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Adultery भाभियों का रहस्य

Chutiyadr

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pehla hi update romanch se bhara hua .
to hero ka naam nishant hai jiske maa baap ki maut ho gayi hai aur wo apni bua ke paas rehta hai ,aur ab shahar me padhai kar raha hai .
bua kaafi amir hai aur unka eklauta vaaris nishant hi banega par usko jyada dilchaspi nahi .
amma se darta bahut hai nishant jisme ek respect bhi hai 😍😍..

aur ab ye annu ke saath gaon ghumte ghumte kya dekh liya :shocked:. gaon ki hi kuch aurte nanga nach rahi thi aag ke saamne ,kya wo koi shaitani kriya kar rahi thi ya kuch aur .

aur hero ko dekhte hi laathi leke maarne daud padi . kya hero iske pichhe ka raaz jaanne ki koshish karega .
dhanywad leon bhai :)
 

Chutiyadr

Well-Known Member
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शानदार शुरुआत ।
आप जैसे कुछ एक लेखक हैं जिनकी कहानी खासकर हिन्दी लिपि में, तो पढ़ते समय कहानी के पात्रों को खुद के सामने अनुभव करता हूँ । और ऐसा लगता है कि एक बार कहानी शुरू करूँ तो अंत करके ही दम लूँ । इसलिए हम पाठकों को अगले कड़ी की तीव्र प्रतीक्षा रहती है बिना पढ़े अधूरा-सा लगता है । धन्यवाद !
dhanywad bhai :)
 

