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Adultery भाभियों का रहस्य

Chutiyadr

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Bhut shandaar update dr.sahab.....



Update aise moka par na band kiya kro


अब चुडलो द्वारा किया जाएगा शैतान का सशक्तिकरण

बहुत बढ़िया डॉ साहब

Niceupdate

Ye to kaha se kaha ja rahi hai.

Awesome update and waiting for next

nice update ..ab 15 din akele rehna hai jungle me .
inspector ke saamne kuch jyada hi bol gaya nishant par ye to achcha hua ki wo inspector amma ki respect karta hai warna nishant ko jail bhej deta .

ab ye chudail bhi aa gayi chudwane 🤣.. anjane me hi nishant ne chudailo ko mukt kar diya jadugar se par abhi uski body ko jalaye bina sab puri tarah aazad nahi ho sakti .
lagta hai ye koku chudail kisise pyar karti hai isliye majburi me chudwane aa gayi aazadi ke liye 🤔🤔..

डाक्टर साहब - व्यापक स्तर पर फ़ैल गया है अब यह! :what2:
ये चुड़ैल बढ़िया वर्क-ऑउट करती प्रतीत होती है। खाना पीना भी मुकम्मल लगता है उसका। शायद केवल खून ही पीती होगी। :laugh:

ख़ैर, जो भी हो - यहाँ पिक्स सेक्शन में गीली मिट्टी की लुग्दी के समान फ़ैली हुई आंटियों और लड़कियों (95 प्रतिशत से अधिक तो ऐसी ही तस्वीरें हैं वहाँ) से पूरी तरह भिन्न है वो चुड़ैल।
अब से लड़कियों और महिलाओं को खुद को चुड़ैल कहे जाने पर गर्व होना चाहिए :lol1:

Lazwaab behtreen update

Wah Doctor Sahab Wah, kya kamal ka likh rahe ho aap

Aurato ke baad ab Nishant Chudail ke saath bhi sex karega

Gazab Doctor Sahab

Waiting for the next

Bahut hi badhiya update diya hai Chutiyadr bhai....
Nice and lovely update....

बहुत ही सुन्दर लाजवाब और रमणीय अपडेट है
आखिर Dr.chutiya और चमन चूतिया के कारण निशांत फिर से ठीक हो गया है और उसमे पहले से ज्यादा ताकत आ गई है
उसको मारने वालो को भी मार दिया है देखते हैं आगे क्या होता है

बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत रमणिय अपडेट है वाह dactor साहब क्या अपडेट लिखा है निशांत को अब चुड़ेलो के साथ सेक्स करना पड़ेगा शैतान के तो मजे हो रहे हैं देखते हैं आगे क्या धमाल होता है

Nice update

डॉ साहेब आप तो चमत्कार पे चमत्कार कर रहे हो
सोच भी नहीं सक ते के आगे क्या चमत्कार करोगे

sahi....................

Dr. Saheb ek club khol hi do ham sab readers ke liye... Dr. Chutiya sahkari sanstha

Bahut khoob update bro...next ka intezaar rahega...🔥🔥🔥🙏❤️

Chutiyadr Kaha busy chal rahi h life??

Jo kunwar ko chudail k hawale karke bhul gye.... masoom sa ladka chudail k chakar m fasa pada hai... usko bhi kuch socho ....


Aapke bina kon h uska????






Wait for another hot update

Lajawab updates.Pratiksha agle update ki
सभी दोस्तों का प्रतिक्रिया देने के लिए धन्यवाद , समय की कमी के कारन अपडेट थोड़े लेट हो रहे है , और स्टोरी भी थोड़ी धीरे पड़ रही है , कोशिस करूँगा की स्टोरी अपननी गति से आगे बढती रहे :)
 

Chutiyadr

Well-Known Member
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अध्याय 18
कोकु की सुन्दरता को मैं मोहित होकर देख रह था , अद्वितीय सुन्दरता जिसका बखान नहीं किया जा सकता , जिस्म संगमरमर की तरह तरासा हुआ , हर अंग जैसे संतुलित हो , कही कुछ कम नहीं तो कही कुछ ज्यादा नहीं चहरे की मासूमियत किसी 20 साल की नवयोवना की तरह ,
लेकिन उसके आँखों में आये आंसू ने मुझे उसके मानवीय संवेदनाओ का भी अहसास दिलाया ,
वो पास आकर मुझसे लिपट गई ,
“तुमने मुझे मुक्त करके मेरे सारे बंधन तोड़ दिए , मैं सदा तुम्हारी आभारी रहूंगी “
उसके चिपकते ही उसके सीने मेरे सीने से जा मिले थे , मेरा लिंग पूर्ण रूप से अकड चूका था वही मेरे अंदर बैठा लौडू को तो जैसे जन्नत ही मिल गई हो , वो ख़ुशी से नाचने लगा
“लेकिन मैंने तो उस जादूगर के शरीर को नहीं जलाया है , तुम आखिर आजाद कैसे हो गई “
वो मुस्कुराई
“वो तो केवल एक परीक्षा थी , सालो से हम मर्दों को ये प्रस्ताब देते आ रहे है , किसी न किसी तरह का प्रस्ताब जिसे करके वो मनचाही चीजे पा सकते है , कोई दौलत मांगता है , कोई ताकत तो कोई यौन सुख , लेकिन मुझे इस जादू से वही आजाद कर सकता था जो बस हमें आजाद करना चाहे और बदले में कुछ भी ना चाहे , इतने सालो में तुम वो पहले मर्द हो जिसके अंदर शैतान का अंश भी है और हमें आजाद करने के बदले कुछ नहीं चाहिए , “
“ओह लेकिन बाकि की लडकिया कहा गई “
“वो केवल मेरी परछाई थी , जो आजाद होते ही मुझमे समां गई “
“तो क्या अब तुम पूरी तरह से आजाद हो , तुम कौन हो और जो मर्द कुछ मांगते थे उनका क्या होता था ??”
“जो मर्द हमें आजाद करवाने के एवज में कुछ चाहते उन्हें हम मार देते थे इससे हमारी शक्तिया बढ़ जाती , लेकिन हम फिर भी इस झील में कैद ही रहते , हर मर्द को मारने के बाद मेरी एक परछाई और बन जाती थी “
“ओह आखिर तुम्हे कैद किसने किया था??”
“बढ़ी लम्बी कहानी है , इस पर कभी और बात करेंगे , अभी तो मैं इस अहसान के बदले तुम्हे कुछ देना चाहती हु “
वो मेरे मुह के पास अपने मुह को ले आई , और मेरे हाथो को पकड़ कर अपनी कमर में रख दिया , उसकी नंगी कमर में हाथ पड़ते ही मैं जैसे पिघल गया था , हम दोनों के होठ मिलने लगे और मैंने उसे उसी पत्थर में लिटा दिया , धीरे धीरे जिस्म की आग बढ़ रही ही और हम दोनों ही उस आग में जलने को तैयार हो चुके थे , मैंने अपने लिंग का प्रवेश उसकी योनी में करवा दिया , मुझे ऐसा लगा जैसे उसके योनी की दीवारों के नर्म मांस ने मेरे लिंग को पूरी तरह से जकड लिया हो , इतनी संतुष्टि मुझे कभी नहीं मीली थी , ये एक अजीब सा मजा था , हम दोनों ही उस मजे में खोने लगे …

पूरी रात हमने अलग अलग तरह से एक दुसरे का भोग किया , लेकिन मजे की बात ये थी की ना तो मैं थक रहा था ना ही वो , दोनों ही उसी जोश में थे , ना ही कोई स्खलन ही हो रहा था, लेकिन मजा और संतुष्टि गजब की थी , अभी भोर होने को आई थी …
“अब मुझे चलना होगा , मैं तुम्हे किस नाम से पुकारू “
‘निशांत … तुम चाहो तो मुझे कुवर बुला सकती हो “
वो मुस्कुराई
“फिर कब मिलोगी ..?”
मैंने उसके नाजुक हाथो को पकड लिया
“अगर तुम चाहो तो हर रात इसी जगह “ उसने बड़े ही प्यार से कहा
“मैं केवल 15 दिनों के लिए यंहा हु , उसके बाद मैं अपने घर चला जाऊंगा “
“तो इस 15 दिनों में मैं तुम्हे रोज जन्नत के सैर करवाउंगी ..”
उसने मुस्कुराते हुए मेरे होठो को चूम लिया
“और उसके बाद ..??”
“मिलूंगी , सिर्फ तुमसे मिलने आउंगी “
“अभी तुम कहा जाओगी ??”
“मुझे कुछ काम पुरे करने है कुवर , अब चलती हु भोर होने को है “
वो इतना कहकर मुझसे अलग हुई और खड़ी होकर अपनी आँखे बंद कर ली उसके शरीर में अपने आप एक साड़ी आ गई, वो वंहा से मुझे अलविदा कहकर निकल गई , कितनी हसीन रात थी ये ..

