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Romance भंवर (पूर्ण)

CG

Sab Chutiyapa hai Bhaya
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Lovely update

lekin ab achanak se Lavani ka dost kidhar se bich me aa gaya

driver aur Cars bhi gayab hai matlab un lesbo ko privacy dene k liye driver log bhi gayab hain

Waiting for next update
 

Aakash.

ᴇᴍʙʀᴀᴄᴇ ᴛʜᴇ ꜰᴇᴀʀ
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Divine
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Update:- 102



"बस एक बात, ध्यान से सुनो। श्रेया और मेघा के साथ तुम्हे कंप्लीट इंगेज होना पड़ेगा। समझ लो इस प्लान के दो मुख्य बिंदु तुम्हारे हिस्से में है, जिसके बिना हम आगे नहीं बढ़ पाएंगे। जो भी उन्हें चाहिए उन्हें दो। दोनो को जितना पसंद है, तो जिताओ। दोनो अगर सोचती है कि तुम्हारा वो इस्तमाल अच्छे से कर सकती है, तो उन्हें करने दो तुम्हारा इस्तमाल। इस बार भी हम वहीं खेल रचेंगे.. बिल्कुल उनके सामने होंगे, लेकिन कभी नजर नहीं आएंगे।"…


सभी बातों पर चर्चा होने के बाद अपस्यु और ऐमी वहां से वापस लौट आए। रास्ते भर वहीं हसरत भरी नजर और दिल के अरमान। खैर जैसे ही दोनो घर पहुंचे एक बार फिर से दोनो को घेर लिया गया। हर कोई अपस्यु और ऐमी पर शादी के लिए दवाब बनाने लगे और दोनो अभी कुछ दिन रुक जाने के लिए विनती कर रहे थे।


लेकिन घर में कोई ऐसा नहीं था जो उनकी बात सुने। ऐमी, अपस्यु को देखकर मुस्कुराने लगी और हर किसी के भावनाओं को ध्यान में रखकर ऐमी ने जनवरी से फरवरी के बीच कोई भी तारीख तय कर लेने बोल दी। ऐसा अनाउंसमेंट सुनकर तो हर कोई खुशी से उछल पड़ा।


अगले दिन ध्रुव भी इंडिया लैंड कर चुका था। दिन भर अपने ससुराल में ही आराम करने के बाद शाम को वो अपस्यु से मिलने चला आया। दोनो के बीच कंपनी को शुरू करने को लेकर चर्चा शुरू हो गई। अपस्यु ने एक हफ्ते का वक्त लिया और इतने वक़्त में सारा काम पूरा हो जाने का आश्वासन दिया। ध्रुव को थोड़ा आश्चर्य भी हुए किन्तु अब साथ में ही थे तो यह कारनामा भी देख ही लेना था।


अगले दिन, सुबह ही ध्रुव, अपस्यु के साथ निकल गया। सबसे पहले तो सिन्हा जी के पास ही दोनो पहुंचे। सिन्हा जी से चूंकि ये ऑफिशली मीटिंग थी, इसलिए पहली बार ध्रुव को एहसास हुआ कि कितना मुश्किल होता है एक नामी वकील से मिलना।


सुबह के 11 बजे की मीटिंग री-शेड्यूल होकर 3 बजे की कब हो गई, ध्रुव को पता भी नहीं चला। अंततः 3 बजे के आसपास सब सामने थे। .. "11 बजे से आपने 3 बजा दिया, मै ये भूलूंगा नहीं"..


सिन्हा जी:- छोटे मैं थोड़ा व्यस्त हूं, काम थोड़ा जल्दी खत्म कर लें।


अपस्यु:- ठीक है बापू, आप पूरी जानकारी दो, कैसे शुरू होगा प्रोजेक्ट?


सिन्हा जी:- पेपर तैयार है एक सिग्नेचर ले लेना वो जाहिल सोमेश सौरव से। एक दिल्ली मुंसिपल कॉर्पोरेशन में अर्जी देकर सील साइन की रिसीविंग ले लेना। और एक गरेंटर का सिग्नेचर, यदि ये भागते हैं तो पैसों की भरपाई कहां से हो उसके लिए।


अपस्यु:- अब ये यहां 2000 करोड़ का गैरेंटर कहां से लाएंगे।


सिन्हा जी:- अब लूप ही ऐसा है। सरकार सपोर्ट ही नहीं कर रही, तो हम क्या कर सकते है। इकनॉमिक कॉरिडोर में बात करो। फौरन इन्वेंटमेंट वाले सब क्लियर कर देंगे। वहां आदिल रशीद करके होगा, उससे मिल लेना। जितनी जल्दी पूरा करोगे उतनी जल्दी मै हियरिंग होगी।


अपस्यु:- ठीक है एक हफ्ते के बाद की हीयरिंग की डेट ले लो आप।


दोनो लौटकर जब वापस आए तब ध्रुव उसे अपने साथ मिश्रा हाउस लेकर चला गया। दोनो वहीं हॉल में बैठकर सभी पेपर पर नजर दे रहे थे, तभी अपस्यु के मोबाइल की घंटी बजी…


"जी आदेश करें"… अपस्यु कॉल उठाते हुए कहने लगा।


ऐमी:- क्या कर रहे हो।


अपस्यु:- समझ गया कि ये याद दिलाने वाला कॉल है। कल का वादा याद है मुझे.. बापू ने जान बूझकर आज ऑफिस में परेशान कर दिया.. वरना अब तक तो मैं तैयार भी रहता।


ऐमी:- हीहिहीहीहिही डैड ने बदला लिया क्या किसी बात का?


