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Adultery भाभियों का रहस्य

imdelta

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अध्याय 5

हवेली आने के बाद भी मैं थोडा बेचैन था , एक दोस्त मैंने खो दिया था और फिर गुंजन भाभी का नशा अभी तक हल्का हल्का सुरूर लिए मेरे जेहन में मंडरा रहा था ..
मैं अभी अपने कमरे में था की अन्नू वंहा पहुची
“अरे कुवर जी आप तो ईद के चाँद हो गए हो , सुबह से जो निकले अभी आ रहे हो “ उसने तंज कसते हुए कहा ..
मैं अभी अभी बिस्तर में लेटा ही था ..
“यार दिमाग मत खराब कर ऐसे भी आज सुबह से दिमाग का भोस…”
मैं इतना बोलते ही चुप हो गया
अन्नू अजीब निगाहों से मुझे देख रही थी
“क्या बोला तू …” उसने किसी खोजी की तरह सवाल किया
“कुछ भी तो नही .. बस आज अच्छा नहीं लग रहा “
“नही नही तूने गाली दी ..”
वो मेरे और करीब आ गई थी
“पागल है क्या मैं कभी गली देता हु क्या ?? अब अजीब सा लग रहा है “
मैंने बात को बदलते हुए कहा , लेकिन जैसे उसपर इसका कोई भी असर नहीं हुआ हो , वो मेरे पास ही आकर बैठ गई और मेरे सर को छूने लगी
“बुखार तो नहीं है , आखिर हुआ क्या है जो ऐसे खुन्नस में बैठे हो “
मैं थोड़ी देर चुप रहा , लेकिन अन्नू मेरी बहुत अच्छी दोस्त थी और वो मुझे बड़े ही परखी नजरो से देख रही थी , उससे मैं झूठ नहीं बोल सकता था लेकिन सच भी नहीं बोल सकता था ..
मैंने बीच का रास्ता अपनाने का सोचा ,,क्यों ना ऐसा सच बोला जाए की आधी बात ही बताई जाए
“वो यार मेरा अंकित से झगड़ा हो गया बस कुछ और नहीं , इसी बात को लेकर थोडा अजीब लग रहा है “
अन्नू अंकित से मिल चुकी थी , मेरे एकमात्र दोस्त को वो भी अच्छे से जानती थी
“अंकित से झगड़ा ??? इतने सालो से तुम दोनों को देख रही हु आज तक तो तुम कभी नहीं झगड़े .. आज आखिर क्या हो गया “
“कुछ नहीं यार वो गुंजन ….” इतना बोलकर मुझे आभास हुआ की मैं तो पूरा सच बता रहा हु , मैं वही चुप हो गया
“गुंजन क्या ??? गुंजन तो उसकी भाभी का नाम है ना “ उसने फिर डिटेक्टिव बनते हुए कहा
“हा गुंजन भाभी … कुछ नही बस वो शराब के लिए …तुझे तो पता है की मुझे यंहा की देशी शराब कितनी पसंद है , भाभी वो देने से मना कर रही थी तो .. बस यु ही झगड़ा सा हो गया “
मैंने अपने तरफ से बात बनाने की पूरी कोशिस की थी , लेकिन शायद मैं सफल ना हुआ
अन्नू मेरे पास आई और मेरे मुह को हल्का सा सुंघा
“शराब तो तूने पि हुई है … बात क्या है कुवर जी …”
उसकी बातो का मेरे पास जवाब नही था और मैं उसे सच नहीं बताना चाहता था
“कुछ नहीं यार तू भी ना .. चल थक गया हु सोने दे “
उसने मुझे अजीब अंदाज में देखा
“साले कितना सोयेगा तू , कल से सो ही तो रहा है “
“प्लीज यार सोने दे न “
उसने एक बार मुझे देखा और बिना कुछ बोले वंहा से चली गई ….
****************
शाम हो चुकी थी और शरीर में एक अजीब सी थकान महसूस कर रहा था ..फ्रेश होकर निचे आया तो वंहा अब्दुल अम्मा के पास खड़ा हुआ दिखा ,
“जब से आया है बस सोते ही रहता है तबियत तो ठीक है न तेरी “
मुझे देखते ही अम्मा ने कहा
“जी अम्मा ठीक है बस थोडा सुस्ती सी है “
“हम्म्म तुमने इसे काम के लिए कहा था ???”
उन्होंने फिर से सवाल दागा ..
“हा वो यंहा का लेखा जोखा करने के काम में इसे लगा देते हो अच्छा हो जाता , गरीब आदमी है और पढने में भी बहुत तेज है , हिसाब किताब अच्छे से देख लेगा “
अम्मा ने एक बार मुझे देखा और एक बार अब्द्ल को , मैंने आज तक किसी की सिफारिस नहीं की थी , उन्होंने हामी भर दी , अब्दुल की आँखों में कृतज्ञता के भाव थे , इस काम के साथ वो अपनी पढाई भी कर पायेगा , मुझे भी इस बात की ख़ुशी थी ….
कुछ देर बाद ही अनु भी वंहा आ गई ,
हम दोनों हेवली के ही बगीचे में बैठे थे ..
“तुम आज बहुत परेशान थे आखिर हुआ क्या है ..”
अन्नू के चहरे की मासूमियत में एक चिंता की लकीर खिंच गई थी ..
“कुछ भी तो नहीं … “
