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Adultery भाभियों का रहस्य

Chutiyadr

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कुंवर की तो लॉटरी निकलती जा रही है और प्रेमिकाओं की गिनती बढ़ती जा रही है। अब तो शैतान की औलादें भी आ गई है तो ताकत और बढ़ गई है इसकी। अब बलवंत और अब्दुल का क्या होगा जा उन्हें पता चलेगा की रमिका चुड़ैल बन गई है। अब कहानी और मजेदार होती जा रही है। उत्तम अपडेट।
dhanywad dost:)
 

Chutiyadr

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Jaberjast अपडेट है
कुंवर की तो लॉटरी निकल पड़ी अब तो तीन तीन चुड़ेल चुड़ैल हो गई साथ ही शैतान भी आ गए हैं अब तो पूरे गांव में चुदाई प्रोग्राम चलेगा
dhanywad sanju bhai :)
 

Chutiyadr

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अध्याय 33

जीवन की लीला अजीब है , अगर कोई कहे की आपके पास दुनिया भर की सुख सुविधाए हो , ताकत हो पैसा हो , एक प्यारा परिवार हो , एक बहुत प्यार करने वाली लड़की हो , एक गर्लफ्रेंड हो और उसके साथ आप रोज जितने चाहे उतनी नयी लडकियो के साथ सम्भोग का सुख उठा सकते हो तो कैसा रहेगा …
शायद कोई सोचेगा की ये तो जन्नत वाली जिंदगी है …
लेकिन क्या सच में ???
मेरी जिंदगी कुछ ऐसी ही चल रही थी और मैं इससे बेहद ही बोर हो गया था, लग रहा था जैसे जीवन का कोई मकसद ही नही बचा हो , रोज सुबह मैं उठता कोकू और अन्नू का प्यार मेरे लिए हमेशा से रहा , मुझे तैयार होकर सुबह एक दोपहर एक ,शाम एक और फिर रात में दो ओरतो से सम्भोग करना होता , कुल 5 महिलाओ से सम्भोग रोज का काम हो गया था , उस जादुई शक्ति का असर था की इसके बाद भी मेरे अंदर कोई कमजोरी नहीं आती बल्कि मैं खुद को और भी ज्यादा ताकतवर महसूस करने लगा था , 6 महीने हो गए थे , गांव की अधिकतर महिलाये अब प्रेग्नेंट थी , मेरा काम हो चूका था , चुदैल चुड़ैल बनने के बाद से अम्मा गुंजन और रामिका का जीवन भी सामान्य हो गया था , ना मैंने कभी उन्हें अपना गुलाम बनाने की कोशिस की ना ही उन्होंने कभी मुझसे कुछ कहा …
जीवन में सब कुछ था लेकिन जीवन नीरस हो गया था , और सबसे बड़ी बात थी मेरे अंदर का हवस, दिन रात बस सेक्स और सेक्स करना और उसी के बारे में सोचना मुझे अंदर से कमजोर कर रहा था , शारीरिक रूप से तो नहीं लेकिन मानसिक रूप से मैं खुद को बीमार महसूस कर रहा था ..
सामान्य जीवन की इतनी आश मुझे कभी नहीं रही , मैं हमेशा सोचता की अगर मैं एक सामान्य जीवन जी रहा होता तो क्या होता ,