Chutiyadr

Well-Known Member
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अध्याय 2
हमारी सांसे फुल चुकी थी , हमने जो देखा था वो क्या था इसका हमें जरा भी इल्म नहीं था , हमने पीछे मुड कर देखने की बिलकुल भी जहमत नहीं उठाई हम सीधे भागते ही चले गए और सीधे हवेली में जाकर रुके , हवेली में भी हम सीधे मेरे कमरे में घुस गए …
थोड़ी देर तक हममे से किसी ने कुछ भी नहीं कहा
जब थोड़ी सांसे सामान्य हुई तो मैंने अपने कमरे की खिड़की से बाहर की ओर देखा
“अन्नू यंहा देखो “
अन्नू मेरे साथ बाहर देखने लगी , निचे कुछ महिलाये अम्मा के साथ खड़ी थी , वो चिंतित लग रही थी साथ ही अम्मा भी , मैंने ध्यान से देखा तो ..
“ये तो वही है जो नदी में थी “
अन्नू ने भी हां में सर हिलाया तभी अम्मा समेत सभी का सर उठा और सभी मेरे कमरे की ओर ही देखने लगे , हम दोनों ने ही झट से अपना सर अन्दर खिंच लिया
“यार ये हो क्या रहा है …ओरते नंगी होकर नाच रही है वो भी अजीब तरीके से , और कुछ उनकी पहरेदारी कर रही है , वही ये सभी अब अम्मा के पास भी आ गई , अम्मा भी चिंतित लग रही है “
मैं तेज कदमो से अपने कमरे में चहलकदमी करने लगा ..
थोड़ी ही देर हुई थी की हमारे कमरे में दस्तक हुई , अन्नू ने दरवाजा खोला ये कामिनी भाभी थी , हमारे हवेली में ही काम करने वाले बाबूलाल की बीवी , कोई 25 साल की कामिनी देखने में बहुत ही आकर्षक और तीखे नयन नक्स वाली थी , हल्का गदराया सांवला जिस्म और चंचल आँखे उसे और भी आकर्षक बनाते , वो अकसर ही मुझसे मजाक किया करती कभी कभी गालो को खिंच देती तो कभी मेरे कुलहो पर चपत मार देती , उनकी बातो में भी एक मादकता हमेशा ही रहती ,आज भी वो उसी अजीब सी मुस्कान के साथ हमारे सामने खड़ी थी …
“आपको अम्मा ने बुलाया है “
उसने अन्नू की ओर्र देखते हुए कहा ..
“म म मुझे …” उनकी बात को सुनकर अन्नू थोड़ी हडबडाई …
“जी आपको … चलिए “
अन्नू उसके साथ जाने को हुई
“मैं भी चलता हु ..”
मैंने भी तुरंत कहा
“अरे कुवर जी आप कहा चले , अम्मा ने अन्नू को बुलाया है वो भी अकेले में .. आपकी सेवा करने हम है ना , कहो तो रुक जाती हु “
कामिनी भाभी की बात सुनकर मैंने थोडा सकपकाया
“नहीं मैं ठीक हु .., अन्नू तुम जाओ मैं इन्त्त्जार कर रहा हु “
मेरी हालत देख कर कामिनी मुस्कुराई और अन्नू उनके साथ चली गई …
मैं बेचैन सा अपने कमरे में ही बैठा रहा कोई आधे घंटे के बाद अन्नू वापस आई , उसका चहरा पीला पड़ा हुआ था …
“क्या हुआ क्या कहा अम्मा ने ..”
अन्नू ने एक बार मुझे देखा लेकिन वो कुछ बोली नहीं बल्कि सीधे जाकर बिस्तर में बैठ गयी
“अरे बताओगी भी की आखिर क्या कहा अम्मा ने …?”
मैं भी उसके बाजु में जाकर बैठ गया , उसने एक बार मुझे देखा
“कैसे बताऊ कुछ समझ नहीं आ रहा है ….”
वो अपना सर पकड़ कर बैठ गयी
“तुम बताओ तो सही …जो भी हो मैं तुम्हारे साथ हु “
मैंने उसका हाथ अपने हाथो में ले लिया , उसने फिर से मुझे देखा उसकी आँखे गीली थी ,डबडबाई हुई आँखों से कुछ सेकण्ड के लिए वो मुझे देखने लगी
“निशांत तुम मेरे सबसे अच्छे दोस्त हो “
वो मेरे गले से लग गई , मैं भी उसकी पीठ सहलाने लगा
“हा ये कोई बोलने की बात है क्या ??”
इस बार उसके चहरे में एक मुस्कान आई
“नहीं ये कोई बोलने की बात नहीं है लेकिन अब ये मुझे बोलना होगा क्योकि अब हमें हमारी दोस्ती से उपर एक काम करना होगा …”
वो फिर से चुप हो गई ..
उसकी रहस्य मयी बात सुनकर मैं सोच में पड़ गया की आखिर ऐसी कौन सी बात हो गई ,
मैंने उसके हाथो को अपने दोनों हाथो से थाम लिया और उसकी आँखों में देखने लगा
“जो भी हो मैं तुम्हारे लिए सब कुछ करने को तैयार हु , तुम फिक्र मत करो .. मैं तुम्हारे उपर कोई भी मुसीबत नहीं आने दूंगा , चाहे तो अम्मा से भी लड़ जाऊंगा “