मैंने उसी बेतकल्लुफी के साथ कह दिया , उसने मेरे हाथो को अपने हाथो में ले लिया और मेरे हाथो पर एक किस कर दिया ..
“तुम्हे ऐसे देखा नहीं जाता , तुम हसते खेलते ही अच्छे लगते हो “
उसकी मासूम सी आँखों में पानी का एक कतरा था , हलके काजल लगी आँखों में वो पानी उसकी उज्जवल आँखों को और भी बढ़ी बना रही थी ..
मैंने भी उसके हाथो को चूमा और उसके आँखों में आये पानी को अपनी उंगली से साफ़ किया
तू पागल है क्या क्यों रो रही है , मैंने उसके गालो को सहलाते हुए कहा था ..
उसने एक बार मुझे देखा और हलके से मेरे होठो को चूम लिया , उसके इस कृत्य से मैं थोडा सा चौका ..
सालो से हम साथ थे और हमारे बीच एक गहरी दोस्ती भी थी , हमने एक दुसरे के साथ बहुत समय अकेले बिताया था , प्यार से एक दुसरे को छुवा था , बाते की थी लेकिन दोस्ती की दिवार को कभी लांघा नहीं था , ना ही कभी इस पवित्र रिश्ते को अपनी वासना से बर्बाद करने की कोशिस की थी ..
अन्नू ने मेरे होठो को चूमा था , अगर कोई दूसरा समय होता तो शायद मैं इसे उसके प्रेम की प्रतिक्रिया के रूप में स्वीकार कर लेता , लेकिन आज उसके चुम्मन में एक अजीब सी बात थी , उसके दिल की धड़कने बहुत ही तेज चल रही थी , उसकी चंचल आँखे आज शांत थी और मुझे ही घुर रही थी , उसके आँखों में मेरे लिए विश्वास और प्रेम के अलावा भी कुछ दिखाई पड़ रहा था , ये वो अन्नू नहीं थी जिसे मैं जानता था , ये थोड़ी बेचैन थी , कुछ तो हुआ था इसे ..
“तुम्हे क्या हुआ है …??”
मैंने थोड़े आश्चर्य में भरकर उसे पूछा …
वो चुप ही रही और मुझे ही देखते रही ..
“कुछ हो रहा है निशांत कुछ अजीब सा ,समझ नहीं आ रहा है की क्या हो रहा है , मैंने एक अजीब सा सपना देखा और ….”
वो चुप हो गयी उसके दिल की धड़कने बहुत तेज थी जो की मुझे बाजु में बैठ कर भी समझ आ रही थी ..
“क्या देखा अन्नू ..”
मैंने हलके से उससे कहा ..
“कैस बताऊ … यंहा की ओरते और उन्होंने मुझे …तुम्हारे साथ … छि नहीं मैं पागल हो गई हु “
उसने तुरंत जैसे खुद को सम्हाला और खड़ी हो कर जाने लगी , लेकिन मैंने उसका हाथ थाम लिया ..
“बताओ की तुमने क्या देखा और कब देखा “
मैंने उसे थोड़े कडक स्वर में कहा
“कल रात ही , सुबह मैंने उसे एक सपना समझ कर ध्यान नही दिया , लेकिन अब अजीब सी बेचैनी हो रही है , मेरे दिमाग में अजीब अजीब से ख्याल आ रहे है , दिन भर आँखों में बस …. छि मैं ये क्या सोच रही हु “
वो जैसे खुद को कंट्रोल करने की कोशिस कर रही थी ..
मुझे जैसे कुछ समझ आया कुछ ऐसा ही तो मेरे साथ भी हो रहा था , गुंजन भाभी को लेकर
“आँखों के सामने मेरा चहरा आ रहा है ???”
मेरी बात सुनकर उसने आश्चर्य से मेरी ओर देखा जैसे मैंने उसके दिल की बात कह दी हो ..
“मेरा हाथ छोडो निशांत हमें अब यंहा अकेले नहीं रहना चाहिए , मैं अपने दोस्ती के इस पावन रिश्ते को गन्दा नहीं कर सकती “
उसकी आवाज लडखडा रही थी वो लगभग रोते हुए बोली थी ,मैं उसकी तकलीफ समझ सकता था , एक तरफ नैतिकता और मेरे लिए उसकी दोस्ती की जंजीरे थी तो दूसरी तरफ मन में उठने वाला वो आकर्षण जो अजीब तरह से इतना ज्यादा था की आज मैं खुद अपना आपा खो चूका था , हमारे साथ कुछ तो गलत हुआ था , अन्नू की बात ही इस बात का जीता जगाता गवाह थी , क्या उसने भी वही देखा जो मैंने देखा ???
मैं उससे पूछना चाहता था लेकिन वो इतनी बेचैन थी की मुझे उसके उपर दया आई और उसके लिए चिंता भी होने लगी , अभी तो वो बहकी थी अगर मेरे अंदर भी वो आग जल जाती तो शायद वो हो जाता जो एक दोस्ती के रिश्ते में नहीं होना चाहिए …
मैंने उसका हाथ छोड़ दिया , लेकिन वो वंहा से गई नहीं , मैंने उसे देखा
“अगर मैं तुम्हारे साथ कुछ कर बैठू तो क्या तुम मुझे माफ़ करोगे “
उसने डबडबाई हुई आँखों से देखते हुए कहा , उसकी ऐसी हालत देख एक बार मेरा दिल भी रो पड़ा था …
“तुम्हारे लिए कुछ भी ..तुम जाकर ठन्डे पानी से नहाओ , ये सपना सिर्फ सपना नहीं है ..” मैं बस इतना बोल पाया ,उसने हां में सर हिलाया . मुस्कुराई और हवेली की ओर भाग गई ….