सुबह के समय मैं झील में नहाकर निकला था , तभी मुझे चमन आता हुआ दिखाई दिया
“तो पहली रात कैसे गुजरी , चुड़ैल दिखी की नहीं “
चमन की बात सुनकर मैं थोडा चौका
“तुम्हे पता था की वो आएगी “
उसने एक गहरी साँस ली
“हा शैतान की पूजा करने वाले कई लोगो को वो अपना शिकार बना चुकी है , तुम बच गए मतलब की तुमने उसे जीत लिया “
“तुम्हे पता था लेकिन तुमने मुझे कुछ नही बताया , अगर मैं भी उसका शिकार बन जाता तो “
उसकी बात सुनकर मैं गुस्से से भर गया था ..
“अरे इतनी फिक्र क्यों करते हो यार , मुझे तुम्हारी काबिलियत पर यकीं था, नहीं बताया इसीलिए तुम जिन्दा हो वरना तुम्हारे मन में भी कोई न कोई लालसा जाग जाती और वो तुम्हारा शिकार कर लेती , ये देखो “
उसने अपने साथ लाये एक थैले से एक मोटी सी पुस्तक निकाली , कुछ पन्ने पलटने पर एक खुबसूरत लड़की का चित्र दिखा …
“ये है बनराकस चुड़ैल … शैतानी जादूगर और तांत्रिक इसे सिद्ध किया करते थे , इनमे बहुत सी ताकते होती है , वैसे ही एक चुड़ैल को एक जादूगर ने यंहा सिद्ध करके कैद कर लिया था , लेकिन शायद नसीब ऐसी रही होगी की खुद मारा गया , और ये बेचारी यही कैद रही , ये चुड़ैले खासकर यौन सुख को पूरा करने , अपनी गृहणी या संगनी बनाने के काम में लायी जाती थी , ये तुम्हे ऐसा यौन सुख प्रदान कर सकती है जैसा दुनिया की कोई ओरत नहीं कर पायेगी , इन्हें सिद्ध करने के लिए पहले तो इनका दिल जितना होता है , ये अपना दिल उसी को देती है जो निस्वार्थ हो , उस चुड़ैल ने तुम्हे अपना दिल दे दिया है कुवर , अब बारी है उन्हें सिद्ध करने की , तुम्हे हर रात 15 रातो तक उसके साथ सम्भोग करना होगा , उससे वो सिद्ध हो जाएँगी और तुम्हारे इशारो पर काम करेंगी , इसीलिए मैंने तुम्हे यंहा 15 रातो तक रहने के लिए कहा था “
मैंने उस चमन चूतिये को घुर ,उसकी बात सुनकर मैं गुस्से से भर गया
“और इससे मुझे क्या मिलेगा , अरे मुझे पुरे गांव की महिलाओ के साथ सम्भोग करना है , मेरे खुद का प्यार घर पर मेरा इन्तजार कर रहा है और मैं एक चुड़ैल से यौन सुख लू “
“शांत रहो कुवर , उस चुडैल को सिद्ध करके तुम महिलाओ को वो सुख भी दे पाओगे जो उन्हें सामान्य सम्भोग से पुरे जीवन में कभी नहीं मिलता , उनके जीवन को भी धन्य कर दोगे… मेरी बात मानकर एक बार उस चुड़ैल को सिद्ध कर लो ,आखिर नई ताकते हासिल करने में बुराई ही क्या है ??”
मैंने हां में सर हिलाया लेकिन मेरा दिल कोकू के लिए दुःख रहा था , उसकी सुन्दरता क्या केवल भोग के लिए थी , ऐसी भी क्या बदकिस्मती है …… मैंने उसे आजाद करने की ठानी और मैंने चमन के हाथो से वो पुस्तक ले ली , मैं बनराकस चुड़ैल के बारे में हर चीज जानना चाहता था , ताकि मैं उसे इस कुचक्र से मुक्त कर सकू , मुझे उसे अपना गुलाम नहीं बनाना था , बल्कि मुझे उसे मुक्त करना था ………
 

parkas

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अध्याय 18
कोकु की सुन्दरता को मैं मोहित होकर देख रह था , अद्वितीय सुन्दरता जिसका बखान नहीं किया जा सकता , जिस्म संगमरमर की तरह तरासा हुआ , हर अंग जैसे संतुलित हो , कही कुछ कम नहीं तो कही कुछ ज्यादा नहीं चहरे की मासूमियत किसी 20 साल की नवयोवना की तरह ,
लेकिन उसके आँखों में आये आंसू ने मुझे उसके मानवीय संवेदनाओ का भी अहसास दिलाया ,
वो पास आकर मुझसे लिपट गई ,
“तुमने मुझे मुक्त करके मेरे सारे बंधन तोड़ दिए , मैं सदा तुम्हारी आभारी रहूंगी “
उसके चिपकते ही उसके सीने मेरे सीने से जा मिले थे , मेरा लिंग पूर्ण रूप से अकड चूका था वही मेरे अंदर बैठा लौडू को तो जैसे जन्नत ही मिल गई हो , वो ख़ुशी से नाचने लगा
“लेकिन मैंने तो उस जादूगर के शरीर को नहीं जलाया है , तुम आखिर आजाद कैसे हो गई “
वो मुस्कुराई
“वो तो केवल एक परीक्षा थी , सालो से हम मर्दों को ये प्रस्ताब देते आ रहे है , किसी न किसी तरह का प्रस्ताब जिसे करके वो मनचाही चीजे पा सकते है , कोई दौलत मांगता है , कोई ताकत तो कोई यौन सुख , लेकिन मुझे इस जादू से वही आजाद कर सकता था जो बस हमें आजाद करना चाहे और बदले में कुछ भी ना चाहे , इतने सालो में तुम वो पहले मर्द हो जिसके अंदर शैतान का अंश भी है और हमें आजाद करने के बदले कुछ नहीं चाहिए , “
“ओह लेकिन बाकि की लडकिया कहा गई “
“वो केवल मेरी परछाई थी , जो आजाद होते ही मुझमे समां गई “
“तो क्या अब तुम पूरी तरह से आजाद हो , तुम कौन हो और जो मर्द कुछ मांगते थे उनका क्या होता था ??”
“जो मर्द हमें आजाद करवाने के एवज में कुछ चाहते उन्हें हम मार देते थे इससे हमारी शक्तिया बढ़ जाती , लेकिन हम फिर भी इस झील में कैद ही रहते , हर मर्द को मारने के बाद मेरी एक परछाई और बन जाती थी “
“ओह आखिर तुम्हे कैद किसने किया था??”
“बढ़ी लम्बी कहानी है , इस पर कभी और बात करेंगे , अभी तो मैं इस अहसान के बदले तुम्हे कुछ देना चाहती हु “
वो मेरे मुह के पास अपने मुह को ले आई , और मेरे हाथो को पकड़ कर अपनी कमर में रख दिया , उसकी नंगी कमर में हाथ पड़ते ही मैं जैसे पिघल गया था , हम दोनों के होठ मिलने लगे और मैंने उसे उसी पत्थर में लिटा दिया , धीरे धीरे जिस्म की आग बढ़ रही ही और हम दोनों ही उस आग में जलने को तैयार हो चुके थे , मैंने अपने लिंग का प्रवेश उसकी योनी में करवा दिया , मुझे ऐसा लगा जैसे उसके योनी की दीवारों के नर्म मांस ने मेरे लिंग को पूरी तरह से जकड लिया हो , इतनी संतुष्टि मुझे कभी नहीं मीली थी , ये एक अजीब सा मजा था , हम दोनों ही उस मजे में खोने लगे …