मेरी बात सुनकर उसके होठो में हल्की सी मुस्कान आई और आँखों में हल्का आंसू
“ये तुम्हे मेरे लिए नहीं निशांत इस गांव के लिए करना होगा “
अन्नू ने मेरे गाल को सहलाते हुए कहा
“साफ साफ बताओ की आखिर बात क्या है ??”
वो कुछ देर के लिए चुप रही फिर एक गहरी साँस ली
“हम दोनों को सम्भोग करना होगा निशांत “
अन्नू ने एक ही साँस में ये कहा
“क्या ???” मैंने जो सुना मुझे उसपर विश्वास भी नहीं हो रहा था ,शायद मैंने कुछ गलत सुन लिया था
“क्या कहा तुमने ??”
“वही जो तुमने सुना , हमें सम्भोग करना होगा , सम्भोग का मतलब तो तुम समझते ही होगे “
अन्नू की नजरे नीचे थी , हम दोनों बचपन के दोस्त थे , साथ खेले थे सुख दुःख में एक साथ खड़े हुए , मेरे मन में उसे लेकर कभी ऐसी भावना नहीं आई थी , वो मेरी बहन तो नहीं थी लेकिन उससे कम भी ना थी ..
वो हमेशा से ही मेरी हमसाथी रही थी …
मैं अब जवान था वो भी जवान थी , जवानी की दहलीज पर आकर मन में कुछ तरंगो का उठाना लाजमी था, मेरे मन में भी ऐसी तरंगे उठती , कुछ लडकिया भी थी जिन्हें मैं पसंद करने लगा था , लेकिन उसके साथ … ये सोच कर ही मेरा दिल जोरो से धडकने लगा था ..
“तुम ये क्या बकवास कर रही हो ..??”
मेरा स्वर लड़खड़ाने लगा था , हडबडाहट और बेचैनी ने मेरे मन को घेर लिया था
“सच कह रही हु , सबसे पहले मेरे साथ और फिर …”
वो फिर से रुक गई ..
“और फिर क्या अन्नू “
अन्नू की नजरे अभी भी जमीन को घूरे जा रही थी ..
उसने फिर से एक गहरी साँस ली जैसे वो किसी चीज के लिए हिम्मत जुटा रही हो ..
“मेरी बात ध्यान से सुनो निशांत , तुम अब एक सामान्य लड़के नहीं हो , तुम इस गांव के भविष्य हो , इस गांव को एक श्राप लगा है जिसके कारण कई सालो से यंहा किसी की कोई ओलाद नहीं हुई , जो बेटिया इस गांव से बाहर ब्याही गई बस उन्हें ही संतान का सुख मिला , यंहा आने वाली बहुओ को ना संतान का सुख मिल पाया ना ही ओरत होने का जिस्मानी सुख जो उन्हें उनके पति से सम्भोग से मिलना था …
यंहा जो भी बच्चा या जवान तुम्हे दिखाई पड़ते है सभी बाहर के रहने वाले है या फिर यहाँ की बेटियों की संताने है जिनका ब्याह बाहर हुआ है , और ये बात सभी को पता है , इस श्राप से मुक्ति के लिए यंहा की सभी ओरते जो यंहा की बहुए है वो सभी मिलकर एक साधना करते है , जिसे हमने देखा था वो भी इसका ही एक अंश था ,साधना की शर्त ये थी की वो पूरी तरह से गुप्त होनी थी और कुछ सालो में श्राप का असर ख़त्म हो जाना था , लेकिन हम लोगो की गलती के कारण वो साधना भंग हो गई , लेकिन इस साधना को भंग करने वाले की भी एक सजा मुक़र्रर की गई थी और शायद ये उस श्राप का एक तोड़ भी है , तुम्हे ही अब यंहा की सभी ओरतो को माँ बनाना होगा , अब ये तुम्हारी जिम्मेदारी होगी और इसकी शुरुवात तुम्हे मेरे साथ करनी होगी क्योकि साधना को भंग करने वालो में मैं भी शामिल थी “
अन्नू की बात सुनकर मेरे तोते उड़ गए , आखिर यंहा ये कैसा चुतियापा चल रहा था , किसी लड़की के जिस्म से खेलने का मन तो मेरा भी था लेकिन इस तरह नहीं ,
“ये लोग पागल हो गए है कैसा अंधविस्वास है ये , मैं ऐसा कुछ नहीं करूँगा ..”
मैं गुस्से से तलमला गया था
“करना तो तुम्हे पड़ेगा कुवर ,प्यार से नहीं तो जबरदस्ती से , आखिर ये हमारे भविष्य का सवाल है “
अचानक पीछे से एक आवाज आई , जब मैंने मुड़कर देखा तो गांव की कई ओरते हमारे दरवाजे के बाहर खड़ी हुई थी , उनमे से कुछ तेजी से मेरी ओर बढ़ी मैं कुछ समझ पाता उससे पहले ही मेरे सर में एक जोरदार चोट लगी …
“ये सब क्या है … आह ..”
चोट की वजह से मेरी आँखे धीरे धीरे बंद होने लगी थी …
 