******************************
मैं बेचैन सा बगीचे में ही बैठा था कि मुझे अब्दुल आते हुए दिखाई दिया ..
“भाई धन्यवाद तुमने मेरी बड़ी मुश्किल हल कर दी “
“कोई नहीं यंहा रहकर पढाई कर और कलेक्टर बन , हमें भी तेरे उपर गर्ब होगा “
मेरी आत सुनकर वो मुस्कुराया
“पूरी कोशिस करूँगा … तुम चिंता में लग रहे हो ,क्या बात है , सुबह भी तुम्हारा अंकित से झगडा हो गया ??”
अब मैं उसे क्या बताता …
“तुम यंहा कब से हो …??” मैंने उससे सवाल किया
“जब मैं बहुत छोटा था तभी से मेरे अब्बू अम्मी यंहा कमाने आ गए थे “
“ओह … कुछ श्राप के बारे में जानते हो ??”
“श्राप …??” वो थोडा चौका फिर कुछ सोचने लगा और फिर बोल उठा
“हा सुना तो है की इस गांव में कोई श्राप है लेकिन वो क्या है ये कोई नहीं जानता , और कोई जानता भी हो तो बताता नहीं “
उसकी बात सुनकर मैं हँस पड़ा
“अगर बताता नहीं तो तुम्हे कैसे पता “ मैंने हँसते हुए कहा
“मेरे एक प्रोफ़ेसर ने मुझे बताया था , मनोविज्ञान और दर्शनशास्त्र के प्रकांड विद्वान , परामनोविज्ञान के ज्ञाता , डॉ चुन्नीलाल तिवारी यरवदा वाले … हमारे ही कालेज में मनोविज्ञान पढ़ाते है , और भुत प्रेतों में बहुत ही दिलचस्पी रखते है , यंहा आकर वो कोई शोध भी करने को कह रहे थे ….”
“डॉ चुन्नीलाल …???” मैं शख्स का नाम सुनकर तो लग ही नही रहा था की कोई विद्वान होगा
“हा लोग उन्हें डॉ चुतिया भी कहते है “
मैं उसका नाम सुनकर जोरो से हँस पड़ा
“अबे ये कैसा नाम है ..”
“भाई नाम में मत जा बहुत पहुची हुई चीज है डॉ चुतिया , और सपनो पर तो विशेष महारत है उनकी “
“सपनो पर …???” मैं एक बार को चौका
“हा मनोविज्ञान में सपनो का बहुत महत्व होता है , कभी कोई परेशानी हो तो बताना “
उसकी बात सुनकर मैं कुछ सोच में पड़ गया ..
“अच्छा मिलवा सकता है इस चुतिया से “
वो हँस पड़ा
“बिलकुल कल ही चल …”
अब्दुल जा चूका था और मैं फिर से अपने सोच में खो गया था , दो लोगो को एक सा सपना नहीं आ सकता , लेकिन अन्नू को क्या सपना आया है ये तो मुझे भी नहीं पता था , लेकिन इन दोनों सपनो में कुछ तो समानता थी और शायद ये सपने ही ना हो ..????
क्या मुझे इस डॉ चुतिया के पास जाना चाहिए …??
इसे कैसे पता की गांव में श्राप है , शायद इसे ये भी पता हो की वो श्राप क्या है ???
मैंने फैसला कर लिया ..
चलो मिल ही लेते है डॉ चूतिया से ………….

