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Adultery भाभियों का रहस्य

Rajizexy

punjabi doc
Supreme
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अध्याय 24
कमरा खाली था और सामने वो लड़की जिससे मैं प्रेम करता था , शायद उसे लग रहा हो की मैंने उससे बेवफाई की है , वो जानती थी की मेरा हाल क्या है लेकिन फिर भी उसने मुझसे कई उम्मीदे बांध कर रखी थी , उसने कई सपने मेरे साथ संजोये थे , कई अभिलाषाए और कई आशाये उसके मन में कलि की तरह खिल रहे थे , शायद मेरे इस एक हरकत ने उसके सभी उम्मीदों को तार तार कर दिया …
वो वही खड़ी थी बिलकुल किसी पत्थर की तरह , ये वही लड़की थी जिसने मुझे अम्मा के साथ सम्भोग के लिए मनाया था , ये वही लड़की थी जिसने मुझे गांव की ओरतो की लिस्ट दी थी जिसके साथ मुझे सम्भोग करना था , ये वही लड़की थी जिसने मेरे जिस्मानी संबंधो के लिए पूरी प्लानिंग की थी , लेकिन आज ये मेरे कृत्य से दुखी थी …
आखिर ऐसा मैंने क्या कर दिया …???
मैंने उसकी उम्मीद तोड़ दी थी , उसके सपनो को बिखेर दिया था ,
आखिर कैसे …???
वो मेरे जिस्म और हवस पर अपना नियंत्रण चाहती थी , लेकिन मैंने ये नियंत्रण अपने हाथो में लेने की सोच ली , वो मेरे जिस्म पर खुद का अधिकार समझती थी और मैंने उसे झूठा साबित कर दिया था , उसकी आँखे लाल थी और दिल भारी , मैं उसे ऐसे ही छोड़ सकता था , लेकिन मैं उससे प्यार करता था , जिस्म के आकर्षण से अलग भी हमारा एक सम्बन्ध था ..
मैं उसके पास आया और उसके बांहों को थाम लिया ..
“छूना मत मुझे “
वो चिल्लाई
“अन्नू मेरी बात तो सुनो …”
“कुछ नहीं सुनना है मुझे , मैंने तुम्हे कब किसी गैर महिला के साथ सम्बन्ध बनाने से माना किया था , लेकिन वो सिर्फ जिम्मेदारी निभाने के लिए था , ना ही अपनी हवस मिटाने के लिए , तुम ऐसा करोगे ये मैंने सोचा भी नहीं था , क्या ये सब करते हुए तुम्हे मेरा बील्कुल भी ख्याल ना आया ?“
उसका गुस्सा जायज था लेकिन मैं भी तो ऐसे नहीं रह सकता था ..
“अन्नू … जो तुमने देखा मैं ऐसा ही हु , अब खुद को धोखा देने से कुछ नहीं होगा , हम दोनों जानते है की मैंने खुद को कितना नियंत्रित करके रखा है और इसके कारन मैं दबा दबा सा रहने लगा हु , क्या तुम नहीं चाहती की मैं भी खुल कर जीयु …”
“ऐसे खुलकर जीयोगे तुम हा ..”
“मेरी बात समझो अन्नू , “
“बस बहुत हो गया कुवर , मैं ही मुर्ख थी जो तुम्हारे प्यार में पड़ गई , सोचा तुम दूसरो से अलग हो लेकिन नहीं तुम भी दूसरो की ही तरह हवस की आग में डूबे हुए इंसान निकले “
इतना कहकर अन्नू कमरे से बाहर जाने लगी
“अन्नू सुनो तो …” मैं उसके पीछे जाने लगा लेकिन वो सीधे एक ड्राईवर के पास जाकर गाड़ी निकलवा कर ले आई ..
“अन्नू मेरी बात तो सुनो ..”
मैं अभी भी नंगा था और अपने हवेली के बाहर खड़ा था
वो एक ओडी में बैठ चुकी थी
“जाओ कुवर, शायद मैं तुम्हे तुम्हारी जिंदगी नहीं जीने दे सकती , मेरा दूर चले जाना ही तुम्हारे लिए ठीक होंगा “
मैं चिल्लाता रहा और अन्नू ने अपने गाड़ी का शीशा चढ़ा लिया , गाड़ी चली और मैं उसके पीछे भागता हुआ सड़क तक आ गया लेकिन गाड़ी नहीं रुकी और वो मेरे आँखों से ओझल होते चली गई …
अन्नू मुझे छोड़ कर जा चुकी थी , मैं नंगा ही सड़क पर खड़ा था , पूरी हवली मेरे पीछे भागी थी , लोग अजीब नजरो से अपने कुवर को इस तरह नंगा खड़ा हुआ देख रहे थे ,
“कुवर “ एक आदमी मेरे पास एक चादर लेकर आ गया , मैंने उसके हाथो से चादर लेकर उसे वही हवा में फेक दिया ..
“बोल दो पुरे कुवरपुर को की कुवर नंगा हो गया है …”
इतना बोलकर मैं फिर से हवेली की ओर चल दिया , ये गुस्सा सा या प्यार मुझे नहीं पा लेकिन ऐसा लग रहा था जैसे अंदर से कुछ खाली हो गया है …
मैं हवेली की ओर जाने लगा तभी रास्ते में कुछ ओरते मुझे दिखाई दी , वो किसी काम से जा रही थी और मुझे ऐसे अवस्था में देखकर वही रुक गई थी , वो मुझे बड़े ही आश्चर्य से देख रही थी …
“क्या देख रही हो “
मैं गुस्से में चिल्लाया
वो सभी हडबडा गई
“कुछ नहीं कुवर “
“मादरचोदो मेरा घर टूटता हुआ देख कर मजे कर रही हो , मैं तुम्हरा घर तोड़ता हु “