आज वो तारीख थी जब मैं लिस्ट में शामिल आखरी महिला से सम्भोग कर उसे गर्भवती करने वाला था , जिस जिम्मेदारी के लिए ये शक्तिया मिली थी वो अब ख़त्म हो गयी थी …
रात का समय था और अब लिस्ट पूरी ख़त्म हो चुकी थी , मुझे ऐसा लगा जैसे एक बोझ मेरे सर से उतर गया हो , मैं आराम से अपने कमरे में था और साथ कोकू और अन्नू थे , हम तीनो से नग्न बिस्तर में लेटे हुए थे अभी अभी मैंने दोनों के साथ जमकर सम्भोग किया था , उनके साथ सम्भोग का मौका मुझे बहुत दिनों के बाद मिला था क्योकि मैं अभी लिस्ट को पूरा करने में ही पूरी ताकत लगा रहा था …
“कुवर आज तो मजा ही आ गया “
अन्नू थककर मेरे सीने में सोई थी वही दूसरी ओर कोकू भी , कोकू के चहरे में भी तृप्ति के भाव थे …
“अन्नू अब बहुत हुआ , मैं इन शक्तियों से आजाद होना चाहता हु , मेरी जिम्म्मेदारी अब ख़त्म हुई मैं अब मैं एक सामान्य इंसानों जैसा जीवन जीना चाहता हु , तुम्हे प्यार करना चाहता हु वो भी बिना किसी शक्ति का उपयोग किये , तुमसे शादी करना चाहता हु अपने बच्चो के साथ खेलना चाहता हु , आखिर मेरे बच्चो को मैं क्या सिखाऊंगा …. “
कोकू ने मेरे बालो में हाथ फेरा
“कुवर ये ताकत आपके लिए वरदान है , इनके बिना आप खुद को बहुत ही कमजोर पाएंगे “
मैं कोकू को देखकर मुस्कुराया
“मैं पहले भी वैसा ही था , और आदते छुट जाती है , आज मेरे पास ताकत है लेकिन मैं इससे परेशान हो चूका हु , जब तक मैं 2-३ महिलाओ के साथ सम्भोग ना करू मुझे तृप्ति नहीं मिलती , अब तो लिस्ट भी ख़त्म हो चुकी है “
कोकू हँसी
“आप भूलो मत की आपकी ३ चुड़ैले है और मुझे मिलाकर 4 और हम चुड़ैल किसी सामान्य महिला से ज्यादा सम्भोग का सुख आपको दे सकते है , आपको पूरा संतुष्ट करने के लिए एक ही चुड़ैल काफी है और आपके पास तो 4 है “
कोकू की बात सुनकर मैं मुस्कुराया
“यही तो मुझे नहीं चाहिए , जिस्म के हवस के लिए जीना भी कोई जीना है , इसका आखिर क्या मतलब होगा , मुझे जिस्मानी सुख मिल जायेगा लेकिन क्या यही जीवन है ???
नही कोकू ये जीवन नही है , लिंग की तृप्ति के लिए ही जीवन जीना निरर्थक है , मुझे अपनी वासना से मुक्त होना है , मुझे प्रेम से भरकर जीवन जीना है ना की केवल अपनी हवास की पूर्ति के लिए , क्या जीवन भर मैं सम्भोग ही करता रहूँगा , आखिर मेरे जीवन का अर्थ ही क्या रह जायेगा …
अभी तक मैं ये करता रहा क्योकि इसका कोई अर्थ था , बहुत महिलाओ की प्यासी गर्भ को मुझे भरना था , किसी की ख़ुशी इसमें जुडी हुई थी लेकिन अब … अब नहीं मुझे एक सामान्य जीवन जीना है बस “
कोकू और अन्नू दोनों ही मुझे बिना कुछ बोले ही देखती रही , अचानक अन्नू ने मेरे गालो में एक जोरदार किस कर लिया
