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Adultery भाभियों का रहस्य

nain11ster

Prime
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अध्याय 2
हमारी सांसे फुल चुकी थी , हमने जो देखा था वो क्या था इसका हमें जरा भी इल्म नहीं था , हमने पीछे मुड कर देखने की बिलकुल भी जहमत नहीं उठाई हम सीधे भागते ही चले गए और सीधे हवेली में जाकर रुके , हवेली में भी हम सीधे मेरे कमरे में घुस गए …
थोड़ी देर तक हममे से किसी ने कुछ भी नहीं कहा
जब थोड़ी सांसे सामान्य हुई तो मैंने अपने कमरे की खिड़की से बाहर की ओर देखा
“अन्नू यंहा देखो “
अन्नू मेरे साथ बाहर देखने लगी , निचे कुछ महिलाये अम्मा के साथ खड़ी थी , वो चिंतित लग रही थी साथ ही अम्मा भी , मैंने ध्यान से देखा तो ..
“ये तो वही है जो नदी में थी “
अन्नू ने भी हां में सर हिलाया तभी अम्मा समेत सभी का सर उठा और सभी मेरे कमरे की ओर ही देखने लगे , हम दोनों ने ही झट से अपना सर अन्दर खिंच लिया
“यार ये हो क्या रहा है …ओरते नंगी होकर नाच रही है वो भी अजीब तरीके से , और कुछ उनकी पहरेदारी कर रही है , वही ये सभी अब अम्मा के पास भी आ गई , अम्मा भी चिंतित लग रही है “
मैं तेज कदमो से अपने कमरे में चहलकदमी करने लगा ..
थोड़ी ही देर हुई थी की हमारे कमरे में दस्तक हुई , अन्नू ने दरवाजा खोला ये कामिनी भाभी थी , हमारे हवेली में ही काम करने वाले बाबूलाल की बीवी , कोई 25 साल की कामिनी देखने में बहुत ही आकर्षक और तीखे नयन नक्स वाली थी , हल्का गदराया सांवला जिस्म और चंचल आँखे उसे और भी आकर्षक बनाते , वो अकसर ही मुझसे मजाक किया करती कभी कभी गालो को खिंच देती तो कभी मेरे कुलहो पर चपत मार देती , उनकी बातो में भी एक मादकता हमेशा ही रहती ,आज भी वो उसी अजीब सी मुस्कान के साथ हमारे सामने खड़ी थी …
“आपको अम्मा ने बुलाया है “
उसने अन्नू की ओर्र देखते हुए कहा ..
“म म मुझे …” उनकी बात को सुनकर अन्नू थोड़ी हडबडाई …
“जी आपको … चलिए “
अन्नू उसके साथ जाने को हुई
“मैं भी चलता हु ..”
मैंने भी तुरंत कहा
“अरे कुवर जी आप कहा चले , अम्मा ने अन्नू को बुलाया है वो भी अकेले में .. आपकी सेवा करने हम है ना , कहो तो रुक जाती हु “
कामिनी भाभी की बात सुनकर मैंने थोडा सकपकाया
“नहीं मैं ठीक हु .., अन्नू तुम जाओ मैं इन्त्त्जार कर रहा हु “
मेरी हालत देख कर कामिनी मुस्कुराई और अन्नू उनके साथ चली गई …
मैं बेचैन सा अपने कमरे में ही बैठा रहा कोई आधे घंटे के बाद अन्नू वापस आई , उसका चहरा पीला पड़ा हुआ था …
“क्या हुआ क्या कहा अम्मा ने ..”
अन्नू ने एक बार मुझे देखा लेकिन वो कुछ बोली नहीं बल्कि सीधे जाकर बिस्तर में बैठ गयी
“अरे बताओगी भी की आखिर क्या कहा अम्मा ने …?”
मैं भी उसके बाजु में जाकर बैठ गया , उसने एक बार मुझे देखा
“कैसे बताऊ कुछ समझ नहीं आ रहा है ….”
वो अपना सर पकड़ कर बैठ गयी
“तुम बताओ तो सही …जो भी हो मैं तुम्हारे साथ हु “
मैंने उसका हाथ अपने हाथो में ले लिया , उसने फिर से मुझे देखा उसकी आँखे गीली थी ,डबडबाई हुई आँखों से कुछ सेकण्ड के लिए वो मुझे देखने लगी
“निशांत तुम मेरे सबसे अच्छे दोस्त हो “
वो मेरे गले से लग गई , मैं भी उसकी पीठ सहलाने लगा
“हा ये कोई बोलने की बात है क्या ??”
इस बार उसके चहरे में एक मुस्कान आई
“नहीं ये कोई बोलने की बात नहीं है लेकिन अब ये मुझे बोलना होगा क्योकि अब हमें हमारी दोस्ती से उपर एक काम करना होगा …”
वो फिर से चुप हो गई ..
उसकी रहस्य मयी बात सुनकर मैं सोच में पड़ गया की आखिर ऐसी कौन सी बात हो गई ,
मैंने उसके हाथो को अपने दोनों हाथो से थाम लिया और उसकी आँखों में देखने लगा
“जो भी हो मैं तुम्हारे लिए सब कुछ करने को तैयार हु , तुम फिक्र मत करो .. मैं तुम्हारे उपर कोई भी मुसीबत नहीं आने दूंगा , चाहे तो अम्मा से भी लड़ जाऊंगा “