मैं उनकी ओर बढ़ गया वो डर से कापने लगी थी , वो ३ महिलाये थी जो अपने घर्र का सामान लेने घर से निकली थी , वही एक को पकड़ कर उसकी साड़ी को खिंच दिया …
“कुवर क्या कर रहे हो ..”
वो चिल्लाई लेकिन मैंने किसी की एक ना सुनी बाकि की दो अपना सामान छोड़कर वंहा से भागने को हुई लेकिन मैंने दोनों के हाथ पकड़ कर वही जमीन में उन्हें गिरा दिया
“मालिक माफ़ कर दो हमें जाने दो … यु सरेआम हमें बदनाम मत करो “
वो हाथ जोड़ कर रोने लगी , सड़क में चलती हुई जनता वही थम चुकी थी .लोग मेरे इस व्यवहार से सकते में आ गए थे लेकिन किसी की इतनी हिम्मत नहीं थी की वो मुझे कुछ बोल पाए , जो मुझे रोकने वाला था वो अभी अभी इस गांव को और मुझे छोड़कर चला गया था …
“मेरे इज्जत को उतरता हुआ देख कर खुश हो ही थी ना , अब पुरे गांव के सामने बीच सड़क में तुम तीनो की इज्जत उतारूंगा “
मैं क्रोध में भरकर बोला
वो तीनो ही रोने लगी ..
“कुवर माफ़ी … माफ़ी कर दो हमें “
उनकी गलती बस इतनी थी की वो गलत समय में गलत जगह पर थी , मैंने एक ओरत को पकड़ कर उसे वही झुका दिया और उसके साड़ी को उसके कमर से उपर कर दिया , बाकि की दो जमीन में गिरी हुई अभी भी काँप रही थी …
“तुम सबको बच्चा चाहिए ना , मादरचोदो अब देता हु बच्चा “
मैंने बिना कुछ सोचे समझे अपना लिंग झुकी हुई महिला के योनी में डाल दिया ..
वो चिल्लाई और रोने लगी लेकिन मैं जैसे पागल ही हो गया था , मैं जोरो से धक्के लगा रहा था , वंहा खड़े लोग आँखे फाड़ कर मुझे देख रहे थे …
“मादरचोदो जो यंहा खड़ा रह कर मुझे देखेगा , इसको निपटा कर उसके घर जाकर उनकी बहन बेटी और बीवी और बहु को उसके सामने ही चोदुंगा “
मैंने चिल्ला कर कहा और वंहा जैसे हडकंप मच गया लोग वंहा से भागने लगे थे , इतनी ताकत का अंदाजा मुझे आज लगा था , जो लोग मुझे भगवान् की तरह मानते थे वो आज मुझसे किसी शैतान की तरह डर रहे थे ..
मैं उस ओरत के योनी में पुरे ताकत से धक्के मार रहा था , वो भी अब मतवाली होकर इसका मजा ले रही थी , वो अपने घर की इज्जत की फिक्र ही छोड़ चुकी थी , बाकि की दो भी हमें देखकर शांत हो चुकी थी , उनके अंदर भी उत्तेजना हिलोरे मारने लगी थी लेकिन अब भी वो समाज में अपनी इज्जत की फिक्र करके चुप चाप बैठी ही थी , मैंने और तेजी लाइ और अपने वीर्य की धार उस महिला के कोख में डाल दिया ,
शयद इसका कोख भरना भी मेरी जिम्मेदारी थी लेकिन उसे मैं ऐसा पूरा करूँगा ये कोई नहीं सोच सकता था …
