय पहले मेरी सरकारी नौकरी लखनऊ से 200 किलोमीटर दूर एक शहर में लगी तो मैं वहाँ अपने रिश्ते की एक मौसी के यहाँ रह रहा हूँ।

मौसी के एक बेटे, बहू घर में ऊपर, मैं और मौसी नीचे रहते हैं।
भैया सुबह आठ बजे नौकरी को चले जाते, सविता भाभी मौसी के साथ काम कराती रहती हैं।

लड़कियों को घूरना, मुठ मारना, ये सब और लड़कों की तरह मैं भी करता हूँ। मैंने किसी औरत या लड़की के बदन को हाथ नहीं लगाया था। ऊपर वाली सविता भाभी से एक दो बार मेरी हल्की फुलकी बात हुई थी लेकिन मैंने कभी उन्हें गलत नज़र से नहीं देखा था।

मेरे वहाँ जाने के 15-20 दिन बाद घर की पानी की मोटर ख़राब हो गई, पानी ऊपर नहीं चढ़ रहा था।

उस दिन मेरी छुट्टी थी, भैया घर पर नहीं थे, मौसी बाज़ार गई हुईं थीं। मैं घर मैं अकेला था।

कुछ देर बाद भाभी नीचे आईं और मुझे देखकर मुस्कराते हुए बोलीं- राजेश, तुम्हें नहाना हो तो नहा लो। अगर मैं एक बार नहाने लगी तो पूरा एक घण्टा लगेगा।

मैंने कहा- मेरी तो आज छुट्टी है, मैं तो आराम से नहा लूँगा। लेकिन आपको लगता नहीं कि एक घण्टा बहुत ज्यादा होता है?

भाभी मेरे सामने साड़ी उतारते हुए बोलीं- पूरा बदन मल मल कर नहाती हूँ, तभी तो इतनी चिकनी हूँ।

साड़ी उतार कर पलंग पर रखते हुए बोली- अच्छा बताओ, मैं माल लगती हूँ या नहीं?

मैंने आज पहली बार गलत नज़रों से आँख उठाकर देखा तो ब्लाउज-पेटीकोट में सविता भाभी को देखता ही रह गया… क्या मोटी मोटी कसी हुई चूचियाँ थी, ब्लाउज चूचियों से चिपका जा रहा था और निप्पलों के उभार भी साफ़ चमक रहे थे।

भाभी ने इस बीच पेटीकोट ढीला करके नाभि के नीचे बाँध लिया, अब पेटीकोट चूत के थोड़ा ऊपर ही बंधा था, गोरा चमकता पेट और गोल नाभि देखकर मेरा लौड़ा खड़ा हो गया था।

मैं कुछ बोलता, भाभी मेरे सामने सामान्य ज्ञान की किताब झुककर देखने लगीं और बोली- राजेश, यह किताब मुझे दे देना, मैं बीएड की तैयारी कर रही हूँ, उसमें काम आएगी।

झुकने से पेटीकोट उनके चूतड़ों की दरार में फंस गया था और भाभी के उभरे हुए चूतड़ गज़ब के सुन्दर लग रहे थे, मन कर रहा था कि उन पर हाथ फेर दूँ।

वो मुझे खुल कर अपनी जवानी दिखा रही थीं।

उसके बाद भाभी बाथरूम में चली गईं। बाथरूम में झांककर देख सकते थे पर मुझ लौड़ू की देखने की हिम्मत ही नहीं हुई।

आधे घण्टे के बाद भाभी की आवाज़ आई- राजेश, बाहर कोई है तो नहीं?

मैं बोला- नहीं, मेरे अलावा कोई नहीं है।

भाभी बोलीं- तुम जरा इधर तो आओ।

मैं बाथरूम के पास पहुँचा और बोला- क्या बात है?

भाभी ने बाथरूम का दरवाज़ा थोड़ा सा खोला, वो अपने एक हाथ से दोनों नंगे स्तन ढकने की कोशिश कर रही थीं और नीचे तौलिया बांधे थीं।

यह देखकर मेरा लंड पूरा कड़क हो गया था, मुझे अपनी चूचियों की तरफ देखते हुए वो हल्के से मुस्कराते हुए बोलीं- तुम से बातें करने के चक्कर में मैं कपड़े लाना ही भूल गई।

भाभी अपने एक हाथ से खिड़की पर रखी चाबी उठाने लगीं, चाबी उनके हाथों से फिसल गई, वो झुक कर चाबी उठाने लगीं।

इस बीच उनके दोनों हाथ स्तनों से हट गए और दोनों स्तन हवा में लहरा गए, झूलते स्तनों और नुकीली भूरी निप्पल को देखकर मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया।

मैं एक टक सविता भाभी के उरोजों को घूरने लगा, भाभी ने भी बेशर्म होते हुए चाबी उठाई और स्तन हिलाते हुए बोलीं- इन संतरों को बाद में देख लेना, अभी तुम यह चाबी लो और जल्दी से ऊपर जाकर मेरी साड़ी और पेटीकोट ले आओ, पलंग पर रखे हैं।

ऊपर जाकर मैं भाभी की साड़ी, ब्लाउज और पेटीकोट ले आया, मैंने भाभी को कपड़े दे दिए।

भाभी जब बाहर निकलीं तो उन्होंने ब्लाउज हाथ में पकड़ रखा था और अपने नंगे दूधिया स्तनों पर गुलाबी साड़ी का पतला सा पल्ला डाल लिया था।

नंगे वक्ष-उभार चमक रहे थे, गुलाबी-चिकने स्तनों ने मेरे दिलो-दिमाग और लंड को घायल कर दिया था।

अपने होंट काटते हुए भाभी पल्लू हटा कर स्तन दिखाते हुए बोलीं- मेरे दुद्दू तुम्हें कैसे लगे? जल्दी बताओ न?

मेरा हाथ अपने लंड पर चला गया, होंटों पर अपनी जीभ फिराते हुए मैंने कहा- आपके दूद्दू बहुत सुंदर हैं।

भाभी भी आह भरते हुए बोलीं- तो देख क्या रहे हो? चूसो ना इन्हें!
उनके सुडौल तने हुए स्तनों और भाभी की अदाओं ने मेरे बदन में बिजली प्रवाहित कर दी थी, मैं बिल्ली की तरह आगे बढ़ा ही था कि तभी दरवाज़े की घण्टी बजी और मौसी की आवाज़ आई।

भाभी पल्ला सही करते हुए ऊपर भागीं और बोलीं- कल ऊपर आना, अच्छी तरह से चूसना… अभी चलती हूँ, बुढ़िया ने देख लिया तो घर से निकाल देगी !
और आँख मारते हुए वो ऊपर भाग गईं लेकिन मेरे लौड़े में न बुझने वाली आग लगा गई थी।

रात भर भाभी की जवानी याद कर कर के मैं अपना लोड़ा सहलाता रहा। बार बार उनके रसीले स्तन मेरी आँखों के सामने आ रहे थे।
मैंने उनके नाम की दो बार मुठ मारी तब जाकर नींद आई।

अगले दिन मौसी जब नाहने जा रही थीं, तभी भाभी की आवाज़ आई- मम्मीजी, आप और राजेश ऊपर आ जाओ, मैंने इडली बनाई है।
मौसी मुझसे बोलीं- राजेश, तू ऊपर जाकर इडली खा ले। मैं जल्दी से नहा कर आती हूँ।

भाभी ऊपर खड़ी सब सुन रही थीं।

मैं ऊपर चला गया।

भाभी मैक्सी में थीं, मुझसे बोली- चलो आज देवर जी ऊपर तो आए ! पहले चाय बनाती हूँ।

भाभी चाय बनाने लगीं।

आज मेरी नज़र बदली हुई थी, भाभी में मैं एक औरत देख रहा था।
पीछे से उनके चूतड़ बहुत सुंदर लग रहे थे।

भाभी ने चाय में दूध डालने के बाद मुड़कर मुझे देखा और मुस्कराते हुए अपनी एक चूची दबाते हुए बोलीं- दुद्दू पीना है?

मैं बोल मौसी आ जाएँगी।

भाभी दरवाज़े के पास गईं और दरवाज़ा बंद कर दिया, बुरा सा मुँह बनाते हुए बोली- बुढ़िया आधे घंटे से पहले नहीं आने वाली! साठ की हो रही है पर ऐसे मल मल कर नहाती है जैसे कि पच्चीस में बदल जाएगी।

फ़िर मुझसे बोली- तुम चूतियों की तरह इतनी दूर क्यों बैठे हो? पास आओ ना !

मैं पास पहुँच गया।

भाभी ने मुस्कराते हुए अपनी मैक्सी की चेन नीचे करी, उनके दोनों दूधिया स्तन बाहर निकाल आए, मुझसे रहा नहीं गया, मैंने दोनों हाथों में उनके स्तन पकड़ लिए और उन्हें 2-3 बार दबा दिया।

भाभी ने मेरे गालों पर एक पप्पी ली और बोलीं- तुम मेरे पीछे आकर इन संतरों से खेलो, साथ ही साथ मैं नाश्ता लगाती हूँ।

भाभी के पीछे आकर उनके कूल्हों से लण्ड चिपकाकर मैं चूचियाँ मलने लगा।
भाभी भी मज़े से दबवाते हुए हुए चाय और इडली का नाश्ता लगाने लगीं।

मेरा यह पहला मौका था जब किसी औरत के नंगे चूचे मैं दबा रहा था।

करीब दस मिनट तक मैं भाभी की चूचियों से खेलता रहा और जी भरकर मैंने उन्हें मसला, चूचियों की निप्पल मैंने घुमा घुमा कर खड़ी कर दीं थीं।

भाभी मुझे हटाकर बोलीं- आओ, अब हम बैठकर नाश्ता करते हैं। तुम्हारी मौसी को तो अभी दस मिनट और लगेंगे।

भाभी ने अपनी चूचियाँ खोल रखी थीं उन पर कटे के दो तीन निशान थे।

भाभी चाय की चुस्की लेते हुए बोलीं- कल रात तुम्हारे भैया ने दो बजे तक सोने नहीं दिया, एक बार मुझे नंगी करके मेरे ऊपर चढ़ जाते हैं तो तीन घंटे से पहले नहीं छोड़ते।

अपनी चूची पर उंगली रखते हुए भाभी बोलीं- देखो, तुम्हारे भैया ने तुम्हारी भाभी की चूचियों पर कितना काट रखा है।

भाभी की बातों से मेरा लंड सुलगने लगा था, मैंने कहा- आप का बदन भी तो मस्त चिकना है, भैया की तो मौज ही मौज है।
कहानी जारी रहेगी।
 
Last edited:

odin chacha

Banned
1,415
3,417
143
UPDATE 2
भाभी चाय की चुस्की लेते हुए बोलीं- कल रात तुम्हारे भैया ने दो बजे तक सोने नहीं दिया, एक बार मुझे नंगी करके मेरे ऊपर चढ़ जाते हैं तो तीन घंटे से पहले नहीं छोड़ते।

अपनी चूची पर उंगली रखते हुए भाभी बोलीं- देखो, तुम्हारे भैया ने तुम्हारी भाभी की चूचियों पर कितना काट रखा है।

भाभी की बातों से मेरा लंड सुलगने लगा था, मैंने कहा- आप का बदन भी तो मस्त चिकना है, भैया की तो मौज ही मौज है।
भाभी मैक्सी की जिप बन्द करते हुए बोलीं- तुम्हें भी मौज करा दूंगी परसों की छुट्टी ले लो परसों मौसी को अस्पताल जाना है, मैं घर मैं अकेली रहूंगी।

मैंने कहा- समझो मैंने छुट्टी ले ली।

तभी मौसी के ऊपर आने की आहट हुई, भाभी ने जाकर दरवाज़ा खोल दिया।

मौसी ऊपर आ गई, हम सब लोगों ने साथ नाश्ता किया।
उसके बाद मैंने नीचे कमरे मैं जाकर सुलगते हुए लंड की मुठ मारी और कपड़े पहन कर ऑफिस चला गया।

ऑफिस जाकर मैंने एक दिन बाद की छुट्टी ले ली और बड़ी बेचैनी से परसों का इंतज़ार करने लगा।

अगले दिन सुबह मौका देखकर मैं भाभी के कमरे में गया और उनको अपनी बाहों में भरकर उनकी मैक्सी पीछे से उठाई और उनके नंगे चूतड़ दबाते हुए गाण्ड में उंगली कर दी।

भाभी ने मुझे प्यार से पप्पी देकर कहा- गंदे कहीं के… एक दिन इंतज़ार नहीं हो रहा है, कल पूरा मज़ा लेना!