Jyada hi jldi aa gaye dr sa'b
 

Chutiyadr

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निशांत उर्फ़ कुंवर जी अब नए चोदू शैतान के चुदाई के व्यापार के पार्टनर बन गए है जिसका पहला मुनाफा अब्दुल रज़िया यानि माँ-बेटे की चुदाई के स्वरूप में सामने आया है अब आगे देखो ना जाने क्या क्या होगा और ना जाने कितने खुनी रिश्ते भंग होंगे व् कुंवारी सीलें टूटेंगी

बेहतरीन अपडेट अब मुकाबला बराबर का लग रहा है कभी निशांत जीता तो कभी शैतान 🤣

Fabulous update Dr sahab.....Paap punya ka khoob varnan kiya hai....abb ye shaitani chahat kuwar ko kahan takk le jayegi dekhte Hein....

Wah kya update diya hai...... shaitan se sidha panga.....


Aur daal par amma ko.laga diya.....




Wait for another update dr sahab

Sahi kaha aapne aaj Sunday hai to thoda free hu.. jaise time milega bada bada bhi likh denge :five:
Wo to aapki story ki aadat lag gayi hai​

Akhir lodu ne apna roop dikha hi diya....


Kya Maa chodi h abdul ki... kuwar Aur abdul dono ne milke.....


Gajab ka update....


Shaitan se pange k chakkar m abdul ki Maa chud gyi.....


Wait for another hot update....

:lol1:

Khud ke man par kaabu rakhna honga agar us Shakti ko harana hai to or agar hamara hero maze karna chahta hai to baat hi Alag hai fir :D

Iski saza milegi jaha tak hum galat nahi soch rahe hai :?:

Bas yahi dekhna baaki rah gaya tha, bahut badhiya :good:

Nice and lovely update....

Bahut hi behtarin updates…

Mast update comedy aur sex se bharpur, wah kya name diya hai lodu, gajab ki shakti hai kitne aaram se man me sex jag rha hai
सभी दोस्तों का धन्यवाद
 

Chutiyadr

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अंकित और गुंजन भाभी दोनो ही पत्थर पर जाकर बैठ जाते हैं और उस पत्थर की वजह से उनमें संबंध बन जाते है क्युकी वो एक बुरी आत्मा के चंगुल में है
वो बुरी आत्मा है और बुराई हमेशा ही अच्छाई पर भारी पड़ी है और वही निशांत के साथ हो रहा है । उसने जानबूझ कर गुंजन और अंकित को वहां लेकर आया जहां बुरी शक्तियों की जीत होनी ही थी ।
निशांत भले ही खुद पर नियंत्रण रखने की बात करे पर तांत्रिक का जादू तो चल ही गया । भाभी और देवर के बीच ऐसा रिश्ता कायम कर दिया जिसे उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था देखते हैं अब निशांत उस बुरी शक्ति पर कंट्रोल कर पाएगा या नहीं