जो इसका हिसाब किताब रखती वो अब जा चुकी थी मन एक खुले सांड जैसे आजाद था , दिल में अन्नू के जाने का गम तो था लेकिन वो गम अब गुस्से में बदल चूका था ..
अपने वीर्य की धार उस महिला के योनी में छोड़कर मैं शांत हुआ , हवेली के पुरे कर्मचारी और अम्मा भी मुझे डर से देख रहे थे …
मैंने उनकी ओर नजर डाली
“एक गद्दा सडक में लगा दो जब तक इन दोनों के अन्दर अपना वीर्य नहीं छोडूंगा मैं यंहा से जाने वाला नहीं हु “
मैंने हवेली के एक नौकर को आवाज दी ..
अम्मा के आँखों में आंसू था वो सामने आई
“निशांत हमारे सालो की इज्जत को यु ना उछाल , हमने कभी किसी के साथ अन्याय नहीं किया और तू ये सब कर रहा है , अन्नू फिर से वापस आ जाएगी , तू खुद को सम्हाल “
अम्मा ने आगे आ कर मुझसे कहा
“मादरचोद गद्दा लगा आज मैं तुम्हारी ठकुराइन को भी इसी सड़क में चोदुंगा , और इस सड़क में कोई नहीं आना चाहिए …”
मेरी बात सुनकर वंहा एक शान्ति छा गई लेकिन कुछ सेकण्ड के बाद ही कुछ नौकर तेजी से अपने काम में लग गए … उन्होंने सड़क को रोक दिया और मेरे लिए सड़क के बीचो बीच एक गद्दा लगा दिया ..
अब इस गद्दे में मैं दूसरो की ही नहीं अपनी ही हवेली की इज्जत को उतरने को तैयार था ….
एक एक करके मैंने बाकि की दोनों महिलाओ के साथ बीच सड़क में सम्भोग किया , उनके योनी में अपना वीर्य डाल दिया ..
मैंने अब पास खड़ी अम्मा को आने का इशारा किया ..
पूरी हवेली ये नजारा देख रही थी , साथ ही गाँव के और भी लोग थे जो वंहा दूर खड़े हुए थे ..
अम्मा के आँखों में शर्म और आंसू थे , वो मुझे डांटना चाहती थी लेकिन वो अपने ही जिस्म में उठने वाले तूफ़ान के आगे मजबूर थी ..
वो बुत बनी वही खड़ी रही मैंने आगे जाकर उनके हाथो को थाम लिया और उन्हें लाकर सीधे गद्दे में पटक दिया …
“बंद कमरों में बहुत कर लिया अब तो जो होगा वो खुले में होगा “
मैं चिल्लाया
यंहा मेरा विरोध करने वाला कोई नहीं था , सभी सर झुका कर खड़े थे , मैंने अम्मा के अंगो से उनके वस्त्र को हटाना शुरू किया , वो छटपटाई और मैंने अपनी शक्ति से उनके हवस से भर दिया
वो चाह कर भी खुद को वंहा से हटा नही पा रही थी , आखिर मैंने वही किया जो मुझे करना था , पुरे समाज के सामने मैंने अपनी ही अम्मा के साथ सम्भोग किया , सभी सर झुकाए हुए खड़े थे , और मेरे अंदर शैतान नाचने लगा था , मैं अब एक इन्शान नहीं रह गया था मेरे अंदर एक शैतान का जन्म हो चूका था …
Nice update 👌👌👌
 