“आई ऍम प्राउड ऑफ़ यू मेरे निक्कू , शायद ही कोई मर्द हो जो ऐसी ताकत को छोड़ना चाहे जिसमे जीवन भर मजे हो , इतनी ताकत हो की कोई आँखे उठाकर भी नहीं देख सकता , मुझे और किसी का नहीं पता लेकिन मैं तुम्हारे साथ हु , और मैं मानती हु की त्तुम्हारा हक़ बनता है इस चीज पर , तुम्हारा हक़ है की तुम एक सामान्य जीवन जियो , तुम्हारा हक़ है की तुम खुश रहो “
अन्नू की बात मेरे लिए दिल को सुकून पहुचाने वाली थी , मैं बड़े ही प्यार से उसे मुस्कुराते हुए देखता रहा …
तभी कोकू बोल उठी
“लेकिन कैसे ?? आखिर कैसे तुम अपनी शक्तियों को छोड़ पाओगे ???”
मैंने एक गहरी साँस ली
“मुझे नहीं पता की ये कैसे होगा लेकिन करना तो है ही “
“हम्म्म शायद डॉ कोई राह दिखाए ??”
अन्नू ने डॉ का नाम लिया था , वही इन्सान थे जिसने मुझे इसमें धकेला था शायद अब वही मुझे इस दलदल से बाहर निकाल सकते थे ……….
*********************
सुबह से तैयार होकर मैं अन्नू के साथ डॉ के पास पहुच गया
डॉ मेरी बात सुनकर गंभीर हो गए , पहले तो उन्होंने मुझे बहुत समझाया की ऐसा करना ठीक नहीं है , ये एक वरदान है लेकिन मैंने तो ठान ली थी
“कुवर बात को समझो यंहा भेडिये और वेम्पायर लोगो का खतरा मंडरा रहा है , ठाकुर और अब्दुल तुम्हारे जान के दुश्मन बने घूम रहे है और तुम शक्तियों को छोड़ने की बात कर रहे हो …अभी तो सब चुप बैठे है क्योकि उन्हें पता की तुमसे जितना नामुमकिन है लेकिन तुम्हारे शक्तियों को छोड़ते ही वो तुम्हारे उपर टूट पड़ेंगे “
डॉ की बात पर मैं महज मुस्कुराया
“भेडिये और वेम्पायर का मुझे कोई टेंशन नहीं है , आखिर वो लोग यंहा शांति से जी रहे है और उनका उत्पात मचाने का भी कोई इरादा नहीं है , उन्हें जो चाहिए वो उन्हें आसानी से मिल रहा है , तो वो हमारे लिए कोई खतरा नहीं है ,रही बात ठाकुर की तो उससे निपटने के लिए मुझे शैतानी शक्तियों की कोई जरुरत नहीं है , हमने पिछले दिनों में अपना बहुबल बढ़ा लिया है , राजनीती में भी हमारी पकड़ मजबूर हुई है , तो मुझे नहीं लगता की वो मेरे लिए कोई दिक्कत है .. मैं उससे बिना इन शक्तियों के भी लड़ सकता हु “
डॉ सोच में पड़ गया
“ठीक है मैं कुछ तरकीब सोचता हु , लेकिन तुम्हारे साथ और भी लोग जुड़े हुए है , तुम्हारी शक्तिया जाएगी तो समझो उनकी भी जाएगी “
“मतलब ?? “