अपस्यु:- शायद तुम से प्यार करने का इनाम मिल गया। भड़ी मीटिंग छोड़कर आने वाला आदमी आज मुझे 4 घंटे इंतजार करवा दिया।


ऐमी:- हां ठीक है ये तो कहानी घर घर की है.. जल्दी सब सेट अप करके कॉल करो। वरना मै नाराज हो जाऊंगी।


अपस्यु:- हाहाहाहा.. मतलब अब रूठना-मानना भी करना होगा क्या?


ऐमी:- रहने दो तुमसे नहीं होगा ये मानना .. जाओ जल्दी से सब तैयार कर लेना .. लव यू..


कॉल रखते ही…. "ओह मतलब अपस्यु भी किसी के साथ इंगेज हो गया। और वो और कोई नहीं बल्कि वही हॉट बाला ऐमी होगी.."


अपस्यु आश्चर्य से ध्रुव को देखते हुए…. "तुमने अपनी हिंदी पर मेहनत कि है, राइट।"


ध्रुव:- अब तक तो किसी ने नोटिस नहीं किया सिवाय तुम्हारे ...


अपस्यु:- मै भी नहीं कर पाता लेकिन ऐमी का नाम जब तुमने लिया तब एक दम से ख्याल आया कि ये पहले वाला टोन नहीं है।


ध्रुव:- हाहाहाहा.. मतलब मुझे थैंक्स ऐमी को कहना चाहिए..


अपस्यु:- उसे अगर थैंक्स कहना हो तो आज रात 9 बजे इंडिया गेट पहुंच जाना…


दोनो की बात चल ही रही थी कि इतने में लावणी भी हॉल से गुजरी… "ओ भोली सूरत वाले"…


लावणी अपने बढ़ते कदम रोककर वापस आयी… "मै आप से नाराज हूं, और मुझे आपसे कोई बात नहीं करनी।


अपस्यु:- बैठ ना कहां जा रही है। कुछ गप्पे लड़ाते है।


लावणी:- गप्पे लड़ाने के लिए मेरे पास मेरे होने वाला है, और उसी से मुझे फुरसत नहीं मिलती जो मै किसी और से बात कर पाऊं।


अपस्यु, लावणी को पकड़ कर बिठाते …. "अच्छा ले मैंने अपने कान पकड़े, कह तो तेरे पाऊं पकड़ लूं, तब गुस्सा खत्म होगा तेरा।"


लावणी हंसती हुई…. "मस्का मारना कोई आप से सीखे भईया। लेकिन फिर भी मै नहीं मानने वाली। मैं नाराज हूं।


अपस्यु:- अच्छा कैसे मनेगी वो बताओ।


लावणी:- कान इधर लाओ बताती हूं।


अपस्यु थोड़ा झुक गया और लावणी धीरे से अपनी बात कह दी। उसकी बात सुनने के बात अपस्यु आश्चर्य से उसे देखते…. "मेरी मां, तू नाराज ही रह। रहने दे मुझ से नहीं हो पाएगा।"


लावणी:- हुंह ! फिर ठीक है जाओ आप।


अपस्यु:- अरे बात को समझ बेटा, होने वाला होता तो कर देता। तू मेरी खूंखार मां को नहीं जानती है। केवल मेरी ही मां नहीं बल्कि तू अपनी मां को नहीं जानती है क्या? तू क्या चाहती है 2 पाटन के बीच मै पीस जाऊं?


लावणी:- हुंह ! हुंह ! हुंह !


अपस्यु:- अच्छा सुन थोड़ा सा राहत दे दे, तेरी बात को मैंने भेजे में उतार लिया है, अच्छा वक़्त देखकर सब सेट कर दूंगा। लेकिन प्रॉमिस नहीं कर सकता।


लावणी:- हुंह ! हुंह ! हुंह !


अपस्यु:- ऑफ ओ ! तुम्हे उस नालायक ने सिखाया है ना। अच्छा एक छोटा सा मंडवाली चलेगा। उस से अच्छा प्लान है मेरे पास।


लावणी:- ठीक है बताओ।


अपस्यु उसके कान में अपनी बात कहने लगा। सुनकर लावणी थोड़ी सी शर्मा गई… "क्या भईया, आप भी ना"..


अपस्यु:- ले अच्छा आइडिया बता रहा हूं। और हां जबरदस्ती का रिश्ता तूने जोड़ा है, बाकी हम दोनों भाई जुड़वा है।


लावणी:- साइड टॉपिक डिस्कस मत करो, और आप का आइडिया बकवास है। मेरे वाले पर काम करो।


अपस्यु:- तू रहने से मै आरव से ही बात कर लूंगा।


लावणी:- हां ये सही है.. आप उसी से बात कर लेना।


ध्रुव:- अरे यार यहां तो मै "ओड मैन आउट" हो गया। मुझे भी समझा दो क्या पजल खेल गए तुम दोनो।


लावणी:- कौन सा आप भागे जा रहे हो जीजू, ये पजल भी सॉल्व हो ही जाना हैं। लेकिन मैं देख रही हूं, इकलौती साली पर आपका कोई फोकस ही नहीं है।


साची:- पहले होने वाली बीवी पर फोकस तो कर ले, ये तो जब से आया है सोते हुए भी एक ही बात जपता है… "फैक्टरी शुरू करवाना है किसी तरह। खुद को प्रूफ करना है।"


अपस्यु:- रात में इसके साथ कर क्या रही थी पहले ये तो बताओ?