निशांत के घर आने पी अम्मा ने उसे नादलपुर के लोगो के उत्पात और गुंजन भाभी के पति को छुड़ाने के लिए बोला नादलपुर के लोगो को मारकर उनके पति को छुड़ा लिया फिर अंकित और गुंजन भाभी को इस पत्थर की तरफ ले जाता है अब तो उस चामत्कारिक पत्थर पर कुछ बहुत ही मज़ेदार होने वाला है 😍... निशांत अन्नू का सहग़म व आपसी विश्वास बढ़ाने के लिए सम्भोग, अंकित व गुंजन भाभी का उन्हें देखना बढ़िया रहा

बेहतरी एक एक वर्ड सोच समझकर सही और सटीक लिखा है

haha nishant to am chudayi ki machina ban gya lagta hai aur saath mein ankit aur abdul ko bhi mila liya

Behtreen update

Nice update keep posting

:superb: :good: :perfect: awesome update hai dr sahab,
Behad hi shandaar, lajawab aur amazing update hai bhai,

Jaldi update do bhai

nice update. naamkaran bhi achcha kiya us shetan ka lodu 🤣. raziya ko chod dala lodu ke kehne par ,par galat waqt pe abdul aa gaya aur lodu ne usko bhi apne mayajal me fasake apni hi maa se sex karwa diya .

Behatareen. Romanchak update. Pratiksha agle rasprad update ki

Behtreen update

Mind-blowing update

Fantastic

kya baat hai kahaani badi jaldi bhaag rahi hai

shikaari ki bimari ki tarah ise bhi bich mai khade mod par band mat kar dena
:iamnew:
:help::help::help:

:injail::injail:

Nice update

Superb update 🔥🔥🔥🔥👍🙏

fantastic update Sir...............
I Love You GIF by Tyler Resty
सभी दोस्तों का धन्यवाद
 

Chutiyadr

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sahi.............

इंसान के आदत, स्वभाव और समाज में छाए पाप के बारे में संक्षिप्त रूप से बहुत सुंदर व्याख्या किया है आपने...