मेरी बात सुनकर उसके होठो में हल्की सी मुस्कान आई और आँखों में हल्का आंसू
“ये तुम्हे मेरे लिए नहीं निशांत इस गांव के लिए करना होगा “
अन्नू ने मेरे गाल को सहलाते हुए कहा
“साफ साफ बताओ की आखिर बात क्या है ??”
वो कुछ देर के लिए चुप रही फिर एक गहरी साँस ली
“हम दोनों को सम्भोग करना होगा निशांत “
अन्नू ने एक ही साँस में ये कहा
“क्या ???” मैंने जो सुना मुझे उसपर विश्वास भी नहीं हो रहा था ,शायद मैंने कुछ गलत सुन लिया था
“क्या कहा तुमने ??”
“वही जो तुमने सुना , हमें सम्भोग करना होगा , सम्भोग का मतलब तो तुम समझते ही होगे “
अन्नू की नजरे नीचे थी , हम दोनों बचपन के दोस्त थे , साथ खेले थे सुख दुःख में एक साथ खड़े हुए , मेरे मन में उसे लेकर कभी ऐसी भावना नहीं आई थी , वो मेरी बहन तो नहीं थी लेकिन उससे कम भी ना थी ..
वो हमेशा से ही मेरी हमसाथी रही थी …
मैं अब जवान था वो भी जवान थी , जवानी की दहलीज पर आकर मन में कुछ तरंगो का उठाना लाजमी था, मेरे मन में भी ऐसी तरंगे उठती , कुछ लडकिया भी थी जिन्हें मैं पसंद करने लगा था , लेकिन उसके साथ … ये सोच कर ही मेरा दिल जोरो से धडकने लगा था ..
“तुम ये क्या बकवास कर रही हो ..??”
मेरा स्वर लड़खड़ाने लगा था , हडबडाहट और बेचैनी ने मेरे मन को घेर लिया था
“सच कह रही हु , सबसे पहले मेरे साथ और फिर …”
वो फिर से रुक गई ..
“और फिर क्या अन्नू “
अन्नू की नजरे अभी भी जमीन को घूरे जा रही थी ..
उसने फिर से एक गहरी साँस ली जैसे वो किसी चीज के लिए हिम्मत जुटा रही हो ..
“मेरी बात ध्यान से सुनो निशांत , तुम अब एक सामान्य लड़के नहीं हो , तुम इस गांव के भविष्य हो , इस गांव को एक श्राप लगा है जिसके कारण कई सालो से यंहा किसी की कोई ओलाद नहीं हुई , जो बेटिया इस गांव से बाहर ब्याही गई बस उन्हें ही संतान का सुख मिला , यंहा आने वाली बहुओ को ना संतान का सुख मिल पाया ना ही ओरत होने का जिस्मानी सुख जो उन्हें उनके पति से सम्भोग से मिलना था …
यंहा जो भी बच्चा या जवान तुम्हे दिखाई पड़ते है सभी बाहर के रहने वाले है या फिर यहाँ की बेटियों की संताने है जिनका ब्याह बाहर हुआ है , और ये बात सभी को पता है , इस श्राप से मुक्ति के लिए यंहा की सभी ओरते जो यंहा की बहुए है वो सभी मिलकर एक साधना करते है , जिसे हमने देखा था वो भी इसका ही एक अंश था ,साधना की शर्त ये थी की वो पूरी तरह से गुप्त होनी थी और कुछ सालो में श्राप का असर ख़त्म हो जाना था , लेकिन हम लोगो की गलती के कारण वो साधना भंग हो गई , लेकिन इस साधना को भंग करने वाले की भी एक सजा मुक़र्रर की गई थी और शायद ये उस श्राप का एक तोड़ भी है , तुम्हे ही अब यंहा की सभी ओरतो को माँ बनाना होगा , अब ये तुम्हारी जिम्मेदारी होगी और इसकी शुरुवात तुम्हे मेरे साथ करनी होगी क्योकि साधना को भंग करने वालो में मैं भी शामिल थी “
अन्नू की बात सुनकर मेरे तोते उड़ गए , आखिर यंहा ये कैसा चुतियापा चल रहा था , किसी लड़की के जिस्म से खेलने का मन तो मेरा भी था लेकिन इस तरह नहीं ,
“ये लोग पागल हो गए है कैसा अंधविस्वास है ये , मैं ऐसा कुछ नहीं करूँगा ..”
मैं गुस्से से तलमला गया था
“करना तो तुम्हे पड़ेगा कुवर ,प्यार से नहीं तो जबरदस्ती से , आखिर ये हमारे भविष्य का सवाल है “
अचानक पीछे से एक आवाज आई , जब मैंने मुड़कर देखा तो गांव की कई ओरते हमारे दरवाजे के बाहर खड़ी हुई थी , उनमे से कुछ तेजी से मेरी ओर बढ़ी मैं कुछ समझ पाता उससे पहले ही मेरे सर में एक जोरदार चोट लगी …
“ये सब क्या है … आह ..”
चोट की वजह से मेरी आँखे धीरे धीरे बंद होने लगी थी …
Ae ki bawasir hai... :yikes: sambhog ki saza..... Aise creative thought aate kahan se hai :D... I am impressed....
 