Antadu2010

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Ye Photo is kahani (भाभियों-का-रहस्य) ke Koun se Patra se Match kar sakta hai ???
 

Chutiyadr

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Doctor Sahab, Nishant ke isi rup ka dar tha mujhe, aakhir shaitna haavi ho hi gya, ab to Nishant ko sirf Annu ya fir Koku rok sakti he...........

Waiting for the next

Bahut hi shaandar update diya hai Chutiyadr bhai....
Nice and lovely update....

Dard me insaan ke andar ka SHAITAN havi ho jata hai... yahi ho raha hai.. ab shaitan ko rokne wala koi nahi..

Behatarin and powerful update..

ये तो गजब हों गया, खुद को अम्मा को सड़क पर बेआबरू कर दिया भगवान समझे जाने वाला इंसान शैतान बन गया, जो संभाल सकती थी वो जा चुकी अब आगे क्या होगा उसको शैतान ही जाने, या हमारे लेखक dr चूतिया, वैसे भी इसमें दो है तो ये सब तो होना हो था, सबकी समझ से परे।

Chutiyadr आज का अपडेट किसी भी अच्छे कमेंट का हकदार नहीं है ऐसा हमने अगर आपकी पुरानी कहानीयां नहीं पढ़ी होती तो शायद कह सकते थे...

यह भी कि कहते की बहुत जल्दी में / पाठकों के दबाव में / या किसी और ही कारण से ऐसा अपडेट आया है जीस के कारण कहानी पुरी तरह से बदल गयी और एक नायक अब खलनायक ही नहीं वरन एक ऐसे पात्र में ढल गया है जो अपने दिल और दिमाग से सोचना छोड़ कर लौडू बन गया है ।

ऐसा पात्र मन में जुगुप्सा भर देता है, अपने बारे में गंदा सोचने पर मजबुर करता है । पर ऐसे ही पात्र कुछ लोमहर्षक कर जाते हैं।

शुभकामनाएं

अन्नू भोसड़ी वाली ना तो खुद ठीक से चुदी बल्कि कुंवर को और शैतान बनवा गयी जब अन्नू अम्मा का हाथ पकड़ का उसकी खुद के भतीजे से चुदाने लायी थी और बाकि २५६ औरतों की लम्बी चौड़ी भी चुदाई सूची लायी थी तब इसका प्यार व् मर्यादा कहाँ गए थे ?

Nice update


superb updates, Annu naraz ho gayi aur kunwar par shaitan havi ho gya

seems to be decisive turn in story

Awesome update

Dr saheb kunvar ko to apne shetaan bana diya.
Superb update

Apne pyaar ko kisi or ke saath sajha karna itna aasan nahi yaha tak aisa keh lo aisa koi bardaash nahi karta hai wo to annu hai jo baato ko samjh ke itna seh le Rahi hai uske man ka dard bhi to samjho.. waqt lagta hai itna nasamjh shyad hi koi honga...
Kuvar apni galti ka gussa kisi or pe nikal raha hai :slap: pahal bhi usi ne ki thi, bewkuf hai, Dr sahab aapke rahte hui ye itna chutiya kaise ho sakta hai...
:roll:
Aap ise aashram ka address do baaki hum Sambhal lenge ;)

Naya roop bahut Khatarnak lag raha hai

Shoking update

Khatarnak update mast hai

अपनी अम्मा के साथ बीच सड़क पर ये नहीं करना था

Bhut hi khatarnaak update.... Chutiyadr kah do ki ye 1 sapna hai.....




Itna na girao ki sadak par hi amma ki ijjat taar taar kar de

Kunvar se uska kam pura karane ke liye hi Annu ne usko uttejit kiya. Pratiksha agle rasprad update ki

Ye kya kiya bhai. Kuchh gale nahin utra.