मैंने भाभी की चूचियों को कई बार दबाया और नीचे आ गया।
पूरा दिन और रात बड़ी मुश्किल से कटी।

अगले दिन मौसी ने मुझसे सुबह ही बोल दिया कि आज ऑफिस जाते हुए मैं उन्हें अस्पताल छोड़ दूँ और शाम को लौटते हुए ले लूँ।
मन ही मन मैं खुश हो गया, आज पहली बार सेक्स का मज़ा जो मिलने वाला था।

मैं मौसी के चलने का इंतज़ार करने लगा, मैं और मौसी नौ बजे घर से निकल गए।

मैं मौसी को छोड़कर वापस गयारह बजे से पहले ही घर आ गया।

भाभी नीचे ही थीं, भाभी ने मुस्करा कर कहा- पहले दरवाज़ा बंद करके आओ !

दरवाज़ा बंद करके जब मैं आया तो भाभी ने अपनी मैक्सी उतार दी थी और अपनी जांघें एक के ऊपर रखकर मेरे पलंग पर बैठीं थीं, उनके नंगे तने हुए चूचे दबाने का निमंत्रण दे रहे थे और जांघें मेरे लंड को चोदने के लिए आमंत्रित कर रही थीं।

मुझसे रहा नहीं गया, मैंने आगे बढ़कर दोनों चूचियाँ अपने हाथों में लपक लीं और उनके गालों को चूमते हुए बोला- अब नहीं रहा जाता… वाकयी आप तो गज़ब का माल हो।

भाभी ने मुझको अपने से चिपका लिया, मैं उनकी चूचियाँ मसलने लगा, पागलों की तरह कभी चूची दबाता, कभी चूमता कभी काटता, मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था।

थोड़ी देर बाद भाभी ने मेरे कपड़े उतरवाए, अब मैं सिर्फ चड्डी में था।

मेरी निप्पल हाथों से नुकीली करती हुई बोली- अब पूरा दिन अपना है, उतावले न बनो, आओ मेरी गोद में लेटो और पहले दूध पियो ! दो दिन से परेशान हो रहे हो।

मैं भाभी की गोद मैं लेट गया उन्होंने मेरा मुहं अपनी टोंटियों पर लगा लिया मैं उनकी चूचियाँ निप्पल दबाते हुए चूसने लगा। भाभी ने मेरे कच्छे के अन्दर हाथ अंदर डालकर भाभी ने मेरा तना लंड पकड़ लिया और सहलाते हुए बोलीं- तुम्हारा घोड़ा तो बहुत चिकना है, मज़ा आ जाएगा।

उन्होंने 2-3 बार ही उसे हिलाया होगा कि मेरे वीर्य का फव्वारा छुट गया।

लंड को दबाते हुए भाभी बोलीं- तुम तो अभी कच्चे घड़े हो, तुम्हें पक्का बनाना पड़ेगा वर्ना किसी को चोद ही नहीं पाओगे।

मेरी चड्डी गीली हो गई थी, मैं शर्म महसूस कर रहा था।

भाभी बाल सहलाते हुए बोली- शर्माओ नहीं, शुरू में एसा सबके साथ होता है।
भाभी ने मेरी चड्डी उतरवा दी, मेरे झड़े हुए लौड़े के चारों तरफ झांटों का जंगल खड़ा था, उन्होंने मेरे लौड़े को तौलिये से अच्छी तरह साफ़ किया और मेरे होंटों की पप्पी लेते हुए बोलीं- इस जंगल को साफ़ रखा करो।

नीचे ड्रेसिंग टेबल से एक क्रीम निकाली और मेरी झांटों पर लगाते हुए बोली- अभी दस मिनट में पूरा जंगल साफ़ हो जाएगा।

क्रीम लगाने के बाद उन्होंने अपनी कच्छी भी उतार दी।

भाभी की पाव रोटी की तरह उभरी हुई चूत पर नाम मात्र के बाल थे, उसे देख मेरा लंड फ़िर उबाल खाने लगा।

मुस्कराते हुए भाभी ने क्रीम मेरे हाथों में दी और बोलीं- थोड़ी सी मेरी चूचु में भी लगा दो, मुझे तो ये झांटें बिल्कुल अच्छी नहीं लगती हैं।

भाभी ने जब बिस्तर पर लेट कर अपनी जाँघें फ़ैला कर मेरे हाथ से अपनी चूत के आसपास क्रीम लगवाई तो मेरे लंड से दो-तीन बूंदें वीर्य की छुट गईं।

इस बीच धीरे धीरे वो मेरा लंड सहलाते हुए मेरे टट्टे पर भी हाथ सहलाती रहीं और मैं उनकी चूत के बाहरी होंटों को सहलाता रहा, बीच बीच में मैं अपने दूसरे हाथ की उंगली उनकी चूत में भी घुसा देता था, बड़ा मज़ा आ रहा था।

मुझसे रहा नहीं गया और मैंने एक बार फिर भाभी की चूचियाँ दबाते हुए निप्पल मुँह में भर लीं।

भाभी मुझे अपने से चिपकाती हुई बोलीं- आओ, अब चल कर साथ नहाते हैं।

कुछ देर बाद हम लोग बाथरूम में थे।

बाथरूम में भाभी और मैंने पानी डालकर अपने बाल साफ़ किये, बाल साफ़ होने के बाद भाभी ने मेरे लौड़े को अच्छी तरह से धोया और खड़े लंड के सुपारे की पप्पी लेते हुए बोलीं- आह, कितना सुंदर लग रहा है, राजेश इसे मेरी चूत में पेलोगे न?

इतना होने के बाद मुझसे रहा नहीं गया, हम दोनों एक दूसरे से चिपक गए, मैंने भाभी के होंटों पर अपने होंट टिका दिए और चूसने लगा।

थोड़ी देर बाद उन्होंने मुझे हटाकर पास रखे नारियल तेल मुझे दिया और बोली- तुम मेरी चूचियों की मालिश करो, मैं तुम्हारे लंड की मालिश कर देती हूँ। तुम्हारे लौड़े को तगड़ा भी तो बनाना है, नहीं तो फिर यह ढेर हो जाएगा।

सामने टॉयलेट सीट पर भाभी बैठ गईं, उन्होंने मेरे हाथ अपने दूधों पर रख दिए, सामने से तेल लगा कर उनके चूचे दबाते और मलते हुए मालिश करने में मज़ा आ गया।

उधर भाभी ने मेरा लंड मालिश कर कर के कड़ा कर दिया था।

इसके बाद शावर खोलकर हम एक दूसरे से चिपक गए, मेरे लंड का सुपारा उनकी चूत के मुँह पर लग रहा था, मैं बार बार अंदर घुसाने की कोशिश कर रहा था पर वो अंदर नहीं घुस पा रहा था।

मैं भाभी को अपने बदन से भींचते हुए हुए बोला- यह अंदर क्यों नहीं घुस रहा है?

भाभी ने मेरी मुठिया सहला कर लंड का मुँह अपने चूत के मुहं पर रगड़ा और बोलीं- अच्छे अच्छे तो अपनी बीवी की चूत में शुरू में लेट कर नहीं घुसा पाते हैं, तुम्हारा तो यह पहला अनुभव है। नहाने के बाद बिस्तर पर चलते हैं, वहाँ इसको मेरी चुनिया में घुसाना, मुझे भी बड़ी तड़प हो रही है लंड डलवाने की। अभी तो तुम एक काम करो, टॉयलेट की सीट पर बैठो, मैं तुम्हारा लौड़ा अपने मुँह में लेती हूँ, मुझे लंड चूसना बहुत अच्छा लगता है।

मैं सीट पर बैठ गया, मेरा लंड टनटना रहा था।

भाभी ने कुतिया बनकर अपने होंठ मेरे लंड पर रखे और एक कुशल खिलाड़िन की तरह पूरा लण्ड मुँह में ले लिया।

मेरे मुँह से आहें निकल पड़ीं, अभी 5-6 बार ही भाभी ने लंड चूसा होगा कि मेरा लौड़ा उनके मुख में झड़ गया।

भाभी ने खड़े होकर मुझे अपनी दुधिया चूचियों से चिपका लिया और बोलीं- शुरू शुरू में सबके साथ ऐसा ही होता है। अभी थोड़ी देर में यह दुबारा खड़ा हो जाएगा। नहाने के बाद बिस्तर पर मेरी चूत में पेलना। दो दिन में मैं पूरा चोदू बना दूँगी तुम्हें ! अभी तुम मेरी पीठ और चूतड़ों पर साबुन लगा दो।

मैं भाभी के चूतड़ों पर साबुन मल ही रहा था कि तभी भैया की आवाज़ आई- सविता क्या कर रही हो?

भाभी घबरा गईं और बोलीं- आज ये लंच भूल गए थे, दरवाज़ा बजा कर थक गए होंगे तभी बगल वाली आंटी की छत से कूदकर आ रहे हैं।

भाभी ने दरवाज़ा खोलकर देखा और बोली- नहा रही हूँ, अभी आती हूँ, ऊपर ही रहो।

उसके बाद मुझसे बोलीं- राजेश, जल्दी से कमरे में जाकर छुप जाओ, ये अभी ऊपर ही हैं।

मैं दौड़ कर कमरे में नंगा ही घुस गया।
कहानी जारी रहेगी।
 
Last edited:

odin chacha

Banned
1,415
3,417
143
UPDATE 3
मैं भाभी के चूतड़ों पर साबुन मल ही रहा था कि तभी भैया की आवाज़ आई- सविता क्या कर रही हो?

भाभी घबरा गईं और बोलीं- आज ये लंच भूल गए थे, दरवाज़ा बजा कर थक गए होंगे तभी बगल वाली आंटी की छत से कूदकर आ रहे हैं।

भाभी ने दरवाज़ा खोलकर देखा और बोली- नहा रही हूँ, अभी आती हूँ, ऊपर ही रहो।

उसके बाद मुझसे बोलीं- राजेश, जल्दी से कमरे में जाकर छुप जाओ, ये अभी ऊपर ही हैं।

मैं दौड़ कर कमरे में नंगा ही घुस गया।
भाभी भैया को दिखाने के लिए बाथरूम में नहाने का नाटक कर रही थीं।

कमरे में आकर मुझे लगा कि भैया अन्दर आ रहे हैं तो मैं पलंग के नीचे नंगा ही छुप गया।
भैया कमरे मैं पलंग पर बैठ गए।
सामने ड्रेसिंग टेबल के शीशे में मैंने देखा तो भैया मोबाइल में शायद ब्लू फिल्म देख रहे थे, उन्होंने अपना लौड़ा बाहर निकाल लिया था और सहलाते हुए बुदबुदा रहे थे- क्या गाण्ड मारी है कुतिया की!