“मतलब तुम्हारी चुदैल चुड़ैल , इतनी मेहनत से हमने उन्हें बनाया था और उनका कोई उपयोग भी नहीं हुआ , तुम्हारी शक्तियों के जाने से उनकी ताकते भी चली जाएँगी ,, लेकिन वो रहेंगी हमेशा चुदैल ही बस चुड़ैल नहीं रहेंगी , तो समझो उन्हें तो किसी मुस्टंडे की जरुरत पड़ेगी लेकिन तुम ना होगे … बड़ी नाइंसाफी है , और वो कभी तुम्हारी गुलाम नहीं बनेगी , तुम्हारी गुलामी से उन्हें आजादी भी मिल जाएगी , अभी तो वो तुम्हारी गुलाम है और इसलिए उनकी वासना भी दबी हुई है लेकिन तुम्हारे से आजाद होने के बाद उनकी वासना भड़केगी “
मैं कुछ देर तक सोच में पड़ा रहा
“कोई बात नहीं मुझे किसी को गुलाम रखना भी नहीं है , मैं भी आजाद होना चाहता हु और साथ में सभी आजाद रहे यही कामना करता हु “
डॉ ने सर हिला दिया
“ऐसी बात है तो फिर ठीक है , मैं चमन से बात करके कोई रास्ता निकालता हु “
*********************************
एक सप्ताह के बाद डॉ का फोन आया
“खुशखबरी है रास्ता मिल गया , क्या तुम अब भी इन ताकतों को छोड़ना चाहते हो ?? मैं फिर से कह रहा हु ये वरदान है “
मैंने डॉ को सहमती दे दी की मुझे ताकतों को हर हाल में छोड़ना है , डॉ ने मुझे उसी झरने के पास में बुला लिया जन्हा से इसकी शुरुवात हुई थी …
ये मेरे जीवन का एक अहम् फैसला होने वाला था मैं इतनी ताकतों का आदि हो चूका था अब इनसे आजाद होना मेरे लिए कोई आसन बात नहीं थी , लेकिन मुझे ये करना ही था ..
कोकू और अन्नू मेरे साथ थे , ये बात मैंने अम्मा को भी बताई वो भी मेरे साथ खड़ी थी , अंकित भी मेरे साथ था और उसने भी मुझे होसला दिलाया की सब ठीक होगा …
मेरा प्यार मेरा परिवार और मेरे दोस्त मेरे साथ थे , मुझे अब दुनिया की क्या ही फिक्र थी …
चांदनी रात में मैं अन्नू, कोकू और अंकित झरने के पास पहुचे , वंहा पहले से ही डॉ और चमन चुतिया मौजूद थे ..
डॉ ने मुझे आखरी बार समझाया , मैं अपने फैसले में अडिग था , डॉ ने मन मारकर प्रोसेस शुरू किया
उन्होंने मुझे उस पत्थर में नग्न लेटने को कहा ..
“इस पत्थर से ही तुम्हे शैतानी ताकते मिली थी और अब फिर से ये ताकते इस पत्थर में चली जाएँगी “
चमन बोल उठा , उसने बाकि सभी को वंहा से दूर जाने को कह दिया , और फिर मंत्रो का उच्चारण शुरू किया गया , चमन मेरे पास आया और उसने चाकू से मेरे गले में एक छोटा सा घाव किया , मेरे रक्त को लेकर वो पत्थर में चढाने लगा …
और उसके बाद उसने मेरे उपर कुछ डाला
मुझे नशा सा होने लगा था , मेरी आँखे बंद होने लगी तभी अचानक मुझे ऐसा लगा जैसे उस पत्थर ने मुझे जकड़ लिया है और मेरे अंदर की सारी उर्जा वो मुझसे चूस रहा है …
मैं दर्द और डर के मारे चिल्लाया लेकिन मेरे मुह से कोई भी आवाज नहीं आई ..
मेरा ये फैसला सही था या की गलत ??
मैं धीरे धीरे बेहोश होने लगा , शरीर जैसे शुन्य हो रहा था मेरी आँखे बंद होने लगी थी , और सब कुछ जैसे खोने लगा ……………
 