साची:- तुम्हे क्या इंक्वायरी है, मैं अपने होने वाले के साथ रात में क्या कर रही थी। ज्यादा जिज्ञासा बाढ़ रही है क्या?


ध्रुव:- हाहाहाहा.. रहने दो वरना बेचारा कहीं सोच सोच कर डिप्रेशन में ना चला जाए।


लावणी:- दिमाग खराब हो गया सबका।


साची:- क्या ?


लावणी:- आप सब पागल हो गए हो ना जगह देखते हो और ना कौन बैठा है। कभी भी कुछ भी शुरू कर देते हो।


साची:- भुटकी पोगो जाकर देख, हम बड़ों के बीच क्या कर रही हैं?


लावणी:- मुझे अपस्यु भईया से कुछ बात करनी थी, इसलिए बैठी हूं।


साची:- तो इसे भी लेती चली जा ना, कौन सा मैंने पकड़ रखा है।


अपस्यु:- कुछ जरूरी बात है क्या?


लावणी:- नहीं कोई जरूरी बात नहीं थी। बस यूं ही.. आप ने कहा ना गप्पे लड़ाते है।


साची:- तू इकलौती नमूना है भुटकी जो इस बाबा से बात करने की इच्छा जाहिर कर रही है।


अपस्यु:- ठीक है चल मेरे साथ, मुझे कुछ काम है तो गप्पे लड़ाते-लड़ाते काम खत्म कर लूंगा। काम भी होता रहेगा और तुमसे बातें भी।


लावणी:- मुझे कहीं खड़ा करके या किसी चेयर पर बिठाकर, काम करने तो नहीं निकल जाओगे ना। ऐसा है तो पहले बता दो..


अपस्यु:- बिल्कुल नहीं। तुम्हे एक मिनट के लिए भी बोर नहीं होने दूंगा। हैप्पी ना..


लावणी:- वेरी हैप्पी… मै तैयार होकर आती हूं।


अपस्यु:- कॉल कर देना मै घर जा रहा हूं। ध्रुव तुम भी साची को कहीं घूमाने ले जाओ और हां आज रात सपने मत देखना काम के, वो हो ही जाना है, रात भर जाग कर फोकस कहीं और करना ताकि मेरी जिज्ञासा और बढ़े और मैं और भी ज्यादा डिप्रेशन में चला जाऊं।


ध्रुव:- हाहाहाहा.. बिल्कुल ऐसा ही होगा।


साची:- भागो दोनो यहां से, बेशर्मों शर्म भी नहीं आती।


अपस्यु हंसता हुआ वहां से निकल आया। घर आया तो घर पर कोई भी नहीं था। सभी शॉपिंग और मूवी देखने के लिए गए हुए थे। तभी अपस्यु को लगा कि आगे के स्टाफ वाले क्वार्टर में कुछ हलचल हो रही है…. "दोनो लड़के तो गाड़ी लेकर गए हैं, फिर ये स्टाफ क्वार्टर में कौन होगा। स्टाफ कवर्टर का 1 गेट हॉल से भी था, अपस्यु जैसे ही गेट खोला, अंदर की हालत देखकर, अपने सर पिट लिया..


दो लड़कियां इस कदर एक दूसरे में लगी थी कि कोई दरवाजा खोल चुका है उन्हें होश तक नहीं।… "ओय नंग धड़ंग अतरंग लड़कियों, यहां हो क्या रहा है।


जेन:- मज़ा आ रहा देखने में तो देखो वरना दरवाजा बंद कर दो। कपल लव मेकिंग कर रहे है, उन्हें डिस्ट्रब ना करो।


अपस्यु:- और ज्वाइन करने की इच्छा हुई तो..


जेन की गरलफ्रेंड लिसा.. "सॉरी डियर, हमने गुफरान और प्रदीप से कमिटमेंट किया है, सो अभी 2 रिलेशन में है और हम खुश हैं। बाद में ट्राय करना।


अपस्यु:- बहुत क्लियर थॉट्स है रिलेशन के। कमाल है ये तो.. वैसे ये प्लाई बोर्ड पार्टीशन है क्यों इतने धक्के-मुक्की कर रही हो.. यहां फैमिली रहती है..