उनका लौड़ा बहुत मोटा, लम्बा और कड़क था, उनके सामने मुझे अपना लौड़ा चूहे जैसा लग रहा था।

तभी बाथरूम खुलने की आवाज़ आई भाभी अन्दर कमरे में आई।

शीशे में मैंने देखा वो सिर्फ जांघों पर तौलिया लपेटी थीं उनकी चूचियाँ हवा में लहरा रही थीं। भैया को देखकर चौंकते हुए बोलीं- आप इधर यह क्या कर रहे हैं? ऊपर नहीं गए?
भैया ने उनकी तौलिया खींचते हुए कहा- तुम्हारी बिल्ली मारने के लिए औजार पैना कर रहा था। आज तो बिल्ली मारने में मज़ा आ जाएगा।
भाभी चूत पर हाथ रखते हुए बोलीं- ऊपर चलिए न, मुझे पलंग के नीचे से शीशे में सब दिख रहा था।
भैया ने अपनी पैंट उतार दी और भाभी के हाथ चूत के मुँह से हटाते हुए मोबाइल उनके हाथ में देकर बोले- देखो यह लड़का लड़की की कितनी मस्त गाण्ड मार रहा है। आज यहाँ कोई नहीं है क्यों न तुम्हारी गाण्ड भी एसे ही मार ली जाए।

भाभी फिल्म देखने लगीं, नंगी भाभी को भैया ने खींचकर अपनी जाँघों पर बैठा लिया और उनकी जांघें और चूचियाँ मलने लगे, भाभी उनका लौड़ा सहलाने लगीं।

भैया ने इस बीच भाभी से पूछा- प्रोजेक्ट चूत कैसा चल रहा है?

भाभी बोली- सफल हो रहा है, एक महीने में रिजल्ट आ जाएगा।

भाभी को बाहों में खींचते हुए भैया बोले- सच ! वाह्ह मज़ा आ जाएगा, अब जरा लौड़ा चूस कर खुश कर दो न!

भाभी ने घोड़ी बनकर उनका लौड़ा मुँह में भर लिया, भाभी लपालप लौड़ा चूसे जा रहीं थी लेकिन लौड़ा झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था।

इसके बाद भैया ने खड़े होकर घोड़ी भाभी की गाण्ड के मुँह पर अपना लौड़ा छुला दिया।

मेरी तो सांस ही रुक गई, भैया लौड़ा अन्दर पेलते जा रहे थे और भाभी सिसकारियाँ भरने लगीं थीं, शीशे में से भाभी ने मुझे भी देख लिया था, उन्होंने मुझे आँखों से शांत रहने का इशारा किया, लौड़े ने उनकी गाण्ड फाड़ रखी थी, चुदती भाभी की चूचियाँ झूला झूल रही थीं और वो उह आह उह कर रही थीं।

भैया एक कुशल खिलाड़ी की तरह उनकी गाण्ड चोद रहे थे और उनके चूतड़ों पर बीच बीच में जोर जोर से चांटे भी मार रहे थे।

मुझे आश्चर्य हो रहा था कि मेरा लौड़ा तो एक मिनट में झड़ जाता है और यहाँ सरपट भाभी की गाण्ड चुदती जा रही है।

मैं डरा सा उनकी चुदाई देख रहा था।

पाँच मिनट करीब तक गाण्ड चोदने के बाद भैया ने पूरा रस भाभी की गाण्ड के ऊपर छोड़ दिया और उसके बाद दोनों अलग होकर पलंग पर बैठ गए।

भाभी बोलीं- तुम ऊपर जाओ, मैं आती हूँ।

भैया पैंट पहन कर ऊपर चले गए।

भाभी ने कपड़े पहने और नीचे झांककर बोलीं- राजेश दस मिनट यहीं छुपे रहो, मैं इन्हें भेज कर आती हूँ।
कहानी जारी रहेगी।
 
Last edited:

odin chacha

Banned
1,415
3,417
143
UPDATE 4
भैया को भेजने के बाद भाभी नीचे आ गईं।

मैंने इस बीच अपने कपड़े पहन लिए थे।

उन्होंने दरवाज़ा बंद करके मुझे कस कर अपनी बाहों में भरा और बोलीं- बाल बाल बचे, वरना भगवान् जाने क्या होता।

मुझे बाँहों में भींचते हुए बोलीं- पहले खाना खा लेते हैं। अब पूरी दोपहर मेरी और तुम्हारी है।

भाभी ने खाने से पहले मुझे एक गोली और कैप्सूल दिया और बोलीं- इसे खा लो, लौड़ा हथोड़ा हो जाएगा। ये तो रोज सुबह शाम खाते हैं फिर हीरो बनते हैं। तुमने देखा कैसे हैवान की तरह गाण्ड चोदी है। अभी भी दर्द हो रहा है। इतना मोटा लौड़ा है, मज़े मज़े में चार साल से बच्चा नहीं कर रहे हैं, कहते हैं कि बच्चे के बाद और औरतों की तरह बेडौल हो जाओगी और चोदने में मज़ा भी नहीं आएगा।

मैंने भाभी से पूछा- यह प्रोजेक्ट चूत क्या है?

भाभी मेरे लौड़े पर हाथ फेर कर लड़खड़ाती आवाज़ में बोलीं- यह आपस की बात है।
आधे घंटे बाद भाभी और मैंने खाना खाया, इसके बाद भाभी मुझे ऊपर अपने कमरे में ले गईं।

कमरे में आने से पहले हमने सब जगह के दरवाजे बंद हैं या नहीं, यह चेक कर लिया था।

भाभी ने अपनी मैक्सी एक झटके में उतार दी और अपनी चूत में उंगली घुमाते हुए बोलीं- आह आओ न राजेश, अब देर क्यों कर रहे हो।

मैंने आगे बढ़कर उनकी चूचियाँ अपने हाथों में दबा लीं और उनकी निप्पल उमेठने लगा।

भाभी ने इस बीच मेरी शर्ट और पैंट खोल दी और मेरा लौड़ा पकड़ कर दबाते हुए बोलीं- गाण्ड तो इन्होंने चोद दी लेकिन इस चूत की प्यास तो अब तुमसे ही बुझेगी। जल्दी से अपने नाग राज को मेरी चूत में पेलो न।

हम दोनों अब पूरे नंगे थे।

भाभी टांगें फ़ैलाकर पलंग पर लेट गईं, उनकी चिकनी चूत देखकर मेरा हाथ अपने लोड़े पर चला गया।

भाभी ने मुझे अपनी तरफ बिस्तर पर खींच लिया और मेरा मुँह अपनी चूचियों पर लगा लिया, मेरे लौड़े की मुठ मारते हुए बोलीं- आह… तुम्हारा लौड़ा तो बहुत चिकना है।

मैंने उनकी चूत पर हाथ फेरते हुए कहा- आपकी चूत भी तो मस्त चिकनी हो रही है!

मेरी मुठ दबाते हुए भाभी बोलीं- सच मेरी फ़ुदिया सुंदर है न? इसको चूसो ना… बड़ा मज़ा आएगा, एक बार कोशिश करके देखो ना!

मैंने मुँह उल्टा करके चूत में लगा दिया, बड़ा कसैला सा स्वाद था, मैंने मुँह हटा लिया।

भाभी बोलीं- चूसो न !

तभी भाभी ने मेरा लौड़ा मुँह में ले लिया।
एक बार मैंने दुबारा चूत पर मुँह लगा दिया, इस बार चूत का दाना मेरे मुँह में था, अब मुझे मज़ा आ गया था।

कुछ देर बाद भाभी और में एक दूसरे के गुप्त अंग अन्दर तक मुँह घुसा के चूसने लगे, बड़ा मज़ा आ रहा था।

उसके बाद भाभी की पहल पर हम हट गए, मेरा लौड़ा पूरा हथोड़ा हो रहा था।

भाभी ने एक तकिया अपने कूल्हों गाण्ड के नीचे रखा और अपनी टांगें चौड़ी कर लीं और बोलीं- आह, अब लौड़ा पेल दो ना।

मैंने अपना लौड़ा उनकी चूत पर लगा दिया और ताकत से अन्दर पेलने लगा, शुरू में लौड़ा घुस नहीं रहा था।
भाभी ने लौड़ा दबाते हुए अपनी चूत में लगाया और बोलीं- अब पेलो।

मैं धीरे धीरे लौड़ा अन्दर घुसाने लगा, लौड़ा अन्दर जाने लगा था।

भाभी की आहें गूंजने लगीं, मेरी साँसें भी तेज हो रही थीं।

उन्होंने अपनी टांगें मेरी पीठ से बाँध लीं और बोलीं- आह… मज़ा आ गया… और पेलो। आह इस कमीनी को फाड़ डालो, चोदो और चोदो।
उनकी आहें मुझमें एक जोश पैदा कर रहीं थी, यह मेरी पहली चुदाई थी।
अब मैं उनकी चूत में धक्के लगा रहा था और चुदाई का मज़ा ले रहा था जो शब्दों में बयाँ नहीं किया जा सकता।
भाभी अब मेरे लिए एक औरत थीं।

लौड़ा पूरा अन्दर घुस गया था, मेरी पीठ पर अपनी टांगें लपेटते हुए वो चिल्ला उठीं- राजेश, आह मज़ा आ गया।

मैंने चूत में धक्के मारने शुरू कर दिए, लौड़ा सटासट उनकी चूत मारने लगा था, गज़ब आनन्द आ गया और वो पल भी आ गया जब मेरा लावा बह निकला और उसने भाभी की पूरी चूत भर दी।

भाभी ने मुझे अपने से चिपकाते हुए पूरा वीर्य अन्दर ले लिया।

उसके बाद हम दोनों एक दूसरे में समां गए।
मेरे लौड़ा में दर्द हो रहा था, चूत का स्वाद मैं चख चुका था।

उसके बाद लेट कर मैं और भाभी बातें कर रहे थे।

भाभी मेरी निप्पल नुकीली करते हुए बोलीं- कहीं बाहर चल कर मौज करते हैं, यहाँ तो मौका भी कम मिलेगा और हमेशा डर भी लगा रहेगा। अगले संडे मेरा बी एड का एग्जाम है, लखनऊ चलते हैं, सासू माँ की बहन रंजना के यहाँ रुकेंगे, उनकी बेटी सोनम मेरी अच्छी सहेली है, फ्लैट में माँ बेटी अकेली रहती है। रंजना मौसी आजकल तीर्थ यात्रा पर गई हुई हैं, वहाँ सेक्स करने में मज़ा आ जाएगा। मौका मिले तो सोनम को भी चोद देना, अब तो तुम चोदना सीख ही गए हो।

भाभी की बातों से मेरा हाथ लौड़ा पर जाने लगा, भाभी ने मेरा हाथ हटा दिया और मेरा लौड़ा अपने हाथों से सहलाते हुए बोली- इसकी जगह औरतों की चूत में होती है। अब तुम्हारी उम्र इसे औरतों के छेदों में डालने की है, हाथों से हिलाने की नहीं हैं। मन कर रहा है तो एक बार और मेरी चूत में पेल दो।

उसके बाद एक बार फिर मैं भाभी के ऊपर चढ़ गया और उन्हें चोदने लगा।

समय का पता ही नहीं चला और 6 बज़ गए मैं भाभी को चोद कर हटा ही था कि हमें घंटी की आवाज़ सुनाई दी।

वीर्य से सने लौड़े पर कच्छा चढ़ा कर मैं नीचे भागा।
मैंने दरवाज़ा खोला तो मौसी थीं, मुझसे बोली- पड़ोस का रमेश आ रहा था, उसके साथ आ गई, चल तेरी दौड़ बची। यह सविता तो ऊपर पढ़ रही होगी, बड़ी कामचोर है, दिन भर पढ़ने का नाटक करती है।

मौसी ने आवाज़ देकर सविता भाभी को नीचे बुला लिया और पूछा- ये तेरी पढ़ाई कब पूरी होगी?