Napster

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बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत रमणिय अपडेट है भाई मजा आ गया
ये साला अब्दुल बलवंत का दामाद और रमिला का पती बनकर निशांत को बहुत बडी चोट पहुचाने की तयारी कर रहा हैं
अन्नू का कॅरेक्टर बडा ही अजिब लग रहा हैं तभी तो उसने निशांत से कहा की तुम्हारी होने वाली पत्नी भी कम नहीं है
देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

Chutiyadr

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Nice update

Wow
what a surprises

Waiting, Sir waiting for update :yourock::yikes:

Romanchak. Pratiksha agle rasprad update ki

Shandar update Doctor Sahab,

An aap bhi Fauzi Bhai, ki tarah suspense create karne lage ho..........

Waiting for the next update

जबर्दस्त झटका Chutiyadr जी ...

बढ़िया . लगता है कहानी में एक और मोड़ आएगा

अन्नू ने अब्दुल के साथ क्या गेम खेली है कोई तो लफड़ा ज़रूर है और कुंवर जी तो दारू और कुंवरगिरि में मस्त हैं इनके ऊपर जो २००-३०० चुतों की ज़िम्मेवारी है उसकी इनको परवाह ही नहीं है

Bahut hi shaandar update diya hai Chutiyadr bhai....
Nice and awesome update....

Annu bhi kamar kas ke maidaan mein hai. Waaaah, yani twist mein bhi twist. Good one.

Nice update

Nice update

Nice update AND AWESOME

Nice update

Behtreen update

Interesting plot developing story ab apne real form mein aa rahi hai,

एक और ट्विस्ट, अब्दुल बदला तो पक्का लेगा मगर एक उम्मीद है की शैतान की ताकत से निशांत कुछ नया गेम खेल जाए तो। अभी भी निशांत चुट्यापने में है इतनी ताकत के बाद भी, उसको इस समय बलवंत की राजनीतिक ताकत खतम करनी चाहिए मगर ये तो साला कुछ और ही कर रहा है। एक और आशंका है की कहीं ये अब्दुल अम्मा के कहने पर तो बलवंत से नही मिला है जैसा की अन्नू ने बोला लास्ट में। रोमांचक अपडेट।

nice update .ek nayi baat saamne aayi ki ramika se shadi karne jaa raha hai abdul .par ye annu ke aisa kyu kaha ki abdul bura nahi hai aur wo kisi aur ke kehne par sab kar raha hai .

अपडेट तो बहुत शानदार है डॉक्टर साहब पर ना जाने क्यों यह कुछ sa laga

अरे भाई!! अब ये अन्नू के इरादे क्या हैं?
मामला संगीन होता जा रहा है। अब्दुल का क्रोध जायज़ है, और निक्कू के नखरे नाजायज़। अब्दुल वैसा नहीं है कि बिना कारण किसी से बैर मोल ले। निक्कू के कुकर्म के कारण ही वो वैसा हो गया। गड़बड़ तो चौधरी है। पाप का मूल तो वो ही है। लगाना है तो उसकी अकल ठिकाने लगाओ।
है कि नहीं?

Bahut baatein...



Manan hoga

Ab time par update de bhai ji

Ramika ki shadi abdul se hone waali or abdul hamare hero ka dushman hai us hisaab se badla nahi liya ja sakta kyuki Ramika ne uski jaan bachai hai or agar ye bhul bhi jaaye to wah ek khaas dost bhi hai or dosto ki madad ki jaati hai na ki unhe taklif dena itna samjh me aa gaya lekin aakhir me annu ne jo kaha usse lagta hai baat kuch or hai or jab tak pata nahi chalta baat kya hai tab tak kuch kah paana muahkil hai...
Aannu to gayi ramika bachi hai kya kehte ho Dr sahab ab bhi mauka hai ;)

बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत रमणिय अपडेट है भाई मजा आ गया
ये साला अब्दुल बलवंत का दामाद और रमिला का पती बनकर निशांत को बहुत बडी चोट पहुचाने की तयारी कर रहा हैं
अन्नू का कॅरेक्टर बडा ही अजिब लग रहा हैं तभी तो उसने निशांत से कहा की तुम्हारी होने वाली पत्नी भी कम नहीं है
देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
सभी दोस्तों के कमेंट्स और प्यार के लिए बहुत बहुत धन्यवाद् :)
ऐसे ही प्रेम बनाये रखे ..
किसी को पर्सनल रिप्लाय नहीं दे पा रहा हु इसके लिए माफ़ी दे , व्यस्तता बहुत है और पूरा टाइम अपडेट लिखने में ही चला जाता है :approve:
 

Chutiyadr

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Ae ki bawasir hai... :yikes: sambhog ki saza..... Aise creative thought aate kahan se hai :D... I am impressed....
aise hi ajibo garib thoughts ke karan to story likhni padti hai bhai , ager naa likhe to hame bhi mental hospital me bharti hona pdega :lol1:
aise bahut dino ke baad apko dekhkar achcha laga :welcome:
 