Luckyloda

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अध्याय 33

जीवन की लीला अजीब है , अगर कोई कहे की आपके पास दुनिया भर की सुख सुविधाए हो , ताकत हो पैसा हो , एक प्यारा परिवार हो , एक बहुत प्यार करने वाली लड़की हो , एक गर्लफ्रेंड हो और उसके साथ आप रोज जितने चाहे उतनी नयी लडकियो के साथ सम्भोग का सुख उठा सकते हो तो कैसा रहेगा …
शायद कोई सोचेगा की ये तो जन्नत वाली जिंदगी है …
लेकिन क्या सच में ???
मेरी जिंदगी कुछ ऐसी ही चल रही थी और मैं इससे बेहद ही बोर हो गया था, लग रहा था जैसे जीवन का कोई मकसद ही नही बचा हो , रोज सुबह मैं उठता कोकू और अन्नू का प्यार मेरे लिए हमेशा से रहा , मुझे तैयार होकर सुबह एक दोपहर एक ,शाम एक और फिर रात में दो ओरतो से सम्भोग करना होता , कुल 5 महिलाओ से सम्भोग रोज का काम हो गया था , उस जादुई शक्ति का असर था की इसके बाद भी मेरे अंदर कोई कमजोरी नहीं आती बल्कि मैं खुद को और भी ज्यादा ताकतवर महसूस करने लगा था , 6 महीने हो गए थे , गांव की अधिकतर महिलाये अब प्रेग्नेंट थी , मेरा काम हो चूका था , चुदैल चुड़ैल बनने के बाद से अम्मा गुंजन और रामिका का जीवन भी सामान्य हो गया था , ना मैंने कभी उन्हें अपना गुलाम बनाने की कोशिस की ना ही उन्होंने कभी मुझसे कुछ कहा …
जीवन में सब कुछ था लेकिन जीवन नीरस हो गया था , और सबसे बड़ी बात थी मेरे अंदर का हवस, दिन रात बस सेक्स और सेक्स करना और उसी के बारे में सोचना मुझे अंदर से कमजोर कर रहा था , शारीरिक रूप से तो नहीं लेकिन मानसिक रूप से मैं खुद को बीमार महसूस कर रहा था ..
सामान्य जीवन की इतनी आश मुझे कभी नहीं रही , मैं हमेशा सोचता की अगर मैं एक सामान्य जीवन जी रहा होता तो क्या होता ,
आज वो तारीख थी जब मैं लिस्ट में शामिल आखरी महिला से सम्भोग कर उसे गर्भवती करने वाला था , जिस जिम्मेदारी के लिए ये शक्तिया मिली थी वो अब ख़त्म हो गयी थी …
रात का समय था और अब लिस्ट पूरी ख़त्म हो चुकी थी , मुझे ऐसा लगा जैसे एक बोझ मेरे सर से उतर गया हो , मैं आराम से अपने कमरे में था और साथ कोकू और अन्नू थे , हम तीनो से नग्न बिस्तर में लेटे हुए थे अभी अभी मैंने दोनों के साथ जमकर सम्भोग किया था , उनके साथ सम्भोग का मौका मुझे बहुत दिनों के बाद मिला था क्योकि मैं अभी लिस्ट को पूरा करने में ही पूरी ताकत लगा रहा था …
“कुवर आज तो मजा ही आ गया “
अन्नू थककर मेरे सीने में सोई थी वही दूसरी ओर कोकू भी , कोकू के चहरे में भी तृप्ति के भाव थे …
“अन्नू अब बहुत हुआ , मैं इन शक्तियों से आजाद होना चाहता हु , मेरी जिम्म्मेदारी अब ख़त्म हुई मैं अब मैं एक सामान्य इंसानों जैसा जीवन जीना चाहता हु , तुम्हे प्यार करना चाहता हु वो भी बिना किसी शक्ति का उपयोग किये , तुमसे शादी करना चाहता हु अपने बच्चो के साथ खेलना चाहता हु , आखिर मेरे बच्चो को मैं क्या सिखाऊंगा …. “
कोकू ने मेरे बालो में हाथ फेरा
“कुवर ये ताकत आपके लिए वरदान है , इनके बिना आप खुद को बहुत ही कमजोर पाएंगे “
मैं कोकू को देखकर मुस्कुराया
“मैं पहले भी वैसा ही था , और आदते छुट जाती है , आज मेरे पास ताकत है लेकिन मैं इससे परेशान हो चूका हु , जब तक मैं 2-३ महिलाओ के साथ सम्भोग ना करू मुझे तृप्ति नहीं मिलती , अब तो लिस्ट भी ख़त्म हो चुकी है “
कोकू हँसी