जेन:- जानती हूं दोस्त। क्या करे आज वाइल्ड सेक्स का मौका मिला है.. 9 बजे तक कोई नहीं है ना। सब जब लौटेंगे तो हमे पहले मैसेज मिल जाएगा।


अपस्यु:- कमाल की ट्यूनिंग है। कहां से इतने इनोवेटिव क्रिएशन आते है।


लिसा:- प्लीज अब दिस्ट्रव मत करो। अंदर आराम से बैठ कर शो एन्जॉय करके मास्टरबेट कर सकते हो, और पुरा शो एन्जॉय कर सकते हो.. वी डांट माइंड।


अपस्यु:- मैं ही जाता हूं, और तुम दोनो जरा ये दीवार कम पिटो, कोई रहे या ना रहे।


जेन:- ओके बॉस समझ गई…


अपस्यु दोनो को अपने हाल पर छोड़कर दरवाजा बंद किया और अंदर आते ही कॉन्ट्रैक्टर को कॉल लगाकर पार्टीशन की जगह थोड़ी और बढ़ा कर 2 इंच की कंक्रीट पार्टीशन के लिए बोल दिया और तैयार होने चला गया।


कुछ देर बाद लावणी का भी कॉल आ गया, वो भी तैयार होकर नीचे पार्किंग में पहुंची हुई थी। अपस्यु ऑडी की चाबी लेकर नीचे आया, लेकिन जब पार्किंग में पहुंचा तो चारो में से एक भी कार नहीं थी।


अपस्यु कुछ देर सोच में पर गया… "क्या हुआ भईया".. लावणी पीछे से आती हुई पूछने लगी..


अपस्यु:- यदि कुंजल अपने के से गई होगी तो उसके साथ स्वास्तिका होगी। मां और आरव 1 गाड़ी में गए होंगे। यानी 1 ड्राइवर और मैक्सिमम 2 कार की जरूरत थी। ये चारो कार किधर गायब हो गई।


लावणी:- छोड़ो ना भईया वो अपनी फटफती निकल लो ना।


अपस्यु:- हेलमेट पहने रहूंगा तो बात कैसे होगी। वैसे भी मेरी 2 कार और 1 ड्राइवर का हिसाब नहीं मिल रहा।


लावणी:- ठीक है फिर आप जाओ, मै बाद में बात कर लूंगी।


अपस्यु:- पागल, आराम से काली पीली में चलते है।


अपस्यु ने टैक्सी रुकवाई और दोनो सवार हो गए… "एक तरह से यह भी अच्छा ही हुआ भईया, वरना कहां आप ड्राइविंग करते हुए बात करते"..


अपस्यु:- वो छोड़ पहले ये बता की तू इतना परेशान क्यों है?


लावणी:- कहां से मै परेशान दिख रही हूं बताओ तो जरा..


अपस्यु:- सुन ऐसे ही नहीं मुझे सब बाप मानते है। काम की बात पहले कर लेते है फिर आराम से बात करेंगे…


लावणी:- भईया आप कैसे समझ जाते हो इतना।


अपस्यु:- ये "कैसे" का जवाब देने लगुंगा तो तू भी मेरे साथ कभी दोबारा बात नहीं करेगी। अब मैटर क्या है वो बता।


लावणी:- भईया मेरा एक दोस्त है मैक्स, हम केजी से ही साथ पढ़ते हैं। समझिए ना वो मेरा बहुत ही क्लोज फ्रेंड है।


अपस्यु:- कोई परेशानी हुई क्या उसे, जो तू इतनी उदास हो गई उसकी बात करते-करते…


लावणी, रोती हुई अपस्यु के गले लगती… "भईया मै ना.. वो एंगेजमेंट हुई थी, उसी की ट्रीट देने के लिए एक पार्टी का सोच रही थी"… इतने में ही लावणी की हिचकियां शुरू हो गई…


अपस्यु उसे खुद से अलग करते उसके आशु पूछते हुए, पानी पिलाया… "फिर क्या हुआ, उसे गलत फहमी हो गई क्या और तेरा अच्छा दोस्त बिछड़ गया?


लावणी ना में सर हिलाते… "भैय्या, जब मै उसके घर गई तो उसके मोम का रो रोकर बुरा हाल था, 2 हफ्ते से उसका पता नहीं चल रहा और पुलिसवाले कुछ बताते भी नहीं। मुझे बहुत डर लग रहा है भईया।"..


अपस्यु उसे गले लगाकर सांत्वना देते हुए कहने लगा… "चुप हो जा, कुछ नहीं हुआ होगा तुम्हारे दोस्त को, मैं ढूंढ़ता हूं उसे।"


"मुझे बहुत डर लग रहा है भईया… वो मेरा बेस्ट फ्रेंड है। उसे कुछ हुआ तो नहीं होगा?"


अपस्यु यूं तो लावणी को हौसला दे तो रहा था, लेकिन 2 हफ्ते से गायब कोई लड़का जिंदा हो, अपने आप में एक बड़ा सवाल था। एक अच्छे और सच्चे दोस्त का जाना क्या होता है, ये अपस्यु से बेहतर कौन जान सकता था। मन तो ना उम्मीद ही था लेकिन अपस्यु की प्रार्थना इतनी सी थी कि लावणी अपने दोस्त को ना खोए।
Nice Update...
???
 