Chutiyadr

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अध्याय 23

पायलो की छम छम की आवाज मेरे कानो में गूंजी ..
“आमी जे तुमार …”
क्या प्यारी आवाज थी , ये आवाज मैं पहचानता था , मैंने पलट कर देखा तो मेरे चहरे में मुस्कान खिल गई ..
प्यारी सी सूरत और भोली भाली अदाओ वाली , मधुर गीत और होठो में मुस्कान लिए वो मेरे पास आ रही थी , मैं उसी पत्थर में बैठा हुआ था , वो मेरे पास आकर बैठ गई , आज उसने एक घाघरा चोली पहनी थी जैसे कोई गांव की लड़की हो , हाथो में ढेर सारी चुडिया , एक छोटी सी बिंदिया माथे पर थी .
“अब चुड़ैले फ़िल्मी गीत भी गाने लगी “
मैंने उसे देखते हुए पूछा
“हम मार्डेन चुड़ैल है कुवर जी “
कोकू की बात सुनकर मैं जोरो से हँसा और हँसते हँसते ही उसके प्यारे से चहरे को निहारने लगा ..
“कितनी प्यारी लग रही हो आज “ मैंने उसके गालो को हलके से सहलाया , उसके होठो में भी मुस्कान आ गई …
“कुछ परेशान लग रहे हो आप “ वो मेरे कंधे पर अपना सर टिकाते हुई बोली
“परेशान तो नही लेकिन … कुछ दुविधा में जरुर हु , समझ नही आ रहा है की अब क्या ??, मेरे जीवन का उद्देश्य क्या होगा , मुझे क्या करना चाहिए , इतनी शक्तियों के बावजूद मैं एक आम जिंदगी तो नहीं जी सकता “
वो हलके से हँसी
“तो तुम अपनी शैतनी ताकतों को आजाद करना चाहते हो ?? सोच लो दिखने में तो ये बहुत ही अच्छा लगता है लेकिन इससे तुम्हारा ही अहित हो सकता है , तुम इसके गुलाम बन जाओगे या ये समझो की उस आनन्द के गुलाम बन जाओगे जो तुम्हे इसके इस्तमाल करने से मिलेगा “
“हा मैं जानता हु , लेकिन सोचो न ये शक्तिया आखिर मुझे मिली ही क्यों है अगर मैं इनका इस्तमाल ही ना करू , सोचो मैं अभी भी नहीं चाहता की मैं किसी महिला के साथ सम्भोग करू जबकि ये मेरी जिम्मेदारी भी है , मुझे ये शक्तिया दी ही इसलिए गई है की मैं ये सब कर सकू लेकिन मैं अपनी ही ताकतों से भाग रहा हु , क्या मैं सिर्फ इसलिए ही इनसे दूर नहीं हु क्योकि मुझे डर है की ये मुझपर हावी हो जाएगी ?? क्या इसी डर से मैं अपनी जिम्मेदारियों से मुख मोड़ता रहूँगा ??? तुम ही बताओ कोकू की मैं क्या करू ??
मैं परेशान नहीं हु लेकिन एक अजीब सी दुविधा में फंसा हुआ हु , राह दिखाई नहीं दे रही , खुद को मैं कितना नियंत्रित करूँगा “
उसने अपना हाथ मेरे बालो में सहलाया और प्यार से एक चुम्मन मेरे गालो में दिया , वो गिला चुम्मन मेरे अंदर एक गुदगुदी पैदा करने को काफी था
“तुम छोड़ दो … छोड़ दो खुद को … पूरी तरह से बिना किसी नियंत्रण के उडो , ये पूरा आकश ही तुम्हारा है कुवर , क्यों चिंता करते हो , और किसकी चिंता करते हो ,इस समाज की या इनके नियमो की , सब कोरे है , इन्हें तुम अपने हिसाब से फिर से लिख सकते हो ,क्या तुम अपने परिवार की चिंता कर रहे हो ??
अम्मा की या अन्नू की … वो तुम्हारे सहयोगी होंगे ना की तुम्हारे विरोधी “
“लेकिन … अन्नू ने मुझे रोका है … वो नहीं चाहती की मैं किसी और के साथ सम्भोग करू , वो तो ये जिम्मेदारी है की मुझे ये सब करना पड़ रहा है वरना “
कोकू हँस पड़ी
“कोई प्रेयसी अपने प्रेमी को किसी दुसरे के साथ नहीं देख सकती कुवर , लेकिन तुम अलग ओ और बात अन्नू भी जानती हु , तुम खुद को कितना दबाओगे , तुम्हारी ताकते नियंत्रण के लिए नहीं बनी तुम आजाद रहने के लिए बने हो , उड़ने के लिए तुम जितना इन्हें दबा कर रखोगे उतना ही ये तुम्हे तकलीफ देंगी “
मैं अब भी चुप था , उसने मेरे बालो को सहलाया
“कुवर जरुरी नहीं की तुम हमेशा ही हीरो बने रहो , कभी कभी विलन बनने का भी अपना मजा होता है और कभी कभी ये बहुत ही जरुरी भी होता है “
मेरी आँखे अचानक से खुली मैं अपने बिस्तर में लेटा हुआ था , शराब के नशे में मुझे गहरी नींद आई थी , मैंने इधर उधर देखा लेकिन कोकू को कही नहीं पाया , बल्कि कामिनी भाभी झाड़ू लगाते हुए वंहा पहुची थी …
वो मुझे मुस्कुरा कर देख रही थी
“क्या हुआ कुवर किसे ढूँढ रहे हो “
मैं समझ गया था की ये सिर्फ एक सपना था , लेकिन हकीकत की तरह ही महत्वपूर्ण सपना , मुझे कोकू ने समझा दिया था की आगे क्या करना है , उसकी बात मेरे जेहन में गूंज रही थी की जरुरी नहीं की तुम हमेशा ही हीरो बने रहो …
मैंने खुद को आजाद करने की सोच ली , लेकिन एक डर अभी भी मेरे अन्द्र्र था की ये आजादी कही मुझे हवस का गुलाम ना बना दे …
“अबे लौड़े छोड़ दे खुद को , इस उम्र में इतना बोझ सही नहीं होता इतना मत सोच “ मेरे अंदर का लौडू चिल्लाया , वो सच कह रहा था इस उम्र में मेरे उपर बहुत सारी जिम्मेदारी आ गई थी और इसे अगर निभाना था तो मुझे अपने हवस को आजाद करना होगा , यु नियमो में बंधकर मैं शायद अपनी शक्तियों का सही उपयोग ना कर पाऊ …
“ठीक है मैं खुद को आजाद कर दूंगा , अब तो खुश “