भाभी बोलीं- मम्मीजी, अगले संडे को एग्जाम लखनऊ में है, उसके बाद पढ़ाई ख़त्म।
कहानी जारी रहेगी।
 

odin chacha

Banned
1,415
3,417
143
UPDATE 5
समय का पता ही नहीं चला और 6 बज़ गए मैं भाभी को चोद कर हटा ही था कि हमें घंटी की आवाज़ सुनाई दी।

वीर्य से सने लौड़े पर कच्छा चढ़ा कर मैं नीचे भागा।
मैंने दरवाज़ा खोला तो मौसी थीं, मुझसे बोली- पड़ोस का रमेश आ रहा था, उसके साथ आ गई, चल तेरी दौड़ बची। यह सविता तो ऊपर पढ़ रही होगी, बड़ी कामचोर है, दिन भर पढ़ने का नाटक करती है।

मौसी ने आवाज़ देकर सविता भाभी को नीचे बुला लिया और पूछा- ये तेरी पढ़ाई कब पूरी होगी?

भाभी बोलीं- मम्मीजी, अगले संडे को एग्जाम लखनऊ में है, उसके बाद पढ़ाई ख़त्म।

मौसी बोलीं- अशोक तो पूना जा रहा है, तू लखनऊ कैसे जाएगी।

भाभी बोली- आप राजेश को मेरे साथ सैटरडे को लखनऊ भेज दो।

मौसी मुझे देखकर बोलीं- क्यों राजेश, जायेगा इसके साथ?

मैंने कहा- आप कहोगी तो चला जाऊँगा।

मौसी बोलीं- ठीक है, चला जा। तुम दोनों सोनम के यहाँ रुक जाना, आजकल अकेली है, रंजना तो तीर्थ यात्रा पर गई हुई है। सविता और सोनम की पटती भी अच्छी है।

मेरी और भाभी की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा।

भाभी बोलीं- हम सोनम के यहाँ रुक जाएगें और सोमवार को वापस आ जाएँगे।

शाम को मुझे अकेला देखकर मेरे लौड़े को सहलाते हुए भाभी बोलीं- अपने हीरो को तैयार रखना, एग्जाम तो मेरा है लेकिन पास तुम्हारे लौड़े को होना है। सच में मज़ा आ जाएगा जब रात को तुम्हारी रानी बनकर चुदूँगी।

भाभी की बेबाक बेशरम बातें सुनकर मैंने उनकी चूचियाँ दबाई।
तभी दूर से आती हुई मौसी को देखकर तेजी से बाथरूम में मुठ मारने चला गया और मुठ मारते हुए मन ही मन उतेजना में बुदबुदाने लगा- सविता… कुतिया… यह लौड़ा अब फेल नहीं होगा, अब तो यह तेरी चूत का का छेद चोगुना करेगा।

दो दिन बाद शनिवार भी आ गया हम दोनों जाने को तैयार हो गए।

भाभी और मैंने शनिवार को चार बजे घर से निकलने का प्रोग्राम रखा, 4-5 घंटे में हम लखनऊ पहुँच जाते, बस से हम लोग जा रहे थे।
भाभी साड़ी ब्लाउज में थीं, मैंने टी शर्ट और जीन्स पहनी हुई थी।

शनिवार को हम बस से चले, दिसम्बर का महीना था, रात ठण्डी थी, बस 5 बजे चली 9 बजे तक हम लखनऊ पहुँच जाते।

बस में पीछे वाली दो लोगों की सीट पर हम जाकर बैठ गए।

बैठते ही भाभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और धीरे से सहलाने लगीं।
मैंने हाथ की कोहनी धीरे से ब्लाउज के ऊपर से उनकी चूचियों पर लगा दी और उनकी चूची कोहनी से धीरे धीरे दबाने लगा।

थोड़ी देर बाद उत्तेजना में भरकर मैंने अपना एक हाथ उनके ब्लाउज के ऊपर रखकर पूरा स्तन दबा दिया।

भाभी हाथ हटाकर फुसफुसाते हुए बोलीं- सात बजे जब पूरा अँधेरा हो जाए तब मज़े ले लेना, थोड़ा सब्र कर लो।

मैं संभल गया, भाभी और मैं बातें करने लगे।
पौने सात बजे करीब बस एक ढाबे पर रुकी, भाभी बाथरूम चली गईं, मैंने दो चाय का आर्डर कर दिया।

भाभी मुस्कराते हुए चाय पीने के बाद मुझसे बोलीं- खुले पैसे मेरे पर्स से दे दो।

मैंने जब पर्स में से पैसे निकाले तो देखा उसमें उनकी ब्रा और पैंटी रखी हुई थी।

मेरी आँखें उनके ब्लाउज की तरफ चली गई।

भाभी मुस्करा उठीं और उन्होंने अपना पल्ला ब्लाउज पर इस तरह से कर लिया की चूचियों से चिपका ब्लाउज पूरा दिखने लगा।

इतने पास से देखने पर साफ़ पता चल रहा था ब्लाउज के अन्दर ब्रा नहीं है। बिना ब्रा के उभार पतले ब्लाउज से साफ़ दिख रहे थे और काली निप्पल की चोंच भी चमक रही थी।

मुझे घूरता देख भाभी होंट काटते हुए धीरे से बोलीं- अभी उतारी है तुम्हारे लिए… हॉर्न कैसे लग रहे हैं?

मैंने कहा- बजाने का मन कर रहा है।

हँसते हुए भाभी बोलीं- बस चले, तब बजा लेना। मैं भी तुम्हारा हैंडल पकड़ कर गियर बदलती रहूँगी।

तभी बस का हॉर्न बजा, हम लोग बस में आ गए।

बस जब ढाबे से से चली तब तक सात बज़ चुके थे और अँधेरा हो गया था।

बस में पीछे की बड़ी सीट खाली थी और सवारी आगे बैठी हुईं थीं हम सबसे पीछे थे।

भाभी ने मुझे दिखाते हुए अपने ब्लाउज के सारे बटन खोल लिए।

अपनी नंगी चूचियाँ दिखाते हुए बोलीं- चाय तो पी ली, अब दूध और पी लेना।

चूचियाँ ढकते हुए बोलीं- उह उह… ठण्ड लग रही है पहले बैग में से लोई (गरम चादर) उतार लो ना!

मैंने लोई बैग से निकाल लीं।
बस में मुझे ऐसा लगा कि अधिकतर लोग हमें पति पत्नी समझ रहे थे।

इस बीच बस वाले ने अन्दर की लाइट बंद कर दी थी, पूरी बस में अँधेरा हो गया था।
मेरा लौड़ा तन कर हथोड़ा हो रहा था।

लाइट बंद होते ही भाभी ने लोई ओढ़ ली और मुझे भी उढ़ा दी।
हम दोनों अब एक लोई में थे।
भाभी ने मेरा हाथ ब्लाउज के अन्दर घुसवा लिया और मेरे हाथ अपनी नंगी चूचियों पर रख दिए।
उनके दोनों नग्न स्तन मेरे हाथों में थे, मैं उन्हें कस कस कर दबाने लगा, स्तनों की निप्पल पकड़ कर मैंने नुकीली कर दी थीं और बारी बारी से दोनों गुल्लों का जूस निकाल रहा था।

भाभी गर्म हो गईं थीं। उन्होंने मेरी जींस की चैन खोल कर मेरा लौड़ा अपने हाथ में ले लिया और सहलाने लगीं।

मुझसे रहा नहीं गया, मैंने चिपक कर उनके गाल चूम लिए।
उन्होंने मुझे झटके से हटा दिया, वो थोड़ा घबरा गईं थीं, मेरे लौड़े से हाथ हटाते हुए धीरे से बोलीं- होश में रहो!

मैंने भी अपना हाथ खींच लिया।
हमारे पीछे कोई नहीं बैठा था, बस में घुप्प अँधेरा था, थोड़ी देर हम शांत रहे।
इसके बाद भाभी ने हाथ दुबारा खींच लिया और अपने पेट पर रख लिया, मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मेरा लौड़ा उफान खा रहा था।
मैं उनका नंगा पेट और नाभि सहलाने लगा बार बार उनकी नाभि में उंगली घुसा देता था।

भाभी भी गर्म हो रही थीं, उन्होंने दुबारा जींस में से मेरा लौड़ा बाहर निकाल लिया था और अँधेरे में उसके टोपे पर उँगलियाँ फिराने लगीं।

मैं अपना हाथ उनकी साड़ी की गाँठ के अन्दर घुसाने लगा।
भाभी ने मेरा हाथ हटा कर अपनी साड़ी की गाँठ थोड़ी ढीली कर दी और मेरा हाथ नाभि पर रख दिया।
नाभि के रास्ते से आराम से हाथ उनकी साड़ी के अन्दर घुस गया।

चिकना पेडू सहलाते हुए हाथ बार चूत प्रदेश में फिसल रहा था।

चूत पूरी चिकनी थी, मैं चूत में उंगली डालने की कोशिश कर रहा था पर सफल नहीं हो पा रहा था, बार बार चूत का मुँह सहला कर रह जा रहा था।

भाभी मेरा हाथ हटाते हुए बोलीं- दो मिनट रुको।
उन्होंने झुककर अपनी साड़ी और पेटीकोट को ऊपर उठा लिया और लोई से मुझे और खुद को ठीक से ढक लिया।
मेरा हाथ अपनी गर्म जाँघों पर रख दिया।

नंगी जांघे सहलाते ही मेरे लौड़े ने थोड़ा सा वीर्य छोड़ दिया।

उन्होंने दोनों जांघें एक दूसरे से चिपका रखी थीं, मुझे इस खेल में बड़ा आनन्द आ रहा था।
मैंने दबाब बनाते हुए अपना हाथ दोनों जाँघों के बीच घुसा दिया।

भाभी ने थोड़ी सी अपनी टांगें चौड़ी कर ली, अब मेरा हाथ सरकते हुए उनकी चूत के द्वार पर पहुँच गया, उन्होंने एक हाथ से जोरों से मेरा लौड़ा सहलाते हुए दूसरे हाथ से मेरी उंगली चूत के दाने पर रख दी और कान में बोलीं- पहले थोड़ा इसे सहलाओ, बड़ा मन कर रहा है।

मैं उनकी चूत के दाने को सहलाने लगा, बीच बीच में उंगली उनकी चूत के अन्दर भी घुसा देता था, पूरी चूत रसीली हो रही थी।

मस्ती चरम सीमा पर थी, इसी बीच कोई स्टॉप था, लाइट खुल गई हम लोग हट गए।

इस स्टॉप पर काफी लोग उतर गए थे।

इसके बाद हमारे आगे वाली दो तरफ की सीटों पर बैठे लोग आगे सीटों पर चले गए।

अब हमारे चारों तरफ खाली था, लखनऊ आने में अभी एक घंटा था, लाइट दुबारा बंद हो गई।

हम लोग बगल में खाली पड़ी तीन लोगों की सीट पर आ गए।

भाभी ने मुझसे कहा- मेरी गोद में लेट लो, कोई नहीं देख रहा है।

मैं सीट पर पैर फेलाते हुए भाभी की गोद में लेट गया, लोई से उन्होंने मुझे ढक लिया और मेरा मुँह नीचे सरकते अपने स्तनों में लगा दिया।