Adirshi

Royal कारभार 👑
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"बस एक बात, ध्यान से सुनो। श्रेया और मेघा के साथ तुम्हे कंप्लीट इंगेज होना पड़ेगा। समझ लो इस प्लान के दो मुख्य बिंदु तुम्हारे हिस्से में है, जिसके बिना हम आगे नहीं बढ़ पाएंगे। जो भी उन्हें चाहिए उन्हें दो। दोनो को जितना पसंद है, तो जिताओ। दोनो अगर सोचती है कि तुम्हारा वो इस्तमाल अच्छे से कर सकती है, तो उन्हें करने दो तुम्हारा इस्तमाल। इस बार भी हम वहीं खेल रचेंगे.. बिल्कुल उनके सामने होंगे, लेकिन कभी नजर नहीं आएंगे।"…


सभी बातों पर चर्चा होने के बाद अपस्यु और ऐमी वहां से वापस लौट आए। रास्ते भर वहीं हसरत भरी नजर और दिल के अरमान। खैर जैसे ही दोनो घर पहुंचे एक बार फिर से दोनो को घेर लिया गया। हर कोई अपस्यु और ऐमी पर शादी के लिए दवाब बनाने लगे और दोनो अभी कुछ दिन रुक जाने के लिए विनती कर रहे थे।


लेकिन घर में कोई ऐसा नहीं था जो उनकी बात सुने। ऐमी, अपस्यु को देखकर मुस्कुराने लगी और हर किसी के भावनाओं को ध्यान में रखकर ऐमी ने जनवरी से फरवरी के बीच कोई भी तारीख तय कर लेने बोल दी। ऐसा अनाउंसमेंट सुनकर तो हर कोई खुशी से उछल पड़ा।


अगले दिन ध्रुव भी इंडिया लैंड कर चुका था। दिन भर अपने ससुराल में ही आराम करने के बाद शाम को वो अपस्यु से मिलने चला आया। दोनो के बीच कंपनी को शुरू करने को लेकर चर्चा शुरू हो गई। अपस्यु ने एक हफ्ते का वक्त लिया और इतने वक़्त में सारा काम पूरा हो जाने का आश्वासन दिया। ध्रुव को थोड़ा आश्चर्य भी हुए किन्तु अब साथ में ही थे तो यह कारनामा भी देख ही लेना था।


अगले दिन, सुबह ही ध्रुव, अपस्यु के साथ निकल गया। सबसे पहले तो सिन्हा जी के पास ही दोनो पहुंचे। सिन्हा जी से चूंकि ये ऑफिशली मीटिंग थी, इसलिए पहली बार ध्रुव को एहसास हुआ कि कितना मुश्किल होता है एक नामी वकील से मिलना।


सुबह के 11 बजे की मीटिंग री-शेड्यूल होकर 3 बजे की कब हो गई, ध्रुव को पता भी नहीं चला। अंततः 3 बजे के आसपास सब सामने थे। .. "11 बजे से आपने 3 बजा दिया, मै ये भूलूंगा नहीं"..


सिन्हा जी:- छोटे मैं थोड़ा व्यस्त हूं, काम थोड़ा जल्दी खत्म कर लें।


अपस्यु:- ठीक है बापू, आप पूरी जानकारी दो, कैसे शुरू होगा प्रोजेक्ट?


सिन्हा जी:- पेपर तैयार है एक सिग्नेचर ले लेना वो जाहिल सोमेश सौरव से। एक दिल्ली मुंसिपल कॉर्पोरेशन में अर्जी देकर सील साइन की रिसीविंग ले लेना। और एक गरेंटर का सिग्नेचर, यदि ये भागते हैं तो पैसों की भरपाई कहां से हो उसके लिए।


अपस्यु:- अब ये यहां 2000 करोड़ का गैरेंटर कहां से लाएंगे।


सिन्हा जी:- अब लूप ही ऐसा है। सरकार सपोर्ट ही नहीं कर रही, तो हम क्या कर सकते है। इकनॉमिक कॉरिडोर में बात करो। फौरन इन्वेंटमेंट वाले सब क्लियर कर देंगे। वहां आदिल रशीद करके होगा, उससे मिल लेना। जितनी जल्दी पूरा करोगे उतनी जल्दी मै हियरिंग होगी।


अपस्यु:- ठीक है एक हफ्ते के बाद की हीयरिंग की डेट ले लो आप।


दोनो लौटकर जब वापस आए तब ध्रुव उसे अपने साथ मिश्रा हाउस लेकर चला गया। दोनो वहीं हॉल में बैठकर सभी पेपर पर नजर दे रहे थे, तभी अपस्यु के मोबाइल की घंटी बजी…


"जी आदेश करें"… अपस्यु कॉल उठाते हुए कहने लगा।


ऐमी:- क्या कर रहे हो।


अपस्यु:- समझ गया कि ये याद दिलाने वाला कॉल है। कल का वादा याद है मुझे.. बापू ने जान बूझकर आज ऑफिस में परेशान कर दिया.. वरना अब तक तो मैं तैयार भी रहता।


ऐमी:- हीहिहीहीहिही डैड ने बदला लिया क्या किसी बात का?


अपस्यु:- शायद तुम से प्यार करने का इनाम मिल गया। भड़ी मीटिंग छोड़कर आने वाला आदमी आज मुझे 4 घंटे इंतजार करवा दिया।


ऐमी:- हां ठीक है ये तो कहानी घर घर की है.. जल्दी सब सेट अप करके कॉल करो। वरना मै नाराज हो जाऊंगी।


अपस्यु:- हाहाहाहा.. मतलब अब रूठना-मानना भी करना होगा क्या?


ऐमी:- रहने दो तुमसे नहीं होगा ये मानना .. जाओ जल्दी से सब तैयार कर लेना .. लव यू..