मेरे बोलने पर लौडू जैसे नाच उठा
“याहू … अब सब मुझे जंगली कहेंगे हा हा हा , तो शिकार शुरू करे कुवर , पहला तो सामने ही खड़ा है “
मेरी नजर कामिनी भाभी पर पड़ी
“कुवर जी तबियत तो ठीक है ना आपकी कुछ बहके बहके नजर आ रहे हो “
मैंने मुस्कुराते हुए उनके साड़ी से झांकते हुए नाभि के पास देखा , हल्का सांवला रंग और गदराया बदन , तीखे नयन नक्स की मलिका थी कामिनी भाभी ..
मैंने उन्हें अपने पास बुलाया
“जरा यंहा आके बैठो “
वो मेरे पास आकार बैठ गई मैंने अपने शरीर से चादर हटा दिया , मैं पूर्ण रूप से नंगा था , मुझे देखकर एक बार उनका मुह खुला का खुला रह गया , उसने हाथ बढ़ा कर मेरे शरीर को छुवा
मैंने पहली बार कामिनी के चहरे में शर्म का भाव देखा था ..
“हाय री दइया ये तो लोहे जैसा मजबूत है “
वो मेरे शरीर पर अपने हाथ फेर रही थी , मैंने उनका हाथ पकड़ कर अपने लिंग पर रख दिया जो अभी तक पूरी तरह से खड़ा हो गया था , मेरे लिंग पर हाथ पड़ते ही कामिनी जैसी कामुक महिला के भी पसीने छुट गए , वो हवस भरी नजरो से मेरे लिंग को देखे जा रही थी …
“कुवर … मुझे डर लग रहा है “ उसके स्वर लड़खड़ाने लगे थे …
“हाथो में अच्छा नहीं लग रहा तो मुह में लेके देखो “
उसने अजीब निगाहों से मुझे देखा , उसने मुझे इतना बेबाक कभी नहीं देखा था हमेशा ही मुझे छेड़ा करती थी लेकिन आज मैं खुद के हवस को आजाद करने के कार्यक्रम में था , मुझे इसे अब और काबू नहीं करना था बल्कि अपने अंदर के हवस से भरे हुए शैतान को बाहर निकलना था , अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करना था और साथ ही इसका भरपूर मजा भी उठाना था …
वो कांपते हुए मेरे लिंग की ओर झुकी मैंने उसका सर पकड कर जोरो से उसे अपने लिंग के उपर रख दिया ..
“कुवर आराम से ..” वो बस इतना ही बोल पाई थी की उसके मुह में मेरा लिंग जा चूका था , उसके थूक के गीलेपन ने मेरे लिंग को और भी कड़ा कर दिया , उसने चूसने में जैसे महारत हासिल कर रखी थी , बड़े ही नाज से वो मेरा लिंग चूस रही थी , मैंने उसे अपने पास खिंच लिया , मैं उसके कुलहो को साड़ी के उपर से भी दबोचने लगा , वो भी मचल रही थी मैंने अपना हाथ उसके साड़ी के अदर डाला और साड़ी को कमर से उपर कर दिया ,
‘चटाक ‘
एक जोरदार थप्पड़ मैंने उसके कुलहो पर मारा , वो सिहर गई लेकिन अपने काम ले लगी रही …
मैं आनन्द की गहराईयो में गोते लगा रहा था , सच में हवस में डूब जाने का अपना ही मजा था , दिमाग से हर फिक्र को निकाल कर मैं इस यौन क्रिया का आनंद ले रहा था …
तभी दरवाजा खुला सामने अम्मा खड़ी थी , हमें इस अवस्था में देखकर वो मुह फाडे हुए वही खड़े हो गई , मैं मुस्कुराते हुए उन्हें ही देख रहा था जबकि कामिनी जैसे दुनिया को भूल चुकी थी , अम्मा यंहा अकेले नहीं आई थी बल्कि उनके साथ बाबूलाल भी था , बाबूलाल कामिनी का पति था , वो भी मुह फाडे अपनी बीवी को अपने मालिक के लिंग को चूसते हुए देख रहा था …
“दोनों अंदर आ जाओ “
मैंने लेटे लेटे ही आदेश दिया , आनंद में मैं ऐसा डूबा हुआ था की मेरी आँखे बार बार बंद हो रही थी ,
मैंने बाबूलाल को पास बुलाया , वो किसी रोबोट की तरह मेरे पास आया , मैंने कामिनी के कच्छी को निचे कर दिया , वो अभी किसी कुतिया की तरह पोश में थी और मेरे लिंग को चूस रही थी , मैंने बाबूलाल को इशारा किया …
“चाटो इसे और गिला करो “
एक बार को वो हडबडा गया लेकिन अगले ही पल वो निचे बैठ कर कामिनी के योनी में अपनी जीभ फेरने लगा ..
“आह …” कामिनी मजे से सिसकी लेने लगी थी
बाबूलाल अपने बीवी की योनी को जैसे खा ही जा रहा था , मैंने अम्मा की ओर देखा और उन्हें भी अपने पास बुला लिया , वो भी जैसे किसी सम्मोहन के वस में बंधी हुई मेरे पास चली आई और मेरे दुसरे बाजू आकर लेट गई , मैंने हवस से थोड़ी दूर जाकर प्रेम से उन्हें देखा और उनकी मोहक सुन्दरता में खुद को खोता हुआ पाया , मैंने उन्हें अपनी ओर खिंच लिया और उनके होठो में अपने होठ सटा दिए , हम दोनों ही एक दुसरे के होठो में खोते जा रहे थे तभी …
“ये सब यंहा क्या हो रहा है …???’
सामने अन्नू खड़ी थी और वो गुस्से से आग बबूला थी ..
उसने इतने जोरो से चिल्लाया की वंहा उपस्थित सभी का जैसे सम्मोहन टूट गया हो , सभी अपनी अवस्था को देख कर हडबडा उठे , बाबूलाल जल्दी से उठा वही कामिनी भी अपने वस्त्रो को सम्हालते हुए उठ खड़ी हुई , वही अम्मा ने बिस्तर में ही बैठे हुए शर्म से अपना सर झुका लिया …
मैं जो की हवस की गोद में बैठा हुआ खेल रहा था अन्नू के गुस्से भरे आवज से जैसे हकीकत में आ पहुचा था , सभी तूरंत ही वंहा से भागे, मैं अभी भी वंहा लेटा हुआ था और अन्नू को देख रहा था ..
उसका गोरा चहरा टमाटर की तरह लाल हो चूका था और आँखों में आंसू की बुँदे झलकने लगी थी …….
 