आपके कृतित्व को मेरा साधुवाद | 🙏

Awesome update and waiting for next

मन की शक्ति

बहुत बढ़िया


Shaandaar lajawab

Jyada hi jldi aa gaye dr sa'b
सभी दोस्तों का धन्यवाद
 

Chutiyadr

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अध्याय 12
जब सुबह नींद खुली तो लगा जैसे मैं किसी सपने से जागा हु , कल जो भी हुआ वो कुछ दिनों पहले तक तो मैं सोच भी नहीं सकता था , मैंने ये क्या कर दिया था …
सुबह नाश्ते के टेबल में पहुचने पर माहोल ही कुछ अलग था …
“मालकिन कुवर जी ने तो कल गजब ही कर दिया , सच में अब ये निदालपुर वाले हमशे टकराने से पहले 10 बार सोचेंगे …”
कालू वही अम्मा के पास खड़ा था
“हा बस बहुत हो गया , कल से बस यही रट लगाये हुए है …और तुम वंहा से सीधे घर क्यों नहीं आये कहा रुक गए थे …”
उन्होंने मेरी ओर देखा
“वो अम्मा मैं … बारिश बहुत तेज हो गई थी वो अब्दुल के ही टपरी में रुका हुआ था …”
उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा और कालू की ओर देखने लगी ..
“अब से कुवर को ही अपना मालिक मानो , मैं और कब तक ये सब देखूंगी , भूरेलाल ..”
उन्होंने आवाज दी ,
“जी मालकिन “ भूरेलाल प्रगट हुआ , भूरेलाल एक 50 साल की उम्र के आसपास का व्यक्ति था , समझ लो की इस हवेली का मुंशी था , अब्दुल अभी इसी के साथ काम कर रहा था ..
“भूरेलाल कुवर को हमारे सारे जमीन और कारोबार के बारे में समझा दो और हमारी पार्टी के मुख्य लोगो से भी इन्हें मिलाओ , अब सब इन्हें ही सम्हालना है “
“जी मालकिन “ भूरेलाल वही खड़ा हो गया था
“अम्मा कुछ जल्दी नही हो रहा … मतलब अभी तो मैं बच्चा ही हु “
मेरी बात सुनकर उन्होंने मुझे घुरा …
“तुम्हे अभी भी लगता है की तुम बच्चे हो ..??? कब तक आराम की जिंदगी जियोगे , ये सब तुम्हे ही देखना है , अभी से सीखना शुरू करो, फैसले लेने के लिए चीजो को समझाना भी तो पड़ता है , अब कल इतना मार काट करके आ गए , पुलिस को कौन सम्हालेगा सोचा है … जाओ भूरेलाल के साथ और काम देखो “
अम्मा इतना बोलकर फिर से नाश्ता करने लगी
वही मेरे पास बैठी अन्नू ये देख कर मुस्कुरा रही थी ..
“वाह कुवर जी आपके तो जलबे है “
उसने धीरे से कहा , और मैंने उसके पेट में चिमटी काट दी
“आउच “
“क्या हुआ ..??” अम्मा चौक गई
“कुछ नहीं लगता है चीटी है …”
“ओह अन्नू तुम्हारे पिता जी का फोन आया था तुम्हे बुलावा भेजा है , कल जब निशांत पार्टी ऑफिस जायेगा तो तुम्हे भी छोड़ देगा …”
अम्मा की बात सुनकर अन्नू का चहरा उतर गया
“आप मुझसे इतना जल्दी पीछा छुड़ाना चाहती है …”
उसकी आँखे गीली हो गई थी … अम्मा उसे देख कर मुस्कुराई और अपने पास बुला लिया , उन्होंने बड़े ही प्यार से उसके बालो में हाथ फेरा ..
“अरे बेटा , माता पिता से अगर ओलाद दूर हो जाए तो क्या उन्हें ख़ुशी मिलती है ?? तुम्हे भेज रही हु ताकि जल्दी से तुम्हे वापस यंहा ले आऊ और इस बार हमेशा के लिए “
अम्मा की बात सुनकर हम दोनों ही चोक गए थे …
“मेरी बहु बनेगी ना “ अम्मा ने बड़े प्यार से अन्नू से पूछा , अन्नू आश्चर्य से कभी मुझे कभी अम्मा को देखती रही और फिर लजा कर वंहा से भाग गई ..
लेकिन वंहा खड़े खड़े मेरी हालत ख़राब हो रही थी ..
“अम्मा हम बस अच्छे दोस्त है ..”
उन्होंने मुझे घुरा
“तो अच्छा ही है ना , ऐसे भी कहते है की पति पत्नी को दोस्तों की तरह रहना चाहिए .. तुम्हे कोई आपत्ति हो तो बता की अन्नू में क्या कमी है , और अगर नहीं बता सकता तो चुप ही रहा , मैं सुवालाल जी से बात आगे बढ़ाऊ ..”
अब मैं क्या कहता , मैं चुप ही रहा ..
“बधाई हो कुवर ..” कालू चहक उठा था साथ ही भूरेलाल भी …
***********************************
दिन भर मैं काम में ही व्यस्त रहा , शाम होते होते अब्दुल दिखाई पड़ा , मायूस चहरा लिए वो अपना काम कर रहा था ..
“तुम ठीक हो …” अब्दुल ने एक बार मुझे देखा और फिर से अपना सर झुका लिया
“अब्दुल कल हो भी हुआ वो …”
“मुझे आपसे कोई बात नहीं करनी है कुवर , मुझे अकेला छोड़ दीजिए .. मैं एक गरीब सामान्य का लड़का हु और आप इतने ताकतवर , आखिर मेरे बोलने से आपको फर्क भी क्या ही पड़ेगा “
वो अपने काम में व्यस्त हो गया …
मैं उसकी भावना समझ सकता था ,मैंने उसे कुछ भी और बोलना सही नहीं समझा और अपने काम में व्यस्त हो गया …
रात मैं अन्नू के कमरे में गया ..
“अम्मा ने जो भी बोला … क्या तुम भी इसके लिए तैयार हो ..”
अन्नू पहली बार मुझसे ऐसे शर्मा रही थी
“अरे यार तुम मेरे बचपन की दोस्त हो , और हमारे बीच वो भी हो चूका है जो एक पति पत्नी के बीच होता है , अब ऐसे क्यों शर्मा रही हो ..??”
वो कूदकर मेरे गले से लग गई , जिससे मैं बिस्तर में गिर पड़ा था , उसने बिना कुछ कहे मेरे होठो में होठ रख दिए …
“आई लव यु कुवर …. अम्मा की बात सुनकर दिल गार्डन गार्डन हो गया … मैं तो इसी डर में थी की मैं तुमसे जुदा हो जाउंगी लेकिन अब … अब तो तुम्हे मुझे जीवन भर झेलना होगा “
उसने फिर से मेरे होठो में होठ रख दिया और हम एक दूजे में समाते चले गए ….
*************************************
सुबह से हम शहर के लिए निकल पड़े , भूरेलाल और कालू भी मेरे साथ थे , उसके साथ ही कुछ और भी लोग थे अन्नू को उसके घर छोड़ने के बाद हम पार्टी ऑफिस में पहुचे , वंहा भूरेलाल ने कई लोगो से मेरा परिचय करवाया , यंहा मुझे पता चला की अम्मा कितनी पावरफुल है , वंहा से निकल कर हम फिर से गांव की ओर जा रहे थे , शाम होने को आई थी , मैं भी दिन भर के भागदौड से थक चूका था , और कार में बैठे बैठे ही झपकी ले रहा था ….तभी …
अचानक से सारी गाड़िया रुकी …
मेरी नीद टूट गई ..
“क्या हुआ भूरे …”
“मालिक सामने एक पेट टुटा पड़ा है , आप कार में ही रहिये …”
दूसरी कार से कुछ लोग उतर कर इधर उधर देखने लगे और तभी चारो ओर से गोलिया चलने लगी …
“कुवर झुक जाओ “
कालू ने मुझे पकड़ कर झुका दिया , चारो से कुछ देर तक गोलिया चलती रही …
कुछ लोग आये और मेरे कार का दरवाजा तोड़ने लगे कालू ने अपनी बन्दुक थाम ली लेकिन मैंने उसे शांत रहने का इशारा किया और कूद ही दरवाजा खोलकर बाहर निकल गया …
मैं अपने हाथ उपर करके खड़ा हो गया ..
“तुम ही कांति देवी के भतीजे हो ..”
सामने से एक आदमी बोला , मैंने हां में सर हिलाया
“पकड़ो इसे ..” दो लोग आकर मेरे पास खड़े हो गए ..
“कुवर …” कालू कुछ बोलने ही वाला था की मैंने उसे शांत रहने का इशारा किया
“फिक्र मत करो मुझे कुछ नहीं होगा .. मैं कल तक वापस आ जाऊंगा “
उन्होंने मुझे पकड़ कर अपनी गाड़ी में बिठा दिया था …………….
 