कॉल रखते ही…. "ओह मतलब अपस्यु भी किसी के साथ इंगेज हो गया। और वो और कोई नहीं बल्कि वही हॉट बाला ऐमी होगी.."


अपस्यु आश्चर्य से ध्रुव को देखते हुए…. "तुमने अपनी हिंदी पर मेहनत कि है, राइट।"


ध्रुव:- अब तक तो किसी ने नोटिस नहीं किया सिवाय तुम्हारे ...


अपस्यु:- मै भी नहीं कर पाता लेकिन ऐमी का नाम जब तुमने लिया तब एक दम से ख्याल आया कि ये पहले वाला टोन नहीं है।


ध्रुव:- हाहाहाहा.. मतलब मुझे थैंक्स ऐमी को कहना चाहिए..


अपस्यु:- उसे अगर थैंक्स कहना हो तो आज रात 9 बजे इंडिया गेट पहुंच जाना…


दोनो की बात चल ही रही थी कि इतने में लावणी भी हॉल से गुजरी… "ओ भोली सूरत वाले"…


लावणी अपने बढ़ते कदम रोककर वापस आयी… "मै आप से नाराज हूं, और मुझे आपसे कोई बात नहीं करनी।


अपस्यु:- बैठ ना कहां जा रही है। कुछ गप्पे लड़ाते है।


लावणी:- गप्पे लड़ाने के लिए मेरे पास मेरे होने वाला है, और उसी से मुझे फुरसत नहीं मिलती जो मै किसी और से बात कर पाऊं।


अपस्यु, लावणी को पकड़ कर बिठाते …. "अच्छा ले मैंने अपने कान पकड़े, कह तो तेरे पाऊं पकड़ लूं, तब गुस्सा खत्म होगा तेरा।"


लावणी हंसती हुई…. "मस्का मारना कोई आप से सीखे भईया। लेकिन फिर भी मै नहीं मानने वाली। मैं नाराज हूं।


अपस्यु:- अच्छा कैसे मनेगी वो बताओ।


लावणी:- कान इधर लाओ बताती हूं।


अपस्यु थोड़ा झुक गया और लावणी धीरे से अपनी बात कह दी। उसकी बात सुनने के बात अपस्यु आश्चर्य से उसे देखते…. "मेरी मां, तू नाराज ही रह। रहने दे मुझ से नहीं हो पाएगा।"


लावणी:- हुंह ! फिर ठीक है जाओ आप।


अपस्यु:- अरे बात को समझ बेटा, होने वाला होता तो कर देता। तू मेरी खूंखार मां को नहीं जानती है। केवल मेरी ही मां नहीं बल्कि तू अपनी मां को नहीं जानती है क्या? तू क्या चाहती है 2 पाटन के बीच मै पीस जाऊं?


लावणी:- हुंह ! हुंह ! हुंह !


अपस्यु:- अच्छा सुन थोड़ा सा राहत दे दे, तेरी बात को मैंने भेजे में उतार लिया है, अच्छा वक़्त देखकर सब सेट कर दूंगा। लेकिन प्रॉमिस नहीं कर सकता।


लावणी:- हुंह ! हुंह ! हुंह !


अपस्यु:- ऑफ ओ ! तुम्हे उस नालायक ने सिखाया है ना। अच्छा एक छोटा सा मंडवाली चलेगा। उस से अच्छा प्लान है मेरे पास।


लावणी:- ठीक है बताओ।


अपस्यु उसके कान में अपनी बात कहने लगा। सुनकर लावणी थोड़ी सी शर्मा गई… "क्या भईया, आप भी ना"..


अपस्यु:- ले अच्छा आइडिया बता रहा हूं। और हां जबरदस्ती का रिश्ता तूने जोड़ा है, बाकी हम दोनों भाई जुड़वा है।


लावणी:- साइड टॉपिक डिस्कस मत करो, और आप का आइडिया बकवास है। मेरे वाले पर काम करो।


अपस्यु:- तू रहने से मै आरव से ही बात कर लूंगा।


लावणी:- हां ये सही है.. आप उसी से बात कर लेना।


ध्रुव:- अरे यार यहां तो मै "ओड मैन आउट" हो गया। मुझे भी समझा दो क्या पजल खेल गए तुम दोनो।


लावणी:- कौन सा आप भागे जा रहे हो जीजू, ये पजल भी सॉल्व हो ही जाना हैं। लेकिन मैं देख रही हूं, इकलौती साली पर आपका कोई फोकस ही नहीं है।


साची:- पहले होने वाली बीवी पर फोकस तो कर ले, ये तो जब से आया है सोते हुए भी एक ही बात जपता है… "फैक्टरी शुरू करवाना है किसी तरह। खुद को प्रूफ करना है।"


अपस्यु:- रात में इसके साथ कर क्या रही थी पहले ये तो बताओ?


साची:- तुम्हे क्या इंक्वायरी है, मैं अपने होने वाले के साथ रात में क्या कर रही थी। ज्यादा जिज्ञासा बाढ़ रही है क्या?


ध्रुव:- हाहाहाहा.. रहने दो वरना बेचारा कहीं सोच सोच कर डिप्रेशन में ना चला जाए।


लावणी:- दिमाग खराब हो गया सबका।


साची:- क्या ?