snidgha12

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हम भी आप‌कि लेखनी के जादू से सम्मोहित हो गए थे, अन्नु ने आकर हमें बताया कि बाकी बातें अगले अपडेट में :dscream:
 
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पायलो की छम छम की आवाज मेरे कानो में गूंजी ..
“आमी जे तुमार …”
क्या प्यारी आवाज थी , ये आवाज मैं पहचानता था , मैंने पलट कर देखा तो मेरे चहरे में मुस्कान खिल गई ..
प्यारी सी सूरत और भोली भाली अदाओ वाली , मधुर गीत और होठो में मुस्कान लिए वो मेरे पास आ रही थी , मैं उसी पत्थर में बैठा हुआ था , वो मेरे पास आकर बैठ गई , आज उसने एक घाघरा चोली पहनी थी जैसे कोई गांव की लड़की हो , हाथो में ढेर सारी चुडिया , एक छोटी सी बिंदिया माथे पर थी .
“अब चुड़ैले फ़िल्मी गीत भी गाने लगी “
मैंने उसे देखते हुए पूछा
“हम मार्डेन चुड़ैल है कुवर जी “
कोकू की बात सुनकर मैं जोरो से हँसा और हँसते हँसते ही उसके प्यारे से चहरे को निहारने लगा ..
“कितनी प्यारी लग रही हो आज “ मैंने उसके गालो को हलके से सहलाया , उसके होठो में भी मुस्कान आ गई …
“कुछ परेशान लग रहे हो आप “ वो मेरे कंधे पर अपना सर टिकाते हुई बोली
“परेशान तो नही लेकिन … कुछ दुविधा में जरुर हु , समझ नही आ रहा है की अब क्या ??, मेरे जीवन का उद्देश्य क्या होगा , मुझे क्या करना चाहिए , इतनी शक्तियों के बावजूद मैं एक आम जिंदगी तो नहीं जी सकता “
वो हलके से हँसी
“तो तुम अपनी शैतनी ताकतों को आजाद करना चाहते हो ?? सोच लो दिखने में तो ये बहुत ही अच्छा लगता है लेकिन इससे तुम्हारा ही अहित हो सकता है , तुम इसके गुलाम बन जाओगे या ये समझो की उस आनन्द के गुलाम बन जाओगे जो तुम्हे इसके इस्तमाल करने से मिलेगा “
“हा मैं जानता हु , लेकिन सोचो न ये शक्तिया आखिर मुझे मिली ही क्यों है अगर मैं इनका इस्तमाल ही ना करू , सोचो मैं अभी भी नहीं चाहता की मैं किसी महिला के साथ सम्भोग करू जबकि ये मेरी जिम्मेदारी भी है , मुझे ये शक्तिया दी ही इसलिए गई है की मैं ये सब कर सकू लेकिन मैं अपनी ही ताकतों से भाग रहा हु , क्या मैं सिर्फ इसलिए ही इनसे दूर नहीं हु क्योकि मुझे डर है की ये मुझपर हावी हो जाएगी ?? क्या इसी डर से मैं अपनी जिम्मेदारियों से मुख मोड़ता रहूँगा ??? तुम ही बताओ कोकू की मैं क्या करू ??
मैं परेशान नहीं हु लेकिन एक अजीब सी दुविधा में फंसा हुआ हु , राह दिखाई नहीं दे रही , खुद को मैं कितना नियंत्रित करूँगा “
उसने अपना हाथ मेरे बालो में सहलाया और प्यार से एक चुम्मन मेरे गालो में दिया , वो गिला चुम्मन मेरे अंदर एक गुदगुदी पैदा करने को काफी था
“तुम छोड़ दो … छोड़ दो खुद को … पूरी तरह से बिना किसी नियंत्रण के उडो , ये पूरा आकश ही तुम्हारा है कुवर , क्यों चिंता करते हो , और किसकी चिंता करते हो ,इस समाज की या इनके नियमो की , सब कोरे है , इन्हें तुम अपने हिसाब से फिर से लिख सकते हो ,क्या तुम अपने परिवार की चिंता कर रहे हो ??
अम्मा की या अन्नू की … वो तुम्हारे सहयोगी होंगे ना की तुम्हारे विरोधी “
“लेकिन … अन्नू ने मुझे रोका है … वो नहीं चाहती की मैं किसी और के साथ सम्भोग करू , वो तो ये जिम्मेदारी है की मुझे ये सब करना पड़ रहा है वरना “
कोकू हँस पड़ी