Lutgaya

Well-Known Member
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dhanywad bhai :)
bas jindgi hi chutiyyapanthi hai bro kya kare ...aab aa gaye hai fir se yanha aaage dekhte hai
दुबारा कभी किसी रण्डी से प्यार होगा क्या डां साहब
 

Lucky..

“ɪ ᴋɴᴏᴡ ᴡʜᴏ ɪ ᴀᴍ, ᴀɴᴅ ɪ ᴀᴍ ᴅᴀᴍɴ ᴘʀᴏᴜᴅ ᴏꜰ ɪᴛ.”
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अध्याय 2
हमारी सांसे फुल चुकी थी , हमने जो देखा था वो क्या था इसका हमें जरा भी इल्म नहीं था , हमने पीछे मुड कर देखने की बिलकुल भी जहमत नहीं उठाई हम सीधे भागते ही चले गए और सीधे हवेली में जाकर रुके , हवेली में भी हम सीधे मेरे कमरे में घुस गए …
थोड़ी देर तक हममे से किसी ने कुछ भी नहीं कहा
जब थोड़ी सांसे सामान्य हुई तो मैंने अपने कमरे की खिड़की से बाहर की ओर देखा
“अन्नू यंहा देखो “
अन्नू मेरे साथ बाहर देखने लगी , निचे कुछ महिलाये अम्मा के साथ खड़ी थी , वो चिंतित लग रही थी साथ ही अम्मा भी , मैंने ध्यान से देखा तो ..
“ये तो वही है जो नदी में थी “
अन्नू ने भी हां में सर हिलाया तभी अम्मा समेत सभी का सर उठा और सभी मेरे कमरे की ओर ही देखने लगे , हम दोनों ने ही झट से अपना सर अन्दर खिंच लिया
“यार ये हो क्या रहा है …ओरते नंगी होकर नाच रही है वो भी अजीब तरीके से , और कुछ उनकी पहरेदारी कर रही है , वही ये सभी अब अम्मा के पास भी आ गई , अम्मा भी चिंतित लग रही है “
मैं तेज कदमो से अपने कमरे में चहलकदमी करने लगा ..
थोड़ी ही देर हुई थी की हमारे कमरे में दस्तक हुई , अन्नू ने दरवाजा खोला ये कामिनी भाभी थी , हमारे हवेली में ही काम करने वाले बाबूलाल की बीवी , कोई 25 साल की कामिनी देखने में बहुत ही आकर्षक और तीखे नयन नक्स वाली थी , हल्का गदराया सांवला जिस्म और चंचल आँखे उसे और भी आकर्षक बनाते , वो अकसर ही मुझसे मजाक किया करती कभी कभी गालो को खिंच देती तो कभी मेरे कुलहो पर चपत मार देती , उनकी बातो में भी एक मादकता हमेशा ही रहती ,आज भी वो उसी अजीब सी मुस्कान के साथ हमारे सामने खड़ी थी …
“आपको अम्मा ने बुलाया है “
उसने अन्नू की ओर्र देखते हुए कहा ..
“म म मुझे …” उनकी बात को सुनकर अन्नू थोड़ी हडबडाई …
“जी आपको … चलिए “
अन्नू उसके साथ जाने को हुई
“मैं भी चलता हु ..”
मैंने भी तुरंत कहा
“अरे कुवर जी आप कहा चले , अम्मा ने अन्नू को बुलाया है वो भी अकेले में .. आपकी सेवा करने हम है ना , कहो तो रुक जाती हु “
कामिनी भाभी की बात सुनकर मैंने थोडा सकपकाया
“नहीं मैं ठीक हु .., अन्नू तुम जाओ मैं इन्त्त्जार कर रहा हु “
मेरी हालत देख कर कामिनी मुस्कुराई और अन्नू उनके साथ चली गई …
मैं बेचैन सा अपने कमरे में ही बैठा रहा कोई आधे घंटे के बाद अन्नू वापस आई , उसका चहरा पीला पड़ा हुआ था …
“क्या हुआ क्या कहा अम्मा ने ..”
अन्नू ने एक बार मुझे देखा लेकिन वो कुछ बोली नहीं बल्कि सीधे जाकर बिस्तर में बैठ गयी
“अरे बताओगी भी की आखिर क्या कहा अम्मा ने …?”
मैं भी उसके बाजु में जाकर बैठ गया , उसने एक बार मुझे देखा
“कैसे बताऊ कुछ समझ नहीं आ रहा है ….”
वो अपना सर पकड़ कर बैठ गयी
“तुम बताओ तो सही …जो भी हो मैं तुम्हारे साथ हु “
मैंने उसका हाथ अपने हाथो में ले लिया , उसने फिर से मुझे देखा उसकी आँखे गीली थी ,डबडबाई हुई आँखों से कुछ सेकण्ड के लिए वो मुझे देखने लगी
“निशांत तुम मेरे सबसे अच्छे दोस्त हो “
वो मेरे गले से लग गई , मैं भी उसकी पीठ सहलाने लगा
“हा ये कोई बोलने की बात है क्या ??”
इस बार उसके चहरे में एक मुस्कान आई
“नहीं ये कोई बोलने की बात नहीं है लेकिन अब ये मुझे बोलना होगा क्योकि अब हमें हमारी दोस्ती से उपर एक काम करना होगा …”
वो फिर से चुप हो गई ..
उसकी रहस्य मयी बात सुनकर मैं सोच में पड़ गया की आखिर ऐसी कौन सी बात हो गई ,
मैंने उसके हाथो को अपने दोनों हाथो से थाम लिया और उसकी आँखों में देखने लगा