मैं अब उनके दूध चूसने लगा और वो मेरा लौड़ा सहलाने लगीं।
एक चूची चूसते हुए दूसरी दबाते हुए सेक्स के आनन्द में मज़ा आ गया।

कुछ देर बाद उन्होंने मुझे उठा दिया और बोलीं थोड़ी देर मुझे भी अपनी गोद में लेटा लो न।

अब हमने जगह बदल ली, भाभी मेरी गोद में लेट गईं और उन्होंने मेरा लौड़ा अपने मुँह में ले लिया।

मैं अपनी सिसकारियों पर रोक लगाए हुए था, यह चरम सीमा थी।

मैंने 3-4 बार उनकी चूचियाँ कस कर मसल दीं थी, इस बीच मेरा वीर्य उनके मुँह में छुट गया, भाभी ने पूरा वीर्य मुँह में लिया उसके 5 मिनट बाद हम दोनों अलग हो गए।
हम दोनों ने अपने कपड़े ठीक करे।

दस मिनट बाद हमारा हमारा स्टॉप आ गया था।

स्टॉप पर उतर कर भाभी साड़ी का पल्लू हटाकर मुझसे बोलीं- देखो, ब्लाउज के सारे बटन टूट गए, सिर्फ एक बचा है।

मैंने देखा कि उनके ब्लाउज का सिर्फ नीचे का एक बटन बचा था, जिसे उन्होंने लगा लिया, स्तन ब्लाउज में कहने मात्र को बंद हो गए थे, उनकी नंगी गोलाइयाँ और काली निप्पल ब्लाउज से बाहर झांक रहा थी और स्तनों की सुन्दरता में चार चाँद लगा रही थी।

भाभी ने ब्लाउज को पल्लू से ढकते हुए कहा- अब ऑटो में चूचियों पर रहम कर देना।

भाभी और मैंने ऑटो कर लिया, ऑटो में भाभी ने मेरे मुँह पर पप्पियों की बारिश कर दी और बोलीं- रास्ते में बड़ा मज़ा आया।

पूरे रास्ते हम पति पत्नी की तरह बैठे और एक दूसरे को बाहों में भरकर स्टॉप आने तक लब-चुम्बन करते रहे।

कहानी जारी रहेगी।
 

odin chacha

Banned
1,415
3,417
143
UPDATE 6
दस मिनट बाद हमारा हमारा स्टॉप आ गया था।

स्टॉप पर उतर कर भाभी साड़ी का पल्लू हटाकर मुझसे बोलीं- देखो, ब्लाउज के सारे बटन टूट गए, सिर्फ एक बचा है।

मैंने देखा कि उनके ब्लाउज का सिर्फ नीचे का एक बटन बचा था, जिसे उन्होंने लगा लिया, स्तन ब्लाउज में कहने मात्र को बंद हो गए थे, उनकी नंगी गोलाइयाँ और काली निप्पल ब्लाउज से बाहर झांक रहा थी और स्तनों की सुन्दरता में चार चाँद लगा रही थी।

भाभी ने ब्लाउज को पल्लू से ढकते हुए कहा- अब ऑटो में चूचियों पर रहम कर देना।

भाभी और मैंने ऑटो कर लिया, ऑटो में भाभी ने मेरे मुँह पर पप्पियों की बारिश कर दी और बोलीं- रास्ते में बड़ा मज़ा आया।

पूरे रास्ते हम पति पत्नी की तरह बैठे और एक दूसरे को बाहों में भरकर स्टॉप आने तक लब-चुम्बन करते रहे।
दस बजे हम सोनम के घर थे, वो घर में अकेली थी।
सोनम 22-23 साल की एक कमसिन बदन की मालकिन थी, थोड़ी सांवली थी लेकिन उसके चेहरे से जवानी का रस टपक रहा था।

भाभी को देखकर वो उनसे चिपक गई और बोली- तुमसे मिलकर बहुत अच्छा लग रहा है।

अन्दर घुसते ही भाभी ने सोनम की तरफ देखते हुए कहा- राजेश, यह मेरी पक्की सहेली है, हम साथ साथ पढ़े हैं। इसे मैं सोनम कम कुतिया ज्यादा बोलती हूँ, यह भी मुझे प्यार में रंडी बुलाती है।

सोनम से भाभी बोलीं- यह मेरा देवर राजेश है, इससे शर्माने की कोई जरूरत नहीं, पूरे रास्ते हम मज़े करते आ रहे हैं।

सोनम भाभी का पल्लू हटा कर ब्लाउज का एक मात्र बटन खोल कर उनकी चूचियों पर हाथ फिराते हुए बोली- हाँ हाँ… दिख रहा है, पूरे रास्ते तू अपने गुब्बारों में देवर जी से हवा भरवाते हुए आ रही है, तभी तो एक बटन बचा है।

भाभी हँसते हुए अपनी साड़ी उतारने लगीं और सोनम से बोलीं- तू तो एक कुतिया की तरह ही सोच सकती है।

भाभी ने ब्लाउज भी उतार दिया और सोनम से बोलीं- जा जल्दी से अपनी एक मैक्सी दे दे।

यह सब देखकर मेरा लौड़ा फिर खुलने लगा था।

सोनम कमरे से बाहर चली गई। पेटीकोट में भाभी मेरे सामने टॉपलेस खड़ी थीं, अंगड़ाई लेते हुए उन्होंने अपने स्तन हिलाए और बोली- आज रात पूरी अपनी है जमकर मज़े करेंगे।

मुझको एक गोली का पत्ता देकर बोलीं- सुबह शाम एक एक खा लेना, चोदने में मज़ा आ जाएगा, पूरे दिन 5-6 बार चूत मारने के बाद भी कमजोरी नहीं लगेगी।

यह कहकर भाभी बाहर चली गईं..

थोड़ी देर बाद भाभी और सोनम आ गए, दोनों ने सेक्सी लो कट मैक्सी पहन रखी थी।

खाने के बाद हम लोग साथ बैठकर डबल बेड की रजाई में मूंगफली खाने लगे।

भाभी और सोनम सामने बैठी थीं हम लोग बातें करने लगे भाभी मेरे पैर अपने पैर से रजाई के नीचे से सहलाने लगीं।

उधर सोनम जब भी झुकती उसकी लो कट ढीली मैक्सी से उसकी पूरी चूचियाँ दिखने लगतीं थीं।

मैंने भाभी की मैक्सी के अन्दर से पैर उनकी जाँघों में घुसा दिए थे और पैरों से उनकी जांघें गरम कर रहा था।

बारह बजे के पास भाभी सोनम से बोली- अब सोते हैं, तू अपने कमरे में सो जा, मैं तो इसके साथ ही सो जाऊँगी।

सोनम भी खुल गई थी, मुस्कराते हुए बोली- हाँ हाँ रंडी, सो जा, तुझे अपनी भट्टी की आग जो बुझानी है, तेरा ऑपरेशन चूत जो चल रहा है। लेकिन इस बेचारे के घोड़े की जान मत ले लेना।

भाभी हँसते हुए बोली- तू तो एक कुतिया की तरह ही सोच सकती है… यह तो मेरा देवर है देवर तो बच्चे के सामान होता है।
थोड़ा दूध पिला कर सुला दूँगी। वैसे भी मेरी भट्टी पर तो तेरे भाई का राज है, अब तू तंग मत कर और जाकर सो और हमें भी सोने दे।

सोनम वहाँ से चली गई।

भाभी ने सोनम के जाने के बाद पर्स से निकाल कर एक गोली खा ली और बोलीं- गर्भ निरोधक है, मुझे तो नंगे लौड़ा से ही चुदने में मज़ा आता है।

उन्होंने अपनी मैक्सी उतार दी और मुझे भी पूरा नंगा कर दिया।
मेरे लौड़े को सहलाते हुए बोलीं- आज किसी का डर नहीं, आज तो डलवाने में मज़ा आ जाएगा, लाइट खुली रहने देना, रोशनी में चुदने का तो एक अलग ही मज़ा है, पूरी अपनी औरत समझ कर चोदना यहाँ किसी का डर नहीं, यह सोनम तो अपनी यार है कुतिया को मैंने पहले ही बता रखा है कि अपने देवर से चुदने आ रही हूँ, न कि एग्जाम देने… तभी हरामण, ऑपरेशन चूत चूत कर रही थी।

उन्होंने झुककर मेरा लौड़ा मुँह में ले लिया और चुसना शुरू कर दिया।

रास्ते भर मैं बुरी तरह से उतेजित था, मैंने भाभी के मोटे मोटे नितंब दबाने, सहलाने और पीटने शुरू कर दिए, बीच बीच मैं उनकी गाण्ड में भी उंगली घुस देता था।

थोड़ी देर बाद भाभी लेट गईं और टांगें चौड़ी करके बोलीं- आह आह… अब पेल दो, रहा नहीं जा रहा है।

उनकी चूत मेरी आँखों के सामने थी, मैं उनके ऊपर चढ़ गया, अपने हाथ से चूत पर मेरा लौड़ा लगाते हुए बोली- आज बस में तुमने बहुत तड़पाया है। अब इस कमीनी फ़ुद्दी को फाड़ दो।

मैंने भाभी की चूत में लौड़ा घुसेड़ दिया और उसे अन्दर पेलने लगा।

उनकी दोनों चूचियाँ मेरी मुट्ठी में थीं, एक दूसरे से दूधों को मिलाते हुए मैंने चूत की चुदाई शुरू कर दी थी।

भाभी ने मेरी पीठ पर अपनी टांगें मोड़ लीं थी और लौड़ा को अपनी गाण्ड हिलाते हुए पूरा अन्दर तक घुसवा लिया, मेरे टट्टे भी उनकी चूत पर तबला बजाने लगे थे, लौड़ा भाभी की चूत फाड़ रहा था।

हम दोनों के बदन रगड़ खा रहे थे, भाभी आह उह उह की आवाजें बिंदास भर रही थी और अपके चूतड़ हिला कर लौड़ा अन्दर बाहर करते हुए निडर होकर चुदने का मज़ा ले रही थीं।

बार बार उतेजना से वो चिल्ला रही थीं- चोदो राजेश चोदो… इस कमीनी चूत को चोदो… बड़ा मज़ा आ रहा है… आह पेलो न… उह आह उह उई उई उई… और अन्दर… और अन्दर… वाह क्या पेला है, वाह वाह…

भाभी की आहों ने मुझे पूरा उत्तेजित कर दिया था, मैं पूरी ताकत से धक्के मार रहा था, दोनों तरफ से पूरा सहयोग हो रहा था।

थोड़ी देर में मेरा गर्म लावा उनके गर्भ प्रदेश में घुस गया, उन्होंने भी ढेर सारा चूत रस छोड़ दिया था।

हम दोनों कस कर दुबारा एक दूसरे से चिपक गए।
यह सेक्स का क्लाइमेक्स था।
उसके बाद एक दूसरे से चिपक कर हम सो गए।
कहानी जारी रहेगी।
 

odin chacha

Banned
1,415
3,417
143
UPDATE 7
भाभी की आहों ने मुझे पूरा उत्तेजित कर दिया था, मैं पूरी ताकत से धक्के मार रहा था, दोनों तरफ से पूरा सहयोग हो रहा था।

थोड़ी देर में मेरा गर्म लावा उनके गर्भ प्रदेश में घुस गया, उन्होंने भी ढेर सारा चूत रस छोड़ दिया था।

हम दोनों कस कर दुबारा एक दूसरे से चिपक गए।
यह सेक्स का क्लाइमेक्स था।
उसके बाद एक दूसरे से चिपक कर हम सो गए।

सुबह एक बार भाभी ने फिर मुझे अपनी बाहों में भर लिया और हम एक बार फिर एक दूसरे से चूमा चाटी करने लगे।

तभी बाहर से दरवाज़ा खटका सोनम की आवाज़ आई- रण्डी, अब उठ जा, एग्जाम दे आ, मैं चाय बनाने जा रही हूँ।

भाभी नंगी उठीं और दरवाज़ा की सांकल खोलकर फिर रजाई में लेट गई और बोलीं- चाय पीकर कपड़े पहनेंगे।

मेरा तना हुआ लौड़ा सहलाते हुए बोलीं- आह, चुदने का बड़ा मन कर रहा है लेकिन सात बज़ रहे हैं अब तो उठाना पड़ेगा। तुम दिन में यहीं रहना और एक बार इस सोनम कुतिया पर ट्राई मार लेना, साली रात मैं कह रही थी देवर तो बड़ा चिकना है, पति से तो इसका झगड़ा एक साल से चल रहा है, चूत भी कुतिया की उबल रही होगी।

भाभी के निप्पल उमेठते हुए मैंने कहा- लेकिन सोनम तो देखने में आपसे कम सुंदर और काली है, उसकी चूचियाँ भी छोटी छोटी हैं, आप जितना मज़ा कहाँ आएगा?