पूरी रात हमने अलग अलग तरह से एक दुसरे का भोग किया , लेकिन मजे की बात ये थी की ना तो मैं थक रहा था ना ही वो , दोनों ही उसी जोश में थे , ना ही कोई स्खलन ही हो रहा था, लेकिन मजा और संतुष्टि गजब की थी , अभी भोर होने को आई थी …
“अब मुझे चलना होगा , मैं तुम्हे किस नाम से पुकारू “
‘निशांत … तुम चाहो तो मुझे कुवर बुला सकती हो “
वो मुस्कुराई
“फिर कब मिलोगी ..?”
मैंने उसके नाजुक हाथो को पकड लिया
“अगर तुम चाहो तो हर रात इसी जगह “ उसने बड़े ही प्यार से कहा
“मैं केवल 15 दिनों के लिए यंहा हु , उसके बाद मैं अपने घर चला जाऊंगा “
“तो इस 15 दिनों में मैं तुम्हे रोज जन्नत के सैर करवाउंगी ..”
उसने मुस्कुराते हुए मेरे होठो को चूम लिया
“और उसके बाद ..??”
“मिलूंगी , सिर्फ तुमसे मिलने आउंगी “
“अभी तुम कहा जाओगी ??”
“मुझे कुछ काम पुरे करने है कुवर , अब चलती हु भोर होने को है “
वो इतना कहकर मुझसे अलग हुई और खड़ी होकर अपनी आँखे बंद कर ली उसके शरीर में अपने आप एक साड़ी आ गई, वो वंहा से मुझे अलविदा कहकर निकल गई , कितनी हसीन रात थी ये ..

सुबह के समय मैं झील में नहाकर निकला था , तभी मुझे चमन आता हुआ दिखाई दिया
“तो पहली रात कैसे गुजरी , चुड़ैल दिखी की नहीं “
चमन की बात सुनकर मैं थोडा चौका
“तुम्हे पता था की वो आएगी “
उसने एक गहरी साँस ली
“हा शैतान की पूजा करने वाले कई लोगो को वो अपना शिकार बना चुकी है , तुम बच गए मतलब की तुमने उसे जीत लिया “
“तुम्हे पता था लेकिन तुमने मुझे कुछ नही बताया , अगर मैं भी उसका शिकार बन जाता तो “
उसकी बात सुनकर मैं गुस्से से भर गया था ..
“अरे इतनी फिक्र क्यों करते हो यार , मुझे तुम्हारी काबिलियत पर यकीं था, नहीं बताया इसीलिए तुम जिन्दा हो वरना तुम्हारे मन में भी कोई न कोई लालसा जाग जाती और वो तुम्हारा शिकार कर लेती , ये देखो “
उसने अपने साथ लाये एक थैले से एक मोटी सी पुस्तक निकाली , कुछ पन्ने पलटने पर एक खुबसूरत लड़की का चित्र दिखा …
“ये है बनराकस चुड़ैल … शैतानी जादूगर और तांत्रिक इसे सिद्ध किया करते थे , इनमे बहुत सी ताकते होती है , वैसे ही एक चुड़ैल को एक जादूगर ने यंहा सिद्ध करके कैद कर लिया था , लेकिन शायद नसीब ऐसी रही होगी की खुद मारा गया , और ये बेचारी यही कैद रही , ये चुड़ैले खासकर यौन सुख को पूरा करने , अपनी गृहणी या संगनी बनाने के काम में लायी जाती थी , ये तुम्हे ऐसा यौन सुख प्रदान कर सकती है जैसा दुनिया की कोई ओरत नहीं कर पायेगी , इन्हें सिद्ध करने के लिए पहले तो इनका दिल जितना होता है , ये अपना दिल उसी को देती है जो निस्वार्थ हो , उस चुड़ैल ने तुम्हे अपना दिल दे दिया है कुवर , अब बारी है उन्हें सिद्ध करने की , तुम्हे हर रात 15 रातो तक उसके साथ सम्भोग करना होगा , उससे वो सिद्ध हो जाएँगी और तुम्हारे इशारो पर काम करेंगी , इसीलिए मैंने तुम्हे यंहा 15 रातो तक रहने के लिए कहा था “
मैंने उस चमन चूतिये को घुर ,उसकी बात सुनकर मैं गुस्से से भर गया
“और इससे मुझे क्या मिलेगा , अरे मुझे पुरे गांव की महिलाओ के साथ सम्भोग करना है , मेरे खुद का प्यार घर पर मेरा इन्तजार कर रहा है और मैं एक चुड़ैल से यौन सुख लू “
“शांत रहो कुवर , उस चुडैल को सिद्ध करके तुम महिलाओ को वो सुख भी दे पाओगे जो उन्हें सामान्य सम्भोग से पुरे जीवन में कभी नहीं मिलता , उनके जीवन को भी धन्य कर दोगे… मेरी बात मानकर एक बार उस चुड़ैल को सिद्ध कर लो ,आखिर नई ताकते हासिल करने में बुराई ही क्या है ??”
मैंने हां में सर हिलाया लेकिन मेरा दिल कोकू के लिए दुःख रहा था , उसकी सुन्दरता क्या केवल भोग के लिए थी , ऐसी भी क्या बदकिस्मती है …… मैंने उसे आजाद करने की ठानी और मैंने चमन के हाथो से वो पुस्तक ले ली , मैं बनराकस चुड़ैल के बारे में हर चीज जानना चाहता था , ताकि मैं उसे इस कुचक्र से मुक्त कर सकू , मुझे उसे अपना गुलाम नहीं बनाना था , बल्कि मुझे उसे मुक्त करना था ………
Bahut hi badhiya update diya hai Chutiyadr bhai...
Nice and lovely update.....
 

Antadu2010

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Sirji App Kamaal Ka Likhte Ho and always make Readers Surprised and Amazed..

Maine aapki jyadatar uploaded stories
" रंडी से प्यार , प्यार या धोखा , दीदी और दोस्त , रंडियो का घर, बीवी के कारनामे, खूबसूरत डकैत, जादुई लकड़ी , बीवी के आशिक , जिम्मेदारी (कुछ नयी कुछ पुरानी), BHABHI MAA"
puri padh li sirf ek baki hai. Sabhi ek se badhkar ek hai, lots of twist and full of thrills, Ek baar padhna suru karo to pura padhe bagair chhodane ka maan hi nahi karta.. You really make me your fan..

Thank you for your stories..

Your fan Antadu
 

Aakash.

