डॉ साहब की कहानी और
Naina जी की गैरमौजूदगी थोड़ा अखड़ता सा है ।
खैर , डॉ साहब ! आप की पिछली तीनों कहानी की शुरुआत काफी अच्छी रही थी । चालीस - पचास अपडेट्स तक सब कुछ " वाह वाह " रहा था पर जैसे ही डाक्टर चुन्नीलाल करवदा की एंट्री हुई , कहानी अपने लक्ष्य से भटक गई । इसलिए मैं चाहता हूं इस कहानी में , अगर चुन्नीलाल की मौजूदगी जरूरी ही है तो बस एक मेंटर , पथ प्रदर्शक , एक बेहतरीन मनोबैज्ञानिक डॉ , एक कुलपति की तरह रहे ।
सेक्सुअल सम्बन्ध तो हर्गिज ही न करें । यह काम निशांत के लिए छोड़ दें । क्योंकि वही इस कहानी का नायक प्रतीक होता है ।
आप की लेखनी के तो हम बहुत पहले से ही कायल हैं । बहुतों लोगों ने आप से इंस्पायर्ड होकर लिखना शुरू किया होगा । और मैं खुद आपसे बहुत कुछ सीखा हूं ।
कहानी और अपडेट्स की बात करें तो अभी ज्यादा नहीं कह सकते क्योंकि अभी कहानी शुरूआती चरण में है । हां , ऐसा जरूर लगता है यह कहानी एक ऐसे गांव की है जहां रूढ़िवादी समाज और तंत्र मंत्र में यकीन रखने वाले लोग भरे हुए हैं । और इसी का फायदा उठाकर कूंवर जी अपनी सेक्सुअल जर्नी का लुत्फ उठायेंगे ।
" भाभियों का रहस्य " कहानी का शीर्षक है तो जाहिर है कुछ सस्पेंस की मौजूदगी भी जरूर होगी ।
सभी अपडेट्स बेहद ही शानदार थे डॉ साहब ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग एंड ब्रिलिएंट ।