“आप भूलो मत की आपकी ३ चुड़ैले है और मुझे मिलाकर 4 और हम चुड़ैल किसी सामान्य महिला से ज्यादा सम्भोग का सुख आपको दे सकते है , आपको पूरा संतुष्ट करने के लिए एक ही चुड़ैल काफी है और आपके पास तो 4 है “
कोकू की बात सुनकर मैं मुस्कुराया
“यही तो मुझे नहीं चाहिए , जिस्म के हवस के लिए जीना भी कोई जीना है , इसका आखिर क्या मतलब होगा , मुझे जिस्मानी सुख मिल जायेगा लेकिन क्या यही जीवन है ???
नही कोकू ये जीवन नही है , लिंग की तृप्ति के लिए ही जीवन जीना निरर्थक है , मुझे अपनी वासना से मुक्त होना है , मुझे प्रेम से भरकर जीवन जीना है ना की केवल अपनी हवास की पूर्ति के लिए , क्या जीवन भर मैं सम्भोग ही करता रहूँगा , आखिर मेरे जीवन का अर्थ ही क्या रह जायेगा …
अभी तक मैं ये करता रहा क्योकि इसका कोई अर्थ था , बहुत महिलाओ की प्यासी गर्भ को मुझे भरना था , किसी की ख़ुशी इसमें जुडी हुई थी लेकिन अब … अब नहीं मुझे एक सामान्य जीवन जीना है बस “
कोकू और अन्नू दोनों ही मुझे बिना कुछ बोले ही देखती रही , अचानक अन्नू ने मेरे गालो में एक जोरदार किस कर लिया
“आई ऍम प्राउड ऑफ़ यू मेरे निक्कू , शायद ही कोई मर्द हो जो ऐसी ताकत को छोड़ना चाहे जिसमे जीवन भर मजे हो , इतनी ताकत हो की कोई आँखे उठाकर भी नहीं देख सकता , मुझे और किसी का नहीं पता लेकिन मैं तुम्हारे साथ हु , और मैं मानती हु की त्तुम्हारा हक़ बनता है इस चीज पर , तुम्हारा हक़ है की तुम एक सामान्य जीवन जियो , तुम्हारा हक़ है की तुम खुश रहो “
अन्नू की बात मेरे लिए दिल को सुकून पहुचाने वाली थी , मैं बड़े ही प्यार से उसे मुस्कुराते हुए देखता रहा …
तभी कोकू बोल उठी
“लेकिन कैसे ?? आखिर कैसे तुम अपनी शक्तियों को छोड़ पाओगे ???”
मैंने एक गहरी साँस ली
“मुझे नहीं पता की ये कैसे होगा लेकिन करना तो है ही “
“हम्म्म शायद डॉ कोई राह दिखाए ??”
अन्नू ने डॉ का नाम लिया था , वही इन्सान थे जिसने मुझे इसमें धकेला था शायद अब वही मुझे इस दलदल से बाहर निकाल सकते थे ……….
*********************
सुबह से तैयार होकर मैं अन्नू के साथ डॉ के पास पहुच गया
डॉ मेरी बात सुनकर गंभीर हो गए , पहले तो उन्होंने मुझे बहुत समझाया की ऐसा करना ठीक नहीं है , ये एक वरदान है लेकिन मैंने तो ठान ली थी
“कुवर बात को समझो यंहा भेडिये और वेम्पायर लोगो का खतरा मंडरा रहा है , ठाकुर और अब्दुल तुम्हारे जान के दुश्मन बने घूम रहे है और तुम शक्तियों को छोड़ने की बात कर रहे हो …अभी तो सब चुप बैठे है क्योकि उन्हें पता की तुमसे जितना नामुमकिन है लेकिन तुम्हारे शक्तियों को छोड़ते ही वो तुम्हारे उपर टूट पड़ेंगे “
डॉ की बात पर मैं महज मुस्कुराया
“भेडिये और वेम्पायर का मुझे कोई टेंशन नहीं है , आखिर वो लोग यंहा शांति से जी रहे है और उनका उत्पात मचाने का भी कोई इरादा नहीं है , उन्हें जो चाहिए वो उन्हें आसानी से मिल रहा है , तो वो हमारे लिए कोई खतरा नहीं है ,रही बात ठाकुर की तो उससे निपटने के लिए मुझे शैतानी शक्तियों की कोई जरुरत नहीं है , हमने पिछले दिनों में अपना बहुबल बढ़ा लिया है , राजनीती में भी हमारी पकड़ मजबूर हुई है , तो मुझे नहीं लगता की वो मेरे लिए कोई दिक्कत है .. मैं उससे बिना इन शक्तियों के भी लड़ सकता हु “
डॉ सोच में पड़ गया
“ठीक है मैं कुछ तरकीब सोचता हु , लेकिन तुम्हारे साथ और भी लोग जुड़े हुए है , तुम्हारी शक्तिया जाएगी तो समझो उनकी भी जाएगी “
“मतलब ?? “