लावणी:- आप सब पागल हो गए हो ना जगह देखते हो और ना कौन बैठा है। कभी भी कुछ भी शुरू कर देते हो।


साची:- भुटकी पोगो जाकर देख, हम बड़ों के बीच क्या कर रही हैं?


लावणी:- मुझे अपस्यु भईया से कुछ बात करनी थी, इसलिए बैठी हूं।


साची:- तो इसे भी लेती चली जा ना, कौन सा मैंने पकड़ रखा है।


अपस्यु:- कुछ जरूरी बात है क्या?


लावणी:- नहीं कोई जरूरी बात नहीं थी। बस यूं ही.. आप ने कहा ना गप्पे लड़ाते है।


साची:- तू इकलौती नमूना है भुटकी जो इस बाबा से बात करने की इच्छा जाहिर कर रही है।


अपस्यु:- ठीक है चल मेरे साथ, मुझे कुछ काम है तो गप्पे लड़ाते-लड़ाते काम खत्म कर लूंगा। काम भी होता रहेगा और तुमसे बातें भी।


लावणी:- मुझे कहीं खड़ा करके या किसी चेयर पर बिठाकर, काम करने तो नहीं निकल जाओगे ना। ऐसा है तो पहले बता दो..


अपस्यु:- बिल्कुल नहीं। तुम्हे एक मिनट के लिए भी बोर नहीं होने दूंगा। हैप्पी ना..


लावणी:- वेरी हैप्पी… मै तैयार होकर आती हूं।


अपस्यु:- कॉल कर देना मै घर जा रहा हूं। ध्रुव तुम भी साची को कहीं घूमाने ले जाओ और हां आज रात सपने मत देखना काम के, वो हो ही जाना है, रात भर जाग कर फोकस कहीं और करना ताकि मेरी जिज्ञासा और बढ़े और मैं और भी ज्यादा डिप्रेशन में चला जाऊं।


ध्रुव:- हाहाहाहा.. बिल्कुल ऐसा ही होगा।


साची:- भागो दोनो यहां से, बेशर्मों शर्म भी नहीं आती।


अपस्यु हंसता हुआ वहां से निकल आया। घर आया तो घर पर कोई भी नहीं था। सभी शॉपिंग और मूवी देखने के लिए गए हुए थे। तभी अपस्यु को लगा कि आगे के स्टाफ वाले क्वार्टर में कुछ हलचल हो रही है…. "दोनो लड़के तो गाड़ी लेकर गए हैं, फिर ये स्टाफ क्वार्टर में कौन होगा। स्टाफ कवर्टर का 1 गेट हॉल से भी था, अपस्यु जैसे ही गेट खोला, अंदर की हालत देखकर, अपने सर पिट लिया..


दो लड़कियां इस कदर एक दूसरे में लगी थी कि कोई दरवाजा खोल चुका है उन्हें होश तक नहीं।… "ओय नंग धड़ंग अतरंग लड़कियों, यहां हो क्या रहा है।


जेन:- मज़ा आ रहा देखने में तो देखो वरना दरवाजा बंद कर दो। कपल लव मेकिंग कर रहे है, उन्हें डिस्ट्रब ना करो।


अपस्यु:- और ज्वाइन करने की इच्छा हुई तो..


जेन की गरलफ्रेंड लिसा.. "सॉरी डियर, हमने गुफरान और प्रदीप से कमिटमेंट किया है, सो अभी 2 रिलेशन में है और हम खुश हैं। बाद में ट्राय करना।


अपस्यु:- बहुत क्लियर थॉट्स है रिलेशन के। कमाल है ये तो.. वैसे ये प्लाई बोर्ड पार्टीशन है क्यों इतने धक्के-मुक्की कर रही हो.. यहां फैमिली रहती है..


जेन:- जानती हूं दोस्त। क्या करे आज वाइल्ड सेक्स का मौका मिला है.. 9 बजे तक कोई नहीं है ना। सब जब लौटेंगे तो हमे पहले मैसेज मिल जाएगा।


अपस्यु:- कमाल की ट्यूनिंग है। कहां से इतने इनोवेटिव क्रिएशन आते है।


लिसा:- प्लीज अब दिस्ट्रव मत करो। अंदर आराम से बैठ कर शो एन्जॉय करके मास्टरबेट कर सकते हो, और पुरा शो एन्जॉय कर सकते हो.. वी डांट माइंड।


अपस्यु:- मैं ही जाता हूं, और तुम दोनो जरा ये दीवार कम पिटो, कोई रहे या ना रहे।


जेन:- ओके बॉस समझ गई…


अपस्यु दोनो को अपने हाल पर छोड़कर दरवाजा बंद किया और अंदर आते ही कॉन्ट्रैक्टर को कॉल लगाकर पार्टीशन की जगह थोड़ी और बढ़ा कर 2 इंच की कंक्रीट पार्टीशन के लिए बोल दिया और तैयार होने चला गया।


कुछ देर बाद लावणी का भी कॉल आ गया, वो भी तैयार होकर नीचे पार्किंग में पहुंची हुई थी। अपस्यु ऑडी की चाबी लेकर नीचे आया, लेकिन जब पार्किंग में पहुंचा तो चारो में से एक भी कार नहीं थी।


अपस्यु कुछ देर सोच में पर गया… "क्या हुआ भईया".. लावणी पीछे से आती हुई पूछने लगी..