Rekha rani

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अध्याय 12
जब सुबह नींद खुली तो लगा जैसे मैं किसी सपने से जागा हु , कल जो भी हुआ वो कुछ दिनों पहले तक तो मैं सोच भी नहीं सकता था , मैंने ये क्या कर दिया था …
सुबह नाश्ते के टेबल में पहुचने पर माहोल ही कुछ अलग था …
“मालकिन कुवर जी ने तो कल गजब ही कर दिया , सच में अब ये निदालपुर वाले हमशे टकराने से पहले 10 बार सोचेंगे …”
कालू वही अम्मा के पास खड़ा था
“हा बस बहुत हो गया , कल से बस यही रट लगाये हुए है …और तुम वंहा से सीधे घर क्यों नहीं आये कहा रुक गए थे …”
उन्होंने मेरी ओर देखा
“वो अम्मा मैं … बारिश बहुत तेज हो गई थी वो अब्दुल के ही टपरी में रुका हुआ था …”
उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा और कालू की ओर देखने लगी ..
“अब से कुवर को ही अपना मालिक मानो , मैं और कब तक ये सब देखूंगी , भूरेलाल ..”
उन्होंने आवाज दी ,
“जी मालकिन “ भूरेलाल प्रगट हुआ , भूरेलाल एक 50 साल की उम्र के आसपास का व्यक्ति था , समझ लो की इस हवेली का मुंशी था , अब्दुल अभी इसी के साथ काम कर रहा था ..
“भूरेलाल कुवर को हमारे सारे जमीन और कारोबार के बारे में समझा दो और हमारी पार्टी के मुख्य लोगो से भी इन्हें मिलाओ , अब सब इन्हें ही सम्हालना है “
“जी मालकिन “ भूरेलाल वही खड़ा हो गया था
“अम्मा कुछ जल्दी नही हो रहा … मतलब अभी तो मैं बच्चा ही हु “
मेरी बात सुनकर उन्होंने मुझे घुरा …
“तुम्हे अभी भी लगता है की तुम बच्चे हो ..??? कब तक आराम की जिंदगी जियोगे , ये सब तुम्हे ही देखना है , अभी से सीखना शुरू करो, फैसले लेने के लिए चीजो को समझाना भी तो पड़ता है , अब कल इतना मार काट करके आ गए , पुलिस को कौन सम्हालेगा सोचा है … जाओ भूरेलाल के साथ और काम देखो “
अम्मा इतना बोलकर फिर से नाश्ता करने लगी
वही मेरे पास बैठी अन्नू ये देख कर मुस्कुरा रही थी ..
“वाह कुवर जी आपके तो जलबे है “
उसने धीरे से कहा , और मैंने उसके पेट में चिमटी काट दी
“आउच “
“क्या हुआ ..??” अम्मा चौक गई
“कुछ नहीं लगता है चीटी है …”
“ओह अन्नू तुम्हारे पिता जी का फोन आया था तुम्हे बुलावा भेजा है , कल जब निशांत पार्टी ऑफिस जायेगा तो तुम्हे भी छोड़ देगा …”
अम्मा की बात सुनकर अन्नू का चहरा उतर गया
“आप मुझसे इतना जल्दी पीछा छुड़ाना चाहती है …”
उसकी आँखे गीली हो गई थी … अम्मा उसे देख कर मुस्कुराई और अपने पास बुला लिया , उन्होंने बड़े ही प्यार से उसके बालो में हाथ फेरा ..
“अरे बेटा , माता पिता से अगर ओलाद दूर हो जाए तो क्या उन्हें ख़ुशी मिलती है ?? तुम्हे भेज रही हु ताकि जल्दी से तुम्हे वापस यंहा ले आऊ और इस बार हमेशा के लिए “
अम्मा की बात सुनकर हम दोनों ही चोक गए थे …
“मेरी बहु बनेगी ना “ अम्मा ने बड़े प्यार से अन्नू से पूछा , अन्नू आश्चर्य से कभी मुझे कभी अम्मा को देखती रही और फिर लजा कर वंहा से भाग गई ..
लेकिन वंहा खड़े खड़े मेरी हालत ख़राब हो रही थी ..
“अम्मा हम बस अच्छे दोस्त है ..”
उन्होंने मुझे घुरा
“तो अच्छा ही है ना , ऐसे भी कहते है की पति पत्नी को दोस्तों की तरह रहना चाहिए .. तुम्हे कोई आपत्ति हो तो बता की अन्नू में क्या कमी है , और अगर नहीं बता सकता तो चुप ही रहा , मैं सुवालाल जी से बात आगे बढ़ाऊ ..”
अब मैं क्या कहता , मैं चुप ही रहा ..
“बधाई हो कुवर ..” कालू चहक उठा था साथ ही भूरेलाल भी …
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दिन भर मैं काम में ही व्यस्त रहा , शाम होते होते अब्दुल दिखाई पड़ा , मायूस चहरा लिए वो अपना काम कर रहा था ..
“तुम ठीक हो …” अब्दुल ने एक बार मुझे देखा और फिर से अपना सर झुका लिया
“अब्दुल कल हो भी हुआ वो …”
“मुझे आपसे कोई बात नहीं करनी है कुवर , मुझे अकेला छोड़ दीजिए .. मैं एक गरीब सामान्य का लड़का हु और आप इतने ताकतवर , आखिर मेरे बोलने से आपको फर्क भी क्या ही पड़ेगा “
वो अपने काम में व्यस्त हो गया …
मैं उसकी भावना समझ सकता था ,मैंने उसे कुछ भी और बोलना सही नहीं समझा और अपने काम में व्यस्त हो गया …
रात मैं अन्नू के कमरे में गया ..
“अम्मा ने जो भी बोला … क्या तुम भी इसके लिए तैयार हो ..”
अन्नू पहली बार मुझसे ऐसे शर्मा रही थी
“अरे यार तुम मेरे बचपन की दोस्त हो , और हमारे बीच वो भी हो चूका है जो एक पति पत्नी के बीच होता है , अब ऐसे क्यों शर्मा रही हो ..??”
वो कूदकर मेरे गले से लग गई , जिससे मैं बिस्तर में गिर पड़ा था , उसने बिना कुछ कहे मेरे होठो में होठ रख दिए …
“आई लव यु कुवर …. अम्मा की बात सुनकर दिल गार्डन गार्डन हो गया … मैं तो इसी डर में थी की मैं तुमसे जुदा हो जाउंगी लेकिन अब … अब तो तुम्हे मुझे जीवन भर झेलना होगा “
उसने फिर से मेरे होठो में होठ रख दिया और हम एक दूजे में समाते चले गए ….
*************************************
सुबह से हम शहर के लिए निकल पड़े , भूरेलाल और कालू भी मेरे साथ थे , उसके साथ ही कुछ और भी लोग थे अन्नू को उसके घर छोड़ने के बाद हम पार्टी ऑफिस में पहुचे , वंहा भूरेलाल ने कई लोगो से मेरा परिचय करवाया , यंहा मुझे पता चला की अम्मा कितनी पावरफुल है , वंहा से निकल कर हम फिर से गांव की ओर जा रहे थे , शाम होने को आई थी , मैं भी दिन भर के भागदौड से थक चूका था , और कार में बैठे बैठे ही झपकी ले रहा था ….तभी …
अचानक से सारी गाड़िया रुकी …
मेरी नीद टूट गई ..
“क्या हुआ भूरे …”
“मालिक सामने एक पेट टुटा पड़ा है , आप कार में ही रहिये …”
दूसरी कार से कुछ लोग उतर कर इधर उधर देखने लगे और तभी चारो ओर से गोलिया चलने लगी …
“कुवर झुक जाओ “
कालू ने मुझे पकड़ कर झुका दिया , चारो से कुछ देर तक गोलिया चलती रही …
कुछ लोग आये और मेरे कार का दरवाजा तोड़ने लगे कालू ने अपनी बन्दुक थाम ली लेकिन मैंने उसे शांत रहने का इशारा किया और कूद ही दरवाजा खोलकर बाहर निकल गया …
मैं अपने हाथ उपर करके खड़ा हो गया ..
“तुम ही कांति देवी के भतीजे हो ..”
सामने से एक आदमी बोला , मैंने हां में सर हिलाया
“पकड़ो इसे ..” दो लोग आकर मेरे पास खड़े हो गए ..
“कुवर …” कालू कुछ बोलने ही वाला था की मैंने उसे शांत रहने का इशारा किया
“फिक्र मत करो मुझे कुछ नहीं होगा .. मैं कल तक वापस आ जाऊंगा “
उन्होंने मुझे पकड़ कर अपनी गाड़ी में बिठा दिया था …………….
Badiya update lagta hai nishant wha apne shakti ke jor pr kuchh utpat macha kr aayega sex ka
 