“कोई प्रेयसी अपने प्रेमी को किसी दुसरे के साथ नहीं देख सकती कुवर , लेकिन तुम अलग ओ और बात अन्नू भी जानती हु , तुम खुद को कितना दबाओगे , तुम्हारी ताकते नियंत्रण के लिए नहीं बनी तुम आजाद रहने के लिए बने हो , उड़ने के लिए तुम जितना इन्हें दबा कर रखोगे उतना ही ये तुम्हे तकलीफ देंगी “
मैं अब भी चुप था , उसने मेरे बालो को सहलाया
“कुवर जरुरी नहीं की तुम हमेशा ही हीरो बने रहो , कभी कभी विलन बनने का भी अपना मजा होता है और कभी कभी ये बहुत ही जरुरी भी होता है “
मेरी आँखे अचानक से खुली मैं अपने बिस्तर में लेटा हुआ था , शराब के नशे में मुझे गहरी नींद आई थी , मैंने इधर उधर देखा लेकिन कोकू को कही नहीं पाया , बल्कि कामिनी भाभी झाड़ू लगाते हुए वंहा पहुची थी …
वो मुझे मुस्कुरा कर देख रही थी
“क्या हुआ कुवर किसे ढूँढ रहे हो “
मैं समझ गया था की ये सिर्फ एक सपना था , लेकिन हकीकत की तरह ही महत्वपूर्ण सपना , मुझे कोकू ने समझा दिया था की आगे क्या करना है , उसकी बात मेरे जेहन में गूंज रही थी की जरुरी नहीं की तुम हमेशा ही हीरो बने रहो …
मैंने खुद को आजाद करने की सोच ली , लेकिन एक डर अभी भी मेरे अन्द्र्र था की ये आजादी कही मुझे हवस का गुलाम ना बना दे …
“अबे लौड़े छोड़ दे खुद को , इस उम्र में इतना बोझ सही नहीं होता इतना मत सोच “ मेरे अंदर का लौडू चिल्लाया , वो सच कह रहा था इस उम्र में मेरे उपर बहुत सारी जिम्मेदारी आ गई थी और इसे अगर निभाना था तो मुझे अपने हवस को आजाद करना होगा , यु नियमो में बंधकर मैं शायद अपनी शक्तियों का सही उपयोग ना कर पाऊ …
“ठीक है मैं खुद को आजाद कर दूंगा , अब तो खुश “
मेरे बोलने पर लौडू जैसे नाच उठा
“याहू … अब सब मुझे जंगली कहेंगे हा हा हा , तो शिकार शुरू करे कुवर , पहला तो सामने ही खड़ा है “
मेरी नजर कामिनी भाभी पर पड़ी
“कुवर जी तबियत तो ठीक है ना आपकी कुछ बहके बहके नजर आ रहे हो “
मैंने मुस्कुराते हुए उनके साड़ी से झांकते हुए नाभि के पास देखा , हल्का सांवला रंग और गदराया बदन , तीखे नयन नक्स की मलिका थी कामिनी भाभी ..
मैंने उन्हें अपने पास बुलाया
“जरा यंहा आके बैठो “
वो मेरे पास आकार बैठ गई मैंने अपने शरीर से चादर हटा दिया , मैं पूर्ण रूप से नंगा था , मुझे देखकर एक बार उनका मुह खुला का खुला रह गया , उसने हाथ बढ़ा कर मेरे शरीर को छुवा
मैंने पहली बार कामिनी के चहरे में शर्म का भाव देखा था ..
“हाय री दइया ये तो लोहे जैसा मजबूत है “
वो मेरे शरीर पर अपने हाथ फेर रही थी , मैंने उनका हाथ पकड़ कर अपने लिंग पर रख दिया जो अभी तक पूरी तरह से खड़ा हो गया था , मेरे लिंग पर हाथ पड़ते ही कामिनी जैसी कामुक महिला के भी पसीने छुट गए , वो हवस भरी नजरो से मेरे लिंग को देखे जा रही थी …
“कुवर … मुझे डर लग रहा है “ उसके स्वर लड़खड़ाने लगे थे …
“हाथो में अच्छा नहीं लग रहा तो मुह में लेके देखो “
उसने अजीब निगाहों से मुझे देखा , उसने मुझे इतना बेबाक कभी नहीं देखा था हमेशा ही मुझे छेड़ा करती थी लेकिन आज मैं खुद के हवस को आजाद करने के कार्यक्रम में था , मुझे इसे अब और काबू नहीं करना था बल्कि अपने अंदर के हवस से भरे हुए शैतान को बाहर निकलना था , अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करना था और साथ ही इसका भरपूर मजा भी उठाना था …
वो कांपते हुए मेरे लिंग की ओर झुकी मैंने उसका सर पकड कर जोरो से उसे अपने लिंग के उपर रख दिया ..