ᴇᴍʙʀᴀᴄᴇ ᴛʜᴇ ꜰᴇᴀʀ
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अध्याय 18
कोकु की सुन्दरता को मैं मोहित होकर देख रह था , अद्वितीय सुन्दरता जिसका बखान नहीं किया जा सकता , जिस्म संगमरमर की तरह तरासा हुआ , हर अंग जैसे संतुलित हो , कही कुछ कम नहीं तो कही कुछ ज्यादा नहीं चहरे की मासूमियत किसी 20 साल की नवयोवना की तरह ,
लेकिन उसके आँखों में आये आंसू ने मुझे उसके मानवीय संवेदनाओ का भी अहसास दिलाया ,
वो पास आकर मुझसे लिपट गई ,
“तुमने मुझे मुक्त करके मेरे सारे बंधन तोड़ दिए , मैं सदा तुम्हारी आभारी रहूंगी “
उसके चिपकते ही उसके सीने मेरे सीने से जा मिले थे , मेरा लिंग पूर्ण रूप से अकड चूका था वही मेरे अंदर बैठा लौडू को तो जैसे जन्नत ही मिल गई हो , वो ख़ुशी से नाचने लगा
“लेकिन मैंने तो उस जादूगर के शरीर को नहीं जलाया है , तुम आखिर आजाद कैसे हो गई “
वो मुस्कुराई
“वो तो केवल एक परीक्षा थी , सालो से हम मर्दों को ये प्रस्ताब देते आ रहे है , किसी न किसी तरह का प्रस्ताब जिसे करके वो मनचाही चीजे पा सकते है , कोई दौलत मांगता है , कोई ताकत तो कोई यौन सुख , लेकिन मुझे इस जादू से वही आजाद कर सकता था जो बस हमें आजाद करना चाहे और बदले में कुछ भी ना चाहे , इतने सालो में तुम वो पहले मर्द हो जिसके अंदर शैतान का अंश भी है और हमें आजाद करने के बदले कुछ नहीं चाहिए , “
“ओह लेकिन बाकि की लडकिया कहा गई “
“वो केवल मेरी परछाई थी , जो आजाद होते ही मुझमे समां गई “
“तो क्या अब तुम पूरी तरह से आजाद हो , तुम कौन हो और जो मर्द कुछ मांगते थे उनका क्या होता था ??”
“जो मर्द हमें आजाद करवाने के एवज में कुछ चाहते उन्हें हम मार देते थे इससे हमारी शक्तिया बढ़ जाती , लेकिन हम फिर भी इस झील में कैद ही रहते , हर मर्द को मारने के बाद मेरी एक परछाई और बन जाती थी “
“ओह आखिर तुम्हे कैद किसने किया था??”
“बढ़ी लम्बी कहानी है , इस पर कभी और बात करेंगे , अभी तो मैं इस अहसान के बदले तुम्हे कुछ देना चाहती हु “
वो मेरे मुह के पास अपने मुह को ले आई , और मेरे हाथो को पकड़ कर अपनी कमर में रख दिया , उसकी नंगी कमर में हाथ पड़ते ही मैं जैसे पिघल गया था , हम दोनों के होठ मिलने लगे और मैंने उसे उसी पत्थर में लिटा दिया , धीरे धीरे जिस्म की आग बढ़ रही ही और हम दोनों ही उस आग में जलने को तैयार हो चुके थे , मैंने अपने लिंग का प्रवेश उसकी योनी में करवा दिया , मुझे ऐसा लगा जैसे उसके योनी की दीवारों के नर्म मांस ने मेरे लिंग को पूरी तरह से जकड लिया हो , इतनी संतुष्टि मुझे कभी नहीं मीली थी , ये एक अजीब सा मजा था , हम दोनों ही उस मजे में खोने लगे …

पूरी रात हमने अलग अलग तरह से एक दुसरे का भोग किया , लेकिन मजे की बात ये थी की ना तो मैं थक रहा था ना ही वो , दोनों ही उसी जोश में थे , ना ही कोई स्खलन ही हो रहा था, लेकिन मजा और संतुष्टि गजब की थी , अभी भोर होने को आई थी …
“अब मुझे चलना होगा , मैं तुम्हे किस नाम से पुकारू “
‘निशांत … तुम चाहो तो मुझे कुवर बुला सकती हो “
वो मुस्कुराई
“फिर कब मिलोगी ..?”
मैंने उसके नाजुक हाथो को पकड लिया
“अगर तुम चाहो तो हर रात इसी जगह “ उसने बड़े ही प्यार से कहा
“मैं केवल 15 दिनों के लिए यंहा हु , उसके बाद मैं अपने घर चला जाऊंगा “
“तो इस 15 दिनों में मैं तुम्हे रोज जन्नत के सैर करवाउंगी ..”
उसने मुस्कुराते हुए मेरे होठो को चूम लिया
“और उसके बाद ..??”
“मिलूंगी , सिर्फ तुमसे मिलने आउंगी “
“अभी तुम कहा जाओगी ??”
“मुझे कुछ काम पुरे करने है कुवर , अब चलती हु भोर होने को है “
वो इतना कहकर मुझसे अलग हुई और खड़ी होकर अपनी आँखे बंद कर ली उसके शरीर में अपने आप एक साड़ी आ गई, वो वंहा से मुझे अलविदा कहकर निकल गई , कितनी हसीन रात थी ये ..

सुबह के समय मैं झील में नहाकर निकला था , तभी मुझे चमन आता हुआ दिखाई दिया
“तो पहली रात कैसे गुजरी , चुड़ैल दिखी की नहीं “
चमन की बात सुनकर मैं थोडा चौका
“तुम्हे पता था की वो आएगी “
उसने एक गहरी साँस ली
“हा शैतान की पूजा करने वाले कई लोगो को वो अपना शिकार बना चुकी है , तुम बच गए मतलब की तुमने उसे जीत लिया “
“तुम्हे पता था लेकिन तुमने मुझे कुछ नही बताया , अगर मैं भी उसका शिकार बन जाता तो “
उसकी बात सुनकर मैं गुस्से से भर गया था ..
“अरे इतनी फिक्र क्यों करते हो यार , मुझे तुम्हारी काबिलियत पर यकीं था, नहीं बताया इसीलिए तुम जिन्दा हो वरना तुम्हारे मन में भी कोई न कोई लालसा जाग जाती और वो तुम्हारा शिकार कर लेती , ये देखो “
उसने अपने साथ लाये एक थैले से एक मोटी सी पुस्तक निकाली , कुछ पन्ने पलटने पर एक खुबसूरत लड़की का चित्र दिखा …
“ये है बनराकस चुड़ैल … शैतानी जादूगर और तांत्रिक इसे सिद्ध किया करते थे , इनमे बहुत सी ताकते होती है , वैसे ही एक चुड़ैल को एक जादूगर ने यंहा सिद्ध करके कैद कर लिया था , लेकिन शायद नसीब ऐसी रही होगी की खुद मारा गया , और ये बेचारी यही कैद रही , ये चुड़ैले खासकर यौन सुख को पूरा करने , अपनी गृहणी या संगनी बनाने के काम में लायी जाती थी , ये तुम्हे ऐसा यौन सुख प्रदान कर सकती है जैसा दुनिया की कोई ओरत नहीं कर पायेगी , इन्हें सिद्ध करने के लिए पहले तो इनका दिल जितना होता है , ये अपना दिल उसी को देती है जो निस्वार्थ हो , उस चुड़ैल ने तुम्हे अपना दिल दे दिया है कुवर , अब बारी है उन्हें सिद्ध करने की , तुम्हे हर रात 15 रातो तक उसके साथ सम्भोग करना होगा , उससे वो सिद्ध हो जाएँगी और तुम्हारे इशारो पर काम करेंगी , इसीलिए मैंने तुम्हे यंहा 15 रातो तक रहने के लिए कहा था “
मैंने उस चमन चूतिये को घुर ,उसकी बात सुनकर मैं गुस्से से भर गया
“और इससे मुझे क्या मिलेगा , अरे मुझे पुरे गांव की महिलाओ के साथ सम्भोग करना है , मेरे खुद का प्यार घर पर मेरा इन्तजार कर रहा है और मैं एक चुड़ैल से यौन सुख लू “
“शांत रहो कुवर , उस चुडैल को सिद्ध करके तुम महिलाओ को वो सुख भी दे पाओगे जो उन्हें सामान्य सम्भोग से पुरे जीवन में कभी नहीं मिलता , उनके जीवन को भी धन्य कर दोगे… मेरी बात मानकर एक बार उस चुड़ैल को सिद्ध कर लो ,आखिर नई ताकते हासिल करने में बुराई ही क्या है ??”
मैंने हां में सर हिलाया लेकिन मेरा दिल कोकू के लिए दुःख रहा था , उसकी सुन्दरता क्या केवल भोग के लिए थी , ऐसी भी क्या बदकिस्मती है …… मैंने उसे आजाद करने की ठानी और मैंने चमन के हाथो से वो पुस्तक ले ली , मैं बनराकस चुड़ैल के बारे में हर चीज जानना चाहता था , ताकि मैं उसे इस कुचक्र से मुक्त कर सकू , मुझे उसे अपना गुलाम नहीं बनाना था , बल्कि मुझे उसे मुक्त करना था ………
Update accha hai or mujhe yeh jaankar Khushi hui ki hero apne alawa kisi or ke baare me bhi sochta hai nahi to bhogne ke alawa logo ko dikhta hi kya hai ek acchi soch or dil hi aage leke jaayega​
 