“मतलब तुम्हारी चुदैल चुड़ैल , इतनी मेहनत से हमने उन्हें बनाया था और उनका कोई उपयोग भी नहीं हुआ , तुम्हारी शक्तियों के जाने से उनकी ताकते भी चली जाएँगी ,, लेकिन वो रहेंगी हमेशा चुदैल ही बस चुड़ैल नहीं रहेंगी , तो समझो उन्हें तो किसी मुस्टंडे की जरुरत पड़ेगी लेकिन तुम ना होगे … बड़ी नाइंसाफी है , और वो कभी तुम्हारी गुलाम नहीं बनेगी , तुम्हारी गुलामी से उन्हें आजादी भी मिल जाएगी , अभी तो वो तुम्हारी गुलाम है और इसलिए उनकी वासना भी दबी हुई है लेकिन तुम्हारे से आजाद होने के बाद उनकी वासना भड़केगी “
मैं कुछ देर तक सोच में पड़ा रहा
“कोई बात नहीं मुझे किसी को गुलाम रखना भी नहीं है , मैं भी आजाद होना चाहता हु और साथ में सभी आजाद रहे यही कामना करता हु “
डॉ ने सर हिला दिया
“ऐसी बात है तो फिर ठीक है , मैं चमन से बात करके कोई रास्ता निकालता हु “
*********************************
एक सप्ताह के बाद डॉ का फोन आया
“खुशखबरी है रास्ता मिल गया , क्या तुम अब भी इन ताकतों को छोड़ना चाहते हो ?? मैं फिर से कह रहा हु ये वरदान है “
मैंने डॉ को सहमती दे दी की मुझे ताकतों को हर हाल में छोड़ना है , डॉ ने मुझे उसी झरने के पास में बुला लिया जन्हा से इसकी शुरुवात हुई थी …
ये मेरे जीवन का एक अहम् फैसला होने वाला था मैं इतनी ताकतों का आदि हो चूका था अब इनसे आजाद होना मेरे लिए कोई आसन बात नहीं थी , लेकिन मुझे ये करना ही था ..
कोकू और अन्नू मेरे साथ थे , ये बात मैंने अम्मा को भी बताई वो भी मेरे साथ खड़ी थी , अंकित भी मेरे साथ था और उसने भी मुझे होसला दिलाया की सब ठीक होगा …
मेरा प्यार मेरा परिवार और मेरे दोस्त मेरे साथ थे , मुझे अब दुनिया की क्या ही फिक्र थी …
चांदनी रात में मैं अन्नू, कोकू और अंकित झरने के पास पहुचे , वंहा पहले से ही डॉ और चमन चुतिया मौजूद थे ..
डॉ ने मुझे आखरी बार समझाया , मैं अपने फैसले में अडिग था , डॉ ने मन मारकर प्रोसेस शुरू किया
उन्होंने मुझे उस पत्थर में नग्न लेटने को कहा ..
“इस पत्थर से ही तुम्हे शैतानी ताकते मिली थी और अब फिर से ये ताकते इस पत्थर में चली जाएँगी “
चमन बोल उठा , उसने बाकि सभी को वंहा से दूर जाने को कह दिया , और फिर मंत्रो का उच्चारण शुरू किया गया , चमन मेरे पास आया और उसने चाकू से मेरे गले में एक छोटा सा घाव किया , मेरे रक्त को लेकर वो पत्थर में चढाने लगा …
और उसके बाद उसने मेरे उपर कुछ डाला
मुझे नशा सा होने लगा था , मेरी आँखे बंद होने लगी तभी अचानक मुझे ऐसा लगा जैसे उस पत्थर ने मुझे जकड़ लिया है और मेरे अंदर की सारी उर्जा वो मुझसे चूस रहा है …
मैं दर्द और डर के मारे चिल्लाया लेकिन मेरे मुह से कोई भी आवाज नहीं आई ..
मेरा ये फैसला सही था या की गलत ??
मैं धीरे धीरे बेहोश होने लगा , शरीर जैसे शुन्य हो रहा था मेरी आँखे बंद होने लगी थी , और सब कुछ जैसे खोने लगा ……………
डॉक्टर साहब फिर कहानी का कोई भरोसा नहीं रहता कि कब डॉक्टर साहब किस मूड में आकर कहानी को क्या दशा दिखा दे अब जबकि कुंवर सामान्य व्यक्ति हो जाएगा तो देखना यह है कि नया शैतान कौन बनेगा और उस नए शैतान के बनने के बाद कुंवर उसका सामना कैसे कर पाएगा
 

Sushilnkt

Well-Known Member
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मतलब अब ये दिन भी देखना होगा

शक्ति हीन बन कर ही जीना होगा।

मुझे कम लगता है। ऐसा कुछ होगा।


आखिर मकसद कुछ बड़े होंगे।

आखिर शैतान का अंश है। ऐसे तो नही जाने वाला
 
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