Tiger 786

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अध्याय 12
जब सुबह नींद खुली तो लगा जैसे मैं किसी सपने से जागा हु , कल जो भी हुआ वो कुछ दिनों पहले तक तो मैं सोच भी नहीं सकता था , मैंने ये क्या कर दिया था …
सुबह नाश्ते के टेबल में पहुचने पर माहोल ही कुछ अलग था …
“मालकिन कुवर जी ने तो कल गजब ही कर दिया , सच में अब ये निदालपुर वाले हमशे टकराने से पहले 10 बार सोचेंगे …”
कालू वही अम्मा के पास खड़ा था
“हा बस बहुत हो गया , कल से बस यही रट लगाये हुए है …और तुम वंहा से सीधे घर क्यों नहीं आये कहा रुक गए थे …”
उन्होंने मेरी ओर देखा
“वो अम्मा मैं … बारिश बहुत तेज हो गई थी वो अब्दुल के ही टपरी में रुका हुआ था …”
उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा और कालू की ओर देखने लगी ..
“अब से कुवर को ही अपना मालिक मानो , मैं और कब तक ये सब देखूंगी , भूरेलाल ..”
उन्होंने आवाज दी ,
“जी मालकिन “ भूरेलाल प्रगट हुआ , भूरेलाल एक 50 साल की उम्र के आसपास का व्यक्ति था , समझ लो की इस हवेली का मुंशी था , अब्दुल अभी इसी के साथ काम कर रहा था ..
“भूरेलाल कुवर को हमारे सारे जमीन और कारोबार के बारे में समझा दो और हमारी पार्टी के मुख्य लोगो से भी इन्हें मिलाओ , अब सब इन्हें ही सम्हालना है “
“जी मालकिन “ भूरेलाल वही खड़ा हो गया था
“अम्मा कुछ जल्दी नही हो रहा … मतलब अभी तो मैं बच्चा ही हु “
मेरी बात सुनकर उन्होंने मुझे घुरा …
“तुम्हे अभी भी लगता है की तुम बच्चे हो ..??? कब तक आराम की जिंदगी जियोगे , ये सब तुम्हे ही देखना है , अभी से सीखना शुरू करो, फैसले लेने के लिए चीजो को समझाना भी तो पड़ता है , अब कल इतना मार काट करके आ गए , पुलिस को कौन सम्हालेगा सोचा है … जाओ भूरेलाल के साथ और काम देखो “
अम्मा इतना बोलकर फिर से नाश्ता करने लगी
वही मेरे पास बैठी अन्नू ये देख कर मुस्कुरा रही थी ..
“वाह कुवर जी आपके तो जलबे है “
उसने धीरे से कहा , और मैंने उसके पेट में चिमटी काट दी
“आउच “
“क्या हुआ ..??” अम्मा चौक गई
“कुछ नहीं लगता है चीटी है …”
“ओह अन्नू तुम्हारे पिता जी का फोन आया था तुम्हे बुलावा भेजा है , कल जब निशांत पार्टी ऑफिस जायेगा तो तुम्हे भी छोड़ देगा …”
अम्मा की बात सुनकर अन्नू का चहरा उतर गया
“आप मुझसे इतना जल्दी पीछा छुड़ाना चाहती है …”
उसकी आँखे गीली हो गई थी … अम्मा उसे देख कर मुस्कुराई और अपने पास बुला लिया , उन्होंने बड़े ही प्यार से उसके बालो में हाथ फेरा ..
“अरे बेटा , माता पिता से अगर ओलाद दूर हो जाए तो क्या उन्हें ख़ुशी मिलती है ?? तुम्हे भेज रही हु ताकि जल्दी से तुम्हे वापस यंहा ले आऊ और इस बार हमेशा के लिए “
अम्मा की बात सुनकर हम दोनों ही चोक गए थे …
“मेरी बहु बनेगी ना “ अम्मा ने बड़े प्यार से अन्नू से पूछा , अन्नू आश्चर्य से कभी मुझे कभी अम्मा को देखती रही और फिर लजा कर वंहा से भाग गई ..
लेकिन वंहा खड़े खड़े मेरी हालत ख़राब हो रही थी ..
“अम्मा हम बस अच्छे दोस्त है ..”
उन्होंने मुझे घुरा
“तो अच्छा ही है ना , ऐसे भी कहते है की पति पत्नी को दोस्तों की तरह रहना चाहिए .. तुम्हे कोई आपत्ति हो तो बता की अन्नू में क्या कमी है , और अगर नहीं बता सकता तो चुप ही रहा , मैं सुवालाल जी से बात आगे बढ़ाऊ ..”
अब मैं क्या कहता , मैं चुप ही रहा ..
“बधाई हो कुवर ..” कालू चहक उठा था साथ ही भूरेलाल भी …
***********************************
दिन भर मैं काम में ही व्यस्त रहा , शाम होते होते अब्दुल दिखाई पड़ा , मायूस चहरा लिए वो अपना काम कर रहा था ..
“तुम ठीक हो …” अब्दुल ने एक बार मुझे देखा और फिर से अपना सर झुका लिया
“अब्दुल कल हो भी हुआ वो …”
“मुझे आपसे कोई बात नहीं करनी है कुवर , मुझे अकेला छोड़ दीजिए .. मैं एक गरीब सामान्य का लड़का हु और आप इतने ताकतवर , आखिर मेरे बोलने से आपको फर्क भी क्या ही पड़ेगा “
वो अपने काम में व्यस्त हो गया …
मैं उसकी भावना समझ सकता था ,मैंने उसे कुछ भी और बोलना सही नहीं समझा और अपने काम में व्यस्त हो गया …
रात मैं अन्नू के कमरे में गया ..
“अम्मा ने जो भी बोला … क्या तुम भी इसके लिए तैयार हो ..”
अन्नू पहली बार मुझसे ऐसे शर्मा रही थी
“अरे यार तुम मेरे बचपन की दोस्त हो , और हमारे बीच वो भी हो चूका है जो एक पति पत्नी के बीच होता है , अब ऐसे क्यों शर्मा रही हो ..??”
वो कूदकर मेरे गले से लग गई , जिससे मैं बिस्तर में गिर पड़ा था , उसने बिना कुछ कहे मेरे होठो में होठ रख दिए …
“आई लव यु कुवर …. अम्मा की बात सुनकर दिल गार्डन गार्डन हो गया … मैं तो इसी डर में थी की मैं तुमसे जुदा हो जाउंगी लेकिन अब … अब तो तुम्हे मुझे जीवन भर झेलना होगा “
उसने फिर से मेरे होठो में होठ रख दिया और हम एक दूजे में समाते चले गए ….
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सुबह से हम शहर के लिए निकल पड़े , भूरेलाल और कालू भी मेरे साथ थे , उसके साथ ही कुछ और भी लोग थे अन्नू को उसके घर छोड़ने के बाद हम पार्टी ऑफिस में पहुचे , वंहा भूरेलाल ने कई लोगो से मेरा परिचय करवाया , यंहा मुझे पता चला की अम्मा कितनी पावरफुल है , वंहा से निकल कर हम फिर से गांव की ओर जा रहे थे , शाम होने को आई थी , मैं भी दिन भर के भागदौड से थक चूका था , और कार में बैठे बैठे ही झपकी ले रहा था ….तभी …
अचानक से सारी गाड़िया रुकी …
मेरी नीद टूट गई ..
“क्या हुआ भूरे …”
“मालिक सामने एक पेट टुटा पड़ा है , आप कार में ही रहिये …”
दूसरी कार से कुछ लोग उतर कर इधर उधर देखने लगे और तभी चारो ओर से गोलिया चलने लगी …
“कुवर झुक जाओ “
कालू ने मुझे पकड़ कर झुका दिया , चारो से कुछ देर तक गोलिया चलती रही …
कुछ लोग आये और मेरे कार का दरवाजा तोड़ने लगे कालू ने अपनी बन्दुक थाम ली लेकिन मैंने उसे शांत रहने का इशारा किया और कूद ही दरवाजा खोलकर बाहर निकल गया …
मैं अपने हाथ उपर करके खड़ा हो गया ..
“तुम ही कांति देवी के भतीजे हो ..”
सामने से एक आदमी बोला , मैंने हां में सर हिलाया
“पकड़ो इसे ..” दो लोग आकर मेरे पास खड़े हो गए ..
“कुवर …” कालू कुछ बोलने ही वाला था की मैंने उसे शांत रहने का इशारा किया
“फिक्र मत करो मुझे कुछ नहीं होगा .. मैं कल तक वापस आ जाऊंगा “
उन्होंने मुझे पकड़ कर अपनी गाड़ी में बिठा दिया था …………….
Lazwaab update
 
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