deeppreeti

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निशांत उसे मुक्त करवाना चाहता है - ये शैतान ऐसा इंसान निकलेगा डॉ साहेब . थोड़ा अजीब लग रहा है .
 

andyking302

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अध्याय 11
तेज बारिश थी , मैं अपने बुलेट में बारिश का मजा लेता हुआ आ रहा था , तभी मेरी नजर रोड के किनारे बने अब्दुल के चाय की टपरी पर पड़ी , अँधेरा गहरा गया था और हवाए भी बहुत तेज चल रही थी , ऐसे में अभी भी वंहा थोड़ी रौशनी थी , मैं वही रुक गया , मन में शंका हुई की कही ये किसी मुसीबत में तो नहीं है ..
मैंने बुलेट रोकी और अंदर झाँका …
“काका …. अब्दुल …”
अंदर की हालत बहुत ही ख़राब लग रही थी , पानी भी चुह रहा था , लेकीन अदर मुझे काका एक चटाई पर सोये हुए दिख गए …
गजब का आदमी है ऐसे हालत में भी यही पड़ा है …
तभी मुझे ऐसा लगा की कोई मुझे छिपकर देख रहा है , मैं उस ओर पलटा ..
“कुवर जी …” सामने से एक महिला की नाजुक की आवाज आई
“हा आप कौन ..” अँधेरे में मुझे उसकी केवल परछाई दिख रही थी , तभी वो साया थोडा सामने आया , उसके दुधिया रंग में दिए का प्रकाश पड़ते ही मुझे वो चाहता दिखाई देने लगा ..
“आआप ..” मैंने उसे पहले कभी नहीं देखा था
“मैं रजिया हु , अब्दुल की अम्मी “
“अरे काकी आप , यंहा …”
“हा ये तो दारू पीकर सो गए और अब्दुल अभी घर में ही है , ये आंधी तूफ़ान में मैं ही यही फंस गई “
बोलते हुए वो सामने आई , मैंने उसे पहली बार ऐसे पास से देखा , उन्होंने एक चूड़ीदार सलवार कमीज डाल रखी थी , हलके सफ़ेद रंग के उन कपड़ो में कुछ फुल बने हुए थे , कपडे देखने में महंगे तो नही थे लेकिन उनके जिस्म में बिलकुल ही फिट थे , थोडा गदराया जिस्म और उसपर बारिश में वो थोड़ी भीग गई थी , उनका दुधिया जिस्म कपड़ो की आड़ से बाहर झांक रहा था , अंदर पहनी सिमिज भी साफ साफ दिखाई पड़ रही थी , कंधे में कोई दुपट्टा नहीं डाला था और इसकी वजह से वक्षो की गहराई भी अपना रास्ता बता रही थी ..
थोड़े उमस के कारण चहरे और शरीर में पसीना चमक रहा था , भीगे बदन की हलकी खुसबू मेरे नथुनों में पड़ने लगी , वही उनके उठे हुए पुष्ट और कोमल नितंभ भी मेरा ध्यान आकर्षित कर रहे थे …
“अब्दुल की अम्मी तो बिलकुल ही माल है यार , अब समझ आया की अब्दुल का ये दुधिया रूप कहा से आया है, इसका बाप तो पूरा नल्ला लगता है , बेवडा तो है ही …” मेरे अंदर बैठे मन के एक कोने ने कहा ..
“चुप कर ये मेरे दोस्त की माँ है …साले हवसी “ मेरा उत्तर पा कर वो हँसने लगा ..
“मेरा नाम क्यों नहीं रख देता हमारी बाते तो अब होती ही रहेंगी , क्यों ना हम दोस्त बन जाए , तू मेरी भूख मिटा और मैं तुझे सताना बंद कर दूंगा “
मैंने उसे कुछ नहीं कहा , ये सभी बाते मेरे मन के अंदर ही हो रही थी …
“चलिए मैं आपको छोड़ देता हु …”
मैंने काकी से कहा ..
“अरे कुवर जी आप कहा तकलीफ करते हो , बारिश थोड़ी कम हो जाए तो मैं खुद ही चली जाउंगी ..”
मैंने बाहर देखा सच में बारिश तेज हो रही थी , अभी तक तो मैं खुद की मस्ती में आ रहा था ..
“आप बहुत भीग गये है मैं आपके लिए चाय बना देती हु , सिगरेट भी लेंगे ..”
मैं उन्हें देखने लगा वो मेरे दोस्त की अम्मी थी , आखिर उनके सामने मैं कैसे सिगरेट पि सकता था , वो शायद मेरे मनो भावों को समझ गई और हलके से मुस्कुराई ..
“आप संकोच ना करे , जो चाहिए खुल कर मांगे “
उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा , उनके हुस्न से मैं बेचैन हुआ जा रहा था , मासूम सा चहरा और मुस्कुराने पर उनकी सफ़ेद दांतों की पंक्तियों को देखने लगा ..
“वंहा मांग लो कुवर , इसकी चुद ही मांग लो सोचो बारिश में खुले आसमान के नीचे तुम इसकी दौड़ा दौड़ा कर ले सकते हो , बोलो तो मैं मदद कर दू …” अंदर बैठा मन बोल उठा और मेरे लिंग में एक अकडन आने लगी ..
“चुप कर लौडू ऐसा मत कर “ मैंने उसे डांटते हुए कहा
“वह क्या नाम रखा है तुमने मेरा लौडू … आज से हम दोस्त हुए कुवर ..क्योकि तुम मुझे अपना गुलाम बना नहीं पओगे ना ही मैं तुम्हे पूरी तरह से काबू कर पा रहा हु , तो दोस्ती में ही हम दोनों की भलाई है , तुम बस मुझे मेरा दाना पानी देते रहो ”
उसकी बात सुनकर मैं झल्ला गया
“ठीक है दोस्त हुए … अब चुप रह कोई हरकत नहीं , और ये मेरा लिंग क्यों तन रहा है इसे शांत कर “
वो हँस पड़ा
“जवान हो तो जवानी के मजे लोग कुवर जी “
“क्या हुआ कुवर आप बेचैन लग रहे हो कही बुखार तो नहीं हो गया “ काकी पास आई और मेरे माथे पर अपना हाथ रख कर देखने लगी , उसके कोमल हाथ पड़ते हुए मेरा मन और जोरो से डोला रे , बोला हिंडोला रे … :lol1:
“नहीं काकी मैं ठीक हु “ मैं थोडा सकपकाया
वो हँस पड़ी ..
“जैसा आपके बारे में सुना था आप वैसे ही है , बिलकुल शर्मीले , चलिए आप के लिए कुछ अच्छा लाती हु “
वो अंदर चली गई …
“ओ हो कुवर जी … बहुत शर्मीले हो आप तो … साला उसे नहीं पता की तू चीज क्या है , यही कुतिया बना कर चोद उसे , अबे गांड देखि है उसकी … वाह वाह क्या मस्त थी , पीछे से डालेगा ना तो कसम से बहुत मजा आएगा “ लौडू की बात सुनकर मेरा भी लिंग झटके खाने लगा , साला आँखों के सामने वही चित्र चलने लगे , अगर रजिया सच में कुतिया की तरह इस झमझम पानी में खड़ी रहे और मैं पीछे से उसके योनी में अपना लिंग … ओ हो साला …