अपस्यु:- यदि कुंजल अपने के से गई होगी तो उसके साथ स्वास्तिका होगी। मां और आरव 1 गाड़ी में गए होंगे। यानी 1 ड्राइवर और मैक्सिमम 2 कार की जरूरत थी। ये चारो कार किधर गायब हो गई।


लावणी:- छोड़ो ना भईया वो अपनी फटफती निकल लो ना।


अपस्यु:- हेलमेट पहने रहूंगा तो बात कैसे होगी। वैसे भी मेरी 2 कार और 1 ड्राइवर का हिसाब नहीं मिल रहा।


लावणी:- ठीक है फिर आप जाओ, मै बाद में बात कर लूंगी।


अपस्यु:- पागल, आराम से काली पीली में चलते है।


अपस्यु ने टैक्सी रुकवाई और दोनो सवार हो गए… "एक तरह से यह भी अच्छा ही हुआ भईया, वरना कहां आप ड्राइविंग करते हुए बात करते"..


अपस्यु:- वो छोड़ पहले ये बता की तू इतना परेशान क्यों है?


लावणी:- कहां से मै परेशान दिख रही हूं बताओ तो जरा..


अपस्यु:- सुन ऐसे ही नहीं मुझे सब बाप मानते है। काम की बात पहले कर लेते है फिर आराम से बात करेंगे…


लावणी:- भईया आप कैसे समझ जाते हो इतना।


अपस्यु:- ये "कैसे" का जवाब देने लगुंगा तो तू भी मेरे साथ कभी दोबारा बात नहीं करेगी। अब मैटर क्या है वो बता।


लावणी:- भईया मेरा एक दोस्त है मैक्स, हम केजी से ही साथ पढ़ते हैं। समझिए ना वो मेरा बहुत ही क्लोज फ्रेंड है।


अपस्यु:- कोई परेशानी हुई क्या उसे, जो तू इतनी उदास हो गई उसकी बात करते-करते…


लावणी, रोती हुई अपस्यु के गले लगती… "भईया मै ना.. वो एंगेजमेंट हुई थी, उसी की ट्रीट देने के लिए एक पार्टी का सोच रही थी"… इतने में ही लावणी की हिचकियां शुरू हो गई…


अपस्यु उसे खुद से अलग करते उसके आशु पूछते हुए, पानी पिलाया… "फिर क्या हुआ, उसे गलत फहमी हो गई क्या और तेरा अच्छा दोस्त बिछड़ गया?


लावणी ना में सर हिलाते… "भैय्या, जब मै उसके घर गई तो उसके मोम का रो रोकर बुरा हाल था, 2 हफ्ते से उसका पता नहीं चल रहा और पुलिसवाले कुछ बताते भी नहीं। मुझे बहुत डर लग रहा है भईया।"..


अपस्यु उसे गले लगाकर सांत्वना देते हुए कहने लगा… "चुप हो जा, कुछ नहीं हुआ होगा तुम्हारे दोस्त को, मैं ढूंढ़ता हूं उसे।"


"मुझे बहुत डर लग रहा है भईया… वो मेरा बेस्ट फ्रेंड है। उसे कुछ हुआ तो नहीं होगा?"


अपस्यु यूं तो लावणी को हौसला दे तो रहा था, लेकिन 2 हफ्ते से गायब कोई लड़का जिंदा हो, अपने आप में एक बड़ा सवाल था। एक अच्छे और सच्चे दोस्त का जाना क्या होता है, ये अपस्यु से बेहतर कौन जान सकता था। मन तो ना उम्मीद ही था लेकिन अपस्यु की प्रार्थना इतनी सी थी कि लावणी अपने दोस्त को ना खोए।
Badhiya update hai bhai
Amy - Apasyu ki shaadi tay ho gayi :woohoo:
Aur ab lavni ki samasya suljhane nikal pade hai hamare baba apasyu khair lavni to family hai par main kya bolta hu ek board banwa lete hai 'Har samasya ke samadhan ke liye mile baba apasyu se ' taki samuchi janta ka bhi kalyan ho sake :idea:
Shaandaar update :applause:
 

nain11ster

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Awesome update bhai
Waiting for the next update
ऐमी की ओर से :-
तेरा यूं अठखेलियाँ करना ही मेरा प्यार हैं
आज मैं सब से ये कहती हूँ अपस्यु ही मेरा यार हैं।
Hahaha .. aimee ne aap ko thanks kaha hai aur boli hai aap ki shayri kamal ki hoti hai :yo:

:thanks: for your comment.. keep reading, keep commenting :declare:
 

nain11ster

Prime
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:superb: :good: amazing update hai nain bhai,
Behad hi shandaar aur lajawab update hai bhai,
aaj to apasyu ne vinni ka bhi rishta fix karwa hi diya,
amy ne aage ki saari planning kar Rakhi hai pahle se hi,
aur ye shreya kab se plan mein aa gayi :confused: ,
Ab dekhte hain ki aage kya hota hai,
Waiting for next update
Shreya ka naam abhi to aaya hai .. dekhiye aage kya hai iski kahani :yo:

:thanks: for your comment.. keep reading, keep commenting :declare:
 
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