Any way, nice update. Waiting for next.

इतना गुस्सा.... इतना क्रोध.... माशूका से बिछड़ने का गम... प्रचंड मानसिक तनाव होने के बावजूद निशांत का लिंग कैसे खड़ा हो गया और वो भी घंटों तक कि एक बार में ही चार चार औरतों को सेक्सुअली तृप्त कर दिया ।
जरूर उस कमीनें इन्सेस्ट तांत्रिक " लोडू " का असर रहा होगा । जब शक्ति बुरी हो तो भला उससे अच्छाई की उम्मीद कैसे की जा सकती है । यह तो कभी ना कभी होना ही था ।
लेकिन अनू का रवैया भी कोई बढ़िया नहीं था । वो जानती है कि कुंवर के शरीर पर बुरी छाया पड़ चुकी है... गांव के अंदर महिलाओं के निसंतान होने का कारण भी उसे पता है... खुद ही उसे महिलाओं के साथ सेक्स करने के लिए प्रोत्साहित कर चुकी है , फिर ऐसा रवैया क्यों ?

देखते हैं निशांत के लाइफ में और क्या भूचाल आना बाकी है ।

आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग एंड ब्रिलिएंट अपडेट डॉ साहब ।

धन्यवाद दोस्तों
 

Chutiyadr

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Behtrin

Umda
Lekin yu sareaam

Ghtna me mod sa laa diya hai

nice update. ye anu ne to kuwar ko nanga kar diya 🤣 aur ab wo shaitan bankar pure gaon ki aurato ki ijjat ke saath khel raha hai aur apni amma ko bhi nahi baksha .
kahi na kahi galti anu ki bhi hai jab usko pata hai nishant ke hawas ke baare me to wo kaise usko control karne ko keh sakti hai .
ek hero se villain ban gaya nishant pure gaon ke liye .
ab sirf sex hi karta rahega ya apne dushmano ka bhi safaya karega jaise thakur balwant aur abdul .

डॉ साहेब अब आपकी जरुरत है कुँअर को
लगता है जो डॉ सहेब गायब हो गए थे अब कहानी में वास आएंगे
हीरो जो वो ही है :fight:

पता नही आगे क्या होने वाला है

डॉ साहेब लौट आईये कुँअर को आपकी जरूरत है

Ye annu ki koi chal to nhi he na 🤔😵

Nice, please update

Nice update 👌👌👌
धन्यवाद दोस्तों
 

Chutiyadr

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अध्याय 25
इधर बलवंत की हवेली में
शाम का वक्त था और अब्दुल बहुत ही बेचने लग रहा था इतनी भी क्या बेचैनी थोड़ा आराम कर लो ,आव एक एक जाम हो जाए…
बेचैनी से घूमते हुए अब्दुल को देखकर बलवंत बोल उठा
"ठाकुर साहब पानी सर से ऊपर निकल गया है ,पता नही ये निशांत को क्या हो गया जो वो ऐसे बीच सड़क पर गांव की महिलाओं के साथ ,कमीने ने अम्मा को भी नही बक्सा"
ठाकुर जोरो से हँसा
"अरे तो तुम क्यों चिंता कर रहे हो इससे तो हमारा ही फायदा है ,जो लोग कुँवर और अम्मा के वफादार थे वो भी अब उसकी इन हरकतों के कारण उससे दूर हो जाएंगे "
अब्दुल वही पड़े कुर्सी पर बैठ गया
"ठाकुर साहब आप समझ नही रहे हो ,निशांत कोई मामूली आदमी नही है ,आपको क्या लगता है कि उसने ये सब किया फिर भी अम्मा और गांव वाले चुप क्यों बैठे हुए है ,क्या लोग उससे डरते है ? नही ठाकुर साहब वो उससे नही उसकी शैतानी शक्तियों से डरते है ,असल मे अभी तक तो निशांत को भी नही पता कि उसके पास कितनी ताकत है ,और उसके ऐसे कामो से उसकी शैतानी ताकते और भी मजबूत होने लगेगी ,पहले तो वो अपने गांव में तबाही मचाएगा और उसके बाद …??? आप खुद सोचिये की उसके बाद वो कहा आएगा ,ऐसे भी आपकी उससे दुश्मनी है अगर निशांत ने अपनी सारी ताकतों को जान लिया न तो समझ लो इस गांव में ही नही बल्कि पूरे प्रदेश में हाहाकार मच जाएगा ,वो आपको चुटकियों में बर्बाद कर देगा और हम कुछ भी नही कर पाएंगे ,उसे रोकना होगा और अभी रोकना होगा इससे पहले की वो कुछ और करे"
बलवंत ने थोड़ी देर अब्दुल को देखा और फिर हँस पड़ा
“तुम खामखा ही परेशान हो रहे हो , अरे क्या ही कर लेगा वो , हमारे पास फ़ोर्स है और वो अकेला , जल्द ही मैं मुख्यमंत्री भी बन जाऊंगा “
अब्दुल बलवंत की बात को सुन कर हसने लगा
“ठाकुर साहब , आप जमीदार लोगो की परेशानी ही यही है की आप हर चीजो को मजाक में ही लेते है , आप सोच भी नहीं सकते की निशांत क्या कर सकता है ,मुझपर घटी है इसलिए मुझे पता है की वो क्या कर सकता है , उसने बिना ज्यादा ताकत के मेरा ये हाल कर दिया था की मैं सही गलत भूल कर हवस की अंधी दौड़ में दौड़ने लगा तो अब ना जाने वो क्या कर दे , आपके गांव की हर जवान स्त्री और पुरुष यौन सम्बन्ध बनाने के लिए हर हद को तोड़ देंगे, फिर ना वो रिश्ते की ही परवाह करेंगे ना ही समय की , सोचिये कैसा नजारा होगा, भाई बहन , बाप बेटी , माँ बेटा , कोई सम्बन्ध नहीं बच पायेगा ,सिर्फ हवस ही शेष रह जायेगा “
ठाकुर बलवंत कोई जैसे अब कुछ झटका लगा
“ये क्या बक रहे हो तूम “
“सही कह रहा हु ठाकुर साहब , बदलपुर का नाम तो सुना ही होगा आपने , वंहा जो हुआ क्या आपको उसके बारे में पता है “
“कुछ थोडा थोडा तो पता है की वंहा एक शैतान तांत्रिक का साया था , लेकिन ज्यादा कुछ नहीं “
“पता भी कैसे होगा डॉ साहब ने वो स्टोरी अभी तक लिखी नहीं ना “
“मतलब ??”
“छोडिये , बादलपुर में एक तांत्रिक की रूह का श्राप लगा था और जो चीजे मैं बता रहा हु वंहा वो होने लगी , समूह में लोग सम्भोग में लिप्त हो जाते , हर सामाजिक बंधन तोड़कर पाप करने पर उतारू हो जाते थे , निशांत के अंदर भी वैसे ही शक्तिया है , उसी तांत्रिक की शक्ति उसे मिली है , और पाप कर्म की सबसे खतरनाक चीज ये है की उसे करने के बाद लोगो को उसमे आनंद बहुत मिलता है उसके आनंद की आदत से छुट पाना मुश्किल हो जाता है “
कहते कहते अब्दुल शांत हो गया और वही शांति उस कमरे में छ गई
“तो फिर क्या किया जाए तुम ही बताओ , फ़ोर्स भेज कर उसे ख़त्म कर दे ??”
बलवंत की बात सुनकर अब्दुल हँस पड़ा
“आपकी पुलिस उसका कुछ नहीं बिगड़ पायेगी , अगर उसे गिरिफ्तार भी कर लिया तो कोर्ट उसे छोड़ देगी क्योकि कोई उसके खिलाफ जाकर बयान नहीं देगा …”
“तो फिर ..”
“एक ही आदमी हमें इसका हल बता सकता है , जिसने इस शैतान को पैदा करने में निशांत की मदद की थी , महान मनोचिकित्सक और दार्शनिक डॉ चुतिया …”
अब्दुल इतना बोलकर चुप हो गया था ……….