लौड़े का टोपा रगड़ते हुए भाभी बोलीं- चूत का मज़ा गोरे काले, दुबले पतले, से नहीं चोदने से आता है और चोदू लोग मिलती हुई चूत को छोड़ते नहीं है। मौका मिले तो चूकना नहीं, चूत चोद कर ही छोड़ना दबा दबु के छोड़ दिया तो तुम्हें चूतिया मानेगी। थोड़े खिलाड़ी तो अब तुम हो ही गए हो।

मैं रजाई के अन्दर घुस कर उनकी एक चूची मुँह में लेकर चूस रहा था और दूसरी दबा रहा था, भाभी बोलती जा रही थीं।

तभी सोनम चाय लेकर आ रही थी, भाभी ने रजाई नीचे खिसका दी और बोलीं- इसी तरह चूसते रहो, कुतिया की बुर में खुजली हो रही होगी रात का सोच सोच के ये सब देखकर और गर्म होगी।

तभी सोनम कमरे में आ गई, भाभी सोनम से बोलीं- रात को थके थे, जल्दी नींद आ गई, बेचारे को दुद्दू भी नहीं पिला पाई, इतनी दूर साथ आया है, इतना तो बनता ही है।

उसके बाद सोनम के कान में भाभी ने कुछ फुसफुसाया।

सोनम हँसते हुए बोली- रंडी अब उठ जा, एग्जाम दे आ।

इसके बाद हम अलग हो गए, सबने साथ साथ चाय पी, उसके बाद भाभी उठीं और बाथरूम में फ्रेश होने चली गईं।

सोनम मेरी तरफ देखते हुए बोली- रात को तो मज़ा आ गया होगा… चलो तुम भी तैयार हो जाओ, हम दोनों भाभी को छोड़ आते हैं।

मैं कपड़े नहीं पहने था, सिर्फ चादर ओढ़े था, बोला- दीदी थोड़ी देर को बाहर जाओ ना!

सोनम बोली- दीदी की माँ की चूत, मुझे सोनम बुलाओ, कुतिया और रंडी भी चलेगा लेकिन दीदी दोबारा बोला तो गाण्ड में बांस घुसा कर यहाँ से भगा दूँगी। अच्छा यह बताओ कल भाभी से क्या मज़े कर लिए? हॉर्न तो मेरे सामने बजा ही रहे थे।

मैंने झेंपते हुए झूठ बोला- हम तो थके हुए थे, लेटते ही नींद आ गई थी, वो तो सुबह सुबह भाभी ने चिपका लिया था।

सोनम बोली- ओह तुम तो मुझे अच्छे शरीफ लड़के लगते हो। यह सविता कुतिया बहुत झूठ बोलती है, कान में कह रही थी कि रात भर राजेश ने सोने नहीं दिया, ऊपर पहाड़ मसल डाले और नीचे सुरंग खोद डाली, दोनों जगह खूब बजाया। पहले इस रंडी को छोड़ कर आते हैं फिर लौट कर बातें करते हैं।

उसने साइड में पड़ा मेरा नेकर उछाल के फेंका और बोली- ये लो, पहनो मैं अभी आती हूँ।

मैं नेकर पहन कर फ्रेश होने लगा।

तभी भाभी नहा कर मैक्सी में बाहर आ गईं और सोनम तौलिया लेकर अन्दर बाथरूम में चली गई।
भाभी ने इशारे से मुझसे कहा- बाथरूम में झांककर देखो।

जब मैंने अन्दर झाँका तो दंग रह गया सोनम टॉयलेट की सीट पर टांगें चौड़ी करके नंगी बैठी हुई थी और अपनी चूत पर मोमबत्ती फिरा रही थी।

उसके कमसिन बदन पर झूलते हुए चूचों ने मेरे लौड़ा में आग लगा दी।

भाभी ने पीछे से चिपककर मेरे नेकर में हाथ डालकर लौड़ा पकड़ लिया और सुबह के कुमुनाते लौड़ा को सहलाते हुए कान में बोलीं- इसकी चूत खुजला रही है, आज मौका अच्छा है बजा देना डरना नहीं।

थोड़ी देर भाभी पीछे से मुझे पकड़ कर मेरा लौड़ा सहलाती रहीं और मैं सोनम का नग्न स्नान देखता रहा।

स्नान देखने के बाद मैं मुड़कर भाभी के होंटों को चूसने लगा इस बीच सोनम बाहर आ गई।

भाभी मेरे होंट चूस रही थीं, सोनम तौलिया लपेट कर बाहर आई और अंगड़ाई लेते हुए बोली- राजेश जी, नहा आओ, इस रंडी को एग्जाम दिलवाना जरूरी है, इसकी सास को पता चल गया कि एग्जाम की जगह यह देवर का रस चूस रही थी तो तलाक दिलवा देगी इसे।
भाभी मुझे हटाते हुई बोली- यह कुतिया कह तो ठीक रही है राजेश, तुम जल्दी से तैयार हो। मैं भी कपड़े पहन लेती हूँ।

मैं नहा कर दस मिनट में तैयार हो गया।
भाभी ने साड़ी ब्लाउज पहन रखा था और सोनम जीन्स और टी शर्ट पहने थी।
नाश्ता करके निकले, सोनम ने कार ड्राइव की, कार में सोनम को कोहनी मारते हुए भाभी ने कहा- अब घर जाकर ऑपरेशन चूत की कमांडर बन जाना।

हम लोग भाभी को सेंटर तक छोड़ सीधे वापस घर आ गए।

घड़ी गयारह बजा रही थी।
सोनम ने घर आकर मुझे चाय बना कर दी और चाय की चुस्कियाँ लेते हुए में उसकी टी शर्ट में कसे संतरे चोर नज़रों से घूरते हुए देखने लगा।

मुझे अपने स्तनों में झांकते हुए देख कर मुस्कराते हुए बोली- ऐसे क्या देख रहे हो? अच्छी तरह से देख लो।

मैं कुछ बोलता, इससे पहले ही सोनम ने अपनी टी शर्ट उतार दी, उसके दोनों कसे हुए छोटे छोटे संतरे बाहर आ गए। मेरी आँखें तो अटक कर रह गईं।

सोनम होंट काटते हुए चूचियाँ हाथों से दबाकर बोली- भाभी से छोटे हैं लेकिन रसीले ज्यादा हैं चूस के देख लो।

सोनम के कसे चूचे देखकर मुझसे रहा नहीं गया, मैं आगे बढ़कर अपने होंटों में उसकी निप्पल भरकर चूचे दोनों हाथों से दबाने लगा।
सोनम मुझे चिपकाते हुए बोली- काली हूँ लेकिन माल मेरा इस रंडी सविता से दस गुना अच्छा है, एक बार चख लिया तो भाभी को भूल जाओगे। संतरे मुँह में लो न।

पूरी चूची मैंने मुँह में भर ली और उसे दांतों से काटते हुए चूसने लगा।

गर्म होने के बाद सोनम बोली- अन्दर चलो ना, मेरी चूत भी भाभी की तरह चोदो ना… बड़ा मन कर रहा है।

थोड़ी देर में हम लोग बिस्तर पर आ गए और हमारे कपड़े उतर गए थे।

मेरा 7 इंची लौड़ा पूरा तन गया था। मेरा लौड़ा अपने हाथों में भरते हुए सोनम ने उसके टोपे पर एक पप्पी ली और बोली- आह, कितना सुन्दर लौड़ा है, उह… इसे मेरी पूसी में डालो न।

उसके चूचे दबाते हुए मैंने उसे अपने नीचे लेटा लिया और उसे दबाते हुए उसके चूत के मुख पर लौड़ा रख दिया।

भाभी ने मुझे चोदना सिखा दिया था, थोड़े प्रयास से ही लौड़ा का मुँह चूत में घुस गया, सोनम की चूत बहुत ज्यादा कसी हुई थी, मुझे लौड़ा पेलने में दम लगाना पड़ रहा था।

सोनम को दर्द हो रहा था, वो चिल्ला रही थी- उह आई ऊओह… धीरे से… आह फट गई!

उसकी आँखों से आँसू भी टपक गए थे।

आखिर लौड़ा अन्दर घुस गया और मैंने उसको उसको चोदना शुरू कर दिया।

भाभी की खुली चूत से सोनम की टाइट चूत चोदने का एक अलग ही मज़ा था।

3-4 धक्कों के बाद सोनम चुदाई के मज़े लेने लगी, मुझसे चिपकाते हुए आहें भर रही थी।
वो गरर्म आहें भरते हुए चिल्ला रही थी- आह… बड़ा मज़ा आ रहा है… और पेलो… फाड़ दो… बड़ा अच्छा लग रहा है।

चुदाई का मज़ा बढ़ता जा रहा था, चरम सीमा पर पहुँच कर हम साथ साथ झड़े।
इसके बाद सोनम ने मेरे गालों पर पप्पियों की बारिश कर दी और मुझसे चिपक गई, मैं भी उससे चिपक गया।

मुझे सोनम को चोद कर आनन्द की अनुभूति हुई। मुझे उसके भाव से लगा वो एक खेली खाई लड़की नहीं है।

जब हम लोग हटे तब उसकी आँखों में हल्के से प्रेम भाव के आँसू थे।
वो मेरी गोद लेट गई, उसने मेरे हाथ अपनी चूचियों पर रख लिए और मेरी आँखों में आँखें डालते हुए बोली- थोड़ी देर ऐसे ही बैठो न। दोपहर के दो बज़ चुके थे।

थोड़ी देर बाद मैं सोनम से बोला- मन नहीं भरा… तुम सही कह रही थीं तुम्हारा माल तो भाभी से 20 ही है। मेरा तो और मन कर रहा है।

उसने प्यार से मुझे एक पप्पी देकर कहा- अब खाने के बाद दूसरा राउंड खेलेंगे, भूखे पेट तो भजन भी नहीं होते हैं।

उसने अपनी अलमारी दिखाते हुए मेरी पसंद की पारदर्शी मैक्सी पहनी और बाहर निकल कर खाना बनाने लगी।

उसने मेरी पसंद की मैक्सी पहन रखी थी पीछे से उसके चूतड़ और जांघें पूरी चमक रही थीं, गाण्ड का द्वार पूरा दिख रहा था, आगे से स्तन पूरे नंगे दिख रहे थे।

ये सब देखकर मेरा मन चोदने को कर रहा था।
मैं पास खड़ा होकर सोनम के चूतड़ सहलाने लगा और उससे बातें करने लगा।