“जो भी हो मैं तुम्हारे लिए सब कुछ करने को तैयार हु , तुम फिक्र मत करो .. मैं तुम्हारे उपर कोई भी मुसीबत नहीं आने दूंगा , चाहे तो अम्मा से भी लड़ जाऊंगा “
मेरी बात सुनकर उसके होठो में हल्की सी मुस्कान आई और आँखों में हल्का आंसू
“ये तुम्हे मेरे लिए नहीं निशांत इस गांव के लिए करना होगा “
अन्नू ने मेरे गाल को सहलाते हुए कहा
“साफ साफ बताओ की आखिर बात क्या है ??”
वो कुछ देर के लिए चुप रही फिर एक गहरी साँस ली
“हम दोनों को सम्भोग करना होगा निशांत “
अन्नू ने एक ही साँस में ये कहा
“क्या ???” मैंने जो सुना मुझे उसपर विश्वास भी नहीं हो रहा था ,शायद मैंने कुछ गलत सुन लिया था
“क्या कहा तुमने ??”
“वही जो तुमने सुना , हमें सम्भोग करना होगा , सम्भोग का मतलब तो तुम समझते ही होगे “
अन्नू की नजरे नीचे थी , हम दोनों बचपन के दोस्त थे , साथ खेले थे सुख दुःख में एक साथ खड़े हुए , मेरे मन में उसे लेकर कभी ऐसी भावना नहीं आई थी , वो मेरी बहन तो नहीं थी लेकिन उससे कम भी ना थी ..
वो हमेशा से ही मेरी हमसाथी रही थी …
मैं अब जवान था वो भी जवान थी , जवानी की दहलीज पर आकर मन में कुछ तरंगो का उठाना लाजमी था, मेरे मन में भी ऐसी तरंगे उठती , कुछ लडकिया भी थी जिन्हें मैं पसंद करने लगा था , लेकिन उसके साथ … ये सोच कर ही मेरा दिल जोरो से धडकने लगा था ..
“तुम ये क्या बकवास कर रही हो ..??”
मेरा स्वर लड़खड़ाने लगा था , हडबडाहट और बेचैनी ने मेरे मन को घेर लिया था
“सच कह रही हु , सबसे पहले मेरे साथ और फिर …”
वो फिर से रुक गई ..
“और फिर क्या अन्नू “
अन्नू की नजरे अभी भी जमीन को घूरे जा रही थी ..
उसने फिर से एक गहरी साँस ली जैसे वो किसी चीज के लिए हिम्मत जुटा रही हो ..
“मेरी बात ध्यान से सुनो निशांत , तुम अब एक सामान्य लड़के नहीं हो , तुम इस गांव के भविष्य हो , इस गांव को एक श्राप लगा है जिसके कारण कई सालो से यंहा किसी की कोई ओलाद नहीं हुई , जो बेटिया इस गांव से बाहर ब्याही गई बस उन्हें ही संतान का सुख मिला , यंहा आने वाली बहुओ को ना संतान का सुख मिल पाया ना ही ओरत होने का जिस्मानी सुख जो उन्हें उनके पति से सम्भोग से मिलना था …
यंहा जो भी बच्चा या जवान तुम्हे दिखाई पड़ते है सभी बाहर के रहने वाले है या फिर यहाँ की बेटियों की संताने है जिनका ब्याह बाहर हुआ है , और ये बात सभी को पता है , इस श्राप से मुक्ति के लिए यंहा की सभी ओरते जो यंहा की बहुए है वो सभी मिलकर एक साधना करते है , जिसे हमने देखा था वो भी इसका ही एक अंश था ,साधना की शर्त ये थी की वो पूरी तरह से गुप्त होनी थी और कुछ सालो में श्राप का असर ख़त्म हो जाना था , लेकिन हम लोगो की गलती के कारण वो साधना भंग हो गई , लेकिन इस साधना को भंग करने वाले की भी एक सजा मुक़र्रर की गई थी और शायद ये उस श्राप का एक तोड़ भी है , तुम्हे ही अब यंहा की सभी ओरतो को माँ बनाना होगा , अब ये तुम्हारी जिम्मेदारी होगी और इसकी शुरुवात तुम्हे मेरे साथ करनी होगी क्योकि साधना को भंग करने वालो में मैं भी शामिल थी “
अन्नू की बात सुनकर मेरे तोते उड़ गए , आखिर यंहा ये कैसा चुतियापा चल रहा था , किसी लड़की के जिस्म से खेलने का मन तो मेरा भी था लेकिन इस तरह नहीं ,
“ये लोग पागल हो गए है कैसा अंधविस्वास है ये , मैं ऐसा कुछ नहीं करूँगा ..”
मैं गुस्से से तलमला गया था
“करना तो तुम्हे पड़ेगा कुवर ,प्यार से नहीं तो जबरदस्ती से , आखिर ये हमारे भविष्य का सवाल है “
अचानक पीछे से एक आवाज आई , जब मैंने मुड़कर देखा तो गांव की कई ओरते हमारे दरवाजे के बाहर खड़ी हुई थी , उनमे से कुछ तेजी से मेरी ओर बढ़ी मैं कुछ समझ पाता उससे पहले ही मेरे सर में एक जोरदार चोट लगी …
“ये सब क्या है … आह ..”
चोट की वजह से मेरी आँखे धीरे धीरे बंद होने लगी थी …
Amazing update..
 
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