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इधर गांव में एक गुप्त सभा चल रही थी जिसमे गांव की कई महिलाये शामिल थी , साथ ही अम्मा भी वंहा उपस्थित थी …
“अम्मा ये तो हद ही हो गई , हम सभी चाहते है की कुवर हमारे साथ सम्भोग करे लेकिन ऐसे नहीं , यु गांव की सड़क में सबके सामने ये करना … ये तो हद ही है “
एक महिला ने थोड़े जोर से कहा
अम्मा शांत थी फिर वो बोलने लगी
“मैंने तुम सबको पहले भी कहा था की ये हो सकता है लेकिन तुम्हे तो मेरे कुवर को ही शैतान बनाना था , वो सीधा साधा है वो हमारी मदद जरुर करेगा , कौन कहता था ये सब , अन्नू ने उसकी शक्तियों को सम्हालने की कोशिस भी की लेकिन अब अन्नू नहीं है , अब सभी महिलाओ को मिलकर उसे भुगतना होगा “
अम्मा की बात सुनकर सभी कुछ देर के लिए शांत हो गई, थोड़ी देर बाद एक बोली
“अम्मा वो सब तो ठीक है , हम सभी भी प्यासे है और कुवर ही हमारी प्यास बुझाएगा , लेकिन अगर वो इसी तरह अपनी मनमानी करने लगे तो सोचिये उनके अंदर के शैतान को कितनी ताकत मिल जायेगी , क्या ये गांव के लिए अच्छा रहेगा ??”
सभी के बीच बैठी गुंजन भाभी जो की अभी तक शांत बैठी थी वो हँसने लगी , सभी उसे अजीब निगाहों से देख रहे थे ,
“तुम सब को मैंने पहले भी कहा था की कुवर सही नहीं है , इस काम के लिए मेरा अंकित ही सही था , वो गांव में रहा है यंहा के नियमो को जानता है , और आम इंसान का बच्चा है ,लेकिन नहीं तुम्हे तो अम्मा के बेटे को ही चुनना था , अब सभी भुगतो ,आखिर है तो वो भी उसी शैतान का खून , और अम्मा तुमने क्या कहा था की अगर कुवर के अंदर का शैतान हद से ज्यादा हो जाये तो तुम उसे तांत्रिक के उसी खंजर से मार दोगी , जिससे तुमने तांत्रिक को मारा था , अभी भी वो खंजर सम्हाल कर रखी है या फेक दिया .. अब बताओ क्या तुम अपने ही पेट से जन्मे बेटे को मार पाओगी …. अब तुम्हारा बेटा अपनी माँ के साथ सम्भोग कर रहा है और उसका शैतान और भी ज्यादा बलवान हो रहा है ???“
सभी गुंजन की बात सुनकर सभी चुप हो गए थे , तभी एक ओरत ने गुस्से से गुंजन की ओर देखा
“चुप कर गुंजन , जानती नहीं की अम्मा ने हमारे लिए कितने बलिदान दिए है , हम सभी का श्राप उतारने के लिए वो उस तांत्रिक के पास चली गई , उसके बच्चे की माँ बन गई , उसने अम्मा के साथ कितना अत्याचार किया था क्या तुझे नहीं पता , और उसका श्राप भी तो उसका ही बेटा तोड़ सकता है तो तेरे अंकित को कैसे ये शक्तिया दी जा सकती थी , हम अब भी कुवर जी के साथ है , हां माना की वो बेकाबू हो गए है लेकिन उन्हें र्रोकने का भी कोई ना कोई उपाय जरुर होगा ,...”
वंहा बैठी अम्मा सभी की बात सुन रही थी , उनके आँखों में आंसू की बुँदे आ चुकी थी , वो बड़ी मुश्किल से अपनी भावनाओ को सम्हाले हुए थी .. उनका गला भरा हुआ था लेकिन फिर भी वो बोली
“हमें अब एक ही आदमी रास्ता दिखा सकता है …”
“कौन ….???”
कई महिलाये एक साथ बोल उठी
“महान मनोचिकित्सक और दार्शनिक डॉ चुतिया …”
अम्मा ने धीरे से कहा
 
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