“कुवर आराम से ..” वो बस इतना ही बोल पाई थी की उसके मुह में मेरा लिंग जा चूका था , उसके थूक के गीलेपन ने मेरे लिंग को और भी कड़ा कर दिया , उसने चूसने में जैसे महारत हासिल कर रखी थी , बड़े ही नाज से वो मेरा लिंग चूस रही थी , मैंने उसे अपने पास खिंच लिया , मैं उसके कुलहो को साड़ी के उपर से भी दबोचने लगा , वो भी मचल रही थी मैंने अपना हाथ उसके साड़ी के अदर डाला और साड़ी को कमर से उपर कर दिया ,
‘चटाक ‘
एक जोरदार थप्पड़ मैंने उसके कुलहो पर मारा , वो सिहर गई लेकिन अपने काम ले लगी रही …
मैं आनन्द की गहराईयो में गोते लगा रहा था , सच में हवस में डूब जाने का अपना ही मजा था , दिमाग से हर फिक्र को निकाल कर मैं इस यौन क्रिया का आनंद ले रहा था …
तभी दरवाजा खुला सामने अम्मा खड़ी थी , हमें इस अवस्था में देखकर वो मुह फाडे हुए वही खड़े हो गई , मैं मुस्कुराते हुए उन्हें ही देख रहा था जबकि कामिनी जैसे दुनिया को भूल चुकी थी , अम्मा यंहा अकेले नहीं आई थी बल्कि उनके साथ बाबूलाल भी था , बाबूलाल कामिनी का पति था , वो भी मुह फाडे अपनी बीवी को अपने मालिक के लिंग को चूसते हुए देख रहा था …
“दोनों अंदर आ जाओ “
मैंने लेटे लेटे ही आदेश दिया , आनंद में मैं ऐसा डूबा हुआ था की मेरी आँखे बार बार बंद हो रही थी ,
मैंने बाबूलाल को पास बुलाया , वो किसी रोबोट की तरह मेरे पास आया , मैंने कामिनी के कच्छी को निचे कर दिया , वो अभी किसी कुतिया की तरह पोश में थी और मेरे लिंग को चूस रही थी , मैंने बाबूलाल को इशारा किया …
“चाटो इसे और गिला करो “
एक बार को वो हडबडा गया लेकिन अगले ही पल वो निचे बैठ कर कामिनी के योनी में अपनी जीभ फेरने लगा ..
“आह …” कामिनी मजे से सिसकी लेने लगी थी
बाबूलाल अपने बीवी की योनी को जैसे खा ही जा रहा था , मैंने अम्मा की ओर देखा और उन्हें भी अपने पास बुला लिया , वो भी जैसे किसी सम्मोहन के वस में बंधी हुई मेरे पास चली आई और मेरे दुसरे बाजू आकर लेट गई , मैंने हवस से थोड़ी दूर जाकर प्रेम से उन्हें देखा और उनकी मोहक सुन्दरता में खुद को खोता हुआ पाया , मैंने उन्हें अपनी ओर खिंच लिया और उनके होठो में अपने होठ सटा दिए , हम दोनों ही एक दुसरे के होठो में खोते जा रहे थे तभी …
“ये सब यंहा क्या हो रहा है …???’
सामने अन्नू खड़ी थी और वो गुस्से से आग बबूला थी ..
उसने इतने जोरो से चिल्लाया की वंहा उपस्थित सभी का जैसे सम्मोहन टूट गया हो , सभी अपनी अवस्था को देख कर हडबडा उठे , बाबूलाल जल्दी से उठा वही कामिनी भी अपने वस्त्रो को सम्हालते हुए उठ खड़ी हुई , वही अम्मा ने बिस्तर में ही बैठे हुए शर्म से अपना सर झुका लिया …
मैं जो की हवस की गोद में बैठा हुआ खेल रहा था अन्नू के गुस्से भरे आवज से जैसे हकीकत में आ पहुचा था , सभी तूरंत ही वंहा से भागे, मैं अभी भी वंहा लेटा हुआ था और अन्नू को देख रहा था ..
उसका गोरा चहरा टमाटर की तरह लाल हो चूका था और आँखों में आंसू की बुँदे झलकने लगी थी …….
Kabhi kabhi hero ki jagah villain banne ka bhi apna alag maza hai


Bahut khoob dr saheb
 

Rekha rani

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मस्त अपडेट, अब ये जिम्मेदारी उठाने को रेडी है तो अब अन्नू क्यो उसको इमोशनल कर रही है उसेसब मालूम तो है
 
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