कहानी जारी रहेगी।
 

odin chacha

Banned
1,415
3,417
143
UPDATE 8
सोनम ने मेरी पसंद की मैक्सी पहन रखी थी पीछे से उसके चूतड़ और जांघें पूरी चमक रही थीं, गाण्ड का द्वार पूरा दिख रहा था, आगे से स्तन पूरे नंगे दिख रहे थे।

ये सब देखकर मेरा मन चोदने को कर रहा था।

मैं पास खड़ा होकर सोनम के चूतड़ सहलाने लगा और उससे बातें करने लगा।

बातें करते हुए मुझे पता चला कि सोनम की शादी एक साल पहले हुई थी और उसका पति राकेश से केस चल रहा है, दोनों का तलाक होने वाला है।
वो अपने पति के साथ 15 दिन ही रही थी कि उसे पता चला कि उसके पति की दूसरी पत्नी और एक बच्चा गाँव में है, उनका बाल विवाह हुआ था, पत्नी अनपढ़ थी इसलिए उसने उसे छोड़ दिया था साथ ही साथ वो आवारा औरतों के शौकीन भी था।

बहुत चोदू था, 9 इंची लम्बा लौड़ा था, पहली रात ही लड़की से औरत बना दिया और पांच सात दिन में ही कई आसनों में लेटा बैठा कर उसकी चूत और गाण्ड चोद चोद कर दुखा डाली थी।

सोनम बोली- मैं अपने पति के साथ सिर्फ 15 दिन रही थी। चुदने के बाद चूत की आग बढ़ जाती है, एक साल से दबा कर रखी हुई थी। सविता मेरी पक्की सहेली है, जब भी सविता से बात होती थी मैं उससे कहती थी कि मेरी चूत में बहूत चुल्ल उठ रही है और चुदने का बड़ा मन कर रहा है। सविता के साथ जब तुम्हारी मस्ती देखी तो मैंने सोच लिया तुम्हारे से चुदवा कर सेक्स का मज़ा लूंगी।
कल तुम्हारी और सविता की मस्ती रात भर की-होल से देखती रही। आज तुम्हें अकेला देखकर अपनी प्यास पर कण्ट्रोल नहीं रख पाई। सच मुझे चुदने में बड़ा मज़ा आया।

उसने मुझे पप्पी देकर कहा- तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो !

उसकी आँखों से आँसू आ रहे थे, वो बोली- मुझसे मिलने आते रहना, मैं और मम्मी अकेली रहती हैं।

थोड़ी देर में खाना तैयार हो गया, हम लोग खान खाकर फिर एक बार बिस्तर पर आ गए।

मैंने अपने कपड़े उतार दिए, अब में सिर्फ एक चड्डी में था।

सोनम मुझे एकटक देख रही थी, मैंने सोनम की मैक्सी की डोर खोल दी और उसे अपनी गोद में बैठा लिया, उसके दोनों चूचे अपने हाथों से दबाने लगा।

सोनम ने अपने होंट मेरे होंटों में डाल दिए, बहुत देर तक मैं उसके स्तन और जांघें मलते हुए होंट चूसता रहा।

मेरा लौड़ा उसकी गाण्ड की दरार पर झटके खा रहा था।

सोनम बिस्तर पर फिसल गई और चड्डी में हाथ डालकर लौड़ा पकड़ते हुए बोली- अब इस कुत्ते को मेरी चूत में डालो ना!

उसकी आँखों में काम ज्वाला भड़क रही थी।

मैंने अपना अंडरवियर उतार दिया और उसकी मैक्सी भी अलग कर दी, बिस्तर पर लेटा कर उसकी चूत के छेद में अपनी दो उँगलियाँ घुसा दी और चूत की मालिश करने लगा।

मेरा लौड़ा मसलते हुए वो आहें भरने लगी।

कुछ देर बाद मैंने उसे अपने से चिपका लिया और लौड़ा उसकी सुरंग में घुसा दिया, वो अपनी गाण्ड हिला हिला कर चुदने लगी।

बहुत आनन्दमय पल थे।

चुदाई का दौर कब ख़त्म हो गया, पता ही नहीं चला, उसके बाद हम एक दूसरे से चिपक गए।

बातें करते हुए सोनम ने कहा- सविता बता रही थी कि तुम ड्राइंग बहुत अच्छा करते हो, हर ख़ुशी के मौके पर तुम अपनी मम्मी पापा को गुलाब के फूल का ग्रीटिंग बना कर कर देते हो। मुझे गुलाब के फूल की ड्राइंग बना कर दिखाओ ना!

मैंने उसे गुलाब का फूल बना दिया, उसने मुझसे उस पर आई लव यू लिखवा लिया और पास में रख दिया।

20-25 मिनट बाद जब मेरा लौड़ा दोबारा सुलगने लगा तो सोनम मेरी निप्पल पर काटते हुए बोली- एक बार पीछे से मेरी चूत में डालो ना, पीछे से ठुकने में मुझे बड़ा मज़ा आता है ! राकेश ने मेरी चूत कई बार पीछे से ठोंकी है।

सोनम मेंढक बन कर लेट गई, उसकी चूत पीछे से साफ़ दिख रही थी।

मैंने उंगली घुसा के जगह का मुआयना किया और अपने लौड़े का सुपारा उसकी चूत के मुँह पर रख दिया।

मुझसे लौड़ा अन्दर नहीं घुस रहा था, सोनम ने पूरा साथ दिया, तब लौड़ा बड़ी मुश्किल से अन्दर घुसा।

लौड़ा पेलने के बाद मैंने झुककर उसकी दोनों गुल्लियाँ पकड़ लीं और कसी हुई चूत में दम लगा कर पेलने लगा।

सोनम बेपरवाह होकर जोर जोर से आह उह आ आ हाँ करके मज़ा लेने लगी।
उसकी आहें उह उह उह आह की आवाज़ पूरे घर में गूंजने लगीं।

हम दोनों निडर होकर चुदाई का पूरा मज़ा ले रहे थे।

सोनम को चोदने के बाद मैं निढाल होकर लेट गया। हम दोनों एक दूसरे की बाहों में सिमट गए और सो गए।

सोकर जब हम लोग उठे तब 5 बज़ रहे थे भाभी को लाने का समय हो गया था। हम दोनों भाभी को लेने चले गए।

कहानी जारी रहेगी।
 

odin chacha

Banned
1,415
3,417
143
UPDATE 9
सोनम को चोदने के बाद मैं निढाल होकर लेट गया। हम दोनों एक दूसरे की बाहों में सिमट गए और सो गए।

सोकर जब हम लोग उठे तब 5 बज़ रहे थे भाभी को लाने का समय हो गया था। हम दोनों भाभी को लेने चले गए।

7 बजे भाभी को लेकर हम घर आ गए, हमें छोड़कर सोनम सब्जी लेने चली गई।

अन्दर आकर भाभी ने शीशे के सामने जाकर अंगड़ाई ली और बोली- सुबह से इन कपड़ों को पहने पहने मैं थक गई!

और उन्होंने अपनी सलवार कुरता और ब्रा उतार दी अब वो सिर्फ एक पतली सी पैंटी में थीं, शीशे में उनकी दूधिया चूचियाँ देखकर मैं लौड़ा सहलाने लगा।

शीशे में से मुझे फ्लाइंग किस देकर सविता भाभी बोलीं- चूतियों की तरह इतनी दूर क्यों खड़े हो, एक पप्पी तो दे दो।

मैंने आगे बढ़कर पीछे से भाभी के दोनों उरोज अपने हाथों में पकड़े और गोलाई में मलते हुए गालों की एक लम्बी पप्पी ली और कान में बोला- सोनम की चूत आज दो बार चोदी…

भाभी ने मेरी तरफ मुड़कर मेरे होंटों की पप्पी ली और बोली- वाह, मज़ा आ गया… कुतिया चुद गई, मुझको बहुत रंडी रंडी बोल रही थी। आओ चलो इस ख़ुशी में साथ साथ नहाते हैं!

मैं और भाभी बाथरूम में घुस गए, भाभी ने पैंटी और मैंने अंडरवियर पहना था, शावर खोलकर हम एक दूसरे से चिपक गए और शावर की फुहारों का मज़ा लेने लगे। मेरे मोटे लोड़े को अपनी चूत पर महसूस करते हुए भाभी बोलीं- दिन में 3-3 बार चूत में डाल चुके हो फिर भी लौड़ा मस्त टनटना रहा है, यह गोली का कमाल है। इसे अन्दर कैद करके क्यों रखा हुआ है? बाहर निकालो ना… पूरे भोंदू ही हो तुम।

मैंने अपना अंडरवियर और उन्होंने अपनी पैंटी उतार दी।
दोबारा हम गर्म पानी के शावर के नीचे चिपक गए।
नंगा लौड़ा बार बार भाभी की चूत को छूने की कोशिश कर रहा था।
मेरे पैरों पर चढ़ते हुए भाभी लौड़ा अपनी चूत के मुँह पर लगाने की कोशिश करने लगीं, मेरा भी मन घुसाने का कर रहा था दोनों की चाहत से लौड़ा चूत के द्वार पर ठक ठक करने लगा।

मस्ती में आह भर कर मुझे भींचते हुए भाभी बोलीं- आह अब नहाने में मज़ा आ रहा है।

उन्होंने अपने पंजे ऊपर उठा लिए, वो लौड़ा को चूत के अन्दर लेना चाह रही थीं।

तभी हमारा संतुलन बिगड़ा और हम गिरते गिरते बचे।

हँसते हुए भाभी बोली- बाल बाल बचे… अभी चोट लग जाती।

उन्होंने मेरे चूतड़ पर हाथ मारते हुए कहा- थोड़ा साबुन मल दो !

हम दोनों एक दूसरे के बदन पर साबुन लगाने लगे, मैंने भाभी की चूत पर साबुन लगाते हुए उंगली अन्दर डाल दी और पूसी दबाते हुए बोला- आपकी चूत तो पूरी रसीली हो रही है।

भाभी बोलीं- उह आह… रसीली हो रही है तो निगोड़ी को चूसो ना… मैं तब तक तुम्हारी पीठ पर साबुन मल देती हूँ।

मैं झुककर उनकी चूत चूसने लगा और वो मेरी पीठ मलने लगीं।

इसके बाद उन्होंने झुककर मेरा लौड़ा मुँह में लिया और मैंने उनकी पीठ और चूतड़ों पर साबुन मला।

ऊपर से गिरती शावर की बौछारों ने सेक्स क्रीड़ा का मज़ा दुगना कर दिया था कुछ देर बाद हम एक दूसरे से चिपके शावर का मज़ा लेने लगे मेरा लौड़ा चूत में घुसने को पगला रहा था।

भाभी ने मुझे हटाते हुए कहा- चलो अब बदन पोंछ लेते हैं।

बदन पोंछने के बाद भाभी ने मेरा खड़ा लौड़ा अपनी मुट्ठी में दबाया और बोली- इस घोड़े को अब रात में चूत में डालना ! थोड़ा तड़पेगा तो रात को मज़ा दुगना आएगा।
तभी घंटी बजी, मुस्कराते हुए हम लोग अलग हो गए, भाभी ने मैक्सी और मैंने टी शर्ट नेकर पहन लिया।

मैंने जाकर दरवाज़ा खोल दिया, सोनम वापस आई थी।

अन्दर आकर सोनम भाभी को देखकर मुस्कराई उसके बाद भाभी और सोनम खाना बनाने लगीं।

खाने की मेज पर खाना खाने के बाद भाभी सोनम से मजाक करते हुए बोली- आज तो तूने मेरे देवर का माल पूरा चूस लिया।

सोनम बोली- पूरा नहीं, आधा चूसा है, आधा रात में चूसूँगी।

भाभी ने अपनी मैक्सी के दो बटन खोलते हुए अपनी चूचियाँ बाहर निकालीं और उन्हें दबाते हुए बोली- रात को मुझे अपने स्तनों की मालिश करवानी है, रात की बात तो तू भूल जा।

सोनम ने भी अपनी टी शर्ट उतार के दोनों चूचियाँ बाहर निकाल लीं और अंगड़ाई लेते हुए भाभी की तरफ देखकर बोली- रंडी, तू तो घर जाकर भी करवा लेगी, आज तो मैं मालिश करवाऊँगी।

दोनों की 30 और 36 इंच की चूचियाँ देखकर और गर्म बातें सुनकर मेरे लौड़ा में तो आग लग गई।

दोनों बातें करते हुए बोलीं- चल इस बात का फ़ैसला तो रात में करेंगे, अभी पिक्चर देखकर आते हैं।

भाभी कोल्ड ड्रिंक पीते हुए सोनम की तरफ देखकर बोलीं- राजेश मैं तुम्हारी बीवी बनकर चलती हूँ… यह साली बन लेगी। क्यों कुतिया? ठीक है न?