“चुप कर भोसड़ी के … तूने कहा था ना की तू मेरी वासना को नहीं जगायेगा ..”
“मैंने ऐसा कब कहा … मैंने कहा था की मैं आपको नहीं सताऊंगा .. लोगो के मन में वासना जगाना तो मेरा काम ही है , हजारो सालो से मैं यही तो करता आया हु , अभी बोलो तो रजिया के अंदर ऐसी तड़प पैदा कर दू की वो यही नंगी होकर नाचे हा हा हा “
“चुप कर साले ऐसा कुछ नही करना है तुझे ..”
मन नहीं मान रहा था , मेरी हालत तो ऐसी थी की मैं भी यही चाहता था जो लौडू मुझसे कह रहा था , लेकिन अंदर की नैतिकता अभी भी जिन्दा थी , सही गलत की समझ मैं भुला नहीं था , हा अब वासना के थपेड़ो ने मेरी हालत खराब जरुर कर दी थी , सोचा था की घर जाकर पूरी वासना अन्नू के अंदर निकाल दूंगा , लेकिन अब सामने एक नई परी आ गई थी ..
थोड़े देर ही हुए थे की काकी हाथो में एक बोतल पकड कर आई , मैं उसे पहचानता था वो देशी शराब की बोतल थी …
“काकी ये सब ..???”
“लो दो दो घूंट लगाते है ऐसे भी बारिश में दोनों ही भीग चुके है , थोड़ी गर्मी आ जाएगी “
उन्होंने दो ग्लास में उसे डाल दिया और खुद एक ही साँस में पूरा अपने हलक से उतार गई , मैंने भी एक ही साँस में पूरा ग्लास पि लिया , एक तगजी और गर्मी मेरे अंदर भी आ गई थी …
“बारिश कितना सुहाना है ना “
वो झोपड़े से निकल कर बाहर चली गई और हाथ फैला कर बारिश को अपने शरीर में लेने लगी , चारो ओर अँधेरा था लेकिन अब आँखे इतनी अभ्यस्त भी हो चुकी थी , मैंने एक ग्लास और अंदर किया और उनके साथ ही बाहर आ गया , बारिश का पानी पड़ते हुए मन में एक शांति का संचार हुआ , मैं उनके पास आया ..
“बहुत हो गया अब और ना रुका जायेगा …..” लौडू ने हलके से कहा
“नही यार ये मेरे दोस्त की माँ है ..”
“अबे तेरी तो नहीं है , जा झपट में मैं और कुछ नही सुनने वाला आ फु जा मजे कर “
वो चुप हो गया था और इधर राजिया का जिस्म पानी से गिला होकर और भी मादक लग रहा था , मैं उनके पास पंहुचा , उन्होंने मेरा हाथ पकड कर मुझे अपनी ओर खीच लिया ..
हम दोनों के चहरे बिलकुल ही पास थे …
“कितना अच्छा लग रहा है ना कुवर जी “
“हा काकी “
मैंने अपने हाथ उनके निताम्भो में रख दिए वो मुझसे और भी सटकर खड़ी हो गई
मैंने उसके चहरे को उपर किया , उनकी आँखे बंद थी , और सांसे तेज , मैं समझ चूका था की वासना की आग उनके मन में भी धधकने लगी है , दुधिया गोर चहरे पर फडफडाते हुए गुलाबी होठो को मैंने अपने होठो से लगा दिया , उन्होंने मुझे कसकर जकड लिया था …
हम दोनों के होठ आपस में घुलने लगे थे , और हाथ उनके जिस्म को यंहा वंहा छूना शुरू कर चुके थे , वो हलकी हलकी सिसकिया ले रही थी ..
“कुवर जी मुझे अपना बना लो ये आग अब बर्दास्त नहीं हो रही ..”
मैंने उन्हें वही जमीन में लिटा दिया ,जमीन बारिश के कारन कीचड़ से भरी हुई थी , मेरा मुह उनके स्तनों पर चला गया , मैं उसे कपडे के उपर से ही मानो खा रहा था , वही मेरा हाथ उनके जन्घो के बीच पहुच चूका था , वो चुह्क उठी ..
“कुवर …आह इतना मजा मुझे कभी नहीं आया “
मैंने सलवार का नाडा खोला और जितनी जल्दी हो सके उनके कपड़ो को उनके जिस्म से हटा दिया , हम दोनों ही मरजात नंगे धने बारिश में बीच सड़क में लेटे हुए थे , मेरा लिंग अब जवाब दे चूका था , वो योनी की कोमलता पाने को बेताब हो रहा था , मैंने अपने लिंग को उनकी योनी पर टिकाया , उन्होंने भी अपना पैर फैला कर मेरा पूरा साथ दिया ,लिंग योनी के अंदर जाने लगा और उसकी चमड़ी पीछे होने लगी , ऐसा लग रहा था जैसे मेरे लिंग में किसी ने बहुत सारी हवा भर दी हो , वो फुल कर योनी को जकड़ चूका था ..
“आह कुवर जी …”
वो उत्तेजना में चिल्लाई और मेरे पीठ पर अपने हाथ कस लिए , मैंने अपने कमर को तेजी से चलाना शुरू कर दिया , हर एक झटके पर वो सिसकी लेती और उसकी सिसकी मुझे और भी उत्तेजित करते जाती थी , बहुत देर तक ऐसे ही भोगने के बाद मैंने उनके गर्भ में अपना वीर्य छोड़ दिया …
ऐसा लगा जी एक आंधी ख़म हो गई हो लेकिन अभी तो शुरुवात थी , हम दोनों ही कीचड़ से सन चुके थे , मैंने उसे गोद में उठाकर अपने गाड़ी में रख दिया , मेरा वीर्य पात तो हो चूका था लेकिन अभी भी लिंग की अकड में कोई कमी नहीं आई थी ना ही , मैंने उसे अपनी बुलेट में बिठा दिया और उसके टांग फैलाकर फिर से धक्के लगाने लगा , थोड़ी देर बाद मैंने रजिया का हाथ बुलेट पर रख दिया उसे झुककर उसके पीछे खड़ा हो गया , बारिश अभी थोड़ी कम हो चुकी थी लेकिन अभी भी बरस रही थी , हमारे जिस्म पर पानी की छींटे तो पड़ रही थी लेकिन वासना और भी बढती ही मालूम हो रही थी , मैं रजिया के पीछे खड़ा था और पीछे से उसके कुलहो को सहलाता हुआ मैंने अपना लिंग उसके योनी में डाल दिया ..
“आह मजा आ गया “ वो बेसुद से बोली , उसके उठे हुए कुल्ल्हो को पकड कर मैं तेजी से धक्के दे रहा था ,मुझे लग रहा था की उसकी योनी मेरे लिंग का पूरा रस निचोड़ लेगी , लेकिन तभी ..
“अम्मी … कुवर … या खुदा ये क्या हो रहा है …”
हमारे सामने अब्दुल खड़ा था , उसे देख कर मुझे जोर का झटका लगा
“साले लौडू मरवा दिया ना ..” मैंने अपने मन में कहा
“कुछ नही हुआ है ये तो एक बहुत ही अच्छा मौका है , अपना हाथ अब्दुल की ओर कर …”
“मतलब …??’
“मतलब बचना चाहता है न इससे तो हाथ अब्दुल की ओर कर …”
“तू क्या करने वाला है …”
“तू कर बे चूतिये “
मैंने लौडू की बात मान ली और अपना हाथ अब्दुल की तरफ कर दिया , वो हमशे थोड़े ही दूर में खड़ा था , हाथो में एक छत्ता था शायद वो अपनी अम्मी को ही ले जाने के लिए आया था , बारिश भी थोड़ी कम हो चुकी थी , मैंने जैसे ही हाथ उसकी ओर किया मुझे ऐसा लगा जी मेरे हाथो से कोई शक्ति निकल कर अब्दुल के अंदर चली गई , अब्दुल के हाथो से उसका छत्ता छुट गया …
“ये क्या किया तूने ..”
“तू बस इसकी अम्मी को चोदता रह और मजा देख , फिक्र मत कर तेरे दोस्त को कुछ नहीं होगा “
लौडू की बात सुनकर मैं अपने हवास की धार रजिया के गर्भ में छोड़ने के लिए जोरो से धक्के मारने लगा , अब्दुल आँखे फाडे हमें देख रहा था वो सामने आया और अपनी अम्मी के चहरे को पकड कर उनके होठो में होठ डाल दिया , उसके आँखों में आंसू थे लेकिन जैसे वो अपने हालत पर काबू ना कर पा रहा हो , उसने तुरंत ही अपने सारे कपडे खोल लिए , रजिया ने एक बार उसे देखा लेकिन वो कुछ ना बोली , अब्दुल ने अपना लिंग हिलाया और अपनी अम्मी के होठो पर टिका दिया …
रजिया ने अपने बेटे का लिंग अपने मुह में भर लिया था ..
“अल्लाह… मैं ये क्या पाप कर रहा हु नहीं ,,, आह इतना मजा मुझे की आ रहा है ,नहीं बचाओ कोई “ अब्दुल असहाय होकर चिल्लाया , मुझे अपने किये पर दुःख हुआ लेकिन अब देर हो चुकी ही , मैंने और भी जोरो से धक्के लगाये और अपने वीर्य की धार रजिया के गर्भ में डाल दी …
मेरे अंदर का उफान शांत हो चूका था लेकिन अब्दुल के अंदर का उफान तो अभी शुरू हुआ था , मैं रजिया को छोड़कर हटा वो मेरी जगह अब्दुल आ गया .. वो मुझे रोते हुए देखने लगा
“कुवर ये क्या हो रहा है , मैं अपनी ही माँ के साथ .. ये मुझे रोक क्यों नहीं रही है , मुझे इतना मजा क्यों आ रहा है .. आह आह “
उसने अपना लिंग उसी योनी में घुसा दिया था जन्हा से वो खुद निकला था …
मेरे मन में ग्लानी के भाव आ रहे थे ,मैंने खुद बचने के लिए एक सीधे साधे आदमी को फंसा दिया था ..
“हा हा हा मजा ही आ गया , इसे कहते है पाप , जिस योनी से ये निकला था उसी में अपना लिंग डाल रहा है , माँ के साथ सम्भोग से बढ़ा पाप तो दुनिया में कोई नहीं , शाबास कुवर , इससे हमारी ताकत और भी बढ़ जायेगी , हमने शैतान के लिए एक खास तोहफा दे दिया है “
लौडू की आवाज अपने अंदर सुनकर मैं गुस्से से भर गया …
“तूने मुझसे ये क्या करवा डाला कमीने , इस मासूम से लड़के को देख , जो हवस में अँधा होकर अपनी ही माँ से सम्भोग कर रहा है , और उस माँ को देख जो हवस के आगे अपने ही बेटे के लिंग से मजे ले रही है , सोचा है जब इनका हवस खत्म हो जायेगा तो फिर क्या होगा , ये कैसे एक दुसरे को अपना मुह दिखायेंगे ,कही ग्लानी से भरकर ये आत्महत्या ना कर बैठे …”
“अरे यार कुछ नहीं होगा , तुम तो अभी अभी ये सब देख रहे हो मैंने हजारो साल ये देखा है , कोई नहीं मरता बल्कि इस सुख को भोगने को बेताब हो जाते है , पाप करने का अपना ही मजा है दोस्त , जाकर देखो दुनिया में कितने लोग है जो पाप करने की हसरत रखते है , क्योकि पाप में एक गजब का आकर्षण है , अगर दुनिया ये मान ले ना की ये पाप नहीं तो साला कोई करने की सोचेगा भी नहीं , लेकिन इस दुनिया ने अपनी नैतिकता बनाई , अपने नियम बनाये , सही और गलत बनाया और इसी से पैदा हुआ पाप का आकर्षण , जाकर देखो दुनिया को वही करने में मजा आता है जिसे लोग पाप कहते है , रिश्तो में सम्भोग हो या दारू सिगरेट जैसा नशा , समाज ने इसे पाप कहा और लोग इसके पीछे दीवाने हो गए , और जो मजा छिपकर पाप करने में आता है वो खुल्मखुल्ला करने में नहीं आता .. इसलिए प्रेमीयो की जब शादी नही हुई होती तो उन्हें एक दुसरे से मिलने में कितना मजा आता है वही शादी के बाद एक दुसरे का शक्ल भी देखना पसंद नहीं करते हा हा हा …”
लौडू की बातो में एक सच था वो सच जिसने मुझे निरुत्तर कर दिया था , यंहा अब्दुल पुरे जोश में लगा हुआ था …
“मुझे माफ़ कर देना अम्मी मुझे माफ़ कर देना , मैं … आह मैं मजबूर हु , इस मजे के आगे आह , कितना मजा आ रहा है “ वो पुरे ताकत से अपनी माँ के योनी में अपना लिंग डाल रहा था , मैंने अपने कपडे उठा लिए और उन्हें पहन कर झोपडी से एक दारू की बोतल उठाई पूरी बोतल वही बैठे बैठे गटक गया ..
इधर अब्दुल ने अपनी माँ की योनी में अपना वीर्य डाल दिया था , वो खुद जमीन पर गिर गया था और रजिया अभी भी मेरे बुलेट में लेटी हुई थी ..
मैंने दोनों को उठाया …
“खुद को साफ़ करो और घर जाओ , इस बात को ज्यादा सोचना नहीं मैं निकलता हु …”
मैंने अपनी बुलेट उठाई और हवेली की ओर बढ़ चला , मुझे लग रहा था जैसे लौडू नहीं मैं ही शैतान बन गया हु , मैंने अपने फायदे के लिए अब्दुल जैसे मासूम आदमी से ऐसा बड़ा पाप करवा दिया था , ग्लानी का भाव तो था लेकिन फिर भी इतना की मुझे फर्क नही पड़ रहा था ..
मैं सच में एक शैतान बन गया था …………
शानदार जबरदस्त भाई
 