सोनम बोली- तू 35 की हो रही है, इसकी अम्मा लगती है, मैं 22 की हूँ, मैं इसकी बीवी मैं बन जाती हूँ, तू बड़ी बहन बन जा।

भाभी नकली गुस्सा दिखाते हुए बोली- कुतिया, तेरी चूत बहुत खुजिया रही है। मैं अभी 25 की हूँ, तुझे अम्मा लगती हूँ? अपनी शकल जाकर देख, नींबू जैसी चूचियाँ हो रही हैं और बदन बकरी जैसा हो रहा है। ज्यादा मत बोला कर, तेरा इतना मन है तो मूवी हाल में नकली बीवी बन जा लेकिन रात को राजेश के साथ में ही सोऊँगी, तू यह केला रख ले, रात को अपनी चूत में डाल लेना।

भाभी ने टेबल पर रखा एक केला सोनम की तरफ बढ़ा दिया।

सोनम बोली- मेरी मूत वाली कोल्ड ड्रिंक पीकर तेरी चूत बहूत उबल रही है, इतनी खुजिया रही है तो सो लियो।

भाभी ये सुनकर कोल्ड ड्रिंक छोड़कर सोनम को मारने उठीं।
सोनम अन्दर अपने कमरे में भागी।
दस मिनट बाद भाभी ने मुझे आवाज़ दी, मैं कमरे में गया तो देखता ही रह गया।

सोनम लाल साड़ी और हरे ब्लाउज में पूरी नई नवेली दुल्हन लग रही थी।

भाभी बोली- सोनम तेरी बीवी बन गई है, ले इसके सिन्दूर और लगा दे पूरी देसी बीवी लगेगी।

भाभी ने सामने रखी सिंदूर की शीशी मुझे दे दी, मैं थोड़ा हिचक रहा था।

भाभी बोलीं- पिक्चर हाल में जब इसकी छातियाँ दबाएगा और चूत में उंगली करेगा तब शर्म नहीं आएगी? यहाँ ऐसे शर्मा रहा है जैसे तेरे से शरीफ कोई नहीं है… और यहाँ कौन देख रहा है।

मैंने सम्मोहित सी मुद्रा में आगे बढ़कर सोनम के सिन्दूर लगा दिया।

भाभी ने सोनम की नज़र उतारते हुए कहा- हाय रे ! क्या माल लग रही है, राजेश जरा इसकी कमर में हाथ डालकर खड़े तो हो !

मैं सोनम की चिकनी कमर में हाथ डालकर खड़ा हो गया और उसका पेट सहलाने लगा।

भाभी के उकसाने पर मैंने इस सोनम के स्तनों पर अपना हाथ रखा और उन्हें दबाते हुए सोनम का लिप किस करने लगा।

भाभी ने इस बीच मेरी और सोनम की कई फोटो मोबाइल से खींच लीं।

मैंने विरोध किया तो भाभी बोलीं- पिक्चर से लौटें, तब मिटा देना।

इसके बाद भाभी ने सलवार कुरता पहना और हम लोग पिक्चर देखने निकल गए।

मूवी हाल में सारे समय सोनम मेरे और भाभी के बीच बैठी और शाल डालकर उसने पूरा ब्लाउज खोलकर रखा।

मैंने हर कोण से उसकी चूचियाँ मसलीं और बीच बीच में उसकी चूत मैं नाभि के रास्ते से हाथ डालकर उंगली भी की।

इंटरवेल में बाहर आकर भाभी ने मुझे अपने मोबाइल से खींची फोटो दिखाई, उसमें उन्होंने सिंदूर लगाने, चूची दबाने, होंट पर किस करने वाली 6-7 फोटो खींच रखी थीं।

भाभी मेरा हाथ दबाते हुए बोली- कुतिया फोटो में तेरी मस्त बीवी लग रही है, असली बनाना हो तो बता देना।

मैंने भाभी के हाथों से मोबाइल लेकर फोटो डिलीट कर दीं।

मुस्कराते हुए भाभी बोली- स्मार्ट हो।

इसके बाद हम अन्दर आ गए, मूवी दुबारा शुरू हो गई थी।

सोनम दुबारा हमारे बीच बैठी थी, उसने मुझे भी शाल से ढक लिया और मेरा लौड़ा निकाल कर उससे खेलने लगी।

बारह बजे मूवी ख़त्म हुई, हम सब लोग एक बजे वापस आ गए।

भाभी और मैं कमरे में आ गए और सोनम दूसरे कमरे में चली गई।

भाभी ने अपने कपड़े उतार कर साइड में डाल दिए और मुझे भी नंगा कर दिया।

पलंग पर लेट कर उन्होंने चुदने के लिए टांगें छोड़ी कर दीं और मुझे खींचकर अपने ऊपर लेटा लिया।

मैं भी ऊपर चढ़कर उनको चोदने लगा।

उन्होंने अपनी टांगें मेरी पीठ पर बाँध लीं और नीचे से पूरा लौड़ा अन्दर तक घुसवा कर गाण्ड हिला हिला कर चुदने का आनन्द लेने लगीं।

कुछ देर बाद मेरे वीर्य ने उनकी चूत की गगरी भर दी उसके बाद हम दोनों चिपक कर सो गए।

कहानी जारी रहेगी।
 

odin chacha

Banned
1,415
3,417
143
UPDATE 10
भाभी और मैं कमरे में आ गए और सोनम दूसरे कमरे में चली गई।

भाभी ने अपने कपड़े उतार कर साइड में डाल दिए और मुझे भी नंगा कर दिया।

पलंग पर लेट कर उन्होंने चुदने के लिए टांगें छोड़ी कर दीं और मुझे खींचकर अपने ऊपर लेटा लिया।

मैं भी ऊपर चढ़कर उनको चोदने लगा।

उन्होंने अपनी टांगें मेरी पीठ पर बाँध लीं और नीचे से पूरा लौड़ा अन्दर तक घुसवा कर गाण्ड हिला हिला कर चुदने का आनन्द लेने लगीं।

कुछ देर बाद मेरे वीर्य ने उनकी चूत की गगरी भर दी उसके बाद हम दोनों चिपक कर सो गए।

सुबह 8 बजे सुलगते लौड़ा को मैंने भाभी की चूत में पेल दिया और हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर सोते हुए से लेट गए।

रात में हम दरवाजे की चिटकनी बंद करना भूल गए थे, तभी सोनम ने आकर हमारी रजाई खींच दी।

मैं और भाभी चुदाई के मज़े ले रहे थे, रजाई खिंचने से हम दोनों चौंक गए, मेरा लौड़ा चूत से बाहर निकल आया, जो पूरा तना हुआ था, भाभी की चूत में सोनल ने उंगली करते हुए कहा- रंडी, तूने बहुत मस्ती कर ली, देख कितनी चौड़ी हो रही है तेरी सुरंग… अब उठ कर बाहर जा और हम सबके लिए चाय बना, तब तक तेरे देवरजी का थोड़ा सा रस मैं भी पी लेती हूँ।

भाभी ने अंगड़ाई लेते हुए कहा- तेरी भट्टी बहुत उबल रही है? चल लेट जा।

भाभी उठ गईं और सोनम मेरे पास लेट गई, उसने मेरे लौड़े को हिलाया और बोली- रात भर से चूत खुजा रही हूँ। अब जल्दी से अन्दर डाल दो, फिर तुम चले जाओगे, पता नहीं दुबारा कब इस निगोड़ी को लौड़ा मिलेगा।

भाभी बाहर चली गईं, सोनम ने अपनी मैक्सी उतार दी, मैंने सोनम को पकड़ कर अपने नीचे लेटा लिया और उसे चोदने लगा॥

चुदने के बाद सोनम मुझसे चिपक गई और बातें करने लगी।

हम लोग एक घंटे बातें करते रहे।

इस बीच मैंने एक बार सोनम के साथ दुबारा भी सेक्स किया।

11 बजे करीब भाभी हाथ में चाय नाश्ते की ट्रे लेकर आईं, वो पूरी नंगी थीं, उनकी मोटी चूचियाँ, गले में हार, बालों में सिन्दूर और पतली सी चूत की रेखा एक कभी न भूलने वाला नजारा पेश कर रही थीं।

मैं और सोनम एकटक उन्हें देख रहे थे और यह भूल गए कि हम लोग भी नंगे बैठे हैं।

भाभी ने चाय नाश्ता एक तरफ रखा और हमारी चादर खींच कर फेंकते हुए बोलीं- आहा… नंगे बैठकर चाय पीने में मज़ा आ जाएगा।
भाभी ने हमें चाय दी और हम लोग चाय पीने लगे।

चाय के बाद मौसी का फ़ोन आ गया, पूछ रही थीं कि कब आ रहे हो।

भाभी ने मेरे से फ़ोन ले लिया और बोलीं- मम्मीजी, हम लोग लंच करके एक बजे चलेंगे।

इस बीच सोनम मेरे कंधे पर सर रखकर मेरा लौड़ा अपने हाथों से सहला रही थी, मैं भाभी की चूचियाँ दोनों हाथों से धीरे धीरे दबा रहा था।

फ़ोन पर बात करने के बाद भाभी सोनम और मैं साथ साथ नंगे नहाए।
और नहाते हुए एक दूसरे के अंगों को हमने खूब सहलाया-दबाया और एक दूसरे के छेदों में गुदगुदी की, बड़ा मज़ा आया।

नहाने के बाद लंच करके मैं और भाभी वापस जाने के लिए निकलने लगे।

जब हम चलने लगे तो सोनम रोने लगी और मुझसे चिपक गई।
उसने मेरे गालों पर पप्पियों की बारिश कर दी और सुबकते हुए कई बार उसने ‘आई लव यू’ कहा।

मैंने भी उसे बाहों में बाँध लिया और 3-4 गहरे लब-चुम्बन दे दिए।

उसके बाद हम लोग ऑटो लेकर बस स्टैंड आ गए और हमने घर के लिए बस पकड़ ली।

हम लोगों ने 2 दिन सेक्स के बहुत मज़े लिए थे इसलिए दोनों जने शांत महसूस कर रहे थे।

हल्की फुल्की बातें करते हुए मैं और भाभी शाम 7 बजे घर आ गए।

भाभी की चूत का लाइसेंस मुझे मिल गया था वो मुझसे चुदवाने को आतुर रहतीं थीं।

कहानी जारी रहेगी।
 
Top