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अध्याय 12
जब सुबह नींद खुली तो लगा जैसे मैं किसी सपने से जागा हु , कल जो भी हुआ वो कुछ दिनों पहले तक तो मैं सोच भी नहीं सकता था , मैंने ये क्या कर दिया था …
सुबह नाश्ते के टेबल में पहुचने पर माहोल ही कुछ अलग था …
“मालकिन कुवर जी ने तो कल गजब ही कर दिया , सच में अब ये निदालपुर वाले हमशे टकराने से पहले 10 बार सोचेंगे …”
कालू वही अम्मा के पास खड़ा था
“हा बस बहुत हो गया , कल से बस यही रट लगाये हुए है …और तुम वंहा से सीधे घर क्यों नहीं आये कहा रुक गए थे …”
उन्होंने मेरी ओर देखा
“वो अम्मा मैं … बारिश बहुत तेज हो गई थी वो अब्दुल के ही टपरी में रुका हुआ था …”
उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा और कालू की ओर देखने लगी ..
“अब से कुवर को ही अपना मालिक मानो , मैं और कब तक ये सब देखूंगी , भूरेलाल ..”
उन्होंने आवाज दी ,
“जी मालकिन “ भूरेलाल प्रगट हुआ , भूरेलाल एक 50 साल की उम्र के आसपास का व्यक्ति था , समझ लो की इस हवेली का मुंशी था , अब्दुल अभी इसी के साथ काम कर रहा था ..
“भूरेलाल कुवर को हमारे सारे जमीन और कारोबार के बारे में समझा दो और हमारी पार्टी के मुख्य लोगो से भी इन्हें मिलाओ , अब सब इन्हें ही सम्हालना है “
“जी मालकिन “ भूरेलाल वही खड़ा हो गया था
“अम्मा कुछ जल्दी नही हो रहा … मतलब अभी तो मैं बच्चा ही हु “
मेरी बात सुनकर उन्होंने मुझे घुरा …
“तुम्हे अभी भी लगता है की तुम बच्चे हो ..??? कब तक आराम की जिंदगी जियोगे , ये सब तुम्हे ही देखना है , अभी से सीखना शुरू करो, फैसले लेने के लिए चीजो को समझाना भी तो पड़ता है , अब कल इतना मार काट करके आ गए , पुलिस को कौन सम्हालेगा सोचा है … जाओ भूरेलाल के साथ और काम देखो “
अम्मा इतना बोलकर फिर से नाश्ता करने लगी
वही मेरे पास बैठी अन्नू ये देख कर मुस्कुरा रही थी ..
“वाह कुवर जी आपके तो जलबे है “
उसने धीरे से कहा , और मैंने उसके पेट में चिमटी काट दी
“आउच “
“क्या हुआ ..??” अम्मा चौक गई
“कुछ नहीं लगता है चीटी है …”
“ओह अन्नू तुम्हारे पिता जी का फोन आया था तुम्हे बुलावा भेजा है , कल जब निशांत पार्टी ऑफिस जायेगा तो तुम्हे भी छोड़ देगा …”
अम्मा की बात सुनकर अन्नू का चहरा उतर गया
“आप मुझसे इतना जल्दी पीछा छुड़ाना चाहती है …”
उसकी आँखे गीली हो गई थी … अम्मा उसे देख कर मुस्कुराई और अपने पास बुला लिया , उन्होंने बड़े ही प्यार से उसके बालो में हाथ फेरा ..
“अरे बेटा , माता पिता से अगर ओलाद दूर हो जाए तो क्या उन्हें ख़ुशी मिलती है ?? तुम्हे भेज रही हु ताकि जल्दी से तुम्हे वापस यंहा ले आऊ और इस बार हमेशा के लिए “
अम्मा की बात सुनकर हम दोनों ही चोक गए थे …
“मेरी बहु बनेगी ना “ अम्मा ने बड़े प्यार से अन्नू से पूछा , अन्नू आश्चर्य से कभी मुझे कभी अम्मा को देखती रही और फिर लजा कर वंहा से भाग गई ..
लेकिन वंहा खड़े खड़े मेरी हालत ख़राब हो रही थी ..
“अम्मा हम बस अच्छे दोस्त है ..”
उन्होंने मुझे घुरा
“तो अच्छा ही है ना , ऐसे भी कहते है की पति पत्नी को दोस्तों की तरह रहना चाहिए .. तुम्हे कोई आपत्ति हो तो बता की अन्नू में क्या कमी है , और अगर नहीं बता सकता तो चुप ही रहा , मैं सुवालाल जी से बात आगे बढ़ाऊ ..”
अब मैं क्या कहता , मैं चुप ही रहा ..
“बधाई हो कुवर ..” कालू चहक उठा था साथ ही भूरेलाल भी …
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दिन भर मैं काम में ही व्यस्त रहा , शाम होते होते अब्दुल दिखाई पड़ा , मायूस चहरा लिए वो अपना काम कर रहा था ..
“तुम ठीक हो …” अब्दुल ने एक बार मुझे देखा और फिर से अपना सर झुका लिया
“अब्दुल कल हो भी हुआ वो …”
“मुझे आपसे कोई बात नहीं करनी है कुवर , मुझे अकेला छोड़ दीजिए .. मैं एक गरीब सामान्य का लड़का हु और आप इतने ताकतवर , आखिर मेरे बोलने से आपको फर्क भी क्या ही पड़ेगा “
वो अपने काम में व्यस्त हो गया …
मैं उसकी भावना समझ सकता था ,मैंने उसे कुछ भी और बोलना सही नहीं समझा और अपने काम में व्यस्त हो गया …
रात मैं अन्नू के कमरे में गया ..
“अम्मा ने जो भी बोला … क्या तुम भी इसके लिए तैयार हो ..”
अन्नू पहली बार मुझसे ऐसे शर्मा रही थी
“अरे यार तुम मेरे बचपन की दोस्त हो , और हमारे बीच वो भी हो चूका है जो एक पति पत्नी के बीच होता है , अब ऐसे क्यों शर्मा रही हो ..??”
वो कूदकर मेरे गले से लग गई , जिससे मैं बिस्तर में गिर पड़ा था , उसने बिना कुछ कहे मेरे होठो में होठ रख दिए …
“आई लव यु कुवर …. अम्मा की बात सुनकर दिल गार्डन गार्डन हो गया … मैं तो इसी डर में थी की मैं तुमसे जुदा हो जाउंगी लेकिन अब … अब तो तुम्हे मुझे जीवन भर झेलना होगा “
उसने फिर से मेरे होठो में होठ रख दिया और हम एक दूजे में समाते चले गए ….
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सुबह से हम शहर के लिए निकल पड़े , भूरेलाल और कालू भी मेरे साथ थे , उसके साथ ही कुछ और भी लोग थे अन्नू को उसके घर छोड़ने के बाद हम पार्टी ऑफिस में पहुचे , वंहा भूरेलाल ने कई लोगो से मेरा परिचय करवाया , यंहा मुझे पता चला की अम्मा कितनी पावरफुल है , वंहा से निकल कर हम फिर से गांव की ओर जा रहे थे , शाम होने को आई थी , मैं भी दिन भर के भागदौड से थक चूका था , और कार में बैठे बैठे ही झपकी ले रहा था ….तभी …
अचानक से सारी गाड़िया रुकी …
मेरी नीद टूट गई ..
“क्या हुआ भूरे …”
“मालिक सामने एक पेट टुटा पड़ा है , आप कार में ही रहिये …”
दूसरी कार से कुछ लोग उतर कर इधर उधर देखने लगे और तभी चारो ओर से गोलिया चलने लगी …
“कुवर झुक जाओ “
कालू ने मुझे पकड़ कर झुका दिया , चारो से कुछ देर तक गोलिया चलती रही …
कुछ लोग आये और मेरे कार का दरवाजा तोड़ने लगे कालू ने अपनी बन्दुक थाम ली लेकिन मैंने उसे शांत रहने का इशारा किया और कूद ही दरवाजा खोलकर बाहर निकल गया …
मैं अपने हाथ उपर करके खड़ा हो गया ..
“तुम ही कांति देवी के भतीजे हो ..”
सामने से एक आदमी बोला , मैंने हां में सर हिलाया
“पकड़ो इसे ..” दो लोग आकर मेरे पास खड़े हो गए ..
“कुवर …” कालू कुछ बोलने ही वाला था की मैंने उसे शांत रहने का इशारा किया
“फिक्र मत करो मुझे कुछ नहीं होगा .. मैं कल तक वापस आ जाऊंगा “
उन्होंने मुझे पकड़ कर अपनी गाड़ी में बिठा दिया था …………….
शानदार जबरदस्त भाई लाजवाब update bhai jann
 
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